सियासत और साजिश complete

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mastram
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Re: सियासत और साजिश

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लकी वहीं खड़ा सारी बातें सुन रहा था उसने घड़ी मे टाइम देखा 9 बज रहे और मन मे सोचने लगा यार मे भी राज भाई का घर बसाने मे अपने आप को ही भूल गया और भागता हुआ लाइब्ररी मे चला गया लाइब्ररी मे आने के बाद लकी की आँखें गुरमीत मेडम को ढूँढ रही थी.

तभी उसकी नज़र गुरमीत मेडम पर पड़ी लकी का दिल ख़ुसी से कुलाँचे भरने लगा उसने जल्दी से एक बुक उठाई और गुरमीत मेडम के सामने जाकर बैठ गया और बुक खोल कर पढ़ने का नाटक करने लगा गुरमीत मेडम जो बुक पढ़ रही थी अचानक उसका ध्यान लकी की तरफ गया जो उसी टेबल पर बैठा चोर निगाहो से गुरमीत को देख रहा था आपने आप को यूँ घूरता देख गुरमीत मेडम के होंटो पर मुस्कान आ गयी.

गुरमीत ये जानती थी कि लकी पिछले कई दिनो से उसे छुप-2 कर देख रहा है वो जानती है कि लकी उसे शायद पसंद करने लगा है और इसे लिए वो अपनी क्लास छोड़ कर आया है गुरमीत की एज 30 साल थी पर अभी भी 25 से ज़्यादा की नही लगती थी और ना ही अभी तक उसकी शादी हुई थी गुरमीत भी लकी के शरारती भरे अंदाज को पसंद करने लगी थी

गुरमीत: अरे लकी क्या हुआ यहाँ क्या कर रहा है क्लास मे नही गया

लकी: (एक दम चोंक गया और ऐसे देख कर बोला जैसे उसने अभी गुरमीत मेडम को देखा हो ) जी गुरमीत मॅम आप वो मुझ कोई ज़रूरी काम था इसीलिए क्लास के लिए देर हो गयी तो यहाँ पढ़ने आ गया

गुरमीत: (मुस्कुराते हुए) ओह्ह अच्छा तो जनाब यहाँ पढ़ने आए हैं क्लास मे तो कभी पढ़ते नही देखा

लकी: नही मेम ऐसी बात नही वैसे पढ़ने के टाइम मे ज़रूर पढ़ता हूँ

गुरमीत: और बाकी टाइम मुझ घूरते रहते हो क्यों

लकी: ये क्या बोल रही हैं आप मॅम मे क्यों आप को घूर के देखने लगा
गुरमीत: (चेर से खड़ी होते हुए) चल मेरे साथ आ

और बिना कुछ बोले लकी उठ कर गुरमीत के पीछे चल पड़ा गुरमीत ने लाइट पिंक कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था हाइट 5,6 इंच एक पंजाबी मूटेयीयर 38 साइज़ के बूब्स जो उसकी टाइट फिटिंग कमीज़ मे एक दम बाहर की तरफ उभरे हुए थे और पतली कमर और 38 साइज़ के कूल्हे लकी का तो बुरा हाल हो रहा था गुरमीत चलते हुए कॅंटीन मे आ गयी लकी भी उसके पीछे आ गया दोनो एक कोने मे जाकर बैठ गये दोनो एक दोसरे के सामने बैठे थे गुरमीत ने दो ग्लास जूस ऑर्डर कर दिया था कॅंटीन मे कुछ ही स्टूडेंट्स थी दोनो काफ़ी अलग से बैठे हुए थे

गुरमीत: अब बातों क्या प्राब्लम है

लकी: प्राब्लम नही मेडम मुझ कोई प्राब्लम नही है आप किस प्राब्लम की बात कर रही हैं
गुरमीत: तुम्हें ये प्राब्लम नही लगती जो तुम मुझे लाइन मारते हो पता भी है मे तुमसे 10 साल बड़ी हूँ और तुम मुझे लाइन मार रहे हो क्या तुम्हें तुम्हारी उमर की कोई लड़की पसंद नही आई अभी तक

लकी: मेडम इसमे मेरा क्या कसूर है जिसे भी प्रपोज करता हूँ वो मानती ही नही अब मुझ जैसी शकल वाले को कॉन पसंद करेगा

गुरमीत: क्यों अच्छी पर्सनाल्टी है तुम्हारी मुझे तो कोई कमी नज़र नही आती

लकी: नही मॅम आप दिल रखने के लिए बोल रही हैं मेरी किस्मत ही खराब है


गुरमीत: हाए चियरअप मन मे तुम्हारी मदद करूँगी ना तुम्हारे लिए गर्लफ्रेंड दूंडने के लिए उदास मत हो

लकी: सच मे मॅम मे एक बात कहूँ

गुरमीत:हां बोल

लकी: पर मॅम मे आप को बहुत लाइक करता हूँ क्या आप मुझ से फ्रेंडशिप करोगी

गुरमीत: मेने बोला ना ये नही हो सकता

लकी; उदास होते हुए) मे कुछ नही जानता मे आप को बहुत लाइक करता हूँ मे आपको बहुत प्यार करता हूँ अगर मेरा प्यार सच्चा है तो आप आज मुझे ****** रेस्टोरेंट मे मिलेगीं मे शाम 5 बजे आप का इंतजार करूँगा

गुरमीत बिना कुछ बोले खड़ी हो गयी और कॅंटीन वाले को बिल दे दिया लकी भी खड़ा होकर चल दिया जब लकी बाहर आया तो पहली क्लास ख़तम हो चुकी थी राज अपने एक दोस्त के साथ हाल मे खड़ा था उसने लकी को देखा और पुकारा

राज : ओह्ह किधर घूम रहा है इधर आ चल अगली क्लास तो आटेड करेगा ना तेरी गुरमीत मॅम की क्लास है

लकी: इसमे पूछने की क्या बात है यार क्लास तो आटेड करूँगा ही वैसे जनाब सुबह जिस लड़की को देख रहे थे उसका नाम ललिता है फॉर मोर इन्फर्मेशन कॉंटॅक्ट मिस्टर.लकी

राज : साले कुछ भी बोलता रहता है

लक: (हंसते हुए) चल अब क्लास मे चलते हैं

सब क्लास की तरफ चल पड़े लकी आज राज के साथ ना बैठ आ कर लास्ट वाली रो मे चला गया लास्ट रो मे वहीं अकेला बैठा था तभी क्लास मे गुरमीत मॅम एंटर हुई उसने अपनी बुक्स को अपने बूब्स मे दबा रखा था आते ही उसने बुक्स को टेबल पर रखा और जिस बेंच पर लकी और राज बैठते थे उस बेंच की तरफ देखा.

पर बेंच पर लकी को ना देख गुरमीत एक पल के लिए सोच मे पड़ गयी फिर उसने पूरे क्लास मे नज़र दौड़ाई और जब उसकी नज़र लास्ट बेंच पर बैठे लकी पर पड़ी तो गुरमीत के होंटो पर मुस्कान आ गयी गुरमीत ने क्लास को पढ़ाना चालू कर दिया इस बीच गुरमीत मॅम और लकी की नज़रें आपस मे बार-2 मिल रही थी.
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mastram
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Re: सियासत और साजिश

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गुरमीत लकी को यूँ घूरता देख शरमा जाती और नीचे देख मुस्कराने लगती दोनो बार -2 एक दूसरे को देख कर स्माइल पास कर रहे थे थोड़ी देर पढ़ाने के बात गुरमीत मॅम सबको रिवाइज़ करने के लिए कह देती हैं और खुद अपनी चेर पर बैठ कर कुछ लिखने लगती है और फिर खड़ी हो कर क्लास का राउंड लगाने लगती है और लास्ट रो मे जाकर लकी के पास खड़ी हो जाती है.

सब लोग अपनी बुक्स मे देख रहे होते हैं और गुरमीत सब से नज़र बचा कर एक कागज को लकी की बेंच पर रख देती है लकी गुरमीत की तरफ देखने लगा गुरमीत शरमा कर मुस्करा कर आगे चली जाती है लकी ने उस कागज को उठाया और बेंच के नीचे हाथ लेजा कर खोल कर पढ़ने लगता है उसमे लिखा होता है तुम शाम को 4 बजे मेरे घर पर आजाना कुछ बात करनी है लकी के होंटो पर मुस्कान आ जाती है गुरमीत की क्लास ख़तम होती है.

राज और लकी दोनो बाहर आ जाते हैं जैसे तैसे क्लासस ख़तम होती हैं और दोनो अपने फ्लॅट मे वापिस आ जाते हैं लकी राज को कुछ नही बताता और शाम को 4 बजने से पहले फ्लॅट से निकल कर गुरमीत मॅम के घर की तरफ चल पड़ता है

रास्ते मे उसे ध्यान आया कि वो गुरमीत मेडम के घर पहली बार जा रहा है उसका खाली हाथ जाना ठीक ना होगा पर आख़िर वो लेकर क्या जाए तभी उसके दिमाग़ मे आइडिया आया और वो कन्फेक्टिनरी के शॉप पर चला गया वहाँ से उसने कुछ चॉक्लेट खरीद कर पॅक करवा ली और शॉप से निकल कर गुरमीत के घर की तरफ चल पड़ा और थोड़ी देर मे गुरमीत के घर पहुँच गया लकी ने डोर बेल बजाई थोड़ी देर बाद अंदर से गुरमीत मॅम ने गेट खोला

गुरमीत:आओ अंदर आ जाओ

गुरमीत ने एक हल्का सा येल्लो कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था और उस सूट मे गजब की लग रही थी लकी गुरमीत के पीछे अंदर आ गया और गुरमीत ने उसे सोफे पर बैठने को कहा और खुद किचन मे चली गयी और थोड़ी देर बाद गुरमीत चाइ और स्नॅक्स लेकर आई और लकी के साथ सोफे पर बैठ गयी

गुरमीत: (चाइ का कप लकी को देते हुए) लो चाइ लो

लकी थोड़ा नर्वस फील कर रहा था उसने चाइ का कप लिया और चाइ पीने लगा दोनो मे से कोई भी बोल नही रहा था फिर थोड़ी देर बाद लकी ने हिम्मत करके गुरमीत से पूछा मॅम आपके के घर वाले कहाँ हैं कोई नज़र नही आ रहा

गुरमीत:माँ किसी काम से बाहर गयी है और मेरे परिवार मे और मेरी माँ ही हैं तुम बताओ क्यू मिलना चाहते थे मुझसे

लकी: ताकि मुझ पता चल सके आप के दिल मे मेरे बारें मे क्या है आप तो जानती है मे आप से कितना प्यार करता हूँ 2 साल से मेने आप के सिवा किसी और लड़की को देखा तक नही

गुरमीत:मे सब जानती हूँ पर मेने आज तुम्हारे बारे मे बहुत सोचा मुझ लगता है ये सिर्फ़ बस एक अट्रेक्षन है जो तुम कह रहे हो वो नही हो सकता प्लीज़ बुरा ना मानना तुम अच्छे लड़के हो अच्छे घर से हो तुम्हें अच्छी से अच्छी लड़की मिल सकती है तुम मेरे पीछे अपना टाइम और स्टडी दोनो खराब कर रहे हो

लकी: पर अगर आप मुझ ना मिली तो मे पूरा का पूरा बर्बाद हो जाउन्गा प्लीज़ मना मत करना

और लकी अपने दोनो हाथों से गुरमीत के हाथों को थाम लेता है गुरमीत सोफे पर बैठी एक दम से चोंक कर पीछे हो जाती है और अपने और लकी मे कुछ दूरी बना लेती है

गुरमीत: आख़िर तुम ऐसे क्यों कर रहे हो लकी मेरी फीलिंग्स को समझने की कॉसिश करो हम ऐसे समाज मे रहते हैं यहाँ हमे सब लोगो को जवाब देना पड़ेगा

लकी:मुझे किसी की परवाह नही मे बस इतना जानता हूँ कि मे आप से बेइंतहा प्यार करता हूँ और मुझ किसी को कोई जवाब देने की ज़रूरत नही है बस एक बार हां बोल दो

गुरमीत: मे उनलोगो की बात कर रही हूँ जो तुम्हारे घर मे है तुम्हारे पेरेंट्स और रिस्तेदार वो क्या सोचेंगी कि अपने से 8 10 साल बड़ी लड़की से शादी कर ली शायद मेने ही तुम्हें फँसाया हो गा

लकी: आप मेरे पेरेंट्स के बारे मे नही जानती वो मुझसे बहुत प्यार करतें हैं वो मुझ मना नही कर सकतें आख़िर आप इतनी हसीन जो हैं जब एक बार वो आप को देख लेंगे वो मना नही कर पाएँगी वैसे भी आप 25 से ज़्यादा तो नही लगती बस थोड़ा सा वेट और लूज़ कर लो आप 20 की लगने लग जाओगी

और लकी हँसने लगता है लकी को देख गुरमीत के होंटो पर भी मुस्कान आ जाती है
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mastram
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Re: सियासत और साजिश

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गुरमीत : (हंसते हुए) तुम भी ना एक दम पागल हो क्या मे मोटी हूँ

लकी: हां पागल हूँ आप के प्यार मे (और लकी जो गुरमीत के हाथों को अपने हाथों मे थामे हुए था गुरमीत के हाथों को चूम लेता है) वुड यू मॅरी मी

गुरमीत एक दम से हैरान रह जाती है लकी के होंटो का स्पर्श अपने हाथों पर माशूस करके पूरे बदन मे सरसराहट दौड़ गयी आज पहली बार किसी मर्दाना हाथों ने गुरमीत को छुआ और होंटो ने चूमा था लकी ने अपना हाथ गुरमीत के गाल पर रख दिया गुरमीत एक दम से हिल गयी

गुरमीत:लकी तुम ये क्या कर रहे हो क्या तुम इसी लिए मुझ प्रपोज कर रहे हो

लकी: नही मॅम मे सच मे आप से प्यार करता हूँ (और लकी ने अपना हाथ हटा लिया ) अगर आप नही चाहेंगी तो मे आप को टच भी नही करूँगा और आप को देख कर आपसे प्यार कर लूँगा

गुरमीत : देख लो बाद मे ना कहना कि हाथ भी नही लगाने देती

लकी शरमा जाता है और गुरमीत लकी के दोनो हाथों को पकड़ कर अपने दोनो गालों पर रख लेती है गुरमीत की आँखें एक पल के लिए बंद हो जाती हो गुरमीत अपनी भारी हुई पलकों को खोला और लकी की आँखों मे देखते हुए बोली

गुरमीत: ओह्ह लकी तुम मेरा फ़ायदा उठा कर मुझ छोड़ तो नही दोगे

लकी: अब तो मे आप का साथ तब छोड़ूँगा जब इस जिस्म से जान निकल जाए गी

गुरमीत: (भावनाओ के सागर मे बहने लगी) ओह लकी तुम नही जानते तुमने अपनी भोली बातों से मेरा दिल लूट लिया है आज कई सालों बाद मेरे दिल मे प्यार का बीज़ बो कर तुमने मुझ जिंदा होने का अहसास दिलाया है

और दोनो एक दूसरे के करीब आने लगे दोनो के होंटो के बीच के दूरी कम होने लगी गुरमीत के साँसें तेज होने लगी होंठ थिरकने लगे गाल कामुकता के कारण लाल हो गये आँखों मे खुमारी लिए गुरमीत ने अपनी आँखों को बंद कर लिया और काँपते होंटो से बोली लकी मुझ अपने लबों से प्यार का पहला जाम पिला दो और लकी ने अपने होंटो को गुरमीत के कांम्प रहे होंटो पर रख दिया गुरमीत ने अपने थिरक रहे होंटो को खोल लिया और लकी ने गुरमीत के नीचले होन्ट को अपने दोनो होंठो के बीच मे ले लिया और चूसने लगा गुरमीत मस्ती से सारॉबार हो कर लकी के ऊपेर होंटो को चूसने लगी गुरमीत के पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी उसके हाथ लकी की पीठ पर कस गये और हाथों से लकी की पीठ पर फेरने लगी लकी ने भी गुरमीत को बाहों मे कस लिए गुरमीत के 38 साइज़ के बूब्स लकी के चेस्ट से चिपक कर दब गये गुरमीत मदहोश होती जा रही थी लकी ने होंटो को अलग किया और गुरमीत तेज से लंबी-2 साँसें लेने लगी गुरमीत ने अपनी आँखें खोली जिसमे वासना की लहरे उमड़ रही थी तेज साँसें लेते हुए गुरमीत लकी के होंटो की तरफ देख रही थी गुरमीत ने अपने हाथों को आगे लेजा कर लकी के शर्ट को कॉलर के पास से पकड़ लिया और लकी को अपनी तरफ़ खींचा और अपनी आँखें बंद कर ली जिससे लकी के होन्ट एक बार फिर से गुरमीत के होटो से मिल गये इस बार दोनो पागलों की तरह एक दूसरे को किस कर रहे थे दोनो एक दूसरे के होंटो को चूस रहे थे दोनो की जीभ एक दूसरे से की जीभ से खेल रही थी दोनो मे से कोई भी रुकने का नाम नही ले रहा था करीब 5 मिनट लगातार किस करने के बाद गुरमीत ने अपने होंटो को हटा लिया और अपनी आँखें खोली दोनो की नज़रे मिली लकी के होंटो पर मुस्कान देख गुरमीत एक दम शरमा गयी और सोफे से जल्दी से खड़ी हो कर किचन मे चली गयी किचन मे जाकर उसने आपनी साँसे दुरस्त की और पानी पी कर एक ग्लास मे पानी लेकर बाहर आ गयी और पानी का ग्लास लकी को देते हुए बोली

गुरमीत: अब मुझ निराश ना करना ये तुम्हारा आख़िरी साल है अच्छे नंबर से पास हो कर जल्दी से कुछ बन जाओ ताकि हम दोनो शादी कर सकें

लकी: जैसा आप का हुकम

तभी डोर बेल बजी
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