तवायफ़ की प्रेम कहानी complete

Post Reply
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: तवायफ़

Post by jay »


"क्या बात है जुंमन , किसका फोन था" दरवाज़े से बाहर निकलते ही ऋुना ने पुछा.



"सदानंद और लैला थे.......बाजी वो दोनो आ रहे हैं यहाँ.......वो कोहिनूर को इस बार नहीं छोड़ेंगे...ये मासूम कुछ समझती ही नहीं...दूसरे की ज़िंदगी बचाने मे लगी है.....इस बार वो इसे हो सकता है इस मुल्क से ही बाहर भेज दे........बाजी सदानंद बहुत कमीना इंसान है........"

"मुझ से बेहतर ये कौन जानता है, खैर, बताओ क्या करना है ??"



"आप सदानंद को कैसे जानती हैं...??? और लैला ने कोहिनूर को आपके साथ भेज दिया, इस बात से उसे क्यू ऐतराज़ हो गया है?? " जुंमन के दिमाग़ मे भी बहुत सारे सवाल आ रहे थे.


"वो सब बात करने का वक़्त अभी नहीं है जुंमन ...फिर कभी फ़ुर्सत से बताउन्गी.........पहले ये बताओ वो लोग कब आ रहे हैं..........??"



"कहा तो है कि शाम तक..लेकिन जिस तरह से वो बात कर रहा था , मुझे लगता है कि वो जल्द ही आ जाएँगे........"जुंमन बहुत फ़िक्रमंद लग रहा था.



"जुंमन क्या फिर से कोहिनूर उनके चंगुल मे फस जाएगी....? " ऋुना का गला भर आया.



"नहीं बाजी !!!..जुंमन ने आज तक कोई अच्छा काम नहीं किया...आज खुदा ने मौका दिया है......एक काम भी नेकी का कर दूं तो शायद मेरे गुनाह वो माफ़ कर दे...इस बार कोहिंनोर को अगर उनके हाथ सौप दिया तो फिर कभी कोहिनूर को आप देख भी नहीं पाओगी......"



"जुंमन हम क्या कर सकते हैं, और फिर ये कोहिनूर भी नहीं मानेगी........वो किसी भी हाल मे लैला के खिलाफ नहीं जा सकती .....तुम तो जानते ही हो........."



"क्यू नहीं लैला के खिलाफ जा रही कोहिनूर" जुंमन का दिमाग़ कब से इस सवाल मे अटका हुआ था.



"बेवकूफी की बातें मत करो जुंमन...........तुम्हे नहीं पता?...अरे जिसके लिए इतना सबकुछ बर्दाश्त कर गयी अब ....उसे डर है कि फिर से वही सब.........." ऋुना की बात अधूरी रह गई , जुंमन बोल पड़ा.


"हां बाजी मैं समझ गया..........."

कुछ पल दोनो खामोश रहे..........


"तो फिर क्या करना है बाजी..........?"

"तुम्ही बताओ जुंमन.........."



"बाजी मेरा बस चले तो मैं कोहिनूर को कभी वापस मुंबई ना जाने दूं...कभी उन सबसे ना मिलने दूं..........मेरा तो दिल करता है कि.........एक बात बताओ..ये लौंडा आलोक कैसा लड़का है......कोहिनूर तो बच्ची है......उसे ज़्यादा समझ नहीं.......आप बताओ.........सचमुच मुहब्बत करता है क्या काजल से...आप तो मिले हो उस से ....कैसा लगता है........अपने बाप की ही तरह अयाश..........???"



Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: तवायफ़

Post by jay »

"नहीं जुंमन, इतनी सहूलियत तो है मेरे अंदर की इंसान पहचान सकूँ...हां जवानी के दिनो मे धोखे खाए कुछ लोगो को पहचानने मे लेकिन अब नहीं....बहुत प्यार करता है वो इस कोहिनूर से........जिस तरह से वो सदानंद के खिलाफ हो गया था, सॉफ लग रहा था कि वो आज भी कोहिनूर को बहुत चाहता है.........आज भी ..."



"बाजी आज जिंदगी मे पहली बार कुछ अच्छा करने को दिल किया है...जान भी चली जाए तो कोई गम नहीं.........पर एक कोसिस तो करूँगा मैं.....आप साथ दोगि ना...."



"हां जुंमन ..मैं ज़रूर साथ दूँगी...लेकिन कोहिनूर से छुपा कर सब करना होगा ...नहीं तो वो कभी मानेगी नहीं...तुम समझ रहे हो ना..........अब बताओ क्या करना है.........."


"ठीक है बाजी...एक कोसिस करते हैं ...बाकी जो पर्वरदिगार की मर्ज़ी..........."जुंमन ने दुआ मे हाथ उपर उठा दिए.


वो ऋुना को समझाता चला गया और ऋुना हां मे सर हिलाती रही......वो कुछ कुछ बाते कर ही रहे थे कि अंदर से काजल की आवाज़ आई..............


"ऋुना बाजी...??"



"आप जाइए ऋुना बाजी , मैं आया अभी........एक घंटे मे हम लोग यहाँ से निकल लेंगे..........कुछ दूर पर मेरा गाओं है............लगभग 2 घंटे लगते है रेलवे स्टेशन से...वहाँ चल कर रुकेंगे....मुझे नहीं लगता कि वहाँ का पता किसी के पास भी होगा...आपके गाओं तो शायद 6-7 घंटे मे वो सब पहुँच जाएँगे प्लेन से आए तो....." जुंमन ऋुना को समझाता हुए बोला.



"ठीक है जुंमन , मैं कोहिनूर को तैयार करती हू....."


अंदर से फिर कोहिनूर की आवाज़ आई....जुंमन बाहर गाओं की ओर चल दिया.


"हां , बस आई बेटा........."ऋुना ने बड़े प्यार से कहा और अंदर आ गई.


"वो मैं बाहर गयी थी...पड़ोस से कुछ सामान लेने...........अभी वो पहुचा जाएगी...ज़रा चाय पी लेते हैं फिर बातें करेंगे...अभी दुकाने नहीं खुली होंगी ना.........??"



"जी" काजल ने बस इतना ही कहा...उसका चेहरा बुझा हुआ सा था...लेकिन बहुत खूबसूरत लग रही थी....ऋुना ने मन ही मन बलाइयाँ ले ली.



"जुंमन कह रहा था कि यही थोड़ी दूर पर उसका गाओं है, चलोगि घूमने...वैसे भी यहाँ तो रहना ही है...जुंमन शायद वही से चला जाए ...??"



"ठीक है बाजी, जैसा आप कहे......"कोहिनूर को कोई दिलचस्पी नहीं थी कही आने जाने मे , लेकिन ऋुना का दिल रखने के लिए हां कह दिया था.


थोड़ी देर बाद एक लड़की पड़ोस से कुछ सामान दे गयी ...ऋुना ने चूल्हे मे आग जलाई और चाय रख दी पतीले मे.



वो किसी चिराग से निकले जिन्न की तरह बहुत तेज़ी से सारे काम कर रही थी और कोहिनूर वहीं पास मे रखे तख्त पर लेट गयी...............लेटते ही उसकी आँख लग गयी रात भर जागी थी.

Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: तवायफ़

Post by jay »


ऋुना ने एक संदूक खोली और उसमे से कुछ कुछ समान एक छोटे से बॅग मे रखने लगी, उसे यकीन हो गया था कि अब कभी दुबारा अपने इस घर मे नहीं आ पाएगी................इसलिए जो चीज़े उसकी ज़िंदगी मे कीमती थी उन्हे वो ले जाना चाहती थी...कीमती चीज़े भी क्या होती हैं ग़रीबों की....कुछ पुराने खत, कुछ पुराने तोहफे, कुछ पुरानी तस्वीरे......कुछ पुरानी यादें.......और कुछ पुराने सपने.



इधर जुंमन ने अपना फोन निकाला और किसी को कॉल लगाया .....


“कैसे हो जुंमन मियाँ” दूसरी ओर से फ़ोन उठाते ही कहा गया.



“ओये शेरा, तुझे मेरा ये नंबर भी पता चल गया……कमाल है…..”



“जुंमन बाबू, भूल गये अपने धंधे का वसूल, दोस्तो की खबर भले ना हो..दुश्मनो की पूरी जानकारी रखनी पड़ती है…बोल आज मरने का इरादा है क्या , मुझे कैसे याद कर लिया…बोल कहाँ आ जाउ तुझे मौत देने…..” दूसरे ओर जो भी था बाते बड़ी ढिठाई से कर रहा था.



“शेरा, तेरा हिसाब भी ज़रूर करूँगा अगर जिंदा रहा तो…अभी कुछ और बात है……”



“ओये ज़िंदा तो तू रहेगा ही…क्यूकी तुझे मैं मारूँगा …मैं….चल क्या याद रखेगा तू भी कि दुश्मनी की भी तो किसी मर्द से……बोल क्या करना है……किसकी जान लेनी है…….”


“शेरा जो काम बोलने जा रहा हू…तभी हां करना अगर ईमान का पक्का होना………..बोल करेगा….??”



“ओये साले….भुतनी के …शेरा से बड़ा ईमान वाला मर्द अक्खी मुंबई मे नही है, जानता है तू भी..… और इसीलिए तूने फोन भी ख़टकाया अपुन को …....अभी ज़्यादा शान पट्टी मत कर, चल बोल……शेरा ने ज़ुबान दिया तेरे को…….जान छोड़ के कुछ भी माँग ले..क्यूकी मरूँगा तो तेरे को मारके ही.........”



“शेरा, जुंमन अपनी अक्खी लाइफ मे पहली बार कोई नेकी वाला काम करने जा रहा है…किसी भी गुर्गे से बोल देता...पन्न वो सब पैसे के लिए बिकाऊ हैं...इसीलिए तुझे बोला.…तेरे ईमान पर यकीन है मुझे..........तुझे धंधे की कसम है धोखा मत देना…..सुन मेरी बात………..” जुंमन उसको कुछ कुछ बताने लगा.....…कुछ बोला जिसे शेरा नोट करने लगा.



“चल हो जाएगा तेरा काम…..जल्द ही आना ....तेरे से पुराना हिसाब है......” शेरा इस बार बस इतना ही बोला , थोड़े गंभीर लहजे मे.



“शेरा , देख ये तेरे मेरे बीच की बात नहीं है…एक मासूम की ज़िंदगी दाव पर लगी है…और तू जानता है अपुन लोगो का उसूल…..तू धोखा तो नहीं….” जुंमन की बात अधूरी रह गयी.


“ साले….बेहनचोद…..अबे शेरा ईमान का सौदा नहीं करता…बोला ना तेरे को ज़बान दिया….जा ऐश कर……..”शेरा ने इतना ही कहा और फोन काट कर दिया.



जुंमन ने फोन कुर्ते की जेब मे डाला और खेतो की तरफ निकल गया...सामने एक मस्जीद दिखी , जुंमन का दिल आज बरसो के बाद नमाज़ अता करने को किया........



मस्जिद मे खड़ा वो हाथ फैलाए दुआएँ माँग रहा था......



"आए मेरे मालिक , मुझ जैसे गुनहगार को एक मंज़िल दिखा दी तूने...एक मकसद दे दिया....तेरा शुक्र है ....बस अब इतनी हिम्मत देना कि मेरे कदम ना डगमगाए.....तेरी रज़ा तू जाने...बड़ा मुश्किल सफ़र है इस मंज़िल का.... ..एक तेरा ही आसरा है.............कोई ऐसा करिश्मा कर कि ज़माना देखता रह जाए...........मैं सारे बुरे काम छोड़ दूँगा, सारे गुनाहो की माफी दे......मदद करना मेरे मौला..............मदद मेरे खुदा." जुंमन की आँख से एक आँसू गिरा उसकी दुआ मे उठी हथेली मे.



Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: तवायफ़

Post by jay »


संदूक से जल्दी जल्दी सामान बॅग मे रखती हुई ऋुना के हाथ से छुटकर एक तस्वीर ज़मीन पर गिर पड़ी..........छन्न्न की आवाज़ के साथ टूटे हुए काँच ज़मीन पर बिखर गये...कोहिनूर की आँख खुल गयी..........जल्दी से उठकर बैठ गयी ......और तस्वीर पर नज़र पड़ी तो बस देखती ही रह गयी..........उसकी आँखे मानो जम सी गयी उस तस्वीर पर.



जल्दी से तख्त से उतरकर तस्वीर के पास पहुचि , ऋुना के हाथ से फ्रेम लेकर ध्यान से देखने लगी...कोहिनूर की आँखे भर आई..........



"ये मोहिनी है........" ऋुना ने बिना काजल की ओर देखे तस्वीर मे बैठी दो औरतो मे से एक पर अंगुली रखते हुए कहा.



"हां बाजी !!!!...... ये मोहिनी है......मेरी माँ......" कोहिनूर ने बहुत सर्द लहजे मे कहा....उसकी बात पर मानो हज़ार वॉल्ट का करेंट लगा ऋुना को......



"मोहिनी!!! और्र्ररर ...........तुम्हारी माँ......??????" ऋुना जैसे सकते मे आ गयी एक पल को.



"ये नहीं हो सकता.........खुदा इतना बेरहम नहीं हो सकता...........नहीं ये नहीं हो सकता...."ऋुना चीख पड़ी.



किस्मत भी कैसे कैसे खेल खेलती है, इंसान तो उसके हाथ की कठपुतली ही बनकर रह जाता है .

"क्या हुआ ऋुना बाजी........आप जानती हैं मेरी मम्मी को????..हां ये मेरी मम्मी ही हैं ...बोलिए ना क्या हुआ????...कैसे जानती हैं आप उन्हे..........क्या जानती हैं......???" काजल भी चौंक गयी ऋुना के इस तरह से चीखने पर.....



"या मेरे ख़ुदाया.........ये तेरी कैसी आज़माइश है...और कितनी आज़माइशें देगा तू इस मासूम को...............क्या खता है इसकी...हां, कोहिनूर मैं जानती हूँ तेरी मम्मी को...कोहिनूर मेरी बच्ची....." ऋुना ने खीच कर काजल को अपने कलेजे से लगा लिया और उसकी आँखे छलक पड़ी......


"क्या हुआ ऋुना बाजी ..बताइए तो सही......."


"मुझे नहीं पता था कि तू मोहिनी की बेटी है....!!!....कोहिनूर !! मुझे नहीं पता कि तुम खुश होगी या नहीं ...लेकिन एक बात है जो तुम्हारे लिए जान'ना बहुत ज़रूरी है...तुम्हारे पापा एक निहायत शरीफ और सच्चे इंसान थे.......मेरे कहने का मतलब ये है कि तुम ये ना सोचना की तुम्हे किसी कोठे पर...मतलब कोठे की पैदाइश....मुझे माफ़ कर्दे मेरी बच्ची........मुझे समझ मे नहीं आ रहा कैसे तुझे अपनी बात समझाऊ......."ऋुना सचमुच बहुत परेसान हो गयी थी.



"कोहिनूर !तुम्हारे पापा और मम्मी एक ही कॉलेज मे मे पढ़ते थे.........स्टूडेंट यूनियन के लीडर थे....मम्मी से तुम्हारी तकरीबन 10 साल बड़े थे...मुझे ज़्यादा तो नहीं बताया मोहिनी ने...लेकिन इतना बताया था कि मुहब्बत की शुरुआत मोहिनी ने ही की थी...और जल्द ही दोनो की मुहब्बत परवान चढ़ती गयी.........लेकिन जैसा कि अक्सर होता है हमारे समाज मे........उनकी मुहब्बत किसी को मंजूर नहीं थी...ना मोहिनी के घर वालो को ना तुम्हारे पापा के घर वालो को..........." ऋुना को जितना पता था वो बताती जा रही थी...कोहिनूर चुपचाप बड़े गौर से सुन रही थी उस मांझी को जिसके बारे मे उसे कभी उसकी माँ ने नहीं बताया.




Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: तवायफ़

Post by jay »

"कोहिनूर, बहुत दर्द झेला तुम्हारी माँ ने............तुम्हारी मम्मी और पापा ने शादी करली थी किसी मंदिर मे..........लेकिन किसी को बताया नहीं........कुछ दिनो बाद ही मोहिनी प्रेग्नेंट हो गयी......तुम्हारे पापा जल्द ही मोहिनी को लेकर उस शाहर को छोड़कर कहीं चले जाने वाले थे और ये बात किसी को पता नहीं थी.......लेकिन किस्मत को तो मोहिनी का इम्तेहान लेना था....कोहिनूर तुम्हारे पापा एक हादसे के शिकार हो गये.......इस से पहले कि उनकी खुशियों का गुलशन गुलजार होता , किस्मत ने उनकी दुनिया वीरान करदी...........उनका आशियाना बसने से पहले ही तिनका तिनका बिखर गया.."



ऋुना ने कोहिनूर को और ज़ोर से भीच लिया अपने साथ और उसकी आँखो से छलक आए आँसुओ को अपने दुप्पट्टे के पल्लू से सॉफ कर दिया......



"क्या नाम था मेरे पापा का बाजी, क्या हुआ था उन्हे...क्यू चले गये वो मुझे छोड़कर....."`



" नीरज नाम था तुम्हारे पापा का..... नीरज चौधरी....मम्मी ने नहीं बताया तुम्हे???......मुझे नहीं पता क्यू नहीं बताया उसने बेटा..शायद जिस भवर मे वो फँस गयी थी उसके बाद उसे यकीन ही नही रहा था कि कोई भी उसकी बात पर ऐतबार करेगा.........शायद उसे लगा हो कि .....खैर, जाने दो मेरी बच्ची........"



"बताइए क्या हुआ था मेरे पापा को.........."


"मोहिनी ने मुझे बहुत तफ़सील से नहीं बताया कोहिनूर , फिर भी जो उसने बताया और जो मुझे याद है मैं बता रही हू.......स्टूडेंट यूनियन के लीडर होने के नाते बहुत से दुश्मन थे तुम्हारे पापा के.......एक बात बताऊ .............जिस पार्टी का सदानंद लीडर है तुम्हारे पापा उसकी पार्टी के अपोजीसन वाली पार्टी के लीडर थे ...............तुम्हारे पापा यूनिवर्सिटी से अपनी स्टडी ख़त्म कर चुके थे...शायद उन्हे जॉब भी मिल गयी थी......लेकिन एक दिन यूनिवर्सिटी के एलेक्षन मे उन्हे उनकी पार्टी ने बुलाया था.....वो अपने पार्टी के कॅंडिडेट के सपोर्ट मे स्पीच दे रहे थे और किसी वजह से दंगा भड़क गया ......उस दंगे मे तुम्हारे पापा भी मारे गये...........किसने भड़काया , किस वजह से हुआ ..कुछ पता ना चला........."



ऋुना बोलती जा रही थी..........



"कोहिनूर , यही वजह थी...यही वजह थी कि मुहब्बत का जहाँ आबाद करने के सपने देखने वाली मोहिनी एक कोठे पर पहुँच गयी.........एक सुहागन की जिंदगी जीने के सपने देखने वाली वाली मोहिनी को एक तवायफ़ की तरह जीने की राह चुन नी पड़ी......बहुत मुश्किल राह चुन ली थी उसने...............जब वो मुझसे आख़िरी बार मिली तो बहुत खुस थी, मुझे लगा कि शायद उसकी आज़माइश , उसका इम्तेहान ख़त्म हो गया, लेकिन मुझे नहीं पता थी कि उस मोहिनी की आज़माइश आज भी ख़त्म नहीं हुई......आज उसकी एकलौती निशानी भी उसी राह पर चल पड़ी..."




"मैं समझी नहीं...आप सॉफ सॉफ क्यू नहीं बताती......" इस बार काजल बुरी तरह झुंझला गयी.....



"सॉरी मेरी जान, सच तो ये है कि मैं कुछ बोलने की हालत मे ही नहीं हूँ...आज मुझे नफ़रत हो रही है इस दुनिया से भी और उस खुदा से भी...."



"बताती हू " ऋुना एक पल को रुकी अपने आँसू सॉफ किए और फिर से बोलना सुरू किया......



"मुझे ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि तुम्हारी माँ पर कैसा असर हुआ होगा तुम्हारे पापा की मौत का........वही हुआ उसका जो किसी भी प्यार मे पागल दीवानी लड़की का होता..........लेकिन उसने हार नहीं मानी.....उसने तुम्हे जन्म दिया.............तुम्हारे नाना ने तुम्हे अपने पास रखा ...लेकिन मुझे इस बारे मे इस से ज़्यादा कभी नहीं बताया उसने...हां इतना बताया था उसने कि एक बेटी है मेरी....शायद तुम्हे अपनी मांझी के काले साए से दूर रखना चाहती थी...शायद वो चाहती ही नहीं थी कि कोई जान पाए कि वो तुम्हारी माँ है............."



"तुम्हारे नाना क्यू मान गये , कैसे मान गये मुझे नहीं पता मेरी बच्ची.....लेकिन जहाँ तक एक औरता का दिल कहता है...उन्हे भी अपनी बेटी का दर्द शायद महसूस हो गया हो...कुछ कह नहीं सकती मैं इस बारे मे...."


"मोहिनी बहुत बहादुर थी कोहिनूर...उसने सबकुछ बर्दाश्त कर लिया ...बस एक बात नहीं कर पाई..........नीरज की मौत उसे हमेशा एक साजिश लगी........उसके दिल मे एक चोट थी....एक दर्द था.......हमेशा उसे लगता रहा कि नीरज को सदानंद की पार्टी के बड़े नेताओ ने मरवा दिया...........क्यूकी वो उनके लिए एक नया और शायद सबसे बड़ा ख़तरा बनता जा रहा था....नीरज बहुत अच्छा इंसान था,...लोग बहुत प्यार करते थे उसे...और शायद जल्द ही उसकी पार्टी मे उसे कोई बड़ा ओहेदा मिल जाता....यही डर था उनके मन मे...........लेकिन इन सब में सदानंद का हाथ नहीं था........क्यूकी उस समय सदानंद की औकात उसकी पार्टी मे कुछ ख़ास थी नहीं....... "


"आप ये सबकुछ कैसे जानती हैं "काजल से रहा नहीं गया...



Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
Post Reply