आंटी के साथ मस्तियाँ

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jay
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आंटी के साथ मस्तियाँ

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आंटी के साथ मस्तियाँ

मैं एक साधारण कद काठी वाला, 21 साल का लड़का हूँ.. दोस्तो मेरा नाम राज है मैं आपके लिए एक मस्त कहानी लेकर आया हूँ ये कहानी मेरी पड़ोसन आंटी की है जिनके पास मैं मैथ की ट्यूशन पढ़ता था अब मैं अपने बारे में बताता हूँ हाँ!! पर, मेरे लंड का साइज़ 7-7.5 इंच लंबा है.. मैं पिछले 5-6 साल से, नियम से नहाने से पहले अपने लंड की मसाज सरसों के तेल से करता हूँ.. जिससे, मेरा लंड काला तो ज़रूर हो गया है पर मोटा बहुत है.. जो किसी भी औरत को खुश ही नहीं, पागल कर सकता है..
ये घटना उस वक़्त की है, जब मैं फर्स्ट ईयर में था..
मुझे मेरी ज़िंदगी का, सबसे हसीन पल जीने को मिला..
मेरे घर के सामने, एक आंटी रहती हैं.. जिनका नाम, कामिनी था और उनकी एक 8 साल की लड़की थी..
उनका पति, सरकारी नौकरी में थे..
वो मुझे बहुत अच्छी लगती थीं, एक दम चोदने के लिए ही बनी औरत..
मैं उन्हें चोदना चाहता था और ये सच भी हुआ..
तो, ये बात तब की है, जब मैं उनसे मैथ्स का ट्यूशन पढ़ता था..
मैं उनको देख के, एकदम मस्त हो जाता था क्यूंकि उनका फिगर “36-30-38” था..
क्या मस्त बड़े बड़े मम्मे थे, उनके..
देख कर, ऐसा लगता था के ब्रा को फाड़ के अभी निकल आएँगे और गाण्ड तो बस, पूछो मत.. एक दम, चौड़ी..
जब भी देखो तो चोद चोद कर, फाड़ डालने का मन करता था..
मैं रोज़ दोफहर के 2 बजे, उनके यहाँ पढ़ने जाता था..
आप समझ ही गये होंगें की मेरा मन, बिल्कुल भी पढ़ाई में नहीं था..
मैं बस, उनहीं को घूरता रहता था..
वो जब भी कोई सवाल समझाने, सामने झुकती थीं तो मैं उनकी क्लीवेज देखता था..
मैं रोज़ घर जाकर, उनके नाम की मूठ मारा करता था.
फिर ऐसे ही करते करते, मेरी परीक्षा करीब आ गई और मेरे प्री बोर्ड में बहुत कम मार्क्स आए..
घर पे, मेरे पापा ने बहुत पिटाई लगाई और आंटी से भी शिकायत की..
उन्होंने बोला – क्या पढ़ाती हैं, आप… अगर, ऐसा ही चलता रहा तो इसका क्या होगा… ये फैल हो जाएगा…
फिर, मैं जब आंटी के यहाँ पढ़ने गया तो आंटी ने भी मुझे खूब डांटा और कहा – राजू, तुम कभी नहीं सुधरने वाले… तुम्हारी वजह से, मुझे दस बातें सुननी पड़ीं..
इधर, वो डाँट रहीं थीं.. उधर, मैं उनके मम्मे देख रहा था.. जो बार बार, हिल रहे थे..
तभी उन्होंने मुझे ज़ोर से थप्पड़ लगा दिया और मुझे गुस्सा आ गया और मैं वहाँ से चला आया..
साला, जिसे देखो मुझे पीटे जा रहा था..

खैर, 2-3 दिन मैं उनके यहाँ पढ़ने नहीं गया..
वो मुझे बार बार कॉल करती थीं पर मैंने कॉल नहीं उठाया..
फिर एक दिन दोपहर, उनका मैसेज आया – राजू, तुरंत मेरे घर आओ…
मैं उनके घर पर गया..
उन्होंने, मुझे सोफे पे बैठने को कहा और मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक ले कर आईं..
फिर, वो मुझे प्यार से समझाने लगीं – देखो राजू, अगर तुम पढ़ोगे नहीं तो तुम्हारा भविष्य क्या होगा…
मैं – आंटी, मैं पढ़ना चाहता हूँ पर पढ़ नहीं पता हूँ… मैं ध्यान नहीं लगा पता हूँ, आंटी…
आंटी – क्यूँ… कोई परेशानी है तो बताओ…
मैं – है… पर, आप नहीं समझोगे, आंटी…
आंटी – अरे, बताओ तो… मैं क्यूँ नहीं समझूंगी…
मैं – नहीं… मैं आपसे के कहूँगी तो आप मरोगी…
आंटी – अरे बाबा!! नहीं मारूँगी… अब बोलो भी…
मैं – मैं आपसे प प प्यार र र करता हूँ… आई लव यु, आंटी… आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो… आप बहुत स स स से से सेक्सी हो… मैं आप को देख कर, एक दम खो जाता हूँ और हर वक़्त, आपके बारे में सोचने लगता हूँ…
आंटी का चेहरा गुस्से से लाल था और वो मुझ पर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और कहा – मैं तुमसे कितने बड़ी हूँ और तुम मेरे बारे में ऐसा सोचते हो…
मैं डर गया..
फिर भी हिम्मत करके, बोला – आंटी, इसमें मेरी क्या ग़लती है… प्यार तो उम्र देख के नहीं होता ना..
वो बोलीं – देखो राजू, ऐसा नहीं हो सकता और तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो…
फिर उन्होंने, मुझसे जाने को कहा..
लेकिन, मैं वहां खड़ा रहा..
फिर, मैं बोला – अगर, आप मुझे ना मिलीं तो मैं कभी भी परीक्षा में पास नहीं हो सकता… और, वहां से चला गया..

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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

Post by jay »

फिर 2 दिन बाद, शाम को उनका कॉल आया और वो मुझसे कहने लगीं – राजू, प्लीज मुझे भूल जाओ…
मैं – मैं आपको नहीं भूल सकता… मैं बस आपको चाहता हूँ, आंटी…
आंटी – प्लीज, राज मान जाओ और पढ़ाई पे ध्यान दो…
मैं – नहीं, आंटी… मैं अपने आप को नहीं समझा सकता… अब आपकी शादी, पहले हो गई तो मैं क्या करूँ… और हाँ आंटी, मैं आपको बिना पाए, परीक्षा कभी पास नहीं कर सकता…
आंटी – राजू, प्लीज ऐसा मत करो… मैं ज़बरदस्ती में, बदनाम हो जाउंगी…
मैं – आंटी, मुझे जो कहना था मैने कह दिया, अब आगे आप की मर्ज़ी… और, मैंने कॉल काट दिया..
फिर कुछ देर बाद, आंटी का मैसेज आया की देखो, मुझे सोचने का कुछ वक़्त दो…
मैंने भी ठीक है… का मैसेज, भेज दिया..
मैं फिर आंटी के बारे में सोचने लगा की क्या कभी आंटी की.चूत और दूध के दर्शन होगें..
फिर 2 दिन बाद, आंटी ने मुझे अपने घर बुलाया और कहा – देखो राजू, मैं सिर्फ़ तुम्हारी पढ़ाई के लिए, हाँ कर रही हूँ..
मैं बहुत खुश हुआ और मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ की मैने एक शादीशुदा आंटी को पटा लिया..
मैं उनको धन्यवाद बोलने लगा, तभी वो बोलीं – एक मिनट… सॉफ सॉफ बात करते हैं… ये तो मैं समझती हूँ की ये प्यार व्यार तो चलो सब ठीक है, असल में, तुम्हें मेरे बदन में ज़्यादा रूचि है… मैं समझती हूँ, तुम्हारी उम्र में ये आम है… लेकिन, लेकिन… एक बात सॉफ सॉफ सुन लो… मेरी एक शर्त है, पहले तुम परीक्षा में 70% लाकर दिखाओ तो आगे कुछ होगा…
मेरा चेहरा उदास हो गया और, मैं बोला – आंटी, ये तो ठीक नहीं है…
तो आंटी ने कहा – अच्छा, ठीक है… उदास मत हो… तुम, हर सनडे सिर्फ़ 10 मिनट मेरे ब ब ब्रेस्ट (मम्मे) दबा सकते हो और एक किस (चुमी) कर सकते हो…
मैं खुश हो गया और उनसे वादा किया के मैं 70% लाकर दिखाऊंगा..
आंटी बोलीं – ठीक है, देखते हैं…
तभी मैंने बिना सोचे समझे, उनके मम्मे पकड़ लिए तो वो थोडा गुस्से में आ गईं और मेरा हाथ ज़ोर से झटकते हुए बोलीं – आज नहीं… सनडे… जाओ, जाकर पढ़ाई करो..
और… …
मैं खूब दिल लगा कर, पढ़ने लगा और कुछ दिन बाद, सनडे आ गया..
मैंने सुबह उठते ही साथ, 9 बजे आंटी को कॉल किया की आंटी मैं आ रहा हूँ…
तो आंटी बोलीं – अभी नहीं.. अभी सब घर पे हैं… 12 बजे आना…
मुझसे सब्र नहीं हो रहा था और मैं बस उनके बारे में सोच सोच के पागल हो रहा था..
मैं अपनी जिंदगी में पहली बार, चुचियाँ दबाने वाला था..
एक बार तो सिर्फ़ सोच सोच कर ही, मेरे लंड ने मूठ छोड़ दिया..

तभी 12 बज गये और मैं उनके घर पहुँच गया..
आज आंटी मुझे देख कर मुस्कुराई और कहा – सब्र तो बिल्कुल नहीं है..
तो मैंने कहा – इतने दिन से तो सब्र की है…
फिर आंटी ने दरवाजा बंद किया और मैंने उन्हें अपनी और खींच लिया और दीवार की तरफ धकेल दिया और अपना हाथ दोनों मम्मे पे रख के, बुरी तरह दबाने लगा..
क्या मम्मे थे यार..
एक दूध मेरे तो दोनों हाथ में नहीं आ रहा था..
ऐसा लग रहा था की आज आंटी का सूट और ब्रा फाड़ कर, उन्हें आज़ाद कर दूँ और मैं उनके दूध खूब ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा..
आंटी की आँखें बंद थीं..
फिर, वो बोलीं – आराम से राजू, आराम से…
उनके मुंह से राजू सुनकर, मैं तो और जोश में आ गया और ज़ोर ज़ोर से दूध बुरी तरह मसलने लगा और आंटी भी धीरे धीरे सिसकारियाँ भरने लगीं – अन्ह… आराम से राजू, आराम से.. उन्ह म म्ह ह ह म ह म ह ह म म ह ह… आँह ह आ ह आ आ आ आ आ… उंह… इयान्ह इस्सस स स स स स स s s s s s…
और फिर एकदम से, उन्होंने मुझे धक्का दिया और कहा – चलो, तुम्हारे 10 मिनट हो गये…
मैं बोला – पर अभी किस नहीं हुआ…
वो बोलीं – ये तुम्हारी ग़लती है… तुमने की ही नहीं..
मैं उदास हो गया और जाने लगा..
तभी पीछे से आंटी बोलीं – सुन, चल उदास मत हो… कर ले, किस…
मैं बहुत खुश हो गया और उनके होठों को अपने होठों में ले कर, चूसने लगा पर उन्होंने मुझे जल्दी हटा दिया और बोलीं – बेटर लक, नेक्स्ट टाइम…
मैं जाने लगा तो वो मुझसे बोलीं – राजू, अब घर जा कर, ज़्यादा मास्तरुबेट (हस्तमैथुन) मत करना… समझ आया की नहीं…
मैं घर आ कर, फिर से पढ़ने लगा और अगले सनडे का इंतेज़ार करने लगा..
और एक बार फिर, सनडे आ गया और मैं फिर आंटी के घर गया तो वो मुझे देख क बोलीं – आ गया राजू, शिकार करने…
मैं मुस्कुराने लगा तो वो बोलीं – क्या बात है… देखो, राजू शरमाता भी है…
और मैंने उन्हें तुरंत अपनी बाहों में भर लिया और उनके होठों को चूसता रहा और दोनों हाथ से, उनके मम्मे दबाता रहा..
मैं उनके दूध बहुत ही ज़ोर से दबा रहा था..
आंटी ने अपना मुँह छुड़ाकर, कहा – अरे, आराम से दबाओ… मैं कहीं नहीं भागी जा रही…
मैंने कहा – आंटी, टाइम तो भाग रहा है ना…
वो हंस पड़ीं और मैं फिर से उन्हें किस करने लगा और दूध दबाने लगा और मेरा टाइम हो गया…
ऐसा करते करते, मेरी परीक्षा हो गई और मेरा रिज़ल्ट आने वाला था..

रिज़ल्ट के एक दिन पहले, दोपहर में मैं आंटी के पास गया तो वो बोलीं – क्यूँ राजू… बड़ा उदास लग रहा है…
मैंने कहा – हाँ आंटी…
आंटी – क्यूँ…
मैं – कल मेरा रिज़ल्ट आ रहा है…
आंटी – इसलिए उदास है की कहीं फैल ना हो जाए…
मैं – नहीं… इसलिए की कहीं मेरा सपना ना टूट जाए…
आंटी – कौन सा सपना…
मैं – आपके साथ से.. से.. (सेक्स) करने का…
और हम दोनों हँस पड़े..
तभी मैंने उन्हें गिफ्ट दिया..
उन्होंने मेरे सामने ही खोला..
उसमें काले रंग की ब्रा और काले रंग की छोटी सी पैंटी थीं, जिसमें गाण्ड की तरफ बस एक खपची थी, जिससे गाण्ड की सिर्फ़ दरार छुपती..
आंटी ने कहा – ये किसके लिए…
मैंने कहा – आपके लिए… अगर कल मैं पास हुआ तो जब हम — (सेक्स) करेंगे तो आप ये पहनना और अगर फैल हुआ तो एक दो बार पहन कर, ब्रा पैंटी मुझे दे देना… मैं उसे सूंघ के ही, आपके बदन की खुशबु लेता रहूँगा…
आंटी बोलीं – अरे चिंता मत कर रे… कल जो होगा, कल देखा जाएगा… टेंशन ना ले… और, मेरे हाथ अपने मम्मे पे रख दिए और बोला – मेरे राजू, आज तो मज़े ले लो…
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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मैं उनके मम्मे को दबाने लगा, खूब ज़ोर ज़ोर से और उनके होठों को खूब ज़ोर के चूसा..
वो बोलीं – अरे, राजू… कल मौका मिलेगा…
मैं उनकी सुने बिना, उनके दूध ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और अगले दिन सुबह मेरा रिज़ल्ट आ गया..

मैं 82% से पास हुआ था..
मैं बहुत खुश हुआ..
आज तक, कभी मेरे इतने मार्क्स नहीं आए थे और मैं आंटी क घर जा कर बोला की मैं 70% नहीं ला पाया…
आंटी किचिन में आटा माढ़ रही थीं और बोलीं – कोई बात नहीं… बेटर लक नेक्स्ट टाइम… और हंसने लगीं…
मैं उनके पीछे गया और बोला – मेरी आंटी जान, 70% नहीं 82% आए हैं और उनकी गाण्ड को सहलाने लगा और मम्मे दबाने लगा..
आंटी – अभी, कोई देख लेगा… अभी नहीं, दूर हटो…
मैं दूर हट गया तो वो बोलीं – चुम्मियाँ करने को मिलती थीं तो पढ़ाई हो गई… नहीं तो, पढ़ाई का नाम भी नहीं था…
मैंने कहा – ये सब, आपकी मेहरबानी है…
फिर, मैंने पूछा – कब शुरू करें…
तो उन्होंने कहा – सब्र करो, राजू… सब्र का फल, मीठा होता है…
अब, मैं बोला – तो, अब तक क्या कर रहा था…
वो हंस पड़ीं और कहा – चलो, ठीक है… अब तुम जाओ… मैं तुम्हें शाम को कॉल करती हूँ…
मैं चला आया और शाम को आंटी के कॉल का इंतेज़ार करने लगा..
आंटी का कॉल आया तो वो बोलीं – कल, जब बेटी स्कूल जाएगी और अंकल दफ़्तर जाएँगे, तब 10 बजे आना और तुम्हरे पास सिर्फ़ 1 बजे तक का टाइम है…
मैं बहुत खुश हुआ और आंटी से “आई लव यु” बोला और उनसे कहा – कल मेरी गिफ्ट वाली, ब्रा और पैंटी पहनना…
तो उन्होंने कहा – हाँ!! बाबा, वही पहनुँगी… चलो, मेरे राजू अपनी नथ उतरवाने की तैयारी कर लो…
मैं रात भर सो नहीं पाया और कम से कम, 4 बार मूठ मारा..
सुबह 9 बजे, उनके पति के जाते ही, मैं उनके घर पहुँच गया और आंटी मुझे देख कर कहने लगीं – हे भगवान… तुम्हें तो बिल्कुल ही सब्र नहीं है…
मैं बोला – क्या करूँ, आंटी… कंट्रोल नहीं होता…
फिर, वो बोलीं – थोडा, वेट करो… मुझे अभी काम है…
मैं वेट करने लगा पर मुझसे रहा नहीं जा रहा था..
एक एक पल, सदियों के समान लग रहा था..
कुछ देर इंतेज़ार करने के बाद, मैं किचन में गया और उनके पीछे खड़ा हो कर उन्हें गले पे किस करने लगा तो बोलीं – उफ्फ राजू, अब मुझे गुस्सा आ रहा है…

पर मैं कहाँ उनकी कुछ सुनने वाला था और उन्हें अपनी तरफ करके लीप किस करने लगा और ज़ोर ज़ोर से उनके दूध दबाने लगा तो आंटी बोलीं – आराम से, राजू… आज 3 घंटे हैं, तुम्हारी पास…
मैने फिर भी नहीं सुना और मैं उनके पूरे चेहरे पे किस करने लगा और उनके सूट को उतारने लगा..
लेकिन, मैं उनका सूट नहीं उतार पा रहा था तो आंटी बोलीं – रुक जा, मेरे राजा… खा जाएगा क्या, मुझे… मैं उतारती हूँ… तू बेडरूम में चल…
पहले मैं और फिर आंटी, बेडरूम में आ गये..
अब आंटी ने अपना सूट उतारा और मैंने तो 10 सेकेंड से भी कम समय में अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया..
पहले आंटी ने अपनी कमीज़ उतारी और फिर सलवार..
उन्होने सलवार का नाडा, इतनी धीरे धीरे खोला की मुझे गुस्सा आने लगा..
खैर, कुछ ही देर में आंटी ब्रा और पैंटी में थीं और मैं पूरा नंगा था..
मेरा लंड देख कर, आंटी बोलीं – वाह यार, राजू… तेरा तो काफ़ी मोटा है… और ये सुनते ही, मुझसे रहा ना गया और मैं उनके को किस करने लगा और बेड पे लिटा दिया और ब्रा क अंदर हाथ डाल कर, मम्मे दबाने लगा..
पहली बार, मैने नंगे दूध पर हाथ लगाया था और मुझे हर पल ऐसा लग रहा था की मैं झड़ पड़ूँगा..
आंटी भी दूध पर हाथ लगते ही – इनयः याहह ह ह ह ह ह… उन्हम म म म म म… इस्स स स स स स स स स स स sss ss… करने लगीं और मैंने उनकी ब्रा निकाल दी..
उनके मम्मे देख के तो मैं दंग रह गया..
वाह!! क्या बूब थे..
एक दम गोरे और उस पर गुलाबी निप्पल..
मुझसे रहा ना गया और मैं उनके निप्पल चूसने लगा और एक मम्मे को दबाने लगा..
बदहवासी में, मैने उनके निप्पल पर काट लिया तो आंटी चिल्ला पड़ीं – उफ्फ फ फ फ फ फ याह: धीरे…
फिर मैं उनकी टुंडी पे किस करने लगा..
कुछ देर उनके दूध, टुंडी और पेट को हवसी जैसे चूमने चाटने के बाद, मैं उनकी चूत को पैंटी के ऊपर से रगड़ने लगा..
मैं उनकी चूत की खुशबु को सूंघ कर, बहुत खुश था और मुझसे रहा ना गया और मैंने उनकी पैंटी उतार दी..
जैसे ही उनकी नंगी चूत मेरे सामने आई, मेरा संयम टूट गया और मेरे लंड ने मूठ निकाल दिया..
मेरे लंड से तब झटके मार मार के, इतना गाड़ा और इतना ज़्यादा मूठ निकला.. जितना, आज तक कभी नहीं निकला था..
पर ताजुब इस बात का था की निकलने के बाद भी मेरा आधा लंड खड़ा रहा और मैं उनकी चूत एकटक देखने लगा..
उनकी चूत थोड़ी सी साँवली थी, पर एकदम सॉफ..
उस पर, एक भी बाल नहीं था..
मेरी उनकी चूत से, नज़रें ही नहीं हट रही थीं..
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तभी आंटी बोलीं – बड़ी देर कंट्रोल कर लिया, राजू… चिंता मत करो, पहली बार में ऐसा ही होता है… पर, रुक क्यों गए… चालू रखो, अपनी चूमा चाटी…
मैं बोला – हाँ!! आंटी… पहली बार, देख रहा हूँ… जी भर के देख तो लेने दो…
मैं उनकी चूत पे पहले किस करना लगा और फिर जीभ डाल कर, खूब ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा..
आंटी बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ ले रहीं थीं – उन्हममम मम म म म म म म म म म म… इस्स सस स स स स स स स स स स… आह आ आ आ आहह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… इन्यह ह ह ह ह ह… या या या आया आया या आ हा… ज़ोर से चूसो, राजू… अन्म उन्ह म्म… शाबाश… हाँ हाँ हाँ… उफ्फ फ फ फ… और चूसो… और, मेरा सिर अपनी चूत में लगातार दबा रही थीं..
वाह, क्या टेस्ट था उनकी चूत का..
मज़ा आ गया था, तभी आंटी बोलीं – आँह… इस्स… उन्हम म्म… मैं आ रही हूँ…
तभी आंटी बोलीं – पीएगा राजू, मेरा पानी…
मैने कहा – हाँ आंटी, पिलाओ ना… और उन्होने मेरा सिर बहुत ज़ोर से अपनी चूत में दबा दिया और मैं उनका पूरा रस पी गया..
फिर, वो बोलीं – तुमने तो मेरी चूत चूस के, आज मुझे खुश कर दिया…
मेरी चूत, आज किसी ने पहली बार चूसी है..
तभी मैंने कहा – आंटी, अब आपकी बारी… और, मैने अपना लंड उनके मुंह में दे दिया और उन्होने भी खूब चूसा और मैं उनके मुंह में ही झड़ गया..
थोड़ी देर, हम ऐसे ही लेटे रहे..
फिर, हम एक दूसरे को किस करने लगे और कुछ ही देर में, हम 69 की पोज़िशन मे आ गये..
थोड़ी देर बाद, मैंने उनसे पूछा – आंटी, आपके यहाँ आइसक्रीम है क्या…
वो बोलीं – आइस क्रीम का क्या करोगे…
तो मैंने बोला – बताओ ना…
वो बोलीं – किचिन में फ़्रीज़ में होगी…
मैं तुरंत जा कर, किचिन से आइस क्रीम लाया और उनकी टुंडी पर रख कर, उसे चूसने लगा..
आंटी बोलीं – वाह, मेरे राजा… क्या स्टाइल है… मज़ा आ गया… अन्म उन्हम्म… राजू और…
फिर मैंने आइस क्रीम, उनकी चूत में डाली तो आंटी कप कपा उठी और बोलीं – फूह ह ह ह ह ह…
मैंने उनकी चूत चूसना शुरू किया तो वो मेरा सिर, अपनी चूत में दबाने लगीं और कहने लगीं – उफ्फ फ्फ राजू… मार डाल, मुझे आज… आह आह आह आह आह आह… इयाः इयह उःम उन्म हम्म म म म म म…
फिर मैंने उनकी लीप किस करने लगा..
हम एक दूसरे के होंठ ज़ोर से चूस रहे थे..
अब मैंने उनकी चूत पे अपना लंड रगड़ा तो आंटी बोलीं – रुक… ऐसे नहीं… पहले, कंडोम पहन…
मैं बोला – नहीं आंटी… ये मेरा पहली बार है, इसलिए मैं ऐसे ही करूँगा…

आंटी बोलीं – नहीं राजू… रूको… बिना कंडोम के करने से, हम दोनों को बहुत प्रोबलम हो सकती है…
वो कहती रहीं और इधर, मैंने अपना लंड चूत पे रख कर धक्का लगा दिया..
वो फिसल गया..
ऐसा, तीन चार बार हुआ..
आंटी बोलीं – आराम से, राजू… और मेरा लंड पकड़ कर उन्होने अपनी चूत के छेद पर रखकर कहा – भाड़ में गया, कंडोम… देखेंगें, जो होगा… चल, अब डाल…
अब जब मैंने धक्का मारा तो मेरा सिर्फ़ लंड का टोपा अंदर गया और आंटी चीख पड़ीं – आँह माआ हह… आराम से राजू…
और मैंने फिर एक धक्का मारा तो और थोड़ा लंड अंदर गया और आंटी और ज़ोर से चीखी – इनहया याः इया या या या या या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह….
फिर मैंने और एक धक्का दिया तो लंड पूरा चूत के अंदर था और इस बार आंटी बोलीं – मर र र र र र गई ई ई ई ई ई… तेरा तो सच में राजू जैसा है… अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः…
अब मैं आंटी क ऊपर लेट गया और उनके लिप्स को.चूसने लगा और दूध दबाने लगा और जब आंटी का दर्द शांत हुआ तो मैं फिर से शॉट लगाने लगा..
आंटी – आ आह ह आह आ आ आ ह ह ह आह आ आ आह ह ह ह… म्न्ह मन्ह मर गयइ… आराम से राजू… और चोद… और चोद… फाड़ दे, मेरी आज… अहहहाहा आह अह आ आ अहहा… इयै याया आ आ या अय हेया… और तेज़ और तेज़… ज़ोर से, और ज़ोर से… शाबाश शाबाश शाबाश… अहहहः अएआएआएआए… चोद चोद चोद चोद चोद चो द द द द दहस s s s…
आंटी के मुँह से चूत और चोद जैसे शब्द सुनने से, मैं 5-7 मिनट तक चोदने के बाद, बिना कंडोम के आंटी के अंदर ही झड़ गया..
फिर, मैं आंटी को एक लीप किस करके, उनके बगल में लेट गया और ना जाने कब, हम सो गये..
आंटी ने मुझे लगभग 12:50 पे उठाया तो मैंने उन्हें बाहों में भरा और पूछा – आंटी, मैं आपको कैसा लगा…
उन्होंने कहा – बेहतरीन, मेरे राजा… ऐसा लगा ही नहीं, तू अपनी नथ उतरवा रहा है… मुझे तो लगा तू मेरी नथ उतार रहा है…
मैं बहुत खुश हो गया और उनके बेड पे लिटा कर किस करने लगा और उनके मम्मे दबाने लगा तो वो बोलीं – नहीं, राजू अब नहीं… अब बस… बाकी बाद में, मेरी बेटी स्कूल से आती ही होगी…
मैं उठा और पूछा – आंटी, आपको मज़ा आया… मतलब, अब मैं आपको कभी भी च.. चा.. (चोद) सकता हूँ…
वो ज़ोर से हंसते हुए, बोलीं – वाह राजा… तू तो बहुत चालू निकला… हाँ!! मुझे भी तेरा लंड पसंद आया… पर जब हम अकेले हो तब ही… और पढ़ाई भी ऐसे ही करनी पड़ेगी…
मैं बहुत खुश हो गया पर मुझे उम्मीद नहीं थी की आंटी इतनी आसानी से चूत और लंड बोलती होगीं..
खैर, मैंने उनको एक स्वीट लीप किस दी और चला गया..
आंटी के साथ चुदाई करने के बाद, मैं अपने घर आ गया और जब मैं अपने घर आया तो बहुत थक चुका था.. इसलिए, मैं सो गया..
पिछली रात, मैंने 4 बार मूठ मारा था और पिछले कुछ घंटों में मेरा 3 बार निकला था..
एक बार तो सिर्फ़ आंटी की चूत देख कर, एक बार उनके मुँह में और एक बार आंटी की चूत में..
सही पूछिए तो, मैं इतना थक गया था की मुझे बेहोशी जैसी आ रही थी..
खैर, फिर शाम को जब मैं उठा तो फ्रेश हो कर छत पर वॉक करने लगा.. तभी, आंटी का कॉल आया तो आंटी ने पूछा – कैसा है, मेरा राजू…
मैंने कहा – बस आंटी, अभी भी यही सोच रहा हूँ की मैंने आपको सच में चोदा है या ये सपना था…
आंटी ज़ोर से हंस पड़ीं और बोलीं – राज बाबू, इतने मज़े लूटे और अब कह रहे हो की सपना है…
और हम दोनों ही हंस पड़े..
फिर मैंने पूछा – आंटी, अगला खेल कब खेलेंगें…
आंटी – अभी नहीं, राजू… अंकल की कल से नाइट ड्यूटी है तो अब जल्दी मौका नहीं मिलेगा…
और मैं उदास हो गया तो आंटी बोलीं – आज ही तो चोदा है, मेरे राजा… अब थोडा सब्र कर ले…
मैं – नहीं आंटी… सब्र ही तो नहीं होता… मुझे तो हर जगह आपकी ही गुलाबी चूत और निप्पल दिखाई दे रहे हैं… मेरा तो खड़े खड़े अब (लण्ड) दुखने लगा है…
आंटी – चल हट… रखती हूँ… बाय…
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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jay
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

Post by jay »


इधर, मैं तो आंटी को चोदने की लिए बुरी तरह तड़प रहा था..
आंटी जब भी दिखतीं, उनको पकड़ कर चोद डालने का मन करता था..
फिर उन्हीं दिनों, आंटी मेरे घर आईं और मम्मी से बातें करने लगीं..
तभी मम्मी को कोई और भी मिलने आ गया और मम्मी बाहर चली गईं..
मैंने मौका देखा और आंटी को अपने रूम में ले आया..
मैं – अब कहाँ जाओगी बच कर, आंटी जान…
आंटी – राज छोड़ो… कोई देख लेगा…
मैं कहाँ आंटी की सुनने वाला था..
मैंने आंटी को लीप पर, कस कर किस करने लगा और ज़ोर से मम्मे दबाने लगा..
वाह यार, क्या मज़ा आ रहा था.. इतने दिन बाद तो मौका मिला था..
तभी आंटी ने किस करना बंद किया और बोलीं – आराम से राजू… मुझे पता है तुम प्यासे हो, पर आराम से करो…
मैंने सॉरी बोला और फिर शुरू हो गया..
आंटी फिर सिसकारियाँ भरने लगीं – आहsss आहsss अहहहाहा आह अह आ आ अहहा… इयै याया आ आ या अय हेया… आह आह अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः आह… आराम से राजू… आ आ आ आ s s s s s s s s s… इनहया याः इया या या या या या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… और फिर मम्मी ने आवाज़ दी तो आंटी चली गईं..
मैं तुरंत अपने कमरे का दरवाजा लॉक करके, मूठ मारने लगा और उस दिन फिर से मैंने तीन बार मूठ मारी..

शाम को आंटी का कॉल आया तो आंटी ने पूछा – क्यूँ राजू… कितनी मूठ मारी, आज…
मैं थोडा शरमा गया और बोला – क्या करूँ, आंटी… मैं चुदाई के लिए, तड़प रहा था…
तभी आंटी बोलीं – चल, ठीक है… कल 1 बजे, घर आना… मेरे पास तेरे लिए सरप्राइज है…
तो मैंने पूछा – सही में… बताओ ना, क्या है…
वो बोलीं – बोला ना… अभी नहीं, कल…
अब मैं सोच सोच कर, पागल हो रहा था की क्या सरप्राइज है..
फिर जब मैं उनके घर गया तो मैंने देखा की वो एकदम अकेली थीं और घर पर कोई नहीं था..
मैंने पूछा – आंटी, भैया कहाँ है…
तो वो बोलीं – वो, स्कूल गये हैं… 15-20 मिनट में आएँगे…
ये सुनते ही, मैं समझ गया की क्या सर्प्राइज़ है और मैंने आंटी को अपनी तरफ खींचा और बाहों में ले कर बोला – सर्प्राइज़ तो, बड़ा मस्त है…
वो बोलीं – तुझे पसन्द आया ना… लेकिन, अभी सिर्फ़ मम्मे तक ही क्यूंकि चोदने के लिए टाइम नहीं है…
मैंने बोला – ठीक है… और उन्हें बेड पे गिरा दिया..
आंटी – ओउच!! आराम से, राजू…
ये राजू सुनते ही, मुझे फिर से जोश आ गया और मैंने अपनी टी शर्ट निकाल कर उनके ऊपर आ गया और उन्हें लीप किस करने लगा और मम्मे दबाने लगा..
और फिर मैंने आंटी के सूट में हाथ डाल कर, ब्रा खोल दी और उनके मम्मे के निप्पल को जैसे ही छुआ तो मानो जैसे एक नया जोश आ गया हो..
मैंने निप्पल को कस के मसला तो आंटी चीख पड़ीं – आँहम्ह… मर गयइ… आराम से…
मुझसे रहा ना गया और मैंने उनका सूट और ब्रा उतार दी और उनके मम्मे देख कर तो पागल सा हो गया..
ऐसा लग रहा था की मैं उन्हें पहली बार देख रहा हूँ..
अब आंटी बोलीं – ऐसे क्या देख रहा है… पहली बार देख रहा है, क्या…
मैं हंस पड़ा और आंटी पे टूट पड़ा..
मेरे मुंह में आंटी का एक बूब था और दूसरे को हाथ से दबा रहा था..
आंटी – आह हह आ आ आ आह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आह उंह ह ह ह ह आह इहह स स ह ह राजू..
तभी मैंने उनकी निप्पल को काट लिया तो आंटी चीख पड़ीं – आँह ह ह ह ह आ आ हह आ हुम्म आ आ आ आ…
मैंने उनके मुंह पे हाथ रखा और लीप किस करने लगा..
तभी अंकल की बायक का हॉर्न सुना तो हमने अपने कपड़े पहने लिए और अलग बैठ गये और मैं अंकल से नमस्ते बोल कर वहां से चला आया..
फिर घर पर आ कर, आंटी के नाम की मूठ मारने लगा..
मूठ क्या मारी, एक दो बार हिलाया और अपने आप ही निकल गया..
दिन यून्हीं निकलने लगे और इसी तरह आंटी के बारे में सोच सोच कर, मैं उन्हें चोदने के लिए तड़पने लगा.

ऐसा करते करते, एक महीना हो गया जब मैंने पहली बार आंटी को चोदा था..
आप में से बहुत से लोग समझते होगें की किसी को पहली बार चोदने के बाद दूसरी बार चोदने की जो तड़प होती है, वो साली मिटती ही नहीं है..
लेकिन, मेरी ये तड़प जल्दी ही मिट जाने वाली थी.. उसके कुछ ही दिन बाद, दोपहर को आंटी का कॉल आया..
मैं – हैलो, आंटी जान…
आंटी – क्या कर रहे हो, राज बाबू…
मैं – कुछ नहीं आंटी, अपनी किस्मत को कोस रहा हूँ…
आंटी – क्यों…
मैं – मेरे सामने मस्त वाली मिठाई है पर खाने का मौका नहीं मिल पा रहा… अब आप ही बताओ, मैं क्या करूँ…
आंटी – तू मुझे मिठाई बोल रहा है, रे…
मैं – अरे वाह!! आंटी, आप तो बहुत समझदार हो…
आंटी – वो तो, मैं हूँ…
मैं – आंटी मेरा (लण्ड) फट जाएगा… प्लीज, कुछ करो ना…
आंटी – अरे बाबा!! इसलिए तो कॉल किया है… सुन…
मैं – बोलो, बोलो…
आंटी – मेरी पूरा परिवार, कल रात को 2 दिन के लिए बाहर जा रहा है… शादी में… बस मैं और मेरी बेटी रुक रहे है क्यूंकि उसकी परीक्षा है… सो, तू अपना गुबारा फटने से बचा सकता है… पर हाँ, सिर्फ़ दिन में…
मैं – आंटी, क्या कह रही हो आप… आपने तो मुझे खुश कर दिया… ओह आंटी, आप बहुत अच्छी हो…
आंटी – चल, अब ज़्यादा खुश मत हो… रेडी हो जा, सेकेंड इनिंग के लिए…
मैं – अरे, मैं तो हमेशा ही रेडी रहता हूँ आंटी… पर आंटी, मेरी एक ख्वाहिश है…
आंटी – क्या…
मैं – आंटी, हम सिर्फ़ दिन में ही कर पाएँगे और मैं आपको एक बार, रात भर चोदना चाहता हूँ…
आंटी – बाप रे, रात भर… मैं तो मर ही जाउंगी…
मैं – आंटी, प्लीज कुछ करो ना… मेरी प्यारी आंटी…
आंटी – चल, अब मखन मत लगा… अच्छा कुछ सोचती हूँ… बाय…
मैं – बाय, आंटी…
ये खबर सुनकर तो मैं फूला नहीं समा रहा था..
मैं बहुत ज़्यादा खुश था की मेरा इंतज़ार ख़त्म हुआ..
फिर, अगले दिन दोपहर को आंटी मेरे घर पर आईं और मम्मी से कुछ बात करके चली गईं..
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था..
खैर, उसके थोड़े देर बाद आंटी का कॉल आया..
आंटी – रेडी हो जा, मेरे राजू…
मैं – किस के लिए, आंटी…
आंटी – अरे, अपनी ख्वाहिश पूरी करने के लिए…
मैं – मतलब्…
आंटी – मैंने तेरी मम्मी से बात कर ली है की मैं अकेली हूँ और राज को मेरे यहाँ सोने भेज देना…
मैं – क्या कह रही हो, आंटी… ओह आंटी, आपकी जितनी तारीफ़ करूँ, कम है…
आंटी – हाँ हाँ, ठीक है…
मैं – आंटी, मैं आज अपनी सुहाग रात मानना चाहता हूँ…
आंटी – मतलब…
मैं – मतलब, आप बिल्कुल दुल्हन की तरह तैयार होना, प्लीज़… मैं बेड सज़ा दूँगा और आप मेरे लिए दूध भी बना लेना…
आंटी – वाह राजू, तू तो बिना शादी के ही सुहाग रात के मज़े लेना चाहता है…
मैं – आंटी, प्लीज मना मत करना, प्लीज…
आंटी – अच्छा, ठीक है… पर यार, मेरी बेटी भी तो है…
मैं – आप उसे जल्दी सुला कर, दूसरे कमरे में लेटा देना…
आंटी – मैं तो परेशान हो गई हूँ, तेरी ख़्वाहिशों से… चल अब, बाय…
मैं – ओह!! आंटी, आप कितनी प्यारी हो… बाय बाय…
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