आंटी के साथ मस्तियाँ

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jay
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

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पहले धीरे धीरे और फिर, सब भूल कर मैं अपनी ही मूत में सनी आंटी की चूत को खूब तेज़ी से चाटने लगा और करीब 5 मिनट चूसने के बाद, आंटी उठीं और मुझे धक्का देकर सीधा किया और सीधे मेरे मुँह पर आकर बैठ गईं..
इसके पहले मैं कुछ समझ पता आंटी ने एक हाथ से मेरा मुँह खोला और सीधे मेरे मुँह के अंदर मूतने लगीं..
आंटी की मूत बहुत गरम थी और सीधे मेरे गले तक जा रही थी, मैं मुँह हिलना चाहता पर आंटी मेरे होंठों के ऊपर ही अपनी चूत लेकर बैठीं थीं..
चाह कर भी, मैं मुँह ज़रा सा भी नहीं हिला पा रहा था..
लगभग 2 मिनट तक, आंटी की गरम गरम मूत सीधे मेरे मुँह से मेरे गले तक जा रही थी..
जब आंटी की टंकी खाली हुई तो वो बहुत ज़ोर से अपनी चूत मेरे होंठों पर और मुँह पर रगड़ने लगीं और बोलीं – इयाहह… मैं आ रही हूँ… इनयः याहह ह ह ह ह ह… उन्हम म म म म म… इस्स स स स स स स स स स स सस्स स.. उन्हममम मम म म म म म म म म म म… इस्स सस स स स स स स स स स स… आह आ आ आ आहह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… इन्यह ह ह ह ह ह… या या या आया आया या आ हा… ज़ोर से चूसो, राजू… अन्म उन्ह म्म… शाबाश… हाँ हाँ हाँ… उफ्फ फ फ फ… और चूसो… और, और ज़ोर से मुझे अपनी चूत चाटने लगीं..
जैसे ही, आंटी झड़ी तो मेरा पूरा मुंह फिर से उनके रस से भर गया..
फिर आंटी मेरे चेहरे से उठ गईं और मेरे ऊपर लेट गईं..

मुझे बड़ी मुश्किल से साँस आ रही थी..
आंटी की मूत से मेरा पूरा गला, जल सा रहा था..
पर सच कहूँ तो फिर भी मुझे मज़ा आया था..
खैर, आंटी अब मेरे पूरे जिस्म को चाटने लगीं और कुछ ही देर में, मेरे गले से मेरे लण्ड पर आ गईं और उसे मुंह में ले लिया और खूब ज़ोर ज़ोर से चाटने लगीं और करीब 2-4 मिनट आंटी के चूसने में ही मैं झड़ गया..
आंटी ने मेरा कुछ रस मुँह में ले लिया और बाकी अपने चुचों पर मल लिया..
फिर मेरा रस अपने होंठों पर लाकर, आंटी मुझे लीप किस करने लगीं और उनके मुँह में भरा पूरा रस मेरे मुँह में उड़ेलने लगीं..
इसके बाद हम थोड़ी देर, ऐसे ही लेटे रहे और बात करते रहे..
मैंने आंटी से कहा – आंटी, ऐसा लग रहा है रेप तो आप मेरा कर रहीं थीं..
आंटी हंसने लगीं और बोलीं – क्यूँ… मज़ा नहीं आया…
फिर वो बोलीं – बच्चू, औरत अपनी पे आए तो बड़े से बड़े मर्द को पानी पीला दे… तू तो फिर भी अभी छोटा है… और, आंटी मेरे लण्ड को फिर से हिलाने लगीं..
इतनी थकान के बाद भी वो फिर खड़ा हो गया और मैं भी उनको किस करने लगा और उनके मम्मे दबाने लगा..
वो ज़ोर ज़ोर से, मेरे लण्ड को मसलने लगीं..
फिर, मैं बोला – आंटी, आज मैं भी आपकी तरह कुछ नया करता हूँ और मैं उनके पेट के ऊपर आ गया और कहा – आज, आपके मम्मे चोदता हूँ…
इस पर वो बोलीं – दो छेद कम थे, जो तीसरा खुद बना लिया…
मैं बोला – आंटी, अब आप देखती जाओ बस…
वो बोलीं – ठीक है… देखते हैं…
आंटी ने खुद ही अपने चुचों को दबा लिया और मैंने अपना लण्ड उनके मम्मे की बीच की दरार में डाला और रगड़ने लगा..
सच में यार, क्या मज़ा आ रहा था..
उनके मम्मे “आइसक्रीम” की तरह, मुलायम थे..
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

Post by jay »


करीब 5-7 मिनट रगड़ने के बाद, मैं आने वाला था तो मैंने कहा – आंटी अब आप मुंह खोलो… मैं आ रहा हूँ…
लेकिन, आंटी तब तक मुँह नहीं खोल पाईं और मैंने उनके चेहरे पर अपना सारा माल गिरा दिया..
फिर आंटी उठीं और उन्होंने मेरे लण्ड ही चाट चाट कर साफ कर दिया..
हम फिर से लेट गये और आंटी उनके चेहरे पर गिरे मेरे माल से अपने चेहरे का मसाज करने लगीं..
इसके बाद, मुझ में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं बची थी..

अब मुझे चक्कर से आने लगे थे पर थोड़ी ही देर में, आंटी मेरा लण्ड सहलाने लगीं..
इस बार बहुत देर तक मेरा लण्ड खड़ा नहीं हुआ तो आंटी फिर से मेरी गाण्ड की दरार में, उंगलियाँ फिराने लगीं..
गाण्ड के छेद पर आंटी की नरम मुलायम उंगलियाँ लगते ही ना जाने क्या हुआ की मेरा लण्ड अपने आप आंटी को सलामी देने लगा और फिर मैं भी उनकी पीठ चूमने और चाटने लगा..
फिर, हम 69 की पोज़िशन में आ गये और आंटी मेरा लण्ड मुंह में लेने लगीं और मैं भी उनकी चूत में उंगली करने लगा..
अब फिर से आंटी की आवाज़े आने लगीं थीं – आँह… इस्स… उन्हम म्म…
फिर मैंने एक उंगली और डाल दी और अपनी स्पीड बढ़ा दी..
कुछ ही देर में, मैंने अपनी सारी उंगलियाँ आंटी की चूत में डाल दी और ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा और एक हाथ से चूत के ऊपर सहलाने लगा..
आंटी आवाज़े निकले जा रही थीं – उफ्फ फ्फ राजू… मार डाल, मुझे आज… आह आह आह आह आह आह… इयाः इयह उःम उन्म हम्म म म म म म… और तेज़ राजू… और तेज… मर र र र र र गई ई ई ई ई ई…
थोड़ी देर बाद, आंटी झड़ गईं और मैं फिर से उनका सारा रस पी गया..
अब मैंने उनको लिटाया और उनकी चूत पे लण्ड को रगड़ने लगा तो आंटी बोलीं – राजू, बस अब मत तड़पा… अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है… डाल दे, यार… अब तो बदन में भी जान नहीं बची है… जल्दी कर…
मैं बोला – हाँ आंटी, अब तो मेरी हिम्मत भी जवाब दे गई है… पर लण्ड है की मानता ही नहीं…
अब वो बोलीं – चल, अब डाल दे…
मैंने अब देर ना करते हुए, पूरी ताक़त समेट कर एक ज़ोर से झटका मारा तो लण्ड एक ही झटके में अंदर था और आंटी इतनी ज़ोर से चीखीं की मुझे उनके मुंह को दबाना पड़ा..
फिर थोड़ी देर बाद जब उनका दर्द कम हुआ तो बोलीं – बहन चोद, ऐसे डालता है, कोई सांड की तरह…
मैंने सॉरी बोला और शॉट लगाने शुरू कर दिए..
सिसकारियों की रानी, मेरी आंटी चुपचाप पड़े पड़े चुदवा रहीं थीं.. बस बीच बीच में – उन्ह आ उफ़… की हल्की हल्की आवाज़ आ रही थी..
कुछ ही देर में, मैं झड़ने वाला था तो मैंने फिर अपनी स्पीड थोड़ी बड़ा दी और अपना सारा रस बिना कॉन्डम के आंटी की चूत में छोड़ दिया और उनके बगल में गिर गया.
आंटी मेरी बाहों में थीं और हम पूरे पसीने मे नहा गये थे, इतनी ठंड के बावजूद भी..
मुझे कमरे का रूम हीटर भी बंद करना पड़ा था..
आंटी के पसीने की खुश्बू में एक गजब सा “नशा” था, जो बड़ा मस्त लगता था..
हम इतने थक गये थे की पूछो ही मत..
जिस्म में, जान ही नहीं बची थी..
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

Post by jay »


मैंने आंटी से कहा – आंटी, क्या मैं जिंदा हूँ…
आंटी बोलीं – पता नहीं, राजू… मुझे तो ये भी नहीं समझ आ रहा मैं जिंदा हूँ की नहीं…
इससे पहले मैं कुछ और बोलता, आंटी बोलीं – अब सो जाओ… सुबह के 5 बज रहे हैं…
मैं बोला – लेकिन, आंटी मेरा मन तो अभी भी नहीं भरा है…
वो बोलीं – कल पूरा दिन, हम यहीं हैं… जिंदा बचे तो कल करेंगें… गुड नाइट…
मैं बोला – गुड नाइट, आंटी… और, ना जाने हम कब सो गये..
सुबह मेरी आँख खुली तो 10 बज रहे थे..
मैं बाथरूम गया और फ्रेश हुआ, तब तक आंटी भी उठ गईं थीं..
आंटी मुझे गुड मोर्निंग कहते हुए बाथरूम में चली गईं..
थोड़ी देर में, आंटी की बाथरूम से आवाज़ आई तो मैं अंदर गया..
आंटी कमोड पर, नंगी बैठी हुई थीं..
मैंने पूछा – हाँ आंटी…
वो बोलीं – राजू, तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो ना…
मैंने कहा – हाँ आंटी…
आंटी ने फ्लश चलाया और कमोड से उठ गईं..
उन्होंने ना तो अपनी गाण्ड धोई ना ही उसे टाय्लेट पेपर से सॉफ किया और मेरे साथ रूम में आ गईं..
आंटी ड्रेसिंग टेबल पर दोनों हाथ रख कर खड़ी हो गईं और मुझसे बोलीं – राजू मेरी गाण्ड तुझे बहुत पसंद है ना… चूम ना, इसे…
मैं उनके पीछे गया और घुटनों के बल बैठ कर उनकी गाण्ड पर पप्पी लेने लगा..
आंटी ने अपना एक हाथ पीछे करके, मेरे सिर को पकड़ा और अपनी गाण्ड फैला कर मेरा मुँह अपने गाण्ड के छेद में चिपका लिया और बोलीं – चाट, मेरी गंदी गाण्ड…
पहले तो मुझे अजीब सा लगा पर आंटी ने अपने हाथ से मेरा सिर उनकी गाण्ड में दबाया हुआ था तो मेरे पास उनकी गंदी गाण्ड चाटने से सिवा कोई चारा नहीं था..
मैं उनकी गाण्ड चाटने लगा और आंटी सिसकारियाँ लेने लगीं और बोलने लगीं – वाह, मेरे राजा… मज़ा आ गया… अन्म उन्हम्म… राजू और…
फिर, थोड़ी देर बाद आंटी ने जब अपनी पकड़ मेरे सिर से ढीली की मैं उठा और आंटी को पलट कर उनको घुटनों पर बैठा कर, अपना लण्ड आंटी के मुंह में दिया और चुसवाने लगा..
आंटी, बड़े प्यार से चूस रही थीं..
फिर मैं आंटी को पलंग पर ले गया और आंटी की गाण्ड की नीचे एक तकिया रखा और गाण्ड के छेद पे लण्ड रखा..
आंटी बोलीं – कुछ लगा तो ले… नहीं तो दर्द होगा…
मैं बोला – नहीं होगा, आंटी… कौन सा पहली बार चोद रहा हूँ… मैंने चाट चाट कर बहुत गीली भी कर दी है…
वो बोलीं – दर्द हुआ तो तेरी गाण्ड में पूरा बाँस घुसा दूँगी…
मैं हंस और बोला – घुसा देना…
मैंने लण्ड डालने की कोशिश की पर फिसल गया…

मैंने अपने सुपाड़े पे थूक लगाया और फिर एक ज़ोर से झटका मारा तो आंटी चीख पड़ीं..
मैंने भी देर ना करते हुए, एक और ज़ोर से झटका मारा तो लण्ड पूरा गाण्ड मे समा गया..
इधर आंटी, चीखे जा रही थीं..
फिर थोड़ी देर बाद, मैंने शॉट लगाने शुरू कर दिए और ज़ोर ज़ोर से आंटी की गाण्ड चोदने लगा..
आंटी ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगीं – आ आह ह आह आ आ आ ह ह ह आह आ आ आह ह ह ह… म्न्ह मन्ह मर गयइ… और चोद… और चोद मेरी गंदी गाण्ड… फाड़ दे, मेरी गाण्ड को आज… अहहहाहा आह अह आ आ अहहा… इयै याया आ आ या अय हेया… और तेज़ और तेज़… ज़ोर से, और ज़ोर से… शाबाश शाबाश शाबाश… अहहहः अएआएआएआए… फाड़ फाड़ फाड़ फाड़… चोद मेरी गंदी गाण्ड चोद चोद चोद चोद चो द द द द दहस स स स… आह आह आह आह… और तेज़…
फच फ़च की आवाज़ से, कमरा गूँज रहा था..
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

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करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद, मैं आंटी की गाण्ड में ही झड़ गया और उनके ऊपर लेट गया..
जब मैंने लण्ड निकाला तो देखा वो बिल्कुल गंदा था..
मैं नहाने चला गया और जब नहा के आया तो मैंने देखा आंटी अपने गाउन में बालकनी में खड़ी थीं..
मैंने अपने कपड़े पहने और उनके पास गया और उन्हें अंदर ले आया और उन्हें बाहों में ले लिया..
आंटी बोलीं – नहा धो लिया… चल अब, चाय ऑर्डर कर देती हूँ…
तो मैंने बोला – ठीक है…
फिर हमने चाय पी और बस सोचने लगे की क्या करना है, अब…
तो मैं बोला – आंटी, क्यों ना कोई मूवी देखने चलें…
आंटी बोलीं – हाँ, ये सही रहेगा…
हमने दोपहर को मूवी देखने का प्लान बनाया..
फिर हम दोनों, बेड पर ही लेट गये..
आंटी अपनी बेटी से फोन पर बात कर रही थीं और मैं टीवी देख रहा था..
फिर थोड़ी देर बाद आंटी बोलीं – मैं नाहकर तैयार होती हूँ… फिर, हम चलते हैं…
और आंटी नहाने चली गईं…
मुझे भी आंटी के संग नहाने का मन हुआ तो मैं भी बाथरूम में चला गया..
मैंने देखा आंटी बाथ टब में बैठी थीं और मस्ती कर रही थीं..
मैं भी उसमें घुस गया..
आंटी बोलीं – आ गये तुम… तुम तो नहा चुके ना…
मैं बोला – हाँ आंटी पर क्या करूँ… आपके संग नहाने का मन हो रहा था…

आंटी बोलीं – सिर्फ़ नहाना और कुछ ना करना… पर आदत से मजबूर, मैं कहाँ उनकी सुनने वाला था..
मैं फ़ौरन ही उन्हें किस करने लगा और उनके मम्मे दबाने लगा..
अब आंटी भी एंजाय करने लगीं और मेरा लण्ड मसलने लगीं..
मुझसे रहा ना गया तो मैंने उन्हें पानी में से निकाला और दीवार से टीका कर खड़ा कर दिया और उनका एक पैर अपने कंधे पर रखा और अपना लण्ड, आंटी की चूत में एक बार में पेल दिया..
आंटी चीख पड़ी – क्या कर रहे हो… और उन्होने, अपने नाख़ून मेरे कंधे में ज़ोर से घुसा दिए..
मैंने तुरन्त, शॉट लगाने शुरू कर दिए..
आंटी भी सिसकारियाँ निकालने लगीं और अपनी गाण्ड उछालने लगीं..
कुछ ही देर में, मैं झड़ गया..
हम वहीं बाथरूम में, लेट गये..
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Re: आंटी के साथ मस्तियाँ

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लेटे लेटे, मैंने आंटी से आख़िर आज पूछ ही लिया जो मेरे दिमाग़ में बहुत दिनों से था..
मैंने कहा – आंटी, अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात पूछ सकता हूँ…
आंटी – हाँ… पूछ…
मैं – आंटी, आपकी एक बेटी है और आपकी शादी को भी काफ़ी वक़्त हो गया, मैं भी आपको कितने वक़्त से चोद रहा हूँ पर अभी भी आपकी चूत इतनी टाइट है… ऐसा कैसे…
आंटी बोलीं – तेरी मूत से…
मैंने हैरानी से पूछा – मतलब…
आंटी बोलीं – देख चूत पर चुदाई के दौरान मूतवाने से, चूत बहुत टाइट रहती है…
मैंने कहा – क्या आंटी, इतना भी चुतिया मत बनाओ मुझे…
देख तूने पूछा, मैंने बता दिया… अब तू मान ना मान, तेरे ऊपर है… चुदाई के वक़्त की मूत से, बहुत से गुप्त रोग भी नहीं होते… और फिर, मैं मूठ से अपनी चूत की मालिश भी करती हूँ, जिससे मेरी चूत इतनी टाइट है… शादी के बाद अपनी बीवी की चूत की मालिश, अपने मूठ से कर दिया करना… उसकी भी ऐसे ही टाइट रहेगी… – आंटी ने आँख मारते हुए कहा..
इस पर, मैंने आंटी से पूछा – पर आंटी, आपको ये सब कैसे पता…
आंटी बोलीं – देख, चोरी करनी है तो बचने का रास्ता भी ढूँढ कर रखना पड़ता है ना…
मतलब… – मैंने कहा..
तेरे भैया मुझे ज़्यादा नहीं चोदते और बिना चुदी चूत, कुछ ही दिनों में टाइट हो जाती है… मर्दों को ये अंदाज़ा बहुत अच्छे से होता है की पत्नी की चूत कितने दिन नहीं चोदने पर कितनी कसाती है… अगर, मैं ये सब नहीं करूँगी तो मेरी चूत का चुद चुद कर भोसड़ा बन जाएगा और तेरे भैया समझ जाएँगें की मैं उनकी गैर हाज़िरी में क्या गुल खिलाती हूँ… – आंटी बोलीं..
अब मैंने कहा – पर आंटी, आपने अभी भी ये नहीं बताया आपको ये सब कैसे पता…
आंटी, थोडा गुस्से में बोलीं – तुझे क्या करना… आम खा, पेड़ मत गिन…
मुझे आंटी की बातें, कुछ अजीब तो लगीं पर सही बात थी मुझे क्या करना था..
मैं तो बस ये सोच रहा था – क्या, मेरी बीवी भी आंटी जैसी ही होगी…
खैर, थोड़ी देर बाद मैंने फिर एक बार और आंटी को चोदा और हमने साथ नहाते हुए भी मज़े लिए..
फिर हम नहा कर, तैयार हुए तो आंटी ने मस्त “अनारकली” सूट पहना..
बहुत ही गहरे गले का..
क्या मस्त सेक्सी लग रही थीं, यार..
जब मैंने बोला – आंटी, आप तो एकदम मस्त माल लग रही हो…
तो वो बोलीं – मेरी जान, मैं हमेशा ऐसी ही लगती हूँ…

मैं हंस पड़ा और हम मूवी देखने को निकल गये..
हम वहाँ के एक माल में मूवी देखने गये..
मूवी देखते वक़्त, हम एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर बैठे थे और आंटी मेरे कंधे पर सिर रखे हुए थीं..
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