सुनीता- राज सोचना भी मत.. नहीं तो तुम्हें मेरी चूत से भी हाथ धोना पड़ेगा। मैं जिन्दगी में कभी गांड नहीं मरवाऊँगी.. ज्यादा जिद मत करना। एक बार तुम्हारे भाई ने मारी थी.. पूरा हफ्ता ढंग से टट्टी भी नहीं कर पाई थी। तुम चूत मारो बस.. जितनी मारनी है।
वो गुस्सा हो गईं.. मैंने भी सोचा कहीं गांड के चक्कर में चूत से भी हाथ ना धोना पड़ जाए.. इसलिए मन मार लिया और माफी माँगकर अपना कड़क लण्ड उनके मुँह में दे दिया।
उन्होंने उसे अच्छी तरह से चूस कर गीला कर दिया।
मैंने उन्हें लिटाकर उनकी टांगें अपने कन्धों पर रखी और गीला लण्ड उनकी चूत में उतार दिया।
फिर उनकी ठुकाई शुरू हो गई, पूरा कमरा हम दोनों की आवाजों से गूजने लगा, चूत और लण्ड एक-दूसरे को हराने में लगे हुए थे।
मैंने उन्हें हचक कर चोदा और अन्त में अपने वीर्य की पिचकारियां उनकी चूत में मार दीं।
सुनीता- आहह मजा आ गया राज.. अब इसी तरह पूरे दो महीने मुझे चोदते रहना। मैं तुमसे ही चुदने के लिए यहाँ आई हूँ.. कोई दिल्ली घूमना नहीं.. बस तुम्हारे लण्ड की सवारी करनी है मुझे। इन दो महीनों में अपने इस झूले पर जितना झुला सकते हो, झुला दो मुझे!
मैं- भाभी आपको शिकायत का कोई मौका नहीं मिलेगा.. मैं आपकी चूत की सैर करूँगा और आपको भी करवाऊँगा।
इस तरह पूरे एक महीने मैंने उनकी कभी उनके रूम में.. कभी घूमने के बहाने लाकर अपने रूम में जमकर चुदाई की।
दूसरे महीने भाई की नाइट ड्यूटी के कारण कम टाइम मिला, पर मौका निकाल कर हम दोनों अपनी हवस शान्त कर ही लेते थे।
रात में उनके साथ सोने को उनके पड़ोस की भाभी आती थीं.. जिससे उन्होंने अच्छी दोस्ती बना ली थी।
दो महीने रहने के बाद भाभी अपने गांव वापस चली जाने वाली थीं.. पर वो जाने से पहले मेरे लण्ड का जुगाड़ बना कर गईं। मैं उनकी मदद से उनके बगल में रहने वाली भाभी को चोद सका।
यह सब हुआ यूं कि भाभी को एक महीना लगातार चोदने के बाद एक दिन उन्हें चोदते हुए मैंने भाभी से कहा- भाभी आपने मेरे लण्ड की आदत खराब कर दी है। अगले महीने तो आप चली जाओगी, फिर मेरे लण्ड का क्या होगा। जाने पहले इसका कुछ इन्तजाम तो करती जाओ।
वो बोलीं- मुझे पता है मेरे चोदू देवर कि मैंने तुम्हारे लण्ड को बिगाड़ दिया है। इसे चूत का चस्का लग गया है। मैंने इसका जुगाड़ बना दिया है.. तुम्हें मेरे जाने के बाद भी चूत मिलेगी। पर तब तक तुम्हें मुझे ही चोदना पड़ेगा। मेरे जाने के बाद ही उस दूसरी चूत में लण्ड लगाना।
मैं- अरे वाह मेरी जान.. पर कैसे और किसकी।
भाभी- पहले वादा करो कि मेरे जाने के बाद ही उसकी लोगे। मैं जब तक यहाँ हूँ तुम्हारे लण्ड को किसी से नहीं बांट सकती.. वो बस मेरी ही चूत में चाहिए।
मैं- भाभी वादा रहा, आपके जाने से पहले उसे हाथ तक नहीं लगाऊँगा। अब तो बता दो कौन है वो?
फिर भाभी बताने लगीं- पिछले महीने से ही मैंने अपने पड़ोस की भाभी से दोस्ती की है.. जब तुम नहीं होते तो हम दोनों आपस में गप्पें लड़ाते हैं। बातों-बातों में उसने बताया कि उसका पति मार्केटिंग में है.. इसलिए ज्यादातर बाहर ही रहता है और जब घर में भी होता है तो काम का बहाना बना कर उसे ज्यादा नहीं चोद पाता है।
बस तभी मैंने उसे तुम्हारे लिए पटाने की सोची और उसे बता दिया कि कैसे शादी में तुमने मुझे चोदा था और तुम्हारे ही कहने पर मैं दिल्ली आई हूँ और अब यहाँ जब भी समय मिलता है मैं तुमसे खूब चुदवाती हूँ। मैं रोज उसकी चूत की भूख बढ़ाने लगी। आखिर वो बेचारी कब तक सहन करती और उसने मुझसे कह ही दिया कि वो भी तुमसे चुदना चाहती है। अब खुश हो तुम?
मैं- वाह भाभी.. आपने तो आज लौड़े को खुश कर दिया।
यह कहकर मैं नई चूत मिलने की सोचकर उन्हें और जोर से चोदने लगा।
थोड़ी ही देर में मेरी सारी खुशी उनकी चूत में बह गई।
भाभी ने अगले ही दिन उससे मेरी मुलाकात करवा दी। उसका नाम कंचन था। उम्र 25 साल, वो एक बच्चे की माँ थी। वो देखने में बहुत सुन्दर थीं.. या ये कहो चोदने लायक माल थीं। उनकी जवानी ने उन्हें देखते ही मेरा लण्ड खड़ा कर दिया था।
पर भाभी को वादा किया था, निभाना तो था ही.. आखिर ये माल उन्हीं ने मेरे लिए पटाया था।
मैंने उससे कहा- देखो भाभी आपको मुझे अपने बगल में रूम दिलाना पड़ेगा। ऐसे तो हम पकड़े जाएंगे। ये तो मेरी गाँव की भाभी हैं.. इसलिए यहाँ आकर इन्हें चोदने में तो मुझे कोई कुछ नहीं कर सकता.. पर मैं आपको दिन में नहीं चोद सकता इसलिए बगल में रूम का जुगाड़ करो। तब तक मैं आपको चोदूँगा भी नहीं।
उससे दूर रहने का यही एक बहाना था।
सुनीता भाभी मेरी बातों से खुश हो गईं और इस महीने जब भी टाइम लगा उनकी खूब चुदाई की।
उधर कंचन ने मेरे लिए कमरा ढूँढ ही लिया।
तब तक भाभी गाँव चली गईं।
उनके गाँव जाने के बाद अब मुझे कंचन की ही लेनी थी, तो मैंने भी कमरा चेन्ज कर लिया और उनके बगल मेंआ गया। कुछ ही दिनों में वहाँ सबसे जान-पहचान हो गई, पर उसे चोदने का मौका नहीं मिल पा रहा था।
आगे आपको बताऊँगा कि मेरे लौड़े को कंचन भाभी की चूत का स्वाद कैसे मिला।
देसी भाभी
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- shaziya
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Re: देसी भाभी
Excellent update , waiting for next update
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