करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा

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pongapandit
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Re: करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा

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Superb storytelling
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Smoothdad
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Re: करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा

Post by Smoothdad »

शानदार अपडेट।
जारी रखे, आगे की प्रतीक्षा में
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sexi munda
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Re: करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा

Post by sexi munda »

करीना की उत्सुकता और बढ़ जाती है और वो बोलती है- “दोस्त के नाते तो बोल ही सकते हो…”

गोगा ये सुनकार मन ही मन बोलता है- “साला, इस रंडी पर भावुक अत्याचार तो काम कर गया, इसका मतलब इससे कोई भी चीज भावुक करके ही मनवानी होगी…”
गोगा- “आपने मुझे दोस्त बनाया यही काफ़ी है, इससे आगे मैं आपको मुशीबत में नहीं डालना चाहता…”

करीना- “तुम अपना दर्द मुझसे बाँट सकते हो, मैं समाधान निकालूंगी, प्रोमिस…” करीना की कमजोरी ये थी कि वो भावुक झट से हो जाती है, बेचारी का दिल बहुत कमजोर है जो किसी के झूठे दुख में भी रो देता है।

इसी कमजोरी की मदद से गोगा करीना को अपने साथ भावुकता जोड़ चुका था। करीना जैसी बड़ी सुपरस्टार एक गुन्डे के झाँसे में आ चुकी थी, जिसके कारण करीना को आगे जाकर बड़ी कीमत चुकानी थी।

गोगा- “ठीक है अगर आप सुनना चाहती हैं तो सुनिये, बचपन से मैं दर-दर गंदी-गंदी गालियाँ सुन-सुनकर जीता आया हूँ, इस कारण में बहुत बरसों तक डिप्रेशन में रहा, पैसे भी नहीं थे डॉक्टर के पास जाने के लिये, और इसका नतीजा ये हुआ कि मुझे अब पागलपन के दौरे आते हैं, जिसे कंट्रोल करना पहले मुश्किल था, फिर जब मैं किसी को गालियाँ देता, सुनता तो ये दौरा कंट्रोल में रहता था। मेरे पड़ोस में एक आयुरवैदिक के जानकर रहते हैं, उन्होंने कहा था कि इस पागलपन के दौरे का इलाज प्यार ही है…”

करीना मन ही मन- “ये बेचारा तो अपनी बीमारी से लड़ रहा है, और मुझे लगा कि ये बुरा आदमी है, उसका बचपन गरीबी में बीता है इसलिये वो ऐसा है। मुझे लगता है कि इस आदमी के साथ सफ़र करना सेफ है, इसके साथ सिर्फ़ प्यार से बात करनी होगी जिससे इसको पागलपन का दौरा ना आ जाए…”

करीना की नासमझी का गोगा बड़ी चतुराई के साथ इस्तेमाल कर रहा था, और करीना गोगा के जाल में फँसती जा रही थी।

तभी करीना के फ़ोन की घींटी बजी, वो फ़ोन करीना की सिस्टर करिश्मा का था, करीना फ़ोन हाथ में पकड़कर गोगा से बोलती है- “जरा तुम यहीं रुकना, मेरी बहन का काल आया है…” और करीना कार से 20 मीटर दूर पार्किंग के एक खंबे के पास जाती है और करिश्मा का फ़ोन रिसीव करती है।

करीना से छिपते छिपाते गोगा करीना के नज़दीक वाले खंबे के पास छिपकर बातें सुन रहा होता है।

करीना फ़ोन उठाती है- “हेल्लो दीदी कैसी हो, मेरी याद कैसे आई आज?”

करिश्मा- “मैं अच्छी हूँ। क्या तुम कल उतरप्रदेश ट्रेन से जा रही हो?”

करीना- “हाँ… लेकिन आपको किसने बताया?”

करिश्मा- “जब मैंने तेरे घर पर फ़ोन किया तो राजू बोला था कि तुम कल ट्रेन से जा रही हो वहाँ…”

करीना- “हाँ… वो अर्जेंट जाना है, और सारी फ्लाइट्स भी फुल थी बाम्बे से उतरप्रदेश की, इसलिये ट्रेन से जाना है, मजबूरी में…”

करिश्मा- “हेलो मिस, तुम बेवकूफ़ हो? तुम्हें पता है ना की तुम एक मशहूर आ्ट्रेस हो तो कैसे सब मैनेज करोगी? और तुम्हें तो ट्रेन का कुछ भी पता नहीं है…”

करीना- “हाँ… दीदी, लेकिन कल मुझे जाना ही है। और वैसे भी मैंने अपने स्टारडम के प्राब्लम का हल भी निकाला है, मैं तो कल बाडीगार्ड्स के बिना, नकाब पहन कर सफ़र करने वाली हूँ जिससे किसी को भी ये पता नहीं चलेगा कि मैं करीना कपूर हूँ, और मैं माब्ड होने से बच जाउन्गी…

करीना की बात सुनकर गोगा का दिमाग चकराने लगता है और वो मन ही मन बोलता है- “मतलब जिसे मैं अब तक करीना की हमशकल समझ रहा था, वही असली निकली, इसकी माँ की चूत, इस कुतिया ने तो मुझे बेवकूफ़ बना दिया। साला, मतलब कि मैंने करीना की गाण्ड दबाई थी। जिसके इंतजार में लाखों की भीड़ जमा हो गई, वो बेबो मेरे जाल में फँस गई, मुझे यकीन नहीं हो रहा, भगवान जब भी देता है छप्पर फाड़ के देता है, अब तो लाइफ सेट है भाई…”

करिश्मा- “लेकिन तुम्हें ट्रेन से सफ़र करने की जानकारी है?”

करीना- “वही तो आकर सुई रुक रही है, लेकिन एक आदमी है जो उतरप्रदेश का है, जिसका यहाँ से वहाँ आना जाना लगा रहता है, बहुत अच्छा आदमी है वो…”

करिश्मा- “तुम्हारी पहचान का है तो ही जाओ, अगर पहचान का ना हो तो मत जाना…”

करिश्मा की ये बात सुनकर करीना मन ही मन बोलती है- “अगर मैंने कहा कि वो आदमी पहचान का नहीं है तो दीदी मुझे जाने नहीं देगी, इससे अच्छा है मैं झूठ बोलूं…”

करिश्मा- “कहाँ खो गई? पहचान का तो है ना?”

करीना- “हाँ दीदी, वो तो हमारे बंगलो के नज़दीक ही रहता है…”

गोगा ये सुनकर पैनिक में आ जाता है, उसे लगता है करीना किसी और के साथ सफ़र के लिये जाने वाली है।

करिश्मा- “तो ठीक है…”

करीना- “दीदी, बाद में काल करूँ मुझे जरा अजेंट काम है…”

ये सुनते ही गोगा धीमे-धीमे दौड़ते हुये अपनी पहले की जगह पर आ जाता है।

करिश्मा “हाँ… ओके गुड नाइट, कल के लिये गुड लक…”

करीना- “गुड नाइट, स्वीट ड्रीम्स दीदी…” करीना फ़ोन रखकर फिर से अपनी कार की तरफ बढ़ जाती है, और अपनी कार के पास जाती है। जहाँ गोगा खड़ा था जैसे उसने कुछ सुना ही ना हो।

करीना- “इंतजार कराने के लिए सारी, मेरी दीदी का फ़ोन था। तो अगर तुम्हें कोई प्राब्लम नहीं है तो तुम कल मेरे साथ उतरप्रदेश में आ सकते हो। बाइ दा वे, तुमने अपना नाम नहीं बताया?”

गोगा करीना की बात सुनकर अंदर ही अंदर खुशी से झूम रहा होता है लेकिन करीना को वो बहुत उदास चेहरा करके दिखा रहा था। करीना की बात पर गोगा बोलता है- “मेडमजी मेरा नाम गोगा कुरेशी है, लेकिन मेडमजी मैं आपके साथ सफ़र में नहीं आ सकता…”

करीना- “अब क्या हुआ? पहले तो तुम तैयार थे…”

गोगा को करीना की कमजोरी का पता चल चुका था, वो उसकी भावनाओीं के साथ खेल रहा था। गोगा ने कहा- “अब मैं आपसे क्या छुपाऊुँ, मैंने पहले भी आपसे बोला था, लेकिन आपने ठीक से सुना नहीं, कि मुझे पागलपन का दौरा लगता है…”

करीना- “पता है मुझे गोगा, मैं बोल रही हूँ ना कि मैं हैंडल कर लूँगी…”

गोगा- “तू तो बहुत बड़ी रंडी है साली तुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा…”

करीना गुस्से से लाल हो जाती है और बोलती है- “बेशर्म, मैं तुमसे अच्छे से बात कर रही हूँ और तुम, मुझे ऐसा बोल रहे हो?”

गोगा- “देखा मेडमजी, आप मेरी बीमारी हैंडल नहीं कर सकतीं…”

करीना को समझ नहीं आता कि गोगा कहना क्या चाहता है? करीना ने पूछा- मतलब?

गोगा- “अगर मुझे पागलपन के दौरे को कंट्रोल करना है तो मुझे किसी को गालियाँ देनी होंगी, जिससे मेरा गुस्सा कम हो सके। अगर मैं जब किसी को गाली नहीं देता तब मेरा सिर फटने लगता है और मैं अपनी जान देने की लिये, याने आत्महत्या की कोशिश करने के लिये मजबूर हो जाता हूँ…” और गोगा फूट-फूटकर रोने लगता है।

गोगा को ऐसे रोता देखकर करीना का दिल पिघलने लगता है और वो बोलती है- “कुछ नहीं होता गोगा, मत रोओ। अगर तुम्हारी बीमारी मुझे गाली देने से कंट्रोल होती है तो तुम मुझे गाली दे सकते हो…”

ये सुनकार गोगा के मन में लड्डू फूटता है और वो बोलता है- “आप मुकर तो नहीं जाओगी?”

करीना- “नहीं, तुम्हें अगर अपना गुस्सा ठंडा करना हो तो तुम मुझे गाली दे सकते हो, क्योंकि ये तुम जानबूझकर तो नहीं कर रहे हो, ये तो तुम्हारी मजबूरी है ना, तो मैं सह लूींगी…”

गोगा मन ही मन- “क्या नसीब पाया है मैंने, जिसकी हलकट जवानी का वीडियो देखकर मैं मूठ मारता था वो आज मेरे सामने खड़ी है और मेरे जाल में फँस चुकी है…” अब वो अपनी अगली चाल चलता है, और कहता है- “कोई भी गाली मेरे मुँह से निकले तुम्हारे लिये तो, तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा?”

करीना मन ही मन- “ये मैं गोगा को किस चीज की आजादी दे रही हूँ, मुझ जैसी सुपरस्टार को ये शोभा देता है क्या? अगर इसने पब्लिक प्लेस में मुझे गाली दी तो मेरी इज़्ज़ित क्या रहेगी? लेकिन इसमें उस बेचारे की क्या गलती है? वो तो अपनी बीमारी कंट्रोल करने के लिये ही तो गालियाँ देता है, और उसकी नजर में मैं तो सोनाली हूँ, और कल सुबह की ट्रेन के लिये मैं नकाब पहनूँगी, अगर इसने गाली दी भी तो लोगों को पता नहीं चल पाएगा कि गोगा किसे गाली दे रहा है…”

करीना- “हाँ, नहीं मानूँगी…”
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shubhs
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Re: करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा

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Maat hai
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