खूनी रिश्तों में प्यार

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Dolly sharma
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार

Post by Dolly sharma »

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. में बेड चड़ा लंड को मा के चूत पे सेट करते हुए एक ही बार में पूरा अंदर कर दिया. लंड सन सनाता हुआ अंदर समा गया.. मा की चूत मेरे ओर उनके प्रेमरस्स से भरी हुई थी..

मा मुझको अपने ऊपर खींचते हुए मेरे सर को अपने उभारों पे दबाने लगी. मेने मा के ब्लाउज को खोलकर निकाल दिया उनके एक छाती को अपने मूह में भर लिया दूसरे को मसलने लगा. मा के नंगे उभारों को जैसे ही अपने होंठो में भरा मेरे सारे शरीर में मस्ती की लहर दौड़ गयी. मेने एक छाती को ज़ोर से काट लिया.. मा मेरे बालो को नोचते हुए ज़ोर ज़ोर से सिसकने लगी ...आसा ......हह...में अपनी जान के उभारों को चूस्ते हुए मसलते हुए ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा..

मा भी अपने गान्ड हिला हिला कर मेरे साथ दे रही थी..

20 मिनटस के घमासान चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये..में मा के उभारों पे सर रखे हुए सो गया..

अचानक मुझे लगा की कोई मेरा होंठ चूस रहा है.. मेने धीरे से अपनी आँखे खोली... वो डॉली थी ' जान जी चलिए खाना खा लीजिए'

राज डॉली को अपने ऊपर खिचाते हुए उसको बाहों में भरकर हल्का सा किस कर दिया..

डॉली :- चलिए बहुत मस्ती हो गया.. फ्रेश हो जाइए खाना खाने चलिए..

में डॉली को छोड़ा ओर खड़ा हो गया. डॉली किचन में चली गयी. बाथरूम में फ्रेश हुआ नाइट सूट पहनकर डाइनिंग टेबल के पास चला गया.. में बीच वाली कुर्सी पे बैठ गया. खाना लग चुका था एक ओर मा अनिता जान बैठे हुई थी.

तभी डॉली भी आई ओर मेरे बगल में बैठ गयी............................

राज;- तुम दोनों से एक बात बताना चाहता हू..

मा ओर डॉली :- क्या बात है

राज:- पहले खाना खा लेते बेडरूम में बात करेंगे..
फिर हमने खाया..

में बेडरूम में जाकर लेट गया थोड़ी देर में डॉली ओर अनिता दोनो आ गयी.. में बीच में अपने पीठ के बल लेटा हुआ था. डॉली ओर मा अनिता दोनो मेरे अगल बगल में मेरे सीने पे अपने सर रखकर मुझसे चिपक ते हुए लेट गयी..

मा अनिता जान- हा तो कहिए जनाब क्या कहना है

राज :- हमारे शहर में लखनऊ के मशहूर डॉक्टर जो प्लास्टिक सर्जरी करने में है आए हुए है..

तो में चाहता हू की अपनी मा अनिता जान का सर्जरी के द्वारा इनका चेहरा बदलवा दूं. क्योकि ये तो दुनिया के नॅज़रो में मर चुकी थी.. अब यदि चेहरा बदलवा दिया जाएगा तो आसानी हम पति-पत्नी बनकर रहेंगे..

अनिता जान:- ये बहुत ही बढ़िया बात है मेरे तरफ से कोई आपत्ति नही है ..

डॉली:- मेरा क्या होगा

राज:- तुम दोनो टेन्षन मत लो तुम दोनों को एक साथ अपनी बीवी बनाउन्गा..
हमारे छोटे छोटे बच्चे होंगे..
पहले ये सर्जरी तो हो जाए..

मा अनिता जान ओर डॉली जान दोनो मेरे से मूह से शादी और बच्चे की बात सुनकर शर्मा गयी मेरे से ओर चिपकते हुए मेरे सीने में मूह छिपा ली..

अरे वा मेरी रानियो बड़ी शर्मा रही हो खैर चलो सो जाओ कल हमें डॉक्टर के पास भी चलना है..

थोड़ी देर बात करते हुए हम उसी तरह सो गये...
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Dolly sharma
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार

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सुबह हम सब जल्दी ही उठ गये. नाश्ता किए ओर तैयार होके डॉक्टर के पास निकल गये.. साथ में डॉली ओर मा अनिता भी थी..

आज डॉक्टर का पहला दिन था इसलिए ज़्यादा भीड़ नही था..
जल्दी ही मुझे मेरे पर्ची का लाइन मिल गया..

डॉक्टर ने मा को भरती कर लिया कल आने को कहा..

मेने डॉली को घर छोड़ा ओर ड्यूटी पे निकल गया..

खैर इस्दीन कुच्छ नही हुआ दूसरे दिन में ओर डॉली डॉक्टर के पास चले गये..
डॉक्टर ने बताया की सारे टेस्ट का रिपोर्ट आ गया है आज सर्जरी होगा.

राज:- सर क्या चेहरे के साथ इनके पूरे शरीर को भी बदल सकते है..

डॉक्टर:- हा ये होसकता है लेकिन में तो इनको 20 साल की कुवारि युवती बना दूँगा..

बस आज इनका 2 अवर के बाद ऑपरेशन होगा..

में डॉली को हॉस्पिटल में ही मा के पास छोड़ कर थाने में चला आया..

थाने में हवलदार हिम्मत सिंग को कह दिया की में शाम को आउन्गा तबतक कोई आए तो कॉल करना..

उसके बाद हॉस्पिटल में चला गया. मा बहुत घबरा रही थी.

मा अनिता:- मुझे बहुत डर लग लग रहा है कुच्छ हो गया तो.



राज:- कुच्छ नही होगा में हू ना.. इतना कहकर मा को बाहों में भर लिया.. मा मेरे से डर के मारे एकदम चिपक गयी..

तभी डॉक्टर अपने टीम के साथ अंदर आ गयी. में मा के माथे पर किस किया डॉली को लेकर बाहर निकल गया..

में भी डरा हुआ था मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी थी. में इधर उधर ऑपरेशन थियेटर के गेट के पर टहल रहा था..

डॉली चुपचाप बैठी हुई थी.. उसके चेहरे से लग रहा था की वो भी बहुत घबराई हुई थी. लगभग 4 घंटे के बाद डॉक्टर बाहर निकले वो पसीने से तरबतर थे..

डॉक्टर:- कॉनग्रॅजुलेटेड मिस्टर. राज ऑपरेशन थियेटर सक्सेज फुल्ल रहा. अब आज के सातवे दिन आपके बीवी का पट्टी खोला जाएगा. अब आप जा सकते है

राज :- क्या में अपनी बीवी से नही मिल सकता हू..

डॉक्टर:- नही

फिर में डॉली को लेकर रूम पे छोड़कर थाने पे चला गया. वहाँ दिनभर कुच्छ नही हुआ. शाम को में ड्यूटी से रूम पे चला आया..

इसी तरह 4 दिन बीत गया में एक दिन शाम को में थाने में बैठा हुआ था की तभी एक होटल से फोन आया की कुच्छ गुंडे बवाल मचा रहे है.

मेने कुच्छ सिपाहियो ओर हवलदार हिम्मत सिंग को लेकर जल्द ही उस होटल में पहूच गया..............

मुझको गेट के पास ही होटल के मालिक मिल गया.......................
मेने ही आपको फोन करके बुलाया है..

राज:- चलिए बताइए तो वो कौन है..

फिर होटल मालिक के साथ में अंदर चला गया.. अंदर एक काला मोटा टाइप का आदमी जो शक्ल से ही गुंडा लग रहा था साला अपने आदमियो सहित एक आदमी को बुरी तरह पीट रहे थे..

मेने अपना पिस्टल निकाला ओर आगे बढ़ गया उनकी नज़र मुझ पर पड़ गयी लेकिन वो मुझे ऐसे नज़रअंदाज़ कर रहे थे की उनकी नज़र मुझ पर पड़ी ना हो..

तभी उस उस गुंडा सा आदमी ने एक बोतल फोड़ कर उस आदमी के पेट मारा तभी मेने उसके हाथ में गोली मार दिया..

अभी उसके आदमी कुच्छ कर पाते.
तभी में ….

मेरे बहादुर सिपाहियो पकड़ लो इन्हे...
वो तो साला मोटा गुंडा कह रहा था..
उसके दोनो आदमी जैसे ही मुझे मारने दौड़े तभी मेरे सिपाहियो ने पकड़ लिया..

राज :- मोटे को पकड़ते हुए चल बेटा आज तेरी सारी गुंडागर्दी तेरी गान्ड में से निकाल ना दिया... तो मेरा नाम इनस्पेक्टर राज नही..

मेने उसको जीप में बैठाया थाने की ओर निकल गया.

राज उस गुंडे को जीप बैठाया थाने की ओर निकल गया ओर उसके दोनो साथियो को छोड़ दिया.. रास्ते में ही उस गुंडे का गोली निकल वा दिया ..

जब थाने पहुँचा तो हवलदार ने बताया की इसका नाम मंगल सिंग ये यहा के मंत्री जी है उनका छोटा भाई. राज ने मंगल सिंग को लॉकवॉप में बंद कर दिया.. जाकर अपने केबिन में बैठ गया तभी राज के दिमाग़ में एक बात बहुत तेज़ी से घूम गया...........


आज से कुच्छ दिन पहले डी.जी.पी. ने एक केश राज को सौपा था जो की बोतल तोड़कर लोगो को कत्ल कर रहा था हो ना हो वो अपराधी यही साला हो.. ये बात दिमाग़ में आते ही राज अचानक खड़ा हुआ ओर लोकॉप की ओर बढ़ गया................
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Dolly sharma
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार

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राज जैसे ही लॉकअप में घुसा तो मंगल सिंग खड़ा हो गया राज के हाथों में एक चाकू था. राज भी मंगल सिंग के सामने खड़ा होकर '' में जो पुच्छू अगर सही नही बताया तो मज़ाक़-मज़ाक़ में बहुत मारता हूँ .. इसलिए जो भी पुच्छू सही सही बताना नही तो कल से तुम बैठना ओर टाय्लेट करना भूल जाओगे..

मंगल सिंग कुच्छ नही बोला बुल्कुल खामोश था.

राज:- हा तो इस शहर में जीतने बोतल तोड़कर खून कत्ल हुआ है ये सब तुमने ही किया है..

मंगल सिंग:- नही मेने कुच्छ नही किया आप झूट मुट का आरोप लगा रहे है...........

राज:- ठीक है बेटा जब तुमको नही बताना है तो मत बता लेकिन होटल में यदि में नही रोकता तुम तो
उस लड़के का बोतल तोड़कर खून कर देते
- हिम्मत सिंग ज़रा इधर आओ तो

हिम्मत सिंग :- एस सर आया

हिम्मत सिंग के साथ मेरे पाँचो सिपाही भी लॉकअप में आ गये.

इनस्प.राज हवलदार ओर सिपाहियो से --तुम लोग इसको इतना मारो की ये कल से टाय्लेट ना कर पाए ओर बैठ ना पाए तबतक में अपने केबिन में हू तुमलोग इसके गान्ड पे मारना दूसरे जगह नही हा जबतक ये अपना जुरम कबुल नही कर लेता ठीक है

जबतक में अपने केबिन में हू.. इतना बोलकर राज लॉकअप से बाहर निकल गया............................

मेरे बाहर निकलते ही मंगल सिंग की पिटाई शुरू हो गयी धडाम.... धडाम ... धडाम ... में आराम से कुर्सी पे बैठ गया. लगभग 10मिनिट्स के बाद हवलदार बाहर आया ''सर मंगल सिंग ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.. वो सुबकुच्छ बताने को तैयार हो गया है.''

राज:- ठीक है तुम चलो में आता हू.. में जैसे ही लॉकअप में गया.. मंगल सिंग कराह रहा था....
मेने जब मंगल सिंग से बयान ले लिया उसने कबूल किया की वो ही इस शहर में बोतल से कत्ल किया है......

मेने डी.जी.पी.सर को खबर कर दिया की जो बोतल तोड़कर कत्ल कर रहा है वो पकड़ा गया है..

डी.जी.पी. :-कॉनग्रॅजुलेटेड राज आज तुमने उस शातिर मुज़रिम को पकड़ कर बहुत बड़ा बोझ हटा दिया ..तुम उसको किसी कीमत पर मत छोड़ना. में अभी दूसरे जगह हू कल आऊंगा......

राज:- एस सर जय हिंद सर..

अभी में कुच्छ सोच ही रहा था की हमारे शहर के विधायक जी दनदनाते हुए आ गये मेरे पास ..................

कौन साला इनस्प.मेरे भाई को बंद किया

में अपने केबिन में बैठा हुआ था की विधायक मेरे पास आए..................

मेरे सामने एक कुर्सी रखा हुआ था उसी पे विधायक जी बैठ गये.

विधायक:- इनस्पेक्टर तूने मेरे भाई को पकड़ कर अच्छा नही किया है... अगर मेरे भाई को कुच्छ हुआ ना तो अच्छा नही होगा

राज:- क्या कर लेंगे आप आपका भाई मर्डर केस में पकड़ा गया है इसलिए अब तो इसे फाँसी होने से कोई नही बचा सकता. क्योकि मेरे पास सबूत भी है...

विधायक जी इतना सुनकर भड़क गये अचानक खड़े होकर मेरे कोल्लर पकड़ लिए..................

राज खड़ा होकर :- विधायक जी चुपचाप ए हाथ हटा लीजिए नही तो आपका ई हाथवा उखाड़ कर आपके पिच्छावाड़ा में घुसेड दूँगा. विधायक जी ने अपना हाथ हटते हुए '' ठीक है इनस्प में तुझको देख लूँगा''

उसके बाद विधायक जी अपने भाई से मिलकर निकल गये..

शाम को जब घर लौटा तो सोचा की क्यो ना मा को देखता चलू..............................

हॉस्पिटल में दाखिल हुआ नर्स से कहा की मुझे डॉक्टर से मिलना है ओर में सॉफे पर बैठ गया थोड़ीदेर बाद नर्स आकर बोली ' जाइए आपको डॉक्टर साहब बुला रहे है ' राज डॉक्टर के पास चला
गया............................
डॉक्टर .:- हा तो मिस्टर. राज कहिए कैसे आना हुआ

राज :- डॉक्टर मुझे अपनी बीवी के सिलसिले थोड़ा बात करना है आपने मेरी बीवी के चेहरे का सर्जरी करके चेहरा बदल दिया है लेकिन में चाहता हू की वो बिल्कुल नव युवती की तरह हो जाए

डॉक्टर .:- आप चिंता मत कीजिए मिस्टर.राज मेने ऐसा ओपरेशन किया है की आपकी बीवी तो कुवारि लड़की बन जाएँगी. लेकिन आप उनको ये सब क्यो करवा रहे है आपकी बीवी का चेहरा तो अच्छा ही था.

राज:- वो क्या है ना डॉक्टर मेरा लव मेरेज़ हुआ है तो मेरे माता-पिता मेरे बीवी को छोड़ने को बोल रहे है क्योकि में दुनिया के किसी भी लड़की से शादी कर सकता हू इसलिए अपनी पत्नी का चेहरा बदलवाना पड़ा..

डॉक्टर:- ठीक है मिस्टर.राज आप जासकते है परसो आपकी बीवी का पट्टी हटाया दिया जाएगा.. आप बिल्कुल चिंता मत किज़िये आपकी बीवी का बहुत बढ़िया से देख भाल हो रहा.

राज:- ठीक है में चलता हू

उसके बाद में हॉस्पिटल से बाहर निकला गाड़ी स्टार्ट किया ओर घर की ओर चल दिया..
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