माँ का पल्लू (दा मिस्टेक) --1

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Ankit
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माँ का पल्लू (दा मिस्टेक) --1

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माँ का पल्लू (दा मिस्टेक)

घर मे पूरा सन्नाटा फेला हुआ था.... माँ रो रो फर्श पे सो गई थी..... और क्यू ना हो जिसका पति भरी जवानी मे मर गया हो उसपे क्या बीतेगी ये वही जानती है......

मेरा नाम रवि हे मे 18 साल का हूँ और 11थ मे पढ़ता हूँ मेरे पापा की मौत कार आक्सिडेंट मे हो गई जो सिर्फ़ 40 साल के थे. मेरी माँ नामिता 38 साल की है और एक टीचर भी है...

पापा की मौत को 4 दिन हो हो गये फिर भी माँ को कोई होश नही था सभी विधिया पूर्ण हो गई थी सिर्फ़ पापा की अस्थियो को गंगा मे बहाना था और पंडित जी ने कहा था. कि शीघ्र ही इनकी अस्थिया बहा देना चाहिए हम देल्ही. मे रहते है इसलिए अस्थिया बहाने के लिए हमे वाराणसी जाना पड़ेगा पर माँ को देखते हुए मुझे नही लगता था कि वो आपाएगी पर ये भी ज़रूरी था.....

अगली सुबह हम ट्रॅवेल मे बैठ के निकल पड़े.पूरे सफ़र मे माँ ने मुझसे कोई बात नही की उन्हे काफ़ी सदमा लगा था.....
हम रात के 8 बजे एक गाओं मे उतरे जिससे हमे वहाँ एक और लोकल बस करके वाराणसी जाना था....

माँ ने सुबह से कुछ खाया नही था हमने एक होटेल मे जाके थोड़ा खा लिया तब तक बस आ चुकी थी....

और हम दोनो माँ बेटे वहाँ बैठ गये. पर ये क्या बस पूरी तरह भरी हुई थी आगे से लेकर पीछे तक भीड़ ही भीड़ थी... मे और माँ जेसे तेसे अंदर आ गये पर बस के अंदर तो खड़े होने लायक भी जगह नही थी और उपर से एक गंदी बदबू आ रही थी तब मेने बस के कंडक्टर से बात की कि मेरी माँ सुबह से ट्रॅवेलिंग कर रही हे और उनकी तबीयत भी खराब है क्या आप उनके लिए थोड़ी जगह बना देंगे....

कंडक्टर--- कोई बात नही बेटा तुम्हारी माँ को इस सीट पे बिठा दो..

और कंडक्टर ने एक आदमी को उठा कर माँ को सीट दे दी और मे माँ के पास खड़ा हो हो गया....

मेने आसपास देखा तो सभी लोग मुझे और माँ को घूर रहे थे क्यू कि वहाँ हम ही सबसे अलग लग रहे थे...

मुझे अजीब सा लगा... . पर मेने सोचा चलो माँ को तो जगह मिल गई...मैं तो खड़ा भी नही हो पा रहा था एक आदमी मुझे आगे धक्का लगाता तो दूसरा पीछे... मे तो परेशान हो गया....

मुझे भी दिन भर की थकान की कारण नींद आने लगी और मेरा सर अगले शख्स के कंधे पर लग रहा था...

पर तभी मुझे एक झटका लगा....

मुझे अपने नितंब पर कुछ महसूस हुआ और मुझे समझने मे ज़्यादा देर नही लगी कि वो किसी का लंड है....मे थोड़ा सहम गया और अपनी कमर को आगे कर दिया पर अगली ही पल मुझे फिर से लंड महसूस होने लगा मुझे समझ नही आया कि क्या करूँ... अब तो आगे खिसक भी नही सकता.. . पर सोचा शायद मेरे नितंब लगने से उसका लंड खड़ा हो गया होगा अब उसकी भी भूल नही है ये ह्यूमन नेचर ही है तो मेने अब ज़्यादा कोई अवरोध नही किया और नही कर सकता था पर जेसे 2 वक़्त गुजर रहा था उस शक्स अब ज़्यादा ही ज़ोर से मेरे नितंब मे अपना लंड घुसा रहा था पर मेने सोचा इसका लंड इतना टाइट क्यू हो गया जेसे कोई ब्लू फिल्म देख के खड़ा हो गया हो...

मेने तिरछी नज़र से उस शक्स को देखना चाहा कि ये कौन हे पर जब मेने उसको देखा तो उसका ध्यान कहीं और था मेने उसके नज़रों का पीछा किया तो मेरे तो होश ही उड़ गये.....

हे भगवान वो तो माँ की ओर देख रहा था और मुझे समझ भी आ गया कि. उसका लंड क्यू खड़ा हो गया क्यू की माँ का आँचल उसके शरीर से गिर गया था और माँ के स्तन पूरी तरह उजागर हो गये थे.... माँ पूरी नींद मे थी जिससे उसको कोई होश नही था....

माँ ने ब्लॅक कलर का ब्लाउस पहना था. जो काफ़ी छोटा था माँ सिटी मे रहने के कारण हमेशा. काफ़ी स्टाइलिश कपड़े पहनती थी चाहे वो जीन्स टी शर्ट हो या फिर सारी ब्लाउस और ये ब्लाउस भी काफ़ी डीप था जिससे माँ के भारी भरकम स्तन समा नही पा रहे थे... लगभग 70% स्थान बाहर थे... माँ बोहोत अधिक गोरी होने के कारण. काले ब्लाउस मे. उनके स्तन छुप नही पा रहे थे...

मेने आसपास नज़र दौड़ाई तो सिर्फ़ वो व्यक्ति ही नही पर बस के लगभग आधे लोग माँ को घुरे जा रहे थे.... और मेरे अगले वाला शक्स तो अपने लंड पर लगायर हाथ घुमा रहा था....

और मेरे पीछे वाला अब भी लगातार. मेरे नितंब मे अपना औज़ार गढ़ा रहा था...

मे ने चाहा कि मे जाके माँ को उठा दूं पर पता नही अंदर से मन ही नही मान रहा था....मेने भी माँ के स्तन को इतना गौर से. नही देखा था वो सच मे काफ़ी बड़े थे लगभग 38 के तो होंगे ये दृश्य देख के मे भी खोता जा रहा था और माँ के स्तन ही नही बल्कि माँ की नाभि भी सॉफ दिखाई दे रही थी... माँ की नेवेल बोहोत ही डीप और बड़ी थी वो इतनी बड़ी थी कि एक छोटे बच्चे का लंड आराम से उसके अंदर आ जाए....

माँ के साँस लेने के साथ साथ स्तन से लेके माँ की नाभि उपर नीचे होती वो दृश्य वाकई बोहोत सेक्सी था....मे भी अब लोगो के साथ माँ के बदन को घूर्ने लगा और इसका असर मेरे लंड पर होने लगा.... अब मेरा औज़ार भी सावधान मुद्रा मे खड़ा था.... जिसके मेरा लंड अब मेरे आगे खड़े शक्स को लगने लगा... मे थोड़ा पीछे हुआ पर पीछे होते ही पिच्छले वाले का लंड मेरे नितंब मे चुभने लगा और उसने फिर ज़ोर से एक धक्का मारा जिसके साथ ही मेरी कमर आगे की ओर हो गई और मेरा लंड सीधा आगे वाले व्यक्ति के नितंब मे जा लगा... मे थोड़ा दर गया क्यू कि मेरे लंड का अगला सुपाडा उसके नितंब मे था....

उस शख्स ने पिछे मुड़कर मेरी और देखा मे थोड़ा डर गया.... पर उसने. मुझे देख के हल्की स्माइल दी शायद वो भी समझ गया था कि मेरा लंड क्यूँ खड़ा है...

मेरा लंड जो उसके नितंब मे फसा हुआ था उसने आगे से और मेरे लंड पर थक्का मारा....वो भी माँ की जवानी से गरम था...अब मे दोनो के बीच सॅंडविच बन गया था एक मेरी गान्ड मार रहा था और दूसरा मेरे लंड पे अपनी गांद रगडे हुए मुझे और गरम करने लगा उपर से माँ के बदन भी मुझे गरम करने लगा. मुझे तो एसा लगा जेसे मे हवा मे उड़ रहा हूँ..... ये सिलसिला लगभग 1 घंटे तक चलता रहा और धीरे2 भीड़ कम होने लगी और बस लगभग खाली हो गई अब बस मे वो दो शख्स मे और माँ और कंडक्टर- ड्राइवर थे.....

वो दोनो मेरे दाएँ और बाए बैठ गये माँ सामने बैठी थी जो अब भी नींद मे ही थी
और कंडक्टर पहली सीट पे आगे की और मुँह करके बैठा था.....

मे और वो दोनो लोग माँ को अब भी घुरे जा रहे थे कि तभी मेरे दाए बैठे शख्स ने मेरी जाँघ पर हाथ फेरते हुए कहा ये कॉन है बेटा???

मेने लडखडाते हुए जवाब दिया माँ है....

ह्म्‍म्म्म... बहुत गरम माल है.... और उसने मुझे आँख मारी...

मे कुछ नही बोल पाया... अगले ही पल उसने मेरा लंड पॅंट के उपर से पकड़ लिया. और दबाना शुरू कर दिया... मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था और मेने अपनी आँखे बंद कर ली....

तब वो बोला तेरी माँ को कभी नंगी देखा है बबुआ???

मेने आँखे बंद रहते ही ना बोला....
अरे बड़े बब्चक हो एसी माल को नंगा नही देखा... चलो कोई बात नही हम आज तोहार ये हसरत भी पूरी कर देंगे....

ये बोलते ही मेने अपनी आँख खोल दी जेसे ही मेने आँख खोली मे हेरान रह गया क्यूँ कि वे दोनो अब अपनी धोती उतार चुके थे और एक हाथ से अपना मूसल जेसा लंड हिला रहे थे.... इतने बड़े लंड मेने आज तक नही देखे थे वे लगभग9/10 इंच होंगे...

एक ने कहा क्या टुकूर- टुकूर देख रहे हो बाबुवा....कभी देखे नही हो का....

मेने मन मे कहा इनके सामने तो मेरा लंड एक चूहे जेसा है. तभी दूसरे शख्स ने मेरी पॅंट को ज़ोर से खिचा जिसके साथ मेरी अंडरवेर भी निकल गई..... और मेरा लंड भी आज़ाद हो गया जो अब पूरी तरह हवा मे खड़ा था.....

मेरा लंड देख वो दोनो हँसने लगे अरे येतो अभी बच्चा है.... कितना छोटा है....

मेरा लंड भी 7 इंच का था पर उन लोगो के सामने छोटा ही था....पर उनसे ज़्यादा गोरा था....

दूसरे ने कहा कि. वैसे भी शहरी लोगो के लोड्‍े छोटे ही होते है....अब इसके बाप का भी इतना बड़ा होगा और एसी माल को चोदने के लिए हमारे जेसा ही लोड्‍ा चाहिए ना....

क्या चोदना माँ को???

मेने उनसे कहा नही तुम एसा नही कर सकते....

तभी दूसरे ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाना शुरू कर दिया मे फिरसे जोश मे आने लगा....

और उसने बोला क्यूँ बबुआ तुम अपनी माँ को नही चोदना चाहते का?? क्या तुम अपनी माँ को नंगी नही देखना चाहते हो का??? तुम नही देखोगे कि तुम जहाँ से पेदा हुए हो वो चूत केसी दिखती है???

उसकी बाते मुझे पागल कर रही थी और मे भी जोश मे आकेबोलने लगा हाँ..... हाँ.....

अब वो खड़ा हो के मेरे पीछे आ गया और अपने लंड को मेरी गान्ड पर रगड़ने लगा मे इसके लंड की कठोरता महसूस. कर पा रहा था और उसका दूसरा हाथ अब भी मेरे लंड पर ही घूम रहा था.... उसका एसा करना मुझे पागल बना रहा था....

तभी दूसरा सीधा माँ के पास जाने लगा और माँ के मूड कर पास खड़ा हो गया और अपना लंड माँ के मूँह घुसाने की कोशिस करने लगा अगले ही पल उसके लंड का सुपाडा माँ के सुर्ख होंठो के अंदर था.... उसने फिर से ज़ोर लगाया जिससे पूरा लंड माँ के मुँह से हो कर गले तक पहुँचा दिया ऐसा करते ही माँ को ज़ोरदार ख़ासी आई और इसका लंड सीधे माँ के मुँह के बाहर आ गया....

अब माँ जाग चुकी थी माँ की पहली नज़र जो गई. वो मेरे उपर थी अब सीन ये था कि. मे माँ के सामने नंगा खड़ा हुआ एक शक्स मेरे लंड को हिला रहा है और साथ ही मेरी गान्ड मे अपना लंड रगड़ रहा था वही दूसरा शक्स माँ के सामने अपना लंड पकड़े हुए खड़ा हे....

ये सीन देख कर माँ का चेहरा भौचक्का रह गया एसा लगा जेसे माँ को 440 वॉट का करेंट लगा हो.....
तभी माँ के मुँह से जोरदार आवाज़ आई
रवववीिइ...........

माँ की आवाज़ इतनी. ज़ोरदार थी कि ड्राइवर ने सुनते ही तुरंत ब्रेक दबा दिया.....

ऐसा करने से मे सीधा माँ के उपर गिर गया और मेरा लंड माँ के नाभि मे घुस गया मुझे एसा लगा जेसे की कुवारि चूत मे मेरा लंड फस गया हो..... और साथ ही मेरे मुँह से भी एक दर्द भरी चीख निकली..... ये चीख इसलिए नही निकली कि मेरा लंड माँ की नाभि मे फस गया बल्कि इसलिए निकली कि जब मे गिरा मेरे साथ वो शख्स भी गिरा जो मेरे पीछे खड़ा था और जो अभी तक मेरी गान्ड मे अपना लंड रगड़ रहा था वो सीधा एक ही झटके मे मेरी गान्ड को. चीरते हुए आधा लंड घुस गया था.......

तभी ड्राइवर - कंडक्टर दौड़ते हुए पीछे आ गये....

जब उन लोगो ने पिछे आ कर ये सीन देखा. तो वो लोग जाग पर ही जम गये.... ड्राइवर ने चिल्लाते हुए कहा --- तुम लोग क्या कर रहे हो ये???

कंडक्टर--- लगता है ये साले आदिवासी इस औरत की इज़्ज़त लूटना. चाहते है???

कंडक्टर-- पर ये लड़का तो इसका बेटा है ये क्यूँ नंगा. है??

ड्राइवर-- देखते क्या हो लगाओ पोलीस को फोन जब पोलीस की मार पड़ेगी ना तब सुधरेंगे ये आदिवासी साला इनकी वजह से यूपी का. नाम खराब होता है. कुत्ते साले....

कंडक्टर अपना मोबाइल निकाल कर फोन लगाने लगा कि तभी उनमे से एक शख्स चिल्लाया "अरे हरिया देखता क्या है पकड़ इस कंडक्टर को"

और हरिया नाम के उस आदमी ने कंडक्टर को ज़ोरदार मुक्का मारा और एक ही मुक्के मे उसे नीचे गिरा दिया वो सच मे बोहोत हॅटा कट्ता आदमी था

हरिया-- राजू भैया अंदर से कट्टा निकालो...

यानी दूसरे का नाम राजू था... राजू ने अपनी बॅग से एक देसी गन निकाली और सीधे. ड्राइवर के सर पे लगा दी...

राजू-- देखो बाबू चुपचाप खड़े रहो वरना तुम दोनो को यही मार के फेंक देंगे समझे ना....
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माँ का पल्लू (दा मिस्टेक) --2

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माँ का पल्लू (दा मिस्टेक) --2


अब उनकी बातों से सिर्फ़ ड्राइवर- कंडक्टर ही नही बल्कि मे भी डर गया वो लोग अब बोहोत खरनाक लग रहे थे....
उन्होने ड्राइवर - कंडक्टर को एक रस्सी से बाँध दिया....
हरिया-- अब चुपचाप यही पड़े रहो ज़्यादा होशियारी मत करना और हमे अपना काम करने दीजिए समझ रहे है ना......

मेरा तो ये देख के ही लंड मुरझा गया था और डर से काँपने लगा....

अब वे दोनो माँ की ओर आने लगे.... माँ डर के मारे पीछे खिसक रही थी.....

माँ--- देखो एसा मत करो मे तुम्हारे पेर पड़ती हूँ....

ये सुनते ही दोनो हंस पड़े हा.....हा....

मेरी रानी तुझ जेसी गदराई जवानी को केसे छोड़ दे. आज तो तुझे पा कर रहेंगे मेरी नशीली शराब......
हरिया-- अरे राजू देखता क्या है कर दे साली को नंगी....

माँ-- प्लीज़ मत करो मेरा बेटा भी यहाँ है कुछ तो शरम करो एक माँ को उसके बेटे के सामने नंगी. करोगे???

माँ का इतना बोलना था कि वे लोग हँसने लगे हा....हा....

बेटा???

राजू-- अरे मेरी रानी तेरी जवानी देख कर तो तेरा बेटा. गरम हो गया था और कुछ समय पहले ही तेरे नाम की मूठ मार रहा था देख केसे नंगा बैठा है और तू चाहती है कि हम तुझे नंगा ना करे जब कि तेरा सगा बेटा ही तुझे नंगा देखने के लिए मरा. जा रहा था.....

वो लोग पिछले घंटे जो कुछ हुआ सब माँ के सामने उगलने लगे माँ मेरी और देखे जा रही थी और मे सर झुकाए बैठा था.....

हरिया-- अरे देखो केसे बैठा है निकाल साले को....

राजूने मुझे खीच कर माँ के साने ले आया मेरा लंड मुरझा चुका था....

राजू -- अरे इसका लंड तो मुरझा गया कोई बात नही अभी खड़ा कर देते है....

राजू के ये बोलते ही हरिया ने माँ का ब्लाउस ज़ोर से खींच लिया और ब्लाउस के साथ माँ का दोनो स्तन उछल्कर बाहर आ गये हे भगवान कितने बड़े हैं माँ के स्तन.....

हरिया एक हाथ से माँ के स्तन को दबाने लगा और मुझ से कहा -"देख बबुआ तोहार माँ की चुचि कितनी बड़ी2 है दबा के तो देख.... ये कहते हुए इसने ज़बरदस्ती मेरे हाथो को पकड़ के माँ के स्थान पर रख दिया.... ओह्ह.... माँ के स्तन वाकई बोहोत मुलायम थे....और काफ़ी टाइट लग रहे थे....

हरिया -- लगता है शरमा रहा है अभी इसकी शर्म दूर कर देते है..... चल बे अब अपने माँ की चुचि को ज़रा चूस के तो दिखा....

माँ-- देखो ऐसा मत करो प्लीज़...

राजू-- ये प्लीज़- विलीज़ नही जेसा हम कहते है वेसा करो समझी ना ये तेरे और तेरे चूजे के लिए सही होगा.....

राजू ने मेरा बाल पकड़ के मेरा मुँह सीधा माँ के स्तन पर लगा दिया....

मेरे होठ सीधा माँ के निपल. को छु रहे थे और अगले ही पल मे माँ के स्तनो को चूसने लगा...... माँ ने अपनी आँखे बंद कर ली और मे धीरे - धीरे माँ के स्तनो को चूसने लगा...... मे फिर से गरम होने लगा था और माँ के स्तनो मे गर्मी महसूस कर पा रहा था..... मुझे माँ के मुँह से भी एयाया.....की आवाज़ आने लगी..... शायद माँ भी गरम हो ने लगी थी....

तभी मेने बिना कुछ कहे दूसरे स्थान को चूसने लगा और एक हाथ माँ की कमर पर ले गया.... मेरा लंड भी अपनी औकात मे आ गया जो माँ की पेटीकोट पे छू रहा था माँ के मुख से भी आवाज़ तेज़ होने लगी और माँ एक हाथ मेरे सर मे घुमाने लगी. तभी हरिया ने माँ का पेटिकोट पे लगा नाडा खींच लिया. जो सीधा ज़मीन पे जा गिरा पर इसका होश ना मुझे था और ना माँ को हम तो एक दूसरे मे खोए थे.....

हरिया-- अरे देखो आग तो दोनो तरफ लगी है बराबर ....

राजू ने मेरे बाल पकड़ के मुझे पीछे खींच लिया....

राजू-- देखो साली नाटक कर रही थी. चल अब घुटनो पे बैठ जा और अपने बेटे का लंड चूस जो कब का तुझे देख के खड़ा हो रहा है....

माँ ने बिना कुछ बोले मेरे लंड को सीधा अपने मुँह ले लिया....और चूसना शुरू कर दिया......

मे तो जेसे स्वर्ग मे था माँ मेरे लंड को ज़ोर - ज़ोर से चूसने लगी.... मे इतना गरम हो गया कि मेने माँ के सर को पकड़े हुए सर को ही चोदने लगा..... मुझे लगा कि अब मे अपना पानी छोड़ दूँगा कि तभी हरिया ने माँ को खिचा....

हरिया -- अरे बस कर रंडी अपने बेटे का ही लेगी या. हमे भी खुश करेगी..... चल अब अपनी. चड्डी निकाल माँ रोते हुए अपनी पैंटी उतारने लगी.....

माँ की पैंटी उतरते ही मेरा लंड फिर से झटके मारने लगा.... ओह्ह..... सस्स.... माँ की चूत सॉफ दिख रही थी क्यूंकी माँ की चूत पर एक भी बाल नही था..... पूरी क्लीन....

राजू --- हे!!!हे!!! अरे हरिया कभी एसी चूत देखी है साली पूरा सॉफ कर के आई है लगता है चुदवाने का ही प्लान था साली का..... ये लगता है अभी खा जाऊ इसे..... कुतिया आज तो तेरी चूत फाड़ ही दूँगा छिन्नाल.....

वो लोग माँ को जिस तरह गालियाँ दे रहे थे मुझे और भी मज़ा आ रहा था मे चाह रहा था वो लोग माँ को किसी रंडी की तरह ट्रीट करे....

राजू ने कहा चल मेरे उपर गान्ड रख कर बैठ जा.... राजू का काला लंड हवा मे लहरा रहा था और माँ की सूरत देख के लगा के उसे भी एक बार डर लगा गया था.... माँ अपनी गान्ड मट्काते हुए लंड पर बैठने लगी....

माँ की सूरत मेरी और थी. और राजू की तरफ़ पीठ थी....माँ अपने पेर फैलाए हुए बैठ गई..... माँ की चूत मुझे सॉफ दिखने लगी थी..... मुझे एसा लगा कि मे जाके अपना लंड घुसेड दूं....

राजू ने अपना लंड माँ की चूत मे नही बल्कि गंद मे घुसाने लगा जिससे माँ की चीख निकल पड़ी एयेए!!!!!!हुहह!!!!!!!ऊऊओह!!!! प्लीज़ यहाँ मत डालो दर्द होता है प्लीज़!!!

राजू-- चुप कर रंडी तेरी गान्ड ने तो पागल किया है मुझे हाँ!!!!! कितनी कसी हुई है रे तेरी गान्ड..... मज़ा आएगा बहुत..... आजा हरिया!!!!

अब हरिया अपना लंड हिलाते हुए माँ की ओर बढ़ गया और माँ की चूत को मसलने लगा.....

हरिया -- अरे बहुत सुखी है चूत. साली की चूत पनिया नही रही है का करे राजू भैया???

राजू -- अरे अभी पनीयाते हैं...

राजूने मुझे बुलाया - ये बेटा तुझे भी चोदना है ना अपनी रंडी माँ को??

मे कुछ नही बोला

राजू-- अरे बोलने की ज़रूरत नही है तेरे लंड को देखते ही पता चल गया....

माँ भी मेरे लंड को घुरे जा रही थी पता नही क्या सोच रही होगी पर असल मे तो मे भी माँ को आज चोदना चाहता. था.
हरिया -- चल अपना लंड ले और अपनी माँ की चूत पर घिस समझा ना चोदना नही है सिर्फ़ घिसना है अगर तूने अपना लंड अंदर घुसाया ना तो साला यही काट डालेंगे समझा कि नही.....

राजू-- घिसना क्यू हरिया???

हरिया-- अरे तू कहता है ना कि इसकी चूत सुखी है अब देख जब इसके जवान बेटे का लंड इसकी चूत को छुएगा तो साली पूरी पनिया जायेगी.... हा....हा.....

मे अब अपना लंड लेके माँ की चूत के पास आ गया ओह्ह!!!! पास से तो माँ की चूत सुर्ख लाल थी और किसी पाव रोटी जेसी दिख रही थी...

माँ मेरी तरफ़ देखते हुए बोली बेटा एसा मत करो.... पर मे भी कहाँ माननेवाला था मेने तुरंत अपना सुपाडा माँ की चूत को टच कर दिया ओह्ह!!!! चूत पूरी गरम थी.... मैं पूरी चूत पर अपना सोटा घुमाने लगा माँ भी गरम हो गई अब जब भी मे अपना लंड माँ की चूत के दाने पर रगड़ता माँ के मुख से ज़ोर से करहाने की आवाज़ आती आहह!!!!!ओह्ह्ह!!!!! बेटा!!!!!सस्स्सस्स!!!!! मुझे बोहोट मज़ा आ रहा था अब मे ज़्यादा से ज़्यादा वही अपना लंड रगड़ने लगा पाँच मिनिट मे ही माँ की चूत से गाढ़ा पानी रिसना शुरू हो गया और मेरा लंड पूरा उस पानी से भीग गया अब माँ खुल कर आवाज़े करने लगी और अपने हाथो से अपने स्तनों को दबाने लगी थी..... कभी कभी अपनी चूत उछालकर मेरे लंड पर मारती जिससे कि मेरा लंड चूत मे घुस जाए अब माँ लंड लेने के लिए मरी जा रही थी और इसका परिणाम राजू को मिला जिसका लंड माँ की गान्ड मे था माँ उछल उछल्कर अपनी गान्ड हवा मे उठाती....माँ के साथ राजू की भी आवाज़े आने लगी अब हरिया ने मुझे धाक्क दे के अलग कर दिया और अपना काला लंड माँ की चूत मे घुसा दिया उसने इतने ज़ोर से धक्का मारा कि एक ही बार मे लंड अंदर चला गया....

अब दोनो माँ को आगे और पीछे से चोदने लगे माँ की चूत और गान्ड मे लंड की आवाज़ आ रही थी कक्चखच!!!!!!और पूरी बस मे तीनो पागलो की तरह. चिल्ला रहे थे.....

उसमे तो माँ किसी रंडी की तरह आवाज़े करती.....ऊवू!!!!!!आआहह!!!!!!!ज़ोर से!!!!!!!

ये देख कर मुझे लगा मेरा पानी अब निकल ने वाला है.....

तकरीबन 10मिनट यूँही चुदाई. चली....तब हरिया ने माँ की चूत से अपना लंड निकाला और मुझे कहा चल तू भी मज़ा लेले अपनी रंडी माँ का.... उसका लंड अब भी खड़ा था यानी वो अभी तक झडा नही था मे भी सीधा माँ की ओर मुड़ा माँ की चूत मे बड़ा गड्ढा दिख रहा था क्यू कि हरिया ने उसे चौड़ा कर दिया था..... मेने माँ की सूरत देखी माँ की आँखो मे पूरा सेक्स का नशा चढ़ा हुआ था उसके दोनो हाथ अपने स्तनों को दबा रहे थे और उसके होठ को दाँतों से काट रही थी माँ का एसा सेक्सी अवतार देख के मे पागल हो गया. और लंड पकड़े हुए माँ की चूत मे पूरी ताक़त के साथ घुसा दिया मेरा लंड अंदर जाते ही एसा लगा जेसे किसी भट्टी मे चला गया हो माँ की चूत पूरी जल रही थी.... मेने भी अब माँ को चोदना शुरू कर दिया साथ ही इनके स्तनों को दाँतों से काटने लगा और पूरी ताक़त के साथ दबा रहा था तो कभी माँ के होंठो को किस करता माँ इतनी पागल हो गई थी कि मेरी जीभ को माँ ने चूसना शुरू कर दिया मे भी माँ का पूरा साथ दे रहा था और पूरी ताक़त से माँ के निपल के साथ स्तनों को दबाए जा रहा था. मेरा लंड माँ की चूत मे इतनी स्पीड से चल रहा था जेसे पिस्टल मे पिस्टन चलती हो...... 15 मिनट यूही चुदाई करने के बाद राजू भी खड़ा हो गया और साथ मे भी..... मे अपनी चरम सीमा पर पहुँचने के बोहोत करीब था.... पर पहुँच नही पाया....

माँ नंगी हो कर पूरे नशे मे थी और हम तीनो माँ के सामने नंगे खड़े थे माँ अब भी पागलो की तरह अपनी चूत मे उंगलिया चला रही थी.....

हरिया --- देखा बबुआ बहुत किस्मत वाले हो तुम जो ऐसी माँ मिली है तुम्हे..... कितनी प्यासी है बिचारी...चलो अब इसकी प्यास बुझाते है.....

ये बोलकर हरियाने माँ के मुँह अपना लंड घुसा दिया और माँ उसे चूसना शुरू कर दिया अगले ही मिनिट हरिया ने अपना सारा वीर्य माँ के मुँह मे उडेल दिया.....

इसके बाद राजू ने अपना लंड हिलाते हुए वीर्य की धार सीधे माँ के मुँह छोड़ दी अब माँ का मुँह पूरा वीर्य भरा था..... जो उसने पिया नही.....

अब मेरी बारी थी मे तो कब का वीर्य बाहर निकालने के लिए उबल रहा था और मेने फुल स्पीड मे अपना लंड हिलाते हुए माँ के मुख मे झड़ने लगा मे तकरीबन 1 मिनट झडा.....

माँ के मुँह इतना वीर्य जमा था कि उसके मुँह से बाहर आने लगा था पर अगले ही पल माँ ने सारा वीर्य अंदर की ओर गटक लिया होंठो पे लगी आखरी बूँद भी माँ ने सॉफ कर ली और वही सो गई मे भी थक कर वही गिर गया.... ..

जब आँख खुली तो देखा माँ वैसे ही नंगी पड़ी है और साथ मे भी.....

ड्राइवर - कंडक्टर अब भी बँधे थे मेने घड़ी की ओर देखा तो सुबह के 5 बज रहे थे.... मेने तुरंत माँ को उठाया माँ लड़खड़ाते हुए उठी उसने आपने आप को देखा तो तुरंत ही अपने कपड़े पहन लिए और मेने भी कपड़े पहन कर ड्राइवर- कंडक्टर को छुड़ाया.....

अचानक माँ फूटफूट कर रोने लगी.......

माँ-- हे!! भगवान मुझ से ये क्या पाप हो गया....... अब मे किसिको क्या मुँह दिखाउन्गी....

ड्राइवर-- देखो बहन जो हुआ सो हुआ ये बात सिर्फ़ आपके बेटे और हमे पता है और इस बात को यही दफ़न कर देंगे... भूल जाइए आप कि कभी आपकी जिंदगी मे ये रात आई भी थी बस आप से यही कहता हूँ कि आप अब वापस अपने घर चले जाइए और लौट के कभी मत आना इस रास्ते पे.......

ड्राइवर सही कह रहा था और माँ भी शायद समझ चुकी थी कि जो हुआ उसे अब बदल तो नही सकते....

माँ-- आप ठीक कह रहे है भाई साब मुझे अब बस घर जाना है.....

ड्राइवर--- आप दिन मे अपना काम करके तुरंत निकल जाइए ठीक हे.....

माँ और मेने पापा की अस्थियाँ गंगा मे बहा दी और खाना ख़ाके रात को देल्ही की ओर निकलने लगे...

बस रात के 8 बजे की थी बस आते ही हम अंदर घुस गये बस पहले की तरह भरी हुई थी.... मेने माँ के लिए जगह बना दी और खुद उनके पास खड़ा हो गया.... 2/3 घंटे मे नींद आना शुरू हो गया और तभी मुझे पीछेसे किसी का लंड मेरे नितंब पर महसूस हुआ.....क्या???? फिर से??? पर क्यूँ???

मेने उसकी तरफ़ देखा तो उसकी नज़र दूसरी तरफ़ थी मेने उसके नज़र का पीछा किया तो वो तो माँ की ओर देख रहा है!! हे भगवान माँ का पल्लू फिर से नीचे गिर गया और माँ तो पूरी नींद मे. यार अब फिरसे.....
ये माँ बार - बार अपना पल्लू क्यूँ गिरा देती हे.....??
चलो कोई बात नही अब देख लेंगे आगे क्या होगा......???

**********************दा एंड**************

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