बस दोस्ती प्यार नहीं

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rajaarkey
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बस दोस्ती प्यार नहीं

Post by rajaarkey »

बस दोस्ती प्यार नहीं
मैं आठवीं क्लास में पढ़ता था। मेरी क्लास में उस साल एक नई लड़की का एडमिशन हुआ। उसे देखते ही मैं अपना दिल हार बैठा। कितना अनोखा अहसास था वह। उसके सिवा और कोई ख्याल ही नहीं आता। उसका हंसना, बोलना, चलना, मुस्कुराना, सबकुछ... हां सब कुछ मेरी पसंद बनने लगा। फिर कुछ समय बाद मुझे यह अहसास हुआ कि यह एकतरफा प्यार था। उसने आठवीं और नौंवी क्लास हमारे स्कूल से की। उसके बाद पता चला कि उसने किसी दूसरे स्कूल में एडिमशन ले लिया है।


ये भी पता नहीं चल पाया कि उसका स्कूल कौन सा है। कहां तो मैं सोचने लगा था कि अब यही लड़की ज़िन्दगी भर मेरे साथ होगी। लेकिन यह रिश्ता इतना कमज़ोर भी हो सकता है और वक्त के थपेड़ों के साथ बिखर भी सकता है, मैंने नहीं सोचा था। मेरी पूरी शख्सियत पर इस घटना का काफ़ी असर पड़ा। न पढ़ाई में मन लगता और न दोस्तों के साथ मौज मस्ती करने का मन करता। लेकिन, उस दिन तो मेरी खुशी का ठिकाना न रहा, जब हमारे 10वीं बोर्ड का एग्जाम सेंटर एक ही स्कूल में पड़ा। अलग अलग स्कूल से बच्चे आए हुए थे और हम पहले से एक दूसरे को जानते थे।


एग्जाम खत्म होने का वक्त आ गया था। मैं सोचने लगा कि अब ये फिर से दूर चली जाएगी। तो प्यार के बारे में तो बाद में कहता रहूंगा, अभी फिलहाल इसे अभी दोस्ते बना लेता हूं। ताकि एक दूसरे से कॉन्टेक्ट में तो रहें। मैंने कहा, मुझसे दोस्ती करोगी। उसने मेरा ऑफर आसानी से मान लिया। आज 14 सालों बाद भी हम केवल दोस्त ही हैं। मेरी शादी दो साल पहले हुई और अब उसकी भी हो चुकी है।
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
amitraj39621

Re: बस दोस्ती प्यार नहीं

Post by amitraj39621 »

Vry shrt nice story
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