भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete

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Dolly sharma
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

Post by Dolly sharma »

आशना को अपने नीचे नियंत्रित करके उसने आशना के वक्षों पर अपने होंठ रख दिए. आशना ने भी कोई विरोध नहीं किया बल्कि अब तो वो जल्द से जल्द वीरेंदर को अपने अंदर सामने के लिए आतुर थी. वीरेंदर के इस हमले से आशना निढाल होने लगी और उसके दिल मे वीरेंदर के लिंग की ज़रूरत पल पल बढ़ने लगी.वीरेंदर भी आशना मे आए इस बदलाव को महसूस कर रहा था. वो आशना को इतना मस्त कर देना चाहता था कि आशना खुद उसका अंडरवेअर उतारे और उसमे समा जाने का आग्रह करे.


हालाँकि वीरेंदर के लिए यह काफ़ी कष्टदायक था मगर उसने सयम से काम लेने की सोची. उसे मालूम था कि मिलन की घड़ियाँ नज़दीक हैं.

आशना ने मस्ती मे आकर अपनी योनि को वीरेंदर के लिंग के उभार पर रगड़ना शुरू कर दिया. वीरेंदर के लिंग को अपनी योनि मे समा लेने की इच्छा आशना मे पल-पल प्रबल होते जा रही थी.

आशना: वीर प्लीज़ आ जाइए ना.

वीरेंदर: कहाँ?

आशना: मेरे अंदर,. आहह वीर आ जाइए ना. अब सहन नहीं हो रहा.

वीरेंदर: सहन करने को कॉन बोल रहा है. जो चाहिए, खुद ही लेलो.

आशना मे सेक्स की तड़प इतनी ज़्यादा बढ़ चुकी थी कि उसके लिए रुक पाना मुश्किल था. उसने वीरेंदर के अंडरवेअर की इलास्टिक मे हाथ डाला और उसे नीचे खिसका दिया. वीरेंदर ने उपर उठ कर उसकी मदद की. आशना ने अपने पैरों की उंगलिओ की मदद से अंडरवेर नीचे तक सरका दिया और अपने पैरों से उसे उतार कर दूर फेंक दिया. आशना की इस बेकरारी से वीरेंदर का रोम रोम खिल उठा. यह पहली बार ऐसा हुआ था कि आशना ने अपने हाथों से उसका अंडरवेर उतारा था.

वीरेंदर का अंडरवेर उतार कर आशना ने अपनी योनि को उपर की तरफ करके वीरेंदर के लिंग से छुआया तो उसे कुछ मखमली सा अहसास हुआ.

आशना ने वीरेंदर की आँखों में सवालिया नज़रों से देखा. वीरेंदर को मुस्कुराता हुआ देख कर आशना ने वीरेंदर की पीठ पर मुक्का मारा और बोली: आप बड़ा सताते हो. अब यह क्या है?

वीरेंदर: खुद ही देख लो और यह कहकर वीरेंदर पीठ के बल बिस्तर पर लेट गया. आशना ने झट से उठकर जब वीरेंदर के लिंग की तरफ देखा तो वो मुस्कुराए बिना ना रह सकी और बोली: आप बहुत शैतान हैं. कहाँ कहाँ से आइडियास ढूँढ कर लाते हैं.

वीरेंदर: यह सब तो तुम जब मेरे सामने बिना कपड़ो के होती हो तो अपने आप ही आ जाते हैं.

आशना ने झट से अपनी पैंटी वीरेंदर के लिंग से खींच दी.

वीरेंदर: आह, धीरे करो यार, तुम्हारा ही है. कहीं भागे थोड़े जा रहा है यह.

यह कह कर वीरेंदर ने आशना को अपने उपर खींच लिया. आशना ने अपनी दोनो टाँगे वीरेंदर की कमर के इर्द-गिर्द लपेट ली और अपनी योनि को दिशा देते हुए लिंग के सुपाडे को मुंहाने पर टिका दिया. वीरेंदर की आँखों मे देखते हुए उसने सुपाडे को अपनी योनि मे परविष्ट कर लिया.

वीरेंदर: आईला, रेप, यहाँ तो मेरा ही रेप हो रहा है.

आशना ने बिना कोई जवाब दिए नीचे की तरफ एक ज़बरदस्त धक्का लगाया और आधे से ज़्यादा लिंग अपनी योनि मे उतार लिया. आशना के होंठ उसके दाँतों मे आ गये और दर्द के भाव उसके सारे चेहरे पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे.

आशना संभालती उस से पहले ही वीरेंदर ने आशना के नितंबों पर हाथों की पकड़ बनाकर नीचे से एक करारा धक्का लगा दिया जिस से उसका बचा हुआ लिंग भी आशना की योनि को चीरता हुआ उसमे समा गया. आशना के गले से दर्द भरी चीख निकली लेकिन वो चीख कमरे की दीवारों से टकरा कर उनमे समा गयी.

आशना को संभालने का समय ना देख कर वीरेंदर ने नीचे से लगातार धक्कों का सिलसिला शुरू कर दिया. आशना की आग बहुत पहले की बढ़की हुई थी. कुछ ही धक्कों के बाद उसकी योनि ने पहला सखलन कर दिया.

वीरेंदर लगातार नीचे से धक्के लगाए जा रहा था. आशना निढाल होने लगी तो वीरेंदर ने उसे गोद मे लेकर नीचे से धक्के लगाना शुरू कर दिया. वीरेंदर के इस आसन से आशना फिर से रोमांचित हो गयी. इस आसन से उसकी क्लिट की रागड़ाई भी हो रही थी और उसकी योनि का मर्दन भी. थोड़ी देर इसी अवस्था मे आशना के जिस्म को भोगने के बाद वीरेंदर उसे बाहों मे भरकर बिस्तर से नीचे उतर गया और खड़े खड़े ही उसकी योनि का मंथन करने लगा.
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shubhs
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

Post by student »

nice update dolly ji
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shubhs
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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Do good
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