बजाज का सफरनामा

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s_bajaj4u
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

मैंने जैसे ही दूसरा दूध मुँह में लेना चाहा वो सिसक उठी-

आह आइना ! प्लीज मुझे दो न अपनी ये प्यारी प्यारी चूचियाँ ! कितनी मुलायम हैं !उइ सच्ची ?

मैं उसकी चूचियाँ मसलने लगी तो मैंने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये। शालू मेरी चूचियाँ चूसने लगी !

और मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगी-

अह आअह शालू ! आराम से मेरीजान ! आह ! और !
और क्या किया था कपिल ने बताओ न !

तो मेरे दूध पर से अपने चिकने गुलाबी होंठ हटाते हुए मुस्कुराकर बोली- और कुछ नहीं करने दिया मैंने !तो मैंने पूछा- क्यों शालू ! दिल नहीं चाहा तुम्हारा।

वो मेरे ऊपर से उतर कर अपने पैर फैला कर बैठी और मुझे भी अपने से चिपका कर बिठा लिया और मेरे दूधों से खेलते हुए बोली-

आइना, सच दिल तो बहुत चाहा लेकिन मैंने अपने को बड़ी मुश्किल से रोका क्योंकि डर लग रहा था।और मेरे दूधों पर ज़बान फेरने लगी तो मेरी आंखें बंद हो गई मज़े में !मेरा हाथ उसके चिकने मुलायम पेट पर आया और मैं उसकी गोल नाभि में उंगली घुमाने लगी-

आह शालू ! सच्ची कितनी लम्बी ज़बान है तुम्हारी ! मैं क्या करूं ! आह मेरे दूध आऐ ए माँ ! अह्ह ! धीरे ! ना ! इतनी ज़ोर से मत नोचो मेरे दूध !

आह आह ओह ऊ ओफ़ शालू प्लीज नहीं ! आअह हन हां अन बस ऐसे ही चूसे जाओ बहुत मज़ा आ रहा है !आइना !

मेरी जान, सच्ची कहां छुपा रखे थे ये प्यारे-प्यारे दूधु तूने ! तो मैं शरम से लाल हो गई उसकी बात सुनकर और उसकी एक चूची ज़ोर से दबाई तो वो चिल्ला कर हँस पड़ी- ऊऊउइ माँ आइना।

तो मैंने उसके होंठ चूम लिये।शालू !हूम्म !तुमने बताया नहीं कपिल और क्या कर रहा था या करना चाह रहा था?तो वो शरमा कर मुस्कुराई-

आइना ! वो तो !

हाँ बोलो ना शालू प्लीज !

तो शालू ने मेरा हाथ अपनी सलवार के नाड़े पर रखा और धीरे से बोली-

वो तो इसे खोलने के मूड में था।फिर शालू?मैंने रोक दिया उसे !

क्यों शालू ? क्यों रोक दिया ? बेचारा कपिल !शालू मेरे गाल पर ज़ोर से काट कर हंस दी-
बड़ी आई कपिल वाली !मैं भी ज़ोर से चिल्ला कर हंस दी-

ऐ शालू बताओ ना क्यों रोक दिया?

तो वो मुसकराई, मैंने कह दिया- ये सब अभी नहीं !
और वो फिर मेरे दूध चूसने लगी ज़ोर ज़ोर से तो मैं पागल हो उठी- आह शालू !

आराम से मेरी जान !

और मैंने उसकी सलवार खोल दी तो वो चौंक गई और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- ये ! ये क्या कर रही हो आइना?

तो मैंने उसके गीले रस भरे होंठ चूम लिये- मेरी शालू जान !

कपिलको नहीं तो मुझे तो दिखा दो !

वो मुझसे लिपट कर मेरे पूरे चेहरे पर प्यार करने लगी- हाय मेरीआइना !

कब से सोच रही थी मैं !

आह मेरी जान !और एकदम से उसने मेरी सलवार भी खोल दी

और उसका हाथ मेरी चिकनी जांघों पर था।

मैं मज़े में चिल्ला पड़ी- ऊऊउइ शा..आ..लू !! ना..आ.. हाय !!

वो मेरे होंठ चूस रही थी और मेरी जांघें सहला रही थी,

मैं मचल रही थी- नहीं शालू ! प्लीज मत करो ! आ..इ..ए ऊ..ऊ..ओ..फ़ ना..आ..ही ना! ओह मैं क्या करूँ !

और उसने एकदम से मेरी जलती हुई चूत पर हाथ रखा तो मैं उछल पड़ी- हाय रे ! आह ! ये क्या कर दिया शालू !मुझे कुछ होश नहीं था,

उसका एक हाथ अब मेरी चूत सहला रहा था जो बुरी तरह गरम हो रही थी, दूसरे हाथ से वो मेरा दूध दबा रही थी और उसकी लम्बी गरम ज़बान मेरे मुँह में हलचल मचा रही थी।मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत झड़ने वाली है।

मैंने उसे लिपटा कर उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा तो वो मचल उठी और मैं भी मस्त हो गई।उसकी सलवार भी उतर चुकी थी,

अब हम दोनों बिल्कुल नंगी थी और बिस्तर पर मचल रही थी- आह आइना ऊ..ओफ़ सच्ची, बहुत गरम चूत है ! उफ़कितनी चिकनी है छोटी सी चूत !

सच्ची बहुत तरसी हूँ इस प्यारी चूत के लिये मैं ! दे दो न प्लीज आइना ये हसीन छोटी सी चूत मुझे!

हाय शालू ! मैं जल रही हूँ !

प्लीज !

आह ! मैं क्या करूँ !मेरा पूरा जिस्म सुलग रहा था

और मैंने शालू के नरम-गरम चूतड़ खूब दबाए और जब एकदम से उसकी चूत पर हाथ रखा तो

वो तड़प उठी- ऊ..ऊ..उइ नी..ईइ..ना कर !
Sanjay Bajaj
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

और मैं तो जैसे निहाल हो गई, उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी, खूब फूली हुई !मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गई, बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था,

शालू की चूत लाल हो रही थी।

क्या देख रही हो आइना ऐसे?
तो मैं अपने होंठों न पर ज़बान फेर कर सिसकी- शालू !!

और एकदम से मैंने उसकी चूत पर प्यार किया तो वो उछल कर बैठ गई।हम दोनों एक दूसरे की चूत सहला रहे थे।

शालू !

हू म्म !

कपिल को नहीं दी यह प्यारी सी चीज़ ?

तो वो शरमा कर मुस्कुराई- ऊँ..हूँह !

क्यों?

तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली- तुम्हारे लिये जो बचा कर रखीहै।

तो मैं हंस दी- हट !

बदतमीज़ !

सच्ची आइना !

वो मेरी चूत धीरे से दबा कर सिसकी- हमेशा सोचती थी कि तुम्हारीयह कैसी होगी?तो मैं शरमा कर मुसकुराई- मेरे बारे मैं क्यों सोचती थी तुम?पता नहीं बस ! तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो ! दिल चाहता है कि तुम्हें प्यार करूँ !मैंने मुस्कुरा कर उसके होंठ चूम लिये- तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया यह सब?तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली- डर लगता था कि तुमको खो न दूँ कहीं !मैंने उसे अपने नंगे बदन से लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये, आहिस्ता से उसे लिटा दिया और झुक कर चूत के उभार पर प्यार कियातो वो मचल उठी- आअह्ह..आआह.. आइना ! मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत !ले मेरी जान ! मेरे प्यार ! और मैंने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की तो शालू ने मेरे नरम चूतड़ पकड़ कर नीचे किये और मेरी चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गई- आह.. आह.. आह.. ऊऊ..औइ शालू !और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आई, मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी।हम दोनों की चीखें निकल पड़ी, दोनों के चूतड़ उछल रहे थे।शालू मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेदमें घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत मेंघुस गया हो, मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर- आ..ऐ..ई..ए.. मा..अ मर जा..ऊँ..गी.. ना.. आ..अ..हि शलु अर्रर्रर्ररे.. आह.. ऊ..ओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हअ आआइ मैं निकल रही हूँ.. ओ शालू !मेरे चूतड़ उछलने लगे और शालू के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी- आइना ! चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर्रे रीईईए आआआअह ऊफ़्फ़ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह्हह्ह ह्हाआआअ !और मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झरना बह निकला हो !रोकते-रोकते भी मेरे गले से नीचे उतर गया !यही हाल शालू का भी था।हम दोनों के चेहरे लाल हो रहे थे, सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं औरहम दोनों एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं कब सो गये।मज़ा आया पढ़ कर?
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

दोस्तों कहानी कैसी लगी कमेंट जरूर दे ताकि आगे से आगे कहानिया और भेजने का मज़ा आये वरना ऐसा लगता ह की कोई इन कहानियो को पढ़ ही नहीं रहा है । तो पplease कहानियो पर कमेंट जरूर करे
Sanjay Bajaj
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

s_bajaj4u wrote:और मैं तो जैसे निहाल हो गई, उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी, खूब फूली हुई !मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गई, बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था,

शालू की चूत लाल हो रही थी।

क्या देख रही हो आइना ऐसे?
तो मैं अपने होंठों न पर ज़बान फेर कर सिसकी- शालू !!

और एकदम से मैंने उसकी चूत पर प्यार किया तो वो उछल कर बैठ गई।हम दोनों एक दूसरे की चूत सहला रहे थे।

शालू !

हू म्म !

कपिल को नहीं दी यह प्यारी सी चीज़ ?

तो वो शरमा कर मुस्कुराई- ऊँ..हूँह !

क्यों?

तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली- तुम्हारे लिये जो बचा कर रखीहै।

तो मैं हंस दी- हट !

बदतमीज़ !

सच्ची आइना !

वो मेरी चूत धीरे से दबा कर सिसकी- हमेशा सोचती थी कि तुम्हारीयह कैसी होगी?

तो मैं शरमा कर मुसकुराई- मेरे बारे मैं क्यों सोचती थी तुम?

पता नहीं बस ! तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो !

दिल चाहता है कि तुम्हें प्यार करूँ !

मैंने मुस्कुरा कर उसके होंठ चूम लिये- तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया यह सब?

तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली- डर लगता था कि तुमको खो न दूँ कहीं !मैंने उसे अपने नंगे बदन से लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये,

आहिस्ता से उसे लिटा दिया और झुक कर चूत के उभार पर प्यार कियातो वो मचल उठी- आअह्ह..आआह.. आइना !

मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत !

ले मेरी जान !

मेरे प्यार !

और मैंने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की तो शालू ने मेरे नरम चूतड़ पकड़ कर नीचे किये और मेरी चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गई- आह.. आह.. आह.. ऊऊ..औइ शालू !

और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आई, मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी।हम दोनों की चीखें निकल पड़ी, दोनों के चूतड़ उछल रहे थे।शालू मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेदमें घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत मेंघुस गया हो,

मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर-

आ..ऐ..ई..ए.. मा..अ मर जा..ऊँ..गी.. ना.. आ..अ..हि शलु अर्रर्रर्ररे.. आह.. ऊ..ओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हअ आआइ मैं निकल रही हूँ..

शालू !मेरे चूतड़ उछलने लगे और शालू के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी-

आइना ! चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर्रे रीईईए आआआअह ऊफ़्फ़ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह्हह्ह ह्हाआआअ !

और मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झरना बह निकला हो

!रोकते-रोकते भी मेरे गले से नीचे उतर गया !

यही हाल शालू का भी था।हम दोनों के चेहरे लाल हो रहे थे, सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं औरहम दोनों एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं कब सो गये।


मज़ा आया पढ़ कर comment जरूर करे दोस्तों
Sanjay Bajaj
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