फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complete)

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rocky123
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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

Post by rocky123 »

कुशल एक बार को तो कुच्छ बोल ही नही पाया. अभी कुच्छ टाइम पहले ही उसने प्रीति की चूत फाडी थी और वो अब ऐसे कामुक कपड़े पहन कर बैठी थी.

सेक्स और ड्राइविंग, ये शायद ऐसी दो चीज़े है जो स्टार्टिंग मे हर इंसान खूब दबा के करता है. कुशल को नीचे स्मृति भड़का चुकी थी और यहाँ फिर से एक बार प्रीति भी तैयार लग रही थी.

एक तरफ सिंगल टाइम फक्ड प्रीति थी, जो की बेहद सेक्सी, यंग और बेहद टाइट थी तो वहीं दूसरी तरफ स्मृति एक मेच्यूर लेडी जो कि काफ़ी एक्सपीरियेन्स दे सकती थी.

" मैं..... मैं तो ऐसे ही मम्मी से बात कर रहा था........." कुशल घबराते हुए प्रीति की बात का जवाब देता है.

प्रीति अपनी जगह से खड़ी होती है. वो एक अच्छी हाइट वाली स्लिम गर्ल थी, सेक्सी तो वो थी ही और उपर से उसने अल्ट्रा सेक्सी क्लोद्स भी पहन रखे थे धीरे धीरे वो कुशल के पास जाती है और उसके सामने खड़ी हो जाती है, उसके कॉलर को पकड़ कर अपनी तरफ खींचती है.

"ऐसा क्याआअ कर रहा था जो तुझे मेरी याद नही आई........" प्रीति की आवाज़ ऑटोमॅटिकली बहुत ज़्यादा सेक्सी हो चुकी थी.

कुशल का चेहरा उसके बूब्स के बहुत करीब था.

" मैं तो तुझे कोई और कपड़े देकर गया था........ और तूने.... तूने बदल दिए वो कपड़े........" कुशल घबराते हुए बोलता है.

" क्याअ तुझे बस मेरे कपड़े ही दिखाई दे रहे है...... उसके अंदर कुच्छ नही........" प्रीति आज कुच्छ ज़्यादा ही रोमॅंटिक थी.

प्रीति अब उसकी टीशर्ट पकड़ती है और खींच कर अंदर उसे उसके रूम मे ले आती है.

" पुचह......" अंदर आते ही वो अपने लिप्स उसके गाल पर रख कर एक किस कर देती है.

" प्रीति...... वो.... वो....." कुशल को नीचे की भी टेन्षन थी.

" क्यूँ इतना घबरा रहा है......." ये बोल कर प्रीति अब अपने होंठ उसके होंठ पर रख देती है.

प्रीति को कोई शक ना हो इसलिए कुशल भी उसे किस मे सपोर्ट करता है लेकिन अभी भी उसका ध्यान नीचे की तरफ ही था.

प्रीति अपने वाइल्ड रूप मे आने लगी थी और उसका सीना तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था. लेकिन कुशल की तो जैसे फटी हुई थी लेकिन वो चेहरे से नही दिखा रहा था.

प्रीति अपना हाथ सीधे उसके लंड पे ले जाती है और उस पर हाथ रखते ही प्रीति को जैसे झटका सा लगता है क्यूंकी पहले स्मृति और अब प्रीति की वजह से वो लंड अब एक महा लंड बन गया था टाइट होकर.

एक पल के लिए दोनो के होंठ अलग होते है. प्रीति स्टाइल मे अपने बाल अपने हाथ से पीछे की और करती है और लंड को टाइट भींचते हुए कहती है -

" मैं समझ सकती हू कि तेरे इसको मैं कितनी पसंद आई............" प्रीति अपनी सेक्सी आइज़ से कुशल की तरफ देखते हुए बोलती है.

" तुझसे भी ज़्यादा तेरी चूत पसंद आई........" कुशल प्रीति के टच से ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था.

" क्या सभी लड़के पुसी को वोही बोलते होंगे जो तू बोलता है......." प्रीति स्माइल करते हुए और उसके लंड पर हाथ फिराते हुए बोलती है.

" लड़के क्या लड़किया भी........ चूत को चूत ही बोलती है..........."कुशल का ध्यान अपने लंड की भी तरफ था. अब तक प्रीति लंड को बाहर निकाल चुकी थी.

" लड़कियो को बदनाम ना कर......." फिर से एक प्यारी सी स्माइल के साथ प्रीति कुशल से बोलती है.

" अच्छा सच बता..... कभी तुझे लंड के सपने नही आए......." पंकज प्रीति से पुछ्ता है. प्रीति अपने हाथ अब तक उसके खाली लंड पे फिराने लगी थी.

" मुझसे क्या पुछ्ता है..... लड़के नही देखते क्या पुसी के सपने....." प्रीति कुशल को रिप्लाइ करती है.

" लड़के सपने नही लेते पुसी के...... चोद देते है उसे मिलते ही......." कुशल की इस बात से प्रीति को हँसी आ जाती है.

" बाते बनाना ना तो कोई तुझसे सीखे......" ये बोलते हुए प्रीति अपने एक हाथ को अपने एक बूब्स पे ले जाती है और धीरे से उसे अपनी ब्रा से बाहर निकाल देती है.

कुशल का लंड अभी भी उसके हाथ मे था. कुशल आगे बढ़कर उसकी कमर को पकड़ता है और उसके लिप्स पर एक किस करता है.

" प्रीति... यू आर डॅम सेक्सी... अच्छा सुन मुझे लगता है की मुझे अभी नीचे जाना चाहिए क्यूंकी मोम अकेली हैं ना....." कुशल सिचुयेशन को देखते हे बोलता है.
प्रीति फिर से कुशल के करीब आकर और चिपक जाती है और बोलती है -

" बड़ी फिक्र कर रहा है मोम की....... मेरी फिक्र नही है तुझे.......?" प्रीति उसकी आँखो मे आँखे डालती हुई बोलती है.

" नही वो.. वो... मुझे डर है कि कहीं वो उपर ना आ जायें.........." कुशल फिर से बात को पलटने की कोशिश करता है.

प्रीति कुशल से थोड़ा दूर हट जाती है और बेड पर जाकर आराम से सीधा लेट जाती है.

प्रीति का एक बूब ऑलरेडी बाहर ही था. अब वो अपना हाथ पैंटी पर ले जाकर उसकी स्ट्राइप अपनी चूत से साइड मे करती है.

" लेकिन....... तेरे लिए तो ये तरस रही है मेरी जान........." प्रीति अपनी चूत मे एक उंगली घुसा देती है.

ये बहुत ही ज़्यादा एग्ज़ाइटेड कर देने वाला सीन था. कुशल अब सब भूल चुका था, उसे बस वो याद था जो अब उसके सामने था.

वो आगे बढ़ता है....... अपने दोनो हाथो से उसकी टाँगो को फेलाता है और अपने होंठ को उसको चूत पे रख देता है.

" आआहह..... कुशालल्ल्ल्ल........ आइ....... लव...... यू............" प्रीति की आँखे बंद हो जाती है. लड़कियो को इतना मज़ा सेक्स मे भी नही आता जितना की उन्हे अपनी चूत चटवाने मे आता है.

" म्*म्म्मममह.........कुशल..............." प्रीति मस्त हो चुकी थी.

प्रीति की पैंटी की स्ट्राइप को पकड़ कर कुशल अपनी जीभ को उसकी चूत मे अंदर घुसाए जा रहा था. प्रीति की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. पानी तो पहले से ही था लेकिन अब और भी ज़्यादा रसीली हो चुकी थी उसकी चुत.

" आआआआआआईयईईईई.....म्*म्म्ममममममममममममज....." प्रीति के साउंड का वॉल्यूम बढ़ता जा रहा था.

इससे पहले जब कुशल और उसका मिलन हुआ था तो एग्ज़ाइट्मेंट मे कुशल ने उसकी पुसी को अपनी जीभ से टेस्ट नही कराया था तो आज वो तमन्ना पूरी हो रही थी प्रीति की.

" कुशालल्ल्ल्ल........ माइ मॅन......ग्रेट.....लाइक दट प्लीज़.........थोड़ा और.............." प्रीति ऑटोमॅटिकली ही पता नही मूँह से क्या निकले जा रही थी. वो अपनी चूत को और उछालने भी लगी थी.

कुशल बार बार अपने होठ भी रगड़ देता था उसकी चूत से.... जिससे प्रीति की पूरी बॉडी मे झुरजुरी हो जाती थी.

" आइ.......लव.....ऊवूऊवूयूयूयुयूवयू.......आअहह......म्*म्म्मममममह...इस्शह......" प्रीति अपनी चरम सीमा पर थी.

कुशल भी अपनी जीभ को अब तेज़ी से हिलाने लगा था. प्रीति की चूत पानी पानी हो चुकी थी.

" फक्क मी....... प्लीज़......कुशल फक मी............ आअहह..... आहह....ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ......." कुशल अपने सीधे हाथ से उसकी चूत मे उंगली भी चला रहा था.

उसकी चूत अब लंड के लिए बेचैन थी. कुशल सही मौका देख कर अपने को उसकी चूत से हटता है और अपनी टीशर्ट उतारता है.
बिना टाइम वेस्ट करे वो नीचे से भी बिल्कुल नंगा हो जाता है. उसका लंड किसी बड़े हथियार जैसा लग रहा था.

वो आगे बढ़ता है और प्रीति की कमर को पकड़ कर उल्टा कर देता है. प्रीति तो जैसे लंड के लिए भूखी थी. जैसा कुशल कर रहा था वो वैसे ही कर रही थी.

अब प्रीति पेट के बल लेटी हुई थी बेड पर और उसके हिप्स कुशल के सामने थे. कुशल एक बार फिर से उसकी कमर पर हाथ रखता है और उसके हिप्स को थोड़ा उपर उठा देता है.

अब प्रीति बिल्कुल डॉगी पोज़िशन मे थी -" अपने हिप थोड़े बाहर निकाल ......." कुशल प्रीति से बोलता है और प्रीति भी अदा मे अपनी गान्ड को बाहर निकाल लेती है. चूत जैसे एक दम से क्लियर हो जाती है कुशल को.

कुशल फिर से उसकी गान्ड मे अपना मूँह घुसा कर उसकी चूत चाटने लगता है. ये प्रीति के लिए एक नया एक्सपीरियेन्स था कि कैसे बॅकसाइड से कुशल ने अपना मूँह उसकी चूत तक पहुँचा दिया.

" आआआहह...प्लीज़ और मत तरसा....... फक मी प्लीज़.........." प्रीति अपनी गान्ड को थोडा सा बाहर करते हुए बोलती है.

कुशल वहाँ से हट जाता है. अपने हाथो पर थोड़ा थूक लगा कर अपने लंड पर लगाता है. उसका लंड थूक से भीग चुका था, लंड की हर नस क्लियर दिखाई दे रही थी.

कुशल उस लंड को उसकी चूत पर टिकाता है और एक धक्का लगाता है - फुचह....... साउंड के साथ लंड का सुपाडा अंदर पहुँच जाता है. आज साउंड कुच्छ डिफरेंट था जब लंड अंदर गया.

" आआआआआआहह........" प्रीति एक बार फिर से चिल्लाती है. लेकिन अब की बार शायद पेन इतना नही था जितना की पहली बार मे हुआ था. प्रीति को देख कर भी अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि पेन तो उसका अच्छे वाला हुआ है.

कुशल उसकी गान्ड पे दो थप्पड़ जामाता है. जैसे उसकी गान्ड पे मोजूद मांसल हिस्सा हिलता है तो उसे देख कर कुशल मस्त हो जाता है और फिर प्रीति की कमर पकड़ कर एक करारा धक्का लगाता है.

" आआऐईयाीईईईईईई....... आराम से........" शायद ये स्ट्रोक कुच्छ ज़्यादा ही स्ट्रॉंग था और लंड काफ़ी अंदर जा चुका था.

कुशल फिर से उसकी कमर को पकड़ कर लंड बाहर निकालता है और धीरे से फिर से अंदर घुसा देता है. फिर से बाहर और फिर से अंदर......

प्रीति अपने एक हाथ को अपने मूँह के पास ले जाकर उस पर थोड़ा सा थूक लगाती है और उसे अपने पेट के नीचे से ले जाकर अपनी चूत पर लगाती है.

" उफफफफफफफफ्फ़...... कुशल.............आऐईयईईईईईई.........आहह....ऊऊऊऊ" प्रीति का दर्द कम होता जा रहा था और मज़ा बढ़ता जा रहा था.

फुच....फुचह..फुचह....फुच

ऐसे साउंड फिर से आने शुरू हो गये थे रूम मे. कुशल ने स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए थे और यही नही प्रीति भी बार बार अपनी गान्ड को पीछे कर कर के कुशल को सपोर्ट कर रही थी.

"एसस्स्स्स्सस्स.....उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़........ग्रेट.......फकक्क्क्क मी........ओह...." प्रीति जैसी लड़की के मूँह से निकलती हुई ऐसी सेक्सी आवाज़ो ने कुशल को और भी ज़्यादा मजबूर कर दिया था कि वो और तेज धक्के लगाए.

" फक्क्क्क माइ पुस्स्स्स्स्सययययी........ आआआआआआआहह........फाड़दे ईससीए......कुशाल्ल्ल.........."
जब करीबन 8 इंच का तगड़ा लंड बाहर निकाल कर स्रर्र्ररर से दोबारा अंदर जाता तो प्रीति की चूत तो जैसे धन्य हो जाती. उसकी चूत खुलती जा रही थी और कुशल का लंड और भी मोटा होता जा रहा था. प्रीति बार बार अपना चेहरा पीछे कर रही थी, उसकी सेक्सी आइज़ कुशल को और भी ज़्यादा स्पीड के साथ काम करने के लिए इन्वाइट कर रही थी.

प्रीति की गान्ड और कुशल की थाइस जब स्ट्रोक लगाने के दौरान आपस मे टकरा रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि मानो कहीं कोई सीरीयस लड़ाई हो रही हो.

" आअहह.......फाड़ दे मेरी कुशल........उफफफफफफफफफफ्फ़.............आइ.....लव........यू..........अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह........"

फूच...फूच..फुच्च.फूच...फूच..फुच्च.... कुशल के बेड पर हो रही प्रीति की चुदाई से आ रहे साउंड को अगर कोई भी सुनता तो आइडिया लगा लेता कि ये कोई हार्ड फक्किंग सेशन चल रहा है.

" आआहह........ आइ.........एम.......कमिंग............ आअहह आहह आहह.........." और इसके साथ ही प्रीति की चूत अकड़ जाती है.

कुशल अभी भी फुल स्पीड मे लगा हुआ था. लेकिन प्रीति की चूत का पानी निकल चुका था.

कुच्छ सेकेंड्स के लिए सब नॉर्मल था लेकिन फिर प्रीति को जैसे परेशानी होने लगी.

" कुशल....... जल्दी कर ना प्लीज़.... कितना टाइम लगेगा....."

कुशल धक्के लगाने मे लगा हुआ था.

" कुशल... मुझे जलन हो रही है प्लीज़ जल्दी कर ना...."

लेकिन कुशल अभी भी लगा हुआ था. कुशल के लंड की मोटाई को अब झेलना तो जैसे प्रीति के बस का नही था.

" कुशल......... अब...... मुझे पेन हो रहा है........... सोर्र्र्ररयययययययययी....." और ये बोलते ही वो आगे हो जाती है और लंड बाहर.

कुशल को तो जैसे अब होश आया था. प्रीति के इस सडन रिक्षन की तो जैसे कुशल को भनक भी नही थी. कुशल का लंड बाहर और उसका चेहरा एक दम तमतमाता हुआ लाल हो चुका था.

" ये क्या बदतमीज़ी है.........?" कुशल गुस्से मे प्रीति से पुछ्ता है.

" बदतमीज़ी तो तू दिखा रहा था.... जब मुझे पेन हो रहा था तो तू जल्दी नही कर सकता था." प्रीति उल्टा लेटे लेटे जवाब देती है.

कुशल उसकी ये बात सुनकर जैसे पागल हो जाता है -

" जब तेरी चूत मे इतनी जान नही है तो क्यू लंड के पीछे भागती है.......?" कुशल बेड से खड़ा होता हुआ बोलता है.

" मुझसे बकवास करने की कोई ज़रूरत नही है.... समझ आया तुझे....." प्रीति गुस्से मे बोलती है.

कुशल उसकी इस बात से और भी ज़्यादा गुस्से मे आ जाता है. जब किसी लड़के के साथ ऐसा होता है तो वो अपना आपा वाकई मे खो सकता है और इसका आइडिया प्रीति को नही था.

कुशल गुस्से मे आगे बढ़ता है और उसके बाल पकड़ कर उपर की ओर खींच लेता है

कुशल अपना दूसरा हाथ सीधा उसकी गान्ड पर ले जाता है. इससे पहले की प्रीति कुच्छ सोचती कुशल अपनी उंगली उसकी गान्ड के छेद मे घुसा देता है. वो छेद बहुत ही ज़्यादा टाइट था.

"आआऊऊऊऊऊऊओ....." प्रीति चिल्ला पड़ती है.

" अब तो तेरी चूत फटी है...... ज़्यादा बोलेगी तो तेरी गान्ड भी मार लूँगा. एक उंगली से चिल्ला रही है तो सोच कि इतने मोटे लंड से क्या होगा." कुशल प्रीति को बोलता है.

प्रीति कुशल की इस बात का कोई जवाब नही देती क्यूंकी वो समझ चुकी थी कि इस टाइम कुच्छ भी बोलना सही नही है.
खैर पता नही क्या सोच कर कुशल अपनी उंगली को बाहर निकालता है और प्रीति को छोड़ कर अपने कपड़े पहन ने लगता है.

प्रीति अभी भी चुप थी लेकिन जब कुशल रूम के बाहर जाने लगता है तो वो पूछती है -

" कहाँ जा रहा है......." उसकी आवाज़ मे थोड़ी केर थी.

" तेरी मा चोदने............" कुशल की ये बात सुन कर फिर से प्रीति की हँसी छूट जाती है.

आक्च्युयली प्रीति इस बात को कुशल का गुस्सा समझ रही थी और कुशल ने एक अपने दिल की बात बता दी थी.

इससे पहले की प्रीति कुच्छ बोलती कुशल रूम से चला जाता है.

प्रीति का प्लान भी पता नही क्या था लेकिन उसको देख कर ये नही लग रहा था कि वो कुशल के रूम से जाने के मूड मे है.

कुशल का मूड ऑफ हो चुका था. कहाँ वो इतनी टाइट चूत मार रहा था और कहाँ उसका एंडिंग पॉइंट होने से पहले ही उसके साथ चीटिंग हो गयी.

धीरे धीरे वो नीचे आता है. लेकिन नीचे आते ही उसको हॉल मे बैठी हुई स्मृति दिख जाती है. उसने अभी भी टीशर्ट आंड जीन्स पहनी हुई थी.

वो हॉल मे सोफे पर बैठी थी और हाथ मे अगेन वाइन का ग्लास था. कुशल को थोड़ी राहत मिलती है.

" हाई मोम....." कुशल फिर से स्माइल करते हुए कहता है.

लेकिन स्मृति उसे कोई रेस्पॉन्स नही देती. वो अपने ग्लास को हाथ मे लेकर ड्रिंक करने मे बिज़ी रहती है.

कुशल उसके साथ आकर सोफे पर बैठ जाता है. लेकिन स्मृति उसकी तरफ नही देखती.

" क्या बात है मोम.... गुस्सा लग रही हो......" कुशल फिर से स्माइल करते हुए कहता है.

लेकिन स्मृति फिर भी उसे कोई रिप्लाइ नही देती. कुशल थोड़ा सा आगे बढ़कर अपना हाथ उसके हाथ पर रखते हुए बोलता है -" क्या बात है मोम.... आप बात क्यू नही कर रही हो.
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rocky123
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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

Post by rocky123 »

लेकिन स्मृति उसकी बात का जवाब नही देती और अपना हाथ झटक कर अलग कर लेती है. स्मृति आज कुच्छ ज़्यादा ही ड्रिंक करने के मूड मे थी. इतना ड्रिंक करते हुए उसे कभी कुशल ने नही देखा था. हालाँकि वो अपने पूरे होश मे थी लेकिन फिर भी वो अक्सर एक या दो पेग वाली ही खिलाड़ी थी.

कुशल वैसे ही अधूरा रह गया था प्रीति के साथ, वो अपनी आग बुझाना चाहता था. वो धीरे धीरे स्मृति की तरफ बढ़ाता है –

“ वहीं रुक जा……….” स्मृति के एक हाथ मे ग्लास और दूसरे हाथ से वो उंगली दिखाते हुए वो सोफे से खड़ी हो जाती है. क्लियर विज़िबल था कि वो गुस्से मे थी.

“ क्या हुआ… आप इतने गुस्से मे क्यू है…..” कुशल तो बस सिचुयेशन को प्यारी बातो से ही कंट्रोल कर लेना चाहता था. वो अपनी जगह रुक कर स्मृति से ये बात बोलता है.

“ बकवास ना कर….. और पीछे जाकर बैठ……” स्मृति फिर से गुस्से मे बोलती है. कुशल कुच्छ बोलने को होता ही है कि तभी स्मृति फिर से चिल्लाति है.

“ मैने कहा की पीछे जाकर बैठ…..” कुशल स्मृति की इस डाँट से शांत हो जाता है और चुप चाप जाकर बैठ जाता है. स्मृति अभी भी खड़ी हुई थी और अपने पेग को पीए जा रही थी.

“ मोम…ज़्यादा पीना सही नही है……” कुशल अपनी बात ख़तम ही करता है कि..

“ लेकिन मोम को फक करना सही है….. है ना. सेक्स की नालेज हुए बिना उसकी बॅक साइड को फक करना सही है…. लाइयन बन कर उसे एक फार्महाउस मे फक करना सही है…….. बोल ना कुत्ते…. बोलता क्यू नही…..” स्मृति ने तो जैसे आज विकराल रूप धारण कर लिया था.

“ वो…मोम… प्लीज़ आप गुस्सा……” ये बोलते हुए कुशल फिर से खड़े होने की कोशिश करता है.

“बैठा रह वहीं जहाँ बैठा है…… खड़े होने की कोशिश मत कर…….” स्मृति फिर से चिल्लाति है. कुशल तो धीरे धीरे सेक्स तो दूर, वो तो ये सोचने लगा था कि यहाँ से बचा कैसे जाए.

“ प्लीज़ आप शांत हो जाइए….और मुझे बताइए कि बात क्या है. अभी मैं उपर गया तो आप सही थी अचानक क्या हो गया आपको… प्लीज़ कंट्रोल रखिए…..” कुशल बैठे बैठे स्मृति को समझाने की कोशिश करता है.

“ हाँ तूने मुझे उपर से न्यूड देखा तो तुझे लगा कि मैं सही थी… मुझे जीन्स उतारते हुए देखा तो तुझे लगा कि मैं सही थी और जब अब मैं रियल बाते कर रही हू तो तुझे ये लगने लगा कि मैं आउट ऑफ कंट्रोल हो रही हू….” स्मृति फिर से एक पेग डालते हुए बोलती है.

“ तो आपको……आपको पता था कि मैं देख रहा हू.” कुशल अपना थूक सतकते हुए बोलता है. स्मृति उसकी बात का कुच्छ जवाब नही देती और अपना पेग पीती रहती है.

“ मोम प्लीज़ कुच्छ बोलिए ना……” कुशल फिर से बैठे बैठे बोलता है.

स्मृति उसके पास आती है और धीरे से बोलती है “ बोलू कुच्छ….. तो सुन…. यू आर आ रियल मदर फकर…..” आज तो जैसे स्मृति ने फ़ैसला ही कर लिया था कि कुशल का बॅंड बजा कर ही रहेगी. कुशल एक भीगी बिल्ली बना सोफे पर बैठा था.
“ मुझे…… मुझे शायद नींद आ रही है…मैं तो उपर जा रहा हू…” ये बात आराम से बोलकर कुशल उठ कर सीढ़ियो की तरफ बढ़ता है.

छ्ह्ह्हन्न्न्नक्क्क्क्क्क्क…… स्मृति अपना ग्लास ज़मीन मे फेंक कर मारती है और पूरा काँच फेल जाता है.

वो कुशल की तरफ तेज़ी से बढ़ती है और उसके कॉलर पकड़ कर फिर से उसे सोफे के करीब लाती है और उस पर बिठा देती है. “ मैने कहा ना कि…… बैठा रह…… खड़ा होने की ज़रूरत नही है….” स्मृति फिर से उसे चिल्ला कर बताती है.

कुशल को तो जैसे आज हॅपी बर्तडे कर दिया स्मृति ने. वो हैरान था कि आख़िर आज क्या हो गया है.

“ मोम मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हू कि कुच्छ बताओ तो सही की बात क्या है……….” कुशल अपनी आँखे स्मृति की आँखो मे डालते हुए बोलता है.

लेकिन स्मृति कुच्छ नही बोलती. वो भी कुशल के सामने वाले सोफे पर बैठ जाती है और उपर की तरफ देखने लगती है. शायद आज वो कुच्छ ज़्यादा ही परेशान थी. उसका ध्यान अपने ग्लास पर जाता है लेकिन उसे भी वो तोड़ चुकी थी. वो इधर उधर देखती है लेकिन उसे कुच्छ दिखाई नही देता. वो फिर से उपर देखने लगती है.

“ मोम आख़िर आप इतना परेशान क्यूँ है……” कुशल फिर से प्यार से पुछ्ता है लेकिन कोई रिप्लाइ नही मिलता उसे.

कुशल फिर से गर्दन नीचे करके बैठ जाता है. स्मृति उसकी तरफ देखती है –

“ पता है मुझे आज क्या हुआ है?” स्मृति बहुत सीरीयस होते हुए बोलती है. कुशल की थोड़ी जान मे जान आती है कि चलो वो कुच्छ बोली तो सही.

“ यही तो पुच्छ रहा हू कि क्या हुआ है…. आप मुझे बता सकती है और मुझ पर भरोसा कर सकती है…” कुशल भी सीरीयस होने का ड्रामा करता है.

“ मुझे वोही हुआ है जो हर औरत की लाइफ मे होता है. बस मर्दो की गुलाम बन कर रहना…. यही होती है एक औरत की लाइफ… मर्द उसे जैसे चाहे उसे करता है लेकिन कभी उसकी थिंकिंग के बारे मे कोई नही सोचता है”. स्मृति आज कुच्छ ज़्यादा सीरीयस थी.

कुशल धीरे से सोफे से खड़ा होता है और धीरे से जाकर स्मृति के सोफे पर बैठ जाता है. इस बार स्मृति उसे देखती है लेकिन कुच्छ कहती नही.

“मोम आप मुझे बताइए ना कि बात क्या है…….आप मुझसे शेर करेंगी तो आपके दिल का बोझ हल्का हो जाएगा…” कुशल उसके हाथ पर हाथ रखते हुए बोलता है.

“ जा किचन से दो ग्लास लेकर आ………” स्मृति फिर से सीरीयस होते हुए बोलती है. कुशल उसकी इस बात से कन्फ्यूज़ था.

“ मोम…ग्लास??? किसलिए………?” कुशल अपने क्वेस्चन को झिझकते हुए पुच्छ ही लेता है.

“ क्यूँ मेरे साथ बस फार्महाउस मे ही ड्रिंक कर सकता है…. यहाँ नही…..?” स्मृति की इस बात से कुशल को जवाब मिल जाता है की आख़िर स्मृति क्या कहना चाहती है. कुशल बिना टाइम वेस्ट करे वहाँ से खड़ा होता है और भाग कर किचन से दो ग्लास लेकर आ जाता है.

“ प्रीति सो गयी…..????” स्मृति उन दोनो ग्लस्से को अपने हाथ मे लेने के टाइम बोलती है.

“ ये…यस..यस वो सो गयी…….” सिचुयेशन को टलने के लिए कुशल बोल ही देता है.

कुशल सोफे पर फिर से बैठ जाता है. अब वो बहुत रिलॅक्स था क्यूंकी स्मृति भी रिलॅक्स थी, स्मृति दोनो सोफे के बीच मे रखी टेबल पर वो ग्लास रखती है. और पीछे से बॉटल को उठा कर लाती है.

स्मृति दोनो ग्लासस मे थोड़ी थोड़ी वाइन डालती है और आइस क्यूब्स डालने के बाद उसे कुशल को ऑफर करती है. कुशल उसे ले लेता है और स्मृति के साथ चियर्स करता है.

“ आज मैं बहुत अपसेट हू………” स्मृति एक और सीप लेते हुए बोलती है

“ मुझे बताइए ना मोम….” कुशल अपनी बात पूरी भी नही कर पाता कि स्मृति उसे टोक देती है.

“डॉन’ट कॉल मी मोम……. आज की रात मैं तुम्हारी मा नही हू….” कुशल को ऐसे लग रहा था जैसे कि आज उसकी मा का माइंड हिल गया है.

“ चलिए छोड़िए आप बताएए की बात क्या है……” कुशल भी अपने ग्लास मे सीप लेने लगा था.

“ मैं बचपन से लेकर अब तक अपनी लाइफ सोचती आ रही थी तो मुझे दूख हो रहा था……. अहसास हो रहा था कि लड़की का तो कोई रोल ही नही है.” स्मृति उसे बताती है.

“ ऐसी कौन सी बाते है जिनसे आपको ऐसा लगा…….” कुशल भी अब इंट्रेस्टेड था जान ने के लिए की आख़िर बात क्या है.

“ तुझे कोई जल्दी तो नही है ??” स्मृति पूछती है

“ मुझे…. मुझे तो कोई जल्दी नही है….” कुशल तो वैसे ही थोडा नर्वस था लेकिन अब थोड़ा नॉर्मल हो रहा था.

“तो मैं चाहती हू कि तू मेरी बाते एक दोस्त बन कर सुने…. क्यूंकी ये बाते मैं अपने बेटे से नही कर सकती…” स्मृति फिर से सीरीयस मूड मे बोलती है.

“ मैं तो वैसे भी हमेशा आपको गर्ल फ्रेंड ही समझता हू….” कुशल साइड मे मूँह करते हुए बोलता है. उसकी बात कहने का वॉल्यूम बहुत कम था.

“ क्या कहा अभी तूने???” स्मृति ठीक से उसकी बात सुन नही पाती तो पूछती है.“ नही… नही कुच्छ नही. मैं तो बस यही कह रहा था कि हाँ मैं भी आपको दोस्त मान कर ही आपकी बात सुनूँगा……” कुशल बड़े ही प्यार से स्मृति से बोलता है.

“ तो सुन…. मुझे ये बता कि तू मेरे लिए लाइयन क्यूँ बना???” स्मृति अपने ग्लास का एक सीप लेते हुए और कुशल की आँखो मे झाँकते हुए बोलती है.

“ क्या मोम…क्या पुछा आपने……??” कुशल सुन चुका था लेकिन फिर भी आक्टिंग करता है जैसे उसने कुच्छ ना सुना हो.

“ दोबारा सुनेगा…. तो मुझे ये बता कि तू मेरे लिए लाइयन क्यू बना. और खुल कर बता… मैं तुझे ग़लत नही कहूँगी और कुच्छ नही कहूँगी. बल्कि तुझे अपने दिल की सारी बाते बताउन्गि…..” स्मृति अब थोड़ी स्माइली हो चुकी थी.

“ मोम…वो..वो..मोम..वो…..” आक्च्युयली कुशल को एक्सपेक्टेशन नही थी कि ये रात उसके साथ कितने ड्रामे करेगी.

“ देख.. मुझे फिर से गुस्सा मत दिला… तूने कहा ना कि तू ऐज आ फ्रेंड सब बताएगा. तो मैं फिर से पूछती हू कि तू लाइयन क्यूँ बना??” स्मृति फिर से सीरीयस हो जाती है.

“ मोम…..समझ नही आता कि कहाँ से शुरू करू… क्या शेर करू और क्या नही.. सच मे कन्फ्यूज़ हू………..” कुशल बोलता है.

“ तेरे पास कुच्छ भी ऐसा नही है जो तूने मुझसे शेर ना किया हो…. ईवन हम बॉडी भी शेर कर चुके है. तो अब मुझे बता और शरमा मत…. मैं भी तेरी उम्र से ही गुज़री हू तो समझ सकती हू…. लाइयन बन कर तो तू बहुत बड़ी बड़ी बाते करता है और आज जब मैं पुच्छ रही हू तो तू शरमा रहा है….” स्मृति उसे कॉन्फिडेन्स देती है.

कुशल -“ अगर आप जान ना ही चाहती है तो सुनिए, ये ख्याल मेरे दिल मे जब से आने शुरू हुए जब मैं सिर्फ़ - - साल का था……”

स्मृति – “ कैसे ख्याल……??” स्मृति अपने ग्लास मे एक और पेग डालते हुए बोलती है.

कुशल – “ यही… आपके साथ वो करने की फीलिंग….” कुशल अभी शरमा रहा था.

स्मृति – “ मेरे साथ वो करने की फीलिंग???? ओह्ह्ह यानी मुझे फक करने की फीलिंग….. कॅरी ऑन कॅरी ऑन….” स्मृति उसकी हिम्मत बढ़ाती है और उसके सामने एक टाँग पर टाँग रख कर बैठ जाती है.

कुशल – “हाँ…. शायद ऐसी ही फीलिंग….. लेकिन मेरे माइंड मे कभी भी ये नही था कि ऐसा हो सकता है….”

स्मृति – “ लेकिन मैं यही जान ना चाहती हू की आख़िर किन चीज़ो ने तुझे फोर्स किया कि तू स्मृति को फक करे…. ??”

कुशल – “ दरअसल जब किसी भी लड़के का ये खड़ा होना शुरू होता है ना तो ये एक अजीब एज होती है.. कुच्छ समझ नही आता कि आख़िर ये क्या हो रहा है…..” कुशल अपने एक हाथ को लंड पर रखते हुए बोलता है.

स्मृति – “ ओके…..” स्मृति अपने सीप को कंटिन्यू रखते हुए बोलती है.

कुशल – “ कुच्छ समझ भी नही आता कि किससे पता करे… बस एक अजीब सी फीलिंग आती है बॉडी मे… तभी कॉलेज मे एक दिन मेरे दोस्त मोहित ने बोला कि यार तू बाथरूम के बाहर खड़ा हो जा और किसी को भी अंदर मत आने दिओ.. मैं वहाँ खड़ा हो गया लेकिन वो खुद एक लड़की के साथ अंदर चला गया…. मैं उस दिन हैरान था……” कुशल भी अब सारी कहानी सुनाने लगा था.

स्मृति –“ ओके… फिर क्या हुआ…..?” स्मृति भी इंटरेस्ट ले रही थी अब उसकी बातो मे.

कुशल –“ मैं वहाँ खड़ा रहा… किसी को अंदर नही जाने दिया. वो करीब एक घंटे के बाद बाहर निकले….. दोनो बहुत हॅपी थे. मैं इतना छोटा भी नही था कि ये ना समझ पाऊ कि वो क्या करके आए है……” कुशल अपनी स्टोरी को सुनाता जा रहा था.

स्मृति – “ ओके…फिर…..” स्मृति अपने खुले हुए बालो मे हाथ फिराते हुए बोलती है.

कुशल – “ फिर ये रेग्युलर होने लगा…. मैं उनकी पहरेदारी करता और वो मज़े करते. दिन पे दिन उसकी गर्ल फ्रेंड का निचला हिस्सा बड़ा होता जा रहा था यानी के उसके हिप्स….”

स्मृति – “ वाउ… तो तेरी नज़रे थी वहाँ पर….. एनीवे आगे बता…..” स्मृति स्माइल करते हुए कहती है.

कुशल – “ मैने कभी मोहित से कोई सेक्स रिलेटेड बात नही की थी लेकिन जब ये रेग्युलर्ली होने लगा तो एक दिन मैने अकेले मे उससे बात की. मैने उससे पुछा कि तुम लोग सेक्स करते हो ना??? तो वो मेरी बात पर बहुत हंसा…… मुझे बहुत बुरा लगा. उसने मुझे ‘कमाल का ढक्कन’ भी कहा तो मुझे और बुरा लगा. वो मुझसे बोला कि साले क्या बातरूम मे उसके साथ मैं खाना खाने जाउन्गा……..”

स्मृति – “ हा हा हा हा हा….” स्मृति को उसकी बात पर हँसी आ जाती है

कुशल – “ अगर आप ऐसे हँसेंगी तो जाओ मैं कुच्छ नही बताता…….” कुशल सीरीयस होते हुए बोलता है.

स्मृति –“सॉरी…सॉरी…. यू कॅरी ऑन प्लीज़…… इंट्रेस्टिंग…….” स्मृति बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी को शांत करते हुए बोलती है.

कुशल – “ उसकी गर्ल फ्रेंड दिन पे दिन बदलती जा रही थी. आगे से भी और पीछे से भी…. वो ही एक ऐसी लड़की दिखाई देती स्कूल मे जो सबसे हॅपी थी. वो दोनो जब भी मौका मिलता था अपना काम कर लेते थे. स्कूल का बाथरूम तो क्या क्लासरूम मे भी उन्होने सब कुच्छ किया और हमेशा मैं बस बाहर खड़ा रहता….”

स्मृति – “गुड मिस्टर. चोकीदार……” स्मृति हंसते हुए बोलती है

कुशल –“ आप फिर मेरा मज़ाक उड़ा रहीं है……” कुशल फिर से सीरीयस होते हुए बोलता है.

स्मृति – “फिर से सॉरी दोस्त… प्लीज़ रुक मत कॅरी ऑन कर… सॉरी….” स्मृति भी अब धीरे धीरे खुल रही थी.

कुशल – “ एक दिन मैने मोहित से दिल की बात की कि यार मेरा पूरी रात वो खड़ा रहता है…. मैं क्या करू……….”

स्मृति – “ तो बाबूजी का बस - - कि उम्र मे ही खड़ा होना शुरू हो गया था….शाबाश…” स्मृति कुशल के लंड की तरफ देखते हुए बोलती है.
कुशल –“ मोहित मेरी बात सुन कर बहुत हंसा…… लेकिन उसने मुझे बिल्कुल भी गाइड नही किया. उसने मेरा मज़ाक उड़ा कर बात को टाल दिया…. वो जब अपना चेहरा अपनी गर्ल फ्रेंड की छातियों मे छुपाता था तो मुझे बहुत बुरा लगता था. कुच्छ ही महीनो मे मोहित की गर्ल फ्रेंड बेहद ज़्यादा गदरा गयी थी और दोनो के रीलेशन बढ़ते ही जा रहे थे.”

स्मृति – “ओये होये मोहित से ज़्यादा तो तू था उसका दीवाना…… “ स्मृति भी ज़्यादा इंटेरेस्ट लेने लगी थी. कुशल उसकी जानकारी के लिए अपने मोबाइल मे उसका फोटो निकाल कर दिखाता है –
स्मृति – “चल अब इस फोटो को बंद कर और आगे बता……” . शायद उस फोटो से जेलस होने लगी थी.

कुशल – “ फिर स्कूल टाइम मे ही वो एक बार आपसे भी मिला और आपने उस दिन पहना हुआ था.”

स्मृति – “मुझसे मिला??? मुझे याद नही………” स्मृति सोचते हुए बोलती है

कुशल –“ आपको कैसे याद होगा हम सब इतने बड़े थोड़े ही थे…. वो आपको जाते हुए देखता रहा और उसकी गर्ल फ्रेंड स्कूल के फर्स्ट फ्लोर से उसे देख रही थी.”

स्मृति –“ लेकिन वो मुझे क्यूँ देख रहा था…….??”

कुशल –“ बाय्स स्कूल मे सब की मोम के टॉपिक भी होते है….. और आपको बता दू कि आपको ही सबसे हॉट कहा जाता था. ज़्यादा लड़के मुझसे दोस्ती करना चाहते थे और लड़किया मुझसे जलती थी……”

स्मृति – “ रियली??? कमाल है….. एनीवे आगे बताओ……” स्मृति अपनी तारीफ से खुश भी हो रही थी.

कुशल – “ अगले दिन जब मैं स्कूल पहुँचा तो मोहित और उसकी गर्ल फ्रेंड की लड़ाई हो रही थी. मैं दूर खड़ा होकर सुन रहा था. मोहित बोल रहा था कि हाँ देख रहा तो क्या हुआ. उसकी गर्ल फ्रेंड बोलती है कि तो उसकी उसमे घुस जा ना जाकर…”

स्मृति – “किसमे घुस जा जाकर??? समझ नही आया…. सॉफ बता ना…..”

कुशल –“ उसकी गर्ल फ्रेंड ने बोला कि जा और उसकी गान्ड मे घुस जा अगर इतनी पसंद है तो. मुझे समझ नही आया कि वो क्या बात कर रहे थे. मोहित ने बोला कि साली अगर उस जैसी गान्ड मुझे मिल जाएगी ना तो तुझपे कोई ठुकेगा भी नही. मैं ये सब बाते सुन रहा था. उसके बाद उसकी गर्ल फ्रेंड बोलती है कि वो साली यहाँ आती ही अपनी मटकती गान्ड दिखाने के लिए है, और तुझ जैसे आशिक उस पर लट्तू हो जाते है. मैं समझ गया था कि किसी और लड़की का मॅटर है. इसके बाद मोहित बोलता है कि साली तेरी भी तो कब से चोद रहा हू तो तेरी गान्ड अभी तक ऐसी क्यूँ नही है. उसके बाद उसकी गर्ल फ्रेंड को गुस्सा आ जाता है और वो एक थप्पड़ मोहित को जड़ देती है और बाहर चली जाती है.”

स्मृति – “ हा हा हा हा… कुशल ने जिनके लिए पहरे दिए वो भी अलग हो गये….”

कुशल – “आप फिर से ऐसी बात शुरू कर रहीं है…..” कुशल फिर से सीरीयस होता है.

स्मृति – “ओके…ओके… बताते जाओ……..” स्मृति फिर से अपने आप को कंट्रोल करते हुए बोलती है.
कुशल – “फिर कुच्छ दिन मैने उन दोनो को साथ नही देखा…. एक दिन मोहित मेरे एक और क्लासमेट के साथ बैठा था, मैं क्लास मे घुसा तो वो दोनो बात कर रहे थे कि यार बड़ा गजब माल है. मैं चुप चाप सुन रहा था तो मोहित कह रहा था कि कसम से एक बार दे दे तो दुनिया की सारी खुशिया लूटा डू उसके लिए. मैं समझ गया कि ये अपनी गर्ल फ्रेंड की बात नही कर रहा है. मोहित आगे बोलता है कि माल मिले तो ऐसा मिले वरना मिले ही ना. ये झल्ली लड़कियो मे कोई दम नही होता. मैं हैरान था कि इतनी मस्त गर्ल फ्रेंड को वो झल्ली कह रहा था….”

स्मृति – “तो पहरा देते देते वो इतनी मस्त लगने लगी…….?” स्मृति अपनी आँखो के इशारे से पूछती है.

कुशल उसकी इस बात से थोड़ा शर्मा जाता है.

स्मृति – “ चल अब लड़कियो की तरह शरमा मत और जल्दी बता की क्या हुआ……..” स्मृति को बड़ी उत्सुकता थी जान ने की.

कुशल – “ इससे आगे की कहानी आपको शॉक्ड कर देगी……” कुशल सीरीयस होते हुए बोलता है.

स्मृति – “ ऐसा क्या हो गया… जल्दी बता जल्दी बता…..”

कुशल – “ यूँ ही दिन बीत गये… एक दिन मैने देखा कि मोहित की गर्ल फ्रेंड कुच्छ फ्लवर्स लिए स्कूल के टेरेस की तरफ जा रही थी…. आकर टेरेस पर उस दौरान कोई नही होता है. मैं भी चुप चाप चल दिया उसके पीछे पीछे लेकिन उसे पता नही चलने दिया..”

स्मृति –“ फिर…….”

कुशल –“वो उपर पहुँची तो वहाँ पर मोहित बैठा हुआ था….. वो फ्लवर लेकर उसके पास जाती है और बोलती है कि मोहित सॉरी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. उसका मोहित के बिना मन नही लग रहा था लेकिन मोहित उस पर चिल्लाने लगा कि तुझे मेरी नही मेरे लंड की याद आ रही थी और इसलिए वो माफी माँगने आई है. उसकी गर्ल फ्रेंड बोलती है कि ऐसी कोई बात नही, वो सिर्फ़ मोहित को चाहती है लेकिन मोहित उसकी नही सुनता……”

स्मृति –“ फिर क्या हुआ……..?”

कुशल –“ मोहित की गर्ल फ्रेंड बहुत कोशिश करती है लेकिन मोहित नही मानता. इससे मोहित की गर्ल फ्रेंड और भी ज़्यादा गुस्से मे आकर उस पर चिल्लाने लगती है कि लगता है उसने तेरे लिए इंतज़ाम करा दिया है तभी तो इतना उच्छल रहा है….”

स्मृति –“ उसने…..किसने…?”

कुशल –“ वो आगे बोलती है कि मैं सब समझती हू तुझे बस अब उसकी गान्ड दिखाई देती है और जब तक तू उसे नही चोदेगा जब तक तुझे चैन नही मिलेगा……..”

स्मृति – “किसकी गान्ड………???” स्मृति के मूँह से अचानक निकल जाता है और जैसे ही उसे अहसास होता है वो चुप हो जाती है. “ओह सोररय्यययी…..”

कुशल –“ पता है वो किसकी गान्ड के पीछे लड़ाई थी……?”

स्मृति (सीरीयस होते हुए)- “ किसकी……..?”

कुशल –“ आपकी………”

स्मृति की तो जैसे सारी पी हुई उतर जाती है. वो अपने सोफे से खड़ी हो जाती है

“ क्य्ाआआआआअ……..” स्मृति आश्चर्या से पूछती है.

“ यस…. मुझे तो पता ही नही चला कि कब आप मेरे स्कूल मे ‘मोस्ट सेक्सीयेस्ट मोम’ बन गयी थी. और मुझे पता भी कैसे चलता क्यूंकी कोई मेरे सामने क्यूँ बात करता. वो तो मैने उनकी जब और बाते सुनी तो मुझे समझ आया कि कहानी क्या है.” कुशल बताता है स्मृति को.

“ओह माइ गॉड…. हाउ इट ईज़ पासिबल……. मोहित तो बच्चा है…. और वो मेरे बारे मे….. आइ डॉन’ट बिलीव दिस…..” स्मृति आश्चर्य से बोलती है.

कुशल –“ इस इन्सिडेंट के बाद मैने मोहित से बात की. मैने उसे बोला कि मोहित सच बता ये क्या ड्रामा है तो थोड़ी ही देर मे उसने आक्सेप्ट कर लिया कि ये सारा ड्रामा तेरी मोम यानी आपकी वजह से है. उसने मुझे बहुत गंदी बाते की जैसे देख अपनी मा की गान्ड साले…. करोरो मे एक होती है ऐसी. उसने मेरे दिमाग़ मे आपकी एक अलग ही पिक्चर बना दी. उसने मुझे ऑफर भी दिया कि मैं आपकी सेट्टिंग कैसे ही उससे करा दू तो वो अपनी गर्ल फ्रेंड का काम मेरे से करा देगा…….”

स्मृति –“ तो… तूने क्या फ़ैसला किया था…….” स्मृति थोड़ा सा शरमाते हुए बोलती है. अपने आप को वो बहुत वॅल्यूड फील कर रही थी.

कुशल –“ मैने उसके ऑफर को आक्सेप्ट नही किया… लेकिन उस दिन से आपको मैं किसी और ही नज़र से देखने लगा. उमरा कम थी लेकिन जज़्बात बडो से भी ज़्यादा आ गये थे. आपको कई बार हिंट भी दिया जैसे आपको हग करने के टाइम आपके बूब्स को ज़्यादा प्रेस करना, आपको पीछे से हग करते हुए आपकी गान्ड का आइडिया लेना, आपकी हर आक्टिविटी मुझे पागल करती थी. चाहे मैं आपको आगे से देखु या पीछे से मुझे कुच्छ होता था. लेकिन आपको कभी कुच्छ समझ नही आया.”

स्मृति – “ओह्ह तो ये काफ़ी टाइम से चलता आ रहा था और मुझे अहसास ही नही था. और आज कल ये मोहित कहाँ है…..?”

कुशल –“ आप मोहित के बारे मे क्यूँ पुच्छ रही है…..?”

स्मृति – “ नही बस ऐसे ही… लेकिन चल तू आगे बता कि तू लाइयन कैसे बना.”

कुशल –“ ऐसा करीबन तीन साल चला. और आप डेली और भी ज़्यादा सेक्सी होती गयी.. मुझे कुच्छ भी समझ नही आता था. अगर कोई लड़की लाइन भी देती तो आक्सेप्ट करने का मन भी नही करता था, बस आपका और आपका शौक चढ़ गया था.”

स्मृति – “ मैं सेक्सी होती जा रही और मुझे पता ही नही था…. गुड…” स्मृति अब तक एक पेग और पी चुकी थी.
कुशल – “ आपके कपड़ो मे जब भी मुझे आपके अंग दिखते तो मैं सीधा वॉशरूम जाता और हाथ से काम चलाता. आप टाय्लेट जाती तो आपको पेशाब करने का साउंड सुनता, कहीं बाहर जब सफाई करती तो दिल करता कि आपके बूब्स दिख जाए शायद, लेकिन सबसे बड़ी ख्वाहिश आपकी गान्ड देखने की ही तो जो कभी भी सही से पूरी नही हो पाई. हाँ जब भी आपने लो वेस्ट साड़ी पहनती तो टाइट गान्ड का आइडिया ज़रूर लगता था लेकिन कभी भी अंदर तक नही पहुँच पाया. लोगो से पता चला कि हाथ से ज़्यादा नही करना चाहिए नही तो लंड खराब हो जाता है. ब्लू मूवीस देखता तो इतना असर नही होता जितना की आपके बारे मे सोच कर हो जाता था.” कुशल अब कुच्छ भी छिपाने की नही सोच रहा था और दूसरी तरफ उसे स्मृति भी नशीली आँखो से देख रही थी.

स्मृति – “ तो तूने जासूसी करी मेरे टाय्लेट के बाहर तक भी…. ओके अब आगे बता…” स्मृति की आँखे चेंज होती जा रही थी.

कुशल –“ मुझे धीरे धीरे ये लगने लगा था कि मेरा ये सपना सच नही होगा और जवान होते होते मुझे ये बिल्कुल लगने लगा था कि ये पासिबल नही है. फिर टाइम बदलता रहा, सोशियल नेटवर्किंग का जमाना आया और मैने आपको फ़ेसबुक पर कॉंटॅक्ट आड करते हुए देखा. और फिर लाइयन का जनम हो गया. लाइयन बनते हुए मेरे दिल मे ये आइडिया भी नही था कि मैं एक दिन आपको फक भी कर पाउन्गा. लेकिन फिर चाटिंग करते करते मुझे ये अहसास होने लगा था कि आप भी चाहती हो मुझसे चॅट करना लेकिन शरमाती हो या कोई और सोशियल प्रेशर आपको रोक रहा है. मैने आप जान कर आपसे गंदी गंदी बाते शुरू की और शुरू मे आपका रेस्पॉन्स नेगेटिव रहा लेकिन धीरे आप अड्जस्ट होती गयी. मैं समझ गया था कि आपको लाइफ मे एंटरटेनमेंट चाहिए लेकिन प्राइवसी के साथ. मैने आपसे चॅट करते हुए कई बार मास्टरबेट किया. लेकिन फिर ऐसा टाइम आने लगा जब फिर से मेरी इच्छाए जागने लगी और स्केरी हाउस मे मैने अपना कंट्रोल खो दिया…..”

कुशल इतना बोल कर एक लंबी साँस लेता है. स्मृति अभी भी अपने पेग को पीए जा रही थी, उसकी आँखो का कलर चेंज होता जा रहा था और गालो का कलर भी लाल होता जा रहा था.

स्मृति – “ तो स्केरी हाउस मे तूने मुझे फक करने की कोशिश क्यूँ नही की…….?” स्मृति कुशल की आँखो मे आँखे डाल कर बोलती है.

कुशल –“ स्केरी हाउस मे मेरा प्लान बस अपना लंड तुम्हारे हाथो से टच करना था लेकिन वहाँ मुझे एक नयी हिंट मिली. मुझे क्लियर अहसास हुआ कि आप भी कुच्छ चाहती है. श्योर नही था लेकिन मुझे अहसास हो गया था कि अगर मैं प्लान बनाऊ तो शायद मुझे सक्सेस मिल जाए. मुझे इतना पता था कि आपको कभी ये पसंद नही आएगा कि कोई जान कार आकर आपके साथ सेक्स करे तो इसीलिए एक लोंग सर्च के बाद उस फार्महाउस का पता चला. सब सही रहा लेकिन तभी लाइट जल गयी और पोल खुल गयी…..” इतना बोल कर कुशल अपनी गर्दन नीचे कर लेता है.

स्मृति –“ ह्म्*म्म्मममम……. तो ये थी बात….. चल तूने मुझे इतनी बाते शेअर करी तो मैं भी तुझसे अपनी दिल की बाते शेअर करती हू…….” स्मृति जब ये बोल रही थी तो उसका सीना उपर नीचे हो रहा था. उसकी हालत काफ़ी खराब हो चुकी थी.

कुशल उसकी ये बात सुनकर काफ़ी एग्ज़ाइटेड था और उठ कर अपना एक और पेग बनाता है.

“ बताओ ना कि क्या बताना चाहती हो…….” कुशल भी अब स्मृति के करीब था.

स्मृति –“ मुझे फार्महाउस जाने से पहले ही पता था कि मेरे साथ सेक्स होना है………… ईवन मैं तो शायद होल नाइट के लिए भी तैयार थी लेकिन जब मुझे पता चला कि वो तू है तो मुझे फिर से वोही झटका लगा जो हमेशा लड़कियो की लाइफ मे लगता ही रहता है……..” स्मृति भी आज खुल कर पेश आ रही थी, शायद वाइन उस पर असर कर चुकी थी.

कुशल उसकी बातो को सुनकर शॉक्ड था लेकिन उसको शो नही कर रहा था.
“आपको ऐसा क्यूँ लगता है कि लड़कियो के साथ हमेशा ग़लत ही होता है……..क्या ऐसा कुच्छ है जो आप बताना चाहती है” कुशल बड़े प्यार से पुछ्ता है.

स्मृति – “ मेरी लाइफ बाकी लड़कियो की तरह ही रही……. कॉलेज लाइफ मे एक लड़के से अफेर चला और वो मुझे बहुत पसंद था लेकिन उसे मुझसे बस सेक्स चाहिए था. उसने बहुत कोशिश की लेकिन मैं मेंटली प्रिपेर नही थी. मुझे ऐसा लगना शुरू हुआ कि जो हम चाहते है वो नही होता. धीरे धीरे मेरी बॉडी सेक्स की डिमॅंड करने लगी, लड़की होने के सारे फ़ायदे उठाए और एक लड़के को पूरा चारा डाला….”

“ चारा डाला यानी……..?” कुशल उसे बीच मे ही टोकते हुए बोलता है

स्मृति - “ अंजाने मे उसे हर हिंट दिया कि मुझे उससे सेक्स चाहिए…. मुझे ऐसा भी लगा कि उसको समझ आ रहा है लेकिन एक दिन वो मुझसे अपने लव को प्रपोज़ करने आया और मुझसे शादी करने के लिए बोला. मुझे उस दिन भी बड़ा अजीब लगा कि यहाँ पर भी दिल की ख्वाहिश पूरी नही हुई… मेरा उससे शादी करने का कोई इरादा नही था. लाइफ मे एक बार फिर से ऐसा लगा कि जो चाहा वो नही मिला….और फिर मेरी शादी हो गयी. शादी के बाद मेरी सेक्स लाइफ बहुत स्ट्रॉंग रही लेकिन हर लड़की के खुद के आइडियास होते है की आज हज़्बेंड ये करे और आज हज़्बेंड ये करे… लेकिन हमेशा होता वही था जो हज़्बेंड चाहता था. धीरे धीरे मैं अड्जस्ट होती गयी और लाइफ बीतने लगी…..फिर मेरी लाइफ मे लाइयन आया. लड़की के तरीक़ो से मैने उसे चेक किया और मुझे ये लगने लगा कि मेरी प्राइवसी बनी रहेगी और शायद मैं अपनी प्राइवेट लाइफ को मैं जी पाउन्गि. फार्महाउस तक मे मुझे ये लगने लगा कि अब मेरी सारी ख्वाहिश पूरी हो जाएँगी और मेरी पर्सनल लाइफ पर कोई फ़र्क नही पड़ेगा……. लेकिन फिर से मेरा बॅड लक कि वो तू निकला.”

कुशल स्मृति की बात सुनकर और सीरीयस हो गया. वो समझ गया कि हर लड़की मस्ती करना चाहती है लेकिन कभी ज़ाहिर नही होने देती है. स्मृति ने आज रात अपने दिल के सारे अरमान उसके सामने रख दिए थे.

“ तो जवानी मे आप भी काफ़ी रंगीन रही हैं……” कुशल उसके पास खड़े होकर उसे उपर से नीचे तक देखते हुए बोलता है.

स्मृति - “तुझे दिखाऊ अपनी जवानी की फोटो…..?” स्मृति भी एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

कुशल –“ प्लीज़ दिखाइए ना……….” कुशल भी उत्सुकता के साथ बोलता है. स्मृति अपने मोबाइल मे ढूँढने लगती है और उसे एक फोटो दिखाती है जो उसके मोबाइल मे पता नही कहाँ से उसने सेव कर रखा था. पिक्चर देख कर कुशल शॉक्ड रह जाता है. उसका मूँह खुला का खुला रह जाता है,

“ओह माइ गॉड….आप तो गजब हैं सच मे. मोहित सही था कि उसकी चाय्स आप थी…………..” कुशल उसका फॅन बन चुका था.

कुशल –“ लेकिन आप आज मुझसे गुस्सा क्यूँ हो गयी थी…….?” कुशल स्मृति के पास पहुँच कर ये बात बोलता है.

स्मृति –“ आज ही लाइयन को बुलाया और वो लेट हो गया. यकीन हो गया कि जो चाहो वो नही मिलता…..आज मेरा भी मूड मस्ती का था…….” आक्च्युयली मे कुशल प्रीति के साथ था और नीचे स्मृति उसका वेट कर रही थी.

कुशल –“सॉरी….सॉरी…सॉरी….”कुशल अपने कान पकड़ते हुए बोलता है. लेकिन अब स्मृति उसके कॉलर पकड़ती है और अपने पास खींच कर अपने होंठ उसके होंठो पर रख देती है. ऊफ्फ क्या नज़ारा था…स्मृति ने आज फ़ैसला कर ही लिया था कि वो कुशल को चूस लेगी.

“ देखती हू आज इस लाइयन मे कितना दम है……. प्यार है ना तुझे मेरी गान्ड से….. तो चल पहले वो कर जो मैं चाहती हू और फिर तू वो कर सकता है जो तू चाहता है…. कोई बाउंडेशन नही….” स्मृति अपनी नशीली आँखो से कुशल की तरफ देखते हुए बोलती है.

कुशल की तो जैसे लॉटरी लग गयी थी, उसे यकीन नही हो रहा था कि उसने अभी जो सुना वो सच है. स्मृति ने आज अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए थे, वो भी प्यार चाहती थी लेकिन कुशल का नही बल्कि लाइयन का.

स्मृति कुशल का कॉलर पकड़ कर उसे अपने बेड रूम की तरफ ले जाने लगती है लेकिन कुशक के कदम थोड़ा धीरे धीरे आगे बढ़ रहे थे. स्मृति रुकती है और कुशल की तरफ देखती है

“क्या बात है…… लाइयन इतना डर क्यू रहा है” स्मृति फिर से अपने आँखो को मटकाती हुई कुशल से कहती है.

“नही वो…. आक्च्युयली…. पता नही……..” कुशल हिचकिचा रहा था

“क्या हुआ इस लाइयन को……. बेड पर क्या बोलेगा ये तो अभी घबरा रहा है……….” स्मृति फिर से उसके करीब जाकर बोलती है.

“नही वो मोम…. मुझे लग रहा है कि कहीं प्रीति ना जाग रही हो…..” कुशल अपने दिल की बात बता देता है.

“तो ठीक है…..तू उपर चेक करके आ और इतने मे नीचे तेरा वेट करती हू…वो भी फुल एग्ज़ाइट्मेंट मे……” ये बात बोल कर स्मृति एक बार फिर से उसके लंड को टच कर देती है.

कुशल की लिए ये सेकेंड्स बहुत भारी थे. वो वहीं जम होकर खड़ा रह जाता है और स्मृति मस्ताने स्टाइल मे टर्न होती है और अपनी गान्ड मटकाती हुई अपने रूम की तरफ चली जाती है. जब तक कुशल उसे अपने रूम मे घुसते हुए नही देख लेता है तब तक वो होश मे नही आता है. अब स्मृति के अंदर जाने के बाद कुशल वापिस होश मे आता है और बिना टाइम वेस्ट करे वो उपर की तरफ भागता है.

उपर पहुँच कर उसे दूर से ही दिखाई दे जाता है कि उसके रूम की लाइट जल रही है. लेकिन प्रीति कहीं दिखाई नही दे रही थी, वो धीरे धीरे आगे बढ़ता है और देखता है कि प्रीति बेड पर लेटी हुई है. उसे डोर से दिखाई नही देता कि वो जाग रही है या सो रही है तो धीरे धीरे उसके पास जाता है. पास पहुँचने के बाद उसे पता चलता है कि अच्छे से चुदने के बाद वो तो सो चुकी है. कुशल उसे आराम से आवाज़ भी लगा कर देखता है कि कहीं वो जाग तो नही रही है लेकिन उसकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही मिलता है. वो समझ जाता है कि प्रीति एक अच्छी नींद मे है और रूम से बाहर आने लगता है. रूम से बाहर आने के बाद वो फिर से नीचे की तरफ बढ़ता है लेकिन फिर से उसे कुच्छ ख्याल आता है और वो फिर से रूम की तरफ वापिस मुड़ता है, रूम के बाहर पहुँच कर वो गेट पकड़ता है और धीरे से उसे बाहर से बंद कर देता है. अब प्रीति अगर खुद भी बाहर आना चाहे तो नही आ सकती थी.

कुशल से एक एक सेकेंड बड़ी मुश्किल से काट रहा था और वो उस गेट को बंद करने के बाद बड़ी तेज़ी से नीचे की तरफ भागता है. सीढ़ियो से वो ऐसे उतार रहा था जैसे घर मे कोई आग लगी हो, अब वो स्मृति के रूम के बाहर था.

उसकी साँसे ऐसे चल रही थी मानो की बहुत लंबी रन्निंग करके आया हो. जिस टाइम कुशल रूम मे एंटर होता है, उस टाइम स्मृति अपने लिप्स पर लिपस्टिक लगा रही थी. माश्कारा बहुत अच्छे से वो लगा चुकी थी और हेर स्ट्रेट हो चुके थे. कुशल को रूम मे एंटर होते हुए वो देखती है और उसे एक प्यारी सी स्माइल देती है. सबसे कमाल बात ये थी कि उसने कुच्छ भी नही पहना था.

“कम ऑन लाइयन…..” स्मृति बहुत ही सेक्सी स्टाइल मे ड्रेसिंग टेबल के सामने से हट ते हुए बोलती है.

“आप….आप मुझे बार बार लाइयन क्यूँ बोल रही है……” कुशल भी झिझकते हुए बोलता है. इस बात को सुन कर स्मृति अपने लिप्स पर एक उंगली रखते हुए शांत रहने के लिए बोलती है.

“आज तू मेरे बेड रूम मे लाइयन के तौर पर है ना की कुशल के तौर पर……. यू नो….. कुशल के साथ मैं खुल कर पेश नही हो पाउन्गि….. लाइयन ईज़ नाउ माइ ड्रीम कॅरक्टर नाउ” स्मृति धीरे धीरे कुशल के पास आते हुए बोलती है.

कुशल की लाइफ मे ये एक डिफरेंट ही सीन था, स्मृति धीरे धीरे उसके करीब आती है और अपने जुवैसी लिप्स फिर से कुशल के लिप्स पर रख देती है. आज कुशल को कुच्छ डिफरेंट ही फील हो रहा था, स्मृति के होत चूसने का तरीका कुच्छ अलग ही था और कुच्छ ज़्यादा ही हार्ड तरीके से वो होंठ चुस्ती है. कुशल को शायद ये आइडिया भी नही था कि स्मृति के अंदर का अंदर का जानवर ऐसे बाहर आएगा.

स्मृति कुशल के होंठो को चूस्ते चूस्ते उसकी टी-शर्ट उतारने लगती है. कुशल एक कठपुतली की तरह था और जैसे जैसे स्मृति मूव हो रही थी तो कुशल भी मूव हो रहा था. एक सेकेंड के लिए जैसे ही उन दोनो के होंठ अलग होते है वैसे ही स्मृति उसकी टीशर्ट उतार देती है और अब कुशल उपर से नंगा था.

“बहुत मजबूत है………. तेरी छाती…….” स्मृति अपने लिप्स को उससे अलग करते हुए और उसे अपने बेड की तरफ ले जाते हुए बोलती है. उसकी आवाज़ मे एक भारी कंपन थी. इस छोटी सी लिप किस के दौरान उसने कुशल को कुच्छ भी मौका नही दिया कि वो खुद अपनी मर्ज़ी से कर पाता.

बेड के करीब आते ही कुशल को बेड पर एक धक्का देती है. कुशल की तो जैसे आज फॅट ही गयी थी,
अब तक का रेस्पॉन्स तो ऐसा था कि जैसे कुशल कोई लड़की हो.

“बहुत बाल है तेरी छाती पे……….मर्द तो जबरदस्त है तू……..” स्मृति कुशल के उपर बैठते हुए और और उसकी बालो भरी छाती मे हाथ फिराते हुए बोलती है. कुशल का तना हुआ लंड अब स्मृति की गान्ड के नीचे था. स्मृति नीचे झुकती है और कुशल की बालो भरी छाती मे अपने मूँह को ले जाकर उसके निपल्स को किस करने लगती है.

“उफफफफफफफ्फ़………मोम……..यू आर रियली वाइल्ड………… आअहह” कुशल उसके इस आक्षन से रोमांचित हो जाता है.

चटककककककक….. और इतनी ही देर मे कुशल को अहसास हो जाता है कि उसने क्या ग़लती करी है क्यूंकी उसके कान पे एक थप्पड़ जड़ा जा चुका था.

“और कितनी बार तुझे बताना पड़ेगा कि आइ आम नोट युवर मोम टुनाइट…..” स्मृति गुस्से मे बोलती है. वो अपने इमॅजिनेशन्स से कुशल को दूर ही रखना चाहती थी और पूरी रात लाइयन के साथ गुज़ारना चाहती थी.

“सॉरी….सॉरी डार्लिंग…….” कुशल घबरा कर बोलता है और इस पर स्मृति स्माइल करके फिर से उसकी चेस्ट मे अपना मूँह घुसा देती है. उसकी बालो भरी छाती मे वो एक साइड वो अपने हाथ को फिरा रही थी तो दूसरी तरफ उसके निपल्स पर किस किए जा रही थी.

“ओह…….ग्रेट……स्वीटी……उफफफफफफफफफफफफफ्फ़……….” कुशल तो जैसे आज धरती पर नही था. स्मृति के बालो की खुसबु उसे और पागल कर रही थी. उसका लंड जैसे आज सबसे विकराल रूप मे था.
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rocky123
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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

Post by rocky123 »

जब जब स्मृति अपनी नशीली आँखे उपर करके देखती तो कुशल और भी पागल हो जाता था. उसकी आँखे आज कुच्छ डिफरेंट ही लग रही थी.

सीने को अच्छे तरीके से किस करके वो नीचे लंड तक पहुँचती है, अब वो उसके शॉर्ट को उतारने के लिए उसे बेड से उठती है. कुशल तो जैसे रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल हो रहा था. कुशल की आँखो मे देखते हुए स्मृति उसके शॉर्ट को उतारती है. इन सारे आक्षन्स से कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट सातवे आसमर पर था और वो स्मृति के इस वाइल्ड रूप से इंप्रेस भी था.

कुशल का शॉर्ट उतारता है और उसका 8 इंच का मोटा लंड बाहर आ जाता है. स्मृति टाइम ना वेस्ट करते हुए अपने गीले और गुलाबी होंठ उसके लंड पर रख देती है.

“ आहह………….मेरी जाआअंन्न………मेरी रातो की राणिीईईईईईईई…………. आअज्जजज्ज्ज्ज चोद्द्द्द्द्द्द्द दूँगा तुझीए…….उफफफफफफफ्फ़….सेक्शययययययययययी…………………..और चूस……ऐसे ही चूस………………” कुशल आज उसके लंड चूसने के तरीके से भी इंप्रेस था. अपना पूरा मूँह खोल कर वो उसके लंड को चूस रही थी. चूस क्या रही थी लंड को मूँह के कोने कोने मे ले जा रही थी. इतना बड़ा लंड होने के बावजूद वो उसे अपने मूँह के पूरा अंदर ले जाना चाह रही थी.

कुशल के लिए एक अड्वेंचर था कि कैसे स्मृति आज उसके लंड को चूस रही थी. मूँह के साइड तक को जगह मे वो लंड को घुमा घुमा कर ले जा रही थी.

“ओह……….डार्लिंग……तू गजब है…….चूस…..ऐसे ही चूस…..आआहह” कुशल के हाथ अब स्मृति के बालो मे पहुँच गये थे और उसकी गर्दन को पकड़ पकड़ कर वो खुद ही आगे पीछे कर रहा था.

“उफफफफफफ्फ़…….कितनी सेक्सी है तू डार्लिंग…….म्*म्म्मह…..ऐसे हीईीईईई……………इतना……..मज़ा…..तो पूरी लाइफ मे नही आया…………………………….” कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट बढ़ता ही जा रहा था.

स्मृति यहीं नही रुकी, उसके लंड को अच्छे से गीला करने के बाद वो उसकी बॉल्स तक पहुचि. स्मृति उसके लंड को उपर करके और उसकी बॉल्स को किस करने लगती है. क्या सीन था, इंडियन एन्वाइरन्मेंट मे ऐसे हर्डली ही नसीब होता है.

कुशल तो जैसे होश मे नही था, लंड के साथ उसकी गर्दन भी उपर आसमान की तरफ हो चुकी थी. स्मृति अब उसके बॉल्स को चूस रही थी

कुशल को वैसे ही प्रीति ने बहुत गरम कर दिया था और वो नही चाहता था कि स्मृति की कोई भी ख्वाहिश आज अधूरी रह जाए नही तो वो उसे खा जाएगी. इसीलिए उसे अहसास हो रहा था कि अगर और थोड़ी देर स्मृति ने उसकी बॉल्स चूसी तो उसका सारा माल निकल जाएगा.

“उफफफफफफ्फ़……ग्रेट……..यू आर आ रियल सकर………………….. आहह……..नाउ इट ईज़ माइ तुर्न…………..” कुशल धीरे से अपने लंड को स्मृति के मूँह से हटाने लगता है.

स्मृति अपने आप को सेट करते हुए खड़ी होती है और धीरे धीरे चल कर सामने वाले सोफे पर दोनो हाथ टिका कर डॉगी स्टाइल मे खड़ी हो जाती है. पीछे से एक हाथ ले जाते हुए वो एक फिंगर अपनी चूत मे घुसा देती है –“ लाइयन……….आआआ….चूस ईसीईए………….खा जा मेरी चूत को…….बहुत प्यार है ना तुझे इससे…………” स्मृति कुशल की तरफ गर्दन करते हुए कहती है.

कुशल वाकई मे आज इस रूप से अंजान था. स्मृति के रूप मे उसके घर मे एक सेक्सी स्लट रह रही थी. कुशल आगे बढ़ता है और घुटनो के बल उसकी गान्ड के पीछे बैठ जाता है, टाइम बिना वेस्ट करे वो अपने मूह को उसकी चूत पर रख देता है –

“आआहह………..लाइयन…………यू मदरफकर लिक्क माइ पूस्सयी…….चाट मेरी चूत को………….” स्मृति की इस सॉलिड आवाज़ से कुशल एक बार को दहल ही जाता है लेकिन उसकी पुसी को चाटना चालू रखता है. अपनी गान्ड को वो और भी ज़्यादा पीछे कर लेती है जिससे कि उसकी चूत और भी खुल कर कुशल के मूँह मे आ सके.

“ उफफफफफफफफफफ्फ़………..लाइयन………………..घुसा अपनी जीभ अंदर…………………..” कुशल पूरी ताक़त के साथ लगा हुआ था और उसकी चूत चाट रहा था. स्मृति भी अपनी कमर को धीरे धीरे हिला रही थी. उसकी चूत से निकलने वाला रस कुशल को और पागल कर रहा था.

स्मृति अपने हाथ को भी अपनी चूत पर ले जाती है और उपर के हिस्से को छेड़ने लगती है, पानी और भी ज़्यादा निकलने लगा था.

“म्*म्म्ममह……ग्रेट…………यू फकर………………….आहह…….” स्मृति अपनी गान्ड को और भी ज़्यादा हीला रही थी.

ऐसा बस कुच्छ मिनिट और लगा कि स्मृति और भी ज़्यादा वाइल्ड रूप मे आ गयी –

“ फक मी लाइयन……फक मी बस्टर्ड……..शो मी युवर पवर………आहह…….यू मदरफकर……………..फक मे………………मार मेरी चूत को……..फाड़ दे ईसीईई……………” स्मृति अब चुदने को तैयार थी.

चुदने से पहले एक बार फिर से स्मृति पीछे मुड़ती है और उसके लंड को चूसने लगती है. कुशल की हालत खराब थी, वो चोदने के लिए तैयार था लेकिन स्मृति की एक्सपेक्टेशन्स आज कुच्छ ज़्यादा ही थी.

जैसे वो लंड को चूस्ते हुए उपर देख रही थी तो कुशल और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. उसके लंड को अच्छे चूसने के बाद वो फिर से डॉगी स्टाइल मे आती है और कुशल को इन्वाइट करती है आ और कर दे मेरमेरा काम.

कुशल आगे बढ़ता है और अपना लंड उसकी चूत पे टिकाता है “ घुसा दे इसे पूरा…….पहुँचा दे इसे एंड तक…..फक मी हार्ड टुडे…….” स्मृति की ये बात सुन कर वो एक जोरदार धक्का लगाता है और 8 इंच का मोटा लंड स्रर्र्ररर से अंदर घुस जाता है.

“ लाइक तट……….आआअहह” स्मृति आज जैसे रुकने का नाम ही नही ले रही थी. लेकिन कुशल भी अपने अंदर की पवर को जगा रहा था.

कुशल ने तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए थे और उधर स्मृति भी अपनी चूत को हीला हीला कर धक्के लगवा रही थी. चूत मे लंड के घुसने वाला साउंड, और उन दोनो के बॉडी के टकराने वाला साउंड दोनो ही ही रूम का टेंपरेचर बढ़ा रहे थे.

“ आअहह…. फक मी…फक मी हार्ड……फक मी…………….खोल दे आज मेरी चूत को………….हार्ड…..हार्ड…….म्*म्म्ममह” स्मृति भी खूब उच्छल उच्छल कर धक्के लगा रही थी.

“आहह………….यू……माइ बिच…………….आइ विल फक यू………यू सो टेस्टी…………………” कुशल की भी आवाज़े निकालने लगी थी.

पूरा रूम फक्किंग साउंड से भर गया था. स्मृति अपने एक्सपीरियेन्स का पूरा फ़ायदा उठा रही थी और लंड को बार बार अंदर लेने मे सक्सेस्फुल हो रही थी.

स्मृति की चूत से निकलने वाला रस धीरे धीरे कुशल के बालो तक भी आ चुका था. गजब का घर्षण हो रहा था.

“ओूऊऊऊऊऊ……..लाइयन…….फाड़ दे मेरी चूत………………मार इसको……………..ग्रेट………..”स्मृति के चिल्लाने से ही पता लग रहा था कि वो आज कितनी मस्त हो चुकी थी.

कुशल भी पूरी ताक़त के साथ धक्के लगा रहा था. स्मृति की पूरी बॉडी काँप रही थी और कुशल उस पर अपने मोटे और तगड़े लंड से दबा दबा के धक्के लगा रहा था. बहुत ही गजब सीन चल रहा था.

“ लाइयन………….यू अमेज़िंग…………..और मार मेरी चूत को…….ग्रेट………आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्व्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……यू आर माइ ड्रीम फकर………आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…….आअहह…आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” और स्मृति के हाथ सोफे पर कस जाते है. उसका रस निकल गया था.

कुशल को प्रीति वाला इन्सिडेंट याद आ गया और वो और तेज तेज धक्के लगाने लगा. कुच्छ ही सेकेंड्स मे वो अपना लंड बाहर निकालता है और उसकी पिचकारी से स्मृति की पूरी पीठ भर जाती है.

स्मृति के चेहरे का तेज देखते ही बनता था.

“थॅंक्स फॉर मेकिंग मी सॅटिस्फाइड….. लाइयन…….अब तुम जब चाहो वो कर सकते हो जो तुम्हारी ख्वाहिश है.” स्मृति का इशारा अपनी गान्ड की तरफ था. कुशल का अभी तो एंडिंग पॉइंट हुआ था और उसे थोड़ा टाइम चाहिए थे संभलने के लिए की तभी -

“कुशल……..कुशल….कुशल…..कुशल………” उपर से प्रीति की चिल्लाने की आवाज़ आती है. शायद वो जाग गयी थी.

दूसरी तरफ –

सिचुयेशन तो काफ़ी चेंज हो चुकी थी लेकिन वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ा था. जैसे की आप जानते है कि आराधना ने नयी ब्रा पैंटी पहन ली थी अपनी चुदाई के बाद और पंकज उसे घूरता है –

पंकज की निगाहे फिर से आग उगलने लगी थी और वैसे सीन भी कुच्छ ज़्यादा ही कामुक था "क्या अभी भी मन नही भरा जो ऐसे देख रहे है.???" आराधना अपनी पैंटी को पूरा उपर चढ़ाने के बाद और पंकज की तरफ देखते हुए बोलती है
पंकज का मूँह खुला का खुला था. उसने कभी आराधना को इतना सेक्सी नही देखा था, हाँ आइडिया लगता था कि वो सेक्सी है लेकिन आराधना के इन मोस्ट एरोटीक ब्रा आंड पैंटी ने पंकज के दिमाग़ की तारो को झकझोड़ दिया था.

जब आराधना ने पंकज से वो सवाल किया तो पंकज ने कोई जवाब नही दिया और मूँह खोल का ऐसे ही देखता रहा. पैंटी पूरा उपर चढ़ाने के बाद आराधना पंकज की तरफ बढ़ती है और एक चुटकी उसकी आँखो के सामने बजाते हुए स्माइल करती है.

“ डॅड…… यू ओके?” बहुत प्यारी स्माइल के साथ वो अपने डॅड को जागती हुई नींद से जागती है. पंकज हड़बड़ा जाता है.

“ओह्ह्ह…. यस… यस” और ये बोल कर वो अपना चेहरा दूसरी साइड कर लेता है. पंकज को अहसास हो गया था कि आराधना ने उसे पकड़ लिया है. पंकज अब धीरे धीरे रूम के कॉर्नर मे चल कर चेर पर बैठ जाता है, ये वोही चेर है जिस पर बैठ कर और आराधना को अपने उपर बिठा कर उसके जवान जवान यौवन के तारो को छेड़ दिया था.

पंकज अब आराधना के सामने बैठा था और काफ़ी सीरीयस लग रहा था. वो अपने सिगरेट बॉक्स को उठाता है और एक सिगरेट को बाहर निकाल कर अपने लाइटर से जलाता है. आराधना अब खुद जाकर अपने बेग से एक ट्रॅन्स्परेंट शिफ्फॉन टॉप निकालती है और उसे पहन ने लगती है.

“ डॅड…. . सीरीयस लग रहे हो…… सब ठीक तो है ना…….?” आराधना उस टॉप को पहनते हुए बोलती है. वो टॉप बिल्कुल ट्रॅन्स्परेंट था, और आराधना ने अंदर की ब्रा पैंटी उसमे क्लियर दिखाई दे रही थी. आराधना का ये बोल्ड अंदाज़ बिल्कुल नया था.

“ नही….. बस ऐसे ही……….” पंकज फिर से सीरीयस रहते हुए जवाब देता है. आराधना ये सुनकर धीरे धीरे उसके पास बढ़ती है. उसके पास पहुँच कर उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है –

“ क्या…..आप अपसेट है? बताओ ना कि क्या बात है…… क्या…आपको अच्छा नही लगा……?” आराधना थोड़ा हेज़िटेट हो होती है लेकिन फिर भी पंकज की आँखे मे देखते हुए बोल देती है.

पंकज खड़ा होता है और आराधना को हग करता है. “ऐसा कुच्छ नही है……. तुम्हारे साथ बिताए आज के पल से तो मैं अपनी जवानी के बेस्ट टाइम भी भूल गया हू…… अच्छा मेनटेन किया है तुमने अपने को….. काफ़ी टाइट हो…..” और ये बोलते हुए वो आराधना की गान्ड पर एक चिकोटी काट देता है.

“ ऊूउउ….” आराधना उसकी इस आक्टिविटी से चोंक जाती है क्यूंकी वो मेंटली प्रिपेर्ड नही थी इस सिचुयेशन के लिए लेकिन उसे अच्छा भी लगता है.

“ कसम से आप बड़े नॉटी रहे होंगे….अपनी जवानी मे……..” और ये बोलते हुए आराधना उसके कंधे पकड़ कर उसे फिर से चेर पर बिठा देती है.

“ जवानी मे तो हर कोई नॉटी होता है…. देखो आज तुम भी कितनी नॉटी रही….. तुम्हारी वाय्स तो तुम्हारी मोम से भी सेक्सी है……” पंकज थोड़े फन्नी वे मे आराधना से बोलता है.

“ डॅडी…… आप बहुत वो हो…..” और आराधना उसके सीने मे प्यार से दो मुक्के जमा देती है. और फिर उसी की गोद मे बैठ जाती है.

पंकज उसे अपने सीने से लगा . है. आराधना के ग्लोयिंग चीक्स बता रहे थे कि कैसे उसे लंड का इंजेक्षन लगा और कैसे उसकी बॉडी चेंज हो रही है.

“ डॅड… आपने ये क्यू बोला कि जवानी का बेस्ट टाइम भूल गया…. क्या आपको मोम प्यार नही करती थी…..” आराधना उसके सीने मे मूँह छुपाए बोलती है.

“ मोम की कौन बात कर रहा था…. जवानी तो शादी से कई साल पहले शुरू हो जाती है……..” पंकज उसे बिना झिझके ये बात बता देता है.

आराधना उसकी ये बात सुन कर चोंक जाती है और सीने से मूँह उठा कर उपर देखती है. “ ओह माइ गॉड….. तो इसका मतलब आप…..आप शादी से पहले भी………शादी से पहले भी कुच्छ कर चुके थे……..” आराधना को थोड़ी शरम तो आ रही थी ये बात पुच्छने मे लेकिन वो पुच्छ ही लेती है.

पंकज आराधना का एक हाथ पकड़ता है और उसकी चूत के सामने से ले जाते हुए अपने लंड पर रख देता है. “ पता है जब ये बड़ा होता है ना तो सोने नही देता…. शादी तक कहाँ इंतेज़ार होता है. अगर शरीफ बन कर इंतेज़ार भी करो तो सर मे दर्द रहता है और कहीं मन नही लगता. उपर वाले ने हमे बनाया ही इस तरीके से है की टाइम बाइ टाइम नीड्स बदलने लगती है… इसकी नीड तो तुम जानती ही हो…..” पंकज आराधना के हाथ को अपने लंड पर दबाते बोलता है.

आराधना के हाथ जैसे ही लंड पर पहुँचे उसको समझ आ गया कि वो फिर से तैयार होने वाला है. “ तो इस जनाब का अभी पेट नही भरा……” आराधना पंकज की गोद से खड़ी होती हुई और उसके लंड की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ पेट ऐसे भर जाता तो बात ही क्या थी………” पंकज भी आराधना की तरफ देखते हुए रोमॅंटिक अंदाज़ मे बोलता है. आराधना ये बात देख कर समझ जाती है और वो स्माइल करके पंकज से दूर खड़ी हो जाती है.

“ तो आप रसिया रहे हो जवानी मे……. मोम से . पहले ही आप काम कर चुके थे….. लेकिन अगर मोम को पता चल जाता तो……” आराधना सिचुयेशन को कॉनवर्ट करने के लिए ऐसा बोलती है.

“ तुम्हारी मोम को आते ही हम ने इतना डोज़ दिया कि उसका माइंड इधर उधर की बाते ही ना सोचे……. औरत का माइंड तभी शक करता है जब उसे पूरी खुराक नही मिलती. और वैसे भी शादी के बाद से मैने किसी भी पराई लेडी के साथ कोई रीलेशन नही बनाए….. हाँ आज……” पंकज इससे पहले की अपनी बात ख़तम करता तो आराधना बीच मे ही बोलने लगती है – “ मैं पराई नही हू…..अब आगे बताइए….” आराधना सीरियस्ली उसे आँखे दिखती हुई बोलती है

“ हाँ तो बस मैं यही कह रहा था कि तुम्हारी मोम को दिन रात प्यार किया हम ने….. किचन, बाथरूम, बेडरूम या छत… जहाँ भी मौका मिला वहीं पर ये खिला दिया उसे………” पंकज फिर से अपने लंड पर हाथ फिराता हुआ बोलता ..

“ तभी तो मोम बॅक साइड से……. हे हे हे हे हे” आराधना अपने दोनो हाथो को फेलाते हुए दिखती है क्यूंकी स्मृति की गान्ड काफ़ी ब्रॉड है.

“ ये नॉर्मल बात है….. कोई भी लेडी कैसे ठुकी है ये आइडिया आप उसकी बॅक को देख कर ही लगा सकते हो….. आदमियों की जान बस्ती ही एक सेक्सी बॅक मे. हर आदमी चाहता है कि उसकी वाइफ की बॅक ऐसी ही हो जैसे कि मेरी वाइफ की है……..” आराधना पंकज की ये बाते सुनकर थोड़ा जेलस फील करती है लेकिन कुच्छ बोलती नही है.

“ काफ़ी रोमॅंटिक रहे है आप भी….. मोम ईज़ सो लकी……” आराधना उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है.

“ हाँ ये तो है….. लेकिन तुम्हारे लिए कुच्छ ज़्यादा सही नही है नही तो देल्ही जाने पर कोई भी आइडिया लगा लेगा कि क्या हुआ है. लड़की की बॉडी मे रॅपिड चेंजस आते है जैसे ही उसके साथ सेक्स होता है……” पंकज आराधना को ये समझाना चाहता था कि ज़्यादा चुदाई से उसकी गान्ड ज़्यादा फेल सकती है और इससे लोगो को शक हो सकता है.

“ सॉफ सॉफ बोलिए ना कि……… आपका…आपका माइंड अभी भी कहीं और ही है….. या उनकी याद आ रही है जिन्हे आप शादी से पहले ही…….” आराधना उसकी बात से थोड़ा सा नाराज़ हो जाती है और अपना मूँह दूसरी साइड कर लेती है.

पंकज चेर से खड़ा होता है और आगे बढ़कर फिर से आराधना को हग करता है और उसके गालो पर किस करता है –“ तुमहरे जैसा तो कोई हो ही नही सकता…. लड़की होने के बाद भी तुम्हे ये अहसास नही है कि तुम क्या हो…….. आटम बॉम्ब से भी ज़्यादा डेंजर हो तुम…” पंकज की ये बात सुनकर आराधना की हँसी छूट जाती है.

“ ऐसे ही बातो से लड़किया पटाते थे आप शादी से पहले………..?” आराधना स्माइल करते हुए पंकज से पूछती है.

“ ये ब्लड मे ही होता है….. कुच्छ इंसानो मे खास. शायद मेरे फादर मे भी होगा…… जिनकी हर बात और हर आइटम स्ट्रॉंग होता है………….” पंकज फिर से आराधना का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है लेकिन आराधना को पता नही उसकी ये बात सुन कर क्या होता है.

वो अचानक पंकज की इस बात के दूसरी ही दुनिया मे पहुँच जाती है. ये चीज़े ब्लड मे ही होती है……… इनके फादर मे भी ऐसा था…… यानी… यानी कुशल का भी………. ये बाते सोच कर आराधना का चेहरा पता नही क्यूँ लाल हो जाता है. लेकिन पंकज को लगता है कि वो शरम से लाल हो रहा है.

“ आरू…… तुम्हारे और मेरे रीलेशन के बारे मे कहीं तुमने कोई हिंट सिमरन को तो नही दिया ना…………………” पंकज आराधना से पूछता है.

“ नही…. नही तो….. मैं भला क्यूँ बताउन्गि…….. मुझे तो खुद नही पता था…… कि हमारे बीच ऐसा हो जाएगा…….” आराधना बात को छुपाना चाहती थी.

“ क्या तुमने कभी मेरे बारे मे ऐसा नही सोचा………?” पंकज आराधना से पुछ्ता है

आराधना उसकी इस बात से थोड़ा घबरा जाती है और उससे मूँह फिराते हुए बोलती है –“ मुझे….. मुझे नही पता……………” आराधना की जैसे साँसे लड़खड़ा रही थी तो उसका सीना भी उपर नीचे हो रहा था. अब आराधना की गान्ड पंकज की तरफ थी.

“ क्या मैं कभी तुम्हारे सपनो मे नही आया…… क्या मुझे सोच कर कभी तुमने मास्टरबेशन नही किया…….. क्या तुम्हारी पुसी मेरे बारे मे सोच कर गीली नही होती………………” पंकज ये बात बोलते बोलते अपने हाथ को नीचे ले जाते हुए उसके टॉप के अंदर ले जाता है. और सीधा उसकी चूत पर रख देता है.

आराधना की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी. पंकज उसकी पैंटी को साइड करके अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसा देता है. स्रर्र्ररर से उंगली उसकी चूत मे घुस जाती है.

“ आआहह……….” और पता नही क्यू इन लस्टी और सेक्सी साउंड के साथ वो वहाँ से हट कर वॉर्डरोब पर अपनी पीठ टिका कर खड़ी हो जाती हो है. उसके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे और साँसे तेज तेज चल रही थी.

वो पंकज की तरफ देखती है और एक स्माइल के साथ भाग कर बाथरूम मे घुस जाती है. उसकी इस अदा का गहरा असर होता है पंकज पर.

पंकज भी धीरे धीरे बाथरूम की तरफ चल देता है और आकर बाथरूम के गेट पर खड़ा हो जाता है. वो कुच्छ बोलता नही है और बस गेट पर खड़ा रहता है. अंदर फिर पानी चलने की आवाज़ आती है जैसे पानी किसी चीज़ के अंदर गिर रहा हो.

पंकज कुच्छ मिनिट ऐसे ही खड़ा रहता है और पानी की आवाज़ रेग्युलर आती जा रही थी. जब वेट करते करते कुच्छ ज़्यादा ही मिनिट हो जाते हो पंकज गेट को नॉक करता है.
“ गेट ईज़ ओपन…. कम इन डॅड……..” आराधना के ये बोलते ही पंकज को ये अहसास हो जाता है कि गेट सिर्फ़ बंद था लेकिन लॉक नही था. वो धीरे से गेट को ओपन करता है और फिर अनएक्सपेक्टेड सिचुयेशन….. आराधना बाथ टब मे लेट चुकी थी और उसने कुच्छ नही पहना था. नीचे की बॉडी तो पानी मे कवर थी लेकिन उपर से विज़िबिलिटी थी. आराधना उस टाइम पर कुच्छ ऐसी दिख रही थी –

आराधना इन बाथ टब

पंकज उसे ऐसी हालत मे देख कर और पागल हो जाता है लेकिन अपने जज्बातो पर कंट्रोल रखता है. आराधना पंकज के अंदर आ जाने के बाद भी अपने आप को ऐसे ही रखती है, उसकी बोल्डनेस धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी.

“ आपने ये क्यू पुछा था कि सिमरन को कुच्छ पता है या नही……….?” आराधना बाथ टब मे लेते हुए पंकज से ये सवाल करती है.

“ मैने….मैने ये सवाल क्यू किया……….. हाँ…..गुड क्वेस्चन….. आक्चुयल मे सिमरन इन मॅटर्स मे ज़्यादा इंटेलिजेंट लगती है मीन ये लगता है कि उसे सेक्स की अच्छी नालेज है. और फिर वो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड भी है………” पंकज भी अपनी साइड को एक्सप्लेन करता है.

“ हर लड़की की अपनी खुद की लाइफ होती है…… ना मैं उससे कुच्छ पूछती और ना उसे कुच्छ बताती…. हाँ वो खुद ही बताती रहती है कि आज उसके साथ ये हुआ और ये हुआ………..” आराधना धीरे धीरे अपनी बॉडी पे पानी गिराते हुए बोलती है.

“ अच्छा चलो छोड़ो……. ये बताओ कि कल का क्या प्लान है… कॉलेज कितने बजे जाना है?” पंकज आराधना से वॉश बेसिन के सहारे खड़े रहते हुए पुछ्ता है.

“ मुझे…… ह्म्*म्म्ममम…. कल तो कॉलेज नही जाना. कल ईव्निंग मे फोन करके पता करना है कि नेक्स्ट डे कितने बजे जाना है” आराधना को कुच्छ समझ नही आया तो वो यही बोल देती है.

“ तो कल तुम क्या करोगी….. ऐसे तो होटेल रूम मे बोर हो जाओगी……?” पंकज आराधना को इनफॉर्म करता है.

“ आपके साथ चलूंगी ना……….” आराधना स्माइल करते हुए बोलती है

“ मेरे साथ कहाँ जाओगी बेटा….. मैं तो वैसे ही इस बिज़्नेस डील के चक्कर मे परेशान हू…….” पंकज अपने आप की परेशानी बताते हुए बोलता है.

“ बिज़्नेस डील मे परेशानी???? बात क्या है सब सही तो है ना……………?” आराधना भी सीरीयस होते हुए बोलती है.

“ कुच्छ भी सही नही है…… साला एक और कॉंट्रॅक्टर आया हुआ है. वो किसी नेगोशियेशन के लिए तैयार ही नही है. डेली सोचता हू कि कांट्रॅक्ट साइन हो जाएगा लेकिन उसके चक्कर मे नही होता. एक मन तो करता है कि इस कांट्रॅक्ट को भूल कर सीध घर चलु……. लेकिन फिर ख्याल आता है कि इतना बड़ा कांट्रॅक्ट ऐसे ही नही मिल जाता ” पंकज अपने दिल की सारी बाते बता देता है.

आराधना अपने डॅड को परेशान हालत मे देखती है तो बाथ टब से खड़ी होती है. जैसे ही वो पानी से बाहर आती है तो जैसे उस बाथरूम का टेंपरेचर और बढ़ जाता है, उसने कुच्छ नही पहना था और बॉडी पूरी पानी मे भीगी हुई थी. आराधना आगे बढ़ती है और पंकज को हग कर लेती है.

“ सब सही हो जाएगा….. आप टेन्षन ना ले…….” आराधना का भीगा और गथीला बदन, उसके बदन की खुसबु, उसके टाइट बूब्स की पंकज के सीने मे चुभन और इस रोमॅंटिक माहौल मे पंकज एक बार फिर से पिघल जाता है.

वो आराधना के बाल पकड़ कर खींचता है जिससे कि आराधना का चेहरा आगे की तरफ आ जाता है. पंकज अपने होंठ फिर से उसके होंठो पर रख देता है.

आराधना भी अपने आप को नही रोक पाती और पंकज का साथ देने लगती है. बाथरूम मे तो जैसे दोनो लिप्स एक दूसरे को खाने को तैयार हो रहे थे. दोनो लिप्स एक सेकेंड के लिए एक दूसरे से अलग होते है और दोनो एक दूसरे को देखते है और फिर से एक दूसरे से मिल जाते है.

पंकज अपना हाथ नीचे आराधना की चूत पर ले जाता है और और उसके उपर से ही हाथ फिराने लगता है. आराधना भी अपने हाथो को पंकज के सीने पर फिरा रही थी. आराधना के होठ पंकज को और भी ज़्यादा रसीले लग रहे थे.

लिप्स जैसे ही अलग होते है, पंकज फोरप्ले स्टार्ट करता है और आराधना की गर्दन पर किस करना शुरू कर देता है.

“ ओह……लव मी डॅड……… मुझे बहुत प्यार चाहिए…….ह्म्*म्म्मममममममममम” आराधना फिर से एक बार गरमा रही थी.

उसका बदन बहुत ज़्यादा गरम हो चुका था और पंकज भी एक अनिमल की तरह उसे चट रहा था. उस होटेल के एक रूम मे ये टाइम थमने का नाम ही नही ले रहा था. लाइफ मे पता नही कितने ही राज ऐसे होते है जिनका कभी किसी को कुच्छ पता नही चलता और ये उन्ही मे से एक है जहाँ एक जवान और बेहद गरम लड़की अपने ही डॅड की बाँहो मे मचल रही थी.

पंकज उसे प्यार करते करते नीचे पहुँच चुका था. वो उसकी पतली कमर को थामते हुए उसकी गोरी और गहरी नाभि पर किस करता है और धीरे धीरे नीचे उसकी चूत तक पहुँचता है. वो आराधना की थाइस को पकड़ कर उन्हे थोड़ा सा फेलाने का इशारा करता है. पूरी तरह से गरमाई हुई आराधना उसके इशारो पर बंद आँखो से अपनी टांगे फेला लेती है.

पंकज अपना मूँह फिर से उसकी चूत पर लगा देता है. “ह्म्*म्म्मममम……………उफफफफफफफफफ्फ़…………क्या…..आग लगती है इसमे……………” आराधना का इशारा अपनी चूत की तरफ था. पंकज भी अपने घुटनो के बल बैठा हुआ था और उसकी चूत चाट रहा था. एक बार चुदने से चूत बेहद ही मस्त हो चुकी थी. रंग और भी ज़्यादा गुलाबी हो चुका था, उसकी चूत के लिप्स के बीच की दूरी थोड़ी और बढ़ गयी थी जिससे कि वो और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी.

“ह्म्*म्म्मम………….ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ…….इस्शहस्शसशसशहस्शसशससश्” खुले हुए माहौल मे जहाँ उन्हे कोई जानता भी नही था तो दोनो बहुत अच्छे से मज़े ले रहे थे.

करीबन ऐसे ही बहुत डेट तक पंकज उसकी चूत को चाटने मे लगा रहा…..” नही रहा जा रहा है……. प्लीज़ इसकी आग बुझा दो………………..उफफफफफफफफफफफ्फ़……….” आराधना का अपना एक हाथ भी अपनी चूत पर पहुँच चुका था.

“ तुम……….. दूसरी बार ले पाओगि ना……………??” पंकज अपना मूँह उसकी चूत से हटा कर पुछ्ता है, वो धीरे धीरे अपने शॉर्ट को भी उतार रहा था. लेकिन आराधना तो जैसे होश मे ही नही थी.

“ प्लीज़………. मैं दूसरी बार क्या………..मैं पूरी रात ले पाउन्गि………………….” आराधना की आवाज़ और भी सेक्सी होती जा रही थी. पंकज खड़ा होता है और उसे अपनी गोद मे उठाता है. आराधना पंकज की गोद मे आते ही अपनी दोनो बाँहे पंकज की गर्दन मे डाल देती है और अपने होंठ उसके होंठ पर लगा देती है. पंकज अनएक्सपेक्टेड उसे फिर से बाथ टब मे ले जाता है और फिर से वहाँ ले जाकर खड़ा कर देता है. एक ही झटके मे फिर अपनी टीशर्ट उतार देता है. अब फिर से दोनो बदन पूरी तरीके से नंगे थे.

आराधना को समझ नही आ रहा था कि आख़िर पंकज का प्लान क्या है और वो बेड पर जाने की बजाय फिर से बाथटब मे आ गया था. लेकिन बाथ टब मे काफ़ी जगह थी और पंकज के पूरे पाँव उसमे आ रहे थे. उसमे लेटने के बाद और अपने सारे कपड़े उतारने के बाद वो आराधना का हाथ पकड़ कर खींचता है. आराधना को इतना तो समझ आ जाता है कि पंकज उसे अपने उपर चढ़ाता है. ठीक वैसे ही आराधना पंकज के उपर बैठ जाती है, बैठते ही आराधना को उसके खड़े लंड का अहसास हो जाता है जो कि काफ़ी विकराल हो चुका था.
पंकज आराधना को थोड़ी सी गान्ड उपर उठाने के लिए बोलता है और ठीक उसी के कहने से आराधना अपनी गान्ड को उठाती है. आराधना की चूत अभी भी पानी के अंदर ही थी, पंकज अपना हाथ ले जाकर ठीक अपने लंड को पकड़ता है और सीधा उसकी चूत पर लगाता है. आराधना एग्ज़ाइटेड थी इस बाथटब सेक्स के लिए…….. पंकज उसके सोचने से पहले ही पानी मे छप से उसे नीचे करता है और लंड आधा अंदर.

“आआअहह….. पेन होता है………….आराम से………….” आराधना पानी के अंदर ही एक मुक्का पंकज के सीने मे जमा देती है.

दोनो का बस उपरी हिस्सा पानी से बाहर था. आराधना की चूत मे लंड घुस भी चुका था लेकिन ठंडा पानी उसकी चूत की सर्फेस पे रहते हुए आराम भी दे रहा था. नही तो अगर ये झटका उसे बेड पर लगता तो शायद उसे संभालना बड़ा मुश्किल होता आराधना के लिए.

करीब दो मिनिट पंकज कोई मूव्मेंट नही करता और उस ठंडे पानी मे ऐसे ही आराधना को अपने सीने से चिपका कर रखता है. फिर धीरे धीरे से नीचे हाथ ले जाकर आराधना की गान्ड को उठाता है जिससे कि लंड बाहर आ जाता है और फिर से नीचे टिका देता है. पानी मे भी छप्प की आवाज़ आती है.

धीरे धीरे पंकज स्ट्रोक लगाने शुरू कर देता है. पानी भी ऐसे हिल रहा था जैसे की पता नही कौन सा तूफान आ रहा था पानी मे. थोड़ा थोड़ा पानी हर झटके के साथ नीचे भी गिर जाता था.

“हमम्म्मममममममम……………… लव……..यू…………….प्लीज़ फकक्क्क्क्क मी……….”आराधना की मोनिंग शुरू हो चुकी थी, अपने आप को लकी भी समझ रही थी कि पहले सेक्स बेड पर और दूसरा बाथटब मे हो रहा है तो पता नही तीसरा कहाँ होगा.

बाथ टब के अंदर ही पंकज के दोनो हाथ आराधना की गान्ड पर थे जोकि हर धक्के के दौरान उन्हे उपर उठाते और फिर नीचे लाते. आराधना की आँखे बस मस्ती मे बंद थी.

“आआहहहहहहहः………….म्*म्म्मममह…………………..एसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स……….सस्शसशह………” आराधना की ये आवाज़े शुक्र है कि होटेल मे आ रही थी नही तो किसी घर मे ये आवाज़े किसी के भी कानो मे जा सकती थी.

धक्को की स्पीड धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी…… पानी मे भी छप छप ज़्यादा तेज होने लगी थी..

“ कितना………………अछ्ह्ह्ह्ह्ह्हाआअ……लगता……..हाईईीजज़ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज……………..फक मी……प्लीज़………………” पंकज के सामने जब भी आराधना उपर नीचे होकर धक्के लगा रही थी तो उसके बूब्स बेहद ज़्यादा हील रहे थे, ये सिचुयेशन पंकज को और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड कर रही थी. उसका मोटा लंड आराधना की स्वीट सी चूत मे बार बार अंदर जा रहा था और बार बार बाहर आ रहा था.

“ आआअहह…..आअहह…….आअहह…………..” आराधना अपने लिप्स से और भी सेक्सी वाय्स निकाल रही थी और शायद वो नॅचुरल ही थी.

करीबन 3 मिनिट और बाद आराधना की बॉडी अकड़ने लगती है और उसके नेल्स खुद बे खुद पंकज की छाती को नोच देते है. आराधना को इस ऑर्गॅज़म का अहसास भी नही था, उसे सेक्स का रियल टेस्ट अभी पता चला था. “आआअहह……..आहहहहहहाहा…..आइ………एम्म्म……कमम्मिंग्ज्ज………………” उसकी चूत बार बार खुलने और बंद होने लगी थी, एक अलग ही सेक्सी नज़ारा था ये.

आराधना की चूत अपना सारा रस छोड़ चुकी थी और पंकज अभी भी उस बाथटब के पानी को छेड़ते हुए धक्के लगा रहा था.

आराधना की सिचुयेशन अभी ऐसी ही थी क्यूंकी पंकज के धक्को से अभी भी उसके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे. क्यूंकी आराधना अभी नयी लड़की थी तो पंकज उसकी चूत की केर भी कर रहा था और यही सोच कर उसने अपने एक्सपीरियेन्स को यूज़ करते हुए अपने को भी फाइनल अंजाम तक पहुँचाता है.

“ आअहह…….आअहह” और ये होते हुए पंकज आराधना को नीचे झुकाता है और अपने होठ उसके होंठो से लगा देता है.

बाथ टब मे पानी का मूव्मेंट अब थम गया था, ऐसा माहौल हो गया था जैसे कोई तूफान आकर थम गया हो. आराधना की आँखे जैसे ही मिलती है पंकज से वो शरमा जाती है और धीरे से उठ कर बाथटब से बाहर आ जाती है. पंकज के सामने अब उसकी गान्ड थी. आराधना बिना पीछे मुड़े टवल उठाती है और अपने आपको ढक कर बाहर चली जाती है.

कुच्छ ही मिनिट्स के बाद पंकज भी एक टवल लपेट कर बाहर आ जाता है. आराधना बेड पर उस टवल को लपेट कर ही बैठी थी, लेकिन उसकी निगाहे नीचे की तरफ थी. उस रूम मे अभी शांति का माहौल था.

पंकज आगे बढ़ कर अपने बालो को टवल से पुच्छने लगता है. टवल जैसे ही उसकी बॉडी से हट जाता है तो फिर से उसकी नंगी बॉडी पंकज के सामने थी.

“ मॉर्निंग मे आप कितने बजे बाहर जाओगे………….?” आराधना साइलेन्स को तोड़ते हुए पंकज से पूछती है.

“ करीबन 10 बजे…..” पंकज मिरर मे ही देखते हुए रिप्लाइ करता है.

“ और आओगे कितने बजे………..?”

“ डिपेंड करता है कि सिचुयेशन क्या है. अगर सेकेंड कॉंट्रॅक्टर मान जाए तो शायद ज़्यादा जल्दी आ जाउ नही तो ईव्निंग भी हो सकती है…….” पंकज अब तक अपने बाल पोन्छ कर बेड पर आ जाता है और आराधना के साइड मे बैठ जाता है.

“ तो दूसरा कॉंट्रॅक्टर कहाँ देल्ही का ही है…………?” आराधना पंकज से पूछती है

“ ये तो पता नही कहाँ से है लेकिन इसी होटेल मे रूका हुआ है. अब तक ये डील मेरी हो चुकी होती अगर वो ना होता लेकिन किस्मेत ही साथ नही दे रही……” पंकज फिर से सीरीयस हो चुका था.

“ आप टेन्षन ना लीजिए….. मुझे पूरा यकीन है कि सब सही हो जाएगा. अब आप आराम कर लीजिए……….” आराधना पंकज के सर मे हाथ फिराते हुए बोलती है.

पंकज बेड पर बिना कपड़ो के ही लेट जाता है और नींद के आगोश मे थोड़ी देर मे ही चला जाता है. क्यूंकी वो ड्रिंक भी कर चुका था और आराधना ने अच्छे से सॅटिस्फाइड भी कर दिया था. आराधना आज पंकज को देख कर बहुत हॅपी थी और वो भी पंकज के बराबर मे ही लेट जाती है.

दूसरी तरफ

सिचुयेशन काफ़ी बदल चुकी थी लेकिन वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ा था.

कुशल स्मृति को अच्छे से फक कर चुका था और तभी उपर प्रीति जाग जाती है.

“कुशल……..कुशल….कुशल…..कुशल………” उपर से प्रीति की चिल्लाने की आवाज़ आती है. शायद वो जाग गयी थी. एक तरफ आज स्मृति ने कुशल को अपपना दीवाना बना लिया था और वो अब उसको बॅक साइड से फक करने का वेट कर रहा था लेकिन प्रीति के इस रिक्षन से वो डर जाता है.

“ प्रीति ऐसे क्यूँ चिल्ला रही है…. ? जा उपर जाकर देख………..” स्मृति कुशल को समझाती है. कुशल अपने कपड़े पहन कर उपर की तरफ भागने लगता है. अभी उसका लंड सही से बैठा भी नही था और वीर्य की बूंदे अभी भी उसमे थी.

प्रीति शॉक्ड थी कि कुशल उसे खुद उसी के रूम मे बंद करके कहाँ भाग गया और वो भी बाहर से गेट बंद करके गया था. विंडो से प्रीति देखती है कि कुशल भाग कर नीचे से आ रहा है, उसको शक होता है की ये इतनी रात मे कहाँ से आ रहा है.

कुशल तेज़ी से आकर गेट खोलता है-

“ क्यूँ इतनी तेज चिल्ला रही है…….” इससे पहले की प्रीति कुच्छ पुच्छे कुशल ही अपनी इंटेलिजेन्सी दिखा देता है.

“ गेट बाहर से बंद क्यूँ किया तूने…..? और तू कहाँ गया था…?” प्रीति गुस्से मे आग बाबूला हो रही थी और उसकी नज़र कुशल के लंड की तरफ भी जाती है.

“ मैं…..वो नीचे गया था टाय्लेट……….” कुशल नज़रे छिपाते हुए बोलता है.

“ मुझे डंबो समझता है………….. और ये तेरा खड़ा क्यू है…..” प्रीति आगे बढ़ कर उसके लंड को अपने हाथ मे पकड़ती है. उसमे गीलापन महसूस होता है तो एक झटके मे वो अंदर हाथ घुसा कर देखती है. जैसे ही हाथ उसके लंड पर पहुँचता है तो प्रीति के हाथ पर उसके वीर्य की बूंदे आ जाती है.

प्रीति अपना हाथ बाहर निकालती है और उन बूँदो का इनस्पेक्षन करती है. उसको ये समझते देर नही लगती कि ये बूंदे उसके वीर्य की है….. वो गुस्से मे पागल हो जाती और आगे बढ़ती है.

“ बता……….. किसकी मे गिरा कर आया है ये…….कहाँ से आ रहा है जल्दी बोल यू चीटर…………..” ये बोलते बोलते प्रीति उसके कॉलर पकड़ लेती है.

“ मैने मास्टरबेशन किया है मेरी स्वीटी……….” कुशल उसके हाथ अपने कॉलर से हटाते हुए बोलता है.

“चल मेरे साथ……. दिखा कहाँ गिराया तूने ये मास्टरबेशन करके……….” प्रीति उसका हाथ पकड़ कर बाहर ले जाने लगती है.

कुशल के तो पाँव जैसे ही रुक गये थे. प्रीति पर फिर से चन्डी सवार हो गयी थी, कुशल को ये भी डर था कि कहीं अब ये आवाज़े नीचे तक ना पहुँच जाए.

“ इतना गुस्सा क्यू हो रही है……बात तो सुन मेरी………..” कुशल रुकते हुए बोलता है.

“ मुझे ये बता कि कहाँ मूँह काला करके आया है……कुत्ते जब तेरा मन नही भरता तो मेरे साथ क्यू किया तूने ये सब……….. मुझे अभी बता कि कहाँ था तू………. मुझे सर दर्द हो रहा है……..” प्रीति रुक तो जाती है लेकिन उसका गुस्सा कम नही हो रहा था. वो अपने माथे पे हाथ लगाते हुए बोलती है.

“ प्रीति……..तुझ जैसा माल मुझे कहाँ मिलेगा……………. मुझे भला क्या ज़रूरत है कहीं और जाने की. पागल जब तू हट गयी तो मैने जाकर मास्टरबेशन कर लिया. अब तू गुस्सा क्यू हो रही है मेरी जान……..” कुशल उसे मक्खन लगाता हुआ बोलता है और उसके चेहरे को टच करता है.

“डॉन’ट टच मी………….. मैं तेरी मा लगती हू जो तू मुझसे शरमा कर मास्टरबेशन करने नीचे गया था. साले जब उपर चढ़के तेज तेज धक्के लगाता है जब तो नही शरमाता……….. लेकिन मुझे समझ नही आ रहा कि आख़िर इतनी रात को तू कहाँ से आ रहा है……….” प्रीति तो समझने को तैयार ही नही थी.

“ पागल गुस्से मे नीचे भाग गया था….. तूने मेरा काम नही होने दिया तो मुझे गुस्सा आ गया था तो नीचे चला गया था…………….” कुशल भी पूरी कोशिश कर रहा था कि वो प्रीति को शांत कर पाए.

लेकिन प्रीति समझने वालो मे से नही थी, वो उसी रूम मे गुस्से मे कुशल के सामने आती है और एक झटके मे उसके लंड के सामने बैठ जाती है. उसकी बॉडी लॅंग्वेज से पता चल रहा था कि वो कितनी गुस्से मे है.

बैठते ही वो कुशल का लंड अपने हाथ मे लेती है और एक झटके मे उसे अपने मूँह मे लेकर चूसने लगती है.

“उहह……उहह” उसको खाँसी आ जाती है. पता नही उसको टेस्ट कैसा लगा था.

“ क्या तुझे अब मेरे लंड से इतनी नफ़रत हो गयी कि एक बार चूस्ते ही तुझे उल्टी आ रही है…….” कुशल बड़ा इनोसेंट बनते हुए बोलता है.

“ हरामी इस पर लगा हुआ रस बता रहा है कि ये क्या कर के आया है…….मैने यही चेक करने के लिए इसे किस किया नही तो तूने कोई ऐसा महान काम नही किया कि मैं तुझे इतना प्यार करू……..मूड बिल्कुल ऑफ कर दिया तूने……… लेकिन समझ नही आता कि आख़िर कौन थी जिसके साथ तूने ये सब किया………..” प्रीति अपने मूँह को पुछ्ते हुए बोलती है.

कुशल आगे बढ़ता है और हग करता है, लेकिन प्रीति पूरी कोशिश करती है उसकी पकड़ से हटने की.

“ ये तो तेरी ही चूत का रस था मेरी जान…..तू इतना शक क्यू करती है.” कुशल फिर से उसे समझाता है.

“ मेरा रस था ये???? और तेरे मास्टरबेशन करने से भी ये हटा नही….कुशल अभी भी बता दे कि किसको बजा के आ रहा है, शायद मेरा गुस्सा कम हो जाए. आराधना दीदी भी यहाँ नही है नही तो शायद मेरा शक उन पर जा सकता था……तू मेरा पति तो है नही तो डर मत बता किसके साथ करके आ रहा है, हो सकता है कि मैं तेरी हेल्प कर दू……..” प्रीति शायद आज अपने होश मे नही थी तभी तो बके जा रही थी

“ तो इतनी छोटी सी बात के लिए तू आराधना दीदी पर भी इल्ज़ाम लगाने लगी……… ऐसा क्यूँ कर रही है तू……..” कुशल भी अपनी आक्टिंग मे कोई कमी नही छोड़ रहा था.

“ आराधना दीदी……….ओहो………. तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे वो कभी अपनी पुसी फक ही नही कराएँगी……… चिड़चिड़ी हुई रहती है हमेशा……मुझसे पहले तो उसी को ज़रूरत थी….खैर हमे क्या पता ले भी चुकी हो किसी का……..” प्रीति की इस बात से कुशल शॉक्ड रह जाता है. उसके माइंड मे आराधना की पिक्चर घूम जाती है कि वो कैसे गुस्से मे रहती है. लेकिन अभी प्रीति का माइंड डाइवर्ट करना ज़रूरी था तो इसलिए उसने अपने आप को कंट्रोल रखा.

“हमे क्या लेना….हर किसी की पर्सनल लाइफ है. तू चल अब अपना गुस्सा कम कर और मुझे नींद आ रही है…………” कुशल एक और गेम खेलता है और घूम कर अपने बेड पर लेट जाता है.

वो अपना चेहरा नीचे करके लेट जाता है. उसको ये उम्मीद थी कि शायद प्रीति अपने रूम मे जाएगी और वो फिर से नीचे जाकर स्मृति के साथ रात रंगीन करेगा और अपनी दिल की इच्छा पूरी करेगा उसकी गान्ड मारने की.

कुच्छ मिनिट्स तक कोई मूव्मेंट नही होता और फिर तभी कुशल को अहसास होता है कि उसकी बेड पर कोई आ रहा है. इतनी देर मे प्रीति आती है उसके बराबर मे लेट जाती है.

“ अपने रूम मे क्यूँ नही सोती जाकर……..” कुशल अपपने मूँह को उठा कर बोलता है

“ क्यूँ इस बेड रूम मे मेरी मार सकता है लेकिन मेरे साथ सो नही सकता……… मैं यही सोउंगी और वो भी डेली. और तू टेन्षन ना ले, तुझे मूठ मारने का मौका नही दूँगी……….” प्रीति उसकी तरफ करवट लेती है और एक स्माइल के साथ उससे बोलती है.

प्रीति अपने माइंड का पूरा यूज़ कर रही थी. कुशल भी समझ गया था कि ये प्रीति ऐसे काबू मे आने वाली नही है, वो फिर से अपने मूँह नीचे करके लेट जाता है.

प्रीति के मन मे अभी भी यही बात चल रही थी कि आख़िर कौन हो सकता है जिसके साथ कुशल टाइम गुज़ार करके आ रहा है.

उसके माइंड मे आता है कि कहीं मोम के साथ तो नही??? फिर उसका मन खुद ही कहता है कि नही इसमे इतनी हिम्मत तो नही है कि ये उन पर लाइन मारे. और आराधना दीदी यहाँ है नही तो और कौन हो सकता है……कौन हो सकता है?? वो अपने मन मे ही ये सब सोचे जा रही थी.

“सिमरन………..यस सिमरन हो सकती है. वैसे भी वो एक दम सेक्स के लिए भूखी दिखती है. यस हो सकता है. इसीलिए उसने आराधना दीदी को देल्ही भिजवा दिया……….. लेकिन क्या वो हमारे घर मे आई हुई है……???” ये सब बाते उसके माइंड मे चल रही थी और सिमरन उसके शक के दायरे मे फिट बैठ रही थी. खैर ये बात सोचते सोचते वो भी नींद के आगोश मे आ जाती है.

आराधना और पंकज ने साथ रात गुज़ारी तो वहीं प्रीति और कुशल ने भी रात एक ही रूम मे गुज़ारी. स्मृति के पास कोई ऑप्षन नही था और वैसे भी उसका काम हो चुका था और वो अपने वाइल्ड थॉट्स को पूरा करने की शुरुआत कर चुकी थी.

कुच्छ ही पलो मे दोनो लड़कियाँ प्रीति और आराधना कली से फूल बन चुकी थी.

नेक्स्ट मॉर्निंग

“ आरू……..आरू……………” आराधना जब सुबह नींद के घेरे से बाहर निकलती है तो पंकज उसे जगा रहा था. अपनी आँखो मे हाथ फिराते हुए आराधना नींद से जागती है तो देखती है कि पंकज तो जाने के लिए तैयार हो चुका था.

“ आप….आप इतनी जल्दी तैयार हो गये…………????” आराधना होश मे आते हुए बोलती है.

“ जल्दी नही 10 बज चुके है…….. अब मैं जा रहा हू और ईव्निंग तक आ जाउन्गा. तुम आराम करना और ब्रेकफास्ट कर लेना. कोई ज़रूरत हो तो फोन कर लेना. लंच कल की तरह ही लॉबी मे कर लेना. अगर कहीं बाहर घूमने का मन करे तो मे अपना क्रेडिट कार्ड भी छोड़ कर जा रहा हू………..” पंकज अपनी तरफ से जितना सपोर्ट कर सकता था वो कर रहा था और डॅड होने का पूरा फ़र्ज़ निभा रहा था.

“ थॅंक यू सो मच डॅड…. बाहर जाने का तो कहीं मूड नही है. बस आप ईव्निंग मे जल्दी आ जाना…..” आराधना स्माइल करते हुए कहती है

“ ओके देन…टेक केर आंड बाइ……” ये बोल कर वो होटेल रूम से बाहर चला जाता है

आराधना फिर से सो जाती है, कल रात की मस्त चुदाई का खुमार अभी तक नही उतरा था. वो करीब दोपहर को उठती है और वॉशरूम मे जाकर फ्रेश होती है. रूम मे ही वॉटर बाय्लर के सहारे चाइ बनाती है और फिर नीचे जाकर लंच करती है.

अब आराधना लंच करके अपने रूम मे फिर से आ जाती है. थोड़ी देर बैठ कर टीवी देखती है लेकिन उसको बोरियत हो रही थी. वो पंकज को फोन मिलाती है –

“ हाई आरू….. लंच कर लिया……….??” पंकज फोन पर पूछता है

“ हाँ डॅड कर लिया है….. बस रूम मे मन नही लग रहा है. आप कितने बजे तक आओगे???” आराधना उससे बहुत भोला बन कर पूछती है.

“ वैसे मैं होटेल के करीब ही हू तो थोड़ी देर मे आ जाउन्गा……..इतने तुम कैसे भी टाइम पास कर लो…….ठीक है??”

“ ओके डॅड… आप आइए मैं वेट कर रही हू……” और फिर कॉल डिसकनेक्ट हो जाता है. आराधना तो ऐसे एग्ज़ाइटेड हो रही थी जैसे कि उसके डॅड नही उसके हज़्बेंड आ रहे हो.

वो कुच्छ सोचती है और सोच कर एग्ज़ाइटेड हो जाती है “ क्यू ना आज डॅड को सर्प्राइज़ दे दू……….” वो अपने मन मे सोचती है और भाग कर अपने बॅग के पास जाती है. उसको ये अहसास था कि पंकज जल्दी ही आने वाला है तो वो बॅग से एक नाइट ड्रेस निकालती है.

“ आज डॅड को अपना वो रूप दिखाउंगी कि वो सपनो मे भी मुझे ही देखेंगे…….” ये सोच कर वो बाथरूम मे घुस जाती है.

अपनी फुल स्किल्स को यूज़ करती है वो कुच्छ ही मिनिट्स मे अपने आप को वो एक सेक्सी लुक दे देती है. हेर स्टाइल, लिप्स, आइज़ सब को अच्छे तरीके से उसने मेक अप किया था और उपर से वो डार्क पिंक कलर का नाइट ड्रेस. एक्सट्रा क्लीवेज से वो और भी सेक्सी लग रही थी, शायद इतनी कयामत वो पहले कभी लगी हो. अपने आप को मिरर मे देखने के बाद वो खुद भी शरमा रही थी.

बाथरूम से बाहर आकर वो ड्रेसिंग टेबल के सामने बार बार घूम कर देखती है. उपर वाले का शुक्रिया अदा भी करती है कि उसने उसे इतने सुंदर जिस्म का मालिक बनाया.


एक एक मिनिट भारी कट रहा था उसके लिए…. वो काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी अपने इस रूप को दिखाने के लिए वो बेकरार थी. अभी वो अपने बालो को अपने माथे से हटा ही रही थी कि तभी डोर बेल बजती है –

त्रिंगगगगगगगगग……त्रिंगगगगगग………. आराधना के दिल की धड़कने बढ़ जाती है. वो गेट खोलने के लिए आगे बढ़ती है. अपनी ड्रेस को थोड़ा सा और नीचे करती है ताकि पंकज को और भी ज़्यादा दर्शन हो पाए. वो आगे बढ़ कर गेट के करीब पहुँचती है और सर झुका कर गेट खोलती है.

वो शॉक्ड रह जाती है जब अपना सर उठाती है. उसके हाथ अपने आप अपने मूँह पर चले जाते है, उसके सामने एक करीबन 40 साल का आदमी और एक सेक्सी लेडी खड़ी थी. उस लेडी की एज भी 35 के करीब होगी लेकिन देखने मे काफ़ी सेक्सी थी.

आराधना की तो जैसे जान ही निकल गयी क्यूंकी वो थी ही ऐसी कंडीशन मे, एक ही पल मे उसकी आँखो के सामने तारे छा गये लेकिन उसने हिम्मत नही हारी. सेकेंड्स मे ही वो सोचती है कि आख़िर ये कौन है और ये क्या सोचेंगे कि ऐसी ड्रेस को पहन कर मे किसका वेट कर रही हू.

“ जी मिस्टर. ग्रोवर है??” आदमी बड़े ही जेंटल तरीके से पुछ्ता है.

“ वो बाहर गये है, शायद थोड़ी देर मे आ जाएँगे…” आराधना भी थोड़ी हिम्मत जुटा कर जवाब देती है.

“ आप…………??” आदमी आराधना से पूछना चाहता है लेकिन इससे पहले कि आराधना जवाब देती कि उस आदमी के साथ वाली लेडी बोल पड़ती है.

“ ओफफ्फ़ ऊओ…….आइडिया नही लगा सकते कि उनकी वाइफ है…..” वो लेडी आराधना की ड्रेस की तरफ इशारा करती है. आराधना को तो नकली स्माइल करनी पड़ रही थी लेकिन वो ये भी नही बोल सकती थी कि वो पंकज की बेटी है नही तो और बहुत सारे इश्यूस जेनरेट हो सकते थे.

“ बट ही ईज़ वेरी लकी…… वेरी सेक्सी वाइफ…….” सामने खड़ी लेडी एक स्माइल के साथ ये बोलती है.

“ थॅंक यू…… अंदर आइए ना………” आराधना उन्हे अंदर इन्वाइट करती है.

“ नही….शायद आप लोगो का प्रोग्राम कुच्छ और है…. वैसे भी हम उनसे बाद मे मिल लेंगे. हम इसी होटेल मे और इसी फ्लोर पर रुके है….” वो आदमी फिर से जवाब देता है.

“ चलिए ठीक है….. वो आएँगे तो उन्हे बता दूँगी………..” आराधना के ये बोलते ही वो दोनो हाथ पकड़ कर चल देते है. आराधना भी ये आइडिया लगा लेती है कि वो दोनो हज़्बेंड वाइफ है.

जाते जाते वो लेडी आराधना को पीछे मूड कर देखती है और एक प्यारी सी स्माइल देती है और आराधना भी बदले मे उसे स्माइल देती है. आराधना उन दोनो को जाते हुए देखती रहती है और वो लेडी बार बार पीछे मूड कर देख रही थी.

उस फ्लोर पर और कोई नही था. आराधना के रूम के थोड़ी ही दूरी पर वो दोनो अपने रूम मे एंटर हो जाते है, रूम मे एंटर होते होते वो लेडी फिर से पीछे देखती है और आराधना को एक स्माइल देती है. आराधना खुद शॉक्ड थी कि आख़िर ये हो क्या रहा है और ये क्या ड्रामा हो गया.

वो दोनो रूम मे एंटर हो जाते है और ये सब आराधना अपने रूम मे खड़े खड़े ही देख रही थी. रूम मे एंटर होने के टाइम वो अपने गेट को बंद नही करती, आराधना सोच रही थी कि आख़िर ये लेडी बार बार पीछे क्यू देख रही है. पता नही सही था या नही लेकिन आराधना अपना एक दुपट्टा उठाती है और उसे लपेट कर धीरे धीरे उनके रूम की तरफ चल देती है. उस फ्लोर पर और कोई नही था.

कुच्छ कदम बढ़ाने के बाद ही उनका रूम आ जाता है, आराधना चुप से एक कॉर्नर मे खड़ी हो जाती है. अंदर की फुसफुसाहट से अहसास हो रहा था कि अंदर जाते ही वो दोनो लिपट गये थे एक दूसरे से….

“ ओह..ऊऊऊऊ…. छोड़ो प्लीज़….क्यू गरम हो रहे हो उस सूपर सेक्सी वाइफ को देख कर……..” ये शायद उस लेडी की आवाज़ थी. आराधना सोच रही थी कि ये सब ये गेट खोल कर कैसे कर सकते है लेकिन वो समझ गयी थी कि वो लेडी उसी के बारे मे बात कर रही थी.

“ वैसे सिम्मी….. इस साले ग्रोवर ने कहाँ पत्थर से हीरा खोज कर निकाला है. कसम से हिला दिया उस लड़की ने तो……..” ये उस आदमी की आवाज़ थी.

“ .… तो वो हीरा है….चलो अब मे थोड़े हीरे अपने अंदर भी दिखाती हू……….” ये उस लेडी की सेक्सी वाय्स थी. आराधना को ये बात ज़्यादा परेशान कर रही थी कि अब अंदर हो क्या रहा है. वो थोड़ा आगे बढ़ कर अंदर झाँकती है. उसकी नज़र सीधी उस लेडी पर पड़ती है

लेडी को देखते ही समझ जाती है कि अब इनके बीच चुदाई होने वाली है. आराधना देखती है कि वो लेडी आगे बढ़ रही है और आगे बढ़ कर वो उस आदमी की पॅंट खोलती है –
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rocky123
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Re: फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (RESTARTED)

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“ओह्ह्ह तो आज ये इतना आक्टिव उसी के बारे मे सोच कर हो रहा है………” उस लेडी का इशारा शायद आराधना की तरफ ही था. आराधना थोड़ा और ज़्यादा झुकती है……..ओह्ह्ह माइ गॉड……… उसे एक विकराल लंड दिखाई देता है. आराधना इससे पहले की और कुच्छ देर उसे देख पाती कि वो लेडी उसे मूँह मे भर लेती है

इस सीन ने आराधना की चूत को हिला कर रख दिया था और वो ये सोच कर एग्ज़ाइटेड थी कि खुद उसके रूप को देख कर ही उस आदमी का लंड ऐसा खड़ा हो गया था. आराधना और ज़्यादा देखना चाहती थी लेकिन तभी उसे मोबाइल की बेल सुनाई देती है जोकि उसी के रूम मे था. उसने वहाँ से हटना ही सही समझा और वो भाग कर अपने रूम मे आ जाती है.

फोन पंकज का ही था. “ हेलो डॅड………” आराधना पूछती है.

“ आरू….हाँफ क्यू रही है…..सब ठीक तो है ना………..?” पंकज को आराधना की सांसो से आइडिया लग जाता है कि वो हाँफ रही है.

“ नही वो बाथरूम मे थी और भाग कर बाहर निकली हू…………… आप कहाँ है??” आराधना पूछती है.

“ मैं बस पास मे ही हू… कुच्छ चाहिए तुम्हे…..?” पंकज पुछ्ता है.

“ नही बस आप आ जाइए…..” आराधना की इस बात से फोन डिसकनेक्ट हो जाता है. फोन काटने के बाद भी आराधना का माइंड पता नही उस रूम मे हो रही आक्टिविटीस पर था लेकिन अब पंकज आने वाला था तो उसने रूम मे रुकने का डिसिशन लिया…..

दूसरी तरफ

कुशल सोकर उठता है और अपने बेड पर हाथ फिराता है लेकिन उसे प्रीति दिखाई नही देती. वो समझ जाता है कि वो उठ चुकी है. कुशल भी अपने बेड से खड़ा होता है और गॅलरी मे आता है.

गॅलरी मे आते ही एक मीठी खुसबु उसकी सांसो से टकराती है, वो नज़रे घुमाता है तो जैसे प्रीति को देखकर बेहोश ही हो जाता है. वो एक डीप नेक टीशर्ट पहन कर कहीं जाने की तैयारी कर रही थी, उसकी टीशर्ट इतनी डीप नेक थी कि उसकी ब्रा भी दिख रही थी. ब्रा क्या उसके बूब्स भी ज़्यादा छिप नही रहे थे,

“कहाँ चली सुबह सुबह…………..?” कुशल प्रीति से पूछता है

“ तुझसे मतलब……” और प्रीति स्टाइल मे अपने बाल झटकते हुए आगे बढ़ने लगती है.

“ क्या हमारी याद तभी आती है जब छूट मारनी होती है……………..” कुशल पीछे से उसे ताना मारता है.

प्रीति रुकती है, उसकी गान्ड अभी कुशल के सामने थी. वो स्टाइल मे पीछे मुड़ती है और बालो मे हाथ फिराते हुए फिर से कुशल की तरफ बढ़ती है.

“ तुझे सुबह सुबह ये गंदी बाते करने के सिवाय कुच्छ और काम नही है……. क्या मैं कहीं अपने काम से नही जा सकती”. प्रीति कुशल की आँखो मे देखते हुए जवाब देती है

कुशल आगे बढ़ता है और उसकी चेहरे के करीब आते हुए बोलता है कि –“ऐसे रूप मे बाहर जाएगी तो पुच्छना ही पड़ेगा ना…..वैसे कसम से सुबह सुबह एक राउंड हो जाए तो तेरी जवानी मे निखार आ जाए……” कुशल अपने लिप्स प्रीति के लिप्स की तरफ बढ़ाता है.

प्रीति उसके लिप्स अपने लिप्स के करीब आते ही उस पर एक उंगली रख देती है और कहती है – “ तू उसकी जवानी पे निखार ला जिसके लिए कल तू मुझे बंद कर के भाग गया था….. सुबह सुबह राउंड भी उसी के साथ कर……..” और ये बोल कर प्रीति वापिस घूम कर नीचे की तरफ जाने लगती है.

“ अब अपना दिल काट कर तो तुझे यकीन नही दिला सकता कि मैं मास्टरबेशन ही कर रहा था……… और तुझे यकीन नही है तो मत कर…..” कुशल पीछे से एमोशनल डाइलॉग मरता है.

“ दिल तो क्या तू कुच्छ भी काट कर दिखा दे…….. मुझे यकीन है कि कल तूने किसी और के भी साथ……… लेकिन मुझे इस बारे मे कोई बात नही करनी……” और ये बोल कर प्रीति धीरे धीरे नीचे उतर जाती है.

अब प्रीति घर से बाहर आ चुकी थी. अभी तक कुशल को भी आइडिया नही था कि इतना सेक्सी बन कर वो कहाँ जा रही है. आक्च्युयली मे आज प्रीति का प्लान कहीं बाहर घूमने का था वैसे भी वो घर से बाहर कहीं नही जाती है जबसे उसके एग्ज़ॅम ख़तम हुए है.

वो आज सीधा आराधना के कॉलेज पहुँचती है. अभी तक भी कुच्छ आइडिया नही था कि आख़िर उसके माइंड मे क्या चल रहा है, कॉलेज मे एंटर होती है. कॉलेज मे एंटर होते ही उसकी चाल ऐसी हो जाती है जैसे कोई मॉडेल रॅंप पर चल रही हो, उसकी चाल मे एक मेचुरिटी थी जो कि अच्छी अच्छी सेक्सी लड़कियो मे भी नही होती है. एंट्रेन्स से ही कॉलेज के लड़के उसको ऐसे देखने लगे जैसे कॉलेज मे कोई बिजली कड़क रही हो, प्रीति को खुद भी इस बात का अहसास था तभी तो आज इतना सेक्सी मेक अप करके आई और उसका पूरा फ़ायदा उठना चाहती थी.

लड़कियो को अपने रूप से उतनी ही शांति मिलती है जितना की बाकी लड़के उसे देखते है, और प्रीति ने तो आज कॉलेज मे वो माहौल कर दिया था की हर लड़का उसी को देख रहा था. कुच्छ लड़को ने कॉमेंट भी गये जिन्हे प्रीति ने हंस कर टाल दिया.

प्रीति अभी कॉलेज मे एंटर होकर थोड़ी दूर ही चली थी एक रोमॅंटिक सी विज़ल उसके कानो से टकराती है. प्रीति उसे कानो से सुनती तो है लेकिन मूड कर देखती नही –

“ क्या बात है…..?” उसके कानो मे फिर ये आवाज़ टकराती है. प्रीति रुकना तो नही चाहती थी लेकिन सेकेंड के हजारवे हिस्से से आवाज़ आई कि ये तो किसी लड़की की आवाज़ है. हाँ ये तो किसी लड़की की आवाज़ है……. उसका माइंड फिर बोलता है. ये सोचते ही वो मुड़ती है –

“ हाई दीदी………….” प्रीति को सिमरन दिखाई देती है, आक्च्युयली प्रीति की तरफ विज़ल बजाने वाली और वो आवाज़ देने वाली सिमरन ही थी. वो भी क्या गजब रूप मे थी, अल्ट्रा लो वेस्ट जीन्स और टॉप. टॉप भी बहुत शॉर्ट था, जिससे उसकी नेवेल क्लियर दिख रही थी. बाल खुले हुए थे और एक मस्त सेक्सी खुसबु आ रही थी उसमे से, उसकी लिप स्टिक का कलर ज़्यादा डार्क नही था लेकिन लिप्स को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उन पर हनी पड़ा हो

“ हाई प्रीति…….. स्वीटी आज यहाँ कैसे बिजली गिरा रही है….” सिमरन आगे बढ़ प्रीति को हग करते हुए बोलती है. सिमरन एक मस्त लड़की थी तो हग करने के टाइम वो अपने बूब्स से प्रीति के बूब्स को थोड़ा सा प्रेस कर देती है लेकिन प्रीति उसकी इस आक्टिविटी को इग्नोर करती है.

“ दीदी बिजली तो आप गिरा रही हो…..कसम से……..क्या बताऊ मैं आपके बारे मे कि कैसी लग रही हो…….” प्रीति सिमरन को उपर से नीचे तक देखते हुए बोलती है.

“ अबे तू तो ऐसे देख रही है जैसे लड़के भी नही देखते…….हे हे हे हे. एनीवे ये बता कि क्या अपनी बहन की कमी पूरी करने आई है क्या कॉलेज…….” सिमरन प्रीति से पूछती है.

“ नही तो मेरी एक….. एक फ्रेंड है इस कॉलेज मे….सोचा कि उससे मिल लू………..” प्रीति की आवाज़ मे लड़खड़ाहट थी.

“ ओये होये……ऐसी कौन सी फ्रेंड आ गयी स्वीटी अचानक इस कॉलेज मे…. जिससे मिलने तू ये टी-शर्ट के बटन खोल कर आई है…………” सिमरन भी कोई नादान लड़की नही थी और वो समझती थी कि प्रीति कुच्छ छिपा रही है.

“ दीदी…… क्या बताऊ……बटन बंद ही नही होते…… हा हा हा हा हा” प्रीति भी रोमॅंटिक अंदाज़ मे इस बात को टालते हुए बोलती है. खैर दोनो बात करते करते कॅंटीन मे आ जाती है और एक कॉर्नर मे आकर बैठ जाती है.

“ अच्छा अब बाते ना बना और ये बता कि क्या खाएगी………” सिमरन उठ कर कुच्छ लाने के लिए जाते हुए पुचछती है.

“ वोही जो कल रात तूने खाया था मेरे भाई से……….” प्रीति बहुत ही लो वाय्स मे बोलती है जिसे उसके सिवाय कोई और नही सुन सकता था.

“ क्या कहा तूने……?” सिमरन रुक कर पूछती है.

“ वो दीदी मैं तो बस जूस लूँगी……….” प्रीति उसे रिप्लाइ करती है. सिमरन वापिस मूड कर काउंटर पर चली जाती है. प्रीति की निगाहे उसकी मतकती हुई गान्ड पर जाती है जोकि लो वेस्ट जीन्स मे और भी गजब ढा रही थी.
“ साली ने कुशल से मरवा मरवा कर देखो क्या सेक्सी फिगर कर ली है………” प्रीति अपने मन मे सोचती है. दर असल उसे पूरी रात ऐसा लगता रहा जैसे की कुशल रात सिमरन के साथ ही था और वैसे भी दोनो घर आस पास ही है.

सिमरन जूस लेकर आती है और प्रीति के सामने चेर पर पाँव पर पाँव रख कर बैठ जाती है –

“ दीदी क्या खा रही हो आज कल….फिगर बहुत गजब कर रखा है……” प्रीति जूस का ग्लास अपने हाथ मे लेते हुए बोलती है.

“ मैं खाती भी हू और पीती भी……..” सिमरन प्रीति के करीब आते हुए और बहुत ही रोमॅंटिक अंदाज़ मे बोलती है. आक्च्युयली ये उसका नेचर ही था.

“ क्या…??” प्रीति उसकी ये बात सुनकर पूछती है.

“ खाना खाती हू और जूस पीती हू…… क्यू तूने क्या सोचा….??” सिमरन अपनी आँखो को बड़ा करते हुए प्रीति से पूछती है.

“ नही……कुच्छ नही….. आप भी ना… बहुत फन्नी हो……..” प्रीति जूस पीते हुए बोलती है.

“ अच्छा चल अब सच सच बता की कॉलेज का राउंड कैसे लगा…. कोई बॉय फ्रेंड वॉय फ्रेंड का तो चक्कर नही है. अगर है तो मुझे बता दे, आज ही तेरा टांका फिट करा देती हू………………” सिमरन फिर से मज़ाक मे बोलती है.

“ नही दीदी… ऐसी बात नही है. मुझे ऐसा कोई पसंद नही है………..” प्रीति भी उस बात को टलने के लिए जवाब दे देती है.

“ क्या……तुझे लड़के पसंद नही…………..??” सिमरन भी अपने बटन बंद करते हुए आक्टिंग करते हुए बोलती है.

“ नही… नही ऐसी बात नही है. मुझे पसंद है लेकिन अभी तो कोई नज़र मे नही है…… और वैसे भी अभी तो बच्ची हू मे……..” प्रीति भी शरमाते हुए बोलती है.

‘ ओह्ह्ह… शुक्र है. मैं तो डर गयी की कहीं हमारी प्रीति को लड़कियाँ तो पसंद नही आने लगी… हे हे हे हे हे”.

“ हा हा हा हा….. मज़ाक बहुत करती हैं आप….. आप बताइए कि आपको क्या पसंद है. लड़की कि लड़के……….” प्रीति पूछती है.

“ आज सुबह तुझे देखा तो लगा कि लड़कियो को पसंद करना ही शुरू कर दू……….. सच मे ग्रेप्स से ऑरेंज बनती जा रही है.” सिमरन प्रीति के बूब्स की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ दीदी….. अब ये चीज़े हमारे हाथ मे तो होती नही………” प्रीति का इशारा था कि बूब्स का इतना बढ़ना तो नॅचुरल है.

“ हाँ भाई ये हमारे हाथ मे नही…. ये तो उसके हाथ मे है जिनके हाथो मे ये होते है…. हा हा हा हा हा” सिमरन भी कहीं पर मज़ाक करने से नही चूकती थी.

“ वेरी फन्नी…….” प्रीति भी हंस कर उसकी बात को टाल देती है.

“ चल छोड़ और बता घर पे सब कैसे है…. कुशल कैसा है… मोम कैसी है?” सिमरन पूछती है

“ मुझे पता था यू बिच कि पहले तू कुशल के बारे मे ही पुछेगि……………” प्रीति अपने मन मे ही सोचती है

“ वो तो सब वैसे ही है जैसे आपने छोड़े थे……” प्रीति का मतलब था कि वो सब वैसे ही है जैसे कि आपने कल रात छोड़े थे.

“ गुड….” सिमरन जूस के सीप लेते हुए बोलती है.

“ गुड तो बोलेगी ही……..” प्रीति फिर से मन मे सोचती है.

“ और सुना……. क्या चल रहा है लाइफ मे…. कोई मिला या नही अभी तक…..” सिमरन बात को आगे बढ़ाती है.

“ मुझे कोई नही मिला अभी तक तो…….” प्रीति उसे जवाब देती है.

“ तो रात को कैसे सोती है मेरी स्वीटी…………… नींद आ जाती है…………..” सिमरन उसके गालो को खींचते हुए बोलती है.

“ आप कैसे सोती हो रात मे…………” प्रीति तो बस उसके मूँह से पता नही क्या सुन ना चाहती है.

“ मेरी मत पुच्छ यार……. मैं तो रात को सोती ही नही हू…………… लेकिन किसी और रीज़न से………… हे हे हे हे हे” सिमरन तो आज भी पहले की तरह ही मस्त थी.

“ सोएगी कैसे जब कुशल से सारा काम कराएगी तो…..” प्रीति अपने मन मे सोचती है.

“ तो फिर क्या करती हो रात को आप……..” प्रीति भोला बन कर पूछती है.

“ मैं………ह्म्*म्म्ममममममम……….क्या बताऊ…… तुझे आराधना बता देगी कि मैं क्या करती हू…………….” सिमरन उसे बताती है.

“ ओह्ह कहीं आराधना दीदी ने ही तो कुशल और सिमरन का कनेक्षन तो नही करा दिया… बड़ी पहुँची हुई निकली आराधना दीदी तो…….भाई और सहेली दोनो का भला करा दिया और मुझे भूल गयी………” प्रीति अपने मन मे सोचती है.

“ मेरे लिए तो आप भी आराधना दीदी जैसी ही हो…. आप ही बता दो ना कि क्या करती हो रात को आप…………………” प्रीति फिर से भोला बनते हुए बोलती है.

“ क्या बात है प्रीति……. बड़ी बेताब है जान ने के लिए………….. कहे तो प्रॅक्टिकल करके बता दू…………..” सिमरन ने ये बात भी मज़ाक मे ही कही थी.

“ बता दो ना…………” प्रीति भी बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ मे सिमरन की तरफ देखते हुए बोलती है.

“मजबूर हू……. मेरे पास एक चीज़ मिस्सिंग है नही तो बता देती कि मैं रात को क्या करती हू………….” सिमरन फिर से जूस पीते हुए बोलती है.

प्रीति उसकी बात का मतलब समझ कर शरमा जाती है. वो ये भी सोचती है कि इतनी मस्त लड़की आराधना दीदी की फ्रेंड कैसे है.

“ तो तू शरमाती भी है……… मेरी जान लाइफ एक है. और वैसे भी इन सब बातो से कौन बच पाता है………..” सिमरन बोलती है.

“ तो आप अभी तक बची हुई हो या नही………….” प्रीति का इशारा था कि चुद चुकी हो या नही.

“ आज के टाइम मे कौन बचा होता है….. और सच बोलू…….. बचा के करना भी क्या है……….. हा हा हा हा हा हा…….” सिमरन हंसते हुए बोलती है.

“ कसम से दीदी मस्त हो आप भी…… आराधना दीदी आपकी कैसे फ्रेंड बन गयी…………..” प्रीति उसकी आँखो मे देखते हुए बोलती है.

“ वाकई मे यार आराधना तो कई बार मुझे भी बोर कर देती है लेकिन अब धीरे धीरे लाइन पर आ रही है……” सिमरन प्रीति को बताती है.

सिमरन खड़े होते हुए बोलती है.

“ दीदी आपको कहीं क्लास वग़ैरा तो नही जाना है ना…..” प्रीति सिमरन से पूछती है.

“ क्लास तो मैं तब भी नही लेती जब आराधान कॉलेज मे होती है. कॉलेज क्लास लेने के लिए नही बना, हाँ बाकी बहुत कुच्छ है यहाँ लेने के लिए……” सिमरन फिर से मज़ाक करते हुए बोलती है.

प्रीति भी अब खड़ी हो जाती है और दोनो कॉलेज की कॅंटीन से बाहर आ जाते है. कॉलेज की गॅलरी मे वॉक करते करते दोनो बात करने लगते है. प्रीति का मेन टारगेट था कुशल और सिमरन के बीच की मिस्टरी को जान ना था.

“ दीदी आपको लड़के कैसे पसंद है……..?” प्रीति साइलेन्स को तोड़ते हुए बोलती है.

“ मुझे…… ह्म्*म्म्मम…. हाइट होनी चाहिए…… चेस्ट मे थोड़ा दम होना चाहिए…. और सबसे खास बात कि वो बेड मे बेस्ट परफॉर्मर होना चाहिए…….” सिमरन अपने पर्स से सिगरेट बॉक्स को बाहर निकालती है और एक सिगरेट को लाइटर से जलाते हुए बोलती है.

“ तो इसने इसीलिए कुशल को चुना……. सहेली का घर भी नही छोड़ा इसने…..” प्रीति अपने मन मे सोचती है.

“ तो आपको कुशल जैसे लड़के पसंद है…………..” प्रीति आख़िर बोल ही देती है.

“ कुशल………ह्म्*म्म्म… हाइट है…..ह्म्*म्म…. चेस्ट भी है………… अबे हाँ यार लेकिन तेरे मन मे कुशल का ख्याल अचानक कैसे आ गया जानी. कहीं लाइन तो नही मार रही है तू अपने भाई पे……. वैसे सही कहा तूने, पर्सनॅलिटी सही है. लेकिन मेरे सामने हमेशा छोटा रहा तो इस नज़र से कभी देखा ही नही…” सिमरन स्मोकिंग करते हुए काफ़ी सेक्सी लग रही थी.

“ मैं क्यू लाइन मारने लगी उस पे…… मैं तो घर के बाहर नही जाती ज़्यादा तो इसीलिए पुच्छ लिया कुशल के बारे मे. आख़िर वो ही तो एक लड़का है जिसे मे देखती हू…………..” प्रीति उसको रिप्लाइ करती है.

“ लाइन मारियो भी मत….. नही तो ये भोले भाले भाई सब कुच्छ मार लेते है……….. हे हे हे हे” सिमरन हंसते हुए बोलती है.

“ आपके भाई ने भी कोई हरकत की है क्या…………??” प्रीति बड़े गौर से पूछती है.

“ क्या बात है आज बड़ी एंक्वाइरी कर रही है…. चल घर चलते है वहीं बात करते है…….” सिमरन प्रीति का हाथ पकड़ कर कॉलेज के गेट की तरफ चलते हुए कहती है.

“ स्मोकिंग करती है तू…..?” सिमरन प्रीति की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ करी तो नही है लेकिन ऐसा भी नही है कि मुझे कुच्छ परहेज़ है…….” प्रीति जवाब देती है.

“ ये हुई ना फ्रेंड्स वाली बात……. ये ले…….” और सिमरन उसे सिगरेट बॉक्स मे से एक सिगरेट ऑफर करती है.

अभी तक दोनो चलते चलते पार्किंग एरिया मे आ चुके थे. प्रीति जैसे ही सिगरेट मूँह मे लगाती है तो सिमरन अपने दोनो हाथो मे लाइटर लेकर हाथ आगे बढ़ती है और उसकी सिगेरेट जलाती है. इसी दौरान सिमरन के हाथ प्रीति के बूब्स से टच हो जाते है वैसे भी उपर से तो काफ़ी ओपन टी-शर्ट थी उसकी.

“ वेरी सॉफ्ट……” सिमरन प्रीति के बूब्स के टच को रियलाइज़ करते हुए बोलती है. प्रीति भी उसके टच से थोड़ी सी हैरान थी.

सिमरन कार मे आकर बैठती है और दूसरी साइड से प्रीति, दोनो हॉट गर्ल्स स्मोकिंग कर रही थी. सिमरन कार स्टार्ट नही करती और विंडो ग्लास खोल कर बैठ जाती है.

“ तेरे स्मोकिंग स्टाइल से लगता नही है कि तूने कभी स्मोकिंग नही करी है………..” सिमरन प्रीति से बोलती है.

“ स्कूल टाइम मे कभी कभी कर लेती थी…. आप तो समझती ही है कि फ्रेंड्स नही मानती……….” प्रीति उसका जवाब देती है.

“ तेरा साइज़ क्या है????” सिमरन के इस सवाल से प्रीति शॉक्ड हो जाती है, उसको आइडिया नही था कि सिमरन उससे ऐसी बात कहेगी.

“ क्या…. क्या पुच्छा आपने…….” प्रीति शुवर होना चाहती थी कि जो उसने सुना वो सही है या नही.

“ तेरा साइज़ क्या है……….??” सिमरन और भी क्लियर शब्दो मे बोलती है

“ 34 सी………..” प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई जवाब देती है.

“ अनटच है या……….???? सिमरन ये पुच्छना चाहती थी कि किसी ने उसके बूब्स को टच किया है या नही.

प्रीति उसकी इस बात का कुच्छ जवाब नही देती या और वो सोच रही थी कि क्या जवाब देगी. वो विंडो के बाहर देखते हुए स्मोकिंग करती रहती है.

“ खामोशी बता रही है कि हमारी रानी साहिबा काम करा चुकी है…………” सिमरन फिर से मज़ाक करते हुए कहती है.

लेकिन प्रीति अभी भी कुच्छ नही बोलती. सिमरन उसकी बात से थोड़ा सा इरिटेट होती है और अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख कर दबाते हुए बोलती है –

“ सुन रही है स्वीटी……” सिमरन के इस तरीके से बूब्स पे एक बार फिर हाथ रखे जाने से प्रीति शॉक्ड हो जाती है.

“ हाँ दीदी सुन रही हू………..” प्रीति की आवाज़ मे एक कंपन्न थी और चेहरा भी लाल हो चुका था.

“ ओये मेरे टच से ही तू तो ऐसी हो गयी….. क्या बात है…..” सिमरन प्रीति की आँखो मे देखती हुई बोलती है.

“ टच तो टच होता है दीदी…… पता नही कैसा फील होता है…” प्रीति की आइज़ बहुत नशीली हो रही थी.

सिमरन कार स्टार्ट करती है और आगे बढ़ जाती है. प्रीति भी थोड़ी हैरान थी कि पता नही सिमरन ने उसकी इस बात का जवाब नही दिया.

“ दीदी आपके घर मे कौन कौन है….. कभी आराधना दीदी से पुछ्ने का तो टाइम मिला नही………” प्रीति सिमरन से पूछती है

“ मोम, डॅड, मी आंड माइ ब्रदर…. छूटा परिवार आंड खुशियाँ अपार……” सिमरन हंसते हुए बोलती है.

“ आपका एक भाई भी है…… आपने कभी बताया नही…….. आपसे छोटा है या बड़ा है” प्रीति थोड़ा एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

“ बहुत क्रेज़ी हो रही है… मेरा भाई तेरा भी भाई लगता है…. हे हे हे हे हे… जस्ट किडिंग…. मुझसे दो साल बड़ा है. डॅड के बिज़्नेस मे हेल्प करता है…. काफ़ी हॅंडसम भी है………” सिमरन भी हॅपी होते बताती है.

“ दीदी आप तो ऐसे एक्सप्लेन कर रही हो जैसे अपने बॉय फ्रेंड के बारे मे बता रही हो….. कहीं भैया पे लाइन तो नही मार रही हो…….. हे हे हे हे हे” प्रीति भी सिमरन की पहली बात का बदला ले लेती है.

“यार बाते बड़ी बड़ी कर रही है…… चल अब टॉपिक छिड़ ही गया है तो एक बात पुछु माइंड तो नही करेगी…….?” सिमरन प्रीति से पूछती है.

“ आप भी कैसी बाते करती हो…… पुछो जो पुच्छना है. आइ आम ऐन ओपन गर्ल………..” प्रीति भी उसके दिल से बात निकलवाना चाहती थी.

“ अच्छा घर मे कभी ऐसा हुआ है कि ग़लती से तुझे कुशल का वो दिखाई दे गया हो………..” सिमरन को ऐसी बाते करना बहुत पसंद था

“ वो क्या दीदी…..?” प्रीति भी अंजान बनते हुए बोलती है.

“ अबे एक तरफ तो बोलती है कि ई आम आन ओपन गर्ल और दूसरी तरफ ये सब भी नही समझती है वो यानी…….लंड…….” सिमरन भी आख़िर खुल के बता ही देती है.

प्रीति आक्टिंग करती है मूँह पे हाथ रख कर जैसे सिमरन के मूँह से ऐसी बात सुन कर वो शॉक्ड हो गयी हो.
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“ ओह्ह्ह्ह…. दीदी आप ऐसी लॅंग्वेज उसे कर लेती हो……….” प्रीति भी ज़्यादा ही बन कर दिखा रही थी.

“ ओये होये….. दीदी आप ऐसी लॅंग्वेज यूज़ कर लेती हो…………. टांगे खोल कर लड़किया पूरा अंदर ले सकती है लकिन उसका नाम नही बोल सकती. ऐसी नही हू मैं…. चल अब बता कि देखा है कभी कुशल का ग़लती से.” सिमरन फिर से पूछती है.

“ कुशल का……. ह्म्*म्म्मम…… हाँ आराधना दीदी को देखा है………………..” प्रीति कुशल की बात टाल रही थी.

“ तूने तो कमाल ही कर दिया….. उसको देख लिया जो कभी कुच्छ नही दिखाती…………… कैसी थी उसकी पुसी बता ना……………… छोटी सी होगी वो भी स्टाइलिश…………. हेरी थी क्या???” सिमरन एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

“ पुसी नही देखी मैने…. बस बूब्स ही देख पाई…………” प्रीति फिर से मासूम बनते हुए बोलती है.

“ ये लो…. खोदा पहाड़ निकला चूहा…… तो आज तक कभी किसी की पुसी भी नही देखी………..?” सिमरन प्रीति से पूछती है.

“ देखी है ना……….??” प्रीति बोलती है.

“किसकी……..?” सिमरन उसकी तरफ देखते हुए पूछती है.

“ अपनी…. हे हे हे हे…….” प्रीति हंसते हुए बोलती है.

“ वेरी फन्नी………” ये बोलते हुए सिमरन अपने घर के अंदर पार्किंग लगती है. और प्रीति के साथ अपने घर के अंदर एंटर हो जाती है.

एंटर होने के बाद सिमरन प्रीति से पूछती है –

“ चाइ या कॉफी…….??”

प्रीति – “ कॉफी चलेगी……..”

सिमरन – “ चल ठीक है मैं लेकर आती हू……………” सिमरन ये बोल कर चली जाती है और प्रीति उसके रूम मे ही बैठ जाती है. जैसे ही सिमरन बाहर जाती है तो प्रीति उसका मोबाइल उठती है और एक प्लान बनाती है. वो कुशल को एक मेसेज टाइप करती है सिमरन के मोबाइल से –

हाई जानू, व्हाट्स दा प्लान टुनाइट????? और ये मेसेज वो कुशल को सिमरन के मोबाइल से भेज देती है. उसका टारगेट था कुशल का रेस्पॉन्स देखना. वो इस मेसेज को भेज कर इस मेसेज को डेलीट कर देती है. कुच्छ मिनिट वो रेस्पॉन्स देखती है लेकिन शायद कुशल घर पे किसी और काम मे बिज़ी था.

“ हियर ईज़ दा कॉफी…….” ऑर ये बोल कर सिमरन रूम मे एंटर होती है. प्रीति उसका मोबाइल साइड मे रख देती है. प्रीति और सिमरन एक दूसरे के आमने सामने बैठ जाते है कॉफी लेकर.

“ तो आपने अपनी पुसी देखी है……… क्या मेडम…??” सिमरन फिर से उसी टॉपिक को छेड़ देती है.

“ मैं तो मज़ाक कर रही थी…. अपनी तो हर कोई देखता है………..” प्रीति उसे रिप्लाइ करती है.

“ किसी और की देखने का मन करता है………….” सिमरन उसके साथ आकर बैठते हुए बोलती है. प्रीति उसके इस बिहेवियर से थोड़ा सा सर्प्राइज़ थी. प्रीति कुच्छ जवाब देती इससे पहले की सिमरन फिर से बोलती है.

“ प्रीति तेरे लिप्स बहुत पिंक और जुवैसी है….. तेरा बॉय फ्रेंड बड़ा लकी होगा…………..” सिमरन उसके करीब आते हुए बोलती है.

“ थॅंक यू दीदी………….” प्रीति कॉफी पीते हुए बोलती है.

“ क्या एक बार इन्हे मैं किस कर सकती हू………….” सिमरन प्रीति की आँखो मे ऐसे देखती है कि प्रीति भी खुद एक बार को सब भूल जाती है. सिमरन अपने होंठ आगे बढ़ाती है, प्रीति कुच्छ नही बोलती लेकिन अपनी आँखे बंद कर लेती है.

सिमरन अपने सॉफ्ट और पिंक लिप्स, प्रीति के लिप्स पर रख देती है. उफ्फ क्या नज़ारा था….. दो सेक्सी सुंदरियाँ एक दूसरे के होंठो का रस पान कर रही थी. प्रीति को तो अहसास भी नही हुआ कि ये सब कब शुरू हो गया लेकिन जब सिमरन ने उसे किस करना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगा.

कुच्छ ही सेकेंड्स मे दोनो की जीबे एक दूसरे के मूँह मे घूमने लगी थी. दोनो एक दूसरे के सॉफ्ट लिप्स को पूरी जान से चूस रही थी. सिमरन का हाथ प्रीति के बूब्स की तरफ बढ़ता है, पहले तो वो उन्हे उपर से ही टच करती है और फिर टी-शर्ट को नीचे से पकड़ कर उपर करने लगती है. प्रीति के लिए ये सब बहुत जल्दी हो रहा था.

इससे पहले की प्रीति कुच्छ समझ पाती, दोनो के होंठ अलग होते है और सिमरन उसकी टी-शर्ट उतार देती है. अब प्रीति के मस्त बूब्स बस उसकी ब्रा मे क़ैद थे, पॅडेड ब्रा मे उसके दोनो बूब्स और उपर हो रहे थे. अनएक्सपेक्टेड सिचुयेशन होने से प्रीति के बूब्स भी उपर नीचे हो रहे थे क्यूंकी उसकी साँसे तेज चल रही थी.

सिमरन प्रीति को हग करती है और अपने दोनो हाथ पीछे ले जाकर झट से उसकी ब्रा के हुक्स खोल देती है. दोनो के बीच मे साइलेन्स था लेकिन आक्टिविटीस अभी भी चलती जा रही थी.

सिमरन फिर से उसको कस के हग करती है और फिर से अपने लिप्स उससे जोड़ देती है. प्रीति अभी उपर से न्यूड थी और उसके बूब्स अब सिमरन के बूब्स से मिले हुए थे.

सिमरन अब अपना एक हाथ नीचे ले जाती है और उसकी जीन्स का बटन खोलने लगती है. प्रीति भी उसे पूरा सपोर्ट कर रही थी, दोनो की लिप स्टिक शेअर हो चुकी थी. लिप्स को चूसने मे इतनी ताक़त लगा रहे थे दोनो कि इतना तो बॉय ओर गर्ल भी नही लगाते.

प्रीति की जीन्स का बटन खुलता है और ज़िप भी खुलती है, प्रीति उसे खुद सपोर्ट करती है और उस जीन्स को नीचे कर देती है.लेकिन जीन्स अभी उसके पैरो मे ही थी, सिमरन अपने एक हाथ को उसकी चूत के पास ले जाती है और मसलने लगती है.

“ आअहह…… दीदी…… मैं पागल हो……….जाउन्गि……..” लिप किस से जैसे ही हट ते है तो प्रीति की सिसकारियाँ शुरू हो जाती है.


सिमरन अभी तक उसकी पैंटी के उपर से ही उसकी पुसी को सहला रही थी और तभी वो एक फिंगर पैंटी के अंदर घुसा देती है.

“ आऐइयाीईईईईईईई…..म्*म्म्मममममह… दीदी……. ये क्या कर रही हो……..उफफफफ्फ़…….मैं पागल हो जाउन्गि………………” ये बोलते बोलते प्रीति खुद अपने होंठो को आगे बढ़ा कर सिमरन के होंठो को चूसने लगती है

सिमरन अपनी उंगली को प्रीति की पैंटी के अंदर घुसा कर उसकी पुसी को खिला रही थी. प्रीति एग्ज़ाइटेड होकर उसके होंठो को चूस तो रही थी लेकिन ऐसे हो रही थी जैसे उसकी हालत खराब है. सिमरन इस बात को समझ रही थी, वो होंठो को अलग करती है और प्रीति को दूसरी तरफ घूमती है.

टाइम वेस्ट ना करते हुए सिमरन प्रीति को थोड़ा सा झुकती है और खुद नीचे झुक कर उसकी चूत पर अपना मूँह लगा देती है. पोज़िशन को समझना थोड़ा डिफिकल्ट है

“ उफफफफफफफ्फ़……..डीडीिईईईईईईईईई………..ऐसे ही चाटो प्लीज़……………………… ह्म्*म्म्मममममममममम………उफफफफफफफफ्फ़….इश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह………………” प्रीति पागल हुए जा रही थी, सिमरन बीच बीच मे अपनी एक उंगली भी उसकी चूत मे घुसा देती थी.

प्रीति फड़फड़ाने लगी थी, वो अपनी टाँगो को ऐसे हिला रही थी जिससे कि उसकी जीन्स जल्दी से नीचे उतर जाए. प्रीति अपने पैरो की ही मदद से जीन्स को बाहर निकाल देती है. अब वो बस पैंटी मे थी, पता नही कि वो करने क्या आई थी और हो क्या रहा था उसकी लाइफ मे.

प्रीति सिमरन के सर पर हाथ लगा कर इशारा करती है कि पैंटी भी नीचे कर लो और सिमरन अपना मूँह उनकी चूत से हटा कर अपने दोनो हाथो से उसकी पैंटी को नीचे करने लगती है. प्रीति के बदन से जैसे ही कपड़े अलग होते है वो आगे बढ़ कर सिमरन के भी कपड़े उतारने लगती है. थोड़े ही सेकेंड मे दोनो सेक्सी गर्ल्स बिल्कुल न्यूड थी, और वो दोनो फिर से एक दूसरे के होंठो को चूसना शुरू कर देती है

दोनो खूबसूरत बदन एक दूसरे से पूरे तरीके से लिपटे हुए थे. दोनो एक दूसरे के होंठो को चूसने मे लगे हुए थे, बॉडी लॅंग्वेज बता रही थी दोनो कि वो दोनो कितनी एग्ज़ाइटेड है.

लिप किस से जैसे ही दोनो अलग होती है, सिमरन अपना मूँह नीचे करके प्रीति के बूब्स को चूसने लगती है. “ आअहह…….दीदी………..यू आर मेकिंग मी वाइल्ड……..उफफफफफफफफफफफ्फ़………………” प्रीति का बदन तो जैसे जले जा रहा था. चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी उसकी,सिमरन उसके बूब्स को किस करते हुए अपने हाथ को फिर से नीचे ले जाती है और अपने हाथ को चूत के उपर फिरती रहती है.

प्रीति की चूत एक दम क्लीन थी और ठीक इसी तरीके से सिमरन की भी. प्रीति की आँखे बंद थी और होंठ काँप रहे थे, ये उसके लिए एक अलग अनुभव था.

“ मैं मर जाउन्गि………….दीदी कुच्छ करो प्लीज़…..” प्रीति एग्ज़ाइट्मेंट मे चिल्लाते हुए बोलती है.

सिमरन उसके बूब्स से अपना मूँह हटाती है और सीधी खड़ी होती है. प्रीति अपनी आँखे धीरे धीरे खोलती है और सिमरन से आँखे मिलते ही शरमा जाती है. वो आगे बढ़ कर सिमरन को हग कर लेती है –

“ बहुत तड़प रही है रानी……….” सिमरन उसके कान मे आराम से बोलती है.

“ प्लीज़ आप ऐसी बाते ना करो………… आपके बदन की हीट मुझे और जला रही है.” प्रीति भी उसके कान मे ऐसे ही बोलती है.

“ प्रीति तू चुद चुकी है ना…………..???” सिमरन उसके कान मे फिर से बोलती है लेकिन इस बात से प्रीति के होश उड़ जाते है. वो सिमरन के गले से हट जाती है और पूछती है –

“ क्या पुछा आपने दीदी……..?” प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है.

“ तू चुद चुकी है ना……… लंड ले चुकी है ना………..” सिमरन उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है.

प्रीति के तो चेहरे की हवा उड़ जाती है लेकिन वो हिम्मत से काम लेती है.

“ ये… ये आप….क..कैसी बाते कर रही है……आई….ऐसा तो कुच्छ नही है…………….” प्रीति हकलाते हुए बोलती है.

“ चल तू बोलती है तो मान लेती हू….. नही तो तेरी चूत के खुले हुए होंठ तो ऐसे ही बता रहे है कि किसी तगड़े लंड से ठुकी है तू……… लेकिन छोड़ मेरी रानी और मुझे प्यार कर………….” सिमरन सोफे पे लेट जाती है और अपनी टांगे फेला कर प्रीति को इन्वाइट करते हुए बोलती है.

सिमरन की टांगे जैसेही खुलती है तो उसकी गुलाबी चूत प्रीति के सामने आ जाती है. प्रीति टाइम ना वेस्ट करते हुए नीचे बैठती है और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा देती है. सिमरन की चूत खुली हुई थी.

“ ओूऊऊऊ…..मेरी जान ऐसे ही……खा जा मेरी चूत को…………..” सिमरन तो जैसे कुच्छ ज़्यादा ही वाइल्ड लड़की थी. उसके मूँह से निकलने वाली आवाज़ से ही कोई भी मर्द झाड़ जाए.

“ उईईईईईईईई………………..चाट मेरी पुसी को…….हीईीईईई………म्*म्म्मममममह…………………….यू बिच……….चोद अपनी जीभ से ऐसे ही………….” सिमरन की चूत पर प्रीति पूरी ताक़त के साथ मेहनत कर रही थी.

प्रीति बीच बीच मे अपना मूँह भी लगा देती थी उसकी चूत मे जिससे सिमरन और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रही थी. दूसरी तरफ खुद प्रीति भी पागल हो रही थी तो अपने उल्टे हाथ को वो अपनी चूत पर ले जाकर खुद भी सहलाने लगती है.

“म्*म्म्मह………….उउफफफफफफफफ्फ़…………..” अब ये साउंड दोनो तरफ से आ रहा था क्यूंकी दोनो गर्ल्स मस्त हो चुकी थी.

प्रीति अपनी उंगलियाँ उसकी चूत मे चला रही थी और खुद अपनी चूत को भी सहला रही थी. सिमरन की चूत खूब सारा पानी छ्चोड़ रही थी.

“ हईईए……………….उफफफफफ्फ़……ऐसे हीइ…………….फाड़ दे मेरी चुत्त्त्त्त्त्त्त कूऊव…..उफफफफफफफ्फ़…फफफफफफफफ्फ़………..” सिमरन कुच्छ ज़्यादा ही गरम हो चुकी थी. कुच्छ ही मिनिट और होने के बाद सिमरन अपना सारा पानी छोड़ देती है.

इतने मे प्रीति भी अपने आप को काफ़ी गरम कर चुकी थी. सिमरन झड़ने के बाद प्रीति को डॉगी स्टाइल मे आने की सलाह देती है. प्रीति उसके इन्स्ट्रक्षन्स को फॉलो करती है और ठीक वैसी ही पोज़िशन मे आ जाती है. सबसे पहले सिमरन उसकी चूत मे अपनी एक फिंगर घुसाती है

“ दीदी………..और तेज……..चलो फिंगर को……………. उफफफफफफफफफफफफ्फ़.फ…….घुसा दो अंदर……..और अंदर…………उफफफफफफफ्फ़…….स्शह…………………” प्रीति पागल होकर अपनी गान्ड पीछे को उच्छाल रही थी.

सिमरन अपनी फिंगर स्पीड को बढ़ा देती है और साथ ही साथ अपनी दूसरी फिंगर भी घुसा देती है….

“ उफफफफफ्फ़….उफफफफफफफ्फ़…………….दिदीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ…….” और इस सिसकी के साथ प्रीति भी अपना पानी छोड़ देती है.


दोनो सेक्सी लड़किया काफ़ी देर तक बेड पर ऐसे ही पड़ी रहती है. फिर धीरे धीरे दोनो कपड़े पहनती है. सिमरन बड़े गौर से प्रीति की ओर देख रही थी.

“ आप ऐसे क्या देख रही हो……….मुझे शरम आती है……..” प्रीति सिमरन की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ कसम से तूने मुझे इतना मज़ा दिया तो अपने बॉय फ्रेंड को कितना मज़ा देगी तू….. मस्त घोड़ी है तू……. लेकिन पता नही ऐसा क्यू लगता है तेरी चूत को देख कर कि ये ले चुकी है……….” सिमरन फिर से प्रीति के नीचे के हिस्से की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ छोड़ो भी दीदी……… ले तो आप भी चुकी हो… मुझे पता है………” प्रीति भी अपना कॉमेंट करती है.

“ तो मेरी रानी……… मैं तो बोल ही रही हू कि मैं ले चुकी हू नहीं तो नींद नही आती…….” सिमरन भी पानी पीते हुए बता देती है.

“ तो किसने किया आपकी पुसी का उद्घाटन……” प्रीति स्माइल करते हुए बोलती है.

“ तो अब फॉर्म मे आ रही है लड़की…………. है कोई लेकिन तू जान कर क्या करेगी……. तू ये बता कि तू तो घर से ज़्यादा बाहर भी नही जाती तो तूने किसके साथ करा लिया…………. कहीं ऐसा तो नही की कुशल को ही अपनी मस्त बॉडी दिखा कर काम करा लिया हो…………… “ सिमरन हंसते हुए बोलती है.

“ क्या आप अपनी बॉडी अपने बड़े भैया को दिखाओगि तो वो आपका काम कर देंगे??? आप बताइए……………” प्रीति उसकी बात का जवाब ना देते हुए उससे पूछती है.

“ तुझे एक बात बताऊ??” सिमरन सीरीयस होते हुए बोलती है.

“ हाँ….हाँ क्यू नही…. बताओ मुझे……” प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

“ क्या मैं तुझ पर भरोसा कर सकती हू……………” सिमरन सीरीयस होते हुए बोलती है.

“ अपना सब कुच्छ तो खोल कर दिखाया आपको……… इतना क्लोज़ तो मैं कभी किसी के भी नही गयी….. और अगर आप अब भी मुझ पर भरोसा नही करेंगी तो मुझे दूख होगा……” प्रीति भी उसे एमोशनल ब्लॅकमेलिंग करती है.

“ सच मे बता दू….?” सिमरन फिर से पूछती है.

“ प्लीज़ बताओ ना और टेन्षन ना लो………..” प्रीति उसे रिलॅक्स करते हुए बोलती है.

“ मेरे रीलेशन मेरे भाई के साथ ही है…………………” सिमरन की इस बात से फिर से प्रीति के होश उड़ जाते है.

“ क्य्ाआआआआआआअ…………….. डू यू मीन कि आप भाई बहन सेक्स कर चुके हो…….ये कैसे हुआ…… वेरी इंट्रेस्टिंग……..मुझे बताओ ना कि ऐसा क्या हुआ कि आपके भाई ने आपके साथ ये सब किया………. लेकिन आराधना दीदी तो बताती है कि आपका कोई बॉय फ्रेंड है……..” प्रीति एक ही साँस मे सारे सवाल पुच्छ लेती है. आक्च्युयली मे वो एग्ज़ाइटेड थी सिमरन के मूँह से ये बात सुन कर……..

“ यार ये एक लोंग स्टोरी है. मैने कभी नही सोचा था कि मुझे चोदने वाला मेरा भाई होगा और ना ही मेरे भाई ने कभी सोचा था…………. रही बात मेरे बॉय फ्रेंड की तो वो कोई और नही सिर्फ़ मेरा भाई है. जब आराधना और तुम सारी फॅमिली शॉपिंग करने गये थे तो मैं तुम्हारे घर उसी के साथ गयी थी….. तुम्हारे घर पर भी हम ने खूब दबा कर चुदाई की…..” सिमरन उसे बताती है.

“ लेकिन आप अपने घर पर भी तो कर सकते थे….. आपको तो पूरा टाइम मिलता होगा तो ये हमारे घर पे प्लान करने की क्या ज़रूरत थी….” प्रीति सिमरन से पूछती है.

“ हर किसी की अपनी फॅंटेसी होती है, मेरा भाई मुझे नयी नयी जगह पे चोदना चाहता है…… पहले मैं भी भोली भोली हुआ करती थी. इन्फेक्ट लड़की को तो जब तक लंड नही मिलता तो वो भोली ही रहती है…..” सिमरन एक्सप्लेन करती है.

“ दीदी प्लीज़ बताओ ना कि कैसे आपने अपने भाई को फँसाया…….. मैं जान ने को बेकरार हू…….” प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

“ यार ये कोई वन डे स्टोरी नही है…… रिलिटी जान ने के लिए तुझे ध्यान से सुन ना पड़ेगा और इसके लिए टाइम चाहिए………” सिमरन प्रीति को बोलती है.

“ अच्छा इतना तो बता दो कि क्या आप भी चाहती थी कि आपके भाई के साथ आपका सेक्स हो जाए या फिर बस आपके भैया ही चाहते थे…….” प्रीति फिर से एक क्वेस्चन करती है.

“ चाहता तो कोई भी नही था………. ये इंसान का शरीर है ही ऐसी चीज़……….. कभी पाँव पिसल जाते है पता ही नही चलता. होश आता है तो चुदाई हो चुकी होती है और एक बार खून मूँह लग जाए तो फिर रहा नही जाता… लेकिन सब कुछ मेरे बारे मे ही पूछती रहेगी. अपने बारे मे भी बता ना कि तेरी चूत ऐसी क्यू है जैसे तू चुद चुकी है….. सच सच बता मुझे नही तो कट्टी………” सिमरन एमोशनल ब्लॅकमेल करते हुए बोलती है.

“ हाँ दीदी मैं करवा चुकी हू…………..” प्रीति अपनी निगाहे नीचे करे हुए बोलती है.

“ ओह……माइ गॉड….. ऑर तू इतनी बड़ी बात मुझसे छुपा रही है…. बोल…बोल… कौन है वो………जल्दी बोल….” सिमरन प्रीति को हग करते हुए बोलती है.

“ कुशल…………….” प्रीति आख़िर बोल ही देती है.

“ वाउ……मेरी जान मुझे तो पहले ही पता था…………. गजब………….. दुनिया के सामने उसे मारती है और दुनिया के पीछे उससे मरवाती है……… बता ना कैसा है उसका……..” सिमरन और भी एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

“ आप क्यूँ पुच्छ रही हो……आपने तो खुद देखा है उसका……. रात को आप भी तो मिलती हो उससे….” प्रीति अंधेरे मे तीर छोड़ती है.

“ ये क्या नयी बकवास सुना रही है…. मैं मिल रही हू उससे…. लेकिन कब और कहाँ…………तुझे ऐसा किसने कहा…. कुशल ने??” सिमरन शॉक्ड होते हुए बोलती है.

“ दीदी प्लीज़ मुझे सच बताओ…. क्या आप नही थी कल रात उसके साथ…… अगर आप थी तो मुझे कोई परेशानी नही है बस आप बता दो मुझे……” प्रीति उससे रिक्वेस्ट करती है.

“ प्रीति ये क्या बोल रही है….. मैं डर कर कुच्छ करने वालो मे से नही हू…. अगर मे उसके साथ कुच्छ करती तो बता देती…. लेकिन तू मुझ पर शक क्यूँ कर रही है…….” सिमरन फिर से पूछती है.

“ दीदी…….मेरे साथ सेक्स करने के बाद वो कहीं बाहर चला गया….. आक्च्युयली मे मैं पहले झाड़ गयी और उसका काम नही हो पाया था…….. सेक्स करने के बाद मुझे उसके ही रूम मे नींद आ गयी थी….. जब मैं जागी तो रूम बाहर से बंद था… मैने आवाज़े लगाई तो वो उपर आया…….. मैने गुस्से मे उसका हथियार चेक किया तो वो गीला था… उसे चूस कर भी देखा तो उस पर किसी की पुसी का रस चढ़ा हुआ था….. मुझे पूरा यकीन है कि वो किसी के साथ सेक्स करके आया था… मैने बहुत पुछा लकिन उसने नही बताया कि वो किसके साथ था…. और तो कोई लड़की हमारे यहाँ नही आती तो मेरा शक आप गया…….. लेकिन अगर आप भी मना कर रही है तो किसके साथ था वो…..” प्रीति सोचते हुए बोलती है.

“ हा हा हा हा हा हा……. अभी भी नही समझी………..” सिमरन हंसते हुए बोलती है.

“ क्या…??” प्रीति उससे पूछती है.

“ पागल वो तेरी मा को चोद रहा है…….. वैसे भी तेरी मा है ही इतनी हॉट की कोई भी चोद दे………. देख लेट नाइट कोई और तो तेरे घर नही आ सकती यहाँ तक मैं भी नही…… उसने तेरा गेट भी इसीलिए बंद किया कि कहीं तू आकर देख ना ले………..” सिमरन प्रीति को समझाती है.

“ ओह….माइ गॉड…….उसने मा को भी फँसा लिया… लेकिन कभी ऐसा लगा नही कि दोनो के बीच ऐसा हो सकता है……. और मोम को क्या ज़रूरत है कुशल से करने की. डॅड तो है ना………..” प्रीति फिर से कुच्छ सवाल करती है सिमरन से.

“ सुन….. लेडी कभी बोलती नही लेकिन वो भी टेस्ट चेंज करना चाहती है. एक बात को तो अब मैं यकीन के साथ कह सकती हू कि कुशल का लंड दम दार है नही तो वो शादी शुदा लेडी उससे नही फँसती….. क्या साइज़ होगा उसके लंड का……..” सिमरन प्रीति से पूछती है.

“ मैने कभी नापा तो नही लेकिन 8 इंच से कम नही होगा……. मोटा बहुत है… पहली बार मे तो जैसे मैं मर ही गयी थी……. “ प्रीति बताती है.

“ मेरी जान बहुत लकी है तू…. लड़के मिल जाते है लेकिन अच्छे लंड नही मिलते….. तेरी मा को पता चल गया कि कुशल का लंड धान्सु है और इसीलिए तेरे डॅड के जाते ही उसने अपना काम करा लिया…..” सिमरन उसे समझाती है.

“ लेकिन अब मैं क्या करू…. मैं चाहती हू कि वो मुझ पर ध्यान दे……. ऐसा कैसे चलेगा…..” प्रीति परेशान होते बोलती है

“ कम ऑन स्वीटी… चियर अप. दिमाग़ से काम ले और अपना काम निकाल……. तुझे कौन सा हमेशा घर रहना है… एक दिन शादी करके चली जाएगी और दबा दब लंड खाएगी…. तो सीरीयस मत हो और कुशल को खुद भी आज़ादी दे कि जिसे चाहे उसे चोद सके वो…… लड़को को ऐसी पाबंदी पसंद नही होती है…… उसकी एक अच्छी दोस्त बन कर रह… खुद चुद भी और उससे औरो को भी चुदवा. ऐसे ही तेरा फॅन हो जाएगा वो…. हाँ लेकिन सेक्सी लुक मेनटेन करके रह….. हुस्न की बिजलिया गिराती रह……….” सिमरन उसे और ज्ञान देती है.

“ तो क्या आपके भाई भी किसी और के साथ करते है…………?” प्रीति सिमरन की आँखो मे देखते हुए पूछती है.

“ वो क्या मुझे मौका मिले तो मैं भी कर लू किसी और के साथ…. इसमे बुराई क्या है. मेरा भाई ओपन माइंडेड है…… अक्सर पार्टी वग़ैरा मे बजा देता है लड़कियो को और मुझे बता भी देता है….. मैं तो बुरा नही मानती….” सिमरन उसे और समझाती है.

“ प्लीज़ बताओ ना कि कैसे आपके और आपके भाई के रीलेशन बने……. बड़ा एग्ज़ाइट्मेंट है मेरे दिल मे ये जान ने के लिए……” प्रीति फिर से रिक्वेस्ट करती है.

“ तो एक काम कर….. तू एक रात के लिए यहाँ रहने आजा तो तुझे सारी कहानी सुनाउन्गा…………” सिमरन प्रीति को इन्वाइट करती है.

“ लेकिन क्या आपके भाई घर पर नही होंगे…………?” प्रीति पूछती है.

“ अगर एक रात नही चुदुन्गि तो क्या तूफान आ आ जाएगा…… तुझसे ही प्यार कर लूँगी जैसे आज किया है…..” सिमरन स्माइल करते हुए बोलती है.

“ लेकिन मैं घर पर क्या बोलूँगी……….?” प्रीति सिमरन से फिर से क्वेस्चन करती है.

“ मेरी जान…….. तुझे कोई नही रोकेगा…. तेरी मा तुझे खुद ही हाँ कर देगी क्यूंकी कुशल जैसे जवान लड़के का लंड मिल रहा है उसे………… तेरे जाने से उनका काम आसान हो जाएगा… तू मेरा नाम लेकर आजा…..” सिमरन उसे समझाती है.

“चलो मैं देखती हू…….” प्रीति स्माइल करते हुए बोलती है.

“ लेकिन फिर तभी कुशल और अपनी स्टोरी बताएगी कि कैसे बात बनी तुम दोनो की….. ओके?” सिमरन अपनी शर्त रखती है.

“ पक्का…. प्रॉमिस. अच्छा अब मुझे चलना चाहिए……” प्रीति खड़े होते हुए बोलती है.

“ चल मैं तुझे घर छोड़ देती हू………….” सिमरन भी उसके साथ खड़े होते हुए बोलती है.

दूसरी तरफ

सिचुयेशन तो बदल चुकी थी लेकिन हम वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ी थी.

आराधना बस अब पंकज का इंतेज़ार कर रही थी और उसने अभी अभी वो ही सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी लेकिन थोड़ी परेशान भी थी. डोर बेल बजती है – ट्रिन्न्नन्न्न्न…….

इस बार गेट खोलने से पहले वो हॉक आइ मे से देखती है तो पंकज ही था. वो अपने बालो को फिर से सही करती है… दुपट्टा हटाती है और बूब्स की विज़िबिलिटी को बढ़ाते हुए गेट खोलती है –

“ हाई डॅड……” और कस कर पंकज को हग करती है. उसके टाइट बूब्स पंकज के सीने मे घुस जाते है. लेकिन पंकज शो नही करता.

पंकज कुच्छ खाने का सामान लाया था जिन्हे वो चेर पर रखता है.

“ डॅड….आपको पुच्छने एक फॅमिली आई थी….” आराधना इन्फर्मेशन पंकज को देती है.

“ कौन लोग थे…? पंकज पूछता है.

“ पता नही लेकिन वो इसी होटेल मे रूके है और इसी फ्लोर पर है……” आराधना उसे बताती है.

“ ओःह्ह्ह… तो वो यहाँ आया था….. वो ही तो कमीना सेकेंड कॉंट्रॅक्टर है जो मुझे कांट्रॅक्ट लेने नही दे रहा है……….” पंकज गुस्सा होते हुए बोलता है.

“ डॅड वो अपनी वाइफ के साथ आया था और…..और……” आराधना आगे बताते हुए थोड़ी घबरा जाती है…..

“ और क्या..?? बताओ मुझे…..” पंकज पूछता है.

“ उन्होने मुझे ऐसे कपड़ो मे देखा तो ये समझा कि मैं आपकी वाइफ हू…. और घबराहट मे मैं उनकी किसी बात का जवाब नही दे पाई…. वो यही सोच रहे है कि हम हज़्बेंड वाइफ है…….” आराधना सारी बात बता देती है.

“ ओह्ह्ह्ह…. नो…. अब तो हम ये भी नही बोल सकते कि हमारा असली रीलेशन क्या है… खैर वो हमे जानता तो है नही……. कुच्छ दिन अब हमे हज़्बेंड वाइफ बन कर ही रहना पड़ेगा……….” पंकज परेशान होते हुए बोलता है.
लेकिन आख़िर क्या बात थी कि तुमने इतनी सेक्सी ड्रेस ये दिन मे ही पहन ली……” पंकज मुस्कुराते हुए आराधना से पुछ्ता है.

“ सेक्सी ड्रेस की बात नही है…. पता नही बॉडी मे ही क्या हो रहा है कि हर कपड़ा मुझ पर सेक्सी लगता है…….” आराधना ने भी सेक्सी वाय्स मे पंकज से कहा.

दोनो मे शान्ती रहती है और पंकज अपनी शर्ट के बटन खोलने लगता है क्यूंकी वो उसे उतारना चाहता था. आराधना धीरे धीरे उसके पास पहुँचती है और खुद ही उसके बटन खोलने लगती है. बटन खोलने के टाइम आराधना की सॉफ्ट सॉफ्ट उंगलियाँ पंकज के बालो भरे सीने मे टच हो रही थी. अभी ना तो रात थी और ना ही दिन लेकिन फिर भी पंकज का लंड खड़ा होने लगा था.

पता नही क्यू वो आराधना से शरमा सा रहा था. शर्ट के सारे बटन खोलने के बाद आराधना उसे खुद उतारती है. उतारने के लिए उसे थोड़ा सा आगे होने पड़ता है क्यूंकी पंकज की बाजू मे से शर्ट को बाहर निकालना था. जैसे ही आराधना थोड़ा आगे होती है तो उसके बूब्स भी पंकज के सीने मे चुभने लगते है और दूसरी तरफ उसकी डीप नेक नाइटी मे उसके गोरे गोरे और मोटे मोटे बूब्स क्लियर दिखाई दे रहे थे.

पंकज का तो मूँह खुला का खुला रह जाता है और आराधना ये सब देख कर हँसी आ रही थी. खैर उसकी शर्ट उतारने के बाद आराधना उसे टी-शर्ट देती है और शर्ट को बाथरूम मे टाँग देती है कि लौंड्री बॉय को बुला कर दे दूँगी.

“ डॅड, आज कहीं घूमने चले……” आराधना शर्ट को बाथरूम मे डालने के बाद पंकज से पूछती है.

“ कहाँ चलना है घूमने………?” पंकज टीशर्ट पहनते हुए बोलता है.

“ कहीं पर भी…. मुझे तो देल्ही के बारे मे कुच्छ पता ही नही है…..” आराधना भी एक प्यारी सी स्माइल के साथ बोलती है.

“ चलो मैं कुच्छ अच्छी जगह देखता हू…. और फिर चलते है…………..” पंकज की इस बात को सुन कर आराधना भाग कर उसे हग कर लेती है.

दोनो की नज़रे मिलती है तो शरमा कर आराधना की हँसी कम हो जाती है. अभी आराधना के होंठ पंकज के होंठ के बिल्कुल करीब थे… आराधना के लिप्स पर लगा हुआ लिप ग्लॉस इतना जुवैसी बना रहा था उसके लिप्स को कि पंकज भी ये देख कर पागल हो रहा था. दोनो के लिप्स धीरे धीरे एक दूसरे की तरफ बढ़ते है …..

ट्रिन्न्नन्नन्नन्न्न……… डोर बेल फिर से बजती है. दोनो फिर से होश मे आते है और लग हो जाते है. आराधना एक जोड़ी कपड़े लेकर बाथरूम मे घुस जाती है और पंकज गेट खोलता है.

पंकज आगे बढ़ कर गेट खोलता है तो देखता है कि सामने वो ही खड़ा हुआ था जो पहले आया था.

“ नमस्कार ग्रोवर जी…….” सामने खड़ा हुआ आदमी पंकज को हाथ जोड़ कर नमस्कार करता है.

“ नमस्कार शेट्टी जी……” पंकज भी उसको हाथ जोड़ कर नमस्कार करता है और उसे अंदर आने के लिए जगह देता है.

वो इंसान अंदर आकर चेर पर बैठ जाता है. और फिर बात करना शुरू करता है –

“ मैं पहले भी आया था…… बताया नही आपकी वाइफ ने…..” वो आदमी पुछ्ता है.

“ मेरी वाइफ…….??? ओह्ह्ह येस….. हाँ बताया उन्होने लेकिन बस मैं अभी कुच्छ 5 मिनिट पहले ही आया हू………” पंकज कन्फ्यूषन से बाहर निकलते हुए बोलता है.

“ अभी दिखाई नही दे रही है मेडम……..” वो आदमी रूम मे देखता हुआ बोलता है.

“ नही वो बाथरूम मे है………….??” पंकज आर्टिफिशियल स्माइल करते हुए कहता है.

“ कुच्छ भी कहो ग्रोवर जी, अच्छा ग्रो किया है आपने बिज़्नेस मे…. ऐसी वाइफ ढूँढ ली कि अंबानी को भी जलन हो जाए…..” उस आदमी ने ये बात थोड़ी लाउड वाय्स मे की और ये आवाज़ आराधना भी सुन रही थी जो कि बाथरूम मे इस आदमी के जाने का इंतेज़ार कर रही थी.

“ वाइफ तो आपकी भी कम नही है शेट्टी जी……..” पंकज भी उसे बोलता है. आक्चुयल मे पंकज इस बात को बस ख़तम करना चाहता था.

“ इसीलिए तो बस अभी काम कर के आ रहा हू…..क्या करू बहुत फुदक्ति है बेड पे…. हा हा हा हा हा” शेट्टी हंसते हुए बोलता है और पंकज भी उसकी बात मे हंस देता है.

आराधना अंदर ये सब सुन रही थी और हैरान थी कि क्या मर्द लोग अपनी वाइफ के बारे मे ये सब बाते कर लेते है. वो इस बात से भी हैरान थी कि कैसे पंकज भी उसकी वाइफ के लिए ये बोल रहा है कि वो भी कम नही है.

“ और बताइए कैसे आना हुआ…..?” पंकज ग्लास मे विस्की डालते हुए शेट्टी से पुछ्ता है और फिर वो ग्लास शेट्टी को ऑफर करता है.

“ पता चला कि आप इसी फ्लोर पर रहते हो तो सोचा की मिल लू……. रूम पर आया तो आपकी हॉट वाइफ से मुलाकात हो गयी………….” शेट्टी अपने हाथ मे विस्की का ग्लास पकड़ते हुए बोलता है.

“ नही आक्चुयल मे…. कांट्रॅक्ट के सिलसिले मे बाहर गया था…..” पंकज अपने लिए भी एक ग्लास मे विस्की डालते हुए बोलता है.

“ अरे ग्रोवर साहिब, क्या करोगे इतना पैसा कमा कर……. उपर वाले ने इतनी खूबसूरत बीवी दी है…. थोड़ा टाइम वहीं गुजारो……..” शेट्टी पंकज के साथ चियर्स करते हुए बोलता है.

“ नही शेट्टी जी…. लाइफ मे आगे बढ़ना भी कोई चीज़ है बाकी सब तो चलता रहता है. अब आप ही को लीजिए, आपकी वाइफ भी कम हॉट नही है लेकिन आप भी तो अपना हाथ इस कांट्रॅक्ट से नही खींच रहे है……..” पंकज भी धीरे धीरे मैं पॉइंट पर आ जाता है.

“ ग्रोवर जी.... हम तो अपने जहाज़ को कई सालो से उड़ा रहे है. आपको तो पता ही है कि इंसान किसी भी चीज़ से इतना जल्दी बोर नही होता जितनी जल्दी चूत से हो जाता है. लेकिन आपने ने तो एकदम नयी चूत ढूंढी है…. कब की शादी आपने……………?” शेट्टी अपना पेग लगाते हुए बोलता है.

पंकज को गुस्सा भी आ रहा था कि वो आराधना के लिए ऐसे बोल रहा था लेकिन वो कुच्छ रिक्ट नही कर रहा था शायद कांट्रॅक्ट के सिलसिले मे.

“ अभी 6 महीने हुए है………” पंकज भी अपने पेग को पीते हुए झूठ बोल देता है.

“ तो अभी तो सही से खुली भी नही होगी………” शेट्टी हंसते हुए फिर से आराधना की चूत के बारे मे बोलता है. आराधना ये सब सुन रही थी लेकिन वो आराम से बाथरूम मे थी और इंतेज़्ज़र कर रही थी कि कब शेट्टी जाए और वो बाहर आए.

“ और सूनाओ…..आज का क्या प्लान है…… क्यू ना कहीं डिन्नर पर चले……” शेट्टी पंकज से पुछ्ता है.

“ आज नही……. हम ने कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाया है…… फिर कभी देखेंगे….” पंकज फिर से बात को टालते हुए बोलता है.

“ ओह… रियली?? कहाँ घूमने जा रहे हो…… हम भी आपके साथ ही चलेंगे….. रूम मे पड़े पड़े उसकी चूत मार मार कर बोर हो गया हू………” शेट्टी फिर से अश्लील शब्द यूज़ करता है.

“ अभी प्लान तो नही बनाया है…. मैं अपनी वाइफ से पुच्छ कर बता दूँगा कि कहाँ जा रहे है……….” पंकज फिर से इस मॅटर को ख़तम करना चाहता था.

“ नेकी और पुच्छ पुच्छ…. अभी पुच्छ लेते है…….” ये बोल कर शेट्टी अपनी चेर से खड़ा होता है और बाथरूम की तरफ बढ़ जाता है. पंकज को इतना टाइम भी नही मिलता की वो कुच्छ सोच पाए…..

“ भाभी जी….. ओ भाभी जी……..” शेट्टी बाथरूम के गेट पर खड़े होकर आराधना को आवाज़ लगाने लगता है.

पहले तो आराधना कोई आवाज़ नही देती लेकिन फिर उसके बार बार बोलने पर आवाज़ दे ही देती है.

“ जी भाई साहिब……… बोलिए क्या बात है…..” आराधना रूखी सी आवाज़ मे अंदर से आवाज़ देती है. आक्चुयल मे वो सारी स्टोरी सुन रही थी.

“ ग्रोवर जी ने बताया कि आप दोनो कहीं घूमने जा रहे है….. हम भी चलते है ना. अच्छी कंपनी मिल जाएगी आपको……. हमारी मेडम भी आप जैसी खूबसूरती से मिल कर खुश हो जाएँगी.

“ मुझे तो देल्ही के बारे मे कुच्छ आइडिया नही है…. जहाँ भी ले जाएँगे डॅडी ही…… मेरा मतलब होने वाले बच्चो के डॅडी ही ले जाएँगे…” आराधना तो जैसे बाल बाल पकड़े जाने से बची.

“ तो चलो मैं उन्ही से पुच्छ लेता हू…. अगर दोनो फॅमिली कहीं साथ चले तो आपको तो कोई परेशानी नही है ना…….” शेट्टी फिर से क्वेस्चन करता है आराधना के साथ.

“ मुझे…. मुझे भला….. क्या परेशानी होगी………” आराधना इसके सिवाय और कुच्छ बोल भी नही सकती थी.

शेट्टी अपनी बेशर्मी से आराधना की हां करा चुका था. और इसके बाद पंकज भी कुच्छ नही कर सकता था.

“ तो ग्रोवर जी, अब तो गवर्नमेंट ने भी हाँ कर दी है…… बताएए कि अब कहाँ घुमा कर ला रहे है……..” शेट्टी फिर से चेर पर बैठते हुए बोलता है.

“ अब तो आप ही बताएए कि क्या प्लान है….. कहाँ चलना है चल देंगे………..” पंकज भी और क्या कर सकता था.


“ क्यूँ ना ईव्निंग मूवी चले……. और फिर डिन्नर करने चलेंगे………. क्यूँ क्या सोचते हो….?” शेट्टी पंकज से पुछ्ता है.

“ हाँ… शायद यही ठीक है….चलो तो आप रेडी हो जाओ नही तो ईव्निंग शो मिस हो जाएगा…….” पंकज उसे रूम से बाहर भेजने की ये एक ट्रिक और इस्तेमाल करता है.“ हाँ आप ठीक कहते हो….. मैं भी अपनी मेडम से बोलता हू कि जल्दी से तैयार हो जाए.” ये बोल कर वो बाहर चला जाता है. पंकज गेट बंद करता है और आराधना का बाथरूम का डोर नॉक करता है.

“ आरू.. गया वो अब गेट खोलो…..” पंकज आवाज़ लगाता है.

आराधना गेट खोल कर फिर से बाहर आ जाती है.

“ क्या हुआ डॅडी……. ?” आराधना पंकज से पूछती है.

“ नही… कुच्छ नही बेटे… तुम तैयार हो जाओ और हम चल रहे है.

“ लेकिन कहाँ…….?” आराधना ऐसे बनते हुए बोलती है जैसे उसे कुच्छ अंदर सुनाई नही दे रहा था.

“ कुच्छ नही… पहले मूवी देखेंगे और फिर डिन्नर करेंगे……” पंकज उसे इनफॉर्म करता है.

“ लेकिन इन्ही लोगो के साथ चलेंगे….?” आराधना पंकज से पूछती है.

“ हाँ इन्ही के साथ चलेंगे…… पीछा ही नही छोड़ रहा था तो इसीलिए मैने भी हाँ हाँ कह दिया. खैर अब टाइम वेस्ट मत करो और तैयार हो जाओ. थोड़े ट्रडीशनल कपड़े पहन लेना…….” पंकज आराधना को समझाता है.

आराधना मौके को समझते हुए फिर से बाथरूम मे चली जाती है और तैयार होने लगती है.

दूसरी तरफ

कुशल प्रीति के जाने के बाद नहाता है और एक्सर्साइज़ करने के बाद अपने रूम मे रेस्ट करता है. कुच्छ देर के लिए उसकी आँखे भी लग जाती है. जब वो जागता है तो घड़ी को देखता है. वो थोड़ा हैरान था कि स्मृति आज उसका ब्रेकफास्ट लेकर नही आई.

कुशल नीचे जाने का फ़ैसला करता है. वो अच्छे से मूँह को फ्रेश करता है और कपड़े पहन कर नीचे जाने लगता है. किचन और हॉल मे उसे कोई नही दिखाई देता. वो काफ़ी हैरान था कि आख़िर इस टाइम मे भी स्मृति बाहर नही है.

धीरे धीरे आगे बढ़ने पर देखता है की स्मृति अपने बेड रूम मे ही है और आराम से बेड पर लेटी हुई थी. कुशल थोड़ा हैरान था क्यूंकी ये स्मृति का कोई ऐसे लेटने का टाइम नही था. वो धीरे धीरे आगे बढ़ता है और –

“ हाई, गुड मॉर्निंग मोम…… क्या हो रहा है……..” कुशल की वाय्स मे एक एनर्जी थी.

“ कुच्छ नही बस ऐसे ही लेटी हू……..” स्मृति की वाय्स मे एक रूखा पन था.

“ क्या हुआ मोम….सब सही तो है??? या डॅड की याद आ रही है…………” कुशल अपनी मोम के साइड मे बैठते हुए बोलता है.

“ याद मुझे नही तो क्या तुझे आएगी…………” स्मृति फिर से रूखा सा रिप्लाइ करती है.

“ नो मोम……. मुझे इतनी याद नही आएगी……. मैं गे थोड़े ही हू….. हे हे हे हे” कुशल थोड़ा सा फन क्रियेट करने की कोशिश करता है.

“ बकवास मत कर…….. रात कहाँ सो गया था लाइयन…..” स्मृति उसका चेहरा देखते हुए पूछती है.

“ मोम……वो मोम नींद आ गयी थी……” कुशल थोड़ा झिझकते हुए बोलता है.

स्मृति खड़ी होकर फिर कुशल के कान पकड़ कर खींचती है.

“ क्या एक थप्पड़ और खाएगा……… तुझे पहले भी समझाया है ना कि जब भी लाइयन की बात होती है तो मैं तेरी मोम नही होती हू…… लेकिन तुझे समझ नही आता है…. है ना??” स्मृति गुस्सा होते हुए बोलती है.

“ ओह्ह्ह…. सॉरी सॉरी… प्लीज़ मेरा कान तो छोड़ो……..” कुशल गिड्गिडाते हुए बोलता है.

“ क्यूँ कान पकड़े जा रहे है भाई………..” इस आवाज़ से दोनो की निगाहे बेड रूम के डोर की तरफ मूड जाती है. ये आवाज़ किसी और की नही बल्कि प्रीति की थी जोकि सिमरन के घर से आ चुकी थी.

स्मृति और पंकज दोनो ही प्रीति को देख कर शॉक्ड हो जाते है लेकिन शो नही करते.

“ तू कब आई……..?” स्मृति कुशल का कान छोड़ते हुए बोलती है.

“ मैं तो अभी आई…. बाहर सिमरन दीदी मिल गयी थी तो उनके घर चल गयी थी…. घर आई तो देखा कि आपके रूम से थोड़ी आवाज़ आ रही थी तो आ गयी…..” प्रीति और रूम मे आगे बढ़ते हुए बोलती है.

प्रीति आगे बढ़ कर कुशल के साइड मे बैठ जाती है.

“ क्यूँ परेशान कर रहा है मोम को…… मुझे परेशान करके तेरा पेट नही भरता क्या……” प्रीति शायद कुशल से ये बोलना चाहती थी कि मेरी चुदाई से मन नही भरता जो अब मोम को भी चोदने लगा है.


“ मोम को कुच्छ परेशानी नही है तो तुझे क्यू होने लगी…………” कुशल भी उसे टेढ़ा जवाब देता है.

“ मोम को क्यू परेशानी होगी…. आख़िर तू उनका फेवोवरिट बेटा है……. क्यू मोम…..” प्रीति मोम की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ तुम भी ना हमेशा लड़ते रहते हो…….” स्मृति बेड पर से खड़े होते हुए बोलती है.

“ मोम… वो आक्च्युयली…. कल रात मुझे सिमरन दीदी अपने साथ रुकने को बोल रही है….. आक्च्युयली उनके घर कोई नही है ना…….. क्या मैं रुक जाउ उनके साथ…….” प्रीति बहुत ही इनोसेंट बनते हुए बोलती है.

“ तो सिमरन से ही बोलो ना कि वो एक रात हमारे यहाँ रह ले………..” स्मृति अपने बालो को कोंब करते हुए बोलती है.

“ मोम…. लेकिन घर को ऐसे अकेले भी नही छोड़ सकते ना……….. मेरे ख्याल से प्रीति को ही रुक जाना चाहिए. और वैसे भी सिमरन आराधना दीदी की ही खास दोस्त है…..” प्रीति बोलती इससे पहले ही कुशल बोल पड़ता है.

प्रीति हैरान थी और उसे सिमरन की बात भी याद आ रही थी कि उसको सब भेजना ही चाहेंगे. दूसरी बात उसके दिमाग़ मे ये आ रही थी कि आख़िर मोम की पुरानी चूत मे ऐसा क्या है जिसकी वजह से कुशल उसकी जवान चूत को इग्नोर कर देता है.

“ कह तो सही रहा है….. ओके चल फिर तो कल रात तो सिमरन के ही रुक जा नही तो आराधना नाराज़ हो जाएगी…..” स्मृति भी कुशल की हाँ मे हाँ मिलाती है.

“ ओह्ह तो अब दोनो ही एक ट्रॅक पर है……..” प्रीति अपने मन मे सोचती है.

“ कुशल तू प्लीज़ मेरे साथ उपर चल……… मुझे तेरी हेल्प चाहिए.. कुच्छ उपर रखा है और उतरवाना है तुझसे……..” प्रीति खड़े होते हुए कुशल की तरफ देखते हुए बोलती है.

“ तू जा अभी मेरे पास टाइम नही है………” कुशल भी उसे रूखा सा जवाब देता है.

“ ऐसा कौन सा महान काम कर रहा है तू यहाँ….. बता तो सही मुझे……” प्रीति गुस्से मे बोलती है.

“ लड़ क्यूँ रहे हो…. चला खड़ा हो जा और बहन की हेल्प कर दे………… चल जा यहाँ से….” स्मृति कुशल को डाँट लगाते हुए बोलती है.

कुशल गुस्से मे खड़ा होता है और बाहर निकल जाता है. प्रीति धीरे धीरे उसके पीछे चल देती है. कुशल थोड़ा तेज तेज चल रहा था लेकिन रूम से निकलते ही प्रीति भी अपने कदमो को बढ़ाती है.

“ कहाँ जाना है भाग कर……. गुस्से मे क्यू है तू इतना….” प्रीति पीछे से बोलती है.

“ तुझसे मतलब….. तू तो घूम आई ना……….. अब मेरा क्यू मूड खराब कर रही है…….” कुशल रुक कर पीछे मुड़ता है और बोलता है.

“ घूम तो तू भी बहुत रहा है… तो इसमे माइंड करने वाली बात क्या है….” प्रीति उसके पास से गुज़रते हुए बोलती है और उसके कंधे से अपने बूब्स रगड़ देती है. एक पल को तो कुशल की बोलती बंद हो जाती है सिर्फ़ उसके बूब्स के टच से ही. ऐसा करके प्रीति उपर की तरफ चल देती है और कुशल उसकी मटकती हुई गान्ड को देखता रह जाता है.

जब होश आता है तो कुशल भी पीछे पीछे हे चल देता है. कुशल एक टाइम को तो जैसे अपने होश खो चुका था.

धीरे धीरे दोनो उपर पहुँचते है.

“ जल्दी बोल क्या काम है…..” कुशल बनावटी गुस्से के साथ पीछे से ही बोलता है.

“ बेड रूम मे चल ना…. वहीं काम है….” प्रीति अपनी सेक्सी वाय्स मे बोलती है. उसकी सेक्सी आइज़ कुशल की आइज़ मे झाँक रही थी. और ये बोल कर प्रीति फिर से मुड़ती है और अपने बेड रूम मे एंटर हो जाती है, एंटर होने से पहले वो कुशल को मूड कर देखती है और प्यारी सी स्माइल देती है.

कुशल पागलो की तरह उसके पीछे पीछे भागता है और उसके रूम मे एंटर होता है. प्रीति अपना पर्स साइड मे रखती है और अपने बालो मे हाथ फिराते हुए कुशल की तरफ मुड़ती है.

“ सच बता कहाँ काम करा कर आ रही है अपना…..?” कुशल गुस्से मे पुछ्ता है.

“ मुझे….. मुझे कोई ज़रूरत नही है….. तू बोल कि आख़िर कौन है जो तुझे अपना माल परोस रही है…..” प्रीति भी गुस्से मे उसकी तरफ देखते हुए बोलती है.

“ इतनी हॉट बन कर बाहर जाती है….. मुझे अच्छा नही लगता…….” कुशल गुस्से मे बोलता है..

“ तो क्या बुर्क़ा पहन कर जाउ…… अब इसमे मेरी क्या ग़लती है कि मैं हू ही इतनी हॉट……” प्रीति स्माइल करते हुए अपनी टीशर्ट का बटन खोलते हुए बोलती है.

“ और सिमरन क्यूँ बुला रही है तुझे… तेरी चुदाई का अरेंज्मेंट कर लिया है क्या उसने………??” कुशल अपनी निगाहे उसके बूब्स से हटाते हुए बोलता है.

“ हा हा हा हा….. पागल वो एक लड़की है…. और लड़की….लड़की वो नही कर सकती जो तू कह रहा है….. हा हा हा हा” प्रीति फिर से हंसते हुए बोलती है.

“ जब तक तू अपनी चूत और गान्ड अच्छे से फाट्वा नही लेगी ना… तुझे चैन नही मिलेगा. इस सिमरन के चक्कर मे मत पड़ तुझे बता रहा हू…….” कुशल गुस्से मे बोलता है.

प्रीति आगे बढ़ती है और उसके सीने से अपना सीना मिलाते हुए बोलती है –“ तो क्या तेरे चक्कर मे पडू जो मुझे रात को बंद करके पता नही कहाँ भाग जाता है……” प्रीति उसे फिर से ताना मारती है.

“ तू तो एक बात के ही पीछे पड़ गयी है…. कहाँ ना कि मास्टरबेशन करने गया था……..” कुशल फिर से झिझकते हुए बोलता है.

प्रीति उसका कॉलर पकड़ती है और अपनी तरफ खींचती है –“ मेरे होते हुए मास्टरबेशन करता है तो मुझे इन्सल्ट फील होती है.” प्रीति के बूब्स कुशल के सीने मे फिर से गढ़ चुके थे.

कुशल से फिर नही रहा जाता और फिर से वो अपने होंठ प्रीति के होंठो पर रख देता है. किस करते करते ही वो उसे बेड पर गिरा देता है और अपनी टीशर्ट उतार देता है. टीशर्ट उतारने के बाद वो अपनी जीन्स भी उतार देता है.

“ आज तेरी इतनी चुदाई करूँगा कि तेरी चूत भी लंड से डरेगी…….” इतना बोलते ही प्रीति बेड पर घुटनो के बल आती है और खुद ही उसकी जीन्स खोलने लगती है. थोड़े ही टाइम मे कुशल का लंड उसके हाथ मे था.

“ मास्टरबेशन कहीं भी किया हो लेकिन माल तगड़ा है ये…….” प्रीति कुशल के लंड को खिलाते हुए बोलती है.

“ मेरी जान बस अब इसे अपने होंठो से छुआ दो इसे…… चूसो इसे मेरी जान……. उफफफफफफफफफफफ्फ़…….” कुशल की आँखे बंद हो चुकी थी. आक्च्युयली मे सिमरन के साथ किए लेस्बो सेक्स से प्रीति और भी ज़्यादा गरमा गयी थी और लंड के लिए तरस रही थी.

वो अपने जुवैसी लिप्स उसके लंड पर फिर से लगा देती है…

“ ऐसे ही चूस इसे….. आअहह…. पूरा ले ले……………उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़” कुशल मस्त हो चुका था.

प्रीति भी अपना पूरा रोल प्ले कर रही थी और तेज धक्को के साथ उसके लंड को चूस रही थी. कुशल उसके मूँह को आगे पीछे होता हुआ देख कर और भी एग्ज़ाइटेड हो रहा था.

“ आहह…….. प्रीतीईईईईईईईईईईईईईईईईई…………मेरी ज़ाआआआनाआआआन्न्*ननननननणणन्………..” कुशल की आँखे मस्ती के समुंदर मे गोते लगा रही थी.

करीबन ऐसे ही कुच्छ देर लंड चुसवाने के बाद प्रीति अपने होंठ हटाती है… लेकिन कुशल तब तक बहुत एग्ज़ाइटेड हो चुका था.

“ मेरी जान आज तुझे घोड़ी बना कर चोदना चाहता हुउऊउउ….. मेरे पास आ जा मेरी जान……” कुशल के ये नये नये स्टाइल प्रीति को पसंद नही आ रहे थे लेकिन प्रीति अपनी मोम के साथ हो रहे कंपटिशन को जितना चाहती थी जिसकी वजह से उसने कुशल की हर बात मान ने की तैयारी की और चुप चाप अपनी जीन्स उतार देती है. कुशल आगे बढ़ कर एक झटके मे उसकी टीशर्ट उतार देता है और ब्रा तो जैसे हुक ही तोड़ देता है…..

“ आअहह…. कुशल आराम से……… मैं कोई बाहर से नही आई हू……….” प्रीति को उसके इस बिहेवियर से थोड़ा पेन होता है.

प्रीति को कुच्छ ही सेकेंड्स मे पूरी नंगी कर देता है कुशल और अपनी ताक़त के बल पर एक ही झटके मे उसे डॉगी पोज़िशन मे ले आता है. हाथ पर ढेर सारा थूक लगा कर वो उसकी चूत पर थूक लगाता है और लंड निशाने पर टिका देता है आंड धकककककककककक. एक तेज झटके के साथ आधा लंड सीधा अंदर जाता है…

“ आआऊऊओ…. कुशल मेरी फट गयी प्लीज़………………… इतना पेन तो फर्स्ट टाइम मे भी नही हुआ………आाआआईयईईईईईईईईईईई……प्लीज़ आराम से……” प्रीति को पेन हो रहा था.

लेकिन कुशल तो पता नही किस धुन मे था. थोड़ा सा थूक और लगाता है और बिजली की स्पीड से धक्के लगाने लगता है……..

“ उफफफफफफफ्फ़………. कुशल ऐसे लग रहा है जैसे……जैसे पेट तक पहुँच गया है…. प्लीज़ आराम से कर…… आअहह” प्रीति के चेहरे पर अब थोड़े शांति के भाव थे.

कुशल धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था.

“ आआहहह….इस्शह………………कुशल………………..माइ बोययय्यययययययययी…….आराम से……….उफफफफफफफफफफफफफ्फ़” प्रीति मस्त हो चुकी थी.

प्रीति की चूत से निकलने वाला पानी और उसमे दबा दब घुसने वाला लंड सिर्फ़ फुच फुच की आवाज़े पैदा कर रहा था. पूरा रूम बस इन्ही आवाज़ो से गूँज रहा था.

दूसरी तरफ

आराधना तैयार हो चुकी थी. वो बाथरूम से तैयार होकर बाहर आती है तो खुद पंकज भी हैरान हो जाता है. उसने ग्रीन साड़ी पहनी थी.
KONG
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