चूतो का समुंदर
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
संजीव(गुस्से से)- भाई डर लगता है...ओर वो राह चलती रंडी थोड़े ही है जो मैं बोलू ऑर वो चुदने आ जाय...माँ है मेरी...उसकी गंद के चक्कर मे मेरी गंद ना फट जाए
मैं-(हंसते हुए)-भाई तू बस ये पता कर कि तेरी माँ चुदाई की शौकीन है या नही...बाकी आगे हम देख लेगे
संजीव-भाई चुदासी तो बहुत है
मैं- तुझे कैसे पता
संजीव- भाई मैने 1 दिन मोम-डॅड को चुदाई के दौरान बाते करते हुए सुना था
मैं-क्या तूने उनकी चुदाई देखी...??
संजीव- नही भाई सिर्फ़ सुना
मैं- क्या सुना..??
संजीव- भाई मेरी माँ डॅड से बोल रही थी कि आज फिर आप पीछे रह गये...अब मैं क्या करूँ तो डॅड बोले तुम्हे तो बस लंड चाहिए ...मैं थक जाता हू काम करते हुए...मैं इतना ही कर सकता हूँ...तो मेरी माँ ने कहा ठीक है तो ये बताओ मैं अब मेरी चूत को कैसे ठंडा करूँ...
तो डॅड बोले रुक मैं अभी तेरी चूत चाट कर ठंड करता हूँ..
इसके बाद डॅड मोम की चूत चूसने लगे..
मैं- तूने देखा क्या..??
संजीव –अरे नही यार वो माँ की सिसकारियों से समझ आ गया था…
मैं- तो इसमे ये कैसे पता चला कि तेरी माँ चुदासी है
संजीव- भाई डॅड चूत चूस्ते हुए बोल रहे थे…कि साली अभी भी तेरी चूत इतनी तड़पति है चुदने को तो माँ बोली कि मेरा बस चले तो 2-2 लंड 1 साथ ले लूँ…लेकिन मैं तुमसे ही काम चलाना चाहती हूँ…तो डॅड ने भी हंस के बोला कि कोई नही मैं हूँ ना
उसके बाद मैं वहाँ से निकल गया
मैं- फिर भी सवाल वही है कि तेरी माँ चुद कैसे सकती है
संजीव-भाई अगर उसे कोई तगड़ा लंड मिल जाय ऑर उसे लेने मे कोई बदनामी ना हो तो वो ले लेगी…इतना बोल सकता हूँ
मैं-तो तू दिखा दे अपना
संजीव- नही भाई मेरा तो नॉर्मल है...ऑर मैं उसका बेटा हूँ...नही बहकेगी
मैं- तो फिर क्या...???
संजीव-1 आइडिया है भाई
मैं- ऑर वो क्या है साले..??
संजीव- भाई अगर मेरी माँ तेरा लंड ले ले तो…???
मैं- ऑर भैनचोद वो कैसे लेगी
संजीव-भाई तेरा लंड मुझसे तगड़ा है…ऑर अगर तुझसे चुद भी गई तो बदनामी भी नही होगी उसकी…इतना वो जानती है
मैं- चल साले वो नही मानेगी
संजीव-भाई ट्राइ तो कर मान जाएगी
मैं(थोड़ा सोच कर)- अच्छा माना कि मान गई ऑर मेरा लंड ले लिया …तो इसमे तेरा क्या फ़ायदा
संजीव-भाई तू लेगा तो मैं भी ले लुगा उसकी
मैं- कैसे...???
संजीव- भाई मोम तुझसे चुदने लगेगी तो मैं उसकी चोरी पकड़ लुगा ..ऑर उसे चोदने को बोलुगा
मैं-मतलब, ब्लॅकमेल करेगा साले
संजीव-हाँ
मैं-नही भाई जबरन की चुदाई मे मज़ा नही आता…चुदाई वही अच्छी होती है जब पार्ट्नर दिल से चुदवाये…
संजीव-तब तो मेरा कुछ नही होगा
मैं-(कुछ सोच कर)- भाई 1 काम हो सकता है
संजीव- क्या???
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
मैं- अगर तू अपनी मोम को मुझसे चुदवाने मे हेल्प करेगा…तो मैं उसे तेरे नीचे ला दुन्गा वो भी तेरी मोम की मर्ज़ी से
संजीव-इंपॉसिबल…नही आयगी
मैं-भाई मैं प्रॉमिस करता हूँ….अगर मैने तेरी माँ की चुदाई कर ली तो तुझे उसकी चूत मैं दिलवाउन्गा
संजीव-(खुश होते हुए)-सच मे..???
मैं –पक्का भाई
संजीव(थोड़ा सोच कर)- ओके भाई तो तू ट्राइ कर तेरी हेल्प मैं करूगा ओक
मैं –बट इसके लिए मुझे तेरी मोम के आस-पास रहना होगा कुछ दिन…
संजीव -हाँ ये तो है
मैं(मन मे सोचते हुए कि तू मुझे तेरे घर तो ले जा …तेरी बेहन को चोदुगा ऑर तेरी बेहन ही मुझे तेरे घर की सारी चूत दिलवायेगी)- क्या हुआ…बोल फिर…कुछ आइडिया है
संजीव-1 प्लान है
मैं-क्या..??
संजीव- अभी हमारे मिड टर्म आ रहे है….
मैं-हाँ तो..??
संजीव- भाई तू मेरे घर रुक जा कुछ दिन पढ़ाई करने के बहाने
मैं(खुश होकर)-ह्म्म्मु…ये हो सकता है
संजीव- हम मिलकर ट्राइ करेगे
मैं – ओके…ये आइडिया वर्क कर सकता है….एक काम करते है
संजीव- क्या
मैं-तू अपने घर मेरी एंट्री करवा दे….मैं तेरे लिए तेरी माँ के साथ तेरी फॅमिली की सारी चूतो तैयार कर दूँगा
संजीव-(शॉक्ड ऑर खुश होते हुए) सच मे भाई….मैं भी सबको देख कर हिलाता रहता हूँ…लेकिन ऐसा होगा कैसे
मैने- वो मेरा काम है…अगर प्लान काम कर गया तो तेरी फॅमिली की चूत ओर गंद मेरे लंड से खुलेगी ऑर बाद मे तू यूज़ करना…हाहहाहा
संजीव-हाहहहहा…ओके भाई …मैं आज ही घर पर बात कर के बताता हूँ
मैं-ओके तो तैयार हो जा चूतो मे डुबकी मारने को
संजीव- हाँ भाई मैं रेडी हूँ
मैं- लेकिन पहले तेरी मॉम …बाकी को आगे देखेगे
संजीव-ओके बॉस
इसके बाद हम दोनो स्कूल आधा छोड़कर मेरी कार से घर निकल आए....
घर आते हुए मैने संजीव को प्लान समझा दिया ऑर उसे उसके घर ड्रॉप करके मैं अपने घर आ गया…
संजीव-इंपॉसिबल…नही आयगी
मैं-भाई मैं प्रॉमिस करता हूँ….अगर मैने तेरी माँ की चुदाई कर ली तो तुझे उसकी चूत मैं दिलवाउन्गा
संजीव-(खुश होते हुए)-सच मे..???
मैं –पक्का भाई
संजीव(थोड़ा सोच कर)- ओके भाई तो तू ट्राइ कर तेरी हेल्प मैं करूगा ओक
मैं –बट इसके लिए मुझे तेरी मोम के आस-पास रहना होगा कुछ दिन…
संजीव -हाँ ये तो है
मैं(मन मे सोचते हुए कि तू मुझे तेरे घर तो ले जा …तेरी बेहन को चोदुगा ऑर तेरी बेहन ही मुझे तेरे घर की सारी चूत दिलवायेगी)- क्या हुआ…बोल फिर…कुछ आइडिया है
संजीव-1 प्लान है
मैं-क्या..??
संजीव- अभी हमारे मिड टर्म आ रहे है….
मैं-हाँ तो..??
संजीव- भाई तू मेरे घर रुक जा कुछ दिन पढ़ाई करने के बहाने
मैं(खुश होकर)-ह्म्म्मु…ये हो सकता है
संजीव- हम मिलकर ट्राइ करेगे
मैं – ओके…ये आइडिया वर्क कर सकता है….एक काम करते है
संजीव- क्या
मैं-तू अपने घर मेरी एंट्री करवा दे….मैं तेरे लिए तेरी माँ के साथ तेरी फॅमिली की सारी चूतो तैयार कर दूँगा
संजीव-(शॉक्ड ऑर खुश होते हुए) सच मे भाई….मैं भी सबको देख कर हिलाता रहता हूँ…लेकिन ऐसा होगा कैसे
मैने- वो मेरा काम है…अगर प्लान काम कर गया तो तेरी फॅमिली की चूत ओर गंद मेरे लंड से खुलेगी ऑर बाद मे तू यूज़ करना…हाहहाहा
संजीव-हाहहहहा…ओके भाई …मैं आज ही घर पर बात कर के बताता हूँ
मैं-ओके तो तैयार हो जा चूतो मे डुबकी मारने को
संजीव- हाँ भाई मैं रेडी हूँ
मैं- लेकिन पहले तेरी मॉम …बाकी को आगे देखेगे
संजीव-ओके बॉस
इसके बाद हम दोनो स्कूल आधा छोड़कर मेरी कार से घर निकल आए....
घर आते हुए मैने संजीव को प्लान समझा दिया ऑर उसे उसके घर ड्रॉप करके मैं अपने घर आ गया…
Re: चूतो का समुंदर
Dear,Ankitshrivastava wrote:Jaunpur bro, I just read all your stories and all of them were good .
None of those stories are written by me.
All of them are converted to Hindi (from Roman) font & edited by me only.
Thanks for your comments.
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Re: चूतो का समुंदर
y hi to jaunpur ji ki style h,,kabhi jhut nahi bolte ki story meri h maine likhi h............jo bolte h sahi bolte h