अनौखा इंतकाम complete

Post Reply
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: अनौखा इंतकाम

Post by rajsharma »

Dhanywad dosto
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: अनौखा इंतकाम

Post by rajsharma »

हालाँकि रूबीना ने अपने शोहर की इन हरकतों के बारे में बहुत पहले सुन तो बहुत कुछ रखा था. मगर आज तक वो इन बातों को सुन कर दिल ही दिल में कुढती रही थी.

ये हक़ीकत है कि किसी बात या काम के बारे में सुनने और उस उस काम को अपनी आँखों के सामने होता हुआ देखने में बहुत फरक होता है.

इसलिए आज अपनी आँखो के सामने और अपने ही बेड पर एक नौकरानी को अपने शोहर से चुदवाते हुए देख कर रूबीना के सबर का पैमाना लबरेज हो गया और वो गुस्से से पागल हो गई.

“मक़सूद ये आप क्या कर रहे हैं” रूबीना ने गुस्से में फुन्कार्ते हुए अपने शोहर को खिड़की से ही मुखातिब किया.

अपनी चोरी पकड़े जाने पर मक़सूद और नोकारानी की तो सिट्टी पिट्टी ही गुम हो गई.और उन दोनो के जिस्मों में से तो जैसे जान ही निकल गई.और उन दोनो ने अपनी चुदाई फॉरन रोक दी.

मक़सूद को तो समझ ही नही आ रहा था कि वो क्या कहे और क्या करे.

“आप दरवाजा खोलिए में अंदर आ कर आप से बात करती हूँ” रूबीना ये कहती हुई कुर्सी से नीचे उतर कर कमरे की तरफ चल पड़ी.

जितनी देर में रूबीना चक्कर काट कर कमरे के दरवाज़े पर पहुँची .मक़सूद नौकरानी को उस के कपड़े दे कर कमरे से रफू चक्कर कर चुका था.

मक़सूद ने रूबीना के कमरे में आने के बाद उस से अपने किए की माफी माँगनी चाही.

मगर रूबीना आज ये सब कुछ अपनी नज़रों के सामने होता देख कर रूबीना अपने शोहर को किसी भी तौर पर माफ़ करने को तैयार नही थी.

उस दिन रूबीना और मक़सूद की पहली बार लड़ाई हुई और फिर रूबीना ने गुस्से में अपना समान पॅक किया और अपना घर छोड़ कर ओकरा अपने माता पिता के पास चली आई.

रूबीना और मक़सूद की नाराज़गी को एक महीने से ज़्यादा गुज़र गया और इस दौरान रूबीना अपने अम्मी अब्बू के घर में ही रही.

इस दौरान फॅमिली के बड़े बुजुर्गों ने रूबीना और मक़सूद को समझा बुझा कर उन दोनो की आपस में सुलह करवा दी और यूँ रूबीना को चार-ओ-नचार वापिस मक़सूद के पास आना ही पड़ा.

अभी रूबीना को दुबारा अपने शोहर के पास वापिस आए हुए चार महीने गुज़र चुके थे.

वैसे तो रूबीना ने घर के बुजुर्गों के कहने पर अपने शोहर से सुलह तो कर ली थी. मगर रूबीना को अब अपने शोहर से वो पहले वाला लगाव और प्यार नही रहा था.

मक़सूद अब भी उसे हफ्ते में एक दो बार चोदता था. मगर रूबीना चूँकि अभी तक नोकरानि वाली वाकिये को भुला नही पा रही थी.इसलिए उसे अब मक़सूद के साथ चुदाई का वो पहले जैसा मज़ा नही आता था.

लेकिन अब कुछ भी हो उसे एक फर-मा-बर्दार बीवी बन कर अपनी जिंदगी तो गुज़ारना थी. इसलिए वो इस वकिये को भुलाने के लिए चुप चाप अपनी लाइफ में बिजी हो गई.

हॉस्पिटल में काम के दौरान रूबीना ये बात अच्छी तरह जानती थी.कि उस के कुछ मेल साथी डॉक्टर्स हॉस्पिटल की नर्सों को ड्यूटी के दौरान चोदते हैं.

ओकरा में अपनी हाउस जॉब और फिर भावलपुर में शादी के बाद भी उस के कुछ साथी डॉक्टर्स ने रूबीना के साथ जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने की कोशिश की थी. मगर हर दफ़ा रूबीना ने उन की ये ऑफर ठुकरा दी.

अब जब से रूबीना ने अपने शोहर को रंगे हाथों अपनी नौकरानी को चोदते हुए पकड़ा था. तब से रूबीना के दिल ही दिल में एक बग़ावत जनम लेने लगी थी.

अब नज़ाने क्यों उस का दिल चाह रहा था. कि जिस तरह उस के शोहर ने शादी के बाद भी दूसरी औरतों से नाजायज़ ताल्लुक़ात रख कर रूबीना के प्यार की तोहीन की है.

इसी तरह क्यों ना रूबीना भी किसी और मर्द से चुदवा कर अपने शोहर से एक किस्म का इंतिक़ाम ले.

रूबीना के दिल में इस तरहके बागी याना ख़यालात जनम तो लेने लगे थे.लेकिन सौ बार सोचने के बावजूद रूबीना जैसी शरीफ लड़की में इस किस्म के ख़यालात को अमली -जामा पहना ने की कभी हिम्मत नही पड़ी थी.

फिर रूबीना की जिंदगी में अंजाने और हादसती तौर पर एक ऐसा वाकीया हुआ जिस ने रूबीना की जिंदगी में सब कुछ बदल कर रख दिया.

रूबीना का ससुराली गाँव भावलपुर से तक़रीबन एक घंटे की दूरी पर है.
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
pongapandit
Novice User
Posts: 971
Joined: 26 Jul 2017 16:08

Re: अनौखा इंतकाम

Post by pongapandit »

NICE UPDATE
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: अनौखा इंतकाम

Post by jay »

super hot update bhai
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
Post Reply