फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complete)

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rocky123
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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

Post by rocky123 »

आज आराधना ने सेक्सी नही बल्कि ब्यूटिफुल स्टाइल रखा अपने लिए. एक फादर होने के नाते पंकज चुप ही रहा लेकिन वाकई मे आराधना को देख कर वो शॉक्ड था. आराधना लाइट पिंक लिपस्टिक लगाती है और थोड़ा सा मास्केरा लगती है. अपनी हाइ हील सॅंडल्ज़ निकाल कर वो पहन ने लगती है. सॅंडल्ज़ पहन ने के लिए उसे अपनी साड़ी थोड़ी उपर करनी पड़ती है.

जैसे ही वो साड़ी को थोडा सा उपर करती है, उसकी गोरी गोरी टांगे पंकज के सामने नंगी हो जाती है. ऐसे कामुक सीन देख कर कोई अपने मन को कैसे कंट्रोल करे. पंकज की निगाहे जैसे हट ही नही रही थी. जैसे ही आराधना उपर की तरफ देखती है तो पंकज थोड़ा हेज़िटेट हो जाता है और नज़रे चुरा लेता है. आराधना ये देख कर हँसने लगती है लेकिन कुच्छ कहती नही.

“ डॅड……, आपने ट्रडीशनल क्लोद्स पहन ने के लिए क्यू कहा…………??” आराधना अपनी साड़ी का पल्लू सही करते हुए पंकज से पूछती है.

“ इंडियन फॅमिली के साथ बेटे ऐसे ही जाते है…… और वैसे भी अब वो तुम्हे मेरी…. मेरी वाइफ समझ रहे है तो ऐसे ही कपड़े सही है…” पंकज ये बात बोलते हुए झिझक रहा था.

“ चलो कोई बात नही….. वैसे भी बस आज ही की तो बात है…….” आराधना अब तक अपनी साड़ी का पल्लू सही कर चुकी थी.

“ तो अब क्या वो आएँगे या हम चलें…….” आराधना पंकज से पूछती है.

“ हाँ अब हम दोनो तो रेडी है तो चलो उन्ही के रूम मे चलते है….. देखते है कि उन्हे कितना टाइम लगेगा…………” पंकज और आराधना दोनो बाहर की तरफ चल देते है.

दोनो रूम से बाहर आते है और पंकज रूम कार्ड निकाल कर गेट बंद कर लेता है. दोनो धीरे धीरे शेट्टी के रूम के तरफ चल देते है. आराधना की साड़ी उसके हिप्स और बूब्स पर से बिल्कुल कसी हुई थी और उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगा रही थी.

पंकज उनके रूम के सामने आकर डोर बेल बजाता है. दो बार रिंग करने के बाद गेट खुलता है और शेट्टी की वाइफ गेट पर खड़ी थी.

सबसे पहले तो पंकज और आराधना शॉक्ड हो जाते है कि शेट्टी की वाइफ ने कैसे कपड़े पहने थे. उसने एक शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई थी जो कि उसके घुटनो तक थी. जैसा कि पहले भी बताया गया है कि उम्र तो उसकी काफ़ी सही थी लेकिन अपने लुक्स मेनटेन किए हुए थे.

“ भाभी नमस्कार…… शेट्टी जी है अंदर……?” पंकज हाथ जोड़ कर नमस्ते करता है और शेट्टी की वाइफ से पुछ्ता है.

“ हाँ… हाँ.. प्लीज़ अंदर आइए….. वो अभी वॉशरूम मे है…….” इतना बोलकर शेट्टी की वाइफ दोनो को अंदर आने का रास्ता देती है. उसके बूब्स काफ़ी हद उसकी ड्रेस से बाहर थे. उसकी बदन की खुसबु पूरे रूम मे फेली हुई थी.

पंकज हैरान था उस लेडी के ड्रेस अप को देख कर. वो आराधना को कुच्छ और समझा रहा था जबकि रेआलिटी कुच्छ और निकली. एनीवे आराधना और पंकज दोनो रूम मे एंटर होते है, आराधना उस लेडी से हॅंड शेक करती है और वो लेडी आराधना को हग भी करती है. आराधना उसको हग करने के दौरान रियलाइज़ करती है कि उसके बूब्स कितने हार्ड और टाइट है. पता नही क्यू आराधना उसके इस रूप से अग्री नही थी.

आराधना और पंकज दोनो सोफे पर बैठते है.

“ क्या लेंगे आप लोगो…… कुच्छ ठंडा या गरम………….???” शेट्टी की वाइफ उन दोनो की आँखो मे झाकति हुई बोलती है.

“ पानी चलेगा…… बस कुच्छ और नही…..” पंकज उसकी तरफ देखते हुए बोलता है.

वो लेडी फ्रीज़ से वॉटर बॉटल निकालने लगती है. पंकज अभी तक हैरान था कि कितने मॉडर्न कपड़े पहने हुए है इस लेडी ने. और पंकज ने खुद आराधना को ट्रडीशनल क्लॉत पहन ने के लिए कहा.

वो लेडी फिर से आती है और पंकज और आराधना को पानी देती है. पंकज की हैरानी की कोई सीमा नही थी जब वो लेडी झुकती है पानी देने के लिए और ऑलमोस्ट हाफ ऑफ बूब्स बाहर की साइड होते है. आराधना को भी खुद ये काफ़ी अजीब लगा.

दोनो पानी पीना शुरू ही करते है कि बाथरूम का गेट खुलता है

.धड़ाक्ककक…. और एक और धमाका हो जाता है. शेट्टी बाथरूम का गेट खोल कर बाहर आ जाता है जबकि उसकी पूरी बॉडी पर सिर्फ़ एक फ्रेंची के सिवाय कुच्छ नही था. आराधना बाथरूम के सबसे करीब बैठी थी और जैसे ही गेट खुलता है सबसे पहले उसकी निगाह पहले शेट्टी पर और फिर उसकी फूली हुई फ्रेंची पर जाती है. उसकी फ्रेंची का माहौल ऐसा था कि जैसे किसी ने अपने साइज़ से छोटी फ्रेंची पहन ली हो.

कुच्छ सेकेंड्स को आराधना की निगाहे बस उसकी फ्रेंची पर रुक जाती है और फिर वो अपनी निगाहे फिराती है. काफ़ी डिफरेंट सिचुयेशन थी ये, शेट्टी सॉरी बोल कर तुरंत बाथरूम मे भाग जाता है और बाथरूम मे ही अपनो कपड़ो के लिए अपनी वाइफ से बोलता है.

“ दीप्ति ज़रा मेरे कपड़े देना………” शेट्टी अपनी वाइफ को आवाज़ लगाता है. पंकज और आराधना को पता लग जाता है कि उसकी वाइफ का नाम दीप्ति है……

दीप्ति ये सुनकर उसके टी शर्ट और जीन्स उठा कर बाथरूम मे दे देती है.

“ माइंड मत कीजिएगा…… आक्च्युयली बाथरूम मे पता नही चलता कि बाहर क्या हो रहा है……” दीप्ति पंकज और आराधना दोनो की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ नो इश्यू….. ये तो होता रहता है……” पंकज दीप्ति की तरफ देखते हुए बोलता है.

“ तो फिर आज हम कौन सी मूवी देखने चल रहे है……………..???” दीप्ति आराधना और पंकज दोनो से पूछती है.

“ आप ही बताएए….. आक्च्युयली हम मूवी देखने जाते नही है ना……” पंकज दीप्ति से बोलता है.

“ हम समझ सकते है……. जवान बीवी और वो भी इतनी खूबसूरत तो भला कोई मूवी क्यूँ देखने जाएगा……… फिर तो बस हनिमून और हनिमून…..” दीप्ति स्माइल करते हुए पंकज से बोलती है. आराधना ये बात सुन कर शरमा जाती है. वो समझ जाती है कि दीप्ति एक ओपन माइंडेड लेडी है.

“ इस हिसाब से तो आप दोनो को भी नही जाना चाहिए….. शेट्टी जी की वाइफ भी कम नही है………” पंकज भी बोले नही रुकता. आराधना पंकज की इस बात से खुद हैरान थी.

“ हा हा हा हा…..आप भी काफ़ी फन्नी हो. लेकिन अभी तो हम जा रहे है तो डिसाइड करो कि कौन सी मूवी देखने चले……..?” दीप्ति फिर से पूछती है.

“ हमे तो शेट्टी जी ने बोला और हम रेडी हो गये…… हमे सच मे आइडिया नही है कि कौन सी मूवी चले….. “ इस बार आराधना रिप्लाइ करती है और उसके रिप्लाइ मे थोड़ा रूखापन था. बार बार पंकज का ऐसे जवाब देना आराधना को पसंद नही आ रहा था.

“ तो दो मेन ऑप्षन्स है…… एक था टाइगर आंड ……………….” दीप्ति बोलते बोलते रुक जाती है. ये बोलते हुए दीप्ति की निगाहे आराधना पर थी.

“ एक था टाइगर आंड……..???” आराधना पूछती है.

“ जिस्म 2………………” ये बोलते हुए दीप्ति अपनी निगाहे पंकज की तरफ फिरा लेती है. दीप्ति का जिस्म बोलने का तरीका काफ़ी नशीला था.

“ अरे भाई क्या बाते चल रही है……… चाइ वाइ ऑर्डर दो ना……..” शेट्टी बाथरूम से निकलते हुए सबसे पहले यही पुछ्ता है.

“ नही चाइ के लिए तो इन्होने मना कर दिया है….. पानी से ही गुज़ारा चला लिया है.. बाते चल रही थी कि कौन सी मूवी चले…..?” दीप्ति शेट्टी को रिप्लाइ करती है. शेट्टी अपनी जीन्स टी-शर्ट पहन कर बाहर आ गया था और अपने बालो को अपने टवल से पुच्छ रहा था.

“ तो क्या डिसाइड हुआ ग्रोवर जी………..?” शेट्टी अपने टवल को बेड पर फेंकते हुए पंकज से पुछ्ता है.

“ हमारा क्या जी…. हम तो कोई भी देख लेंगे…….. लॅडीस का अग्री होना ज़रूरी है…….. क्यू क्या कहते हो…..?” पंकज शेट्टी से पुछ्ता है.

“ बिल्कुल सही कहा….. तो चलो अब लेट करने से फ़ायदा नही है…. पहले निकलते है और फिर डिसाइड करते है कि आख़िर कहाँ चलना है.” शेट्टी अपना कोंब भी बेड पर फेंकता हुआ बोलता है.

और दोनो फॅमिली अब उस होटेल से बाहर आ जाती है. आगे पंकज और शेट्टी चल रहे थे और पीछे पीछे दोनो लॅडीस. पंकज और शेट्टी दोनो बिज़्नेस की बातो पर आ गये थे और दोनो लॅडीस अपनी कॉन्वर्सेशन स्टार्ट करती है –

दीप्ति –“ साड़ी काफ़ी अच्छी है तुम्हारी……. बहुत क्यूट लग रही हो….” दीप्ति आराधना की सारी को टच करते हुए बोलती है.

आराधना – “ आप भी काफ़ी अच्छी लग रही है अपनी ड्रेस मे……. मुझे ऐसी ड्रेसस बहुत पसंद है………” आराधना स्माइल करते हुए कहती है.

दीप्ति – “ अच्छा चलो अब ये तो बताओ कि मूवी कौन सी देखनी है. ?”

आराधना – “ आप ही बताएए ना कि कौन सी मूवी देखे………?”

दीप्ति – “ जिस्म 2 ही सही लग रही है मुझे….. क्यू?”

आराधना – “ जैसा आप ठीक समझे………” आराधना उसकी बात को टालना चाहती थी.

इतनी छोटी बातो मे ही चारो लोग पार्किंग एरिया मे पहुँच जाते है जहाँ पंकज अपनी कार को अनलॉक करके सबसे आगे बैठ जाता है. शेट्टी अपनी वाइफ के लिए डोर खोलता है और उसके बैठने के बाद वो दूसरी साइड आने लगता है. दूसरी साइड आराधना पीछे बैठने के लिए गेट खोल चुकी थी. जैसे ही शेट्टी उसके पास से गुज़रता है तो आराधना शॉक्ड हो जाती है क्यूंकी उसे ऐसा लगता जैसे किसी ने उसकी गान्ड पर चिकोटी काटी. वो घूम कर देखती है तो जब तक शेट्टी आगे वाला गेट खोल चुका था आगे बैठने के लिए.

आराधना को यकीन नही हो रहा था कि उसकी फादर की उम्र का इंसान उसके साथ ऐसे कर सकता है. वैसे आराधना श्योर नही थी लेकिन उसका दिल कर रहा था कि उसका मूँह नोच लू…..

शेट्टी के बैठते ही गाड़ी सिनिमा की तरफ चल देती है.

दूसरी तरफ

सिचुयेशन को थोड़ा थोड़ा फॉर्वर्ड करना पड़ा है. दट ईज़ दा डिमॅंड ऑफ दा सिचुयेशन.

इधर प्रीति जम कर चुद चुकी थी और अब सिमरन के घर जाने की प्लॅनिंग कर रही थी. वैसे भी उसे अपनी मोम की पर्मिशन मिल चुकी थी. पता नही क्यूँ सिमरन के लिए भी वो सूपर हॉट बन कर जाना चाहती थी.

प्लॅनिंग कर ही रही थी कि तभी सिमरन का फोन आता है और प्रीति फोन को पिक करती है.

सिमरन - हाई स्वीटी. कैसी है?

प्रीति - दीदी मैं ठीक हू. आप कैसी है.

सिमरन - बस यार तेरा इंतेज़ार हो रहा है. कब तक आ रही है?

प्रीति - आप बताओ कि कब तक आ जाउ....?

सिमरन - ये भी कोई पुच्छने की बात है. जब चाहे आजा और अभी आ जाए तो और भी अच्छा है.

प्रीति - ठीक है तो मैं थोड़ी देर मे निकलती हू औट वैसे भी घर तो पास ही है.

सिमरन - थ्ट्स ग्रेट...... छोटी सी पार्टी भी करेंगे....... अच्छा फन करेंगे.... आख़िर एक ही रात के लिए तो आ रही है तू तो तेरा ख्याल रखना पड़ेगा.

प्रीति - वो सब तो ठीक है लेकिन मैं एग्ज़ाइटेड हू ये जान ने के लिए कि कैसे आपके भाई और आपके बीच........

प्रीति ये लाइन बोलकर बीच मे चुप हो जाती है.

सिमरन - मेरे भाई और मेरे बीच मे क्या???? अच्छा चुदाई कैसे शुरू हुई..... मेरी जान बड़ी उतावली है ये जान ने के लिए. चल तू टेन्षन ना ले और अब जल्दी से आ जा. तुझे आराम से सुनाउन्गि सारी कहानी. लेकिन तुझे भी बताना पड़ेगा कि कैसे कुशल का लंड लिया तूने.

प्रीति - दीदी आप भी कमाल हो. चलो अब फोन रखते है और मैं घर से निकलती हू.

सिमरन - ओके चल आराम से आ जा.

फोन काटने के बाद प्रीति तैयार होती है. बालो को अच्छे से धोकर ड्राइयर से ड्राइ करती है. स्टाइलिश मेक अप और चेक की शॉर्ट शर्ट पहनती है जिसे बूब्स से नीचे ही टाइ कर दिया जाता है. उसके नीचे उसने अल्ट्रा लो वेस्ट जीन्स पहनी. यानी अब उसके बूब्स और कमर के बीच का सारा हिस्सा विज़िबल था.

स्मृति को बोल कर वो आराम से घर से निकल जाती है. क्यूंकी सिमरन का घर करीब ही था तो प्रीति पैदल ही चली जाती है.

सिमरन का घर आने पर प्रीति डोर बेल बजाती है. दो बार डोर बेल बजाने के बाद डोर खुलता है.

डोर खोलने वाला एक लड़का था, उसने संडो बनियान पहनी हुई थी और शॉर्ट. वो पसीने मे भीगा हुआ था क्यूंकी शायद एक्सर्साइज़ कर रहा था.

प्रीति - भैया नमस्ते...... मैं सिमरन दीदी की फ्रेंड हू.

बॉय - सिमरन की फ्रेंड भी हो और दीदी भी बोल रही हो. एनीवे मैं उसका भाई हू विशाल.

प्रीति - हा हा हा हा. भैया बात अच्छी पकड़ते हो. आक्चुयल मे वो मुझसे थोड़ी बड़ी है ना तो इसलिए मैं उन्हे दीदी कहती हू.

वो लड़का प्रीति को उपर से नीचे तक देखता है और कहता है.

बॉय - वो तुमसे बड़ी है लेकिन कहाँ से..

लड़के का इशारा शायद प्रीति के बूब्स की तरफ था जोकि सिमरन के जैसे ही थे. प्रीति इस बात को ताड़ जाती है कि वो क्या कहना चाह रहा है.

प्रीति - वेरी फन्नी..... आप बताएए कि दीदी कहाँ है.......

बॉय - वो उपर अपने रूम मे है. सीधा उपर जाकर लेफ्ट.

और ये बोल कर वो लड़का प्रीति को अंदर जाने के लिए रास्ता देता है.

प्रीति सीधा उपर जाती है और सिमरन के रूम मे एंटर करती है. सिमरन बेड पर बैठ कर नेल पैंट लगा रही थी.

" हाई दीदी......." प्रीति ये बोल कर आगे बढ़ती है और सिमरन को हग करती है.

" हाई प्रीति....... ग्रेट यार एक दम सूपर हॉट मॉडेल लग रही है. गजब यार....." सिमरन प्रीति को देखते हुए बोलती है.

" कहाँ दीदी.... आप भी कुच्छ ज़्यादा ही बता रही हो...... गजब तो आप हो........" प्रीति भी सिमरन की तारीफ मे दो शब्द बोल देती है.

" यार तेरे लिप्स बड़े जुवैसी लग रहे है. गिव मी आ क़िस्स्स......" और ये बोलकर सिमरन अपना चेहरा प्रीति की तरफ बढ़ाती है और प्रीति अपनी आँखे बंद कर लेती है.

सिमरन एक अच्छा वाला स्मूच लेती है. दोनो एक दूसरे के होंठो को अच्छे से चूस्ते है और फिर अलग हो जाते है.

" चल यार..... आज की रात हमारी है....... खूब मस्ती करेंगे......." सिमरन अपने फ्रीज़ से बियर की दो कॅन निकालते हुए बोलती है.

" लेकिन दीदी वो भैया....... नीचे है..... वो बियर पीते देखेंगे तो कुच्छ कहेंगे नही...." प्रीति उसके भाई के बारे मे पूछती है.

" अबे उसी ने तो मुझे पीना सिखाया है...... और वो ही तो लाकर ये फ्रीज़ भरता है..... तू उसकी टेन्षन ना ले और एंजाय कर......" सिमरन ये बोलते हुए लाइट म्यूज़िक ऑन कर देती है.

" दीदी मैं यही तो जान ना चाहती हू कि कैसे आपके और आपके भाई के बीच मे ऐसी रिलेशन्षिप बन गयी कि आप इतने फ्रॅंक हो. प्लीज़ बताइए ना.........." प्रीति ज़िद करने लगती है.

" चल बियर तो पी और ये ले सलाद... मैं तुझे आराम से बताउन्गि. बोर तो नही होगी ना तू......" सिमरन प्रीति से पूछती है.

" दीदी कैसी बाते कर रही हो........ ओके नाउ लेट्स चियर्स आंड स्टार्ट युवर स्टोरी."

दोनो अपनी बियर की कॅन को टकराती है और सिमरन अपनी कथा सुनानी शुरू करती है.

"ये कहानी तब शुरू होती है जब मैं बस -- साल की थी. मैं एक बहुत ही सिंपल लड़की थी जो एक को एड स्कूल मे पढ़ती थी. मेरा भाई भी मेरे साथ मेरे ही स्कूल मे पढ़ता है. हमारा स्कूल काफ़ी मॉडर्न स्कूल था जहाँ बच्चे काफ़ी जल्दी बड़े हो जाते है. मैं एक लंबी चोटी करने वाली एक सिंपल लड़की थी और जो कभी फेस पर कुच्छ भी नही लगाती थी. मुझे उस टाइम तक कुच्छ भी नही पता था कि आख़िर ये दुनिया क्या है. स्कूल से घर और घर से स्कूल. स्कूल मे वैसे भी मेरा बड़ा भाई हुआ करता था तो मुझे हमेशा इस बात का ख्याल रखना होता था कि मैं हमेशा अपनी लिमिट मे रहू. मेरी फ्रेंड्स अच्छी लड़किया, बुरी लड़किया, ओपन माइंडेड लड़किया, नॅरो माइंडेड लड़किया और सभी तरह की लड़कियाँ हुआ करती थी.

प्रीति -" ओके......"

सिमरन -" घर मे वो ही माहौल जो हर घर मे होता है. भाई बहन के लड़ाई झगड़े और फिर से प्यार. स्कूल मे इज़्ज़त की वजह से मैं कभी अपने भाई से नही लड़ी लेकिन घर मे हमेशा महाभारत होता था. मा बाप के राज मे तो हर किसी को आज़ादी महसूस होती है तो मैं भी खूब लड़ती थी अपने भाई से और वो भी कोई कमी नही छोड़ता था."

प्रीति -" हाँ सच बात है. कुशल और मेरी भी यही कहानी है.... फिर क्या हुआ." प्रीति को बहुत इंटेरेस्ट आ रहा था स्टोरी मे.

सिमरम -" धीरे धीरे मुझ मे भी वो चेंजस आने लगे जो कि हर लड़की ने आते है. बूब्स निकलने शुरू हुए, पुसी और अंडरआर्म्स मे बाल आने शुरू हुए और आवाज़ धीरे धीरे भारी हो रही थी. ठीक ऐसा ही मेरे भाई के साथ भी हो रहा था, यानी कि हम दोनो ही बड़े हो रहे थे. लड़की जवान हो रही है इसका अहसास तो आस पास के लोग ही करा देते है. मोहल्ले के लोग ऐसे घूर घूर कर देखते है जैसे कि कोई अपराध कर दिया हो हमने. लेकिन लड़को की लाइफ ऑपोसिट होती है और वो वैसे ही आज़ाद रहते है. ब्रा पहन नी शुरू करी और शुरू मे तो बड़ा गुस्सा आता था लेकिन धीरे धीरे आदत पड़ी. साइज़ जब तक 32 हुआ तो मेरे भाई को हल्की दाढ़ी मूँछ आ चुकी थी."

सिमरन धीरे धीरे बियर पीते हुए फिर शुरू करती है. प्रीति उसकी बातो को गौर से सुन रही थी.

" क्यूंकी मेरे भाई के और मेरे रूम करीब ही थे तो मुझे आइडिया मिलता रहता था कि वो क्या कर रहा है. मुझे पता चला कि उसने स्मोकिंग शुरू कर दी है और अक्सर उसके रूम से सिगरेट की स्मेल आने लगी. ठीक वैसी ही जैसे डॅड के रूम से आती थी."

प्रीति -" ओके....."

सिमरन -" एक बार इतिफाक से मैने उसे स्मोकिंग करते हुए देख लिया और हमारी नज़रे मिल गयी. वो थोड़ा डरा और उसने सिगरेट फेंक दी. वो मुझसे बात करने आया और बड़े प्यार से बात की. मैं समझ गयी कि ये मुझे अपनी राजदार बनाना चाहता है. मैने भी यही सोचा कि बाय्स तो करते ही है तो इसमे हर्ज क्या है."

प्रीति -" हाँ सही कहा आपने....."

सिमरन -" धीरे धीरे उसने मेरी हेल्प लेनी शुरू कर दी और मैं डॅड के रूम से उसे सिगरेट चुरा चुरा कर लाकर देती थी. लेकिन वो अपनी मस्त लाइफ जी रहा था और काफ़ी हॅंडसम हो गया था "

प्रीति -" हाँ मैने देखा उन्हे नीचे. वाकई मे काफ़ी हॅंडसम है वो तो......"

सिमरन -" 10थ क्लास तक आते आते एक लड़की ने मेरे भाई पर लाइन मारनी शुरू कर दी जिसका नाम एकता था. वो हमारे स्कूल की सबसे सेक्सी लड़की थी. कम उम्र मे ही भगवान ने ऐसी बॉडी दे दी कि शिल्पा शेट्टी फैल हो जाए."

प्रीति -" तो क्या भैया की गर्ल फ्रेंड बन गयी वो....."

सिमरन -" लड़की सेक्सी हो तो क्या नही कर सकती. और वो ही एकता ने किया.... छोटे छोटे कपड़े पहन कर आना. अंजाने मे अपनी बॉडी को मेरे भाई से छुआ देना. मेरा भाई जवान हो चुका था और ये शरीर की आग कैसे भुजति है उसे पता नही था. वो एकता के बारे मे ही सोचता रहता. एक दिन मेरे भाई ने बोला कि सिमरन तू एकता की फ्रेंड बन जा ना. फिर जो कॉन्वर्सेशन स्टार्ट हुई वो कुच्छ ऐसे थी -

सिमरन'स ब्रदर - सिमरन यार तू एकता से दोस्ती कर ले ना.

सिमरन - मैं क्यू करू दोस्ती. वो मुझसे सही से बात तो करती नही.

सिमरन'स ब्रदर - यार ऐसा होता है लेकिन वो शायद अच्छी लड़की है. मुझे लगता है कि तुझे ऐसी लड़किया दोस्त बनानी चाहिए.

सिमरन - तो आप ही बना लो उसे दोस्त. मुझे अच्छी नही लगती, कितने छोटे कपड़े पहन कर आती है और सीधे मूँह बात नही करती.

सिमरन'स ब्रदर - हा हा हा हा. तेरा भाई उसका दोस्त तभी तो बनेगा जब मेरी बहन उसकी दोस्त बनेगी. कर दे ना इतनी हेल्प अपने भाई की.

" मेरे भाई ने इतने प्यार से रिक्वेस्ट की तो मैने उसकी बात मान ली और जैसे तैसे मैने एकता का मोबाइल नंबर अपने भाई के लिए अरेंज कर दिया".

प्रीति -" फिर क्या हुआ???" प्रीति अपनी बियर को पीती जा रही थी.

सिमरन - " फिर क्या होना था. मुझे कुच्छ आइडिया नही मिला कि क्या हो रहा है लेकिन मेरा भाई अपने रूम मे ही फोन पर बिज़ी रहता. धीरे धीरे स्कूल मे मेरे भाई और एकता के अफेर के चर्चे होने लगे. मेरी फ्रेंड्स मुझसे मज़ाक करती कि अब तू भी कोई बॉय फ्रेंड बना ले. लेकिन मैं इन सब चीज़ो के बारे मे नही सोचती थी क्यूंकी मेरा बड़ा भाई खुद उस स्कूल मे था.

प्रीति -" ओके फिर क्या हुआ......."

सिमरन - " मेरे भाई ने सबसे डिस्टेन्स बनाना शुरू कर दिया. मुझे तो ये भी लगने लगा था कि मेरे भाई और उस एकता के बीच सेक्स हो चुका था लेकिन एक दिन मैं अपनी क्लास मे जा रही थी तो स्पोर्ट्स रूम के करीब दोनो की आवाज़े आ रही थी जोकि मैने सुनी. मॉर्निंग मे स्कूल के उस तरफ कोई नही आता था तो दोनो खुल कर बाते कर रहे थे. उस दिन की बातो मे मुझे बहुत सारी बाते क्लियर हुई. "

प्रीति -" बताओ ना.... बताओ ना कि क्या बाते हो रही थी......"

सिमरन - " वो बाते कुच्छ ऐसे हो रही थी. पहली आवाज़ मैने एकता की सुनी -

एकता - कम ऑन अभिनव.... तुम एक ही एक्सक्यूस अपनी गर्ल फ्रेंड को डेली नही दे सकते. मेरी सारी फ्रेंड्स कितनी लकी है जो कभी अपने बॉय फ्रेंड के साथ कहीं रात गुजार कर आती है और कभी कहीं. उन्हे बताने मे भी शरम आती है मुझे कि रात बिताना तो छोड़ो अभी तक मैं कुँवारी हू.

माइ ब्रदर - जितना दिल तुम्हारा करता है तो उससे कहीं ज़्यादा मेरा करता है. पूरी रात खड़ा रहता है तुम्हारी याद मे लेकिन क्या करू कोई जगह नही है जहाँ हम मिल पाए.

एकता - खड़ा होता है..... खड़ा होता है और खड़ा होता है. ये बाते ही सुनती आ रही हू. बॉय फ्रेंड क्या रेस्टोरेंट मे खाना खाने और सिनिमा मे मूवीस देखने के लिए बनाए जाते है. बॉय फ्रेंड के और भी फ़र्ज़ होते है और वो है कि अपनी गर्ल फ्रेंड की फिज़िकल नीड्स का ख्याल रखना. तुम कोई प्लान क्यूँ करते. अगर कहीं और नही तो अपने घर पर ही.

माइ ब्रदर - यार मेरे घर मे मेरी सिस्टर है. और उसका रूम मेरे रूम के बराबर मे ही है. वो क्या सोचेगी?

एकता - वाह वाह....... वो क्या सोचेगी? दूध पीती बच्ची है क्या वो? उसे पता नही कि अगर मैं तुम्हारे रूम मे जाउन्गि तो तुम मेरे साथ क्या करोगे? देखते नही हो लगता है गौर से उसे, खुद लेने को तैयार हो रही है वो.

माइ ब्रदर - वो ऐसी नही है. उसका ध्यान इस तरफ नही जाता है.

एकता - एक भाई की नज़र से देखना बंद करो और गौर से देखो कि कैसे चुदने के लायक हो चुकी है. तुम उसके भाई हो इसलिए वो अपने असली रूप मे नही आती. वैसे मैं क्यू सफाई दू...... मुझे नही पता बस.....

सिमरन - और ये सब बोलकर वो भाग जाती है गुस्से मे. मुझे पहली बार अहसास हुआ कि लड़कियो की खुद की भी कुच्छ इच्छा होती है. एकता भी वोही चाह रही थी लेकिन उसने आज वो बीज बो दिया जो बाद मैं बहुत भारी साबुत हुआ.
“ दीदी वाकई मे एकता तो बहुत आगे निकली. उसकी कोई फोटो दिखाइए ना…… अगर है तो” प्रीति के पुच्छने पर सिमरन एकता का एक फोटो अपने मोबाइल मे दिखाती है

प्रीति - " अच्छा फिर क्या हुआ दीदी......." प्रीति फिर से एग्ज़ाइटेड होते हुए पूछती है. वो अपनी बियर की कॅन भी ख़तम कर चुकी थी.

सिमरन - " होना क्या था...... उस एकता की आग ने मेरे भाई के माइंड मे बहुत सारे चीज़े डाल दी...... मुझे अहसास नही हुआ लेकिन शायद मेरे भाई ने उसके कहने पर मेरी बॉडी को अब्ज़र्व करना शुरू कर दिया. मुझे अहसास था कि अगर एकता को मेरा भाई जल्दी ही नही ठोकेगा तो वो उसे छोड़ देगी और ये सिचुयेशन मेरे भाई को डिस्टर्ब कर सकती थी.

प्रीति -" ओके...... गुड....... दीदी........ वाकई मे काफ़ी इंट्रेस्टिंग है...... आगे बताइए ना......."

सिमरन - " मेरे भाई ने धीरे धीरे मुझे मनाना शुरू किया एकता को घर पर बुलाने के लिए. मीठी मीठी बाते करता और मेरे लिए गिफ्ट लेकर आता था, ना मुझसे कोई लड़ाई और बस प्यार से ही बाते करता था. लेकिन मैं ये सब समझती थी. "

प्रीति -" काफ़ी इंटेलिजेंट हैं आपके भाई...... आगे बताइए क्या हुआ....." प्रीति धीरे धीरे और करीब आ रही थी सिमरन के.

सिमरन अपनी बियर के कॅन को बार बार पीते हुए बोल रही थी.

सिमरन -" एक दिन ईव्निंग मे मेरे भाई ने मुझे बात की जो की कुच्छ ऐसे थी -

सिमरन'स ब्रदर - सिम्मी........ यार एक हेल्प करेगी तू मेरी

सिमरन - बोल भाई क्या बात है.

उसका बोलने का तरीका मुझे बता रहा था कि वो बहुत मक्खन लगा रहा है.

सिमरन'स ब्रदर - वो सिम्मी.... आक्चुयल मे ना एकता को पढ़ाई मे मेरी हेल्प चाहिए तो वो एक रात यही रुकना चाहती है.

सिमरन - कमाल है, वो तुमसे पढ़ना चाहती है. एनीवे तो मेरी हेल्प क्या चाहिए तुम्हे.....

सिमरन'स ब्रदर- वो.... अगर डॅड पुच्छे तो तू बोल दियो कि एकता तेरी फ्रेंड है. आक्चुयल मे तू तो जानती है कि डॅड मुझसे थोड़ा गुस्सा रहते है......

सिमरन - तो ठीक है आप एकता को मेरे रूम मे ही पढ़ा लेना.... मैं डॅड को संभाल लूँगी..... ओके?

सिमरन'स ब्रदर - अरे नही यार..... तू मेरी प्यारी बहन है. तेरी नींद क्यू खराब करूँगा भला मैं. उसे तो मैं अपने रूम मे ही पढ़ा लूँगा..... बस तू डॅड को संभाल लियो......

सिमरन - बड़ा प्यार आ रहा है मुझ पे....... लेकिन चलो तुम भी क्या याद करोगे कि किसी रईस से पाला पड़ा है. मैं डॅड को संभाल लूँगी.....

सिमरन'स ब्रदर - वूव्ववव........ थ्ट्स लाइक माइ स्वीट सिस्टर..... मुआअहह

"पहली बार मेरे भाई ने मुझे हग किया और गाल पर किस किया. उसकी मजबूत बाँहो मे जैसे मे पिघल ही गयी थी. मेरे बूब्स उसकी छाती मे गढ़ गये थे. लेकिन उस टाइम मे इतनी बोल्ड नही थी तो चुप चाप भाई से अलग हो गयी. मेरा भाई बहुत हॅपी था और उससे अपनी खुशी हजम नही हो रही थी"

सिमरन ये सारी स्टोरी प्रीति को जैसे सुना रही थी तो प्रीति का चेहरा भी लाल होता जा रहा था.

प्रीति - " फिर क्या हुआ दीदी....... बताओ ना."

सिमरन - " बताती हू लेकिन तू बिना बियर के क्यू बैठी है. जा फ्रीज़ से और ले ले......"

प्रीति - " सच मे दीदी आपने तो मेरे दिल की बात छीन ली....... दिल कर रहा है कि बियर पीती रही हू और आपकी ये रियल लाइफ स्टोरी सुनती रहू......." प्रीति बेड से उतरते हुए बोलती है.

प्रीति बेड से उतरती है और फ्रीज़ से एक बची हुई बियर ले आती है. उसे खोल कर पीने लगती है.

" आप शुरू करो दीदी...... बताओ मुझे कि क्या हुआ फिर......" प्रीति बेड पर दोबारा बैठते हुए बोलती है

सिमरन -"उस दिन मेरा पूरा ध्यान इसी बात पर लगा रहा कि मेरा भाई कैसे एकता को ये खबर देता है. स्कूल पहुँची तो उनको फॉलो करती रही और मेरा भाई खुद एकता को ढूँढ रहा था. एकता उसे साइन्स लब के पास मिली और वहाँ पर भी उस पीरियड के दौरान स्टूडेंट कम ही होते थे. मेरा भाई उसे एक कॉर्नर मे ले जाता है और फिर जो उनकी कॉन्वर्सेशन हुई वो ऐसे है" -

सिमरन'स ब्रदर- एकता...... माइ स्वीटी एक अच्छी खबर है.

मेरा भाई हॅपी होते हुए उसे बताता है.

एकता - बोलो जल्दी क्या बात है. मुझे जाना है.

एकता का बिहेवियर काफ़ी रूखा था उस दिन.

सिमरन'स ब्रदर - पता है मैने सिमरन को राज़ी कर लिया है तुम्हे घर बुलाने के लिए..... और वो मान गयी है.......

एकता - ऊऊऊओह रेअलल्ल्ल्ल्ल्ल्लययययययी....... आइ लव यू अभिनव........

मुझे आइडिया नही था कि एकता इतनी हॅपी हो जाएगी. वो मेरे भाई से ऐसे लिपट गयी जैसे उसी मे समा जाएगी. उसने अपने जुवैसी लिप्स मेरे भाई के लिप्स पर रख दिए..... जवान मैं भी थी और ये सीन देख कर जो मेरी हालत हुई वो मुझे ही पता है. इसके बाद एकता फिर से बोलना शुरू करती है -

एकता - देखा मैने कहा था न कि वो देखने मे छोटी है लेकिन चुदाई के बारे मे सब जानती है.

सिमरन'स ब्रदर - यार तू हमेशा ग़लत मत समझा कर.... उस बेचारी को तो ये पता है कि तू पढ़ने आ रही है.

एकता - ओये होये मेरे भोले हीरो. वो तुम्हारी बहन है तो तेरे से थोड़ी ना बोलेगी कि बुला ले और चोद दे अपनी गर्ल फ्रेंड को. लेकिन छोड़ो तो आज रात मैं आ रही हू और फिर ढेर सारी मस्ती.

सिमरन'स ब्रदर - बिल्कुल ठीक कहा मेरी जान. आज के बाद तेरी कोई सहेली तेरा मज़ाक नही उड़ाएगी कि तू कुँवारी है.

"और इसके बाद वो दोनो अलग हो गये. मैं एक कच्ची जवान लड़की थी. ये सारी बाते सुनकर पागल हुए जा रही थी लेकिन इस एज मे लड़की अपने दिल की बात किसी से शेअर नही करती है. "

सिमरन भी पूरे दम के साथ अपनी आप बीती सुना रही थी. अब सिमरन की बियर ख़तम होती है तो वो भी एक और लेने के लिए फ्रीज़ के पास जाती है.

" श शिट. अभी पूरी रात बाकी है और बियर भी ख़तम......" सिमरन दूख मनाती हुए बोलती है.

" दीदी पहले ये जो एक मिली है इसे तो पी लो. और बताओ ना कि फिर क्या हुआ....." प्रीति फिर से ज़िद करते हुए बोली.

" तो सुन..... हम दोनो स्कूल से आ गये... मेरा भाई बहुत हॅपी था उस दिन.... और होना भी चाहिए क्यूंकी आख़िर उसकी लाइफ मे वो होने जा रहा था जिसका इंतेज़ार सभी को होता है जवानी मे...." सिमरन अपनी बियर खोल कर फिर से शुरू करते हुए बोली.

प्रीति -" ओके.... फिर क्या हुआ......"

सिमरन -" उस दिन आफ्टरनून मे डॅड ने मुझे एक फंक्षन मे ले जाने के लिए बोले. मेरे पास एक येल्लो सूट हुआ करता था जो कि मैने पिच्छले एक साल से नही पहना था. मैने आज वो ही पहन ने का फ़ैसला किया लेकिन उस दिन पहना तो मुझे अहसास हुआ कि लड़की का शरीर कैसे बदलता है. मेरे बूब्स जैसे उसमे समा ही नही रहे थे. खैर जैसे तैसे अपने उभरते हुए बूब्स को दुपट्टे से छुपाया लेकिन क्लीवेज बहुत ज़्यादा था."

प्रीति - " मैं समझ सकती हू....... आपकी बॉडी है ही ऐसी.... एक दम हॉट........ आप आगे बताएए......" प्रीति पर भी रात का और बियर का पूरा असर हो रहा था.

सिमरन -" लाइट मेक अप और स्ट्रेट हेर थे मेरे उस दिन...... स्लीवलेस सूट, उभरते बूब्स और पॅडेड ब्रा, शायद लड़की कुच्छ अलग ही लग रही थी मैं. शौक मे आकर हाइ हील सॅंडल्ज़ पहने और अपने रूम से बाहर निकली और लड़खड़ा कर गिर पड़ी....... अनफॉर्चुनेट्ली मेरा भाई सामने ही खड़ा था. जवानी का वो रूप शायद उसने मुझमे तो क्या शायद कहीं भी नही देखा होगा. अपनी जवान होती बहन के गले को जो सही से नही देख पाया था, उस दिन उसने वो देखा जिसके लिए बाय्स सबसे ज़्यादा मरते है यानी कि बूब्स. मैं गिरी ही ऐसे तरीके से थी कि मेरे अनटच बूब्स उसकी आँखो से हट ही नही रहे थे."

प्रीति - " क्या आपने तो कतल ही कर दिया लगभग अपने भाई का....... फिर क्या हुआ......... जल्दी बताओ..... ये लो ये बियर भी ख़तम हो गयी........ रात तो अभी शुरू भी नही हुई...." प्रीति भी थोड़ी अपसेट हुई अपनी बियर की खाली कॅन देख कर....

सिमरन उसके करीब जाकर फिर से उसे एक मस्त वाला लिप किस करती है. प्रीति भी उसे स्ट्रॉंग होल्ड करके किस करती है. कुच्छ मिनिट के बाद दोनो के होंठ फिर से अलग होते है.

प्रीति का चेहरा बिल्कुल लाल हो चुका था.

" तू टेन्षन क्यू लेती है...... बियर चाहिए.....?" सिमरन प्रीति की आँखो मे देखते हुए बोलती है.

" दीदी पूरी रात बाकी है और आज तो मे पूरी रात जीना चाहती हू......" प्रीति भी मदहोशी वाली बाते कर रही थी.

" तो सामने जा और मेरे भाई के रूम से लेकर आ जा............" सिमरन प्रीति को सजेस्ट करती है

" दीदी प्लीज़ आप ही ले आओ ना...... " प्रीति सिमरन से रिक्वेस्ट करती है.

" आबे तुझे तो अब सारी कहानी पता है. मैने बियर पी है और मेरा भाई भी कुच्छ ना कुच्छ पी ही रहा होगा...... मैं नही चाहती कि मैं वहाँ जाउ और पूरी रात तू मेरा इंतेज़ार करती रहे....." सिमरन की बात मे दम था.

" तो सच मे मैं जाउ........?" प्रीति क्वेस्चन भरी निगाहो से पूछती है.

" जा ना, टेन्षन क्यू लेती है...... " सिमरन प्रीति को हॉंसला देती है.

प्रीति रूम से बाहर निकलती है और धीरे धीरे अभिनव के रूम की तरफ बढ़ती है. रूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था तो प्रीति उसे नॉक करती है -

" कम इन......." अंदर से आवाज़ आती है.

प्रीति डोर खोलती है और अंदर देखती है. अंदर सिमरन का भाई सिर्फ़ बनियान और शॉर्ट मे चेर पर बैठे हुए स्मोकिंग कर रहा था.

प्रीति गेट पर खड़े होकर एक स्माइल के साथ पूछती है -

" सॉरी भैया लेकिन कुच्छ बियर्स मिलेंगी....... सिमरन दीदी की ख़तम हो गयी है......" प्रीति मुस्कुराते हुए पूछती है. उसकी शर्ट मे उसका क्लीवेज भी विज़िबल था.

एक बार को तो सिमरन का भाई शॉक्ड ही रह गया… हालाँकि उसने आते हुए भी प्रीति को देखा था लेकिन अब नशीली आँखो को देख कर और ज़्यादा हैरान हो गया-

“ क्या सिमरन ही बियर पी रही है……? आँख तो तुम्हारी भी कह रही है कि बियर तुमने भी पी है…….” सिमरन का भाई बोलता है

“ आँखो को अच्छा पढ़ लेते हो भैया…… मैं भी कोई बच्ची नही हू सो मैने भी पी ली है….” प्रीति भी स्टाइल मे बोलती है.

“ ठीक है फ्रीज़ से ले लो…..” सिमरन के भाई की निगाहे प्रीति से हट नही रही थी.

प्रीति आगे बढ़ती है और रूम के कॉर्नर मे रखे फ्रीज़ को खोलती है. झुकने से उसकी लो वेस्ट जीन्स और लो हो जाती है. उसकी पिंक पैंटी की स्ट्राइप भी दिखने लगती है. प्रीति 2 बियर निकालती है और रूम से बाहर जाने लगती है.

“ क्या 2 बियर काफ़ी है……?” सिमरन का भाई प्रीति से पूछता है.

“ अगर ज़रूरत होगी तो दोबारा आ जाउन्गि ना भैया…………..” ये बोलते हुए मस्त तरीके से अपनी गान्ड को मटकाती हुई रूम से बाहर चली जाती है.

प्रीति फिर से सिमरन के रूम मे आ जाती है और बिना टाइम वेस्ट करे अपनी बियर खोलती है और पीने लगती है और एक बियर सिमरन को दे देती है.

“ हाँ तो दीदी आगे बताइए ना कि क्या हुआ जब आप गिर पड़ी……… रहा नही जा रहा सुने बिना…..” प्रीति और भी एग्ज़ाइटेड होते हुए बोली.

“ उस दिन मेरे भाई को मुझसे बहुत ज़रूरी काम था तो मेरे लिए केरिंग भी बहुत था….. दूसरी तरफ मेरे सूट ने उसे हिंट दे दिए थे मेरे कुवर्व्स के बारे मे…… वो मेरे पास आया और अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया…… काफ़ी अलग सीन था ये……. अपने भाई के हाथ मे जब उस दिन मैने हाथ दिया तो ऐसे लगा कि मेरा हाथ मेरे भाई ने नही बल्कि मेरे बॉय फ्रेंड ने पकड़ा हो……… मैं उठी और सूट टाइट होने की वजह से और गिर कर उठने की वजह से मेरी साँसे उपर नीचे हो रही थी….. दुपट्टा नीचे ही गिरा रह गया था तो सूट से मेरे बूब्स छुपाये नही छुप रहे थे……..” सिमरन अपनी एक और बियर खोल चुकी थी.

“ ओह्ह्ह दीदी….. बताइए ना कि फिर क्या हुआ……..” प्रीति भी बहुत गरम होती जा रही थी.

“ मेरा भाई खुद नीचे झुका और मेरा दुपट्टा उठा कर मुझे ऊढाया……… उसे ऊढाने के लिए मेरा भाई मेरे साइड मे आया और मेरे करीब आकर दुपट्टा ऊढाने लगा……… वो मेरे बहुत करीब था. तभी मुझे अहसास हुआ कि साइड मे कुच्छ चुभ रहा है…. ओह माइ गॉड…… मेरी तो जैसे साँसे ही रुक जाती उस दिन क्यूंकी ये समझते हुए मुझे टाइम नही लगा कि मेरे भाई का लंड खड़ा हो चुका था. तब तक मैं कच्ची कली थी, लंड को देखा भी नही था. बस सुना था, लेकिन एक मामूली से टच ने मेरी पूरी बॉडी को रोमांचित कर दिया………” सिमरन भी खुद बताते बताते बहक रही थी.

“वाउ दीदी….. वॉट आन एनकाउंटर वित ब्रदर’स कॉक……… एनीवे आगे बताइए………” प्रीति पूछती है.

“ मेरी हालत खराब हो चुकी थी….. अगर मैं वहाँ रुकती तो पता नही क्या हो जाता. मेरे पाँव खुद मजबूर होकर आगे बढ़ने लगे…… और मैं घर से बाहर चली गयी. वो एक ऐसा दिन था जब मुझे बस होश नही था…… हाँ मे घर से बाहर थी लेकिन बस मेरी बॉडी ही बाहर थी वरना मेरा मन तो मेरे घर पर ही था….” सिमरन अब अपनी टी-शर्ट उतार रही थी. शायद वो ज़्यादा गरम हो रही थी.

“ गुड दीदी…. फिर क्या हुआ, आप कब वापिस आई घर पर…….?” प्रीति फिर से एग्ज़ाइट्मेंट मे पूछती है

“ मुझे घर आते आते ईव्निंग हो गयी थी…. मैं घर आई तो जैसे मेरा सर बहुत भारी था और बुखार जैसा फील हो रहा था. मैं आई और अपने रूम मे आकर लेट गयी. लेट ईव्निंग मे मेरे भाई ने ही मुझे जगाया……… उसने मुझे चाइ भी दी…… सच मे समझ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है…. उस दिन मैं गरम पानी मे नहाई तो थोडा चैन मिला……… रात करीबन 9 बजे मेरा भाई फिर से मेरे पास आया और बोला कि एकता नीचे आ चुकी है और मुझसे रिक्वेस्ट की कि उसे उपर लेकर आ जा नही तो डॅड बहुत सारे सवाल करेंगे………..” सिमरन बोलती जा रही थी. इस टाइम वो बस ब्रा पहन कर बैठी थी.

“ तो फिर आप नीचे गयी तो क्या हुआ……..?” प्रीति अपनी आँखो को बड़ा करते हुए पूछती है.

“ मैं उसकी बात मान कर नीचे गयी… घर के मेन डोर से बाहर निकली और थोड़ी ही दूरी पर खड़ी थी वो……… माइ गॉड उसे देख कर अहसास हुआ कि सेक्सी लड़की क्या होती है. कसम से उसके उस रूप को मैं कभी नही भूल सकती…… उसको देख कर तो मेरी भी बॉडी मे कुच्छ होने लगा था. सेक्सी से भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी वो कसम से……. उसने एक शॉर्ट टॉप पहना था और लो वेस्ट जीन्स, उसने बाल स्ट्रेट किए हुए थे और बूब्स की लाइन टी-शर्ट से बाहर आ रही थी.

मैं उसके पास पहुँच गयी और उसे हग किया….. और उसने भी मुझे हग किया. उसकी बॉडी से उठती खुसबु मुझे आज भी याद है. उस दिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे की शायद वैसे तो मेरे भाई की वाइफ भी बन कर नही आ पाएगी………..” सिमरन एक ही झटके मे अपनी आधी बियर
और पी गयी.

“ देखा लड़की के गट्स को दीदी………….. बताओ ना आगे क्या हुआ…..?” प्रीति फिर से पूछती है.

“ मैं उसे अंदर लेकर आई और जैसे ही उपर पहुँची तो जैसे मेरा भाई तो उसे देख कर बेहोश ही हो गया……… और होता भी क्यू नही…….. मास्टरपीस बन कर जो आई थी वो. मेरे ही सामने दोनो ने एक दूसरे को हग किया… मुझे लगा कि कुच्छ पल के लिए तो वो मेरे रूम मे आएँगे लेकिन दोनो मेरी तरफ देखे बिना ही भाई के रूम मे चले गये…………” सिमरन की साँसे ये बाते बताते हुए और भी तेज हो रही थी.

“ इतनी जल्दी चले गये अपने रूम मे…… तो क्या उन्होने काम शुरू कर दिया……..” प्रीति फिर से पूछती है.

“ काफ़ी टाइम मैने इंतेज़ार किया लेकिन कोई बाहर नही निकला, मेरे सर का दर्द बढ़ता जा रहा था…….. ना चाहते हुए भी लग रहा था कि पता नही वो दोनो क्या कर रहे होंगे अंदर…….. जब मेरे कंट्रोल से बाहर हो गया तो मैने गेट को नॉक करा. गेट लॉक नही था लेकिन बंद था, मैने धीरे से खोला तो देखा की वो चुड़ैल एकता बेड पर बैठी सिगरेट के स्मोक को हवा मे उड़ा रही थी और मेरा भाई उसकी गोद मे सर रख कर बैठा था. उसको स्मोकिंग करते हुए देख कर अजीब लगा लेकिन वो जिस टाइप की लड़की थी तो समझ आ रहा था कि आज रात वो बस एंजाय करने के मूड मे है…….. जब दोनो का ध्यान मेरी तरफ नही गया तो मैने एक बार खांसने की कोशिश की….. मेरा भाई मुझे देख कर उठ कर बैठ गया और बुक हाथ मे ले ली लेकिन वो बिच अभी भी स्मोकिंग ही कर रही थी. उसके उपर कोई फ़र्क नही पड़ा……….” सिमरन सीरीयस भी हो रही थी और उस एकता के लिए जेलस उसके चेहरे पर दिख रहा था.

“ फिर क्या हुआ दीदी… बताओ ना जल्दी………” प्रीति का ध्यान बस यही जान ने पर था कि आगे क्या हुआ.

“ मेरे भाई ने मुझसे पुछा कि क्या बात है तो मैने कहा कि मुझे नींद आ रही है और मैं सोने जा रही हू, अगर कुच्छ चाहिए तो अभी बता दो……. लेकिन मेरे भाई ने कहा कि कुच्छ नही चाहिए और तू जाकर सो जा……… मैं बाहर आ गयी, लेकिन मेरी आँखो मे नींद दूर दूर तक नही थी. मैं बाहर आकर गेट के साइड मे ही खड़ी हो गयी……. दरवाजे की झिर्री मे से फिर देखना शुरू किया तो अगली आवाज़ एकता की थी –

एकता –“ देखा कैसे जासूसी करती फिर रही है…….”

मी ब्रदर –“ अब तू शक करना बंद कर……”

एकता –“ तुम मानो चाहे मत मानो, ज़्यादा दिन चुदे बिना नही रह पाएगी ये……. एक लड़की हू मैं और पहचान सकती हू……….”

मी ब्रदर –“ तू ये सब टेन्षन ना ले और आजा मेरी बाँहो मे आजा……………..”

“और यहाँ से उन दोनो की रास लीला शुरू हो गयी……. एकता आगे बढ़कर मेरे भाई को गालो को पकड़ती है और अपने लिपस्टिक लगे होंठ उसके होंठो पर रख देती है…………. मुआााहाहहह…..उसने ऐसा किस किया कि मेरे भाई के होंठो से तो जैसे खून ही निकल जाता….. अब मेरा भाई भी तेश मे आ गया और उसने एकता के बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींचे और…..उफफफफफफफफफफ्फ़………..” खुद सिमरन की बताते बताते चूत पानी छोड़ने लगी थी. और उसकी आवाज़ बहुत हकला रही थी अभी.
प्रीति की भी हालत खराब थी. वो सिमरन के बहुत करीब आकर उसके बूब्स पर हाथ फिराने लगती है और पूछती है – “ बताओ ना दीदी की फिर क्या हुआ……

"उस दिन मैने महसूस किया कि जवानी क्या चीज़ होती है और उसे संभालना कितना मुश्किल है. अभी सिर्फ़ एकता ने मेरे भाई के होंठो को चूसा था और मुझे ऐसा फील होने लगा था कि जैसे मेरे शरीर को कुच्छ चाहिए लेकिन क्या चाहिए ये नही पता था.

एकता की बॉडी लॅंग्वेज मेरे लिए ऐसी थी जैसे कि अगर मुझे पता भी चल जाए कि उसकी चुदाई हो रही है तो उसपे कोई फ़र्क नही पड़ेगा. बहुत ही डिफरेंट और बोल्ड लड़की थी वो."

" उफ़फ्फ़ दीदी बताओ ना कि आगे क्या हुआ......" प्रीति की आवाज़ मे कंपन्न थी.

" मैं अंदर का सीन देख कर फुल हॉट हो रही थी लेकिन कर भी नही सकती थी कुच्छ और. उस दिन मैं समझ गयी कि कोई भी जवान लड़का या लड़की ऐसे सीन को देख कर नही रुक पाएगी. एकता अपनी फॉर्म मे आ रही थी लेकिन जैसे मेरा भाई अभी अनाड़ी की तरह पेश आ रहा था. एकता एक पल के लिए अपने होंठ हटाती है, अपने बाल पीछे करती है और फिर से अपने होंठ मेरे भाई से चिपका देती है."

" वॉवववव......." प्रीति का खूद का हाथ अपने बूब्स पर पहुँच गया था.

" मेरे भाई ने भी अब एकता के होंठ चूसने शुरू कर दिए थे. ये शायद उन लोगो के लिए वॉर्म अप राउंड था तभी तो दोनो ने अभी तक कपड़े नही उतारे थे. उनका ये वॉर्म अप राउंड मुझे बहुत भारी पड़ रहा था लेकिन कंट्रोल कर रही थी. किस्सिंग के दौरान ही मैने देखा कि एकता मेरे भाई का सीधा हाथ पकड़ती है और उस को अपने बूब्स पर रख देती है. उसकी बोल्डनेस देख कर मैं हैरान हो रही थी लेकिन साथ ही ये देख कर भी हैरान थी कि लड़की मस्त है और एंजाय करने के लिए वो कुच्छ भी करेगी. एकता की पीठ मेरी तरफ थी लेकिन मुझे सॉफ अहसास हो रहा था कि मेरा भाई उसके बूब्स बढ़िया तरीके से दबा रहा है. दोनो के होंठ एक दूसरे से गूँथे हुए थे लेकिन फिर भी एकता के मूँह की सिसकारियाँ सांसो मे महसूह हो रही थी."

" डीडीिईईईईईई.......बताती जाओ प्लीज़........" प्रीति भी मस्ती मे अपनी आँखे बंद कर चुकी थी.

" कुच्छ मिनट के बाद दोनो के होंठ अलग हुए तो मैने देखा कि मेरे भाई के होंठो पे अलग शाइन थी और हो भी हो क्यू ना, इतने सॉफ्ट और पिंक लिप्स जो चूस रहा था वो. लिप्स अलग होने के बाद एकता अपनी टी-शर्ट खुद ही उतारने लगती है. उसको देख कर मेरा भाई भी टीशर्ट उतार देता है. मेरे भाई ने टीशर्ट के नीचे कुच्छ नही पहना था, उसकी चेस्ट पर हल्के हल्के बाल आए हुए थे, मेरी पूरी बॉडी मे झन झन हो रही थी और कान लाल हो रहे थे ये सब देख कर. क्यूंकी एकता की पीठ मेरी तरफ थी तो सिर्फ़ उसकी ब्रा की स्ट्राइप ही मुझे दिख रही थी लेकिन ब्रा की स्ट्राइप से मुझे आइडिया लग रहा था कि आगे बूब्स काफ़ी टाइट पॅक्ड है. उसके बाद एकता मेरे भाई से बोलती है -

एकता - अब कुच्छ तुम भी उतारो..... क्या मैं ही सब उतारू....

शायद एकता का इशारा अपनी ब्रा की तरफ था.

" मेरा भाई ये बात सुनकर अपना हाथ आगे बढ़ाता है और उसकी पीठ के पीछे ले आता है. मैं काफ़ी रोमांचित हो रही थी ये जान कर कि कुच्छ ही टाइम बाद मेरी भाई की नंगी चेस्ट एकता के बूब्स से टकराने जा रही है. मेरा भाई ब्रा का हुक दोनो हाथो से खोलता है, और बहुत ही स्लो मोशन मे उसको ब्लॅक ब्रा को उसकी बॉडी से अलग कर देता है. ब्रा अलग करने के बाद एक पल के लिए मेरा भाई एकता के बूस की तरफ देखता है और बोलता है -

माइ ब्रदर - पता है सबसे पहले तो मैं तेरे बूब्स पर ही मर मिटा था.

एकता - लड़को को इतने पसंद होते है बूब्स????

माइ ब्रदर - तेरा दिखाने का स्टाइल ही इतना मस्त है. स्कूल मे डीप नेक शर्ट, डीप नेक टॉप. सब लड़को की नीयत खराब कर रखी थी तूने, मैं लकी हू जो तेरे जैसा माल मिला.

एकता - हा हा हा हा. एक से एक मस्त बूब्स वाली लड़कियाँ है स्कूल मे. सिमरन को ही लो, ऐसा लगता है कि पत्थर है अंदर. "एकता के मूँह से ऐसी बात सुन कर मैं शॉक्ड हो गयी. मैं तो हमेशा पूरा बदन ढक कर स्कूल जाती थी.लेकिन मैं अपने भाई के रेस्पॉन्स का वेट करने लगी...

मी ब्रदर - यार अभी वो इतनी बड़ी नही है. मुझे.... मुझे नही लगता कि अभी सही से उसकी बॉडी डेवेलप भी हुई है....

एकता - भाई स्कूल मे है तो और बेचारी क्या करे. उपर से नीचे तक ढक कर आती है, एक बार तुम बाहर गये ना तो देखना की स्कूल मे क्या माहौल करती है वो..

" मैं शॉक्ड थी कि वाकई मे मैं जवान हो चुकी थी लेकिन मेरे भाई को ते लगता था कि अभी तो मैं डेवेलप भी नही हू. उससे समझदार तो मुझे एकता ही लगी जिसने ऐक्सरे आइज़ से मुझे पहचान तो लिया....."

" देखा इसीलिए ये लड़किया भी मर जाती है क्यूंकी हम जब तक भोले बने रहते है तो नज़रो मे ही नही आते..... एनीवे आगे बताओ" प्रीति भी सिमरन की बात से सहमत होती हुई बोलती है.

" मेरा भाई थोडा से नीचे झुका और और अपना मूँह एकता के बूब्स पर रख देता है.... ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह......... ऐसी सिसकारी निकली एकता के मूँह से कि अगर मैं सच मे सो भी रही होती तो जाग जाती. यहाँ से उनका वाइल्ड बेड गेम स्टार्ट हो गया था. मेरा भाई उसके बूब्स को चूस रहा था और मेरे बॉडी मे जैसे करेंट दौड़ रहा था. मेरा भी दिल कर रहा था कि काश कोई मेरे भी बेड रूम मे आए और मुझे प्यार करे लेकिन ये दुनिया लड़कियो को ये सब खुशियाँ नही देती. मेरे हाथ खुद ही अपने बूब्स पर पहुँच गये और अपने एक हाथ से मैं अपने बूब्स खुद ही प्रेस करने लगी थी." सिमरन का चेहरा इतना सुनाते हुए पूरा लाल हो रहा था.

प्रीति उसकी जीन्स की बेल्ट खोलती है और धीरे धीरे उसकी जीन्स को नीचे करती है और पूछती है -

" फिर क्या हुआ दीदी........."

" उफफफफ्फ़..... प्रीति क्या बताऊ. उपर वाले ने जो ताक़त दी मुझे उस दिन मैं बहुत हॅपी हू नही तो अंदर घुस कर उस एकता को घर से बाहर भगाती और अपने भाई से कहती कि आ मुझे प्यार कर लेकिन मैं काफ़ी शरीफ समझी जाती थी तो चुप रही........ एकता के एक बूब्स को मेरा भाई चूस रहा था और दूसरे बूब्स को एकता खुद प्रेस कर रही थी. उसकी सिसकारियाँ मेरे सर मे दर्द कर रही थी. उफफफफफफ्फ़.....औचह....हईीई......... मर गाययईीीईईईई........ बस यही साउंड आ रहे थे. मैं इतना तड़प रही थी कि कुच्छ समझ नही आ रहा था. मैने भी अपनी टीशर्ट उतारी और बस ब्रा मे ही खड़ी होकर अपने बूब्स प्रेस करने लगी. मैं उनकी आक्टिविटीस को रेग्युलर देख रही थी. काफ़ी देर तक ऐसे ही चला और फिर एकता मेरे भाई को उसकी जीन्स की तरफ इशारा करती है, शायद वो कहना चाहती थी कि उतार दो इसे. मेरा भाई उसकी लो वेस्ट जीन्स की बेल्ट को खोलता है, एकता खड़ी होती है और एक झटके मे उसकी जीन्स को नीचे खींच लेता है. उसकी गान्ड मेरे साइड मे थी जिसमे उसकी पैंटी अंदर घुसी हुई थी. लेकिन मस्त बॉडी की मालकिन थी वो भी........" सिमरन जी साँसे भी अब उखड़ रही थी ये सब प्रीति को सुनाने मे.
" एकता ने तो उतार दी प्लीज़ आप भी उतारो ना..... देखु तो आज कौन सी पैंटी पहनी है आपने......?" प्रीति भी सेक्सी आइज़ के साथ सिमरन की आँखो मे देखती हुई बोलती है.

" बहुत नॉटी है तू....." सिमरन ये बोलकर अपनी जीन्स भी उतार देती है. उसकी पैंटी की तरफ प्रीति ऐसे देखती है जैसे कोई लड़का देख रहा हो.

" वाउ..... फ्लॉरल.... चाय्स जबरदस्त है आपकी...." प्रीति उसकी पैंटी को टच करते हुए बोलती है.

" बहुत खूब..... चल आग आगे सुन नही तो रात का टाइम बढ़ता जा रहा है....." सिमरन पैंटी मे नीचे बैठते हुए बोलती है, और नीचे बैठ कर फिर से बोलना शुरू करती है.

" मेरा भाई उसकी जीन्स उतरता है तो पैंटी वो खुद उतार देती है. मेरा भाई उसको ऐसे देख रहा था जैसे वो कोई गोल्ड से बनी है. मैं उस टाइम अपनी ब्रा मे खुद अपने बूब्स दबा रही थी लेकिन उसको देख कर आत्मा जल रही थी. खैर अब एकता बिल्कुल नंगी हो चुकी थी, मैं काफ़ी आश्चर्य मे थी कि पहली बार मे ही वो लड़की कितनी कंफर्टबल थी. मेरा भाई बेड पर बैठा हुआ था, और एकता उसके सामने लेट जाती है. पहले उसकी टांगे मिली हुई थी लेकिन धीरे धीरे वो अपनी टांगे फेला लेती है. मेरा भाई तो जैसे पत्थर की मूर्ति ही बन गया था, आख़िर वो साली बिच चूत दिखा ही ऐसे तरीके से रही थी....." सिमरन अपने चेहरे पर गुस्से वाले एक्सप्रेशन लाते हुए बोलती है.

" तो आप भी उतार कर दिखाओ ना कि कैसे दिखाया उस एकता ने अपने माल को....." प्रीति सिमरन की फ्लॉरल पैंटी को नीचे खींचते हुए बोलती है.

सिमरन भी उसे सपोर्ट करती है. थोड़ी ही देर मे उसकी पैंटी बाहर थी. प्रीति देख कर शॉक्ड थी कि सिमरन की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी. प्रीति उपर आराम से हाथ फिराती है और अपनी एक उंगली को सिमरन की चूत मे घुसा देती है.

" आईयाीईईईईईईईईई......... प्रीति क्या करेगी आज रात य्ाआआआआअरर्र्र्ररर.........." सिमरन भी अपनी टांगे फेला कर सिसकारियाँ ले रही थी.

" ये सब आप मुझ पर छोड़ दीजिए. आप बस ये बताइए कि फिर क्या हुआ........" प्रीति अपनी फिंगर को अंदर बाहर करते हुए बोलती है.

" एकता अपने एक हाथ को अपने मूँह के पास ले जाती है और अपनी एक फिंगर को अपने मूँह मे ले जाकर थूक मे भिगाती है और फिर अपनी चूत मे ले जाती है. कसम से उसकी चूत क्या चूत थी बता नही सकती ......." सिमरन का चेहरा बिल्कुल लाल था इस टाइम.

" आपकी से मस्त नही होगी........ खैर प्लीज़ आप चुप ना होइए और मुझे आगे बताइए" प्रीति अभी भी उसकी चूत मे उंगली घुसा रही थी.

" एकता की ये अदाए मेरा भाई एक बंदर की तरह देख रहा था. फिर एकता अपने हाथ को अपनी चूत से बाहर निकाल कर अपने बॅग को उठती है और उसमे से एक छोटी सी बॉटल निकलती है. मैं देखना चाहती थी कि आख़िर क्या प्लान है उसका. मैने भी अपनी जीन्स खोलनी शुरू कर दी थी. पता नही कैसे मुझमे इतनी हिम्मत आ रही थी कि मैं खुले आम गॅलरी मे खड़े होकर वो सब कर रही थी. उस छोटी बॉटल को एकता अपनी चूत के पास ले जाती है और धीरे से उसमे से कुच्छ अपने पेट पर और कुच्छ अपनी चूत पर गिरा देती है..... मैं अब भी समझ नही आई थी कि आख़िर वो क्या चाहती है. खैर थोड़ी देर बाद ही सब क्लियर हो गया क्यूंकी मेरा भाई झुका और पहले उसके पेट को चूमने लगा. एकता तो मस्त हो चुकी थी, क्या क्या ट्रिक जानती थी वो कि रियल सेक्स लाइफ क्या है. एकता की आँखे बंद हो चुकी थी और उसके सपाट पेट को चूमते चूमते चूमते मेरा भाई आगे बढ़ रहा था. मुझसे भी उस टाइम नही रहा जा रहा था तो मैने भी जीन्स को अपनी बॉडी से अलग करके अपने साइड रूम मे फेंक दिया और अपनी पैंटी टाँगो से उतार दी........ मुझे आज तक यकीन नही होता कि उस दिन मैं गॅलरी मे नंगी खड़ी थी और उनके तमाशे को देख रही थी. जैसे ही मेरा भाई एकता की चूत पर पहुँचा तो एकता एक दम वाइल्ड रूम मे आ गयी और सर को पीछे की तरफ पटाकने लगी. उसकी फिंगर्स पर लगा नेल पैंट मुझे क्लियर दिखाई दे रहा था जिनसे वो बेड शीट को कस कर पकड़े हुए थी - वो ऐसी आवाज़े निकाल रही थी कि सक्क्क मी पुसीयियी डियर....... उसकी आवाज़े मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी."

" क्या हुआ अगर आप अकेली थी तो आज ये तमन्ना मैं पूरी कर देती हू. बस आप स्टोरी कंटिन्यू रखो....." ये बोलकर प्रीति खुद नीचे झुकती है और अपनी जीभ सीधी सिमरन की चूत मे घुसा देती है.

"वववओूऊऊ....ह्म्*म्म्मममममममम......... प्रीईएटीईईईईईईईईई..... आईसीए..... कैसे कहानी सुनौऊूउ......" सिमरन के बड़ा ही मुश्किल था अब स्टोरी को कंटिन्यू रखना.

प्रीति एक बार फिर से उसकी चूत से अपना मूँह हटाती है और बोलती है -

" दीदी एक ही रात है और इसमे मैं जान ना चाहती हू कि कैसे आपके और आपके भाई के फिज़िकल रीलेशन बने....... अगर आप इस सिचुयेशन मे नही बता सकती तो हम थोड़ी देर रुक जाते है...... क्यूँ क्या कहती हो?" प्रीति सिमरन से पूछती है.

" कह तो सही रही है लेकिन बियर फिर से ख़तम हो गयी और तूने मेरी चूत की आग और भी भड़का दी है....... एक काम कर मेरे भाई के रूम मे एक बार और जा और फिर से कुच्छ बियर लेकर आ जा." सिमरन खुद ही अपनी चूत पर हाथ फिराते हुए बोलती है.

" लेकिन कहीं भैया सो तो नही गये होंगे.......?" प्रीति पूछती है.

" जवान लड़के कभी नही सोते रात मे...... और जवान लड़की की खुसबु से ही उनकी नींदे उड़ जाती है. तू जा जल्दी से और लेकर आ जा......" सिमरन फिर से प्रीति से रिक्वेस्ट करती है.

प्रीति उसकी बात को मानते हुए रूम मे बाहर निकलती है और फिर से एक बार सिमरन के भाई के डोर पर जाकर ऐसे खड़ी हो जाती है कि उसकी पतली कमर और बाहर आते बूब्स देख कर कोई भी पागल हो जाए.

भैया.........." बहुत ही स्लो वाय्स मे प्रीति सिमरन के भाई को आवाज़ लगाती है जो कि अभी तक भी सोफे पर बैठा हुआ था अपने रूम मे.

सिमरन का भाई मूड कर देखता है तो प्रीति को इस हालत मे देख कर जैसे पागल हो जाता है लेकिन अपने उपर कंटर रखता है. शायद उसे ये भी नही पता था क़ि प्रीति को पता है सिमरन और उसके बारे मे.

" क्या बात है सेक्सी गर्ल...... अब क्या चाहिए......" सिमरन का भाई मुस्कुराते हुए पूछता है.

" थोड़ी सी बियर और चाहिए........." प्रीति नटखट स्टाइल मे बोलती है.

" मैं तो पहले ही समझ गया था कि अब थोड़े मे गुज़रा होने वाला नही है....." सिमरन का भाई अब डबल मीनिंग बात बोल रहा था प्रीति से.

" भैया मैं आज कल की लड़की हू....... थोड़ा शब्द भी अच्छा नही लगता........" प्रीति भी उसको जवाब देती है.

" तो बहुत चाहिए तुम्हे......" सिमरन का भाई प्रीति को उपर से नीचे तक देखते हुए बोलता है.

" येस्स्स्स्स्स्स्स्स.............." प्रीति का ये कहना का तरीका काफ़ी बहका हुआ था.

" तो फ्रीज़ खोलो और ले लो..... और कर लो अपने आप को ठंडा......." सिमरन का भाई हंसते हुए बोलता है.

पता नही इस बात से प्रीति को क्या होता है और वो तेज कदमो के साथ आगे बढ़ती है, फ्रीज़ खोलती है , 2 बियर निकालती है और एक झटके के साथ बंद कर के बाहर आ जाती है.

सिमरन का भाई उसे देखता रह जाता है.

प्रीति फिर से सिमरन के रूम के रूम मे आ जाती है और बियर फिर से देते हुए पुचहति की दीदी जल्दी बताओ आयेज क्या हुआ.

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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

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“उफ्फ्फ प्रीती आगे क्या बताऊ लेकिन तू बस आज ही रात है तो मैं बता देती हु......”
“एकता अपने दोनों हाथो से मेरे भाई के सर के बालो को जैसे उखाड़ने में लगी हुई थी, उसकी चुत पर मेरे भाई के जीभ का अहसास वो झेल नहीं पा रही थी और पुरे वाइल्ड रूप में सिसक रही थी, वो एक ऐसी सिचुएशन थी की वाकई में उस फ्लोर पर सोना बहुत मुश्किल था. बहुत देर तक ऐसा ही चला और फिर मेरा भाई हट गया उसकी चुत से, और अपनी जीन्स उतरने लगा. ये सबसे इंटरेस्टिंग मोमेंट था क्यूंकि उस दिन मैं पहली बार देखने जा रही थी की आखिर लंड कैसा होता है रियल में और क्यों लड़किया इसके लिए पागल होती है......” सिमरन अपनी बियर को पीते हुए इतना बोल जाती है.
” तो बताओ न की कैसा था आपके भाई का.........” प्रीती भी उत्तेजना में पूछती है.
” उसके लंड को देखने से पहले ही मैं अपनी गीली चुत में उँगलियाँ घुमा रही थी, और पहले उसने जीन्स उतरी और फिर अपनी फ्रेंची और जो मैंने देखा तो उससे मेरी चुत में चल रही मेरी ऊँगली रूक गयी थी
माय गॉड....... क्या मोटा और लम्बा....... देख कर बॉडी कम्पनी लगी और ऐसा लगा की जैसे बॉडी में जान ही नहीं है.
मन मैं आ रहा था की अब ये एकता भागेगी यहाँ से. लकिन ऐसा नहीं हुआ एकता उसको देख कर और खुश हो गयी और बोलने लगी “that’s why I like u” एकता यह भी बोली की मर्द की पहचान उसके लंड से होती है जो की मेरे भाई के पास था.
एकता का ये एक्ससिटेमेंट देख कर मैं शॉकेड रह गयी थी. उसकी बारीक सी चुत… कैसे वो मुसल जैसे लंड को लेगी. लकिन एकता अपने घुटनो के बल बैठे हुए ही उस लंड को हाथ में पकड़ती है और मुँह खोल कर उसे अपने मुँह में ले लेती है.
ऐसे इरोटिक सन देख कर मैं पिघलती जा रही थी, एकता के होंठ में शायद हवा की भी जगह नहीं थी क्यूंकि लंड इतना मोटा था. एकता ने मुँह को आगे पीछे करना शुरू किया और मेरा भाई सातवे आसमान पर पहुँच गया.
उसका मुँह आसमान की दिशा में टर्न हो गया और अपने एक हाथ से वो एकता के बालो को पकड़ कर आगे पीछे करने लगा..... मैं कैसे बताऊ प्रीती की आखिर क्या सिन था वो. दिल में एक डर और दिल में एक इच्छा भी ,
ऐसा लग रहा था की पता नहीं उपरवाले ने हमे किस तरह से बनाया है......” सिमरन फिर से मचल चुकी थी लकिन बियर उसके गले को शायद ठंडक पहुंचा रही थी.
” वाओ दीदी क्या सीन होगा..... मैं समझ सकती हु...... लकिन आगे बताओ प्लीज......”
“एकता मेरे भाई के लंड को चूस रही थी और हालत मेरी ख़राब हो रही थी, दिल में डर एक्ससिटेमेंट नर्वस्नेस और बहुत कुछ एक साथ ही हो रहा था. प्रीती तू तो जानती ही है की लड़कियों में कितनी ईर्ष्या होती है, एकता तो मुझे वैसे ही पसंद नहीं थी और ऊपर से वो ऐसे खुले आम मौज कर रही थी तो मेरा दिमाग और ख़राब हो गया…… लकिन मैं कर कुछ भी नहीं सकती की वो मेरे भाई के लंड को चुस्ती रही और मेरा भाई एक्ससिटेड पे एक्ससिटेड होता रहा. अब मेरा भाई भी भूल चुक्का था शायद की उसकी कोई बहन भी है जो उसी के साइड वाले रूम में है और तभी तो वो और तेज तेज सिसकने लगा. एकता भी अपना मुँह आगे पीछे ऐसे कर रही थी की जैसे पता नहीं कितनी स्किल्ड खिलाडी है. लकिन थोड़ी देर बाद उसने मुँह हटा लिया…….”
सिमरन ऐसे एक्सप्लेन कर रही थी जैसे की अभी भी सब उसकी आँखों के सामने हो रहा हो….
“ ओह्ह्ह्ह…… फिर क्या हुआ दीदी……….??” प्रीती को खुद भी अब याद नहीं था की वो कौन से नंबर की बियर पी रही थी
“ फिर क्या….. अब एकता अपनी चुत चटवा चुकी थी और मेरे भाई का लंड चूस चुकी थी….. अब अगला स्टेप तो बस चुदाई था. उस टाइम तक मुझे भी नहीं पता था की आखिर क्या होने जाना है लकिन थोड़ी ही देर में मुझे क्लियर हो गया की क्या होने जाना है क्यूंकि एकता अब डोगी स्टाइल में आ चुकी थी……… वो पीछे मुड कर मेरे भाई की तरफ ऐसे देखती है जैसे की उससे कह रही हो की अब देर मत कर…………. मेरा भाई अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ता है और उसकी चुत पर लगता है…… कसम से ऐसे लग रहा था जैसे की चुदाई एकता की नहीं बल्कि मेरी होने जा रही हो………. मैं सोचने में बिजी थी की एक कचाक की आवाज आती है और एकता की पूरी बॉडी जैसे अकड़ चुकी थी………” सिमरन की आँखे अब और भी लाल हो चुकी थी.
“ तो क्या घुस गया अंदर……….” प्रीती भी अब ओपन वर्ड्स ओपनली यूज़ कर रही की

“अबे वो मुसल तो कहीं भी घुस जाए लकिन बेचारी एकता की चुत सही में फट गयी…………. उसके गले में बस गुण गुण हो रही थी लकिन वो सही से बोल नहीं प् रही थी. उसको कुछ सोचने का टाइम मिलता इससे पहले ही मेरे भाई ने कास कर एक और धक्का लगाया…….. ऐसा लगा की जैसे चुत से होता हुआ लंड उसके मुँह से बहार आ जायेगा…….. मैंने रीलीज़ किया की एकता ने पूरी विल पावर इकट्ठी करके पीछे मुड कर मेरे भाई का विरोध किया लकिन मेरा भाई पता नहीं मस्ती की कौन सी दुनिया में था और वो और कस कस के धक्के लगता रहा और लगता रहा. खचाक्क्क्क खाछक की ऐसी आवाजे आ रही थी की मानो की उसकी चुत में लंड नहीं कोई ट्री घुसाया जा रहा हो…….. क्यूंकि अब उसका चेहरा मेरी साइड था तो मैं देख नहीं सकती थी कितना लंड अंदर जा चूका था…….” सिमरन सुनती जा रही थी.
“ क्या हुआ…. क्या हुआ…. बताओ न……… की आगे क्या हुआ……” प्रीती भी एक्ससिटेड होती बोलती है.
“ मेरा भाई ऐसा हो गया था जैसे की चुदाई के लिए कब से तरस रहा हो……… धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था और एकता की पूरी बॉडी हिलती जा रही थी. एकता के मुँह से बस मुझे आह आह आह आह और बस आह ही सुनाई दे रही थी. जिस तरीके से मेरा भाई पीछे और आगे हो रहा था तो मैं आईडिया लगा सकती थी की कितना बड़ा लंड एकता की चुत में बार बार अंदर जार अहा था और फिर बहार आ रहा था. एकता का चेहरा देखने लायक था मैं खुद भी चाहती थी की उस बीच की ऐसे ही चुदाई हो. लकिन थोड़ी देर में उसके चेहरे पर सटिस्फैक्शन के भाव आ गए थे… मेरे भाई के धक्के भी बहुत स्मूथ हो गए थे…… फुछ्ह फुछ की आवाजे आनी शुरू हो गयी थी और मैं भी अपनी अपनी ऊँगली को तेजी के साथ अपनी चुत में घूमने लगी थी……… मैं किस पोजीशन में थी उस दिन मैं बता नहीं सकती…. उधर मेरा भाई उसकी चुदाई कर रहा था और इधर मैं खुद भी अपनी चुदाई अपनी फिंगर कर रही थी……….. और फिर एक टाइम ऐसा आया की मुझे ऐसा लगा की मैं हवा में हु….. पूरी बॉडी हलकी हो गयी….. सर दर्द सही हो गया…….. प्रीती क्या बताऊ वो मेरा पहला मस्टरबैशन था. मैं अपने होश में आयी ही थी की तभी मेरी अंदर की आवाजों पर ध्यान गया……” सिमरन बताती जा रही थी.
“ क्या हो गया था अंदर………..” प्रीती हैरानी से पूछती है.
“ मैं तो खुद अपने आप का मस्टरबैशन करके मस्ती में थी और दूसरी तरफ इस दौरान क्या हुआ मेरा ध्यान नहीं गया लकिन जब मैं अंदर देखा तो एकता और मेरे भाई के बीच कुछ गरमा गर्मी चल रही थी. एकता बेड पर लेट चुकी थी और मेरा भाई अभी भी घुटनो के बल बैठा था. उसका लंड एक दम तना हुआ था और ब्लड से सना हुआ था. मुझे समझते हुए देर नहीं लगी की वो ब्लड एकता की चुत से ही निकला है…… लकिन मेरा भाई मुझे अपसेट नजर आ रहा था और वो एकता से बात कर रहा था
मेरा भाई –“ ये क्या हुआ…… अभी मैं तो बाकी हु और तुम हो की लेट गयी……”
एकता – यू आर मदरफकर ……. ये कैसे जुंगलियो की तरह कर दिया मेरे साथ……. अपने इस बड़े लंड का मिसयूज करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आई….. हेट यू…….
मेरा भाई –“- साली भाषण मत दे मुझे……लंड को सहने की हिम्मत नहीं है तो क्यों इतना मचल रही थी. अब जल्दी से आ जा नहीं तो जबरदस्ती चोद दूंगा…….
एकता – “डॉन’ट टच में यू बास्टर्ड……… कर दिया न मेरी चुत का तो काम. सही कहती थी सहेलिया की पहली चुदाई किसी भोले भले लड़के से ही अच्छी लगती है न की तुम जैसे जंगली से……..
मेरा भाई -एकता प्यार से मेरी बात सुन ले….. नहीं तो कसम से आज तेरी चुत का बैंड बजा दूंगा……….
एकता - इतनी ही मर्दानगी है तो जाकर अपनी बहन को चोद ले न जो बराबर में सो रही है……… मुझे अब तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना………….
मेरा भाई - तुझसे हिम्मत वाली तो मेरी बहन ही होगी लकिन आज रात तू ही चुदेगी ……………” और इतना बोल कर मेरे भाई ने उसकी दोनों टाँगे पकड़ कर फिर से अपना लंड उसकी चुत में घुसा दिया…… काफी देर तक मेरा भाई उसकी ऐसे ही चुदाई करता रहा और मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था. मैं खुद भी चाहती थी की उसकी ऐसे ही चुदाई हो…….. एकता भी पूरी कोशिश करती रही की वो छुट जाए लकिन मेरे भाई की मजबूत काठी के सामने वो अपना बस नहीं चला पायी और फाइनली दबा कर चुदाई हुई.
कुछ मिनट्स के बाद मेरे भाई ने अपना लावा उसके अंदर डाल दिया और वो शांत हो गया……….. जैसे ही लंड एकता की चुत से निकला वो लड़खड़ते हुए खड़ी होती और अपने कपडे पहन ने लगती है…. मेरा भाई उससे पूछता है –
मेरा भाई - कहाँ जा रही हो

एकता - मैं अपने घर जा रही हु….. मुझे तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना…….
मेरा भाई - सिर्फ एक चुदाई से ही डर गयी……… तुम जैसी झंडू बाम लड़कियों में दम तो होता नहीं तो बॉय फ्रेंड क्यों बनती हो…….
एकता –“ मुझे अपनी चुत की हालत ख़राब नहीं करनी……….. जैसा पहले बताया की ज्यादा शोक है तो अपनी बहन के साथ करो…… मुझ पे जोर मत चलाओ…….
मेरा भाई - साली भागना है तो भाग यहाँ से….. मेरी बहन बच्ची है अभी…… अभी ठीक से बड़ी भी नहीं हुई है वो……… ज्यादा मत बोल अब नहीं तो और भी बुरा हो जाएगा…….
एकता - ठीक है वो छोटी है तो छोटी सही….. मैं तो चली…………….“ और ये बोल कर एकता बहार आने लगती है…… मेरी हालत ख़राब थी क्यूंकि मेरी जीन्स और पैंटी अभी भी फ्लोर पर ही पड़ी थी. डर के मरे मैंने जल्दी में जीन्स उठायी और अपने रूम में भाग गयी. अपने रूम की लाइट बंद करि और फिर से दरवाजे की झिर्री से झांक कर देखा तो देखा की मेरी पैंटी वहीँ रह गयी…….. ओह्ह्ह्ह शिट .
एकता रूम से बहार निकली और सीधा भगति चली गयी……. उसकी चाल में थोड़ी लड़खड़ाहट थी लकिन वो इधर उधर देखे बिना ही भाग गयी…. वो सीधा सीढ़ियों से उतेरी और नीचे जाकर बहार निकल गयी….. मैंने थोड़ा राहत की सांस ली और सोचा की बहार निकलू लकिन तभी मेरा भाई नंगी ही हालत में बहार आता है और सीढ़ियों की तरफ देखता है. वो समझ जाता है की एकता जा चुकी है……. वो फिर से अंदर जाने लगा और मैं चैन की सांस ले ही रही थी की तभी…… तभी उसकी नजर मेरी पैंटी पर पड़ी…… वो आगे बढ़ा….. नीचे झुका और फिर मेरी पैंटी को उठता है. वो इधर उधर देखता है और फिर मेरी रूम की तरफ देखता है….. मेरी तो सच में फट कर चार हो गयी… लकिन क्यूंकि मेरे रूम की लाइट बंद थी वो मुझे देख नहीं सकता था………’ सिमरन विस्तार से बताती जा रही थी.
“ तो फिर क्या हुआ…. भैया को पता चल गया की वो आपकी पैंटी थी…… वैसे आई कैन इमेजिन की आपके भाई के… एक्चुअली बड़े भाई के हाथ में आपकी पैंटी …. ओह्ह्ह सो हॉट….. प्लीज आगे बताओ न…..” प्रीती आगे पूछने के लिए रिक्वेस्ट करती है
“ खैर प्रीती मुझे तब थोड़ी रहत की सांस मिली जब वो अंदर चला गया लकिन पता नहीं क्यों मेरी पैंटी भी अंदर ले गया….मुझे इस बात की कोई टेंशन नहीं थी. खैर वो रात आखिर कट ही गयी और मैं उस रात बहुत हैप्पी थी क्यूंकि उस एकता की मेरे भाई ने इतनी बुरी तरह चुदाई जो कर दी थी… लकिन मुझे थोड़ा अफ़सोस इसी बात का था की मेरे भाई को अभी तक मैं बच्ची नजर आ रही थी….. मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी क्यूंकि मुझे अपनी बॉडी पर शक हो रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे की मैं किसी को भी आकर्षित ही नहीं कर पाऊँगी. लकिन रात में ही मैंने फैसला कर लिया था की अब भाई को दिखाना ही पड़ेगा की आखिर मैं चीज क्या हु….. जब तक भी मेरे दिल में कोई गलत ख्याल नहीं था………” सिमरन की ख़ुशी उसके चेहरे पर दिख रही थी.
“ तो अगले दिन क्या प्लान बनाया आपने…………” प्रीती एक्ससिटेमेंट में पूछती है.
“ मैं ज्यादा कुछ किये बिना बस अपने भाई को ये बताना चाहती थी की एकता से कहीं बढ़ कर हु मैं….. वो इसलिए छायी रहती है क्यूंकि वो छोटे कपडे पहनती है. पूरी रात सोचने के बाद अगले दिन के लिए मैं ीक प्लान बनाया…….” सिमरन प्रीती को बताती है.

“ क्या था वो प्लान मुझे भी बताओ न………..” प्रीती फिर से पूछती है.
“ मैं चाहती तो कोई शार्ट ड्रेस पहन सकती थी , अपने बूब्स दिखा सकती थी और जो आगे हुआ भी लकिन मैं नहीं चाहती थी की मेरे भाई को कोई गलत शक हो मैंने साड़ी पहनने का फैसला किया… साड़ी मैंने उससे पहले वाले टीचर्स डे पर पहनी थी और जाहिर सी बात है की अब मुझे बहुत टाइट आने वाली थी….. साड़ी बहुत ही सिंपल थी जिसमे भाई को भी शक न हो. ब्लाउज थोड़ा सा डीप नैक था और पेटीकोट थोड़ा सा लौ वैस्ट था तो जाहिर सी बात है की वो ही चीज थी जिससे मैं अपने भाई को दिखा सकती थी की आखिर मैं क्या हु………… अगले दिन ऑफ था तो मैंने सुबह उठते ही तैयारी शुरू कर दी….. “सिमरन हर बात विस्तार से बता रही थी.
“ कैसी होगी साड़ी…. ज्यादा बताओ न……” प्रीती क्यूरियस होते हुए पूछती है.
“ तो ये ले वो फोटो आज तक मेरे मोबाइल में है……” सिमरन मोबाइल में सर्च करते हुए फोटो दिखती है.
“ ओह्ह दीदी यू लुक् damn हॉट………. आगे बताओ न की क्या हुआ……….” प्रीती पूछती है.
“मैंने उस दिन पूरी रेडी होकर अपने रूम से ही भाई को आवाज देने लगी………….. भैया ओह्ह्ह भैया…… मुझे पता था की वो उनके उठने का टाइम था तो वो उठ कर सीधा मेरे रूम की तरफ आये………. प्रीती मैं बता नहीं सकती की मेरे भैया की क्या हालत हुई मुझे देख कर लकिन मैंने ऐसा जाहिर नहीं होने दिया की मैं कुछ गौर दे रही हु……. मैंने अपने भैया से बात करना शुरू किया –
सिमरन -” भैया बताओ तो मैं कैसी लग रही हूँ

मेरा भाई --” प्रीती…. वो…. तू.. ये…साड़ी…………..उनकी नजरे हट नहीं रही थी मुझसे और उनकी आवाज लड़खड़ा भी रही थी.
सिमरन -” वो एक्चुअली में न मैंने टीचर्स डे की प्रैक्टिस अभी से शुरू कर दी है तो सोचा की आज साड़ी try करू…… बताऊ न की कैसी लग रही हु……
मेरा भाई --” सिमरन…… तू तो बड़ी हो गयी है सच में…… गजब लग रही है सच में……….. चल में एक बार फ्रेश हो जाऊ और फिर आता हु…… “मेरे भैया मुझे ऐसे ही छोड़ कर भाग गए….. जबकि एक्चुअल रीज़न में समझ गयी थी और उनके शार्ट में दिख भी रहा था उनका लंड जो की फूल चुका था. मुझे न महसूस हो इसलिए वो चले गए……” सिमरन प्रीती को बताती है.

दूसरी तरफ –
आज रात प्रीती नहीं थी तो कुशल जनता था की ऐसा गोल्डन चांस उसको कभी नहीं मिल सकता. प्रीती के निकलते ही उसने अपने आपको रेडी करना शुरू किया बाथरूम में जाकर अपने कॉक के आस पास के बालो को क्लीन करना अंडर आर्म्स भी अच्छे से क्लीन की. कॉक पर आयल लगाया जिससे अच्छी सी शाइनिंग आ गयी थी उसमे.कुशल फिर एक अच्छा सा बाथ लेता है और स्टाइलिश सांडो बनियान और ब्रीफ पहन ने के बाद वो बढ़िया सी टी-शर्ट और जीन्स पहनता है. सेक्सी पेर्फुम लगाने के बाद आज वो पूरा कामदेव बन चूका था शायद वो आज रात के लिए कुछ अच्छी प्लानिंग किये हुए था.खैर अब वो एक स्टाइलिश हीरो बन कर रेडी था और धीरे धीरे नीचे उतर कर आने लगता है. नीचे आने पर पूरा सन्नाटा छाया हुआ था किसी भी चीज की कोई आवाज नहीं आ रही थी.
कुशल पहले गैलरी से हॉल में जाता है और फिर किचन की तरफ जाता है लकिन उसको कोई दिखाई नहीं देता. वो स्मृति को ढूंढ रहा था लकिन वो कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रही थी.ग्राउंड फ्लोर के कोने कोने में जा जाकर देखा उसने लकिन कुछ वो कहीं भी दिखाई नहीं दी और वो परेशां हो रहा था. उसको ये भी डर है की अगर आज रात स्मृति कहीं चली गयी तो उसकी तो गूगली हो जायेगी क्यूंकि इसीलिए उसने प्रीती को भी भेजने में हेल्प करि.

वो परेशां होकर इधर उधर भाग ही रहा था की तभी उसे ऊपर से किसी के आने की आहट सुनाई देती है. वो ऊपर नजरे करता है और दिल एक बार के लिए थम ही जाता है क्यूंकि ऊपर से स्मृति ही आ रही थी. स्मृति ने आज गजब ही कर दिया था उसने एक पिंक मैक्सी पहनी थी जो की बहुत ट्रांसपेरेंट थी. सबसे कमल की बात ये थी की उसके नीचे स्मृति ने कुछ भी नहीं पहना था. स्मृति एक स्माइल के साथ ऊपर से नीचे आ रही थी और कुशल का तो मुँह खुला का खुला रह गया था.
“आप ऊपर कैसे पहुँच गयी……… ऊपर से तो मैं आ रहा हु……….” कुशल स्मृति की तरफ देखते हुए बोलता है
.“ जब मैं ऊपर पहुंची तो तू शायद नहा रहा था इसलिए मैं फिर प्रीती और आराधना के रूम को देख रही थी….. जब दोबारा तेरे रूम में पहुंची तो तू नहीं था…… क्या कहीं जा रहा है……?” स्मृति अब सीढ़ियों से नीचे उतर चुकी थी.
“ नहीं ऐसे ही आज सोचा की थोड़ा ज्यादा ही फ्रेश हो जाऊ…. यानि ज्यादा अच्छ बन ने का मन कर रहा था….. तो पूरी क्लीनिंग करि…… अच्छे से नहाया……. बॉयज वाला मेक उप किया और फिर नीचे आया -” कुशल स्माइल करते हुए बोलता है.
“ पूरी क्लीनिंग करि………..?? तू कब से क्लीनिंग करने लगा……….?” स्मृति उसकी तरफ सवालो भरी निगाहो से पूछती है.
“ मैं घर की क्लीनिंग की बात नहीं कर रहा हु…………..” कुशल एक शैतानी मुस्कान के साथ अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहता है.
स्मृति को भी उसकी इस बात पर हंसी आ जाती है और वो किचन की तरफ चल देती है. कुशल उसकी गांड की तरफ देखता है जो की बिलकुल क्लियर दिखाई दे रही थी क्यूंकि मैक्सी बिलकुल ट्रांसपेरेंट थी और स्मृति ने नीचे कुछ नहीं पहना था.
“ क्या बात है……… पूरी आजादी दिख रही है आज तो………” कुशल पीछे से कमेंट करता है.
“ क्यों तू मिसयूज करने की सोच रहा है इस आजादी का…. खैर छोड़ और ये बता की कॉफ़ी पियेगा…….?” स्मृति आगे किचन की तरफ चलते हुए पीछे मुड कर बोलती है.
“ मुझे लगा की आज तो पूरी रात मुझे दूध पीने को मिलेगा….. और आप कॉफ़ी की बात कर रही है…..” कुशल पीछे से बोलता है.
“ दूध पीना है……..??? हम्मम्मम्मम्म…….सोचूंगी…… अभी ये बता की अगर कॉफ़ी पीनी है तो…………?” स्मृति फिर से पीछे मुद कर बोलती है
“ चलिए वो ही पीला दीजिये………. अभी तो……” कुशल अभी तो वाली बात पर जोर डालते हुए बोलता है.और एक बार फिर से कुशल सोफे पर आकर बैठ जाता है और थोड़ी देर बाद स्मृति कॉफ़ी लेकर आ जाती है. उसके चेहरे पर एक शैतानी और सेक्सी स्माइल थी
“ ले कॉफ़ी उठा……” और कॉफ़ी देकर स्मृति सामने बैठ जाती है

स्मृति पता नहीं अपनी जवानी से कौन सी आग लगाने वाली थी क्यूंकि उसका बैठने का तरीका ऐसा था की उसकी चुत का छेद अच्छी तरह से विज़िबल था कुशल को.
“ ओह्ह्ह्हह….. काफी अच्छी है…………” कुशल स्मृति की चुत की तरफ देखते हुए बोलता है. और साथ ही कॉफ़ी की सिप भी लेता है.
“ क्या…….?” स्मृति बहुत ही सेक्सी वौइस् में बोलती है
“कॉफ़ी……………” कुशल स्माइल के साथ बोलता है.
“ ओह्ह्ह्हह्हह……..” एक गहरी सांस के साथ स्मृति बोलती है.
“ क्यों आपने क्या सोचा की मैंने किसे अच्छा कहा है……….?.” कुशल एक शैतानी स्माइल के साथ बोलता है.
“ ये तो तू ही जनता है की मैंने क्या सोचा…….” स्मृति बिना हसे बोलती है , वो काफी सीरियस थी.
“ क्या…… क्या सोचा आपने………” कुशल भी सीरियस हो जाता है.
“ कॉफ़ी…….. है है है है है है है…….” स्मृति बहुत ही खुल कर हंसती है.कुशल का मुँह बन जाता है लकिन वो फिर झूठी हंसी के साथ हँसता रहता है.
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स्मृति के चेहरे की ख़ुशी बता रही थी आज वो कितनी हैप्पी है. एक घर उसमे एक जवान लड़का और एक सेक्सी लेडी. ये मेटर नहीं कर रहा था की उनके बीच क्या रिलेशन है.आज प्रीती घर पर नहीं थी और आराधना भी दिल्ली में थी. पता नहीं कि स्मृति का क्या प्लान था लेकिन उसके ट्रांसपेरेंट कपडे बता रहे थे कि उसके विचार आज ठीक नहीं है.कुशल अभी भी स्माइल करते हुए स्मृति की तरफ देख रहा था.
” माँ..... आज प्रीती भी नहीं है तो मैं सोच रहा था की.....” कुशल बोलते बोलते रूक जाता है.
” क्या सोच रहा था.....?” स्मृति उसकी आँखों में देखते हुए बोलती है.
” मैं सोच रहा था की क्यों न मैं आज नीचे ही सो जाऊ..... ऊपर डर लगता है न अकेले....” कुशल एक्टिंग करते हुए बोलता है.
” मर्जी है तेरी.... वैसे क्या तुझे हॉल में नींद आ जाएगी........?” स्मृति भी एक शैतानी स्माइल के साथ बोलती है.
” नहीं माँ... वो हॉल में नहीं मैंने सोचा की क्यों न मैं आपको कंपनी दे दू...... डैड नहीं है तो आपके साथ ही सो जाऊ......? क्यों क्या सोचती हो?” कुशल फिर से ड्रामा करते हुए बोलता है.
स्मृति हंसती रहती है लेकिन कुछ नहीं बोलती है. कुशल उसके रिप्लाई का वेट कर रहा था लेकिन वो कुछ नहीं बोलती.
” क्या हुआ माँ........ आपने कुछ रिप्लाई नहीं किया....” कुशल फिर से पूछता है.
” नहीं वो एक्चुअली मेरी तबियत सही नहीं है.......” स्मृति स्माइल करते हुए बोलती है.
” क्या हुआ माँ.... सब सही तो है न.......” कुशल टेंशन लेते हुए पूछता है.
” नहीं वो मेरे बैक में पैन है थोड़ा सा.... सोच रही हु की सुबह फ़िज़ियोथेरेपिस्ट के पास चली जाऊ....” स्मृति अभी भी स्माइल कर रही थी. कुशल ये सब समझ रहा था.
” क्यों न माँ..... मैं आपकी मसाज़ कर दू....... आपके रूम में..... आपके बेड पे...... पूरी रात...... हो सकता है की सुबह आपको आराम मिल जाए......” कुशल का इशारा कहीं और नहीं बस चुदाई की तरफ था.
”ह्म्म्मम्म्म्म....... चल ठीक है. ये ठीक रहेगा. किचेन में मसाज़ आयल रखा है उसे लेकर रूम में आ जा.....” और स्मृति ये बोलकर अपने रूम की तरफ जाने लगती है.
कुशल की आँखों में तो ४४० वाल्ट की शाइन आ चुकी थी.
वो एक्ससिटेड होते हुए चिल्लाता है.” यस माँ......” वो शायद कुछ ज्यादा ही एक्ससिटेड हो गया था.
स्मृति रूकती है और पीछे की तरफ मुड़ती है “मुझे मसाज़ कुशल से नहीं बल्कि लायन से चाहिए.....”कुशल उसका इशारा समझ जाता है की वो क्या कहना चाहती है. और एक सेक्सी स्माइल के साथ किचन की तरफ तेज कदमो से चलने लगता है. और स्मृति भी सेक्सी चाल के साथ अपने बेड रूम की तरफ चल देती है.
कुशल किचन से मसाज़ आयल लेता है और तेज कदमो के साथ बेड रूम की तरफ बढ़ने लगता है. बेड रूम के अंदर एंटर होते ही कुशल और भी एक्ससिटेड हो जाता है
“ धीमी लाइट एंड लाइट परफ्यूम फ्रेग्रेन्स वास there. रूम का माहौल बहुत ही ज्यादा रोमांटिक सा था वो अपनी नजरे घूमता है तो स्मृति बेड पर जाकर लेट चुकी थी और वो भी उल्टा होकर.कुशल आगे की तरफ बढ़ता है लेकिन कुशल को स्मृति की आवाज रोक देती है.
” क्या लायन ऊपर की लाइट और सारे ड़ोर बंद कर के आ जायेगा क्यूंकि आज वो पूरी रात मेरे साथ हो रहेगा और मेरी मसाज़ करेगा..... “ स्मृति की आवाज में एक अलग ही कसक थी.
कुशल ये सुनते ही मसाज़ आयल की बोतल को बेड के करीब रखता है और भागता हुआ रूम से बहार चला जाता है. कुशल को जैसे कुछ होश ही नहीं था. वो रूम से बहार निकल कर सीधा ऊपर जाता है और कुछ ही सेकण्ड्स में नीचे आ जाता है.
बेड रूम में घुसते ही स्मृति उसे फिर से टोकती है-” कहीं ऐसा तो नहीं की लायन हॉल से ही वापिस आ गया.....” स्मृति मजाक में ये बात कह रही थी
.” अगर आप चाहे तो जाकर देख सकती है. मैं सारी लाइट्स और सारे ड़ोर बंद कर के आया हु.....” कुशल मसाज़ आयल की बोतल उठाते हुए बोलता है.
” हे हे हे. मुझे लायन पर इतना तो यकीं है......” स्मृति अभी भी उल्टा ही लेते हुए थी.
कुशल उसके पास पहुँच जाता है.
” मैडम मसाज़ शुरू करें....” कुशल उसके पास बैठते हुए बोलता है.
” हाँ हाँ क्यों नहीं..... स्टार्ट करो प्लेसससससस” प्लीज कहने के तरीके पर ही कुशल का तो लंड स्टोन से भी स्ट्रांग हो गया.
” तो मैडम शुरू करें....” कुशल पता नहीं क्या पूछना चाह रहा था बार बार
” क्या राइटिंग में देना पड़ेगा क्या.... शुरू करो न....” स्मृति की बात में इस बार बनावटी गुस्सा था
“ वो.... एक्चुअली मैडम..... मसाज़ अच्छी तभी होगी जब आप ये...... ये ड्रेस उतर देंगी....” कुशल झिझकते हुए बोल ही देता है. वो स्मृति को नंगा देखना चाहता था.
” ओह्ह्ह्ह..... तो ये बात है. तो मिस्टर आप मुझे न्यूड करके मसाज़ करना चाहते हो. एक मैरिड लेडी को न्यूड होने के लिए बोलते हुए आपको शर्म नहीं आती.....” स्मृति झूठा गुस्सा करते हुए बोलती है.
” वो मैडम..... मसाज़ में शादी से क्या लेना. बच्चा पैदा होता है या इंजेक्शन लगाना होता है तो डॉक्टर भी तो देख लेते है लेडीज के बहुत सारे पार्ट्स को. तो मसाज़ करने वाला क्यों नहीं...?”
“ ह्म्म्मम्म...... बात तो सही है. लेकिन मसाज़ बस पीठ की होनी है ओके.”
“ आप टेंशन न ले मैडम.......” कुशल एक्ससिटेड होते हुए बोलता है.
” तो खुद ही अलग कर दो न मिस्टर मसाजर मेरी ड्रेस को.....” स्मृति कुशल की तरफ देखते हुए बोलती है.
कुशल तो जैसे इसके इंतज़ार में ही था.उसके हाथ स्मृति की मैक्सी की तरफ बढ़ते है और उसका नीचे का हिस्सा पकड़ कर वो ऊपर की तरफ उठाने लगता है. जैसे जैसे मैक्सी ऊपर हो रही थी वैसे वैसे स्मृति का गोरा और टाइट बदन कुशल के सामने विज़िबल होता जा रहा था.कुछ ही सेकण्ड्स में वो ड्रेस स्मृति की बॉडी से अलग थी. कुशल को ही मालूम है की वो कैसे कण्ट्रोल कर रहा था. सेक्स की एक और रियलिटी है की लेडीज फोरप्ले चाहती है लेकिन बॉयज कण्ट्रोल नहीं कर पाते .लेकिन यहाँ कुशल को न चाहते हुए भी कण्ट्रोल करना पद रहा था.
“ अब देखते ही रहोगे या मसाज़ शुरू भी करोगे….” स्मृति की ये आवाज कुशल को ख्यालो की दुनिया से बहार निकलती है.
स्मृति की आवाज सुन कर कुशल सकपका जाता है और जल्दी से आयल की बोतल अपने हाथ में उठता है. वो अपने सीधे हाथ पर थोड़ा सा आयल गिरा कर स्मृति की मुलायम पीठ की मसाज़ शुरू कर देता है.
“आआअह्हह्ह्ह्ह…………” स्मृति सिसक जाती है जैसे ही उसकी गरम बॉडी पर ये आयल गिरता है और कुशल के मरदाना हाथ उसकी बॉडी को टच करते है.
कुशल अपना हाथ चलना शुरू करता है. उसका हाथ बस पीठ तक ही सिमित था लेकिन निगाहें बस स्मृति की नंगी गांड को देख रही थी. साइड से स्मृति के बूब्स भी विज़िबल थे.
“ क्या बस पैन पीठ में ही है………?” कुशल स्मृति की तरफ देखते हुए बोलता है. मसाज़ चालू थी अभी भी.
“ तुम्हे क्या लगता है की कहाँ होना चाहिए……..” स्मृति फिर से कुशल से पूछती है.
ये सुनते ही कुशल अपना एक हाथ स्मृति की गांड पर रख देता है.
“ मैं तो पूरी बॉडी मसाज़ कर सकता हु…… आप इस बन्दे को आर्डर तो दीजिये…….” ये बोलते ही कुशल अपने हाथ की एक ऊँगली को स्मृति की गांड के छेड़ पर टिका देता है.
“ सोचूंगी…… अभी बस तुम पीठ की मसाज़ करो…..” स्मृति उसे रिप्लाई करती है.लेकिन कुशल यहीं नहीं रुकता और अपनी उस फिंगर को स्मृति की गांड के छेड़ में थोड़ा सा घुसा देता है.
“ ोुछहहहह……..” स्मृति चिहुँक जाती है.
“ क्या हुआ मैडम……?” कुशल नादाँ बनते हुए स्मृति से पूछता है.
“ उफ्फ्फ्फ़…. पता नहीं शायद कोई परेशानी है पीछे…….” स्मृति भी सब जानती थी लेकिन नादाँ बन रही थी.
अभी भी कुशल की एक फिंगर उसकी गांड के छेड़ में थी और कुशल का दूसरा हाथ अभी भी मसाज़ करने में लगा हुआ था.
“ मैडम….. आज कल स्नैक्स बहुत हो गए है. आप केयरफुल रहिये………..” कुशल फिर से डबल मीनिंग बात करता है.
स्मृति की पीठ आयल से चमक चुकी थी और कुशल का दूसरा हाथ अभी भी उसकी गांड के ऊपर ही था.“ लेडीज स्नेक से नहीं डरती लेकिन मुझे लग रहा है की पीछे कोई स्नेक का बच्चा है……..” स्मृति भी कुशल की डबल मीनिंग बात का रिप्लाई करती है.
“ रियल स्नेक देखना चाहोगी………..” कुशल ये बोलते बोलते अपने मसाज़ वाले हाथ को थोड़ा नीचे ले जाता है और उसके एक बूब्स को पकड़ कर साइड से दबा देता है.
स्मृति उसकी इस एक्टिविटी पर कुछ नहीं बोलती है. बस वो उल्टा लेती रहती है. कुशल साइड से ही अपने हाथ को उसके बूब्स पर घूमता रहता है. स्मृति कुछ नहीं बोल रही थी.हिम्मत करके कुशल अपनी फिंगर को थोड़ा और ज्यादा अंदर तक घुसा देता है. अब लगभग कुशल की पूरी फिंगर स्मृति की गांड में घुस चुकी थी.
“आआह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह…… मसाज़ कर रहे हो या क्या कर रहे हो………” स्मृति थोड़ा सा चिहुंकते हुए बोलती यही.
“ उफ्फ्फफ्फ्फ़…… दिल करता है की इस पूरी बॉडी की मसाज़ कर दू………” कुशल की फिंगर अब स्मृति की गर्मी से और ज्यादा गरम हो चुकी थी.
दूसरी तरफ कुशल अभी भी अपने दूसरे हाथ से उसके बूब्स को साइड से दबा रहा था. स्मृति बस इस पूरी सिचुएशन का मजा ले रही थी. शायद आज पूरी रात एन्जॉय करने ला मूड था उसका. उसके गुलाबी लिप्स बड़ी बड़ी आईज टाइट बूब्स बता रहे थे की वो कैसे तड़प रही है.कुशल को थोड़ा सा ग्रीन सिग्नल मिल रहा था तो वो अपना दूसरा हाथ बूब्स से हटा कर उसकी गांड के पास ही ले जाता है. और थोड़ा सा आयल लेकर उसकी मोटी गांड के ऊपरी हिस्से को मसाज़ करने लगता है.
“उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़……. वहां क्या कर रहा है…… वहां तो कोई पैन भी नहीं है……” स्मृति सिसकते हुए बोलती है.

“ क्या पता की कितना बड़ा स्नेक अंदर चला जाए तो फ्यूचर में पैन होगा न तो अभी मसाज़ किये देता हु. हे हे हे हे………” कुशल ये बात बोलते हंसने लगता है.
“तो बस स्नेक वहीँ घुसेगा जहाँ अभी तेरा हाथ है……. चल अब तो पूरी बॉडी ही मसाज़ कर दे….” ये बोलते हुए स्मृति थोड़ा सा आगे से उठती है जिस वजह से उसके बूब्स थोड़े से उठ जाते है. कुशल उसके बूब्स की ये सिचुएशन देख कर और पागल हो जाता है और अपने मजबूत हाथ उसके बूब्स पर रख देता है. पहली बार में ही कुशल उन्हें बहुत जोर से प्रेस कर देता है.
“ ोूउऊउउउउ…….. इडियट क्या ऐसे कोई प्रेस करता है. मेरे हस्बैंड के आने तक शेप बिगड़ जायेगी इनकी……….” स्मृति गुस्से में बोलती है.
ये सुनते ही कुशल बहुत सोफ़्टली पेश आने लगता है. एक्चुअली इसमें कुशल की कोई गलती नहीं थी बल्कि स्मृति लग ही इतनी सेक्सी रही थी.कुशल अब धीरे धीरे उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था और नैचुरली स्मृति की आवाजे अब निकलने लगी थी.
“ उफ्फफ्फ्फ़…… आअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह………….. लायन आराम से……….. आअह्हह्हह्ह्ह्ह…………” स्मृति धीरे धीरे मस्त होती जा रही थी.
“ मसाज़ ऐसे देना अच्छा नहीं लग रहा…… क्यों न मैं भी कपडे उतर दू……..” कुशल स्मृति से पूछता है.
“ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़…. जल्दी कर………. उतर दे सारे कपडे……….” स्मृति की ये बात सुनते ही कुशल वेट न करते हुए अपनी टीशर्ट पहले उतर देता है और फिर अपनी जीन्स भी उतर देता है.उसके स्ट्रांग लंड को देख कर स्मृति कण्ट्रोल नहीं कर पाती और आगे बढ़ कर उसके लंड पर अपने जूसी लिप्स रख देती है. कुशल आज की पूरी रात स्मृति के खुले पैन का मजा लेना चाहता था.
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rocky123
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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

Post by rocky123 »

कुशल का लंड ऐसे होंठो के बीच था कि जो चाहे कितनी भी बार इस लंड को चूसे ये लंड बोर नही होने वाला था. और आज की रात तो जैसे ख़तम ही नही होने वाली थी क्यूंकी स्मृति भी फुल मूड मे थी और कुशल तो हमेशा ही एवरग्रीन रहा है.

स्मृति ऐसे ही उसका लंड चूसे जा रही थी और कुशल के मूँह से सिसकारियाँ निकलना शुरू हो गयी थी.

“उफफफफफ्फ़………….. ओूऊऊऊऊओ…आआहहह……….. “ कुशल ऐसी ही सिसकारियो के साथ अपने हाथ स्मृति की पीठ की तरफ बढ़ाता है. स्मृति आधे से ज़्यादा लंड अपने मूँह मे ले चुकी थी. कुशल अपना हाथ पीठ से और नीचे ले जाना चाह रहा था जहाँ स्मृति की गान्ड थी लेकिन वो ऐसा कर नही पाया.

कुशल की हालत और भी खराब होती जा रही थी. जवान खून था और पूरी रात बाकी थी.

“ आअहह……… मेडम आज तो दिखा दो अपने उस छेद को…….. जिसके लिए मैं दीवाना हू……….. उफफफफफफफ्फ़ मेरी जाआअन्न्*नणणन्….. ओह…….” कुशल की हालत बहुत ही ज़्यादा खराब हो रही थी.

कुशल की ये बात सुन कर स्मृति अपने होंठ उसके लंड से हटा लेती है और बेड पे लेटने की तैयारी करने लगती है. कुशल को ये उम्मीद थी कि आज तो उसका सपना पूरा होने जा रहा है लेकिन स्मृति अपनी दोनो टांगे फैलाती है और अपनी चूत के छेद को खोल कर कुशल को दिखाती है. ये भी एक बेहद एरॉटिक सीन था लेकिन कुशल तो जैसे स्मृति की गान्ड का दीवाना था.

“ आज तो कुच्छ स्पेशल हो जाए………” कुशल का इशारा शायद उसकी गान्ड की तरफ ही था.

“ स्पेशल ही तो है ये…………..” स्मृति फिर से अपनी चूत पर हाथ लगाते हुए बोलती है.

“ लेकिन आपने तो प्रॉमिस किया था कि मैं अपनी हर इच्छा पूरी कर सकता हू……” कुशल थोड़ा सा रूखे स्वर मे बोलता है.

“ लाइयन….. चिंता क्यू करता है….. मैने तो उस रात भी पूरा मौका दिया था लेकिन तू ही नीचे नही आया. लेकिन आज फिर से वोही से सिचुयेशन है पहले मेरी टर्न और फिर तेरा टर्न………..” स्मृति फिर से उसे खुला मौका देती है.

कुशल ये सुनते ही आगे बढ़ता है और झुक कर स्मृति की चूत पर एक स्ट्रॉंग किस करता है. ऐसे लगता है कि जैसे वो उसकी चूत खा जाने के मूड मे था. स्मृति उसकी इस मर्दानगी भरी स्टाइल से और भी इंप्रेस हो जाती है लेकिन फिर भी अपनी सिसकी को नही रोक पाती……

“ उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़…….. लाइयन………… कोई फॉर्मॅलेटीस नही…….. प्लीज़ बुझा दे इसकी प्याआसस्स्स्स्सस्स………….” स्मृति शायद उसका लंड अंदर जल्दी लेना चाहती थी.

कुशल भी वेट ना करते हुए लंड का मूँह चूत पर टिकाता है और धकककककक से अंदर घुसा देता है. स्मृति को तो जैसे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिल जाती है.

“ उफफफफ्फ़……….ओह….आआहहह………आहहहहहः……………” स्मृति अपनी चूत मे लगते हुए झटको के साथ और भी मस्त हो जा रही थी. जैसे जैसे झटके लग रहे थे वैसे वैसे स्मृति अपनी टांगे और फैलाती जा रही थी.

जब वो इतना बड़ा लंड बाहर आ रहा था और जिस स्पीड के साथ अंदर जा रहा था तो सीन देखने लायक था. जैसे कोई समुद्रा मंथन से खास चीज निकलना चाह रहा हो लेकिन यहाँ पर तो कुशल सिर्फ़ स्मृति की चूत से पानी ही पानी निकाल रहा था जिसे खुद कुशल भी देख कर पागल हो रहा था.

“उईईईईईईई….आआहहह….. येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स…………..फकक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क………………………” स्मृति अपनी पूरी लाइफ जी रही थी. ऐसे स्ट्रॉंग स्ट्रोक्स जो कि किसी भी लड़की को स्वर्ग की सैर करा सकता था.

बेड रूम से फूच फुच्च के साउंड आने शुरू हो गये थे. कुशल की आँखे भी बंद हो गयी थी और वो मस्त होकर धक्के लगा रहा था. उसके मूँह से भी सिसकारियाँ निकल रही थी.

ऐसा करीबन कुच्छ मिनिट चला और तभी पता नही स्मृति को क्या सूझा कि वो डिफरेंट पोज़िशन मे आने की कोशिश करने लगी. कुशल को शुरू मे समझ नही आया लेकिन फिर वो समझ गया कि आख़िर स्मृति क्या चाहती है. अब स्मृति ऐसी पोज़िशन मे थी कि उसकी गान्ड का छेद भी कुशल को क्लियर दिखाई दे रहा था और लेकिन लंड अभी भी चूत मे ही था. स्मृति की गान्ड कुशल की बहुत बड़ी फॅंटेसी थी तो अब वो छेद उसके सामने था तो जैसे कुशल और भी पवरफुल सिचुयेशन मे था. कस कस के धक्के लगाने शुरू कर दिए थे और वहीं दूसरी तरफ स्मृति भी अपनी गान्ड अच्छे से उछाल रही थी. स्मृति एक एक्सपीरियेन्स्ड लेडी थी, किस मूव से कैसे लंड अंदर जाएगा उसको सब पता था और इसका वो पूरा फ़ायदा उठा रही थी.

कुशल पागल हुए जा रहा था और वहीं स्मृति भी पूरी मस्ती मे थी.

“उफफफफ्फ़…..हीईीईई………….एसस्स्स्स्स्सस्स……….फुक्कककककककक…………आआहहह…….म्ह” और कुच्छ ही देर मे स्मृति की गान्ड कुशल के लंड पर कसति चली गयी और वो मंज़िल तक पहुँच गयी थी. और इन नो टाइम कुशल भी अपनी पिचकारी उगल देता है. क्या मस्त सेक्स हुआ दोनो के बीच, दोनो उसी बेड पर लेट गये. और स्मृति कुशल के बालो मे हाथ फिराने लगी………. शायद उसे पूरा अहसास था कि ये मीटिंग पूरी रात चलेगी
सिमरन अपनी पास्ट स्टोरी प्रीति को सुना रही थी जिसमे सिमरन के भाई ने सिमरन को साड़ी मे देखा और वो रूम से बाहर चला गया क्यूंकी उसका लंड खड़ा हो गया था.

“ फिर क्या हुआ दीदी……. आगे बताओ ना…..” प्रीति फिर से पूछती है.

“उस दिन मैं बहुत खुस थी, आख़िर लड़की होने का अहसास मुझे उस दिन ही हुआ था. ये भी अहसास हो गया था कि लड़की का मीनिंग क्या है. लड़की का मीनिंग बस घर की चार दीवारी मे रह कर बस काम करना नही है बल्कि लड़की उनका मन बहलाने के लिए बनी है जो घर के लिए काम करते है – फॉर मेन. उपर वाले का तहे दिल से शुक्रिया अदा करा उस दिन, कि उसने मुझे किसी लायक बनाया. मैं इस लायक थी कि किसी के लंड को खड़ा कर पाऊ, और यही तो लड़की की सबे बड़ी इज़्ज़त है. मैने सोच लिया था कि अपने भैया के दिल मे उतर कर रहूंगी और अपनी शराफ़त से भी नही हटूँगी. मुझे पता था कि भैया के पास अब उनकी गर्ल फ्रेंड कभी नही आने वाली क्यूंकी चुदाई हुई ही इतने भयंकर तरीके से थी. और मुझे ये भी पता था कि अब भैया के मूँह खून लग चुका है. वो कहीं ना कहीं भटकेंगे ज़रूर तो क्यू ना मैं उन्हे अपने कदमो मे ही झुका लू.”

“वाउ दीदी ग्रेट….. क्या जबरदस्त एनकाउंटर रहा होगा….. आगे बताओ कि क्या हुआ……….” प्रीति और भी मज़े लेते हुए बोलती है.

“ अगले एक दिन भैया का मूड काफ़ी अपसेट रहा, सिर्फ़ अपने गर्ल फ्रेंड मॅटर की वजह से… मैं चाहती थी कि उनका मूड फ्रेश करू……. तो उस दिन उसके रूम मे पहुँच गयी……… और बात करनी शुरू करी –

“हेलो भैया….. कैसे हो….. क्या सोच रहे हो इतनी गौर से……….” वो अपने बेड पर उल्टे लेटे हुए थे और मैने उनके पास बैठते हुए पुछा. वो मेरी आवाज़ सुन कर चोंक गये थे. वो एक मॉर्निंग थी तो मैने अच्छे से अपने आप को रेफ्रेश किया था. हल्का सा मेक अप भी किया था जोकि भैया को दिखाई नही दे सकता था, बस लिप्स थोड़े ग्लॉसी नज़र आ रहे थे. एक लूस सी स्लीवेलेस्स टी-शर्ट पहनी थी और बेलून पयज़ामा पहना था.

“ बस मूड ऐसे ही ठीक नही है……” भैया ने थोड़ा अपसेट मन से जवाब दिया.

“ ऐसा क्या हो गया भैया जो इतने उदास हो…… आ जाओ चेस खेलते है………” मैने अपने भैया का हाथ पकड़ कर उन्हे उठाते हुए कहा.

“ सिम्मी मेरा मूड कुच्छ भी खेलने का नही है….. तू जा यहाँ से….” उन्होने फिर से रूखे से सुर मे जवाब दिया.

“ चेस नही तो क्या चेस्ट से खेलने का मन कर रहा है……….” मैं अपने मन ही मन बड़बड़ाई

“ क्या कहा तूने……?”

“ मैने कहा कि प्लीज़ चलो ना……….”

“ नही मुझे ऐसे लगा कि तूने कुच्छ और कहा……………” मेरे भैया को थोडा शक था कि मैने कुच्छ और कहा.

“ अब ये सोचना छोड़ो और चलो मेरे साथ खेलने…….” मैं भी भी उनका हाथ पकड़े ज़िद कर रही थी.

“उन्होने इस बार अपना हाथ ऐसे खींचा जैसे मुझसे छुड़ाना चाह रहे हो लेकिन उनके हाथ के साथ मैं भी खींचती हुई चली गयी और धदमम्म्मममममम…….वही हुआ जिसका मुझे इंतेज़ार था. सीधा उनके सीने पर जाकर गिरी मैं……. किसी मर्द की छाती से मेरे अनटच बूब्स की पहली टक्कर थी वो. उफ्फ क्या बताऊ प्रीति कि बदन मे कैसी आग सी लग गयी थी लेकिन कुच्छ कर नही सकती थी. फ़ायदा इतना मिला कि भैया को भी अहसास हो गया की कुच्छ तो है मेरे सीने मे. उनकी आवाज़ नही निकली लेकिन उनका चेहरा बता रहा था कि मेरी उभरती जवानी को वो अपने पूरे मन से देख रहे है.”

“ डीडीिईईईईईई…… बस बताती जाओ……………” प्रीति अपने बूब्स अब खुद प्रेस करने लगी थी.

“ मैं धीरे से उठी…… मेरे भैया वापिस अपने होश मे आए और मुझे सॉरी बोलने लगे…… मुझे पता था कि इसमे उनकी कोई ग़लती नही तो मैने भी उन्हे सॉरी बोलने के लिए मना किया. उठ कर बहुत ही सावधानी से अपनी टीशर्ट को सही किया और दोनो हाथो को उपर करके अपने बालो को सही किया…. मेरा टारगेट अब उन्हे अपनी आर्म्पाइट पे आए थोड़े बालो को दिखाना था. उन्होने उन बालो को गौर से देखा लेकिन कुच्छ बोले नही. मैं फिर से उनके साइड मे बैठ गयी और फिर से एक कॉन्वर्सेशन स्टार्ट हुई और पहले शुरू करने वाले वो ही थे –

“ छोटी तुझे नही लगता कि तू बड़ी हो रही है………..”

“ आपको क्यूँ लग रहा है…………. ऐसा?” मैने बहुत ही शरमाते हुए कहा

“ नही बस ऐसे ही…. और बता…. स्कूल का क्या प्लान है…………”

“क्या प्लान होता…. अब तो कल जाना है….. ड्रेस धोने के लिए डाल दी है……..”

“ तू कब तक वो ड्रेस पहनती रहेगी……….. बाकी लड़कियो की तरह कपड़े क्यूँ नही पहनती है…….”

“ बाकी लड़कियो की तरह?उनमे और मेरे कपड़ो मे क्या फ़र्क है…….?” मैने भी अंजान बनते हुए कहा.

“ पागल आज की लाइफ मे तुझे थोड़ा मॉडर्न होना चाहिए…… देख आज कल की लड़किया स्कर्ट पहनती है और तू है कि पढ़ने लिखने के बावजूद इतने कपड़ो के तले दबे रहती है……..तुझे स्कर्ट पहन नी चाहिए और टीशर्ट……. ज़्यादा कपड़े पहन ने से तेरी हाइट कम रह जाएगी. समझ आ रहा है या नही?”

“भैया समझ तो आ रहा है लेकिन मेरे पास स्कर्ट नही है और मुझे पता भी नही कि मैं स्कर्ट मे कैसी लगूंगी…..?”

“पूरा स्कूल पागल हो जाएगा तुझे देख कर…………..” भैया के मूँह से ये बात एग्ज़ाइट्मेंट मे निकल गयी थी और ये सुनकर मैं शरमा गयी….

“ लेकिन मैं स्कर्ट लेने किसके साथ जाउ……………?” मैने नादान बनते हुए बोला

“ चल तो फिर तुझे शॉपिंग करा के आता हू…….. चल तैयार होकर आ जा मैं तेरा नीचे वेट करूँगा…….” एक ही दिन मे इतना सब हो रहा था तो यकीन नही हो रहा था. कल तक जो भाई घास भी नही डालता था, आज वो शॉपिंग करने ले जाने को तैयार था. यही होता है लड़की के हुश्न का जादू…..”

“फिर आप गयी शॉपिंग करने….?” प्रीति सिमरन से पूछती है.

“फिर शॉपिंग करने के लिए मैं तैयार हो गयी और आख़िर नीचे चली गयी, मेरे दिल मे काफ़ी एग्ज़ाइट्मेंट था कि पता नही आख़िर मेरे लिए क्या शॉपिंग होने जा रही है. जो कुच्छ भी हो लेकिन सबसे ज़्यादा खुश मे इस बात के लिए थी कि मेरा भाई मुझ पर ध्यान दे रहा था और यही हर लड़की चाहती है कि उसको इग्नोर ना किया जाए और उसको हमेशा लोगो की अटेन्षन मिले. अपने भाई के साथ बाइक पर बैठने का उस दिन अलग ही एक्सपीरियेन्स था, बाइक जितनी तेज़ी के साथ चल रही थी उतनी ही तेज़ी के साथ हम दोनो एक दूसरे के और करीब आते जा रहे थे. ऐसा लग रहा था कि जैसे लाइफ मे कोई भी टेन्षन नही है और सब कुच्छ बहुत अच्छा चल रहा है. जब लड़की ऐसा सोचती है तो उसके चेहरे पर और भी निखार आ जाता है और वैसे भी उस टाइम तो मैं एक पूरी टीन थी.”

“वाउ…… ग्रेट…… आगे बताओ………..” प्रीति का एग्ज़ाइट्मेंट भी कम नही हो रहा था.

“ फिर काफ़ी चलने के बाद हम एक माल मे पहुँचे…… मेरा कॉन्फिडेन्स इतना अच्छा नही था और माल मे बहुत घबरा कर चल रही थी मैं, पता नही क्यूँ एक अजीब सा डर लग रहा था. माल मे पता नही कितने सारे गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रेंड के जोड़े बैठे थे. गर्ल्स ने बेहद टाइट टाइट क्लोदिंग पहनी हुई थी जिसे देख कर मुझे अपने भाई की एक्स गर्ल फ्रेंड की और भी याद आ रही थी और समझ भी आ रहा था कि जमाना आज कल उन्ही लड़कियो का है जिनमे अपनी बॉडी दिखाने का टॅलेंट है. नही तो खूबसूरती किसी भी काम की नही. खैर मेरे दिल मे अभी तक यही बात चल रही थी कि पता नही भैया आज मुझे कैसी शॉपिंग कराने जा रहे है. थोड़ी ही देर मे हम एक डिपार्ट्मेनल शोरुम मे घुस गये……. मुझे लगा कि भैया मेरी हेल्प करेंगे मेरी शॉपिंग मे क्यूंकी ये उन्ही का डिसिशन था कि मैं शॉपिंग करू…..” सिमरन बस बताती जा रही थी.

“ तो क्या उन्होने हेल्प नही की……..?” प्रीति क्वेस्चन मार्क वाली निगाहो से देखती है.

“सबसे पहले तो उन्होने पूरे शोरुम मे नज़रे फिरा कर देखी और फिर मेरे पास आकर बोले –

माइ ब्रदर- सिम्मी आज तेरी चाय्स देखता हू. तुझे एक मॉडर्न और टाइम के साथ चलने वाली लड़की बन ना है. ले ले जो मर्ज़ी लेना है.

मे – भैया सच मे मुझे कुच्छ आइडिया नही है. वैसे भी जैसे सूट सलवार मे पहनती हू तो वो तो मुझे यहाँ दिखाई भी नही दे रहे है……….

“और ये बात सच ही है कि मुझे आइडिया नही था कि मैं क्या लू….. मुझे उसे खुले आसमान मे ऐसे छोड़ दिया गया कि मुझे आइडिया लगाना मुश्किल था कि मैं क्या लू….. खैर फिर भैया आगे बोलते है….”

माइ ब्रदर – हा हा हा हा हा हा……… तुझे आइडिया नही है. अरे पगली तू कोई बच्ची थोड़े ही ना है. आज कल 80% शोरुम गर्ल्स के लिए होते है क्यूंकी उनके पास पहन ने के ऑप्षन ज़्यादा होते है. तेरे जैसी लड़की के लिए काउंटलेस ऑप्षन है पहन ने के लिए………..

“भैया बताते जा रहे थे और मैं सब सुन कर शरमा भी रही थी और खुश भी हो रही थी……. भैया खुल कर तो सब नही बोल सकते थे लेकिन मैं समझ रही थी कि वो बोलना चाहते थे कि मेरे जैसी सेक्सी लड़की के पास तो बहुत सारे ऑप्षन्स है ट्राइ करने के लिए… लेकिन फिर भी मुझे कुच्छ समझ नही आ रहा था तो मैने फिर से भैया से पुछा –

मे- भैया प्लीज़….. मैं इतनी बड़ी नही हुई हू. आप ही ने तो शॉपिंग के लिए कहा था तो मैं आ गयी अब आप ही हेल्प करिए मेरी. नही तो सच मे मुझे कुच्छ समझ नही आ रहा है………

“भैया जैसे मेरी उस रिक्वेस्ट को सुन ने के लिए ही खड़े थे और मेरे मूँह से ऐसी बात सुनते ही वो शोरुम मे आ आगे की तरफ बढ़ते है. मैं उनके पीछे पीछे चल रही थी…. वो एक स्कर्ट सेक्षन मे पहुँचे…… प्रीति तुझे क्या बताऊ कि जो उन्होने स्कर्ट उठाई उसे देख कर मेरा दिल कैसे धक धक करने लगा था. वो स्कर्ट बहुत ही छोटी थी………..”

“वाउ….. युवर ब्रो ईज़ सो रोमॅंटिक…. वो आपको छोटे कपड़ो मे देखना चाहते थे…….. एनीवे फिर क्या हुआ……………” प्रीति भी मुस्कुराते हुए कहती है.

“ वो स्कर्ट उठा कर मेरी तरफ टर्न हुए…… और मुझसे बोले –

माइ ब्रदर – सिम्मी ट्राइ दिस……….

मे- भैया आर यू सीरीयस……….. ये बहुत ही छोटी है

माइ ब्रदर – हा हा हा हा हा हा हा…….

मे – आप हंस क्यू रहे है…… क्या मैने कोई जोक सुनाया है…….

माइ ब्रदर – मैं हंस….. इसलिए रहा हू कि पता नही मेरी बहन बड़ी कब होगी……… मेरी ऐसी भी दोस्त है जिनके लिए ये स्कर्ट भी लोंग है….. और मेरी बहन कहती है कि ये छोटी है…. हा हा हा हा हा

मे- वाह वाह……… ये किसी के लिए लोंग स्कर्ट भी है. ये बहाने ना बनाइए………

माइ ब्रदर – देख सिम्मी, ये मेरी शॉप नही है. यहाँ पर वोही रखा है जो यहाँ बिकता है. और देख स्कर्ट सेक्षन मे सबसे पहले यही स्कर्ट रखी है क्यूंकी लड़कियो की पहली डिमॅंड ही यही है…………. चल अब बाते बाद मे…. इसे पकड़ और फिटिंग रूम मे इसे ट्राइ कर के आ……..

मे- यू श्योर भैया?????

माइ ब्रदर – अरे मेरी मा और कैसे बताऊ कि हाँ श्योर. अब जल्दी जा और ट्राइ करके बाहर आ………..

“ मैने उस टाइम तक अपने पाँव किसी को भी नही दिखने दिए थे. घर मे और या स्कूल मे, हमेशा धकि रहती थी. अब हाथ मे एक छोटी सी स्कर्ट को पकड़ के चलना बड़ा भारी सा लग रहा था.” सिमरन सीरीयस भाव बनाते हुए बोलती है.

“ तो क्या आपने वो ट्राइ करी या नही करी……..” प्रीति उसकी स्टोरी मे बहुत इंट्रेस्टेड थी.

“ आख़िर मैं फिटिंग रूम मे घुस ही गयी….. बॉटम उतारा और स्कर्ट ट्राइ की……. प्रीति सच बता रही हू कि इतनी शरम आई कि बता नही सकती…….. वो मिनी स्कर्ट थी. बचपन से कोई लड़की पहने तो बात नही लेकिन जब जवानी मे कोई लड़की पहली बार इसे पहनती है तो बड़ा अजीब लगता है. मेरी गोरी और टाइट जांघे पूरी विज़िबल हो गयी थी….. स्कर्ट इतनी छोटी थी कि अगर थोड़ी भी हवा नीचे चली जाए तो बस सब कुच्छ दर्शन हो जाए…….. स्कर्ट पहन ने के 5 मिनिट बाद तक भी मैं सोचती रही कि बाहर जाउ या नही… कन्फ्यूज़ थी ही कि इतने मे फिटिंग रूम का डोर नॉक हो गया…….. मैं समझ गयी कि ये भैया ही है………. बहुत ही दबे पाँवो से…. बढ़ी हुई धड़कनो के साथ मैने फिटिंग रूम का डोर खोला और धीरे धीरे गेट के पीछे से मैं सामने आई………. मेरे भैया की निगाहे मुझ पर पड़ी…….. उपर से नीचे तक उनकी निगाहे पहुँची………… मेरी थाइस पर रूकी और फिर और भी नीचे चली गयी….. मैने क्लियर देखा कि उनका मूँह खुला का खुला रह गया था और और गले के अंदर अटका हुआ सब कुच्छ अंदर ले जा रहे थे…….”

“ तो आख़िर गिरा ही दी बिजली……… ग्रेट…………” प्रीति सिमरन की बात सुनते हुए बोलती है.

“ कुच्छ सेकेंड्स तक भैया के मूँह से कोई शब्द नही निकले………… मुझे खुद भी टेन्षन हो रही थी कि कहीं उस स्कर्ट मे मैं जोकर तो नही लग रही थी… तभी भैया मे चुप्पी तोड़ी ……..

माइ ब्रदर – ओह माइ गॉड……. यू आर सो सो हॉट…………………

“ये बात बोलते हुए भैया की आइज़ मेरी थाइस पर थी…… और चेहरा बिल्कुल लाल पड़ चुका था…. वो आगे बोलते है………

माइ ब्रदर – यू आर नोट आ चाइल्ड अनीमोर………. इतनी गजब दिख सकती है कि मुझे आइडिया भी नही था…… ज़रा पीछे घूम कर दिखा……….

“अपने भाई के कहने पर मैं पीछे घूम गयी………… पीछे का हिस्सा तो मैं भी नही देखा था लेकिन मुझे इतना अहसास ज़रूर हो गया था कि पीछे से मेरे हिप्स पर वो स्कर्ट उठी हुई है………….. तभी मुझे कुच्छ गिरने की आवाज़ आती है…. मैं पीछे मूड कर देखती हू तो भैया नीचे झुक कर कुच्छ उठा रहे है…… मैने कोई रिएक्ट नही किया लेकिन जैसे ही मुझे याद आया कि आज मैने क्या पहना हुआ है तो ये सोचते ही मैं उच्छल पड़ी और फिटिंग रूम के अंदर की साइड हो गयी……”

माइ ब्रदर – वो… वो…. मोबाइल गिर गया था……..

“ अपने भाई की इस बात पर मुझे हँसी आ गयी लेकिन मुझे ये भी डर था कि आज तो मेरी पैंटी देख ही ली शायद भैया ने……… लेकिन मैं और कर भी क्या सकती थी……….”

“ हाई दीदी…….उस स्कर्ट को थोड़ा सा और उठा देती तो क्या हो जाता….. आपने तो भैया को तरसा ही दिया………….” प्रीति भी खुलती जा रही थी…. उसे सिमरन की ये स्टोरी काफ़ी एरॉटिक लग रही थी.

“ तू बाते ना बना और मेरी बात सुन……. मेरे भैया ने मुझसे वहीं रुकने के लिए बोला और कहा कि वो एक टॉप लेकर आते जो उस टीशर्ट के साथ अच्छा लगेगा……… मैने भी यही सोचा कि जब एक बात स्कर्ट पहन ही ली तो टॉप से क्या डरना…. मैने उन्हे हाँ बोल दिया और वो मेरे लिए टॉप लेने चले गये…… मैं बहुत हॅपी थी……. मिरर मे चारो और घूम कर देख रही थी…. जैसे ही मैं घूमती तो मेरी स्कर्ट हवा मे उड़ती और मेरी रेड पैंटी खुद भी मुझे दिख जाती…….” सिमरन रोमॅंटिक अंदाज़ मे सारी बात बताती जा रही थी.

“ हाई मैं मर जावा दीदी…. पैंट पहनी भी तो रेड……… अपने भैया को पूरा फ्लॅट करने की तैयारी कर रखी थी आपने तो………….. खैर आगे बताइए आप……….” प्रीति हर बार की तरह इस बार भी बहुत एग्ज़ाइटेड थी.

“ मैं खुश हो ही रही थी कि इतने मे भैया फिर एक टॉप लेकर आए…………. टॉप को देखते ही मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी. वो एक छोटा सा स्लीवेलेस्स टॉप था जोकि लेंग्थ मे काफ़ी चौड़ा था. गला इतना डीप कि क्या बताऊ……….. मुझे तो ऐसा लगा कि जैसे भैया दुश्मनी निभा रहे हो………….

माइ ब्रदर – ले सिम्मी इसे ट्राइ कर…………..

मे- ये कैसा टॉप है……………किसी बच्चे का तो नही है…………….

माइ ब्रदर – हा हा हा हा हा…. तू भी काफ़ी नॉटी है. अगर देखना चाहती है तो वहाँ देख उस मॅनिकिन पर यही टॉप है……

“भैया के इशारा करते ही मैने फिटिंग रूम से मूँह बाहर निकाला और उस डाइरेक्षन मे देखा जहाँ भैया ने इशारा किया था. मॅनिकिन को देखते ही मुझे चक्कर आ गये…. वो टॉप बस मॅनिकिन के बूब्स से बस थोड़ा ही नीचे था, यानी कि आधा पेट नंगा ही रहता उसमे….. और यही नही…… इतना डीप नेक था कि मॅनिकिन के बूब्स जैसे बाहर आ जाने को तैयार थे…. मैं फिर से कन्फ्यूज़ थी कि क्या करू….इतने मे मेरे भैया ने फिर से मुझसे बात करनी शुरू की…….

माइ ब्रदर – कम ऑन सिम्मी……. इतना टाइम क्यू लगा रही हो……

मे- भैया ये टॉप तो……. कैसे….यानी……… ये तो……….

माइ ब्रदर – अरे मेरी प्यारी बहना….. ये मैं तुझे लड़को के टॉप थोड़े ही दे रहा हू…. तूने देखा ना कि मॅनिकिन पर भी यही टॉप है यानी कि यही फॅशन है…. अब टेन्षन ना ले और जल्दी जाकर ट्राइ करके आ……………..

“ मेरे भैया ने इतना बोलते ही मुझे टॉप दे दिया और फिटिंग रूम का डोर बंद कर दिया……… बहुत ही अजीब मन से वो टॉप मैने पहना………….. बॉडी के किसी भी पार्ट को वो टॉप सही से ढकने मे पासिबल नही था…….. मेरा पेट, शोल्डर्स, ब्रा, बूब्स सब कुच्छ थोड़ा थोड़ा विज़िबल था………….. शॉर्ट स्कर्ट और उपर से इतना शॉर्ट टॉप….. अब तो लगभग मे आधी नंगी थी…… मिरर मे अपने आप को देखा तो पेट क्लियर दिखाई दे रहा था……… पेट की नाभि भी क्लियर दिखाई दे रही थी….. यही नही मेरी रेड ब्रा भी क्लियर दिख रही थी. मुझे यकीन था कि भैया मुझे देखे बिना नही मानेंगे…. तो मैने उस टॉप मे अपनी ब्रा को छुपाने की काफ़ी कोशिश की लेकिन नाकाम रही… इससे पहले की कुच्छ और सोचती कि डोर फिर से नॉक हुआ…… मैं समझ गयी कि टाइम ओवर…….” सिमरन के चेहरे के भाव अभी भी बता रहे थे कि उस दौरान क्या सिचुयेशन रही होगी……

“ क्या बात है दीदी………. आप को तो सूपर सेक्सी स्लट बनाने पे तुले हुए थे भैया……………” खैर फिर क्या हुआ….

“ मैने धीरे से दरवाजा खोला…………. पहले मेरी आइज़, फिर मेरे लिप्स, फिर शोल्डर्स, फिर ब्रा, ब्रा के अंदर बूब्स, बूब्स के नीचे सपाट पेट, पेट की नाभि, नाभि के नीचे स्कर्ट, स्कर्ट के नीचे नंगी थाइस…….. मेरे भाई ने अपनी आँखो से सब एक्सरे कर दिया……. और मैं शरम से गढ़ी जा रही थी………….”

सिमरन आगे बताती है…… “ मेरे भैया आगे बढ़ते है………… मेरे बालो मे लगे क्लट्चर को हटाते है… मैं एक स्टॅच्यू बन कर सब होने दे रही थी… बालो को खोलने के बाद धीरे धीरे शोल्डर्स पर लाते है……… उसके बाद जो उन्होने बोला उसे सुन कर तो मेरे पाँव काँप गये…………”

“ उफफफफफफफ्फ़…… ऐसा क्या बोल दिया आपके जालिम भाई ने……. जल्दी बताओ ना…………….” प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

“ उन्होने मेरे टॉप की स्ट्राइप को पकड़ कर सीधा करना शुरू किया…… उनकी फिंगर्स मेरे बूब्स पर भी अंजाने मे टच हो रही थी……… पूरी बॉडी काँप रही थी मेरी…. वो धीरे से मेरे कानो के पास आए बोले –

माइ ब्रदर – फिटिंग अच्छी है टॉप की…….. लेकिन इस टॉप को बिना ब्रा के पहना जाता है…………

“मेरी हालत ऐसी थी कि क्या बताऊ…….. एक जवान लड़के से अपनी ब्रा के बारे मे ऐसी बात सुन कर मैं हैरान भी थी और शरम भी आ रही थी. दिल मे 10 सवाल आ रहे थे कि बिना ब्रा के ये टॉप कैसे पहना जाएगा और पहना भी जाएगा तो बूब्स तो जैसे बाहर ही लटके रहेंगे…………… मैं सोच ही रही थी कि भैया ने अपने बोल्ड अंदाज़ मे फिर से बोलना शुरू किया……….”

माइ ब्रदर – “ सिम्मी……… थोड़ा बहुत चलता है…………….. तू टेन्षन ना ले……. सच मे तू सूपर लग रही है. अब जल्दी से इन्हे चेंज कर ले….ये आउटफिट तो फिक्स है….. अब तेरे लिए जीन्स देख लेते है…………..”

“ बचपन मे डेली लड़ाई झगड़े होते थे..... पता नही मैं कितनी कोशिश करती थी कि डेली मेरे लिए कपड़े लिए जाए…. लेकिन मेरा भाई सबसे पहले मेरा दुश्मन बन कर खड़ा होता था…. और आज मेरा भाई ही था जो मेरे जवानी मे कदम रखते ही पता नही मुझे क्या क्या दिलाने को तैयार हो रहा था…. यही कीमत होती है हर लड़की की जवानी की……. खैर मे फिटिंग रूम मे टॉप और स्कर्ट उतारने लगी और दूसरी तरफ भैया जीन्स लेने के लिए चले गये....”
“ मॉल से खरीददारी करने के बाद हम घर की तरफ निकल लिए . मॉल से निकलते ही बारिस शुरू हो गई . बारिश से बचने की कोशिश करते भी जब हम गाड़ी तक पहुचे तो हम दोनो पूरे भीग चुके थे गीले कपड़ो मे मुझे ठंड लग रही थी , भीगने से मेरे कपड़े बदन से चिपक गए थे. घर आ कर भैया मेरे शरीर के उभारों को आनंद ले कर देखने लगा. मैं शरमा गई. मेरे मुंह से निकल गया..” भैया, मत देखो न ऐसे…मुझे शर्म आती है…” भैया ने शरारत से आँख मार दी… और मैं शरमा कर मेरे रूम में अन्दर भाग गई.
हम दोनों नहा कर फ्रेश हो कर भैया के कमरे में बैठ गए. भैया अलमारी से व्हिस्की की बोतल निकाल लाया.
“यार ठण्ड लग रही है…एक पैग पी लेता हूँ…तुम भी थोडी सी ले लो..”
“नहीं..नहीं…” मैं उसकी हरकते नोट कर रही थी. मुझे लग रहा था आज भैया मूड में हैं. मैंने सोचा आज अच्छा मौका है, पटाने का…
उसने धीरे धीरे पीना चालू कर दिया. कह रहा था – “सिमरन तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है क्या…”
“हाँ…था..अब नहीं है..”
“अच्छा, भैया तुम्हारे साथ कुछ करता था..”
” धत्त…भैया… मुझे शर्म आती है…”
” मत बताओ…लो थोड़ा सा पी लो…अच्छा लगेगा…”
मैंने सोचा अच्छा मौका है… भैया समझेगा मैं नशे में हूँ… और नशे में ऐसा कर रही हूँ…
“अच्छा भैया…थोड़ा ही देना..”
“वाह ये हुई न बात…ये लो ” उसने एक पैग बना कर दिया.
मैंने पीने का नाटक किया. थोडी सी ड्रिंक पास में गिरा दी..और गिलास मुंह से लगा लिया..
कुछ ही देर में भैया को व्हिस्की चढने लगी. बोला- “यार सिमरन तू तो एकदम मस्त है…”
भैया कुछ आगे बोलता उसके पहले ही मैंने उसके होंठों पर उंगली रख दी… मैंने भी नशे में होने का नाटक किया..
“मस्त आप है..भैया…”
“नहीं…मस्त तो तू है… जरा देख अपने को..”
“क्या देखूं…मुझे तो तुम ही दिखाई दे रहे हो…”
अब भैया मस्ती में आ गया था… उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लिया… मैं जान करके उसकी गोदी में गिर गई. उसने मुझे बाँहों में कस लिया…
मैंने कहा- “भैया…ये नीचे क्या लग रहा है…”.
मैं थोड़ा कसमसाई… पर उसका लंड था की घुसता ही जा रहा था. मैं थोड़ा उठ गई… मैंने जान कर के ऐसे उठी की अपनी चूतड की गोल गोल फ़ांकें उसके सामने हो गई…
उसने मेरे दोनों चूतडों को दबा दिया…
मैं जैसे नशे में बोली- “हाय रे..भैया मर गई…क्या कर रहे हो…”
भैया ने कहा – ” सिमरन… मज़ा आया न..अब तुम बिस्तर पर लेट जाओ…”
“नहीं..नहीं…तुम कुछ गड़बड़ करोगे…”
ज्यादा नहीं…बस थोड़ा सा…”
“अच्छा.. ठीक है..”
मेरा मन तो खुशी के मरे उछल रहा था…मैं धीरे से जा कर बिस्तर पर लेट गई.
“ क्या बात है दीदी………. आप को तो चोदने पे तुले हुए थे भैया……………” खैर फिर क्या हुआ….

सिमरन आगे बताती है…… “ भैया ने कहा – “अब आँखे बंद कर लो…”.
“हटो भैया…जरूर तुम… देखो छेड़ना मत…”मैंने आँखें बंद कर ली… भैया पलंग पर पास आकर बैठ गए…और उनका हाथ हौले हौले से मेरे बदन को गुदगुदाने लगा. भैया मेरी दोनों टांगों को धीरे धीरे सहलाने लगे…और ऊपर की तरफ़ आने लगे. मेरे नितम्बों पर उनका हाथ घूमने लगा… मुझे सनसनी सी होने लगी… भैया जान करके अपना हाथ मेरी चूत पर भी टकरा देता था… तब जोर का करंट जैसा लग जाता था…
फिर धीरे धीरे उसने मेरी चूत पर कब्जा कर लिया… मैं सी सी कर सिस्कारियां भरने लगी. अब उसका हाथ मेरे बूब्स को सहला रहा था… एक हाथ चूत पर…और एक हाथ बूब्स पर… “सिमरन…कैसा लग रहा है…”
मेरे मुंह से अचानक निकल गया – ” भैया…तुम्हारे हाथो में तो कमाल है… अब कुछ कर दो न… कुछ भी करो..”
भैया ने मेरे बूब्स भींचने चालू कर दिए…दूसरा हाथ मेरी चूत की गहराई नापने लगा…उसकी बेताबी बढाने के लिए मैंने कहा – “भैया… बस अब नहीं… दूर हटो…”
मैं बिस्तर से नीचे उतर गई. भैया भी मेरे पीछे आ गया था…उसने पीछे से हाथ डाल कर मेरे बूब्स पकड़ लिए… “सिमरन… प्लीज़ करने दो… तुम्हे देख कर मेरा मन कब से कर रहा था की बस एक बार तुम्हे दबा दूँ. तुम्हारे ये उभार…गोलाईयां देख कर मुझसे रहा नहीं जाता है अब…”
भैया का लंड मेरे चूतड़ों में घुसा जा रहा था. मुझे उसके लंड का साइज़ तक चूतड़ों में महसूस हो रहा था.
मैंने मुस्करा कर भैया की तरफ़ देखा… और कहा ” पहले अपना ये मेरे हाथ में दो..”
“क्या…हाथ में क्या दूँ ?”
“भैया… अपना मोटा सारा लंड…”
लंड का नाम सुनते ही भैया तो जैसे पागल हो उठा.” मेरा लंड… वऊऊ… अरे पकड़ लो न… पूरा लंड तुम्हारा ही है

“ तो आख़िर गिरा ही दी बिजली……… ग्रेट…………” प्रीति सिमरन की बात सुनते हुए बोलती है.
मेरी तमन्ना पूरी होने लगी थी. मेरा मन आनंद से भर उठा. मुझे लगा अब चुदाई में ज्यादा देर नहीं है… मैंने नशे में होने का नाटक करते हुए कहा – “हाय रे भैया…मत करो न…मुझे गुदगुदी होती है… देखो न तुम्हारा नीचे का डंडा…मेरी गांड में लग रहा है…”उसका लंड नीचे से गांड में घुसने के लिए जोर मार रहा था. उसके मोटे लंड का स्पर्श मुझे पूरा महसूस हो रहा था. मैंने अपने आप को उसके हवाले करते हुए कहा- “दूर हटो न…भैया… तुम्हारा लंड तो गांड में घुसा जा रहा है..”.
लंड और गांड का नाम सुनते ही भैया बेकाबू हो गया और जोश में भर कर बोला – “सिमरन..तुम्हारी गांड ही इतनी प्यारी है..की उसे देखते ही लंड को घुसा देने का मन करता है…”. भैया ने भी खुली भाषा का इस्तेमाल किया… देसी भाषा सुनते ही मैं तरंग में डूब गई.
अब उसने और कास के पकड़ लिया था. मेरे बूब्स मसलने लगा, चुन्चियों को खीचने लगा… और ऊपर से कमर हिला हिला कर लंड को गांड की दरारों में मारने लगा…
“भैया…बस भी करो…कोई आ जाएगा न…”
“सिमरन…कोई नहीं आएगा… “. उसने अपना पजामा उतार दिया और कहा…”देख ये कितना टन्ना रहा है..” फिर उसने अपना कुरता भी उतार दिया और पूरा नंगा हो गया…

मैंने कहा – “भैया…ये क्या करते हो… मुझे शर्म आ रही है…”
उसने मेरी एक नहीं सुनी. और मुझे उठा लिया…और बिस्तर पर प्यार से लेटा दिया. उसका लंड कड़क हो गया था. बहुत ही टन्ना कर फुफकार रहा था…
मेरा पजामा और कुरता खींच कर उतार दिया.मैं तो यही चाह रही थी. कहा – “अरे क्या कर रहे हो… मैं तो नंगी हो जाऊँगी न…”
बोला – “नंगे बदन आपस में रगड़ खायेंगे तो मज़ा भी तो आएगा “उसने मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया. मेरी चूत भी गीली हो गई थी. मैं बहुत खुश थी कि अब मैं चुद जाऊँगी. मैंने अपनी टांगे फैला दी और भैया को अपने ऊपर चढ़ने का न्योता दिया.
भैया मुस्करा कर पास आया और मेरी दोनों टांगो के बीच में आकर बैठ गया. उसने मेरी चूत सहलाई और चेहरा पास लाकर चूत को प्यार किया. मेरे चूत के दाने को जीभ से घुमा कर चाटना शुरू कर दिया. मैं झनझना उठी… मुंह से आह निकल गई. अब भैया मेरी चूत चाटने लगा. उसके हाथों ने मेरे बूब्स को मसलना चालू कर दिया. मुझे नशा सा आने लगा. कहने लगी – ” मज़ा आ रहा है…भैया…आ ह…हाय रे…और चूसो…निकाल दो मेरा पानी…आह्ह्ह्ह…”
“ तो दीदी आपकी चुदाई होने वाली थी……..” प्रीति उसकी स्टोरी मे बहुत इंट्रेस्टेड थी.
“ अरे कहाँ भैया तो पहले गान्ड मारना चाहता था ” सिमरन हँसते हुए कहती है
“ तो क्या दीदी आपकी चुदाई नही गान्ड मरने वाली थी……..” प्रीति जानने के लिए मरी जा रही थी.
सिमरन आगे बताती है---भैया ने मेरी टांगे और ऊपर कर दी अब मेरी गांड उसके सामने थी. टांगे थोडी और फ़ैलाकर उसने अपना मुह मेरी गांड के छेद पर लगा दिया और जीभ निकर कर छेद को चाटने लगा. मुझे गुदगुदी होने लगी. उसने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में घुसा दी. मैं आनंद के मारे मैंने आंखे बंद कर ली. मैं समझ गई थी कि भैया मेरी गांड मारने कि तय्यारी कर रहा है. भैया ने कहा – “तुमने तो पहले से ही गांड में चिकनाई लगा रखी है ”
“हाँ भैया…मुझे आज लग रहा था कि तुम आज कुछ न कुछ ऐसा ही करने वाले हो…इसलिए मैंने तो पूरी तय्यारी कर ली थी… आह भैया… मज़ा आ रहा है…और करो…मैंने खुशबू वाली क्रीम लगाई है… आह रे…पूरी जीभ अन्दर डाल दो…”
भैया उठा और तकिया मेरी कमर के नीचे रख दिया. मेरी गांड अब थोडी ऊपर हो गई थी… उसने अपना लंड छेद पर रख दिया…
“सिमरन… मेरी प्यारी सिमरन… गांड मराने को तैयार हो जाओ…”
“हाँ मेरे राजा… घुसा दो अन्दर… मार लो गांड मेरी…”… तो लो मेरी जान… ” उसके लंड की सुपारी गांड में घुस गई… मेरी गांड की चुदाई शुरू हो गई थी… मैं मन ही मन झूम उठी…
“..हाय… घुस गया रे… राजा…लगाओ…जोर लगाओ भैया…”
” येस…येस… ये लो… आह… आया…आह…”
भैया का लंड अन्दर घुसा जा रहा था…मुझे अन्दर जाता हुआ महसूस हो रहा था…फिर उसने बाहर निकाला और जोर लगा कर एक ही झटके में पूरा ही घुसेड दिया…


“हाय भैया… मज़ा आ गया… धक्के लगाओ…हाँ…हाँ… थोड़ा जोर से… और जोर से…”
“मेरी जान… तुम्हारी गांड तो बिल्कुल मक्खन मलाई है… इतनी चिकनी कि बहुत मज़ा आ रहा है… देखो लंड कैसे फटाफट चल रहा है…”
गांड में लगाई हुयी चिकने से दर्द बिल्कुल नहीं हो रहा था. और अब तो मीठा मीठा मज़ा भी आ रहा था. मुझे लग रहा था भैया लम्बी रेस का घोड़ा है… भैया जोर जोर से धक्के मारने लगा…मैं तकिये के कारण ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही थी. पर उसके धक्को का पूरा मज़ा ले रही थी…
अचानक भैया रुक गया और धीरे से अपना पूरा लंड बाहर निकाल लिया. मुझे छेद के अंदर ठंडी सी हवा लगी…जैसे कुछ खाली हो गया हो… उसने नीचे से तकिया हटा दिया.
अब भैया मेरे ऊपर आकर धीरे से लेट गया और अपना बदन का पूरा भर मेरे पर डाल दिया. मेरे होटों को अपने होटों में दबा लिया… और चूसने लगा… उधर नीचे भी लंड अपना रास्ता दूंढ रहा था. मैं भी कसमसा कर लंड को निशाने पर लेने की कोशिश कर रही थी. मेरी चूत पानी से चिकनी हो गई थी. आखिर लंड ने रास्ता दूंढ ही लिया. उसके लंड की मोटी सुपारी मेरी चूत में सरक गई. मेरी आह निकाल गई.. मैंने नीचे से जोर लगाया तो लंड और अन्दर सरक गया. मैं तड़प गई. कहा – ” भैया…आह…धक्का मरो ना… क्या कर रहे हो…हाय रे…चोदना शुरू करो ना..”
भैया ने अपना बॉडी अपनी दोनों कोहनियों पर उठा लिया. मेरा बदन अब फ्री हो गया था. उसने लंड को बाहर खींचा और जोर से अन्दर धक्का दे दिया. उसका पूरा लंड भीतर तक बैठ गया. मेरे मुंह से चीख निकल गई. चूत गीली होने से धक्के मारने पर फच फच की आवाजें गूंजने लगी…
” राजा और जोर से…लगाओ…हाय रे…पूरा घुसा दो…जड़ तक… घुसेड दो… हाँ…हाँ… चोद दो..राजा…जोर से.. चोद दो…”
“हाँ मेरी रानी… तुम्हे देख कर ये लंड कब से तड़प रहा था… चोदूंगा रे… कस के चोदूंगा… ले… ले…और ले… फाड़ ही दूँगा..आज तो…”
“आह रे.. मेरे भैया…सुच में..फाड़ मेरी चूत…लगा..जोर से…दे…दे…जोर दे दे..हाय…सी..सी…सी…चुद गई रे… मेरी माँ…”
“हाँ..हाँ… मेरी जान…आज तो फाड़ डालूँगा…तेरी चूत को…ये ले…पूरा लंड..ले..ले..ये ले..और ले… मेरी जान… क्या चीज़ हो तुम…”
उसके धक्के तेज होने लगे लगे. फच फच की आवाजे भी तेज होने लगी. मैं भी नीचे से चूत उछाल उछाल कर जोर से चुदवा रही थी. मेरी कमर भी तेजी के साथ चल रही थी. मुझे बहुत ही ज्यादा आनंद आ रहा था. मेरी सिसकियाँ भी बढ़ने लगी… मेरे मुंह से अपने आप निकलता जा रहा था – “मेरी चूचियां मसल डालो भैया… हाँ…जरा जोर से मसलो… मज़ा आ रहा है… हाय…मसलो डालो… झटके दे दे..के चोदो राजा..हाँ..हा…ऐसे ही…चोद डालो मेरे राजा…”
मेरी सिस्कारियां बढती जा रही थी. मेरे चूतड अब तो अपने आप ही नीचे से उछल उछल कर उसके लंड को अन्दर बाहर कर रहे थे. भैया के धक्के भी जोरदार पड़ रहे थे… उसके मुंह से सिस्करिआं तेज होने लगी… अचानक ही उसके मुंह से निकला – “सिमरन… सिमरन… मैं तो गया… हाय..मैं गया…मुझे कस के पकड़ ले ना…अरे..रे..रे..गया…हा आया… हा आया. ”

मैं भैया से जोर से चिपक गई मेरा भी निकलने ही वाला था… भैया अपना लंड जोर से चूत में दबाने लगा ने…और मैं… मैंने अपने दोनों टंगे ऊँची करके चूत को लंड पर गडा दिया… और पूरा जोर लंड पर लगा दिया…
ऊऊईई ए…हाय राम…मर गई ए… पानी निकल गया या…अरे…निकला रे…हाय…चोद दे…चोद दे..हाय रे आह…आह…आआह्ह्… गई ..गऽऽई…अआः…चुद गई…चुद गई…आह…आःह्छ ” सिसकारी भर कर मैंने पानी छोड़ दिया… उधर भैया ने अपना लंड निकला और मेरे बूब्स पर अपना लावा उगलने लगा… रुक रुक कर उसका लंड रस उछाल रहा था…
मैंने तुंरत उसका लंड अपने मुंह में ले लिया. और उसका चिकना चिकना रस चाटने लगी. लंड को पूरा साफ़ करके मैं आराम से लेट गई. भैया भी मेरी बगल में लेट गया… भैया हाँफ रहा था. मैं करवट लेकर उस से लिपट गई… हम वैसे ही नंगे पड़े रहें और हम दोनों कब सो गए हमें पता भी नहीं चला…
“वाउ….. युवर ब्रो ईज़ सो रोमॅंटिक…. दीदी आपने तो सिक्शर मार दिया एनीवे फिर क्या हुआ……………” प्रीति भी मुस्कुराते हुए कहती है.

“उस दिन मैं बहुत खुस थी, आख़िर लड़की होने का अहसास मुझे उस दिन ही हुआ था. ये भी अहसास हो गया था कि लड़की का मीनिंग क्या है. लड़की का मीनिंग बस घर की चार दीवारी मे रह कर बस काम करना नही है बल्कि लड़की उनका मन बहलाने के लिए बनी है जो घर के लिए काम करते है – फॉर मेन. उपर वाले का तहे दिल से शुक्रिया अदा करा उस दिन, कि उसने मुझे किसी लायक बनाया. मैं इस लायक थी कि किसी के लंड को खड़ा कर पाऊ, और यही तो लड़की की सबे बड़ी इज़्ज़त है.
भैया मेरे ऊपर ही पसर गए और हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़ लिया। कमरे में ए सी चल रहा था पर हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से लिपटे हुए किस कर रहे थे। थोड़ी देर बाद हम अलग हुए और स्नानघर में जाने लगे तो देखा बिस्तर खून से भरा हुआ था। मैं घबरा गई और बोली,“ ये क्या …… अब क्या होगा?”

भैया बोले,“ इसमें डर कुछ नहीं, पहले पहले यही होता है”

मेरी कमर में दर्द होने लगा था। हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाने गए तो एक दूसरे को साबुन लगा कर नहलाया। मेरी चूत अब कुँवारी नहीं रही थी। भैया ने रगड़ कर मेरी चूत को धोया और मैंने उनके लण्ड को, जिससे हम दोनों गर्म हो गए। मैं थोड़ा शरमाई पर काफ़ी झिझक निकल चुकी थी। हम दोनों फ़व्वारे के नीचे खड़े थे। भैया नीचे बैठे तो मैंने कहा,“ये क्या करने जा रहे हो भैया !”

“मैं तो अपने होठों की मुहर लगाने जा रहा हूँ …… और अब तुम भी लगाना”

वो मेरी चूत में उँगली करने लगे थे और जीभ भी फ़िराने लगे। मैं पागल हो उठी। मैं अपने एक स्तन को मसलने लगी और भैया हाथ बढ़ा कर दूसरे को। भैया मेरी हालत समझ गए और फ़र्श पर ही लिटा लिया। मेरी चूत में उनकी जीभ तैर रही थी और मेरे हाथ उनके सर को पकड़ कर मेरी चूत को दबा रहे थे। मैं अपने होठों को काट रही थी और लम्बी लम्बी सिसकारियाँ ले रही थी। मेरी टांगें उनकी गरदन में लिपट गई थी।

“वाउ दीदी ग्रेट…..बाथरूम मे चुदाई क्या जबरदस्त एनकाउंटर रहा होगा….. आगे बताओ कि क्या हुआ……….” प्रीति और भी मज़े लेते हुए बोलती है.

सिमरन ने प्रीति की चुचि मसल्ते हुए ----क्या तूने कुशल के साथ बाथरूम मे नही किया

दीदी आप कहानी की लय को मत बिगाड़ो मुझे जल्दी से सारी बातें बताओ
छोटी अब तो मानती है कि तू बड़ी हो गई है………..”

“ आपको क्यूँ लग रहा है…………. ऐसा?” मैने बहुत ही शरमाते हुए कहा

“ नही बस ऐसे ही…. अब जब तूने मुझे अपने दोनो छेदों मे अंदर ले लिया है…………”

ओह्ह भैया..... मुझे शरम आती है……..”
फ़िर वो मेरे ऊपर आ गए और मैंने अपनी टांगें उनकी कमर पे लपेट ली। मेरे दोनों हाथ उनकी गरदन में लिपट गए। उन्होंने फ़िर जोर का झटका मारा तो आऽऽऽह्हऽऽआ …॥अ…अह्…… जैसे मेरी जान ही निकल गई। फ़िर भैया मेरे बूब्स को दबाते और झटके मारते जाते। वो वहशी होते चले गए, मेरे बूब्स को निर्दयता से मसल रहे थे और दांतों से काट रहे थे, मेरी गरदन पर भी प्यार से काटा। वो जहाँ जहाँ अपने दाँत गड़ाते वहाँ खून सा जम जाता। मैं भी पागल हो जाती तो बदले में अपने नाखून उनकी पीठ में गड़ा देती और उनकी गरदन पर काट लेती। जंगलीपने से बाथरूम में मेरी प्यार भरी चीखें गूंज रही थी, जिससे भैया का जोश बढ़ता ही जा रहा था। यह सिलसिला आधे घण्टे तक चला और उतनी देर में मैं दो बार झड़ चुकी थी और भैया रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फ़िर जब हम शांत हुए तो मैं तीसरी बार झड़ी थी। हम फ़्रेश हो कर कमरे में चले गए और थोड़ा आराम करके खाना खाया। फ़िर हम नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर बातें करने लगे।

मैंने कहा,“भैया … ओह सोरी … जान, अब मेरा क्या होगा, मैं क्या करूँ और अब आगे का क्या प्लान है, मेरा मतलब भविष्य का, क्योंकि अब मुझे घबराहट हो रही है, मैं आपके बिना नहीं रह सकती।”

वो बोले “चिंता मत करो मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ,

मैंने कहा “ठीक है , चलिए अब सो जाते हैं क्योंकि कल हमें कॉलेज भी जाना है”

वो बोले “चिंता क्यों करती हो जान, मैं तुम्हें तड़पता नहीं छोड़ सकता। आज ही हम एक हुए और क्या तुम मुझे तड़पता छोड़ दोगी गुड़िया?”

मैंने कहा “नहीं भाई …….. प्लीज़ ऐसा मत बोलो। आज हम नहीं सोयेंगे। आज हम एक दूसरे को पूरा सुख देंगे। आप मेरे साथ जी भर कर और जम कर करो और अपनी बहन को रौंद डालो भैया.”

फिर भइया ने मुझे रात में तीन बार और जम कर चोदा और वो भी आधे आधे घंटे तक। और तब तक मैं बेहोशी की हालत में आ चुकी थी। हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए। सुबह जब मैं उठी तो भइया कॉलेज चले गए थे मैं बहुत थकी हुई थी और मेरा बदन भी काफी दर्द कर रहा था खास कर से मेरी कमर। मैंने फ्रेश हो कर नाश्ता किया औरफिर सो गई। मैं सीधे ३ बजे के करीब उठी तो काफी ठीक महसूस भी कर रही थी और देखा कि भइया मेरे सर को अपनी गोद में लिए हुए थे।
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rocky123
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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

Post by rocky123 »

फाइनली हम उस जगह पर आ चुके है जहाँ से ये कहानी अधूरी है ,
मैंने सभी अपडेट हिंदी मेंदे दी है
आप लोगो से निवेदन है कि हो सके तो एक बार दोबारा से शुरू से कहानी पढ़ लो ताकि आपको ज्यादा मजा आये
चूँकि अपडेट बहुत ज्यादा है तो मैं अगली फर्स्ट अपडेट 4 या 5 दिन बाद ही दूंगा
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