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show8814 wrote:इतनी जोरदार और इंट्रेस्टिंग कहानी, मेरी सोच के परे, चलती रहे, आप खुश रहो. हमें खुश रखो, इससे बड़ी समाज सेवा क्या हो सकती है| contin...........
सही कहा आपने दोस्त आपकी तरह और सभी पढ़ने वाले मेरे मित्र अगर उत्साह वर्धन करें तो शायद कुछ और लेखक इस साइट से जुड़ जायं
साहिल का लंड सिकुड कर सीमा की चूत से बाहर आ गया…..साहिल सीमा के ऊपेर से उठ कर उसकी बगल में लेट गया….सीमा थोड़ी देर चुप पड़ी रही….और साहिल भी….थोड़ी देर बाद सीमा ने करवट बदली और साहिल की तरफ मुँह करके एक हाथ से उसके बदन को टटोलते हुए, उसके सिकुडे हुए लंड पर रख दिया…..”साहिल एक बात कहूँ….”
साहिल: जी कहिए…..
सीमा: साहिल तुम हो तो छोटे से……पर तुम्हारा लंड सच में बहुत बड़ा है…. तुम्हारी जिसके साथ भी शादी होगी….वो बड़ी किस्मत वाली होगी….अच्छा एक बात पूछूँ ?
साहिल: जी…..
सीमा: वैसे तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है क्या ?
साहिल: जी नही है…..
सीमा: पर क्यों तुम इतने हॅंडसम हो और फिर भी तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नही है…. ऐसा हो ही नही सकता…..
साहिल: जी में सच कह रहा हूँ….
सीमा: चलो मान लेती हूँ….पर क्या तुम्हे आजतक कोई लड़की पसनद नही आई….
साहिल: जी वो वो में….
सीमा: ह्म्म्म इसका मतलब कोई तो है जिसे तुम पसंद करते हो….अच्छा ये बताओ कि तुमने मेरे से पहले किसके साथ ये सब किया है …..
साहिल: जी जी नही….मेने कभी नही किया…..
सीमा: तुम सच कह रहे हो….?
साहिल: जी…..
सीमा: अच्छा वैसे ये बताओ कि तुम्हे पसंद कॉन है…..?
साहिल: जी वो में अभी नही बता सकता…..
सीमा: चलो रहने दो अगर नही बताना चाहते तो…..
सीमा लगतार साहिल के लंड को अपने हाथ में लेकर हिला रही थी…जिसके कारण साहिल का लंड फिर से धीरे-2 खड़ा होने लगा था…..”साहिल फिर करना है “ सीमा ने साहिल के लंड को मुट्ठी में भर कर तेज़ी से हिलाते हुए कहा….पर साहिल कुछ ना बोला…..”बोलो ना साहिल तुम्हारा फिर से दिल कर रहा है ना” ये कहते हुए, उसने साहिल को अपने ऊपेर खेंचा तो साहिल भी बिना कुछ बोले उसके ऊपेर आ गया….साहिल का लंड अब फिर से पूरी अकड़ पर आ चुका था….जैसे ही साहिल सीमा के ऊपेर आया, सीमा ने अपनी जाँघो को खोल कर फेला लिया, और अपना एक हाथ नीचे लेजाकार साहिल के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…..
सीमा: बोल ना साहिल फिर से लेगा मेरी….
साहिल: हां….
सीमा: तो डाल ना अपना लंड मेरी फुद्दि में….
साहिल ने सीमा की जाँघो के बीच में घुटनो के बल बैठते हुए, एक ज़ोर दार धक्का मारा…. साहिल का लंड सीमा की चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुसता चला गया. “ओह्ह्ह हाई साहिल आराम से करो ना आह….तुम्हारा लंड सच में बहुत मोटा है रे..” साहिल कुछ देर के लिए रुका, और फिर धीरे-2 अपने लंड को सीमा की चूत के अंदर बाहर करने लगा…..सीमा साहिल के लंड की रगड़ को अपनी फुद्दि में महसूस करके उसके नीचे आहहे भरने लगी…..सीमा ने उसे कंधो से पकड़ कर अपने ऊपेर झुका लिया….और उसके होंठो पर अपने होंठो को रख दिया….
साहिल सीमा के होंठो को चूस्ते हुए, धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा…सीमा भी नीचे से अपनी गान्ड को ऊपेर की तरफ उछाल रही थी….चुदाई का ये दौर 10 मिनिट तक चला….और फिर से दोनो झाड़ कर निढाल हो गए…..”साहिल बताओ ना तुम्हे कॉन सी लड़की पसनद है….” साहिल बिना कुछ बोले, सीमा के ऊपेर से उठा, और उसकी बगल में लेट कर अपने पयज़ामे को पहनने लगा….
सीमा: साहिल मुझे भी नही बताओगे….
साहिल: जी आप बुरा तो नही मनोगे…..?
सीमा: भला में क्यों बुरा मानने लगी….मुझे कॉन सा तुमसे शादी करनी है….जो में बुरा मानूँगी……
थोड़ी देर रूम में एक दम सन्नाटा पसर गया…दोनो में से कोई भी कुछ नही बोल रहा था….साहिल को लगा कि, शायद उसने सीमा को दीप्ति के बारे में बता कर ग़लती कर दी है…”आंटी आप चुप क्यों हो गई…” साहिल ने परेशान होकर चुप्पी को तोड़ा…”साहिल बहुत रात हो गई है…अब तुम सो जाओ…” सीमा की आवाज़ में रूखा पन था..इसीलिए वो कुछ नही बोला, और चुप चाप लेट गया….अगली सुबह 6 बजे ही, घर में शोर मच गया था….क्योंकि गीता की शादी थी….सब तैयार होने नाश्ता करने में बिज़ी थे….जब साहिल उठा तो उसे सीमा नज़र नही आई. साहिल उठ कर बाहर आया तो नेहा को देखा….
नेहा: अर्रे साहिल उठ गया….जा घर जाकर जल्दी से तैयार हो जा….हम भी वहाँ आ रहे है…तैयार होकर सीधा मॅरेज पॅलेस में पहुँचे गे….
साहिल बिना कुछ बोले घर की तरफ चला गया….उसे वहाँ भी ना तो सीमा नज़र आई, और ना ही दीप्ति…..थोड़ी देर बाद सब तैयार होकर मॅरेज पॅलेस के लिए निकल गए… बारात आने में अभी समय था….जब साहिल हाल में अंदर गया तो उसने देखा कि सीमा दीप्ति के साथ चेर पर बैठी हुई थी….सीमा ने एक बार साहिल की तरफ देख और फिर दूसरी तरफ मुँह घुमा लिया जैसे उसने साहिल को देखा ही ना हो….
धीरे-2 सभी मेहमान वहाँ पहुँचने लगे…. साहिल गाओं के कुछ दोस्तो के साथ खाने पीने में मगन था….पर उसका मन बैचेन था…दूसरी तरफ पूनम ने जब सीमा को अकेले बैठे देखा तो वो उसके पास चली गई….”तो भाभी कल रात कैसी गुज़री हां….” सीमा ने एक बार रूखे अंदाज़ में पूनम की तरफ देखा और फिर बोली. “यार तू कोई और बात कर सकती है या नही इन फज़ूल की बातों के लिए मेरे पास टाइम नही है….”
पूनम को सीमा का रवय्या ठीक ना लगा….वो झट ही ताड़ गई कि, कुछ तो दाल में काला है….इसीलिए पूनम ने बड़े ही नरम अंदाज़ में पूछा…”हाए भाभी क्या हुआ, इतनी उदास क्यों हो….क्या साहिल ने कल कुछ बदतमीज़ी की है तुम्हारे साथ….मुझे बातों में उसकी खबर लेती हूँ….”
सीमा: नही उसकी कोई ज़रूरत नही है…..
पूनम: तो फिर हुआ क्या है….तुमहरा मुँह क्यों लटका हुआ है….
सीमा: यार मुझे नही पता था कि, ये गाओं के लोग इतने हरामी होते है….
पूनम: ओह्ह हो भाभी सीधे -2 बताओ ना हुआ क्या है….
सीमा: उस हराम खोर की इतनी हिम्मत कि, वो मेरे बेटी के साथ शादी करने के सपने देख रहा है….यार हंस कर बात क्या कर ली, ये तो सीधा रिस्तेदारि बनाने पर उतर आया….
पूनम: (हंसते हुए) हाहः भाभी तुम भी ना….अर्रे अभी उनकी उमर है भला. तुम तो बच्चो की बात को भी सीरियस्ली ले रही हो….यार इस उमर ये सब होता है….
सीमा: नही पूनम अगर बच्चो को इस समय आज़ादी दी तो बच्चे हाथ से निकल सकते है. और वैसे उनकी औकात ही क्या है….जो में अपनी बेटी का रिस्ता ऐसे घर में करू…
पूनम: भाभी वैसे में आप कुछ ज़्यादा ही बोल रही हो….वो तो आपकी मर्ज़ी पर है कि, आपने दीप्ति का रिस्ता किससे और कहाँ करना है…पर साहिल के घर में भी किसी चीज़ की कमी नही है…..चले भाभी में आप को कुछ दिखाती हूँ….
ये कह कर पूनम ने सीमा का हाथ पकड़ा और उसे दूसरी तरफ ले गई…जहाँ पर कुलवंत रवि और रमेश खड़े थे…..”भाभी तुम इन को जानती हो….” पूनम ने थोड़ी दूर से कुलवंत रवि और रमेश की तरफ इशारा करते हुए कहा….”हां वो साहिल के पापा और वो उसके चाचा है….तो….?”
पूनम: तुम्हे पता है वो तीसरे भाई साहब कॉन है…..
सीमा: नही में नही जानती…..पर तू कहना क्या चाहती है…..
पूनम: नही जानती ना तो सुनो…वो रमेश है….साहिल के पापा…..
सीमा: साहिल के पापा….मतलब में समझी नही….
पूनम: समझाती हूँ….वो साहिल के पापा है…..बहुत बड़े बिज़्नेस मॅन है….कई शहरों में फाइव स्टार होटेल्स है…पता नही कितनी ज़मीन ज़्यादाद के मलिक है…आप तो उनके सामने कुछ भी नही हो भाभी…रमेश कुलवंत भाई साहब के जीजा है….उनकी पत्नी की मौत हो गई थी….तब साहिल बहुत छोटा था….और बिज़्नेस के चलते वो साहिल की देखभाल नही कर पा रहे थे…..नेहा और कुलवंत जीजू के घर औलाद ना थी…इसीलिए रमेश भाई साहब ने साहिल को उन्हे सोन्प दिया….कल जब रमेश भाई साहब आए थे, तो उन्हे कुलवंत जीजू से बात करते हुए सुना था कि, जैसे ही साहिल 18 साल का हो जाएगा, तो वो अपनी सारी जायदाद बिज़्नेस साहिल के नाम कर देंगे….
सीमा: तू ये सब क्या कह रही है….?
पूनम: सच कह रही हूँ….अगर मेरी बात पर यकीन ना हो तो नेहा दीदी से पूछ लेना….पायल से पूछ लो….या फिर मम्मी जी से….अब बोलो साहिल की औकात का पता चला…..
पूनम की बातें सुन कर सीमा की बोलती बंद हो गई….वो वहाँ से चल कर अपने पति के पास आई, और उसे रमेश के बारे में पूछा तो, उसके पति ने भी वही जवाब दिया. जो पूनम ने बताया था…..सीमा की ऐसे हालत हो गई थी जैसे काटो तो खून ना हो. सीमा चुप चाप जाकर एक कोने में बैठ गई…..पूनम दूर से ही सीमा की हालत को देख कर खुस हो रही थी…थोड़ी देर बाद पूनम सीमा के पास गई….