'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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Jemsbond
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Re: 'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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रातके घने अंधेरेमे बस्तीसे दूर एक निर्जन, निर्मनुष्य स्थलपर एक गाडी आकर रुकी. गाडीसे ओवरकोट पहना हूवा एक साया बाहर आया. कडाके के ठंडमे अपने गाडीके पास वह साया खडा हो गया. बेचैन होकर वह साया अपने गाडीके पास चहलकदमी करने लगा. बिच बिचमें अपने घडीमेंभी देखता था. जाहिर था की वह किसीकी राह देख रहा था. उतनेमें सामने अंधेरेमे दो जलते हूए दिए उसे अपने तरफ आते हूए दिखाई दिए. उसकी चहलकदमी रुक गई. एक गाडी नजदिक आ गई. उस गाडीके हेडलाईटकी रोशनी उस साये के चेहरेपर पडी. वह साया दुसरा कोई ना होकर जॉन था. वह गाडी उसके गाडीके पास आकर रुकी. जॉन उस गाडीके पास गया. उस गाडीसे एक काला कोट और काली हॅट पहने हूए एक लंबा चौडा एक आदमी उतरा. उतरतेही उसने जॉनसे हस्तांदोलन किया " हाय जॉन"
" हाय अलेक्स" जॉनने उसका हाथ अपने हाथमें लेकर कहा.
" बोलो ... इतने सुनसान जगह, इतने रात गए, तूमने मुझे क्यो बुलाया? ?" अलेक्सने पुछा.
" बातही वैसी है. तुझे पताही होगा की हमारे डिपार्टमेंटकाही एक हमारा साथी खुनीसे मिल गया है ऐसा हमें संदेह है. अब ऐसी नौबत आई है की मै मेरेही किसी साथीपर भरोसा नही कर सकता. इसलिए मैने तुम्हे यहां बुलाया है " जॉन ने कहा.
" अच्छा तो उस कल्प्रीटको ढूंढना है. " अलेक्सने कहा.
" मुझे पता है की इस कामके लिए तुम्हारे सिवा दूसरा कोई काबिल डिटेक्टीव हो नही सकता" जॉन उसको सराहते हूए कहने लगा.
" एकबार तूमने काम मुझे सौप दिया की वह मेरा हो गया. तूम उसकी चिंता मत करो. जल्द से जल्द मै उसका पता लगाउंगा " अलेक्स आत्मविश्वास से कह रहा था.
" इस खुनीतक पहूचनेका मुझे तो दुसरा कोई उपाय नही दिखता. देखते है इससे कोई फायदा होता है क्या? जॉनने कहा.
" मतलब इस पतले धागे से स्वर्ग तक पहूचना है हमें...!" अलेक्सने मजाकमें कहा.
" स्वर्ग कैसा ... नर्क बोलो" जॉनने उसकी दुरूस्ती की.
" हां नर्कही कहना पडेगा " अलेक्स ने कहा.
...
अँजेनी गहरी निंदमे थी. निंदमें उसका मासूम चेहरा और ही खुलकर निखरा हूवा दिख रहा था. निंदमेंही उसने अपनी करवट बदली. करवट बदलनेकी वह अदा भी दिल पिघला देनेवाली थी. इतनेमें उसेक फ्लॅटके दरवाजे की बेल बजी. उसने फिरसे करवट बदली. फिरसे दरवाजेकी बेल बजी. अब वह निंदसे जाग चूकी थी. उसेने अपनी आंखे मसलते हूए खिडकीके बाहर झांका. काला घना अंधेरा और शहर के दिए किसी टीमटीमाते तारोंकी तरह दिख रहे थे. उसने अंगडाई लेते हूए दिवारपर टंगे घडी की तरफ देखा. घडीमें बारा बजनेको एक-दो मिनट बाकी थे. फिरसे उसके दरवाजेकी बेल बजी. रातके बारा बजनेको आए. इतने रात गए कौन होगा?
वह अपने बिखरे बाल संवारते हूए बेडसे निचे उतर गई. अपने कपडे ठिक करते हूए और कौन आया होगा यह सोचते हूए वह सामने हॉल के दरवाजेकी तरफ जाने लगी. उसने दरवाजेके कीहोल से देखा. गलियारेमें अंधेरा होनेसे कुछ दिख नही रहा था. उसने दरवाजेकी चेन लगाकर कुंडी खोली और दरवाजा तिरछा करते हूए बाहर झांकने लगी. बाहर जॉन खडा था.
इतने रात गए किसलिए आया होगा ?...
" जॉन! इतने रात गए ? " वह दरवाजा खोलते हूए बोली.
जॉन मुस्कुराते हूए अंदर आया. उसके दोनो हाथ पिछेकी तरफ थे. शायद वह कुछ छिपा रहा था. उसने अंदर आतेही पिछे छिपाया हूवा एक फुलोंका बडासा गुलदस्ता निकाला और दुसरे हाथसे उसे उठाते हूए बोला,
" हॅपी बर्थ डे टू यू...
हॅपी बर्थ डे टू यू अँजेनी...
हॅपी बर्थ डे टू यू"
अँजेनीने दिवार पर टंगे घडीके तरफ देखा. बारा बजकर एक मिनट हो चूका था और घडीमे तारीख थी 16 ऑगष्ट; उसका जनमदिन ! अँजेनीके आंखोमे आंसू तैरने लगे.
" तुझे कैसे पता चला ? " वह प्रेमभरी नजरोसे उसके तरफ देखकर बोली.
" मॅडम यह मत भुलो की हम पुलिसवाले है और हमारे पास तुम्हारे सारे रेकॉर्डस् है. " जॉन मुस्कुराते हूए बोला.
" ओ जॉन थँक यू" वह जॉनके गालको चूमते हूए बोली.
जॉनने उसे कसकर अपनी बाहोंमे भरकर निचे उतारा. फिर दोनों एकदूसरेके होठोंको आवेशमें चूमने लगे.
' सोई हूई थी" जॉनने पुछा.
" हां " उसने कहा.
" यह तुम्हारा अच्छा है... उधर तूमने हमारी निंद उडाई और इधर तूम चैनसे सो रही हो. " जॉन मस्करी करते हूवे बोला.
" मैने ? " वह मुस्कुराते हूए बोली.
" हां ... आधी निंद तुमने उडाई और आधी उस खुनीने.. " जॉनने खिलखिलाकर हंसते हूए कहा.
अँजेनी मुस्कुराई; यत्नपुर्वक शायद झूट झूट. खुनीका जिक्रभी होनेपर उसे सानीकी याद आती थी.
अब दोनो एकदूसरेके कमरमें हाथ डालकर बेडरुमकी तरफ चल पडे.
" क्या कुछ लोगे? चाय कॉफी? " उसने पुछा.
" हां लूंगा ना. लेकिन चाय कॉफी नही. "
" फिर ? " उसने पुछा.
बेडपर बैठते हूए उसने उसके होठोंका एक कसकर चुंबन लिया. फिर दोनो एकदुसरेको बाहोंमे भरकर बेडपर लेट गए. अचानक फिर अँजेनीको क्या लगा पता नही. वह जॉनका चेहरा अपने दोनो हाथोमे लेकर उसकी तरफ एक टक देखने लगी. उसकी आंखे आंसूओंसे भर गई.
" क्या हूवा ?" जॉनने उसकी पिठपर अपना हाथ फेरकर कहा.
वह कुछ नही बोली.
" सानीकी याद आ रही है.? " जॉनने उसके चेहरेपर आई लटे ठिक करते हूए पुछा.
" सच ... तूम कौन , कहांसे आए, कैसे मेरे जिंदगीमें आते हो और मेरी तबाह होती हूई जिंदगी संवारते हो. सबकुछ कैसे जैसे पहलेसे तय हो..' वह आंखोमें आंसू लिए बोल रही थी.
जॉनने भावावेशसे से उसे भीरसे बांहोमें भर लिया.
" तूम चिंता मत करो. धीरे धीरे सबकुछ ठिक हो जाएगा" वह उसके पिठपर थपथपाते हूए उसे सांत्वना देते हूए बोला.
अँजेनी जॉनके सिनेपर अपना सर रखकर उसके सिनेके बालोंसे खेलते हूए उसकी तरफ एकटक देखने लगी. जॉनभी उसकी तरफ देख रहा था. मानो दोनोकी आंखे एक दुसरेमें खो गई थी. जॉनका हाथ जो अबतक उसकी पिठ सहला रहा था और उसके लंबे घने बालोंसे खेल रहा था, धीरे धीरे उसके मुलायम जिस्मसे खेलने लगा. वहभी मानो उसे चूमते हूए सारा प्रेम उसपर बरसा रही थी. जॉनने उसे अपने सिनेपरसे अपने मजबूत बाहोंसे उपर खिंच लिया. वह उसके शर्टकी बटन्स खोलने लगी. जॉनभी उसके कपडे निकालने लगा. थोडीही देरमें दोनोंभी विवस्त्र हो चूके थे. जॉन उसके संगे मरमरसे बदनकी तरफ आंखे फाडफाडकर देखने लगा. वह उसमें समानेके लिए अधीर धीरे धीरे उसपर झूकने लगा. इतनेमें बाजूमें रखे जॉनके मोबाईलकी घंटी बजी. दोनोभी किसी बुत की तरह एकदम स्तब्ध हूए. जॉनने अपना हांथ बढाकर अपना मोबाईल लिया. मोबाईलके डिस्प्लेकी तरफ देखा. फोन सॅमका था. उसने बटन दबाकर फोन बंद किया और बाजूमें रख दिया. फिर दोनो मूड बनानेकी कोशीश करने लगे. मोबाईल फिरसे बजा. चिढकर उसने बटन दबाकर फोन कानको लगाया.
" हां सॅम, इतने रात गए क्या काम निकाला ? " जॉन ने नाराजगीमेंही कहा.
" सर, तिसरा खून हो चूका है " उधरसे सॅमका स्वर गुंजा.
" क्या? " जॉन एकदम से उठ गया.
जॉन अपने कपडे ढूंढने लगा.
" फिलहाल हम उधर ही जा रहे है.. किसीने फोन कर पोलीस स्टेशनको यह खबर दी." सॅमका आवाज आया.
" क्या ऍड्रेस बताया?" जॉनने कपडे पहननेकी चेष्टा करते हूए पुछा.
अँजेनीभी अब उठकर कपडे पहनने लगी थी.
" साऊथ एव्हेन्यू, प्रिन्स अपार्टमेंटस् 1004 ... उटीना हॉपर" उधरसे आवाज आया.
" क्या? इसबारभी एक औरत! ठीक है ... यू प्रोसीड विथ द टीम. मै जल्द से जल्द आकर तुम्हे जॉईन होता हूं " जॉनने अपने कपडे पहनते हूए फोन बंद किया.
...
बेडरूममे धुंधलीसी रोशनी थी. बेडपर कोई सोया हूवा दिखाई दे रहा था. एक काले सायेने धीरे धीरे बेडरूममे प्रवेश किया. आतेही बेडरुममे इधर उधर देखते हूए वह साया दरवाजेके पास दिवारपर कुछ ढूंढने लगा. शायद वह कमरेके बल्बका स्वीच ढूंढ रहा था. दिवारपर टटोलनेके बाद उस सायेको एक जगह कुछ इलेक्ट्रीकके स्वीच मिल गए. वह साया एक एक स्वीच दबाकर देखने लगा. आखीर एक बटन दबानेके बाद कमरेका बल्ब जल गया और कमरेमे रोशनी हो गई. वह रोशनी सायेके शरीरपर भी पड गई. एक खुशीकी मंद मंद मुस्कान उस सायेके चेहरेपर दिखने लगी - बल्ब का स्वीच मिलने की खुशी.
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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Jemsbond
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. वैसे देखा जाए तो बल्ब का स्वीच मिलना यह घटना वह साया जिस कार्यके लिए आया था उसके मुकाबले एक साधारणसी घटना....
लेकिन आदमीका स्वभाव कितना अजीब होता है...
खुशी मनानेका एक भी मौका वह दौडना नही चाहता...
हां, उसकी खुशी की परिभाषा अलग अलग हो सकती है...
अच्छी कृतीमेंही उसे आनंद मिलता है... .
लेकिन फिर उसकी अच्छे बुरे की परिभाषा अपनी अपनी... .
दुसरेके नजरीयेसे गलत कामभी उसके लिए अच्छा हो सकता है..
वह बेडरुममे आया साया दुसरा तिसरा कोई ना होकर कमांड1 था. बेडरुममें रोशनी होतेही बेडपर सोई हूई औरत जग गई और भौचक्कीसी इधर उधर देखने लगी. शायद वह उतनी गहरी निंदमे नही होगी. सामने हाथमें पिस्तौल लिए खडे कमांड1को देखतेही व घबरा गई. डर के मारे उसके हाथपैर कांपने लगे. वह अब जोरसे चिखनेही वाली थी की कमां1ने उसके पिस्तौलका ट्रीगर दबाया. पिस्तौलको शायद सायलेंन्सर लगाया होगा क्योंकी 'धप्प' ऐसा आवाज आया और सामनेकी औरत बेडपर अचेतन होकर गिर गई. उसका चिखनेके लिए खुला मुंह खुला की खुला ही रह गया.
अब कमांड1का चेहरा खुशीसे खिल गया.
" मिस उटीन हॉपर ... आय अॅम सॉरी. मरना यह तुम्हारे तकदिरमें विधातानेही लिखा था... मै कौन तुम्हे मारने वाला ... मै तो सिर्फ उसके हाथ की एक कठपुतली... " कमांड1 खुदसेही बोल रहा था.
झटसे कमांड1ने अपने कोटके दाए जेबसे एक नुकीला छुरा निकाला और खचाखच उसके निश्चल पडे शरीरपर खंजर के वार किए. जब वह खंजर पुरी तरहसे उटीनाके गर्म खुनसे सन गया तभी वह रुका. फिर वह आगे जाकर दिवारपर उस खुनसे लिखने लगा. दिवारपर एक बडा शून्य निकालकर वह आगे लिखनेहीवाला था की दूर कही उसे पुलिसके गाडीका सायरन सुनाई देने लगा. कमांड1ने खिडकीसे बाहर झांका. आवाज अभीभी दूर था. उसने जल्दी जल्दी वह खंजर फिरसे उटीनाके खुनमें डूबोया और दिवारपर वह आगेका लिखने लगा.

तेजीसे सब कुछ निपटाकर कमांड1 फ्लॅटके दरवाजेसे दौडकर लिफ्टके पास गया. थोडीही देर पहले उसे सायरनका आवाज बिल्डीग के निचे आकर बंद हूवा ऐसा महसूस हूवा था. उसने लिफ्टके डिस्प्लेपर देखा. लिफ्ट उपर आ रही थी. वह घबरा गया.
कही पुलिस बिल्डींगमें तो नही आए ?..
और शायद वह उपर ही आ रहे थे ...
उसके चेहरेपर अब डर झलकने लगा था. क्या करे कुछ सुझ नही रहा था. उसने इस डरे हूए हालतेमेंभी तेजीसे फैसला लिया और वह सिढीयोंसे उपरकी तरफ दौडने लगा. थोडी देरमें उसके खयालमें आया की दौडते हूए उसके जुतोंका आवाज हो रहा है. उसने अपने जूते निकालकर वही छोड दिए और वह वैसेही उपर तेजीसे दौडने लगा. दौडते हूए निचे क्या हो रहा होगा इसकी तरफ भी उसका ध्यान था. आखीर वह बिल्डींगके टेरेसपर आकर पहूंच गया. टेरेसपर उसने इधर उधर देखा. उपर चमचमाते चांदनीसे भरा आकाश और आजूबाजू चमचमाते इलेक्ट्रीक लाईटसे भरा शहर. दौडनेके वजह से वह हांफ रहा था और उसे पसीना आया था. उपर ठंडी हवा चल रही थी. पसिनेसे सने उसके गरम शरीर को वह ठंडक पहूचा रही थी. उसे थोडी राहतसी महसुस हूई. लेकिन रुकनेके लिए वक्त कहां था? बिल्डींगके सामनेकी तरफ उसने झांककर देखा. बिल्डींगके सामने पुलिसकी गाडी खडी थी. गाडीके पास तीन हथीयारोंसे लेस पुलिस खडे थे. उसे एक समझमें नही आ रहा था की -
खुनके बारेमें पुलिस को पता कैसे चला ?...
ऐसाभी हो सकता है की वे दुसरेही किसी जुर्मके सिलसिलेमें वे वहां आये हों...
लेकिन वह अगर दूसरे किसी अपराधके सिलसिलेमें यहां आए होंगे और ऐसेमे अगर मै पकडा गया तो वह एक घोर इत्तेफाक ही कहना पडेगा...
लेकिन उसे पुरा भरोसा था की बॉसने दिए वक्तमें ऐसी अनहोनी नही होनी थी. अबतक ऐसा कभी नही हूवा था..
अब यहांसे कैसे खिसका जाए?...
वह सोचने लगा.
एक बात पक्की थी की बिल्डींगके सामनेसे खिसकना लगभग नामुमकीन था...
दुसरा कोई विकल्प ढूंढनेके लिए वह इधर उधर देखने लगा. बिल्डींगके दाए बायेंसेभी निकलना मुमकीन नही था. एक तो उतरनेको कुछ नही था और किसी तरह उतरो तो पुलिसके सामनेसेही जाना पड सकता था. फिर कमांड1 धीरे धीरे बिल्डींगके पिछले हिस्सेमें आकर वहांसे निकलनेके बारेंमे ताकझाक करने लगा. पिछे उतरनेको पाईप थे. वह देखकर उसके जानमें जान आ गई. लेकिन पिछे दुसरे एक बिल्डींगपर लगे सोडीयम लँपकी रोशनी पड रही थी. इसलिए उतरते वक्त किसीके नजरमें आना मुमकीन था. वह और कुछ विकल्प है क्या इसके बारेंमें सोचने लगा. उसके पास जादा वक्त नही था.
अगर गलतीसेभी पुलीस यहा टेरेसपर आ गई तो ?...
तो वह अपने आप ही उनके कब्जेमें आनेवाला था....
उसने बिल्डींगका पिछला हिस्सा निचे उतरनेके हिसाबसे और एकबार ठिक ढंगसे देखने का फैसाला किया. इसलिए वह पिछे के तरफ की पॅराफिट वॉलपर चढ गया. पाईप उपरसे निचे जमीनतक थे. शायद ड्रेनेज पाईप थे. पाईपपर जगह जगह किले लगाए हूए थे इसलिए उतरने के लिए पकडना आसान था. अचानक उसके खयालमें आया की उसके पिछे टेरेसपर कुछ हरकत हूई है. जबतक वह पलटकर देखता एक काला साया उसपर झपट पडा और उसने पुरा जोर लगाकर कमांड1को टेरेसके निचे धकेला. इस अचानक हूए हमलेसे कमांड1 गडबडा गया. उसे खुदको संभालनेकाभी वक्त नही मिला. वह बिल्डींगसे निचे गिरने लगा. गिरते वक्त उसका चेहरा उपर टेरेसकी तरफही था. वह काला साया टेरेससे झुककर उसे निचे गिरता हूवा देख रहा था. पिछेसे आ रहे सोडीयम लॅंप के रोशनीमें उसे उस काले साएका चेहरा दिखाई दिया. वह उस चेहरेकी तरफ आंखे फाडफाडकर देखने लगा. इधर निचे गिरकर मरनेका डर और सामने उस काले साए का चेहरा देखकर उसके डरमें और आश्चर्यमें जैसे औरही इजाफा हो रहा था.
वह चेहरा कमांड2का था ...
उसे विश्वासही नही हो रहा था....
उसने एकबार फिरसे तसल्ली कर ली.
हां वह चेहरा, उसका दोस्त जिसपर उसने पुरी तरहसे भरोसा किया था उस कमांड2काही था...
लेकिन उसने ऐसा क्यों किया ?...
वह उस सवालपर सोचकर कुछ नतिजेतक पहूंचनेके पहलेही वह निचे फर्शपर गिर गया. लगभग 15-16 माले उपरसे निचे गिरकर उसके सरके टूकडे टूकडे हूए थे और तत्काल उसकी जान चली गई थी. इधर उपर उसे निचे गिरते हूए देख रहे कमांड2के चेहरेपर एक गुढ मुस्कुराहट बिखेर गई.

हिमालयमें उस पर्बत के तले बह रहे नदी के किनारे जो गुंफा थी उस गुंफामें अभीभी वह ऋषी ध्यानस्त बैठा हूवा था. अचानक उसने अपनी आंखे खोली. उसकी आंखे लाल लाल मानो आग उगल रही थी. धीरे धीरे उसके आंखोकी लाली कम होगई और उसकी आंखे फिरसे बंद हो गई. और फिरसे जगह और अपने शरीर से अनजान उनकी सुक्ष्म अस्तीत्वका विचर अपनी मर्यादाए लांघकर मुक्त रुप से होने लगा.
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एक जंगलमें एक पर्णकुटी थी. पर्णकुटीके सामने आंगनमें तिन लोग बैठे हूए थे. वे आपसमें कुछ बाते और चर्चा कर रहे थे. उन्होने उनके सामने छोटी छोटी लकडीयोंके छोटे छोटे समुह बनाये थे. एक समुहसे लकडीयां निकालकर दुसरे समुहमें डालना या फिर एक समुहसे लकडीया निकालकर उसका दुसरा समुह बनाना ऐसा उनका चल रहा था. ऐसा करते हूवे वे आपसमें चर्चाभी कर रहे थे. उनके हावभावसे ऐसा प्रतित हो रहा था की वे उनकी किसी दूविधाके बारेमें बात कर रहे हो. उतनेमें उनके पिछेसे वह ऋषी आगया. उसकी आहट होतेही वे तिनो मुडकर उसकी तरफ देखने लगे.
ऋषीने तिनोंपर अपना दृष्टीक्षेप डाला.
" मुझे पता है तुम लोग किस दूविधामें हो " ऋषीने गूढ अंदाजमें कहा.
तिनोंके चेहरेपर आश्चर्य झलकने लगा.
हमारे मनमे क्या चल रहा है यह इस ऋषीको कैसे पता. ?...
वे कुछ बोले उससे पहलेही वह ऋषी चलते हूए उनके पाससे सामने निकल गया. वे उस ऋषीकी जाती हूई आकृतीको देखने लगे.
ऋषी एकदम रुक गया और उनकी तरफ मुडकर बोला , " चिंता मत करो मै तुम्हे तुम्हारी दुविधासे जल्दीही तुम्हे मुक्त करुंगा "
वह ऋषी फिरसे मुडकर अपना रास्ता चलने लगा. वे तिनो खुले मुंहसे आश्चर्यसे उस ऋषीकी जाती हूई आकृतीको वह आकृती अदृष्य होनेतक देखते रहे...
... जल्दी जल्दी जॉन लिफ्टसे बाहर निकल गया. अचानक वक्त पर आए फोनसे वह औरभी चिढसा गया था.
लेकिन क्या कर सकते थे ड्यूटीही वैसी थी...
किस पल कहा जाना पडेगा कुछ बोल नही सकते थे....
बेचारे अँजेनीको क्या लगा होगा ?..
वह सोचमें डूबा सिधा उटीन हॉपरके फ्लॅटमें घुस गया. वह आनेके पहलेही सॅम उसके टीमको लेकर वहां हाजीर हूवा था. वह सिधा फ्लॅटके बेडरूममें गया. उसके पिछे पिछे सॅमभी बेडरूममें गया. सामने बेडपर डरके मारे खुला हूवा मुंह और बडी बडी आंखे ऐसे स्थीतीमें खुनसे सना उटीनाका मृतदेह पडा हूवा था. और सामने दिवारपर उटीनाके खुनसे एक बडासा शुन्य निकाला हूवा था.
उस शुन्यके बिचोबिच लिखा था " अगर शून्य ना होता तो ? ".
जॉन वह संदेश बार बार पढने लगा. .
खुनीको क्या कहना है ?... उस संदेश मे क्या कुछ छिपा अर्थ था...?...
वह सोचने लगा.
" खुनका समाचार किसने दिया ?" जॉनने सॅमको पुछा.
" सर फोनपर कोई अज्ञात इसम था. उसने अपना नाम नही बताया. हमनें कॉलभी ट्रेस करके देखा वह इसी एरीयामें एक पब्लीक बूथका था. " सॅमने जानकारी दी.
सॅम अपने काममे हमेशा प्रॉम्प्ट था.
" खून होकर जादा वक्त नही बित गया होगा " जॉनने अपना तर्क लगाया.
" हां सर , हम आए तब खुन बहही रहा था... इसलिए हमने आसपास सब तरफ खुनीको तलाशा.' सॅम बोल रहा था.
" कुछ मिला ? " जॉनने आगे पुछा.
" इन दोनोंकोतो कुछ नही मिला " सॅम कमरेमें उपस्थीत अपने दो साथीयोंकी तरफ निर्देश करके बोला.
" और तिन लोग देखनेके लिए गए है... अभीतक वापस नही आए " सॅमने आगे बताया.
जॉनने वहा उपस्थित सबको ताकीद दी,
" देखो, यह एकके बाद एक तिसरा खुन है... अभीतक हाथमें कुछ नही मिल रहा है... अगर ऐसाही चलता रहा तो कैसे होगा... कुछ भी करो ... इस बार हमें खुनी मिलनाही चाहिए...."
तभी सांस फुली हूई अवस्थामें उनके दो साथी फ्लॅटमे दाखील हूए.
सब लोग उनकी तरफ उम्मीदसे देखने लगे.
" सर, बिल्डींगके पिछवाडे निचे जमीनपर एक डेड बॉडी पडी हूई है... " उनमेंसे एकने बडी बडी सासें लेते हूए कहा.
" सर, शायद कोई उपरसे निचे गिर गया है... मुझे लगता है... वही खुनी होगा... " दुसरेने कहा.
" सॅम, तूम यही रुककर इन्व्हेस्टीगेशन कंटीन्यू करो... मै इनके साथ निचे जाकर आता हूं " जॉन उनके साथ फ्लॅटसे बाहर जाते हूए बोला.

पोलिसकी गाडी कमांड1के घरके सामने आकर रुकी. गाडी रुकतेही गाडीसे पुलिसकी एक टीम निचे उतरी. उस टीमने उतरतेही दौडते हूए जाकर कमांड1के घरको चारो तरफसे घेर लिया. जॉन अपने वॉकी टॉकीसे सबसे संपर्क बनाए था और बिच बिचमें उन्हे निर्देश दे रहा था. सब लोगोंने अपनी अपनी पोजीशन ली है इसकी तसल्ली होतेही जॉन और सॅम धीरे धीरे कमांड1के घरके मुख्य व्दारके तरफ जाने लगे. दरवाजा खुलाही था.
मतलब जरुर कोई अंदर होगा ...
वे दोनो एकदुसरेको गार्ड करते हूए घरके अंदर घुस गए. उनकी पैनी नजर चारो तरफ घुम रही थी. हॉलमें कोई नही था. उसने वॉकी टॉकीसे आदेश देकर और दो साथीयोंको अंदर बुलाया. दो लोग अंदर आतेही घरमें इधर उधर बिखेरकर सारे कमरेकी तलाशी लेने लगे. कही कोई नही दिख रहा था. जॉन बेडरूमसे सटकर जो सिढीयां थी उसके पास गया. सिढीयोंसे उपर जानेका वह सोच ही रहा था की उसका खयाल सिढीयोंके निचे गया. वहां उसे सिढीयोंके निचेसे तहखानेमें जानेके लिये रास्ता दिखाई दिया.
" सॅम, जरा इधरतो आवो. देखो इधर एक रास्ता है." जॉनने सॅमको बुलाया.
" और तुम लोग घरमे हाथोंके और उंगलियोंके निशान ढूंढो. इसका संबंध किन कीन लोगोंसे था यह तो पता चलेगा." जॉनने सिढीयोंसे निचे जाते हूए फिंगरप्रिन्टस एक्सपर्टको आदेश दिया.
जॉनने सिढीयोंके निचे तहखानेका दरवाजा धकेलकर थोडासा खोलकर अंदर झांककर देखा. अंदर घने अंधेरेके सिवा कुछभी दिखाई नही दे रहा था.
जॉनने चूपकेसे सॅमको 'टॉर्च' लानेके लिए इशारा किया.
सॅम सिढीयोंके निचेसे चूपकेसे बाहर निकला और फिर दौडकर जाकर उसने टार्च लाया. टॉर्च शुरु कर उसने जॉनके हाथमें थमाया. जॉन एक हाथमें टॉर्च और दुसरेमें बंदूक लेकर धीरे धीर तहखानेमें जाने लगा. उसके पिछे पिछे सॅम बंदूक लेकर उसको गार्ड करता हूवा अंदर जाने लगा. जॉन इधर उधर टार्चकी रोशनी तहखानेमें डालते हूए अंदर जाने लगा. अंदर कोई नही था. तहखानेमे कोई खास सामान नही था. छुपनेके लिएभी कोई जगह अंदर दिख नही रही थी. आखीर उनका ध्यान तहखानेमें बिचोबिच रखे कॉम्प्यूटरकी तरफ गया.
' इतनी छुपी जगहपर कॉम्प्यूटर? " जॉनने आश्चर्यसे कहा.
" कुछ गडबड दिखती है " सॅमने अपनी राय व्यक्त की.
दोनो कॉम्प्यूटरके पास जाकर उसे ध्यान देकर निहारने लगे.
" जरा वह स्वीचतो ऑन करो " जॉनने सॅमको कॉम्प्यूटरका पावर स्वीच ऑन करनेके लिए कहा.
सॅमने पावर स्वीच ऑन किया और जॉनने काम्प्यूटर ऑन किया. वे काम्प्यूटर शुरु होनेकी राह देखते हूए स्क्रीनकी तरफ देखने लगे. पहले काले मॉनिटरपर बाएं कोनेमे कुछ सफेद शब्द दिखने लगे और फिर कॉम्पूटरकी मेमरी टेस्टका रिझल्ट मॉनिटरपर आगया.
और अचानक कॉम्प्यूटरपर मेसेज आगया-
' नो बूट डिस्क फाऊंड'
" अब इसको क्या हूवा? " सॅमने आश्चर्यसे कहा.
तबतक जॉनके और दो साथी वहां आए थे.
" क्या हूवा? " हॅरीने पुछा, जो अभी अभी अंदर आया था.
" हॅरी, देखोतो यह काम्प्यूटर क्यों शुरु नही हो रहा है?" जॉनने हॅरीको कॉम्प्यूटरको देखनेके लिए कहा.
हॅरी कॉम्प्यूटर टेक्नीशियन था. उसने फिरसे कॉम्प्यूटरका बटन बंद शूरु करके देखा. फिरसे काले स्क्रिनके बाए कोनेमें कुछ सफेद शब्द दिखने लगे. फिर मेमरी टेस्ट हूई और आखीर वही मेसेज -
' नो बूट डिस्क फाऊंड'
हॅरीने कॉम्प्यूटरका स्वीच ऑफ किया और अपने जेबसे स्क्रू ड्रायव्हर निकालकर वह सी.पी.यू. खोलने लगा.
" क्या हूवा ? " सॅमने हॅरीको पुछा.
" सर, कॉम्प्यूटर खोलनेके सिवा कुछ पता चलेगा नही " हॅरीने कहां.
हॅरीने जब सी.पी.यू.का कॅबिनेट खोला, वह आश्चर्यसे अंदरके हार्डवेअरकी तरफ देखने लगा.
" क्या प्रॉब्लेम है ? " जॉनने हॅरीको पुछा.
" सर इसकीतो हार्डडिस्कही गायब है " हॅरी अपने चेहरेका पसीना पोंछते हूए बोला.
" क्या? हार्डडिस्क गायब है? " जॉन और सॅमके मुंहसे आश्चर्यसे एकदम निकला.
" कौन ले गया होगा?" सॅमने जैसे खुदसेही पुछा.
" इसका मतलब उस हार्ड डिस्कमें कुछ तो महत्वपुर्ण जानकारी होगी." जॉनने अपनी आंखे छोटी कर सॅमको अपना तर्क बयान किया.
जॉनने एकबार फिरसे तहखानेमें टॉर्चके रोशनीमे एक चक्कर मारकर देखा.
" अच्छा, उस फिंगरप्रींट टेक्नीशीयनको इधर बुलावो. शायद इस कॉम्प्यूटरके अंदर जिसनेभी हार्डडिस्क निकाली उसके उंगलीयोंके निशान होगे. " जॉनने सॅमको निर्देश दिया.

कमांड2ने अपनी जगह बदली थी. वह अपने नए अड्डेमें तहखानेमें कॉम्प्यूटरके सामने बैठा हूवा था. उसका चेहरा अभीभी खुशीसे दमक रहा था.
कमांड1को मारनेके बाद अपना आगेका रास्ता आसान होगया...
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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Jemsbond
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Re: 'शून्य' - (Shunya)-- Complete Novel

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वह सोच रहा था. वह देखनेमेतो कॉम्प्यूटरपर मेल चेक कर रहा था लेकिन उसके दिमागमे और ही कुछ चल रहा था. इतनेमे उसका मोबाईल बजा. उसने मोबाईलपर नंबर देखा. लेकिन मोबाईलके डिस्प्लेपर कुछभी नंबर नही आया था.
किसका फोन होगा ?...
पुलिस तो नही होगी?...
उसने मोबाईलका एक बटन दबाकर मोबाईल कानको लगाया,
" हॅलो " टर्राए हूए स्वरमें वह बोला.
उधरसे कुछभी आवाज नही आ रहा था. सिर्फ 'घरघर' ऐसा किसी चिजका आवाज आ रहा था.
" हॅलो... कौन बोल रहा है ? " उसका आवाज अब सौम्य हूवा था.
" बॉस, मै बॉस बोल रहा हूं " उधरसे आवाज आया.
" बॉस? यस बॉस " कमांड2 खुदको नार्मल रखनेकी कोशीश करते हूए बोला.
" कमांड1का पता चला मुझे" बॉसने कहा.
" हां सर, बहूत बुरा हुवा " कमांड2 सिचूएशनको समझनेकी कोशीश करते हूए बोला.
" किसने मारा उसे " बॉसने पुछा.
" मारा ? मुझे तो लगा वह उपरसे निचे गिर गया होगा. " कमांड2ने मासूमियतसे कहा.
" लगा ? मतलब ? तूम नही थे उसके साथ? " बॉसने आश्चर्यसे पुछा.
" नही सर, मै नही था. आपने दिए वक्तसे एक दिन पहले और वह भी बुरे वक्तमें वह जा रहा था इसलिए मै नही गया उसके साथ. वह बोल रहा था की एक बार मुझे आजमाकर देखना है की बॉसका कहां कहातक बराबर आता है. " कमांड2 बोल रहा था.
" फिर देखा ? देखनेके लिए जिंदा भी रहना पडता है... मूरख! मुफ्तमे अपनी जान गवा बैठा. जहरका इम्तेहान लेने निकलाथा बेवकुफ. " बॉस गुस्सेसे बोल रहा था.
" फिर पुलिसको किसने बताया ? और इतने जल्दी पुलिस कैसे क्या आगई वहा? " बॉसने आगे पुछा.
" बॉस उसनेही बताया होगा. उसने पिछले बारभी पुलिसको बतानेकी जरा जल्दीही की थी. " कमांड2ने कहा.
थोडी देर उधरसे कुछभी आवाज नही आया. सिर्फ किसी चिजका घरघर आवाज आ रहा था.
" तूमने अपनी जगह बदली यह बहुत अच्छा किया. " बॉस ने कहा.
" हा सर, मुझे अंदाजा था की कमांड1की पहचान होनेके बाद पुलिस उसके घरपर रेड करेगी करके. "
" कमसे कम अब उससे सबक लो और आगे ऐसी बेवकुफी मत करो. अभी और अपना बहुत सारा काम बाकी है. " बॉस उसे हिदायत देते हूए बोला.
" हां सर " कमांड2ने अदबसे कहा.
उधरसे फोन कट हूवा.

खुले मैदानमे एक उंची जगह एक टेबल रखा हूवा था. टेबलपर अलग अलग टीव्ही चॅनल्सके टॅग लगाए हूए मायक्रोफोन रखे हूए थे. टेबलके सामने खुली जगहमें कुछ कुर्सीयां रखी हूई थी. वहां प्रेसवालोंने भीड की हूई थी. कुछ प्रेसवाले कुर्सीपर बैठकर प्रेसकॉन्फरन्समें शहर पुलीस शाखाप्रमुख आनेकी राह देख रहे थे. कुछ पत्रकार छोटे छोटे समूह बनाकर कुछ चर्चा कर रहे थे. चर्चा वही. फिलहाल शहरमें चल रहे खुनी श्रुंखलाकी.
" बहुत दिनोंसे वही वही खबरें एक रुटीनसा होगया था. इस खुनकी वजहसे वह रुटीन दूर होगया ऐसा लगता है. " एकने कहा.
" मतलब, तुम्हे कही ऐसा तो नही कहना है की यह खुन हो रहे है यह अच्छा हो रहा है.." दुसरेने व्यंगपूर्वक कहा.
" अरे वैसा नही " पहला गडबडाकर बोला.
" अरे मतलब वैसाही है. लेकीन खुले ढंगसे कहभी नही सकते..." दुसरा हसकर बोला.
फिर दोनो एकसाथ हसने लगे.
" साला, क्या करेंगे अपना कामही कुछ ऐसा है... दुसरे लोगोंके जानपर हमें खबरें बनानी पडती है... " और एक तिसरा बोला.
" हां वही तो... अगर खबरें ना हो तो अपना पेट कैसे भरेगा... ?"
" अरे जब मै नया नया इस क्षेत्रमें आया... तब रोज सुबह भगवानसे प्रार्थना करता था ... हे भगवान, कमसे कम आजतो एक खबर मिलने दे..."
" मतलब... संक्षेपमें... भगवान आज तो भी कोई अॅक्सीडेंट , खून'
' ... या कुछतो चटपटा घटीत होने दे. "
पहिलेने तिसरेकी ताली लेते हूए अपना वाक्य पूरा किया.
दुसरी तरफ टी व्ही चॅनल्सवाले अपने कॅमेरे लेकर तैयार थे. उनमेंभी चर्चा शुरू थी.
" अरे रोज कितना बुरा घटीत होता है इस दुनियामें..." एकने कहा.
" यह अच्छा है की हमें वह सब अपने इस खुली आंखोसे देखना नही पडता..." दुसरेने कहा.
" खुली आंखोसे नही तो कैसे देखते है हम?" दुसरेने आश्चर्य व्यक्त करते हूए कहा.
" अरे मतलब यह कॅमेरा रहता है ना अपने आखोके सामने.."
दोनो खिलखिलाकर हसने लगे.

अब प्रेस कॉन्फरन्समें सिर्फ शहर पोलीस शाखाप्रमुखके आनेकी राह थी. इतनेमें टेबलके उस तरफ थोडी चहल पहल दिखाई दी. इधर टेबलके इस तरफ बैठे प्रेसके लोगोंमें खुसुरफुसुर शुरू हूई. प्रेसके लोगोंको शहर पोलीस शाखाप्रमुख आते हूए दिखाई दिए. अपने बॉसके पिछे पिछे जॉन अपने भारी कदमोंसे चल रहा था. आखीर टेबलके उस तरफ शहर पोलीस शाखाप्रमुख और जॉन ऐसे दो लोग खडे हूए. टेबलके इस तरफ प्रेसवालोंकी गडबड शुरु हूई. इतने दिनोंसे नासूर की तरह तकलिफ दे रहे सिरियल किलरके केसके बारेमें लोगोंको जानकारी देनेके लिए प्रेस कॉन्फरन्स बुलाई गई थी.
प्रेसवालोके सवालोंका तांता शुरु हो गया -
" खुनी कौन है?"
" उसे जिंदा क्यो पकडा नही गया?"
" उसे ढूंढनेके लिए इतना वक्त क्यों लगा ?"
शहर पोलीस प्रमुखने एक गहरी नजर सारे प्रेसवालोंपर डाली.
" वन बाय वन" शहर पोलीस प्रमुख अपने कडे स्वरमें बोले.
" यस यू" शहर पोलीस प्रमुखने एक गरीब दिख रहे प्रेसवालेके तरफ इशारा किया.
" सर, आप किस बातसे यह कह रहे है की बिल्डींगसे गिरकर मरा पाया गया आदमीही खुनी था ?" एक टीव्ही चॅनलवालेने सवाल किया.
" अबतक मिले तिनो डेड बॉडीसे मिली बंदूक की गोलीयां उसकेही बंदूकसे फायर कि हूई थी... यह हमारे टेक्नीकल टीमने साबीत किया है.. और खुनीके कोटकी जेबसे एक खंजर मिला... उस जेबके कपडेपर तिनो खुन किये गये लोगोंके खुनके दाग मिले..." शहर पोलीस प्रमुखने विस्तारसे सब बताया.
" पुलिस उस खुनीको जिंदा क्यो नही पकड पाये..?... अगर जिंदा पकड सकते तो और भी कुछ जानकारी मिली होती. जैसे खुन करनेकी वजह... इत्यादी... " दुसरे एक प्रेसवालेने झटसे अपना मुंह बिचमे घुसाकर सवाल पुछा.
" खुनकी जानकारी मिलतेही ताबडतोड हम घटनास्थल पहूच गए. ... जब हम वहां पहूंचे, खुन हो चूका था लेकिन खुनी बिल्डींगसे बाहर नही निकला था... फिर हमने बिल्डींगको चारो तरफसे घेर लिया... इसलिए खुनीके वहांसे भागनेके सारे रास्ते बंद होगये थे... और उसे सुसाईड करनेके सिवा कोई रास्ता नही बचा था... " शहर पुलिस प्रमुखने विस्तारसे बताया.
जॉनने अपने बॉसकी तरफ आश्चर्यसे देखा. बॉस झुट बोल रहा है इस बातका नही तो वह कितनी सफाईसे झुठ बोल सकता है इस बातका जॉनको आश्चर्य लग रहा था.
" क्या ? खुनीने सुसाईड किया ? लेकिन कुछ लोगोंके अनुसार वह उपरसे गिर गया होगा..." एकने प्रतिप्रश्न किया.
" टेरेसको साडेतीन फिट उंची दिवार होते हूए वह वहांसे गिर गया ऐसा कहना गलत होगा.." शहर पुलिस प्रमुखने अपना तर्क प्रस्तुत करते हूए जवाब दिया.
" खुनके बारेमें पुलिसको किसने जानकारी दी थी.?" एक न्यूजपेपर रिपोर्टरने पुछा.
" अब ये सारी बाते बताना जरा मुश्कील है. हमारे जासूस सबतरफ फैले रहते है... उसमेकेही एकने हमे यह जानकारी दी... कुछ लोग अपना नाम गुप्त रखना चाहते है... तो कुछ लोगोंकी उनका नाम जाहिर करनेमें कुछ दिक्कत नही रहती... कुछभी हो आखीर खुनी, मरा हूवा ही क्यो ना हो... पकडा गया यह सबसे महत्वपुर्ण ... इसलिए इसके बाद न जाने कितने खुन होने वाले थे वह टल गए है... और उसका पुरा श्रेय मै हमारे काबील पुलिस डिपार्टमेंटके बिना रुके किये परिश्रमको देता हूं. उनको उनके मजबुत नेटवर्ककी वजहसे जानकारी मिली... सिर्फ जानकारीही नही वे वहां वक्तपर पहूंच गए और खुनीको भागने के सारे रास्ते बंद हो गए... " शहर पोलीस प्रमुख अब वहांसे खिसकनेके प्रयासमें था.
वे वहांसे खिसकनेके लिए मुडनेहीवाले थे की और एक रिपोर्टरने सवाल किया -
" सर, उस खुनीका उद्देश क्या होगा?"
" सिरीयल किलर मतलब वह एक तरहका पागलही होता है ... नही क्या... उनको खून करनेके लिए कोई उद्देश वगैरे कुछ नही लगता... अब ऐसे दिमागसेही पागल लोगोंका क्या उद्देश होगा यह बोलना तो जरा मुश्कील है... " पोलीस शाखाप्रमुख मुस्कुराते हूए बोले... वह देखकर वहाके आसपासके बाकी लोगभी जिसने सवाल पुछा उसके तरफ देखकर व्यंगतापुर्वक हंसने लगे.
बेचारा सवाल पुछनेवाला मायूस होगया.
अब शहर पोलीस प्रमुख सिधा जवाब नही दे रहे थे.
" सर , खुनीके घरके काम्प्यूटरकी हार्डडिस्क किसीने गायब की ... क्या यह सच है...?" किसीने शहर पोलीस प्रमुखका ध्यान आकर्षित करनेका प्रयास करते हूए पुछा.
शहर पोलीस प्रमुख उसकी तरफ ध्यान ना देते हूए बोले,
" मुझे लगता है की मैने लगभग सारे सवालोंके जवाब दे दिए है... और इस केसकी सब जानकारी आप लोगोंको दी है... . थँक यू"
शहर पोलीस प्रमुख जो एक बार पलटकर वहांसे जानेको निकले की वे वहांसे बाहर निकलने तक रुकेही नही. उनके पिछे सर निचे झुकाकर जॉन चूपचाप चल रहा था.

जॉन ड्रॉइंग रूममे बैठकर धीरे धीरे व्हिस्कीके घूंट ले रहा था. उसके चेहरेसे साफ झलक रहा था की वह डिस्टर्ब था. इतनेमें उसकी डोअर बेल बजी. वह व्हिस्कीका ग्लास टीपॉयपर रखकर खडा होगया. सामने जाकर उसने दरवाजा खोला. दरवाजेमें उसके सामने अँजेनी खडी थी.
" मै कितने देरसे तुम्हारा मोबाईल ट्राय कर रही हूं. तुम्हारा मोबाईल बंद है क्या?" अँजेनी दरवाजेसे अंदर आते हूए बोली.
" प्रेसवालोंके फोनपर फोन आ रहे है... इसलिए बंद करके रखा" जॉन दरवाजा बंद करते हूए बोला.
अँजेनीने ड्रॉइंग रूममें आनेके बाद टीपॉयपर रखा व्हिस्कीका ग्लास देखा और फिर जॉनके चेहरेके तरफ गौरसे देखने लगी.
" क्या हूवा ? अपसेट दिख रहे हो" अँजेनीने उसे पुछा.
" बैठो ... बताता हूं " उसने खुद एक कुर्सीपर बैठते हूए और अँजेनीको सामने रखे कुर्सीपर बैठनेका इशारा करते हूए कहा.
वह सामने रखी हूई कुर्सी उसके तरफ खिसकाकर उसके पास जाकर बैठ गई। उसने व्हिस्कीका ग्लास फिरसे उठाकर होठोंको लगाया ।
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" ऐसे अंदर ही अंदर गुमसुम रहनेसे अच्छा है अपने प्रॉब्लेम्स अपने किसी करिबी व्यक्तीके साथ शेअर करना ' अँजेनी उसका हाथ अपने हाथमें लेते हूए बोली ।
उसने उसका दुसरा हाथ उसके हाथपर रख दिया ।
" क्या कुछ डिपार्टमेंटमें प्रॉब्लेम हूवा ?" अँजेनीने उसका हाथ थपथपाकर कहा ।
" बोलता हूं... सब कुछ बोलता हूं. " व्हिस्कीका ग्लास बगलमें रखते हूए वह बोला ।
जॉनने एक दीर्घ सांस ली और उसे बोलने लगा -
जॉन उसके बॉसके , यानीकी शहर पोलीस शाखा प्रमुखके सामने बैठा हूवा था ।
" सर, उस बिल्डींगके निचे मिले शवकी तफ्तीश कर यह कुछ जानकारी हासील की है।" जॉन अपने सामने रखे फाईलके पन्ने उलट पुलटकर देखते हूए बोला।
बॉसने सिर्फ " हां " कहा।
जॉनके बॉसने अपने मुंहमें रखे सिगारका एक बडा कश लिया ।
" उस शवके जेबमें बंदूक मिली ... अबतकके तिनो खुन उसी बंदूकसे हूए है ।."
बॉसने अपने मुंहमेंके सिगार की राख सामने टेबलपर रखे अॅश ट्रेमे झटकते हूए कहा ,
" मतलब हम जिस खुनीकी तलाश कर रहे थे वह अपने आपही, मरा हूवा क्यों ना हो, अपने शिकंजे मे आ पहूंचा । "
" सर, मुझे लगता है इतने जल्दी इस नतिजेतक पहूंचना जल्दबाजी होगी. " जॉनने कहा.
" देखो जॉन, अब पुलिसके गलेतक पाणी पहूंच चूका है... अब यह शब्दोंसे खेलनेका वक्त नही है। फिलहाल हालात सामान्य होनेके लिए हमें कुछतो ठोस कदम उठाना जरुरी है । और अपना निष्कर्ष गलत है ऐसा तुम्हे क्यो लगता है ? " बॉसने जॉनके आंखोमें लगातार देखते हूए कहा.
" वैसी बहुत बाते है ." जॉनने फाईलके कुछ पन्ने पलटते हूए कहा.
" उदाहरणके तौरपर ? " बॉसने सिगार बुझाते हूए पुछा.
" नंबर एक - असली खुनीने किसीको मारकर उसके जेबमें बंदूक डाली होगी .. ऐसा भी हो सकता है... . और यह सब वह अपने उपरका ध्यान दुसरी तरफ हटानेके लिए कर सकता है...
नंबर दो - जब हमने वह मरे हूए आदमीके घर पर रेड किया तब उसके कॉम्प्यूटरकी हार्डडिस्क गायब थी. उसके पिछे अलग अलग हेतू हो सकते है... जैसे वह अकेला ना होकर उसके साथ बहुत सारे साथी उसको सामील हो .. जैसे मैने पहले बताया वैसे खुनी दुसराही कोई होकर वह ये सब अपनेपरका ध्यान दुसरी तरफ हटानेके लिए कर सकता है... या फिर वह एक मामुली चोरीभी हो सकती है... "
जॉन बॉसकी प्रतिक्रिया देखनेके लिए रुका.
" हां , और कुछ " बॉसने उसे और कुछ कहना है तो आगे कहने के लिए सुचीत करते हूए कहा.
" नंबर तीन - इस बार खुनकी जानकारी खुनीने ना देते हूए किसी औरही आदमीने दी थी ... क्योंकी जहांसे फोन आया था वहांसे खुनीको खुनके वक्त तक खुनके जगह पहूंचना लगभग नामुमकीन था. और अगर इस बारका अपवाद अगर छोडा तो इसके पहले हरबार खुनीने खुनके जगहसेही फोन किया था. कोई उनकेही टीमका आदमी बेईमानीपर उतर आया हो या किसीको इसकी भनक लगी हो जो की अपनी पहचान बताना नही चाहता हो"
जॉनने बचा हूवा सब लगभग एकही सांसमें बोल दिया और अब वह बॉसके प्रतिक्रिया की राह देखने लगा.
जॉनका बॉस उसके कुर्सीसे धीरेसे उठ गया. खिडकीके बाहर देखते हूए उसने नई सिगार सुलगाई. फिर सिगारके लंबे कश लेते हूए उसने जॉनके इर्द गिर्द एक चक्कर लगाई -
" होगया तुम्हारा ?" बॉसने उसके तरफ घुरकर देखते हूए कहा.
जॉनने सिर्फ अपना सर हिलाया.
" देखो जॉन, तुम्हे पताही है की इस घटना की वजहसे अपने पुलिसकी प्रतिमा कितनी मलीन हो चूकी है. और तुम जो कह रहे हो वह सारी संभावनाएं है. उसका अपने पास कोई ठोस सबुत नही है. "
जॉनका बॉस कमरेमें चहलकदमी करते हूए बोल रहा था.
" लेकिन सर.." जॉनने बिचमें बोलनेका प्रयास किया.
उसे रोकते हूए बॉसने कहा,
" मुझे लगता है इस केसपर काम करके और लगातार तणावके वजहसे तूम शारिरीक और मानसिक तरहसे थक चूके हो... और थकनेके बाद बहुत बार ऐसा होता है... आदमी गडबडा जाता है... और फिर वह तरह तरहके निष्कर्ष निकालने लगता है."
" नही सर, वैसा नही ." जॉनने अपना पक्ष रखने का प्रयास किया.
" देखो , मै क्या कहता हूं ध्यान देकर सुनो " बॉस अब कडे स्वरमें बोल रहा था,
" अब एक प्रेस कॉन्फरंस लेनी पडेगी. उसमें एक साथ केसकी सारी जानकारी देकर अपने पुलिस डिपार्टमेंटकी बची कुची लाज रखनी पडेगी. और फिर ..... और फिर तुम एक महिनेके लिए छुट्टीपर चले जावो... मै तुम्हारी छुट्टी अभी सँक्शन कराये देता हूं ... फिर तुम तुम्हारी दोस्त अँजेनीको लेकर किसी हिलस्टेशनको जावो... छुट्टीया मनाने के लिए... बाकी चिंता तुम मत करो... मै सब बंदोबस्त करता हूं. "
जॉनने एकदम चौंककर उसके बॉसकी तरफ देखा. अपने बॉसको अपने और अँजेनीके बारेमें कैसे पता चला? उसकी आंखोमे अभीभी आश्चर्य और अविश्वास तैर रहा था. .
" आय अॅम सॉरी... इट्स यूवर पर्सनल मॅटर... बट इटस् माय प्रोफेशनल वे ऑफ वर्कींग .... मुझे सबपर पैनी नजर रखनी पडती है"
जॉन कुछ बोले इसके पहलेही बॉसने कुर्सीके पिछे टंगा हूवा अपना ओव्हरकोट उठाया और वह दरवाजेकी तरफ जाने लगा.
दरवाजेमें रुककर जॉनकी तरफ पलटकर देखते हूए वह बोला, " कल सुबह दस बजे मैने प्रेस कॉन्फरंस बुलाई है. क्या बोलना है वह सब मै देखता हूं. यू जस्ट बी देअर."
जॉनके जवाब की राह ना देखते हूए बॉस खाट खाट जूतोंका आवाज करते हूए वहांसे निकल गया. जॉन संभ्रमसे कभी बॉसको जाते हूए देख रहा था तो कभी अपने हाथमेंके फाईल और कागजादोंकी तरफ देखते हूए वहां खडा रहा.
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