आज मै स्कूल गया लेकिन किसी कारन छुट्टी हो गई और मै वापस घर पे आने लगा .........और दोपहर के करीब १२ बज रहे थे .....और मै सोचा की माँ आराम कर रही होगी और मेरे बैग में घर की एक चाभी पड़ी थी मै चुपके से घर में घुस गया और अपने रूम में चला गया .............और माँ को नहीं पता था की मै घर पे हु ..........और माँ आपको बता दू की मेरे घर के ऊपर फ्लोर पे एक अंकल किराये पे रहते है जिसकी सीढ़ी घर के अंदर ही है और मैंने देखा की अंकल सीढ़ी से उतर के सीधा माँ के बेड रूम की तरफ जाने लगे तभी मुझे कुछ शक हुआ की अंकल माँ के बेड रूम की तरफ क्यों जा रहे है ........और मै चुपके से माँ के बेड रूम की तरफ देखा तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया मैंने देखा की अंकल माँ के ब्लाउज़ के ऊपर से माँ के बूब्स को दबा रहे है और माँ के चुतर से अपने लुंड को घिस रहे है मुझे ये सब देख के गुस्सा लगी फिर मुझे लगा की मेरा लण्ड भी पैंट के अंदर टाइट हो रहा है और मै चुप के देखने लगा..........
माँ:- अरे भाई साहब कोई आजायेगा छोड़िये न आआआअह्हह्ह्ह्ह
अंकल:- अरे मेरी जानेमन किए छोड़ू तुमने तो मुझे अपना गुलाम बना लिए है दोपहर को ही तो मौका मिलता है
माँ:- AAAAAAAAAAAHHHHHH धीरे से दबाओ न गुलाम तो तुम्हारे लण्ड ने बनाया है........ ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम्मम
मै माँ के मुँह से ये सब बातें सुन के हैरान था ..........
माँ:- AAAAAAAAAAHHHHH भाई साहब अभी कल ही दोपहर में इतनी जल्दी बेताबी बढ़ गई
अंकल:- अरे मेरी जान मेरा बस चले तो तुम्हारे आस पास ही रहू दिन रत लेकिन ......
माँ:- अच्छा तुम्हारी बीवी मइके से आजाये फिर देखती हु कैसे मेरे पास आते हो .........
अंकल :- तभी तो दिक्कत है वरना तुम्हारी चूत के रस को दिन रत पिता रहू ......आआआहहह
अब अंकल माँ के ब्लाउज़ के बटन को खोलने लगे ......
माँ:- आआअह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल :- मुझे कैसे शर्म मेरी जान तुम तो ऐसे शर्माती हो जैसे की आज पहली मुलाकात है ......
और तभी मै समझ गया की कई दिनों का चक्कर है माँ और अंकल का .........
और अंकल ने माँ के साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया और ब्लाउज़ को भी निकलने लगा और माँ अब ब्रा में थी और मै भी माँ को पहली बार ब्रा में देखा था और मैंने देखा की अंकल माँ के चूची को दबा दबा के चुम रहे है ब्रा में माँ की चूचियां क्या चमक रही थी और दोनों चूची के बीचे का कट क्या मस्त लग रहा था ये सब देख के मेरे लण्ड से तो पानी
अब अंकल ने माँ के साड़ी की घुटनो के ऊपर उठाने लगा जिससे माँ के नंगे पैर दिखने लगे गोरेगोरे चमक रहे थे मुझे भी माँ के नंगे पैर देखने में अच्छे लग रहे थे और अंकल माँ के नंगे पैरों को चूमने लगे और चूमते चूमते जांघ तक आगये और माँ के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी.......
माँ:- आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हहभाई साहब आप कितने बेहतरीन ढंग से सेक्स करते हो......आआआआअह्ह्ह्ह
अंकल:- अरे मेरी जान तुम हो ही इतनी बेहतरीन तो मई क्या करों तुम्हारे बदन बदन का एक एक अंग स्पेसल है आआआआह तुम्हारे सेक्सी पैर तुम्हारे बूब्स आआअह्ह्ह्हजीसे जितना दबाओ मन ही नहीं भरता आआअह्ह्ह्ह
अब अंकल फिर से माँ के ब्रा के ऊपर से ही माँ की चूचियां दबाने लगे और माँ के गर्दन में चूमने लगे........
माँ:- आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम भाई साहब आआआहहहहह आज ऑफिस नहीं जाना क्या..........
अंकल:- आआआह्ह्ह्हहमेरी जान आज आधे दिन की छुट्टी लिया हु तुम्हारे लिए क्यों की कल बीवी मइके से आजायेगी आअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
माँ:- ऊऊओह्ह्ह्हह तो फिर तो पूरे ४ बजे तक का टाइम है आज लगता है की महीने भर की चुदाई आज ही करोगे...........
अंकल:- अरे नहीं मेरी जान तुम्हे मै कितना भी छोड़ू लेकिन तुम्हारे बदन की खुशबू मेरे लैंड को बार बार खड़ा कर देती हैAAAAAHHHHHHH
अब अंकल का हाथ सीधा माँ के चुतर पे आगया और दोनों माँ के सेक्सी चुतर दोनों हाथ से दबाने लगे और माँ के होठ से अपने होठ रख के चूमने लगे ......
ीिस्स्सस्स्स्सस्शह्ह्हह्ह मैंने देखा की माँ भी अपने चुतर बड़े आराम से दबवा रही है और किश का रिप्लाई भी पूरे तरीके से दे रही है.........मुझे ये सब देख के अजीब सा जोश आगया माँ के चुतर को दबते देख मुझे भी दबाने का मन करने लगा लेकिन मै कैसे दबा सकता
अंकल खूब मज़े से माँ के सेक्सी चुतर दबाये जा रहे थे मैंने मन में सोचा की काह्स मै भी माँ के सेक्सी चुतर दबा पाता आआह्ह्ह्हह्ह मुझे देखने में इतना मज़ा आरहा था तो दबाने में कितना मज़ा आएगा उउउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ अब मुझे इंतज़ार था माँ के सेक्स नाँघि चूचियां देखने का जो की मैंने कभी सोचा भी नहीं था खैर मैंने तो ये भी नहीं सोचा था की माँ को इस हालत में भी कभी देखूंगा वो भी अंकल के साथ उउउउउफफ्फ्फ्फ़ क्या मज़ा आरहा था मै तो थैंक्स स्कूल वालो को कहूंगा की जिनकी वजह से मै एक राज़ माँ के सेक्सी बदन के दीदार हुए ........
अब अंकल ने माँ को अपने गोद में बैठा लिया या यु कहु की अपने लुंड पे माँ के चूत को कपडे के ऊपर रख दिया और माँ के ब्रा के के ऊपर से माँ के आधे चूचियों को चूमने लगे..........
माँ :- आआआअह्हह्ह्ह्हहभाई साहब आपका लण्ड तो पैंट के अंदर से ही चटपटा रहा है आअह्ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल:- आआह्ह्हहमेरी जान उसे तुम्हारी चूत की आहट लग गई है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम
मेरी मोम किरायेदार की रांड
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Re: मेरी मोम किरायेदार की रांड
अंकल लगातार माँ के बदन को सहला रहे थे चुम रहे थे और माँ भी अंकल का पूरी तरीके से साथ दे रही थी.......अंकल कभी माँ के ब्रा के ऊपर से बूब्स को दबाते कभी माँ के दोनों सेक्सी चुतर को दबाते कभी नाँघि पीठ को सहलाते और माँ के आधे बूब्स को अपने मुँह से दांत से दबा दबा के धसा रहे थे .........
माँ:- आआआआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब दांत न धसाइये निशान पद जायेगा सिर्फ चूसिये आआअह्ह्ह .......
अंकल:- अच्छा जानेमन सॉरी आआआहहहहह........क्या करू तुम्हारे जिस्म की की खुशबू मुझे बेकाबू कर देती है आआअह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम काश की तुम्हारे साथ पूरी रात मिलती तो मज़ा आजाता ाआआआंमम्मम्म
माँ:- ह्म्मम्म्म्म...लेकिन ये नहीं हो सकता न एक यही दोपहर का टाइम है जिसमे हम दोनों वासनाओ में डूब सकते है रात में संभव नहीं है भाईसाहब ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम
अब मैंने एक चीज़ नोटिस किआ की जहा से मैं चुप के ये सब नज़ारा देख रहा हु वहाँ अंकल की नज़र बार बार मेरी तरफ ही आ रही है लेकिन मैंने इसे इग्नोर किआ और माँ के रोमांस का नज़ारा देखता रहा मैंने सोचा अंकल ऐसे ही कुछ देख रहे होंगे .........
अब अंकल ने माँ को बेड पे लिटा दिए और माँ के साड़ी को माँ के सेक्सी जांघो के ऊपर तक कर दिए और माँ के दोनों नंगेपैरों को अपने हाथो से सहलाने लगे और साथ ही माँ के गर्दन को गालों को अपने होठो से चूमने लगे ..........
माँ:- आआआहहहहहहह भाई साहब आज बड़े इत्मीनान से प्यार कर रहे हैं मुझे क्या बात है बड़े फुर्सत में है क्या ............
अंकल:- अरे मेरी जानेमन आपके लिए तो फुर्सत ही फुर्सत है .......
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(30-03-2018, 02:32 PM ) rajusethzee
अब अंकल माँ के ऊपर चढ़ गए और इस तरह माँ के चूचियां अंकल के सीने से दबने लगी और माँ की चूत अंकल के लण्ड से दबाव खाने लगी और माँ की साड़ी कमर तक ऊपर आगे थी जिसकी वजह से माँ के कमर के नीचे के हिस्सा मुझे साफ़ दिख रहा था और मेरे लण्ड की तो हालत ख़राब थी ये सब सीन देख के माँ के बदन के ऊपर अंकल का इस तरह से लेटना और माँ को किश करना गले में चूमना चूचियों को चूमना और शायद अंकल का लण्ड माँ के पैंटी से टकरा रहा होगा .......उउउउउफफ्फफ्फ्फ़ मेरी तो हालत ख़राब थी मन तो कर रहा था की माँ के ऊपर मै भी जाके लेट जाऊं लेकिन नहीं कर सकता था अभी .....मै सिर्फ चुप के से माँ और अंकल का रोमांस देख रहा था जिससे मुझे मज़ा आरहा था .............
और अब अंकल ने अपनी शर्ट भी निकल दी और फिर से माँ के ऊपर चढ़ गए और किश करने लगे और माँ भी अंकल की नाँघि पीठ को अपने हाथो से सहलाने लगी और अंकल के लण्ड के दबाव को अपने छूट पे महसूस करने लगी
लगातार अंकल माँ को किश किये जा रहे थे माँ के जीभ को अपने मुँह में लेके चूसते कभी अपनी जीभ को माँ के मुँह में डालते तो माँ भी अंकल की जीभ चुसती
अब अंकल ने माँ के ऊपर जोश में अपने लण्ड को माँ के चूत से रगड़ना सुरु करदिअ जिसकी वजह से माँ के अंदर भी जोश चढ़ने लगा था तो माँ भी अंकल के सुरताल के साथ अपने चूत को उठाके अंकल के लण्ड से दबाने लगी एक दम जैसे कपडे के ऊपर से ही चुदाई चल रही हो........उउउउउउफफ्फ्फ मेरे लण्ड की हालत क्या होगी इस वक़्त ये आप लोग समझ सकते है.........
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(30-03-2018, 03:11 PM ) rajusethzee
अब अंकल ने माँ को अपने ऊपर कर लिया और अपने बदन से चिपका के माँ को अपने बाँहों में कस लिया ऊऊफफफफ माँ इस हालत में अंकल के ऊपर लिटी थी और माँ की चूचियां अंकल के सीने से टकरा रही थी और लगातार दोनों एक दूसरे के वासनाओं में डूबे थे
उउउउफ मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था की माँ अंकल के साथ इस हालत में है मैंने तो सोचा भी नहीं था की ऐसी सीन भी मेरे जीवन में आएगी लेकिन जो भी हो मुझे इस वक़्त मज़ा बहुत आ रहा था मैं ये भी सोच रहा था की कितने आराम से दोनों रोमांस कर रहे थे किसी बात का कोई डर ही न हो लेकिन डर किस बात का उन लोगो को ये थोड़ी पता था की मैं माँ और अंकल का रोमांस देख रहा हु .......
माँ:- आआआअह्हह्ह्ह्हह भाई साहब जल्दी करिये जो करना है घडी में भी नज़र डालिये २ बज रहे है मेरा बेटा भी ४ बजे तक आजायेगा आआआह्ह्ह्हह्ह
अंकल:- अरे मेरी जान अभी तो पूरे पूरे २ घंटे है न आराम से करो न मेरी जान जल्दी बजी कैसी अपने जवानी का स्वाद चखने दो न सिर्फ चूत में लण्ड डाल के चुदाई करदु तो क्या मज़ा रहेगा ये काम तो तुम्हारा हब्बी भी करता होगा अरे बदन के एक एक अंग का मज़ा लेने दो तुम भी मज़ा लो न ह्ह्ह्हहम्म्मम्म्म्म
अब माँ अंकल के ऊपर बेखौफ लेती थी और शायद उन्हें भी अंकल की बात समझ आई होगी और मैंने अब देखा की माँ भी अंकल के लण्ड पे अपने छूट की घिस रही है और अंकल माँ के आधे चूचियों को चुम रहे है दोनों की सासें तेज़ चल रही थी उउउउउउउफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ मुझे माँ का जोश देख के यकीन नहीं हो रहा था की माँ के अंदर इतना सारा जोश है ऊऊह्ह्हह्ह
माँ अंकल को इतने जबरदस्त तरीके से किश कर रही थी की क्या बताऊँ माँ के चुतर लगातार हिल रहे थे अंकल के लण्ड पे घिसने की वजह से माँ के चूचियां भी अंकल के सीने से रगड़ खा रही थी एकदम बेफिक्र होके माँ अंकल की किश किये जा रही थी
माँ:- आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब सही बात है सिर्फ चुदाई में कुछ नहीं रक्खा है असली मज़ा तो चुदाई के पहले जोश में आता है जो अभी हो रहा है आआआअम्म्मम्म
अंकल :- उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ मेरी जान आपका जोश तो सातवें आसमान पे है ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म
माँ:- आआआआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब दांत न धसाइये निशान पद जायेगा सिर्फ चूसिये आआअह्ह्ह .......
अंकल:- अच्छा जानेमन सॉरी आआआहहहहह........क्या करू तुम्हारे जिस्म की की खुशबू मुझे बेकाबू कर देती है आआअह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम काश की तुम्हारे साथ पूरी रात मिलती तो मज़ा आजाता ाआआआंमम्मम्म
माँ:- ह्म्मम्म्म्म...लेकिन ये नहीं हो सकता न एक यही दोपहर का टाइम है जिसमे हम दोनों वासनाओ में डूब सकते है रात में संभव नहीं है भाईसाहब ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम
अब मैंने एक चीज़ नोटिस किआ की जहा से मैं चुप के ये सब नज़ारा देख रहा हु वहाँ अंकल की नज़र बार बार मेरी तरफ ही आ रही है लेकिन मैंने इसे इग्नोर किआ और माँ के रोमांस का नज़ारा देखता रहा मैंने सोचा अंकल ऐसे ही कुछ देख रहे होंगे .........
अब अंकल ने माँ को बेड पे लिटा दिए और माँ के साड़ी को माँ के सेक्सी जांघो के ऊपर तक कर दिए और माँ के दोनों नंगेपैरों को अपने हाथो से सहलाने लगे और साथ ही माँ के गर्दन को गालों को अपने होठो से चूमने लगे ..........
माँ:- आआआहहहहहहह भाई साहब आज बड़े इत्मीनान से प्यार कर रहे हैं मुझे क्या बात है बड़े फुर्सत में है क्या ............
अंकल:- अरे मेरी जानेमन आपके लिए तो फुर्सत ही फुर्सत है .......
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(30-03-2018, 02:32 PM ) rajusethzee
अब अंकल माँ के ऊपर चढ़ गए और इस तरह माँ के चूचियां अंकल के सीने से दबने लगी और माँ की चूत अंकल के लण्ड से दबाव खाने लगी और माँ की साड़ी कमर तक ऊपर आगे थी जिसकी वजह से माँ के कमर के नीचे के हिस्सा मुझे साफ़ दिख रहा था और मेरे लण्ड की तो हालत ख़राब थी ये सब सीन देख के माँ के बदन के ऊपर अंकल का इस तरह से लेटना और माँ को किश करना गले में चूमना चूचियों को चूमना और शायद अंकल का लण्ड माँ के पैंटी से टकरा रहा होगा .......उउउउउफफ्फफ्फ्फ़ मेरी तो हालत ख़राब थी मन तो कर रहा था की माँ के ऊपर मै भी जाके लेट जाऊं लेकिन नहीं कर सकता था अभी .....मै सिर्फ चुप के से माँ और अंकल का रोमांस देख रहा था जिससे मुझे मज़ा आरहा था .............
और अब अंकल ने अपनी शर्ट भी निकल दी और फिर से माँ के ऊपर चढ़ गए और किश करने लगे और माँ भी अंकल की नाँघि पीठ को अपने हाथो से सहलाने लगी और अंकल के लण्ड के दबाव को अपने छूट पे महसूस करने लगी
लगातार अंकल माँ को किश किये जा रहे थे माँ के जीभ को अपने मुँह में लेके चूसते कभी अपनी जीभ को माँ के मुँह में डालते तो माँ भी अंकल की जीभ चुसती
अब अंकल ने माँ के ऊपर जोश में अपने लण्ड को माँ के चूत से रगड़ना सुरु करदिअ जिसकी वजह से माँ के अंदर भी जोश चढ़ने लगा था तो माँ भी अंकल के सुरताल के साथ अपने चूत को उठाके अंकल के लण्ड से दबाने लगी एक दम जैसे कपडे के ऊपर से ही चुदाई चल रही हो........उउउउउउफफ्फ्फ मेरे लण्ड की हालत क्या होगी इस वक़्त ये आप लोग समझ सकते है.........
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(30-03-2018, 03:11 PM ) rajusethzee
अब अंकल ने माँ को अपने ऊपर कर लिया और अपने बदन से चिपका के माँ को अपने बाँहों में कस लिया ऊऊफफफफ माँ इस हालत में अंकल के ऊपर लिटी थी और माँ की चूचियां अंकल के सीने से टकरा रही थी और लगातार दोनों एक दूसरे के वासनाओं में डूबे थे
उउउउफ मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था की माँ अंकल के साथ इस हालत में है मैंने तो सोचा भी नहीं था की ऐसी सीन भी मेरे जीवन में आएगी लेकिन जो भी हो मुझे इस वक़्त मज़ा बहुत आ रहा था मैं ये भी सोच रहा था की कितने आराम से दोनों रोमांस कर रहे थे किसी बात का कोई डर ही न हो लेकिन डर किस बात का उन लोगो को ये थोड़ी पता था की मैं माँ और अंकल का रोमांस देख रहा हु .......
माँ:- आआआअह्हह्ह्ह्हह भाई साहब जल्दी करिये जो करना है घडी में भी नज़र डालिये २ बज रहे है मेरा बेटा भी ४ बजे तक आजायेगा आआआह्ह्ह्हह्ह
अंकल:- अरे मेरी जान अभी तो पूरे पूरे २ घंटे है न आराम से करो न मेरी जान जल्दी बजी कैसी अपने जवानी का स्वाद चखने दो न सिर्फ चूत में लण्ड डाल के चुदाई करदु तो क्या मज़ा रहेगा ये काम तो तुम्हारा हब्बी भी करता होगा अरे बदन के एक एक अंग का मज़ा लेने दो तुम भी मज़ा लो न ह्ह्ह्हहम्म्मम्म्म्म
अब माँ अंकल के ऊपर बेखौफ लेती थी और शायद उन्हें भी अंकल की बात समझ आई होगी और मैंने अब देखा की माँ भी अंकल के लण्ड पे अपने छूट की घिस रही है और अंकल माँ के आधे चूचियों को चुम रहे है दोनों की सासें तेज़ चल रही थी उउउउउउउफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ मुझे माँ का जोश देख के यकीन नहीं हो रहा था की माँ के अंदर इतना सारा जोश है ऊऊह्ह्हह्ह
माँ अंकल को इतने जबरदस्त तरीके से किश कर रही थी की क्या बताऊँ माँ के चुतर लगातार हिल रहे थे अंकल के लण्ड पे घिसने की वजह से माँ के चूचियां भी अंकल के सीने से रगड़ खा रही थी एकदम बेफिक्र होके माँ अंकल की किश किये जा रही थी
माँ:- आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब सही बात है सिर्फ चुदाई में कुछ नहीं रक्खा है असली मज़ा तो चुदाई के पहले जोश में आता है जो अभी हो रहा है आआआअम्म्मम्म
अंकल :- उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ मेरी जान आपका जोश तो सातवें आसमान पे है ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म
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Re: मेरी मोम किरायेदार की रांड
माँ:- आआअह्हह्ह्हम्मम्मम्मम तुम्हारे साथ राहु और मुझे जोश न आये ऐसा कैसे हो सकता है ........
माँ का जोश देख के मेरा भी जोश सातवे आसमान पे था मन तो कर रहा था की मई भी पीछे से जाके माँ के ऊपर लेट जाऊं लेकिन नहीं कर सकता था शुरुआत में तो मुझे अजीब फील हो रहा था लेकिन अब मुझे दोनों को देखने में मज़ा आने लगा था....मैं माँ और अंकल को देख के अपने लण्ड को हिला रहा था...........
अब मैंने देखा की अंकल ने माँ की ब्रा में हाथ डालना शुरू किआ जिसे देख के मेरा लण्ड की हालत ख़राब हो रही थी ........
माँ भी अंकल की बाँहों में थी और अंकल माँ की चूचियां ब्रा के अंदर हाथ डाल के दबा रहे थे और माँ के निप्पल एक दम खड़े थे जो ब्रा के ऊपर से पता चल रहा था मैंने फिर नोटिस किआ की अंकल ने माँ का मुँह मेरी तरफ किआ था जिधर से मैं देख रहा था और अंकल खिड़की की तरफ देखते हुए माँ की चूचियां दबा रहे थे ब्रा के अंदर हाथ डाल के उउउउउउफफ्फ्फ अब माँ की नाँघि चूचियां अंकल के हाथ में थी जो की मैं देखने के लिए बेताब था लेकिन अंकल माँ की ब्रा को निकल ही नहीं रहे थे सिर्फ चूचियां दबा दबा के किश किये जा रहे थे .........स्स्सस्स्स्शह्ह्हह्ह मुझे बेताबी छाई थी की कब माँ की ब्रा निकलेगी और मैं कब माँ के प्यारी चूचियां देख पाउँगा ..........अब थोड़ी देर बाद अंकल ने माँ को पेट के बल लिटा दिए और माँ के नंगी पीठ को चूमने लगे और अपने हाथों से माँ की नंगी पीठ को सहलाने लगे अब जिसका मुझे इतनी देर से इंतज़ार था वही होने लगा अंकल ने माँ के ब्रा का हुक खोल दिआ और पीछे से माँ की पीठ एकदम नाँघि चिकनी दिख रही थी जिसे अंकल अपने होठो से चूमे जा रहे थे उउउउउफफ्फ्फ्फ़ मेरा लैंड ये सब देख के बेकाबू हुआ जा रहा था
माँ:- आहहहाआआअह्ह्ह्ह भाई साहब क्या कर रहे है गुदगुदी हो रही है ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म ......
अंकल:- अरे मेरी जान तुम्हारे सेक्सी खूबसूरत बदन का मज़ा ले रहा हु और तुम्हे भी मज़ा दे रहा हु ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म क्या सेक्सी पीठ है तुम्हारी कोई भी देख ले तो घायल होजाये उसके लुंड से तो पानी निकल जाये खड़े खड़े ........आआआआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ:- आआह्ह्ह्हह क्या आप भी कुछ भी बोलते है ाआआआंमम्मम्म उउउउउफफ्फ्फ्फ़ इतने आराम से तो बहुत दिनों बाद कर रहे है आआअह्हह्ह्ह्ह .........
अंकल:- अरे मेरी जान रोज़ मई लंच के बहाने ऑफिस से आता हु उतनी देर में ही सब कुछ करना होता है आज तो हाफ डे लेके आया हु सिर्फ तुम्हारे लिए आअह्ह्ह ताकि तुम्हारे बदन के एक एक सेक्सी अंग का मज़ा ले सकू वार्ना कल तो मेरी बी आजायेगी फिर साल भर की फुर्सत आआआह्ह्ह्हहह्म्ममम्मम्म्म्म
माँ:- क्यों बीच बीच में जो मौके का फायदा उठाते हो उसका क्या कभी मेरी चूचियों का दबाते हो कभी मेरी पेटीकोट में हाथ डाल देते हो
अंकल:- अरे मेरी जान वो सब तो चलता ही रहता है लेकिन आज के जैसा मज़ा तो नहीं मिल पता न ह्ह्ह्हहम्म्मम्म्म्म जितने आराम से तुम्हारे बदन से खेल पा रहा हु आआअह्ह्ह्हह तुम्हारा ये सेक्सी बदन मुझे तुम्हारा गुलाम बना लिए है आआह्ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ और अंकल की सेक्सी बातें सुन के मेरी तो हालत ख़राब होए लगी मेरे लण्ड से प्री क्रीम निकलने लगा उउउउउफफ्फ्फ माँ के मुँह से ऐसी बाते पहले कभी नहीं सुना था न कभी सोचा था उउउउउउफफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरी हालत क्या होगी ये आप लोग समझ रहे होंगे.......आआअह्हह्ह्ह्हह अब अंकल माँ की पीठ चूमते चूमते माँ के सेक्सी चुतरों पे आगये और अपने मुँह से माँ के चुतरों को पेटीकोट के ऊपर दबा दबा के किसी आम की तरह चूसने लगे और मैंने देखा की माँ के पेटीकोट अंकल के थूक की वजह से एकदम गीला होगया था
कहानी चालू रहेगी
माँ का जोश देख के मेरा भी जोश सातवे आसमान पे था मन तो कर रहा था की मई भी पीछे से जाके माँ के ऊपर लेट जाऊं लेकिन नहीं कर सकता था शुरुआत में तो मुझे अजीब फील हो रहा था लेकिन अब मुझे दोनों को देखने में मज़ा आने लगा था....मैं माँ और अंकल को देख के अपने लण्ड को हिला रहा था...........
अब मैंने देखा की अंकल ने माँ की ब्रा में हाथ डालना शुरू किआ जिसे देख के मेरा लण्ड की हालत ख़राब हो रही थी ........
माँ भी अंकल की बाँहों में थी और अंकल माँ की चूचियां ब्रा के अंदर हाथ डाल के दबा रहे थे और माँ के निप्पल एक दम खड़े थे जो ब्रा के ऊपर से पता चल रहा था मैंने फिर नोटिस किआ की अंकल ने माँ का मुँह मेरी तरफ किआ था जिधर से मैं देख रहा था और अंकल खिड़की की तरफ देखते हुए माँ की चूचियां दबा रहे थे ब्रा के अंदर हाथ डाल के उउउउउउफफ्फ्फ अब माँ की नाँघि चूचियां अंकल के हाथ में थी जो की मैं देखने के लिए बेताब था लेकिन अंकल माँ की ब्रा को निकल ही नहीं रहे थे सिर्फ चूचियां दबा दबा के किश किये जा रहे थे .........स्स्सस्स्स्शह्ह्हह्ह मुझे बेताबी छाई थी की कब माँ की ब्रा निकलेगी और मैं कब माँ के प्यारी चूचियां देख पाउँगा ..........अब थोड़ी देर बाद अंकल ने माँ को पेट के बल लिटा दिए और माँ के नंगी पीठ को चूमने लगे और अपने हाथों से माँ की नंगी पीठ को सहलाने लगे अब जिसका मुझे इतनी देर से इंतज़ार था वही होने लगा अंकल ने माँ के ब्रा का हुक खोल दिआ और पीछे से माँ की पीठ एकदम नाँघि चिकनी दिख रही थी जिसे अंकल अपने होठो से चूमे जा रहे थे उउउउउफफ्फ्फ्फ़ मेरा लैंड ये सब देख के बेकाबू हुआ जा रहा था
माँ:- आहहहाआआअह्ह्ह्ह भाई साहब क्या कर रहे है गुदगुदी हो रही है ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म ......
अंकल:- अरे मेरी जान तुम्हारे सेक्सी खूबसूरत बदन का मज़ा ले रहा हु और तुम्हे भी मज़ा दे रहा हु ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म क्या सेक्सी पीठ है तुम्हारी कोई भी देख ले तो घायल होजाये उसके लुंड से तो पानी निकल जाये खड़े खड़े ........आआआआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ:- आआह्ह्ह्हह क्या आप भी कुछ भी बोलते है ाआआआंमम्मम्म उउउउउफफ्फ्फ्फ़ इतने आराम से तो बहुत दिनों बाद कर रहे है आआअह्हह्ह्ह्ह .........
अंकल:- अरे मेरी जान रोज़ मई लंच के बहाने ऑफिस से आता हु उतनी देर में ही सब कुछ करना होता है आज तो हाफ डे लेके आया हु सिर्फ तुम्हारे लिए आअह्ह्ह ताकि तुम्हारे बदन के एक एक सेक्सी अंग का मज़ा ले सकू वार्ना कल तो मेरी बी आजायेगी फिर साल भर की फुर्सत आआआह्ह्ह्हहह्म्ममम्मम्म्म्म
माँ:- क्यों बीच बीच में जो मौके का फायदा उठाते हो उसका क्या कभी मेरी चूचियों का दबाते हो कभी मेरी पेटीकोट में हाथ डाल देते हो
अंकल:- अरे मेरी जान वो सब तो चलता ही रहता है लेकिन आज के जैसा मज़ा तो नहीं मिल पता न ह्ह्ह्हहम्म्मम्म्म्म जितने आराम से तुम्हारे बदन से खेल पा रहा हु आआअह्ह्ह्हह तुम्हारा ये सेक्सी बदन मुझे तुम्हारा गुलाम बना लिए है आआह्ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ और अंकल की सेक्सी बातें सुन के मेरी तो हालत ख़राब होए लगी मेरे लण्ड से प्री क्रीम निकलने लगा उउउउउफफ्फ्फ माँ के मुँह से ऐसी बाते पहले कभी नहीं सुना था न कभी सोचा था उउउउउउफफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरी हालत क्या होगी ये आप लोग समझ रहे होंगे.......आआअह्हह्ह्ह्हह अब अंकल माँ की पीठ चूमते चूमते माँ के सेक्सी चुतरों पे आगये और अपने मुँह से माँ के चुतरों को पेटीकोट के ऊपर दबा दबा के किसी आम की तरह चूसने लगे और मैंने देखा की माँ के पेटीकोट अंकल के थूक की वजह से एकदम गीला होगया था
कहानी चालू रहेगी
- SID4YOU
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Re: मेरी मोम किरायेदार की रांड
ये सब सीन देख के मेरे लण्ड ने फुंकार लगाना सुरु कर दिआ उउउउउफफ्फफ्फ्फ़ अब मैंने देखा की अंकल ने माँ को सीधा लेटा दिआ और माँ के पेटीकोट को उठा के पैंटी को चुने लगे.......
अंकल:- आआह्ह्ह्हह मेरी जान तुम्हारी छूट तो पानी छोड़ना सुरु कर दी ऊऊफफफफफफ..........
माँ :- आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तुम मुझे इतनी देर से तड़पा रहे तो किसी की पैंटी गीली होजाये आआआहहहहह क्या कर रहे हो आज तुम मेरी तड़प बढ़ती जा रही है आआअह्ह्ह्हममममम
अंकल:- अरे मेरी जान तड़प बढ़ईगी तभी तो मज़ा आएगा तभी तो जोश दुगना होगा आआह्ह्ह्हह क्या खुशबू आरही है तुम्हारी पैंटी से ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म
माँ:- तो उतर के लुंड डालो न आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम
माँ के मुँह से ऐसी बातें सुन के मेरे लुंड में और जोश आने लगा मन तो कर रहा था की माँ को जाके सीधा उनके छूट में लण्ड पेल दू लेकिन मुझे माँ की तड़प देखने में मज़ा आरहा था .........उउउउउउफफ्फक्या बेताबी थी माँ के अंदर छूट में लण्ड लेने की आआआअह्हह्ह्ह्हह मज़ा आ रहा था ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम
अब अंकल माँ के ऊपर फिर चढ़ गए और अपने लण्ड को माँ के पैंटी से से रगड़ते हुए माँ के दोनों चूचियों को जोर जोर से दबाने लगे अंकल माँ के ऊपर ऐसे हिल रहे थे जैसे उनकी चुदाई कर रहे हो लेकिन अभी तो नहीं अंकल का लुंड निकला था और न ही माँ की पैंटी लेकिन है माँ का पेटीकोट कमर तक था और पैंटी हलकी दिख रही थी साइड से माँ की ब्रा पीछे से हुक खुले होने के वजह से एकदम ढीली थी यु समझ लीजिये की बस माँ को चूचियां ढकी थी ब्रा से और अब अंकल थोड़ा बेकाबू हो गए और माँ की ब्रा थोड़ा थोड़ा चूचियों से हटने लगी और अब वही हुआ जिसका मुझे इतनी देर से इंतज़ार था माँ की चूचियों से ब्रा पूरी तरह हैट गया और मुझे मेरी माँ के सेक्सी गोर गोर चमकती चूचियां दिखने लगी जिसे देख मेरे लण्ड की हालत ख़राब होने लगी उउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ के चूचियों पे खड़े खड़े निप्पल क्या गज़ब लग रहे थे ...
अब माँ को थोड़ा शर्म सी आई और माँ ने अपने दोनों हाथो से अपने चूचियों को ढकने का प्रयास किआ
अंकल:- क्या हुआ मेरी जान तुम रोज़ की तरह शर्मा गई आज भी और जब चुदाई होती है तुम्हारी तब शर्म कहाँ जाती है
माँ:- मुस्कुराते हुए ........ हम्मम्मम्मम्म अब मुझे शर्म आती है तो क्या करू.....आआआहहहहह
अंकल:- अच्छा अब हटाओ हाथ और मुझे खूबसूरत चूचियों से आननद लेने दो ह्ह्ह्हहम्म्म्म
और अंकल ने माँ के चूचियों से हाथ हटाया और सीधा अपने होठो को माँ के खड़े निप्पल से लगा दिए
आआआह्ह्ह्हह्ह अंकल जिस तरह से माँ के चूचियों को अपने मुँह में लेके पी रहे थे और माँ भी आराम से सब शर्म खो के अपने सेक्सी गोरी चूचियों को पीला रही थी ये सब देख के मेरा लण्ड फुंकार मरने लगा था और उसमे से जोश के कारन रस निकलने लगा
उउउउउफफ्फ्फ्फ़ बड़े आराम से अंकल माँ की चूचियां पिए जा रहे थे अंकल के दोनों हाथ के कब्ज़े में थी माँ की सेक्सी नंगी चूचियां आआह्ह्हह्ह्ह्ह माँ की चूचियां दबा दबा के पीते वक़्त अंकल की नज़र फिर मेरी तरफ पड़ी और माँ के ऊपर चढ़ के माँ के चूत पे अपने लण्ड से दबाव बना के माँ की चूचियां ज़ोर ज़ोर से पी रहे थे ....आआआहहहहह माँ भी बिना किसी दर के बड़े आराम से अंकल को अपने बाँहों में भर के अपने बूब्स को पिला रही थी ...........
अंकल :- आआअह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारी ये हसीं चूचियां पीने से मेरा मन ही नहीं भरता मन तो करता है की दिन रत पीता रहू और तुम्हारी बाँहों में लिपटा रहू आआह्ह्ह्हह्ह
माँ:- आअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब सिर्फ दोपहर के १२ से ४ तक ही आह्ह्ह्ह पिला सकती हु इस टाइम के अलावा नहीं पिला सकती हु अह्हह्ह्ह्ह
अंकल:- आआह्ह्ह्हह मेरी जान तुम्हारी छूट तो पानी छोड़ना सुरु कर दी ऊऊफफफफफफ..........
माँ :- आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तुम मुझे इतनी देर से तड़पा रहे तो किसी की पैंटी गीली होजाये आआआहहहहह क्या कर रहे हो आज तुम मेरी तड़प बढ़ती जा रही है आआअह्ह्ह्हममममम
अंकल:- अरे मेरी जान तड़प बढ़ईगी तभी तो मज़ा आएगा तभी तो जोश दुगना होगा आआह्ह्ह्हह क्या खुशबू आरही है तुम्हारी पैंटी से ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म
माँ:- तो उतर के लुंड डालो न आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम
माँ के मुँह से ऐसी बातें सुन के मेरे लुंड में और जोश आने लगा मन तो कर रहा था की माँ को जाके सीधा उनके छूट में लण्ड पेल दू लेकिन मुझे माँ की तड़प देखने में मज़ा आरहा था .........उउउउउउफफ्फक्या बेताबी थी माँ के अंदर छूट में लण्ड लेने की आआआअह्हह्ह्ह्हह मज़ा आ रहा था ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम
अब अंकल माँ के ऊपर फिर चढ़ गए और अपने लण्ड को माँ के पैंटी से से रगड़ते हुए माँ के दोनों चूचियों को जोर जोर से दबाने लगे अंकल माँ के ऊपर ऐसे हिल रहे थे जैसे उनकी चुदाई कर रहे हो लेकिन अभी तो नहीं अंकल का लुंड निकला था और न ही माँ की पैंटी लेकिन है माँ का पेटीकोट कमर तक था और पैंटी हलकी दिख रही थी साइड से माँ की ब्रा पीछे से हुक खुले होने के वजह से एकदम ढीली थी यु समझ लीजिये की बस माँ को चूचियां ढकी थी ब्रा से और अब अंकल थोड़ा बेकाबू हो गए और माँ की ब्रा थोड़ा थोड़ा चूचियों से हटने लगी और अब वही हुआ जिसका मुझे इतनी देर से इंतज़ार था माँ की चूचियों से ब्रा पूरी तरह हैट गया और मुझे मेरी माँ के सेक्सी गोर गोर चमकती चूचियां दिखने लगी जिसे देख मेरे लण्ड की हालत ख़राब होने लगी उउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ के चूचियों पे खड़े खड़े निप्पल क्या गज़ब लग रहे थे ...
अब माँ को थोड़ा शर्म सी आई और माँ ने अपने दोनों हाथो से अपने चूचियों को ढकने का प्रयास किआ
अंकल:- क्या हुआ मेरी जान तुम रोज़ की तरह शर्मा गई आज भी और जब चुदाई होती है तुम्हारी तब शर्म कहाँ जाती है
माँ:- मुस्कुराते हुए ........ हम्मम्मम्मम्म अब मुझे शर्म आती है तो क्या करू.....आआआहहहहह
अंकल:- अच्छा अब हटाओ हाथ और मुझे खूबसूरत चूचियों से आननद लेने दो ह्ह्ह्हहम्म्म्म
और अंकल ने माँ के चूचियों से हाथ हटाया और सीधा अपने होठो को माँ के खड़े निप्पल से लगा दिए
आआआह्ह्ह्हह्ह अंकल जिस तरह से माँ के चूचियों को अपने मुँह में लेके पी रहे थे और माँ भी आराम से सब शर्म खो के अपने सेक्सी गोरी चूचियों को पीला रही थी ये सब देख के मेरा लण्ड फुंकार मरने लगा था और उसमे से जोश के कारन रस निकलने लगा
उउउउउफफ्फ्फ्फ़ बड़े आराम से अंकल माँ की चूचियां पिए जा रहे थे अंकल के दोनों हाथ के कब्ज़े में थी माँ की सेक्सी नंगी चूचियां आआह्ह्हह्ह्ह्ह माँ की चूचियां दबा दबा के पीते वक़्त अंकल की नज़र फिर मेरी तरफ पड़ी और माँ के ऊपर चढ़ के माँ के चूत पे अपने लण्ड से दबाव बना के माँ की चूचियां ज़ोर ज़ोर से पी रहे थे ....आआआहहहहह माँ भी बिना किसी दर के बड़े आराम से अंकल को अपने बाँहों में भर के अपने बूब्स को पिला रही थी ...........
अंकल :- आआअह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारी ये हसीं चूचियां पीने से मेरा मन ही नहीं भरता मन तो करता है की दिन रत पीता रहू और तुम्हारी बाँहों में लिपटा रहू आआह्ह्ह्हह्ह
माँ:- आअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब सिर्फ दोपहर के १२ से ४ तक ही आह्ह्ह्ह पिला सकती हु इस टाइम के अलावा नहीं पिला सकती हु अह्हह्ह्ह्ह
- naik
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Re: मेरी मोम किरायेदार की रांड
very hot story