मैं अब सब कुछ भूल चुकी थी और मैं वासना में बहने लगी थी, और आँखों की शर्म के कारण बस देखून हीं रही थी। पर उस वीडियो ने मुझे हिलाकर रख दिया। मैं मेरी मम्मी को बहुत अच्छी मानती थी पर ये क्या देख रही थी? मैं बस शर्म में डूबी जा रही थी और मेरी चूत वासना में। समझ में नहीं आ रहा था की क्या किया जाए? पर मैं कुछ नहीं कर सकती थी।
तभी मेरी भाभी ने मुझे गाल पर किस किया तो मेरी आँखे खुली और बोली-“अब बोल रंडी? त मुझे इस रंडी की धमकी दे रही थी ना साली, कहे तो तेरी माँ को ही बदनाम कर दूं और साथ में तुझे भी…”
मैं बोली-“भाभी प्लीज़… ऐसा कुछ मत करना नहीं तो हमारी इज्जत कुछ नहीं रहेगी…”
भाभी ने अपना मोबाइल साइड में रख दिया और बोली-“देख मेरी ननद रानी, आज तू मेरी पर्सनल कुतिया है। घर में जैसा मैं कहूँगी वैसा करेगी, नहीं तो तेरी माँ की ये पिक और वीडियो सबको दिखा दूँगी , उसके बाद तुझे रंडी की औलाद और तेरी माँ को रंडी कहा जाएगा…”
मैं बोली-ठीक है भाभी।
भाभी बोली-“साली, तू मेरी गुलाम है। जैसा कहूँगी वैसा करेगी और मैं अकेले में तेरी भाभी नहीं नहीं। तू मुझे मालकिन कहेगी। समझी कुतिया? नहीं तो तेरी चूत में आग लगा दूँगी …”
मैं बोली-ठीक है।
फिर भाभी बोली-चल कुतिया, अब आराम से लेटी रह। मुझे तेरे जिस्म का मजा लेने दे…” और भाभी ने अपना मोबाइल चालू किया और सामने रख कर उसने वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी थी, और मुझे बोली-“साली रंडी कहूँ , या कुँवारी या रंडी माँ की बेटी जैसे तू भी चुदवा चुकी।
अब मुझे भाभी की बातें बहुत जलील कर रही थी। मैं कुछ नहीं बोली।
भाभी बोली-साली रंडी गूंगी है क्या? माँ की लौड़ी जवाब दे?
मैं बोली-भाभी, आज तक कुछ भी नहीं किया।
भाभी ने जोर से मेरे निपल्स को मसल दिया और बोली-“साली मालकिन बोल मुझे, भाभी नहीं…”
मैं बोली-मालकिन अभी तक कुँवारी हूँ ।
भाभी बोली- तू बहुत लकी है की आज त अपनी अपनी जवानी का पहला मजा लड़की से लेगी।
मैं डर गई की पता नहीं क्या करेगी?
फिर भाभी मेरे ऊपर आ गई और मेरे होंठों को चूस ने लगी। मैं बेमन से उसका साथ दे रही थी।
उसके बाद भाभी ने मेरी 32” साइज की चुचियों को मसलना शुरू कर दिया, और मैं बस चुपचाप लेटी यह सोच रही थी की जब चुदना ही है तो खुलकर मजा लो। पर मुझे डर भी था की क्या होगा मेरा? और मेरी चूत भी अब पूरी तरह वासना में बह रही थी। उसके बाद भाभी ने मेरी टी-शर्ट को निकालकर ऊपर कर दिया, बाहर नहीं आया क्योंकी मेरे हाथ बंधे थे और मैं ऊपर से नंगी थी, और बेड पर पड़ी थी।
भाभी ने मुझे चूमना शुरू किया और मुझे किस करने लगी। वो कभी मेरे होंठों को तो कभी गालों को किस करती और मुझे गरम करने लगी। मैं बस उसके नीचे पड़ी थी और कुछ नहीं कर रही थी फिर भी मेरा मन बहुत खराब हो रहा था।
फिर भाभी ने मेरी गर्दन पर किस करना शुरू किया तो मैं भी अपनी जवानी को कब तक रोक सकती थी। मैं भी अब वासना में बहने लगी, मेरे ऊपर वासना हावी होने लगी, और मुझे कुछ-कुछ होने लगा। नीचे मुझे बहुत गीला-गीला महसूस हो रहा था, मन कर था की आज भाभी के साथ खुलकर मजा लूँ पर शर्म के कारण कुछ बोल नहीं पाई।
तो मैंने सोचा बस लेटकर मजा लेती हूँ , कौन सा इसके पास लण्ड है, जो मुझे चोदेगी बस लेस्बो सेक्स करेगी। उसके बाद भाभी ने मुझे कंधे के ऊपर किस करना शुरू किया।
तो मैं सिसकने लगी-“ओह्ह… उह्ह… मुऊउउ अह्ह… भाभी क्या कर रही हो?” और धीरे-धीरे बोलने लगी। पर मेरा बोलना गलत हुआ।
भाभी को बुरा लगा उसने नीचे से मेरी टांगों को मोड़ा और जोर से चांटा मेरे चूतड़ों पर मारा, और बोली-“साली रंडी, मजा ले पूरा , और मैं तेरी भाभी नहीं हूँ । तूने मुझे रंडी कहा था साली, मैं तेरी मालकिन हूँ और त मेरी कुतिया। मुझे मालकिन बोल या मेडम नहीं तो चूत से पहले तेरी गाण्ड को फाड़ दूँगी …”
मैं धीरे से बोली-जी मालकिन।
और भाभी मुझे मेरी चुची के आप-पास किस करने लगी। भाभी यानी अब मालकिन बन चुकी थी और मैं उसकी कुतिया यानी गुलाम, और वो मेरी गोरी-गोरी चुची पर चाटने लगी और फिर निप्पलो को मुँह में लेकर चूस ने लगी।
जैसे ही मेरी मालकिन भाभी ने मेरे निपल को मुँह में लिया मेरी साँस हिल गई, और मैं सिसकार पड़ी-“ओह्ह… ओउउ मुउउह्ह… मालकिन्न्न्न् मैं गई ओह्ह… माँ मैं गईई मालकिन्न्न…” और मेरी चूत ने अपना सारा रस बाहर फैंक दिया और मेरी जांघें पूरी तरह से गीली हो गई।
भाभी बोली-“साली कुतिया रंडी इतनी जल्दी झड़ गई अभी तो बहुत नखरे दिखा रही थी और अब मजे लूट रही है…” कहकर भाभी मेरे निप्पलो को मुँह में लेकर चूस ने लगी। वो मेरे निप्पलो से खेल रही थी कभी मेरे निप्पलो को चूस ती तो कभी काटती। मुझे दर्द भी हो रहा था तो मजा भी आ रहा था और मैं एक बार फिर से वासना के भंवर में फँसती जा रही थी।
पर मेरी मालकिन भाभी मेरे 32” की साइज की चुची के निपल्लों को चूस रही थी और मजा ले रही थी और बार-बार मेरी चुचियों पर चांटे मार कर मुझे दर्द देती। और फिर मुँह में लेकर चूस ती तो मजा आता तो दर्द कम करती। वो अपने दांतों से मेरी चुचियों पर लव बाइट के निशान बनाकर मुझे दर्द दे रही थी। उसका हर बार काटना मुझे उत्तेजित कर रहा था।
और मैं सिसकार उठी-“ओह्ह… मलकीईन्न्न प्लीज़्ज़ उह्ह… मुउह्ह… चूसो मजा आ रहा है…”
फिर भाभी ने करीब ऐसे ही 15 मिनट तक मेरे निप्पलो को चूसा और मेरी दोनो चुचियों को लाल कर दिया काट-काट कर, और अपने दांतों से निशान बना दिए। अब मेरी भाभी पूरी जंगली हो चुकी थी और उन निशानों पर मुझे मारती तो दर्द होता, और मजा भी आता। मेरा गोरा जिस्म ऊपर से भाभी के काटने और चांटों के कारण लाल हो चुका था। भाभी के काटने के कारण मेरे निपल कट चुके थे और उनमें खून भी उतर आया था।
उसके बाद भाभी खड़ी हुई और मुझे बोली-“रंडी मजा आया?”
मैं शर्मा गई।
तो भाभी ने मेरे बाल पकड़े और बोली-“बोल ना कुतिया, माँ की लौड़ी…”
मैं बोली-जी मालकिन आया, पर दर्द हो रहा है।
भाभी बोली-“रंडी है तू साली, दर्द तो अभी बहुत होगा तुझे, तूने मुझे चांटा मारा था उसका बदला लूँगी अभी…”
फिर एक गिलास में ड्रिंक डाली और पी गई और मेरे पास आई और मेरी दोनों टांगों को पकड़ा, सीधा कर दिया, और मेरे घुटनों के पास बैठ गई। मैं ऊपर पूरी नंगी थी। भाभी ने धीरे-धीरे मेरे घुटनों तक की स्कर्ट को ऊपर किया तो मेरी दूध सी गोरी जांघों को देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई, और वो उनको सहलाने लगी।
भाभी मेरी बिना बालों वाली दोनों गोरी-गोरी जांघों को चूमने लगी, और किस करने लगी। मैं भी अब बस मजा ले रही थी, मेरी शर्म अब जा चुकी थी और मैं आँखे बंद करके भाभी मालकिन के एहसास का मजा ले रही थी, और सिसिया रही थी। उधर हमारी रासलीला मोबाइल में रिकॉर्डिंग हो रही थी, और मैं बस भाभी का साथ सिसकार के दे रही थी-“ओह्ह… भाभीऽऽ अओउउ…”
उसके बाद बाकी काफ़ी देर तक मेरी चिकनी गोरी जांघों को चाटती रही और मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही रगड़ती रही। मैं बस आँखे बाद किए-“उम्म्म्मम मुऊउउ और माँ ऽ अह्ह… अह्ह… ओह्ह… मालकिन चाटो…” और बस सिसकारती रही। मेरी मालकिन भाभी ने मेरी जांघों पर कई जगह काट लिया था, जिसके कारण मेरी गोरी जांघों पर उसके दांतों के निशान पड़ गये थे और मेरी गोरी जांघें लाल हो गई थीं।
फिर भाभी मुझे किस करती हुई ऊपर आई और होंठों को चूस ने लगी। मेरी पैंटी बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी। भाभी ने अपना एक हाथ मेरी पैंटी में घुसाया और चूत के दाने को रगड़ दिया। मैं पूरी तरह काप उठी-“ओह्ह… अह्ह… भाभीऽऽ…” पर इतना बोलती की तभी एक चांटा मेरी लाल चुची पर पड़ा और जोर मसल दिया चुची को।
मैं चीख उठी-“ओह्ह… माँ …”
तभी भाभी बोली-“साली रंडी कुतिया, मालकिन बोल बहन की लौड़ी, भाभी नहीं भाभी मालकिन… नहीं तो आज तुझे रांड़ बना दूँगी …”
मैं-“जी भाभी मालकिन…”
और भाभी ने मेरे होंठों को चूस ना शुरू कर दिया। फिर भाभी ने मेरे हाथ खोल दिए तो मुझे बहुत आराम मिला।
हाथ खोलते ही मैं भाभी के बेड पर से खड़ी हो गई, और बोली-“भाभी मालकिन प्लीज़… अब मुझे छोड़ दो…”
भाभी बोली-अरे मेरी रंडी ननद, तू आज से मेरी कुतिया है। जो कहती हूँ कर वरना अब तेरा वीडियो है मेरे पास…”
मैं बोली-“प्लीज़ मालकिन, मुझे छोड़ दो। मेरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है…”
भाभी बोली-“ठीक है रांड़, तुझे छोड़ देती हूँ और ये वीडियो मेरे यार राज को भेज देती हूँ …”
तो मैं डर गई और उसके पैरों में पड़ गई।
उसके बाद भाभी बोली-“साली रांड़ कुतिया, चल हट यहां से। तू मुझे रंडी बोल रही थी ना? तेरी माँ मुझसे बड़ी रंडी है, और त उससे भी बड़ी बनेगी… साली कुतिया रांड़ बहन की लौड़ी, तूने मुझे चांटा मारा था बहन की लौड़ी। आज मैं तेरी चूत का वो हाल करूंगी की आगे तू बस लण्ड की भीख मांगती रहेगी…” कहकर भाभी ने मुझे धक्का दे दिया।
भाभी का बदला
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Re: भाभी का बदला
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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Re: भाभी का बदला
मैं अब नीचे फर्श पर पड़ी थी, मेरे बदन पर बस एक छोटी स्कर्ट और अंदर पैंटी थी, ऊपर से मैं पूरी नंगी थी। फिर भाभी ने भाई की बेल्ट हाथों में ले ली और मुझसे बोली-चल रांड़ इधर आ।
मैं खड़ी होने लगी तो बोली-“साली कुतिया के जैसे चलकर आ…”
मैं कुतिया बन गई और चलने लगी। भाभी मालकिन सोफे पर बैठ गई और मैं चलकर उनके पास पहुँच गई। उसके बाद भाभी ने मुझे अपनी गाण्ड दिखाने को बोला, तो मैं घूम गई और गाण्ड उनके सामने कर दी। उन्होंने मेरी गाण्ड पर हाथ फेरा और जोर से बेल्ट से मारा। मैं कांप गई और आगे गिर गई, रोने लगी।
भाभी बोली-बहन की लौड़ी, खड़ी हो और फिर से कुतिया बन, नहीं तो साली तेरी माँ चोद दूँगी इसी बेल्ट से…”
मैं जल्दी से कुतिया बन गई और बोली-प्लीज़ भाभी मालकिन, मारो मत बहुत तेज दर्द हो रहा है…”
भाभी के चेहरे पर मुश्कान थी और वो हँस रही थी। फिर भाभी मेरी गाण्ड को सहलाने लगी और मुझसे बोली-“चल कुतिया अपनी स्कर्ट खोल…”
मैं चुपचाप खड़ी हो गई और अपनी स्कर्ट खोलकर निकाल दी। अब मैं सिर्फ़ पैंटी में थी, जो गीली थी। भाभी ने मुझे अपने पास बुलाया तो मैं उनके पास गई। उन्होंने मेरी चूत पर हाथ फेरा। उनके हाथ का स्पर्श मुझे और गीला कर गया, और मैं सिसकी-“ओह्ह… भाभीइ मालकिन अह्ह…”
भाभी का मुँह मेरी चूत के बिल्कुल पास था फिर उसने मुझे ऑर्डर दिया-“चल अब फिर से कुतिया बन जा…”
मैं बन गई तो मेरे गले में बेल्ट डाल दी और मुझे अपनी तरफ खींचकर बोली-“चल रांड़, मालकिन के पैरों को चाट…”
मैं चुपचाप उनकी बातें मान रही थी। इसलिए मैं उनके पैर चाटने लगी। धीरे-धीरे मैं ऊपर बढ़ने लगी। मेरी चूत पानी बहा रही थी। भाभी ने अपने पैर चौड़े कर लिए और मैं चाटते-चाटते उनकी मैक्सी को ऊपर करके, उनकी गोरी-गोरी जांघों को चाटने लगी। उनकी जांघों पर दांतों के निशान थे तो मैं देखकर सोची की साली रांड़ कुतिया ने अच्छे से चुदवाया है अपने कुत्ते हरामी यार से, और मुझसे क्या करवा रही है?
मैं बोली-भाभी मालकिन, ये कैसे निशान हैं आपकी जांघों पर?
भाभी बोली-“साली रांड़, बहन की लौड़ी, कुतिया अपनी मालकिन से सवाल पूछ ती है रंडी भोसड़ी की छिनाल?” और मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया। फिर बेल्ट को टाइट किया और मेरी गाण्ड पर बेल्ट के नुकीले हिस्से से जोर से मारा।
मेरा मुँह उनकी जांघों में होने के कारण मैं चीख भी नहीं सकी, बस-“ उम्म्ह्ह्ह्ह ओह्ह…” करके मैं चुप हो गइ।
भाभी बोली-“क्यों रंडी, पता चला किसके निशान हैं?” फिर अपनी टांगे चौड़ी कर ली और मुझे धक्का दिया।
उनकी चूत गीली थी पर आज तक मैंने ये नहीं किया था तो मुझे बहुत घिन आ रही थी, चूत की महक बड़ी अजीब थी और उनका रस ना चाहते हुए भी मेरे होंठों पर लग गया, जो मुझे चाटना पड़ा, जो नमकीन था पर बुरा भी लगा और अच्छा भी। पर भाभी मालकिन के धक्के से मैं दूर गिर गई। अब मैं सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी और मेरे गले में बेल्ट का पट्टा डाला हुआ था और मैं पूरी एक नोकर के जैसे पड़ी थी।
उसके बाद भाभी मालकिन खड़ी हो गई और अपनी नाइटी को एक झटके से उतारकर फैंक दिया और मेरे सामने अब वो बस एक छोटी से ब्लू पैंटी में थी। उनकी चूत से निक ला रस उनकी चूत को और पैंटी को गीला कर रहा था, जो मुझे सॉफ-सॉफ दिख रहा था। भाभी मालकिन के 34” साइज के चुचे पूरी तरह से टाइट खड़े थे, और गुलाबी निपल और गोरी चुचियाँ लाल दिख रही थीं।
भाभी की चुचियों के ऊपर दांतों के निशान थे, और उनके उपरी हिस्से पर कई जगह लव बाइट के निशान बने हुए थे। भाभी ने अपनी चुची को अपने हाथों से रगड़ते हुए हुये मुझसे कहा-“साली खड़ी हो जा कुतिया रांड़…” और मैं खड़ी हो गई। 35
अब भाभी मुझे बोली-“रंडी ड्रिंक करेगी?”
मैं कुछ नहीं बोली।
भाभी मालकिन मेरे पास आई, बेल्ट को पकड़ा और मेरे चुची पर मारते हुए बोली-“भोसड़ी की जवाब कौन तेरी रंडी माँ देगी, या गांडू भाई? बहन की लौड़ी, मैं तुझसे पूछ रही हूँ चुदक्कड़ हराम की औलाद…”
मेरी चुची पर बेल्ट पड़ते ही जैसे मैं किसी गहरे सदमे से बाहर आई, कहा-“हाँ मालकिन जी, पीउँगी…”
फिर भाभी बोली-“रांड़ साली मैं तेरी मालकिन हूँ तू मेरी रंडी कुतिया चल मालकिन के लिए ड्रिंक बना…”
मैंने टबेल पर से बोतल ली और गिलास में डालकर भाभी मालकिन को देते हुई बोली-“लो मालकिन…”
भाभी ने गिलास लिया और मेरी निपल को पकड़कर मसल दिया।
मैं-“अह्ह… माँ ऽऽ क्या हुआ मालकिन?”
मालकिन भाभी बोली-“रांड़ इसमें आइस कौन तेरा बाप डालेगा?”
मैं-सारी मालकिन गलती से भूल गई।
भाभी ने बोला-“तेरी भूल … साली तेरी माँ चोद दूँगी रंडी… चल आइस डाल इसमें…”
मैं दो आइस क्यूब लेकर आई और डाल दिया। भाभी ने आइस डालने के बाद गिलास को हिलाया और सोफे पर बैठ गई और मुझे नीचे बैठने को बोला। मैं बैठ गई किसी कुतिया की जैसे। भाभी ने अपनी टांगे चौड़ी की और मुझसे बोली-“ले रांड़, आज अपनी भाभी मालकिन की चूत का रस पियेगी ड्रिंक के साथ-साथ…”
मैं बस देखती रही।
मैं खड़ी होने लगी तो बोली-“साली कुतिया के जैसे चलकर आ…”
मैं कुतिया बन गई और चलने लगी। भाभी मालकिन सोफे पर बैठ गई और मैं चलकर उनके पास पहुँच गई। उसके बाद भाभी ने मुझे अपनी गाण्ड दिखाने को बोला, तो मैं घूम गई और गाण्ड उनके सामने कर दी। उन्होंने मेरी गाण्ड पर हाथ फेरा और जोर से बेल्ट से मारा। मैं कांप गई और आगे गिर गई, रोने लगी।
भाभी बोली-बहन की लौड़ी, खड़ी हो और फिर से कुतिया बन, नहीं तो साली तेरी माँ चोद दूँगी इसी बेल्ट से…”
मैं जल्दी से कुतिया बन गई और बोली-प्लीज़ भाभी मालकिन, मारो मत बहुत तेज दर्द हो रहा है…”
भाभी के चेहरे पर मुश्कान थी और वो हँस रही थी। फिर भाभी मेरी गाण्ड को सहलाने लगी और मुझसे बोली-“चल कुतिया अपनी स्कर्ट खोल…”
मैं चुपचाप खड़ी हो गई और अपनी स्कर्ट खोलकर निकाल दी। अब मैं सिर्फ़ पैंटी में थी, जो गीली थी। भाभी ने मुझे अपने पास बुलाया तो मैं उनके पास गई। उन्होंने मेरी चूत पर हाथ फेरा। उनके हाथ का स्पर्श मुझे और गीला कर गया, और मैं सिसकी-“ओह्ह… भाभीइ मालकिन अह्ह…”
भाभी का मुँह मेरी चूत के बिल्कुल पास था फिर उसने मुझे ऑर्डर दिया-“चल अब फिर से कुतिया बन जा…”
मैं बन गई तो मेरे गले में बेल्ट डाल दी और मुझे अपनी तरफ खींचकर बोली-“चल रांड़, मालकिन के पैरों को चाट…”
मैं चुपचाप उनकी बातें मान रही थी। इसलिए मैं उनके पैर चाटने लगी। धीरे-धीरे मैं ऊपर बढ़ने लगी। मेरी चूत पानी बहा रही थी। भाभी ने अपने पैर चौड़े कर लिए और मैं चाटते-चाटते उनकी मैक्सी को ऊपर करके, उनकी गोरी-गोरी जांघों को चाटने लगी। उनकी जांघों पर दांतों के निशान थे तो मैं देखकर सोची की साली रांड़ कुतिया ने अच्छे से चुदवाया है अपने कुत्ते हरामी यार से, और मुझसे क्या करवा रही है?
मैं बोली-भाभी मालकिन, ये कैसे निशान हैं आपकी जांघों पर?
भाभी बोली-“साली रांड़, बहन की लौड़ी, कुतिया अपनी मालकिन से सवाल पूछ ती है रंडी भोसड़ी की छिनाल?” और मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया। फिर बेल्ट को टाइट किया और मेरी गाण्ड पर बेल्ट के नुकीले हिस्से से जोर से मारा।
मेरा मुँह उनकी जांघों में होने के कारण मैं चीख भी नहीं सकी, बस-“ उम्म्ह्ह्ह्ह ओह्ह…” करके मैं चुप हो गइ।
भाभी बोली-“क्यों रंडी, पता चला किसके निशान हैं?” फिर अपनी टांगे चौड़ी कर ली और मुझे धक्का दिया।
उनकी चूत गीली थी पर आज तक मैंने ये नहीं किया था तो मुझे बहुत घिन आ रही थी, चूत की महक बड़ी अजीब थी और उनका रस ना चाहते हुए भी मेरे होंठों पर लग गया, जो मुझे चाटना पड़ा, जो नमकीन था पर बुरा भी लगा और अच्छा भी। पर भाभी मालकिन के धक्के से मैं दूर गिर गई। अब मैं सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी और मेरे गले में बेल्ट का पट्टा डाला हुआ था और मैं पूरी एक नोकर के जैसे पड़ी थी।
उसके बाद भाभी मालकिन खड़ी हो गई और अपनी नाइटी को एक झटके से उतारकर फैंक दिया और मेरे सामने अब वो बस एक छोटी से ब्लू पैंटी में थी। उनकी चूत से निक ला रस उनकी चूत को और पैंटी को गीला कर रहा था, जो मुझे सॉफ-सॉफ दिख रहा था। भाभी मालकिन के 34” साइज के चुचे पूरी तरह से टाइट खड़े थे, और गुलाबी निपल और गोरी चुचियाँ लाल दिख रही थीं।
भाभी की चुचियों के ऊपर दांतों के निशान थे, और उनके उपरी हिस्से पर कई जगह लव बाइट के निशान बने हुए थे। भाभी ने अपनी चुची को अपने हाथों से रगड़ते हुए हुये मुझसे कहा-“साली खड़ी हो जा कुतिया रांड़…” और मैं खड़ी हो गई। 35
अब भाभी मुझे बोली-“रंडी ड्रिंक करेगी?”
मैं कुछ नहीं बोली।
भाभी मालकिन मेरे पास आई, बेल्ट को पकड़ा और मेरे चुची पर मारते हुए बोली-“भोसड़ी की जवाब कौन तेरी रंडी माँ देगी, या गांडू भाई? बहन की लौड़ी, मैं तुझसे पूछ रही हूँ चुदक्कड़ हराम की औलाद…”
मेरी चुची पर बेल्ट पड़ते ही जैसे मैं किसी गहरे सदमे से बाहर आई, कहा-“हाँ मालकिन जी, पीउँगी…”
फिर भाभी बोली-“रांड़ साली मैं तेरी मालकिन हूँ तू मेरी रंडी कुतिया चल मालकिन के लिए ड्रिंक बना…”
मैंने टबेल पर से बोतल ली और गिलास में डालकर भाभी मालकिन को देते हुई बोली-“लो मालकिन…”
भाभी ने गिलास लिया और मेरी निपल को पकड़कर मसल दिया।
मैं-“अह्ह… माँ ऽऽ क्या हुआ मालकिन?”
मालकिन भाभी बोली-“रांड़ इसमें आइस कौन तेरा बाप डालेगा?”
मैं-सारी मालकिन गलती से भूल गई।
भाभी ने बोला-“तेरी भूल … साली तेरी माँ चोद दूँगी रंडी… चल आइस डाल इसमें…”
मैं दो आइस क्यूब लेकर आई और डाल दिया। भाभी ने आइस डालने के बाद गिलास को हिलाया और सोफे पर बैठ गई और मुझे नीचे बैठने को बोला। मैं बैठ गई किसी कुतिया की जैसे। भाभी ने अपनी टांगे चौड़ी की और मुझसे बोली-“ले रांड़, आज अपनी भाभी मालकिन की चूत का रस पियेगी ड्रिंक के साथ-साथ…”
मैं बस देखती रही।
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Re: भाभी का बदला
Superb update
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Re: भाभी का बदला
बहुत ज़बरदस्त कहानी है