आंटी के साथ मस्तियाँ

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jay
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

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फिर हमने शॉपिंग की और उसके बाद आंटी बोलीं – तुम यहीं माल में थोड़ी देर घूम लो… मैं ब्यूटी पार्लर हो कर आती हूँ…
मैं बोला – पर आंटी, अचानक क्यों…
आंटी बोलीं – आज की रात, रंगीन बनानी है ना…
मैं भी हंस दिया और बोला – ठीक है, आंटी…
फिर मैं वहीं माल में, घूमने लगा..
करीब 2 घंटे बाद, आंटी आईं..
मैं तो उन्हें देखता ही रह गया…
क्या पटाखा लग रही थीं, दोस्तो…
आंटी जब मेरे पास आईं, तो बोलीं – सब्र करो… मुंह मे पानी आ रहा है, तुम्हारे… साफ दिख रहा है…
फिर हमने साथ में वहीं फूड प्लाज़ा में डिनर किया और हम रात के करीब 11 बजे, होटल वापस आ गये..
मुझसे सब्र नहीं हो रही थी तो मैंने डोर लॉक किया और आंटी के हाथ से शॉपिंग बैग ले कर, बिस्तर पर फेंक दिए और उन्हें किस करने लगा..
मैं उनके बालों से खेलने लगा और हमारी जीभ आपस में मिलने लगी..
मैं उनके सूट के ऊपर से ही, मम्मे दबाने लगा था..
आंटी की साँसें तेज़ होने लगीं थीं और उन्होंने मुझे धक्का दिया और बेड पे गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर आ कर, मुझे किस करने लगीं..
फिर आंटी ने, मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लण्ड को जीभ से चाटने लगीं..
अब मुझसे रहा ना गया और मैंने अपना लण्ड, उनके मुंह मे डाल दिया और उनका सिर दबाने लगा..
आंटी लण्ड को, ज़ोर ज़ोर से चूसे जा रही थीं और थोड़ी देर बाद, मैं झड़ गया..

फिर, मैं आंटी के ऊपर आ गया और उन्हें किस करने लगा..
उनके चेहरे और गले पर.. और, उनके मम्मे दबाने लगा और उनका सूट उठाने लगा..
आंटी ने अपने हाथ ऊपर कर दिए तो सूट आसानी से निकल गया और मैं उनके ब्रा के ऊपर से ही, मम्मे मुंह में लेने लगा..
फिर अपना हाथ पीछे ले जा कर, उनकी ब्रा खोल दी..
एक दम से ऐसा लगा, जैसे कोई पंछी आज़ाद हो गया हो..
मैं ने उनकी ब्रा भी हटा दी और उनकी निप्पल और सर्कल पे जीभ फेरने लगा..
आंटी की साँसे बहुत तेज़ होने लगीं और आंटी आवाज़े निकालने लगीं – राजू ह ह ह ह ह s s s s s s s s s… आह आँह… फूह यान्ह… आ आ आ आ आ आ आ आ उंह… इयान्ह ह ह ह ह ह आह आ आ आ आह ह हा… उफ्फ मा ह उंह आह… आराम से, राजू…
मैं पूरी हैवानियत से, उनके मम्मे चूसने लगा और एक मम्मे को दबाने लगा..
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Post by jay »


मैंने उनके निप्पल को काटा तो आंटी चीखी – अन्म आह इस्स… आह आह अहहहाहा आह अह आ आ अहहा… इयै याया आ आ या अय हेया… आह आह अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः आह… राजू s s s s s… आ आ आ आ स स स स स स स स स… इनहया याः इया या या या या या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… उई माआअ…
इसके बाद, मैं उनकी टुंडी पे किस करने लगा और उनकी सलवार भी उतार दी और चूत को पैंटी के ऊपर से रगड़ने लगा..
मैं उनकी चूत की खुशबु को सूंघ कर, बहुत मदहोश हो रहा था..
मुझसे रहा ना गया और मैंने उनकी पैंटी उतार दी..
मैं उनकी चूत पे किस कर ने लगा और जीभ डाल कर, खूब चूसने लगा..
आंटी ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थीं – राजू र र र र र… माँ की चूत त त त त त त… उन्हम्म… और चाट राजू और चाट… खा जा, मेरी चूत… बहन चोद द द द द द द… और, मेरा सिर अपनी चूत मे दबा रही थीं.
मुझे मज़ा आ रहा था..

तभी आंटी बोलीं – मैं झड़ रही हूँ… और, मैं उनका पूरा रस पी गया..

थोड़ी देर बाद, हम 69 की पोज़िशन में आ गये और फिर से मैं उनकी चूत चाटने लगा..
आंटी मेरा सिर, अपनी चूत में दबाने लगीं और बिल्कुल ही मदहोश होकर, कहने लगीं – मादर चोद द द द द द स स स स स स स… ज़ोर से चाट… आह माहम… राजू स स स स स… हाँ हाँ हाँ… रंडी बना दे राजू, मुझे… छीनाल बना के चोद, मेरी चुड़दकड़ चूत को… उन्हई… या… रंडी है तेरी आंटी, राजू स स स… 100 से ज़्यादा लंड लिए हैं, मेरी चूत ने…
ये सब सुन कर मुझ इतना मज़ा आ रहा था की पूछो ही मत…
आंटी मेरा लण्ड, हाथ से मसल रही थीं…
इसके बाद, मैंने अपना लण्ड चूत पे रख कर धक्का लगाया तो वो फिसल गया..
आंटी की चूत इस बार काफ़ी गीली थीं..
आंटी बोलीं – चोद अपनी आंटी की चूत, जैसे “आख़िरी बार” चोद रहा हो…
मुझे जोश आ गया और मैंने जब दूसरा धक्का मारा तो मेरा सिर्फ़ आधा लण्ड अंदर गया और आंटी चीख पड़ीं – हाआआआआ… कर ले हरामी, तुझे जो करना है… सारी तमन्ना पूरी कर ले, आज… जैसे चोदना है, चोद… मैं कुछ नहीं बोलूँगी…
और, मैंने दूसरा धक्का भी पूरे ज़ोर से मारा..
लण्ड पूरा चूत के अंदर था..
आंटी चीखीं – तेरी माँ का भोसड़ा, बहन के लौड़े… अहहहाहा…
फिर आंटी बोलीं – उन्म ह ह ह ह ह… राजू स स स, तूने किसी और की चूत चोदी है… इस्स आइन्या आ आ आ आ आ आ…
मैंने कहा – नहीं स स स स स, आंटी स स स स स…
और फिर मैं ज़ोर ज़ोर से, शॉट लगाने लगा..
आंटी बोलीं – आह आह आह… किसी को नंगी भी नहीं देखा… और चोद… और चोद… फाड़ दे, मेरी आज.. अहहहाहा… अहहा… और तेज़… और तेज़… अहहहः आइयाह… बोल ना, भोसड़ी के…
मैंने कहा – नहीं आंटी स स स… आ ह्मः या या या… आपके सिवा, मैंने किसी को नंगा नहीं देखा… आप किस किस से चुदी हो आंटी, बताओ ना अहमह…
आंटी बोलीं – बहुतों से… आ ह आ ह आ ह आ ह ऊ ऊ ऊ ऊ… आ ह आ ह आ आ आअशह इश् इस्स इयाः म्म ह ह ह ह ह स स स स स…
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

Post by jay »


मुझे इन बातों में, बहुत ही मज़ा आ रहा था..
आअ हुम… अच्छे से बताओ ना, आंटी कितनों से आअ आ आ आहह… – मैंने कहा..
मर र र र र र गई ई ई ई ई ई… या ह्मह, भोसड़ी के… 100 से ज़्यादा से चुदी हूँ… अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः… एक बार में तीन तीन से चुदी हूँ… – आंटी बोलीं..
क्या मज़ा आ रहा था, ऐसी बातों में मैं बयां नहीं कर सकता..
पूरा कमरा, “फ़च फ़च” की आवाज़ से गूँज रहा था..
मैं ये सब सुनकर, कंट्रोल नहीं कर पाया और तभी आंटी के अंदर ही बहुत ज़ोर से झड़ गया…
निढाल होकर, मैं उनके बगल में लेट गया..
जब मुझे कुछ होश आया तो मैंने आंटी से पूछा – आंटी, सही में आप एक बार में 3-3 लोगों से चुदी हो…
आंटी बोलीं – राजा, ये बातें चुदाई के वक़्त करने से जितना मज़ा देती है उसके बाद करने से, उतनी ही अजीब लगती हैं…
मैंने कहा – हाँ आंटी… ये बात तो आप, सही कर रही हो…

थोड़ी देर हँसी ठिठोली करने के बाद, मैं फिर से उनकी चूत चाटने लगा और आंटी भी मेरा लण्ड मुंह में लेने लगीं..
फिर, वो मेरे ऊपर आईं और मेरा लण्ड खुद ही अपनी चूत में एक ही झटके में डाल लिया और बहुत ही तेज़ी से ऊपर नीचे होने लगीं..
मैं उनके मम्मे दबाने लगा और आंटी के पूरे बदन को चाटने लगा..
आंटी सिसकारी लेने लगीं और फिर बड़बड़ाने लगीं..
फिर मैंने आंटी को सीधा किया और उनके दोनों पैर अपने कंधो पे रखे और अपना लण्ड उनकी गाण्ड पे रखा..
एक ज़ोर का धक्का दिया तो लण्ड पूरा का पूरा समा गया था, उनकी गाण्ड में…
उस रात, आंटी को मैंने 4 बार चोदा..
हम सुबह, 4 बजे सोए..
सुबह 10 बजे, हमें शिमला के लिए निकलना था..
फिर, सुबह 8 बजे, आंटी ने मुझे उठाया..
हम दोनों बेड मे ही लेटे थे, बिना कपड़ो के…
आंटी बोलीं – राज उठो… हमें निकलना है…
मैं उठते ही, उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा तो आंटी बोलीं – बस अब…
मैं बोला – बस आंटी, आख़िरी बार…
मैं आंटी को तुरंत किस करने लगा और मम्मे दबाने लगा..
फिर, मैं उनकी चूत चाटने लगा और आंटी मेरा लण्ड चूसने लगीं..
कुछ ही देर में, हम झड़ गये..

फिर कुछ देर बाद, मैं उठा और उनकी चूत पर लण्ड रखा और एक झटके में पूरी ताक़त से लण्ड अंदर डाल दिया..
कसम से, आंटी बहुत ज़ोर से चीखीं – अहहहाहा… अहहा…
आंटी का दर्द शांत होने पर, मैंने शॉट लगाने शुरू कर दिए और आंटी भी मेरा साथ देने लगी..
थोड़ी देर बाद, मैंने उनकी गाण्ड मारी..
फिर हम तैयार होकर, कार से वापस शिमला आ गये..
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

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जब हम शिमला पहुंचने वाले थे, आंटी ने पूछा – कैसा लगा, राजू…
मैं बोला – मज़ा आ गया, आंटी…
आंटी बोलीं – आना भी चाहिए था… क्यूंकी ये आख़िरी बार था…
मैने कहा – क्यूँ आंटी…
आंटी बोलीं – क्यूँ, क्या, कैसे, इसका कोई मतलब नहीं है आंटी… तुम कभी ना कभी, मुझे ज़रूर फसा दोगे… मैने तुम्हें पहले भी बताया है की मुझे चुदाई पसंद है, बहुत ज़्यादा पसंद है पर मुझे जिंदगी अपने पति के साथ बिताना है… बुडापे में मेरा पति, मेरा परिवार, मेरी देख भाल करेगा राजू… तेरा लंड नहीं…
मैं – नहीं आंटी… मैं नहीं फँसाउँगा आपको…
आंटी – बहुत मौके दे चुकी मैं तुझे, राजू… अब इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है…
मैं – आंटी, मैं वादा करता हूँ…
आंटी – नहीं राजू, मैं वादा करती हूँ की अब अगर तूने मुझे शिमला पहुंचने के बाद परेशान किया तो मैं तो मैं ना केवल तेरे भैया को बता दूँगी की तू मुझ पर गंदी नज़र रखता है, बल्कि तेरी मां को भी ये बोल दूँगी की तूने चंडीगढ़ में मेरा बलात्कार करने की कोशिश की… तू मरने का नाटक कर या तुझे जो करना है, अब कर… मुझे कोई मतलब नहीं… तेरे जाने का मुझे अफ़सोस ज़रूर रहेगा क्यूंकी तेरा लंड मुझे पसंद था पर लाख बार समझाने पर भी तू नहीं समझा… खैर… अब हमारे रास्ते अलग हैं…
इतने में हमारी गाड़ी शिमला के होटेल पहुँच गई और आंटी उतर गईं..
शिमला से वापस आने के बाद, आंटी ने आज तक मुझ से कभी दुबारा बात नहीं की..
ना जाने, आंटी ने मेरी माँ से क्या कहा की मैं अब अगर आंटी के घर के पास से भी निकल जाता हूँ तो माँ मेरी जबरदस्त पिटाई लगा देती हैं..
मोहल्ले की कोई आंटी भी अब मुझसे सीधे मुँह बात नहीं करती पर आज भी मैं, आंटी को दिल से चाहता हूँ..
समाप्त.. .. ..
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भाइयो कहानी समाप्त हो चुकी है अब आपके विचार जानने की इच्छा है
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