प्यास बुझती नहीं एक लंड से

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rangila
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प्यास बुझती नहीं एक लंड से

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प्यास बुझती नहीं एक लंड से


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनू है और मेरी उम्र 45 साल है। मेरी शादी को 24 साल हो गये है। दोस्तों मेरी चूत की चुदाई तो काफ़ी हुई, मुझे उसकी कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मेरा चुदाई से मन नहीं भरा है। मेरे पति एक इंजिनियर है और उनकी उम्र 48 साल होगी, हमारी उम्र भले ही ज़्यादा हो गयी हो, लेकिन जब भी हम सेक्स करते है और किस्मत से मेरे पति काफ़ी अच्छा चोदते है, लेकिन शादी के 19 साल तक। अब लड़के सोचे कि 19 साल तक एक ही चूत चोदने को मिले और लड़कियाँ सोचे कि 19 साल से एक ही लंड आपकी प्यास बुझा रहा है, आपको समझ में आ जाएगा कि क्यों हम दोनों अच्छा सेक्स करके भी संतुष्ट नहीं थे? वैसे में आपको बता दूँ कि हमारे एक बेटा भी है, उसकी उम्र 22 साल है, नहीं नहीं इस कहानी में उसका अभी तक कोई किरदार नहीं है। अब में आपका समय ख़राब ना करती हुई सीधे अपनी स्टोरी पर आती हूँ। यह बात दीवाली के 2 हफ्ते पहले की है। अब में और मेरे पति शनिवार रात को सेक्स करने के बाद एक दूसरे की बाहों में थे, हमारा सेक्स सेशन अच्छा था। में सीधे-सीधे बोल भी नहीं सकती थी कि अमन अब मुझे कोई दूसरा लंड भी दिला दो, अमन मेरे पति का नाम है, लेकिन उस दिन अमन ने ही बात उठाई।
अमन : मीनू तुमसे अच्छी पत्नी और कोई नहीं हो सकती। आज हमारी शादी को 24 साल होने वाले है, फिर भी तुम मुझे कभी मना नहीं करती। जब भी मुझे चूत चाहिए होती है, तुम मेरे लंड को कभी मना नहीं करती। इतने सालों में हमने क्या-क्या नहीं किया? तुम्हें याद है पहले तो तुम मेरा लंड अपने मुँह में भी नहीं लेती थी और अब धीरे-धीरे तुम उसे इन्जॉय करने लगी हो। मैंने तुम्हारी गांड भी चोदी है और तुमने भी मेरी गांड को वाइब्रेटर से चोदा है। मैंने तुम्हारी चूची को तो ना जाने कितनी बार चोदा होगा, मैंने तुम्हारी नाभि में भी अपने लंड का पानी डाला है और तुम्हारी चूत का रस पान किया है। मैंने तुम्हें अपने लंड का पानी भी पिलाया है, हमने खुले में भी सेक्स कर लिया और हमने अभी तक हज़ारों रोल प्ले कर लिए है।
में : क्या बात है अमन, सेक्स बायोडाटा क्यों बना रहे हो?
अमन : सोच रहा था कि अब क्या नया किया जाए? में नहीं चाहता कि हम में सेक्स की इच्छा कम हो जाए। इतने दिनों तक कुछ-कुछ कोशिश करके हमने इस इच्छा को बनाए रखा है, अब में सोच रहा हूँ कि और क्या किया जा सकता है?
में : क्या सोच रहे हो? कुछ नया कोशिश करना है, तो में हमेशा आपके साथ हूँ।
अमन : मीनू वही तो सोच रहा हूँ कि कुछ नया अब बचा ही नहीं है जो हम कोशिश करें। इतने साल से हम एक दूसरे को चोद रहे है, तुम बताओं सबसे ज़्यादा क्या मिस करती हो?
में : अमन तुम तो जानते ही हो इस वक़्त में सबसे ज़्यादा तुम्हारे लंड का रस पीना पसंद करती हूँ, वो तो मुझे मिल ही जाता है और अगर संभव हो तो उसकी मात्रा बढ़ा दो उसके बाद मुझे कुछ नहीं चाहिए।
अमन : हाँ मुझे पता है कि तुम मेरे लंड का पानी पीना कितना पसंद करती हो। चलो अब में वादा करता हूँ कि अब से मेरा चुदने का मन नहीं भी होगा तो तब भी में एक बार अपना लंड तुम्हारे मुँह में दे ही दूँगा।
अमन : लेकिन एक बात बताओ, एक ही लंड से इतनी बार रस पीकर तुम्हें आज भी अच्छा लगता है।
मीनू : पानी भी तो हम रोज़ पीते है तो अच्छा तो लगता ही है ना, अच्छा लगने से इसका कोई मतलब नहीं है बस एक आदत सी हो गयी है। तुम जब ऑफिस से थके हुए आते हो तो में तुम्हें कुछ नहीं बोलती, लेकिन मेरा बहुत मन करता है कि एक बार तुम्हारा लंड चूसकर रस निकाल ही लूँ।
अमन: मीनू हाँ बात तो सही है, लेकिन तुम ही सोचो ना केवल पानी पी लेने से हमारा मन तो नहीं भरता ना, इसलिए तो हम कोल्डड्रिंक, बियर पीते है ऐसा तो नहीं है ना कि हमेशा पानी पीकर ही हम संतुष्ट हो जाते है।
मीनू : हाँ वो तो है, इसलिए तो कभी-कभी मेरा भी मन करता है कि किसी दूसरे लंड का रस मिल जाए, लंड नहीं लेकिन रस ही कहीं से मिल जाए, कहीं से कोई लंड रस मुझे कप में दे दे और में पीकर देखूं कि वो कैसा लगता है?
अमन : हाँ हम कोशिश करेंगे, जहाँ तुम्हें कोई दूसरा लंड चूसने के लिए मिल जाए।
मीनू : और तुम्हें कोई दूसरी चूत चूसने के लिए मिल जाए, लेकिन ऐसा व्यवस्था कहाँ होगी? में किसी कॉल बॉय के साथ नहीं जाउंगी और ना ही तुम्हें किसी कॉल गर्ल के पास जाने दूँगी।
अमन : हाँ वो तो है, इतना तो तय हो गया कि अब हमें क्या करना है? अब ये सोचना है कि कैसे करें?
मीनू : हाँ, लेकिन उसके लिए तो अच्छा यही होगा ना कि कोई दूसरा कपल हो और वो यह सब करने को तैयार हो, ऐसा तुम्हारे दिमाग में कोई है।
अमन : हाँ बेस्ट तो यही होगा, लेकिन सबसे ज्यादा बेस्ट यह होगा कि जो हमारे अच्छे दोस्त है उनमें से कोई ये अविष्कार करने के लिए तैयार हो, तब ही ठीक होगा।
मीनू : लेकिन, अमन हम स्वैपिंग की बात कर रहे है और कहीं आरव (मेरा बेटा) को पता ना चल जाए, उसे यदि मालूम चला तो वो जाने क्या सोचेगा? तो इससे अच्छा तो यही होगा कि हम घर पर यह सब ना करें और कहीं बाहर जाकर करें।
अमन : हाँ वो तो है हम घर पर नहीं कर सकते और सारी प्लानिंग तो हम कर लेंगे। अब हमें सबसे पहले तो कोई कपल मिलना चाहिए, जो हमारी तरह हो। तेरी दोस्त है ना निशा, उससे बात करो, तुम लोग तो ऐसे ओपन बात करती हो, देखो यदि उन लोगों का मन हो।
मीनू : में करूँ बात?
अमन : लड़कों में ऐसी बात नहीं होती है, तुम ही तो बता रही थी कि तुम लोग चुदाई की बातें भी कर लेती हो।
मीनू : अच्छा ठीक है में उससे बात करती हूँ, निशा के बूब्स काफ़ी बड़े है इसलिए तुमने उसका नाम लिया ना।
अमन : हाँ और इसलिए भी क्योंकि तुमने ही बताया था ना कि निशा बता रही थी कि कैसे वो अपना मुँह चुदाने की शौकीन है?
अब हमारी प्लानिंग बन रही थी, अब इस प्लानिंग से हम काफ़ी हॉट हो चुके थे और सोने से पहले एक बार फिर हमने 69 की पोज़िशन में एक दूसरे के रस का पान किया। फिर दूसरे दिन सुबह मैंने निशा को अपने घर पर लंच के लिए बुलाया, ताकि जब अमन और आरव दोनों घर पर ना हो और हम खुलकर बात कर सकें। अब निशा लगभग 12 बजे मेरे घर पर आई थी, वो सच में बहुत हॉट है। मुझे भी कभी- कभी लगता है कि काश मेरी चूची भी उसके जैसी होती, मैंने उसकी चूची नंगी देखी थी और जानती थी कि उसकी चूची 36D की साईज की है, मेरी चूची थोड़ी लटक ही गयी है और साईज़ 34C है। उसकी कमर भी मुझसे पतली है, वो मेरी बेस्ट फ्रेंड है, में उसके साथ काफ़ी बार स्विमिंग पर जा चुकी हूँ। हमारे अपार्टमेन्ट का स्विमिंग पूल काफ़ी अच्छा है और ज्यादातर समय काफ़ी खाली भी रहता है।
मीनू : निशा, आई मिस यू डियर हमें मिले काफ़ी दिन हो गये ना।
निशा : लव यू टू स्वीटी, हाँ 1 महीने से भी ज्यादा हो गया है।
मीनू : चल स्विमिंग पर चलें या सीधे लंच?
निशा : तुमने बताया क्यों नहीं था कि स्विमिंग का प्लान है? में तो स्विमिंग ड्रेस लाई नहीं हूँ।
मीनू : मेरा ले ले, मुझे पता है वो तुम्हें थोड़ी टाईट रहेगी, लेकिन स्विमिंग ही तो करनी है।
निशा : दिखा मुझे, में पसंद करती हूँ, हाँ यह ला ये वाली बिकनी, तू भी बिकनी में ही चल ज़्यादा शरमा मत।
मीनू : चल ठीक है।
फिर हम दोनों एक साथ अपने कपड़े उतारकर बिकनी पहनने लगे तो मुझे नज़र आया कि उसने अपनी चूत के बाल साफ नहीं किए है। फिर मैंने सोचा कि स्विमिंग के बाद ही बात करूँगी। फिर हम दोनों ने बिकनी के ऊपर वन पीस डाली और स्विमिंग के लिए चल गये। फिर 30 मिनट तक स्विमिंग करने के बाद हम वहाँ रखी कुर्सी पर बैठकर आराम करने लगे। अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि स्वैपिंग की बात कैसे करूँ? लेकिन फिर मैंने स्टार्ट किया।
मीनू : निशा क्या बात है? आजकल तू अपनी झांट साफ नहीं कर रही है, तू तो हमेशा क्लीन रहती है।
निशा : तुने देख लिया छी गंदी, ऐसा कुछ नहीं है वो आकाश (निशा का पति) उसे आजकल मेरी चूत की झांटे चाटने का शौक हुआ है, वो ऐसे ही कुछ-कुछ नया करने को कहता रहता है। मैंने 2 महीने से अपनी चूत के बाल शेव नहीं किए है, अब मैंने उसे बोला है कि अब वो कुछ नया सोचे क्योंकि अब में क्लीन करने वाली हूँ।
मीनू : आकाश भी बड़ा रंगीला है कुछ भी करता है।
निशा : क्यों तू बता तेरी प्यास बुझ रही है ना, अमन अपना लंड तेरे मुँह में दे रहा है ना? तू भी कुछ कम नहीं है तुमने बेचारे का लंड चूस-चूसकर सुखा दिया होगा, अब रहने भी दे।
मीनू : रहने दूँ तो मेरी प्यास कैसे मिटेगी? मुझे अच्छे से नींद भी नहीं आएगी।
निशा : तू भी महान है, तुझे तो बस लंड का ही पानी चाहिए, मेरी चूत चूसेगी तो बता।
मीनू : नहीं रे बिना लंड के कैसी प्यास और कैसा चूसना?
निशा : अब क्या करूँ? बोल मेरे पास लंड तो है नहीं, में तो तुझे चूत ही ऑफर कर सकती हूँ, तू बस अमन का ही लंड चूस।
मीनू : मुझे आकाश का लंड भी उखाड़कर ला दे, में उसे भी चूसती रहूंगी।
निशा : हाँ और फिर मेरी चूत का क्या होगा?
मीनू : अच्छा रहने दे उसका लंड मत उखाड़, लेकिन कभी-कभी ऐसे ही चूसने के लिए तो दे दे।
निशा : ऐसे ही मतलब, क्या बोल रही है मीनू? साफ़-साफ़ बोल ना, ऐसे घुमा-घुमाकर मत बोल। तुझे मालूम है कि तुम मुझे कुछ भी बोल सकती हो, सच में तुझे आकाश का लंड चाहिए, बोल?
मीनू : मेरा मतलब वो नहीं था रे, में यह बोल रही थी कि इतने दिन से एक ही लंड से मन कुछ भर सा गया है। अब कभी-कभी मेरी जीभ को कुछ चेंज चाहिए होता है और भी जगह बनाने के लिए, तू समझ रही है ना मेरी बात।
निशा : तू साफ़-साफ़ बोलेगी तब तो कुछ समझ आएगा ना।
मीनू : मेरा मतलब है कि चल हम दोनों अपने पति से बात करते है और कभी एक दिन अदला बदली करके कुछ नया करने की कोशिश करते है, तू अमन से चुदवा और में आकाश से चुदवा लेती हूँ। हम कोशिश करके देखते है अच्छा लगा तो ठीक है नहीं तो फिर से सब नॉर्मल, क्या बोलती हो?
निशा : मीनू तुम्हें पता भी है तुम क्या बोले रही हो? आकाश मुझे मारेगा और अमन तुझे मारेगा। सच बताऊं तो मुझे कोई प्रोब्लम भी नहीं है, लेकिन यार हमारे बच्चे उन्हें कुछ पता चला तो क्या करेंगे?
मीनू : कोई नहीं मारेगा बस एक बार समझाकर तो देख ना और बच्चों के लिए ही हम किसी के घर पर नहीं करेंगे, हम कही बाहर जाकर करेंगे।
निशा : आकाश को कुछ नया-नया करने की लगी तो रहती है और वो तेरी गांड का तो दीवाना है ही, वैसे में भी तेरी गांड की दीवानी हूँ।
मीनू : मज़ाक मत कर, बोल तुझे क्या लगता है ऐसा कुछ संभव है या बहुत रिस्की है? हमारी लाईफ कहीं खराब ना हो जाए।
निशा : संभव है मीनू और लाईफ क्या खराब होगी? हम एक दूसरे को वादा करेंगे कि कभी भी बिना बताए एक दूसरे के पति से ऐसे ही ना चुदवाए। अब हम दोनों पर ही निर्भर करता है कि आगे क्या होगा? हम महीने में एक दिन ऐसा कुछ प्लान बनाएगें और बाकी दिन नॉर्मल पति को तो संभाल ही लेंगे, यदि तू वादा करती है तो में आगे बात करती हूँ।
मीनू : हाँ रे, हम एक दूसरे से ऑनेस्ट रहेगें।
निशा : तूने इसलिए बुलाया था या लंच भी कराओगी?
मीनू : चल ना, लंच बनाया है, चल चलते है।


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फिर निशा लंच करके वापस अपने घर चली गयी। फिर मैंने अमन को कॉल करके बताया कि मैंने निशा को मना लिया है और वो अपने पति से बात करेगी, तो अब अमन काफ़ी खुश हुआ। फिर दूसरे दिन सुबह निशा ने मुझे कॉल किया और बताया कि आकाश इस प्रोग्राम से बहुत ही ज़्यादा खुश है। फिर निशा ने बताया कि कैसे आकाश ने खुश होकर रात में उसे लगातार चोदा? और उस रात निशा ने अपनी गांड भी चुदवाई और बोली कि वो अमन के लिए अपनी गांड को तैयार कर रही थी। अब में आपको बता दूँ कि निशा को चूत चुदवाने में ज़्यादा मज़ा आता है और मुझे अपने मुँह में लेने में बहुत मजा आता है और मेरे पति को गांड चोदने में और आकाश को मुँह में देने में बड़ा मज़ा आता है।
अब मैंने और निशा ने अपना काम कर दिया था, अब बाकी का काम हमारे पतियों को करना था। फिर रात में अमन ने मुझे बताया कि उन दोनों ने मिलकर प्लानिंग कर ली है, हम दीवाली के अगले दिन एक होटल में जाएगें और हम शुरुवात से ही अगला बदली कर लेंगे, अमन निशा के साथ और में आकाश के साथ। यह हमारा पहला अविष्कार था इसलिए हमने एक ही रात की बुकिंग की थी। अब दीवाली की रात भी हमने एक साथ सेलीब्रेट की थी। अब निशा, आकाश और आहना के साथ आई थी, आहना उसकी बेटी है, उसकी उम्र 21 साल हो चुकी है, आरव और आहना भी फ्रेंड्स है, आरव आहना से एक साल सीनियर है। फिर हम सबने दीवाली काफ़ी देर तक सेलीब्रेट की, अब कोई सोच भी नहीं सकता था कि हम अगले दिन सुबह किसी होटल में जाकर कुछ वैसा करने वाले है। फिर रात में वो लोग वापस अपने घर चले गये।
अब हमारा अगले दिन का प्लान था तो अमन ने आरव को बता दिया था कि हम एक रात के लिए बाहर जा रहे है। अब आरव भी काफ़ी समझदार था, उसे लगा कि मम्मी-पापा अकेले में टाईम बिताना चाहते है, तो उसने भी अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर जाने की प्लानिंग कर ली। फिर दूसरे दिन सुबह 11 बजे निशा और आकाश अपनी कार से हमारे घर के नीचे आए, अब हमने एक ही कार में जाने का प्लान किया था। फिर जब हम नीचे पहुँचे तो हमने देखा कि आकाश ड्राइवर सीट पर है और निशा पीछे बैठी हुई थी। फिर हमने भी उनका साथ दिया, अब में आकाश के साथ आगे बैठ गयी और अमन निशा के साथ पीछे बैठ गया। अब निशा और मैंने उस दिन साड़ी और पीठलेस ब्लाउज पहनने का प्लान किया था।
उस दिन निशा लाल साड़ी में काफ़ी अच्छी लग रही थी और मैंने मेहरून कलर की साड़ी पहनी थी। अब हमने कार में ज़्यादा बात भी नहीं की थी। फिर हम होटल में चैक इन करके अपने-अपने रूम में पहुँच गये, हमारा रूम आमने सामने था। फिर में आकाश के साथ एक रूम में चली गयी और अमन निशा के साथ दूसरे रूम में चला गया। अब हमने पहले लंच करने का प्लान बनाया था तो फिर हम अपना सामान रखकर लंच के लिए रेस्टोरेंट की और चल पड़े। अब लंच के वक़्त ही मैंने और निशा ने यह डिसाइड किया था कि आज पूरे दिन और रात में क्या होगा? ये हम लोग एक दूसरे के पति के साथ कभी डिसकस नहीं करेंगे। फिर लंच के बाद हम अपने-अपने रूम में चले गये, इसके बाद निशा और अमन के बीच में क्या हुआ, वो तो वो दोनों ही बता सकते है? और अब में आपको अपने और आकाश की बात बताती हूँ।
आकाश : मीनू तुम काफ़ी सेक्सी लग रही हो, मेहरून कलर तुम पर काफ़ी अच्छा लगता है।
मीनू : थैंक्स आकाश, तुम भी काफ़ी हैंडसम लग रहे हो।
आकाश : थैंक्स मीनू यह सारी तैयारी करने के लिए, मुझे तो काफ़ी ख़ुशी हुई थी जब निशा ने मुझे बताया था कि तुम भी ऐसा चाहती हो।
मीनू : क्यों? इतनी ज़्यादा ख़ुशी क्यों हुई?
आकाश : में भी तो 22 सालों से बस निशा को ही चोद रहा हूँ, निशा को आज भी मेरा लंड अपने मुँह में लेने में मज़ा नहीं आता, उसकी चूत में ही ज़्यादा खुजली होती है।
मीनू : हाँ, निशा ने बताया था।
आकाश : मुझे भी निशा ने बताया कि तुम कैसे लंड को अपने मुँह में लेने की दीवानी हो?
मीनू : वादा करो कि हम दोनों जो कुछ भी बात करेंगे, तुम कभी भी किसी को कुछ नहीं बताओगे, निशा को भी नहीं बताओगे।
आकाश : मीनू ये भी कोई पूछने की बात है मुझे मालूम है तुम अपनी बातें निशा के साथ शेयर करती हो और वो तुम्हारे साथ शेयर करती है। लेकिन तुम मुझसे कुछ ऐसी बात भी कर सकती हो जो तुम किसी और के साथ शेयर नहीं कर सकती, में तुमसे वादा करता हूँ कि हमारे बीच में सब कुछ सीक्रेट होगा।
मीनू : थैंक्स आकाश, अब अपना लंड दिखाओं ना प्लीज़।
आकाश : आज के लिए सब तुम्हारा ही है, तुम खुद ही मेरे हथियार को निकाल लो।
फिर मैंने आकाश को बेड पर लेटाया और उसकी पेंट के हुक खोलने लगी, उसने अंदर लाल-काली कलर की चड्डी पहनी हुई थी।
मीनू : तुमने काफ़ी रंगीन अंडरवियर पहनी है।
आकाश : कल ही खरीदी है, देखो मैंने ये प्राईज टैग भी नहीं हटाया मैंने सोचा कि इसे तुम्हारे हाथों ही हटाया जाएगा।
मीनू : अच्छा काफ़ी तैयारी करके आए हो, देखूं तो इसके नीचे क्या है?
फिर मैंने उसके लंड को उसकी चड्डी से बाहर निकाला, तो उसका लंड सलामी करते हुए तनकर मेरे आगे खड़ा हो गया। आकाश का लंड अमन से थोड़ा छोटा था, लेकिन मोटाई में अमन से थोड़ा ज़्यादा था। फिर मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर अच्छे से हिलाया और सहलाया। अब उसका लंड मेरे हाथ में लेते ही मुझमें अजीब सा करंट दौड़ने लगा था, अब बहुत सालों के बाद कोई दूसरा लंड मेरे हाथ में था।
मीनू : आकाश, तुम्हारा लंड काफ़ी क्लीन है।
आकाश : मीनू तुम्हें क्लीन पसंद है ना, निशा ने बताया था कि तुम्हें बाल पसंद नहीं है।
मीनू : हाँ मुझे क्लीन पसंद है, थैंक्स आकाश मेरे लिए इतनी तैयारी करने के लिए।
आकाश : मेरे लंड की खुशकिस्मती है कि वो तुम्हारे हाथों में है।
फिर मैंने उसके लंड पर थोड़ा थूक लगाया और उसके लंड को गीला किया और उसके लंड के सुपाड़े को सहलाने लगी, उसका सुपाड़ा इतना लाल था कि वो बिल्कुल लॉलीपोप लग रहा था। फिर मैंने उसके सुपाड़े को किस किया और अपनी जीभ से चाटने लगी। फिर मैंने उसके पूरे लंड को किस किया और अपनी जीभ से चाटना स्टार्ट किया।
आकाश : मीनू तुम बहुत मस्त हो, ऐसे मेरे लंड की चुसाई करोगी तो शायद में पहली बार जल्दी ही झड़ जाऊंगा।
मीनू : तुम्हें नहीं पता, में कितने दिनों से किसी दूसरे लंड को प्यार करने के लिए इंतज़ार कर रही थी।
आकाश : अब अपनी साड़ी तो उतार दो, मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और अपना एक भी कपडा नहीं उतारा।
फिर मैंने अपनी साड़ी का पल्लू हटाया और फिर अपनी साड़ी को निकाल दिया, अब में पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
मीनू : ब्लाउज को तुम खोलो।
आकाश : इतना सेक्सी ब्लाउज मैंने आज तक नहीं देखा, तुम्हारी पीठ क्या मस्त लग रही है? मेरा मन तो कर रहा है कि अपने लंड का सारा पानी तुम्हारी पीठ पर ही डाल दूँ।
मीनू : नहीं आकाश लंड का रस तो मुँह में ही डालना, जब भी आने वाला हो। मेरी पीठ को तुम चाहो तो किस कर-करके चाट जाओ, अब पहले हुक तो खोलो।
आकाश : अभी तुम्हें देखकर मन नहीं भरा, थोड़ी देर रुक जाओ और देखने दो।
फिर आकाश बिना ब्लाउज उतारे मेरी पीठ को सहलाने लगा और चाटने लगा। फिर धीरे-धीरे उसने मेरे ब्लाउज का हुक खोला और मैंने भी अपने ब्लाउज को अपनी चूचीयों से अलग करने में उसकी मदद की। फिर आकाश मेरे सामने आकर मेरी चूचीयों को घूरने लगा।
मीनू : क्या हुआ तुम्हें मेरे बूब्स पसंद नहीं आए?
आकाश : किसी अंधे का लंड भी इसे देखते ही खड़ा हो जाएगा।
मीनू : नहीं, मुझे मालूम है निशा की चूचीयाँ ज़्यादा बड़ी और शेप में है, मेरी देखो कैसे लटक गयी है।
आकाश : तुम्हें नहीं पता कि मुझे थोड़ी लटकी हुई चूचीयाँ ही ज़्यादा पसंद है।
मीनू : अच्छा, ठीक है फिर ले लो मेरी चूचीयों को सब तुम्हारा है, खेलो इसके साथ
फिर आकाश ने मेरी लेफ्ट चूची को अपने हाथ में लिया और सहलाने लगा और मेरी राईट चूची को अपने दूसरे हाथ से दबाना शुरू किया। फिर वो मेरी लेफ्ट चूची को दबाने लगा और राईट चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। अब बीच-बीच में वो अपने दाँत से मेरे निपल को हल्का सा काट भी रहा था। अब में नीचे से पूरी गीली हो रही थी, फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरी राईट चूची पकड़ी और ज़ोर- ज़ोर से चूसने लगा। अब उसके ऐसे चूसने से मेरी हालत खराब हो रही थी।
फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरी लेफ्ट चूची को चूसना स्टार्ट किया। अब में भी उसके लंड को अपने हाथ में लेकर हल्का-हल्का सहला रही थी। फिर मैंने उसे खड़ा किया और में नीचे बैठकर उसके लंड को चूसने लगी। अब जितनी ज़ोर से उसने मेरी चूची चूसी थी, तो अब में भी उतना ही ज़ोर लगाकर उसके लंड को चूसने लगी थी। अब उसके लंड की मोटाई मेरे मुँह में अच्छे से फिट हो रही थी। अब किसी दूसरे लंड को चूसने का मज़ा ही कुछ अलग था, अब उधर आकाश की हालत भी खराब हो रही थी।
आकाश : मीनू मेरा रस निकल जाएगा, माँ कसम आज तक निशा ने मेरा लंड ऐसे कभी नहीं चूसा।
फिर मैंने उसके लंड को अपने मुँह में से बाहर निकाला और उसके लंड को कस कर दबाया और फिर अपनी दोनों चूचीयों के निपल पर लंड के सुपाड़े से मारने लगी। अब आकाश यह सब देखकर पागल हो रहा था, अब उसका लंड भी एकदम गर्म हो गया था। फिर में उसके लंड को अपनी दोनों चूचीयों के बीच में रखकर मसलने लगी, अब मेरी चूची के नर्म स्पर्श से उसका लंड बेहाल हो रहा था।
मीनू : आकाश झड़ने वाले हो तो बता देना।
आकाश : मीनू अब मुझसे नहीं रहा जाएगा, मैंने बहुत कंट्रोल कर लिया अब ले लो अपने मुँह में, नहीं तो में तुम्हारी चूची में ही झड़ जाऊंगा।
फिर मैंने उसके लंड को जल्दी से अपने मुँह में लेकर फिर से जोरदार चूसना शुरू किया। अब आकाश पूरा गर्म हो गया था, अब उसकी पूरी बॉडी काँप रही थी। इतने में ही उसके लंड ने पानी छोड़ना स्टार्ट किया, वाऊ में बता नहीं सकती मुझे कैसा लगा जब उसके लंड से गर्म-गर्म रस मेरे मुँह में गया था? और उसके लंड की रस की मात्रा भी काफ़ी ज़्यादा थी, शायद निशा उसका ज़्यादा रस नहीं चूसती थी।
अमन : अभी अंदर मत लेना, सारा अपने मुँह में रखो में वाईन का गिलास लाता हूँ।
फिर अमन वाईन का गिलास लेकर आया और अपने लंड से चिपका हुआ थोड़ा सा रस उसने अपने हाथ से साफ करके वाईन के गिलास में डाल दिया और फिर मैंने भी अपने मुँह से सारा वीर्य वाईन के गिलास में डाल दिया। फिर उसने एक गिलास में अपने लिए वाईन डाली और फिर हम दोनों चियर्स करके अपना-अपना ड्रिंक पीने लगे।
आकाश : मीनू तुमने चूस-चूसकर मेरी जान निकाल दी, आज तक ऐसे ज़ोरदार तरीके से किसी ने मेरा लंड नहीं चूसा था, में तो तक गया हूँ अब हम अगला राउंड थोड़ी देर के बाद करेंगे।
मीनू : कोई बात नहीं, हम थोड़ी देर आराम कर लेते है। अभी तो मेरी चूत तुम्हारा इंतजार कर रही है।
आकाश : तुम रोजाना अमन का लंड ऐसे ही चूसती हो क्या?
मीनू : कोशिश करती हूँ कि रोजाना चूस पाऊँ, लेकिन कभी-कभी संभव नहीं होता है।
आकाश : तुम्हें बुरा लगेगा यदि में एक सिगरेट जला लूँ तो?
मीनू : नहीं बुरा क्यों लगेगा? एक मुझे भी दो ना जलाकर, में भी सेक्स के बाद सिगरेट पीना पसंद करती हूँ।
फिर अमन ने 2 सिगरेट जलाई, फिर में उसी सिगरेट को अगरबत्ती बनाकर आकाश के लंड के चारो और घूमाने लगी।
आकाश : ये क्या कर रही हो?
मीनू : पूजा कर रही हूँ मैंने मन्नत माँगी थी कि यदि तुम्हारे लंड ने मेरी प्यास बुझा दी तो उसकी पूजा करूँगी, बस वही कर रही हूँ।
आकाश : मीनू तुम बड़ी मस्त हो, मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरा तुम्हें चोदने का सपना पूरा होने वाला है।
मीनू : तुम मुझे चोदने का सपना भी देखते हो क्या?
आकाश : निशा जब भी तुम्हारी बात करती है, तो में कल्पना करता हूँ कि तुम्हें चोद सकूँ, तेरी जैसी चुदासी किसी को भी मिल जाए तो वो तुझे चोदे बिना नहीं रह पाएगा।
मीनू : आकाश आज मेरी चूत तुम्हारी है, चोद लेना जितना चोद सको।
अब में सिगरेट पीते हुए उसकी बाहों में लेटी हुई थी।
अब आकाश और में अपने पहले सेशन के बाद आराम करते हुए बातें कर रहे थे।
आकाश : मीनू, तुम कुछ सीक्रेट बताने वाली थी, बताओ क्या बात थी?
मीनू : कुछ नहीं आकाश, मुझे किसी जवान लड़के का लंड अपने मुँह में लेकर चूसना है और लंड को मिल्क करना है, ये मेरी इच्छा है पता नहीं कब पूरी होगी?
आकाश : हम्मम्म, जवान लड़को का माल ज्यादा निकलेगा और तुम्हें ज़्यादा ख़ुशी मिलेगी, तुमने अमन को बताया है।
मीनू : नहीं और अब तुम भी मत बताना।
आकाश : कोई बात नहीं, में नहीं बताऊंगा और क्या पता कभी भविष्य में कोई जवान कपल हमारे इस प्रोग्राम में आ जाए? फिर तुम्हारी भी इच्छा पूरी हो जाएगी और मेरी भी इच्छा पूरी हो जाएगी।
मीनू : मतलब तुम भी किसी जवान लड़की को चोदना चाहते हो?
आकाश : हाँ सोचने में क्या बुराई है? वैसे भी हम उम्र से जवान ना हो, लेकिन सोच से तो अभी भी जवान है।
मीनू : जब तुम निशा को चोदते हो तो किसी जवान लड़की को सोचते हो।
आकाश : हाँ कभी-कभी सोचता हूँ।
मीनू : किसे?
आकाश : रहने दो बताऊंगा तो तुम भी गुस्सा करोगी?
मीनू : नहीं करूँगी बताओं ना, वो प्रॉमिस मुझ पर भी लागू होती है।
आकाश : में आहना के बारे में सोचता हूँ, में अपनी बेटी को चोदने की इच्छा रखता हूँ आहना दिखती भी तो निशा जैसी ही है।
मीनू : वाऊ आहना, आकाश यू नॉटी, लेकिन एक बात बोलूं सोचने में कोई बुराई नहीं है यदि ऐसा सोचने से तुम्हें निशा के साथ सेक्स करने में और भी ज़्यादा मज़ा आता है तो अच्छी ही बात है ना।
आकाश : तुमने कभी सोचा है कि आरव तुम्हें चोद रहा है।
मीनू : नहीं, ऐसा तो कभी नहीं सोचा, लेकिन हाँ कभी-कभी सोचती हूँ कि में उसका लंड चूस रही हूँ, उसका लंड मेरे मुँह में है।
आकाश : वाऊ, मीनू तुम सच में मस्त हो, चलो सोचने में तो कोई बुराई नहीं है, वैसे तुमने आरव का लंड खड़ा होने पर देखा है।
मीनू : नहीं, खड़ा होने पर तो नहीं देखा है, लेकिन एक दिन मुझे उसके बेड के नीचे से मेरी पेंटी और ब्रा मिली थी और उसमें उसने काफ़ी मुठ मारा हुआ था।
आकाश : वाऊ, आरव को देखने से लगता नहीं है कि वो ऐसे चुप-चुपकर अपनी माँ की पेंटी और ब्रा में मुठ मारता होगा।
मीनू : हाँ, लेकिन मुठ मारना तो नॉर्मल है हो सकता है उसे मेरी पेंटी और ब्रा मिल गयी होगी और उसका मन कर गया होगा और तुम बताओं तुमने कभी आहना को बड़ी होने पर नंगी देखा है, चूची तो उसकी भी निशा की जैसी ही होने वाली है।
आकाश : नहीं, पूरी नंगी नहीं देखी, लेकिन एक बार अचानक से वो बाथरूम से बाहर आ गयी थी और में हॉल में ही था तो मैंने उसे पेंटी और ब्रा में देखा है, हाँ चूची तो उसकी भी मस्त हो रही है इसलिए तो उसे चोदने की सोचने लगा।
मीनू : चलो ये तुम्हारा और मेरा सीक्रेट है हम इस बारें में किसी से कोई और बात नहीं करेंगे।
आकाश : अभी जब तुम मेरा लंड चूस रही थी तो सच बताना आरव को सोच रही थी क्या?
मीनू : नहीं नहीं, ऐसा नहीं है मुझे तो इतने दिनों के बाद कोई दूसरा लंड हाथ में मिला है, में किसी और को क्यों सोचूँ?
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rangila
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Re: प्यास बुझती नहीं एक लंड से

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अब हमें पता भी नहीं चला कि बातों-बातों में कब 4 बज गये। अब 5 बजे हमारा बिच पर जाने का प्लान था तो मैंने आकाश से बोला कि जल्दी से एक सेशन चुदाई का कर लेते है, इस बार मुझे चोदो, फिर बिच पर जाने के लिए तैयार हो जायेंगे। तब तक आकाश भी इन सब बातों से गर्म हो चुका था और अब मुझे उसका लंड फिर से तैयार दिख रहा था। फिर मैंने बोला कि चुदाई से पहले थोड़ा चूस लेती हूँ और फिर से आकाश के लंड को अपने मुँह में लेकर दमदार चुसाई देने लगी थी। अब सच बताऊं तो उन बातों का यह असर हुआ कि सच में इस बार जब में उसका लंड चूस रही थी, तो में ये सोचने लगी कि में आरव का लंड चूस रही हूँ। अब कुछ देर में उसका लंड पूरी तरह से तैयार था, अब मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी, बस अब चूत और लंड को मिलना था। फिर आकाश ने थोड़ी देर तक अपने लंड को सहलाया और फिर मुझे बेड पर लेटाया और पोज़िशन बनाने लगा। अब मैंने भी उसे अपने पैरो से कस लिया और अपनी चूत को थोड़ा ऊपर करके उसके लंड को बुलावा दे दिया। फिर आकाश ने अपने लंड को मेरी चूत के पास रखा और धीरे-धीरे से अंदर डालने लगा, अब उसके लंड का सुपाड़ा ही अंदर गया था कि उसकी मोटाई से मेरे मुँह से आहहह निकल गयी।
मीनू : डाल दो आकाश, पूरा अंदर डालो।
फिर आकाश ने एक और धक्के से अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर दे दिया। अब मेरी चूत को भी एहसास था कि आज कोई दूसरा लंड मिला है तो भर-भरकर पानी छूट रहा था। अब में भी अपनी गांड उठा-उठाकर उसके लंड को अपने अंदर ले रही थी। फिर आकाश ने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और बिना रुके मेरी चूत को चोदता रहा। अब में भी अपनी आ आ से उसके लंड के मोशन का साथ दे रही थी और मैंने अपनी चूची को कस कर दबाकर रखा था। फिर आकाश ने मेरी एक चूची अपने हाथ में ले ली और चोदने की स्पीड को और बढ़ाया और मेरी चूची भी उतनी ही ज़ोर से दबाने लगा। उसका लंड हालाँकि अमन से थोड़ा छोटा था, लेकिन शायद अपनी बीवी के अलावा किसी और को चोदने के जोश में उसका लंड मेरी चूत में तूफान मचा रहा था।
अब में पूरी तरह से झड़ने वाली थी और फिर में आई एम कमिंग-कमिंग करते-करते झड़ गयी। अब आकाश अभी भी ज़ोरदार धक्के लगा रहा था। फिर अचानक से उसके लंड का बाँध टूट गया और उसने ढेर सारा रस मेरी चूत में ही छोड़ दिया। अब उसे मालूम था कि मुझे रसपान करना है, तो वो फिर से वाईन का गिलास लेकर आया और मेरी चूत के पास रखा। अब में भी मूतने की पोज़िशन में आकर धीरे- धीरे रस को अपनी चूत से निकालकर वाईन के गिलास में डालने लगी थी। इस बार का रस केवल आकाश का नहीं था, उसमें मेरा वीर्य भी मिक्स था। अब हम दोनों का रस मिलाकर पीने से मुझे और भी ज़्यादा आनंद आया था। अब चुदाई के सेशन से आकाश फिर से थक गया था, उसने सच में मेरी चूत को फाड़ने में जी जान लगा दी थी, तो थक तो जाएगा ही।
अब में अपनी ड्रिंक का मज़ा ले रही थी और वो बेड पर चित्त हो गया था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसे आराम करने दिया और उसके बाद मैंने उसे बोला कि बिच पर जाने के लिए तैयार होते है।
आकाश : मीनू, ऐसी चुदाई बड़े दिनों बाद हुई है तो में थक गया हूँ, हम आराम करते है और हम उन्हें मैसेज कर देते है कि हम नहीं आ रहे है।
मीनू : वो ठीक नहीं रहेगा आकाश, जैसी हमने प्लानिंग की है वैसा ही करते है तुम बिच पर ही लेट जाना, क्या पता वहाँ अमन और निशा की भी यही हालत हो? हम सब वहीं लेट जाएगें।
आकाश : हाँ ठीक है, चलो में तैयार होता हूँ।
फिर आकाश ने हाफ पैंट और टी-शर्ट पहनी और मैंने स्विम्मिंग बिकनी पहनी और उसके ऊपर लोवर और टॉप पहन लिया। अब हमारा प्लान था की यदि हमें बिच पर मौका मिले तो हम खुले आसमान में कुछ मज़े करेंगे। अब आकाश को देखने से लग नहीं रहा था कि वो अभी कुछ करने की हालत में है, सच में उसने मेरी बहुत अच्छी चुदाई की थी, यदि वो थक गया था तो में उसे टाईम देना चाहती थी। फिर 5 बजे हम लोग अपने रूम से बाहर निकले, तो अब सामने वाले रूम से अमन और निशा भी निकल ही रहे थे। फिर हम एक दूसरे को हाय बोलकर बिच पर जाने लगे, वो बिच उस होटल का प्राइवेट बिच था, उन होटल वालों ने छोटे से एरिया में प्राइवेट बिच को काफ़ी साफ रखा हुआ था। फिर जब हम वहाँ पहुँचे तो वहाँ कुछ दूसरी फेमिली भी थी। फिर हमें वहाँ 4 आराम करने वाली कुर्सीयां दिखी, अभी हम सब थके हुए थे इसलिए हम सब आराम करने के लिए बैठ गये और दूसरी फेमिली जो बिच में थी, उनके बच्चे खेल रहे थे।
अब में और निशा बिकनी में साथ-साथ ही थे, अब हमारे अलावा वहाँ 2 और लड़कीयां बिकनी में आराम कर रही थी और मर्द लोग हाफ पैंट में थे। अब प्राइवेट बिच होने से वहाँ ज़्यादा भीड़ भी नहीं थी, अब लोग वहाँ अच्छे से इन्जॉय कर रहे थे। फिर कुछ देर के बाद हम सबकी आँख लग गयी और कुछ 2 घंटे के बाद मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वो तीनों घोड़े बेचकर सो रहे है। अब बिच लगभग खाली था और जो फेमिली वहाँ खेल रही थी, वो लोग भी जा चुके थे। फिर मैंने राईट साईड में देखा तो एक लड़का करीब 20 साल का होगा, वो हमारे से कुछ दूर पर रखी एक कुर्सी पर बैठा था। फिर मेरी नज़र उसके हाथ पर गयी तो वो अपना हाथ अपनी पैंट के अंदर डाले हुए था। अब देखने से तो यही लग रहा था कि वो मुठ मार रहा है, अब मेरे देख लेने से शायद वो डर गया था। फिर मैंने निशा को उठाया और बोली कि चल वॉक पर चलते है। अब अमन और आकाश वो दोनों तो गहरी नींद में सो रहे थे। फिर निशा उठी और हम बिच पर वॉक करने के लिए चले गये।
मीनू : निशा, ज़्यादा नहीं पूछ रही हूँ लेकिन इन्जॉय कर रही हो ना, कैसा रहा अब तक का अनुभव?
निशा : मीनू, हमें ये लगातार रखना चाहिए, तू बता तू इन्जॉय कर रही है ना।
मीनू : में भी इन्जॉय कर रही हूँ।
निशा : बिच काफ़ी खाली हो गया ना, हम काफ़ी देर तक सो गये।
मीनू : हाँ, बस हमारे अलावा वो लड़का दिख रहा है, वो भी शायद इसलिए बैठा है क्योंकि वो हमें देख पाए।
निशा : सच?
मीनू : हाँ, जब में उठी थी तो मैंने देखा था कि वो हमारी तरफ ही देखकर अपनी पैंट में हाथ डालकर मुठ मार रहा था।
निशा : ये जवान लड़के, इनका लंड तो हमें ऐसे ही देखकर खड़ा हो जाए और अभी तो हम बिकनी में है, वो बेचारा भी क्या करेगा? उसे मुठ मार लेने दे।
मीनू : मैंने उसे कहाँ रोका है, मैंने जैसे ही उसे देखा शायद उसने डर कर अपना हाथ बाहर निकाल लिया और अभी चुपचाप बैठा है।
निशा : चल उसकी मदद करते है, अपने पति को नहीं बताएगें।
मीनू : नहीं कहीं चिपकू निकला तो, मालूम पड़ा पीछे पीछे हमारे कमरे में आ गया है और बेकार में ही हमारे पति से पिट जाएगा।
निशा : अरे नहीं, चल ना बात कर लेंगे, बोले देंगे कि आगे से ऐसा कुछ नहीं करना।
मीनू : तू बात करेगी।
निशा : हाँ बाबा में बात करूँगी, चल अब।
फिर हम अचानक से उसकी तरफ जाने लगे, अब वो डरकर और भी सीधा बैठ गया था।
निशा : हाय बॉय, क्या कर रहे हो?
बॉय : कुछ नहीं आंटी, बैठा हूँ।
निशा : दूसरी जो आंटी है, वो तो बता रही थी कि तुम कुछ और भी कर रहे हो।
बॉय : सॉरी, वो इतना अच्छा सीन है तो बस उसी का आनंद ले रहा हूँ।
निशा : ओह, डबल मीनिंग कौन सा सीन? तुम्हारे साथ कौन है? बताना ज़रा अभी खबर लेती हूँ।
बॉय : सॉरी आंटी आगे से ऐसा नहीं होगा।
निशा : सॉरी, तुम हमें देखकर अपना लंड हिला रहे हो और जब पकड़े गये तो सॉरी बोल रहे हो, तुम्हारे साथ कौन है? बोलो तुम्हारे मम्मी-पापा कहाँ है? तुम्हारी उम्र अभी पढ़ने की है, लंड हिलाने की नहीं है।
बॉय : सॉरी आंटी, प्लीज़ मम्मी-पापा को कुछ मत बताना वो रूम में है, सॉरी आंटी, वैसे मेरी उम्र 20 साल हो गयी है।
निशा : 20 साल के हो तो ऐसे पब्लिक में लंड हिलाओगे?
बॉय : नहीं आंटी आगे से कभी ऐसा नहीं करूँगा।
निशा : ध्यान रखना, तुम अच्छे बच्चे लगते हो ये सब अच्छी बात नहीं है, मान लो हम अपने पति को बता देते तो अभी तुम्हारी अच्छी से पिटाई हो जाती ना।
बॉय : नहीं आंटी सॉरी, अंकल को भी कुछ मत बताना।
निशा : अच्छा चलो, किसी को नहीं बताउंगी और क्योंकि तुम अच्छे लड़के हो, तुम अभी मुठ भी मार लेना, पहले ये बताओ कि तुम किसे देखकर मुठ मार रहे थे?
बॉय : जी, यहाँ से मुझे इन दूसरी आंटी की गांड दिख रही थी, बस वही देखकर अपना लंड हिला रहा था।
मीनू : अच्छा, मेरी गांड देखकर तुम्हारा लंड खड़ा हुआ था?
बॉय : हाँ आंटी, आप दोनों बहुत गर्म माल हो।
निशा : अच्छा, निकालो अपना लंड और उसे सहलाओ।
बॉय : आंटी, आपके पति उठ गये तो क्या होगा?
मीनू : इसलिए तो बोल रही हूँ जल्दी निकालो।
बॉय : ये लो आंटी, देखो मेरा लंड कैसे सलामी दे रहा है?
निशा : हिलाओ स्पीड में।
फिर वो लड़का हम दोनों के सामने अपना लंड हिलाने लगा, उसका लंड अच्छा था, उसका लंड काफ़ी गोरा भी था।
निशा : देखो और बताओं तुम्हें किसकी गांड ज़्यादा अच्छी लग रही है?
बॉय : दोनों की आंटी।
निशा : तुम्हें हम दोनों में से एक गांड छूने को मिले, तो किसकी गांड छुओगे?
बॉय : दूसरी आंटी की।
मीनू : और किसकी चूचीयाँ ज़्यादा अच्छी है?
बॉय : आंटी क्या आप अपना बूब्स नंगा दिखा सकती है?
फिर हम दोनों ने अपने बूब्स को बिकनी से बाहर निकालकर उसे दिखाया, अब वो और भी ज़्यादा गर्म हो गया और अब उसने अपने लंड हिलाने की स्पीड भी बढ़ा दी थी।
निशा : बोलो किसके बूब्स तुम्हें ज़्यादा अच्छे लग रहे है?
बॉय : दोनों के आंटी, लेकिन में आपकी चूचीयों के बीच में अपना लंड डालना चाहूँगा।
मीनू : क्यों?
बॉय : क्योंकि आंटी के बूब्स आपसे बड़े-बड़े है।
निशा : अच्छा तो तुम्हें बड़े-बड़े बूब्स अच्छे लगते है, तुम्हारी माँ के कितने बड़े है?
बॉय : मेरी माँ के तो आपसे भी बड़े-बड़े है आंटी, उनकी साईज़ 38 है मैंने उनकी ब्रा देखी है।
मीनू : अपनी माँ की ब्रा चैक करते हो, फिर तो अपनी माँ की चूचीयों को सोचकर अपना लंड भी हिलाते होगें।
बॉय : हाँ आंटी, काश मेरी माँ भी आप लोगों के जैसी होती।
अब वो इन बातों से और भी गर्म हो गया था। अब उसके लंड हिलाने की स्पीड से लग रहा था कि अब वो झड़ने वाला है। फिर मैंने अपनी बिकनी ब्रा निकालकर उसे दे दी और बोली कि लो इसमें अपना पानी निकालना। फिर उसने जैसे ही मेरी ब्रा को अपने लंड पर लगाया तो उसके लंड ने ज़ोरदार पानी छोड़ा और मैंने उसके लंड के पानी को अपनी ब्रा में ले लिया।
निशा : चलो अब जल्दी से यहाँ से निकल जाओ, कहीं हमारे पतियों को मालूम पड़ा ना तो तुम्हारे लंड की अच्छे से पिटाई हो जाएगी, तो फिर वो भी डरकर भाग गया।
निशा : मीनू तू उसके रस का क्या करेगी?
मीनू : में तो चाटने वाली हूँ, तू टेस्ट करेगी तो बता?
निशा : पहले तू टेस्ट कर ले और थोड़ा सा मेरे लिए भी रखना में देखूं तो सही जवान लड़के का टेस्ट कैसा होता है?
फिर में उसके स्पर्म को अपनी ब्रा में ही चाटने लगी और थोड़ा सा निशा को भी दिया। उसने सच में काफ़ी ज़्यादा स्पर्म गिराया था और उसका टेस्ट भी काफ़ी नया था। फिर अच्छे से चाटने के बाद मैंने अपनी ब्रा को पानी से धोया और फिर से पहन लिया।
निशा : कितना नॉटी लड़का था, देखो अपनी माँ की चूचीयों को भी सोचकर अपना लंड हिलाता है।
मीनू : हाँ, अभी उसकी उम्र ही ऐसी है एक बार गर्लफ्रेंड बन जाएगी तो शायद फिर अपनी माँ पर बुरी नज़र ना रखे।
निशा : तुने आरव को मुठ मारते हुए देखा है?
मीनू : नहीं रे।
निशा : लेकिन हिलाता तो वो भी होगा, सोच यदि वो भी तुझे सोचकर अपना लंड हिलाता हो तो।
मीनू : नहीं रे ऐसा मत बोल।
निशा : अच्छा चल सॉरी सॉरी, चलो अब पतियों को उठाते है। अब अंधेरा भी होने वाला है तो अब ओपन में एक ब्लोवजोब तो बनता है, अभी कोई है भी नहीं, तू आकाश को लेकर उधर जा और में अमन के साथ इधर ही रहती हूँ।
फिर हमने अमन और आकाश को उठाया। फिर में आकाश को पकड़कर बिच के एक तरफ ले जानी लगी और निशा भी अमन को लेकर दूसरी तरफ जा रही थी। फिर थोड़ी दूर तक में आकाश का हाथ पकड़कर चल रही थी।
मीनू : अपनी पैंट उतारो ना, लंड पकड़कर चलती हूँ।
फिर आकाश ने भी झट से अपनी पैंट उतारी और में उसके लंड को पकड़कर चलने लगी। फिर मैंने पीछे मुड़कर देखा तो निशा और अमन भी दूसरी और पहुँच चुके थे। अब अंधेरे में मुझे ज़्यादा कुछ दिख भी नहीं रहा था, लेकिन इतना जरुर दिख रहा था कि वो अमन के लंड को चूसने लगी है। फिर मैंने भी आकाश के लंड पर अपना हाथ टाईट किया और नीचे बैठकर उसे अपने मुँह में ले लिया। अब में तो उस लड़के वाले एपिसोड से पहले से ही गर्म थी, तो मैंने भी स्पीड में आकाश के लंड को चूसना शुरू किया। अब कुछ ही देर में उसका लंड पूरे तरीके से टाईट हो चुका था। फिर मैंने उसके लंड को अपने हाथों से पकड़कर उसके बॉल्स को अपने मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। अब आकाश किसी तरह से अपने आप पर कंट्रोल कर रहा था और अपनी आँखे बंद करके आ आ की आवाज़े निकाल रहा था। फिर मैंने उसके बॉल्स को अच्छे से दबाया और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर आगे पीछे करने लगी। अब आकाश भी अपनी गांड हिला-हिलाकर मेरा साथ दे रहा था। अब उसने भी मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया था और अब उसका लंड पूरे तरीके मेरे मुँह के अंदर बाहर हो रहा था।
आकाश : मीनू अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है में नीचे लेट जाता हूँ तुम भी अपनी चूत मेरे मुँह में रखो।
फिर वो नीचे बिच पर ही लेट गया और में 69 की पोज़िशन में उसके लंड को फिर से चूसने लगी। अब वो भी मेरी चूत जोर-जोर से चूसने लगा था, उसकी भी चूसने की स्पीड बहुत अच्छी थी। अब में भी मज़े से उसका लंड चूस रही थी। फिर कुछ देर में उसके लंड ने पानी छोड़ दिया और सारा पानी मैंने पी लिया। लंच टाईम के बाद से आज का सेक्स बड़ा अच्छा था, अब मेरी प्यास बुझ गयी थी। फिर आकाश ने अपनी पैंट पहन ली और मैंने भी अपनी बिकनी ठीक कर ली। फिर हम वापस से अपनी कुर्सी की और जाने लगे तो अब निशा और अमन भी अपना सेशन पूरा कर चुके थे और वो भी वहाँ आ गये थे। अब हम सब संतुष्ट थे। फिर हमने डिसाइड किया कि हम फ्रेश होकर डिनर के लिए चलेंगे। अब में बहुत उत्तेजित थी कि डिनर के बाद में फिर से आकाश के साथ रहूंगी और हम फिर से इन्जॉय करेंगे। उसके बाद हम सब फ्रेश होकर डिनर के लिए गये। अब इतने सेक्स के बाद सब लोग भूखे थे और रात के लिए एनर्जी भी चाहिए थी। फिर अमन और आकाश ने ड्रिंक करने का डिसाइड किया। फिर हम दोनों उन्हें लिमिट में पीने को कहकर में और निशा वॉक पर चले गये।
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फिर कुछ देर तक हम दोनों चुपचाप वॉक करते रहे। फिर अचानक से हम दोनों ने एक साथ बोला कि यार हमें और भी कपल्स को इस ग्रुप में लाना होगा, हमें और भी ज़्यादा मज़ा आएगा। अब हम दोनों एक साथ हँसने भी लगी थी। अब हम दोनों को पता था कि हम इसे आगे भी जारी रखना चाहते है। लेकिन इसके लिए हमारे पति भी तैयार होने चाहिए।

अब निशा और में डिनर करने के बाद वॉक कर रहे थे, तभी अचानक से निशा की नज़र उस बीच वाले लड़के पर पड़ी जिसे हमने मूठ मारने में मदद की थी। अब वो अपनी मम्मी-पापा के साथ ही था, अब वो लोग भी डिनर करके वॉक ही कर रहे थे। अब मुझे उसकी मम्मी का चेहरा कुछ जाना पहचाना लग रहा था, फिर मैंने कुछ देर तक ध्यान से देखा तो मुझे लगा कि शायद वो मेरी स्कूल की फ्रेंड नीता है, लेकिन थोड़ा कन्फ्यूजन था। अब वो भी मुझे देखकर रुक गयी थी और पहचानने की कोशिश कर रही थी।
फिर अचानक से उसने पूछा मीनू? तो मैंने उससे पूछा नीता? और फिर हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगाकर अपने स्कूल के दिन याद किए। फिर उसने हमें अपने पति दीपक से मिलाया और अपने बेटे से भी हमारा परिचय करवाया, उसके बेटे का नाम राहुल था। अब राहुल की तो हालत ही खराब थी ये देखकर कि में उसकी माँ को जानती हूँ, अब वो साईड में पीछे खड़ा हुआ था। फिर मैंने भी उन लोगों को मेरी फ़्रेंड निशा से मिलाया, वो लोग भी हाल फिलहाल ही हमारी सिटी में ही शिफ्ट हुए है। फिर थोड़ी देर तक हमने बात की, अब मुझे लगा कि मेरे पति के आने से पहले में उन्हें अभी जल्दी से बाय बोल देती हूँ, नहीं तो बाद में कन्फ्यूजन होगा कि कौन किसका पति है? फिर मैंने नीता से उसका नंबर लिया और फिर हम उन्हें बाय बोलकर अपने-अपने में रूम चले गये।
फिर निशा और मैंने सोचा कि मैसेज करके अपने-अपने पति को बुलाया जाए। फिर मैंने आकाश को मैसेज किया कि 10 मिनट के अंदर रूम में आ जाओ और हाँ अपना लंड हाथ में लेकर आना। फिर निशा ने भी मेरे सामने ही अमन को मैसेज किया कि गांड में बहुत खुजली हो रही तुम्हें जितनी ड्रिंक करनी है करो, लेकिन पहले अपने लंड को देकर जाओ। फिर थोड़ी देर में वो दोनों आ गये और फिर हम अपने-अपने रूम में चले गये। अब रूम में आते ही आकाश ने अपना लंड बाहर निकाला।
मीनू : इंतजार करो और फिर मैंने शहद की बोतल निकाली जो में अपने साथ लेकर आई थी और जल्दी से अपने सारे कपड़े निकालकर बेड पर लेट गयी और शहद की बोतल को अपनी चूत में डाल दिया।
मीनू : ये लो, तुम बीच में अच्छे से चूस नहीं पाए थे ना, लो अब इन्जॉय करो और मुझे भी मज़े दो।
फिर आकाश ने भी अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और जल्दी से मेरी चूत में अपना मुँह दे दिया। फिर वो सारे शहद को लप-लप करके चाट गया और उसने साथ में ही मेरी चूत पर ज़ोरदार प्रहार किया और अपनी उंगलियों को मेरी चूत में अंदर डाल दिया और अपने मुँह से मेरी मूतने वाली जगह पर चाटने लगा। अब मेरी बॉडी में एक अजीब ही सिहरन हो रही थी। फिर उसने अपनी उंगली की स्पीड और तेज की और मेरी पूरी चूत को और भी ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। अब में भी जल्द ही झड़कर अपना पानी छोड़ने लगी थी और वो मेरा पूरा पानी चूसता गया। अब एक बार झड़ने के बाद भी वो आज मेरी चूत को चोदने वाला नहीं था। फिर उसने और भी तेज़ी से मेरी चूत को चूसना शुरू किया।
फिर मैंने उसे 69 की पोज़िशन में आने को कहा और वो जल्दी ही पोज़िशन में आकर फिर से मेरी चूत को खाने लगा। अब वो मेरी चूत को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई भूखा बच्चा अपनी माँ के दूध के लिए चूचियों को चूसता हो। फिर मैंने भी उसके लंड को अपने मुँह में डाल लिया, अब शहद की बोतल मेरे पास में ही थी इसलिए मैंने भी थोड़ा शहद इस बार उसके लंड पर लगाया और चाटने लगी। अब शहद तो जल्द ही ख़त्म हो गया था, अब वो जितनी स्पीड से मेरी चूत को चूस रहा था, तो में भी उसके लंड को मस्ती से चूस रही थी। फिर मैंने उसके लंड को अपने मुँह से चूसते हुए उसकी गांड के होल में अपनी उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगी। अब उसकी गांड में मेरी उंगली जाते ही उसकी बॉडी भी काँपने लगी थी। अब मैंने भी अपनी स्पीड चालू रखी और अपने मुँह से उसके लंड को चूस रही थी और अपनी उंगली से उसकी गांड को चोद भी रही थी।
अब साईड में टेबल पर केले रखे हुए थे तो मैंने उसमें से दो केले लिए और एक उसे दे दिया और दूसरे केले को छिलकर उसकी गांड में डालने लगी। अब केला अंदर जाने से पहले ही टूटे जा रहा था और केले का टूटा हुआ भाग उसकी गांड के अंदर चला जा रहा था। फिर जब वो गांड के छेद को खोलता तो केले का टुकड़ा वहाँ से बाहर आ जाता। अब ऐसे ही मैंने पूरे केले को उसकी गांड में डाला और उसकी गांड से बाहर निकाल दिया। अब उसकी गांड काफ़ी चिकनी हो गयी थी। अब मैंने वाइब्रेटर बाहर ही निकालकर रखा था तो मैंने उसे उठाया और उसकी गांड में घुसा दिया। अब केले से जो फिसलन बनी थी उसके कारण वाइब्रेटर आसानी से उसकी गांड के अंदर चला गया था। फिर मैंने एक बार और ज़ोर लगाया तो पूरा वाइब्रेटर उसकी गांड में चला गया। फिर मैंने वाइब्रेटर का स्विच ऑन कर दिया और जब वो वाइब्रेट करने लगा तो आकाश भी वाइब्रेट करने लगा। फिर मैंने वाइब्रेटर को एक हाथ से पकड़कर उसका लंड फिर से अपने मुँह में लिया।
अब इस बार आकाश की झड़ने की बारी थी तो उसने अपना पूरा पानी मेरे मुँह पर ही छोड़ दिया, लेकिन इस बार उसका लंड ढीला भी नहीं हुआ था। अब इतना काम करने के बाद भी उसका लंड अभी भी टाईट ही था। अब में भी उसका लंड चूसती रही और उसके वीर्य की एक एक बूँद को चाटती रही। अब उधर वो केले को मेरी चूत में डालकर फिर उसी केले को अपने मुँह से निकालकर खा भी रहा था। अब में भी फिर से गर्म हो रही थी और अपना पानी छोड़ने को तैयार थी, लेकिन आकाश ने अपनी स्पीड अभी भी बरकरार रखी थी। अब में फिर से अपना पानी छोड़ने लगी और इस बार मैंने बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा था, अब आकाश फिर से मेरा सारा पानी चूस रहा था।
मीनू : आकाश, मुझे मूतना है।
आकाश : मुझे भी मूतना है, मेरी गांड से वो वाइब्रेटर बाहर निकालो नहीं तो में पागल हो जाऊंगा।
फिर मैंने वो वाइब्रेटर उसकी गांड से बाहर निकाल दिया, फिर मैंने उसके लंड को थोड़ी देर तक छोड़ दिया, ताकि वो मूतने के लिए नॉर्मल हो सके और फिर वो बेड पर लेट गया।
आकाश : आजा मेरे मुँह में मूत ले, मुझे तुम्हारा मूत भी पीना है।
फिर मैंने उसके मुँह पर अपनी चूत को रखा और मूतने लगी। अब मेरा मूत रुक-रुककर आ रहा था और काफ़ी आवाज़ के साथ निकल रहा था। अब आकाश मेरा पूरा मूत पी भी नहीं पा रहा था, फिर मैंने उसके पूरे चहेरे को निशाना बनाकर मूतना शुरू किया और उसके पूरे चेहरे को गीला कर दिया, अब में काफ़ी देर तक मूतती रही। फिर आकाश खड़ा हुआ और वो भी मेरे मुँह को निशाना बनाकर मूतने लगा। अब में भी उसके मूत की धार को पूरी तरह से नहीं पी पा रही थी इसलिए वो बीच-बीच में अपने लंड को पकड़कर मेरी पूरी बॉडी पर मूतने लगा। अब उसने उसके मूत से मुझे पूरा नहला दिया था। फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके लंड को फिर से अपने कब्ज़े में ले लिया।
फिर थोड़ी देर तक चूसने में ही उसका लंड फिर से फनफनाने लगा। अब इस बार में उसके ऊपर बैठ गयी और अपनी चूत को उसके लंड के निशाने पर रखा और उसका लंड अपनी चूत में ले लिया। अब में धीरे-धीरे अपनी चूत से उसके लंड को रगड़ने लगी थी। अब उसने भी मेरी चूचीयों को कसकर पकड़कर मसलना शुरू कर दिया था। अब में धीरे-धीरे और भी गर्म होने लगी थी तो मैंने अपनी स्पीड बढाई और उसके लंड को अपनी चूत में अंदर लेने लगी थी। अब जब मेरी चूत नीचे जाती तो उसका पूरा लंड मेरी चूत में अंदर जा रहा था। अब में थक गयी थी, लेकिन ये मज़ा लेना भी ज़रूरी था क्योंकि फिर कल से तो मुझे अपने ही पति का लंड मिलने वाला था इसलिए में बिना रुके और भी ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड पर अपनी चूत देने लगी। अब उसने मेरी चूची को पूरी ताक़त से दबा रखा था।
फिर मैंने अपनी चूची को उसके हाथ से अलग किया और उसके लंड पर सीधी बैठकर अपने हाथों को पीछे करके उसके लंड की सवारी करने लगी। अब मेरी चूचीयाँ मेरी स्पीड के साथ ही उछल रही थी। अब आकाश से रहा नहीं गया और उसने थोड़ा उठकर मेरी चूचीयों को फिर से दबोच लिया और मसलने लगा। अब मैंने और भी तेज़ी से उसके लंड पर धक्का देना शुरू कर दिया था, अब वो थक चुका था और अब थककर लेट गया था, लेकिन फिर भी मैंने अपनी स्पीड बनाए रखी। फिर अचानक से आकाश उठा और मुझे पकड़कर नीचे कर दिया और मेरी टाँगे पूरी फैलाकर मेरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से थप थपाया और अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। अब धक्के खाने की बारी मेरी थी, अब उसे देखकर लग रहा था कि वो काफ़ी थक गया है, लेकिन मेरी चूत को चोदने में उसने वो थकान नहीं दिखाई। अब वो काफ़ी स्पीड से मेरी चूत को धक्के दे रहा था, अब मेरी भी चूत की हालत खराब हो रही थी।
अब बस जल्दी से हम दोनों पानी छोड़ दें बस यही सोच रही थी। अब वो मेरी बुर को चूत, चूत, चूत बोलकर फाड़ रहा था। फिर उसने पास पड़ा हुआ वाइब्रेटर उठाया और मेरी गांड में डाल दिया और मेरी चूत को वैसे ही चोदता रहा। अब मेरी गांड और चूत में एक साथ ज़ोरदार चुदाई से में पूरी तरह गर्म हो गयी थी। फिर कुछ ही देर में आकाश ने अपने लंड का पानी छोड़ दिया और में भी उसके साथ ही फिर से झड़ गयी। फिर हम दोनों चिपक कर लेट गये, अब में इतनी थकी हुई थी कि अब मेरा ये भी मन नहीं किया कि अपनी चूत से रस निकालकर पी जाऊं। अब हम दोनों बस ऊपर देखकर गहरी साँसे ले रहे थे। फिर आकाश ही उठा और वाईन गिलास लेकर आया और मेरी चूत के पास जाकर मिक्स रस को गिलास में भरने लगा और मुझे पीने को दिया और में भी उसे थैंक्स बोलकर फिर से मिक्स रस को गटक गयी। फिर लास्ट के थोड़े पानी को अपने मुँह में लेकर में आकाश की और गयी और उसे किस करते हुए वो स्पर्म उसके मुँह में भर दिया, तो वो भी चटकारे लेते हुए मिक्स रस पी गया और फिर हम थोड़ी देर तक और किस करते रहे।
अब हमारी बेडशीट काफ़ी गंदी हो गयी थी, फिर हमने थकी हुई हालत में बस बेडशीट हटाई और ऐसे ही सो गये। अब कोई हमारे रूम में आ जाता तो उसे ऐसा लगता कि जैसे दो जानवर प्यार कर रहे थे, हाँलाकि मैंने कुछ ऐसा नहीं किया था जो मैंने अमन के साथ नहीं किया हो, अब में पूरे दिन की चुदाई से बहुत संतुष्ट थी। फिर हम दोनों नंगे ही सो गये और जब मेरी आँख खुली तो सुबह के 7 बज रहे थे। फिर मैंने आकाश को उठाया और फ्रेश होने को बोला। अब 8 बजे तक हम सब फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट पर जाने वाले थे और फिर चैकआउट करके घर जाना था। फिर जब हम तैयार हुए तो मैंने अपना मोबाईल चैक किया तो मैंने देखा कि उसमें अमन का मैसेज है कि वो ब्रेकफास्ट टेबल पर है और वहीं मिले।
फिर जल्दी से हम भी ब्रेकफास्ट के लिए निकल गये। अब अमन और निशा भी काफ़ी थके हुए लग रहे थे। अमन कभी एक्सट्रा स्पीड में नहीं चोदता है, लेकिन काफ़ी लंबी देर तक चोदता रहता है, तो शायद वो लोग ज़्यादा रात तक चुदाई कर रहे होंगे, इसलिए अब हम चारों ही थके हुए नज़र आ रहे थे। फिर सबने पहले कॉफी पी और फिर अमन ने सबके लिए ऑरेंज जूस अलग से ऑर्डर किया। अब काफ़ी देर तक हम टेबल पर धीरे-धीरे आराम करते हुए ब्रेकफास्ट कर रहे थे।
अमन : जैसा कि प्रॉमिस किया गया था कि कोई किसी से कल क्या हुआ नहीं पूछेगा और ना बताएगा? अब आगे हमें ये लगातार करना है या नहीं, इसके लिए यह लो 4 चिट है सब अपनी अपनी पसंद लिखो। यदि किसी एक का भी मन लगातार करने का नहीं है तो हम इसे भूल जाएगें और आगे से कभी नहीं करेंगे और यदि सबका मन आगे भी करने का है तो फिर आगे प्रोग्राम का प्लान किया जाएगा, कोई कुछ बताना चाहता है तो वो भी लिख दें। फिर हम सबने चिट पर अपनी पसंद लिखी, फिर अमन ने सबकी चिट पढ़नी शुरू की।
चिट 1 : (निशा) हाँ कंटिन्यू करते है और इसे और भी मजेदार बनाने की प्लानिंग करते है।
चिट 2 : (आकाश) हाँ प्लीज़ कंटिन्यू करो, हमें इसकी काफ़ी ज़रूरत है।
चिट 3 : (अमन) हाँ ये कंटिन्यू होना चाहिए और कभी प्लानिंग करते है जहाँ न्यूड बीच हो।
चित 4 : (मीनू) हाँ कंटिन्यू करते है और इस ग्रुप में और भी लोगों को शामिल करने की कोशिश करते है।
अब हम चारों काफ़ी खुश थे कि सब इसे कंटिन्यू करना चाहते है। अब सब अपनी तरफ से कोशिश करेंगे कि अपने खास दोस्तों से पूछकर ग्रुप की साईज़ बढाई जाए। तभी मैंने सामने देखा कि नीता, दीपक और राहुल आ रहे थे। फिर मैंने उन्हें अमन से मिलाया और आकाश से भी मिलाया। फिर मैंने अमन को बताया कि ये मेरी स्कूल दोस्त है और अभी नयी-नयी हमारी सिटी में आई है और दीवाली हॉलिडे मनाने यह भी यहीं रुकी हुई है। फिर हमने उन्हें भी टेबल शेयर करने बोला और फिर इधर उधर की बातें करते हुए हमने ब्रेकफास्ट किया। अब मुझे राहुल काफ़ी डरा-डरा लग रहा था, फिर मैंने उसे स्माइल दी और इशारा किया कि डरने की कोई बात नहीं है, इन्जॉय। स्कूल में नीता सबसे सुंदर लड़कियों में से थी, जब कल राहुल बता रहा था कि उसकी माँ की चूचीयाँ मेरे से और निशा से भी ज़्यादा बड़ी है, वो झूठ नहीं बोल रहा था। नीता साड़ी पहने हुए थी, उसके बूब्स सच में काफ़ी बड़े थे, शायद उसका ब्लाउज उसके बूब्स को संभाल नहीं पा रहा था।
अब उसके बूब्स का काफ़ी हिस्सा ब्लाउज के बाहर आ रहा था। फिर मैंने देखा कि अमन और आकाश भी उसके बूब्स को निहार रहे है। अब हमारी प्लानिंग जल्दी चैकआउट करके घर जाने की थी इसलिए हम उन्हें बाय बोलकर अपने रूम में जाने लगे। फिर मैंने नीता को बोला कि घर पहुँचकर फोन करे। फिर हम लोगों ने होटल से चैकआउट किया और अपने अपने घर की और चल पड़े, हमारा सेक्स से भरपूर एक दिन काफ़ी अच्छा रहा था। अब कार में में अमन के साथ ही बैठी थी, अब हम नॉर्मल कपल थे और हमने वादा भी किया था तो हमने बीते दिन की कोई बात भी नहीं की। फिर आकाश और निशा ने हमें अपने घर पर ड्रॉप किया और बाय करके अपने घर चले गये। फिर मैंने अमन को इस ट्रिप के लिए थैंक्स बोला और अपने रूम में चले गये। अब मुझे अमन पर बड़ा प्यार आ रहा था तो मैंने उसे इशारा किया कि मुझे उसका लंड चाहिए। फिर मैंने आरव का रूम चैक किया, तो वो अभी तक सो ही रहा था शायद लेट नाईट तक वीडियो गेम खेल रहा होगा।
मीनू : अमन, आरव सो रहा है तो प्लीज़ एक बार।
अमन : जैसी तुम्हारी इच्छा मीनू, लेकिन बस चूस लो अभी मुझमें इतनी ताक़त नहीं है कि में तुम्हें चोदूं।
मीनू : अभी चूत की चुदाई की ताक़त तो मुझमें भी नहीं है, बस चूस लेने दो।
फिर हम अपने बेडरूम में गये और फिर मैंने अमन की पैंट खोली।
मीनू : अमन, में अपनी टॉप और ब्रा निकाल दूँ, तुम मेरी नंगी चूची देखना चाहोगे या ऐसे ही काफ़ी है।
अमन : हाँ निकाल दो, तभी तो लंड जल्दी से तैयार हो पाएगा, नहीं तो मेरा लंड भी काफ़ी थका हुआ है।
फिर मैंने अपना टॉप निकाला और अपनी ब्रा भी खोलकर बेड पर रख दी। अब अमन बेड पर बैठा हुआ था और में नीचे बैठकर उसके लंड के साथ खेल रही थी। अब मेरा चेहरा बेडरूम के दरवाज़े की और था तो मैंने देखा कि हम जल्दी-जल्दी में बेडरूम का दरवाज़ा लगाना भी भूल गये है। फिर मैंने सोचा कि आरव तो सो ही रहा है, तो मैंने लंड के साथ खेलना जारी रखा। अब उसके लंड की हालत देखकर लग रहा था कि उसने निशा की जमकर गांड मारी है। फिर मैंने उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। अब में उसके बॉल्स को अपने हाथों से सहलाते हुए उसके लंड को चूस रही थी। अब उसके लंड के सुपाड़े से जो भी वीर्य निकल रहा था, में उसे चूस-चूसकर साफ कर रही थी।
फिर मैंने एक सिगरेट जलाई और उसका धुआँ अमन के लंड पर डालने लगी। अब में सिगरेट का एक कश लेती और उसके धुए को अमन के लंड पर डाल देती और फिर कुछ देर तक उसके लंड को चूसती रहती और फिर ये सिलसिला सिगरेट ख़त्म होने तक चलता रहा। अब अमन भी तब तक गर्म हो चुका था, अब वो भी अपने हाथों से मेरी चूचीयों को दबा रहा था और वो भी बीच-बीच में मेरी सिगरेट लेकर धुवें को अपने लंड पर ही डाल रहा था। फिर अचानक से मेरी नज़र दरवाज़े की और गयी तो मैंने देखा कि आरव छुपकर सब देख रहा था। अब मुझे लगा कि ये काफ़ी नाजुक स्थिती है, हमें दरवाजा लगा ही लेना चाहिए था। अब यदि में अमन के लंड को छोड़ देती, तो अमन को मालूम चल जाता कि क्यों मैंने लंड चूसना बंद किया है? और फिर पता नहीं वो कैसे बर्ताव करता? और अमन का लंड चूसना चालू रखूं तो आरव वहाँ से हट भी नहीं रहा था। अब वो छुप-छुपकर सब देखने की कोशिश में था।
फिर मैंने सोचा कि अब तो उसने अपनी माँ का ये रूप देख ही लिया तो मैंने अमन के लंड को चूसना चालू रखा, लेकिन अब में और भी स्पीड में चूसने लगी थी। अब अमन भी मेरी स्पीड से गर्म हो गया और आवाज़े निकालने लगा था। अब में बोल भी नहीं पा रही थी कि हमारा बेटा हमें देख रहा है। अब अमन भी मस्त होकर अपना लंड चुसवा रहा था और अब में भी सब भूल गयी थी कि में अपने बेटे को दिख रही हूँ और फिर में अमन के लंड को चूसने में लग गयी। फिर थोड़ी देर में अमन झड़ने लगा और उसने अपना सारा रस मेरे मुँह में ही डाल दिया। फिर जब मैंने दरवाजे की और देखा तो अब आरव वहाँ से जा चुका था। फिर मैंने भी आराम से सारा स्पर्म पी लिया, अब में अमन को बताना नहीं चाहती थी कि हमने जल्दी-जल्दी में अपने बेटे को शो दिखा दिया है, इसलिए मैंने उससे इस बारें में कोई बात नहीं की। फिर अमन ने फिर से अपनी पैंट पहनी और दरवाज़े की और देखकर बोला कि मीनू हमें दरवाज़ा बंद कर लेना चाहिए था, यदि आरव देख लेता तो। फिर मैंने भी बोल दिया कि में जल्दी-जल्दी में देखना ही भूल गयी थी, अब हम आगे से ध्यान रखेंगे।
फिर मैंने आरव से भी नॉर्मल ही बर्ताव किया, अब वो भी नॉर्मल बर्ताव कर रहा था। अब मैंने उसे पता नहीं लगने दिया था कि जब वो हमें देख रहा था, तो मैंने उसे देख लिया था और अब आरव भी नॉर्मल था कि उसने चुपके से यह शो देख लिया है और किसी को कुछ मालूम भी नहीं पड़ा है। अब मुझे एक अजीब सी ख़ुशी भी थी कि में अमन का लंड चूस रही थी, मेरी चूचीयाँ बाहर थी और आरव सब देख रहा था पता नहीं क्यों? लेकिन इस वजह से एक ख़ुशी भी थी। फिर अगले दिन सुबह हमारी छुट्टियाँ ख़त्म थी तो अमन ऑफीस गये और आरव कॉलेज चला गया ।।

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