ससुराली प्यार complete

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rajsharma
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Re: ससुराली प्यार

Post by rajsharma »

धन्यवाद दोस्तो
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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rajsharma
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Re: ससुराली प्यार

Post by rajsharma »

मेरे इस तरह सीधा हो कर बिस्तर पर लेटते ही सरवर मेरे ऊपर आ गया और मुझे किस करने लगा.

नाज़ भी मेरे जिस्म को सहलाने लगी और में भी खुश थी कि अब मेरी ख्वाहिश पूरी होरही है.

मेने सरवर को अपनी बाँहों में भीच लिया और सरवर ने मेरी कमीज़ ऊपर करदी. जिस से मेरी ब्रा में कसे हुए मेरे मम्मे उन दोनो बहन भाई के सामने पहली बार नीम नंगे हो गये.

नाज़ ने मुझे और अपने भाई को एक दूसरे में मगन होते देखा तो उस ने आगे बढ़ कर मेरी शलवार का नाडा खोला और मेरी शलवार उतार दी.

में कुछ नही बोली इस दौरान सरवर मुसलसल मेरे होंठों को और में उस के होंठों को चूस रही थी.

मेरी शलवार को उतार कर नाज़ ने अपने भाई की धक्का दे कर मेरे जिस्म के उपर से अलहदा किया. जिस की वजह से सरवर मेरे साथ ही बिस्तर पर लेट गया.

नाज़ मेरी टाँगों के दरमियाँ आ गई और मेरी चूत को चाटने लगी. तो में हैरान हो गई और अंदाज़ा लगा रही थी .कि ये दोनो शायद हर तरह से सेक्स करते हैं.

जब कि अफ़सर ने तो कभी मेरी चूत में लंड डालने के अलावा हाथ भी नहीं लगाया था.

नाज़ जैसी मासूम और खूबसूरत लड़की की ज़ुबान मेरी ऊत को चाट रही थी और अब में क़ाबू से बाहर होगई थी.

उधर मेरे साथ लेटा हुआ मेरा देवर सरवर मेरे मम्मो को चूसने .

दोनो बहन भाई के लिप्स मेरे चूत,मम्मो और पूरे तन बदन में एक आग बरसा रहे थे.

थोड़ी देर बाद सरवर ने नाज़ को हटाया और मेरी टाँगों के दरमियाँ आ गया.

अब नाज़ मेरे पहलू में लेट गई और मेरे मम्मो को छेड़ते हुए मुझे होंठों पर किस करने लगी.

नाज़ के चाटने की वजह से मेरी चूत गीली हो चुकी थी. सरवर ने लंड मेरी चूत पर रखा और अंदर डालने लगा.

वही लंड जो मेरा सपना था. जिसे में बार बार शॉर्ट में से देखती थी. आज वो ही लंड मेरे अंदर आ रहा था.

सरवर का लंड तो में देख चुकी थे. ग़ज़ब नाक हद तक मोटा और लंबा.

ज्यूँ ही सरवर ने अपना लंड मेरी फुद्दी में डाला. मज़े के मारे मेरी चीख निकल गई.

मेरी चीख सुनते ही नाज़ मेरे ऊपेर लेट गई और मेरे होंठो को किस करते हुए कहने लगी. “भाई ज़रा आहिस्ता करें भाभी को तकलीफ़ हो रही हे.”

सरवर ज़रा सा रुक गया कर आहिस्ता हो गया. में हैरान थी कि इतना बड़ा लंड नाज़ जैसी नाज़ुक लड़की किस तरह बर्दाश्त कर सकती होगी.

लंड पूरी तरह अंदर आ चुका था और में खुशी से दीवानी होगई थी.

ऐसा लंड ऐसा जवान और बेहोश कर देने वाला लंड में पागल होगई और सोचा कि ये होता है सेक्स.

नाज़ को सरवर ने मेरे ऊपेर से हटा दिया और खुद मेरे होंठो पर आ गया और लंड को अंदर बाहर करने लगा.

नाज़ मेरे पहलू में लेटे अपने नाज़ुक हाथों से मेरे मम्मो को सहला रही थी.

सरवर के लंड ने मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दी थीं और मेने अपनी टाँगों को उस की कमर से लिपटा लिया था.
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Re: ससुराली प्यार

Post by rajsharma »

मेने ऐसे अफ़सर के साथ कभी नहीं किया था. सरवर का लोहे की तरह मज़बूत बदन मुझे अपने अंदर समा चुका था और उसका लंड बहुत ही जबरदस्त झटके लगा रहा था.

नाज़ मेरी टाँगों के दरमियाँ फिर से आ गई थी और मेरी चूत के साथी अपने सगे भाई के लंड को भी चाट रही थी और मुझे ये लम्हा कयामत से कम नहीं मालूम होरहा था.

मेने अपनी टाँगों और बाँहों से सरवर को जकड़ा हुआ था और उसके लंड को अपनी रूह दिल दिमाग़ और चूत हर जगह महसूस कर रही थी.

में बहुत ताक़त से सरवर के होंठों को चूस रही थी और उसकी शरीर आँखों में अपने लिए बेपनाह मोहब्बत देख रही थी.

सरवर काफ़ी ऊपर उठ कर झटके मार रहा था और मेरा बदन शोक़्ए सेक्स में मचल रहा था.

लंड चूत में बुरी तरह फँसा हुआ था और बुरी तरह चूत के एक एक हिस्से को दहला रहा था.

नाज़ की ज़ुबान मेरी चूत में अजीब बहार और मस्ती बिखेर रही थी.

में तो भूल चुकी थी कि में कॉन हूँ बस एक लड़की हूँ जो ज़िंदगी में पहली बार सेक्स का मज़ा लूट रही हूँ.

इस क़सम के साथ कि में सरवर को कभी नहीं छोड़ूँगी. सरवर मेरे उपर से उठ कर फर्श पर खड़ा हो गया.

उस ने बिस्तर पर से मुझ खेंच कर मेरे जिस्म को बेड के किनरे तक लाया और फिर मेरी टाँगों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और पूरी तरह मुझ पर झुक कर अंदर बाहर करने लगा.

में जान रही थी कि ताक़त वर सेक्स और वो भी सरवर जैसे देवर से कैसे होता है.

नाज़ ने मेरी टाँगें उठी हुवी देखीं तो वो भी बिस्तर से उठ कर फर्श पर जा बैठी और फिर अपने भाई की टाँगों के बीच से होती हुई मेरी गान्ड के बिल्कुल नीचे आ कर अपनी ज़ुबान से मेरी गान्ड के सुराख को चाटने लगी.

में तो मज़े की शिदत से मरी जा रही थी. कि किस किस जगह से क्या क्या लुफ्त आ रहा था.

दोनो भाई बहनों ने आज मुझे अपना राज़ दार बना ने के लिये सब कुछ करने की क़सम खाली थी और में भी तो आज पहली बार सेक्स के इस नये अंदाज़ का मज़ा लूट रही थी.

सरवर ने कुछ गजब नाक झटके लगाए . जिस से में अपने पानी छोड़ने के क़रीब आ गई.
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Re: ससुराली प्यार

Post by jay »

nice update bhai
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