चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »


एक तरफ उसे ये सोच कर टेन्षन मे थी कि अब दीपा का भूत वापिस आयगा..तो क्या होगा...

दूसरी तरफ उसे इस बात की टेन्षन थी कि जब दामिनी को ये पता चलेगा कि उसने ये राज़ किसी और को बता दिया तो दामिनी क्या करेगी....

और इसके साथ ही साथ कामिनी को सबसे ज़्यादा टेन्षन अपनी बेटी काजल की थी...

कामिनी की नीद खुली तो काजल उसके साने खड़ी हुई थी...जो उसे जगाने आई थी...

काजल को सामने देखते ही कामिनी को रात की बात याद आ गई और उसने काजल को अपने सीने से लगा लिया और रोने लगी....

कामिनी की इस हरकत से और रोने से काजल भी परेसान हो गई..पर उसने चुप रह कर वेट करना ठीक समझा.....

थोड़ी देर बाद भी जब कामिनी ने रोना बंद नही किया तो काजल ने पूछ ही लिया...

काजल- क्या हुआ मोम..कोई बुरा सपना देखा क्या..??

कामिनी(रोते हुए)- हाँ बेटा...बहुत बुरा...

काजल- कम ऑन मोम...आप भी...अब सपने की बात छोड़ो और रेडी हो जाओ...आज डॉक्टर आने वाला है..चेक अप के लिए...

कामिनी ने काजल को अलग किया और अपने आँसू पोछते हुए बोली...

कामिनी- हाँ बेटा...तुम नौकरानी को बुलाओ...

काजल- ह्म...अभी बुलाती हूँ...

और काजल बाहर निकल गई...पर कामिनी के दिल मे अभी भी तूफान मचा हुआ था....

कामिनी ने रेडी होते हुए अपने मन मे कुछ डिसाइड किया और काजल को सब सच बताने का फ़ैसला कर लिया....

थोड़ी देर बाद कामिनी अपने बेड पर काजल के साथ नाश्ता करने बैठी थी...

पर उसके हाथ ना तो खाने की तरफ बढ़ रहे थे और ना ही उसका मन उसके साथ था...

कामिनी को ऐसी हालत मे देख कर काजल ने फिर से सवाल कर दिया....

काजल- मोम...आप अभी भी सपने को ले कर परेसान है...??

कामिनी- हूँ...नही बेटा..वो मैं...कुछ और ही सोच रही थी...

काजल- क्या मोम...ऐसी क्या बात है जो आप इतनी परेसान है...

कामिनी- बेटा...बात ही कुछ ऐसी है...कि ना चाहते हुए भी परेसानि हो जाती है....

काजल- ओके...तो आप मुझे बताइए...शायद मैं कोई सल्यूशन ढूँढ सकूँ...

कामिनी- मैं भी यही सोच रही थी कि तुम्हे अब सच बता ही दूं...

काजल- सच...कैसा सच..और किस बारे मे बोल रही हो आप ...??

कामिनी- बेटा...मैं उस सच की बात कर रही हूँ..जिससे हमारी फॅमिली का वजूद जुड़ा हुआ है...

काजल- क्या...वजूद ..मतलब..और किसके वजूद की बात कर रही हो आप....

कामिनी(उदास हो कर)- सबका बेटी...मेरा...दामिनी दीदी का...तुम्हारे मामा का...तुम बच्चो का...और तुम्हारे उस मामा का जिसे तुम अपना नौकर समझती हो...

काजल- क्या...मेरे 1 और मामा है...और नौकर...क्या बोल रही है मोम...कौन है वो....

कामिनी- वो और कोई नही...कमल है...जो हमारे घर मे नौकर की तरह रहता है...

काजल- व्हाट...कमल...मेरे मामा....आपने इतनी बड़ी बात मुझसे छिपाए रखी मोम...क्यो...??

कामिनी- सिर्फ़ तुमसे ही नही बेटा...ये बात सिर्फ़ 3 लोग ही जानते है...मैं, दामिनी दीदी और कमल...

काजल- पर आप लोगो ने ऐसा क्यो किया मोम...??

कामिनी- क्योकि कमाल को दुनिया से छिपाना था...जब तक कि उसके हिस्से का हक़ उसे ना मिले...अगर पहले ये बात सामने आ जाती तो शायद हमारे दुश्मन कमल को मार देते...


काजल- दुश्मन....कौन दुश्मन मोम..??

कामिनी- वही...जिनसे कमल को हक़ दिलाना है...

काजल- पर हक़ किस बात का..सॉफ-सॉफ बताएँगी....

कामिनी- बताती हूँ...

फिर कामिनी ने सारी बात काजल को बता दी...जितना भी वो जानती थी...

कामिनी- तो ये बात है...ये सारी दौलत..ऐश-ओ-आराम हमारा नही है...ये सब आकाश का है और उसके बेटे का...

काजल- तो क्या आकाश ने सब वापिस माँगा है...

कामिनी- नही...पर माँग भी सकता है....

काजल- पर इस सब से कमल मामा को छिपाने का क्या संबंध...

कामिनी- है...वो इसलिए की अगर कमल की सच्चाई आकाश को पता चलती तो उसे ये भी पता चल जाता कि ये प्रॉपर्टी भी उसकी है...हमारी नही...और हम सब खो देते...

काजल- ओके...माना...पर अब अचानक इतनी टेन्षन किस बात की ..

कामिनी- क्योकि...अब इस राज़ को कोई और भी जान गया है...

काजल- कोई और...कौन...??

कामिनी- वो छोड़...बस टेन्षन इस बात की है कि कहीं आकाश को पता चला तो...

काजल- तो अब क्या करना है मोम...एक काम करो..सीधा आकाश से बात कर लो...जो होगा देखा जायगा...

कामिनी- नही...ऐसा नही कर सकती...दामिनी दी ने मना किया है...

काजल- पर क्यो..??

कामिनी- पता नही..पर शायद कुछ है...जिस वजह से वो आकाश के खानदान को ख़त्म करना चाहती है...

काजल- ख़त्म करने पर...पर ऐसा क्या हुआ था...

कामिनी- नही पता...बुत कुछ बुरा ही हुआ होगा...तभी तो...

काजल- ओके...पर अब आप कब तक ऐसे टेन्षन मे रहेगी..मैं तो कहती हूँ की आकाश से बात कर लो...

कामिनी- नही...पर 1 काम हो सकता है..जिससे शायद हम तो सेफ हो जायगे...

काजल- क्या...

कामिनी- सुनो...1 प्लान है...

फिर कामिनी , काजल को प्लान समझाती रही...जिसे सुन कर काजल को गुस्सा आ गया...

काजल- क्या..आप ऐसा सोच भी कैसे सकती हो...मैं क्या ऐसी..

कामिनी(बीच मे)- सोच नही सकती..जानती हूँ...तुमने दामिनी के साथ मिल कर क्या गुल खिलाए...सब जानती हूँ मैं...

कामिनी की बात सुन कर काजल चुप रह गई और शर्मिंदा हो कर नज़रे झुका ली....

कामिनी- अब मेरी बात सुन...तुझे क्या करना है....

फिर कामिनी का पूरा प्लान सुनने के बाद काजल ने हाँ बोल दी...

काजल- ओके मोम...अब देखो...मैं क्या करती हूँ...सिर्फ़ हमारी प्रॉपर्टी ही नही बल्कि आकाश की पूरी प्रॉपर्टी हमारी होगी....

कामिनी- अगर ऐसा हो जाए तो मज़ा आ जायगा...फिर आकाश की फॅमिली मरे या बचे ...हमे कोई टेन्षन नही...

काजल- ह्म्म..अब मैं जल्दी से अपना काम शुरू कर देती हूँ...अब आप टेन्षन छोड़ो और नाश्ता करो...

फिर दोनो माँ-बेटी नाश्ता करने लगी....

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shubhs
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Re: चूतो का समुंदर

Post by shubhs »

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »


फार्महाउस पर...


मैं, अकरम और संजू सम्राट के गाओं से वापिस फार्महाउस आ गये...

पूरे रास्ते मे हमने कोई खास बात नही की...ज़्यादातर हम खामोश ही रहे....

पर संजू किसी बात से बड़ा नाराज़ दिखाई दे रहा था....

जब हम कार से निकले तो संजू मेरे सामने खड़ा हो कर मुझे गुस्से से देखने लगा...

मैं जानता था कि संजू गुस्सा क्यो है..इसलिए मैने अकरम को वहाँ से भेज दिया....अकरम के जाते ही...

संजू- तू ने मुझे...

मैं(बीच मे)- सस्शह...यहाँ नही...चल मेरे साथ...

और मैं संजू को ले कर गार्डन मे आ गया ..जहाँ हमे कोई सुन ना पाए...

मैं- अब बोल...

संजू- बोलना क्या है भाई...कुछ बोलने लायक छोड़ा है तूने...

मैं- क्या बकवास कर रहा है...सॉफ-सॉफ बोल..

संजू- सॉफ..सॉफ क्या....तूने मुझे फोटो वाली बात क्यो नही बताई...तू जानता था ना सम्राट को...और उसके साथ फोटो मे था कौन...??

मैं- पहली बात ये कि मैं सब बताने वाला था बस टाइम नही मिला...फोटो कल ही देखी थी...समझा...और मुझे कन्फर्म करने का टाइम चाहिए था..

संजू- ओके...मान लिया...पर अकरम को कैसे पता...उसे बताने का टाइम मिल गया...और अकरम मुझसे खास हो गया...हाँ...


( नोट- अक्सर दोस्तो मे ऐसी ग़लतफहमी हो जाती है कि एक दोस्त दूसरे से खास है....बट हमे ऐसा सोचना इग्नोर करना चाहिए...)

मैं- ऐसा कुछ नही..और तू ये जानता है...ओके..

संजू- अच्छा...तभी तो अब तक कुछ नही बताया...हाँ

मैं- तू चुप रहे तो बताऊ ना...

संजू- ओके..अब बोल...

मैं- तो सुन...

और मैने संजू को उस फोटो से रिलेटेड बात बता दी...जिसे सुन कर संजू भी शोक्ड था...

संजू- क्या...वो तेरे दादाजी जो जानता है...

मैं- हाँ...और शायद मुझ पर हमला होना उसी बात से लिंक है...

संजू- ओह माइ ...तो मतलब...वो फिर से हमला कर सकता है...

मैं- शायद...

संजू- तब भी तू इतना रिलॅक्स है..तुझे डर नही लगता क्या...

मैं- लगता है भाई ...बट डर के आगे ही जीत होती है...हाहाहा...

संजू- तू हंस रहा है ...सच मे..तू कमाल है...

मैं- वो तो हू...अब ये छोड़ और चल...अब गुस्सा शांत है ना..

संजू- हाँ यार..चल...

फिर हम दोनो अंदर आ गये....वाहा आते ही सरद ने हमे रेडी होने का बोला....शादी मे जाने के लिए...

फिर हम रूम्स मे आ गये...रूम मे आते ही मुझे कुछ याद आया और मैं अकरम के रूम पर चला गया...

मैं- अकराआआमम्म्ममम....

गेट खोलते ही मैं अकरम को आवाज़ देता....उससे पहले ही सामने का नज़ारा देख कर मेरा मूह खुला का खुला रह गया........
गेट खोलते ही एक मस्त नज़ारा मेरे सामने आ गया था...और देखते ही देखते वो नज़ारा और भी मस्त हो गया था...

जैसे ही मैने गेट खोला था तो मेरे सामने अकरम की मोम शबनम टवल मे खड़ी हुई थी...

पर गेट की ओर मेरी आवाज़ सुनते ही वो पलटी तो जल्दबाज़ी मे उनकी टवल हाथ से फिसल गई और उनका नंगा गोरा बदन मेरी नज़रों के सामने आ गया....

मैने सोचा भी नही था कि अकरम के रूम मे मुझे इतना हॉट सीन देखने को मिलेगा...

और वो भी अकरम की मोम...जिनका नंगा बदन देख कर मेरा मूह खुला रह गया और मैं कुछ नही बोल पाया....

यहाँ मेरी ही तरह शबनम का हाल था...वो भी मुझे देख कर चौंक गई और घबराहट मे अपनी टवल भी नही संभाल पाई...

अगले कुछ पल मैं शबनम के नंगे जिस्म को देखता रहा और फिर होश मे आते ही सबसे पहले मैने गेट को लॉक कर दिया....

गेट लॉक करते ही शबनम घबरा गई...

शबनम- तुमने गेट क्यो....

मैं(बीच मे)- ताकि कोई और ना आए..

शबनम- तो तुम क्या करने वाले हो...

मैं- कुछ नही...ये बताओ कि आप यहाँ इस हालत मे ...क्या कर रही थी...??

शबनम- मैं तो यहाँ बाथरूम उसे करने आई थी..मेरे रूम का बिज़ी है...

मैं- लेकिन ऐसी भी क्या जल्दी थी कि गेट भी नही लॉक किया...

शबनम- मैने बाथरूम जाने से पहले अकरम को बोला था..कि लॉक कर के जाना...शायद भूल गया...

मैं- ओह्ह...कोई नही...वैसे अकरम कहाँ है..

शबनम- शायद रूही के पास गया हो..

मैं- ओके...मैं जाता हूँ...और हां..ये टवल तो उठा लो...वरना...

और मैं मुस्कुरा दिया...
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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शबनम- वरना क्या...तुमसे क्या छिपा है जो टवल उठाऊ...तुमने तो सब देखा है ना...

मैं- ह्म्म...जो बाकी है वो भी देख लुगा...पर अभी नही...उठा लो..

शबनम ने टवल वापिस लपेट ली और मैं गेट ओपन कर के बाहर जाने लगा..

तभी मैं पीछे मूढ़ कर शबनम से बोला....

मैं- वैसे चिकनी लग रही हो...आज तो हाथ फिसल कर रहेगा....

और मेरी बात सुन कर शबनम शर्मा गई और मैं मुस्कुराते हुए बाहर निकल आया.....

फिर थोड़ी देर बाद हम सब शादी मे जाने के लिए रेडी हो गये....

यहाँ सभी औरते और लड़कियों ने फॅन्सी ड्रेस ही पहनी हुई थी..क्योकि कोई भी शादी वाले कपड़े नही लाया था.....

सारी लॅडीस मस्त दिख रही थी...और इनमे से सबसे हॉट तो मुझे शबनम ही लग रही थी....

शायद थोड़ी देर पहले उसका नंगा जिस्म देखा था इसलिए....

फिर हम सब शादी मे शामिल होने को निकल गये......

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यहाँ सहर मे आज दिन मे....

कामिनी से पूरी बात सुनने के बाद काजल अपने रूम मे आ गई...और सोच मे पड़ गई...

काजल ने कामिनी को कह तो दिया था कि वो आकाश की प्रॉपर्टी को हथिया लेगी...पर अब सवाल ये था कि कैसे...

काजल ने सोचा था कि वो अंकित को अपने जाल मे फसा कर अपना काम निकलवा लेगी...पर उसमे भी एक सवाल था की आख़िर शुरुआत कैसे होगी...

काजल और अंकित की पिछली मुलाक़ाते कुछ खास नही थी...

ज़्यादातर काजल ने अंकित को किल्लर लुक ही दिया था...और अभी तक कोई बात भी नही की थी...

काजल कुछ देर सोचती रही कि वो किस तरह से अंकित की तरफ आगे बढ़े...

काफ़ी देर बाद उसने कुछ डिसाइड किए और घर से निकल गई....


थोड़ी देर बाद काजल एक घर के सामने खड़ी थी...और डोरबेल बजाते ही उसके सामने एक लड़की आ गई...ये सोनम थी....जो काजल को देखते ही बोली...

सोनम- अरे महारानी ...आप खुद यहाँ...ये तो कमाल हो गया....ज़रूर कोई काम होगा....है ना..

काजल- सही समझी....अब यही खड़ा रखेगी या अंदर भी आउ...

सिनम- अरे...सॉरी...चल अंदर...

फिर दोनो अंदर बैठ कर बाते करने लगी...

काजल- अच्छा...पहले ये बता की घर मे कौन-कौन है अभी....??

सोनम- घर मे...कोई नही...मैं अकेली ही हूँ...क्यो...??

काजल- गुड...तो अब मेरी बात सुन..तुझसे एक ज़रूरी काम है...

सोनम- हाँ बोल...

फिर काजल ने सोनम से कुछ बात की जिसे सुनकर सोनम परेसान भी हो गई और दुखी भी....बात पूरी करने के बाद थोड़ी देर दोनो चुप रही...फिर काजल बोली...

काजल- तो अब बता...करेगी मेरा काम...??

सोनम(सोच मे डूबी रही...)

काजल(सोनम को हिला कर)- हेलो...कहाँ खो गई...

सोनम- ह्म्म्मा...कही नही...बोल ना...

काजल- सब तो बोल दिया...अब तुझे बोलना है...मेरी हेल्प करेगी ना...

सोनम- हाँ...क्यो नही..बट...

काजल- बट क्या..??

सोनम(खड़े हो कर)- ये सब कब हुआ...आइ मीन...

काजल(बीच मे)- मीन को छोड़...बस ये बता कि मेरा काम करेगी या नही...

सोनम- तू जानती है कि मैं तुझे मना नही कर सकती...और ये तो तेरी खुशी की बात है....मैं करूगी...

काजल- ह्म्म..माइ स्वीट सिस..लव यू...

और काजल ने सोनम को गले लगा कर गाल पर किस कर दिया...

काजल- अच्छा...अब मैं चलती हूँ...मोम अकेली है घर पर...ओके...

सोनम- ह्म्म..पर ये तो बता कि ये सब करूँ कैसे...और कब..

काजल- ओह हो...तू एक लड़की है...कुछ भी कर सकती है...और कब का मैं तुझे जल्दी बताउन्गी...चल अब बाइ...

सोनम- ह्म्म..बाइ...

फिर काजल अपने घर निकल गई और सोनम अपनी आँख मे आए आँसू को पोछ कर किसी सोच मे डूब गई.....

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