Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

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mastram
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Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

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अमित, मोहित और रोहित का ध्यान अब शिवानी से हटकर गौरव की गोद मे बैठी रवीना की तरफ लगा हुआ था लेकिन उन लोगों की अभी तक हिम्मत नही हो रही थी कि उसके साथ होली खेलकर उसे भी अपनी छेड़खानी का शिकार बनाएं।
गाना खत्म हो चुका था और शिवानी ने डांस भी करना बंद कर दिया था। शिवानी ने अब अपने दोनों हाथ भी नीचे कर लिए लेकिन मोहित ने उसे हुक्म देते हुए कहा : हाथ ऊपर करके खड़ी रह-उस पोजीशन में तू बहुत मस्त और सेक्सी लगती है।
रोहित और अमित भी यह सुनकर भी हंसते हुए कहने लगे : साली है तो एकदम एटम बम। इसे देखते ही लण्ड खड़ा हो जाता है।
वे सब यह बातें ही कर ही रहे थे कि गौरव ने रवीना को अपनी गोद से उतारते हुए कहा : मैं अभी जरा वाशरूम से फ्रेश होकर आता हूँ। तब तक तुम लोग होली खेलो।
यह कहकर गौरव तो कमरे में चल गया और बाहर छत पर अमित,रोहित,मोहित,शिवानी और रवीना रह गए।
अमित ने शरारत से मोहित और रोहित की तरफ देखा और जैसे ही उन तीनों ने नज़रों ही नज़रों में कुछ इशारा किया, वैसे ही तीनों एकदम " होली है होली है' कहते हुए रवीना की तरफ झपट पड़े और उस पर रंग लगा लगाकर उसके बदन के सभी अंगों से छेड़खानी करने लगे।
शिवानी को यह देखकर गुस्सा आ गया और वह जोर से चिल्लाकर नीचे की तरफ भाग खड़ी हुई। शिवानी को नज़रअंदाज़ करते हुए वे तीनों रवीना को अपनी गिरफ्त में लेकर रंग लगाने और होली खेलने के बहाने उससे बदमाशी और छेड़छाड़ किये जा रहे थे। रवीना की साड़ी भी उन लोगों ने उतार फेंकी थी।
साड़ी उतरते ही रवीना ने भी जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया: कोई बचाओ इन बदमाशों से।
इतनी देर में शिवानी नीचे से अपने सास ससुर को लेकर ऊपर पहुंच चुकी थी।
शिवानी उन लोगों की सारी बदमाशी पहले से ही अपने सास ससुर को बताकर लाई थी।
सास ससुर अपने हाथ मे लाये लाठी डंडों से उन तीनों मनचलों की धुनाई करने लगे। मौका देखकर रवीना और शिवानी भी डंडे लेकर उन तीनों पर टूट पड़ी। वे तीनों भौंचक्के होकर इस हमले को झेल रहे थे। इतनी देर में गौरव भी वाशरूम से बाहर आया और उसने यह सारा ड्रामा देखा कि मम्मी पापा रवीना और शिवानी मिलकर उसके तीन दोस्तों की तबियत से पिटाई कर रहे हैं।
गौरव को देखते ही उसके पापा उससे बोले : बेटा, अंदर से मेरी लाइसेंस वाली बंदूक लेकर आ और इन तीनों को ढेर कर दे। इन बदमाशों ने हमारे खानदान की बहुओं की इज़्ज़त पर हाथ डाला है।
गौरव अंदर की तरफ भागा और जब वापस आया तो उसने बंदूक की गोलियाँ उन तीनों के ऊपर दागकर उन्हें वही ढेर कर दिया।
अमित,मोहित और रोहित खून की होली की भेंट चढ़ चुके थे।
इतनी देर में विवेक भी वापस आ चुका था । उसने सारी बातचीत सुनी तो बोला : इन लोगों ने हमारी इज़्ज़त पर हाथ डालने की जो जुर्रत की है, उसके हिसाब से इनके साथ यही होना चाहिए था। गौरव ने एकदम सही काम किया है।
बाद में पुलिस गौरव को पकड़कर ले गई और वह तीन साल तक जेल में चक्की भी पीसता रहा लेकिन वकीलों और पैसों के बल पर उस पर उन तीनों की हत्या का मामला अदालत में साबित नही हो सका और वह 3 साल जेल में चक्की पीसने के बाद छूटकर घर आ गया और शराफत से रहने की कोशिश करने लगा।
The End
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