मेरे दोस्त अमन की माँ और दीदी

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pongapandit
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मेरे दोस्त अमन की माँ और दीदी

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मेरे दोस्त अमन की माँ और दीदी

मेरा दोस्त अमन और मैं कॉलेज में साथ में पढ़ते हैं। मैं कभी कभी उसके साथ उसके घर में आता जाता रहता हूँ। अमन के घर में उसकी 55 साल की माँ नयना, 26 साल की उसकी बहन सुषमा रहती है, उसके पिताजी प्रभाकर किसी बड़ी कम्पनी में विदेश(अमेरिका) में कार्यरत हैं।

अमन काफी अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है। उसका घर भी काफी बड़ा है। मैं उसके घर पहली बार उसी के साथ गया तो हमारा स्वागत एक बूढ़ी औरत ने किया जो अमन की माँ नयना है। आंटी है तो बूढी लेकिन आंटी का सुडौल बदन देखकर आज भी कई लोग मुट्ठ मारते हैं।
आंटी ने गुलाबी रंग की चिपली फिसलनदार नाईटी पहन रखी है, आंटी का बदन मोटा है और बूब्स सुडौल है, बूब्स का आकर नाईटी में स्पष्ट पता चल रहा है, आंटी दिखने में दूध की तरह गोरी-चिट्टी लगभग 53 से 55 साल के मध्य की सुन्दर मोटी औरत है जिसने मांग में सुर्ख लाल रंग का सिंदूर भरा हुआ है।
हाथों में लाल रंग की चूड़ियाँ पहनी हुयी है, हाथों और पैरों के नाखूनों में गुलाबी रंग की नेल पोलिश आंटी के सेक्सिपन में 4 चाँद लगा रही है, आंटी के गले में एक सोने की चेन और मंगलसूत्र है, मतलब पूरी तरह से एक परफेक्ट सुशील, शादीशुुदा, संस्कारी भारतीय नारी के लक्षण आंटी में विद्यमान हैं।
पहली बार आंटी को देखने में ही वो मेरी नज़रो में चढ़ गयी, उसकी ख़ूबसूरती से मेरी आँखें चकाचौंध हो गयी और मेरे मन में अपने दोस्त की माँ के बारे में गंदे, हवसपूर्ण विचार पनपने लगे, आंटी ने दरवाजा खोलकर अमन और मेरा वेलकम किया।
नयना(मुझे पूछते हुए)- वेलकम बेटा, कैसे हो, नाम क्या है आपका ?
मैं- नमस्ते आंटी, मेरा नाम पंडित है।
अमन(मुझे बताते हुए)- ये मेरी मॉम है पंडित भाई।
मैं- हाँ भाई पता है तेरी मॉम है, और कौन होगी वरना।
नयना- अमन बेटा कभी मिलवाया नहीं तुमने मुझे पंडित से।
अमन- तो आज मिल लो मॉम।
आंटी- अरे बच्चों बाहर ही खड़े खड़े सब बाते करोगे या अंदर भी आओगे, चलो अंदर आओ जल्दी से, अंदाजा लगाओ मेने तुम्हारे लिए क्या बनाया है ? पंडित पहले तुम बताओ बेटा।
मैं- पता नहीं आंटी जी, आप ही बता दो।
आंटी- अरे ऐसे थोड़े ही होता है, जरा सोचो तो सही, तुम बताओ अमन बेटा।
अमन- मॉम आई थिंक आपने इडली बनायीं है।
आंटी- वाव।।। सो इंटेलीजेंट अमन, अच्छा ह्यूमर है तुम्हारा।
अमन(इतराते हुए)- वो तो बचपन से ही है, लेकिन कभी घमंड नहीं किया।
(हम सब हंसने लगते है और इसके बाद आंटी हमारे लिए इडली लाती है और हम बड़े चाव से इडली खाते हैं। बहुत ही लाजवाब इडली बनायीं थी आंटी जी ने। मेरे जाने का समय हो गया था, लेकिन आंटी ने मुझे वहीँ रुकने को कहा)
मैं- ओके आंटी मैं चलता हूँ।
आंटी- अरे बेटा इतनी जल्दी, आज यही रुक जाओ, आराम करो, कल चले जाना।
अमन- हाँ पंडित भाई आज यहीं रुक जा, कल चला जइयो।
मैं- आप लोग इतनी जबरदस्ती कर रहे हो तो ठीक है। रुक जाता हूँ।
(आंटी खुश हो जाती है और मुझे अपने गले लगा लेती है जिससे कि आंटी के बूब्स मेरी छाती से दब जाते हैं और मेरा बदन सिहर उठता है और लण्ड खड़ा हो जाता है, ऐसी अनुभूति मुझे शायद ही पहले कभी हुयी हो, जब आंटी मुझ से गले लगी तो उनसे भीनी भीनी इत्र की खुशबु आ रही थी जैसे अमीर लोगों से आती है और आंटी इस बुढ़ापे की उम्र में भी गजब लग रही है, एकदम साफ़ चेहरा, साफ़ नाखून, गोरा बदन, गोरे हाथ पैर, अप्सरा जैसे लग रही है, अगर आप देखना चाहते हैं आंटी कैसी लगती है तो गूगल में “पून्नम्मा बाबू” मलयालम अभिनेत्री सर्च करना, अमन की मॉम नयना आंटी बिलकुल वैसे ही लगती है)
आंटी- ये.. आज पंडित यही रुकेगा.. क्या खायेगा पंडित डिनर में बताओ ?
मैं- कुछ भी बना देना आंटी, मैं सब कुछ खा लेता हूँ।
आंटी- आज तो स्पेशल बनेगा कुछ पंडित के लिए, अमन बेटा जा तू मार्केट से चिकन ले आ।
अमन- ठीक है मॉम। चल पंडित तू भी चल मेरे साथ।
आंटी- अरे पंडित को यहीं रहने दे, मेरे साथ गप्पे शप्पे मारेगा, पहली बार तो आया है।
अमन- ओके मॉम, मैं आता हूँ, पंडित को बोर मत करना आप प्लीज।
आंटी- अच्छा जी, दोस्त की इतनी चिंता और पंडित ने मुझे बोर कर दिया तो, मेरी चिंता नहीं है तुझे।
अमन(मेरी तरफ देखते हुए)- पंडित मेरी मॉम को भी बोर मत करना, मैं यूँ गया और यूँ आया।
मैं- तू फिक्र मत कर अमन भाई तेरी माँ मेरी माँ है मैं बोर नहीं होने दूंगा मॉम को।
आंटी- ओह कितने स्वीट हो तुम दोनों, आज से मेरे दो बेटे हैं, पंडित आज से मुझे माँ कहकर बुलाना ओके ?
मैं- ओके आंटी, ओह सॉरी मेरा मतलब ओके माँ।

(और हम सब हंसने लगते हैं और अमन बाजार चला जाता है, अब घर में सिर्फ मैं और आंटी अकेले थे, गप्पे मार रहे थे)
आंटी- पंडित बेटा और बता क्या क्या हॉबी हैं तेरी ?
मैं- बस माँ, कभी क्रिकेट, फुटबॉल खेल लेता हूँ, कभी कभी बाइक में कहीं अकेला दूर निकल जाता हूँ घूमने।
आंटी- ओह।। अच्छा, बाइक में अकेला क्यों जाता है गर्लफ्रेंड नहीं है क्या तेरी ?
मैं(शरमाते हुए)- नहीं माँ, कोई बनी ही नहीं अभी तक।
आंटी- तू कोशिश ही नही करता होगा पगले, वरना तू इतना हैंडसम,जवान है तुझ से लड़की न पटे ऐसा नहीं हो सकता। अमन की है कोई कॉलेज में पटाई हुयी?
मैं- नहीं माँ, वो भी मेरे ही जैसा है।
आंटी- उफ्फ्फ मेरे दोनों बेटे ऐसे सीधे साधे, साधू बाबा हो क्या जो नहीं पटाई अभी तक कोई, अभी तक तो तुमने बहुत कुछ कर देना था, तुमने तो नाक कटवा दी है सही में पंडित बेटा। दिक्कत क्या है क्यों नही पटाई अभी तक कोई तुमने।
मैं- अमन का तो पता नहीं माँ, लेकिन मुझे कोई पसंद ही नहीं आती।
आंटी- अच्छा कैसी लड़की पसंद है तुझे ?
मैं- आपके जैसी, जैसे आप हो मोटी सुडौल, खाते पीते घर से लगती हो। मुझे ऐसी लड़की ही पसंद है, कहीं मिलती ही नहीं।
आंटी- चल हट बदमाश कहीं का, मैं तो अब बूढी हो चुकी हूँ।
मैं- नहीं माँ आप सच मुच अभी भी जवान लड़कियों को टक्कर देती हो, मुझे तो आप पहली नज़र में पसंद आ गए थे सच्ची में। तेरी कसम।
आंटी- गंदे बच्चे, मुझे चने की झाड़ में चढ़ा रहा है, शर्म कर बेटा, अपने दोस्त की मम्मी पे डोरे डाल रहा है तू।
मैं- डोरे नहीं आंटी, आपको सच्चाई से वाकिफ करा रहा हूँ, आप बहुत खूबसूरत हो, अमन ने कभी कहा नहीं आपसे ?
आंटी- उसको कहाँ अपनी माँ की फिक्र है, लेकिन अब मेरा नया बेटा बना है तू, तेरे मुह से अपनी तारीफ सुन कर अच्छा लगा पंडित बेटा।
मैं- दीदी कहाँ है, अमन की दीदी भी है वो दिख नहीं रही।
आंटी- ओह अच्छा, सुषमा।। वो ऑफिस गयी है अभी आने वाली होगी, तू मिला है क्या उससे ?
मैं- नहीं नहीं आंटी, वो अमन ने मुझे मोबाइल में फोटो दिखायी थी।
(दरअसल कॉलेज में अमन ने मुझे अपने मोबाइल में उसकी दीदी की फोटो दिखाई थी जिसमे उसकी दीदी ने खुले गले का एक टॉप पहन रखा था, बाहें पूरी नंगी थी, बूब्स की घाटी दिख रही थी, बूब्स के ऊपर छाती में एक काला तिल था जो गोरे बदन की शोभा बढ़ा रहा था, टॉप इतना छोटा था कि अमन की दीदी की गहरी नाभी स्पष्ट दिख रही थी, वो फोटो देखते हुए मेरा लण्ड झटके मारने लगा था जिससे अमन बेखबर था, उसकी दीदी थोडा मोटी थी, गोरी थी लेकिन बहुत सेक्सी लग रही थी। उसकी दीदी की फोटो को याद करके मेने पता नहीं कितनी बार मुट्ठ मारी होगी)
आंटी- ये अमन को इतना टाइम क्यों लग गया, फोन करती हूँ इसे।
(आंटी ने अमन को फोन किया तो अमन ने बताया कि उसे घर पहुचने में समय लग जायेगा, उसके रॉकी भैया उसे जबरन पार्टी में ले गए हैं, नयना आंटी नाराज हो गयी लेकिन मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, नयना आंटी ने गुस्से से फोन काट दिया)
मैं- क्या हुआ आंटी क्या कहा अमन ने, आप इतनी टेंशन में क्यों हो।
आंटी- अरे इसके ताऊ का बड़ा लड़का रॉकी बहुत बिगड़ा हुआ है, अमन को पार्टी में ले जा कर उसे ड्रिंक करवाता है, अभी देख लो, तुम्हे यहाँ घर में रोककर पार्टी में चला गया, बोलता है देर रात में आएगा, लेकिन तुम देखना पंडित बेटा, वो कल सुबह तक ही आयेगा।
(आंटी उदास हो जाती है और सोफे में बैठ जाती है)
मैं- कोई बात नहीं आंटी, आपका एक बेटा तो घर ही में है।
आंटी- अब उससे मास मंगाया था रात के खाने में बनाने को, मैं अब क्या बनाऊ तेरे लिए, तू ही बता ये अच्छी बात है क्या।
मैं- आंटी जो भी आप प्यार से बनाओगी मैं खुशी खुशी खाऊंगा, अब गुस्सा छोडो, दिल न तोड़ो, अच्छा आपके हाथ से ही खाऊंगा, अब तो खुश ??
(आंटी हंस पड़ती है और मुझे अपने गले लगा लेती है, आंटी गले इस तरह लगती है कि हमारा बैलेंस बिगड़ जाता है और हम दोनों सोफे से निचे गिर जाते हैं, अब मैं जमीन पर आंटी के ठीक ऊपर लेटा हूँ, आंटी हंसने लगती है और आंटी की साँसे मेरी साँसों से टकराती है, आंटी के बूब्स मेरी छाती से दब जाते हैं, मेरा लण्ड बिलकुल खड़ा हो गया है और ठीक आंटी की चूत के ऊपर है और झटके मार रहा है जिसका एहसास आंटी को भी हो रहा है, मैं कुछ देर ऐसे ही आंटी के ऊपर चित्त लेटा रहा, और हम दोनों हंस रहे हैं)
आंटी- अब हट बेटा, ऐसे ही लेटा रहेगा क्या माँ के ऊपर।
मैं- हटने का मन नहीं है माँ, ऐसे ही लेटे रहने दो प्लीज।
आंटी- तुझे अच्छा लग रहा है क्या ?

मैं- हाँ बहुत अच्छा लग रहा है, आपके होंट में लाल लिपस्टिक बहुत मस्त लग रही है माँ।
आंटी- अच्छा, बहुत शरारती है तू, बदमाश कहीं का।
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(मेरा लण्ड सलामी दे रहा है, जिसके कारण मुझे जोश चढ़ गया, आंटी और मुझे पसीना भी आ रहा है, और मैं अपने लण्ड को आंटी की चूत में घिसने लगा और हिलने लगा)
आंटी- तू ऐसे हिल क्यों रहा है, शांत रह बेटा, और ये कुछ चुभ रहा है, क्या है ये।
मैं- अह्ह्ह्ह्ह, कुछ नहीं माँ, आप ऐसे ही लेटे रहो बहुत अच्छा लग रहा है मुझेईई उफ्फ्फ।।।
(आंटी समझ गयी कि मैं अपना लण्ड रगड़ रहा हूँ, लेकिन आंटी ने कोई विरोध नहीं किया, ऐसे ही लेटी रही )
आंटी- तू शादी कर ले अब बेटा, तुझे बीवी की बहुत जरुरत है।
मैं- अह्ह्ह्ह, कोई मिलती नहीं आपके जैसी मस्त।।
आंटी- मेरे जैसी तो मैं ही हूँ बस और कोई नहीं, परी हूँ मैं।
मैं- तो तुम से शादी कर लूँ क्या ?
आंटी- चुप, बदमाश कहीं का, लफंगा, आवारा।

(हम ऐसे ही जमीन पर लेटे रहे और मैं अपना लण्ड आंटी की चूत में रगड़ रहा हूँ, मेरा माल निकलने वाला है और मेरी रफ़्तार भी तेज़ हो गयी, मेने आंटी को कस कर जकड लिया और अपने होंट उनके होंट पर रख दिए, आंटी समझ गयी कि मैं अब झड़ने वाला हूँ, आंटी को भी मजा आ रहा है क्यों कि मैं अपना लण्ड ठीक उनकी चूत के ऊपर रगड़ रहा हूँ, मैं आंटी के होंट चूसने लगा, आंटी चुपचाप लेटी रही, न तो कोई विरोध था और न ही साथ दे रही है और फिर मेरा माल निकलने वाला होता है)
मैं- अह्ह्हहह अह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ हायेएएएए.. आई लव यू आंटी.. आई लव यू सो मच।।।
आंटी- अह्ह्ह्ह्ह आइ लव यू टू पंडित बेटा।।।
(और मैं आंटी के ऊपर ऐसे ही पड़ा रहता हूँ, मेरे माल की बदबू पुरे कमरे में महकने लगी, हम खड़े हुए, आंटी के बाल बिखरे हैं, लिपस्टिक गाल तक आ गयी है, नाईटी गोरी मखमली झांघ तक चढ़ गयी है, बूब्स का लगभग 70 प्रतिशत भाग बाहर है, आंटी ने अपने आप को ठीक किया, और ऐसे बर्ताव कर रही है जैसे कुछ हुआ ही न हो )
आंटी- देख कैसे कर दी तूने मेरी हालात, अपनी माँ के साथ भला ऐसे कोई करता है, बता।
मैं- आंटी आप बहुत सेक्सी हो, मुझे आप से प्यार हो गया है, मैं आपसे ही शादी करूँगा और किसी से नहीं।
आंटी- तू चुप कर फालतू बकवास मत कर, जा जाकर बाथरूम में फ्रेश हो ले, सुषमा के आने का टाइम भी हो गया।
(सुषमा का नाम सुनकर मेरे लण्ड फिर खड़ा हो गया, मैं बाथरूम गया और अपने कपडे उतारे और नहाने लगा, बाथरूम में मुझे आंटी की ब्रा, पेंटी और कुछ शायद सुषमा के भी अंडर गारमेंट्स दिखे, जिन्हें मेने उठाया तो देखा आंटी की पेंटी में सफेद-सफेद सा द्रव्य पदार्थ है जिसकी खुशबु मेरे माल से मेल खा रही है..
मैं वो सूंघता रहा और मेने उसे चाटा भी, और चाट चाट कर पेंटी साफ करदी, 20 मिनट नहाने के बाद मैं बहार आया और देखा स्वाती दीदी ने कपड़े बदल लिए हैं व वो सोफे में बैठकर टीवी देख रही है, उसके बाल खुले हैं..
उसने नील रंग का नेकर पहना है जिसमे उसकी मखमली सफेद गोरी जांघे अद्भुत आकर्षण का केंद्र बनी हुयी है, ऊपर से नाम मात्र का टॉप पहना हुआ है जिसके अंदर ब्रा नहीं पहनी है इसका प्रमाण टॉप में से उठे हुए 2 निप्पल दे रहे हैं..
सुषमा दीदी को ऐसे देखकर मेरा लण्ड फिर झटके मारने लगा, अचानक दीदी ने मुझे देखा तो मेने दीदी को नमस्ते किया, दीदी फिर मुझ से बातें करने लगी, कॉलेज लाइफ के बारे में पूछने लगी, हमने काफी गप्पे-शप्पे मारी, आंटी रसोई में खाना बना रही थी)
आंटी- अरे पंडित आ गया तू नहा कर, चलो दोनों भाई बहन डिनर करने आ जाओ।
सुषमा- ओके मम्मी, भाई डिनर करने चलो।
मैं- ओके बहन।
(फिर हम डिनर करने लगे, मेने अमन का नेकर पहना हुआ है जिसके अंदर मेने कच्छा नहीं पहना है, तो मेरा लण्ड झूल रहा है व इधर उधर हिल डुल रहा है, जिसपर नयना आंटी की नजर तो है ही अपितु दीदी की भी नज़र मेरे नेकर पर पड़ी, और दीदी ने मुझे हलकी सी कुटिल मुस्कान दी जिसे देखकर मैं सकपका गया..
डिनर खत्म हो गया उसके बाद हम सब हॉल में टीवी देखने लगे, हम तीनो एक ही सोफे में बैठे हैं, मैं दीदी और माँ के बीच में बैठा हूँ, रात के 11 बज गए हैं तो टीवी पर एक इंग्लिश फिल्म आ रही है, दीदी को अंग्रेजी फ़िल्म देखना बहुत पसंद है ये बात अमन मुझे पहले बता चूका था..
अचानक फिल्म में एक अर्धनंग्न सीन आता है जिसे देखकर दीदी भी थोडा सकपका जाती है लेकिन चैनेल नहीं बदलती, मैं माँ के हाथ में अपना हाथ रख देता हूँ, माँ चुपके से मेरी ओर देखती है और आँख मारती है, मैं भी आंटी को आँख मरता हूँ, और उसके बाद आंटी नीचे के होंठ को अपने दांतों से काटती है, ऐसा करते हुए आंटी बहुत ही कामुक, चुद्दकड़ औरत लगती है, मैं भी अपनी जीभ अपने होंठो में फेरकर आंटी का अभिवादन करता हूँ..
कमरे में अँधेरा था केवल टीवी की ही लाइट थी, तो इस अँधेरे का फायदा उठाकर आंटी मेरे खड़े लण्ड को अपने हाथों में नेकर के बाहर से ही पकड़ लेती है, सुषमा दीदी जो कि फ़िल्म देखने में मशगुल थी इस काण्ड से अपरिचित थी, फिर आंटी मेरे नेकर के अंदर हाथ डालती है और लण्ड को सहलाने लगती है, फिर लण्ड को ऊपर निचे करके मुठियाना शुरू करती है, मेरे मुह से सिसकारी निकल जाती है)
मैं- अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उफ्फफ्फ।।।।
सुषमा- क्या हुआ भाई ?
मैं – नही नही कुछ नही बहना, वो जरा नींद आ गयी थी।
सुषमा- आपको अगर सोना है तो सो जाओ।
मैं- ठीक है मैं सो रहा हूँ, आंटी कहाँ सोऊं मैं ?
आंटी- अमन के कमरे में सो जा बेटा, रुक मैं भी चलती हूँ, बिस्तर सही कर दूंगी तेरा।
(फिर सुषमा दीदी को गुड नाईट बोलकर हम अमन के कमरे में जाते हैं, अमन के कमरे में घुसते ही मैं आंटी को दिवार में पटक कर जकड लेता हूँ और उसके होंठ पर अपने होठ मिला लेता हूँ और जोरदार चुम्बन करता हूँ, आंटी भी मेरा साथ देती है, आंटी मेरी जीभ से अपनी जीभ मिलाती है..

हम फ्रेंच किस करते हैं, करीब 10 मिनट चुम्बन करने के बाद मैं आंटी को अमन के बिस्तर पर पटक देता हूँ और आंटी की गुलाबी नाईटी को उसकी कमर तक उठता हूँ, आंटी की चूत गुलाबी रंग की चिकनी है, उस पर बाल नही हैं, आंटी ने चूत ऐसे साफ करी हुयी है कि किसी का भी चाटने का मन हो जाये..
आंटी की क्लीन शेव चूत को देखकर मेरे मुह में पानी भर आया, मैंने आंटी की चूत पर अपना मुह लगा दिया, जिससे आंटी का पूरा बदन कांपने लगा और वो सिसकारियाँ व आहें भरने लगी, वो अपने हाथ से मेरे बाल को पकड़ कर चूत में मेरे सर को दबा रही है)
आंटी- अह्ह्ह्ह्ह शस्सस्सस्सस.. उम्म्म्म्म ऊम्मम्मम्म.. ऐसे ही चाटो बेटा, साफ कर दो मेरी पुस्सी, खा जाओ मेरी फुद्दी पंडित, तुम लाजवाब हो बेटाअह्ह्ह्ह, चाट और चाट, अह्ह्ह्ह्ह, ओह गॉड, ओह गॉड, उम्म्म्म्म, पंडित यू आर अमेजिंग मेरे बेटे।।।
(मैं आंटी की चूत को तेजी से चाटे जा रहा था, अचानक आंटी की सिसकारियाँ तेज हो गयी, उनके बदन की कम्पन बढ़ गयी, मुझे पता चल गया कि आंटी अब झड़ने वाली है)
आंटी- अह्ह्ह्ह्ह.. पंडितललललल.. उईईईईई.. मैं झड़ने वाली हूँ बेटा.. ह्ह्ह्हह्ह.. आह्ह्ह्ह,, गईईईईईईई मैं तो आज, ओह गॉड, आईईईई मैं आई पंडित.. ओहोऊऊऊ।।।
(और आंटी ने ढेर सारा पानी मेरे मुह में छोड़ दिया और आंटी का बदन कांपने लगा, मैं फिर आंटी के ऊपर चढ़ा और उन्हें फिर चूमने लगा, पहले उनके माथे को चूमा, फिर गाल, फिर गले को चूमने लगा, चाटने लगा, मेरे थूक से आंटी का चेहरा और गला गीला हो गया)
आंटी- पंडित मेरी जान जल्दी डाल अब अपना डंडा मेरी चूत में, अब सहन नही होता बेटा, जल्दी कर सुषमा न आ जाए कमरे में कहीं, आज मेरी आग को बुझा दे राजा, अमन के पापा तो साल में एक बार आते हैं, मैं तड़प गयी हूँ स्यां, आज मेरी तड़प मिटा दे, मुझे चोदकर आजाद करदे पंडित बेटा।
मैं- ओके मेरी रानी, तू चूत की रानी, मैं हूँ लौड़ों का राजा, थोडा ऊपर थोडा निचे जरा हाथ तो बंटा, देखने दे लाल फुद्दी जरा झाँट तो हटा, मुह खोल अपना मेरा नाम तू चिल्ला, पंडित पंडित कहकर गांड तू हिला।।।
आंटी- आजा मेरी चूत में डाल दे अपना लौड़ा,
रगड़ रगड़ कर करदे मेरी तू, गांड को चौड़ा।।।
मैं- वाह आंटी क्या शायरी करती हो आप भी।
(मैंने अपना लण्ड आंटी की चूत में सेट किया और जोरदार धक्का लगाया जिससे मेरा लण्ड पूरा आंटी की चूत में समा गया, और फिर चुदाई शुरू हुयी, आंटी के और मेरे मुह से सिसकारियाँ निकल रही है जिससे पूरा कमरा गूंज रहा है, मैं आंटी की चूत मैं लण्ड अंदर बाहर कर रहा हूँ, झटकों से आंटी की लाल चूड़ियाँ खनक रही है और पैरों की पजेब की भी आवाजें आ रही हैं जिससे पूरा कमरा खनखना रहा है और इस चूड़ियों की खनखनाहट से मेरा जोश और बढ़ गया)
आंटी- अह्ह्ह्ह्ह चोद चोद, पंडित, बना दे मुझे अपने बच्चे की माँ, डाल दे अपना बीज मेरी कोख में, दे दे अमन को एक और भाई, चोद मुझे पंडित, चोद, अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म शस्स्स्स्स.. सशह्हह.. ओहो होहोहो।।
मैं- अह्ह्ह्ह्ह,,, आज से तू मेरी बीवी है नयना अह्ह्ह और अमन मेरा बेटा अह्ह्हह और सुषमा मेरी बेटी है.. आज से मैं तेरा परमेश्वर मेरी जान आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह।।।
(20 मिनट चुदाई करने के बाद मैं आंटी की चूत में ही झड़ गया और हम थके थके से ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर नंगे लेटे रहे, हमे कुछ भी होश नहीं थी, हम एक दूसरे को चूमे जा रहे थे, अचानक दरवाजे में आवाज हुयी तो देखा सुषमा दीदी और अमन ये सब कुछ देख रहे थे, आंटी और मैं झट से अलग हो गए, अमन की आँखें गुस्से से लाल थी और उसके हाथ में बेसबॉल का बल्ला था, जिसे लेकर वो मेरे पीछे मुझे मारने को भागा, मैं नंगा ही कमरे से बाहर भागा)
अमन- रुक मादरचोद, आज तुझे जान से मार दूंगा, क्या बोल रहा था कि आज से मैं तेरा बेटा हूँ, तेरे टुकड़े करके आज कुत्तों को खिला दूंगा, रुक भेनचोद।।।
सुषमा- भाई मार इस हरामी को, इसने हमारी माँ की इज़्ज़त लूट दी, छोड़ना मत इस कुत्ते को।।।
मैं- अमन बात तो सुन भोसडीके अपनी माँ से तो पूछ ले.. एक बार..
आंटी(रोते हुए)- अमन बेटा मार इसे, इसने मेरे साथ जबरन ये सब कुछ किया, मेने बहुत विरोध किया लेकिन इसकी ताकत के आगे में हार गयी, इसने मेरा बलात्कार कर दिया बेटा, तेरी बूढी माँ का बलात्कार कर दिया.. हे भगवान..
मैं- साली रंडी, झूठ बोलती है, अमन भाई तेरी माँ एक नंबर की रंडी है, साफ साफ झूठ बोल रही है ये रांड.. मेरी बात सुन मेरे दोस्त, मेरे भाई, इसने मुझे उकसाया तेरी माँ की कसम।।।
अमन- सुषमा दीदी इसे उधर से घेरो, पकड़ो इस मादरचोद को, आज खाल निकाल दूंगा इस भें के लौड़े की।।।
(किसी तरह मौका देखकर मैं ऐसा नंगा ही दरवाजे से बाहर भाग जाता हूँ और अमन मेरे पीछे मुझे मारने को दौड़ता है, किसी तरह उसकी नजरों से ओझल होकर मैं झाड़ियों में छिप जाता हूँ और वहीँ सो जाता हूँ, सुबह सुबह पत्तों के कपडे बनाकर अपने घर चला जाता हूँ..

मेरा अमन के साथ ये विवाद 1 हफ्ते तक रहा लेकिन बाद में अमन की माँ होटल में 4 आदमियों के साथ पकड़ी गयी तो अमन को नयना के बारे में सच्चाई का पता चला और बाद में उसने मुझ से माफी मांगी और अपने घर ले गया, कुछ समय बाद मेने सुषमा दीदी को पटा कर खूब चोदा और और अमन को एक भांजा दिया, लेकिन अमन चूतिये को आज तक नही पता कि वो किसका भांजा है)
दोस्तों अगर मेरी कहानी पसंद आये तो कमेन्ट पक्का करना, अगर अच्छा रिस्पांस मिला तो मैं और कहानियां लिखूंगा।।।


gksingh589
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Re: मेरे दोस्त अमन की माँ और दीदी

Post by gksingh589 »

Mera 10 incha ka hai Aman ki ma dila do
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pongapandit
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Re: मेरे दोस्त अमन की माँ और दीदी

Post by pongapandit »

Ankit wrote: 30 Aug 2017 12:51mast update
thanks
gksingh589 wrote: 02 Sep 2017 19:03 Mera 10 incha ka hai Aman ki ma dila do
haha ha ha
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