चाची भोस बेटी ठोस

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Jemsbond
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चाची भोस बेटी ठोस

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चाची भोस बेटी ठोस


अपने पेरैंटस के गुज़र जाने के बाद मैं अपने चाचा, चाची और उनकी बेटी (मेरी कज़िन बहन) के साथ उनके बंगले में रहता था। मेरे चाचा बहुत ही कामयाब बिज़नेस मैन थे। घर में हर तरह के सुख-साधन और लग्ज़री मौजूद थी। मेरी उम्र उस समय आठरह साल की थी और मेरी चाची बयालीस साल की थी और उनकी बेटी मुझसे एक साल बड़ी थी और अभी-अभी बीस साल पूरे करे थे और कॉलेज में पढ़ रही थी।। आपको बता दूँ की मेरी कोमल चाची का गदराया बदन बहुत ही मादक और मस्त था। उसकी चूची छत्तीस साइज़ की थी और छत्तीस-सी साईज़ की ब्रा पहनती थी। पतली कमर और बहुत ही प्यारे-प्यारे मोटे-मोटे चूतड़ अढ़तीस साइज़ के थे। जिसको देख के किसी का भी लंड तन जाये। चाची की शक्ल-सूरत और जिस्म भी बिल्कुल नीता अंबानी जैसा था।
मेरी कज़िन बहन, रंगीली जो बस जवान ही हुई थी, एकदम अपनी माँ की तरह मस्त दिखने लगी थी। जब वो स्कर्ट पहनती थी तो मैं हमेशा कोशिश कर के उसके सामने ही बैठा करता ताकि मुझे उसकी चिकनी जाँघें और पैंटी में कसी चूत का उभार और चूतड़ दिखें। मैं हमेशा इस फिराक में रहता था की मुझे एक बार अपनी कोमल चाची और रंगीली पूरी नंगी देखने को मिल जायें।
कोमल चाची शिक्षित और काफी आधुनिक थी और और किट्टी पार्टियों और कुछ चैरिटबल संस्थाओं से भी जुड़ी हुई थी। शराब-सिगरेट का सेवन भी करती थी। कोमल चाची ज्यादातर साड़ी या सलवार-सूट पहनती थी लेकिन कभी-कभार जींस, स्कर्ट वगैरह जैसे वेस्टर्न कपड़े भी पहनती थी। जब शाम को चाची साड़ी में बैठ कर व्हिस्की पीती थी और स्मोक करती थी तो मेरा लंड कस कर अकड़ जाता था। दोस्तों आपने कभी साड़ी वाली औरत को व्हिस्की और सिगरेट पीते हुए देखा है की नहीं? इतना मस्त सीन होता है की इच्छा करती है की वहीं साली की साड़ी उठा के लंड पेल दें। मैं उन दोनों माँ-बेटी को सिर्फ देख कर ही मस्त हो जाता था और बाथरूम में जा कर उनकी उतरी हुई ब्रा और पैंटी, जिस में से उनकी मस्त चूत और चूची की खुशबू आती थी और कभी उनकी की ऊँची ऐड़ी वाली सैंडल जिन में से उनके पैरों के पसीने की महक आती थी, खूब सूँघता हुआ मुठ मारता था। कोमल चाची की पैंटी में हमेशा मादक सूगंध आती थी और रंगीली की पैंटी में उसकी ताजी चूत की खुशबू मैं सूँघता था और उनकी ब्रा, पैंटी और सैंडलों को चाट-चाट कर अपने लंड को ठंडा करता था।
एक दिन की बात है, मेरा लंड रात को अचानक खड़ा हो गया और मेरी इच्छा हुई की मैं कोमल चाची के बाथरूम में जा कर उनकी पैंटी और ब्रा सूँघ कर मुठ मारूँ। मैं चुप-चाप बाथरूम की ओर जाने लगा तो मुझे कोमल चाची के कमरे से हल्की सी लाइट और कुछ आवाज़ सुनाई दी। मैं भी धड़कते दिल से चाची के दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा। अंदर कोमल चाची चुदाई में मस्त हो कर चाचा को बहनचोद और मादरचोद की गालियाँ दे रही थी। इतनी सफिस्टिकेटिड और पढ़ी-लिखी चाची के मुँह से ऐसी गंदी गालियाँ सुनकर मुझे विश्वास ही नहीं हुआ।
मुझसे रहा नहीं गया। मैंने सोचा यह मौका है जब मैं कोमल चाची को पूरा नंगा और चुदते हुए देख सकुँगा और मैं सीधा बालकोनी की ओर गया क्योंकि मुझे मालूम था वहाँ की खिड़की पर पर्दा नहीं है और वहाँ से मुझे सब दिखाई देगा। मैं चुपचाप दबे पैरों से बालकोनी में गया और अंदर का सीन देख कर तो मुझे जैसे मन की इच्छा मिल गयी। कोमल चाची अपनी दोनों टांगों को फैला कर लेटी हुई थीं और एक हाथ से सिगरेट पी रही थीं और चाचा उनकी चूत में भीड़ा हुआ था।
कोमल चाची नशे में थी और कह रही थी, “मादरचोद कभी तो मेरी चूत को ठंडा करा कर, बस भोंसड़ी वाले अपना लंड डाल कर अपने आप को ठंडा कर लेता है। आज मादरचोद अगर तूने मेरी चूत को ठंडा नहीं किया तो मैं बज़ार में रंडी बन कर चुदवाऊँगी।”
चाचा भी अपनी और से पूरी ताकत लगा रहा था और कह रहा था कि “साली रंडी कितना चोदता हूँ तुझे… पर तेरी चूत की प्यास ही खत्म नहीं होती और तेरा बदन इतना मस्त है की चार पाँच शॉट में ही मेरा लंड झड़ जाता है” और इतना बोलते-बोलते ही चाचा अपना लंड कोमल चाची की चूत में झाड़ कर लुड़क गये।
कोमल चाची बोलती रहीं कि “पता नहीं कब मेरी चूत की प्यास ठंडी होगी, ये गाँडू तो मुझे ठंडा ही नहीं कर पाता है।”
चाचा और चाची को इस तरह गंदी भाषा में गालियाँ देते हुए बातें करते सुनकर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था। मेरी बड़ी इच्छा करी कि मैं अंदर जाऊँ और कोमल चाची को पकड़ कर खूब चोदूँ।
मैं अपना लंड हाथ में पकड़ कर वापस अपने कमरे की और चल दिया। रास्ते में रंगीली का कमरा पड़ता था। चाची की चुदाई देखने के बाद मेरा लंड फड़फड़ा रहा था। पता नहीं मैं किस ख्याल में रंगीली के कमरे में घुस गया। मुझे जब ध्यान आया तो मैंने अपने आप को रंगीली के बिस्तर के पास खड़ा पाया। रंगीली इस समय अपनी नाईटी में आराम से सो रही थी जो उसके चुतड़ों को सिर्फ़ आधा ढके हुई थी। मेरे सामने अभी भी कोमल चाची की चुदाई का सीन चल रहा था और इसी गर्मी में मैंने देखा कि रंगीली की मस्त चिकनी-चिकनी टाँगें और फुले हुए चूतड़ जो उसने पैंटी में छुपाये हुए थे। मुझ से रहा नहीं गया और मैं बिस्तर के साइड में हो कर उसकी चिकनी टाँगों को अपने होठों से चूमने लगा, और धीरे-धीरे उसकी गाँड की दरार में अपने होंठ और नाक रख दी। जिस चूतड़ की खुशबू मैं पैंटी में सूँघता और चाटता था वही चूतड़ आज मैं असली में सूँघ रहा था और अपने होंठों से किस कर रहा था। इतने में रंगीली कुछ कुनमुनाई और मैं डर के मारे चुप चाप कमरे से निकल गया।
मस्त गदराई कोमल चाची
उसके बाद मैं बाथरूम गया और कोमल चाची की पैंटी और ब्रा अपने रूम में ला कर सूँघते और चाटते हुए खूब मुठ मारी, और मैंने इरादा किया की एक बार मैं कोमल चाची के साथ ट्राई तो मार के देखूँ, क्या पता, प्यासी चूत है, अपने आप ही मुझे चोदने को दे दे। मुठ मारते-मारते मैं कोमल चाची की ब्रा अपने होंठों से लगा कर सो गया।
अगली सुबह में कोमल चाची ने मुझे झकझोड़ के जगाया और बोली, “राज आज स्कूल क्यों नहीं गया? देख सुबह के दस बज रहे हैं, तेरे चाचा को तो आज सुबह महीने भर के लिये युरोप और अमेरिका जाना था, वो तो कभी के चले भी गये और रंगीली भी अपनी कालेज ट्रिप के साथ जयपुर चली गई है, मैं भी थक रही हूँ, तू नहा धो के नाश्ता कर ले तो मैं भी थोड़ा लेटूँगी।”
मैंने जल्दी से उठ कर सबसे पहले कोमल चाची की पैंटी और ब्रा ढूँढी पर मुझे कहीं नहीं मिली। मेरी तो डर के मारे सिट्टी पिट्टी गुम हो गई, और मैं सोचने लगा की अगर चाची को पता पड़ गया तो चाची मेरी खूब पिटाई करेंगी।
मैं चुपचाप अपने सारे काम पूरे करके टीवी देखने बैठ गया और उधर चाची मुझे नाश्ता देकर अंदर जा कर लेट गयीं। थोड़ी देर बाद आवाज दे कर मुझे अपने कमरे में बुलाया, और बोली “राज मेरा जरा बदन दबा दे।”
उस समय कोमल चाची सिर्फ़ ब्लाऊज़ और पेटीकोट में थीं और कहने के बाद पेट के बल हो कर उल्टी लेट गई। कोमल चाची ने अपने ब्लाऊज़ का सिर्फ़ एक हुक छोड़ कर सारे हुक खोले हुए थे और अपना पेटीकोट भी कुछ ज्यादा ही नीचे कर के बाँधा हुआ था जिस से उनकी गाँड की दरार साफ नज़र आ रही थी। मेरे सामने वो चूतड़ थे जिसे सिर्फ़ देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और कोमल चाची तो अपना पूरा बदन मेरे को दिखाते हुए मसलने को कह रही थी। मैं बिना देर करे चुपचाप चाची के साईड में बैठ कर धीरे-धीरे उनका बदन दबाने लगा, उनके चिकने बदन को छूते ही मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मैं डरने लगा की कहीं कोमल चाची को पता नहीं चल जाये। जब पेटीकोट के ऊपर से कोमल चाची के चूतड़ दबाये तो लंड एक दम मस्त हो गया। पेटीकोट के ऊपर से ही कोमल चाची के चूतड़ दबा कर मालूम पड़ गया था कि गाँड वाकय में बहुत गदरायी हुई और ठोस थी।
थोड़ी देर बाद चाची बोली, “अरे राज, जरा तेल लगा कर जोर से जरा अच्छी तरह से मालिश कर।”
मैंने कहा, “चाची तेल से आपका ब्लाऊज़ खराब हो जायेगा, आप अपना ब्लाऊज़ खोल दो।”
कोमल चाची बोली, “राज मैं तो लेटी हूँ, तू मेरे पीछे से ब्लाऊज के हुक खोल के साईड में कर दे।”
मैं जिस कोमल चाची को नंगा देखने को तरसता था और जिसकी ब्रा सूँघता था, मैंने बड़े धीरे-धीरे से उनके ब्लाऊज के हुक खोले और अब चाची की नंगी पीठ पर सिर्फ़ काली ब्रा के स्ट्रैप दिख रहे थे। मैंने थोड़ा सा तेल अपने हाथों पर लेकर चाची की पीठ पर मलना चालू किया पर बार-बार चाची की काली ब्रा के स्ट्रैप दिक्कत दे रहे थे। मैंने कोमल चाची को बोला कि “चाची आपकी पूरी ब्रा खराब हो रही है और मालिश करने में भी दिक्कत हो रही है।”
तब कोमल चाची बोली कि “तू मेरे ब्रा के स्ट्रैप खोल दे।”
कोमल चाची के मुँह से यह सुन कर मेरा लंड तो झटके लेने लगा। मैंने भी बड़े ही प्यार से ब्रा के हुक खोल दिये। पहली बार इतने पास से मैं कोमल चाची की चिकनी सुंदर पीठ देख रहा था। मैं उस नंगी पीठ पर धीरे-धीरे तेल से मालिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद कोमल चाची बोली, “राज जरा मेरे नीचे भी मालिश कर दे।”
मैंने कहा, “चाची कहाँ करूँ?” तो कोमल चाची बिना किसी शरम के बोलीं की “मेरे चुतड़ों की और किसकी।”
मैंने भी सोचा मौका अच्छा है और मैंने कहा, “पर उसके लिए तो आपका पेटीकोट उतारना पड़ेगा।”
तब चाची बोली, “जा कर अच्छे से पहले दरवाजा बंद कर आ।”
मैं जल्दी से जाके दरवाजा बंद कर के आया तो देखा कोमल चाची पहले से ही अपना पेटीकोट उतार कर पिंक पैंटी और काली ब्रा को अपने हाथों से दबाय, पेट के बल उल्टी बिस्तर पर लेटी हुई थीं। मैंने तेल लेकर धीरे-धीरे चाची की मस्त टाँगों की और उन मस्ताने गदराये चूतड़ों की मालिश चालू कर दी। मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था की वो कोमल चाची जिसका नाम लेकर मैं रात भर मुठ मारता था, एक दिन ब्रा और पैंटी में मेरे समने लेट कर मेरे हाथ से अपनी मालिश करवायेंगी।
मालिश करते-करते जब मैं कोमल चाची की जाँघों पर पहुँचा तो मेरे हाथ बार-बार पैंटी के ऊपर से कोमल चाची की कसी हुई चूत की मछलियों से टच हो रहे थे जो मुझे एक अजीब तरह का आनन्द दे रहे थे। मुझे पता नहीं क्या सूझा, मैंने कोमल चाची की पैंटी के साइड से अपनी एक उंगली धीरे-धीरे अंदर डाली और कोमल चाची की चूत पर उंगली फेरने लगा। कोमल चाची की चूत एक दम बिना बाल की थी और उसकी साफ़्टनैस से मालूम हो रहा था की चाची शेव नहीं बल्कि हेयर रिमूवर से अपनी चूत के बाल साफ़ करती थीं।
तभी अचानक चाची सीधी हुई और अपनी काली ब्रा को छोड़ के एक चाँटा मेरे गाल पर मार दिया और बोली, “मादरचोद, तुझे शरम नहीं आती मेरी चूत में उंगली डालते हुए।”
जब कोमल चाची उठी उस समय उन्हें अपनी काली ब्रा का ध्यान नहीं रहा और ब्रा के हुक पहले से ही खुले होने के कारण चाची की वो मस्त गोरी-गोरी चूचीयाँ जिसपे भूरे रंग के बड़े से निप्पल थे, मेरे सामने पूरी नंगी हो गई और मैं चाँटे की परवाह किये बिना कोमल चाची की मस्त चूचीयाँ देखता रहा। कोमल चाची ने भी उन्हें छुपाने की कोई कोशिश नहीं की, बल्कि एक और चाँटा मारते हुए बोलीं, “मादरचोद, बहन के लौड़े, तू मुझे क्या चूतिया समझता है, कल रात को मेरी पैंटी और ब्रा तेरे तकिये पर कैसे पहुँच गई, बता सच-सच मदरचोद… मेरी पैंटी और ब्रा के साथ क्या कर रहा था?”
कोमल चाची ने इस तरह की भाषा में मेरे साथ पहले कभी बात नहीं की थी और इस वक्त उनका गुस्सा देख कर मैंने डरते-डरते बताया कि, “कल रात को जब चाचा आपको प्यार कर रहे थे, उस समय मैंने आपको देखा था और पता नहीं… आप उस समय इतनी सुंदर लग रही थीं कि बाथरूम में जा कर आपकी पैंटी और ब्रा लेकर अपने बिस्तर पर आ गया और आपकी पैंटी और ब्रा को सूँघते हुए और चाटते हुए अपने हाथ से मैंने खूब मुठ मारी।”
इस पर चाची ने एक चाँटा और मारा और बोलीं, “बहनचोद मुझे तो तूने नंगा देख लिया चुदवाते हुए… अब तू अपने कपड़े उतार के मेरे समने पूर नंगा हो के दिखा… मैं देखूँ तो सही आखिर तेरी लुल्ली है या लंड!”
उस समय चाची की चूचियाँ देख कर मेरा लंड पूरा तना हुआ था। कोमल चाची ने आगे बढ़ कर अपने लिये एक सिगरेट जलाई और मेरा पायजामा खोल दिया और मेरा सढ़े आठ इंच लम्बा और ढाई इंच मोट लौड़ा कोमल चाची की आँखों के सामने झूलने लगा। कोमल चाची की आँखें फैल गयीं और वोह बस इतना ही बोली, “मादरचोद! इंसान का लंड है की घोड़े का… अभी तक कहाँ पर छुपा के रखा था… पहले क्यों नहीं दिखाया… इस लंड को देख कर तो कोई भी औरत नंगी हो कर अपनी चूत उछाल- उछाल कर चुदवायेगी!”
ये बालते-बालते मेरे लंड को चाची ने अपने हाथ में ले लिया और बड़े प्यार से अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए उसे देखने लगी। दोस्तों पहली बार जब कोई औरत आपका लंड पकड़ती है और जो मस्ती बदन में चढ़ती है वोह मैं आपको बता नहीं सकता। मेरी ज़िंदगी में वोह पहली औरत का स्पर्श था जो मेरे लंड को मिल रहा था, और वो भी उस औरत का जिसको याद कर-कर के मैं कितनी बार मुठ मार चुका था। इस से पहले कि मैं कुछ बोल पाता, मेरे लंड से पिचकारी निकली और कोमल चाची के होंठों और नंगी चूचियों पर जा कर पसर गयी।
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बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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कोमल चाची अब बड़े प्यार से बोलीं, “माँ के लौड़े! बहनचोद! तू तो एकदम चूतिया निकला… मैं तो समझ रही थी की मेरी ब्रा खोल कर और मुझे पैंटी में देख कर शायद तू मेरे साथ जबर्दस्ती करके मेरी चुदाई करेगा… पर मुझे तू माफ कर दे, जब तूने मुझे अपनी बाहों में लेकर चोदा नहीं तो मैंने गुस्से में तेरी पिटाई कर दी… पर क्या करूँ इतने साल हो गये हैं मेरी चूत को ठंडा हुए… रोज़ अपने आप ही वाइब्रेटर डाल कर ठंडी करती हूँ पर असली मर्द से चुदने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती है! आज जब मैं सुबह तेरे कमरे में गयी और अपनी पैंटी और ब्रा से तेरा मुँह ढका पाया तो मैं समझ गयी की तू मेरे सपने देख कर मुठ मारता है… इसी बहाने से मैंने आज तुझे मसाज के लिये बुलाया था, पर तेरा घोड़े जैसा लंड देख कर तो मैं पागल हो गयी हूँ… ऐसे लंड के तो मैं सिर्फ़ सपने ही देखती थी… और तू भी अब चूत लेने के लिये तैयार है… चल आज से सपने देखना बंद कर… और बता अपनी चाची की चूत चोदेगा?”
मेरे तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। मैं पहले तो हक्का बक्का खड़ा रहा और बाद में मैंने कुछ झिझकते हुए उन ही के अंदाज़ में कहा, “चाची! जब से मेरा लंड खड़ा होना चालू हुआ है तब से मैंने सिर्फ़ आपको याद कर के मुठ मारी है… मैं हमेशा ही आपको सपने में बिना कपड़ों के नंगी, सिर्फ़ ऊँची हील्स वाली सैंडल पहने हुए इमैजिन करता था और आपके मोटे चूतड़ और चूचीयों को इमैजिन करता था, मैंने मुठ तो बहुत मारी है पर मुझे चोदना नहीं आता, तुम बताओगी तो मैं बहुत प्यार से मन लगा कर तुमको चोदूँगा!”
चाची बोलीं, “राज अब तेरा लंड देखने के बाद ही मैं तो तेरी हो गयी और चुदाई तो मैं खूब सीखा दूँगी… पर तुझे मेरी हर बात माननी होगी और अगर तूने मुझे मस्त कर दिया तो मैं तुझे जो तू इनाम माँगेगा तुझे दूँगी… और ध्यान रहे ये बात किसी को मालूम नहीं होनी चाहिए!”
अब हम दोनों के बीच कोई शरम या पर्दा नहीं रह गया था। चाची ने कहा, “आज से तू और मैं जब भी अकेले होंगे… तू मुझे सिर्फ़ कोमल बुलाना और अब मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ चूसते हुए मेरे चूतड़ मसल!”
मैंने भी इतने दिनों की मुठ मारने के बाद मिला चाची का नंगा बदन अपनी बाहों में पकड़ कर उठा लिया और नंगी कोमल चाची को अपनी बाहों में भर कर उनके नरम-नरम होंठों को अपने मुँह से चूसने लगा। बता नहीं सकता कि मैं उस समय किस जन्नत में था, और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनकी पैंटी में डाल कर उन मतवाले चूतड़ों को दबाने लगा। जब मैं पेटीकोट के उपर से दबा रहा था, मुझे उस समय ही मालूम हो गया था कि कोमल चाची के चूतड़ बहुत ही तगड़े और मस्त हैं, और अब जब उनके नंगे चूतड़ पकड़े तो हाथों में कुछ ज्यादा ही जान आ गयी और मैं कस-कस कर मसलने लगा।
कोमल चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में कस कर पकड़ रखा था जिस से उनकी माँसल चूचियाँ मेरे सीने से लग कर मुझे गुदगुदा रही थी। थोड़ी देर एक दूसरे को चूसने के बाद कोमल चाची मुझ से अलग हुई और अपनी अलमारी खोल कर व्हिस्की की बोतल निकाल कर बोली, “जब तक रंगीली वापस नहीं आती तेरी चुदाई की क्लासिज़ चालू और अब तू हफते भर मेरी क्लास अटेंड करेगा!”
इतना कह कर कोमल चाची ने दो ग्लास में शराब डाली और दो सिगरेट जला लीं और एक मुझे देते हुए कहा, “जो मैं बताऊँ वैसे ही करना!”
“लेकिन चाची मैंने कभी स्मोक या ड्रिंक नहीं की है!” मैं थोड़ा हैरान होते हुए बोला।
“मादरचोद… नहीं की है तो आज कर ले… चुदाई भी तो तूने पहले कभी नहीं की है… मज़ा आयेगा.. बिलीव मी!” चाची बोली।
उसके बाद कोमल चाची एक हाथ में व्हिस्की का ग्लास और एक में सिगरेट पकड़ कर मेरे सामने आई और बोली, “बहन के लौड़े! तू मुझे हाई हील के सैंडलों में इमैजिन करता है ना, चल अब अपने हाथों से मेरे पैरों में सैंडल पहना और फिर मेरा पेट चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और पीछे से मेरी गाँड के छेद में उंगली डाल और धीरे-धीरे से अपने मुँह से मेरे पेट को चूमते हुए मेरी बूर के ऊपर ला कर मेरी चूत को अभी सिर्फ़ ऊपर से ही चूस। मैं तुझ से नाचते हुए अपनी चूत चुसवाँऊगी, बाद में जब तू अपनी ड्रिंक और सिगरेट खतम कर लेगा तब तुझे बताऊँगी की औरतें अपनी चूत का पानी मर्दों को कैसे पिलाती हैं।”
मैं तो उस समय कुछ बोलने की हालत में ही नहीं था। मैं तो बार-बार यही सोच रहा था की मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा हूँ। जिस औरत को नंगा देखना और चोदना मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मकसद था वो ही औरत मेरी बाहों में नंगी मुझ से चुदवाने के लिये मचल रही है। खैर, मैंने कोमल चाची के आदेश अनुसार उनके गोरे-गोरे नरम पैरों को चूम कर उनको चार इंच ऊँची पेन्सिल हील्स वाले सैण्डल पहनाये। आज तक मैं चाची के सैक्सी सैण्डलों को चूम-चूम कर और अपने लंड पे रगड़-रगड़ कर मुठ मारता था पर आज वही नंगी चाची के सैण्डलों में बँधे पैरों को मैं चूम रहा था और इस का सीधा असर मेरे लंड पे हो रहा था।
फिर मैं कोमल चाची के बताय तरीके से उनको अपनी बाहों में भर कर चूमने और पैंटी उतारने लगा। कोमल चाची अपने चूतड़ हिला-हिला कर अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी रही थी और जब मेरे होंठ कोमल चाची की चूत के उभार पर टच हुए तो कोमल चाची ने कस कर मेरा सर पकड़ा और चूत के उभार पर दबा दीया। वो मीठी-मीठी सितकारियाँ भरने लगी और बोली, “राज तुझे मैं ज़िंदगी का इतना प्यार दूँगी की जब तू अपनी बीवी को चोदेगा तो हमेशा मेरी ही चूत याद करेगा!”
मैं भी मन लगा कर कोमल चाची की चूत की दरार पर और उभार पर जीभ फेरने लगा। थोड़ी देर बाद कोमल चाची के चूतड़ों में एक कंपन आया और मेरा सर जोर से दबाते हुए अपनी चूत का पानी बहार छोड़ दिया। उसके बाद मेरी बगल में बैठ गयी और बोली, “राज! आज पहली बार ऐसा हुआ है की मैं अपनी चूत चुसवाते हुए झड़ी हूँ!”
कोमल चाची की आँखें शराब और ओरगैज़्म के कारण नशीली हो रही थी। उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और चोंकते हुए बोली, “हाय-हाय राज! यह क्या हाल कर रखा है तूने अपने लंड का… तन कर एक दम फटने को हो रहा है… मेरे प्यारे राज! लंड को इतना नहीं अकड़ाते की लंड फट ही जाये और वैसे भी आज से यह लंड अब सिर्फ़ मेरा है… चल थोड़ा तेरे लंड को ढीला कर दूँ… फिर तुझे आराम से अपनी चूत का पानी पिलाऊँगी!”
इसके बाद कोमल चाची ने मुझे एक छोटा सा पैग और दिया और एक-एक सिगरेट जला कर मेरे बदन से चिपट गयी, और मुझे खींच कर बिस्तर पर टाँगें सीधी कर के पीठ के सहारे बिठा दिया और बोली, “चल अब तू आराम से अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी…!” और फिर मेरा लंड पकड़ कर कहा, “मैं लंड की ड्रिंक और सिगरेट बना कर पीयुँगी… और तेरी मस्ती निकले तो निकाल दियो मेरे मुँह में… लंड चूसना किसे कहते हैं अब मैं तुझे वो बताऊँगी!”
इतना कह कर कोमल चाची ने अपने रसीले होंठ मेरे लंड के सुपाड़े पर रख दिए जो कि तन कर एक दम लाल टमाटर की तरह हो रहा था और फिर धीरे-धीरे मेरे लंड को अपने मुँह के अंदर जीभ फिराते हुए सरकाने लगी। मुझे नहीं मालूम औरतों को लंड चूसते हुए कैसा लगता है पर मैं इतना बता सकता हूँ की कोई भी मर्द मादरचोद अपना लंड चुसवाने के बाद बिना चूत लिये रह नहीं सकता, चाहे उसे उसके लिये कुछ भी क्यों ना करना पड़े। मेरे उपर तो उस समय कोमल चाची के नंगे बदन का नशा, व्हिस्की का नशा, सिगरेट का नशा और कोमल चाची से लंड चुसवाने का नशा ऐसा छाया हुआ था की जैसे मैं किसी और दूसरी दुनिया में हूँ। ये चारों ही नशे ज़िंदगी में पहली बार मैं अनुभव कर रहा था।
पहले तो कोमल चाची बड़े प्यार से अपना मुँह उपर नीचे सरका-सरका कर मुझे लंड चुसाई का मज़ा देने लगी। मेरा पूरा लंड कोमल चाची के मुँह में समा नहीं पा रहा था पर वो बहुत तबियत से मेरी आँखों में आँखें डाल कर चूस रही थी। मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल था। मैने कोमल चाची का सिर कस कर अपने हाथों में पकड़ लिया और हाथ से उनका सिर उपर नीचे करने लगा और नीचे से अपने चूतड़ उछाल- उछाल कर कोमल चाची के मुँह में ही शाट देने लगा और जब मैं झड़ा तो मैंने कस कर कोमल चाची का सिर पकड़ कर नीचे से एक शाट लगाया जिस से मेरा लंड सीधा कोमल चाची के गले में जा कर फँस गया और उस समय मेरा पूरा साढ़े आठ इंच और ढाई इंच मोटा लौड़ा जड़ तक कोमल चाची के मुँह में घुसा हुआ था और मेरी झाँट के बाल कोमल चाची की नाक में घुस रहे थे। जब मैं शाट लगा कर कोमल चाची के गले में अपना लंड फँसाकर झड़ रहा था उस समय कोमल चाची बूरी तरह छटपटा रही थी और मुझ से दूर जाने की कोशीश कर रही थी पर मैंने भी कस कर उन का सिर पकड़ा हुआ था और जब तक मेरे पानी की आखिरी बूँद नहीं निकली, मैंने कोमल चाची का सिर नहीं छोड़ा।
कोमल चाची वाकय में बहुत चूदास औरत थी। इतनी तक्लीफ होने के बाद भी मेरे लंड का सारा पानी चाट-चाट कर पी गयी और एक भी बूँद बाहर नहीं गिरने दी।
कोमल चाची ने मेरा झड़ा हुआ लंड अपने मुँह से बाहर करा तो मैं बोला, “चाची आई एम सारी! पर यह मेरा पहली बार था इसलिये मैं अपने आप को कंट्रोल बाहर कर पाया!”
कोमल चाची ने मेरे होंठ चूमते हुए कहा, “डार्लिंग तू सिर्फ़ मुझे कोमल बोल… और मादरचोद मैं इसी तरह तो अपन बदन रगड़वाना चाहती हूँ… कसम से आज पहली बार लंड चूसने का असली मज़ा मिला है। ऐसा प्यारा और तगड़ा लंड हो तो मैं ज़िंदगी भर चूसती रहूँ!”
लंड चुसवाने के बाद मैं भी थोड़ा सा मस्त हो चूका था। मैंने कहा, “क्यों कोमल चा… मेरा मतलब सिर्फ़ कोमल… तुम्हारा इतना चुदास बदन है… तुमने शादी से पहले किसी से चुदवाया या नहीं?”
कोमल चाची बड़े दुख से बोली “अरे नहीं रे, मेरे पास अपनी चूत फड़वाने के और नए-नए लंड लेने के मोके तो बहुत थे पर मैंने सोचा हुआ था के मैं अपनी चूत सुहाग रात वाले दिन ही अपने हसबैंड को दूँगी। पर मुझे क्या पता था की मेरी किस्मत में ऐसा गांडू लिखा हुआ है। अगर मुझे पता होता तो मैं शादी से पहले जम कर अपनी चूत का मज़ा उठाती। तेरे चाचा का सिर्फ़ पाँच इंच लम्बा और एक इंच मोटा है और बस पाँच-छ: धक्के में ही झड़ जाता है और गांडू की तरह मेरी चूचियों पर उल्टा लेट कर सो जाता है!”
इतना कह कर कोमल चाची बिस्तर से उठीं और अलमारी से नौ इंच लम्बा वाइब्रेटर लेकर आयी और बोली, “अभी तक तो मेरा असली हसबैंड ये ही है जिस से मैं अपनी चूत की आग बुझाती हूँ। तेरे चाचा के अलावा तू पहला लड़का है जिस से मैं अपना नंगा बदन चुदवाऊँगी… बस तू मेरा साथ मत अलग करना!”
कोमल चाची कहते-कहते बहुत भावुक हो गयी थीं। मैंने कोमल चाची को अपनी बाहों में भर लिया और एक दम फ़िल्मी डाय़लोग मारते हुए बोला, “कोमल डार्लिंग आज से मैं तुम्हारे जिस्म की भूख को शाँत करूँगा और जब तुम कहोगी उसी समय अपना लंड तुम्हारी सेवा में हाज़िर कर दूँगा! आज से तुम्हारे दुख के ओर वाइब्रेटर के दिन बीत गये। आज से तुम सिर्फ़ इस असली लंड का मज़ा लो…!” और इतना कह कर कोमल चाची को दबा दबा कर उसके रसीले होंठ चूसने लगा।
कोमल चाची की चूचियों का दबाव पाकर और उनकी मस्त मोटी-मोटी जवानी सीने से लगा कर मेरा लंड फिर से पूरा तन गया था। कोमल चाची बोली, “भोसड़ी के! तेरा लंड है की मस्त गन्ना… देख तो सही कैसे खड़ा हो कर लहरा रहा है!”
मैंने कहा, “कोमल यह तो फिर से तुम्हारे होंठों को ढूँढ रहा है चुसाने के लिये।”
कोमल चाची बोली, “राज! गन्ना तो मैं अबकी बार अपनी चूत में ही चूसूँगी, पहले तो मुझे अपनी सिगरेट और ड्रिंक आराम से पीने दे और तू अपनी ड्रिंक मेरी चूत से निकाल कर पी… आ जा राज आज तुझे औरतों की चूत पीना सिखा दूँ!”
इतना कह कर कोमल चाची अपने चूतड़ आराम से बिस्तर पर टिका कर बैठ गयी और अपनी दोनों टाँगें खोल कर पैंटी में कसी हुई चूत की मछलियों को दिखाने लगी। जब भी मैं कोमल चाची और रंगीली की पैंटी सूँघता था तो बहुत ही मादक खुशबू आती थी। मैं भी देखना चाहता था की आखिर वो आती कहाँ से है।
इतने में कोमल चाची बोलीं, “चल मादरचोद! मेरी टाँगें और जाँघें चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर ऐसे चूस जैसे आइसक्रीम चूसता है और फिर अपनी जीभ को मेरी दरार के अंदर डाल और खूब घुमा-घुमा कर मेरी चूत को अंदर तक चाट, याद रहे चूसाई और चटाई तब तक चलती रहे जब तक मैं तुझे मना नहीं करूँ और इस दौरान अगर मेरी चूत से मेरी मस्ती निकले तो उसे अपनी ड्रिंक समझ कर चाट कर पी जाना!”
बड़ा ही सैक्सी सीन था। कोमल चाची बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ पैंटी और सैक्सी सैंडल पहने, एक हाथ में ड्रिंक और एक हाथ में सिगरेट लेकर स्मोक कर रही थीं। उनके मस्त मम्मों पर उनके भूरे-भूरे निप्पल ऐसे दिख रहे थे कि जैसे कह रहे हों कि आजा… आज जी भर के मज़ा ले ले… बहुत मुठ मार ली तू ने… और फिर चाची ने अपनी चिकनी मस्त टाँगों को फैला दिया। मैंने भी झुकते हुए कोमल चाची की मस्त जाँघों को बारी-बारी चूमते हुए खूब चाटा, और फिर मस्ती में पहली बार कोमल चाची की पैंटी के उपर से ही उनकी चूत की दरार को चाटने लगा। मेरे होंठ कोमल चाची की चूत पर लगते ही कोमल चाची मस्ती में आ गयी और बोली, “राज अब जल्दी से मेरी पैंटी उतार के मेरी मस्त जवानी चूस ले, मदरचोद इतना मज़ा दूँगी कि किसी औरत ने आज तक किसी मर्द को नहीं दिया होगा!”
मैं बड़े प्यार से कोमल चाची की पैंटी धीरे-धीरे उनकी चूत से सरकाते हुए उतारने लगा। कोमल चाची ने अपने चूतड़ हवा में उठा दिये थे ताकि मैं जल्दी से उनकी पैंटी उतार कर चूसना चालू करूँ। कोमल चाची शायद यह नहीं जानती थी कि यह मेरे लिए किसी सुहाग रात से कम नहीं थी, और अपनी प्यारी दुल्हन का मुखड़ा, जिसके कारण ना जाने मैंने कितनी बार अपने हाथ से अपने लंड का पानी गिराया था, आराम से पैंटी उतार कर इत्मीनान से देखना चहता था।
चाची की चूत जल रही थी..
कोमल चाची बोली, “देख ले राज! जी भर के देख मेरी चिकनी चूत को… पता है मैं अपनी चूत शेव नहीं करती क्योंकि उस से चूत थोड़ी सी खुरदरी हो जाती है… बल्कि हेयर रिमुवर से बाल साफ़ करती हूँ ताकि मेरी चूत हमेशा मुलायम और चिकनी रहे।”
मैं देर तक कोमल चाची की चूत को देखता रहा और अपनी हथेली फेरता रहा। कुछ देर बाद कोमल चाची बोलीं, “देख राज इतना नहीं तरसाते… मेरे भोसड़े में आग लग रही है… जल्दी से चूसके ठंडी कर दे।”
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Re: चाची भोस बेटी ठोस

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मैंने भी अब ज्यादा रुकना मुनासिब नहीं समझा और अपने होंठ कोमल चाची की चूत के गुलाबी होंठों पर रख दिये। कोमल चाची ने एक गहरी सितकारी लेते हुए मेरे सर को अपनी चूत पे दबा लिया। मेरा मुँह दबने से मेरी नाक में कोमल चाची की चूत की खुशबू उतरती चली गयी और मुझ पर ना जाने क्या नशा चढ़ा मैंने अपने होंठों से उनकी चूत दबाकर चूसनी चालू कर दी और अपनी जीभ अंदर-बाहर करते हुए कोमल चाची की चूत के अंदर करने लगा। इस समय कोमल चाची ने मेरा सर अपनी पूरी ताकत से अपनी चूत पर दबाया हुआ था और अपनी मस्त चिकनी जाँघों से मेरा सर जकड़ा हुआ था, जिसके कारण कोमल चाची की सितकारियाँ और गालियाँ मेरे कानों तक नहीं पहूँच पा रही थीं। कोमल चाची के मस्त चूतड़ अब उछलने चालू हो गये थे, और उन्होंने मेरे हाथ अपनी चूचियों पर से हटा कर अपने दोनों चूतड़ों के नीचे कर दिये थे।
मैं भी इशारा पा कर उन मस्त चूतड़ों को दबा-दबा कर मसलते हुए कोमल चाची की चूत चूसता रहा। अचानक कोमल चाची ने अपने चूतड़ों का एक जोरदार झटका मारा और मेरा सर दबा कर मेरे मुँह में अपनी चूत का पानी निकालने लगी। पहले मुझे अजीब सा टेस्ट लगा पर बाद में इतना टेस्टी लगा कि मैं दोबारा उनकी चूत में जीभ घुसेड़ कर उनकी चूत की दीवारों पर लगा हुआ उनकी चूत का पानी चाटने लगा। कोमल चाची शायद इस दोबारा चुसाई के लिये तैयार नहीं थीं और अचानक चालू हुई दोबारा चुसाई ने कोमल चाची को पागल बना दिया और उन्होंने अपनी जाँघें जोर से कस कर झड़ना चालू किया। उन्होंने अपनी जाँघें इतनी जोर से दबा ली थी कि अगर मैं अपने दोनों हाथों से उन्हें अलग नहीं करता तो शायद मेरा सर चकनाचूर हो जाता। मैंने जब मुँह उठा कर देखा तो कोमल चाची के चेहरे पर भरपूर ठंडक दिखायी पड़ रही थी।
उन्होंने मेरी आँखों में आँखें डालते हुए कहा, “पता है राज! आज मेरे जीवन में पहली बार मेरी चूत के लिप्स किसी मर्द के होंठों से चूसे गये हैं। मैंने आज तक सिर्फ़ किताबों में पढ़ा था या ब्लू-फिल्मों में देखा था कि औरतों को अपनी चूत मर्दों से चुसवाने से चूत को वो सुख मिलता है जो उसको लंड से चुदवाकर भी नहीं मिलता। वाकय में राज आज तूने मेरी चूत चूसकर वो सुख दिया है जो मुझे आज तक नसीब नहीं हुआ था, थैंक यू!”
मैंने भी कहा, “चाची… सारी… कोमल… मुझे नहीं मालूम तुम्हें कितना मज़ा आया… पर मुझे तो तुम्हारी चूत का पानी पी कर और चूत चूस कर मज़ा आ गया, आज के बाद जब भी तुम मिलोगी, मैं सबसे पहले तुम्हारी चूत चूसुँगा और चाटुँगा।”
मेरा लंड इतनी सारी मस्ती एक साथ मिल जाने पर लोहे की रॉड की तरह हो रहा था। चाची ने बड़े प्यार से अपने होंठों को चौड़ा करके मेरे लंड का सुपाड़ा अपने होंठों में भर लिया और फिर एक मिनट तक उसके ऊपर अपनी जीभ फिराती रही जिससे मैं अपना कँट्रोल खो बैठा और कोमल चाची की गर्दन पकड़ कर उनका मुँह अपने लंड पर दबाने लगा। कोमल चाची ने झट से अपना मुँह ऊपर खींच लिया और प्यार से बोली, “राज मैं तो तेरे लंड को बता रही थी की अपनी दुल्हन से मिलने के लिये तैयार हो जा, आज तेरी दुल्हन जी भर के तेरे धक्के लेगी और बाद में तेरी आखिरी बूँद तक चूसेगी। अब बस आजा राज तुझे आगे का लेसन पढ़ा दूँ। अब मुझसे सहन नहीं हो पा रहा है।”
कोमल चाची ने एक तकिया अपने चूतड़ों के नीचे लगाया और एक अपने सर के नीचे और पीठ के बल लेट गयीं। बड़े प्यार से बोली, “चल आज तू अपनी कोमल चाची की सवारी कर ले, चढ़ जा अपनी कोमल पर, और तू भी सीख ले औरत पर चढ़ना किस को कहते हैं। बहुत तरसा है ना तू मेरी चूत के लिए, चल आज के बाद नहीं तरसेगा, चल आजा बना ले अपनी चाची से संबंध, बना दे अपनी चाची को रंडी।”
मुझे कोमल चाची ने अपनी टाँगें फैला कर टाँगों के बीच में कर लिया और तकिया लगा होने के कारण कोमल चाची की चूत एकदम फूल कर उठी हुई थी। कोमल चाची बोली, “देख राज मैं अपने हाथ से अपनी चूत के लिप्स खोलुँगी, तू बस अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर मेरा जो गुलाबी छेद दिखेगा, उस पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़, और जब तक मैं ना कहूँ लंड मेरे अंदर मत उतारना।”
कोमल चाची ने एक सिगरेट जलाई और दूसरे हाथ से अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल कर दिखाने लगी, और बोली, “आजा बेटा! चल रगड़ अपना लंड।”
मैंने भी अपनी मस्ती में डूबे हुए लंड को कोमल चाची की फैली हुई चूत पर रगड़ना चालू कर दिया। पहली बार मुझे कोमल चाची की चूत की गरमी महसूस हुई। कोमल चाची सितकारी लेते हुए बोली, “देख ले बहनचोद! जैसे तूने मुझे बाहों में लेकर किस करा था उसी तरह मैं तेरे लंड को अपने चूत के लिप्स के बीच में लेकर किस कर रही हूँ… मज़ा आ रहा है कि नहीं?”
मेरी ज़िंदगी में तो पहली बार मेरा लंड किसी चूत से टच हुआ था। मेरे दोनों कान लाल हो गये थे, मैंने कहा, “कोमल मेरे बदन में यह कैसी आग लग रही है?”
कोमल चाची बोली, “बस मेरी जान थोड़ा सा और… फिर तू मेरी आग बुझा और मैं तेरी आग बुझाऊँगी।”
एक मिनट और लंड घिसने से मेरा बदन मारे मस्ती के कांपने लगा। कोमल चाची समझ गयी कि मैं अब कंट्रोल के बाहर हूँ। उन्होंने बड़े प्यार से अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और बोलीं, “देख राज! तेरा लंड बहुत मोटा लम्बा और तगड़ा है, मेरी चूत में इसकी जगह धीरे-धीरे ही बनेगी… इसलिये तू धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में उतार और अपने चूतड़ के धक्के दे और लंड आगे पीछे कर… चल अब चालू हो जा… तू भी सीख ले चुदाई क्या होती है… चोद ले अपनी चाची को जी भर के… पर मादरचोद अगर तू अपने चाचा की तरह जल्दी झड़ा तो इसी वाइब्रेटर से तेरी गाँड मारूँगी वो भी बिना क्रीम के!”
मैंने पहले तो एक हल्का सा शॉट लगाया जिस से मेरा दो इंच लंड कोमल चाची की चूत में सरक गया और उनकी चूत के गुलाबी लिप्स ने मेरा लंड जकड़ लिया। कोमल चाची की चूत अंदर से सुलग रही थी जिसकी असली गरमी मैंने अब महसूस करी। कोमल चाची बोली, “आआहहहहहहहहहहहा मेरे राजा… शाबाश मेरे शेर… अब धीरे-धीरे अपना लंड पेल मेरे अंदर!”
मैंने भी एक-दो धक्के तो दिये पर इतना ताव आ गया की मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा छः इंच लंड कोमल चाची की चूत में समा गया। कोमल चाची ने अपने चूतड़ ऐसे उछाले जैसे उन्हें बिजली का करँट लग गया हो और बोली, “बहन के लौड़े! चोदना सीखा नहीं और मेरी चूत फाड़ने पर उतर आया… ज़रा आहिस्ता-आहिस्ता चोद अपनी चूत रानी को!”
कोमल चाची बोलती रहीं और मैंने कोमल चाची को उनकी कमर के नीचे से उभरे हुए मोटे चूतड़ों से पकड़ा और अपने चूतड़ों का पूरा दम लगा कर जबरदस्त शॉट मारा जिस से मेरा पूर लंड कोमल चाची की चूत में समा गया और कोमल चाची के बदन पर लेट गया और अपनी बाहों में कस के पकड़ लिया जिस से उनकी निप्पल मेरे निप्पल से लग गयी और उनके माँसल जोबन मेरी छाती के नीचे दब गये।
कोमल चाची ने दर्द के मारे करीब एक फुट अपनी गांड हवा में उछाली और गालियाँ देती हुई बोली, “माँ के लौड़े! क्या कर दिया तूने… माँ चोद कर रख दी मेरी चूत की… अरे भोसड़ी वाले ऐसे थोड़ी मैंने चूत की माँ चोदने को कहा था… तेरा साला लंड है कि मूसल… मेरी तो मदरचोद चूत फट गयी आज… चोद दे मादरचोद… हाय हाय बड़ा दर्द हो रहा है!” पर मैंने कोमल चाची को पूरी तरह से दबोच रखा था और उनकी टाँगें अपनी टाँगों में फसायी हुई थीं।
अब धीरे-धीरे अपना लंड आगे पीछे करना चालू किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर बड़े प्यार से उनके मुँह को और उनकी जीभ को चूसते हुए शॉट लगाने लगा। जब मैंने देखा की कोमल चाची का तड़पना कुछ कम हो गया तो मैंने उन से पूछा कि “डार्लिंग दर्द हो रहा है तो थोड़ा सा बाहर निकाल लूँ?”
कोमल चाची एकदम शेरनी की तरह बोली, “मादरचोद इतने साल मैं इसके लिये तो तड़पी हूँ की कोई तो मेरी चूत फाडे और चोद-चोद कर उसका भोंसड़ा बना दे और तू कह रहा है की बाहर निकालूँ…! आज पहली बार तो औरत होने का सुख मिल रहा है… चोद मेरे राजा मेरी टाँगें उठ-उठा के जितना चोदना है चोद ले… मेरे सनम मेरी तो चूत अब तेरी हो गयी!”
कोमल चाची इस समय पूरी मस्ती में थीं। झूठ नहीं बोलूँगा, मैं भी पूरी तरह से मसताया हुआ था और मैंने एक किताब में देखे हुए पोज़ को आज़माते हुए कोमल चाची की दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखीं और उनके मस्त मम्मे अपने हाथों में कस कर पकड़ लिये और उछल-उछल कर कोमल चाची की चूत में पेलने लगा जिस से मेरा लंड पूरा जड़ तक कोमल चाची की चूत में उतर रहा था। इतना प्यारा सीन था दोस्तों की जब मैं कस कर शॉट लगाता था उस समय कोमल चाची के चूतड़ पूरे फैल जाते और चौड़े हो कर दब जाते और मेरा पूरा लंड कोमल चाची की चूत में समा जाता और फिर जब कोमल चाची नीचे से अपने चूतड़ों का धक्का देती तो मेरा लंड थोड़ा सा बाहर आता और कोमल चाची की वो मस्त गाँड फिर गोल और मस्त हो जाती। अब हम दोनों की चुदाई की लय सैट हो चुकी थी और कोमल चाची तो मानो जन्नत की सैर कर रही थी, और बारबार यही बोल रही थी कि “आज जैसी चुदाई का सुख मुझे कभी नहीं मिला… मुझे मालूम था की चुदाई में मज़ा आता है पर इतना मज़ा आता है मुझे नहीं मालूम था! ले मेरे बलम… चोद अपनी चाची को, जी भर के अपनी चाची की जवानी का मज़ा लूट ले! कहाँ था बहन चोद… अभी तक क्यों नहीं सेकी मेरी चूत अपने लौड़े से… अब तो खूब चुदवाऊँगी मेरे राजा… मेरे दिलबर, आज से तो तू मेरा असली हसबैंड है!”
करीब पन्द्रह बीस मिनट तक जम कर टाँगें उठा कर चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने कोमल चाची की दोनों टाँगें छोड़ कर उन्हें अपनी बाहों में भर लिया और बोला, “मेरी रानी! ले मेरा पानी अपनी मस्त चूत में… कर ले ठंडा अपनी चूत को मेरे लंड के पानी से। कोमल चाची भी बोलीं कि राजा मैं भी बस झड़ने की कगार पर हूँ जरा दो तीन धक्के करारे-करारे जमा दे मेरी चूत में।” मैंने कोमल चाची को कस के अपने चूत्तड़ हिला-हिला कर जबरदस्त शॉट देने चालू कर दिये।
कोमल चाची तो दो धक्कों बाद ही किलकारी मारते हुए झड़ने लगी। उनका पानी सीधा मेरे लंड के लाल हुए सुपाड़े पर गिर रहा था जिसे मैं पूरी तरह से महसूस कर रहा था। मैंने भी दो-तीन धक्के और मारे और कोमल चाची के होंठों पे अपने होंठ चिपका दिये और उनकी जीभ चूसते हुए अपने लंड का पानी कोमल चाची की चूत में निकाल दिया। दोस्तों मेरी ज़िन्दगी में वो पहला अवसर था जब मैंने किसी औरत के साथ संभोग करा था। कोमल चाची की चूत के अंदर झड़ने में जो स्वर्ग का आनन्द प्राप्त हो रहा था उसके कारण मैं क्षण भर के लिये अपने होश हवास खो बैठा।
जब मुझ होश आया तो देखा कोमल चाची मेरे लंड पर झुकी हुई थी और बड़ी बेसब्री से मेरा लंड चूस रही थी। मुझे होश में आया देख उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर दो सिगरेट जलाईं और मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे सीने पर अपना सर रख कर स्मोक करने लगी और बोली, “राज मैं किस ज़ुबाँ से तेरा शुक्रिया अदा करूँ… मेरी समझ में नहीं आ रहा है… मैं तो आज से तेरी हो गयी! तू आज से सही मायने में मेरा हसबैंड है और मैं तेरी वाईफ! तुझे चूत का इतना सुख दूँगी की तू हमेशा मुझे याद करेगा! तूने मुझे बताया है कि असली चुदाई क्या होती है! आज पहली बार है कि चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ गया। मैं तो बस आज से तेरी गुलाम हो गयी। बस मेरे प्यारे राज… मुझे चोदना मत बँद करना, तेरे लिये तो मैं चूत-वालियों की लाइन लगा दूँगी। मेरी बहुत सी सहेलियाँ हैं जिनके मर्द सिर्फ़ नाम के मर्द हैं… साले कर कुछ नहीं पाते!”
मैंने भी कोमल चाची को अपनी बाहों में कस कर कहा कि “कोमल आज से तुम भी मेरी हो गयी… मैं सोच भी नहीं सकता था कि जिस सपनों की रानी की मैं पैंटी-ब्रा और सैंडल सूँघ-सूँघ कर मुठ मारता था वोही मुझे मेरे जीवन में चुदाई का पाठ पढ़ायेगी। कोमल तुम नहीं… मैं तुम्हारा गुलाम हूँ और जब तक चाचा नहीं आते, तुम मेरी वाईफ बन जाओ और मुझे जम कर अपने शरीर की शराब पिलाओ।”
ज़िंदगी की पहली चुदाई अपने सपनों की रानी के साथ करके मैं तो अपने आप को बड़ा ही भाग्यशाली समझ रहा था। पहली चुदाई करने के बाद मैं और चाची एक स्मोक करते हुए एक दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे। कोमल चाची अपना सिर मेरी छाती पर रख कर स्मोक कर रही थी और मैं धीरे-धीरे उनके मस्त मोटे चूत्तड़ों पर हाथ फेर रहा था। मैंने कहा, “कोमल डार्लिंग क्या हुआ… तुम तो एकदम ही शाँत हो कर लेट गयी हो।”
तो कोमल चाची ने शर्माते हुए मेरे होंठों का किस लिया और बड़े प्यार से लंड हाथ में लेकर बोली, “राज मुझे लग रहा है कि मेरी असली शादी तो आज हुई है और सुहाग रात मनी है… और जैसे कोई लड़की पहली बार अपने मर्द से चुदवाकर मस्त हो कर शर्माती है… बिल्कुल मुझे वैसा ही लग रहा है। राज मेरे सरताज… मेरी चूत के मालिक! तू जो बोलेगा मैं सब करूँगी पर तू मुझे आज कसम दे कि तू हर रोज़ मुझे चोदेगा। चाचा आ जायेगा तब भी मैं मौका निकाल कर तुझसे अपनी चूत ठंडी करवाऊँगी।”
मैं तो अपने जीवन की पहली चुदाई कर के मस्त पड़ा हुआ था। मैंने भी कहा, “कोमल मेरा मुठ मारने का हमेशा ही एक सीन मेरे दिमाग में घूमता था, जिस को मैं सोच-सोच कर तुम्हारी याद में अपना लंड मुठियाता था।”
कोमल चाची बड़े प्यार से बोली, “अब क्या जरूरत है सपने देखने की… तू बोल तो सही… मैं तेरे लिये अब कुछ भी करूँगी।”
मैंने कहा, “कोमल मैं हमेशा ही यह सोचता था कि तुम्हारी शादी मुझ से हुई है और अपनी सुहाग रात वाले दिन तुम शर्माती हुई दुल्हन की तरह सज-धज के मेरे लिये पलंग पर बैठी हो और फिर मैं तुम्हें जी भर के चोदता हूँ।”
कोमल चाची ने मेरे होंठों का एक लम्बा सा किस लिया और करीब पाँच मिनट तक मेरे होंठ चूसने के बाद बोली, “मेरे राजा! बस अब तुझे मेरी चूत और नहीं मिलेगी और ना ही तू मुठ मारेगा।”
मेरे उपर तो जैसे पहाड़ गिर पड़ा। मैंने कहा, “कोमल ये तुम क्या कह रही हो?”
कोमल चाची बड़े ही मादक अँदाज़ में बोली, “मादरचोद! आज तेरी और मेरी, रात को सुहाग-रात मनेगी और मैं चाहती हूँ कि तू अब दिन भर मुझे नंगा देखे और अपना मूसल जैसा लौड़ा मसले ताकि जब रात को मेरे साथ सुहाग-रात मनाये तो मुझे कड़-कड़ाते हुए चोदे जिस से मेरी चूत का एक-एक पोर खुल जाये।”
मैंने भी कहा, “कोमल पर मैं रात तक कैसे दोबारा इंतज़ार करूँगा… इतनी नशीली शराब पीने का!”
कोमल चाची ने मेरी छाती को चूमते हुए कहा, “बहनचोद तू मेरे बारे में सोच कि मैं कैसे रहुँगी रात तक तेरा मस्त मादरचोद लंड लिये बिना। मेरी चूत खुली हुई तो क्या हुआ पर मैं भी अपनी ज़िंदगी में वो सुख भोगना चाहती हूँ जिस की कभी मैंने कल्पना करी थी।”
इसके बाद कोमल चाची उठी और अपनी पिंक ब्रा और पिंक पैंटी पहन ली। कोमल चाची दिन भर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी और मेरी पसंद के चार इंच ऊँची एड़ी के सैण्डलों में ही घूमती और घर के काम करती रही और बीच-बीच में अपने हाथ या सैण्डल से मेरे लंडा को सहला कर या कभी एक चूँची बाहर कर के मेरे होंठों के पास ला कर भाग जाती। कभी दूर खड़े हो कर अपनी पैंटी धीरे से नीचे खिसका कर अपनी चूत का उभार दिखाती, और कभी मेरे चेहरे के सामने अपने चूत्तड़ ला कर पैंटी सरकाती और अपनी गाँड दोनो हाथों से पकड़ कर चौड़ा कर के दिखाती। जब मैं पकड़ने को जाता तो कहती “मेरे मादरचोद डार्लिंग! ये सब माल जी भर के भोगना रात को।”
मेरे लंड का तो बुरा हाल था। बेचारा दिन भर कोमल चाची का बदन देख-देख कर अटैंशन में खड़ा रहा। शायद वो भी सोच रहा था की छिनाल जितना तरसाना है तरसा ले, रात को तेरे भोसड़ी को भोंसड़ा नहीं बनाया तो मेरा नाम नहीं। कोमल चाची ने शाम को मुझे एक घंटे के लिये घर के बाहर भेज दिया और बोली कि “डार्लिंग! इंतज़ार के सारी घड़ियाँ खतम और वापस आ कर नहा धो कर एक दम दुल्हा बन कर अपनी दुल्हन की सुहाग-रात मना! आज तेरी शादी मुझ से हुई है और मैं तेरी दुल्हन और तेरी पत्नी हूँ और तू मेरा हसबैंड। जल्दी से आ मेरी जान! मेरी चूत में शोले भड़क रहे हैं। दिन भर तो मैंने बर्दाश्त कर लिया पर अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ!”
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Re: चाची भोस बेटी ठोस

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मैं भी एक घंटे के लिये बड़े बेमन से बाज़ार घूमता रहा और वापस आ कर अपने कमरे में जा कर नहाने चला गया। रेज़र से अपनी सारी झँटें साफ़ करी और लंड पर खूब तेल की मालिश करी और अपने बदन को रगड़-रगड़ के साफ़ किया। तैयार होते वक्त अपने बदन पर खूब क्रीम मली और सैंट छिड़का। अपने सबसे स्मार्ट कपड़े पहने और शीशे में अपने को देख कर अपनी सुहाग-रात मनाने के लिये कोमल चाची के कमरे की तरफ़ चल पड़ा। मेरी कोमल चाची वाकय में एक बहुत ही स्टॉयलिश और मस्त औरत थी। जब मैंने उनके कमरे को खट- खटाया तो वो अंदर से बोली, “बस दो मिनट में अंदर आ जाना।”
मैंने जब दो मिनट बाद दरवाज़ा खोला तो दँग रह गया कि चाची ने घंटे भर में अपने कमरे की काया ही पलट दी थी। पूरा कमरा गुलाब से सज़ा हुआ था और भीनी-भीनी उत्तेजित करने वाले इम्पोर्टेड सैंट की खुशबू हवा में फैली हुई थी। कोमल चाची अपनी सबसे सैक्सी दिखने वली साड़ी पहन कर और अपने चेहरे पर एक लम्बा सा घूँघट डाल कर पलँग के बीचों-बीच बैठी हुई थी, और पलँग के साईड टबल पर एक पूरी व्हिस्की की बोत्तल और सिगरेट का पैकेट रखा हुआ था। दोस्तों बोलने की जरूरत नहीं है कि हम दोनों के जिस्म में उस समय एक लावा फूट रहा था एक दूसरे को बुरी तरह चोदने के लिये, और मेरी चाची ने सब इंतज़ाम करा हुआ था कि आज जम कर रात भर चुदाई हो।
मैंने जब दो मिनट बाद दरवाज़ा खोला तो दँग रह गया कि चाची ने घंटे भर में अपने कमरे की काया ही पलट दी थी। पूरा कमरा गुलाब से सज़ा हुआ था और भीनी-भीनी उत्तेजित करने वाले इम्पोर्टेड सैंट की खुशबू हवा में फैली हुई थी। कोमल चाची अपनी सबसे सैक्सी दिखने वली साड़ी पहन कर और अपने चेहरे पर एक लम्बा सा घूँघट डाल कर पलँग के बीचों-बीच बैठी हुई थी, और पलँग के साईड टबल पर एक पूरी व्हिस्की की बोत्तल और सिगरेट का पैकेट रखा हुआ था। दोस्तों बोलने की जरूरत नहीं है कि हम दोनों के जिस्म में उस समय एक लावा फूट रहा था एक दूसरे को बुरी तरह चोदने के लिये, और मेरी चाची ने सब इंतज़ाम करा हुआ था कि आज जम कर रात भर चुदाई हो।
मैंने धीरे से पलँग पर बैठ कर कोमल चाची को अपनी और खिसकाया और बड़े धीरे से उनका घूँघट ऊपर उठा दिया। कोमल चाची ने आज कुछ ज्यादा ही सैक्सी मेक-अप करा हुआ था। उन्होंने अपने होंठों पर लाल चमकने वाली लिपस्टिक लगायी हुई थी और पूरे मुखड़े पर बहुत ही सुंदर तरीके से मेक-अप करा हुआ था। ब्लाऊज़ उन्होंने बहुत ही लो कट पहना था और अगर ब्लाऊज़ को ब्रा बोला जाये तो ज्यादा मुनासिब होगा और अंदर उन्होंने ब्रा शायद बहुत ही छोटी साइज़ की पहनी हुई थी क्योंकि उसमें से कोमल चाची कि मस्तानी जवानी छलक-छलक के बाहर आने को मचल रही थी। उन्होंने अपने घने-घने बालों को खुला रखा था जो किसी झरने की तरह उनकी कमर तक लहरा रहे थे। कोमल चाची ने अपने हाथों और पैरों के नाखुनों पर लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी। साथ ही उन्होंने मुझे और भी उत्तेजित करने के लिये काले रंग की बहुत ही ऊँची (लगभग पाँच इंच) पेन्सिल हील की सैण्डल पहनी हुई थी। उनके गोरे-गोरे पैरों को उन सैण्डलों में देख कर मेरा लंड मेरी पैंट के अंदर साँप की तरह फुँफकारने लगा।
मैंने बड़े ही प्यार से कोमल चाची का चेहरा अपने हाथों में ले कर उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उनके होंठ और जीभ चूसने लगा और फिर कोमल चाची की कमर में हाथ डाल कर उनकी नंगी पीठ पर फेरने लगा। कोमल चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और अपनी चूचियों का दबाव देते हुए मेरे होंठ और जीभ चूसने लगी। मुझे होश नहीं हम कब तक एक दूसरे को यूँ ही चूसते रहे। जब हम अलग हुए तो मैंने कहा, “कोमल डार्लिंग तुम तो वाकय में बहुत खूबसुरत हो। मैं तुमको अपनी वाईफ बना कर धन्य हो गया। तुम्हारा बदन लगता है जैसे भगवान ने तुम्हें खुद अपने हाथों से बनाया है। तुम्हें देख लेने के बाद कैसे कोई इंसान कैसे अपने ऊपर काबू रख सकता है!”
कोमल चाची बोली, “मॉय डार्लिंग! मैं बहुत खुश किस्मत हूँ कि तुम मेरे हसबैंड हो और आशा करती हूँ कि तुम मेरी बूर को चूत और चूत को भोंसड़ा बना दोगे!”
इतना कह कर हम दोनों पलंग से उठे और एक दूसरे को बाहों में भर कर डाँस करने लगे। डाँस करते- करते मैंने कोमल चाची की साड़ी पीछे से उठायी और उनकी पैंटी में हाथ डाल के उनके चूत्तड़ मसलने लगा। इधर कोमल चाची भी मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और खोल कर मेरी शर्ट को फेंक दिया। मैंने भी कोमल चाची की साड़ी का एक छोर पकड़ कर खींचना चालू कर दिया और कोमल चाची ने भी अपना पूरा मस्त शरीर घूम-घूम कर दिखाते हुए साड़ी को उतरवाया। अब कोमल चाची सिर्फ़ ब्रा-कट ब्लाऊज़ और एक बहुत ही झीने पेटीकोट में थीं, जिसमें से अंदर का सब कुछ दिख रहा था। कोमल चाची ने आज ब्लैक कलर की जी-स्ट्रिंग पैंटी पहनी हुई थी जिस से सिर्फ़ उनकी चूत ढकी हुई थी और उनके गोरे-गोरे और मोटे-मोटे माँसल चूत्तड़ एक दम नंगे हो कर गज़ब ढा रहे थे। कोमल चाची एक दम नयी नवेली दुल्हन कि तरह शरमाने लगी तो मैंने आगे बढ़ कर उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और पेटीकोट के ऊपर से उनके गुदाज़ चूतड़ों को दबाने लगा। कोमल चाची ने भी अपने हाथ आगे करे और मेरी पैंट को खोल कर उतार दिया। इधर मैंने भी कोमल चाची के झीने से पेटीकोट का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दिया और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनके ब्रा-नुमा ब्लाऊज़ के हुक खोल दिये और उनका ब्लाऊज़ धीरे से उनकी बाहों पर से सरकाते हुए उतारने लगा। कोमल चाची ने आज बहुत ही छोटी (माइक्रो) ब्रा पहनी हुई थी। मैं साफ़-साफ़ देख रहा था कि ब्रा के कप बडी ही मुशकिल से कोमल चाची के निप्पलों को ढक पा रहे थे और साथ ही ब्रा काफी टाइट भी होने के कारण कोमल चाची के मम्मे उबाल खा कर बाहर आने को मचल रहे थे।
कोमल चाची अब सिर्फ़ पैंटी-ब्रा और हाई हील सैण्डलों मैं थी और मैं भी अब सिर्फ़ अंडरवीयर में था। हमने एक दूसरे को फिर से बाहों में जकड़ लिया और एक दूसरे को मसलते हुए नाचने लगे। थोड़ी देर बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया और कोमल चाची को बोला, “डार्लिंग तुम आज अपनी गाँड हिलाते हुए दो पैग बनाओ और अपने हाथों से मुझे पिलाओ।”
चुदाई की बेला आ गयी थी..
कोमल चाची भी बड़े ही मादक अंदाज़ में अपने भारी-भारी चूत्तड़ मेरे चेहरे के सामने ला कर टेबल पर झुक कर दो पैग बनाने लग गयी। जी-स्ट्रिंग पैंटी पहने होने के कारण कोमल चाची की चूत तो पूरी ढकी थी और स्ट्रिंग का स्ट्राप पूरा कोमल चाची की गाँड की दरार के अंदर घुस कर उनकी गाँड के भूरे रंग के छेद को छिपाये हुए था। कोमल चाची के मस्त फूले हुए चूत्तड़ अपनी आँखों के सामने पा कर मदहोश हो गया और अपने होंठ कोमल चाची के चूत्तड़ों पर लगा कर उनकी गाँड की दरार में अपनी जीभ घुसाड़ने लगा। कोमल चाची एकदम सितकार उठी और बोली, “डार्लिंग! ये क्या कर रहे हो, बड़ी गुद-गुदी हो रही है!”
मैंने कोई ध्यान ना देते हुए अपनी जीभ कोमल चाची की गाँड के भूरे छेद पर फेरनी चालू रखी और हाथ बड़ा कर उनकी झुकी हुई मस्तानी छातियों को पकड़ लिया और दबाने लगा। कोमल चाची तो मस्ती के मारे अपने चूत्तड़ गोल-गोल हिलाने लगी। पैग बनाने के बाद मैंने कोमल चाची को खींच के अपनी गोदी में बैठा लिया और बोला, “कोमल क्या बात है… मैंने ऐसी पैंटी तो आज तक नहीं देखी जिसमे चूत तो ढकी रहती है पर गाँड पूरी नंगी रहती है।”
कोमल चाची बड़ी मस्ती में बोली, “डार्लिंग इसे जी-स्ट्रिंग कहते हैं और ये खास कर चुदास औरतों के लिये ही बनाई गयी है। जिनकी चूत में ज्यादा खुजली होती है और जो पब्लिक में अपने चूतड़ों का जलवा दिखाना चाहती हैं वो ऐसी पैंटियाँ और हाई हील सैंडल खूब पहनती हैं। हाई हील सैंडलों से चाल और भी मस्तानी हो जाती है और पीछे से गाँड और सामने से छातियाँ सैक्सी तरह से उघड़ जाती हैं। मैंने आज खास तेरे लिये पहनी है।”
मैंने उनकी फूली हुई चूचियों की घाटी में अपना मुँह लगा दिया और पसीने और सैंट की महक सूँघते हुए उनके चूचियों कि घाटी चूसने लगा। कोमल चाची ने भी मेरा सर पकड़ कर अपनी चूचियों पर दबा लिया। थोड़ी देर कोमल चाची की चूचियों कि घाटी चूसने के बाद मैंने कोमल चाची को कहा कि अब वो मुझे ड्रिंक पिलायें। उन्होंने टेबल पर से ग्लास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया और बोली, “डार्लिंग एक घूँट में खतम करना…!”
मैंने भी दूसरा ग्लास उठा कर कोमल चाची के होंठों से लगा दिया। कोमल चाची बड़ी ही मादरचोद थी। उन्होंने ड्रिंक पूरी नीट बनाई थी, बिना सोडे और पानी के। कोमल चाची तो रोज़ जम कर पीती थी पर मैं तो अभी नौसिखिया ही था। पर हिम्मत कर के मैंने भी एक घूँट में खाली कर दी और कोमल चाची ने भी पूरी ड्रिंक एक घूँट में खाली कर दी। मैंने कस कर उनकी कमर में बाहें डाल कर अपनी और खींच लिया और उनकी उठी हुई मदमस्त चूचियों को दबाने लगा और कोमल चाची को बोला, “मेरी जान एक सिगरेट पिला दो!”
कोमल चाची बोली, “डार्लिंग! सिगरेट मैं अपने स्टाइल से पिलाऊँगी।”
इतना कह कर उन्होंने सिगरेट जलायी और एक कश ले कर अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिये और सारा धुआँ मेरे मुँह में छोड़ दिया। मेरे दोस्तों जो सिगरेट के शौकीन हैं, मेरे कहने से एक बार ऐसे सिगरेट पी कर जरूर देखें, वादा करता हूँ की आपका लंड एकदम उबाल खा जायेगा। मैंने कस कर कोमल चाची की एक चूँची जो मेरी हाथेली में थी बहुत ही बे-दर्दी से मसल दिया। कोमल चाची भी चिहुँक उठी, और बोली, “तुम बड़े वोह हो जी… मेरी मस्त जवानी इतनी बुरी तरह से मसल कर रख दी।”
मैंने भी कहा, “कोमल रानी आज तुम्हारी चूचियाँ कुछ ज्यादा ही उभार लिये हुए हैं, तुमने क्या जादू करा है कि सुबह से लेकर शाम तक तुम्हारी चूँची एक दम इतनी बड़ी हो गयी।”
कोमल चाची शर्माते हुए बोली कि “मैं आज तुमको उन चूचियों का मज़ा देना चाहती हूँ जो मेरी शादी के समय थी। इसी लिये मैंने आज इस टाइट माइक्रो ब्रा में अपनी चूचियाँ कसी है ताकि मेरी चूचियाँ उसमें समायें नहीं और फूट-फूट के बाहर निकल आने को तरसें।” कोमल चाची बोली, “मेरी चूचियाँ कब से तड़प रही हैं तुम्हारे होंठों से चुसाने के लिये।”
मैंने भी बिना देर करे हुए अपने हाथ पीछे ले जा कर कोमल चाची की माइक्रो ब्रा के हुक खोल दिये। ब्रा के हुक खुलते ही कोमल चाची कि चूचियाँ एक दम स्प्रिंग की तरह उछली और मचल कर ब्रा की कैद से बाहर आ गयी। कोमल चाची ने अपने भूरे रंग के निप्पलों को आज रूज़ लगा कर एक दम गुलाबी बनाया हुआ था और मैंने बेसब्री से उन पिंक निप्पलों को अपने मुँह में ले लिया और लम्बे-लम्बे चुस्से मारने लगा। रूज़ लगे होने के कारण कोमल चाची के निप्पल एक दम चैरी की तरह मीठे थे। कोमल चाची की तो सितकारी ही निकली जा रही थी और मेरी तो ऐसी इच्छा हो रही थी कि कोमल चाची की चूत का जूस इन निप्पलों से निकले और मैं पी जाऊँ।
कोमल चाची मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाती हुई सितकारियाँ भर रही थी और बोल रही थी कि “डार्लिंग! पी ले मेरे जिस्म का नशा। आज तो जी खोल के अपनी जवानी का नशा पिलाऊँगी तुझे। अरे मादरचोद चूस ले मेरे निप्पलों को…!” और चाची ने अपने हाथों से मेरी पैंटी उतार दी जिससे मेरा लौड़ा कोमल चाची के पेट पर टक्कर मारने लगा।
कोमल चाची लंड को कस कर अपने हाथों से दबा रही थी और बोली, “वाह मेरे बहन के लौड़े! अपनी दुल्हन से मिलने के लिये चिकना बन कर आया है। आज देखती हूँ कि किसकी माँ चुदती है, मेरी चूत की या तेरी।” कोमल चाची ने मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूचियों पर से मेरा सर उठाया और बोलीं, ”डार्लिंग पहले एक मीठा सा चोदा लगा दे, मेरी चूत इस समय धड़क रही है, नहीं तो जल कर खाक हो जायगी। बाद में आराम से चूसाते हुए और चाटते हुए एक दूसरे को चोदेंगे।”
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Jemsbond
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Re: चाची भोस बेटी ठोस

Post by Jemsbond »

मेरा भी बुरा हाल था। सुबह की चुदाई के बाद तो मैं भी तड़प रहा था कोमल चाची को चोदने के लिये। मैंने उनको अपनी गोदी में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और कोमल चाची की टाँगें फैला कर जी-स्ट्रिंग उतारी। वाह क्या नज़ारा था! कोमल चाची ने अपनी चूत के लिप्स भी रूज़ लगा कर गुलाबी करे हुए थे। मैंने कहा, “कोमल थोड़ा सा और तड़प ले मेरी जान… अभी तो तेरी बूर के लिप्स मुझे इनवाइट कर रहे हैं चूसने के लिये…” और बोलते हुए मैंने अपने होंठ कोमल चाची की बूर के होंठों से चिपका कर जीभ चूत में घूसेड़ दी।
कोमल चाची बोलती रहीं कि, “डार्लिंग मैं अपनी चूत का पहला पानी तेरे लंड पर झाड़ना चाहती हूँ। मादरचोद बाद में चाट लियो मेरी बूर। अभी तो अपने गन्ने से मेरी चूत को चोद दे। जालिम कितना और तड़पायेगा अपनी कोमल को।”
मैंने देखा की कोमल चाची की चूत से उनका थोड़ा-थोड़ा मदन रस रिसना चालू हो गया था और अगर मैं ज्यादा उनकी चूत चूसता तो वो वहीं पर अपना सारा माल निकाल देतीं। मैंने उनकी चूत पर से मुँह हटा लिया और कोमल चाची के ऊपर चढ़ कर उनकी मोटी-मोटी चूचियों पर अपने चूतड़ रखे और अपना लंड कोमल चाची के सामने लहराते हुए बोला, “मेरी जान! जरा अपनी चूँची के निप्पल से मेरी गाँड मारो और मेरे लंड को अपने होंठों का प्यार दो। फिर देखो आज तुम्हारी चूत की क्या भजिया बनाता हूँ!”
कोमल चाची ने झट से मेरा लौड़ा अपने होंठों में ले लिया और दोनो हाथों से अपनी चूँची पकड़ कर कभी एक निप्पल तो कभी दूसरा निप्पल मेरी गाँड के छेद पर रगड़ने लगी और मैं धीरे-धीरे कोमल चाची का मुँह चोद रहा था और बोला, “मेरी जान! आज तो लंड की पहली धार तुम्हारे मुँह में ही उतारूँगा। ज़रा तबियत से चूस। मेरी प्यारी जान… झड़ने के बाद तू लंड के खड़े होने की चिंता मत कर… आज तो जम के तेरे साथ सुहाग रात मनानी है। मैं तो आज पूरी रात चोदूँगा।”
फिर धीरे से मैंने अपने शॉट की स्पीड बढ़ा दी और हुमच-हुमच के कोमल चाची के मुँह में लंड पेलने लगा। एक शॉट में पूरा जड़ तक उनके गले तक उतार देता और उसी क्षण खींच के बाहर निकाल लेता और इस से पहले कि चाची सम्भलें, दोबारा लंड उनके गले तक उतार देता। कोमल चाची भी पीछे नहीं थी। वाकय में ऐसे चूस रही थी जैसे सदियों से लंड चूसने के लिये तरस रही हों। मैं पाँच मिनट तक उनके मुँह को ऐसे ही चोदता रहा और आखिर में अपना पूरा लंड उनके गले में फंसा कर बलबला कर झड़ गया। कोमल चाची के गले में पूर लंड फंसा होने के कारण मेरी पूरी धार सीधी उनके गले में उतर रही थी और वोह हरामजादी चाची भी बिना नुकुर-पुकुर किये मेरा रस पी रही थीं।
पूरा रस निकलने के बाद जब मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकालना चाहा तो उन्होंने मेरे चूत्तड़ पकड़ कर अपने मुँह पर दबा लिये और मेरे झड़े हुए लंड की दोबारा से चूसाई चालू कर दी। मैं तो इस नशीली चूसाई से पागल हो गया। झड़ कर दोबारा चुसवाने में जो मज़ा आ रहा था उसका वर्णन करना बड़ा मुश्किल है। मेरा साला लंड भी मादरचोद हो गया था। पाँच मिनट की चूसाई में ही साला फिर से तैयार हो गया था। मैंने कहा, “कोमल आ जाओ… अब तुम्हारी चूत रानी बजाता हूँ!”
वोह थोड़ा सा लंड अपने मुँह से निकाल के बोली, “थोड़ा सा और ठहर डार्लिंग, अभी थोड़ा और चूस के लोहे की तरह बना दूँ, फिर जम के मेरी चूत बजाना!”
ये बोलकर उन्होंने मेरा पूरा लंड मुँह के बाहर निकाला और सिर्फ़ मेरे लंड के सुपाड़े को और मूतने वाले छेद को अपनी जीभ में लपेट-लपेट कर जो मज़ा देना चालू किया वो अभी तक का सबसे गुदगुदाने वाला मज़ा था। मैं मस्ती में आ के अपने चूत्तड़ों के नीचे दबी हुई उनकी मोटी-मोटी चूचियों को बड़ी बुरी तरह से मसलने लगा। करीब दो तीन मिनट ऐसे करने के बाद मेरा लंड वाकय में दोबारा फटने की कगार पे आ गया था। कोमल चाची इसे भाँप चूकी थीं। इसी लिये उन्होंने जीभ फेरना बंद करा और बोली, “अब आजा डार्लिंग! अब मेरी चूत खोल दे इस लौड़े से!”
मैं कोमल चाची के उपर से हट कर उनकी जाँघों के बीच आ गया और उन्होंने भी अपनी जाँघें पूरी खोल दीं थी और अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल दिये थे जिससे उनका रस में डूबा हुआ गुलाबी छेद दिख रहा था। कोमल चाची बोलीं, “देख ले डार्लिंग! अपनी पूरी खोल के दे रही हूँ, बाद में मत कहना कि कोमल चाची ने खोल के चुदवाई नहीं!”
मैंने आगे बढ़ कर अपने लंड का सुपाड़ा कोमल चाची की चूत के खुले हुए लिप्स के बीच में रख दिया और हाथ से पकड़ कर आराम से उनके गुलाबी छेद पर अपना सुपाड़ा रगड़ने लगा और कोमल चाची से पूछा कि “आज तुम्हारी चूत हलाल करूँ कि झटका चोदूँ?”
कोमल चाची बोलीं, “हलाल तो बहुत हो चुकी डार्लिंग! आज तो झटका चुदाई कर दो और माँ चोद दो मेरी चूत की!”
मैंने घुटने के बल हो कर कोमल चाची की दोनों टाँगें अपने कँधे पर रख कर उन्हें फैला दिया और अपनी गाँड का पूरा जोर लगा कर एक करारा सा झटका मारा जिससे मेरा पूरा साढ़े आठ इंच लम्बा लौड़ा कोमल चाची की चूत में समा गया। कोमल चाची क्षण भर के लिये तो चीखीं और फिर बड़बड़ाने लगीं, “मादरचोद! आखिर तूने मेरी चूत की माँ चोद ही डाली। अरे भोसड़ी वाले मैंने यह थोड़ी बोला था कि अपना पूरा गन्ना मेरी चूत में एक झटके से उतार देना। बहन के लौड़े! आज मुझे वाकय में लग रहा है के मेरी असली सुहाग रात तो आज है। इतना दर्द तो मुझे पहली सुहाग रात को भी नहीं हुआ था। डार्लिंग क्या लौड़ा दिया है! मेरी तो चूत आज वाकय में चूत बन गयी। डार्लिंग तूने आज मुझे धन्य कर दिया। मैं तो तेरी गुलाम हो गयी। मादरचोद! तू मेरा हसबैंड बन जा आज से। ले मेरी चूत चोद ले… जितनी चोदनी है!”
मैं तो बस लगातार दनादन उनकी चूत में अपने लौड़े के धक्के दिये जा रहा था। जब भी मेरा धक्क लगता तो मेरी जाँघें कोमल चाची के चूत्तड़ों और जाँघों से लग कर थप-थप की आवाज़ पैदा कर रही थीं। करीब आठ-दस मिनट के ज़ोरदार धक्कों के बाद कोमल चाची ने किलकारी मारते हुए मेरे लंड पर अपना पानी फेंक दिया। मैंने भी कोमल चाची की टाँगें अपने कँधों से उतार कर नीचे कर दीं और उन्हें चौड़ा कर के कोमल चाची के ऊपर लेट कर कसके उनको अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उन के रसीले होंठों पर एक बार फिर से जमा कर उनकी जीभ को चूसने लगा। बड़े आराम से मैं अपने चूत्तड़ उछाल-उछाल के कोमल चाची की चूत में अपना लौड़ा पेल रहा था। मेरी डार्लिंग चाची ने भी अपने दोनों हाथ कस कर मेरे चूत्तड़ों पर दबाय हुए थे और जब मैं अपना लंड बाहर खींचता तब वोह अपने दोनों हाथों से मेरे चूत्तड़ दबा देती जिससे कि जल्दी से फिर मेरा लंड उनकी चूत में समा जाये।
करीब पँद्रह-बीस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद कोमल चाची बोली, “तुझे एक नया आसन बताती हूँ। उसमे मर्द का लंड औरत की चूत में पूरा अंदर तक जाता है!”
इतना कह कर कोमल चाची ने मुझे अपने ऊपर से उतरने के लिये कहा और मेरे समने घुटने के बल एक कुत्तिया की तरह हो कर अपने चूत्तड़ मेरी तरफ कर दिये और बोली, “ले बहन के लौड़े! अब तू कुत्ता बन। मैं अपनी चूत उभार के देती हूँ और तू उसमें अपना मस्त गन्ना उतार और फिर कस-कस कर मेरे चूत्तड़ों पर धक्के मारते हुए तबला बजा!”
इतना कह कर चाची ने अपनी गाँड उपर की और उठा दी और चूचियों को बिस्तर पर टिका दिया और अपना पेट नीचे करके अपनी जाँघों के बीच में से मुस्कुराती हुई चूत खोल दी। कोमल चाची के चूत्तड़ चौड़े होने के कारण उनका मस्त भूरे रंग का गाँड का छेद दिख रहा था जिसको देख कर अन्दाज़ा हो रहा था कि कोमल चाची ने अभी तक गुदा-संभोग का लुत्फ नहीं उठाया है। दोस्तों इस समय वो नज़ारा दिख रहा था कि मैं अपने आप को रोकने में नाकाम था। मैने कोमल चाची की रिस रही बूर में लंड थोड़ा सा घिसा और धक्का मार कर पूरा लंड उनकी चूत में झटके से उतार दिया। वाह क्या मज़ा आया! जैसे ही मैंने अपनी जाँघों से कोमल चाची के फूली हुई चूत्तड़ों पर जम के धका दिया तो मक्खन की तरह मेरा लंड कोमल चाची की उभरी हुई चूत में घुसा और मेरे धक्के के दबाव से कोमल चाची के चूत्तड़ स्पंज की तरह दब कर फैल गये और फैल कर और चौड़े हो गये और बाद में स्पंज की ही तरह फिर से फूल कर अपनी शेप में आ गये जिससे मुझे कोमल चाची के चूत्तड़ों का धक्का महसूस हुआ। मुझे इस आसन में कोमल चाची की चूत लेने में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं और जोश के साथ चूत बजाने लगा। जोश में आकर मैंने अपनी एक उँगली अपने थूक से गीली की और इससे पहले कि वोह कुछ समझ पातीं, मैंने अपनी उँगली कोमल चाची की गाँड में घुसा दी।
वो एक दम चिहुँक उठी और बड़-बड़ाई, “क्या कर रहा है मादरचोद! मेरी चूत तो अपने लंड से भर दी अब क्या मेरी गाँड अपनी उँगली से भरेगा क्या? आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी गाँड का छेद छेड़ा है। चल थोड़ा मेरी गाँड में अपनी उँगली चला दे!”
वाकय में बहुत ही टाइट गाँड का छेद था। उँगली गीली होने के बावजूद बड़ी कसी-कसी उनकी गाँड में घुस रही थी। करीब आठ-दस मिनट तक कुत्ता चुदाई में कोमल चाची दो बार अपनी चूत का पानी निकाल चूकी थी और मेरे हर शॉट का जम कर जवाब अपने चूत्तड़ों के धक्के से दे रही थी और बड़-बड़ाते हुए कह रही थी की, “मेरे जानू आज तो ज़िंदगी का असली मज़ा आ गया। बहन के लौड़े जब तेरा मूसल जैसा लंड पूरा मेरे अंदर घुस कर मेरी बच्चेदानी पर लगता है तो मैं तो बस गनगना जाती हूँ। बहनचोद! तू मेरा हसबैंड क्यों नहीं बना? तुझसे तो इतना चुदवाती कि तू हमेशा मस्त रहता। मादरचोद तेरे से चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ जाता है। तेरी तो जिस से शादी होगी उसकी तो सुहाग रात वाले दिन माँ चुद जायेगी। ज़िन्दगी भर चोदना भूल जायेगी। चोद मेरे लंड, चोद, बहनचोद!”
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