काजल और पुष्पा की चुदाई

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काजल और पुष्पा की चुदाई

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काजल और पुष्पा की चुदाई

मेरे घर पर मैं, मेरी बहन, मेरे मम्मी और डैडी चार लोग रहते हैं. मेरे मम्मी और डैडी दोनों सुबह काम पर चले जाते हैं और मैं और मेरी बहन कॉलेज और स्कूल. ओह ! मैं बताना भूल गया कि मैं बी ए फर्स्ट ईयर में हूँ और मेरी बहन नौवीं क्लास मैं पढ़ती है. मेरी बहन का नाम पुष्पा है. वो 16 साल की है. उसकी हाईट 5 फुट 1 इंच है. वो एकदम दूध की तरह गोरी और बहुत चिकनी है.


मेरा रंग भी गोरा चिट्टा है. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच का है. जैसा की हर कहानी में होता है, मेरा भी अपनी बहन के बारे में कोई बुरा ख़याल नहीं था. पर एक दिन जैसे मेरी दुनिया ही बदल गयी. हुआ यूँ की मैं एक बार कॉलेज से जल्दी आ गया. मेरे पास घर की एक एक्स्ट्रा चाबी थी. मैं ताला खोल कर अंदर आ गया और देखा की घर पर कोई नहीं था. मेरे घर के पीछे एक लान था. वहां पर मैंने देखा की मेरी बहन पुष्पा और उसकी सहेली काजल हँस हँस कर खेल रही थीं. लान की दीवारें ऊँची थीं और बाहर से कोई अंदर देख नहीं सकता था. काजल के हाथ मैं पानी का पाईप था. वो पुष्पा पर पानी डाल रही थी. मेरी बहन बचने की कोशिश कर रही थी.

दोनों के बदन भीगे हुए थे और उन दोनों के मुम्मे साफ़ नज़र आ रहे थे. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं छुप कर उन लोगों का खेल देखने लगा. कुछ देर के बाद वो एक दूसरे को किस करने लगीं और मुम्मे दबाने लगीं. थोड़ी देर के बाद पुष्पा ने काजल के कपडे उतार दिए और उसके ऊपर चढ़ गयी. काजल का रेशमी बदन देख कर मेरी सांस जहाँ की तहाँ अटक गई. मैंने जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था. उसका दूधिया बदन धूप में चमक रहा था. उसके मुम्मे बहुत कसे हुए थे और चूत पर एक भी बाल नहीं था. पुष्पा काजल को लिप्स पर किस कर रही थी. उसका एक हाथ उसके मुम्मों पर था और दूसरे हाथ से वो उसकी चूत को मसल रही थी

अब काजल नें मेरी बहन पुष्पा के कपडे उतारने शुरू किये. मैंने सोचा कि अब मुझे और नहीं देखना चाहिए पर वासना की आग में मैं ये भूल गया की वो मेरी छोटी बहन है और वो भी सगी. जैसे जैसे पुष्पा के कपडे उतरने शुरू हुए मेरा लंड और तन्नाता गया. पहले काजल ने उसकी स्कर्ट उतारी और फिर उसकी टी शर्ट. मेरी बहना ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. हाय ! उसके छोटे छोटे दूध देख कर में जैसे पागल सा हो गया. काजल बेतहाशा उसके लिप्स को किस कर रही थी *और उसके मुम्मे दबा रही थी. अब काजल का हाथ उसकी कछी की और बढ़ा.

मेरी बहन नें अपनी टाँगे सिकोड़ लीं. काजल हँसते हुए बोली अरे यार मुझसे क्यों शर्माती है, चल नंगी हो जा. एक साथ मजे करेंगे. फिर मेरी बहन नें टांगें खोल दीं**च. काजल नें पुष्पा की कछी उतार दी. मैं अपनी छोटी बहन को देख कर दंग रह गया. वो बला की खूबसूरत थी. मैं काजल को छोड़ पुष्पा की और बड़े ध्यान से देखने लगा की आगे वो क्या करती है. अब दोनों लड़कियाँ पूरी तरह से नंगी थीं. मैं उन्हें देख कर मदमस्त हुआ जा रहा था. मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं अपनी बहन पुष्पा को देख कर मुठ मारने लगा. पुष्पा काजल के ऊपर चढ़ी हुई थी और उसे किस कर रही थी. दोनों एक दूसरे के मुम्मों को दबा रही थीं. मेरी बहन के चूतड़ एकदम गोल और टाईट थे. पुष्पा की चूत पर छोटे छोटे बाल थे. उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा मन हुआ की अभी जाऊँ और उसे कस के चोद डालूँ. ऐसा सोचते ही मेरे लंड का पानी निकल गया और मैं बुरी तरह से झड़ गया.

उधर दोनों लड़कियां भी उत्तेजित हो चुकी थीं. उनकी हरकतें और सेक्सी होती चली गयीं. पुष्पा अपनी चूत से काजल की चूत रगड़ रही थी. दोनों के चेहरे एकदम लाल हो चुके थे और दोनों बुरी तरह से हाँफ रही थीं. कुछ देर के बाद उन लोगों के कपडे पहने (जो की धूप होने की वजह से सूख गए थे) और घर की तरफ आने लगीं. मैं तुरंत घर से बाहर चला गया और दोनों को पता नहीं चला की मैं वहाँ पर था. थोड़ी देर के बाद मैं फिर वापस आया. काजल और पुष्पा ड्रॉईंग रूम में बैठी थीं. मैंने आते ही काजल को हेलो किया और उसे ऊपर से नीचे तक गौर से देखा.

मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगा. काजल ने भी मेरा पेंट के ऊपर उभार महसूस किया और वो भी बड़े गौर से मेरे लंड को देखने लगी. काजल की गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं. उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुई थी या उसने जान बूझ कर ऐसा किया था. पुष्पा बोली आप लोग बैठो मैं चाय बना कर लाती हूँ. पुष्पा के किचन में जाते ही काजल नें एक मदमस्त अंगडाई ली. मेरा दिल बेकाबू हो गया और मैंने उसके सामने ही अपने लंड को पेंट के ऊपर से ही मसल लिया. वो मुझको भईया कह के बुलाती थी. वो मुस्कुरा पड़ी और बोली, क्या बात है भईया, बड़े बेचैन लग रहे हो?मैंने कहा आजकल बहुत मन करता हैऔर ऐसा कहते हुए मैंने फिर से अपने लंड को मसल दिया. वो खिलखिला कर हँस पड़ी, क्या मन करता है? मैं बोला, इतनी भोली मत बनो, मैं जानता हूँ तुम लोग थोड़ी देर पहले क्या कर रहे थे. ये सुनते ही वो सकपका गई और कुछ बोल ही नहीं पाई.

मैं फुसफुसा कर बोला, मुझे अपना राजदार बना लो वरना तुम लोगों की पोल पट्टी खोल दूंगा वो घबरा गई और बोली, नहीं प्लीज यार, ऐसा मत करना. हम लोग तो सिर्फ मज़े कर रहे थे.फिर थोड़ी देर बाद उसने हैरानी से पुछा, तुम्हें कैसे पता चला? मैंने कहा, मैं पहले से ही घर मैं था जब तुम लोग लान मैं एक दूसरे के साथ मज़े कर रहे थेये सुनकर काजल का चेहरा शर्म से लाल हो गया. मैंने मौका देख कर काजल की चूची दबा दी. काजल कुछ बोल पाती, तभी मेरी बहन पुष्पा चाय लेकर आ गयी. काजल के चेहरे का रंग उड़ा हुआ देख कर उसने हैरानी से पूछा,

अरे तुझे क्या हुआ?मैंने जवाब दिया, कुछ नहीं ये हमारे आपस की बात है, वो तुझे कुछ नहीं बताएगीऐसा कह कर मैंने काजल की तरफ इशारा किया कि वो मेरी बहन को कुछ ना बताये. जब काजल कुछ नहीं बोली तो पुष्पा ने लापरवाही से अपने कंधे उचकाए और चाय सर्व करने लगी. मैं चाय की चुस्कियों के साथ मुस्कुराता हुआ काजल के बदन को निहारता रहा. काजल ने जल्दी से अपनी चाय खत्म की और चलने लगी. मैं उसे दरवाज़े तक छोड़ने आया और एक बार फिर फुसफुसाता हुआ बोला, किसी से मत कहना, और मुझे कल शाम को इंदिरा पार्क में मिलो. काजल बिना कुछ कहे वहाँ से भाग गई. अब मेरे पूरा ध्यान अपनी प्यारी बहन पुष्पा पर गया. मेरा लंड पहले से ही गरम था. जब पुष्पा कप और प्लेट उठा रही थी तो उसके थोड़े से मुम्मे दिखाई दे रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बाथरूम में जाकर पुष्पा के नाम की मुठ मारी.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: काजल और पुष्पा की चुदाई

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अब मैंने सोच लिया की चाहे कुछ भी हो जाए मैं अपनी बहन को चोद कर रहूँगा. रात को हम लोग खाना खा कर सोने चले गए. ममी पापा एक कमरे में सोते थे और मैं और पुष्पा एक कमरे में पर हमारे बेड अलग अलग थे. रात को जब पुष्पा सो गयी तो मैं उठा. मेरे लंड को शांती नहीं मिल रही थी. मैं चुपके से पुष्पा के बेड के पास गया. पुष्पा गाउन पहन कर बेसुध सोयी हुई थी. मैंने डरते डरते उसका गाउन उपर की और खिसकाना शुरू किया. उसकी चिकनी जांघें दिखाई देने लगीं. मेरे लंड का आकार और बढ़ गया और पजामे में मचलने लगा.

मैंने अपनी प्यारी बहन पुष्पा का गाउन पेट तक उपर कर दिया जिस से उसकी पैंटी साफ़ दिखाई देने लगी. मैंने वासना से भर कर अपनी लाडली बहना को देखा और उसे चोदने के लिए ललचाने लगा. मैंने फिर जी भर कर उसकी टांगों को सहलाया और उसकी पैंटी पर भी हाथ फेरा. पुष्पा का गाउन उपर से काफी खुला हुआ था. मैंने उसके गाउन के दो तीन बटन खोल दिए उफ़….उसने नीचे से ब्रा नहीं पहनी हुई थी जिसके कारण उसकी छोटी छोटी दोनों चुचियाँ दिखाई देने लगीं

मैंने डरते डरते पुष्पा की एक चूची पर हाथ रख दिया. अह्हह्ह……मज़ा आ गया……बहुत नरम थी…..इतनी सौफ्ट कि क्या बतायूं. अब मैं धीरे धीरे उसकी दोनों चुचियाँ बारी बारी से दबाने लगा.

सच में बहुत मज़ा आ रहा था. एक हाथ से मैंने अपना लंड निकाला और पुष्पा का हाथ में दे कर उसकी मुठी में बंद कर दिया. अब पुष्पा का हाथ पकड कर मैं मुठ मारने लगा. इन सब के बावजूद पुष्पा गहरी नींद में सोयी हुई थी क्योंक उसके हल्के हल्के खर्राटे की आवाज से कमरा गूँज रहा था. मुठ मारते हुए मैं एक हाथ से उसकी चूची सहला रहा था. थोड़ी देर में ही मेरा लंड अपनी प्यारी बहन के हाथ में झड़ गया. मेरा वीर्य उसके गाउन और हाथ पर गिर गया. अपनी बहन को इसी हालत में अधनंगी छोड़ कर मैं अपने बेड पर आ गया. दिन में कई बार मुठ मार कर और इस बार पुष्पा के नाज़ुक हाथों से मुठ मरवा कर मैं बहुत थक चुका था. थोड़ी देर में मैं भी गहरी नींद में सो गया.

सुबह पुष्पा सो कर उठी उसी वक्त मेरी नींद भी खुल गयी. पर मैं सोने का नाटक करता रहा और देखने लगा कि पुष्पा की क्या रिएक्शन है. पुष्पा अपने गाउन को अस्त व्यस्त देख कर हडबडा गई और तेज़ी से अपने गाउन के बटन बंद करने लगी. वो हैरानी से अपना हाथ देख रही थी जिस पर मेरा माल सूख कर चिपका हुआ था. वो साथ साथ में मुझे भी देख रही थी कि मैं जाग रहा हूँ या सोया हुआ. मैं आँख बंद करके सोने का नाटक करता रहा. गाउन बंद करके पुष्पा उठ कर ब्रश करके चाय पीने चली गयी. इसके बाद मैं भी उठा. हम लोग एक साथ चाय पी रहे थे. सुबह का टाइम हडबडी वाला होता है. पापा ममी ऑफिस के लिए, पुष्पा स्कूल के लिए और मैं कोलेज जाने के लिए तैयार होने लगे. सुबह आठ बजे हम लोग अपने अपने गंतव्य की और निकल पड़ते थे. क्योंकी पुष्पा का स्कूल रस्ते में पड़ता था, मैं बाईक पर पुष्पा को छोड़ कर कॉलेज चला जाता था. बाईक पर बैठने के बाद जब हम घर से निकल गए तो मैंने पुष्पा से पूछा,

मैं: यार पुष्पा , एक बात सच सच बताएगी?

पुष्पा : क्या भय्या?

मैं: तेरा कोई बोयफ़्रेंड है?

पुष्पा (घबड़ा कर): नहीं तो? आप ऐसा क्यों पूछ रहे हो?

मैं (हँसते हुए): कुछ नहीं यार. बस ऐसे ही पूछ रहा हूँ.

पुष्पा : कुछ तो बात जरुर है, वरना आप अचानक आज ही क्यों पूछ रहे हो.
मैं: अरे यार बस यूँ ही मन में आया कि मेरी बहना बड़ी हो गयी है. उसका भी मन करता होगा बोयफ़्रेंड बनाने को.
पुष्पा : क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैं (मन मसोस कर): नहीं यार. कोई पटती ही नहीं.

पुष्पा खिलखिलाकर हंस पडी और बोली: अरे भय्या आप इतने स्मार्ट और हैण्डसम हो. मैं होती तो आप को ही अपना बोयफ़्रेंड बना लेती.

मैं: तो बना ले यार.

पुष्पा : ओके आज से आप मेरे बोयफ़्रेंड हो.

तब तक स्कूल आ गया. मैंने पुष्पा को छोड़ते समय उसकी आँखों में झांककर कहा: बोयफ़्रेंड और गर्लफ्रेंड बहुत से ऐसे काम करते हैं जो हम भाई बहन नहीं कर सकते.

पुष्पा : कोई बात नहीं.

पुष्पा चली गयी. मैं उसे जाते हुए देखता रहा. उसके मस्त गोल गोल चूतड़ उपर नीचे हो रहे थे. मेरा लौड़ा पेंट में बुरी तरह तन गया. तभी पुष्पा पीछे मुड़ी. मैंने उसे देख कर फ्लाईंग किस मारा. वो मुस्कुरा कर टाटा करते हुए हँसते हुए चली गयी.

मैं भी कोलेज के लिए चल दिया. शाम को मैंने काजल को इंदिरा पार्क में आने के लिए कह रखा था. हमारे इलाके में इंदिरा पार्क बहुत मशहूर था. वहाँ पर लड़के लड़कयों के जोड़े ही आते थे. पार्क में घने पेड़ और झाड़ियाँ थी जिनके पीछे छिप कर लड़के लडकियां मज़े करते थे. पार्क के केयरटेकर को सिर्फ पचास रूपए दे कर दो से तीन घंटे के लिए मज़ा लिया जा सकता था. मैं पार्क में गेट के पास काजल का इंतज़ार करने लगा. कुछ देर बाद काजल आ गयी. उसने स्कूल की ड्रेस पहनी हुए थी और हाथ में भी स्कूल बैग था. वो बहुत घबराई हुई थी.

आते ही बोली, काजल : भय्या यहाँ पर क्यों बुलाया? मैं: पहले अंदर चल. काजल : ये जगह ठीक नहीं है. मैं: अरे यार तू चिंता मत कर. ये कह के मैंने काजल का हाथ पकड़ कर उसे पार्क में ले गया. केयरटेकर को रूपए दे कर समझा दिया कि उस पेड़ के पीछे कोई न आये. मैं काजल को पेड़ के पीछे ले गया. काजल वहाँ पर बैठ गयी. मैं भी काजल के साथ सट के बैठ गया. काजल सकुचा रही थी. मैं धीरे धीरे काजल की पीठ सहलाने लगा. काजल कुछ नहीं बोली. अब मैं उसकी गर्दन पर अपनी उंगलियां फेरने लगा. काजल : भय्या प्लीज़, गुदगुदी हो रही है. मैं: तेरा तो पूरा बदन ही गुदगुदाने का मन करता है. एक पप्पी दे दे यार. काजल : नहीं.

मैंने काजल को अपनी बाहों में खींच कर अपने होंठ उसके होंठों पर सटा दिए. वो ना ना करती रही पर मैंने उसकी एक ना मानी. किस करते हुए मेरे हाथ उसके बूब्स पर पहुँच गए. अब मैं मस्ती से उसके बूब्स दबाने लगा. फिर मैंने काजल को जमीन पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. काजल लगातार विरोध कर रही थी पर मैं नहीं रुका. मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर तक उठा दी और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा. मैं लगातार उसे किस कर रहा था. अब काजल भी गरम होने लगी. मैंने देखा कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी है.

फिर मैंने काजल की कमीज़ के बटन खोल दिए और उसकी ब्रा ऊपर कर के उसके बूब्स नंगे कर दिए. ओह माई गाड, क्या मस्त बूब्स थे. मैं मस्ती से काजल के बूब्स चूसने लगा. मैंने पैंट से अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और काजल के हाथ में दे दिया. काजल को कोई अनुभव नहीं था. मैंने उसे सिखाया कि लौडे के सुपाड़े को खोलो और बंद करो. काजल मस्ती में मेरा लंड हिलाने लगी. मैंने काजल की पैंटी में अपना हाथ डाल दिया और उसकी चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करके लगा. काजल कसमसा उठी और जोर जोर से मेरा लंड हिलाने लगी. वो सिसकियाँ लेने लगी.

कुछ देर बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ. मैंने जेब से रुमाल निकाला और अपने लंड पर लपेट के वापस काजल के हाथों में दे दिया. मैंने काजल से पूछा, मैं: पहले किसी लड़के से किया है? काजल : नहीं. मैं खुशी से झूम उठा. एक कुंवारी लड़की की चूत में मेरी उंगली थी और उसके नन्हे कोमल हाथ मेरा लंड सहला रहे थे. मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गया. मैं अब काजल के बूब्स चूसने लगा. थोड़ी देर में मैं झड़ गया. मेरा माल रुमाल में भर गया. मैंने रुमाल से अपना लंड साफ़ किया और काजल से पूछा, मैं: अच्छा लगा? काजल : हाँ. पर इस से आगे कुछ नहीं.

मैं (हँसते हुए): अरे मेरी जान इसके आगे ही तो मजा है. मैं तो तुझे चोद के छोडूंगा. काजल : नहीं. मुझे डर लगता है मैं: डर मत आराम से करूँगा. काजल : यहाँ? नहीं. ये जगह ठीक नहीं है. मैं (उसे बाँहों में भरते हुए): अरे मेरी जान तुझे तो मैं अपने घर में चोदुंगा. काजल (शरारत से मेरा लंड मसलते हुए): घर में अपने बहन को चोद लेना पुष्पा का जिक्र आते ही मैं वासना के सागर में डूबने लगा. पर ऊपर से बोला, मैं: नहीं यार, वो तो मेरी बहन है काजल (मुस्कुरा कर): तो बहनचोद बन जाओ. चोद दो उसको. बेचारी वो भी तो तड़प रही है एक लंड के लिए मैं: मैं उसका सगा भाई हूँ, मैं ऐसा नहीं कर सकता मैंने ऐसा बोल तो दिया पर मैं पुष्पा के बारे में सोचकर बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया.
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Re: काजल और पुष्पा की चुदाई

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मेरा लंड जिससे काजल अब तक खेल रही थी वो भी तन कर खड़ा हो गया. काजल समझ गयी कि मैं अपनी बहन को चोदना चाहता हूँ और उपर उपर से मना कर रहा हूँ. काजल : आपका लंड कुछ और बोल रहा है, और आप कुछ और मैं चुप रहा. काजल मेरे लंड को सहलाते हुए मेरे पास आयी और बोली, हम दोनों में से किसके बूब्स आपको अच्छे लगते हैं? मैं: दोनों के काजल : तो वादा करो कि पुष्पा को पहले चोदोगे, फिर मैं भी आप से चुदवाउंगी. काजल मुझे मना लेती है. और वादा करती है कि पुष्पा को भी मना लेगी. काजल हमारे अफेयर के बारे में पुष्पा को बता देती है और ये भी बताती है कि मैं पुष्पा को चोदना चाहता हूँ. पर पुष्पा यह बात नहीं मानती. काजल उसे तरह तरह से मेरे साथ सेक्स करने के लिए उकसाती है.

इस पर पुष्पा एक शर्त रख देती है कि वो पहले अपने भाई से चुदवाए. काजल का भाई कमल एक शरीफ लड़का है और मेरा पक्का दोस्त है. काजल ये बात मुझे बताती है. मैं और काजल एक प्लान बनाते हैं. जब ममी पापा घर पर नहीं थे और पुष्पा स्कूल गयी थी तब काजल बंक मार कर मेरे घर आ जाती है. मैं उसके चेहरे पर मास्क लगा देता हूँ. फिर उसे एक कमरे में छुपा देता हूँ. उस कमरे में कैमरा फिट कर देता हूँ. मैं प्लान के मुताबिक़ कमल को बुला कर उसे बीयर पीला देता हूँ और इसे लड़की चोदने के लिए उत्तेजित कर देता हूँ. कमल अपने लंड को मसलने लगता है और बोलता है यार किसी लड़की की चूत मिल जाए तो मज़ा आ जाए. फिर मैं उसे बताता हूँ कि एक लड़की है पर अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहती.

कमल बोलता है कि यार चेहरे का क्या करना है, बस चूची दबाने को और चूत चुदाई के लिए मिल जाये तो मज़ा आ जाए. कमल को मैं उस कमरे में ले कर आता हूँ जिस में काजल छुपी हुई थी. काजल पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी. कमल उसे देखते ही उतेजित हो जाता है और उस पर टूट पड़ता है. इस तरह से वो अपनी बहन को अनजाने में ही चोद डालता है. काजल कैमरे की वीडियो पुष्पा को दिखा देती है. काजल हैरान हो जाती है और फिर मुझसे चुदने के लिए मान जाती है. अब मैं पुष्पा को चोदने का प्लान बनाने लगा. हम दोनों मन ही मन एक दुसरे को पसंद करते थे और एक दूसरे से प्यार करते थे, पर घर पर मौका नहीं मिल पा रहा था. मैंने नोट किया कि आजकल पुष्पा घर पर कपड़ों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी. बहुत बार वो ऐसे बैठती थी की उसकी कछी तक नज़र आ जाती थी जिसे देख कर मेरा लंड फनफना कर खड़ा हो जाता था. मैं उसे देख कर कई बार बाथ रूम में मुठ मार लेता था. अक्सर खेल खेल में में उसकी चुची को छू लेता था या चूतड़ दबा देता था. मेरी इच्छा उसको चोदने के लिए बढ़ती ही जा रही थी. एक बार मेरे मम्मी डैडी मामा के घर गए हुए थे और हम दोनों घर पर अकेले थे.

मैंने अपनी हरकतें फिर से शुरू कर दीं जैसे कि उसके बूब्स को हाथ लगाना और बात बात पर उसके चूतड़ सहला देना. पुष्पा जानबूझकर भी अनजान बनने का नाटक करती रही. उस शाम को मैंने एक बहुत ही हॉट पिक्चर देखी और मैं बहुत गरम हो गया. घर आकर मैंने सारे कपड़े उतार दिए और एक पजामा पहन लिया. मैंने देखा कि मेरी प्यारी बहना स्कर्ट और टॉप पहन कर सोई हुई है. क्योंकी मम्मी डैडी मामा के घर दो दिन के लिए गए हुए थे, घर पर हम दोनों के अलावा कोई नहीं था. मैंने मौके का पूरा फायदा उठाने की सोची. मैं धीरे से उसके पास गया और उसको पुकारा पुष्पा …उसने कोई जवाब नहीं दिया. वो शायद गहरी नींद में सोई हुई थी. उसके हलके खर्राटे की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था. मैं चुपचाप उसके पास आ कर बैठ गया और उसके शरीर को देखता रहा. उसकी स्कर्ट थोड़ा उपर की ओर हो गयी थी और उसकी गोरी गोरी टाँगें और जाँघें चमक रही थीं. मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो गया. मुझसे रहा नहीं गया. मैं धीरे धीरे उसकी टाँगें सहलाने लगा. फिर मेरा हाथ उसकी जाँघों पर रेंगने लगा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. डरते डरते मैंने पुष्पा के बूब्स भी सहला दिए. इन सबसे बेखबर मेरी प्यारी सेक्सी बहना गहरी नींद में सोई हुई थी. फिर मैंने पुष्पा की स्कर्ट पूरी ऊपर तक उठा दी. उसने वाईट रंग की पैंटी पहन रखी थी. मैं उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा.

मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. उस वक्त मैंने सिर्फ पजामा पहना हुआ था और उसके नीचे अंडर वीयर भी नहीं पहना हुआ था. मैंने अपना पजामा उतार दिया और पूरा नंगा होकर लंड को हाथ में लेकर मसलने लगा. फिर मैंने उसकी पैंटी के साईड से उसकी चूत में ऊँगली करने लगा. इससे मेरी बहन जाग गयी. वो घबरा कर बोली, हाय भैया ये आप क्या कर रहे हैं? आपको अपनी बहन के साथ ऐसा करते हुए शर्म नहीं आती? मैं कुछ नहीं बोल पाया. फिर पुष्पा का ध्यान मेरे खड़े हुए लंड पर गया. वो हैरानी से उसे देखने लगी. मेरी घबराहट में लंड सिकुड़ गया और बहुत छोटा सा रह गया. वो बोली अरे भैया ये बड़े से इतना छोटा कैसे हो गया? मेरी बहन के मेरे लंड की तरफ देखने से मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. अब तो पुष्पा की हैरानी की सीमा न रही. मैंने अपना तन्नाता हुआ लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और कहा लो इससे खेलो. थोड़ा हिचकिचाने के बाद मेरी बहन ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसको हिलाने लगी. वो काँपती आवाज़ में बोली भैय्या कोई आ जाएगा तो?

मैं बोला, पगली रात को कौन आएगा? चल मिल कर मज़ा करते हैं. अब वो कुछ नहीं बोली और उसने अपना मुहं मेरी छाती में छुपा लिया. मैं उसके मुम्मे दबाने लगा. पुष्पा के नाज़ुक होंठों को मैं अब चूसने लगा. अब वो सी सी सीत्कार करने लगी और हाय भय्या, जरा धीरे से……ओह मज़ा आ रहा है…..जैसी कामुक आवाजें निकलने लगी. उसे खड़ा करके मैंने उसकी टी शर्ट उतार दी. उसने नीचे से ब्रा नहीं पहनी हुई थी. हाय दोस्तों क्या बताऊँ अपनी बहन की नंगी चुची देख कर मैं जैसे पागल सा हो गया. उधर मेरी बहन शर्म से लाल हुई जा रही थी और उसने अपनी चुचियों को दोनों हाथों से ढक रखा था. मैंने धीरे से उसकी स्कर्ट भी खोल दी. अब वो सिर्फ वाईट रंग की पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी. मैंने उसे अपने साथ चिपटा लिया और उसके लिप्स पर किस करने लगा. मैंने बड़े प्यार से अपनी बहन के दोनों हाथ उसकी चुचियों से हटाये और उनको देखने लगा.

कमरे में लाइट नहीं जल रही थी और थोड़ी सी रौशनी बहार के लेंपपोस्ट से आ रही थी. इस हलकी रौशनी में पुष्पा का सेक्सी बदन दूध की तरह चमक रहा था. मैंने हाथ बढ़ा कर पास में लाइट का स्विच ऑन कर दिया. पुष्पा बुरी तरह से शर्मा कर अपने बदन को सिकोड़ कर बेड पर बैठ गयी और बोली, प्लीज़ भय्या, लाइट बंद कर दो, मुझे बहुत शर्म आ रही है. मैं मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ा और बोला, प्यारी बहना शर्माओ मत आज मुझे जी भर के देखने दो. हाय तुम्हारा ये बदन संगमरमर के जैसा है. तुम इतनी सेक्सी हो की कोई भी तुम्हें देख के दीवाना हो जाए. मैं उसकी पीठ सहला रहा था. उसके रेशम जैसे बाल उसकी चेहरे और छाती को ढके हुए थे. मैंने उसकी जुल्फों को चेहरे से हटाया और उसके लिप्स पर किस करने लगा. फिर मैंने दोनों हाथ उसकी चुचियों से हटाये और उनको दबाने लगा. पुष्पा के निप्प्ल तने हुए थे. मैंने एक एक करके उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. मेरी बहन मस्त हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगी. मैं बेड के किनारे पर खड़ा हो गया और अपना फनफनाता हुआ लंड उसके मुहं के पास ले जा कर मैंने उसके होठों को छुआया. पुष्पा लिपस्टिक की तरह मेरे लंड के सुपाड़े को अपने नाज़ुक होठों पर फेरने लगी.


मैंने कहा, इसे मुहं में ले लो और चूसो. मेरी बहन ने बड़े प्यार से मेरे लंड का सुपाड़ा मुहं में ले लिया और चूसने लगी. आह दोस्तों उस वक्त मैं सातवें आसमान पर पहुँच गया. इतना मज़ा आ रहा था की मैं क्या बतायूं. मेरा लंड मेरी प्यारी सेक्सी बहन के मुहं में अंदर बाहर हो रहा था. उस वक्त मैं उसके संतरे के साईज़ के मुम्मे दबा रहा था. लंड चूसते हुए मेरी सगी बहन पुष्पा क्या मस्त लग रही थी. बार बार उसके चेहरे पर जुल्फें आ जाती थीं जिनको मैं पीछे कर के उसके सुन्दर चेहरे को देख कर अपना लंड उस से चुसवा रहा था और जोश में आकर बोल रहा था हाय चूसो मेरी प्यारी बहना. अंदर तक लो. बड़ा मज़ा आ रहा है आ….आ….आ….आ…ह मैंने फिर उसे खड़ा किया और अपने सीने से चिपटा लिया.

उसके मुम्मे मेरी छाती से दबे हुए थे. मैं उसके होंठ चूस रहा था और मेरे दोनों हाथ उसके चूतड़ों को पैंटी के अंदर हाथ डाल कर दबा रहा था. मैंने धीरे से उसकी पैंटी नीचे सरका दी. पुष्पा वासना में बेसुध सी होकर मेरी बाहों में नंगी खड़ी थी पर पैंटी नीचे खिसकते ही जैसे वो होश में आई – नहीं भैय्या नीचे कुछ मत करना. मैंने उसकी न सुनते हुए उसकी पैंटी घुटनों तक नीचे कर दी और साथ ही उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर उसकी आँखों में आँखें डालकर पूछा – तू मुझे प्यार करती है या नहीं? इस पर मेरी प्यारी बहना बोली – मैं आपकी अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हूँ. मैं उसकी चूत में उंगली डाल कर बोला – तो मेरी प्यारी बहन, अपनी चूत मुझे दे दे.

पुष्पा : हाय भैय्या मुझे डर लगता है. सुना है, बहुत दर्द होता है.

मैं (प्यार से उसकी चुची मसले हुए): मैं तेरा सगा भाई हूँ, तुझे कोई दर्द नहीं दूँगा.

पुष्पा (मेरा लंड पकड़ते हुए): पर भैय्या ये तो बहुत बड़ा है.

मैं: चिंता मत कर, चूत में से तो बच्चा भी निकल आता है, फिर इस लंड की क्या बिसात?

पुष्पा (हँसते हुए): तो आप आज बहनचोद बनके ही रहोगे?

मैं पुष्पा के मुहं से पहली बार गाली सुनकर और भी उत्तेजित हो गया और बोला: हाँ मेरी प्यारी बहना, तेरी चूत मैं मारूंगा और जी भर के तुझे चोदुंगा.

पुष्पा जो थोड़ी देर पहले शर्म से मरी जा रही थी अब खुल कर गन्दी गन्दी बातें करने लगी. उसने मेरा लंड पकड़ा और कमरे से बाहर की ओर जाने लगी. मेरे लंड के साथ मैं भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा. वो एक अलमारी के पास गई और मुझे इशारा किया उसको खोलने के लिए. अंदर वोदका की बोतल थी जो मेरे पापा कभी कभी पीते थे. मैंने पीछे से उसके चूतड़ दबाए और पूछा – तो पीने का मन कर रहा है?

पुष्पा : थोड़ा डर कम हो जाए इसलिए, वर्ना मैंने कसम से भय्या कभी नहीं पी.

मैं: तू इतना डरती क्यों है?

पुष्पा : आपसे नहीं डरती, आपके लंड से डरती हूँ. देखो न छोटा होने का नाम ही नहीं ले रहा.

पुष्पा की बात सही थी. रात के ग्यारह बज चुके थे और हमें लगभग तीन घंटे एक साथ एक दूसरे के नंगे बदन से खेल रहे थे. अब तक मेरी सगी बहन मेरे से बहुत खुल चुकी थी. हालांकि हमने चुदाई नहीं की थी, लेकिन पुष्पा दो बार झड़ चुकी थी और मैं एक बार अपना सारा वीर्य उसे पिला चुका था. हम दोनों ने वोदका का एक एक पेग ले लिया. पुष्पा अब बहुत सुंदर और सेक्सी लग रही थी. मैं उसे बहुत नज़दीक से महसूस कर रहा था. मैंने प्यार से अपनी बहना को बेड पर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ गया. मैंने अपनी जीभ उसके मुहं में डाल दी और किस करने लगा. उसके मुम्मे मेरी छाती में दबे हुए थे. मेरा लंड बार बार उसकी चूत से टकरा रहा था. मैंने उसके दोनों टांगें चौड़ी कर दीं और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर टिका दिया. अआआह क्या मज़ा आ रहा था दोस्तो. मैंने धीरे धीरे पुष्पा की चूत में अपना लंड पेलना शुरू किया. पुष्पा की चूत काफी गीली थी और मेरा आधा लंड उसमें घुस गया. अब मेरी बहना को थोड़ी तकलीफ होने लगी. पर वोदका का नशा उस पे हावी था. मैंने अपना लंड थोडा सा बाहर निकाला और एक झटके में सारा अंदर डाल दिया. पुष्पा के मुंह से घुटी घुटी सी चीखें निकलने लगीं. पर मेरे लिप्स उसके लिप्स से सटे हुए थे इसलिए कोई आवाज़ बाहर नहीं निकल सकी. मैं दना दन अपनी बहना की कुंवारी चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था. पुष्पा घुटी घुटी चीखें निकाल रही थी. थोड़ी देर बाद मेरी प्यारी बहना को भी मज़ा आने लगा और वो भी चूतड़ उछाल उछाल कर मेरे साथ चुदाई का मज़ा लेने लगी.

पुष्पा : आह भय्या मज़ा आ गया और तेज……….जोर से ……….ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.

मई (हाँफते हुए): हाय क्या मस्त चूत है यार तेरी…..अह्ह्ह पुष्पा …..मेरी बहन…..आज से तू मेरी है…..

पुष्पा : हाँ भय्या…..आज से मैं आपकी हूँ…….मुझे रोज चोदा करोगे?

मैं: ये भी कोई ना कहने वाली बात है?

मेरे धक्के और तेज होते चले गए और कुछ देर में ही हम दोनों भाई बहन झड़ गए. मैं हाँफते हुए पुष्पा के उपर ही लेट गया. थोड़ी देर बाद हम दोनों ने उठकर एक साथ शोवर के नीचे स्नान किया. पुष्पा की चूत से काफी खून निकला था. हमने चादर रात को ही धो दी. और उसके बाद नंगे ही एक दुसरे से लिपट कर सो गए.
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: काजल और पुष्पा की चुदाई

Post by jay »

अगले दिन पुष्पा नें हमारी चुदाई की सारी बात काजल को बता दी. मैं अब जब भी मौका मिलता तो पुष्पा को चोद लेता था. पर हम लोगों को घर में चांस बहुत कम मिलता था. मेरी पुष्पा को चोदने की इच्छा बढ़ती जा रही थी पर घर पर सब लोग होने की वजह से हम चुदाई नहीं कर पाते थे. फिर मैंने काजल के भाई कमल को भी अपने ग्रुप में लेने का प्लान बनाया. मैंने कमल से कहा कि यार आजकल चुदाई करने का बहुत मन करता है. कमल बोला, उस लड़की को बुला जिस के साथ तुने मेरे साथ चुदाई करवाई थी. मैं हंस कर बहाना बना कर बोला कि वो अपने गाँव चली गयी है. कमल का भी बहुत मन कर रहा था. मैंने उससे कहा कि यार एक काम करते हैं. तू मेरी बहन से सेक्स कर ले और मैं तेरी बहन से सेक्स कर लेता हूँ. ये सुन कर कमल भड़क गया और गुस्से से बोला, साले तेरी इतनी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहन के बारे में ऐसा बोलने की. दोस्ती इसको कहते हैं? मादरचोद, मेरी बहन पर बुरी नजर डालता है? कमल नें मुझे और भी बुरा भला कहा. पर मैं शांती से उसकी सुना रहा.

कमल और मैं बचपन के दोस्त थे और एक दुसरे को अच्छी तरह से समझते थे. कमल मेरी बहन को सगी बहन की तरह से प्यार करता था और हर साल उस से राखी भी बंधवाता था. उसका गुस्सा जायज़ था. मैंने कमल को समझाया, यार देख हमारी दोनों बहनें जवान हो चुकी है. उनको भी तो चुदाई की इच्छा होती होगी? वो बाहर कहीं मुहं मारें तो क्या तुझे अच्छा लगेगा? कमल गुस्से में भन्नाया बैठा रहा. मैंने कमल को बहुत समझाया बुझाया और दो बीयर पिलाने के बाद कमल के मन में ये बात बैठा दी कि यही एक आसान सा रास्ता है जिससे हम मज़ा भी कर सकते हैं और घर की बात घर में ही रहेगी. फिर मैंने उसे पुष्पा के बारे में उसे बताया कि वो कितनी सेक्सी है. उसके बूब्स, चिकनी चूत और गोल गोल चूतड़……ये सब सुन कर कमल गर्म हो गया और वासना से अपना लंड मसलने लगा. मैं बोला कि अगर मुझे मौका मिल जाए तो मैं भी पुष्पा को चोदना चाहता हूँ.

कमल हैरानी से मुहं फाड़े मुझे देखने लगा. वो बोला, तू पागल तो नहीं हो गया? मैं हंस कर बेशर्मी से बोला, साले तू नहीं समझेगा. तुने कभी मेरी बहन पुष्पा के हुस्न के बारे में सोचा है? उसकी मस्त चुचियाँ, जांघें, गोरा गोरा बदन और चिकनी चूत देखी है? एक बार उसे नंगी देख लेगा तो तेरा लौड़ा उसे सलाम करने लगेगा. मेरा तो लंड उसे देख कर रोज खड़ा हो जाता है और मैं उसके नाम की रोज मुठ भी मारता हूँ. वो तो मुझे मौका नहीं मिल रहा वरना मैं कब तक उसे चोद चुका होता (मैंने जान बूझकर कमल को नहीं बताया कि मैं अपनी प्यारी सगी बहना पुष्पा को चोद चुका हूँ, और वो भी अपनी बहन अनजाने में चोद चुका है). ये सब बातें सुन कर अब तक वो वासना और बीयर के नशे में डूब चुका था. उसे अब पुष्पा का नंगा जिस्म सामने दिखाई देने लगा और सिसकते हुए बोला, हाँ यार…..पुष्पा वाकई मस्त माल है, मैंने उसे इस नजर से कभी नहीं देखा था.

अगर तुझे कोई प्रोब्लम नहीं है तो मैं उसे जरुर चोदना चाहूँगा. मैंने देखा कि कमल का लंड बुरी तरह से खड़ा हो गया है और वो बीयर के नशे मैं बडबडाने लगा, हाय पुष्पा कितनी सेक्सी है यार प्लीज़ अपनी बहन की चूत दिलादे यार. मैं खुशी से बोला, हाँ यार चोद ले मेरी बहना को पर मैं भी तेरी बहन को चोदना चाहता हूँ. कमल थोडा हिचकिचाया पर फिर मान गया. अंत में कमल हथियार डाल के बोला, ओके यार कर डालते है. पर अपनी बहनों को कैसे मनायेंगे? साले मार मत पड़वा देना. मैं बोला, वो सब तू मुझ पर छोड़ दे.
कुछ दिन बाद रक्षा बंधन का त्यौहार था. कमल और काजल ने हम दोनों को राखी बांधी. पुष्पा कनखियों से मुझे देख रही थी. मानों पूछ रही थी कि क्या अब भी राखी बंधवाओगे? मैं चुपचाप राखी बंधवा रहा था. काजल भी खामोश थी. उसे भी बहुत अजीब लग रहा था, क्योंकी वो भी अपने सगे भाई से चुद चुकी थी. कमल पुष्पा से राखी बंधवाते समय थोडा हिचकिचाया, पर मैंने उसे इशारा कर दिया कि चुपचाप राखी बंधवा ले. इसके बाद हमारी दोनों बहनों ने हमारी आरती उतारी और राखी का गिफ्ट माँगा. मैंने कहा कि गिफ्ट शाम को मिलेगा. हमने एक पार्टी रखी है जिसमें तुम दोनों को शाम को आना है. मैंने अपने दोस्त के एक खाली फ्लैट की चाबी ले ली थी और उसमे बीयर पहले से ही रख दी थी.

शाम को चार बजे हमारी दोनों बहनें सज धज कर हमारी बाईक्स पर बैठ कर हमारे साथ चल पड़ीं. मेरे कहने पर काजल मेरे साथ और पुष्पा कमल के साथ बैठी. अभी तक हमने अपना प्लान उन दोनों को नहीं बताया था. मैं काजल और पुष्पा को सरप्राइज़ देना चाहता था. हाँ कमल को मैंने सब कुछ बता दिया था और पहले से ही कह दिया था दिया था कि चाहे ज़बरदस्ती करनी पड़े, हम आज दोनों को चोद कर रहेंगे.

कमल बहुत उत्साहित था. वो बड़े कामुक अंदाज़ से पुष्पा को बार बार दख रहा था. पुष्पा के बूब्स बहुत तने हुए थे. उसने चुन्नी भी नहीं पहन रखी थी. लाल रंग के सलवार सूट में वो गज़ब की क़यामत ढा रही थी. काजल नें भी गुलाबी रंग की सूट सलवार पहन कर मेरे अंदर हलचल मचा दी थी.

अपने दोस्त के फ्लैट में आते ही मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया और बीयर की बोतलें निकाल लीं. काजल बीयर नहीं पीती थी. उसने कमल की तरफ देखा. कमल बोला, आज जश्न का दिन है, इसलिए तुझे थोड़ी सी पीनी पड़ेगी. हमने उन दोनों को जिद करके दो दो ग्लास बीयर के पिला दिए. हमारी दोनों बहनें मस्त हो गयीं और बीयर के नशे में हंस हंस कर बातें करने लगीं. मैं हंस हंस कर बारी बारी से पुष्पा और काजल को छेड़ने लगा. कभी मैं उनकी चुचियाँ दबा देता तो कभी गाल पर पप्पी ले लेता. दोनों लडकियां मदहोश हुए जा रही थीं.

मैंने पुष्पा के बूब्स दबाते हुए कहा, यार कमल देख क्या मस्त जवानी है मेरी प्यारी बहना की. पुष्पा मचलते हुए मेरे हाथ हटा कर बोली, अरे छोडो न भय्या क्या करते हो? कुछ तो शर्म करो. काजल भी अपने भाई के सामने ये सब होता देख कर काफी अजीब सा महसूस कर रही थी. हम दोनों दुसरे कमरे में चले गए और हमने अपने सारे कपडे उतार दिए. हमारे तन पर सिर्फ अंडर वीयर बचे थे. हम दोनों के लंड तने हुए थे और अंडर वीयर में उभरे हुए साफ़ दिखाई दे रहे थे. हमदोनों नें एक एक बीयर पी ली. जब हम लोग वापस आये तो वहाँ का नज़ारा देख कर दंग रह गए.

हमारी दोनों बहनें एक दुसरे को लिप्स किस कर रही थीं और एक दुसरे के बूब्स मसल रही थीं. मैं बोला, देख कमल, मैं ना कहता था कि हमारी बहनें जवान हो चुकी हैं? हम दोनों को देख कर पुष्पा और काजल छिटक कर अलग हो गयीं. मैं आगे बढ़ा और काजल की चुचियाँ दबाते हुए बोला, मेरी जान मुझे भी थोड़ी दबाने दो. काजल भाई के सामने शर्म से पानी पानी हो गयी, और बोली, हाय भय्या छोड़ दो. कमल भी पुष्पा की तरफ बढ़ा और उसके गालों पर किस करने लग. पुष्पा हल्का हल्का विरोध का रही थी. मैंने कमल से बोला, यार चल आज हम अपनी बहनों को राखी का गिफ्ट दे देते हैं. इतना कह कर मैंने अपना अंडर वीयर उतार दिया. देखते देखते कमल नें भी अपना अंडर वीयर उतार दिया और पुष्पा पर टूट पड़ा. पुष्पा ना ना करती रही, पर कमल नहीं रुका. वो जोर जोर से मेरी बहन की चुचियाँ दबाने लगा. मैं भी काजल के साथ चिपक गया और उसके लिप्स पर किस करने लगा.

दोनों लडकियां अब थोड़ी थोड़ी उत्तेजित हो रही थीं, पर सब लोग एक कमरे में होने से वो हिचकिचा रही थीं. मैं सब समझ गया. मैंने काजल को गोद में उठा लिया और उसे दूसरे कमरे में ले गया. काजल अपने भाई के सामने विरोध का नाटक कर रही थी. हाँ पुष्पा का विरोध असली था, पर उसमें दम नहीं था.

मैं दुसरे कमरे में काजल के साथ लिपट गया और उसके लिप्स पर किस करने लगा. काजल मुझे परे हटाते हुए बोली, कमल भय्या मेरी जान ले लेंगे. मैं हँसते हुए बोला, चिंता मत कर मेरी जान, हमारी डील हो चुकी है. काजल नें हैरानी से पूछा, कैसी डील? फिर मैंने काजल को सारी बात बात बता दी. काजल अब निश्चंत हो कर मेरा साथ देने लगी. मैंने बड़े आराम से काजल के सारे कपडे उतार दिए. वो मेरे सामने अब पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. मैं उसके बदन को बेतहाशा चूमने लगा. काजल अब सिसकारियाँ भर रही थी.

उधर कमल भी मेरी प्यारी बहना की मस्त जवानी का मज़ा लूट रहा था. पुष्पा का विरोध समाप्त हो चुका था और वो भी कमल का साथ दे रही थी. मैंने काजल की मस्त चुचियाँ अपने मुहं में ले लीं और एक एक करके उनको चूसने लगा. काजल ने भी मस्ती में आकर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी. काजल बोली, भय्या एक बात बताऊँ? मैं बोला हाँ बोलो. काजल बोली, उस दिन कमल भय्या के साथ मज़ा नहीं आया और उसकी सील भी नहीं टूटी. मैं हैरान हो गया और पूछा कि ये कैसे हुआ? काजल ने बताया कि कमल का लंड जल्दबाजी में पूरा अंदर नहीं गया था और जल्दी झड़ गया था. वो उस दिन प्यासी की प्यासी ही रह गयी थी.

मैं सुन कर मन ही मन बहुत खुश हुआ कि मुझे आज एक कुंवारी चूत चोदने को मिलेगी. मैं उसकी चूत सहलाता हुआ बोला, चिंता मन कर मेरी रानी आज मैं तुझे जी भर के चोदुंगा. मैं उसके पूरे बदन को चूमता रहा. काजल को बेड पर लिटा कर मैंने उसकी दोनों टांगें खोल दीं. उसकी कुंवारी अनचुदी चूत को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसकी शेव की हुई चूत की दोनों फांकों को खोल कर मैंने उनमें अपनी जीभ घुसा दी. मैं बड़ी मस्ती से काजल की चूत चाटने लगा. काजल भी चूतड़ उठा उठा मेरा साथ देने लगी. थोड़ी ही देर में काजल झड़ गयी. मैंने काजल का सारा रस चाट चाट कर पी लिया.
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Re: काजल और पुष्पा की चुदाई

Post by jay »

अब मैं उठ कर दुसरे कमरे में देखने गया कि वहाँ क्या हो रहा है. मैंने देखा कि पुष्पा बड़े मज़े से कमल का लंड चूस रही है. कमल नें उसके बाल पकडे हुए थे उन दोनों के मुहं से कामुक आवाजें निकल रही थीं. मैंने भी वापस आते ही अपना लंड काजल के मुहं में ठूंस दिया. काजल नें थूक लगा कर मेरा लंड गीला किया और फिर मज़े से लोलीपोप की तरह चूसने लगी. मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया. करीब दस मिनट में ही मैं झड़ गया. काजल मेरा सारा माल चाट कर साफ़ कर गयी. अब मैंने काजल की दोनों टांगें फैला दीं और अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पे टिका दिया. काजल की चूत पहले से ही गीली थी. थोडा सा जोर लगाते ही मेरा लंड अंदर चला गया. काजल कराहते हुए बोली, जरा आराम से भय्या. मैंने उसकी बात अनसुनी करते हुए पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया और बड़े जोर शोर से उसकी चुदाई करने लगा. कुछ देर तक काजल कराहती रही फिर बाद में मज़े से चुदाई का आनंद लेने लगी. हमारी आवाजें बाहर तक आ रही थीं. काफी देर अक चुदाई करने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. मैं थक कर काजल के मखमली बदन पर लेट गया. हम लोग पसीने से तर बतर हो चुके थे.

मैंने बड़े प्यार से काजल के गाल पर चुम्मा दे कर पूछा, मज़ा आया मेरी जान? काजल नें शर्माते हुए मझे अपने सीने से भींच लिया और हाँ में गर्दन हिलाई. हमने देखा की चादर खून से लाल हो गई है, यानी काजल कुंवारी लड़की से औरत बन चुकी थी. हम लोगों ने जल्दी से चादर धोई और एक साथ बाथरूम में नहाये. काजल थक कर सो गई और मैं उठ कर दुसरे कमरे में गया.

वहाँ पर मैंने देखा कि कमल मेरी बहना पुष्पा को घोड़ी बना कर चोद रहा है. पुष्पा के बूब्स लटके हुए आम जैसे दिख रहे थे, जिन्हें कमल बीच बीच में दबा रहा था. मेरे देखते देखते वो दोनों भी झड़ गए. मैंने कमल से पूछा, मज़ा आया मेरे यार? कैसी लगी मेरी बहना की प्यारी चूत? कमल पूरा सन्तष्ट नज़र आ रहा था. वो बोला, हाँ यार, बहत मज़ा आया. तेरी बहन तो सचमुच मस्त है. इसकी चुदाई करके मुझे वो मज़ा आया जो कि मैंने जिंदगी में कभी नहीं लिया. उस दिन तो जल्दबाजी में और घबराहट में मुझे मज़ा नहीं आया था पर तेरी बहन के साथ तो मैं जैसे जन्नत का मज़ा ले रहा हूँ.

पुष्पा थक कर उल्टी लेटी हुई थी. मैंने बड़े प्यार से पुष्पा को सीधी लिटा दिया और साथ में बगल में लेट गया. कमल भी दुसरी तरफ लेट गया. हम दोनों बड़े प्यार पुष्पा की चुचियाँ सहलाने लगे. हमारे दोनों हाथों में पुष्पा की बांधी हुई राखी थी. ये देख कर मुस्कुरा कर पुष्पा बोली, क्या भय्या, आप लोग कैसे हो? जिस हाथ में मेरी राखी बंधी हुई है उसी हाथ से मेरी इज्ज़त से खेल रहे हो. आपको तो मेरी रक्षा करनी चाहिए. मैं पुष्पा के सर पर हाथ फेरता हुआ बोला, मेरी रानी, हम तेरी रक्षा करेंगे. कोई माई का लाल हमारे होते हुए तुझे छू नहीं सकेगा. पुष्पा बहुत खुश हुई और बाथरूम में नहाने चली गई.

नहाने के बाद पुष्पा टोवल लपेट कर बाहर आयी. फिर कमल बाथरूम में घुस गया. जाते जाते उसने पुष्पा का टोवल खेंच लिया. पुष्पा नंगी मेरे सामने खड़ी थी. कमल बोला, आज सच में रक्षा बंधन मनाना है तो चोद डाल अपने सगी बहन को. क्यों हिम्मत है? है दम तेरे लौड़े में? ये कह कर कमल हँसता हुआ बाथरूम में घुस गया. मैंने तुरंत पुष्पा को अपनी बाँहों में भर लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा.पुष्पा भी मुझे यहाँ वहाँ किस करने लगी. मेरा लंड फिर से तन गया. मैंने प्यार से अपनी बहना की आँखों में झांककर देखा और पूछा, क्यों? आज चुदेगी मुझसे? राखी वाले दिन? आज मैं तुझे बहुत प्यार करना चाहता हूँ. पुष्पा ने हाँ में गर्दन हिलाई और मेरे लंड को सहलाने लगी. अब मैं उसकी बूब्स मसलने लगा और उसकी चूत में उंगली करने लगा.

पुष्पा बहुत उत्तेजित हो गयी और उसने झट से नीचे झुक कर मेरे लंड का सुपाड़ा अपने मुहं में ले लिया और जोर जोर से उसे चूसने लगी. मैं सिसक उठा, हाय ….चूस मेरी प्यारी बहन…..ये तेरा यार है…..फिर मैंने उसे 69 पोसिशन में कर के उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.


इस बीच कमल आ गया. हम लोगों को इस तरह देख कर उसका लंड भी खड़ा हो गया. मैंने पोसिशन बदली और पुष्पा को नीचे लिटा कर उसकी चूत में दनादन अपना लंड पेलने लगा. मैं बडबडाने लगा…ले मेरी जान…राखी का तोहफा….अपने भाई का लंड….देख…कैसे अंदर बाहर आ जा रहा है….अह्हह्ह….ओह्ह्ह्ह….कमल नें भी अपना लंड मेरी प्यारी बहना के मुहं में डाल दिया और उससे चुसवाने लगा.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया. मेरे हटते ही कमल ने अपना लंड पुष्पा की चूत में घुसेड दिया और मैंने अपना लंड अपनी बहना के मुहं में डाल दिया. पुष्पा मेरे और अपने रस से गीले लंड को जोर जोर से चूसने लगी. मैं थक कर थोड़ी देर के लिए सुस्ताने लगा. पुष्पा की वासना चरम सीमा पर थी. वो सिसकियाँ भर भर कर बोली…हाय मेरे भाईओ…आज रक्षा बंधन का असली त्यौहार मना है….चोदो मुझे…जी भर के…अपने बहन की चूत फाड़ दो….राखी का फर्ज निभाओ….जोर से करो…आह…मर गयी….मेरा निकल गया….ओह्ह्ह्ह्ह…….पुष्पा और कमल एक साथ मेरे सामने झडे.

अपनी सगी बहन को रक्षा बंधन के दिन किसी दुसरे से चुदते देख कर मुझे जरा भी शर्म या गुस्सा नहीं आया, बल्कि खुशी ही हुई..हमारा नशा अब उतर चुका था. सब लोगों ने फिर से नहा लिया. हम अब काफी तारो ताज़ा लग रहे थे.
उधर काजल आज सही मायनों में पहली बार चुदी थी, इसलिए अभी तक सोई हुई थी. कमल नें उसे जाकर जगाया. काजल नंगी ही लेटी हुई थी. कमल के आने पर वो घबड़ा गयी और एक चादर अपने उपर ले कर सर झुका कर बोली, भय्या आप बाहर जाओ, मैं कपडे पहन कर आती हूँ. कमल का मन हुआ कि वो जी भर के अपनी सगी बहना की चूत चाटे और उसकी चुचियाँ दबा दे. पर दो तीन बार चुदाई करके और पुष्पा से मुहं में झड़वा के काफी थक चुका था. वैसे भी रात के आठ बज चुके थे, और हमारे घर वापस जाने का टाइम हो चला था. कमल चुपचाप बाहर आ गया. मैंने मजाक में पूछा, अपने बहन को नहीं चोदेगा? देख मैंने तो चोद लिया. साले तू भी रक्षा बंधन मनाले. कमल मुस्कुरा कर बोला, आज नहीं फिर कभी. काजल को तो मैं हमारे घर में कभी भी चोद लूँगा. ये बात बाहर आती हुई काजल ने सुन ली. कमल सकपका गया. पर काजल मुस्कुरा दी. यानी उसे अपने भाई से दुबारा चुदने में कोई ऐतराज़ नहीं था. अब हम लोग अपने अपने अपने घर को लौट गए
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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