ताकत की विजय

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Jemsbond
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Re: ताकत की विजय

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सेन ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा और उसे स्वयं से अलग करते हुए बोला... अब तुम दोनों ऐसे तैयारियां शुरू कर दो जैसे शहर से बाहर जा रहे हैं

क्या मतलब ?

दोनों मां बेटी चौंकी

मैं नहीं चाहता कि चौधरी या प्रताप सिंह को मुझ पर जरा भी संदेह हो.... सेन ने बताया

लेकिन इसमें बाहर निकलने की तैयारी करने की क्या जरूरत है ?

वो मैं बाद में बताऊंगा , फिलहाल तुम वही करो जो मैं कह रहा हूं

इतना कहकर सेन पलटा और दरवाजे की तरफ बढ़ गया

इधर वह दरवाजे से बाहर निकला.. उधर नयना के होंठों पर रहस्यमयी मुस्कान थिरकने लगी, आंखों में एक विशेष प्रकार की चमक नाचने लगी....
विशाल के घर के सामने राजीव सेन ठिठका...

इस वक्त वह सिविल ड्रेस में था और उसने सिर पर कैप तथा आंखों पर चश्मा लगा रखा था ताकि कोई उसे पहचान न सके

फिर उसने सावधानी वश चारों तरफ देखा, पूरी तरह संतुष्ट हो जाने के बाद उसने दरवाजे पर दस्तक दी

यह क्या ? दरवाजा तो पहले से ही खुला हुआ था

दस्तक होते ही दरवाजा भीतर की ओर खिसक गया

राजीव सेन ने हाथ से दरवाजे को धकेला और धडकते दिल से भीतर दाखिल हो गया

आंगन पार करते हुए जैसे ही वह भीतरी दरवाजे के करीब पहुंचा... उसे पिछे से दरवाजा बंद होने और सिटकनी चढाये जाने की आवाज सुनाई दी

चिहुंक कर पलटा सेन तो दरवाजे के पास पुनीत शर्मा को खडा पाया

हाथ में रिवॉल्वर, होंठों पर अर्थभरी मुस्कान, आंखों में क्रूरता लिये वह उसी को घूर रहा था

तो एक बेटी ने अपने खून का रंग दिखा ही दिया.... रिवॉल्वर उसकी तरफ ताने पुनीत सेन की तरफ बढते हुए गुर्राया... मैंने उसे मना भी किया था कि इस जगह का पता किसी को भी ना बताये, लेकिन उसे अपनी इज्जत बचाने वाले से ज्यादा बाप अजीज लगा... उसका धंधा, उसके काले कारनामें अच्छे लगे... तभी तो उसने तुम्हें इस जगह का पता बता दिया ताकि यहां आकर तुम मुझे आसानी से मौत के घाट उतार सको.... लेकिन यह तेरी भूल है राजीव सेन - पुनीत शर्मा को खत्म करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है... हां, तेरी लाश अवश्य इस घर से निकलेगी... कहते कहते पुनीत का स्वर पथरीला होता चला गया

मैं हूं ही इसी काबिल पुनीत जी... भर्राये स्वर में बोला सेन... बल्कि मेरी लाश को तो कुत्तों के सामने डाल देना चाहिए जिसने पुलिस की पवित्र वर्दी का अपमान किया है.....
वाह , मौत सामने देखी तो झट से पैंतरा बदल लिया... व्यंग भरे स्वर में बोला पुनीत

मैं पैंतरा नहीं बदल रहा पुनीत जी, बल्कि मेरी सोई हुई आत्मा जाग गई है... नयना के शब्दों ने मेरे दिलो दिमाग को झकझोर कर रख दिया है.. मैं पश्चाताप की आग में झुलस रहा हूँ

हंसा पुनीत .... वाकई शानदार एक्टिंग कर रहे हो

यह एक्टिंग नहीं हकीकत है, आप बेशक मुझे गोली से उडा दीजियेगा, लेकिन मरने से पहले मैं बस थोड़ी सी जिंदगी आपसे भीख के रूप में मांग रहा हूं ताकि मैं अपने गुनाहों का प्रायश्चित कर सकूं

कहते हुए सेन की आंखों में आंसू भर आये

पुनीत के चेहरे पर गंभीरता छा गई, आंखों में सोच के भाव उभरे
ठीक है.... आखिर सिर को हल्का सा झटका देकर कहा... आओ अंदर चलकर बात करते हैं.. मगर एक बात का ध्यान रखना, अगर तुमने जरा सी भी चालाकी दिखाई तो मैं गोली चलाने में एक पल भी नहीं लगाऊंगा

यहा मैं अकेला आया हूं... वर्दी भी नहीं पहनी - चश्मा और कैप भी इसीलिए लगा रखे हैं कि कोई मुझे पहचान ना ले - हथियार के नाम पर भी मेरे पास सूई तक नहीं... आप खुद सोचिये मैं ऐसे में कोई चालाकी दिखाने नहीं आया

भीतर चलो.. थोडा नरम लहजे में कहा पुनीत ने

सेन भीतर प्रवेश कर गया

कुछ ही देर में दोनों सोफे पर आमने सामने बैठे थे.... रिवॉल्वर पुनीत की गोद में पडा था और वह जेब से सिगरेट का पैकेट निकाल रहा था

उसने एक सिगरेट सुलगाई और लम्बा सुट्टा मारा फिर नाक से धुआं छोडते हुए कहा... अब बोलो, क्या पश्चाताप करना चाहते हो तुम ?

असली मुजरिमों को नंगा करना चाहता हूं... सेन बोला

असली मुजरिम तो तुम भी हो

सेन के गले की घंटी उछली

उन्हें नंगा करके मैं खुद भी जनता को अपनी सच्चाई बताऊंगा, फिर कानून मुझे जो भी सजा देगा मैं उसे खुशी खुशी स्वीकार कर लूंगा...
निरंजन चौधरी और प्रताप सिंह को नंगा कैसे करोगे ? गंभीर स्वर में पूछा पुनीत ने

उन कुत्तों को बालों से पकड कर घसीटते हुए बीच चौराहे पर खडा कर दूंगा और लोगों को उनकी हकीक़त बताऊंगा

तुम क्या समझते हो, जनता तुम्हारी बातों पर विश्वास कर लेगी ?

हडबडाया राजीव सेन... क्.. क्यों नहीं करेगी ?

तुम भूल रहे हो सेन , चौधरी एक नेता है और जिस तेजी से नेता रंग बदलता है उसके सामने तो गिरगिट भी पानी भरते नजर आते हैं.... पब्लिक उलटा तुम्हें ही दोषी मानेगी जबकि चौधरी कोई न कोई पैंतरा चल कर जनता की नजरों में सच्चा बन जायेगा...

आपने जो पोस्टर छपवाये है , उनके जरिये चौधरी का नाम तो बदनाम हो गया होगा और....

नही, इसे वह विपक्ष की घिनौनी चाल बताकर जनता की नजरों में पाक साफ हो जायेगा .... सेन की बात को बीच में काटकर समझाया पुनीत ने

ओह.... इतना ही बोल पाया सेन

रही बात प्रताप सिंह की, तो उसे तुम हाथ भी नहीं लगा सकते... वह मजिस्ट्रेट है कोई घसीयारा नहीं.... उसको गिरफ्तार करने से पहले तुम्हें उसी की परमिशन लेनी होगी और उसे जरा भी संदेह हो गया कि तुम्हारे ख़यालात बदल चुके हैं तो तुम सोच सकते हो वह क्या करेगा तुम्हारे साथ

ओह... एक बार फिर सेन इतना ही कह पाया...
अगर चौधरी को खत्म ही करना होता तो मैं ऐसा कब का कर चुका होता .. लेकिन जानते हो मैंने ऐसा क्यों नहीं किया ?

क्यों... बरबस ही निकल गया सेन के मुंह से

क्योंकि उसके मर जाने से वह अमर हो जाता... लोग यही समझते कि एक शैतान ने एक देवता को मार डाला है, इसलिए मैंने उसे खत्म नहीं किया...
इंसान को खत्म करना है तो उसकी इमेज की धज्जियां उड़ा दो, वह अपने आप खत्म हो जायेगा.... इसलिए मैं चाहता हूं कि पहले उसकी असलियत जनता के सामने आये... लोग उससे इतनी घ्रणा करने लगे कि वो खुद मौत की दुआ करने लगे.. और लोग उसकी लाश पर फूल चढ़ाने के बजाय थूके

राजीव सेन आंखें फाडे उसे देखने लगा... उसे आज महसूस हुआ कि जो शख्स सामने बैठा है वो वाकई एक खतरनाक शख्सियत हैं गुनहगारों के लिए

रही बात प्रताप सिंह की, तो न्याय की जिस कुर्सी को उसने अपवित्र किया है , उस कुर्सी की पवित्रता को कायम रखते हुए वह खुद को सजा सुनायेगा.... लोगों के सामने अपनी सच्चाई बयान करेगा, फिर जनता जो फैसला करना चाहेगी खुद ही कर लेगी

राजीव सेन को अपने दिल की धडकनें रूकती हुई महसूस होने लगी

जिस शख्स को वह मामूली वकील समझ रहा था वह तो बहुत बडा खिलाड़ी निकला

और तुम तो अपने गुनाह कबूल कर ही लोगे... उसे सोचते देख बोला पुनीत

अं... हा.. जी हां ... बोला सेन... मैं अपने गुनाह कबूल कर लूंगा, लेकिन आप चौधरी को पब्लिक के सामने कैसे नंगा करेंगे ? प्रताप सिंह स्वयं को सजा कैसे दे सकता है... मैं खूब जानता हूँ उसे... बहुत कुत्ती चीज है ... सेन ने परेशान स्वर में कहा

उसकी चिंता मत करो तुम और मेरा कमाल देखो... मुस्कुराया पुनीत फिर सिगरेट का कश लेने लगा

प्रताप सिंह स्वयं को सजा कैसे दे सकता है... मैं खूब जानता हूँ उसे... बहुत कुत्ती चीज है ... सेन ने परेशान स्वर में कहा

उसकी चिंता मत करो तुम और मेरा कमाल देखो... मुस्कुराया पुनीत फिर सिगरेट का कश लेने लगा

प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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