आ बैल मुझे मार- मोना चौधरी सीरीज complete

Post Reply
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

"किसी का जिक्र करना गुनाह तो नहीं I " मोना चौधरी बोली-" मैं तो यह बता रही हू कि वानली के साथ हमारा पुराना रिश्ता है I उसे हम पर पूरा विश्वास है I मै' तो सोच रही यी कि तुम लोगों के साथ भी लेन देन कायम हो जाए। ताकि भविष्य में सिलसिला जारी रहे I "


शांगली ने फौरन फैसला किया I


"मजूर है हमें I तुम अपने साथी को फोन करो I "


"मुझे यह मामला नहीं जम रहा I " दूसरे ओहदेदार ने कहा ।


"मामला तो जमाना ही पडेगा ।" मोना चौधरी ने कडव स्वर में कहा I .

होशाग ने ओहदेदारों से कहा । . "मिस्टर शागली ठीक कह रहे है आखिर हमारे धधे विश्वास पर ही चलते हैं I "




"लेकिन इस हिंदुस्तानी एजेट को हम ठीक से जानते नहीं । कभी इससे वास्ता तो नहीं पडा I "


"वास्ता तो पड़ते-पड़ते ही पढ़ता है I क्यों मिस्टर शांगली I ” होशाग ने गभीर स्वर में कहा I


“ यस I तुम ठीक कहते हो I सब पर अविश्वास करेगे तो काम कैसे होगा ?"


"तो इस सारे काम की जिम्मेदारी तुम्हारे सिर पर होगी शागली । "



"हा । मैँ जिम्मेदारी लेता हूं। " शागली ने दात भीचकर सख्त स्वर में कहा ।


होशाग ने मन ही मन चैन की सास ली कि सब कुछ ठीक-ठाक निबट गया I



" मिस्टर शांगली हमारे पास ज्यादा समय नहीं है I चियांग का सौदा कभी भी चीन से पट सकता है I अगर वह फिल्म चीन के हाथ लग गई तो हमारी सारी मेहनत और पैसा बेकार जाएगा । हमे तुरत हरकत में आ जाना चाहिए. । "


शामली ने सिर हिलाया


"मैं समझ रहा हूं तुम अपने साथी को फोन करो I हम दिन निकलने से पहले ही यहा से रवाना हो जाएगे' I

.. मोना चौधरी फोन की तरफ बढ गई और रिसीवर उठाकर नम्बर डायल करने लगी I


.. फोन तो उसने कहीं भी नहीँ करना था वह तो यू ही खुद को व्यस्त दर्शा रही थी ।



"मिस्टर शामली I अगर एतराज न हो तो मैं भी इस काम मे साथ चलू I" होशाग एकाएक कह उठा I


"तुम ? " शागली ने उसे देखा ।



"हा !"


"क्यो जान को खतरे में डालते हो ?"


"मैं इससे कही ज्यादा खतरनाक काम कर चूका हू।" होशाग ने मुस्कराकर कहा I


जवाब में शागली सिर हिलाकर रह गया I


@@@@
@@@@
@@@@


कोई खास देर नहीं लगाई शागली ने वहा से चलने में । मात्र पैतालिस मिनट मेँ ही वे लोग वहा से रवाना हो गए I साथ में एक बडा बैग था I उस बेग में क्या था मोना चौधरी को मालूम नहीँ था बाहर निकलकर वे लोग एक कार में बैठ गए थे I

होशाग वेहद शात नजर आ रहा था ।


अभी तक मोना चौधरी को अकेले में होशाग से बात करने का मौका नहीं मित्ता था ।


बहरहाल जिस तरह सिर्फ पैतालिस मिनट में शागली चल पड़ा था ।


यह बात मोना चौधरी के लिए हैरानी की बात थी ऐसा लगता था जैसे उन लोगों ने चलने की तैयारी पहले से ही कर रखी हो I यह मोना चौधरी का विचार था-अपने विचार पर विश्वास न कर सकी वह I


शागली के चेहरे पर गभीरता और दृढता झलक रही थी I जबकि हौशाग शुरु से ही शात था । मोना चौधरी जाने क्यों, शक भरी निगाहो से कभी कभार होशाग को देख लेती थी, परंतु शक क्या था, उसका मस्तिष्क यह बात नहीं पकड पा रहा था I जाने क्यों होशाग शुरू से ही. उसे इस मामले में फिट बैठता नजर नहीं आ रहा था I

और इस इस मामले में शुरू से ही उसकी टाग फसी थी I


कुल मिलाकर मोना चौधरी जाने क्यों मन ही मन सतुष्ट नहीं थी I उसे इस बात का तो पक्का विश्वास था कि शागली रवानगी की तैयारी इस तरह आनन फानन नहीं कर सकता I जो भी हो यह तैयारी पहले से ही थी । परंतु वह इस बात को यकीन के साथ भी नहीं' कह सकती-थी I शागली उससे बात करने के बाद एक मिनट के लिए भी अलग नहीँ हुआ था . . जबकि चलने की. तैयारी के लिए उसका अलग होकर अपने आदमियों को निर्देश देना बहुत जरुरी था उसकी निगाहो' में I


मोना चौधरी को अपनी गलती का अहसास हुआ I यहां आते ही वह होशाग पर निर्भर होकर रह गईं थी, ज़बकि उसे अपने तौर पर मूव करके इस मामले की जानकारी हासिल करनी चाहिए थी I होशांग डबल एजेट बनकर उसकी मौत का इतजाम तो नहीं कर रहा, जैसे उसने पहले वाले दोनो एजेटो का. किया था I यानी कि इनके साथ काम करते हुए भी इन्हें शक के दायरे में रखते हुए इनसे सावधान रहना होगा ।


~ सतर्क रहना होगा I आखें खुली रखनी होगी I

होशाग उसकी सहायता कर रहा है या उसे भयकर जाल मे फसा रहा हे…इस बात का फैसला करना था अभी मोना चौधरी को I



शागलीं के बारे में अभी वह कोई राय कायम नहीं कर पाई थी I


होशाग कार ड्राइव कर रहा था I


शागली और मोना चौधरी… कार की पिछली सीट पर बैठे थे I


एकाएक शागली ने मोना. चौधरी की तरफ गर्दन घुमाई' I


"तुम्हें चीनी भाषा आती हैं ? " शामली' ने पूछा I



मोना चौधरी ने सिर हिलाया.…""दो, भाषा आती हैँ I कैंटीनाज और मडारिन भी I "



' "गुड ! वैरी गुड I" शागली' ने सिर हिलाया ।


मोना चौधरी ने सिर हिलाया I


---" तुम बहुत खूबसूरत हो I " शागली मुस्कराकर बोला ।



" शुक्रिया !" मोना चौधरी खिडकी से बाहर देखने लगी I

" मेरे 'ख्याल मे तुम जितनी खूबसूरत हो, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक भी हो I "


मोना चौधरी ने गर्दन धुमाकर शागली को देखा जोकि उसकी छातियों में झांकने की चेष्टा कर रहा था I मोना चौधरी ने निगाहें पुन बाहर की तरफ टिका दीं I होशाग को जैसे किसी बात से. वास्ता न हो ऐसे बैठा था वह । जाने क्यों अब मोना चौधरी को ऐसा लग रहा था… कि वह खतरे के भयावह समदर में छलाँग लगा बैठी है I -ज़हा' खतरनाक समदरी जानवर भरे पडे थे और उनसे बचकर अपने पसदीदा जानवर का शिकार करके, तैरकर उसे समदर के दूसरे किनारे तक पहुचना था I परतु' इस बात की कोई गारटी नहीं थी कि वह खतरे के भयावह समदर में से खुद को कामयाबी के साथ सुरक्षित निकाल पाती है कि नहीं I अब हर पल वह मौत के बवडर में फसती जा रही थी ।
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

यहा कोई दोस्त नहीं था-दुश्मन नहीं था । यहा सब शिकारी थे, जो दूसरे का शिकार कर गया , वही जीत गया, बाजी उसी की I मोना चौधरी अब इस बात को महसूस कर रही थी कि अपराधी जीवन का अलग ही पहलू है तो एक दूसरे देशों की जासूसी करके जान खतरे में डालने का अलग ही मजा हे । डेढ घटे बाद कार एक गली के किनारे रूकीI


"आओ ।" शागली कार का दरवाजा खोलता हुआ बोला I


"यहा कहा ?" मोना चौधरी ने शागली को देखा ।

"सवाल मत करो । कुछ पूछना और जवाब देना महज बक्त की बर्बादी है । "


मोना चौधरी ने कार से नीचे उतरते हुए कपडों में मौजूद पुलिसमैन की भरी हुई रिवाल्वर को टटोला I शाजली मोना चौधरी को लिए गली में प्रवेश कर गया I फिर एक घर के बद दरवाजे को खास अदाज में थपथपाया दरवाजा फौरन खुल गया । खोलने वाली पचास वर्षीय औरत थी I चीनी थी I


" संभालो इसे I " शागली ने मोना चौधरी की तरफ इशारा किया I


उस औरत ने मोना चौधरी को देखा I


मोना चौधरी की पैनी निगाह औरत पर थी।

वह वेहद सतर्क थी ।


मोना चौधरी को गहरी निगाहों से देखने के पश्चात वह औरत एकाएक मुस्कराईं l


"किसे पकड़ लाए इससे बचकर रहना। यह बहुत ~ खतरनाक है I "


"तुम इसे जानतीं हो ? " शागली की आखें सिकुडी ।।



"नहीं I मैंने तो इसे पहली बार देखा है I "


"फिर यह बात कैसे कह रही हो ?”



" खून खराबे की लाइन में मुझे तुमसे दुगुना तजुर्बा है I मैं तो सामने वाले की आखें देखकर बता सकती हू कि वह कितने पानी में डूबा हुआ हे । "


उस औरत ने मोना चौधरी को जहरीली निगाहों से देखते हुए कहा I

शागली ने सिर हिलाया और बोला I


"कितनी देर लगेगी ?"


"एक घंटा I ”


"नहीं I हमारे पास इतना वक्त नहीँ है I मैं तुम्हें बीस मिनट दे सकता हूं । जल्दी करो । "


"बीस मिनट I ' औरत ने सिर हिलाया…"’बहुत कम हैं शागली I"


"जल्दी करो I बातों में वक्त क्यों बर्बाद कर रही हो ?" शागली ने होठ भीचकर कहा ।



वह औरत मोना चौधरी को अन्य कमरे में ले गईं I जहा ब्यूटी पार्लर जैसा माहोल था I मोना चौधरी को उसने कुर्सी पर बिठाया और तेजी से अपने काम में व्यस्त हो गई I मोना चौधरी की उलझन भरी निगाह उस चीनी औरत पर थी I


"तुम क्या करने जा रही हो ?" मोना चौधरी ने ही पूछा I


"मुझे काम करने दो I यह सवाल शागली से करना ।"


औरत ने उसकी और देखे बिना कहा I


"मुझे देखो। " अगले ही पल मोना चौधरी के होठो से गुर्राहट निकली । औरत ने सिर घुमाया I


मोना चौधरी की रिवाल्वर का रुख उसकी तरफ था I



"अब बोली I तुम क्या करने जा' रही हो ?"


"तुम्हारा मेकअप I ताकि तुम ठीक चीनी औरत लगो । "


उसने शात स्वर में कहा ।


"यह ज़बाब तो तुम बिना रिवाल्वर देखे भी दे सकती थी ।


औरत मुस्कराई और अपने काम में व्यस्त हो गई ।


" शांगली ने मेरे सामने तो तुम्हें ऐसा करने को नहीं कहा I फिर तुम्हें कैसे मालूम कि क्या करना है ?”


~ "मुझे फोन पर पहले ही खबर दे दी गई थी I तुम मेरे ख्याल में शागली को कम समझ रही हो I वह यहा का राजा है । जो वह चाहता है, वही होता हे I नहीं होता है तो उसे करके रहता हे I मेरा मतलब-कहने का यह है कि तुम अगर उसे नहीं समझी तो अब समझ जाओ । शागली के एक इशारे पर उसके आदमी उसके लिए जान देने को तैयार रहते है I बस, उससे एक बात के लिए सावधान रहना । "


"क्या ?" मोना चौधरी ने रिवाल्वर वापस कपडों में डाल… ली ।


"औरतो में खासतौर से खूबसूरत औरतों में वह दिल खोलकर दिलचस्पी लेता हे I "


"दिल खोलकर दिलचस्पी लेता हे तो कोई बात नहीँ I " मोना चौधरी मुस्कराई ।


"कभी कभी वह सब कुछ खोलकर भी दिलचस्पी ले लेता है I"


"बद:चीजें खुलने के लिए ही होती हैं I अगर यह ऐसा करता है तो कोई गलत नही करता I "


चीनी औरत ने मुस्कराकर उसे देखा ।

"'वास्तव में । तुम बहुत डेजर गर्ल हो । "


मोना चौधरी ने कुछ नहीं कहा । .


उस औरत ने तीस मिनट ही लगाए और मोना चौधरी का रंगरूप चेहरा मोहरा सब चीनी नस्ल मे बदल दिया उसने वहुत शानदार मेकअप किया था I ऐसे ऐसे लोशन इस्तेमाल किए थे कि जो आसानी से उतर ना सकैं I

उसे देखने के बाद अब कोई' भी यह नहीं कह सकता या कि वह मूल रूप से चीनी नहीं हे I तीस मिनटों में उस औरत ने मोना चौधरी को ~ बदलकर रख दिया था I औरत तसल्ली भरे अंदाज में सिर हिलाकर कह उठी ।

"यह ठीक हे कि अब तुम चीनी वासी लग रही हो I परंतु . एक खतरा भी है इसमें I ”


"क्या ?" मोना चौधरी ने शीशे का पीछा छोडकर औरत को देखा I -

"चीनी औरते' कभी भी इतनी लबी नहीं होती I तुमसे कमसेकम फुट-भर छोटी होती हैं I यह बात तुम्हें कही' भी शक के दायरे में लाकर खडी कर सकती हे I ” औरत का स्वर गभीर हो गया था I

"अब मैं अपनी टागे कटवाने से रही I " मोना चौधरी ने . हल्के फुल्के स्वर मेँ कहा…"फिर भी मैँ ध्यान रखूगी कि जब ऐसा वक्त आए तो सावधान रहू। तुम जानती हो मै' किस फेर में ?"

" नहीँ । न तो मैं जानती हू और न ही जानना चाहती हू I मैं सिर्फ अपने काम से मतलब रखती हू।"

मोना चौधरी मुस्कराई I


"तुम चीनी भाषा जानती हो ?"

"हा I दोनों जानती हू।"

"लहजे में विदेशी पुट हो सकता हे I”

"कोई फर्क नहीं पड़ता I यह भी तो हो सकता है मैं बीस साल से पेरिस में रह रहीँ हू और अब यहा पर आई हूं ! " ~ मोना चौधरी ने गभीर स्वर में कहा । -


"हा I " औरत ने सिर हिलाया-"यह बात तो हो सकती हे आओ I "


वह मोना चौधरी को लेकर दूसरे कमरे में पहुची मोना चौधरी को देखते ही शागली क्रो हेरत का झटका लगा I


"आह I यह तो बिल्कुल ही चीनी लग रही है I "


"चीनी लगे इसिलिए तो तुम इसे मेरे पास लाए थे I " औरत ने कहा
" आओ !" शागली ने आगे बढकर अपना हाथ मोना चौधरी के कंधे पर रखा --- "वक्त कम है चलें । "

दोनों वहा से बाहर निकले ! कंधे पर पडा शांगली का हाथ मोना चौधरी की छातियों को छु रहा था । बार बार छु रहा था

और मोना चौधरी इस बात से खुद को अनजान दर्शा रही थी । उसे हिंदुस्तानी सीक्रेट की फिल्म हासिल करनी थी हर हाल में हासिल करनी थी । ऐसे में अगर शांगली उसकी सहायता में थोड़े बहुत मजे ले लेता है तो मोना चौधरी को इस बात से कोई भी एतराज नहीं था ।

गली के बाहर तक पहुचते पहुचते शागली ने मोना चौधरी के कधे पर रखा हाथ नीचे कर लिया । क्योकि सामने कार मे ड्राइविग सीट पर होशाग बैठा था । होशांग ने उसका हाथ मोन चौधरी के कंधे पर रखा देख लिया था और मुस्कारहट उभर
आईं थी होठो के बीच ।

शागली और मोना चौधरी कार में बैठे ।


होशाग ने सिगरेट सुलगाकर कार आगें बढा दी ।


"तुम खामोश क्यो हो होशाग ?" शागली ने एकाएक कहा ।

"यू ही कुछ सोच रहा था I " होशाग ने स्थिर लहजे में कहा ।


"यू कि अब हम साथ काम करने जा रहे हैं इसलिए जब तक काम पूरा नहीँ होता तुम मुझे नाम से पुकार सकते हो । "


"शुक्रिया !"


"तुमने मोना चौधरी को देखा ?" शागली ने मुस्कराकर कहा ।


"हा ।" कार ड्राइव करते होशाग ने गर्दन घुमाकर पिछली सीट पर बैठी मोना चौधरी पर निगाह मारी, फिर मुस्कराकर कह उठा…"वास्तव में मोना चौधरी हिंदुस्तानी लगती ही नहीं । चीन निवासी लगती है । और जितनी खूबसूरत वह पहले थी मेकअप के पश्चात अब शायद उससे ज्यादा खूबसूरत लग रही है । इसे देखने के बाद तो चियाग का बुरा हाल हो जाऐगा---


खूबसूरत औरतें तो उसे वैसे भी बहुत पसद आती हैँ । " होशाग हँसा I


शांगली हसा I


उसका हाथ मोना चौधरी की टाग पर जा टिका I


"तुम ठीक कहते हो होशाग इसकी खूबसूरती देखकर अपना दिल भी मचलने लगा है । "


" शांगली !" होशाग मुस्कराया…"इसकी लवाई ज्यादा है I यह लंबी हे I ”

"प्यार मोहब्बत में सब चलता है I "


"लेकिन इसे लंबा चाहिए I "


" लंबा ? "


"हा शागली जो खुद लबी हो उसे लबा आदमी ही चाहिए I जोडी अच्छी लगती है । "


शामली' हस पडा ।


"जोडी ! हमने क्या शादी करनी है ! हम तो थोड़े से सफर में वक्त बिताने की बात कर रहे हैँ I ” शांगली का हाथ मोना चौधरी की टाग पर सरकता हुआ कुछ ऊपर पहुच गया था I

मोना चौधरी ने कोई एतराज नहीँ उठाया I सिगरेट सुलगाकर वह कश लेने लगी I "


"ठीक कहते हो शांगली इस छोटे से सफर में वक्त बिताने का भी थोडा सा बहाना चाहिए I " होशाग के होठो पर मुस्कान फैली हुई थी-"लेकिन कार में यह सब करना ठीक नहीं होता I "


शागली का हाथ फोरन मोना चौधरी पर से हट गया I


"क्या मतलब? ”


"मोना चौधरी के चेहरे पर फैले भाव बता रहे हैं कि तुम्हारा हाथ हरकत कर रहा है शागली I" होशाग ने बिना पीछे देखे शात स्वर में स्वर- "कार में ही मामला बढ गया तो क्या होगा ? "


शांगली हस पडा I


मोना चौधरी के होठो पर गहरी मुस्कान फैलती चली गई ।


"बहुत तेज निगाह रखते हो होशाग I"

"मिस मोना चौधरी I" होशाग ने एकाएक गभीर स्वर में कहा…"तुम मेकअप करके चीनी युवती तो बन गई I परंतु चीनी युवतियां इतनी लबी नहीं होतीं । यह बात तुम्हे कही भी फसा सकती है I "
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

"मेरी मां चीनी और बाप अमेरिकन है । पद्रह बीस सालों के बाद यहा लौटी हू । और मेरी यह लवाई मुझे अमेरिकन बाप से विरासत में मिली है I " मोना चौधरी ने शात स्वर में कहा I


"वाह !" शागली हसा--‘"क्या ज़वाब है !"


मोना चौधरी ने शागली को देखा ।


"मिस्टर शागली I हम कहा जा रहे हैं ?”


"अपनी मजिल की तरफ ।" शांगली ने गहरी सास लेकर खिडकी से बाहर देखा I


"तो रास्ता कार से तय होगा ? " मोना चौधरी ने पूछा I


"नहीं । " शांगली की निगाह मोना चौधरी की तरफ घूमी…"कुछ कार का रास्ता हे-बाकी समंदर का I"


"चियांग तक पहुचने के लिए?'


"हा I"


"वह टापू पर है ?"


"हा वह टापू पर है होशाग ने बताया है और होशाग की सूचना कभी गलत नहीं होती I " शांगली बोला l


मोना चौधरी ने होशाग पर निगाह डाली I


"मिस्टर होशाग I कही चियागं ने फिल्म का सौदा अब तक चीन सें कर न लिया हो । "


"अभी नही I " होशाग ने कहा…"लेकिन सुबह तक सौदा पट जाए तो मैं कह नहीं सकता । "


मोना चौधरी के होंठ भिंच गए I .

" अगरर सौदा पट गया होगा फिल्म चीन के पास पहुच गई तो फिर उसे हासिल करना कठिन हो जाएगा I " मोना चौधरी ने सख्त स्वर में कहा-"हमें चियाग तक तुरत पहुचना है I
चीन से सौदा तय होने से पहले वहा पहुचना है I "


"इस बात को दावे से नही कहा जा सकता कि हम पहले पहुचते हैं या बाद में । " होशाग ने कहा…"यह तो I"


"छोडो इन बातों को अब हम चल पडे हैं तो देखा जाएगा आगे क्या होता है I" शागली बोला I

"देखा नहीं जाएगा I मुझे हर हाल में फिल्म हासिल करनी है I " मोना चौधरी ने दात भीचकर कहा ।


"तुम फिल्म हासिल करो या न करो । इससे हमें कोई मतलब नहीँ I ” शागली ने उसे घूरा-"हमारा काम तुम्हें कुछ दूर से यह दिखाना है कि चियाग वहा पर हे बस I आगे तुम
जानो । "


शागली का एकाएक बदला रुख देखकर मोना चौधरी फौरन सभली I

शागली की कीमत का अहसास था उसे I शागली बिना कठिनाइयों के उसे चियाग तक पहुचा सकता था I अगर कहीँ भी रास्ते में इसका मूड या मन उचट गया तो उसका सारा ~ काम अटक जाएगा I मोना चौधरी ने कश लेकर सिगरेट खिडकी से बाहर उछाली और खामोशी से हाथ बढाकर शागली का हाथ पकड लिया I


शांगली ने मोना चौधरी को देखा I

चेहरे पर आया तनाव कुछ कम हुआ ।

मोना ने उसका हाथ दबाया और फिर उसके हाथ को अपनी टाग पर रख दिया I ऐसा होते ही शागली के चेहरे का तनाव गायब हो गया । वह फ्रेश नजर आने लगा । उसका हाथ फौरन मोना चौधरी के नीर्चे बाले हिस्से में फिरने लगा था I


मोना चौधरी ने सीट की पुश्त से सिर टिकाकर आखें बद…कर ली' । होशाग तेज रफ्तार के साथ कार ड्राइव कर रहा था I


@@@@
@@@@
@@@@


एकाएक होशाग ने ब्रेक लगा दिए I कार के पहिए जाम हो गए I



"क्या हुआ ?" पिछली सीट पर बैठे शागली ने एकाएक पूछा I


"सामने देखो I " होशाग गभीर था।


शामली ने ही नहीं, मोना चौधरी ने भी सामने देखा I


आगे कारों की कतार और अन्य वाहनों की लबी कतार _ लगी हुई थीं। उनके आगे करीब बारह वाहन थे I बीच मे पुलिस बैरियर लगा था ।

दूसरी तरफ से आने वाले वाहनों की
भी कतार लगी हुई थी । बैरियर के दोनो' तरफ पुलिस कारें तैयार खडी थी । उनके ऊपर. लाल बत्तियां जलबुझ रही थी और बेरियर के आसपास पुलिस वाले वेहद व्यस्त मुद्रा मे वाहनों की तलाशी ले रहे थे ।


"यह तो पुलिस चैकिग है I " मोना चौधरी के होठो से निकला. I . …


"हा ।" होशाग ने गभीरता से सिर हिलाया I


"लेकिन इस वक्त पुलिस चैकिंग का क्या मतलब ?" शागली के होठो से निकला I



"कुछ तो होगा ही वरना पुलिस वाले अपना आराम क्यों खराब करने लगे ? " मोना चौधरी बोली I


शागली के होठ सिकुड गए ।


" होशांग !"


"हा I "


"इस तलाशी में हमें कोई दिक्कत है ?"


"नहीं हमें कोई दिक्कत नही I इस समय न तो हम कोई क्राइम करके भागे है और न ही हमने कोई गडबढ़ की है I यह सब किसी और के लिए ही रहा होगा । " होशाग ने विश्वास-भरे स्वर में कहा ।


शागली ने सिर हिलाया ।


"लेकिन । " मोना चौधरी ने बेचैनी से कहा----"इस तलाशी में ख्वामखाह हमारा समय खराब होगा । जबकि हमारा एक एक पल कीमती है तुम लोग पुलिस बालों से कहकर.... । "


"हम बहुत आगे आ चुके हैं । यह लगभग सिंगापुर का बाहरी इलाका है और यहा हमारी नहीं चलती हो सकता है कि यहा मौजूद आधे से ज्यादा पुलिस वाले मेरा नाम भी नहीं जानते होगे I "


मोना चौधरी गहरी सास लेकर रह गई I


दस मिनट बाद ही कार बैरियर के पास पहुच गई । पुलिसवालों ने कार की तलाशी ली फिर उनकी निग़ाहे मोना चौधरी पर जा टिकीं ।


"आप जरा बाहर आइए । एक पुलिस वाले ने मोना चौधरी से कहा I


कार के पास तीन पुलिसमैन थे I तीनों की कमर पर हौल्स्टर बधे थे I


मोना चौधरी की आखें सतर्कता के भाव लिए चमक उठी I


"क्या बात है ?"


"यह पुलिस कार्यवाही है I "


"नजर आ रहा है मुझे I " शागली के स्वर में हल्की सी सख्ती आईं--""मैने पुलिस कार्यवाही का कारण पूछा है I "


"दो कारण हैं I " पुलिसमैन ने कहा…"हमेँ पक्की खबर मिली है कि आज़ रात यहा से भारी मात्रा में ड्रग्स निकलने वाले हैं परतु आपकी कार की तलाशी ले ली गई है I आप इस कारण से मुक्त है I लेकिन दूसरा कारण हमें इन मैडम को चैक करने को मजबूर कर रहा है I करीब दो ढाई घटे पहले इन जैसी ही -खूबसूरत युवती ने दो पुलिसमैनों और चार अन्य आदमियों को शूट किया हे I उसकी तलाश चल रही है और इनकी सूरत उस युवती से काफी मेल खा रही हे I हम चैक… करना चाहते हैं इन्हें I "

" हूं । " शागली ने सिर हिलाया…"वह चीनी युवती थीं जिसने खून-खराब्रा किया ? "



"नहीं गवाह के मुताबिक एशियाई थी । "


"यह चीनी हे आप देख ही रहे हैं । ”


" हा I ” पुलिसमैन मुस्कराया-"परंतु चेहरा बदला भी तो जा सकता है ।"


"कमाल है l” शागली ने कधे उचकाए-"आप तो अजीब स्री बातें कर रहे हैं I दरअसल हमें वहुत जल्दी' है और आप ख्वामखाह की चैकिंग में यूं ही हमारा समय बरबाद कर रहे हैं । "


दूसरे पुलिसमैन ने आगे बढकर कार का पिछला दरवाजा खोला ।

"यह ख्वामखम्ह की चैकिंग नहीं हे I मैडम आप बाहर आइए I " पुलिसमैन के स्वर में सख्ती थी I


मोना चौधरी बिना कुछ कहे बाहर निकल आई कार से ।


"मुझे जानते हो ?" एकाएक शागली का चेहरा कठोर हो गया. I तीनों पुलिसमैनों ने शागली की तरफ ध्यानपूर्वक देखा ।


होशाग आराम से स्टेयरिंग पर बैठा था ।


"नहीं I " पुलिसमैन ने कहा…"शायद पहले कभी जानने का इत्तफाक नहीं हुआ I "


"मेरा नाम शागली है I पुलिस रिकार्ड में मेरी और मेरे गैग की बहुत मोटी फाइल है I "


पुलिसमैन की आखें सिकुडी 'I


"नाम तो सुना ही हुआ हे शांगली का I ” एकाएक पुलिसमैन मुस्कास्या-और... उसने पास खडे दोनों पुलिसमैनों को इशारा. किया I दोनों मोना चौधरी को लेकर सामने नजर आ रहे पुलिस बाक्स की तरफ बढ़ गए I कार के पास खडे` पुलिसमैन ने शागली को' देखा…"यह पुलिस कार्यवाही है मिस्टर शागली इसमें आपको एतराज नहीं उठाना चाहिए I "


"चूकि इन मामलो से मेरा वास्ता नहीं है इसलिए मैँ एतराज नहीं कर रहा I " शागली ने उखड़े लहजे में कहा…"लेक्रिन हमेँ कही पहुचने की जल्दी है और आप हमारा समय बर्बाद कर रहे है' I”


"सारी I ” पुलिसमैन ने फौरन कहा और केबिन की तरफ . निगाह मारी जहा दोनों पुलिसमैन मोना चौधरी को लेकर भीतर प्रवेश कर चुके थे…"तकलीफ के लिए मैं माफी चाहता हू। वे लोग आते ही होगे I "



"अगर यह मेरा इलाका होता तो ? ” शागली ने खतरनाक लहजे में कुछ कहना चाहा ।


" यह भी आप ही का इलाका है मिस्टर शागली I आप हुक्म तो कीजिए । "

जवाब में शामली होठ भीचकर रह गया I


★★★★★
★★★★★
★★★★★
★★★☆★
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

"तुम चीनी हो ? " यह उन दोनों पुलिमेनों द्वारा पूछा गया पहला प्रश्न था ।
"तुम लोगों को मैं क्या नजर आ रही हूं ?" मोना चौधरी ने चीनी भाषा में मुस्कराकर कहा I


" हमें जो नजर आ रहा है उस पर हम विश्वास नहीं कर पा रहे हैं !"


"क्या नज़र आ रहा है तुम लोगों को?" मोना चौधरी के चेहरे पर मुस्कान बिछी हुई थी I


" चीनी नस्ल की युवतिया पाच फीट की हो जाए तो बहुत लवीं मानी जाती हैँ I और तुम छ फीट की हो I यह बात तो समझ सें बाहर की है I" पुलिसमैन ने कहा I


" तुम्हारा मतलब कि कोई भी चीनी युवती छ फीट की नहीं है ?"


" हैँ क्यों नहीं I अवश्य होगी I कई होगी ।"



"तो उन कइयों मेँ एक मैं नहीं हो सकती ?"


"होने को तो बहुत कुछ हो सकता है… तुम.... ।"


" फालतू बात मत करो I " दूसरे पुलिसमैन ने अपने साथी को डाटा…"काम की बात करो I फिर वह मोना चौधरी से बोला…तुम दो से लेकर तीन घटे पहले कहा र्थी ?"


" यहीँ थी सिंगापुर में। "


"किसके साथ कहा थीं ?"


" बाहर मौजूद अपने दोस्तों के साथ थी और ग्रीन एवेन्यू में उनके आफिस मेँ थी I"


दोनों पुलिसमैनों ने एकदूसरे को देखा।


" ~ वह तो एशियाई युवती थी जिसने पुलिसमेनों को होटल मे शूट किया था I" पुलिसमैन बोला ।


" हा I लेकिन मेकअप करके चेहरे क्रो बदला भी तो जा सकता हे I यह किसी ,बडे गैग का फेर भी हो सकता है I पुलिसमैनों की हत्या करने बालों को हम बख्श नहीँ सकते I" कहने के साथ ही उसने आगे बढकर सफेद पदार्थ की भरी हुई
बोतल और रुई उठा ली I" दूसरा पुलिसमैन मुस्कराया ।



"मुझें नहीं लगता कि इसने कोई मेकअप कर रखा है । "
"चैक करने में क्या हर्ज हे । अगर कर रखा है तो इस लोशन से साफ हो जाएगा। हम एकमात्र इसी रास्ते से अपने सदेह _का निवारण कर सकते हैँ कि यह लबी एशियन है या चीनी I"


"जो मर्जी करो I "


पुलिसमैन ने काटन को मेकअप साफ़ करने वाले लोशन में गीला किया ।


मोना चौधरी एकाएक सतर्क हो गई !


उसकी आखो में मौत् से भरी चमक लहरा उठी । लोशन वाली रुई उसके चेहरे पर फिरने का मतलब था कि चेहरे-पर किए गए मेकअप का साफ होना और उसका फंसना I बाद में क्या.होता, यह तो बाद की बात थी । परंतु इन सारी बातों से खून खराबा क्या होता, वक्त बहुत बर्बाद होता I जबकि इस समय उसका एक एक पल कीमती था । अगर पुलिसमेनों की हत्या का सवाल न होता तो यह पुलिसमैन बगल में लोशन की बोतल दबाए इतनी सावधानी से आनेजाने वालों को चैक न कर रहे होते ।


पुलिसमैन लोशन से भीगी रूई लिए आगे बढा I


"क्यों मेरा चेहरा खराब कर रहे हो I” मोना चौधरी के होठो पर मौत से भरी मुस्कान उभरी ।


"बाद में ठीक कर लेना । यह सब करना हमारी मजबूरी हे I" पुलिसमैन बोला ।


मोना चौधरी समझ गई किं अब उसके सामने एक ही रास्ता बचा था ।


पुलिसमैन उसके पास पहुच चुका था I


इससे पहले कि वह अपना सोचा पूरा करता ।


मोना चौधरी के हाथ में रिवाॅल्बर चमकी I वे दोनों पुलिसमैन कुछ भी नहीं समझ सके कि रिवाॅल्बर की नाल से दो आग के शोले चमके और दोनों पुलिस वालों की खोपडी की धज्जियां उडाते चले गए I


पुलिस केबिन मेँ जैसे बम फूटे हों, इस तरह आवाज हुई थी गोली चलने की I मोना चौधरी के होठ. भिचे हुए थे । वह मौत के समंदर की बूद लग रही थी । मोना चौधरी को बाहर वालों का भी ध्यान था जो कि उसके लिए भारी मुसीबत खडी कर सकते थे I मोना चौधरी पलटी और चेहरे पर खतरनाक भावों को ओढे तूफान की तरह पुलिस केबिन से बाहर निकलती चली गई I


★★★★

अगर फायर एक हुआ होता तो शामली और होशाग क्षण भर के लिए सोच सकते थे कि किसी बात पर दोनों पुलिसमेनों में से एक ने मोना चौधरी पर गोली चला दी होगी I परतु एक के बाद एक दो गोलियों के चलने का मतलब था गोलिया मोना चौधरी ने चलाई थीं और अपने पास मौजूद दोनों पुलिसमेनों को शूट कर दिया था I


फायर की आवाजों के साथ जैसे वहा भूकम्प पैदा हो गया था ।


सबकी निगाहे सडक के किनारे मौजूद पुलिस बाक्स की तरफ उठ गई थीं I


शागंली और होशाग की निगाह तुरंत मिली । उनकी कार के पास खडे पुलिसमैन ने फौरन होल्स्टर से , रिवाल्वर निकाली और तेजी से केबिन की तरफ पलटने को हुआ कि शांगली का दरिंद्गी से भरा लहजा सुनकर ठिठक गया ।


"डौट मूव I एक कदम भी आगे मत बढाना I"


रिवाॅल्बर थामे पुलिसमैन धूमा ।


.. कार की खिडकी से उसे रिवाल्वर अपनी तरफ तनी नजर आई


पुलिसमैन हक्का बक्का सा खडा रह गया ।


"मैने तुम्हें बताया था ना कि मेरा नाम शांगली है I रिवाॅल्बर फेक दो I" शागली गुर्राया I


पुलिसमैन के हाथ में रिवाॅल्बर अवश्य थमी थी परंतु उसे इस बात का भी अहसास था कि अगर उसने कुछ करने की चेष्टा की तो उससे पहले ही शागली के रिवाल्वर से कम से कम दो गोलिया निकलकर उसके जिस्म मे प्रवेश कर जाएगी I


पुलिसमैन ने रिवाल्वर नीचे गिरा दी ।


ठीक उसी समय मोना चौधरी पुलिस केबिन से बाहर निकली ।


वहा फैली रोशनी में उसके हाथ में थमी रिवाॅल्बर स्पष्ट नज़र आ रही थी । उसकी खूंखार चमकपूर्ण निगाह हर तरफ घूम रही थी और कदमों का रुख वैरियर के पास खडी

कार की तरफ था । लेकिन दो कदमो के बाद ही उसे रुक जाना पडा । वह चार पुलिसमैनों के घेरे में आ गई थी I चार रिवाॅल्बरों का रुख उसकी तरफ हो गया था I एकाएक उसे उन चारों पुलिसमैनों के घेरे से निकलना कठिन लगा । वह कभी भी उसे शूट कर सकते थे ।

"स्टाप I " एक पुलिसमैन ने कठोर स्वर में कहा… " रिवाॅल्बर दो।"


मोना चौधरी ने होठ भीच लिए। परतु रिवाॅल्बर नहीं फेंकी I


"लास्ट वार्निग I रिवाल्वर गिरा दो I वर्ना हम तुम्हें शूट करने के लिए मजबूर हो जाएगे । " मोना चौधरी खतरनाक मुद्रा में रिवाल्वर थामे स्थिर खडी रही I हाथ ऊपर उठाने का तो कोई मतलब नहीं था I वह दो पुलिसमैनों को पहले और दो को अब गोली से उडा चुकी थी I पुलिस वालों ने उसे अदालत या जेल तक नहीं पहुचाना था ~ और हाथों से मार मारकर ही जान लेनी थी उसकी ।


… जानलेवा बेहद खतरनाक क्षण थे वह l तभी कार के दरवाजे खुले I


शागंली ने बाहर निकलकर कार की ओट ले ली I


होशाग ने चीते की तरह छलाग मारी और तीन कदम दूर खडे पुलिसमैन को बाह से जकड़कर हाथ मे थाम रखी रिवाल्वर उसकी कनपटी से लगा ली I यह दृश्य सबने देखा-मोना चौधरी ने भी…वहा खडे चारों पुलिसमैनो और अन्य खडे वाहनों में बेठे लोगों ने भी I


इसके साथ ही वहा छाया मोत का सन्नाटा और भी गहरा हो गया । उसी पल शांगली का दरिंदगी से भरा स्वर वहा मौजूद सबके कानों में पडा ।


.. "खबरदार जो किसी ने भी अपनी जगह से हिलने की कोशिश की ।" इस आवाज के साथ मौत का सन्नाटा और भी गहरा हो गया ।
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
User avatar
007
Platinum Member
Posts: 5355
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज

Post by 007 »

"कोई अपनी रिवाॅल्बर का इस्तेमाल नहीँ करेगा I"


हालात पहले जैसे ही रहे ।


"तुम्हारा साथी पुलिसमैन हमारे कब्जे में हे I अगर किसी ने कोई हरकत की तो उसकी जान जाएगी I"


पुलिसमेनों में हल्की सी बेचैनी फैली I ~


"मेरी साथी अब कार की तरफ आएगी I परंतु उससे पहले तुम सब अपनी रिवाॅल्बरे नीचे गिरा दो । " शागली की आवाज जैसे मौत बनकर वहा नाच रही थी ।

पुलिसमैन बैसे हो खडे रहे I


" सुना. नहीं तुम लोगों ने ? ” शागली दहाड़ा । I


अगले ही पल पुलिसमैनों की रिवाॅल्बरे जमीन पर आ गिरी' ।


शांगली कार की ओट में था और किसी को नज़र नहीं आ रहा था । ~ उसी क्षण रिवाॅल्बर थामे मोना चौधरी सावधानी से कार की तरफ बढी I वह बेहद सतर्क थी कि हर पल मौत से भरा हुआ है I ज़रा सी चूक उसकी जान ले सकती थी । उगली रिवाल्वर के ट्रेगर पर थी, हर क्षण आग_ उगलने के लिए I


चंद पलो मे ही वह कार के करीब थी I इस समय हर किसी की निगाह मोना चौधरी पर थी I मोना चौधरी की सर्द निगाह क्षणभर में ही चारों तरफ घूमी । सब कुछ ठीक ठाक देखकर उसने कार का दरवाजा खोला और भीतर बैठकर ड्राइविंग सीट पर सरक गई I कार स्टार्ट की । इजन का शोर गूंज उठा I रिवाॅल्बर गोदी में रख ली, ताकि जरूरत पढ़ने पर पलक झपकते ही उसे हाथ में ले सके ।

" इस पुलिसमैन को लिए कार में चलो । " शागली के यह शब्द होशाग के लिए थे I

होशाग पुलिसमैन को कबर किए कार की तरफ आहिस्ता आहिंस्ता बढा I शागली की निगाह तेजी से चारो तरफ घूम रही थी । वह क्रूरता का दूसरा रूप नजर आ रहा था । आखो में जैसे खून नाच रहा था । इस समय वह हर किसी की लाश बिछाने का इरादा रखता था, अगर काम उसके पसदीदा ढग से ना हुआ तो


परतु पुलिसमैनों का अदाज बता रहा था कि फिलहाल तो वह कुछ करने के मूड मेँ नहीं थे I उन्हे अपने साथी पुलिसमैन की जान की ज्यादा चिता थी । होशाग पुलिसमैन को कवर किए, कार की पिछली सीट पर जा बैठा I शागली का वहशी स्वर पुन गूंजा I


" बैरियर हटाओ I " अगले ही पल एक पुलिसमैन अपनी जगह से हिला और सढ़क पर लगा रखी रोक उसने हटा दी I


"अब एक बात कान खोलकर सुन लो I" शागली ने एक एक शब्द चबाकर खूखार स्वर में कहा…"अगर तुममे से किसी ने पीछे आने की चेष्टा की, या हमें पकड़ने की चेष्टा की तो तुम्हें अपने साथी पुलिसमैन की लाश ही मिलेगी जिसे हम अपने साथ ही ले जा रहे हैँ I जब हमें इस बात की तसल्ली हो जाएगी कि हमारे पीछे कोई नहीं है तो हम पुलिसमैन को छोड देगे" I


उसी समय एक पुलिसमैन का स्वर गूंजा I


"तुम लोग बहुत बडा जुर्म कर रहे हो I"


" अपना थोबडा बद रखो I" फिर कोई आवाज़ नहीँ गूंजी । कार की ओट में छिपा शामली आगे बढा और कार का दरबाजा खोलकर भीतर सरक गया । कार का दरवाजा बद
करते ही मोना चौधरी ने दात भीचकर कार आगे बढा दी I



" सीधे ही लेना I " होशाग बोला…"जब तक हम ना कहे कार को मोडना नही' I "


और देखते ही देखते कार तेज रफ्तार से गोली की तरह वहा से दूर होती चली गई I सबने चैन की सास ली I पुलिसमैन घबरायासा होशाग और शागली के बीच फसा था।


कार में काफी देर तक सन्नाटा छाया रहा I


करीब चार किलोमीटर आगे जाने पर सडक के किनारे पार्किग' नजर आई तो शागली' ने कार पार्किग में खडी करने को कहा । मोना चौधरी ने कार पार्किग में रोक दी I

रात का अंधेरा चारों तरफ फैला था I बहुत कम वाहन आ जा रहे थे ।

खामोशी हर तरफ छाई हुई थी ।


तीनों ने एक दूसरे को देखा ।

"यहा क्या करना हैं ? " मोना चौधरी ने पूछा I

"यह कार पुलिस की निगाहों मेँ है I" शागली ने शब्दों को चबाकर कहा…"अब तक खबर हर तरफ फैल गई होगी । इस कार में रहे तो कभी भी फस सकते हैं।"


"यह बात तो ठीक हे I" मोना चौधरी ने होठ सिक्रोड़का कहा I


"पार्किंग मे बहुत कारें खडी हैँ I " होशाग ने बाहर निगाह मारी-" कोई कार ले लेते हैं I ”


क्षण भर की खामोशी के बाद मोना चौधरी ने कहा I


"इसकां क्या करना है ? " उसका इशारा पुलिसमैन की तरफ था ।


"इसे कार में ही रहने दो ।"



"कार मे ? ” मोना चौधरी की आखें सिकुडी ।


"छोडो । आओ बाहर I "


शागली होशाग और मोना चौधरी बाहर निकले । कार में मौजूद बैग निकालकर शागली ने होशाग के हवाले कर दिया ।


बैग थामते हुए होशाग की निगाह में उलझनपूर्ण भाव थे पुलिसमैन के प्रति कि शागली उसका क्या करना चाहता है I


शांगली ने भीतर बैठे घबराए हुए पुलिसमैन को देखा I


"मेरा नाम क्या है ?” शागली ने क्रूर स्वर में कहा I



"नाम? " पुलिसमैन ने सूखे होठो पर जीभ. फेरी…"श...शांगली । "


शागली की आखो मे मोत से भरी चमक थी I


"मेरा नाम जानना ही तुम्हारी मौत का, कारण बन रहा है I वरना, तुम्हें जिदा ही छोढ़ जाता । " खूंखार स्वर में कहने के साथ ही शांगली ने रिवाॅल्बर निकालकर हाथ में ले ली I "न नहीं....ऽऽऽऽऽऽ I " पुलिसमैन आतक से चीखा । तेज धमाका हुआ I रिवाॅल्बर की नाल से गोली निकलकर पुलिसमैन के माथे में प्रवेश कर गई ।


★★★★★
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
Post Reply