चीते का दुश्मन complete

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Re: चीते का दुश्मन

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मतलब बताते-बताते टुम्बकटू ने उसे सारी बात स्पष्ट बता दी । पूरी बात सुनने के बाद अलफांसे मुस्कराया और बोला…“इसका मतलब ये हुआ कि पांच करोड़ की कमाई के बाद इनकम का रास्ता बंद हो चुका है । खैर, अब तुमसे बातों मेँ कुछ मजा आएगा । बोलो, क्या कहना चाहते थे?”




"मेरा ख्याल ये था जनाब कि हम एकांत मेँ कहीं बातें करते ।"



"चलो ।" अलफांसे ने लापरवाही से कहा…“आओ मेरे साथ I”



और वे दोनों घनिष्ठ दोस्तों की भांति एक साथ उस पहाडी का चक्कर काटकर नीचे उतरने लगे । बीस मिनट बाद ही वे एक कार के समीप पहुंच गए थे ।

ये कार अलफ़ांसे ने किराए पर ले रखी थी ।

अलफांसे ड्राइविंग सीट पर जम गया ।

टुम्बकटू उसके बराबर मेँ ही बैठा था ।

अलफांसे ने आराम से कार स्टार्ट करके आगे बढा दी । कुछ ही देर बाद कार सडक पर आ गई । इस बीच टुम्बकटू एक मिनट भी शांत नहीं रहा था ।



जब कार को गति मेँ आए तीस मिनट गुजर गए तो एकाएक टुम्बकटू मतलब की बात पर आता हुआ बोला…"बात करने के लिए इससे बेहतर जगह और क्या होगी, क्राइमर भाई?"



"प्यारे कार्टून, अगर असली अपराधी हो तो आगे-पीछे देखकर चला करो ।"



“क्या मतलब? " टुम्बकटू बोला ।



“मेरे मतलब को तो मेरे पास ही रहने दो I” अलफांसे एक बार बैक मिरर पर दृष्टि डालकर बोला…"तुम जरा अपना चक्कर बताओ । धरती पर तुम खुद से बडा तीसमारखां किसी को समझते ही नहीं थे । जासूसों के दल में घूमकर चेलेंज दिया था कि कोई तुम्हारी फिल्म निकाल ले, लेकिन ये भूल गए कार्टून प्यारे, कि उन जासूसों में हमारा चेला भी था । बना ना चमगादड़ अब तो तुम्हारी अकड ढीली हो गई । अब क्या चाहिए? "




“हुजूर मुझे वो फिल्म दे दें तो गुलाम पर बडी कृपा होगी ।" टुम्बकटू ने कहा ।



“एक बात बताऊं तुम्हें!" अजीब-सी मुस्कान के साथ बोला अलफांसे ।



“एक नही बंदा परवर हजार बातें बताओ I"



“एक कटोरा लेकर भीख मांगने लगो ।"
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Re: चीते का दुश्मन

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"आपकी राय का बहुत-बहुत शुक्रिया l” टुम्बकटू अदब कै साथ बोला…“यहां कै बाद आप मुझे किसी सडक पर अब कटोरे के साथ देखेंगे, लेकिन जनाबे किबला, दिक्कत तो ये है गरीब पर कटोरा खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं । आपकी बड्री कृपा होगी, सबसे पहली भीख आप ही से मांग रहा हू। गरीब की झोली में बस फिल्म डाल दो । हमारे आशीर्वाद से सात बच्चों सहित हमारी भाभी आएगी I”



"वो फिल्म तो मेरे पास है नहीं । कटोरा खरीदने कै लिए पैसे जरूर दे सकता हूं I”



"तो बंदा परवर, भीख मेँ केवल ये ही बता दें कि वह फिल्म है कहां?"



"क्यों बता दूं?”


"अब इस कठिन प्रश्न का उत्तर देने की प्रतिभा तो गुलाम में है नहीं I” टुम्बकटू बोला…“नही बताएंगे तो हम कर क्या लेगे, लेकिन हुजूर के कानों से ये बात जरूर निकाल देना चाहते हैं कि हम माडर्न भिखारी हैं यानी भीख मांगने का दूसरा तरीका भी जानते हैं मगर वह तरीका थोडा अशिष्ट है । अच्छा तो ये ही है कि स्वामी गुलाम को उस तरीके तक न ही पहुचने दें l”



"तुम मुझे धमकी दे रहे हो?” अलफांसे सतर्क होकर गुर्राया ।



"मैं आपका गुलाम हू साब । धमकी का प्रश्न ही कहां है?” टुम्बकटू बोला--""मैंने तो एक इल्तजा आपके सम्मुख रखी है I"



“दूसरे तरीके से क्या मतलब?”

"हुजूर, वही मारा…मारी का तरीका ।"


"एक बात बता दूं बेटे कार्टून l" अलफांसे ने कहा-“तुम शायद भूल गए हो कि तुम किससे बात कर रहे हो । तुम्हें चमगादड़ बनाकर मेरे चेले ने लटकाया था । जब उससे टकराए तो तुम्हारी ये हालत हो गई और अगर व्यर्थ ही मुझसे टकराने की कोशिश की तो चेहरे का भूगोल इस कदर बदल दूगा कि शीशे मेँ खुद क्रो पहचान नहीं सकोगे I”



"हुजूरे आला की इनायत चाहिए I” टुम्बकटू बिना किसी उत्तेजना के बोला…"ये तो खैर वक्त की बात है कि किसके चेहरे का भूगोल बदलता है । मगर मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि अगर मालिक के पास वह फिल्म है तो हमारे पास होगी I"



"यह तो मैं तुम्हें बता ही चुका हू कि फिल्म मेरे पास नहीं है ।"


"तो उसका पता बता दो स्वामी?”



उसके शब्द सुनते-सुनते अलफांसे ने एक नजर वेक मिरर पर डाली और उसी क्षण उसके होंठों पर बडी जहरीली मुस्कान नृत्य कर उठी । कदाचित उसके दिमाग मेँ कोई भयानक स्कीम जन्म ले चुकी थी । कुछ सोचकर बोला…"'खैर, अगर मैं तुम्हें बता दूं कि फिल्म कहां है?”



"तो मैं आपका उम्रभर गुलाम रहूगा ।”



"मुझें कैश क्या मिलेगा?” अलफांसे ने कहा ।


"कैश कुछ नहीं मिलेगा?”


"तो फिर ऐसा कोई भी कारण नहीं है जिसके लिए मैं तुम्हें फिल्म का पता बताऊं ।"

"मैंने जवाब से पहले ही कहा है कि मेरे पास दूसरा ढंग भी है I”


"दूसरा ढंग तो है बेटे, लेकिन दिक्कत ये है कि आप मुझ पर इस्तेमाल नहीं कर सकते l" अलफांसे का स्वर पहले की भांति ही सख्त था l

“उसके कईं कारण हैं । पहला तो ये कि मैं कोई रसगुल्ला नहीं हू जिसे तुम यूं ही हजम कर जाओगे । दूसरा ये कि उस समय तक तुम मुझे खत्म तो नहीं कर सकते, क्योंकि अगर में खत्म हो गया तो तुम्हें उस फिल्म का कभी पता नहीं लगेगा और ये कदाचित तुम भी जानते होगे कि किसी भी यातना के जरिए तुम मुझसे उगलवा नहीं सकते कि फिल्म कहां है l और फिल्म जिसके पास भी है वह पूरा लाभ उठा चुका होगा ।"



“बात तो तुम पते की कह रहे हो, क्राइमर भाई I" टुम्बकटू ने कहा…"बैसे बाई द वे आपके कटोरे मेँ कितनी मुद्रा डाली जाए कि आप मुझे फिल्म का पता बता दें I”



वाक्य सुनकर क्राइमर धीरे से मुस्कराया, बोला-“तुम्हें मालूम है कि इसकी कीमत एक करोड डॉलर है I”



"पचास लाख से काम नही चलेगा?"


"पचास उधार रहे, पचास निकालो I" कार चलाते हुए अलफांसे ने अपना एक हाथ बेशरमाई से मुस्कराते हुए फैला दिया l



वास्तव मेँ टुम्बकटू ने पचास लाख डॉलर उसे अपने कोट की लम्बी-लम्बी जेबों से निकालकर थमा दिए l अलफांसे ने डॉलर अपनी जेब में डाले और कार एक मोड़ पर घुमा दी ।


कार मोड पर घुमाने के बाद वह लगातार बैक मिरर में देखता रहा ।

चार मिनट बाद उसके पीछे मोड़ पर क्षण-भर के लिए रोशनी चमकी ।


अलफांसे एक बार पुन: मुस्कराया ।


“अब तो कृपा कर दो मालिक ।" कहते हुए टुम्बकटू ने हाथ जोड दिए ।




"अब सुनो तुम असली बात ।” अलफांसे बोला…"फित्म उसके पास पहुच चुकी है जो उसका वास्तविक हकदार है । यानी फिल्म विकास के पास है ओर वह तुम्हारे यान की तरफ़ रवाना भी हो चुका है ।"




"अगर ये बात गलत हुई ना क्राइमर प्यारे।” टुम्बकटू बोला-"तो दुनिया में तुम्हारा नाम लेने वाला भी कोई नहीं होगा ।”




"तुमसे इसलिए झूठ नहीं बोला है ताकि तुम्हारे बाकी रहे…सहे कश…बल भी ढीले कर दिए जाएं ।” अलफांसे ने कहा-"मैं जानता हू कि अब तुम विकास को वहां पहुचने देने के लिए अपनी समूची शक्ति का प्रयोग करोगे! मैंने तुम्हें जानबूझकर ये मौका दिया है । कोई भी कदम उठाने से पहले ये बात सोच लेना है कि बो लडका हाथ…पांव तोडकर जेब में डाल लेता है । अगर वह चूक गया तो मुझे ,याद रखना । विकास की खून की एक बूंद के बदले मैँ तुम्हारी जान ले लूंगा ।"



""खैर, देखा जाएगा ।" टुम्बकटू लापरवाही के साथ बोला ।



कुछ सोचते हुए अलफांसे ने कहा और एक्सीलेटर पर दबाव बढा दिया । दबाव बढाते समय उसने एक नजर बेक मिरर पर डाली ।



"तुम्हारा प्रबंध तो मैं अभी से कर रहा हू ।"


किंतु पीछे की सडक दूर दूर तक अंधकार में डूबी हुई थी । फिर भी अलफांसे जानता था कि उसका पीछा बराबर किया जा रहा है । उसके अनुमानानुसार पीछा करने वाली कार मै जासूस ही थे । वह जानता था कि जासूस लोग अपनी तरफ से पूरी सतर्कता के साथ उसका पीछा कर रहे हैं अर्थात् उन्होंने अपनी कार की कोई भी लाइट आंन नही कर रखी है ।



मगर अलफांसे भी इस मैदान का बहुत पुराना खिलाडी था । बहुत पहले से ही उसकी नजर पीछे की ओर थी, वह ताड़ चुका था कि हर दम मोड़ पर जिसे वह पीछे छोड़ आता है, तीन अथवा चार मिनट बाद हल्की-सी रोशनी होती है । यह रोशनी पल-भर फे लिए होती थी किंतु अलफांसे ने इसी बात से पता लगा लिया था कि जासूस लोग उसका पीछा सतर्कता के साथ कर रहे हैं और वे हर मोड़ पर दुर्घटना से बचने के लिए मोड़ की स्थिति देखने हेतु कार की हेडलाइट एक पल के लिए आँन करते हैं । मोड पर घूमने फे साथ ही वे अपनी हेडलाइट पुन: बुझा देते हैं I
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Re: चीते का दुश्मन

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बस, यही सब कुछ अलफांसे ने देखा था और इसी से समझ गया था कि उसका पीछा काफी सतर्कता कै साथ किया जा रहा है ।



इस्री सतर्कता से वह पीछा करने वालों को धोखा भी देना चाहता था ।



अपने दिमाग में उसने एक योजना को अच्छी तरह जमाकर ऐक्सीलेटर पर दबाव बढाया था । कार की गति आश्चर्यजनक रूप से तीव्र हो गई । उसकी कार की अगली-पिछली और अंदर की पूरी लाइटे आन थीं । उसके सामने एक मोड आया ।

और उसने अपनी गति में कोई भी अंतर फिए बगैर तेजी से मोड पर कार घुमा दी । फिर उसके सामने काफी दूर तक सीधी सडक थी । वह सीधी सडक पर काफी दूर पहुच गया, तभी उसे पीछे मोड़ पर हल्की-सी रोशनी चमकी ।


बस, एक पल रोशनी चमककर समाप्त हो गई ।


रोशनी देखने के साथ ही अलफांसे ने घडी देखी उसे पिछला मोड़ क्रॉस किए पूरे चार मिनट गुजरे थे । यह देखकर अलफांसे के होंठों पर एक अजीब-सी मुस्कान उभर आई । वह समझ चुका था कि पीछा करने वालों ने भी अपनी कार की गति उसी के अनुपात में बढा दी है । यही अलफांसे चाहता भी था । अब अपनी योजना को कार्य रूप देने के लिए वह अगले मोड़ की प्रतीक्षा कर रहा था । कार विद्युत गति से दौड़ती जा रही थी ।



दस मिनट पश्चात ही उसकी कार की हेडलाइट के सामने एक मोड आया I


अलफांसे सतर्क हो गया ।


जबड़े एक…दूसरे पर जमे । पैर का दबाव ऐक्सीलेटर पर बढता ही चला गया । टुम्बकटू चुपचाप वैठा हुआ उसकी हरकतें देख रहा था । कार हवा मे दो'-तीन फुट पर उछल रही थी । मोड के अत्यंत समीप पहुंचकर कार की गति एकदम धीमी हो गई । धीरे…से अलफांसे ने कार मोडी । मोड़कर उसने स्टेयरिंग सीधा करने के स्थान पर अपने पैर ब्रेकौं पर जमा दिए । कार सडक से मोड़ पर एकदम तिरछी खडी हो गई ।



अलफांसे की फुर्ती इस समय देखने लायक थी ।

टुम्बकटू जैसा व्यक्ति नहीं समझ पा रहा था कि अलफांसे आखिर करना क्या चाहता है? बडी तेजी के साथ अलफांसे ने काऱ की समस्त लाइटें आँफ़ कर दीं और पलक झपकते ही उसने कार का दरवाजा खोलकर बाहर जम्प लगा दी । कार में बैठे टुम्बकटू को कुछ सोचने-समझने का अवसर तक नहीं दिया और चार मिनट गुजर गए ।




एक पल के लिए पीछे वाले मोड पर कार की लाइट चमकी और. . क्षणभर के लिए मोड़ पर ही सड़क के बीच में तिरछी खडी कार उसकी रोशनी में आई । पीछे कार के ड्राइवर ने भी यह दृश्य देखा । बौखलाकर उसके पैर एकदम ब्रेक पर जमे । सन्नाटे की दीवार को ब्रेकों की चरमराहट ने चीरकर रख दिया, मगर पीछे कार की गति बेहद तीव्र थी । एकदम ब्रेक लगने से उसकी स्थिति और भी ज्यादा बिगड गईं ।



उसके अगले पिछले दोनों दाएं पहिए एकदम हवा में उठ गए । दोनों बाएं पहियों पर घिसटती हुई कार भयानक वेग के साथ सडक के बीच खडी कार से टकराईं ।



एक कर्णभेदी विस्फोट ।


सडक के ठीक बीचोंबीच में खडी कार एकदम सड़क पर उल्टी-सीधी दो…तीन कलाबाजियां खा गई । उसके पीछे वाली कार भी एकदम उलट गई और छत के बल फिसलती हुई पुन: सडक के बीच में पडी कार से टकराईं, दोनों के टकराते ही अगली कार की पेट्रोल-टंकी फ़ट गई ।



पलक झपकते ही वह आग की लपटों में घिर गई । दूसरी कार भी उससे दूर नहीँ थी । आग ने उसे भी पकड़ लिया ।



एक साथ पांच-सात चीखों ने वातावरण को झकझोरकर रख दिया।

अनेकों साये पिछली कार की खिडकियों से कूदकर दाएं-बाएं जा गिरे । दोनों कारे आग की लपटों मेँ घिर चुकी थीं । सड़क पर कूदने वाले साये फुर्ती से उठे और आगे वाली कार की ओंर लपके ।


दोनों कारों मे इस समय क्योंकि आग लगी हुई थी इसलिए वहां पर काफी रोशनी थी ।



तीन-चार साये एकदम साथ वाली कार की खिडकियों पर पहुंचे । एक साये ने तेजी से कार का अगला दरवाजा खोला । उसने देखा, अगली सीट के नीचे टुम्बकटू लुढका पड़ा था । टुम्बकटू को काफी चोटें आई थीं और इस समय वह बेहोश था l साये ने तेजी से उसका हल्का फुत्का जिस्म टांग पकडकर बाहर खींच लिया ।



"माइंक ।” टुम्बकटू के जिस्म को कंधे पर लादता हुआ बांड चीखा-"अलफांसे को खोजो…यहीं कही होगा I"





“अबे अंग्रेज की दुम तेरे कंधे पर कौन है?” बागारोफ चीखा ।


जिसके कंधे पर इस समय टुम्बकटू था वास्तव में वह जेम्स बांड था । बांड ने बागारोफ की आवाज़ सुनी और झुंझलाकर बोला…“बकचास का समय नहीं है, चचा-ये टुम्बकटू हे, जल्दी से अलफांसे को दूंढो I”



"वह अभी दूर नहीं निकला होगा I" ये आवाज त्यांगली की थी I



" अबे हरामी के पिल्ले, बरगेन शॉ पिछली कार में ही रह गया है I" चीखता हुआ बागारोफ फुर्ती के साथ पिछली कार की और झपटा । अभी पिछली कार की केवल पेट्रोल-टंकी ही जल रही थी कि ----

बागारोफ ने झपटकर कार में से बरगेन शाॅ को खींचा । बरगेन शॉ का सिर स्टेयरिंग में फंसा हुआ था और पैर टूटे हुए शीशे में धंस गए थे । बरगेन शॉ या तो बेहोश था अथवा मर चुका था । बागारोफ़ उसे बचाने मे लग रहा था जबकि अन्य सब जासूस आसपास अलफांसे क्रो तलाश कर रहे थे । बागारोफ़ ने उसके जिस्म को कार मेँ से खींचकर सड़क पर एक ओर डाल दिया था ।




कारे जलती रही मगर उनकी किसी ने परवाह नहीं की I हर जासूस के हाथ मेँ एक रोशन टॉर्च थी । टॉचों के प्रकाश सड़क के दाएं-बाएं जंगल को छान रहे थे l परंतु लगातार पंद्रह मिनट के प्रयास के पश्चात भी उन्हें सफलता नहीँ मिली । यानी अलफांसे नही मिला ।



सब निराश होकर सड़क के बीच जलती हुई कारो के पास एकत्रित हो गए । बांड के कंधे पर अभी तक टुम्बकटू का गन्ने जैसा जिस्म पड़ा था ।



"ओह । रामप्यारे तो बचकर निकल गया ।" बागारोफ़ सबसे पहले बोला ।




“इसका मतलब, ये खतरनाक चाल उसी की थी, चचा ।" माईक बोला…“उसने अपनी इस चाल से एक तीर से दो शिकार करने चाहे । मेरे विचार से उसने अपनी इस साजिश के बारे में अपनी कार मेँ बैठे टुम्बकटू को भी कुछ नहीं बताया । उसे मालूम हो गया होगा कि हम उसका पीछा कर रहे हैं । बस यही जानकर उसने अपनी योजना तैयार की होगी । कार क्रो अचानक इस मोड़ पर खडी करके वह खुद कूद गया । उसने सोचा होगा कि हमारी कार इससे टकराएगी और हमे तो नुकसान होगा ही, हमारे साथ-साथ उसने टुम्बकटू से पीछा छुडाने की बहुत अच्छी तरकीब सोची थी I”

"और अमरीका पिल्ले, उस चोटी वाले की योजना सफ़ल हो गई I" बागारोफ़ बोला ।



"वैसे चचा, हम तो सुरक्षित हैं?” त्वांगली बोला ।



"तुम साले चीनियों ने तो अपनी अक्ल ढाई आने किलों के हिसाब से वेच रखी है I” फिरकनी की तरह बागारोफ़ त्वांगली की ओर घूमकर बोला…“अबे हम तो खतरा भांपते ही कूद गए थे, उनका क्या हुआ जो कूद नहीं सके जैसे बरगेन शॉ, जॉर्ज हेम्बलर और अगली कार मेँ बैठा ये कार्टून I”



"जॉर्ज हेम्बलर कहां है?" याद आते ही रहमान बोला ।



"कार में देखो ।" कहता हुआ माईक पिछली वाली कार की ओर झपटा । उसके साथ-साथ सभी झपटे थे लेकिन अब झपटने से होता क्या था । कार तो पूरी तरह आग की लपटों में घिर चुकी थी । जलती हुई कार से जब सबने मिलकर जॉर्ज हेम्बलर का जिस्म निकाला तो वह न केवल मर चुका था बल्कि उसकी लाश बुरी तरह जल भी चुकी थी l हेम्बलर की लाश देखकर सबके चेहरे एकदम गम्भीर-से हो गए । अपने एक साथी की मौत पर वहां सन्नाटा-सा खिंच गया ।




"अगर उस हरामजादे को ढूंढ़ने की बजाय हम अपने साथियों क्रो बचाने की कोशिश करते तो शायद ये भूतनी का बच जाता ।" आंखों मेँ आंसू लिए बागारोफ़ भावुक्ताभरी झल्लाहट के साथ बोला…“चोट्टी वालो, अब जरा बरगेन शॉ को तो देख लो I"
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Re: चीते का दुश्मन

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उसकी इस बात का जवाब किसी ने नही दिया बल्कि सब उस ओर बढे जिधर बरगेन शा का जिस्म पडा था ।


सबसे पहले माईक ने उसके पास बैठकर नब्ज देखी और हल्की-सी प्रसन्नताभरे लहजे में ब्रोला--“बरगेन शा केवल बेहोश है I"



ये वाक्य सुनकर सबके चेहरे पर हल्की-सी प्रसन्नता के भाव उभरे ।


बांड ने टुम्बकटू के जिस्म को भी वहीँ फुटपाथ पर डाल दिया । उसी समय माईक ने अपनी जेब से रेशम की डोरी निकाली । सबने मिलकर टुम्बकटू की एक गठरी-सीं बांध दी I तब उसके जिस्म का टॉर्च के प्रकाश मेँ निरीक्षण किया गया I उसका सारा जिस्म तो पहले ही सूजा हुआ था उस पर इस भयानक दुर्घटना से टुम्बकटू के जिस्म पर भयानक घाव हो गए थे । उसका छोटा-सा सिर कई जगह से फ़ट गया था। जिस्म पर जगह-जगह से खून बह रहा था । दुर्घटना इतनी भयानक हुई थी कि टुम्बकटू जैसा व्यक्ति भी बुरी तरह उसका शिकार हुआ था I



"अलफांसे के दिमाग ने वास्तव में भयंकर तरकीब सोची थी I” रहमान बुदबुदाया I



"बंगाल की दुम, ये खेल ही दिमाग का है l” बागारोफ़ बोला…"ये बंगाली जादू नहीँ है कि आदमी को मक्खी बनाया और दीवार से चिपका दिया । हम सबने सोचा कि इस कार्टून को काबू में कैसे लाया जाए I मगर तरकीब नहीं सूझी, लेकिन उस भूतनी के ने इसे छठी का दूध याद दिला दिया I"


“लेकिन हमे मिला क्या?" माईक ने कहा I



"धनिया l” बागारोफ ने झटके से कहा I


“मजाक का समय नहीँ है चचा यह I" जेम्सबांड ने गम्भीरता से कहा ।

“तू मेरी भाभी लगता है ना उल्लू की दुम जो मैं तुझसे मजाक करूंगा I" बागारोफ गुर्राया…"'वरना तू बता दे कि हमें मिला क्या?"



“टुम्बकटू।" जवाब बांड ने दिया ।



"इसका क्या अचार डालेगा, फिल्म तो मिली नहीं ।" बागारोफ बोला…“होश मेँ आते ही फिर साला हमारी जूती बजा देगा I”



"वो तो बाद मेँ देखा जाएगा I" रहमान ने कहा-“अब तो ये सोचो कि यहां से चला कैसे जाए । दोनों कारें तो जलकर राख हो गई हैं I"



"ये ऊंटनी का बंगाली कम बोलता है लेकिन जब बोलता हे कांटे की बोलता है ।" बागारोफ ने कहा और कहने के साथ ही उसने अपने जूते की एडी से एक छोटा-सा ट्रांसमिटर निकाला और अपनी बिशेष सांकेतिक भाषा में अपने चीफ़ से बातें करने लगा । उसकी बातों का एक अक्षर भी कोई नहीं समझ सका किंतु ये सब अच्छी तरह जानते थे कि बागारोफ यहां से चलने का ही कोई प्रबंध कर रहा है ।

सब अपने-अपने विचारों में गुम थे । मगर हर दिमाग एक ही जगह आकर ठहरता था-"टुम्बकटू के होश मेँ आने पर क्या होगा?”


पचास लाख टुम्बकटू से कमा लिए थे । इस प्रकार वह काफी धन कमा चुका और इस चक्कर में वह फिलहाल इससे ज्यादा नहीं कमा सकता था । अब उसे जासूसों और टुम्बकटू से पीछा छुड़ाकर अपना अगला काम करना था ।



पर वह जानता था कि जासूसों से पीछा छुड़ाना सरल है परंतु टुम्बकटू से नहीं ।



दोनों से पीछा छुडाने की उसके दिमाग मेँ अच्छी स्कीम आई थी । टुम्बकटू को पचास लाख में उसने इसलिए सत्य बात बता दी थी कि क्योंकि वह इस बार टुम्बकटू को अपनी शक्ति दिखाना चाहता था । उसे खुद भी तो उसी नक्शे पर रवाना होना था ।




बस, उसी योजना को उसने कार्यान्वित किया और अपने ध्येय में सफ़ल भी हो गया ।



पूरी फुर्ती के साथ उसने कार को सडक पर तिरछी रोककर बाहर जम्प लगाई थी।



वह सीधा झाडियों मेँ गिरा और सड़क के नीचे ढलान पर काफी दूर तक लुढ़कता चला गया । उसके हाथ…पैर कई स्थान से छिल गए । कपडे भी फट गए थे । परंतु अलफांसे भला इन बातों की चिंता करने वाला कहां था? ढलान के अंतिम छोर पर रुकते ही वह इस प्रकार उछलकर खडा हो गया मानो उसके पैरों में स्प्रिंग लगी हुई हो । उसने इधर-उधर देखने मेँ समय व्यर्थ नहीं किया । उसके सामने घने वृक्षों का एक जंगल था ।



अपनी पूरी गति से वह उसी में घुस गया । उसी क्षण कर्णभेदी धमाका उसके कानों को फाड़ता चला गया ।

अंलफांसे रुका नही अलबत्ता उसके होंठों पर हल्की-सी मुस्कान अवश्य उभर आई । वह उस जंगल में ही विलीन हो गया ।



मास्को के एक अच्छे से होटल मेँ उसने एक कमरा ले रखा था और इस समय वह अपने कमरे मे ही शीशे के सामने बैठा हुआ अपने चेहरे की लीपा-पोती कर रहा था । वह बराबर दो घंटे से इसी कार्य मे व्यस्त था और इस समय एक बार पुन: वह चीनी जासूस त्वांगली के मेकअप में था l



शीशे मेँ उसने अपने को आखिरी बार देखा और वहां से हट गया । पंद्रह मिनट पश्चात होटल के बाहर से उसने एक टैक्सी ली और बोला…“चीनी दूतावास चलो I”



टैक्सी हरकत में आ गई । तीस मिनट पश्चात टैक्सी दूतावास के बाहर रुकी । बिल अदा करके वह इमारत के मुख्य द्धार की ओर बढ़ गया । द्धार पर ही दो चीनी पहरेदार खडे थे । उनमें से एक ने चीनी भाषा मेँ पूछा…“किससे मिलना है?”



"राजदूत महोदय से!” अलफांसे ने संक्षेप में उत्तर दिया ।


"आपका समय निर्धारित था?” पहरेदार ने प्रश्न किया ।



"नहीं I” अलफांसे ने कहा और इससे पूर्व कि वह इंकार करें, अलफांसे आगे बोला…"मैं चीन से एक खास खबर लेकर आया हूं । तुम ये परिचय-पत्र उन तक पहुचा दो । मेरा इस्री समय मिलना बहुत जरूरी है I"



चीनी पहरेदार पहले तो कुछ झिझका किंतु अपने सामने खडे हुए चीनी व्यक्ति को देखकर वतन का ख्याल आया । एक बार उसने प्रश्नवाचक नजरों से अपने साथी को भी देखा ।

साथी की आंखों में स्वीकृति के भाव देखकर उसने अलफांसे के हाथ से परिचय-पत्र लिया और अंदर चला गया । अलफासे तसल्ली के साथ वही खड़ा रहा । पांच मिनट पश्चात वह वापस आया और अलफांसे को अंदर जाने के लिए कहा । अलफासे फीका…सा मुस्कराया और अंदर प्रविष्ट हो गया । गेलरी में से वह पार हो ही रहा था कि एक चीनी व्यक्ति उसके सामने आकर बोला…“आप मि. त्वांगली हैं?”


अलफांसे ने केंवल स्वीकृति मेँ गर्दन हिला दी ।


"आप मेरे साथ आइए ।" उसने कहा और गेलरी में दाई ओंर मुड गया । अलफांसे उसके पीछे था । वहं गलियारे पार करने के बाद एक कमरे के बाद एक कमरे के सामने रूककर उस व्यक्ति ने अलफांसे को अंदर जाने का संकेत किया। अलफांसे ने अपनी टाई की नॉट एक बार ठीक की और कमरे का बंद दरवाजा खोल दिया । दर्पण की भांति चमकती गंजी चांद लिए एक व्यक्ति सामने ही बैठा था ।



"कम इन I" उसने अपनी महीन-स्री आवाज में कहा । अलफांसे ने उस व्यक्ति को ध्यान से देखा और अपनी मुस्कान को काफी प्रयासों के पश्चात छुपाया । गोल-मटोल र्कितु छोटे-से चेहरे पर खडी हुईं छोटी…सी नाक किसी बंदर की नाक से मुकाबला करने के लिए भी तैयार नही थी । गड्ढे में धंसी हुई दोनों छोटी…छोटी आंखें ऐसी लगती थी जैसे खुदा ने आंखों के स्टॉक से निकालकर सबसे छोटा साइज उसी को दिया हो I कान इतने बड़े थे कि यूं लगता था जेसे आंखों का साइज छोटा करने पर भगवान को अपनी भूल का एहसास हुआ हो और अपने स्टॉक के सबसे बड़े कान निकालकर फिट कर दिए हों I


पिछले ज़न्म में इस व्यक्ति का बालों से जरूर बेर रहा होगा । इसलिए ऊपर वाले ने उस पर कृपा दृष्टि रखते हुए सिर के बालों के साथ-साथ भौं के बालों से भी छुट्टी दे दी हो । कद के मामले में वह भारत के आठ साल के बच्चे से लम्बा निकलना अपनी तौहीन समझता था ।



ये था चीनी राजदूत फुग फांग का शारीरिक भूगोल ।



इस भूगोल को उसने कीमती सूट में लपेटकर और भी अधिक सुंदर बना लिया था । उसकी छोटी-छोटी आखे अलफांसे के चेहरे पर जमीं हुई थी । अलफांसे का कार्ड मेज पर खुला पड़ा था वह कभी फोटो को देखता और कभी अलफांसे को, फिर उससे संतुष्ट होकर बोला…"वेठिए ।"



अलफांसे चुपचाप उसके सामने बैठ गया । फूग फांग ने अपनी गंजी चांद पर अपनी तीन उंगलियों से तबला बजाकर सरगम निकालने का प्रयास किया किंतु असफल होकर एक सिगार सुलगा लिया, फिर अलफांसे की आंखों में झांकता हुआ बोला…"तो तुम्हारा नाम त्वांगली है और तुम चीनी स्रीक्रेट सर्विस के सदस्य हो?"



"जी हां । ये मेरा परिचय-पत्र ही बता रहा है I" अलफांसे ने नपे-तुले शब्दों में जवाब दिया ।



"तुम आज ही चीन से कोई खास सूचना देने आए हो I" फुंग फांग इस प्रकार बोला जैसे उसका इंटरव्यू ले रहा हो ।



"जो नहीं!" अलफांसे ने जवाब दिया…"बल्कि मैं यहां किसी अन्य सीकेट काम से आया हूं । मास्को मेँ मैं काफी दिन पहले से हूं लेकिन आज आपकी सहायता की जरूरत आ पडी है । दरअसल मुझे एक खास रिपोर्ट चीन पहुँचानी है I”



"लेकिन तुमने पहरेदार से तो. .!"

"जासूसी का काम ही ऐसा है ।” अलफांसे ने उसकी बात बीच में ही काटकर प्रभावशाली स्वर में कहा…“इस तरह के झूठ हमेँ बोलने पडते हैं । खैर, मेरे पास ज्यादा समय नहीं। मुझे जरा ट्रांसमिटर पर चीन में बात करवाओ ।"
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Re: चीते का दुश्मन

Post by 007 »

राजदूत फुग फांग ने उससे अपनी तसल्ली के लिए एकाध प्रश्न औंर पूछा तथा उसे गुप्त ट्रांसमिटर कै पास ले गया। अलफांसे उस पर चीनी सोक्रंट सर्विस के सम्बंध स्थापित करने में व्यस्त हो गया । पंद्रह मिनट पश्चात वह सफल हो गया ।



"हैलो. . हैलो. . हेलो. . !" दूसरी तरफ़ से चीनी स्वर उभर रहा था ।



"हेलो. .!” अलफांसे भी चीनी मेँ ही बोता…“मैं त्वांगली बोल रहा हू मास्को स्थित चीनी दूत्तावास से I”



"हैलो. .! क्या रिपोर्ट है…ओवर ।" दूसरी ओर से प्रश्न किया गया ।



“रिपोर्ट मैं अभी नहीं दे सकता ओवर I”


“क्यों !"



“मेरे पास फुग फांग खड़े हैं I”


“गुड ।" दूसरी तरफ से कहा गया…"सम्बंध स्थापित करने की जरूरत क्यों पडी?"



" चार घंटे के अंदर मुझे एक स्टीमर चाहिए ।"


"रिसीवर राजदूत महोदय को दो I”



"ओके सर ।" अलफांसे ने कहा और रिसीवर फुंग फांग को थमा दिया I दूसरी तरफ से फुंग फांग को आदेश दिया गया कि चार घंटे के अंदर वह त्वांगली कै लिए एक स्टीमर का प्रबंध कर दे । बस, इस आदेश के पश्चात सम्बंध-विच्छेद हो गया !

"ये होश में आने वाला है ।” जेम्स बांड ने टुम्बकटू को घूरते हुए कहा ।



"अबे हरामजादों, गन की नाले इसके जिस्म से सटा दो ।" बागारोफ दहाड़ा-"वरना ये फिर पजामे से बाहर आ जाएगा ।"



आदेश प्राप्त होते ही रहमान और त्वांगली ने गन की नाले टुम्बकटू की कमर और सिर से सटा दीं ।


टुम्बकटू उस समय भी सख्त बंधनों मेँ बंधा हुआ था । उसके चारों और जासूस बेठे हुए थे, फिर भी उसके जिस्म से गनों की नाल सटाकर सतर्कता बरती गई थी । टुम्बकटू को वास्तव में धीरे…धीरे होश आ रहा था । हर दुष्टि उसी पर जमी हुई थी । होश आते ही सबसे पहले उसकी नजर बागारोफ पर पडी ।



"बड़े मियां सुट्टमसुट्टा I” बागारोफ पर नजर पडते ही वह बोला ।



"कैसा सुट्टा बे चंद्रमा की औलाद?" बागारोफ गुर्राया....."साले, जब देखो हरामीपन की बातें?"



“ओह ! मालिक भी हैं ।" उसकी बात पर ध्यान न देकर टुम्बकटू बांड की ओर देखकर बोला । इसके पश्चात उसने सारे जासूसों को देखा और बोला…“औह । तो हम बड़े-बड़े महान व्यक्तियों के बीच में हैं । उस साले क्राइमर ने हमारा ये इंतजाम किया है ।"



"अब तुम हमारे कुछ प्रश्नो का उत्तर दो ।" माईक ने तुरंत ही मतलब की बात पर आते हुए कहा ।



"क्यों जनाब, ऐसी हमसे क्या गलती हो गई?"

"एक लब्ज भी अगर इधर-उधर कहोगे तो एक ही आदेश में एक साथ दो गोलियां तुम्हारे जिस्म मेँ प्रविष्ट हो जाएंगी l” बांड गुर्राया ।



"में भला आपका आदेश न मानकर आपकी शान में कैसे गुस्ताखी कर सकता हूं हुजूर ।" टुम्बकटू बोला'…"आप सवाल करे I"



" फिल्म के बारे में क्या जानते हो?” ये प्रश्न रहमान ने किया ।



"मैं फिल्में नहीं देखता साब?" किसी नौकर की भांति बोला टुम्बकटू ।



"अबे भूतनी के वो फिल्म नहीँ बल्कि वो फिल्म जिसके चक्कर मे हम सब चकरघिन्नी बन गए हैं I" बागारोफ चीखा ।




"बड़े मियां, ये चक्करघिन्नी क्या होता है?”



"बको मत ।" माईक गरजा…“सवाल का ठीक…ठीक ज़वाब दो वरना. . . .!"




"मतलब ये है कि आपके हाथ में वो साला क्राइमर नहीं आया तो मुझे षकड़ लिया ।" यह कहते-कहते ही टुम्बकटू के छोटे-से दिमाग ने निर्णय किया कि इनको सब कुछ सच-सच बताना ही खुद उसके हित में भी हे, यही सोचकर वह बोला…“लेकिन जब आप लोगों ने मुझ गरीब को पकड़ ही लिया है और गनों की धार पर रख ही दिया है यानी कि अगर मैं नहीं बताऊं तो मेरी राम नाम सत्य करने की आप लोगों ने ठान ही ली है तो, मेरे मालिक । मैं मरना तो चाहता नहीं, इसलिए आप लोगों को बताना ही होगा I"



“बकवास मत करो । जल्दी बको ।" त्वांगली गुर्राया ।

“यानी फि इतने हिमातियों को देखकर चीनी चमगादड़ भी शेर की भाषा में गरज रहा है I" टुम्बकटू ने कहा…“खैर, हम तो गुलाम हैं आप लोगों के । इसलिए बता रहे हैं कि आप सब यह मटर भुनाते रह जाएंगे और वह कल का छोकरा तुम सबका चीफ़ बन जाएगा I”



“क्या मतलब?" बांड ने चौंककर प्रश्न किया ।



"अगर तुम धनिए के साथ क्लाकद मिलाकर खाया करते तो मतलब कुछ जल्दी ही समझ जाते l" टुम्बकटू अपनी ही टोन में बोला-“अब तो खैर जैसे…तैसे मैं तुम्हें अपना मतलब समझा ही दुंगां लेकिन समझाऊंगा तब जब तुम मुझसे वादा करो कि अब धनिया और कलाकंद मिलाकर खाया करोगे I”



"जल्दी बोलो वरना. . .।"



“बस, बस बड़े भाई I" बांड को बीच मेँ ही टोककर टुम्बकटू बोला…“अब हम धमकी-वमुकी में आने वाले नहीं हैं । अब तुम जान गए हो कि हम फिल्म के बारे मेँ जानकारी रखते हैं और जब तक वो हम तुम्हें बता नहीँ देगे तुम हमारी राम नाम सत्य नहीं कर सकते । अब तो बस, बताने की हमारी एक ही शर्त है और वो ये है कि पहले हमसे वादा करो I”



जेम्सबांड ने सुना, सुनाकर टुम्बकटू को घूरा, बोला-"तुम जवाब देते हो या नहीं?"



"पहले वादा करो ।" टुम्बकटू अकड गया ।



सबने अलग-अलग अपने-अपने ढंग से उसे धमकी देकर पूछना चाहा मगर टुम्बकटू की एक ही रट थी…“पहले वादा करो I” सारे जासूस भिन्ना कर रह गए 'I एक समय ऐसा आया कि वहां सन्नाटा-सा छा गया । सबकी नजरे बांड पर ज़मी हुई थी ।

और बांड की नजर टुम्बकटू पर! !! । जेम्सबांड का चेहरा क्रोध से लाल हो गया था l अंदर…ही अंदर वह अपनी विवशता पा झुंझला रहा था । दिल चाह रहा था कि आगे बढकर टुम्बकटू को गोली मार दे । वह टुम्बकटू को इस तरह घूर रहा था मानो वह उसे खा जाएगा लेकिन वह विवश था । उसके बस में होता तो वह वास्तव में टुम्बकटू क्रो कच्चा चबा जाता ।
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