तीन देवियाँ compleet

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rajsharma
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तीन देवियाँ compleet

Post by rajsharma »

तीन देवियाँ पार्ट -1

मेरा नाम राज है जानने वाले लोग, दोस्त और फॅमिली मेंबर्ज़ मुझे प्यार से राज्ज्ज और राजा बाबू भी कहते है. मैं एक 28 साल का अछा ख़ासा हॅंडसम और घटेले बदन का लड़का हू मेरी बॉडी एक्सर्साइज़्ड है अछा ख़ासा मस्क्युलर हू. हाइट 5’8” गोरा रंग और मेरे शरीर पे आछे ख़ासे बाल हैं. हेरी चेस्ट है. अभी अभी पढ़ाई ख़त्म हुई है रिज़ल्ट का वेट कर रहा हू. मेरे डॅड का अपना कन्स्ट्रक्षन आंड मेंटेनेन्स का बिज़्नेस ऑफीस है और जिस्मै मेरी मोम अकाउंट्स देखती है और आड्मिनिस्ट्रेशन मे डॅड का साथ देती है उनके साथ मीटिंग्स अटेंड करती है. मेरे डॅड तकरीबन 52-53 यियर्ज़ के है और मोम ऑलमोस्ट 48 – 49 की हैं. दोनो काम करते रहने से अभी तक आक्टिव हैं और ऑफीस को रेग्युलर्ली जाते है. आजकल कन्स्ट्रक्षन का काम बूम पे है इसी लिए दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते हैं और रात थक्क के वापस आते और खाना खा के सो जाते हैं. मेरे से बड़ी एक बहेन है खुश्बू जिसकी शादी अभी कुछ ही महीने पहले हुई है वो अपनी ससुराल मे ही रहती है जो मेरे टाउन से तकरीबन 200 किमी के डिस्टेन्स पे है. शादी के बाद 2 – 3 टाइम यहा आई और वापस अपनी ससुराल चली गई वो अपने पति के साथ खुश है. उसके पति का भी सेमेंट का होल साले बिज़्नेस है.

मेरे अंकल समीर करीब के ही एक विलेज मे काम करते है. उनकी एक ही बेटी है जिसका नाम अनुपमा देवी है प्यार से सब उसको अनु पुकारते हैं. अनु 19 - 20 साल की बोहोत ही खूबसूरत लड़की है. तकरीबन 5’ 5” की हाइट होगी. गोरा रंग, कमर तक झूलते रेशमी लाइट ब्राउन कलर के बाल, हस्ती तो दोनो गालो मे छोटे छोटे डिंपल्स पड़ते, सफेद मोती जैसे चमकते दाँत, लाइट ब्राउन बड़ी बड़ी चमकती हिरनी जैसी आँखें, सेक्सी लिप्स जिनको देख के कोई भी चूसने की कल्पना करे, अभी उसके चुचीोन को अपने हाथो से पकड़ा तो नही पर लगता है के शाएद 32 साइज़ के होंगे, एक दम से सिडोल बदन, मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति है पर कभी कभी जीन्स और ट्रंक टॉप भी पेहेन्ति और जब जीन्स और ट्रंक पहनी होती है तो उसके चुचियाँ बोहोत मस्त दिखते और जब मटक मटक के चलती तो दोनो चुचियाँ धीरे धीरे डॅन्स करते ऊपेर नीचे होते बड़े आछे लगते ऐसा लगता जैसे परदे कर रहे हो शाएद वो उस टाइम पे ब्रस्सिएर भी नही पेहेन्ति इसी लिए चुचियाँ डॅन्स करती जिन्है देख के मन करता के बॅस अभी पकड़ के दबा डालु और मोसंबी की तरह से स्क्वीज़ करू और आम ( मॅंगो ) की तरह से चूसू

डालु. रात मे अक्सर नाइटी यूज़ करती वैसे कभी सलवार कमीज़ भी पेहेन्ति पर मोस्ट्ली नाइटी मे ही रहती.

मुझे लगता के वो थोड़ी प्राउडी टाइप की लड़की है. कभी मुझ से सीधे मूह बात भी नही करती और कभी ऐसे शो करती है जैसे वो मेरे घर मे नही रहती बल्कि मैं उसके घर मे रहता हू. अरे मैं यह बताना तो भूल ही गया के अंकल समीर जहा काम करते है वाहा कोई कॉलेज वाघहैरा नही है इसी लिए अनु को पढ़ाई के लिए हमारे घर मे ही रखा हुआ है. अनु बी.कॉम के 2न्ड एअर मे थी. कॉलेज घर से थोड़ा दूर है और वो बस मे आती जाती है. मेरी और अनु की कुछ ऐसी ख़ास बनती तो नही पर कभी इतना बड़ा झगड़ा भी नही हुआ था. बॅस आपस मे नोक झोक तोचलती ही रहती. कभी खाने की टेबल पे तो कभी पढ़ाई के टाइम पे. वो हमेशा बोलती के उसको लड़के पसंद नही हैं आंड शी हेट्स मेल्स डॉन’ट नो व्हाई. मेरी समझ मे नही आता था के व्हाई शी हेट्स मेल्स क्यॉंके नॅचुरली लड़कियाँ तो लड़को को पसंद ही करती है इश्क़, प्यार और मोहब्बत भी लड़को से ही करती है पर पता नही अनु मे ऐसी क्या बात थी जिसे मेल्स पसंद नही थे.

हमारा घर एक डबल स्टोरी मीडियम साइज़ की बिल्डिंग है. नीचे मेरे डॅड और मोम रहते हैं. मोम के ( घुटनो ) नीस मे दरद रहता है ( जॉइंट पेन ) जिसकी वजह से वो बार बार ऊपेर नही चढ़ सकती इसी लिए वो दोनो नीचे ही ग्राउंड फ्लोर पे रहते है और मैं ऊपेर के रूम मे रहता हू. आक्च्युयली ऊपेर के फ्लोर पे मीडियम साइज़ के 3 रूम्स हैं. एक मे मेरी सिस्टर खुश्बू रहती थी दूसरा मेरा कमरा था और तीसरा ऐसे ही स्पेर रूम जो गेस्ट रूम जैसा था. खुश्बू की शादी के बाद उसका रूम भी खाली हो गया था इसी लिए अनु को खुश्बू वाला रूम दे दिया गया था. स्टेरकेस पे चढ़ते ही एक स्पेर वाला गेस्ट रूम जैसा था था जिसमै कभी हमारे कोई रिलेटिव्स वाघहैरा आ जाते तो वही रहते और जब वाहा कोई नही रहता तो वो कमरा टेंपोररी ड्रॉयिंग रूम जैसा यूज़ मे आता था जहा एक डबल बेड के साथ एक सोफा सेट भी पड़ा हुआ था कभी मेरा कोई फ्रेंड आ जाता तो हम वही बैठ के टाइम पास करते और कभी अनु की कोई फ्रेंड्स आ जाती तो वो उनको लेके वाहा बैठ जाती. उस रूम मे एक बड़ा सा टीवी सेट भी रखा हुआ था जिस्मै केबल और वीडियो कनेक्षन भी लगा हुआ था तो कभी कभी वो रूम टीवी रूम जैसा भी यूज़ मे आता था. ऐसे समझे के मल्टिपर्पस उसे का कमरा था. उस मल्टिपर्पस रूम को लगा हुआ अनु वाला रूम और तीसरा रूम मेरा था. मेरे रूम मे एक विंडो थी जो अनु वाले रूम मे खुलती थी. पहले जब मेरी सिस्टर रहती थी तब हम पढ़ते थे तो आपस मे बातें भी कर लिया करते थे और बुक्स का एक्सचेंज भी इसी विंडो द्वारा

होता था. अनु वाले रूम और मल्टिपर्पस रूम के बीच मे भी एक विंडो लगी हुई थी जिसे खोलने की कभी ज़रूरत ही नही पड़ती थी पर अनु कभी कभी हवा के लिए खोल भी लिया करती थी वैसे तो हमारे रूम मे हवा और वेंटिलेशन के लिए कॉरिडर मे एक एक विंडो खुलती थी और जब यह विंडो खुली होती तो कॉरिडॉस मे से आते जाते कोई भी कमरे के अंदर का हाल देख सकता था. तीनो रूम्स मे अटॅच बाथ था. यूँ तो अनु के ज़ियादा फ्रेंड्स नही थे बस एक फ्रेंड थी शालिनी देवी जिसे वो शालु कह के बुलाती थी. शालु और अनु एक ही एज के थे और क्लास फेलो भी. शालु अक्सर अनु के पास आती जाती रहती थी और कभी कभी रात मे अनु के कमरे मे उसके साथ ही सो जाती थी और दूसरे दिन सुबह ब्रेकफास्ट कर के अपने घर चली जाती. कभी अनु उसके घर चली जाती और रात वही शालु के साथ ही सो जाती और सुबह वापस आ जाती यह नॉर्मल रुटीन था दोनो का. शालु हमारे पड़ोस मे ही रहती थी और अनु की क्लास फेलो थी इसी लिए दोनो की बोहोत दोस्ती थी. शालु की हाइट तकरीबन 5’ 6” होगी. वो भी बोहोत ही गोरे रंग की थी. कश्मीरी सेब जैसे गुलाबी गाल, मतकाती बड़ी बड़ी ब्राउन आँखें. उसके भी लाइट ब्राउन कलर के रेशमी बाल थे ज़ियादा बड़े तो नही कमर तक आते थे. शालु के चुचियाँ मेडियम साइज़ के एप्पल जैसे 34 साइज़ के थे बोहोत गोरे गोरे मलाई जैसे बिल्कुल उसके रंग के जैसे. वो अक्सर स्लीव्ले शर्ट पेहेन्ति थी जिस्मै से कभी कभी उसके चुचियाँ भी झाँकती रहती थी या कभी ब्रस्सिएर भी दिखाई देती थी. कभी ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति. और जब ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो उसके शर्ट के ऊपेर से चुचिओ और निपल साफ दिखाई देते और जब अपने हाथ उठाती तो उसके चुचियाँ दिखाई देती जिन्हाई देख के हाथ मचल जाता और मंन करता के अभी साइड से हाथ घुसा के उसके मस्त चुचिओ को पकड़ के मसल डालु. बघल के बाल शाएद डेली शेव करती थी जिससे उसकी बघल हमेशा ही चिकनी रहती. उसकी एक ख़ास आदत थी वो हर थोड़ी देर मे अपने दोनो हाथ ऐसे ऊपेर करती जिस से उसकी बघल साफ दिखाई देती. वो शाएद अपनी बघल मे रोल ऑन पर्फ्यूम भी लगती थी
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: तीन देवियाँ

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इसी लिए उसके पास से एक मस्त स्मेल आती थी. वो मेरे साथ बात तो करती थी बस नॉर्मल फॉर्मल जैसी कोई ख़ास इंटिमेसी वाली बात नही करती थी. अगर कभी ऐसा होता के शालु हमारे घर आई और अनु नही मिली तो वो फॉरन ही वापस चली जाती मेरे साथ बैठ के गॅप शॅप भी नही लगती थी मेरी समझ मे नही आता था के क्या इन्न लड़कियों को मेल्स मे कोई इंटेरेस्ट नही है या फिर प्रॉबब्ली उसका कोई प्रेमी भी होगा और इसी लिए वो मेरे साथ कोई एक्सट्रा बात नही करती. उसकी नाक भी पतली थी और उसके लिप्स तो बोहोत ही सेक्सी थे गुलाबी कलर के लिप्स बड़े मस्त लगते थे ऐसा लगता था जैसे नॅचुरल लिपस्टिक लगी हुई हो. उसकी एक ख़ास आदत थी वो बार बार अपने लिप्स पे ज़ुबान फेरती

रहती जिस से उसकी पिंक नॉकीली टिप ऑफ दा टंग बोहोत सेक्सी लगती मंन करता के पकड़ के उसकी ज़ुबान को चूसना शुरू कर्दु. शालु, अनु से थोड़ी मोटी थी भरे भरे बदन वाली. शालु भी अक्सर शलवार कमीज़ ही पेहेन्ति थी और कभी जीन्स और टॉप भी पेहेन्ति. जीन्स और टॉप मे तो वो क़यामत लगती थी. उसकी चुचियाँ और चूतड़ भी अनु से थोड़े बड़े थे. ऑन दा होल शालु भी एक बोहोत ही सेक्सी और खूबसूरत लड़की थी जिसे चोदने का ख़याल हर किसी के मंन मे आ सकता था.

हमारे घर मे दो ( 2 ) हाउस्म्ड्स भी है एक खाना पकाने के लिए और दूसरी ऊपेर का काम करने के लिए जैसे रूम सॉफ करना बाथरूमस धोना और वॉशिंग मशीन मे कपड़े धोने और आइर्निंग करना वाघहैरा वाघहैरा. खाना पकाने वाली औरत अछी बड़ी उमर की थी और हमारे घर बोहोत सालो से काम करती थी बोहोत पुरानी थी इसी लिए हम सब उसको मासी कहते थे. मासी की उमर कोई 50 साल के लग भग होगी. अब तो मासी कहते कहते इतने साल हो गये थे के हमै उनका नाम भी याद नही रहा. दूसरी ऊपेर का काम करने वाली रितेश्वरी देवी जिसे शॉर्ट मे ऋतु पुकारते थे जो 14 – 15 साल की लड़की थी. रंग बोहोत गोरा भी नही और काला भी नही खुलता हुआ साफ रंग था. उसकी आँखें भी बड़ी बड़ी थी, सेक्सी लिप्स, चुचियाँ भी बोहोत ही छोटी छोटी थी शाएद अभी 28 के होंगे गोल्फ के बॉल जैसे छोटे छोटे थे, शाएद वो भी ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति थी क्यॉंके जब वो चलती तो उसकी टाइट छोटी सी चुचियाँ उसके शर्ट के अंदर हिलती भी नही थी और निपल्स का उभार उसके शर्ट मे से सॉफ नज़र आता था. घाटेला बदन, हाइट भी ज़ियादा नही थी, होगी शाएद 4”5” या 5” की होगी. एक छोटी लड़की ही तो थी जिसे मजबूरी मे काम करना पड़ रहा था.. मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति और कभी कभी लोंग स्कर्ट और ब्लाउस भी पेहेन्ति थी. उसको हमारे अंकल समीर एक विलेज से ले के आए थे जहा उनका कन्स्ट्रक्षन का काम चल रहा था. ऋतु के फादर की एक आक्सिडेंट मे डेत हो गई थी और उसकी मा गाऊँ ( विलेज ) मे ही रहती थी.ऋतु हमारे घर मे फॅमिली मेंबर की तरह पर्मनेंट्ली रहती थी. आछे खाते पीते घराने की थी पर उसके डॅडी की डेत के बाद हालत ने उसे काम करने पर मजबूर कर दिया था. ऋतु अपना काम बोहोत अछी तरह से करती और बड़ी तेज़ी से भी करती थी. ऑन दा होल ऋतु एक बोहोत ही सेक्सी लड़की थी पर उसको पता नही था के वो कितनी सेक्सी है. उसकी कमीज़ मे से उसके छोटे से बूब्स के उभार बड़े मस्त दिखते बार बार मॅन करता के उन्है पकड़ के उसकी चुचिओ को मसल डालु. वैसे तो कई बार ऐसा भी हुआ है के जब मेरे मोम और दाद ऑफीस चले जाते, मासी भी लंच और डिन्नर एक साथ पका के अपने घर चली जाती तो मैं और ऋतु अकेले ही घर मे रहते पर पता नही क्यों उसे

चोदने का या उसके चुचिओ को मसल्ने और चूसने का ख़याल मेरे दिमाग़ मे कभी नही आया..

ऋतु का रूम नीचे ही था क्यों के सोने से पहले मेरी मोम की टाँगें दबाती थी और कभी किसी काम के लिए रात मे मोम पुकारती तो वो आजाती इसी लिए वो नीचे ही रहती थी और जब मेरे पेरेंट्स सो जाते तो ऋतु भी अपने रूम मे जा के सो जाती. सुबह मासी थोड़ी देर से आती थी तब तक ऋतु ही मेरे पेरेंट्स को चाइ या कॉफी बना के दे देती और मासी के आने तक किचन की सफाई भी कर देती थी कभी कभी तो वो भी टीवी वाले रूम मे आ जाती और दोनो बैठ के टीवी देखते पर वो खामोश ही रहती. टीवी पे कोई हॉट सीन आता तो मेरा लौदा 90 डिग्री पे खड़ा हो जाता और वो शरमाती और धीरे से मुस्कुराते हुए उठ के रूम से बाहर चली जाती. वॉशिंग मशीन और आइर्निंग रूम ऊपेर के पोर्षन मे ही बना हुआ था इसी लिए ऋतु को जब कपड़े धोना होते या आइर्निंग करना होता तो वो ऊपेर के पोर्षन मे आती. कई बार मेरे कमरे की सफाई के दोरान जब वो झुकती तो उसके कॉनिकल शेप की छोटी सी चुचियाँ और उसके छोटे किशमिश जैसे ब्राउन निपल्स उसके शर्ट के गले (नेक) के पास से अंदर तक सॉफ नज़र आते रहते जिन्हे देखते ही मेरा लौदा पॅंट के अंदर से बाहर निकलने को तड़पने लगता और मॅन करता के अभी उसको नीचे लिटा के उसको चोद के उसकी टाइट चूत को फाड़ डालु पर क्या करू डरता था के कही यह मेरे मोम और डॅड से बोल देती तो मेरी तो शामत ही आजाती और एक नयी मुसीबत खड़ी हो जाती बॅस यह सोच के खामोश हो जाता और बाथरूम मे जा के ऋतु के नाम की मूठ मार लेता और ख़यालो मे अपने लंड से निकली हुई मलाई को ऋतु की रसीली चूत मे गिरते महसूस करता.

अनु को हमारे साथ रहते हुए तकरीबन तीन महीने हो गये थे. दिन ऐसे ही गुज़र रहे थे. वो शाम मे कॉलेज से आती. डिन्नर के बाद कुछ देर पढ़ती रहती और रात के 11 या 12 बजे तक सो जाती. मैं कुछ दीनो से फील कर रहा था के मेरे मोम और डॅड के सो जाने के बाद ऋतु ऊपेर अनु के कमरे मे आ जाती थी और फिर अनु और ऋतु हसी मज़ाक की बाते करते रहते और हस्ते रहते. मैं ने कोई ऐसा ख़ास ध्यान नही दिया के गर्ल टॉक्स होंगे जिन्हे आपस मे बात करके हस्ती होगी.

एक दिन की बात है उस दिन बोहोत गर्मी पड़ रही थी और मैं कही बाहर से वापस आया था, आस यूषुयल मोम और डॅड तो थे नही. मैं बाहर से अंदर आया और ऊपेर अपने रूम की तरफ जाने लगा. मेरे रूम मे जाने के लिए मुझे अनु के रूम के सामने से गुज़रना पड़ता था और यह इत्तेफ़ाक था के उसके रूम की

विंडो खुली हुई थी क्यॉंके गर्मी बोहोत थी. मैं जब उसके रूम के सामने से जा रहा था तो मुझे एक अजीब किसम की आवाज़ सुनाई दी और मैने पलट के अनु की विंडो की तरफ अपना मूह घुमा के देखा तो एक शॉक जैसा लगा अनु और ऋतु एक दूसरे को फ्रेंच किस कर रहे थे दोनो की आँखें बंद थी शाएद प्लेषर से बंद हो गई होगी और उन्हे पता ही नही चला के मैं उनको देख रहा हू. एक मिनिट तक देखता ही रहा के कैसे अनु और ऋतु एक दूसरे की चुचिओ को कपड़ो के ऊपेर से ही दबा रही हैं कभी कभी शर्ट के अंदर हाथ डाल के एक दूसरे की चुचिओ को मसल रही है और किस्सिंग मे खोए हुए हैं और मूह से उउउउउउउन्न्न्न्ह्ह्ह्ह जैसी प्लेषर की आवाज़ें निकल रही है. मैं यह देख के धीमे पैरो से बिना आवाज़ निकाले वापस चला गया और नीचे उतर गया किचन मे जा के मासी से पूछा के लंच मे क्या बना रही है तो पता चला के आज लंच और डिन्नर मे चिकन का सालन और कबाब हैं. मैने फ्रिड्ज से ठंडा पानी निकाल के पीया और ऊपेर ऐसे चढ़ने लगा जिससे के अनु को पता चल जाए के मैं ऊपेर आ रहा हू और जब मैं ऊपेर आया तो देखा के अनु के रूम का डोर खुल गया था और ऋतु रूम की सफाई कर रही थी. मैं देख के मुस्कुरा दिया और अनु को पूछा के आज कॉलेज नही गई तो उसने बोला के नही आज कल कॉलेज मे आन्यूयल गेम्स चल रहे हैं इसी लिए एक वीक की छुट्टी है. मैं अपने कमरे मे चला गया और शवर ले के थोड़ी देर के लिए सो गया.
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Re: तीन देवियाँ

Post by rajsharma »

उस दोपेहेर के बाद उन दोनो ने मुझे कोई शक नही होने दिया के उन के बीच मे कुछ रोमॅन्स चल रहा है. डिन्नर से पहले ही मोम और डॅड आ गये थे. हम सब ने साथमे डिन्नर लिया. मोम और डॅड तो ऑफीस से थक्क के आते थे और खाने के थोड़ी ही देर मे सोने चले जाते. मैने डिन्नर टेबल पे बोल दिया था के मैं आज बोहोत थक्क गया हू और जल्दी ही सो जाउन्गा. डिन्नर के बाद अनु को नीचे ही छोड़ के ऊपेर आ गया और अपने रूम के डोर को हवा के लिए थोड़ा सा खुला रख के लाइट बंद करके खामोशी से अपने बेड पे लेट गया और गहरी नींद सोने की आक्टिंग करने लगा. अनु थोड़ी देर बाद ऊपेर आई और पहले तो मेरे रूम का डोर खुला देख के डोर के सामने आई और धीरे से अंदर झाँक के देखा जिसे मैं आध खुली आँखों से देख रहा था पर वो समझी के मैं सच मे गहरी नींद सो गया हू और वो टीवी रूम मे जा के टीवी देखने लगी. हमारे पास यूवरोसेट की डिश लगी हुई है जिसपे हॉटबर्ड चॅनेल्स आते है और लेट नाइट सेक्स चॅनेल्स भी ओपन हो जाते है जिसे मैं अकेले मे देखा करता था पर जब से अनु आई थी टीवी पे वो चॅनेल्स देखने का मोका नही मिलता था. टीवी की साउंड मुझे बोहोत ही धीमी आ रही थी जिस से पता चलता था के शाएद अनु सेक्स चॅनेल देख रही है

मैने शाम को ही मेरे और अनु के रूम के बीच की विंडो को इतना थोड़ा सा खोल दिया था के उसको शक्क ना हो और मैं उसके रूम मे झाँक के देख सकु. मैं ने कॉरिडर की लाइट भी बंद की हुई थी इस लिए बाहर कॉरिडर मे अंधेरा हो गया था. रात के तकरीबन 12:30 हो रहे होंगे टीवी की आवाज़ बंद हो गई और किसी के नीचे जाने की आवाज़ आने लगी शाएद अनु नीचे जा रही थी. मैं ने सोचा के शाएद पानी पीने गई होगी पर 5 मिनिट के अंदर ही मुझे अनु और ऋतु के ऊपेर आने की आवाज़ें आने लगी दोनो बोहोत धीमी आवाज़ मे बातें कर रही थी मुझे पता नही चल रहा था के क्या बातें कर रही हैं. अनु ने अपने कमरे मे जाने से पहले एक बार फिर से फिर मेरे कमरे मे झाँक के मुझे देखा के मैं सो गया या नही. मैं जान बूझ कर स्नोरिंग करने लगा मतलब खर्राटे लेने लगा तो उसे यकीन हो गया के मैं बोहोत गहरी नींद सो गया हू.

अनु के कमरे मे दोनो आ गये और अनु ने अंदर से डोर बंद करके लॉक कर दिया. हमारे रूम के बीच की विंडो थोड़ी खुली थी जिस्मै से मुझे ऋतु की आवाज़ आई वो पूछ रही थे के राज बाबू सो गये क्या तो अनु ने कहा हा कब का सो गया. जब मुझे पक्का यकीन हो गया के डोर अंदर से लॉक कर दिया है तो मैं बिना आवाज़ किए अपने बेड से नीचे उतर गया और विंडो के पास चला गया. अनु ने कमरे मे जाते ही अपने कमरे की लाइट्स बंद कर दी थी पर बाथरूम की लाइट जली रहने दी और बाथरूम का डोर भी बंद कर दिया. बाथरूम मे ऊपेर की तरफ हवा के लिए एक छोटी सी ओपनिंग थी जिस्मै से बोहोत ही धीमी लाइट कमरे के अंदर आ रही थी जिस से कमरा पूरा अंधेरा नही दिख रहा था बॅस ऐसे लग रहा था जैसे कॅंडल जली हुई हो. अनु और ऋतु के बदन मुझे सॉफ दिखाई दे रहे थे. थोड़ी ही देर मे मेरी आँखें भी अंधेरे मे देखने को अड्जस्ट हो गई थी और मुझे अब अंदर का सब कुछ ऑलमोस्ट सॉफ दिखाई दे रहा था. अनु का बेड ऐसी पोज़िशन मे था के मैं विंडो से अछी तरह से देख सकता था. मैं ने देखा के कमरे मे दोनो आते ही एक दूसरे से ऐसे लिपट गयी जैसे पुराने लवर्स हो और बोहोत दीनो के बाद मिल रहे हो. एक दूसरे को बे तहाशा डीप टंग सकिंग पॅशनेट किस कर रहे थे और अपनी चूते एक दूसरे से मिलाने के लिए अपनी अपनी गंद आगे पीछे कर रही थी जैसे खड़े खड़े एक दूसरे को चोद रही हो. ऐसे ही थोड़ी देर एक दूसरे को किस करते करते एक दूसरे के कपड़े उतारने लगी. दोनो शलवार और कमीज़ पहने हुए थी. पहले दोनो के शर्ट्स उतर गये देखा तो दोनो की मस्त चुचियाँ नज़र आ रही थी. अनु की चुचियाँ गोल गोल थी और ऋतु की छोटे से लाइट कॉनिकल शेप की थी. एक के बाद एक दोनो एक दूसरे की चुचियाँ चूसने लगी और शलवार के ऊपेर से ही एक दूसरे की चूतो का मसाज करने लगी. और देखते ही

देखते दोनो ने एक दूसरे की शलवारो का नाडा खोल दिया और एक साथ ही दोनो की शलवारें नीचे फ्लोर पे गिर पड़ी और दोनो नंगी हो गयी और इधर मैं भी अपने कपड़े निकाल के नंगा हो गया मेरा लंड बोहोत ज़ोरों से अकड़ गया था और अनु और ऋतु की चूतो को स्प्रिंग की तरह से हिल हिल के प्रणाम करने लगा. दोनो ने भी ब्रस्सिएर नही पहनी हुई थी. अब मेरी आँखें कमरे की धीमी लाइट से ऐसे अड्जस्ट हो गई थी और मुझे इतना सॉफ दिखाई दे रहा था जैसे मैं दिन के टाइम मे देखता हू. मेरे दिमाग़ मे अचानक एक ख़याल आया और मैं अपना कॅमरा वाला मोबाइल और अपने डिजिटल कॅमरा जिस्मै धीमी लाइट मे भी अच्छे रिज़ल्ट की पिक्चर्स और वीडियो की फेसिलिटी थी उठा के ले आया और रेकॉर्ड करने लगा.

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कामुक कहानियाँ

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क्रमशः........

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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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Re: तीन देवियाँ

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Teen Deviyaan paart -1

Mera Naam Raj hai Janane wale log, dost aur family members mujhe pyar se Rajjj aur Raja Babu bhi kehte hai. Mai ek 28 saal ka acha khasa handsome aur ghatele badan ka ladka hu meri body exercised hai acha khasa muscular hu. Height 5’8” gora rang aur mere shareer pe ache khase baal hain. Hairy chest hai. Abhi abhi padhai khatm hui hai result ka wait kar raha hu. Mere dad ka apna Construction and maintenance ka business office hai aur jismai meri mom accounts dekhti hai aur administration mai dad ka sath deti hai unke sath meetings attend karti hai. Mere dad takreeban 52-53 years ke hai aur mom almost 48 – 49 ki hain. Dono kaam karte rehne se abhi tak active hain aur office ko regularly jate hai. Aajkal construction ka kaam boom pe hai isi liye dono bohot hi busy rehte hain aur rat thakk ke wapas aate aur khana kha ke so jate hain. Mere se badi ek behen hai Khushboo jiski shadi abhi kuch hi maheene pehle hui hai wo apni sasural mai hi rehti hai jo mere town se takreeban 200 KM ke distance pe hai. Shadi ke bad 2 – 3 time yaha aee aur wapas apni sasural chali gai wo apne pati ke sath khush hai. Uske pati ka bhi cement ka whole sale business hai.

Mere uncle Sameer kareeb ke hi ek village mei kaam karte hai. Unki ek hi beti hai jiska nam Anupama Devi hai pyar se usko sab Anu pukarte hain. Anu 19 - 20 saal ki bohot hi khubsurat ladki hai. Takreeban 5’ 5” ki height hogi. Yeh kahani The Great Warrior ki likhi hui hai Gora rang, Kamar tak jhoolte reshmi light brown colour ke baal, Hasti to dono galo mai chote chote dimples padte, safed moti jaise chamakte dant, light brown badi badi chamakti hirni jaisi aankhein, Sexy Lips jinko dekh ke koi bhi choosne ki kalpana kare, Abhi uske chuchion ko apne hatho se pakda to nahi par lagta hei ke shaed 32 size ke honge, ek dum se sidol badan, Mostly shalwar kameez pehenti hai par kabhi kabhi jeans aur trunk top bhi pehenti aur jab jeans aur trunk pehni hoti hai to uske chuchian bohot mast dikhte aur jab matak matak ke chalti to dono chuchian dheere dheere dance karte ooper neeche hote bade ache lagte aisa lagta jaise parade kar rahe ho shaed wo uss time pe brassier bhi nahi pehenti isi liye chuchian dance karti jinhai dekh ke man karta ke bass abhi pakad ke daba dalu aur mosambi ki tarah se squeeze karu aur aam ( mango ) ki tarah se choosoo

dalu. Raat mai aksar nighty use karti waise kabhi salwar kameez bhi pehenti par mostly nighty mai hi rehti.

Mujhe lagta ke wo thodi proudy type ki ladki hai. Kabhi mujh se seedhe muh baat bhi nahi karti aur kabhi aise show karti hai jaise woh mere ghar mai nahi rehti balki mai uske ghar mai rehta hu. Arey mai yeh batana to bhul hi gaya ke Uncle sameer jaha kaam karte hai waha koi college waghaira nahi hai isi liye Anu ko padhai ke liye hamare ghar mai hi rakha hua hai. Anu B.Com ke 2nd year mai ehi. College ghar se thoda door hai aur wo bus mai aati jaati hai. Meri aur anu ki kuch aisi khaas banti to nahi par kabhi itna bada jhagda bhi nahi hua tha. Bass aapas mai nok jhok tochalti hi rehti. Kabhi khane ki table pe to kabhi padhai ke time pe. Wo hamesha bolti ke usko ladke pasand nahi hain and she hates males don’t know why. Meri samajh mai nahi aata tha ke why she hates males kyonke naturally ladkyan to ladko ko pasand hi karte hai ishq, pyar aur mohabbat bhi ladko se hi karti hai par pata nahi Anu mai aisi kia bat thi jise males pasand nahi the.

Hamara ghar ek double story medium size ki building hai. Neeche mere dad aur mom rehte hain. Mom ke ( Ghutno ) knees mai darad rehta hai ( Joint Pain ) jiski wajah se wo baar baar ooper nahi chadh sakti isi liye wo dono neeche hi ground floor pe rehte hai aur mai ooper ke room mai rehta hu. Actually ooper ke floor pe medium size ke 3 rooms hain. Ek mai meri sister Khushboo rehti thi doosra mera kamra tha aur teesra aise hi spare room jo guest room jaisa tha. Khushboo ki shadi ke bad uska room bhi khali ho gaya tha isi liye Anu ko Khushboo wala room de dia gaya tha. Staircase pe chadte hi ek spare wala Guest room jaisa tha tha jismain kabhi hamare koi relatives waghaira aa jate to wahi rehte aur jab waha koi nahi rehta to wo kamra temporary drawing room jaisa use mai aata tha jaha ek double bed ke sath ek sofa set bhi pada hua tha kabhi mera koi friend aa jata to ham wahi baith ke time pass karte aur kabhi anu ki koi friends aa jati to wo unko leke waha baith jati. Uss room mai ek bada sa TV set bhi rakha hua tha jismai cable aur video connection bhi laga hua tha to kabhi kabhi wo Room TV room jaisa bhi use mai aata tha. aise samjhe ke multipurpose use ka kamra tha. Uss multipurpose room ko laga hua Anu wala room aur teesra room mera tha. Mere room mai ek window thi jo Anu wale room mai khulti thi. Pehle jab meri sister rehti thi tab ham padhte the to apas mai batein bhi kar lia karte the aur books ka exchange bhi isi window dwara

hota tha. Anu wale room aur Multipurpose room ke beech mai bhi ek window lagi hui thi jise kholne ki kabhi zaroorat hi nahi padthi thi par Anu kabhi kabhi hawa ke liye khol bhi lia karti thi waise to hamare room mai hawa aur ventilation ke liye corridor mai ek ek window khulti thi aur jab yeh window khuli hoti to corridors mai se aate jaate koi bhi kamre ke ander ka haal dekh sakta tha. Yeh kahani The Great Warrior ki likhi hui hai Yeh teeno rooms mai attach bath tha. Yun to anu ke ziada friends nahi the bas ek friend thi Shalini Devi Jise woh Shalu keh ke bulati thi. Shalu aur Anu ek hi age ke the aur class fellow bhi. Shalu aksar Anu ke pas aati jaati rehti thi aur kabhi kabhi raat mai anu ke kamre mai uske sath hi so jati thi aur doosre din subah breakfast kar ke apne ghar chali jati. Kabhi Anu uske ghar chali jati aur raat wahi Shalu ke sath hi so jati aur subah wapas aa jati yeh normal routine tha dono ka. Shalu hamare pados mai hi rehti thi aur Anu ki class fellow thi isi liye dono ki bohot dosti thi. Shalu ki height takreeban 5’ 6” hogi. Wo bhi bohot hi gore rang ki thi. Kashmiri Seb jaise gulabi gaal, Matkaati badi badi brown aankhein. Uske bhi light brown colour ke reshmi baal the ziada bade to nahi kamar tak aate the. Shalu ke chuchian medioum size ke apple jaise 34 size ke the bohot gore gore malai jaise bilkul uske rang ke jaise. wo aksar sleeveless shirt pehenti thi jismai se kabhi kabhi uske chuchian bhi jhankte rehte the ya kabhi brassier bhi dikhaee deti thi. Kabhi Brassier pehenti kabhi nahi pehenti. Aur jab brassier nahi pehenti to uske shirt ke ooper se chuchion aur nipple saaf dikhaee dete aur jab apne hath uthaati to uske chuchian dikhayee dete jinhai dekh ke hath machal jata aur mann karta ke abhi side se hath ghusa ke uske mast chuchion ko pakad ke masal dalu. Baghal ke baal shaed daily shave karti thi jisse uski baghal hamesha hi chikni rehti. Uski ek khaas aadat thi wo har thodi der mai apne dono hath aise ooper karti jis se uski baghal saaf dikhai deti. Wo Shaed apni baghal mai roll on perfume bhi lagti thi isi liye uske pas se ek mast smell aati thi. Wo mere sath bat to karti thi bas normal formal jaisi koi khaas intimacy wali bat nahi karti thi. Agar kabhi aisa hota ke Shalu hamare ghar ayee aur Anu nahi mili to wo foran hi wapas chali jati mere sath baith ke gap shap bhi nahi lagati thi meri samajh mai nahi aata tha ke kia inn ladkiyon ko males mai koi interest nahi hai ya phir probably uska koi premi bhi hoga aur isi liye wo mere sath koi extra baat nahi karti. Uski naak bhi patli thi aur uske Lips to bohot hi sexy the gulabi colour ke lips bade mast lagte the aisa lagta tha jaise natural lipstick lagi hui ho. Uski ek khaas aadat thi wo baar baar apne lips pe zuban pherti

rehti jis se uski pink nokeli tip of the tongue bohot sexy lagti mann karta ke pakad ke uski zuban ko choosna shuru kardu. Shalu, Anu se thodi moti thi bhare bhare badan wali. Shalu bhi aksar Shalwar Kameez hi pehenti thi aur kabhi Jeans aur top bhi pehenti. Jeans aur top mai to wo qayamat lagti thi. uske chuchian aur chootad bhi Anu se thode bade the. On the whole Shalu bhi ek bohot hi sexy aur khubsurat ladki thi jise chodne ka khayal har kisi ke mann mei aa sakta tha.

Hamare ghar mai do ( 2 ) housemaids bhi hai ek khana pakane ke liye aur doosri ooper ka kaam karne ke liye jaise room saaf karna bathrooms dhona aur washing machine mei kapde dhone aur ironing karna waghaira waghaira. Khana Pakane wali aurat achi badi umar ki thi aur hamare ghar bohot saalo se kaam karti thi bohot puraani thi isi liye ham sab usko masi kehte the. Masi ki umar koi 50 saal ke lag bhag hogi. Ab to masi kehte kehte itne saal ho gaye the ke hamain unka naam bhi yad nahi raha. Doosri ooper ka kaam karne wali Riteshwari Devi jise short mai Ritu pukarte the jo 14 – 15 saal ki ladki thi. Rang bohot gora bhi nahi aur kala bhi nahi khulta hua saaf rang tha. Uski aankhein bhi badi badi thi, Sexy lips, Chuchian bhi bohot hi chote chote the shaed abhi 28 ke honge Golf ke ball jaise chote chote the, Shaed wo bhi brassier nahi pehenti thi kyonke jab wo chalti to uske tight chote se chuchian uske shirt ke ander hilte bhi nahi the aur nipples ka ubhaar uske shirt mai se saaf nazar aata tha. Ghatela badan, height bhi ziada nahi thi, hogi shaed 4”5” ya 5” ki hogi. Ek choti ladki hi to thi jisey majboori mai kaam karna pad raha tha.. Mostly Shalwar kameez pehenti aur kabhi kabhi Long skirt aur blouse bhi pehenti thi. Usko hamare uncle Sameer ek village se le ke aye the jaha unka construction ka kaam chal raha tha. Ritu ke father ki ek accident mai death ho gai thi aur uski Maa gaoon ( village ) mai hi rehti thi.Ritu hamare ghar mai family member ki tarah permanently rehti thi. Ache khaate peete gharane ki thi par uske daddy ki death ke baad haalat ne use kaam karne par majboor kar dia tha. Ritu apna kaam bohot achi tarah se karti aur badi tezi se bhi karti thi. On the whole Ritu ek bohot hi sexy ladki thi par usko pata nahi tha ke wo kitni sexy hai. Uski Kameez mai se uske chote se boobs ke ubhaar bade mast dikhte bar bar mann karta ke unhai pakad ke uske chuchion ko masal dalu. Waise to kai bar aisa bhi hua hai ke jab mere mom aur dad office chale jate, maasi bhi lunch aur dinner ek sath paka ke apne ghar chali jati to mai aur Ritu akele hi ghar mai rehte par pata nahi kyon use

chodne ka ya uske chuchion ko masalne aur choosne ka khayal mere dimagh mai kabhi nahi aaya..

Ritu ka room neeche hi tha kyon ke sone se pehle meri mom ki tangein dabati thi aur kabhi kisi kaam ke liye rat mai mom pukarti to wo aajati isi liye wo neeche hi rehti thi aur jab mere parents so jate to Ritu bhi apne room mai ja ke so jati. Subah masi thodi der se aati thi tab tak Ritu hi mere parents ko chai ya coffee bana ke de deti aur masi ke aane tak kitchen ki safai bhi kar deti thi Kabhi Kabhi to wo bhi TV wale room mai aa jati aur dono baith ke TV dekhte par wo khamosh hi rehti. TV pe koi hot scene aata to mera louda 90 degree pe khada ho jata aur wo sharmaate aur dheere se muskurate hue uth ke room se baher chali jati. Washing machine aur ironing room ooper ke portion mai hi bana hua tha isi liye Ritu ko jab kapde dhona hote ya ironing karna hota to wo ooper ke portion mai aati. Kai baar mere kamre ki safai ke doran jab wo jhukti to uske conical shape ke chote se chuchian aur uske chote kishmish jaise brown nipples uske shirt ke galey (neck) ke pas se ander tak saaf nazar aaate rehte jinhai dekhte hi mera louda pant ke ander se baher nikalne ko tadapne lagta aur mann karta ke abhi usko neeche lita ke usko chod ke uski tight choot ko phaad dalu par kia karu darta tha ke kahi yeh mere mom aur dad se bol deti to meri to shamat hi aajati aur ek nayee museebat khadi ho jati bass yeh soch ke khamosh hojata aur bathroom mai ja ke Ritu ke naam ki muth mar leta aur khayalo mai apne lund se nikli hui malai ko Ritu ki rasili choot me girte mehsoos karta.

Anu ko hamare sath rehte hue takreeban teen mahine ho gaye the. Din aise hi guzar rahe the. Wo sham mai college se aati. Dinner ke bad kuch der padhti rehti aur rat ke 11 ya 12 baje tak so jati. Mai kuch dino se feel kar raha tha ke mere mom aur dad ke so jane ke bad Ritu ooper Anu ke kamre mai aa jati thi aur phir Anu aur Ritu hasi mazak ki bate karte rehte aur haste rehte. Mai ne koi aisa khaas dhyan nahi dia ke girly talks honge jinhai aapas mai baat karke hasti hogi.

Ek din ki bat hai us din bohot garmi pad rahi thi aur mai kahi baher se wapas aaya tha, as usual mom aur dad to the nahi. Mai baher se ander aaya aur ooper apne room ki taraf jane laga. Mere room mai jane ke liye mujhe Anu ke room ke samne se guzarna padta tha aur yeh ittefak tha ke uske room ki

window khuli hui thi kyonke garmi bohot thi. Mai jab uske room ke samne se ja raha tha to mujhe ek ajeeb kisam ki awaz sunai di aur mai palat ke Anu ki window ki taraf apna muh ghuma ke dekha to ek shock jaisa laga Anu aur Ritu ek doosre ko french kiss kar rahe the dono ki aankhein band thi shaed pleasure se band ho gai hogi aur unhai pata hi nahi chala ke mai unko dekh raha hu. Ek minute tak dekhta hi raha ke kaise Anu aur Ritu ek doosre ki chuchion ko kapdo ke ooper se hi daba rahe hain kabhi kabhi shirt ke ander hath dal ke ek doosre ki chuchion ko masal rahi hai aur kissing mai khoye hue hain aur muh se uuuuuuunnnnhhhh jaisi pleasure ki awazein nikal rahi hai. Mai yeh dekh ke dheeme pairo se bina awaz nikale wapas chala gaya aur neeche utar gaya Kitchen mai ja ke masi se poocha ke lunch mai kia bana rahi hai to pata chala ke aaj lunch aur dinner mai chicken ka salan aur kabab hain. Mai fridge se thanda pani nikal ke pya aur ooper aise chadne laga jaise ke Anu ko pata chal jaye ke mai ooper aa raha hu aur jab mai ooper aaya to dekha ke Anu ke room ka door khul gaya tha aur Ritu room ki safai kar rahi thi. Mai dekh ke muskura dia aur Anu ko poocha ke aaj college nahi gai to usne bola ke nahi aaj kal college mai annual games chal rahe hain isi liye ek week ki chutti hai. Mai apne kamre mai chala gaya aur shower le ke thodi der ke liye so gaya.

Us dopeher ke bad un dono ne mujhe koi shak nahi hone dia ke un ke beech mai kuch romance chal raha hai. Dinner se pehle hi mom aur dad aa gaye the. Ham sab ne sath mai dinner lia. Mom aur dad to office se thakk ke aate the aur khane ke thodi hi der mai sone chale jate. Mai dinner table pe bol dia tha ke mai aaj bohot thakk gaya hu aur jaldi hi so jauga. Dinner ke bad Anu ko neeche hi chhor ke ooper aa gaya aur apne room ke door ko hawa ke liye thoda sa khula rakh ke light band karke khamoshi se apne bed pe let gaya aur gehri neend sone ki acting karne laga. Anu thodi der bad ooper aee aur pehle to mere room ka door khula dekh ke door ke samne aee aur dheere se ander jhank ke dekha jise mai adh khuli aankhon se dekh raha tha par wo samjhi ke mai sach mai gehri neend so gaya hu aur wo TV room mai ja ke TV dekhne lagi. Hamare pas Eurosat ki Dish lagi hui hai jispe Hotbird channels aate hui hai aur late night sex channels bhi open ho jate hai jise mai akele mai dekha karta tha par jab se Anu aaee thi TV pe wo channels dekhne ka moka nahi milta tha. TV ki sound mujhe bohot hi dheemi aa rahi thi jis se pata chalta tha ke shaed Anu sex channel dekh rahi hai Yeh kahani The Great Warrior ki likhi hui hai.

Maine sham ko hi mere aur Anu ke room ke beech ki window ko itna thoda sa khol dia tha ke usko shakk na ho aur mai uske room mai jhank ke dekh saku. Mai ne corridor ki light bhi band ki hui thi is liye baher corridor mai andhera ho gaya tha. Raat ke takreeban 12:30 ho rahe honge TV ki awaz band ho gai aur kisi ke neeche jane ki awaz aane lagi shaed Anu neeche ja rahi thi. Mai ne socha ke shaed pani peene gai hogi par 5 minute ke ander hi mujhe Anu aur Rati ke ooper aane ki awazein aane lagi dono bohot dheemi awaz mai batein kar rahe the mujhe pata nahi chal raha tha ke kia batein kar rahe hain. Anu apne kamre mai jane se pehle ek bar phir se mere kamre mai jhank ke mujhe dekha ke mai so gaya ya nahi. Mai jaan boojh kar snoring karne laga to use yakeen ho gaya ke mai bohot gehri neend so gaya hu.

Anu ke kamre mai dono aa gaye aur Anu ne ander se door band karke lock kar dia. Hamare room ke beech ki window thodi khuli thi jismai se mujhe Ritu ki awaz aaee wo pooch rahi the ke Raja babu so gaye kia to Anu ne kaha haa kab ka so gaya. jab mujhe pakka yakeen ho gaya ke door ander se lock kar dia hai to mai bina awaz kiye apne bed se neeche utar gaya aur window ke pas chala gaya. Anu ne kamre mai jate hi apne kamre ki lights band kar di thi par bathroom ki light jali rehne di aur bathroom ka door bhi band kar dia. Bathroom mai ooper ki taraf hawa ke liye ek choti si opening thi jismai se bohot hi dheemi light kamre ke ander aa rahi thi jis se kamra poora andhera nahi dikh raha tha bass aise lag raha tha jaise candle jali hui ho. Anu aur Ritu ke badan mujhe saaf dikhai de rahe the. Thodi hi der mai meri aankhein bhi andhere mai dekhne ko adjust ho gai thi aur mujhe ab ander ka sab kuch almost saaf dikhai de raha tha. Anu ka bed aisi position mai tha ke mai window se achi tarah se dekh sakta tha. Mai ne dekha ke kamre mai dono aate hi ek doosre se aise lipat gaye jaise puraane lovers ho aur bohot dino ke baad mil rahe ho. Ek doosre ko be tahaasha deep tongue sucking passionate kiss kar rahe they aur apni chootein ek doosre se milane ke liye apni apni gand aage peeche kar rahe the jaise khade khade ek doosre ko chod rahe ho. Aise hi thodi der ek doosre ko kiss karte karte ek doosre ke kapde utarne lage. Dono Shalwar aur kameez pehne hue the. Pehle dono ke shirts utar gaye dekha to dono ke mast chuchian nazar aa rahe the. Anu ke chuchian gol gol the aur Ritu ke chote se light conical shape ke the. Ek ke bad ek dono ek doosre ki chuchian choosne lage aur shalwar ke ooper se hi ek doosre ki chooton ka massage karne lage. Aur dekhte hi

dekhte dono ne ek doosre ki shalwaro ka nada khol dia aur ek sath hi dono ki shalwarein neeche floor pe gir padi aur dono nange ho gaye aur idhar mai bhi apne kapde nikal ke nanga ho gaya mera Lund bohot zoron se akad gayatha aur Anu aur Ritu ki chooton ko spring ki tarah se hil hil ke pranaam karne laga. Yeh kahani The Great Warrior ki likhi hui hai Dono ne bhi brassier nahi pehni hui thi. Ab meri aankhein kamre ki dheemi light se aise adjust ho gai thi aur mujhe itna saaf dikhaee de raha tha jaise mai din ke time mai dekhta hu. Mere dimagh mai achanak ek khayal aaya aur mai apna camera wala mobile aur apne digital camera jismai dheemi light mai bhi ache result ke pictures aur video ki facility thi utha ke le aaya aur record karne laga.

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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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Re: तीन देवियाँ

Post by rajsharma »

तीन देवियाँ पार्ट -2

गतान्क से आगे..................

अब अनु और ऋतु फिर से टंग सकिंग किस करने लगी और दोनो के हाथ एक दूसरे के चूतदो पे थे जिन्है वो ऐसे मसल रही थी जैसा रोटी पकाने का आटा गून्ध्ते हैं और एक दूसरे से चिपकी हुई थी जिस से उनकी चुचियाँ भी एक दूसरे से रगड़ रही थी और दोनो एक दूसरे को ऐसे अपनी ओर खेच रही थी जैसे एक दूसरे को चोदना चाहती हो और उनकी चूते भी आपस मे रगड़ा खा रही थी. दोनो की चूते बिना बालो वाली सॉफ चिकनी मक्खन जैसी थी.

थोड़ी ही देर मे अनु ने ऋतु को बेड पे ऐसे लिटा दिया जिस से ऋतु का आधा बदन बेड पे था और उसकी टाँगें नीचे फ्लोर पे थी. अनु नीचे फ्लोर पे बैठ गई और ऋतु की टाँगें खेच के अपने शोल्डर पे रख ली और ऋतु की चूत पे ऐसे टूट पड़ी जैसे भूके को बोहोत दीनो बाद खाना मिला हो और ऋतु ने फॉरन ही अनु का सर पकड़ के अपने चूत मे घुसेड़ना शुरू कर दिया और अपनी गंद उठा उठा के अनु के मूह को चोदने लगी और उसके मूह से निकल रहा था आआआहह डीईययड्डिईईईईईईईईईई आईिससीईए शियीयीयीयियी आआआहह बोहोत मज़ा आआ रहाआआअ हाईईईईईई दीएददीईए उउफफफफ्फ़ खाआआअ जऊऊऊ आआआऐईईईईहह और अनु थी के जोश मे ऋतु की पूरी चूत अपने मूह मे डाल के काटने लगी जिस से उसकी क्लाइटॉरिस पे अनु के दाँत लग रहे थे और ऋतु के मस्ती भरी चीखें निकल रही थी ऊऊऊऊऊहह दीईद्द्दीईईई आऐईएसस्स्स्सीईई हीईई आआहह उसकी आँखे बंद हो गई थी और वो अपनी गंद ऊपेर उठा उठा के अपनी चूत को अनु के मूह से रगड़ रही थी और बॅस फिर ऋतु का बदन ऐसे काँपने लगा जैसे किसी ने उसका गला दबा दिया हो उसके मूह से आआआआग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्

ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी आवाज़े निकलने लगी और उसने अनु के सर को पकड़ के अपनी चूत मे बड़ी ज़ोर से घुसा दिया

और वो झड़ने लगी उसका ऑर्गॅज़म चलता रहा और उसके हाथ पैर ऐसे ढीले पड़ गये जैसे उसमे से जान ही निकल गई हो और वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी. यह सब देखते हुए मुझे पता ही नही चला के मेरा मूसल जैसा लंड तो पूरी तरह से खड़ा हो गया है और लोहे जैसा सख़्त हो गया है और जोश मे हिल रहा है और लंड के मूह से प्री कम की लकीर निकल के नीचे फ्लोर तक जा रही है.

मुझे हैरानी इस बात की हो रही थी के अनु जो अपने आपको इतना रिज़र्व, सोबर और इनोसेंट पोज़ करती थी कैसे एक नोकारानी की चूत को मज़े ले ले के चाट रही है. ऋतु का ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया था और अब उसकी साँसें भी ठीक होने लगी थी तो उसने अनु को जो अभी तक फ्लोर पे बैठी थी उस की बगल मे हाथ डाल के बेड के ऊपेर खेच लिया और ऋतु ने अनु को किस करते करते कहा दीदी आज तो बोहोत ही मज़ा आगेया इतना मज़ा तो इस से पहले कभी नही आया था. इस सेंटेन्स पे मेरे कान खड़े हो गये मतलब था के इन्न दोनो मे यह चूत की चटाई का खेल बोहोत पहले से ही चल रहा था जिसे मैं ने इत्तेफ़ाक़ से देख लिया था. अनु ने भी कहा के हा आज तुम्हारी चूत का रस्स भी कुछ ज़ियादा ही मीठा था लगता था हनी निकल रहा हो और मैं भी आज कुछ ज़ियादा ही गरम हो गयी थी. अनु बेड पे पीठ के बल लेटी थी और ऋतु उसके ऊपेर चढ़ के आ गई और अनु के बदन के दोनो तरफ अपने दोनो पैर घुटनो से मोड़ के अनु की रानो (थाइस) पे बैठ गई और झुक के अनु की चुचिओ को अपने दोनो हाथो से मसल ने लगी ऐसी पोज़िशन मे दोनो की चूते आमने सामने थी. ऋतु जैसे जैसे आगे पीछे होती उसकी चूत अनु की चूत से टच होती और ऋतु एक बार फिर से गरम होने लगी और थोड़ी देर ऐसे ही पोज़िशन मे हिलते हिलते वो मिशनरी पोज़िशन मे अपने पैर पीछे लंबे कर के अनु के बदन पे लेट गयी और अपनी चूत को अनु की चूत से रगड़ने लगी. अनु ने अपनी टाँगे ऋतु के नीचे से निकाल के उसके गंद पे फोल्ड कर ली. अब पोज़िशन ऐसी थी जैसे ऋतु का (लंड) अनु की चूत मे घुसा के चुदाई कर रही हो. ऋतु अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को अनु की चूत पे ऐसे मार रही थी जैसे एक मेल फीमेल को चोद्ता है और कमरे मे ठप्प ठप्प ठप्प की आवाज़ें आ रही थी और अनु ने अपने हाथ ऋतु की गर्दन मे डाल के उसको अपने ऊपेर खेच लिया और दोनो फिर से टंग सकिंग किस करने लगे. ऋतु के स्पीड बढ़ गई थी और वो ज़ोर ज़ोर से अनु की चूत को अपनी चूत से चोद रही थी और दोनो के मूह से आआआआअहह और उउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स

ऊऊऊऊऊऊहह जैसी आवाज़ें निकल रही थी और उनको जोश मे इतनी भी खबर नही हो रही थी के उनकी इतनी ज़ोर की आवाज़ें मेरे कमरे मे भी आ सकती हैं पर वो तो फुल जोश मे थी. कमरे मे ठप्प ठप्प ठप्प की आवाज़ें बढ़ने लगी और साथ मे उन दोनो की सिसकारिया भी. अनु ने ऋतु को टाइट पकड़ा हुआ था अपने हाथो से और पैरो से और अपनी गंद उठा उठा के उसकी चूत से अपनी चूत को टकरा रही थी दोनो के चुचियाँ बड़ी ज़ोर ज़ोर से हिल हिल के डॅन्स कर रही थी. दोनो के मूह से आआग्ग्ग्घ्ह्ह्ह उउउउग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह उउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ आई और मैं ने देखा के अनु की ग्रिप और टाइट हो गई और दोनो के बदन कापने लगे दोनो जैसे थक्क गये हो और ऋतु का बदन अनु के बदन के ऊपेर गिर पड़ा दोनो ऐसी गहरी गहरी साँसें ले रही थी जैसे लंभी रेस लगा के आई हो.

थोड़ी देर तक दोनो ऐसे ही लेटे लंबी लंबी साँसें लेती रही और फिर जब उनकी ब्रीदिंग नॉर्मल हुई तो ऋतु ऐसे ही अनु के बदन पे लेटे लेटे ही नीचे को सरकने लगी और अनु की चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगी तो फॉरन ही अनु ने ऋतु का सर पकड़ के अपने सीने मे घुसा लिया अनु को बोहोत मज़ा आने लगा था अपनी चुचिओ को चुसवाने का. ऋतु !अनु की चुचिओ को ऐसे चूस रही थी जैसे सच मे दूध पी रही हो. एक चुचि फिर दूसरी चुचि चूस्ति रही और ऐसी पोज़िशन मे ऋतु की चुचियाँ अनु के थाइस से रगड़ने लगी. थोड़ी देर ऐसे ही चुचिओ को चूसने के बाद देखा के अनु अब ऋतु के सर को नीचे की ओर धकेल रही है जैसे कोई सिग्नल दे रही हो और ऋतु ने भी उसके सिग्नल को फॉरन समझ लिया और नीचे को स्लिप हो गई और अनु की दोनो टाँगो के बीचे मे लेट गई और अनु की चिकनी चूत को किस करने लगी. ऋतु अपना मूह ऊपेर उठा के बोली दीदी तुम्हारी चूत मे से तो मस्त ख़्श्बू आ रही है और तुम्हारी चूत का शेहेद (हनी) भी तो बोहोत ही मीठा है तो अनु हसणे लगी और बिना कुछ बोले के ऋतु के सर को अपनी चूत मे धकेल दिया और अपने दोनो पैरो को ऋतु के बॅक पे फोल्ड कर दिया और अपनी गंद उठा उठा के ऋतु के मूह मे अपनी चूत घुसाने लगी. ऋतु भी फुल जोश मे आ गई और अनु की पूरी चूत को अपने मूह मे भर लिया और अपने दांतो से अनु की चूत को काटने लगी जिस से अनु मस्ती और जोश मे तड़पने लगी और अपनी गंद उठा के अपनी चूत से ऋतु के मूह को चोदने लगी. अनु की गंद बेड से तकरीबन 6 – 8 इंच ऊपेर उठी हुई थी और उसकी आँखें फिर से बंद हो गई थी और उसके मूह से मस्ती की सिसकारिया निकलने लगी आआआआआआहह ऱीतुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ आआअहह आईईसस्स्स्सीईईईई हहिईीईईईईई काअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर मेरिइईईईईईईईईई ज्ज्ज्ज्जाआआआन्न्‍ननननननणणन् आआआहह

खााआआआआआअ लीईईईईईई मेरिइईईईई चूऊऊऊऊऊऊऊथत को काआआआआआआत्त्त दाआआआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल साआआअलीईईए कूऊऊऊऊओ. मैं अनु के मूह से ऐसी बातें सुन के हैरान रह गया के अनु ऐसी गंदी बातें भी कर सकती है काइया. आईईईईईईई रीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईत्त्त्टटटटटटटटटतत्त उउउउउउउउउउउउउउउउउउउ ऊऊऊऊऊओिईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआ और फिर देखा के अनु की गंद जल्दी जल्दी ऊपेर नीचे हो रही है और वो ऋतु का सर पकड़ के अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से ऋतु के मूह मे रगड़ने लगी. ऋतु का सर अभी भी अनु ने अपने हाथो से पकड़ा हुआ था और अनु ने ऋतु के सर को अपने दोनो जाँघो के बीच मे बड़ी ज़ोर से दबा लिया और अनु का बदन काँपने लगा और एक लंबी सी आआआआआआआआअग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊओह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स के साथ ही वो झड़ने लगी उसका बदन धीरे धीरे शांत होने लगा और फिर वो शांत हो गई उसका बदन ढीला पड़ गया दोनो हाथ और पैर बेजान हो के बेड पे गिर पड़े अनु लंबी लंबी साँसें लेने लगी. ऋतु थोड़ा ऊपेर को खिसक आई और अनु के साथ ही उसके साइड मे लेट गई और अनु की चुचिओ से खेलने लगी. थोड़ी देर के बाद जब अनु को ऑर्गॅज़म का नशा ख़तम हो गया तो वो दोनो एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट से लेट गये और धीरे धीरे किस करने लगे. अनु बोली ऋतु आज तो तू ने कमाल ही कर दिया ऐसा मज़ा मुझे भी इस से पहले कभी नही आया तो ऋतु बोली हा दीदी मुझे भी कभी नही आया और एक दूसरे के बदन से खेलते खेलते ऋतु बोली के दीदी पता है क्या हुआ आज तो अनु ने पूछा क्या हुआ तो ऋतु बोली के आज जब मैं मेम साहेब के पैर दबा रही थी तो उन्हो ने मुझ से मालिश करने को कहा और जब मैं मालिश करने लगी तो मेम साहेब ने भी अपने जाँघो के अंदर तक मालिश करवाई है. ईतना सुनते ही मेरे कान खड़े हो गये और मैं गौर से सुनने लगा के मेरी मा के बारे मे ऋतु क्या बोल रही है. अनु ने पूछा क्या बोल रही है तू तो ऋतु बोली के हा दीदी आज पता नही मेम साहेब को क्या हुआ था साहेब तो सो गये थे पर मेम साहेब जाग रही थी और मैं जब उनके टाँगें दबा रही थी तो बोली के वाहा से तेल की बॉटल उठा ला और मेरे पैरो पे लगा के मालिश कर दे और जब मैं तेल लगा के मालिश कर रही थी तो उन्हो ने बोला के थोड़ा और ऊपेर तक कर और फिर इसी तरह से थोड़ा और ऊपेर थोड़ा और ऊपेर करते करते मुझे महसूस हुआ के मेरे हाथ उनकी चूत तक चले गये है और फिर भी मेम साहेब थोड़ा और ऊपेर तक कर ऋतु कह रही थी और फिर मुझे अपने हाथो को उनकी चूत तक ले जाना पड़ा और फिर एक दम से मेम साहेब ने मेरे हाथो को अपनी चूत से लगाए लगाए ज़ोर से अपनी

जाँघो से मेरे हाथो को दबा लिया और उनके मूह से बोहोत ज़ोर से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ आईई और मुझे उनकी चूत मे से रस्स की स्मेल आई और उनकी चूत का रस्स मेरी उंगलिओ पे लग गया. मेरे ख़याल से मेम साहेब भी शाएद मेरे मसाज करने से झाड़ गई होगी तो अनु ने कहा यह क्या बोल रही है तू तो उसने कहा मैं सच कह रही हू दीदी और बोली के हो तो सकता है ना दीदी क्यॉंके साहेब तो जल्दी सो जाते है हो सकता है के अब साहेब बोहोत ज़ियादा ऑफीस मे काम करते थक्क जाते होगे और हर वक़्त काम के बारे मे ही सोचते रहने की वजह से उनका लंड नही उठ ता होगा इसी लिए मेम साहेब भी मेरे मसाज करने से गरम हो गई होगी क्या पता. इस से पहले भी ऐसा हो चुका है पर मैं ने इतना ध्यान नही दिया आज जब मेरा हाथ डाइरेक्ट मेम साहेब की चूत पे लगा तो मुझे पता चला के मेम साहेब भी बोहोत ही गरम है और उनको भी सेक्स की इच्छा होती होगी.

इतना सुन के मेरा बदन और जलने लगा और मैं सोचने लगा के क्या ऋतु सच बोल रही होगी क्या बड़ी उमर की औरतों को भी ऐसे ही जोश आता होगा. मैं कुछ देर तक अपनी ही सोचो मे गुम्म हो गया.

थोड़ी देर तक दोनो बातें करते रहे और फिर मैं ने गौर से सुना तो अनु के खर्रातो की आवाज़ आ रही थी वो नंगी ही सो गई थी और ऋतु अपने कपड़े पहेन के अनु के नंगे बदन पे शॉल डाल के कमरे का डोर खोल के दबे क़दमो से नीचे उतर गई और मैं भी अपने बेड पे चला गया पर सोने से पहले दोनो के नाम की मूठ मारना नही भुला.
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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