भाभी ने इंग्लीश पढ़ाई complete

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mastram
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Re: भाभी ने इंग्लीश पढ़ाई

Post by mastram »


भाभी ने वहां मुझे नहीं देखा तो 5 महीने बाद, उनका पहला मैसेज आया की कहाँ हो,मस्तराम
उनका मैसेज देखकर, मैं खुशी से पागल हो गया और भाभी को जवाब किया की स्टेज के पास हूँ…
भाभी का जवाब आया की खाना खाने, आओ…
मैंने जवाब दिया की मुझे खाना नहीं खाना…
भाभी का जवाब आया – क्यों नहीं खाना…
इस पर, मैंने जवाब दिया की जब तक आप मुझे माफ़ नहीं करोगी, मैं खाना नहीं खाऊँ गा…
भाभी बोलीं –मस्तराम, मैंने तो तुम्हें कब का माफ़ कर दिया… मैं तो तुम्हें सबक सीखना चाहती थीं की किसी को प्रॉमिस करो तो उसे पूरा करो, तोडो मत…
अब मैंने जवाब दिया की हाँ भाभी, मेरी ग़लती थी… मुझे माफ़ कर दो…
भाभी का जवाब दिया – ठीक है… चलो, अब खाना खाने आओ…
मैंने जवाब दिया – अपने मुझे सही में माफ़ कर दिया ना…
तो भाभी का जवाब आया – हाँ बाबा, माफ़ कर दिया… जल्दी आओ, मैं इंतेज़ार करूँगी…
फिर, मैं खाने वाले एरिया में गया..
वहां एक टेबल पर, भाभी के साथ उनकी बेटी और 4-5 दोस्त बैठे थे..
मैं वहां पहुँचा तो सबने मुझे खाना खाने को कहा..
मैंने बोला – रूको, मैं प्लेट ले कर आता हूँ…
इस पर, भाभी बोलीं – अरे!!इसी में खा लो…
तो मैं उनके बगल में बैठ गया और खाना खाने लगा.. !!! !!
खाना खाते खाते, भाभी की तरफ जब मैंने गौर से देखा तो लण्ड खड़ा हो गया…
तभी, भाभी धीरे से बोलीं –खुद पर कंट्रोल करो… मुंह से लार टपक रही है… साफ नज़र आ रहा है…
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने चुपके से उनके पेट पे हाथ रख दिया..
भाभी ने मुझे आँखें दिखाईं और इशारों में हाथ हटाने को बोला पर मैं ढीट, कहाँ मानने वाला था..
इसी तरह, मैं खाना खाते खाते भाभी से फ्लर्ट करने लगा और खाना खाने के बाद, मैं बोला – भाभी, अब तो हलुआ खाने का मन कर रहा है…
ये सुनकर, भाभी को ठस्का लग गया और मैंने उन्हें पानी दिया..
तभी एक दोस्त बोला – यार मस्तराम, खाने में तो हलुआ है ही नहीं… तू कहाँ से खाएगा…
मैं हंस पड़ा और बोला – यार, हलुआ तो मैं ज़रूर खाऊंगा… आख़िर, 5 महीने से नहीं खाया है…
फिर, भाभी थोडा ग़ुस्से में वहां से उठ कर, वहां से चली गईं और मुझे कॉल किया..
मैंने बोला – हाँ, भाभी…
भाभी बोलीं – मस्तराम क्या है… क्या तमाशा है ये… कौन सा हलुआ खाना है तुम्हें… क्या नाटक कर रहे हो, सबके सामने
तो मैं बोला – क्यूँ भाभी… क्या किया मैंने…
अब भाभी बोलीं – पागल हो गये हो, क्या… देखो, मस्तराम तुम्हारे इसी उतावले पन की वजह से मैंने तुमसे पला झाड़ लिया था… मरने मूरने का नाटक नहीं करते तो अभी भी मैं नहीं मानती… तुम्हारी समझ में क्यूँ नहीं आता, मैं शादीशुदा हूँ… मेरे लिए मेरे पति और परिवार से बढ़ कर, ना तुम हो ना तुम्हारा लंड…
मैं बोला – देखो भाभी, वो सब ठीक है पर आज मैं कंट्रोल नहीं कर सकता… प्लीज, आज मना मत करो…
भाभी बोलीं – उफ्फ!! मस्तराम तुझ से बड़ा चूतिया आशिक़ मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा… वैसे मैंने भी बहुत दिनों से किसी जवान लंड के साथ ताबड़ तोड़ चुदाई नहीं की… चूत में तो मेरी भी कई महीनों से आग लगी है… पर, अगर मैं मान भी गई तो हम कहाँ करेंगे… अगर सीधी साधी चुदाई करनी होगी तो पति के नीचे ही, चूत लेकर लेट जाउंगी ना… इतनी रिस्क क्यूँ लूँगी…
इस पर मैं बोला – भाभी, आप चिंता मत करो… आपको जैसी पसंद है, वैसी ही चुदाई होगी… बस, आप सब मुझे पे छोड़ दो…
भाभी बोलीं – चल, ठीक है… मूत पिएगा ना, मेरी…
मैं बोला – हाँ भाभी, बिल्कुल… आज तो आप कहोगी तो आपकी टट्टी भी खा लूँगा… बस, एक बार चोद लेने दो… नहीं तो सच में भाभी, मेरा लंड फट ही जाएगा…
भाभी बोलीं – हट… घिने कहीं के… चल रखती हूँ…
फ़ोन रख कर, मैं प्लान बनाने लगा और थोड़ी देर बाद, भाभी को कॉल किया तो भाभी बोलीं – हाँ , बोलो…
मैंने कहा – भाभी, आपके हब्बी तो ताश खेलने में मस्त हैं और आपकी बेटी अपने दोस्तों के साथ, खेल रही है…
वो बोलीं – हाँ तो…
मैंने कहा – भाभी, मैं बाहर कार में आपका इंतेज़ार कर रहा हूँ… जल्दी से, आ जाओ… हम होटल में चलते हैं…
भाभी बोलीं – पगला तो नहीं गया है,कोई भी मुझे आते हुए देख लेगा…
मैं बोला – क्या भाभी, कोई बहाना बना कर आ जाओ…
भाभी बोलीं – अच्छा ठीक है… थोड़ी देर में, मौका देख कर आती हूँ…
फिर थोड़ी देर बाद, भाभी का कॉल आया – मस्तराम, कार का दरवाजा खुला रखो… मैं आ रही हूँ !!! !!
मैंने दरवाजा खोल दिया और थोड़ी देर बाद, भाभी आ गईं और कार में बैठ गई..
फिर वो बोलीं – तुम ना, एक दिन मरवाओगे… और फिर बोलीं – चलो ना अब, जल्दी… कोई देख लेगा तो तुम्हारा लंड उखाड़ के फेंक दूँगी…
इस पर, मैं हंस दिया और गाड़ी चलाने लगा..
भाभी ने एक मेडिकल स्टोर पे गाड़ी रुकवाई और बोलीं – मस्तराम जाओ, कंडोम ले आओ…
मैं बोला – अरे नहीं, भाभी… ऐसे ही, करने दो ना… बिल्कुल मज़ा नहीं आता है, कंडोम पहन के… एक बार तो करने दो… आपकी चूत का गरम गरम रस मेरे लंड पे बहेगा तो मज़ा आ जाएगा…
भाभी बोलीं – अच्छा, बड़ा आया… रस बहने दो… सीधे सीधे बताओ, चोदना है की नहीं…
मरता क्या ना करता, चुपचाप जाकर मैं कॉन्डोम ले आया..
भाभी ने कहा – चलो अब… कोई टेंशन नहीं है…
फिर वो बोलीं – मस्तराम आज कुछ स्पेशल चीज़ मत करना…
तो मैं बोला – स्पेशल, मतलब…
भाभी बोलीं – वही, तुम्हारी आइस क्रीम और फिर चामस्तराम…
मैं बोला – क्यों, भाभी…
भाभी बोलीं – यार, दो घंटे नहाने के बाद, मेरे बदन से चिपचिपाहट गई थी… समझे की नहीं…
तो मैं बोला – ठीक है, भाभी… कोई बात नहीं…
कुछ देर में हम होटल पहुँच गये और हम अपने फ्लोर पे गये तो भाभी बोलीं – किस के रूम मे !!! !!
मैं बोला – आपके… आपके रूम में, कोई नहीं आएगा…
भाभी बोलीं – ठीक है…
फिर हम अपने रूम में गये और मैंने डोर लॉक किया और फिर भाभी के पास गया और उनके चेहरे पे उंगलियाँ फेरते हुए बोला – भाभी जान, आज 5 महीने बाद आपको छू रहा हूँ…
भाभी ने मेरे हाथ पे किस किया और बोलीं – तो किसका वेट कर रहे हो… आओ, अपनी प्यास बुझा लो…
मैं भाभी के होंठों को अपने होठों में लेकर, चूसने लगा और खूब चूसा..
हम दोनों की जीभ, आपस में मिलने लगी..
फिर, मैं भाभी के मम्मे दबाने लगा..
आह!! क्या मज़ा आ रहा था, यार..
मेरा अंदाज़ा था की आज भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी..
मैं बहुत ही ज़ोर ज़ोर से, भाभी की मम्मे दबाने लगा और फिर मैंने भाभी की पीठ पे हाथ ले जाकर, भाभी का ब्लाउज खोल दिया और मम्मे एक दम से खुल के सामने आ गये..
तो भाभी बोलीं – आराम से… तू इतना बेसब्र क्यूँ हैं… और फिर, मैंने भाभी का ब्लाउज उतार कर, भाभी को बेड पे लिटा दिया और उनको लीप किस करना लगा और मम्मे दबाने लगा…
कुछ देर धीरे धीरे, और फिर ज़ोर से मम्मे दबाने पर भाभी सिसकारियाँ करने लगीं – आ ह आ ह आ ह आ ह अहह उन्म्म… इनयः इयाः उफ्फ फू या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह s s s s s… आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… और, फिर मैंने उनके निप्पल पे जीभ रखी तो भाभी लगभग चिल्ला पड़ीं – ई ई या ह म्म ह आ ह्मः माह स स स स स स स स स स s s s s s…
फिर, मैं भाभी के निप्पल को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा भाभी लगातार – आ ह आ ह आ ह आ ह ऊ ऊ ऊ ऊ… आ ह आ ह आ आ आअशह इश् इस्स इयाः म्म ह ह ह ह ह s s s s s… और मैंने भाभी की निप्पल काटी तो भाभी चीखीं – अहह मर र र र र र र र गयइ मस्तराम झ ह ह ह ह ह ह ह ह ह s s s s s…
अब मैं भाभी की टुंडी पे किस करने लगा और उनकी कमर पर पहनी, कमरधनी को किस करने लगा और उसे धीरे से उतार दिया..
इसके बाद, उनकी चूत पे ऊपर से हाथ फेरने लगा और फिर मैंने जल्दी से भाभी की साड़ी और पेटीकोट उतार दिया और भाभी की पैंटी देखी तो मज़ा आ गया..
छोटी सी काली पैंटी थीं..
एक दम टाइट, वो उनकी चूत और गाण्ड में घुसी जा रही थी..
मैं भाभी की झांट के बाल, साफ देख सकता था..
वो पैंटी के ऊपर से भी दिख रहे थे..
मैं भाभी की पैंटी को सूंघने लगा..
यार, क्या मादक महक थी.. मज़ा आ गया.. एक नशा सा चढ़ गया, मुझे..
फिर, मैंने भाभी की पैंटी उतारी तो मैं दंग रह गया..
भाभी की चूत पे लंबे और मस्त काले घने बाल थे..
इतने बाल की उनके चूत के छेद को ढूँढना मुश्किल था..
भाभी बोलीं – क्या देख रहे हो…
मैं बोला – आपके चूत का जंगल… अपने अपनी झांट के बाल, कब से नहीं बनाए…
भाभी बोलीं – बहुत दिन से, यार… तेरे भैया को तो कोई मतलब है नहीं… 4-6 दिन में कभी मूड हुआ तो गाउन या साड़ी उठा कर 5-10 धक्के लगा देते हैं… और फिर, तेरे जैसे कोई दूसरा जवान चूतिया लंड नहीं मिला ना…
मैं ये सुन कर, थोडा उदास हो गया तो भाभी बोलीं – अरे मज़ाक कर रहीं हूँ, मेरे भोले बलम… तू तो ज़रा ज़रा सी बात पर मुँह बना लेता है… चल अब, क्या देखता ही रहेगा… आ जा मैदान में…
मैं बालों वाली चूत को आज पहली बार देख रहा तो मुझसे रहा ना गया और मैं भाभी की चूत को चाटने लगा..
मेरे होंठों का स्पर्श पाते ही भाभी – स स्स्स्स्स् शह… करने लगीं..
उनकी मदहोशी देख कर, मैं भाभी की चूत को ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा और भाभी – उनमह इस्स इयाः या माह ह ह ह आ ह आ ह आ ह आ ह आ ह आ ह आ ह हह स स स स… मस्तराम य य य य य य य… और ज़ोर से… और ज़ोर से… खा जा, अपनी भाभी की छीनाल चूत… इयाः माह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह ह s s s s s s… उफ्फ फ फ्फ फ़फ्फ़… और वो मेरा सिर चूत में ज़ोर से दबाने लगीं और थोड़ी देर मे भाभी झड़ गईं..
फिर, भाभी मेरे ऊपर आईं और मुझे लीप किस करने लगीं और मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लण्ड को बुरी तरह मसलने लगीं और बोलीं – लगता है, तेरे लण्ड को कुछ ज़्यादा ही जल्दी है… अभी से झटके मार रहा है…
मैं बोला – भाभी तो शांत कर दो ना…भाभी ने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं – वाह!! क्या मज़ा आ रहा था… मैं तो बस भाभी के सिर को अपने लण्ड की तरफ धकेल रहा था..
फिर थोड़ी देर बाद, हम 69 की पोज़िशन में आ गये और खूब मज़े लेने लगे..
अब मैं सीधा हुआ और भाभी को लीप किस करके, बोला – तैयार हो, भाभी शेर की सवारी के लिए…
तो वो बोलीं – आ जा, मेरे शेर…
मैंने तुरंत अपने लण्ड को भाभी की चूत पे रखा और एक झटका मारा तो लण्ड का टोपा थोड़ा अंदर गया तो भाभी चीखीं – आईं ई ई या याश्न मम हह हः आइ इयाः s s s s s… अह आअहह आ आ आ… मर गयइ s s s… अहह आराम से,…
मैं समझ गया की भाभी की चूत बहुत दिनों से नहीं चुदीं है…
थोड़ा और झटका मारने पे, आधा लण्ड अंदर गया तो भाभी चीखीं – अहह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… उ ई ई ई या… आईं ई ई अहह s s s…
फिर तीसरे झटके में, लण्ड अंदर गया और भाभी चिल्ला पड़ीं – उन्हम्म… आईं ईई अहह मर गयइ… और मे भाभी को लीप किस करने लगा और उनके मम्मे दबाने लगा तो भाभी मेरी पीठ में नाख़ून चुभाने लगीं..
एक बार फिर, भाभी का दर्द शांत होने पर मैंने शॉट लगाने शुरू किए..
भाभी – आ ह आ ह आ ह आ ह आ ह ऊ ऊ ऊ ऊ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आइन्या या या… ई इम्ह स स स स स स स s ss s ss.. और तेज़… और तेज़… आह आह आह आ आए आ आए आए… फाड़ दो,… आ ह आ ह आ ह आ ह… और, पूरा कमरा फ़च फ़च की आवाज़ से गूंजने लगा..
मैं भाभी को 5 मिनट तक चोदने के बाद, बोला – भाभी, मैं आ रहा हूँ…
तो भाभी बोलीं – समा जाओ, मुझमे ही…
मैं आया.. आया.. .. और मैं आ गया.. .. ..
और… … अपना सारा रस भाभी की चूत में डाल दिया और भाभी के बगल में लेट गया और उनको लीप किस करने लगा..!!
कुछ देर बाद ही, मैं भाभी की मम्मे दबाने लगा और भाभी मेरे लण्ड को हिलाने लगीं.. जिससे, मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया तो भाभी बोलीं – उफ्फ मां!! ये तो फिर जाग गया…
मैं बोला – अभी सुला देता हूँ, भाभी जान… और, मैं उनकी गाण्ड पे हाथ फेरने लगा..
तो भाभी बोलीं – प्लीज, मस्तराम आज गाण्ड मत मारना… बहुत दर्द होता है… और, यहाँ तो कुछ है भी नहीं, जो तुम अपने लण्ड पे लगाओ और आराम से चला जाए…
इस पर, मैं बोला – आप चिंता मत करो… मैं सब कर लूँगा…
अब मैं उठा, भाभी को उल्टा किया और उनकी गाण्ड को सूंघने लगा..
क्या खुशबु थी, यार..
एक दम नशीली और मदमस्त गाण्ड..
अब मैंने भाभी की गाण्ड में, उंगली अंदर डाली तो भाभी बोलीं – आईं ईए या या हुम इस्मह इयान्ह अहह… आराम से…
और मैं धीरे धीरे, उंगली अंदर बाहर करने लगा और फिर धीरे से दूसरी उंगली भी डाल दी..
भाभी तो बस चिल्लाए ही जा रहीं थीं – आइन्या या या या आया आ औया माह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ ह आह आ ह आह माह इस्स स स स स स स स स स स s s s ss sss… आराम से,
फिर, मैंने अपना लण्ड भाभी से चुस्वाया और उनकी गाण्ड में रख के झटका मारा तो लण्ड फिसल गया..
अब मैंने भाभी की गाण्ड पे, ढेर सारा थूक लगाया और फिर झटका मारा तो लण्ड का टोपा अंदर गया तो भाभी चीखीं – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ इयाः या या आया आ… अहह आईं ईई ई ह उईई… प्लीज नही ह ह ह ह हह स स स स स स स स स s s s ss s sss…
मैंने परवाह किए बिना, थोड़ी देर बाद फिर एक झटका मारा तो आधा लण्ड अंदर गया तो भाभी ज़ोर से चीखीं – नहीं स स स स स स स स स स स स स स स स स s s ss sss sssss…
फिर मैंने देर ना करते हुए, पूरा लण्ड अंदर डाल दिया और भाभी बोलीं – मर गयइ ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई… प्लीज मस्तराम , निकाल लो स स स स स s s s ss ss ss ssssss…
भाभी के आँसू आ गये थे तो मैं थोड़ा रुका और भाभी के मम्मे दबाने लगा और भाभी का दर्द शांत होने के बाद, मैं शॉट लगाने लगा..
भाभी लगातार – आइयै यान इयान्यः इस्स स स स आह आ ह आह आ ह अहह आईंईईर उईई आह आह आह अहह आह… नहीं मस्तराम नहीं स स स स स स sssssss… आ ह आह आ ह आह आहआह आ ह आह… आईं ईई अहह… कर रहीं थीं..
और मैं 2-4 मिनट तक चोदने के बाद, झड़ गया और फिर से भाभी की बगल में लेट गया.. !!
फिर थोड़ी देर बाद, भाभी को लीप किस की तो भाभी बोलीं – बस मस्तराम, अब और नहीं… हमें गार्डेन भी जाना है…
मैंने तुरंत अपने मोबाइल में टाइम देखा तो रात के 2:30 बज गये थे तो भाभी बोलीं – मस्तराम 4 बजे का अलार्म लगा दो और सो जाओ…
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mastram
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Re: भाभी ने इंग्लीश पढ़ाई

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फिर हम बिछड़े, तोता मैना एक दूसरे की बाहों में सो गये..
4 बजे मेरा अलार्म बजा तो मैं जाग गया और भाभी को देखा तो वो सो रही थीं..
उफफ्फ़!! कितनी प्यारी लग रही थीं..
उनके चेहरे पे, उनके बाल आ रहे थे..
मैंने भाभी के चेहरे से बाल हटाए और उनके माथे पे एक किस की तो भाभी उठ गईं और बोलीं – 4 बज गये, क्या…
मैं बोला – हाँ…
भाभी उठने लगीं तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर, अपने पास खींच लिया तो वो बोलीं – छोड़ो… अब जाना है…
मैंने भाभी को लीप किस की तो भाभी बोलीं – मना कर दिया ना, अब… बस हो गया…
मैंने भाभी से पूछा – भाभी, पर आप ने अभी मुता तो है ही नहीं… आप जानती हो मुझे ये कितना पसंद है…
तो भाभी बोलीं – अच्छा जी… तो ये बताओ अपने ऊपर मुतवाना पसंद है या मेरी गरमा गरम मूत पीना पसंद है…
और, वो ज़ोर से हंस पड़ीं..
फिर वो फ़ौरन उठ गईं और फ्रेश हो कर कपड़े पहने और तैयार हो गईं..
मैं भी जल्दी जल्दी तैयार हो गया और हम गार्डेन के लिए निकल पड़े..
गार्डेन पहुँच कर, मैंने भाभी से बोला – भाभी, आप अंदर जाओ और अंदर सब ठीक हो तो मुझे मैसेज कर देना…
भाभी बोलीं – ठीक है…
और, मेरे लीप पे एक किस की और बोलीं – यार, मज़ा आ गया आज…
मैं बोला – मुझे भी…
थोड़ी देर बाद, भाभी का मैसेज आया की सब ठीक है…
फिर मैं अंदर गया और दोस्तों के साथ बाते करते करते, मैं वही सोफे पे सो गया..
सुबह 7 बजे, मेरे दोस्त ने मुझे उठाया और मैं फ्रेश हो कर बैठ गया..
थोड़ी देर बाद, भाभी मेरे पास आए और मुझे गुड मॉर्निंग विश किया और मुझे चाय दी..
भाभी ने अब सूट पहना हुआ था तो मैंने पूछा – भाभी, आपने कपड़े कब बदल लिए तो वो बोलीं – तेरे भैया को भी मुझे खुश रखना पड़ता है… और उन्होंने मुझे आँख मार दी..
मैंने पूछा – तो, कैसी लगीं रात को शेर की सवारी…
भाभी बोलीं – यार, ऐसा लगा जैसे पहली बार सवारी की हो… मज़ा आ गया…
अब मैंने पूछा – भाभी, भैया या और किसी ने पूछा नहीं की रात भर कहाँ थीं…
भाभी बोलीं – पूछा तो था, पर मैंने बोल दिया की बात करते करते मेरी आँख लग गई थी, औरतों के एक रूम में…
खैर, हम थोड़ी देर बाद बिदाई करा कर घर लौटने लगे..
और थोड़ी देर बाद हम घर पहुँच गए, एक यादगार और शानदार शादी को एन्जॉय करके.. ..
आखिरकार, मैंने फिर से भाभी को पटा ही लिया.. ..
मेरी और भाभी की प्यार और सेक्स लाइफ, दोनों ही मस्त चल रही थीं..
हम हफ्ते में मौका मिलते ही, कम से कम एक बार तो सेक्स कर ही लेते थे और कभी कभी तो 2-3 बार भी..
भाभी भी आज कल, मेरी सेहत का बहुत ख़याल रखने लगीं थीं..
अक्सर, वो मुझे जिनजर जूस और बाय्ल्ड अंडे देती रहती थीं..
मैं उनसे पूछता था तो वो बोलती थीं – इससे तुम्हारा सेक्स स्टेमिना बढ़ेगा..
मैं भी बड़ी खुशी से पी लेता था..
हम काफ़ी एंजाय कर रहे थे और ऐसे ही, हमें एक साल हो गया..हमारी चुदाई की सालगिरह आने वाली थीं.. जब मैंने पहली बार, भाभी को चोदा था..
मैं बहुत खुश था और सोच रहा था की इसे अलग स्टाइल से मनाऊंगा..
तो, हमारी सालगिरह के दो दिन पहले, मैं भाभी से फोन पर बात कर रहा था..
मैं भाभी से बोला – भाभी, हमारी सालगिरह आने वाली है… तो भाभी बोलीं – कौन सी सालगिरह, भाई…
तो, मैं बोला – हमारी पहली चुदाई की…
इस पर भाभी हंस पड़ीं और बोलीं – अच्छा जी, तुझे याद है…
मैं बोला – हाँ!! क्यों नहीं… इस दिन को मैं कैसे भूल सकता हूँ, जब मैंने पहली बार एक अप्सरा को चोदा था…
भाभी बोलीं – ओह ओ!! अच्छा जी…
मैं बोला – हाँ भाभी, बिल्कुल…
भाभी बोलीं – वैसे मुझे भी ये दिन जिंदगी भर, याद रहेगा… जब मैंने एक शेर के लण्ड को, चूत के अंदर लिया था और उसके उपर मुता था…
मैं बोला – ह्म्म्म्म… क्या भाभी, आप भी…
भाभी बोलीं – अच्छा चल, वैसे सालगिरह का क्या प्लान है…
मैं बोला – प्लान क्या है… बस, पूरी रात और दिन आप में ही खोना है…
भाभी बोलीं – ठीक है…
मैं बोला – वाह!! भाभी आप तो तुरंत मान गईं…
भाभी बोलीं – पर, ये कैसे होगा…
मैं बोला – आप हो ना… कैसे भी करो… मुझे मालूम है, आपका दिमाग़ कंप्यूटर से भी तेज़ चलता है… परसो रात और अगला दिन, आप मेरी ही हो…
भाभी बोलीं – ज़िद मत करो, मस्तराम… सब घर पर हैं… मैं कितना भी दिमाग़ चला लूँ, ऐसा नहीं हो सकता…
तो मैं बोला – प्लीज भाभी… कैसे भी करो… ये काफ़ी ख़ास दिन है, मेरे लिए और मैं इसे वेस्ट नहीं जाने दे सकता… मैं तो सेलिब्रेट ज़रूर करूँगा…
अब भाभी, कुछ सोच कर बोलीं – चल, अच्छा देखती हूँ…
मैं बोला – मुझे कल शाम तक बताओ…
भाभी बोलीं – देख, मैं वादा तो नहीं करती पर कोशिश करती हूँ… और, बाय बोल के फोन रख दिया !!!
फिर, मैं भाभी से बात करके अपने दोस्त के साथ घूमने चला गया और रात को सोते वक़्त, सोचने लगा – भाभी को क्या गिफ्ट दूँ..
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था..
मैं बहुत परेशान था..
तभी, मैंने सोचा – क्यों ना, भाभी को एक साड़ी गिफ्ट करूँ… जो वो हमेशा पहन सके… और, मैं साड़ी कन्फर्म करके, उस रात के सपने देखने लगा और सो गया..
फिर, मैं सुबह उठा और भाभी को मैसेज किया की कुछ बात बनी…
इस पर, भाभी का जवाब आया की कल शाम को ही तो अपनी बात हुए थी… थोड़ा टाइम तो दो…
मैंने, ठीक है… बोल दिया और नाश्ता करके भाभी के लिए, साड़ी लेने चला गया..
मुझे बड़ी मुश्किल से एक साडी पसंद आईं..
वो, डार्क ग्रीन रंग की थी..
मैंने वो साडी पैक करा ली और वो गिफ्ट, अपने घर में छुपा कर रख दिया और लंच करके सो गया..
फिर, शाम को जब भाभी का कॉल आया तो मैं उठा..
भाभी बोलीं – मस्तराम, देख कल हम सालगिरह सेलिब्रेट नहीं कर सकते…
मैं बोला – क्यों, भाभी… ऐसा क्यूँ…
भाभी बोलीं – देख, सब घर पे है… कोई, कहीं नहीं जा रहा…
तो मैं गुस्से में बोला – आप झूठ बोल रही हो ना…
भाभी बोलीं – नहीं, यार तुम्हारी कसम…
मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं बोला – भाभी, मैं कुछ नहीं जानता… अगर कल हमने सालगिरह नहीं सेलिब्रेट की तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा…
भाभी बोलीं – प्लीज, मस्तराम… देखो, मान जाओ… ऐसा मत करो… पर मैं नहीं माना और कॉल रख दिया..
भाभी कॉल करती रही पर मैंने नहीं उठाया और ना ही, किसी मैसेज का जवाब किया..
फिर, अगले दिन सुबह भाभी का मैसेज आया..
सालगिरह की बधाई…
मैंने भी – आपको भी… लिख कर, भेज दिया और नहाने चला गया..
नहाने के बाद, मैंने नाश्ता किया और मौका देखकर, भाभी के घर गया गिफ्ट लेकर..
भाभी, टीवी देख रही थीं..
वो मुझे देख कर खुश हुई और बोलीं – आओ मस्तराम, बैठो…
मैं बोला – मैं ऐसे ही, ठीक हूँ…
वो बोलीं – बड़ा गुस्सा आता है, तुझे…
तो मैंने कुछ नहीं बोला और फिर थोड़ी देर बाद कहा – आपको तो इस दिन की कोई परवाह नहीं है… पर मुझे है, इसलिए ये आपके लिए गिफ्ट और सालगिरह की बधाई… और, वहाँ से चला आया..
भाभी पीछे से बुलाती रहीं पर मैं नहीं रुका.. !
मैं उस पूरा दिन, बहुत उदास था.. कुछ समझ नहीं आ रहा था, क्या करूँ.. इसलिए, मैं दिन भर सोता रहा और मैंने भाभी के किसी भी मैसेज या कॉल का जवाब नहीं दिया..
फिर, मैं फ्रेश हो गया और अपनी बाल्कनी में खड़े हो कर, चाय पीने लगा..
तभी थोड़ी देर बाद, भाभी अपने दरवाजे पर आई और मुझे देखकर मुस्कराने लगीं..
मैंने उन्हें इग्नोर किया और चला गया, अपने रूम में..
मेरा मूड, बहुत खराब हो रखा था..
कहीं मन नहीं लग रहा था और मैंने, रात का खाना भी नहीं खाया था और तभी रात के करीब 9 बजे, भाभी मुझे फोन करने लगीं..
मैंने फोन नहीं उठाया..
फिर कई बार फोन करने के बाद, उनका एक मैसेज आया की प्लीज, फोन उठाओ… ज़रूरी काम है…
मैसेज पढ़कर, मैंने सोचा – फोन कर ही लेता हूँ…
तो भाभी ने फोन उठाते ही बोला – क्या बदतमीज़ी है ये, फोन क्यों नहीं उठा रहे थे…
मैंने बोला – आपको पता है, क्यों नहीं उठा रहा था…
तो वो बोलीं – हाँ!! मुझे पता है… पर, जब रात में कॉल किया तो कोई ज़रूरी कम ही होगा ना…
मैं बोला – हाँ, ठीक है… अब बताओ तो क्या ज़रूरी काम है…
इस पर, भाभी बोलीं – हाँ तो सुनो… जल्दी से, तैयार हो जाओ… अपनी सालगिरह सेलिब्रेट करने को…
मैंने कहा – मतलब…
भाभी बोलीं – वो बाद में समझाउंगी… बस में तुम्हें 10:30 बजे कॉल करूँगी तो आ जाना… मैं घर का दरवाजा खुला रखूँगी…
अब मैं बोला – अरे, पर बाकी के घर वाले कहाँ गये तो भाभी बोलीं – तुम्हें क्या करना है… तुम्हें जैसा बोला है, वैसा करो… और ऐसा कहकर, उन्होंने फोन रख दिया..
मैं बहुत खुश हुआ और जल्दी से खाना खा कर, अपने घर पर कह दिया की मैं अपने दोस्त के यहाँ जा रहा हूँ, सोने… और, मैं बाहर आ गया और मार्केट चला गया..
वहाँ से मैंने कंडोम और डेरी मिल्क सिल्क ले ली, भाभी के लिए और भाभी के फोन का वेट करने लगा..
थोड़ी देर बाद, भाभी का कॉल आया और कहा – मस्तराम, मैंने दरवाजा खोल रखा है… जल्दी से आ जाओ…
मैं बोला – ठीक है… और मौका देखकर, भाभी के घर में चला गया..
भाभी ने जल्दी से दरवाजा बंद किया और मुझसे कहा की ज़रा भी आवाज़ नहीं करना और मेरा हाथ पकड़ के चल दी..
पूरे घर में अंधेरा था और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था तो तभी भाभी ने एक कमरे का ताला खोला और हम उसमें चले गये वहाँ भाभी ने लाइट चालू की तो मैंने देखा की वो भाभी का स्टोर रूम था पर ये स्टोर रूम कम हनिमून स्वीट, लग रहा था..यहाँ भाभी ने एक गद्दा बिछा रखा था, उस पर लाल गुलाब पड़े थे, मोमबती रखी थीं और एक गिलास दूध भी था और एक छोटी बोटल रखी थीं..
मुझे कुछ समझ नहीं आया की ये बोटल किस की है तो भाभी से पूछने क लिए पीछे मुड़ा तो मैं तो दंग रह गया..
भाभी क्या लग रही थीं..
एक दम गरमा गरम और सेक्स की मूरत लग रही थीं..
उन्होंने वही साड़ी पहनी थीं, जो मैंने गिफ्ट की थी और बैकलेस ब्लाउज..
बाल खुले हुए और वो कातिल कमरधनी देख कर तो मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था..
फिर, भी मैंने कंट्रोल करके भाभी से पूछा – आख़िर, ये सब आपने किया कैसे…
भाभी बोलीं – उनके सारे घर वाले गरमी में छत पर ही सोते है तो उन्होंने उनके पति के दूध के गिलास में नींद की गोली डाल दी, जिससे वो रात भर सोते रहें..
मैं बोला – लेकिन, आपकी बेटी…
वो बोलीं – वो तो सुबह 7 बजे तक उठती है… तब तक, सिर्फ़ हम दोनों हैं…
मैंने कहा – वाह!! भाभी मान गया, आपको… क्या सर्प्राइज़ दिया है, आपने…
फिर मैंने पूछा – बाकी, सब तो ठीक है पर वो एक बोटल किस चीज़ की है…
वो बोलीं – सरसों के तेल की…
मैं बोला – पर क्यों…
तो वो बोलीं – तुम गाण्ड तो मरोगे, नहीं ना…
मैं बोला – क्यों नहीं मारूँगा…
भाभी बोलीं – तेल लगाकर मारना… जिससे दर्द कम होगा और आवाज़ भी कम होगी…
मैं बोला – ठीक है, भाभी…
और, भाभी ने सारी मोमबती जला दी और लाइट बंद कर दी और मेरे पास आकर, मेरे चेहरे पे हाथ फेरते हुए बोलीं – मस्तराम, सालगिरह मुबारक हो…
अब मैं भी जोश में आने लगा और भाभी के होंठ पे हाथ फेरते हुए बोला – तुम्हें भी, भाभी जान… और, उन्हें डेरी मिल्क दी और कंडोम निकाल कर साइड में रखे..
भाभी बोलीं – वाह यार, आज तुम्हें कंडोम लाना याद रहा…
मैं बोला – हाँ भाभी ले आया…
भाभी बोलीं – वेरी गुड…
फिर क्या था..
मैं भाभी के पास गया और उन्हें नीचे बेड पे बैठाया तो भाभी बोलीं – पहले दूध तो पी लो… और, उन्होंने अपने हाथ से मुझे दूध पिलाया..
फिर, मैंने उनके कान पे होंठ फेरने लगा..
अब, भाभी सिसकारी निकालने लगीं – आ आह उन्म उःमह… और, फिर मैंने भाभी के होंठ को चूसने लगा और भाभी भी मेरा साथ देने लगीं..
फिर करीब 5 मिनट बाद, हमने किस छोड़ी तो हम दोनों हाँफने लगे..
भाभी बोलीं – मेरे राजा, जान निकाल दी, एक किस ने ही… अभी तो पूरी रात बाकी है…
मैं बोला – बस, आप अब देखती जाओ…
फिर, मैं भाभी के पूरे चेहरे पर किस करने लगा और ऊपर से मम्मे दबाने लगा..
भाभी की साँसें, तेज़ चलने लगीं..
अब भाभी आवाज़े निकालने लगीं – आह आह आह आह हह इनयह्मम… और, फिर मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया और ब्रा भी निकल फेंकी..
भाभी के निप्पल देख के, मुझे तो बस मज़ा आ गया और मैं बिना देर किए उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा और तभी मैंने निप्पल काटा तो भाभी चीखीं – आईंई या ह… मस्तराम, काट मत…
तो मैं दूसरे मम्मे की निप्पल चूसने लगा और उसे भी काटा तो भाभी फिर चीखीं और बोलीं – मना किया ना… मत काटो… और, मैं उनके दोनों मम्मे दबाने लगा और भाभी आवाज़े निकालने लगीं – आह आ ह आह आ ह आह आ ह आइनाया स स स स स स स…
फिर, मैं भाभी की टुंडी पे किस करने लगा और उनकी कमरधनी को उतार दिया..
इसके बाद, मैंने उनकी साड़ी उतार दी और पेटीकोट भी..
अब भाभी, अपनी गुलाबी रंग की पैंटी मे थीं..
मैं चूत की खुशबु पा कर, महक उठा और चूत पे पैंटी के ऊपर से जैसे ही जीभ लगाई तो भाभी ने तेज़ सिसकारी ली – आ ह ह ह ह स स स स स…
अब मैं चूत को ऊपर से ही चाटने लगा और फिर मैंने भाभी की पैंटी उतार दी..
क्या चूत थी यार, एक दम गुलाबी और वो भी पूरी सॉफ..
मुझसे रहा ना गया और मैं चूत को, चटा चट चाटने लगा..
उफ्फ!! क्या स्वाद था, यार.. मज़ा आ गया..
भाभी – आह आह आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… और चाट और चाट… और, मेरा सिर चूत में दबाने लगीं.
फिर मैं चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा और भाभी को बोला की जब झड़ने वाली हो तो बता देना..
भाभी – ह्म्म्म्मम बोलीं.. और, मैंने अपनी उंगली की स्पीड बड़ा दी..
थोड़ी ही देर बाद, भाभी बोलीं – स स स स मस्तराम … मैं आ रही हूँ… मैं आई……
मैं भाभी का सारा रस पी गया और भाभी को फिर लीप किस करने लगा..
अब, भाभी मेरे ऊपर आ गईं और सारे कपड़े उतार कर, मुझे किस करने लगीं.
फिर कुछ ही देर में, मेरे लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगीं..
थोड़ी देर बाद, हम 69 की पोज़िशन में आ गये और मैं उनकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लण्ड चूसने लगीं..
जल्द ही, मैं झड़ गया और हम एक दूसरे की बाहों में कुछ देर लेटे रहे..
अब, भाभी बोलीं – आज नहीं करोगे, कुछ स्पेशल… स्टाइल का… तभी, मुझे एक आइडिया आया..
मैंने भाभी को सीधा किया और डेरी मिल्क, जो भाभी के लिए लाया था उसे अपना हाथ में मसल कर उनके दोनों मम्मे पे लगा दी और उनकी टुंडी पर भी और उनकी चूत में भी लगा दी, उंगली डालकर..
अब मैं उनके चुचे की डेरी मिल्क खाने लगा और धीरे धीरे, निप्पल भी चबाने लगा..
भाभी सिसकारियाँ निकालने लगीं – इनयः याहह ह ह ह ह ह… उन्हम म म म म म… इस्स स स स स स स स स स स सस्स स… उन्हममम मम म म म म म म म म म म… इस्स सस स स स स स स स स स स… आह आ आ आ आहह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… इन्यह ह ह ह ह ह… या या या आया आया या आ हा… ज़ोर से चूसो, राजा… अन्म उन्ह म्म… शाबाश… हाँ हाँ हाँ… उफ्फ फ फ फ… और चूसो…
फिर, मैं उनकी चूत के पास आ गया और उनकी चूत के ऊपर की डेरी मिल्क भी चाटने लगा..
भाभी – आँह… इस्स… उन्हम म्म… और जैसे ही, मैंने उनकी चूत के अंदर की डेरी मिल्क चाटना शुरू किया.. भाभी ने अब अपनी जांघें फैला दी और मेरा सिर दोनों हाथ से दबाने लगीं और सिसकारियाँ लेते हुए बोलीं – आँह… इस्स… उन्हम म्म… उफ्फ फ्फ मस्तराम… मार डाल, मुझे आज… आह आह आह आह आह आह… इयाः इयह उःम उन्म हम्म म म म म म… आआअहह आह आह आह आह ष्ह…
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Re: भाभी ने इंग्लीश पढ़ाई

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अब मैं उनकी टुंडी पे गया और उस पर लगी डेरी मिल्क भी चाटने लगा..
भाभी अब बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगीं – अहह सस्स्स्स्शह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आँह माआ हह… आराम से मस्तराम… इनहया याः इया या या या या या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह….
फिर भाभी मेरे लण्ड के पास आई और उस पर डेरी मिल्क लगाकर, उसे चाटने लगीं..
क्या मज़ा आ रहा था, यार..
फिर भाभी बोलीं –मस्तराम आख़िर कहाँ से लाते हो ऐसे आइडिया…
मैं बोला – बस देखती जाओ… और, उन्हें लीप किस करने लगा..
फिर, मैं भाभी के मम्मे दबाने लगा..
भाभी – उन्हाया… मस्तराम अब डाल भी दो… कितना तडपाएगा…
मैं बोला – जैसी आपकी मर्ज़ी, भाभी जान…
अब मैं भाभी की चूत के पास गया और अपने लण्ड का सुपाड़ा भाभी की चूत के छेद पे रखा और एक तेज़ झटका लगाया तो लण्ड का सुपाड़ा थोड़ा अंदर गया और भाभी चीख पड़ीं – आराम से मस्तराम , आराम से…
फिर मैंने एक और झटका लगाया तो थोड़ा और लण्ड अंदर गया तो भाभी चीखीं – मर र र र र र गई ई ई ई ई ई…
कुछ देर बाद, मैंने एक झटका और लगाया तो पूरा लण्ड अंदर गया तो भाभी चीखीं – अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः… आ आह ह आह आ आ आ ह ह ह आह आ आ आह ह ह ह… म्न्ह मन्ह मर गयइ… आराम से मस्तराम… और चोद… और चोद… फाड़ दे, मेरी आज… अहहहाहा आह अह आ आ अहहा… इयै याया आ आ या अय हेया… और तेज़ और तेज़… ज़ोर से, और ज़ोर से… शाबाश शाबाश शाबाश… अहहहः अएआएआएआए… चोद चोद चोद चोद चोद चो द द द द दहस स स स…
और, भाभी को मैंने ज़ोर ज़ोर शॉट लगाने शुरू कर दिए..
भाभी तो बस, सिसकारियाँ निकालने लगीं – आह हह आ आ आ आह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आह उंह ह ह ह ह आह इहह स स ह ह..
भाभी को करीब 5 मिनट तक चोदने के बाद, मैं झड़ने वाला था..
मैं भाभी से बोला – मैं आ रहा हूँ…
फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी..
हम पूरे पसीने में नहा गये थे और भाभी के पसीने की खुश्बू में, गजब सा नशा था.. जिसके वजह से, मैं भाभी को इतना चोद सका और झड़ गया..
फिर, मैं भाभी के ऊपर ही लेट गया..
अब मैं बोला – कैसा लगा, भाभी…
भाभी बोलीं – एक बात तो माननी पड़ेगी, तुम जैसा तो कोई नहीं चोद सकता… मज़ा तो मुझे तेरे साथ, सच में बहुत आता है… आज तो ऐसा लगा, जैसे तू मेरी नथ उतार रहा हो…
थोड़ी देर पड़े पड़े यूँही बात करने के बाद, हम 69 की पोज़िशन में आ गये..
असल में, भाभी को मेरी ये ही बात पसंद थी की मेरा फट से, फ़ौरन तैयार हो जाता था, दूसरे राउंड के लिए..
खैर, मैं फिर से भाभी की चूत चाटने लगा और वो मेरा लण्ड चूसने लगीं..
अब मैं उठा और भाभी को, अपने लण्ड के ऊपर खड़ा किया और उनकी चूत पे अपना लण्ड रखा तो लण्ड एक ही झटके में आधा अंदर चला गया तो भाभी चीखीं – अन्म आह इस्स… आह आह अहहहाहा आह अह आ आ अहहा… इयै याया आ आ या अय हेया… आह आह अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः आह… आराम से,… आ आ आ आ स स स स स स स स स… इनहया याः इया या या या या या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… उई माआअ…
और, अगले झटके में तो पूरा लण्ड भाभी की चूत में समा गया..
अब भाभी, बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगीं – आह आँह… फूह यान्ह… आ आ आ आ आ आ आ आ उंह… इयान्ह ह ह ह ह ह आह आ आ आ आह ह हा… उफ्फ मा ह उंह आह… आराम से,… अन्म आह इस्स… आह आह अहहहाहा आह अह आ आ अहहा… इयै याया आ आ या अय हेया… आह आह अहहाहा हहाहा आइ इह इयाः आह… आराम से, टाइगर… आ आ आ आ स स स स स स स स स… इनहया याः इया या या या या या ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… उई माआअ…
फिर मैं भाभी के मम्मे, ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा..
कुछ ही देर में झड़ गया और भाभी के बगल में लेट गया..
भाभी बोलीं – मज़ा आ गया, मस्तराम…
अब मैंने भाभी को अपनी बाहों में लिया और उनके मम्मे खूब ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा..
भाभी फिर से आवाज़े करने लगीं – इस्स स स स स स…नी… नहीं स स स स स… उन्हम्मह म म म म म… और मेरे लण्ड को दुबारा मसलने लगीं..
इस बार थोड़ी देर बाद में, लण्ड खड़ा हुआ तो भाभी ने फट से उस अध खड़े लंड को मुंह में ले लिया और चाटने लगीं..
मैं उनका सिर दबाने लगा और बोला – और अंदर लो ना, भाभी… और ज़ोर से चूसो…
कुछ देर बाद, मैं खड़ा हुआ और भाभी को उल्टा किया और उनकी गाण्ड पे सरसों का तेल लगा दिया और फिर गाण्ड क छेद पे अपना लण्ड रख क झटका मारा तो भाभी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ टाइगर र र र र र… उन्हम्म… इनयः इस्स उफ्फ फूहस आह हह आ आ आ आह उन्म आह आ हह आह… और ज़ोर से मस्तराम आह आह अहह…
मैने थोड़ी देर रुकने के बाद, फिर एक झटका मारा तो थोड़ा और लण्ड अंदर गया और भाभी और ज़ोर से चीखीं – मस्तराम नी नी नी नी नी … माँ की चूत त त त त त त… मार डाला रे तूने ने ने ने ने ने… उन्हम्म… बहन चोद द द द द द द… कुत्ते…
अब मैंने बिना देर किए और एक झटका मारा तो पूरा लण्ड भाभी की गाण्ड में समा गया और भाभी की आँखो से आँसू आ गये और भाभी की गाण्ड से थोड़ा ब्लड भी आ गया था..
अब मैं भाभी को किस करने लगा और मम्मे दबाने लगा..
भाभी बहुत ज़ोर ज़ोर से कहने लगीं – मादरचोद द द द द द स स स स स स स… मार डालेगा, क्या या या आह आ आ आ ह ह ह ह ह… और, पूरा कमरा फ़च फ़च की आवाज़ से गूँज रहा था..
और फिर 1-2 मिनट तक चोदने के बाद, मैं भाभी की गाण्ड में झड़ गया और उनके ऊपर लेट गया !!! !!
फिर, हम एक दूसरे की बाहों में लेट कर करीब 4 बजे सो गये..
सुबह करीब 6:30 बजे, भाभी आईं और मुझे उठाया..
मैंने अभी भी कुछ नहीं पहना था और लण्ड खड़ा ही था तो भाभी ने लण्ड को मुंह में लिया और हल्का सा काटा तो मैं हड़बड़ा कर उठ गया..
इस पर भाभी हंस पड़ीं और बोलीं – चलो उठा और जाओ… और कपड़े पहन लो…
मैंने उन्हें अपनी और खींचा और पूछा – भैया गये…
वो बोलीं – हाँ और उनकी बेटी भी गईं…
मैं बोला – सही में…
भाभी बोलीं – हाँ, सही में… हम पूरे दिन, अकेले ही है…
ये सुनकर, मुझसे रहा ना गया और मैं उन्हें किस करने लगा तो भाभी किस छुड़ा कर उठीं और बोलीं – उठो कपड़े पहनो और फ्रेश हो कर, नाश्ता कर लो…
मैं बोला – नाश्ता, मैं एक ही शर्त पे करूँगा… आज हम दोनों जब तक अकेले हैं, कोई भी कपड़े नहीं पहनेगा…
भाभी बोलीं – ठीक है, ठीक है… पर उठो तो…
फिर, मैं उठा और फ्रेश हो कर किचन में गया तो भाभी ने सारे कपड़े उतार दिए थे..
मैं बोला – ये हुई ना बात, भाभी… और फिर, हम नाश्ता करने लगे और चाय पीने लगे..
कुछ देर तक, बातें करते रहे..
कुछ देर बाद भाभी बोलीं – मैं नहा कर, आती हूँ…
इस पर मैं बोला – ठीक है… और मैं, टीवी देखने लगा और भाभी बाथरूम में, नहाने चली गईं..
मैंने सोचा – क्यों ना आज, भाभी को नहाते वक़्त चोदा जाए… और, मैं बाथरूम में गया..
भाभी, शावर ले रही थीं..
मैं उनके पास गया और फ़ौरन, उनकी चूत को चाटने लगा..
भाभी बोलीं – मस्तराम, तुम यहाँ क्यों आए… मैं नाहकर आ रही थीं, ना…
तो, मैं बोला – मैंने सोचा क्यों ना आज नहाते वक़्त चुदाई हो, भाभी…
अब भाभी बोलीं – ठीक है… कर ले, तुझे जो करना है… यहाँ पर भी चोद ले, मेरे बालम… आज तो मैं, तुम्हारी ही रंडी हूँ…
मैं फ़ौरन उनके ऊपर आ गया और लीप किस करने लगा..
मैं उनके दूध को बेतहाशा चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा…
भाभी – आराम से… और तभी मैंने भाभी की निप्पल काटी तो भाभी चीखीं – स स स स मस्तराम , तुम नहीं सुधरोगे…
अब मैं भाभी की चूत चाटने लगा और भाभी, मेरा सिर चूत मे दबाने लगीं और आवाज़े निकालने लगीं –… माँ की चूत त त त त त त… मार डाला रे, तूने ने ने ने ने ने… उन्हम्म… और चाट, और चाट… खा जा, मेरी चूत… बहन चोद द द द द द द… कुत्ते… और ये सब कहते कहते, वो मेरा सिर चूत में और ज़ोर ज़ोर से, दबाने लगीं..
अब हम 69 की पोज़िशन में आ गये और भाभी, मेरा लण्ड चूसने लगीं..
फिर मैं उठा और भाभी की चूत पे अपना लण्ड रखा और एक झटके में, आधा लण्ड अंदर डाल दिया..
भाभी, फिर से चीख पड़ीं – उन्हम्म… इनयः इस्स उफ्फ फूहस आह हह आ आ आ आह उन्म आह आ हह आह… मस्तराम, आराम से…
एक झटके में, मेरा पूरा लण्ड भाभी की चूत मे समा गया और भाभी बोलीं –बहन चोद द द द द द द…
मैं अब ज़ोर ज़ोर से, शॉट मरने लगा..
भाभी – मादरचोद द द द द द स स स स स स स… मार डालेगा, क्या या या आह आ आ आ ह ह ह ह ह… अहहआहम्म… मर र र र र र गई ई ई ई ई … आराम से मस्तराम, आराम से… आ ह आ आ आ आ आ आ आ ह…
थोड़ी ही देर बाद, मैं झड़ गया..
मैंने भाभी को लीप किस किया और धीरे धीरे, उनके मम्मे दबाने लगा..
मज़ा आ गया था, पूरी चुदाई के वक़्त..
शावर से जो ठंडा पानी हमारे गरम बदन पर गिर रहा था, उसका अलग ही मज़ा था…
फिर हम नहा कर बाहर आए और ऐसे ही, बेड पर सो गये.
2 बजे के करीब, मेरी आँख खुली तो मैं किचिन में गया और चाय बनाकर लाया और भाभी को जगाया और बोला – भाभी, लो चाय पी लो और हम चाय पीने लगे..
चाय पीने के तुरंत बाद, भाभी मेरी बाहों मे आ कर बोलीं – तुम्हारे साथ, चुदाई में मुझे वाकई बहुत मज़ा आता है… मैं बस यही चाहती हूँ की तुम इसी तरह, मेरे बदन की आग बुझाते रहो…
फिर, वो मेरे लण्ड को पकड़कर बोलीं – लाओ, मैं इसकी मालिश कर दूँ… और भाभी मेरे लण्ड की बड़े कमसिन तरीके से, मालिश करने लगीं..
मेरा लण्ड तुरंत खड़ा होकर, लोहे ही रोड बनने लगा और मुझसे रहा ना गया और मैंने झटके से भाभी को अपने नीचे किया और एक झटके में पूरा लण्ड, उनकी चूत में घुसेड दिया…
भाभी, बहुत ज़ोर से चीखीं –
मैं भाभी को किस करने लगा और देखा तो भाभी की आँखों से आँसू भी निकल आए थे..
पर, मैंने अपनी स्पीड और बड़ा दी और थोड़ी ही देर में, मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया..
थोड़ी देर बाद, भाभी उठीं और कपड़े पहने और मैंने भी कपड़े पहने और मैंने उन्हें एक सॉफ्ट लीप किस दी और उनके सूट के ऊपर से ही, मम्मे पर कटा तो भाभी बोलीं – सुधार जाओ…
और, मैं अपने घर चला गया..
भाभी और मेरी सेक्स लाइफ, काफ़ी अच्छी चल रही थी..
हम काफ़ी खुश थे पर दो महीने से अंकल की नाइट ड्यूटी चल रही थी तो हमें मज़े करने का ज़्यादा मौका नहीं मिलता था..
कभी कभी ही, मिलने पे एंजाय कर लेते थे..
इस बार, हमारे मोहल्ले के हम जो 4 करीबी परिवार थे, सब ने एक हफ्ते का हिमाचल घूमने का प्लान बनाया क्यूंकि हम सर्दियों में जा रहे थे तो हमें, वहां वर्फ़ मे बड़ा मज़ा आएगा..
हमारे ग्रूप में मेरा परिवार, भाभी और उनकी बेटी थे क्यूंकि अंकल की ड्यूटी की वजह से, वो नहीं जा पा रहे थे और हमारे बगल वाला परिवार था तो हम लगभग, 15-20 लोग हो गये थे..
हमने रिज़र्वेशन करा लिया था, ट्रेन का और हम 5 दिन बाद, निकलने वाले थे..
फिर, हमारे जाने का दिन आ गया था और हम शाम को निकल गये..
हम ट्रेन में, बैठ गये थे..
हम हिमाचल के शिमला जा रहे थे तो हमें पहले चंडीगढ़ जाना था..
वहाँ से, बस से शिमला..
हम अगले दिन सुबह 8 बजे के करीब, चंडीगढ़ पहुँच गये थे..
वहाँ से हमने एक मिनी बस बुक की थी, शिमला के लिए..
इस सफ़र मे, मुझे भाभी के साथ बात करने का या कुछ करने का ज़रा सा भी मौका नहीं मिला..
भाभी अपने औरतों के ग्रूप में व्यसत थीं और मैं, अपने दोस्तो के साथ..
बस मौका देख कर, स्माइल पास कर देते थे..
आख़िर हम शिमला पहुँच गये, करीब 11 बजे के करीब और फिर हम अपने होटल में गये..
सभी, अपने अपने रूम में जाकर आराम करने लगे और शाम को हम सभी मिलकर, शिमला की “मॉल-रोड” घूमने गये..
इसी वक़्त, मैंने भाभी से बात की और मौका देखकर, उन्हें चुपके से किस भी कर ली..
उन्होंने थोड़ा गुस्सा दिखाया और बोला – कुछ तो शरम करो… हम मार्केट में हैं… मोहल्ले के कितने लोग हैं, कोई देख लेगा तो…
मैंने कहा – भाभी, कोई नहीं देखेगा… आप चिंता मत करो…
इस पर वो बोलीं – अगर, तुम्हारा लण्ड हर पाँच मिनट में खड़ा नहीं होता तो तुम्हारी गाण्ड पर लात मारने में मुझे पाँच सेकेंड भी नहीं लगते… तुम जवान छोकरों की यही प्राब्लम है, बड़े बेसब्र होते हो… सब्र नाम की चीज़ ही नहीं होती, बस खड़ा लण्ड लिए फिरते रहते हो…
मैंने कहा – अच्छा सॉरी… पर भाभी, ये ठीक नहीं है… आप जब देखो, मुझे धमकी देती रहती हो… मैं आपसे प्यार करता हूँ…
तो वो बोलीं – ठीक है… प्यार करता है तो ये भी सोचा कर, तेरी भाभी बदनाम हो गई तो क्या होगा… चल अब…
फिर हमने बाहर पराठें खाए और करीब 10 बजे, होटल में सोने चले गये..
मैं अपने दोस्तो के साथ वाले रूम में था और भाभी, अपनी बेटी के साथ रूम में थीं..
शिमला में हर जगह पैदाल ही चलना पड़ता है, इस वजह से सब बहुत थक गये थे और फ़ौरन सो गये..
पर, मुझे बिल्कुल नींद नहीं आ रही थी और रात का करीब एक बज गया था तो मैं भाभी के रूम पे गया..
कुछ देर नॉक किया तो भाभी बोलीं – कौन है…
मैं बोला – मस्तराम…
उन्होंने दरवाजा खोला और मुझे देख कर कहा – इतनी रात को… उफ्फ मस्तराम, तुम्हें समझ क्यूँ नहीं आता… यहाँ कोई देख लेगा तो… चलो, अब आ गये हो तो जल्दी से अंदर आ कर, अपनी मां चुदाओ…
इस पर मुझे थोड़ा गुस्सा आया पर मैंने खुद पर काबू कर लिया और सोचा भाभी नाराज़ हो गईं तो चूत मारने का मौका चला जाएगा..
खैर, हम अंदर गये तो उन्होंने बड़ी बेरूख़ी से पूछा – बको, क्या काम है… कौन सा कीड़ा काटा, तुम्हारी गाण्ड में अब…
मैंने बोला – क्या भाभी, आप हमेशा मुझे डांटती रहती हो… मेरे प्यार का नाजायज़ फायदा उठाती हो… मुझे तो आपकी याद आ रही थी, भाभी…
भाभी बोलीं – अच्छा… याद आ रही थी… बरसों से बिछड़ी, लैला हूँ ना मैं तेरी… 3 घंटे पहले तो, मेरे साथ था…
मैंने कहा – अब छोड़ो ना भाभी, ये सब…
फिर मैंने उन्हें किस के लिए पकड़ा तो भाभी पीछे हटी और बोलीं – मस्तराम मेरी बेटी जाग जाएगी…
मैं बोला – क्या भाभी, नहीं जागेगी ना… यहाँ सब नये नये शादीशुदा जोड़े आते हैं… इस ठंडी और बर्फ में चुदाई का मज़ा ही अलग आता है…
मैंने लाख मनाया, लेकिन वो नहीं मानी और कहा – या तू तुम जाओ या हमारा रिश्ता ख़तम…
मुझे झटका लग गया और मैं उन्हें मानने लगा…
बहुत देर बाद, वो मानी और कहा – ठीक है, मेरे बाप… लेकिन, सिर्फ़ एक किस और उसके बाद तू चलता नज़र आएगा…
मैंने बोला – हाँ भाभी… पक्का… और उनके होठों को अपने होठों में लेकर, चूसने लगा..
हम एक दूसरे को किस किए जा रहे थे और जल्दी ही, हमारी जीभ भी आपस में मिलने लगीं और भाभी ने अपने हाथ मेरे कंधे पर रख दिए थे और मैं भी उनके बालों मे हाथ फेरने लगा और फिर उनकी पीठ पे, तभी मैंने महसूस किया की उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी और मैं उनके मम्मे दबाने लगा..
तभी अचानक से, भाभी अलग हुईं और बोला – हो गयी, किस… चलो अब, जाओ निकालो…
मैंने बोला – भाभी, प्लीज एक और ना…
ना जाने उन्हें क्या हुआ, वो बोलीं – जाता है या चिल्ला चिल्ला कर सब को इकठ्ठा करूँ…
मैंने जाने में ही भला समझा और तुरंत चला आया और अपने कमरे में आ कर, सो गया..
अगले दिन, हम सबने ब्रेकफास्ट किया और हम शिमला का फेमस “ग्रीन वैली” देखने गये, जो की अपनी खूबसूरती के लिए वर्ल्ड में फेमस है..
वहां सबने, खूब एंजाय किया..
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Re: भाभी ने इंग्लीश पढ़ाई

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दिन में वहां, हम खूब घूमे और शाम को हम डिन्नर के बाद होटल के गार्डेन में अंताक्षरी खेलने लगे..
मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था..
बस भाभी को देख कर, उन्हें चोदने का मन करे जा रहा..
मैंने मौका देखकर, उनसे कहा – भाभी, कब मिलेगा पानी पीने को… बहुत प्यास लगी है…
वो बोलीं – सब्र करो, … सब्र का फल, बहुत मीठा होता है…
और फिर हम सब खेलने लगे और थोड़ी देर बाद, अपने रूम में जाकर सो गये..
मैं समझ नहीं पा रहा था की आख़िर, कब और क्या होगा..
अगले दिन, हम शिमला के सबसे उँचे पॉइंट पर “स्नो फाल” देखने गये और वहां पर भी हमने, खूब मस्ती की..
हमने वहां बर्फ के गोलों से खूब खेला और पूरा दिन वहां बिताया..
वहां बहुत ठंड थीं..
देर शाम, हमने डिनर किया और बैठकर सब बातें करने लगे और फिर हम रात में कल की तरह ही, सोने चले गये..
जब सुबह, हम ब्रेकफास्ट कर रहे थे तभी भाभी आईं और मेरी मम्मी और बाकी औरतों से बोला – मेरी एक सहेली रहती है, चंडीगढ़ में… वो काफ़ी दिन से मुझसे मिली नहीं है और मुझसे बहुत बोल रही है, आने को… मैंने बहुत मना किया पर मान नहीं रही है तो मैं मस्तराम को अपने साथ ले जाती हूँ… 1-2 दिन में, आती हूँ… मेरी बेटी वहां बोर हो जाएगी… आप सबके साथ, बहुत घुली मिली हुई है… अगर, आप लोगों को दिक्कत नहीं हो तो उसे यहीं छोड़ जाऊं… सबके के साथ, घूम लेगी…
मेरी माँ ने और बाकी औरतों ने, खुशी खुशी “हाँ” बोल दिया..
हमने एक कार बुक की और हम चंडीगढ़ को निकल गये..
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था..

आख़िर, मैं भाभी से पूछ बैठा – भाभी, आख़िर हम आपकी सहेली के यहाँ क्यों जा रहे हैं…
तो भाभी बोलीं – शांत बैठे रहो…
मैंने कहा – प्लीज बताओ ना… कुछ समझ नहीं आ रहा है…
बहुत पूछने पर, वो बोलीं – अरे यार, हम मेरी सहेली के यहाँ नहीं जा रहे है… बस…
मेरा फिर दिमाग़ घूम गया..
मैं समझ नहीं पा रहा था की आख़िर हो क्या रहा है..
लगभग, 2 घंटे बाद हम चंडीगढ़ पहुँच गये और कार, एक मस्त से होटल के सामने रुकी..
जब हम अंदर गये तो वहां रिसेप्शन पर, भाभी ने अपना नाम बताया..
उन्होंने कहा – मेडम, आपका रूम बुक है..
फिर हम रूम में चले गये..
मुझे तो ये सुन कर ही सदमा लग गया की रूम बुक है..
आख़िर, रूम किसने बुक किया था और जब हम रूम में गये तो मेरी आँखें, फटी की फटी रह गईं..
क्या रूम था, यार..
एक दम बड़ा किंग साइज़ बेड, मस्त बेडरूम और बाथरूम तो पूछो मत..
एक बड़ा सा बाथ टब था और स्टीम बाथ भी था..
अब, मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था.. आख़िर, हो क्या रहा है..
जब मैंने पूरा रूम देख लिया तो भाभी के पास गया..
वो खिड़की के पास खड़ी थीं तो मैंने पूछा – भाभी, कुछ तो बोलो… आख़िर, ये सब है क्या
वो बोलीं – ये तेरी लिए सर्प्राइज़ है…
मैंने कहा – सर्प्राइज़…
उन्होंने बताया – देख, तेरी चुदाई मुझे भी बेहद पसंद है… तुझ से कहीं ज़्यादा… पर मैं तेरी तरह, बेसब्र नहीं हूँ… मैंने सब पहले से, डिसाइड कर लिया था और होटल भी बुक कर लिया था… मैं तुम्हें सर्प्राइज़ देना चाहती थी… हाँ, मेरी कोई सहेली यहाँ नहीं रहती… ये सब मैंने, हमारी चुदाई के लिए किया है…
ये सुनकर तो मैं खुशी से झूम उठा और भाभी को गोद में उठा लिया और बोला – ओह!! भाभी जान… हम कब तक यहाँ हैं…
तो वो बोलीं – कल रात तक… परसों सुबह, हम निकल जाएँगें वापस शिमला…
फिर, मैंने कहा – पर भाभी, ये होटल तो काफ़ी महंगा होगा…
वो बोलीं – तू क्यूँ इसकी चिंता करता है…
फिर, हम इधर उधर की बातें करने लगे और टीवी देखने लगे और फिर हमने खाना ऑर्डर किया और जब खाना आ गया तो हमने खाना खाया और बातें करने लगे..
थोड़ी देर आराम करने के बाद, भाभी बोलीं – मस्तराम, मैं नहा कर आती हूँ…
मैंने बोला – ठीक है, भाभी…
और मैं खिड़की से बाहर के नज़ारे देखने लगा और सोचा – भाभी के आने के बाद, मैं भी नहा लेता हूँ…
मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ अंडरवियर में था..
तभी, भाभी नहा कर आईं..
मैं तो उन्हें देखता रह गया और आँखें, फटी की फटी रह गईं..
भाभी ने एक लाल रंग की पारदर्शी बिकनी पहनी थी और वो बिकनी इतनी छोटी थीं की उनकी गाण्ड तो उसमें आ ही नहीं रही थीं और उनकी गाण्ड की दरार में, घुसी जा रही थी..
उनके बाल, एक दम गीले थे..
मैं तो बस उन्हें देखकर, पागल हो गया था..
भाभी आईने के सामने खड़ी होकर, तैयार होने लगीं तो मैं उनके पास गया और उनके कान में बोला – भाभी, मार डालोगी क्या…
उन्होंने बोला – अच्छा जी…
मैंने कहा – हाँ जी…
फिर, मैंने पूछा – बिकनी कहाँ से आई, भाभी…
उन्होंने बोला – तुम्हें ही खुश करने के लिए खरीदी थी, मेरे बालम…
मैं बोला – और कितने सर्प्राइज़ हैं, भाभी…
तो वो बोलीं – देखते जाओ, बस…
मैं अब बेड पर लेट गया और भाभी को देखने लगा..
मेरे पूरे शरीर में, बहुत दर्द हो रहा था..
शिमला में घूमने की वजह से, बहुत थकान थी..
मैंने भाभी से बोला तो वो बोलीं – दवाई ले लो… पर मैंने मना कर दिया..
फिर वो बोलीं – अच्छा, कोई बात नहीं… मैं मालिश कर दूँ क्या…
मैं फ़ौरन बोला – हाँ, ये ठीक रहेगा… पर हमारे पास तो आयिल नहीं है…
उन्होंने रिसेप्शन पर फोन किया और मसाज आयिल मंगवा लिया..
थोड़ी ही देर में आयिल आ गया तो भाभी बोलीं – चलो अब, नीचे फर्श पे लेट जाओ…!
मैं लेट गया..
भाभी ने हाथ में तेल ले कर, मेरी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया..
भाभी के मुलायम हाथों का स्पर्श, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था..
फिर, भाभी ने पहले मेरे हाथों की मालिश की और फिर, टाँगों की शुरू कर दी..
जैसे जैसे, मेरी जांघों के पास पहुँची मेरी दिल की धड़कन तेज़ होने लगीं..
मेरा लण्ड धीरे धीरे, हरकत करने लगा..
अब भाभी पाँव पर और लण्ड के चारों तरफ, जांघों पर मालिश करने लगीं.
मेरा लण्ड, बुरी तरह से फनफ़नाने लगा..
लण्ड अंडरवियर से, उभर कर बाहर आ रहा था..
भाभी से ये छुपा नहीं था और उनका चेहरा लाल हो गया था..
भाभी उभार को देखते हुए बोलीं –मस्तराम, लगता है तेरा अंडरवियर फट जाएगा… क्यों क़ैद कर रहा है, बेचारे को… आज़ाद कर दे, इसे और यह कहा कर वो हंस पड़ीं..
मैंने कहा – आप ही, आज़ाद कर दो ना भाभी…
भाभी बोलीं – ठीक है, क्यूँ नहीं… मैं तो लण्ड की दीवानी हूँ… और भाभी ने मेरा अंडरवियर नीचे खींच दिया..
अंडरवियर से आज़ाद होते ही, मेरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लण्ड किसी “काले कोबरा” की तरह फनफ़ना कर खड़ा हो गया..
भाभी की आँखें फटी रह गयीं और वो बोलीं – एक बात तो है, कितनी बार देख चुकी हूँ तुम्हारा लण्ड पर फिर भी क्यों, जब भी देखो बड़ा ही लगता है…
मैं बोला – ये सब छोड़ो ना, भाभी… आप इसकी भी मालिश कर दो ना…
अब भाभी ने ढेर सा तेल हाथ में लेकर, खड़े हुए लण्ड पे लगाना शुरू कर दिया..
वो बड़े ही प्यार से लण्ड की मालिश करने लगीं और मेरे सुपाड़े से खेलने लगीं..
अचानक, वो तेल से भीगी एक उंगली मेरी गाण्ड के आस पास घुमाने लगीं और एकदम से, उन्होंने उंगली मेरी गाण्ड में घुसा दी..
मैं चिल्ला पड़ा – भाभी स स स स स… नहीं स स स स स…
भाभी ने मेरा अंडरवियर नीचे खींच दिया..
अंडरवियर से आज़ाद होते ही, मेरा 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लण्ड किसी “काले कोबरा” की तरह फनफ़ना कर खड़ा हो गया..
भाभी की आँखें फटी रह गयीं और वो बोलीं – एक बात तो है, कितनी बार देख चुकी हूँ तुम्हारा लण्ड पर फिर भी क्यों, जब भी देखो बड़ा ही लगता है…
मैं बोला – ये सब छोड़ो ना, भाभी… आप इसकी भी मालिश कर दो ना…
अब भाभी ने ढेर सा तेल हाथ में लेकर, खड़े हुए लण्ड पे लगाना शुरू कर दिया..
वो बड़े ही प्यार से लण्ड की मालिश करने लगीं और मेरे सुपाड़े से खेलने लगीं..
अचानक, वो तेल से मस्तराम एक उंगली मेरी गाण्ड के आस पास घुमाने लगीं और एकदम से, उन्होंने उंगली मेरी गाण्ड में घुसा दी..
मैं चिल्ला पड़ा – भाभी स स स स स… नहीं स स स स स…
तब वो, एक हाथ से मेरा लण्ड हिला रही थी और दूसरे हाथ की उंगली से मेरी गाण्ड मार रही थीं..
सच कहूँ तो कुछ देर बाद, मुझे मज़ा आने लगा और मैं भी किसी लड़की की तरह अपनी गाण्ड उठाने लगा..
अब भाभी ने मुझे पलट कर, कुत्ते जैसे होने को बोला..
मेरी गाण्ड का छेद, अब भाभी के सामने था..
इस पोज़ में आते ही, भाभी पीछे से हाथ डाल कर एक हाथ से मेरा लण्ड का मूठ मारने लगी और पहले एक, फिर दो उंगलियों से ज़ोर ज़ोर से मेरी गाण्ड मारने लगीं..
मुझसे रहा नहीं गया और मेरे लण्ड ने बहुत ज़ोर से पिचकारी मारी..
भाभी ने मुझे फिर सीधा किया और मेरे लण्ड को चूमा और मुझे एक चाँटा मारा और बोला – मज़ा आया, अपनी गाण्ड मरवाने में…
मैंने बोला – सच में, भाभी… बहुत मज़ा आया… पर मुझे डर भी लग रहा है की कहीं मैं “गे” तो नहीं बन जाऊंगा…
भाभी बोलीं – चल पागल… हो गई, मालिश… चल, अब नहा ले… और सुन गाण्ड ठीक से धोया कर, सुबह… और, वो हंस पड़ीं..
मैं बोला – क्या भाभी, आप भी… लेकिन, अभी नहाना कहाँ… अब आप तो लेटो, मैं भी तो आपकी मालिश कर दूँ…
वो बोलीं – नहीं, मुझे नहीं करानी मालिश वालिश और वैसे भी मैंने नहा लिया है…
मैं भाभी को मानने लगा… रिक्वेस्ट करने लगा…
कुछ देर बाद, भाभी मान गईं और उल्टा लेट गईं..
मैं भाभी की टाँगों के बीच में बैठ कर, उनकी पीठ पर तेल लगाने लगा..
मेरे उनके मम्मे के आस पास मालिश करने से, वो गरम हो रही थीं..
फिर, मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और पीछे से ही बारी बारी मैं उनके मम्मे को मसलने लगा..
भाभी, जो “सिसकारियों की रानी” थीं के मुँह से तुरंत ही सिसकारियाँ निकलने लगीं..
वो आँखें मूंद कर, लेटी रहीं..
खूब अच्छी तरह मम्मे को मसलने के बाद, मैंने उनकी टाँगों पर तेल लगाना शुरू कर दिया..
जैसे जैसे तेल लगता जा रहा था, भाभी की साँसे तेज़ होने लगीं थीं..
मैं उनकी गोरी गोरी मोटी जांघों के पीछे बैठ कर, बड़ी प्यार से मालिश कर रहा था..
कुछ देर बाद, मैं उनकी गाण्ड दबाने लगा.. और फिर ज़ोर ज़ोर से, उनकी गाण्ड पर बारी बारी से चांटे मारने लगा..
वो बोलीं – बहन चोद स स स… आराम से…
फिर मैंने भाभी को सीधा किया और उनके मम्मे की मालिश करने लगा और उनके निप्पल मसलने लगा..
भाभी ने सिसकारियाँ लेते हुए, मेरे लण्ड को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगीं..
कुछ देर बाद, मैं उनकी जांघों के बीच में बैठ गया और उनकी पैंटी खींच कर निकाल दी और मैं उनकी टुंडी और चूत के ऊपरी हिस्से पर मालिश करने लगा..
जैसे ही मैंने भाभी की चूत के अंदर उंगलियाँ डाल कर मालिश की तो भाभी की साँसें और तेज़ हो गयीं और वो – इयाः या या या या या या या या या या या… करके सिसकारियाँ लेने लगीं..
अचानक, उन्होंने मुझे अपने नीचे किया और धक्का देकर लिटा दिया और ठीक मेरे लण्ड पर मूतने के पोज़ में बैठ गई..
एक ही पल में, भाभी की चूत से बेहद गरम धार, सीधे मेरे खड़े लण्ड पर गिरने लगी, और भाभी ज़ोर से बोलीं – हिला, अपना लण्ड…
भाभी की गरम गरम मूत मेरे लण्ड पर गिर रही थी और मैं ज़ोर ज़ोर से अपना लण्ड हिला रहा था..
भाभी की चूत में इतनी गरमी थी की ऐसा लगा की मेरी फिर से पिचकारी निकल जाएगी.. पर तभी भाभी की टंकी खाली हो गई..
उफ्फ!! क्या ग़रम मूत थी, भाभी की.. मज़ा आ गया था, कसम से.. अपना लण्ड उनकी मूत से नहलाने में..
जिस तरह भाभी ऊपर आईं थीं, ठीक उसी तरह भाभी ने मुझे फिर ऊपर कर लिया.

जैसे ही मैंने भाभी की चूत के अंदर उंगलियाँ डाल कर मालिश की तो भाभी की साँसें और तेज़ हो गयीं और वो – इयाः या या या या या या या या या या या… करके सिसकारियाँ लेने लगीं..
अचानक, उन्होंने मुझे अपने नीचे किया और धक्का देकर लिटा दिया और ठीक मेरे लण्ड पर मूतने के पोज़ में बैठ गई..
एक ही पल में, भाभी की चूत से बेहद गरम धार, सीधे मेरे खड़े लण्ड पर गिरने लगी, और भाभी ज़ोर से बोलीं – हिला, अपना लण्ड…
भाभी की गरम गरम मूत मेरे लण्ड पर गिर रही थी और मैं ज़ोर ज़ोर से अपना लण्ड हिला रहा था..
भाभी की चूत में इतनी गरमी थी की ऐसा लगा की मेरी फिर से पिचकारी निकल जाएगी.. पर तभी भाभी की टंकी खाली हो गई..
उफ्फ!! क्या ग़रम मूत थी, भाभी की.. मज़ा आ गया था, कसम से.. अपना लण्ड उनकी मूत से नहलाने में..
जिस तरह भाभी ऊपर आईं थीं, ठीक उसी तरह भाभी ने मुझे फिर ऊपर कर लिया..
फिर मुझसे भी रहा ना गया और मैंने भी अपना लण्ड तुरंत भाभी की चूत पर टिकाया और ज़ोर से धक्का दिया..
लण्ड पर तेल लगे होने की वजह से, भाभी की चूत में मेरा लण्ड एक बार में समा गया और भाभी चीख पड़ीं – मस्तराम, मर ग यइ स स स… उंह ह ह ह ह ह… अहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… उईई माह ह ह ह ह ह स स स स स… आह आह आह… आह आह आह आह आह आह… इयाः या या या या या या या या या या या…
मैं भाभी को लीप किस करने लगा और उनके मम्मे दबाने लगा..
फिर मैंने एक झटका और लगाया तो भाभी बोलीं – मादार चोद द द द द द स स स स s s s… मार डालेगा, क्या या या आह आ आ आ ह ह ह ह ह… हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ… माँ की चूत… चोद, अपनी भाभी को… बना दे, मुझे कुतिया… चोद दद चोद द दद चोद द द दद चोद द द द दद चोद द द द द द द द द द द…
पूरा कमरा, फ़च फ़च की आवाज़ से गूँज रहा था..
करीब भाभी को 4-5 मिनट तक चोदने के बाद, मैं झड़ने वाला था तो भाभी से बोला – बहन के लौड़ी, मैं आ रा हूँ…
भाभी बोलीं – तो आ ना, भोसड़ी के… निकाल दे, अपना गरमा गरम मूठ… आ, जल्दी आ…
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Re: भाभी ने इंग्लीश पढ़ाई

Post by mastram »


और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और बहुत ज़ोर ज़ोर से शॉट लगाने लगा..
अब भाभी की गालियाँ और सिसकारियाँ और तेज़ हो गईं – मादार चोद स स स स स… तेरी माँ का भोसड़ा… और ज़ोर से… चोद चोद चोद… और तेज़… और तेज़… आह आह आह आह आह आह अहह अहह… अहह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ न न न ह ह ह…
और… मैं झड़ गया और थक कर उनके बगल में लेट गया..

फिर, मैंने उनसे बोला – भाभी, मज़ा आ गया आज तो… आपको कैसा लगा…
भाभी बोलीं – मस्तराम, तू तो बड़ा शिकारी हे रे…
इस पर मैं, ज़ोर से हंस पढ़ा..
फिर, मैंने टाइम देखा तो रात के 10 बज रहे थे..
भाभी उठीं और नहाने चली गईं और मैंने खाना ऑर्डर किया और भाभी के आने के बाद, मैं भी नहाने चला गया..
हमने खाना खाया..
फिर, हम बेड पर लेट गये और टीवी देखने लगे..
भाभी सिर्फ़ गाउन में थीं और मैं सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था और हम टीवी देख रहे थे..
रात के करीब एक बज रहे थे तो टीवी पर कुछ ख़ास नहीं आ रहा था तो मैंने टीवी बंद कर दिया..
फिर, मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा और उन्हें किस करने लगा..
हम एक दूसरे को किस किए जा रहे थे और कुछ ही देर में, हमारी जीभ भी मिलने लगी थीं..
लगभग 10 मिनट बाद, हम अलग हुए और हम ज़ोर ज़ोर से हांफने लगे..
थोड़ी देर बाद, मैं अब उनके चेहरे और गाल पर किस करने लगा और उनके गाउन के ऊपर से ही, उनके मम्मे दबाने लगा.
भाभी की साँसें तेज़ हो रही थीं और मैंने उनका गाउन खोल दिया..
भाभी के छोटे छोटे निप्पल देख कर, बस मज़ा आ गया और मैंने बिना देर किए, उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा..
अपनी आदत से मजबूर होकर, जैसे ही मैंने निप्पल काटा तो भाभी चीखीं –स स मस्तराम स्स…
फिर मैं उनके दूसरे मम्मे की निप्पल चूसने लगा और उसे भी काट लिया.. !!! !!
भाभी फिर चीखीं और बोलीं – मादर चोद… अब कटेगा तो तेरी गाण्ड में पूरा डंडा घुसा दूँगी, गान्डू…
मैं हंसने लगा और फिर उनके दोनों मम्मे दबाने लगा और भाभी सिसकारियाँ निकालने लगीं – उफ्फ फ फ फ फ फ याह: धीरे… आह आह आह आह आह आह… उन्म उन्हम्म…
फिर, मैं भाभी की टुंडी पे किस करने लगा और उनकी पूरे जिस्म को चूमने और चाटने लगा..
अब मैं उनके पैरों में गया और उनके पैरों को चाटने लगा और फिर धीरे धीरे उनकी जांगों को चूमा और फिर उनकी चूत पर आ गया..
मैं उसकी खुशबु से पागल हो रहा था और मैंने उस पर जैसे ही जीभ रखी भाभी सिसकारियाँ लेने लगीं और बोलने लगीं – इयाः मस्तराम स स स स… मूत ना, मेरी चूत पर… अहह… उन्ह उंह…
मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत की तरफ किया और बोला – कोशिश करता हूँ, भाभी…
भाभी बोलीं – नहीं स स स स स, कोशिश नहीं ह ह ह ह ह, मूत ना… मार अपनी गरम गरम मूत की धार मेरी चूत पर… याहह माह इसस्स… आँह… इस्स… उन्हम म्म…
मैंने थोड़ी कोशिश की और मेरे लण्ड से मूत की धार, सीधे भाभी की चूत के छेद पर गिरने लगी..
भाभी ने अपनी चूत थोड़ी उँची की और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को रगड़ने लगीं..
मेरी पूरी मूत, उनकी चूत के अंदर जा रही थी..
अपनी टंकी खाली करते ही, भाभी ने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में घुसा दिया और ज़ोर से सिसकारी ले कर बोलीं – चाट…
मेरा सिर भाभी ने पूरे ज़ोर से दबा रखा था और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ ले रहीं थीं – उन्हया… माँ के लौड़े, चाट… आँह आ आ आ आ इनहया… तेरी माँ का भोसड़ा, चाट… आहह उन्ह ह ह ह ह ह… नहीं तो सब को चिल्ला कर बुला लुंगी और बताउंगी की तू मेरा रेप कर रहा है… चाट स स स स स, बहन चोद द द द द द… तेरी माँ की चूत, चाट ह ह ह ह ह… और वो मेरा सिर चूत में ज़ोर ज़ोर से दबाने लगीं..
पहले धीरे धीरे और फिर, सब भूल कर मैं अपनी ही मूत में मस्तराम भाभी की चूत को खूब तेज़ी से चाटने लगा और करीब 5 मिनट चूसने के बाद, भाभी उठीं और मुझे धक्का देकर सीधा किया और सीधे मेरे मुँह पर आकर बैठ गईं..
इसके पहले मैं कुछ समझ पता भाभी ने एक हाथ से मेरा मुँह खोला और सीधे मेरे मुँह के अंदर मूतने लगीं..
भाभी की मूत बहुत गरम थी और सीधे मेरे गले तक जा रही थी, मैं मुँह हिलना चाहता पर भाभी मेरे होंठों के ऊपर ही अपनी चूत लेकर बैठीं थीं..
चाह कर भी, मैं मुँह ज़रा सा भी नहीं हिला पा रहा था..
लगभग 2 मिनट तक, भाभी की गरम गरम मूत सीधे मेरे मुँह से मेरे गले तक जा रही थी..
जब भाभी की टंकी खाली हुई तो वो बहुत ज़ोर से अपनी चूत मेरे होंठों पर और मुँह पर रगड़ने लगीं और बोलीं – इयाहह… मैं आ रही हूँ… इनयः याहह ह ह ह ह ह… उन्हम म म म म म… इस्स स स स स स स स स स स सस्स स.. उन्हममम मम म म म म म म म म म म… इस्स सस स स स स स स स स स स… आह आ आ आ आहह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… इन्यह ह ह ह ह ह… या या या आया आया या आ हा… ज़ोर से चूसो, टाइगर… अन्म उन्ह म्म… शाबाश… हाँ हाँ हाँ… उफ्फ फ फ फ… और चूसो… और, और ज़ोर से मुझे अपनी चूत चाटने लगीं..
जैसे ही, भाभी झड़ी तो मेरा पूरा मुंह फिर से उनके रस से भर गया..

फिर भाभी मेरे चेहरे से उठ गईं और मेरे ऊपर लेट गईं..
मुझे बड़ी मुश्किल से साँस आ रही थी..
भाभी की मूत से मेरा पूरा गला, जल सा रहा था..
पर सच कहूँ तो फिर भी मुझे मज़ा आया था..
खैर, भाभी अब मेरे पूरे जिस्म को चाटने लगीं और कुछ ही देर में, मेरे गले से मेरे लण्ड पर आ गईं और उसे मुंह में ले लिया और खूब ज़ोर ज़ोर से चाटने लगीं और करीब 2-4 मिनट भाभी के चूसने में ही मैं झड़ गया..
भाभी ने मेरा कुछ रस मुँह में ले लिया और बाकी अपने चुचों पर मल लिया..
फिर मेरा रस अपने होंठों पर लाकर, भाभी मुझे लीप किस करने लगीं और उनके मुँह में भरा पूरा रस मेरे मुँह में उड़ेलने लगीं..
इसके बाद हम थोड़ी देर, ऐसे ही लेटे रहे और बात करते रहे..
मैंने भाभी से कहा – भाभी, ऐसा लग रहा है रेप तो आप मेरा कर रहीं थीं..
भाभी हंसने लगीं और बोलीं – क्यूँ… मज़ा नहीं आया…
फिर वो बोलीं – बच्चू, औरत अपनी पे आए तो बड़े से बड़े मर्द को पानी पीला दे… तू तो फिर भी अभी छोटा है… और, भाभी मेरे लण्ड को फिर से हिलाने लगीं..
इतनी थकान के बाद भी वो फिर खड़ा हो गया और मैं भी उनको किस करने लगा और उनके मम्मे दबाने लगा..
वो ज़ोर ज़ोर से, मेरे लण्ड को मसलने लगीं..
फिर, मैं बोला – भाभी, आज मैं भी आपकी तरह कुछ नया करता हूँ और मैं उनके पेट के ऊपर आ गया और कहा – आज, आपके मम्मे चोदता हूँ…
इस पर वो बोलीं – दो छेद कम थे, जो तीसरा खुद बना लिया…
मैं बोला – भाभी, अब आप देखती जाओ बस…
वो बोलीं – ठीक है… देखते हैं…
भाभी ने खुद ही अपने चुचों को दबा लिया और मैंने अपना लण्ड उनके मम्मे की बीच की दरार में डाला और रगड़ने लगा..
सच में यार, क्या मज़ा आ रहा था..
उनके मम्मे “आइसक्रीम” की तरह, मुलायम थे..
करीब 5-7 मिनट रगड़ने के बाद, मैं आने वाला था तो मैंने कहा – भाभी अब आप मुंह खोलो… मैं आ रहा हूँ…
लेकिन, भाभी तब तक मुँह नहीं खोल पाईं और मैंने उनके चेहरे पर अपना सारा माल गिरा दिया..
फिर भाभी उठीं और उन्होंने मेरे लण्ड ही चाट चाट कर साफ कर दिया..
हम फिर से लेट गये और भाभी उनके चेहरे पर गिरे मेरे माल से अपने चेहरे का मसाज करने लगीं..
इसके बाद, मुझ में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं बची थी..
अब मुझे चक्कर से आने लगे थे पर थोड़ी ही देर में, भाभी मेरा लण्ड सहलाने लगीं..
इस बार बहुत देर तक मेरा लण्ड खड़ा नहीं हुआ तो भाभी फिर से मेरी गाण्ड की दरार में, उंगलियाँ फिराने लगीं..
गाण्ड के छेद पर भाभी की नरम मुलायम उंगलियाँ लगते ही ना जाने क्या हुआ की मेरा लण्ड अपने आप भाभी को सलामी देने लगा और फिर मैं भी उनकी पीठ चूमने और चाटने लगा..
फिर, हम 69 की पोज़िशन में आ गये और भाभी मेरा लण्ड मुंह में लेने लगीं और मैं भी उनकी चूत में उंगली करने लगा..
अब फिर से भाभी की आवाज़े आने लगीं थीं – आँह… इस्स… उन्हम म्म…
फिर मैंने एक उंगली और डाल दी और अपनी स्पीड बढ़ा दी..
कुछ ही देर में, मैंने अपनी सारी उंगलियाँ भाभी की चूत में डाल दी और ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा और एक हाथ से चूत के ऊपर सहलाने लगा..
भाभी आवाज़े निकले जा रही थीं – उफ्फ फ्फ टाइगर… मार डाल, मुझे आज… आह आह आह आह आह आह… इयाः इयह उःम उन्म हम्म म म म म म… और तेज़ टाइगर… और तेज… मर र र र र र गई ई ई ई ई ई…
थोड़ी देर बाद, भाभी झड़ गईं और मैं फिर से उनका सारा रस पी गया..
अब मैंने उनको लिटाया और उनकी चूत पे लण्ड को रगड़ने लगा तो भाभी बोलीं – टाइगर, बस अब मत तड़पा… अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है… डाल दे, यार… अब तो बदन में भी जान नहीं बची है… जल्दी कर…
मैं बोला – हाँ भाभी, अब तो मेरी हिम्मत भी जवाब दे गई है… पर लण्ड है की मानता ही नहीं…
अब वो बोलीं – चल, अब डाल दे…
मैंने अब देर ना करते हुए, पूरी ताक़त समेट कर एक ज़ोर से झटका मारा तो लण्ड एक ही झटके में अंदर था और भाभी इतनी ज़ोर से चीखीं की मुझे उनके मुंह को दबाना पड़ा..
फिर थोड़ी देर बाद जब उनका दर्द कम हुआ तो बोलीं – बहन चोद, ऐसे डालता है, कोई सांड की तरह…
मैंने सॉरी बोला और शॉट लगाने शुरू कर दिए..
सिसकारियों की रानी, मेरी भाभी चुपचाप पड़े पड़े चुदवा रहीं थीं.. बस बीच बीच में – उन्ह आ उफ़… की हल्की हल्की आवाज़ आ रही थी..
कुछ ही देर में, मैं झड़ने वाला था तो मैंने फिर अपनी स्पीड थोड़ी बड़ा दी और अपना सारा रस बिना कॉन्डम के भाभी की चूत में छोड़ दिया और उनके बगल में गिर गया.
भाभी मेरी बाहों में थीं और हम पूरे पसीने मे नहा गये थे, इतनी ठंड के बावजूद भी..
मुझे कमरे का रूम हीटर भी बंद करना पड़ा था..
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