अनौखा इंतकाम complete

Post Reply
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

अनौखा इंतकाम complete

Post by rajsharma »

अनौखा इंतकाम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और छोटी सी कहानी आपके लिए शुरू कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ आपको ये कहानी ज़रूर पसंद आएगी . दोस्तो ये कहानी एक ऐसी औरत की कहानी है जिसने अपने पति के अलावा किसी गैर को देखा तक न था लेकिन जब उसके पति ने किसी और के साथ यौनसंबंध बनाए तो....................



ये कहानी रूबीना मक़सूद नाम की एक शादी शुदा लड़की की है.जो पेशे से एक लेडी डॉक्टर है.और आज तक अपनी जिंदगी के 28 साल गुज़ार चुकी है.

रूबीना पैदा तो ओकरा सिटी के पास एक गाँव में हुई मगर पाली बढ़ी वो ओकरा सिटी में थी.

रूबीना के उस के अलावा एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई हैं.रूबीना की बहन नरेन उस से एक साल बड़ी है.जब कि उस का भाई रमीज़ अहमद र्म रूबीना से एक साल छोटा है.

रूबीना ने फ़ातिमा जिन्नाह मेडिकल कॉलेज लाहोर से एमबीबीएस करने के बाद ओकरा के सरकारी हॉस्पिटल में हाउस जॉब स्टार्ट कर दी.

पढ़ाई के दौरान ही रूबीना के वालदान ने दोनो बहनों की शादी के लिए रिश्ता पक्का कर दिया था और फिर एमबीबीएस करने के तकरीबन एक साल बाद रूबीना और उस की बहन की एक ही दिन शादी हो गई.

रूबीना की बहन नरेन तो शादी के फॉरन बाद अपने हज़्बेंड के साथ मलेसिआ चली गई. जब के रूबीना ब्याह कर भावलपुर के करीब एक गाँव में चली आई.

रूबीना के हज़्बेंड मक़सूद अपने इलाक़े के एक बहुत बड़े ज़मींदार थे.

रूबीना ने मेडिकल कॉलेज के हॉस्टिल में रहने के दौरान अपनी कुछ क्लास फेलो लड़कियों के मुक़ाबले शादी से पहले अपने आप को सेक्स से दूर रखा था.इसलिए रूबीना अपनी शादी की रात तक बिल्कुल कंवारी थी.

शादी के बाद रूबीना सुहाग रात को अपने रूम में सजी सँवरी बैठी थी.मक़सूद कमरे में आए और रूबीना के पास आ कर बेड पर बैठ गये.

रूबीना जो कि अपना घूँघट निकाल कर मसेहरी पर बैठी हुई थी. वो अपने शोहर मक़सूद को अपने साथ बेड पर बैठा हुआ महसूस कर के शरम के मारे अपने आप में और भी सिकुड सी गई.

मक़सूद ने जब रूबीना को यूँ शरमाते देखा तो कहने लगा कि रूबीना मेरी जान आज मुझ से शरमाओ मत अब में कोई गैर थोड़े ही हूँ तुम्हारे लिए अब तो हम दोनो मियाँ बीवी हैं.

फिर थोड़ी देर मक़सूद ने रूबीना से इधर उधर की बाते कीं.जिस की वजह से रूबीना की मक़सूद से झिझक थोड़ी कम होने लगी.

थोड़ी देर बातें करने के बाद मक़सूद ने जब देखा कि अब रूबीना थोड़ी कम शरमा रही है तो उस ने आगे बढ़ कर रूबीना के गुदाज बदन को अपनी बाहों में भर लिया.जिस की वजह से रूबीना तो शरम से और सिमट कर रह गई.
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: अनौखा इंतकाम

Post by rajsharma »

एक मर्द का हाथ अपने जिस्म से पहली बार टच होता हुआ महसूस कर के रूबीना के जिस्म में एक मस्ती सी छाने लगी.

मक़सूद ने रूबीना के चेहरे को उपर किया और पहले रूबीना के बालों के जुड़े को खोला और फिर रूबीना की ज्वेलरी उतारनी शुरू कर दी.ज्वेलरी उतारने के बाद मक़सूद ने रूबीना के लिप्स को किस किया.

ज्यूँ ही मक़सूद के लव रूबीना के लबों से मिले तो रूबीना के जिस्म में गर्मी की एक ऐसी लहर उठी.जो एक लम्हे में सीधे उस के कोमल मम्मो के निप्प्लो को खड़ा करती हुई उस की सील बंद चूत तक पहुँच गई और उस की चूत को पानी पानी कर गई.

रूबीना भी आख़िर एक जवानी से भरपूर लड़की थी. जिस ने अपनी शादी शुदा सहेलियों से सुहाग रात के बारे में काफ़ी कुछ सुन रखा था.

उस के दिल में भी शादी की पहली रात के कुछ अरमान थे. इसलिए वो भी अपनी शर्मो हया को भुला कर कुछ ही देर बाद मक़सूद का साथ देने लगी.

मक़सूद के लबो और उस की गरमगोश हरकतों ने रूबीना को मदहोश कर दिया.और इस मदहोशी के आलम में उसे पता ही नही चला कि कब और कैसे मक़सूद ने उसे और अपने आप को कपड़ों की क़ैद से आज़ाद कर दिया था.

रूबीना ने जब पहली बार अपने शोहर को इस तरह अपने सामने पूरा नंगा देखा तो उस ने शरम के मारे अपनी नज़रें झुका लीं.

पलंग पर रूबीना मक़सूद के सामने पूरी नंगी बैठी हुई थी. रूबीना के खूबसूरत कोरे बंदन को देख कर मक़सूद की आखों में चमक आ गयी.

मक़सूद ने एक लम्हा अपनी बीवी के जिस्म का बगौर भरपूर जायज़ा लिया और फिर रूबीना के जवान ब्राउन निपल को मुँह में भर कर निपल को चूसने लग गया.

अपने निपल्स पर मक़सूद का मुँह महसूस करते ही रूबीना सिसक गई.और फिर कमरे में वो खेल शुरू हुआ जो हर नये मियाँ बीवी अपनी शादी की पहली रात को एक दूसरे के साथ करते हैं.

मक़सूद ने रूबीना के गालों,लबों और मम्मो को चूस चूस कर और अपनी उंगलिओ के साथ उस की कंवारी चूत से खेल कर रूबीना को मज़े से बेहाल कर दिया.

काफ़ी देर अपनी बीवी के जिस्म को प्यार करने के बाद मक़सूद ने रूबीना की टाँगों को फैलाया और फिर अपना लंड रूबीना की कंवारी फुद्दी पर रखा और आहिस्ता आहिस्ता अंदर डालने की कोशिश करने लगा.

रूबीना की कंवारी चूत अपने शोहर का बड़ा लंड ले ही नही पा रही थी और वो चिल्ला उठी “हाईईईई नहियीईईईईई मक़सूद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड आआआआआआआआआअ………………………आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ………………………प्ल्स निकाल दो मुझे बहुत दर्द हो रहा है”.

रूबीना अपने शोहर को रुकने का कह रही थी.मगर मक़सूद उस की बात सुनने को तैयार नही था. मक़सूद ने एक झटका दिया और पूरा लंड अपनी बीवी की चूत मे डाल दिया.

दर्द की शिदत से रूबीना के तो आँसू ही निकल गये पर वो चीख भी नही सकी.क्यों की मक़सूद ने रूबीना मुँह में मुँह डाल कर उस के मुँह को बंद कर दिया था.

जब दर्द की शिद्दत थोड़ा कम हुई. तो मक़सूद ने अपना मुँह रूबीना के मुँह से हटाते हुए कहा कि ऐसा करना पड़ता है वरना तुम दर्द नही सह पाती. अब आगे दर्द नही होगा क्यों कि अब तुम्हारी सील फट गयी है और उस में से खून भी निकल रहा है…

फिर मक़सूद ने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी और अब रूबीना को भी दर्द कम होने के साथ साथ मज़ा लेने लगा और वो सिसकते हुए कहती रही जानू द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्धहीरीईईईईईईईईईईईईईई……………………द्द्द्द्द्द्दददाााआआआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊऊऊऊऊ मज़ा आआआआआआआआआआ आने लगा है.
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: अनौखा इंतकाम

Post by Smoothdad »

शानदार अपडेट।
जारी रखे, आगे की प्रतीक्षा में
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: अनौखा इंतकाम

Post by rajsharma »

Smoothdad wrote: 30 Nov 2017 14:42 शानदार अपडेट।
जारी रखे, आगे की प्रतीक्षा में
xyz wrote: 30 Nov 2017 18:15 nice update n congratulation bhai
धन्यवाद दोस्तो
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
Post Reply