मैं और मेरा परिवार
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Re: मैं और मेरा परिवार
804
राजेश को समझ नही आ रहा था कि वो बात कैसे सुरू करे
अवी-कैसी लगी मूवी
राजेश-ये आप ,कैसे हो सकता है.
अवी-क्यू मैं सेक्स नही कर सकता
राजेश-मेरा मतलब था कि मैं आपको सिंपल समझता था.पर आप तो
अवी- क्या आप तो
राजेश- आप तो मेरे गुरु निकले
अवी- क्यू झटका लगा
राजेश- ये नकली वीडियो है
अवी- पता है ये कौन है रणजीतसिंघ की सेक्रेटरी अब बोल
राजेश- मैं क्या बोलू , अब बोलने के लिए कुछ बचा नही है
अवी-एक वीडियो देखने से तेरा ये हाल हो रहा है.अगर सब वीडियो दिखाउन्गा तो तुझे हार्ट अटॅक आ जाएगा.
राजेश-मतलब और भी लड़कियो के साथ सेट्टिंग है आपकी.
अवी-तुझे क्या लगा गाओं मे रह कर ये सब नही कर सकते
राजेश-कर सकते है. पर वो तो काफ़ी मॉडर्न है.
अवी-मैं ने शहर और गाओं दोनो जगह सेट्टिंग करके रखी है. औरत हो या वर्जिन, टीचर हो या स्टूडेंट ,सब के साथ सेट्टिंग करके रखी है.
राजेश-पर आप तो ज़्यादातर समय फॅमिली के साथ रहते है. फिर ये सब करने को टाइम कब मिला.
अवी-फॅमिली के साथ रह कर भी एंजाय किया जा सकता है. पर तेरी समझ मे ये बात नही आती.
राजेश ने अपनी आँखे नीचे कर ली.
राजेश- पर ये आपने किया कैसे , इतने लोगो के बोते हुए , कविता लीना तो आपके साथ रहती है फिर टाइम कैसे मिला
अवी- टाइम निकालना पड़ता है, फॅमिली के साथ रह कर उनको खुशी दी , और थोड़ा टाइम निकाल कर खुद एंजाय किया , जो तुझे करना नही आता
राजेश इस पे क्या बोलता
अवी-मैं एक लाइफ जी कर फॅमिली के साथ रहता हूँ और एंजाय भी करता हूँ. तू 2 लाइफ जीता है. स्कूल मे एंजाय तो करता है पर फॅमिली के प्यार से दूर रहता है.
राजेश-ऐसा नही है.मैं 2 लाइफ इसलिए जीता हूँ की माँ को मेरे एंजाय्मेंट के बारे मे पता ना चले, उनको पता चला तो बुरा लगेंगा
अवी-तू इतना स्मार्ट है. इतना भी मेनेज नही कर सकता
राजेश-मैं डरता हूँ कि माँ को पता चला तो
अवी-डरता तो मैं भी हूँ पैर भी मॅनेज करता हूँ ना
राजेश-ये आप कर रहे हो वो डेंजर है.
अवी-डेंजर सब कुछ होता है. उसे सेफ बनाना पड़ता है.
राजेश-मैं 2 लाइफ से खुश हूँ
अवी-तभी तो आज बुआ को पता चलते चलते रह गया.और छोटी सी बात इतनी बड़ी बन गयी, और एक दिन बुआ अचानक तेरे स्कूल आ गयी तो क्या करेगा , तेरी फोटो आ गयी न्यूज़ पेपर मे तो
राजेश-वो तो
अवी-तू डरता हैना की बुआ को पता चला तो बुरा होगा. इसी लिए घर मे रुकता नही .
राजेश-हाँ, मुझे सेक्स करने की आदत लगी है. बिना सेक्स किए 3 महीने कैसे रह सकता हूँ. मुझे घर काटने को दौड़ता है .इस लिए मैं स्कूल जल्दी जाना चाहता हूँ.
अवी-तू यहा गाओं मे सेट्टिंग क्यू नही करता
राजेश-माँ को पता लगने का डर मुझे गाओं मे सेट्टिंग करने से रोकता है.
अवी-अगर मैं बुआ को संभाल लूँ तो
राजेश-कैसे
अवी-मैं बुआ को संभाल सकता हूँ. अगर कुछ गड़बड़ हुई तो मुझे बताना मैं मॅनेज कर लूँगा.
राजेश-फिर भी डेंजर है.
अवी-मैं 99% गारंटी दूं तो
राजेश-पर गाओं की लड़किया इतनी जल्दी हाथ नही आएँगी.
अवी-तेरे स्कूल मे 70% गाओं और 30% सिटी का कोटा होता है
राजेश-भैया मुझसे नही होगा
अवी-जैसा तू स्कूल मे मेनेज करता है वैसा यहाँ कर, तेरे गाँव मे रहने से बुआ खुश हो जाएगी जिस से वो उस बात पे ध्यान देंगी ही नही
राजेश-पर यहाँ जगह कहाँ है.
अवी-मैं हूँ ना ,सब हो जाएगा.तू हाँ कर ,
राजेश-लीना का भी रिस्क है.
अवी-लीना की टेन्षन तू मत ले. वैसे भी तेरे यहाँ रहने से लीना बहुत खुश होगी.और बुआ भी. उनकी खुशी तेरे यहाँ रहने पे है , क्या तू उनको खुश नही देखना चाहता , तू यहाँ रह और मस्ती भी कर
राजेश-मुझे क्या करना होगा.
अवी- ये हुई ना बात , अपनी छुट्टियो मे घर पे मेरहा कर बस इतना ही करना है और फॅमिली के साथ ज़्यादा समय बिताया कर
राजेश- और क्या करना होगा
अवी-मेरा फ्रेंड बन ना होगा.और झूठ नही बोलना होगा.
राजेश-आपको फ्रेंड बनाना मेरे लिए बेस्ट रहेगा, हम फ्रेंड बन गये समझो
अवी-तू हॉलिडे बुआ के साथ बिताएगा.
राजेश-मैं ज़्यादा से ज़्यादा समय फॅमिली को दूँगा.पर
अवी-बोल
राजेश-अगर बोर हो गया तो
अवी-तेरे स्कूल के फ्रेंड इसी डिर्ट्रिक्ट के है. उनसे स्कूल की सेट्टिंग यहाँ भी कर सकते हो. अगर कभी मन हुआ तो शहर जाकर मस्ती करके वापस आ जाना
राजेश-माँ नही मानेंगी.
अवी-गधे, तू कुछ घंटो के लिए शहर जाएगा तो बुआ को क्या ऐतराज होगा.
राजेश-ठीक है.
अवी-स्कूल टाइम फ्रेंड के लिए और फॅमिली टाइम फॅमिली के लिए
राजेश-समझ गया.
अवी-2 लाइफ जीना बंद करेगा
राजेश-मैं चंपू जैसा स्कूल मे नही रह सकता.
अवी-गधे, हीरो जैसा यहाँ रह सकता हैना
राजेश-माँ को अच्छा नही लगेगा
अवी-ज़्यादा हेरोपंति मत करना. मेरे जैसा तो रह सकता हैना,
राजेश-कुछ सोच कर ठीक है. पर माँ ने कुछ कहा तो आपका नाम बताउन्गा.
अवी-बता देना. अगर कुछ भी हुआ तो मेरा नाम बताना
राजेश-और क्या करना होगा.
अवी-लीना को ज़्यादा से ज़्यादा टाइम देना होगा. उसे तुम्हारी बहुत याद आती है.
राजेश-मुझे भी उसकी याद आती है. ये भी हो जाएगा.
अवी-तो आज से हम फ्रेंड
राजेश-बेस्ट फ्रेंड, वैसे आपको ये बताया किसने
अवी- थी तेरी एक दीवानी
राजेश-उसका नाम क्या है
अवी-तेरी क्लासमेट थी.
राजेश-नाम क्या है.
अवी-उसे कुछ मत कहना मत वो पहले डरी हुई है ,जब उसे पता चला कि मैं तेरा भाई हूँ
राजेश-कुछ नही कहूँगा,उसे इनाम दूँगा,हमे फ्रेंड बनाने का
अवी-वो खुद तुज़े इनाम देना चाहती है.तेरे से अपनी वर्जिनिटी तोड़ना चाहती है
राजेश-आपने तोड़ दी होगी
अवी-उसने मुझे तेरे बारे मे बताया जिस से मैं ने उसे प्रोमिस किया कि उसकी वर्जिनिटी तू तोड़ेगा
राजेश-आपने कुछ नही किया
अवी- किया ना, उसकी गंद मारी.
राजेश-अब नाम भी बता दो
अवी-कल मिलवा दूँगा. फिर तू खुद पूछ लेना.
राजेश-पहली सेट्टिंग आपको करवा के देनी होंगी
अवी-कहा था ना ,तू यहाँ भी मज़े कर सकता है.
राजेश-माँ कहाँ गयी है
अवी-बुआ मेरे घर गयी है.
राजेश-माँ से पहले माफी माँग लूँगा.
अवी-उनको कहना कि दोस्त के साथ टूर पे गया था.
राजेश-भैया इतना भी ईडियट मत समझिए,
अवी-पता है कितना स्मार्ट है तू, क्लास की10लड़कियो की चुदाई कर चुके हो
राजेश-ये भी पता चल गया है
अवी-ये सोच उस लड़की को इतना कैसे पता चला होगा.किसी को इतनी बातें नही बताई जाती , उसने आज मुझे बताया कल किसी और को बताया तो
राजेश- मैं ने किसी को कुछ नही बताया
अवी- पर उसने तो कहा कि उसकी रूममेट को तूने बताया था और उसे उसने बताया
राजेश- मैं किसी को भी कुछ नही बताता ,
अवी- फिर उसे पता कैसे चला ,, ये बहुत रिस्की है
राजेश-मेरी डायरी गायब हो गयी है.
अवी-डायरी
राजेश-उसमे थोड़ा बहुत लिख कर रखा था
अवी-उस लड़की के हाथ लगी होगी. तभी उसे इतना पता है. उस से जल्दी मिलना होगा.
राजेश-हाँ, वरना पूरी पोल खोल देंगी.
अवी-और हाँ डायरी मत लिखा कर
राजेश-डायरी मिलते ही जला दूँगा.
अवी-जला देना .और उसे इतना खुश करना कि वो ये बात किसी को ना कहे
राजेश-वो तो करना ही होगा.
अवी-अब अपने बारे मे बता
राजेश-सब कुछ तो पता है
अवी-तेरे मूह से सुनना चाहता हूँ
राजेश-पूरी स्टोरी बता दूं
अवी-हाँ, कुछ मत छुपाना .
राजेश-मैं आपको कैसे बताऊ
अवी-तू जो करता है वही मैं करता हूँ
राजेश-पर
अवी-तू तेरी स्टोरी बता मैं मेरी बताता हूँ
राजेश-कहाँ से सुरू करू
अवी-तूने सेक्स करना कब सुरू किया था.
राजेश-2 साल हो गये
अवी-मुझे भी 2साल होगे
राजेश-मैं ने पहला सेक्स प्रिन्सिपल की बेटी के साथ किया था.
अवी-मैं ने मेडम के साथ
राजेश-मेरी वाली वर्जिन थी
अवी-मेरी वाली ने मुझे बहुत कुछ सिखाया.
राजेश-उसके बाद उसकी माँ को, मतलब प्रिन्सिपल मेडम के साथ सेक्स किया.
अवी-मेरी पहली वर्जिन ,मेरा पहला प्यार थी (माला)
राजेश-आपकी गर्लफ्रेंड है
अवी-वो गर्लफ्रेंड बनी ही नही
राजेश-फिर सेक्स कैसे किया
अवी-उसने फॅमिली प्राब्लम बता कर मेरा प्रपोज़ल ठुकरा दिया.पर मुझे अपनी लाइफ की एक रात प्यार करने को दे दी
राजेश-ये सब तो होता रहता है.
अवी-तेरी कोई गर्लफ्रेंड है
राजेश-एक लड़की मुझे बहुत पसंद है. उसी के साथ मैं शादी करूँगा.
अवी-तेरी क्लासमेट है
राजेश-नही, जूनियर है.
अवी-अच्छा हुआ जूनियर है. मैं तो डर रहा था कहीं जिस के साथ मैं ने सेक्स किया वो लड़की तेरी गर्लफ्रेंड तो नही.
राजेश-मेरी गर्लफ्रेंड ऐसा नही कर सकती .वो मुझसे बहुत प्यार करती है.
अवी-मुझसे मिलाना ज़रूर ,मैं भी तो देखु तेरी गर्लफ्रेंड को
राजेश-आप मेरे स्कूल मे आना ,मिलवा दूँगा.
अवी-मैं ने सुना है तेरी दूसरी स्कूल मे भी सेट्टिंग है
राजेश-हाँ है. वो कहानी टी पीते हुए बताता हूँ
अवी-तू फ्रेश हो जा .मैं टी बनाता हूँ
राजेश फ्रेश होने चला गया और मैं किचन मे टी गरम करने चला गया.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
805
मैं ने राजेश और मेरे लिए टी बना दी.
राजेश भी फ्रेश होकर हॉल मे आ गया.
हम ने टी पीते हुए बातें करनी सुरू की.
अवी-तो बताओ ,प्रिन्सिपल की बेटी की चुदाई कैसे की
राजेश-ज़्यादातर सेट्टिंग अपने आप हो गयी. मैं पढ़ाई मे 1स्ट आता था .और स्पोर्ट भी अच्छे से खेल लेता था.जिस से लड़किया मेरी तरफ अटर्क्ट होने लगी.
अवी-लकी हो तुम ,जो लड़किया खुद तुम्हारी तरफ हाथ बढ़ा रही थी.
राजेश-सब यही कहते है. पर सुरू मे मैं सिर्फ़ लड़कियो से बातें करता था .सेक्स के बारे मे ज़्यादा पता नही था.
अवी-फिर किस ने बताया
राजेश- प्रिन्सिपल की बेटी ने
अवी-पहला हाथ प्रिन्सिपल की बेटी पे डर नही लगा
राजेश- डर के आगे जीत है
अवी- डर तो तुझे लगा होगा
राजेश- डर तो लगा था पर बाद मे पूरा डर ख़तम हो गया
अवी-बता कैसे की सेट्टिंग प्रिन्सिपल की बेटी के साथ
राजेश-एक दिन प्रिन्सिपल की बेटी अपने माँ से मिलने हमारे स्कूल आ गयी. तब स्पोर्ट इवेंट चालू थे. मैं ज़्यादातर स्पोर्ट मे विन्नर था. मैं अपनी ट्रोपी लेने स्टेज पर गया तो प्रिन्सिपल की बेटी को पसंद आ गया. उसने मुझसे नज़दीकिया बढ़ाने के लिए अपनी माँ को मुझे स्कूल दिखाने को कहा.
अवी-फिर
राजेश-वो पूरे 1 महीने के लिए आई थी.स्कूल दिखाते दिखाते वो मेरे करीब आ गयी. वो मुझसे बड़ी थी. उसे बहुत कुछ पता था सेक्स के बारे मे ,पहले उसने किस करने से सुरुआत की. मेरे पहले किस ने मेरा लंड खड़ा कर दिया.
अवी-और
राजेश-कुछ दिन किस से काम चला .फिर उसने मुझे अपने कॉटेज मे बुलाया और ब्लू फिल्म दिखाई. ब्लू फिल्म देख कर हम ओरल सेक्स करने लगे
स्कूल मे वो कहीं भी सुरू हो जाती. कभी टाय्लेट मे ब्लोवजोब देती. तो कभी छत मे .तो कभी लाइब्रेरी मे. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. और फिर उसकी माँ स्कूल के काम से बाहर चली गयी. और मेरा लंड उसकी चूत मे चला गया.
अवी-और उसकी माँ को कैसे पटाया .और दूसरी बहन को
राजेश-प्रिन्सिपल मेडम के वापस आते ही हमारा सेक्स करना बंद हुआ. उसने और 1 महीना रुकने का फ़ैसला किया .ऐसे मे उसने एक प्लान बनाया ,सेक्स की प्यास बढ़ाने की गोली खिला दी अपनी माँ को ,रोज खिलाने से मेडम दिन भर अपनी चूत खुजाति रहती.
अवी-देखने मे मज़ा आता होगा.
राजेश-हाँ, फिर एक दिन उनको गोली खिला कर ,उनको दिखा कर उनकी बेटी की चुदाई की.रिस्क था पर प्लान फैल होने वाला नही था. चुदाई देखते ही प्रिन्सिपल मेडम अपनी चूत खोल कर अपनी बेटी के बाजू मे लेट गयी.और दोनो को एक बेड पर चोद डाला.
अवी-दूसरी बेटी
राजेश-वो शादी शुदा थी. अपनी बहन से मेरी तारीफ सुनकर बिना कुछ किए चूत मेरे नाम कर दी.
अवी-इनकी चुदाई तुम कर चुके थे तो अब स्कूल मे रुके क्यूँ थे
राजेश-उसने मुझे मज़ा करना सिखाया .ऐसे मे उसे मना कैसे करता. वो छुट्टियों मे आई थी जिस से मुझे रुकना पड़ा.वो मेरी गुरु है , उसीने सब कुछ सिखाया है , तो उसके लिए रुकना तो था ही
अवी- तेरी सेक्स गुरु प्रिन्सिपल की बेटी
राजेश- हाँ , और आपकी
अवी- मेरी मैथ की मेडम
राजेश-फिर उसके साथ अभी भी करते हो
अवी- नही उसने कहा कि जो सिखाया है उसे याद रखना पर मुझे भूल जाना
राजेश- मेरी गुरु तो हर बार दक्षिणा मांगती है
अवी-आगे बता , साइन्स टीचर
राजेश-प्रिन्सिपल की बेटियाँ जाते ही मैं मूठ मारने लगा.
अवी- बहुत बुरा हाल हो गया होगा
राजेश- हाँ , प्रिन्सिपल मेडम भी बाहर गयी हुई थी , लंड बार बार खड़ा हो जाता लड़कियो को देख कर
अवी- नेटवर्क अच्छा मिल रहा होगा
राजेश- मेरा हाथ बार बार लंड पे जाता था ,
अवी- साइन्स मेडम को कैसे पटाया
राजेश- 2 हफ़्तो से सेक्स करना बंद हो गया था ऐसे मे एक दिन क्लास मे मैं अकेला बैठ कर मूठ मार रहा था ,
अवी- मेडम ने पकड़ लिया
रहेश-हाँ , पर लंड देखते ही गुस्सा होने की जगह अपने मूह मे ले लिया, क्लास मे मूठ मारते हुए मेडम ने पकड़ लिया. और खुद मेरी कैदी बन गयी.
अवी- ये तो लत लग गयी थी तुम्हे
राजेश-हाँ ,
अवी- तो तूने उसका कुछ इलाज किया
राजेश- हाँ, सिर्फ़ वीकॅंड पे सेक्स करता था बाकी दिन कंट्रोल रखता था ,फिर आदत पड़ गयी कंट्रोल करने की
अवी-क्लासमेट के बारे मे बता
राजेश-सेक्स की लत लगते ही .मैं ने उनको सिड्यूस करना स्टार्ट किया. सब जल्दी पट गयी .2 की तो वर्जिनिटी क्लास मे तोड़ी जब सब स्टूडेंट प्रेयर करने गये थे.
अवी-फिर तो उनका बुरा हाल हुआ होगा .पूरी क्लास करने से
राजेश-उस दिन प्रेयर के साथ पीटी क्लास भी था तो 1घंटा था मेरे पास ,प्रेयर के समय सेक्स तो किया पर हम बाथरूम जाते उस से पहले स्टूडेंट क्लास मे आ गये
अवी- तुम्हे पकड़ लिया
राजेश- नही , पर उसको बाथरूम जाना था , पर वो जा नही पाई
अवी- फिर तो उसकी हालत खराब हो गयी होगी
राजेश- बहुत ज़्यादा , और क्लास मे अजीब सी स्मेल आने लगी ,
अवी- तुमने क्या किया
राजेश- क्लास साइन्स का था , मेडम को भी स्मेल आई ,मैं ने उनको अपने पास बुलाया और बता दिया कि बात क्या है
अवी- मेडम ने क्या किया
राजेश-मैं ने साइन्स की मेडम से कहा कि उसकी चुदाई की है. तो मेडम ने स्टूडेंट को खेलने की छुट्टी दी. और वो लड़की बाथरूम मे चली गयी. फिर अपने रूम मे
अवी-और दूसरे स्कूल मे क्या किया वो भी बता
राजेश-वहाँ ज़्यादा सेट्टिंग नही की. एक तो कम समय के लिए जाता था ,उतने कम टाइम मे पटाना मुश्किल था. फिर भी 3 स्टूडेंट और 2 स्पोर्ट मेडम की चुदाई की.
अवी-फुल मज़ा किया तुम ने
राजेश-हां, उन मे से एक लड़की ने अपनी चूत मुझे फाइनल मॅच हारने के लिए दी ,क्यू कि वो अपने बाय्फ्रेंड को जिताना चाहती थी.मुझे कहा कि मैं हार जाउ
मुझे ज़्यादा फरक नही पड़ रहा था कि मैं 2न्ड आ जाउ , पर ऐसे कैसे हार जाता
फिर उसके साथ डील की , मैं फाइनल मॅच हार जाउन्गा उसका बाय्फ्रेंड जीत जाएगा पर उसको मेरे साथ पूरी रात बितानी होंगी
पहले तो उसने मना किया , पर सभी स्टूडेंट कह रहे थे कि मैं जीतूँगा उसका बाय्फ्रेंड के हारने के चान्स ज़्यादा थे, तो उसने मॅच सुरू होने के पहले डील फिक्स कर दी
इधर उसके बाय्फ्रेंड ने ट्रोपी जीती ,और उधर मैं अपने ट्रोपी लेकर अपने रूम मे गया
उसकी गंद टाइट थी जिसको मैं ने पूरी खोल दिया ,
उसका बाय्फ्रेंड उसे ढूंढता रहा ताकि वो जीत का जशन मनाए ,
पर उसकी गर्लफ्रेंड मेरे साथ मेरे हारने का जशन मेरे साथ मना रही थी
मैं ने पूरी रात उसकी चुदाई की. सुबह वो लंगड़ा कर चल रही थी
उसके बाद तो अब वो मुझे रोज कॉल करती पूछने के लिए कि कब उसके स्कूल मे आने वाला हूँ.
अवी-मज़ा ही मज़ा किया तू ने
राजेश-आप आना मेरे स्कूल मे ,आपको भी मज़ा कराउन्गा.
अवी-टाइम मिला तो ज़रूर आउन्गा.
राजेश-आप पे भी लड़किया मारती होगी. इतने फेमस जो हो,
अवी-हाँ, पर मैं सिड्यूस करके चुदाई करने मे इंट्रेस्टेड हूँ.कल तुम्हे मेरी चुदाई की जगह दिखाउन्गा.
राजेश-कहाँ है
अवी-शहर मे ,वही लेकर जा कर चुदाई करता हूँ
राजेश-आपने रेंट पे लिया है.
अवी-बताना मत किसी को ,वो घर मैं ने खरीद लिया है.
राजेश-आपके पास इतने पैसे है.
अवी-थे. पर किसी को बताना मत ,
राजेश-नही बताउन्गा.
अवी-कल वही पर तुम्हारी दीवानी की चुदाई करेंगे
राजेश-मैं ने किसी के साथ मिलकर चुदाई नही की.हमेशा अकेले सेक्स किया है
अवी-कर के देखना ,बहुत मज़ा आता है.ग्रूप सेक्स करेंगे
हम बातें कर रहे थे कि गेट खटखटाने की आवाज़ आई.
राजेश-लगता है माँ आ गयी.
अवी-तुम्हे क्या करना है पता हैना
राजेश-हाँ
मैं ने जाकर गेट खोल दिया.
गेट खोलते ही मैं सामने देख कर शॉक्ड हो गया.
गेट पर नीता बुआ के साथ पूजा बुआ नेहा बुआ और तीनो चाची खड़ी थी.
पूरा मोर्चा आ गया. अच्छा हुआ मैं ने राजेश को समझा दिया वरना उसकी परेड निकालती बुआ और चाची.
नेहा बुआ-स्टॅच्यू की तरह क्यू खड़े हो,हटो, हमे अंदर जाने दो
मैं ने बुआ और चाची को अंदर आने का रास्ता दिया .
नीता बुआ के अंदर आते ही राजेश भाग कर बुआ के गले लग गया.
गले लगते ही राजेश रोने लगा.
राजेश के इस तरह रोने से नीता बुआ को कुछ समझ नही आ रहा था.
नीता बुआ मेरी तरफ देख रही थी.और राजेश की पीठ पर हाथ घुमा कर उसे शांत कर रही थी.
चाची और बुआ भी राजेश के इस तरह रोने से मेरी तरफ देख रही थी.
राजेश-माँ मुझे माफ़ कर दो ,मैं ने तुम्हारा दिल दुखाया है. मुझे माफ़ कर दो
नीता बुआ-तू रोना बंद कर ,तू रोता हुआ अच्छा नही लगता.
राजेश-मैं दुबारा आपसे झूठ नही बोलूँगा.
नीता बुआ-पहले क्यू बोला था.
राजेश-मुझे लगा आपको मेरे टूर पे जाना अच्छा नही लगेगा.
नीता बुआ-टूर पे गये थे.
राजेश-हाँ, एग्ज़ॅम होते ही फ्रेंड्स ने टूर पे जाने की ज़िद्द की.
नीता बुआ-पहले क्यूँ नही बताया .मैं तुम्हे जाने से मना थोड़े करती
राजेश-ग़लती हो गयी. अगली बार आप से पूछ कर जाउन्गा.
नीता बुआ-ग़लती मेरी थी. मुझे तेरे स्कूल मे फोन नही करना चाहिए था.
राजेश-आपकी नही मेरी ग़लती है.मुझे माफ़ कर दो
नीता बुआ-दुबारा ऐसा मत बोलना कि मुझे तुझ पर विश्वास नही है.
राजेश-नही कहूँगा.
नेहा बुआ-हम बिना वजह आ गये यहाँ पर
ब चाची-पर ये हुआ कैसे
राजेश-भैया
नीता बुआ-अवी ने कहा था कि वो राजेश को समझा देगा.
पूजा बुआ-हमारा काम तो अवी ने कर दिया.
सी चाची-अवी अपने भाई बहनों का ख़याल अच्छे से रख रहा है.
ब चाची-हाँ, अवी बड़े होने का फ़र्ज़ निभा रहा है.
अवी-चाची मैं बड़ा हो गया हूँ
नेहा बुआ बी चाची-नही तू छोटा है अबी
अवी-चाची अभी तो कहा आपने कि मैं बड़े होने का फ़र्ज़ निभा रहा हूँ
नेहा बुआ-एक बार कहा तो समझ मे नही आता तुम्हे ,
पूजा बुआ-अवी ,जब सब को लगेगा कि तू बड़ा हो गया है तो बोल देंगे. पर तू बड़ा बन कर क्या करेगा.
अवी-पता नही. वो चाची कहती है कि बड़ा होने के बाद बताउन्गी इस लिए बड़ा बन ना चाहता हूँ
नीता बुआ-अवी तुम ने राजेश से क्या बात की
राजेश-माँ ,भैया ने मुझे बताया कि फॅमिली कितनी इम्पोर्टेंट होती है.
नेहा बुआ-इसने ऐसा कहा.आइ आम शॉक्ड
नीता बुआ-नेहा तू रुक ना
राजेश-माँ ,आज के बाद मैं पूरी छुट्टियाँ आपके साथ बिताउन्गा. और स्कूल मे एक दिन की भी छुट्टी मिली तो आपके पास आउन्गा.
नीता बुआ-अवी तुम ने ऐसा कौन सा जादू किया जो राजेश इतना बदल गया.
अवी-आपके प्यार का जादू है.
नीता बुआ ने राजेश के साथ मुझे भी गले लगालिया.
और हमारे माथे पे किस किया
पूजा बुआ-थोडा प्यार हमे भी करने दे
और पूजा बुआ ने मुझे गले लगाया .और नेहा बुआ ने राजेश को गले लगाया
ब चाची-नीता ,हम चलते है. यहाँ तो अवी ने सब ठीक कर्दिया.
नीता बुआ-रूको ,सबके लिए टी बनाती हूँ
अवी-बुआ दूध नही है.
नीता बुआ-नेहा के घर से मँगाती हूँ.
नीता बुआ ने लीना से दूध लाने को कहा. लीना दूध दे कर वापस कविता के पास चली गयी.बजेट जो पढ़ना था.
नीता बुआ ने सबको टी पिला दी.
राजेश-माँ ,मैं भैया के साथ गाओं घूम कर आता हूँ.
नीता बुआ-अवी बताना क्या जादू किया तूने
अवी-कुछ नही. बस राजेश को फ्रेंड बनाया है.
नीता बुआ-इतने से हो गया.
आयुयी-हाँ
नीता बुआ-सुमन क्या खिलाती हो अवी को
अवी-मैं बताता हूँ. सुबह बड़ी चाची मुझे नाश्ते के साथ प्यार खिलाती है. दोपहर मे सीमा चाची लंच के साथ अपना प्यार देती है, रात मे छोटी चाची डिन्नर मे प्यार की मिठास खिलाती है.
नीता बुआ-तभी तू इतना प्यारा है.
मैं राजेश के साथ गाओं का चक्कर लगाने चला गया.इसी बहाने से हम बातें कर सकते है.
राजेश को सुधार के नीता बुआ की मदद करने से बड़ी चाची को मुझपे गर्व महसूस हुआ.
जिस तरह मैं अपने भाई बहनों की मदद कर रहा हूँ. अपने बड़े होने का फ़र्ज़ पूरा कर रहा हूँ. उसे देख कर बड़ी चाची की आँखो मे खुशी के आसू आ गये.
बड़ी चाची मेरे लिए खुश थी.
बड़ी चाची को खुश देख कर मुझे सुखद आनंद मिल जाता.
मैं ने राजेश और मेरे लिए टी बना दी.
राजेश भी फ्रेश होकर हॉल मे आ गया.
हम ने टी पीते हुए बातें करनी सुरू की.
अवी-तो बताओ ,प्रिन्सिपल की बेटी की चुदाई कैसे की
राजेश-ज़्यादातर सेट्टिंग अपने आप हो गयी. मैं पढ़ाई मे 1स्ट आता था .और स्पोर्ट भी अच्छे से खेल लेता था.जिस से लड़किया मेरी तरफ अटर्क्ट होने लगी.
अवी-लकी हो तुम ,जो लड़किया खुद तुम्हारी तरफ हाथ बढ़ा रही थी.
राजेश-सब यही कहते है. पर सुरू मे मैं सिर्फ़ लड़कियो से बातें करता था .सेक्स के बारे मे ज़्यादा पता नही था.
अवी-फिर किस ने बताया
राजेश- प्रिन्सिपल की बेटी ने
अवी-पहला हाथ प्रिन्सिपल की बेटी पे डर नही लगा
राजेश- डर के आगे जीत है
अवी- डर तो तुझे लगा होगा
राजेश- डर तो लगा था पर बाद मे पूरा डर ख़तम हो गया
अवी-बता कैसे की सेट्टिंग प्रिन्सिपल की बेटी के साथ
राजेश-एक दिन प्रिन्सिपल की बेटी अपने माँ से मिलने हमारे स्कूल आ गयी. तब स्पोर्ट इवेंट चालू थे. मैं ज़्यादातर स्पोर्ट मे विन्नर था. मैं अपनी ट्रोपी लेने स्टेज पर गया तो प्रिन्सिपल की बेटी को पसंद आ गया. उसने मुझसे नज़दीकिया बढ़ाने के लिए अपनी माँ को मुझे स्कूल दिखाने को कहा.
अवी-फिर
राजेश-वो पूरे 1 महीने के लिए आई थी.स्कूल दिखाते दिखाते वो मेरे करीब आ गयी. वो मुझसे बड़ी थी. उसे बहुत कुछ पता था सेक्स के बारे मे ,पहले उसने किस करने से सुरुआत की. मेरे पहले किस ने मेरा लंड खड़ा कर दिया.
अवी-और
राजेश-कुछ दिन किस से काम चला .फिर उसने मुझे अपने कॉटेज मे बुलाया और ब्लू फिल्म दिखाई. ब्लू फिल्म देख कर हम ओरल सेक्स करने लगे
स्कूल मे वो कहीं भी सुरू हो जाती. कभी टाय्लेट मे ब्लोवजोब देती. तो कभी छत मे .तो कभी लाइब्रेरी मे. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. और फिर उसकी माँ स्कूल के काम से बाहर चली गयी. और मेरा लंड उसकी चूत मे चला गया.
अवी-और उसकी माँ को कैसे पटाया .और दूसरी बहन को
राजेश-प्रिन्सिपल मेडम के वापस आते ही हमारा सेक्स करना बंद हुआ. उसने और 1 महीना रुकने का फ़ैसला किया .ऐसे मे उसने एक प्लान बनाया ,सेक्स की प्यास बढ़ाने की गोली खिला दी अपनी माँ को ,रोज खिलाने से मेडम दिन भर अपनी चूत खुजाति रहती.
अवी-देखने मे मज़ा आता होगा.
राजेश-हाँ, फिर एक दिन उनको गोली खिला कर ,उनको दिखा कर उनकी बेटी की चुदाई की.रिस्क था पर प्लान फैल होने वाला नही था. चुदाई देखते ही प्रिन्सिपल मेडम अपनी चूत खोल कर अपनी बेटी के बाजू मे लेट गयी.और दोनो को एक बेड पर चोद डाला.
अवी-दूसरी बेटी
राजेश-वो शादी शुदा थी. अपनी बहन से मेरी तारीफ सुनकर बिना कुछ किए चूत मेरे नाम कर दी.
अवी-इनकी चुदाई तुम कर चुके थे तो अब स्कूल मे रुके क्यूँ थे
राजेश-उसने मुझे मज़ा करना सिखाया .ऐसे मे उसे मना कैसे करता. वो छुट्टियों मे आई थी जिस से मुझे रुकना पड़ा.वो मेरी गुरु है , उसीने सब कुछ सिखाया है , तो उसके लिए रुकना तो था ही
अवी- तेरी सेक्स गुरु प्रिन्सिपल की बेटी
राजेश- हाँ , और आपकी
अवी- मेरी मैथ की मेडम
राजेश-फिर उसके साथ अभी भी करते हो
अवी- नही उसने कहा कि जो सिखाया है उसे याद रखना पर मुझे भूल जाना
राजेश- मेरी गुरु तो हर बार दक्षिणा मांगती है
अवी-आगे बता , साइन्स टीचर
राजेश-प्रिन्सिपल की बेटियाँ जाते ही मैं मूठ मारने लगा.
अवी- बहुत बुरा हाल हो गया होगा
राजेश- हाँ , प्रिन्सिपल मेडम भी बाहर गयी हुई थी , लंड बार बार खड़ा हो जाता लड़कियो को देख कर
अवी- नेटवर्क अच्छा मिल रहा होगा
राजेश- मेरा हाथ बार बार लंड पे जाता था ,
अवी- साइन्स मेडम को कैसे पटाया
राजेश- 2 हफ़्तो से सेक्स करना बंद हो गया था ऐसे मे एक दिन क्लास मे मैं अकेला बैठ कर मूठ मार रहा था ,
अवी- मेडम ने पकड़ लिया
रहेश-हाँ , पर लंड देखते ही गुस्सा होने की जगह अपने मूह मे ले लिया, क्लास मे मूठ मारते हुए मेडम ने पकड़ लिया. और खुद मेरी कैदी बन गयी.
अवी- ये तो लत लग गयी थी तुम्हे
राजेश-हाँ ,
अवी- तो तूने उसका कुछ इलाज किया
राजेश- हाँ, सिर्फ़ वीकॅंड पे सेक्स करता था बाकी दिन कंट्रोल रखता था ,फिर आदत पड़ गयी कंट्रोल करने की
अवी-क्लासमेट के बारे मे बता
राजेश-सेक्स की लत लगते ही .मैं ने उनको सिड्यूस करना स्टार्ट किया. सब जल्दी पट गयी .2 की तो वर्जिनिटी क्लास मे तोड़ी जब सब स्टूडेंट प्रेयर करने गये थे.
अवी-फिर तो उनका बुरा हाल हुआ होगा .पूरी क्लास करने से
राजेश-उस दिन प्रेयर के साथ पीटी क्लास भी था तो 1घंटा था मेरे पास ,प्रेयर के समय सेक्स तो किया पर हम बाथरूम जाते उस से पहले स्टूडेंट क्लास मे आ गये
अवी- तुम्हे पकड़ लिया
राजेश- नही , पर उसको बाथरूम जाना था , पर वो जा नही पाई
अवी- फिर तो उसकी हालत खराब हो गयी होगी
राजेश- बहुत ज़्यादा , और क्लास मे अजीब सी स्मेल आने लगी ,
अवी- तुमने क्या किया
राजेश- क्लास साइन्स का था , मेडम को भी स्मेल आई ,मैं ने उनको अपने पास बुलाया और बता दिया कि बात क्या है
अवी- मेडम ने क्या किया
राजेश-मैं ने साइन्स की मेडम से कहा कि उसकी चुदाई की है. तो मेडम ने स्टूडेंट को खेलने की छुट्टी दी. और वो लड़की बाथरूम मे चली गयी. फिर अपने रूम मे
अवी-और दूसरे स्कूल मे क्या किया वो भी बता
राजेश-वहाँ ज़्यादा सेट्टिंग नही की. एक तो कम समय के लिए जाता था ,उतने कम टाइम मे पटाना मुश्किल था. फिर भी 3 स्टूडेंट और 2 स्पोर्ट मेडम की चुदाई की.
अवी-फुल मज़ा किया तुम ने
राजेश-हां, उन मे से एक लड़की ने अपनी चूत मुझे फाइनल मॅच हारने के लिए दी ,क्यू कि वो अपने बाय्फ्रेंड को जिताना चाहती थी.मुझे कहा कि मैं हार जाउ
मुझे ज़्यादा फरक नही पड़ रहा था कि मैं 2न्ड आ जाउ , पर ऐसे कैसे हार जाता
फिर उसके साथ डील की , मैं फाइनल मॅच हार जाउन्गा उसका बाय्फ्रेंड जीत जाएगा पर उसको मेरे साथ पूरी रात बितानी होंगी
पहले तो उसने मना किया , पर सभी स्टूडेंट कह रहे थे कि मैं जीतूँगा उसका बाय्फ्रेंड के हारने के चान्स ज़्यादा थे, तो उसने मॅच सुरू होने के पहले डील फिक्स कर दी
इधर उसके बाय्फ्रेंड ने ट्रोपी जीती ,और उधर मैं अपने ट्रोपी लेकर अपने रूम मे गया
उसकी गंद टाइट थी जिसको मैं ने पूरी खोल दिया ,
उसका बाय्फ्रेंड उसे ढूंढता रहा ताकि वो जीत का जशन मनाए ,
पर उसकी गर्लफ्रेंड मेरे साथ मेरे हारने का जशन मेरे साथ मना रही थी
मैं ने पूरी रात उसकी चुदाई की. सुबह वो लंगड़ा कर चल रही थी
उसके बाद तो अब वो मुझे रोज कॉल करती पूछने के लिए कि कब उसके स्कूल मे आने वाला हूँ.
अवी-मज़ा ही मज़ा किया तू ने
राजेश-आप आना मेरे स्कूल मे ,आपको भी मज़ा कराउन्गा.
अवी-टाइम मिला तो ज़रूर आउन्गा.
राजेश-आप पे भी लड़किया मारती होगी. इतने फेमस जो हो,
अवी-हाँ, पर मैं सिड्यूस करके चुदाई करने मे इंट्रेस्टेड हूँ.कल तुम्हे मेरी चुदाई की जगह दिखाउन्गा.
राजेश-कहाँ है
अवी-शहर मे ,वही लेकर जा कर चुदाई करता हूँ
राजेश-आपने रेंट पे लिया है.
अवी-बताना मत किसी को ,वो घर मैं ने खरीद लिया है.
राजेश-आपके पास इतने पैसे है.
अवी-थे. पर किसी को बताना मत ,
राजेश-नही बताउन्गा.
अवी-कल वही पर तुम्हारी दीवानी की चुदाई करेंगे
राजेश-मैं ने किसी के साथ मिलकर चुदाई नही की.हमेशा अकेले सेक्स किया है
अवी-कर के देखना ,बहुत मज़ा आता है.ग्रूप सेक्स करेंगे
हम बातें कर रहे थे कि गेट खटखटाने की आवाज़ आई.
राजेश-लगता है माँ आ गयी.
अवी-तुम्हे क्या करना है पता हैना
राजेश-हाँ
मैं ने जाकर गेट खोल दिया.
गेट खोलते ही मैं सामने देख कर शॉक्ड हो गया.
गेट पर नीता बुआ के साथ पूजा बुआ नेहा बुआ और तीनो चाची खड़ी थी.
पूरा मोर्चा आ गया. अच्छा हुआ मैं ने राजेश को समझा दिया वरना उसकी परेड निकालती बुआ और चाची.
नेहा बुआ-स्टॅच्यू की तरह क्यू खड़े हो,हटो, हमे अंदर जाने दो
मैं ने बुआ और चाची को अंदर आने का रास्ता दिया .
नीता बुआ के अंदर आते ही राजेश भाग कर बुआ के गले लग गया.
गले लगते ही राजेश रोने लगा.
राजेश के इस तरह रोने से नीता बुआ को कुछ समझ नही आ रहा था.
नीता बुआ मेरी तरफ देख रही थी.और राजेश की पीठ पर हाथ घुमा कर उसे शांत कर रही थी.
चाची और बुआ भी राजेश के इस तरह रोने से मेरी तरफ देख रही थी.
राजेश-माँ मुझे माफ़ कर दो ,मैं ने तुम्हारा दिल दुखाया है. मुझे माफ़ कर दो
नीता बुआ-तू रोना बंद कर ,तू रोता हुआ अच्छा नही लगता.
राजेश-मैं दुबारा आपसे झूठ नही बोलूँगा.
नीता बुआ-पहले क्यू बोला था.
राजेश-मुझे लगा आपको मेरे टूर पे जाना अच्छा नही लगेगा.
नीता बुआ-टूर पे गये थे.
राजेश-हाँ, एग्ज़ॅम होते ही फ्रेंड्स ने टूर पे जाने की ज़िद्द की.
नीता बुआ-पहले क्यूँ नही बताया .मैं तुम्हे जाने से मना थोड़े करती
राजेश-ग़लती हो गयी. अगली बार आप से पूछ कर जाउन्गा.
नीता बुआ-ग़लती मेरी थी. मुझे तेरे स्कूल मे फोन नही करना चाहिए था.
राजेश-आपकी नही मेरी ग़लती है.मुझे माफ़ कर दो
नीता बुआ-दुबारा ऐसा मत बोलना कि मुझे तुझ पर विश्वास नही है.
राजेश-नही कहूँगा.
नेहा बुआ-हम बिना वजह आ गये यहाँ पर
ब चाची-पर ये हुआ कैसे
राजेश-भैया
नीता बुआ-अवी ने कहा था कि वो राजेश को समझा देगा.
पूजा बुआ-हमारा काम तो अवी ने कर दिया.
सी चाची-अवी अपने भाई बहनों का ख़याल अच्छे से रख रहा है.
ब चाची-हाँ, अवी बड़े होने का फ़र्ज़ निभा रहा है.
अवी-चाची मैं बड़ा हो गया हूँ
नेहा बुआ बी चाची-नही तू छोटा है अबी
अवी-चाची अभी तो कहा आपने कि मैं बड़े होने का फ़र्ज़ निभा रहा हूँ
नेहा बुआ-एक बार कहा तो समझ मे नही आता तुम्हे ,
पूजा बुआ-अवी ,जब सब को लगेगा कि तू बड़ा हो गया है तो बोल देंगे. पर तू बड़ा बन कर क्या करेगा.
अवी-पता नही. वो चाची कहती है कि बड़ा होने के बाद बताउन्गी इस लिए बड़ा बन ना चाहता हूँ
नीता बुआ-अवी तुम ने राजेश से क्या बात की
राजेश-माँ ,भैया ने मुझे बताया कि फॅमिली कितनी इम्पोर्टेंट होती है.
नेहा बुआ-इसने ऐसा कहा.आइ आम शॉक्ड
नीता बुआ-नेहा तू रुक ना
राजेश-माँ ,आज के बाद मैं पूरी छुट्टियाँ आपके साथ बिताउन्गा. और स्कूल मे एक दिन की भी छुट्टी मिली तो आपके पास आउन्गा.
नीता बुआ-अवी तुम ने ऐसा कौन सा जादू किया जो राजेश इतना बदल गया.
अवी-आपके प्यार का जादू है.
नीता बुआ ने राजेश के साथ मुझे भी गले लगालिया.
और हमारे माथे पे किस किया
पूजा बुआ-थोडा प्यार हमे भी करने दे
और पूजा बुआ ने मुझे गले लगाया .और नेहा बुआ ने राजेश को गले लगाया
ब चाची-नीता ,हम चलते है. यहाँ तो अवी ने सब ठीक कर्दिया.
नीता बुआ-रूको ,सबके लिए टी बनाती हूँ
अवी-बुआ दूध नही है.
नीता बुआ-नेहा के घर से मँगाती हूँ.
नीता बुआ ने लीना से दूध लाने को कहा. लीना दूध दे कर वापस कविता के पास चली गयी.बजेट जो पढ़ना था.
नीता बुआ ने सबको टी पिला दी.
राजेश-माँ ,मैं भैया के साथ गाओं घूम कर आता हूँ.
नीता बुआ-अवी बताना क्या जादू किया तूने
अवी-कुछ नही. बस राजेश को फ्रेंड बनाया है.
नीता बुआ-इतने से हो गया.
आयुयी-हाँ
नीता बुआ-सुमन क्या खिलाती हो अवी को
अवी-मैं बताता हूँ. सुबह बड़ी चाची मुझे नाश्ते के साथ प्यार खिलाती है. दोपहर मे सीमा चाची लंच के साथ अपना प्यार देती है, रात मे छोटी चाची डिन्नर मे प्यार की मिठास खिलाती है.
नीता बुआ-तभी तू इतना प्यारा है.
मैं राजेश के साथ गाओं का चक्कर लगाने चला गया.इसी बहाने से हम बातें कर सकते है.
राजेश को सुधार के नीता बुआ की मदद करने से बड़ी चाची को मुझपे गर्व महसूस हुआ.
जिस तरह मैं अपने भाई बहनों की मदद कर रहा हूँ. अपने बड़े होने का फ़र्ज़ पूरा कर रहा हूँ. उसे देख कर बड़ी चाची की आँखो मे खुशी के आसू आ गये.
बड़ी चाची मेरे लिए खुश थी.
बड़ी चाची को खुश देख कर मुझे सुखद आनंद मिल जाता.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
806
मैं राजेश के साथ गाओं का चक्कर लगाने लगा.
गरमी ज़्यादा थी जिस से हम टॅपारी पे बैठ कर बातें करने लगे
टॅपारी के सामने बस रुकती थी. जिस से हम आते जाते लोगो की तरफ देख कर बातें करने लगे
राजेश के साथ बातें करने से हमारी सोच एक होने लगी.
राजेश बातें करते हुए आते जाते लड़कियो की तरफ देख रहा था. अपने लिए अच्छी लड़की ढूँढ रहा था
अवी-अभी से तलाश कर रहे हो
राजेश-गाओं की खूबसूरती को देख रहा हूँ. वो देखो कितनी खूबसूरत है
राजेश ने बस से नीचे उतर रही लड़की की तरफ इशारा किया ,
ये तो रिया है. राजेश को अच्छी लगी , इसको राजेश को दिलवा देता हूँ. उसका दिल लगा रहेगा गाओं मे
अवी-पसंद आई
राजेश-हां, दिखने मे हॉट है. और फिगर अच्छी है.
अवी-इन हाथो ने उसकी फिगर बनाई है
राजेश-आपने पटा लिया इसको
अवी-हाँ, रिया नाम है उसका ,मेरी क्लासमेट थी.
राजेश-काफ़ी मज़े किए आपने
अवी-तुझे रिया के मज़े दिलवा ता हूँ ,
राजेश-वो मान जाएगी
अवी-हाँ, उसको मैं मना लूँगा. तुम यही रूको मैं रिया से बात करके आता हूँ.
मैं राजेश को टॅपारी पर छोड़ कर रिया के पीछे जाने लगा.
अवी-रिया ,रिया
रिया ने पलट कर देखा .मुझे अपना नाम पुकारते हुए देखा तो वापस पलट कर अपने रास्ते जाने लगी.
रिया के साथ मैं ने पिछले साल चुदाई की थी. उसके बाद मैं उसे भूल गया था
रिया को बिना बताए उस से दूर हो गया. इसी लिए वो नाराज़ है .मुझपे गुस्सा होगी.
मैं भाग कर रिया के पास गया .और उसका रास्ता रोक दिया.
रिया-मेरा रास्ता छोड़ो वरना मैं शोर मचा दूँगी.
अवी-तुम्हारा चिल्लाना सुने हुए काफ़ी दिन हो गये
रिया-मेरा रास्ता छोड़ो
अवी-छोड़ दूं ,
रिया-मुझे तुमसे कोई बात नही करनी.
अवी-करना भी नही चाहिए मैं ने तुम्हारे साथ ग़लत किया.
रिया-अब अपनी ग़लती के बारे मे पता चला
अवी-क्या हम बैठ कर बात कर सकते है
रिया-जो बोलना है यही बोलो
अवी-तुम हॉट लग रही हो
रिया-तुम्हारे कोई आइडिया नही चलेगा.
अवी-सच मे तुम्हारी गंद सेक्सी लग रही है.
रिया-हो गया. मैं जा सकती हूँ.
अवी-जाना है तो जा सकती हो ,मैं ने पकड़ नही रखा ,
रिया को मेरी इस तरह बात करने पे गुस्सा आया
रिया अपने पैर पटक कर जाने लगी
रिया अपने रास्ते जाने लगी. धीरे धीरे जा रही थी ताकि मैं उसे रोकू
रिया भी कमाल होती है , ये चाहती है कि उनको मनाता रहूं , इनकी ख्वाहिश पूरी करते रहो
आगे जाकर रिया ने अपना बॅग गिरा दिया .और बॅग उठाने के बहाने से मेरी तरफ देख रही थी.
मैं उसकी हरकतों को चुप चाप खड़े होकर देख रहा था.
रिया ने अपना बॅग उठा लिया और गुस्से मे चलते हुए वापस मेरे पास आ गयी.
रिया-तुम खुद को समझते क्या हो.
अवी-अवी
रिया-तुम ने मेरे साथ जो किया उसके बाद तुम्हे लगता है मुझे तुम मे इंटेरेस्ट है.
अवी-हाँ
रिया-तुम मुझे बिना बताए चले गये ,और अब अचानक आकर मुझे पाना चाहते हो ,ये तुम ने सोचा कैसे
अवी-जो सोचा है वही हो रहा है.
रिया-क्या हो रहा है. मैं तुम्हे बताने वापस आई हूँ कि तुम ने क्या किया है.
अवी-क्या किया मैं ने
रिया-क्या नही किया तुम ने ,सब कुछ किया तुमने
अवी-मैं ने क्या किया वो तो बताओ
रिया-तुम ने मेरे साथ मज़े किए और दिल भर गया तो छोड़ कर चले गये.
अवी-ऐसा लगता है तुम्हे
रिया-यही किया तुमने ,मुझे खुद से ऐसा दूर किया जैसे मैं दूध मे पड़ी हुई मक्खी को दूर करते है.
अवी-तुम ग़लत समझ रही हो
रिया-यही सच है.
अवी-मैं ने जानबूझ कर थोड़े किया.
रिया-मुझसे मन भरा तो मुझसे दूर हो गये ,ये जानबूझ कर किया गया.
अवी-हमारे रास्ते अलग हो गये जिस से तुम्हे लग रहा है कि मैं ने तुम्हे छोड़ दिया.
रिया-कौन से रास्ते
अवी-तुम यहीं रह कर पढ़ाई कर रही हो और मैं शहर चला गया. तुम ने आर्ट लिया और मैं ने साइन्स लिया .
रिया-तो
अवी-हमारे लिए कॉलेज की लाइफ नयी थी जिस से हम दोनो के पास मिलने के लिए टाइम नही था. तुम अपने कॉलेज मे बिज़ी थी और मैं अपने कॉलेज मे ,
ना मुझे टाइम मिल रहा था और ना तुम्हे ,तुम ने कभी मुझसे मिलने की कोशिस की
रिया-नही,मुझे लगा तुम मिलना नही चाहते हो
अवी-अगर ऐसा होता तो मेले मे तुमसे बात क्यूँ करता, मेले मे तुम ने ही बात करने से मना किया..मैने तो टाइम मिलते ही बात की
रिया-वो तो मैं
अवी-तुम्हे पता तो है कि मेरी चाची माँ बनी ऐसे मे मैं तो उनके पीछे लगा हुआ था. 2 महीने मैं कॉलेज नही जा सका .फिर तुम से कैसे मिलता.
रिया मेरी बात सुनकर सोचने लगी.
अवी-उसके बाद मेला आया. मेले मे कितना काम होता है. फिर भी तुम से बात की पर तुम तो गुस्से मे थी
रिया-उसके बाद तो मिल लेते ,
अवी-कैसे मिलता ,मेले की वजह से कॉलेज नही गया था ,पढ़ाई करनी थी. एग्ज़ॅम थे ,और अब छुट्टियाँ मिली तो तुम से मिलने आ गया.
रिया-ये सच है
अवी-हाँ, सब तुम्हारे सामने तो हुआ है.
रिया-पर एक बार बता तो देते
अवी-बताने का समय ही नही मिला.
रिया-और अब मिला समय
अवी-पिछली बार भी तो छुट्टियों मे मिले थे .और इस बार भी हमारे लिए यही लिखा था.
रिया-मुझे सोचने दो
अवी-हम छुट्टियों मे ही मिल सकते है.उसके सिवा हम मिल ही नही सकते .एक तो तुम बिज़ी रहोगी या मैं .
रिया-मतलब
अवी-की छुट्टियों ख़तम होते मुझे अपने कॉलेज जाना सुरू करना होगा .और मेरे पास समय नही होगा.
रिया-कॉलेज सुरू होते ही मेरे पास भी टाइम नही होता. पूरा दिन कैसे चला जाता है समझ मे नही आता
अवी-तुम भी मानती हो कि कॉलेज सुरू होते ही टाइम नही मिलता ऐसे मे मैं तुमसे कैसे मिलता
रिया-तो अब क्या इरादा है.
अवी-छुट्टियाँ साथ मे बिताते है.
रिया-और बाद मे
अवी-नेक्स्ट छुट्टियों का इंतज़ार करेंगे
रिया-तुम्हारे साथ वक्त बिताने के बाद ,अकेले रहना मुश्किल होता है.
अवी-मैं कोई फोर्स नही करूँगा जो तुम चाहोगी वही होगा.
रिया-मुझे समझ नही आ रहा है कि क्या करूँ.
अवी-अपने दिल की सुनो
रिया-बड़े चालू हो ,मेरा दिल क्या चाहता है ये तुम्हे पता है.
अवी-तभी तो तुम्हारे जाने के बाद भी रुका रहा .मुझे पता था तुम वापस आओगी.
रिया-और क्या पता था.
अवी-कि तुम मुझे बहुत मिस करती हो
रिया-तुम पे बहुत गुस्सा आ रहा था जब तुम छोड़ कर गये थे. सोचा था कि तुम्हारे मिलते एक थप्पड़ मारूँगी.
अवी-मार लो
रिया-कैसे मारू ,मेरा दिल कहता था कि तुम मुझे ऐसे छोड़ नही सकते हो. ज़रूर कोई बात होगी.
अवी-तुम्हारा दिल सही था.
रिया-हाँ, अच्छा हुआ मैं ने अपने दिल की सुननी वरना एक लड़के ने मुझे प्रपोज़ किया था.
अवी-तो तुम ने क्या कहा
रिया-मैं कहा मुझे बाय्फ्रेंड बनाने मे इंटेरेस्ट नही है.
अवी-तो इतनी अच्छी फिगर मेरे हाथो का कमाल है
रिया-तुम्हारे सिवा किसी ने हाथ नही लगाया.
अवी-मुझे नही लगता
रिया-सच
अवी-तुम्हारे बूब्स काफ़ी बड़े लग रहे है.
रिया-तुम ही ने तो दबा कर बड़े किए है.
अवी-मुझे पता है मैं ने कितनी मेहनत की है,अब बता भी दो
रिया-मेरे मामा के लड़के ने दबाए है.
अवी-फिर तो सेक्स भी किया होगा.
रिया-नही. मेरे सोने के बाद दबाता था .जिस से वो डर के मारे इतना ही करता था. पर मेरा पानी निकल जाता था जिस से मैं ने उसे बूब्स दबाने से रोका नही. जितने दिन मामा की घर रुकी उतने दिन वो मेरे बूब्स के साथ खेलता था.
अवी-करने देती ,बिचारा दुआ देता
रिया-इस बार जाउन्गी तो करने देने का सोच रही थी. और पकड़ कर शादी करने केलिए मना लूँ .ये सोचा था
अवी-मना लेना. तब तक तुम्हारी फिगर मैं बढ़िया बना दूँगा.
रिया-बड़े चालू हो. मेरे पति को फटा हुआ माल देना चाहते हो.
अवी-तुम भी तो यही चाहती हो
रिया-चाहती तो हूँ ,पर अब मुश्किल है.
अवी-क्या मुश्किल , बैठ कर सोचते है. यहाँ धूप मे खड़े रहने से कोई फ़ायदा नही होगा.
रिया-सरबत पिलाओ ,बड़ी गर्मी लग रही है.
अवी-गन्ने का जूस पियोगी.
रिया-गन्ना ,चलो
अवी-आज उस गन्ने का जूस पियो ,कल मेरे गन्ने का जूस पीना
रिया-देखते है
मैं रिया को लेकर गन्ने के जूस सेंटर पे गया.
रिया ने 2 ग्लास गन्ने का जूस पिया .
काफ़ी प्यासी लग रही है रिया.
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Re: मैं और मेरा परिवार
806ए
रिया को गन्ने का जूस पिला कर ठंडा कर दिया.
अवी-कैसा चल रहा है
रिया-सब मज़े मे चल रहा है.
अवी-नये फ्रेंड बन गये होगे
रिया-नये फ्रेंड के साथ कुछ पुराने फ्रेंड भी है जिन के साथ कॉलेज जाती हूँ.
अवी-अब तो छुट्टियाँ होगी
रिया-छुट्टियाँ तो है पर मैं बिज़ी हूँ
अवी-बिज़ी ,किसके साथ
रिया-किसी के साथ नही. कोर्स कर रही हूँ.
अवी-कैसा
रिया-सिलाई, और ब्यूटी पार्लर का
अवी-तभी तुम शहर से आई हो
रिया-हाँ, आर्ट वालो को ऐसे कोर्स करने पड़ते है.
अवी-कब जाती हो और कब आती हो
रिया-सुबह 10 बजे जाती हूँ और 4 की बस से वापस आती हूँ.
अवी-कल कुछ खास तो नही होगा.
रिया-नही. पर क्यू पूछ रहे हो
अवी-कल मेरे साथ चलना ,हम मस्ती करेंगे
रिया-मैं नही आ सकती. मैं कोर्स मिस नही कर सकती.
अवी-एक दिन से ऐसा क्या हो जाएगा.
रिया-अगर इम्पोर्टेंट सिखा दिया तो
अवी- मैं भी इम्पोर्टेंट सिखाउन्गा.
रिया-ब्यूटी पार्लर का क्लास मिस कर सकती हूँ
अवी-वो कितने बजे होता है
रिया-12 बजे
अवी-ठीक है. कल 12 बाज मैं तुम्हे शहर के बस स्टॉप पे मिलूँगा ,
रिया-कल मिस कर रही हूँ ,फिर नही करूँगी.
अवी-तो एक काम करना .अपनी माँ को कहना कल तुम अपने सहेली की यहाँ रुक रही हो .फिर रात भर मस्ती करेंगे
रिया-माँ नही मानेगी.
अवी-तुम्हे शॉपिंग करवाउन्गा.
रिया-पक्का,
अवी-हाँ
रिया-पर माँ से क्या कहूँगी ,कहाँ से लिया है नया ड्रेस
अवी-बोल देना सिलाई करते हुए बना लिए.तुम्हारी माँ खुश होगी.
रिया-शॉपिंग करवाना ,वरना मैं फिर नही मिलूंगी.
अवी-पहले शॉपिंग करेंगे .ठीक है
रिया-कल मिलते है. अब मुझे चलना चाहिए
अवी-बाइ
रिया-बाइ
लो रिया तो जल्दी मान गयी.
रिया को कैसे मनाना था ये मुझे पता था.
उसकी चूत मेरा लंड लेने के लिए उतावली रहती है
रिया से जो बोला था वो सच था.कॉलेज मे जाते ही मैं शहर मे अड्जस्ट होने मे ज़्यादा बिज़ी हो गया.
फिर चाची की डेलिवरी ,उसके बाद एग्ज़ॅम फिर मेला उसके बाद एग्ज़ॅम ,
कभी टाइम ही नही मिला किसी के साथ वक्त बिताने का.
रिया से मेले मे बात करनी चाही पर उसने मूह फेर लिया था.
वैसे भी रिया से मुलाकात छुट्टियों मे करना फ़ायदेमंद होगा
गाओं मे छुट्टियाँ अच्छे से बीतेंगी.
रिया के साथ कल की डेट फिक्स करने के बाद मैं राजेश के पास आ गया.
अबी रिया को राजेश के बारे मे बताना ठीक नही होगा. कल डाइरेक्ट मुलाकात करूँगा.
राजेश-भैया काफ़ी समय लग गया.
अवी-वो थोड़ी नाराज़ थी. उसे मनाने मे टाइम लग गया
राजेश-नाराज़
अवी-1साल से उसके साथ बात नही की थी.
राजेश-फिर तो उसने मना किया होगा
अवी-मुझे मना कर ही नही सकती
राजेश-वो मान गयी.
अवी-हाँ, कल उसके साथ सेक्स करेंगे
राजेश-मज़ा आएगा.
अवी-चलो चलते है.
रिया के साथ डेट फिक्स करने के बाद राजेश अपने घर गया और मैं अपने घर गया.
आज का दिन अच्छा बीत गया.
राजेश से फ्रेंडशिप हो गयी जो हम दोनो के लिए अच्छी होगी.
नीता बुआ भी राजेश के बदल जाने से खुश थी.
रिया भी मान गयी. कल उसकी चुदाई करूँगा अपने छोटे भाई के साथ मिल कर
मेरे घर आते ही चाची ने मेरा प्यार से स्वागत किया.
ब चाची-अवी ,तूने पता है आज क्या किया.
अवी-नीता बुआ की मदद की
ब चाची-नीता की नही, पूरे फॅमिली की मदद की.
अवी-वो कैसे
ब चाची-तू नही समझेगा.
अवी-आप मुझे कुछ बताती क्यूँ नही.
ब चाची-अब वो दिन जल्दी आएगा ऐसा लग रहा है.
अवी-मतलब मैं बड़ा हो रहा हूँ
ब चाची-हाँ, मेरा बेटा अपनी ज़िम्मेदारी को समझ रहा है.ऐसे अपने भाई बहन का ख़याल रखना
अवी-जी
ब चाची-सबके दुख को अपना दुख समझ कर उनको खुशी देना.
अवी-मैं समझा नही.
ब चाची-अपने से ज़्यादा अपनी फॅमिली की बारे मे सोचना.
अवी-जी
ब चाची-अपनी फॅमिली के लिए कोई कुर्बानी देनी होगी तो पीछे मत हटना.
अवी-कुर्बानी?
ब चाची-हाँ, ये याद रखना की फॅमिली ही सब कुछ है. फॅमिली के अच्छे के लिए जो होगा वही करना.
अवी-आज आप ऐसे क्यू बोल रही है.
ब चाची-जब तक तू अपनी फॅमिली के बारे मे सोचना नही सुरू करेगा तब तक तुझे अपनी ज़िम्मेदरिका पता नही चलेगा.
अवी-मैं तो अपनी फॅमिली के बारे मे सोचता हूँ
ब चाची-तू क्या सोचता है ये आज मैं ने देख लिया. बस ऐसे अपने प्यार से सबको खुश रखना
अवी-जी.
मुझपर अपने प्यार की बारिश कर दी.
बड़ी चाची तो खुशी मे पागल हो गयी थी .उनको समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे.
नीता बुआ की प्राब्लम सॉल्व करने से चाची
खुश थी.
चुटकी मे मैं ने नीता बुआ का प्राब्लम सॉल्व किया जिसे देख कर चाची की नज़रों मे मेरा कद और बढ़ गया.
चाची ने मेरे लिए आज स्पेशल खाना बनाया.
जिसे खाते ही मुझे जन्नत नसीब हो गयी.
नेक्स्ट डे
आज ज़्यादा कसरत नही की. रिया की चुदाई जो करनी थी.
मुझे सुबह तय्यार होते हुए देख कर चाची ने पूछ ही लिया कि मैं कहाँ जा रहा हूँ.
म चाची-अवी कहाँ जा रहे हो.
अवी-शहर
म चाची-दीदी ,अवी बाहर जा रहा है.
ब चाची-क्यू चिल्ला रही है.क्या हुआ
म चाची-देखिए अवी बाहर जा रहा है
ब चाची-चुपके चुपके कहाँ जा रहे हो.
अवी-वो राजेश को शहर घुमाने ले जा रहा था.
ब चाची-ये तो अच्छी बात है. इस से तुम राजेश को समझ पाओगे .
अवी-मैं इसी लिए राजेश के साथ ज़्यादा समय बिताना चाहता हूँ .जिस से वो अपनी फॅमिली को ज़्यादा इंपॉर्टेन्स दे
ब चाची-ठीक है .जा पर कब तक वापस आएगा.
अवी-चाची वो मैं सोच रहा था कि
ब चाची-बोल ना
अवी-कल आउन्गा. रात मे शहर मे रुकुंगा.
ब चाची-क्यू ? क्या करने वाले हो.
अवी-कुछ नही बस इधर उधर घूमेंगे
ब चाची-तो उसके लिए रात मे रुकने की ज़रूरत क्या है
अवी-रुकिये मैं आपको कुछ दिखाता हूँ
मैं ने लॅपटॉप मे रखे हुए राजेश के फोटो चाची को दिखा दिए
म चाची-इसको मैं ने कहीं देखा है.
सी चाची-मुझे भी ऐसा लग रहा है
अवी-ये राजेश है.
ब चाची-अपना राजेश ,हो ही नही सकता
अवी-ठीक से देखिए
सी चाची-दीदी ये तो राजेश ही है.
ब चाची-राजेश ऐसा कैसे हो गया.
अवी-राजेश स्कूल मे ऐसा ही हीरो बन कर रहता है. और गाओं मे अलग तरह से रहता है.
ब चाची-नीता को पता है
अवी-नही ,बुआ को कुछ पता नही.
म चाची-मीना, राजेश कितना हॅंडसम लग रहा है
सी चाची-हाँ ,पर अवी से कम हॅंडसम है. वैसे राजेश को ऐसे ही रहना चाहिए
अवी-इस लिए उसे अपने साथ शहर लेके जा रहा हूँ
ब चाची-राजेश के बारे मे ये तो पता ही नही था.
अवी-राजेश के साथ रहूँगा तो सब पता कर लूँगा.
सी चाची-तुम रुक जाना रात को शहर मे ,हैना दीदी
ब चाची-हाँ ,रुक जा, और राजेश को समझा देना कि ऐसे डबल रोल करना ठीक नही है.
अवी-जी. आप कौन सा राजेश देखना चाहती है
म चाची-मैं तो लॅपटॉप वाला
सी चाची-लॅपटॉप वाला राजेश अच्छा रहेगा.
ब चाची-इतना ज़्यादा स्टाइल नही करना चाहिए .थोडा कम कर दिया तो लॅपटॉप वाला अच्छा रहेगा.
अवी-चाची ने जैसा कहा वैसा ही होगा.
ब चाची-राजेश को अच्छा बना देना.तुम्हारी तरह समझदार
अवी-जी .अब मैं जाउ
ब चाची-जा ,पर रात को खाना खाने से पहले फोन करना.
अवी-रात मे करूँगा और कल सुबह भी फोन करूँगा.
सी चाची-अवी ,ड्राइ फ्रूट्स लेकर आना ,वो ख़तम हो गये
म चाची-हाँ, और फ्रूट्स, नमकीन ,जलेबी भी लेते आना
ब चाची-सीमा ये क्या है
म चाची-दीदी नमकीन खाने का मन हो रहा है.
ब चाची-तू मोटी हो जाएगी.
म चाची-अवी बस थोड़ा सा लाना
ब चाची-सीमा तू भी ना, अवी नमकीन भी ले आना
अवी-जी.
चाची की इजाज़त मिलते ही मैं बाइक लेकर राजेश के घर चला गया.
रिया को गन्ने का जूस पिला कर ठंडा कर दिया.
अवी-कैसा चल रहा है
रिया-सब मज़े मे चल रहा है.
अवी-नये फ्रेंड बन गये होगे
रिया-नये फ्रेंड के साथ कुछ पुराने फ्रेंड भी है जिन के साथ कॉलेज जाती हूँ.
अवी-अब तो छुट्टियाँ होगी
रिया-छुट्टियाँ तो है पर मैं बिज़ी हूँ
अवी-बिज़ी ,किसके साथ
रिया-किसी के साथ नही. कोर्स कर रही हूँ.
अवी-कैसा
रिया-सिलाई, और ब्यूटी पार्लर का
अवी-तभी तुम शहर से आई हो
रिया-हाँ, आर्ट वालो को ऐसे कोर्स करने पड़ते है.
अवी-कब जाती हो और कब आती हो
रिया-सुबह 10 बजे जाती हूँ और 4 की बस से वापस आती हूँ.
अवी-कल कुछ खास तो नही होगा.
रिया-नही. पर क्यू पूछ रहे हो
अवी-कल मेरे साथ चलना ,हम मस्ती करेंगे
रिया-मैं नही आ सकती. मैं कोर्स मिस नही कर सकती.
अवी-एक दिन से ऐसा क्या हो जाएगा.
रिया-अगर इम्पोर्टेंट सिखा दिया तो
अवी- मैं भी इम्पोर्टेंट सिखाउन्गा.
रिया-ब्यूटी पार्लर का क्लास मिस कर सकती हूँ
अवी-वो कितने बजे होता है
रिया-12 बजे
अवी-ठीक है. कल 12 बाज मैं तुम्हे शहर के बस स्टॉप पे मिलूँगा ,
रिया-कल मिस कर रही हूँ ,फिर नही करूँगी.
अवी-तो एक काम करना .अपनी माँ को कहना कल तुम अपने सहेली की यहाँ रुक रही हो .फिर रात भर मस्ती करेंगे
रिया-माँ नही मानेगी.
अवी-तुम्हे शॉपिंग करवाउन्गा.
रिया-पक्का,
अवी-हाँ
रिया-पर माँ से क्या कहूँगी ,कहाँ से लिया है नया ड्रेस
अवी-बोल देना सिलाई करते हुए बना लिए.तुम्हारी माँ खुश होगी.
रिया-शॉपिंग करवाना ,वरना मैं फिर नही मिलूंगी.
अवी-पहले शॉपिंग करेंगे .ठीक है
रिया-कल मिलते है. अब मुझे चलना चाहिए
अवी-बाइ
रिया-बाइ
लो रिया तो जल्दी मान गयी.
रिया को कैसे मनाना था ये मुझे पता था.
उसकी चूत मेरा लंड लेने के लिए उतावली रहती है
रिया से जो बोला था वो सच था.कॉलेज मे जाते ही मैं शहर मे अड्जस्ट होने मे ज़्यादा बिज़ी हो गया.
फिर चाची की डेलिवरी ,उसके बाद एग्ज़ॅम फिर मेला उसके बाद एग्ज़ॅम ,
कभी टाइम ही नही मिला किसी के साथ वक्त बिताने का.
रिया से मेले मे बात करनी चाही पर उसने मूह फेर लिया था.
वैसे भी रिया से मुलाकात छुट्टियों मे करना फ़ायदेमंद होगा
गाओं मे छुट्टियाँ अच्छे से बीतेंगी.
रिया के साथ कल की डेट फिक्स करने के बाद मैं राजेश के पास आ गया.
अबी रिया को राजेश के बारे मे बताना ठीक नही होगा. कल डाइरेक्ट मुलाकात करूँगा.
राजेश-भैया काफ़ी समय लग गया.
अवी-वो थोड़ी नाराज़ थी. उसे मनाने मे टाइम लग गया
राजेश-नाराज़
अवी-1साल से उसके साथ बात नही की थी.
राजेश-फिर तो उसने मना किया होगा
अवी-मुझे मना कर ही नही सकती
राजेश-वो मान गयी.
अवी-हाँ, कल उसके साथ सेक्स करेंगे
राजेश-मज़ा आएगा.
अवी-चलो चलते है.
रिया के साथ डेट फिक्स करने के बाद राजेश अपने घर गया और मैं अपने घर गया.
आज का दिन अच्छा बीत गया.
राजेश से फ्रेंडशिप हो गयी जो हम दोनो के लिए अच्छी होगी.
नीता बुआ भी राजेश के बदल जाने से खुश थी.
रिया भी मान गयी. कल उसकी चुदाई करूँगा अपने छोटे भाई के साथ मिल कर
मेरे घर आते ही चाची ने मेरा प्यार से स्वागत किया.
ब चाची-अवी ,तूने पता है आज क्या किया.
अवी-नीता बुआ की मदद की
ब चाची-नीता की नही, पूरे फॅमिली की मदद की.
अवी-वो कैसे
ब चाची-तू नही समझेगा.
अवी-आप मुझे कुछ बताती क्यूँ नही.
ब चाची-अब वो दिन जल्दी आएगा ऐसा लग रहा है.
अवी-मतलब मैं बड़ा हो रहा हूँ
ब चाची-हाँ, मेरा बेटा अपनी ज़िम्मेदारी को समझ रहा है.ऐसे अपने भाई बहन का ख़याल रखना
अवी-जी
ब चाची-सबके दुख को अपना दुख समझ कर उनको खुशी देना.
अवी-मैं समझा नही.
ब चाची-अपने से ज़्यादा अपनी फॅमिली की बारे मे सोचना.
अवी-जी
ब चाची-अपनी फॅमिली के लिए कोई कुर्बानी देनी होगी तो पीछे मत हटना.
अवी-कुर्बानी?
ब चाची-हाँ, ये याद रखना की फॅमिली ही सब कुछ है. फॅमिली के अच्छे के लिए जो होगा वही करना.
अवी-आज आप ऐसे क्यू बोल रही है.
ब चाची-जब तक तू अपनी फॅमिली के बारे मे सोचना नही सुरू करेगा तब तक तुझे अपनी ज़िम्मेदरिका पता नही चलेगा.
अवी-मैं तो अपनी फॅमिली के बारे मे सोचता हूँ
ब चाची-तू क्या सोचता है ये आज मैं ने देख लिया. बस ऐसे अपने प्यार से सबको खुश रखना
अवी-जी.
मुझपर अपने प्यार की बारिश कर दी.
बड़ी चाची तो खुशी मे पागल हो गयी थी .उनको समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे.
नीता बुआ की प्राब्लम सॉल्व करने से चाची
खुश थी.
चुटकी मे मैं ने नीता बुआ का प्राब्लम सॉल्व किया जिसे देख कर चाची की नज़रों मे मेरा कद और बढ़ गया.
चाची ने मेरे लिए आज स्पेशल खाना बनाया.
जिसे खाते ही मुझे जन्नत नसीब हो गयी.
नेक्स्ट डे
आज ज़्यादा कसरत नही की. रिया की चुदाई जो करनी थी.
मुझे सुबह तय्यार होते हुए देख कर चाची ने पूछ ही लिया कि मैं कहाँ जा रहा हूँ.
म चाची-अवी कहाँ जा रहे हो.
अवी-शहर
म चाची-दीदी ,अवी बाहर जा रहा है.
ब चाची-क्यू चिल्ला रही है.क्या हुआ
म चाची-देखिए अवी बाहर जा रहा है
ब चाची-चुपके चुपके कहाँ जा रहे हो.
अवी-वो राजेश को शहर घुमाने ले जा रहा था.
ब चाची-ये तो अच्छी बात है. इस से तुम राजेश को समझ पाओगे .
अवी-मैं इसी लिए राजेश के साथ ज़्यादा समय बिताना चाहता हूँ .जिस से वो अपनी फॅमिली को ज़्यादा इंपॉर्टेन्स दे
ब चाची-ठीक है .जा पर कब तक वापस आएगा.
अवी-चाची वो मैं सोच रहा था कि
ब चाची-बोल ना
अवी-कल आउन्गा. रात मे शहर मे रुकुंगा.
ब चाची-क्यू ? क्या करने वाले हो.
अवी-कुछ नही बस इधर उधर घूमेंगे
ब चाची-तो उसके लिए रात मे रुकने की ज़रूरत क्या है
अवी-रुकिये मैं आपको कुछ दिखाता हूँ
मैं ने लॅपटॉप मे रखे हुए राजेश के फोटो चाची को दिखा दिए
म चाची-इसको मैं ने कहीं देखा है.
सी चाची-मुझे भी ऐसा लग रहा है
अवी-ये राजेश है.
ब चाची-अपना राजेश ,हो ही नही सकता
अवी-ठीक से देखिए
सी चाची-दीदी ये तो राजेश ही है.
ब चाची-राजेश ऐसा कैसे हो गया.
अवी-राजेश स्कूल मे ऐसा ही हीरो बन कर रहता है. और गाओं मे अलग तरह से रहता है.
ब चाची-नीता को पता है
अवी-नही ,बुआ को कुछ पता नही.
म चाची-मीना, राजेश कितना हॅंडसम लग रहा है
सी चाची-हाँ ,पर अवी से कम हॅंडसम है. वैसे राजेश को ऐसे ही रहना चाहिए
अवी-इस लिए उसे अपने साथ शहर लेके जा रहा हूँ
ब चाची-राजेश के बारे मे ये तो पता ही नही था.
अवी-राजेश के साथ रहूँगा तो सब पता कर लूँगा.
सी चाची-तुम रुक जाना रात को शहर मे ,हैना दीदी
ब चाची-हाँ ,रुक जा, और राजेश को समझा देना कि ऐसे डबल रोल करना ठीक नही है.
अवी-जी. आप कौन सा राजेश देखना चाहती है
म चाची-मैं तो लॅपटॉप वाला
सी चाची-लॅपटॉप वाला राजेश अच्छा रहेगा.
ब चाची-इतना ज़्यादा स्टाइल नही करना चाहिए .थोडा कम कर दिया तो लॅपटॉप वाला अच्छा रहेगा.
अवी-चाची ने जैसा कहा वैसा ही होगा.
ब चाची-राजेश को अच्छा बना देना.तुम्हारी तरह समझदार
अवी-जी .अब मैं जाउ
ब चाची-जा ,पर रात को खाना खाने से पहले फोन करना.
अवी-रात मे करूँगा और कल सुबह भी फोन करूँगा.
सी चाची-अवी ,ड्राइ फ्रूट्स लेकर आना ,वो ख़तम हो गये
म चाची-हाँ, और फ्रूट्स, नमकीन ,जलेबी भी लेते आना
ब चाची-सीमा ये क्या है
म चाची-दीदी नमकीन खाने का मन हो रहा है.
ब चाची-तू मोटी हो जाएगी.
म चाची-अवी बस थोड़ा सा लाना
ब चाची-सीमा तू भी ना, अवी नमकीन भी ले आना
अवी-जी.
चाची की इजाज़त मिलते ही मैं बाइक लेकर राजेश के घर चला गया.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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Re: मैं और मेरा परिवार
806ब
मैं नीता बुआ के घर आ गया.
लीना राजेश के साथ बातें करते हुए टीवी देख रही थी.
अवी-राजेश तुम तय्यार नही हुए
राजेश-भैया हमे तो 12 बजे जाना था ना
अवी-हम अभी जाएँगे .जाओ तय्यार हो जाओ
राजेश-10 मिनिट मे तय्यार होता हूँ
और राजेश अपने कमरे मे चला गया.और मैं लीना के साथ बैठ कर टीवी देखने लगा.
लीना-भैया आप कहाँ जा रहे है.
अवी-शहर जा रहे है. राजेश के लिए खरीदी करनी है.
लीना-भैया के लिए ,उनको क्या खरीदना है. पैंट शर्ट ,
अवी-ऐसे क्यूँ बोल रही हो
लीना-आप नही देखते राजेश भैया कैसे रहते है,मुझे बिल्कुल पसंद नही है उनको ऐसा रहना
अवी-तो कैसा देखना चाहती हो राजेश को
लीना-आपके जैसा बना दो
अवी-तुम ने कहा और मैं ने ना किया हो ऐसा कभी हुआ है.राजेश को मेरे जैसा बना दूँगा
लीना-सच , आप राजेश भैया को अपने जैसा बना दोगे
अवी-हाँ, मैं तो कल राजेश पे खूब गुस्सा हुआ कि वो तुम्हारे साथ समय क्यूँ नही बिताता.
लीना-तभी मैं सोचु राजेश भैया आज खुद मुझे साथ मे मूवी देखने को बुलाया .
अवी-अब से राजेश तुम्हारे साथ ही रहेगा.
लीना- पर भैया तो हमेशा स्कूल जाने की जल्दी मे रहते है.
अवी-अब वो ज़्यादा से ज़्यादा समय तुम्हारे साथ बिताएगा. तुझे उसने अपने कमरे मे आने की इजाज़त दी कि नही.
लीना-कल खुद मुझे अपने कमरे मे बुलाया .और मेरे साथ देर रात तक बातें की. मुझे तो समझ नही आ रहा था कि ये रियल है या सपना .वैसे मुझे लगा था कि आप ने ही कुछ किया होगा.
अवी-तुम्हारे लिए किया.तुम खुश रहो इस लिए राजेश को बदल दिया.
लीना-लव यू भैया.
राजेश-चले भैया
राजेश तय्यार हो गया शहर जाने के लिए.
नीता बुआ-कहाँ जा रहो हो.
राजेश-भैया के साथ शहर जा रहा हूँ
अवी-बुआ, राजेश को शहर दिखा के लाता हूँ.
नीता बुआ-प्लान क्या है. दोनो भाइयों का क्या इरादा है.
राजेश-माँ बस ऐसे ही घूमने का प्लान बनाया है.
नीता-इतनी धूप मे घूमने जा रहे हो. सच बताओ
लीना-मैं बताऊ
नीता बुआ-बता
अवी-लीना बुआ को कुछ मत बताना
लीना ने अपने होंठो पे उंगली रख दी
नीता बुआ-अवी ,क्या बात है,लीना को चुप रहने को क्यूँ कहा.
अवी-बुआ ,भाइयो का सीक्रेट है. आपको नही बता सकते
नीता बुआ-लीना ,फ़्रीज़ मे चॉक्लेट रखी है,
लीना-भैया शॉपिंग करने जा रहे है राजेश भैया के लिए.
नीता बुआ-शॉपिंग, इसमे छुपाने की क्या बात थी.
अवी-वो आपको हमारे कल आने के बाद पता चलेगा.
नीता बुआ-कल क्यूँ, रात मे कहाँ जा रहे हो
अवी-बुआ समझा करो, राजेश के लिए मैं उसे शहर ले जा रहा हूँ.
नीता बुआ-ठीक है मुझे तुम दोनो पे पूरा विश्वास है. रूको मैं पैसे लाती हूँ.
अवी-रहने दीजिए, मेरे पास है.
नीता बुआ-तुम दोनो बड़े हो रहे है. एक्सट्रा पैसे तो चाहिए ना ,रूको मैं लेकर आती हूँ
नीता बुआ अपने कमरे मे चली गयी.
अवी-चलो बुआ के आने से पहले निकलते है
लीना-माँ ,भैया
अवी-चुप ,मैं तेरे लिए चॉक्लेट लेकर आउन्गा.
चॉक्लेट का नाम सुनते ही लीना चुप हो गयी .और मैं राजेश को लेकर शहर की तरफ निकल पड़ा.
नीता बुआ-राजेश और अवी कहाँ गये
लीना-वो तो चले गये .
नीता बुआ-तूने मुझे बताया क्यूँ नही
लीना-कैसे बताती ,भैया ने चॉक्लेट लाने की बात कही. और आपने तो चॉक्लेट दी भी नही.
नीता बुआ-तुझे चॉक्लेट चाहिए ,रुक तुझे ऐसी चॉक्लेट देती हूँ कि दुबारा ऐसा नही करेगी.
नीता बुआ के कुछ करने से पहले लीना कविता के घर भाग गयी.
राजेश-भैया ये शॉपिंग का क्या चक्कर है.
अवी-तू ये 2 लाइफ जीना बंद कर , आज से जैसा तू स्कूल मे रहता है वैसा ही घर मे रहेगा.
राजेश-वो तो कल हम ने बात की थी.पर मेरे कपड़े स्कूल मे है. स्कूल जाने तक मुझे ऐसा ही पैंट शर्ट मे रहना होगा
अवी-इसी लिए शॉपिंग कर रहे है.
राजेश-शॉपिंग की ज़रूरत नही है. हॉस्टिल पे मेरे बहुत कपड़े रखे हुए है. वो मैं लेकर आ जाउन्गा.
अवी-जब लाएगा तब की तब देखेंगे. पर तब तक के लिए कुछ चाहिए ना
राजेश-मैं अपना एटीएम नही लाया.
अवी-गधे , तेरा भाई हैना
राजेश-ज़्यादा शॉपिंग नही करेंगे .
अवी-ठीक है. वैसे तेरे पास एटीएम कहाँ से आया
राजेश-भैया कॉंपिटेशन मे जो पैसे जीते है वो है उनमे ,उसी से एक्सट्रा खरच करता हूँ.
अवी-ये अच्छा करता है. लो आ गया घर2
राजेश-वाउ ,घर2 तो बढ़िया है
अवी-जिस लड़की यहाँ लाएगा वो घर2 देख कर ही खुश होगी
मैं राजेश को लेकर घर2 आ गया
घर2 आते ही राजेश की नज़र सामने वाले घर की ओर गयी
मतलब मिसेज़ दूबे पर गयी
मिसेज़ दूबे सारी इतनी सेक्सी पहती है कि उनको देखते रहने का फील करता है
मिसेज़ दूबे इस एज मे भी हॉट और सेक्सी लगती है
मिसेज़ दूबे का भरा हुआ बदन देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए
मैं तो पहले ही मिसेज़ दूबे पे लट्टू हो गया था तभी तो इतनी मेहनत की थी उनको सिड्यूस करने के लिए
मिसेज़ दूबे माल है , उनकी मसल्ने मे बहुत मज़ा आता है
मैं अगर मिसेज़ दुबे पे लट्टू हो गया तो राजेश के मूह मे तो पानी आ गया
राजेश-वो आंटी क्या कमाल की है.
अवी-किस आंटी की बात कर रहा है.
राजेश-वो सामने वाले घर की
अवी-मिसेज़ दुबे ,
राजेश-यहाँ तो हॉट हॉट आंटी रहती है. मज़ा आ जाएगा.
अवी-तू देख तेरा भाई क्या क्या करता है
(मिसेज़ दूबे अपने पति के साथ कहाँ जा रही है. इसको भी आज ही जाना था. मिसेज़ दूबे को भी पार्टी मे इन्वॉल्व करता .)
मिसेज़ दूबे ने मेरी तरफ देखा .मुझे राजेश के साथ देख कर नॉर्मल रियेक्शन दिया .
अवी- चल अंदर
राजेश- एक मिनिट भैया , उस आंटी को देखने दो
अवी- उस आंटी मे क्या रखा है , तेरे लिए 19 साल की लड़की रिया का इंतज़ाम किया है
राजेश - भैया रिया भी ठीक है , वो भी कमाल की है , गाओं के पानी का असर रिया पे अच्छा हुआ है ऑर ये आंटी तो माल है
अवी- तू शहर की लड़कियो का मज़ा ले चुका है फिर इस मिसेज़ दूबे मे तुम्हे क्या दिख रहा है
राजेश-भैया, ये शहर की डाइयेटिंग वाली ज़ीरो फिगर वाली लड़कियाँ दिखने मे हॉट होती है , पर बेड पे उनके साथ सेक्स करते हुए ऐसा लगता है स्केलिटन के साथ सेक्स कर रहा हूँ , फिगर मेनटेन करने के चक्केर मे सेक्स करते बहुत मज़ा नही आता , पर इस आंटी का भरा हुआ बदन देखो एक बार मिल जाए यो पूरी रात मसलता रहूं , इस आंटी की चुदाई करने मे मज़ा आ जाएगा और इनको मसल्ने तो क्या कहूँ पसीना कितना निकलेगा बता नही सकता
अवी-( मेरी जैसी सोच है ) समझ गया , चल अब वो आंटी जा रही है
मिसेज़ दूबे मेरी तरफ देखते हुए अपने पति के साथ जा रही थी
मिसेज़ दूबे का भी मन हो रहा होगा कि मेरे पास आए पर अपने पति की वजह से वो कुछ नही कर पाई और अपनी कार मे बैठ कर पति के साथ चली गयी.
राजेश-हॉट आंटी थी.
अवी-चल अंदर
मैं राजेश को लेकर घर के अंदर गया.
मैं ने रणजीतसिंघ को कहा था कि मुझे कंपनी का जो प्रॉफिट मिलेगा उसमे से कुछ पैसो से ये घर खरीद लो और कुछ समान रखवा दे.
रणजीतसिंघ ने घर मे ज़रूरत की सभी चीज़े रख दी .सब कुछ था जो नोर्मली सब के घर मे रहता है.
टीवी, फ़्रीज़ ,एसी ,नये सोफा,बेड, किचन मे जो चाहिए वो सब था,
टेबल पर घर के पेपर रखे हुए थे. मेरे नाम पे घर किया था.
जो प्रॉफिट मिला था उस से रणजीतसिंघ ने ये घर मेरे नाम पर खरीदने को कहा था.
राजेश-घर तो बढ़िया है. ये आपका है.
अवी-हाँ,
राजेश-यहाँ तो मज़ा आ जाएगा.
अवी-इस घर के बारे मे किसी को बताना मत
राजेश-नही बताउन्गा.
अवी-तुम यहाँ बैठो मैं रिया को लेकर आता हूँ
राजेश-ठीक है, मैं घर को देख लेता हूँ.
अवी-ये कुछ पैसे रखो ,कुछ चाहिए होगा तो जाकर लेना .कुछ खाने का समान लेकर आना
राजेश को घर2 पे छोड़ कर मैं बस स्टॉप पर चला गया.
ये घर2 खरीदना मेरे लिए ज़रूरी था.
इस घर2 से रानी और मेरे प्यार की शुरुआत हुई थी.
कविता और लीना ने यहाँ खूब मस्ती की है.
मेरे लिए ये चुदाई की जगह नही बल्कि ये प्यार का मंदिर जैसा था.
छोटी चाची को बताया तो वो भी खुश हो जाएगी.
ज़्यादा महेंगा नही हुआ ,
चलो रंजीतसिंग ने एक अच्छा काम कर लिया.
पता नही कितने पैसे मेरे अकाउंट मे जमा हुए है
जितने भी हो ,वो सब मेरे थे. मेरे फॅमिली के थे.
एक कंपनी मे 50%पाटनेर्शिप, और ये घर2 मेरे नाम ,मेरी प्रॉपर्टी बढ़ रही है.
ऐसे सोचते हुए बस स्टॉप भी आ गया.
बस स्टॉप पर जाते मैं ने रिया को फोन किया.
रिया को आने मे टाइम था .
रिया के आने तक मैं मोबाइल मे गेम खेलता रहा
रिया मेरे फोन करते बस स्टॉप की तरफ निकल पड़ी थी.
रिया की आज जमकर चुदाई करूँगा .
राजेश फुल जोश मे है.
राजेश अपने गाओं की लड़की की चुदाई करने को तय्यार था.
मेरे साथ मिलकर रिया की चुदाई करने के नाम से राजेश का लंड हो चुका था.
मिसेज़ दूबे को देखते ही राजेश अपने लंड को मसल रहा था.
देखते है राजेश रिया के साथ क्या करता है.
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(मैं और मेरा परिवार Running )........
(रेशमा - मेरी पड़ोसन complete).....(मेरी मस्तानी समधन complete)......
(भूत प्रेतों की कहानियाँ complete)....... (इंसाफ कुदरत का complete).... (हरामी बेटा compleet )-.....(माया ने लगाया चस्का complete). (Incest-मेरे पति और मेरी ननद complete ).
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