आ बैल मुझे मार- मोना चौधरी सीरीज complete

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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

"जब तक मुझें बात नहीं मालूम होगी तब तक सिर्फ मेरी ही चलेगी I "



" पीछे दो आदमी खडे हैं I उनके पास रिवाॅल्बर हैँ I इधऱ मैँ खड़ा हू । तुम हमारी बात मानने पर मजबूर हो । "



"गलतफहमी मेँ हो तुम I " मोना चौधरी ने उसकी आखों में झाका I


कई पल दोनों एक दूसरे की आखों में देखते रहे ।


"तुम्हारा यह इनकार तुम्हारी मौत का कारण बन सकता है । "



मोना चौधरी हसी I होंठों से सर्द हसी निकली ।


~ "मुझे जानते हो?"


"हा I सुना है तुम्हारा नाम मोना चौधरी है । "


"इसके आगे ??"


" आगे भी कुछ कुछ जानता हूं । "

"फिर भी मेरे सामने धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हो ?"


"सरकार ने लिखित तोर पर तो मुझे ऐसा कोई आर्डर नहीं दिया कि तुम्हें धमकी न दू I " उसका स्वर कडवा था I


मोना चौधरी दात भीचे उसे देखने लगी I


अगले ही पल उसने रिवाल्वर निकाली और रुख़ मोना चौधरी क्री तरफ़ कर दिया I


मोना चौधरी की आखों में कठोरता नाच उठी ।


उसने रिवाॅल्बर वाले हाथ से इशारा करके मीना चौधरी को कार में बैठने को कहा ।


मोना चौधरी ने मजबूरी दर्शाई और बिना कहे आगे बढ कर कार का दरबाजा खोला और भीतर प्रबेश कर गई l


कार के पास खडे व्यक्ति. ने दूर खडे दोनों व्यक्तियों को .पास आने का इशारा किया I ठीक उसी पल मोना चौधरी ने कार के दूसरी तरफ का दरवाजा खोला और बाहर निकलकर कार की ओट में हो गई I यानी कि कारं के एक तरफ वह और दूसरी तरफ रिवाॅल्बर लिए वह आदमी I


इसके साथ ही हाथ में छोटी सी पिस्टल दबी नजर आने लगी थी I I


"कार मे वापस आ जाओ I ” उसने सख्त स्वर में कहा I

वह व्यक्ति चौका' I


"तुम्हारी रिबाल्बर ने मुझे कार में प्रवेश करने को मजबुर किया था, परंतु यह नहीं कहा था कि दूसरी तरफ से बाहर निकलना मना है I " मोना चौधरी ने जहरीले स्वर में हंसकर कहा ।


"मैँ तुम्हें शूट नहीं करना चाहता परंतु अगर तुम ऐसी ही हरकत्ते करती रही.....!"


"मेरे हाथ में पिस्टल है । " अगले ही पल मोना चौधरी का स्वर उसके कानों में पडा I .चद्र पलों के लिए बहा सन्नाटा छा गया I


. "हिलना मत्त I " मोना चौधरी का सख्त स्वर उसके कानों मे पड़ा--"मैं चाहू' तो तुम्हें अभी इसी वक्त शूट कर सकती हूं I "


" कार की खिडकियों में से तुम मेरे निशाने पर हो । "


"तुम्हारा रिवात्वा पिस्टल वगैरह खाली तो नहीं है ? "


"गोली चलाकर दिखाऊ ?”

"जरूस्त नहीँ । मैने' यू ही तुमसे पूछा था I"


"कौन हो तुम ?"


"मुझे कालिया कहते हैं !"


"मुझसे क्या चाहते ही ?”


… "तुम्हें इस प्रश्न का जवाब नहीं मिल सकता !"



"क्यो ?" कालिया ने कोई जबाब नहीं दिया I



"जो मैने. पूछा है मुझे उसका उत्तर चाहिए I "


कलिया ने अपने होठ' बद रखे I


"चलाऊ गोली ?”


"अभी नहीं I कुछ देर रूक जाओ I "


मोना चौधरी एकाएक सीधी खडी हो गई I


~ "हिलना मत । ऐसे ही रहना I " मोना चौधरी के होठो से गुर्राहट गुर्राहट निकली I


कालिया ने हिलने. की जरा भी चेष्टा नहीं की I क्योकि वह जानता था कि हिलने या हरकत करने की स्थिति में वह उसे आसानी से शूट कर सकती हे I

मोना चौधरी कार के साथ साथ सावधानी से घूमती हुई उससे दो' कदम की दूरी पर आ खडी हुई I

कालिया ने सख्त निगाहों से उसे देखा I उसका रिबाल्बर बाला हाथ नीचे को झुका हुआ था । उगल ट्रेगर पर कसी थी I


"मिस्टर कालिया I तुम्हारी जरा सी हरकत तुम्हारी. जिदगी ले सकती है I " मोना चौधरी ने मौत से भरे स्वर में कहा ।


हाथ में थमी पिस्टल का रुख कालिया की तरफ था I वह थोड़ा-सा और आगे बढी I
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

"मैँ जानता हूं । " कालिया ने स्थिर लहजे में कहा ।


"मैं तुम्हारे हाथ से रिवाॅल्बर लेने जा रही हूं बेहरकत ही रहना ।


कालिया खामोश रहा ।

मोना चौधरी सावधानी से थोडा झुकी और हाथ आगे बढाकर कालिया के हाथों में थमा रिवाॅल्बर ले लिया…"अपने आदमियों से कह दो मुझे शूट करने की चेष्टा न करें ।"


कालिया ने कुछ दूर रिवाॅल्बरे थामे अपने दोनों आदमियों को देखा I



' "वह फायर नहीं करेगे क्योकि उन्हे' मालूम है कि मैँ खतरे में हूं । " कालिया बोला ।



"अब बोलो I " मोना चौधरी के हाथों में थमे दोनों रिवाॅल्बरों का रुख कालिया की तरफ था…"'क्या चक्कर है ।"



-कालिया ने पहले रिवाल्बरों को फिर मोना को देखा।


" सिगरेट सुलगा लू ?”


मोना चौधरी के सहमति से सिर हिलाने पर कालिया ने सिगरेट सुल्गाई ।



"बात दरअसल यह है कि तुम खूबसूरत बहुत हो । "


मोना चौधरी के होंठों से खतरनाक हसी निकली I


"मेरे बाॅस को ऐसी लड़किया' बहुत पसद हैं जो खूवसुरत होने के साथ साथ खतरनाक भी ही' I "


"अच्छा I ऐसी लडकियों का तुम्हारा वास क्या करता हैं ?”



"यह तो पता नहीं लेकिन उन्हे लेकर वह कमरे मेँ बद हो जाता है I ’


"गुड l और कमरे में क्या होता है ?"

"यह नहीं मालूम ?"


. . कालिया ने इनकार में सिर हिलाया । I


"नहीं मालूम तो मैं बता देती हू। वह I "


तभी जाने क्या हुआ-कमाल तो कालिया का ही था? कालिया का शरीर जाने कब सडक से थोडा सा उछला और उसके दोनों जूतों की नोके मोना चौधरी की ठीक हथेलियों पर पडी । "


यह बेहद खतरनाक और तीव्रता से किया गया वार था I मोना चौधरी के हाथो' से दोनो' रिवाल्वर निकले और ऊपर हबा मे उछलते गए ।


कालिया द्धारा किए गए इस वार का मतलब था फि वह कूल्हो' के बल नीचे गिरता, फिर खडा होता I परतु कालिया इस कदर एक्सपर्ट था कि नीचे गिरने की अपेक्षा वह पैरों पर खडा हो गया था I बस खडा ही हुआ था I सभल न सका था ।



स्पष्ट था कि उसके द्वारा किए गए वार पर मोना चौधरी पल भरके लिए संकपकाती l हडबड़ाती । देखती कि क्या हुआ है I ऐसा कालिया का विचार था, परंतु' वह मोना चौधरी थी l



जो कुछ होने से पहले ही समझ जाती थीं कि क्या होने जा रहा हे I यह-जुदा बाते होती कि सभलने का वक्त नहीं होता ।। कालिया के पाव अभी सडक' पर टिके ही थे कि... ।


किसी भैसे की तरह मोना चौधरी आगे आई, उसका सिर कालिया के पेट में घूसता चला गया I कालिया के होठो' से ~ पीड़ा-भरी हल्की सी कराह निकली I वह थोड़ा-सा नीचे 'झुका' दोनों हाथों से पेट को थामे ।


मोना चौधरी मन…ही-मन हैरान हुईं कि उसके इस बार पर सामने चाला नीचे गिरता और पेट थामे चीखता हुआ नीचे पडा रहता I परंतु कालिया को कोई खास असर नहीं हुआ था I



नीचे झुका कालिया इससें पहले सीधा होता मोना चौधरी ने दात किटकिटाकर उसे कमर से पकडा और पूरी शक्ति से हबा में उछाल दिया I पाच फीट ऊपर उछलता हुआ कालिया जब सडक की तरफ . आया तो एकाएक उसके जिस्म ने कलाबाजी खाई और अगले ही पल वह टार्गो के दम पर सडक पर खडा था I 'मोना चौधरी की आखो' में सख्त भाव नाच रहे थे I


मोना चौधरी को घूरते हुए कालिया ने जेब से माचिस की तीली निकाली… और उसे दातों में फ़साकर दबाते हुए, चबाते ~ हुए दाए बाए घुमाने लगा I उसकी आखों में तीखे भाव थे I



तभी मोना चौधरी के होठो से गुर्राहट निकली I उसका शरीर हवा में उछला और किसी तीर की भाति उसका शरीर कालिया की तरफ बढा ।


कालिया की आखें सिकुड चुकी थीं I होठ' भिच' चुके थै ।
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

ज्यों ही मोना चौधरी की टागे कालिया के पास पहुची, . उसकी छोटी सी स्कर्ट हवा के वेग से कूल्हो' की तरफ पलटी I उसकी गुलाबी रंग की पैटी चमक उठी I फिगर का जो नजारा कालिया ने देखा उससे वह स्तब्ध रह गया । ऐसे कस-बल तो उसने अपनी जिदगी' में पहले कभी नहीं देखे थे I और इसी बात के कारण कालिया जेसे सतर्क सावधान व्यक्ति से चूक हो गई I मोना चौधरी की दोनों टागे कालिया के चेहरे पर जा टकराईं I


कालिया की आखों के सामने से जानलेवा दृश्य गायब हो गया ।


उसके गले से छोटी सी तीव्र चीख निकली और लुढ़कता नीचे जा गिरा I मोना चौधरी नीचे गिरी और उसी फ्त उछलकर खडी हो गई I जबकि कालिया उसके बाद ही खडा हो गया I गाल भीतर से फट जाने से खून होठो के रास्ते बाहर जाने लगा था I कालिया ने खून का गट्ठर बाहर थूका और खा जाने चाली . निगाहों से मोना चौधरी को देखा I उसकी आखों में सोच के गहरे भाव नाच रहे थे I कालिया के दोनों साथी अब पहले से करीब आ गए थे I


लेकिन अभी भी बीस कदम की दूरी पर दोनो' के हाथों में रिवाॅल्बरें दबी थीं l


कालिया ने अपने दोनों आदमियो को देखा ।


उन दोनो ने जैसे कालिया से इजाजत चाही । परतु कालिया की निगाह पुन: मोना चौधरी पर जा टिकी ।

मोना चौधरी के चेहरे पर खतरनाक भाव फैले थे ।


"इस वक्त तुम खुले में हो I " कालिया शब्दों को चबाकर होठो से बहते खून को हथेली से पोछता हुआ, दात पीसकर कह उठा-- "मेरा एक इशारा तुम्हारे शरीर में कई छेद पैदा कर सकता है I बेहतर होगा कि मेरा मुकाबला करना छोडकर खुद को ढील दै दो । "

"साले I कुत्ते !" मोना चौधरी ने पुन खतरनाक छलांग कालिया पर लगाई I इस बार न तो स्कर्ट हबा से पलटकर कूल्हो' की तरफ उठी और न ही उसकी गुलार्बी रंग की पैटी के उसे दर्शन हुए I वेसे भी कालिया को अब दूसरी चोट खाना पसद नहीं था I

कालिया फौरन एक तरफ हटा । I

मोना चौधरी का हबा में गुजरता शरीर उसके पास से निकला तो मोना चौधरी ने अपनी दाई' बाह कालिया के गले में डाल दी और कालिया को लेती हुई सडक की ढलान पर नीचे गिरती चली गई I दोनों छ फीट तक मिट्टी झाडियों और पत्थरों पर रगड खाते चले गए ।


वे रुके l


मोना चौधरी ने उसके गले से बाह निकाल ली और दाए, हाथ की मुटठी बनाका पूरी शक्ति के साथ उसके सिर पर वार किया ।

फिरं पास पडा पत्यर उठाकर उसके चेहरे पर मारा I कालिया इस वार को तुरत बचा गया । क्रोध में मोना चौधरी ने .हाथ मेँ थमे पत्थर को उस पर दे मारा जो कि कालिया के कधे पर लगा I

कालिया की आखें सुर्ख हो गई ।


चेहरे पर खतरनाक भाव लिए वह उठने को हुआ कि करीब पडी मोना चौधरी उछलकर कालिया के ऊपर जा पडी I मोना चौधरी की सख्त शरीर में प्रवेश कर जाने वाली आकर्षक जानलेवा छातिया कालिया को चुभने लगीं I लेकिन कालिया के पास अब इतना वक्त नहीं था कि वह मोना चौधरी के हुस्न पर ध्यान दे पाता I


और मोना चौधरी तो वैसे भी अपने खूनी अदाज में आ चुकी थी I वह अपने आसपास मडरा रहे खतरे को स्पष्ट देख रही थी I इस बात से वाकिफ थी कि कालिया ने अगर अपने आदमियों को उसे शूट करने का इशारा दे दिया तो फिर मामला जाने किस करबट बैठे ।।


वह किस्सा ही निबटा देना चाहती थी I


यानी कि कालिया जो भी था वह उसे खत्म कर देना चाहती थी ।

बिना कमांडर के फौज टिकती' ही कहा' है I कालिया के मरते ही वे दोनो' भागने का रास्ता टूढने लगेगे'। कालिया के ऊपर पहुचकऱ मोना चौधरी कुछ करती उससे पहले ही कालिया हरकत में आ गया । उसने अपने शरीर को खास अदाज में झटका दिया I


मोना चौधरी उसके ऊपर से नीचे जा गिरी । कालिया फौरन खडा हुआ I मोनां चौधरी उठ कर खडी हो रही थी कि कालिया ने अपना जूता उसके' कूल्हो पर मारा मोना चौधरी पुन कूल्हो के बल नीचे गिरी!


कालिया झुका I उसने मोना चौधरी की टागें पकर्डी और ~ अगले ही पल तेजी से उसे फिरकनी की,भाति घुमाने लगा I


मोना चौधरी की छोटी सी स्कर्ट पुन ऊपर उठ गई । पर उसने उसकी गुलाबी पैटी पर निगाह न मारी ।


और फिर एकाएक कालिया ने मोना चौधरी की टागें छोड दी । हवा में लहराता मोना चौधरी का शरीर करीब बीस फीट दूर जा गिरा I
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

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पत्थरों की तीव्र रगड़ उसके जिस्म के कई हिस्सों को लगी I बड़े-से पत्थर से टकराकर उसका शरीर रूका । पीडा की तीव्र लहर उसके बदन में उठी जिसकी परवाह किए बिना वह तुरत उठ खडी हुई I आखों में खूनी भाव लिए लिए उसने कालिया क्रो देखा I जो अपनी जगह पर खडा खूनी निगाहों से उसे देख रहा था I अब मामला बढ़ गया था I कालिया के दोनों रिवाल्वरधारी भी आगे बढकर सडक के किनारे ढलान के करीव आ खडे हुए थै I रिवाॅल्बर का रुख मोना चौधरी की तरफ था जो उनसे तीस फीट दूर थी I बीच , मे' कालिया मौजूद था । वे दोनों शायद कालिया के हुक्म के इंतजार में थे । परतु कालिया ने तो जैसे सोच लिया था कि मोना चौधरी से वह खुद निबटेगा । मोना चौधरी का मस्तिष्क तेजी से दौड रहा था I अपने आसपास मडराते खतरे को उसने भाप लिया था I वह बेहथियार थी, जबकि उसके सामने दो रिबॉंल्बधारी खडे थे ।

और कभी भी उसे. शूट कर सकते थे I कालिया की उसे परवाह नहीं थी I उससे वह जैसे तैसे निबट सकती. थी, हद भी .होती तो दोनों का मुकाबला बराबर का रहता I परंतु' कालिया के हारने की स्थिति में उसके आदमी उसे शूट का सकते थे I


दोनों ही स्थिति मे वह खतरे में घिरी थी । कालिया को खत्म करती तो उसे भी शूट कर दिया जाता I

या फिर कालिया उस पर हावी होकर उसे नुकसान पहुचा देता I . . अगर उसकी पिस्टल गिरी ना होती तो वह इस सारी स्थिति को आसानी से अपने हक में कर लेती I लेकिन वह निहत्थी थी


और रिवाॅल्बरो से घिरी थी।

मोना चौधरी ने फौरन निर्णय लिया कि इन हालात में टकराना मूर्खता से भरा काम था I उसकी जान को भारी खत्तर्रा पैदा हो सकता था I



. मोना चौधरी ने अपनी कार पर निगाह मारी I वह कुछ दुर सड़क पर खडी थी । उस तक पहुचने के लिए कालिया और दोनों रिवाॅल्बधारियों को पार करना पडता जो कि आसान काम नहीं था I


एकाएक कालिया दात भीचे खतरनाक अंदाज में मोना चौघरी की तरफ़ बढा।


फैसले का वक्त आ पहुचा था I

कालिया से इस वक्त तो टकराने का ख्याल मोना चौधरी अपने दिमाग से निकाल चुकी थी I इस वक्त कालिया से टकराने का मतलब था, खुद को . मुसीबत में डालना I . .


एकाएक मोना चौधरी पलटी और गोली की रफ्तार से दौड पडी I वह जंगल वाला हिस्सा था और पेडों पहाडी पत्थरों से भरा पड़ा था I ज्यादा तेज रफ्तार से भागना भी संभब नहीं था ।


उसे एकाएक इस तरह भागते देखकर कालिया चौका I



"गोली मत चलाना I जैसे भी हो इसे पकडो I " कालिया चिल्लाया और मोना चौधरी के पीछे दौड़ पडा I


कालिया के दोनों साथी भी रिवॉल्वर थामे उसके पीछे भागे I

मोना चौधरी ने जब कालिया का गोली न चलाने वाला आर्डर सुना तो मन ही मन उसने राहत की सास ली परतु वह इस बात से वाकिफ थी कि गोली न चलाने का मतलब न चलाना नहीं है बल्कि गोली न चलाने का मतलब उसकी जान नहीँ लेने का आर्डर है I जरूस्त पडने पर उसकी बाह कंधे या फिर टागों पर गोली चलाई जा सकती थी ।


भागते भागते मोना चौधरी ने पीछे देखा I


कालिया और उसके बीच का फासला कम होता जा रहा था I इस ऊबड खाबढ़ पथरीले रास्ते पर वह इतनी तेज़ गति से नहीं भाग पा रही थी जितनी तेज गति से कालिया दौड़ रहा था I अगर यही हालात रहे तो कालिया उसके सिर पर सवार होगा मिनट-भर में I इस सोच के साथ ही मोना चौधरी के होठ भिचत्ते चले गए I




मोना चौधरी बड़े से टीले के पीछे छिपी थ्री I उसके दात भिचे' हुए थेI आखों में क्रोध की लहरें बार बार उठ रही थी । उखड़ी सासों को वह संयत कर रही थी I कालिया और उसके दोनों आदमी भूत की तरह इस प्रकार उसके पीछे पडे थे कि वह किसी भी हाल में उनसे पीछा न छुड़ा पा रही थी I मोना चौधरी मन-ही-मन हैरान अवश्य थी कि मात्र तीन आदमियों से उसे बचकर भागना पड रहा हे और भागना भी कठिन लग रहा हैं I इसका सिर्फ एक ही कारण था कि पीछे आने वाले लोग हथियारबंद थे और उसके' पास कोई हथियार नहीं था वरना फैसला कब का हो जाना था I बहरहाल कालिया के बारे में वह नतीजा निकाल चुकी थी कि वह सख्तजान हिम्मत वाला आदमी है वरना जैसे वार उसने उस पर किए थे, अगर कोई दूसरा होता तो उठ नहीं पाता I परतु कालिया उन वारों क्रो आसानी से झेल ही नहीं गया था, वल्कि जवाब भी बारों से दिया था, यह जुदा बात थी कि पूरी तरह वह कामयाब नहीं हो सका था, वे लोग चाहते तो उसे निशाना बना सकते थे, परतु' उन्होनै ऐसा नहीं किया ।
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

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बल्कि कालिया ने फायर करने से अपने आदमियों को मना कर दिया था I


मोना चौधरी को अब इस बात का विश्वास होने लगा था कि जब उसकी कार पर गोलिया चलाईं गई तो जानबूझकर निशाना लगाने मे लापरवाही की गई थी । . कालिया और उसके आदमी उसकी जान-नही.लेना. चाहते उसे जिदा पकडना चाहते थे ।


क्यों ? अवश्य ही कोई 'खास-मोटा… कारण रहा होगा ।


… सोचने पर भी मोना चौधरी को ध्यान नहीं आया कि कभी कालिया को उसने पहले भी देखा हो I


बहरहाल मोना चौधरी तब तक इन लोगों के हाथ नहीं आना चाहती थी जब तक कि असल मामला उसे मालूम नहीं हो जाता । तभी उसके कानों में आहट पडी I मोना चौधरी सतर्क हो गई I अगले ही पल कालिया उसे नजर आया I जो दवे पाव सतर्क मुद्रा मे जरा जरा आगे बढ़ता हुआ उसे ही तलाश कर, रहा था I


अजीब इत्तफाक ही रहा कि कालिया की निगाह उस टीले की तरफ नहीं गई जिसकी आड में मोना चौधरी खडी थी I


अगर गई होती तो इस वक्त दोनो आमने सामने होते, जबकि अब कालिया की पीठ उसकी तरफ थी I मोना चौधरी जानती थी कि किसी भी वक्त कालिया की नजर उस पर पड सकती है I


"कलिया I" मोना चौधरी ने शात स्वर मे' पुकारा ।


कलिया बिजलीं की सी तेजी से घूमा ।


मोना चौधरी उछली I उसका घूसा वेग के साथ कालिया के गाल पर पडा I इसके साथ ही मोना चौधरी का, घुटना पेट में ।


कालिया तीव्र कराह के साथ नीचे जा गिरा । मोना चौधरी ने दात किटकिटाकर उसके ऊपर छलाँग लगा दी और जमीन से उठते कालिया की गरदन के गिर्द दाईं बाह' लपेट ली I

कालिया को ऐसा लगा जैसे कोई लोहे .का शिकजा उसकी गरदन में कस गया हो । उसी पल कालिया के दोनों साथी हाथों में रिबाल्बर लिए वहा प्रकट हुए ।


"कालिया I" मोना चौधरी गुर्राई-"'अपने आदमियों से कह रिवाॅल्बर दूर फेक दे'।"


कालिया ने अपनी गरदन से मोना चौधरी की बाह को हटाने का प्रयास किया I


परतु सफल न हो सकां ।


"बोल कलिया। I" मोना चौधरी ने दात किटकिटाक्रर अपनी कलाइयों में उसकी गरदन को कसा l



"यह जो कह रही हे वैसा ही करो I " कालिया फसे स्वर में बोला ।



कालिया के आदमियों ने रिवाल्बरे कुछ दूर उछाल दीं।


"तेरा पूरा नाम क्या हे ?" मोना चौधरी का स्वर बेहद सख्त था I


"के.के कालिया I”


"मैं अग्रेजी में नहीं हिदी में पूछ रहीँ हूं।"



"केवल किशन कालिया । "


"'कौन है तू?"


“ बस I मेरे नाम के अलावा तुम मुझसे कुछ नहीं जान सकतीं । " कालिया का स्वर दृढ़ता से भरा था ।



"तेरा यह जवाब तेरी मौत का सबब भी बन सकता है I "


"यह बाद की बात हे मोना चौधरी I" कालिया की आवाज भी सख्त हो उठी I


"मुझसे क्या चाहते हो ?? मेरे पीछे क्यों पडे हो. ?"


"यह बात पूछने पर नहीं हम अपनी मर्जी सै बता देगे I मेरी गरदन पकडकर यह मत्त सोचो कि तुमने मुझे मज़बूर कर दिया है । बेबस कर दिया है I तुम्हें तुम्हारे प्रश्नों का जवाब मिल जाएगां I"


मोना चौधरी कै होठो से गुर्राहट निकली ।


"अभी नहीं मिलेगा ?"


"नहीं !"
" मै गरदन का दबाव बढाकर सैकडो मे तुम्हारी जान ले सकती हू !"


कालिया कडवी हसी हसा I " तो लो ।"


" क्या ?"


"मेरी जान ले लो पूरी छूट है । " कालिया ने कहा फिर सामने खडे दोनों आदमियों से बोला…" मेरी फिक्र मत करो --आगे बढो और इसे पकड़ लो I जितनी देर में तुम आगे बढकर इसे पकडोगे I उसके दुगने वक्त मेँ भी यह मेरी गर्दन दबाकर. . मेरी जान नहीं ले सकती I कम आन ।"



मोना चौधरी चौकी' I कालिया वास्तव में ठीक कह रहा था ।


कालिया के दोनों आदमी आगे बढे I


" स्टाप I " मोना चौधरी गुर्राई---"अगर तुम लोग आगे बढे तो मै एक ही झटके में इसकी गर्दन की हड्डी तोड दूगी I"



मोना चौधरी के इन शब्दों पर भी वे दोनों नहीं रुके ।


"स्क जाओं । " कालिया कडबे स्वर में बोला I वे दोनों ठिठके तो कालिया ने मोना चौधरी से कहा-"तुम्हारे कहने पर मैं तुम्हें अपनी गर्दन की हड्डी तोडने का मौका देता हू। I "…



" तोडो I "


मोना। चौधरी को कालिया वास्तव में अजीब इसांन लगा I जिस अदाज में कलिया की गर्दन मोना चौधरी की कलाई के शिकजे में थी , उसे देखते हुए वह वास्तव में उसकी गर्दन की हड्डी आसानी से तोड सकती थी I


"मरना ही चाहते हो ? " मोना चौधरी ने मौत के से स्वर में कहा ।


" हा । " कालिया ने पूर्ववत लहजे मे कहा I


मोना चौघरी के होठो से गुर्राहट निकली । उसने खास अदाज में कालिया की गर्दन को झटका दिया I ऐसे झटके से वह अपने कां दुश्मनों की गर्दन की हड्डिया तोड़कर उनका किस्सा खत्म कर चुकी थी I


~ परतु कालिया की गर्दन को वह झटका नही लगा I

वज़ह--- यह रही कि कलिया ने गर्दन को खास एगिल' मे कर लिया था । मोना चौधरी को मन-ही मन हेरत हुई । उसने तीन चार बार पुन: झटका दिया, परंतु कालिया की गर्दन झटका नहीं खा सकी, जैसाकि मोना चौधरी देना…चाहती थी ।

कालिया जहरीले स्वर में हसा ।
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