तवायफ़ की प्रेम कहानी complete

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jay
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Re: तवायफ़

Post by jay »


"कुछ दिन ही हुए कि मेरी तबीयत बहुत ज़्यादा खराब हो गयी....डॉक्टर. से पता चला कि मुझे कॅन्सर हो गया है काजल......शायद अंजलि को धोखा देने और तुम्हारी ज़िंदगी बर्बाद करने की सज़ा मिली है मुझे...मेरे दोनो गुर्दे खराब हो गये हैं....." राजन की आँखो से आँसू निकल गये.




"इलाज तो दूर मेरे पास इंडिया आने के पैसे नहीं थे.....मुझे समझ मे आ रहा था कि तुम जैसी मासूम के साथ जो किया मैने उसकी सज़ा मुझे मिली है..........हर रोज मंदिर जाता था कि किसी तरह एक बार मरने से पहले तुमसे मिल लूँ....तुम्हारे और अंजलि के पैरो पर सर रखकर माफी माग लूँ...शायद दिल का दर्द कुछ कम हो जाए......और आख़िर शायद भगवान को मुझपर तरस आ गया.... एक रोज मुझे अंजलि मिल गयी..."




राजन के चेहरे पर पछतावे के भाव थे और आँखो मे याचना...लेकिन बहुत देर हो चुकी थी और उसका पाप कुदरत के क़ानून मे माफी के लायक ना था.




"अंजलि से माफी माँग ली मैने और सबकुछ बता भी दिया...सच जानकार खुद ये मुझे यहाँ ले आई.......मुझे माफ़ कर दो काजल...मैने तुम्हारी ज़िंदगी बर्बाद कर दी...मुझे माफ़ कर दो...प्लीज़ फर्गिव मी.." राजन काजल के सामने अपने घुटने के बल बैठा हाथ जोड़े रो रहा था.




"चल जा कुत्ते यहाँ से........कोई माफी नहीं......." सदानंद ने झटके से उसका गला पकड़ा और दूसरी ओर ज़मीन पर धकेल दिया.




"सदा बाबू.....!! " ऋुना चिल्ला उठी...




"मोहिनी , काजल की माँ तवायफ़ बनी, आप चाहते तो वो बच जाती....आप भी साझे दार थे.....ग़लतियाँ तो आपने भी कम नहीं की हैं....बोलिए खुद को क्या सज़ा देंगे आप....." ऋुना ने गुस्से से उन्हे घूरते हुए कहा.



"जो तुम कहो ऋुना" सदानंद ने हथियार डाल दिए थे.



"मैं कौन होती हूँ कुछ कहने वाली, "ऋुना ने सर्द लहजे मे कहा.



"मैने तुम्हे माफ़ कर दिया राजन ..."इन सब के बीच एक धीमी सी आवाज़ काजल के होंठो से निकली.




राजन की आँखो से आँसू बह रहे थे, उसने शुक्रिया भरी नज़रो से काजल को देखा और हाथ जोड़ दिए.



आलोक ने काजल का माथा चूम लिया और अपने साथ लगाए गाड़ी की ओर बढ़ गया.



सोफी, ऋुना और शेरा भी उनके पिछे पिछे चल दिए.......लैला वही खड़ी रही.



"लैला, दुआ करना कि फिर कभी तेरा मेरा सामना ना हो...मैने आज तक किसी औरत की जान नहीं ली है, लेकिन कोई कसम भी नहीं खाई है.."जाते जाते शेरा गुर्राते हुए लैला से कहता गया.



काजल एक पल को ठितकी , लैला की ओर गयी दो कदम...




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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: तवायफ़

Post by jay »

"लैला बाजी, हर तवायफ़ की तरह आपकी भी ज़रूर कोई मजबूरी रही होगी, लेकिन एक बात कहे जाती हूँ....आपके साथ जो हुआ उसकी सज़ा किसी और को तो नहीं मिलनी चाहिए ना.......वो सारी लड़कियाँ आपकी बेटी जैसी हैं....कभी माँ बन कर सोचिएगा, हर कदम पर खुद को ग़लत लगेंगी आप.....एक औरत होकर एक औरत की मजबूरी का फ़ायदा उठाया आपने....खुदा ना करे कि कभी किसी मासूम की आह लग जाए आप को, एक पल मे सब ख़तम हो जाएगा......खुदा हाफ़िज़ लैला बाजी.." काजल ने कहा और आलोक के साथ चल दी.




लैला को सर झुका हुआ था शर्म से..काजल की बातें सीधे दिल पर लगी थी, कुदरत के कयि करिश्मे तो आज उसने खुद देखे थे...जिन्हे क़ानून सज़ा ना दे पाया उन्हे कुदरत के क़ानून ने दिया था...लैला ने एक बार काजल की ओर देखा लेकिन कुछ कह ना सकी. शायद कहने को ज़्यादा कुछ था नहीं उसके पास.लेकिन बदलने को बहुत कुछ था.



"काजल" सदानंद ने पहली बार उसे उसके नाम से पुकारा था.



आलोक और काजल दोनो ही रुक गये..



"मुझे भी माफ़ कर दो......"



काजल ने मूड कर उनकी ओर देखा...



"जी, कर दिया माफ़....." बस इतना ही कहा उसने.



"आलोक !, कहाँ जा रहा है..घर चल बेटा..." सदानंद फिर से बोले.




"पापा ! मैं अपनी काजल को लेकर यहाँ से जा रहा हूँ...अगर कभी आपको माफ़ कर पाया तो ज़रूर लौट आउन्गा....और एक बात आपसे कह कर जाता हूँ....- कोई मासूम तवायफ़ बनती है सिर्फ़ इसलिए कि आप जैसे सफ़ेदपोश चाहते हैं कि वो तवायफ़ बने......आप जैसे लोगो को वो सिर्फ़ एक जिस्म लगती है....क्यूकी आपके अंदर का इंसान मर गया है.....उनकी पीड़ा नहीं दिखती आपको......दिल रोता है फिर भी वो हँसती है, उन होंठो की हँसी के पिछे एक दर्द होता है और हर उस दर्द की एक कहानी होती है.........जिस दिन आप की सोच बदल गयी, कोई लड़की आपको तवायफ़ नहीं लगेगी.. और उस दिन आपको उसके घुंघरुओं की झंकार नहीं उसके आँसुओं की पुकार सुनाई देगी ..और तब आपको हर कोहिनूर मे एक काजल दिखाई देगी....एक अंजलि दिखाई देगी..."




आलोक मुड़ा और काजल को खुद मे समेटे चल दिया.सदानंद और लैला दोनो के लिए बहुत कुछ रह गया था सोचने और करने को.



वक़्त और हालत के थपेड़ो से लड़कर अपनी मुहब्बत की कश्ती को साहिल तक ले आई थी काजल, हर जख्म , हर दर्द बर्दाश्त कर गयी, शायद इसीलिए कर पाई क्यूकी वो तवायफ़ थी और तवायफ़ का मतलब ही दर्द होता है .काजल की मुहब्बत मे शिद्दत थी, कभी पाना चाहा ही नहीं उसने , बस हर कदम मुहब्बत निभाती गयी थी, और इसीलिए शायद आज उसकी मुहब्बत उसके पास लौट आई थी.......आज एक तवायफ़ की मुहब्बत जीत गयी थी.

दा एंड
समाप्त
दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताएँ
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rajaarkey
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Re: तवायफ़ complete

Post by rajaarkey »

ek or kahaani complete ...................................badhaai ho dost bahut hi umda love stori thi
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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jay
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Re: तवायफ़ complete

Post by jay »

rajaarkey wrote:ek or kahaani complete ...................................badhaai ho dost bahut hi umda love stori thi
thnx bhai
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sk13
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Re: तवायफ़ की प्रेम कहानी complete

Post by sk13 »

👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏
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