प्यार दिल तोड़ता है लेकिन हमेशा नहीं ?

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rajsharma
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प्यार दिल तोड़ता है लेकिन हमेशा नहीं ?

Post by rajsharma »

प्यार दिल तोड़ता है लेकिन हमेशा नहीं ?
हमेशा की तरह आज भी राज और रिचा फ़ेसबुक पर चैट कर रहे हैं (राज और रिचा एक दूसरे से प्यार करते हैं)
आज राज रिचा से कुछ कहना चाहता है पर शायद कह नही पा रहा है .
रिचा..हाय
राज: मुझे तुमसे कुछ बात करनी है..
रिचा : किस बारें में ?
राज: कुछ इंपॉर्टेंट बात करनी है यार
रिचा: तो बोलो फिर
राज :यार मेरी कुछ समझ नही आ रहा है कि कैसे कहूँ, पर मुझे लगता है कि अब मैं अपनी रिलेशनशिप में ब्रेकअप चाहता हूँ, मैं अपनी फॅमिली के साथ कहीं और शिफ्ट हो रहा हूँ और मुझे नहीं लगता कि हम अब अपना समय साथ बिता सकते हैं। सिर्फ स्कूल में साथ रहने से क्या होगा। मैं कोई लॉन्ग डिसटेन्स रिलेशन नहीं रखना चाहता रिचा. आई एम् सॉरी!
रिचा ने आगे कुछ भी कहे बिना लॉग आउट कर दिया.
राज को रिचा से यह सब कहकर बहुत बुरा लग रहा था. वो भी रिचा से उतना ही प्यार करता था जितना रिचा उससे. उस पूरी रात वो ठीक से सो भी नही पाया और ना ही रिचा उस रात ठीक से सो पाई. शायद इसलिए ही रिचा अगले दिन स्कूल भी नही आई।
अगले दिन भी रिचा स्कूल नहीं गयी. वो देर तक सोती रही. जब वो फाइनली उठी तो उसने ब्रेक फास्ट नहीं खाया और ना ही स्कूल गयी. उसने अपने किसी भी फ्रेंड के ना तो फोन का जवाब दिया ना ही एस एम् एस का. बहुत देर तक वो अपने बेड पे बैठी हुई सामने की दीवार को देखती रही. उसके दिमाग़ में वो सारे लम्हे घूम रहे थे जो उसने राज के साथ बिताए थे. आख़िर उसकी रुलाई छूट पड़ी और वो बहुत देर तक रोटी रही.
नेक्स्ट डे वो स्कूल गयी और सीधा सबसे आगे वाली सीट पर बैठ गयी जबकि रोज़ वो राज के साथ पीछे वाली सीट पर बैठा करती थी. राज रोज़ की तरह अपनी पीछे वाली सीट पर ही बैठा था. दिन में कई बार दोनों की निगाहें मिली पर दोनों नज़र चुरा रहे थे. दोनों में कोई बात भी नहीं हुई.
नेक्स्ट डे भी ऐसा ही हुआ. उसे अगले दिन भी और फिर कई दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा.
राज अभी भी रिचा से प्यार करता था. उसके लिए भी एक एक दिन बिना रिचा से बात किए गुज़रना मुश्किल हो रहा था. आख़िर एक दिन उसने शाम को रिचा का नंबर डायल किया. जैसे ही रिचा ने फोन उठाया राज ने कहा – “रिचा आई एम् सॉरी. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. मैं अपने पेरेंट्स से कह के वापस तुम्हारे घर के पास कोई कमरा ले लूँगा या फिर हॉस्टिल में रह लूँगा. आई एम् सॉरी रिचा, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. आई लव यू ” ये सुनते ही रिचा खुशी के मारे रो पड़ी. रोते रोते उसने कहा, मैं भी बहुत प्यार करती हूँ तुमसे राज, आई लव यू टू एंड आई कैन नोट लिव विदाउट यू”
बस उसके अगले ही दिन राज ने अपने पेरेंट्स को कन्विन्स कर लिया और अपना समान ले कर हॉस्टिल में रहने के लिए चल दिया. वो इतना खुश था कि जैसे आसमान पे उड़ रहा हो. रिचा से मिलने के ख़याल में उसकी कार की स्पीड बढ़ती जा रही थी.
अचानक सामने से एक और कार आई और राज ने जैसे ही कार को टर्न करना चाहा , स्पीड की वजह से कार आउट ऑफ कंट्रोल हो गयी और एक दो तीन पलटियाँ खा कर सड़क से नीचे खाई में जा गिरी. राज ने सोचा, बस, आई एम् गोइंग टू डाई. और उसकी नज़र के सामने रिचा का चेहरा तैर गया.
जब राज की आँख खुली तो उसने देखा की वो एक अस्पताल में है. रिचा उसके सिरहाने बैठी हुई थी. राज को होश में आया देख कर रिचा के मुँह से निकला – राज, आई लव यू . तुम मुझे छोड़ कर नहीं जा सकते. राज ने धीरे से रिचा का हाथ पकड़ा और कहा कि मैं कहीं नहीं जा सकता तुम्हारे बिना. ये कह कर फिर वो बेहोश हो गया.
लेकिन जो बात राज को नहीं पता थी कि एक्सीडेंट में उसकी एक लेग डॉक्टर्स को काटनी पड़ी थी उसकी जान बचाने के लिए क्यूंकी उसमें इन्फेक्शन हो गया था.
अगले दिन जब राज की आँख खुली तो उसने कुछ देर तक रिचा से बातें की. राज रिचा से बात करके बहुत खुश था. तभी उसकी नज़र अपने पैरों की तरफ गई और उसकी चीख निकल गई. उसने देखा कि उसका एक पैर घुटने से नीचे कटा हुआ है. दर्द और दुख की वजह से वो फिर बेहोश हो गया.
रिचा ने इस बीच उससे मिलने आना छोड़ दिया. राज को बहुत दुख हुआ. उसे लगा कि शायद अब रिचा उससे प्यार नहीं करती क्यूंकि वो एक अपाहिज बन चूका था और रिचा अपनी बाकी जिंदगी एक अपाहिज के साथ नहीं गुजारना चाहती होगी.
उसे दुख तो बहुत हुआ लेकिन धीरे धीरे राज अपने इस दुख और अपनी हालत को समझ गया और उसने अपने हालात से समझौता कर लिया.
करीब दो महीने बाद राज अपने पेरेंट्स के साथ हॉस्पिटल से बाहर आया. उसके हाथों में बैसाखियाँ थी और वो बड़े धीरे धीरे कदमों से चल कर बाहर आया.
बाहर आकर उसने जो देखा उससे उसकी आँखों से आँसुओं की बारिश बह निकली.
सामने रिचा हाथ में फूलों का गुलदस्ता और एक कागज लिए खड़ी थी जिसपे लिखा था – राज, अगर तुम मुझे अपनी जिंदगी में तुम्हारा सहारा बनने का मौका दो तो ये मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी होगी.
राज के पेरेंट्स की आँखों में भी पानी भर आया......
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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