एक राजा और चार रानियाँ complete

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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »


शबनम और सॅम की साँसें फूलने लगती है

सॅम;शबनम के पैर चौड़े कर देता है और अपना लंड उसकी चूत पे घिसने लगता है

शबनम;सॅम की आँखों में देखती है उस नाइट लॅंप की रोशनी में भी सॅम आसानी से शबनम की आँखों में ये देख सकता था कि शबनम उसे क्या कह रही है
और सॅम ;बिना देर किए अपना लंड को शबनम की चूत की गहराईयो मे पेलता चला जाता है

शबनम;हल्के से अहह ऊइईई अम्मी गगगगगगगग उन्न्ह अहह

तभी ज़ेबा करवट बदलती है
सॅम और शबनम की जान हलक में आके जैसे अटक जाती है
दोनो धड़कते दिल से ज़ेबा की आँखों की तरफ देखते है
ज़ेबा;की आँखे बंद थी ऐसे लग रहा था जैसे वो गहरी नींद में सोई हुई है

कुछ सेकेंड बाद सॅम की कमर नीचे उपर होने लगती है
शबनम;उसे देखती है और फिर दोनो के होंठ आपस में मिलते चले जाते है
और फॅक फॅक की आवाज़ के साथ सॅम अपने लंड को शबनम की चूत में डालते चला जाता है

शबनम;धीरे से अहह सॅम अहह धीरे उन्ह्ह्ह्ह्ह अम्मी उठ जाएँगी बेड के हिलने से अहहहहहहः आराम से नाआआआआआ

सॅम;कुछ नही होगा भाभी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह में क्या करूँ आपकी चूत है ही ऐसी कि उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आराम से नहियीईईईई छोड़ सकता

रात के उस अंधेरे में दो जिस्म एक जान बने हुए थे ये एक दिलकश नज़ारा था अपनी अम्मी के पास लेट के एक बेटी अपने देवर से आराम आराम से चुद रही थी

शबनम;अपने दोनो पैर सॅम की कमर से लपेट लेती है
और सॅम ;दना दन अपना लंड को शबनम की चूत में बच्चे दानी से टकराता चला जाता है अहहहहहहहहहः

शबनम;उस मुकाम पे पहुँच चुकी थी जहाँ एक औरत से रुकना ना मुमकिन हो जाता है वो सॅम को ज़ोर से चोदने के लिए कहती है

शबनम;अहह उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अंदर तक हन्ंणणन् ऐसे ही सॅम अहह में मर जाउन्गी उह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न ऊउउउउउउउउ

सॅम;के धक्के बेड को हिला रहे थे पर अब ना वो ज़ेबा को देख रहे थे और ना उन्हे उसकी परवाह था

शबनम;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह ज़ोर से अहह सम्म्म्मममममम

सॅम;अपनी गर्दन ज़ेबा की तरफ करता है और उसे एक झटका लगता है ज़ेबा की आँखे खुले हुई थी

सॅम;एक पल के लिए रुका और फिर शबनम के ज़ोर से कहने पे एक ज़ोर दार झटका अंदर देते हुए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

तेरी माँ कू चोदु शबनम अहहहहहहहहहः
ये लफ़्ज सॅम ने ज़ेबा की आँखों में आँखे डालके कहे थे

ज़ेबा;के चेहरे पे एक हल्की सी मुस्कान आजाती है

शबनम;सॅम को चिपकाते हुए झड्ने लगती है उसे पता ही नही था कि ज़ेबा सब कुछ देख चुकी है
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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rajaarkey
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by rajaarkey »

जय पाजी मस्त जा रहे हो
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

सॅम;भी ज़ेबा को देखते हुए ज़ोर ज़ोर से शबनम को चोदने लगता है और फिर अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ के साथ अपना पानी शबनम की चूत में उंड़ेल देता है

10 मिनट अपनी साँसों को संभालने के बाद सॅम उठ के अपने कपड़े पहन के वहाँ से चला जाता है

ज़ेबा;अपनी आँखे बंद कर चुकी थी

जब सॅम वहाँ से गया तो शबनम भी अपनी नाइटी पहन के लेटी ही थी के ज़ेबा ने उसके पेट पे हाथ रखा

शबनम;अंपनी अम्मी की तरफ देखती है

ज़ेबा;मज़ा आया बेटी

शबनम;चौंकते हुए अपनी अम्मी की तरफ देखती है

ज़ेबा; की आँखों में एक अजीब सी चमक थी और चेहरे पे हल्की सी मुस्कान

शबनम;अम्मी वो में वो अम्मी मुझे माफ़ कर दीजिए अम्मी वो बुरी तरह घबरा चुकी थी अच्छा भला दिमाग़ काम करना बंद करचूका था

उसे कुछ सूझ ही नही रहा था उसे पता चल चुका था कि ज़ेबा सब कुछ देख चुकी है और उसकी चोरी पकड़ी जाचूकी है
वो अपनी अम्मी को एक नज़र देखती है और फिर सिसक सिसक के रोने लगती है

ज़ेबा;बेड पे बैठ जाती है और अपनी बेटी का सर अपनी गोद में रख लेती है
अर्रे पगली रोती क्यूँ है में तो पहले दिन ही समझ गयी थी कि तेरे और सम की बीच कुछ चल रहा है
पैदा किया है मेने तुझे तुझ से ज़्यादा धूपकले देखी हूँ
पर में जानती हूँ मेरी बच्ची किस दौर से गुज़र रही है तूने बहुत कुछ सहा है बेटा में तेरी माँ हूँ और माँ अपने बच्चो को हमेशा खुश देखना चाहती है चल चुप होज़ा और मुझे एक बात बता

शबनम;अपना चेहरा उठा के ज़ेबा को देखती है उसके आँसू थम चुके थे और आँखों में सवालिया लहज़ा था

ज़ेबा;में ये जानना चाहती हूँ कि ये सब जो तू कर रही है ये फ्री में है या इसकी फीस भी तुझे मिलेगी

शबनम;क्या मतलब अम्मी

ज़ेबा;अर्रे बेवकूफ़ लड़की सॅम से तेरी शादी की बात कर रही हूँ
तू इन मर्दों की जात को नही जानती जगह जगह मुँह मारने की आदत होती है इन कमिनातो को तू मेरी भोली भाली बच्ची है वो कुछ दिन तेरी लेगा और फिर नई कोई मिल जाएगी तो वहाँ चरने चला जाएगा तू फिर क्या करेगी

शबनम;अम्मी सॅम ऐसा नही है
ज़ेबा;चुप कर अब जैसा में कहती हूँ वैसा करती जा तभी तुझे सॅम मिल पाएगा वरना ज़िंदगी भर हाथ मल्ति रह जाएगी
और कल सॅम को मेरे पास भेज देना मुझे उससे कुछ बात करनी है

शबनम;और ज़ेबा उस रात बहुत देर तक बातें करती रहीं
ज़ेबा;ने अपनी बेटी को वो घुट्टी पिलाई जो उसने अपनी माँ से सीखी थी


सुबह;8 एम;
सॅम;बाथरूम में से नहा के निकला ही था कि सामने खड़ी शबनम को देख ठिठक सा जाता है

अर्रे भाभी आप इस वक़्त
शबनम;परेशान से लहजे में वो सॅम रात को जो कुछ हुआ वो सब अम्मी ने देख लिया है और वो इस ताल्लुक से तुमसे बात करना चाहती है मुझे तो बहुत घबराहट सी होरही है पता नही वो क्या करेंगी

सम;डोंट वरी भाभी में देखता हूँ आप मेरे लिए एक अच्छी सी कॉफी बना के ले आओ

और सॅम शबनम के रूम की तरफ बढ़ जाता है जहाँ ज़ेबा बैठी उसी का इंतजार कर रही थी

सॅम;ज़ेबा के पास जाके बैठ जाता है वो सिर्फ़ टवल लपेटे हुए था
खाला मेने सुना है आपने मुझे याद किया क्या बात है खाला जान

ज़ेबा;ह्म्म्म् म जान तो रात को किसी और को कह रहे थे आप लाट साब
सॅम;उफफफफफफफ्फ़ हो खाला आप कैसी गोलमोल बातें कर रही है मुझे कुछ समझ नही आ रहा

ज़ेबा;उसे घूरते हुए सम ज़्यादा बनने की कोशिश मत करो मेने रात जो कुछ तुम्हारे और शबनम के बीच हुआ सब देखा तुम मेरी बेटी की ज़िंदगी बर्बाद क्यूँ कर रहे हो बोलो क्या मिलेगा तुम्हे ऐसा करके

सॅम;जो कुछ हुआ हम दोनो की रज़ा मंदी से हुआ है खाला चाहें तो आप भाभी से पूछ लो

ज़ेबा;मेने जो पूछना था पूछ चुकी अब तुम ये बताओ कि तुम क्या चाहते हो

सॅम;क्या मतलब

ज़ेबा;मतलब ये कि क्या तुम शबनम से शादी करना चाहते हो क्या ये सिर्फ़ टाइम पास है तुम्हारे लिए
अगर मेरी बेटी की ज़िंदगी के साथ खेलोगे सॅम तो अच्छा नही होगा
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jay
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »


सॅम;ह्म्म्म्म म देखो खाला सब से पहली बात भाभी की इज़्ज़त मुझे भी उतनी ही अज़ीज़ है जितनी की आपको सो डोंट वरी में उन्हे बदनाम नही होने दूँगा रही बात शादी की तो वो में अपनी मर्ज़ी से नही बल्कि अपनी अम्मी की मर्ज़ी से करूँगा वो जिससे कहेंगी जहाँ कहेंगी वहीं शादी करूँगा

और एक बात आइन्दा मुझे धमकाने या डराने की कोशिश करेंगी अगर आप तो भाभी की जगह आप मेरे नीचे होंगी ये बात अच्छी तरह याद रखना

ज़ेबा;के तो जैसे हाथ पैर फूल गये थे सॅम के तेवर देख के वो बात संभालने के हिसाब से थोड़ी नॉर्मल बिहेव करने लगती है

अर्रे बेटा सॅम तू भी ना कहाँ की बात कहाँ ले गया में तो बस ये चाहती हूँ कि शबनम की ज़िंदगी बर्बाद ना हो बस और तेरे नीचे आना इस से ज़्यादा खुशी की बात
वो बोलते बोलते शरमा सी गयी

सॅम;मौका मार दे चौका
ह्म्म्म्म ममम तो फिर इस गुलाब को भी आज रात सूंघ लेगे खाला जनंनननणणन्
ज़ेबा;के लिप्स काँपने लगते है उसने रात में सॅम की चुदाई करीब से देखी थी और सच पूछिए तो उसकी चूत में रात से ही रस टपक रहा था

सॅम;ज़ेबा के एकदम करीब जाके उसके होंठों के सामने बोलता है
रात में माँ और बेटी एक बेड पे नंगी चाहिएं मुझे

ज़ेबा;सॅम की इस बात से सिहर उठती है रोंगटे कितने सालों बाद खड़े हुए थे ज़ेबा के जिस्म के..वो कुछ बोलती उसे पहले शबनम कोफ़ी लेके वहाँ आचुकी थी

और सॅम कॉफी पीक वहाँ से चला जाता है

जब शबनम ;ज़ेबा से पूछती है कि क्या बात हुई तो ज़ेबा के होंठों पे एक हवस की मुस्कान फैल जाती है जिसे शबनम शायद भाँप ली थी

आज आबिद की रवानगी थी सूरत के लिए
उसके मामा सत्तार ख़ान का तो आना नही हुआ था अलबत्ता उन्होने अपने एक मुलाज़िम को कार लेके भेज दिया था

घर का महॉल थोड़ा गमगीन सा हो गया था ऐसा लग रहा था जैसे इस घर से कोई बेटी विदा होके अपने ससुराल जा रही थी और आबिद रो भी तो उसी अंदाज़ में रहा था
जब आबिद अपनी अम्मी नजमा से रोता हुआ चिपका तो मारे गम के नजमा की भी आँखे छलक गयी

और सभी ने आबिद को अगले 6महीनो के लिए सूरत विदा कर दिया

महक;वहीं गेट पे कार जाते देख रही थी
सॅम;सभी के अंदर जाने के बाद उसे छेड़ता है
एक दिन तू भी हमें छोड़ के चली जाएगी महक

महक;उसे पीछे पलट के देखती है पर कुछ नही कहती
सॅम;अर्रे जानवर ने आज काटा नही तेरी तबीयत तो ठीक है ना महक और सॅम उसे इधर उधर हाथ लगा के चेक करने लगता है

महक;उफफफफफफफ्फ़ हो सॅम प्लीज़ लीव मी अलोन

सॅम;थोड़ा सीरीयस होते हुए
मुझसे अभी तक नाराज़ है पार्ट्नर

महक;चुप चाप खड़ी थी

सॅम;उसके सामने आके खड़ा हो जाता है और उसके चेहरे को गौर से देखने लगता है
आइ एम सॉरी महक..

महक;तुझे लड़की और लड़के में कोई डिफ़रेंस दिखता है कि नही तुझे पता भी है तूने क्या हरकत की थी कल मेरे साथ

सॅम;अपने कान पकड़ता हुआ अच्छा बाबा बस देख अब तू हंस दे पट्ठे

महक;अपने जुड़वा भाई से ज़्यादा नाराज़ नही रह सकती थी
वो उसे धमकी वाले अंदाज़ में कहती है आइन्दा ऐसी वैसी हरकत किया ना तो फिर देख मैं स्विच बंद कर दूँगी
और दोनो भाई बहन हंसते हुए अंदर चले जाते है

महक;एक बात कहूँ सॅम'

सम;हाँ बोल ना

महक;तुझ पे यक़ीन करलूँ ऐसा तो नही लगता . सच्चा तो तू है नही
और झूठा भी नही लगता

इससे पहले कि सॅम महक को पकड़ पाता वो हिरण की तरह उछलती हुए अपने रूम में घुस जाती है और डोर बंद करने से पहले सॅम को जीभ दिखा के चिड़ा जाती है

नजमा;अपने रूम में बैठी बेटे के जाने के गम में आँसू बहा रही थी

सॅम;उसके पास बैठ जाता है
अम्मी प्लीज़ आप ऐसे रोए मत ना आपकी तबीयत खराब हो जाती है ना अम्मी

नजमा;अपने आँसू पोछते हुए में कहाँ रो रही हूँ सॅम

सॅम;नजमा;के चेहरे को देखता हुआ एक बात कहूँ अम्मी आप बहुत खूबसूरत हैं और जब आप थोड़ा सा भी रोती है ना तो आपकी नाक एकदम लाल हो जाती है तो आपकी खूबसूरती पे चार चाँद लगाती है

नजमा;अपनी मुँह भर तारीफ सुनके मुस्कुरा देती है

नजमा--ह्म्म्म्म ममम मस्का मारना बंद कर्दे बेटा सॅम तेरी नियत में अच्छी तरह जानती हूँ पर तुझे खाली हाथ ही रहना पड़ेगा ज़िंदगी भर
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Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

सॅम;एक दम सीरीयस हो जाता है और नजमा का चेहरा अपने दोनो हाथों में थाम लेता है
आपको मेरी मोहब्बत पे शक होगा पर में जानता हूँ मेरी मोहब्बत आसमान से भी ज़्यादा बुलंद है

नजमा;मुझ जैसी बूढ़ी औरत में तुझे क्या दिखता है ऐसा

सॅम;;तुझे देख के जोश ए जवानी भी रख्स करती है
तू डाले पाँव पानी में तो पानी भी रख्स करता है
तुझे छूने की खावहिश में हवा रुक रुक के चलती है
और जो छूळे तुझे तो खूब जलती है

और आप खुद को बूढ़ी कहती हो

नजमा;का ये सुनके बुरा हाल हो चुका था शायद दिल के किसी कोने में एक सॉफ्ट कॉर्नर बन गया था सॅम के लिए

नजमा;ये तूने खुद लिखा है मेरे लिए

सॅम;नही अम्मी ये शेर तो एक गुमनाम शायर शम्स ख़ान की है पर जज़्बात मेरे अपने हैं.

नजमा;अपने लखते जिगर को अपने सीने से लगा देती है.

सॅम;के हाथ भी नजमा को कस लेते है और दोनो माँ बेटे एक दूसरे की बाहों में सिमट जाते है ये पहली दफ़ा नही था जब सॅम और नजमा इस हालत में थे पर कितने दिनो से सॅम की हरकतों की वजह से नजमा सॅम से दूरियाँ बनाए हुई थी

सॅम;अपने एक हाथ को नजमा की ब्रेस्ट पे रख के हल्के से दबाता है

नजमा;ऊऊचह क्या कर रहा है छोड़ तुझे मना किया था ना मैने
सॅम;अम्मी कुछ भी तो नही कर रहा हूँ और वो फिर से नजमा की ब्रेस्ट मसल देता है

नजमा;सॅम को पीछे करते हुए देख सॅम कितने मर्तबा मैं तुझे बता चुकी हूँ जो तू फीरोजा के साथ करचूका है वो में अपने साथ कभी नही होने दूँगी चल हट मुझे ऑफीस जाना है

सॅम;नजमा के चेहरे को दोनो हाथों में थामते हुए अम्मी प्लेआसेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ देखो में आपको बताना चाहता हूँ कि में आपसे कितना प्यार करता हूँ

नजमा;अच्छा वो कैसे

सॅम;आपको फीरोजा खाला की तरह प्यार करके

नजमा;फीरोजा का नाम सुनके बिदक जाती है उसे वो सब याद आजाता है जो सॅम ने उसके सामने फीरोजा के साथ किया था
अचानक उसका मोहब्बत वाला लहज़ा खराब सा हो गया था

सॅम ने फीरोजा का नाम लेके अपने पैरों पे कुल्हाड़ी मार दिया था वरना आज नजमा शायद उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

सॅम;कुछ बोलने वाला था कि नजमा उठ के जाने लगती है
तभी सॅम उसका हाथ पकड़ लेता है
अम्मी सुनो ना

नजमा;दरवाज़ा बंद कर देती है और सॅम के सामने खड़ी हो जाती है
अब बोल क्या करना चाहता है तू मेरे साथ

सॅम;को लगा लाइन क्लियर है वो नजमा के पास आके खड़ा हो जाता है और उसकी आँखों में देखते हुए बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ में कहता है
अपनी अम्मी को बीवी की तरह से
इससे पहले वो आगे कुछ और बोल पाता

नजमा;अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा देती है और अपने हाथ पीछे लेजाके ब्लाउस के बाद ब्रा भी खोल देती है
ले सॅम नोच ले मुझे यही चाहता है ना तू अपनी अम्मी को बिस्तर पे लेजाके करले जो करना चाहता है मैं उफफफफ्फ़ तक नही करूँगी पर याद रख इस सब में मेरी मर्ज़ी शामिल नही है मिटा ले अपनी हवस

नजमा;को लगा जैसे उस की इस बात से सॅम शर्म महसूस करके वहाँ से चला जाएगा और फिर आइन्दा कभी ऐसी हरकत नही करेगा आख़िर वो भी सॅम को थप्पड़ मार मार के परेशान हो चुकी थी..

सॅम;की आँखे फटी की फटी रह गई थी उसकी उम्मीद के खिलाफ अमल हुआ था
वो ललचाई हुई नज़रों से नजमा के ब्रेस्ट को देखने लगता है

38डी के सुडोल ब्रेस्ट एकदम सफेद मखमल से एहसास वाले ये मखमले एहसास सॅम को कार में हो चुका था जब वो सब फीरोजा के यहाँ जा रही थी

वो नजमा के पास आता है और उसके बिल्कुल सामने खड़ा हो जाता है

नजमा;अभी भी सॅम को ही देख रही थी

सॅम;सॅम के हाथ कांप रहे थे पर दिल में जोश उफ्फान पे था
वो धड़कते दिल के साथ अपना एक हाथ नजमा के राइट ब्रेस्ट पे रख के हल्के से उसका निपल मसलता है
और फिर नीचे झुक के उसे अपने मुँह में लेलेता है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प स्शह उसने बड़े ज़ोर से काटा था

नजमा;अहह कम्बख़त दूर हट
नजमा जो सोच भी नही सकती थी सॅम ने वो हरकत की थी

सॅम;अम्मी आपको क्या लगा आपके इस तरह मुझे खुला चॅलेंज देने से में शर्मिंदा हो जाउन्गा
अहहहहहह आप ये कैसे भूल गयी कि बेशरम को शरम नही आती
और एक बात मैं ना डास्टर पे शरम करता हूँ और ना बिस्तर पे

अभी आप कपड़े पहन लो क्योंकि मैं आपको पाना चाहता हूँ पर आपकी मर्ज़ी से और आपकी खुशी से उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े पर मेरी मोहब्बत आपके लिए कभी कम नही होने वाली.

सॅम;ये बोलके रुका नही और बाहर की तरफ निकल गया

नजमा;जाने कितनी देर उसी तरह टॉपलेस खड़े खड़े उसकी बातें और उसके अंदाज को निहारती रही

सॅम;ऑफीस के लिए निकल चुका था आज शबनम ने ऑफीस से छुट्टी लेली थी उसे अपनी अम्मी के साथ वक़्त गुज़ारना था

ऑफीस में नजमा का रवैया सॅम के साथ एकदम नॉर्मल था जैसे सुबह कुछ हुआ ही नही

जब सॅम अपनी ऑफीस में बैठा कुछ फाइल्स चेक कर रहा था जब उसके सेल पे शिबा का कॉल आता है

सॅम;हेल्लो जी कैसी हो जानेमन

शिबा;तुम्हारे बिना जल बिन मछली हूँ सॅम आजाओना घर पे

सॅम;हाहः आज नही शिबा ऑफीस में बहुत काम है

शिबा;फिर कब देखो ना मेरी वो रो रो के तुम्हे कितना बुला रही है

सॅम;ह्म्म्म्म म ऐसा करता हूँ में तुम्हे फोन करूँगा ओके
शिबा'ओके मैं इंतजार करूँगी बयययययी

सॅम;जैसे ही बात ख़तम करके घुमा उसे सामने नजमा घूरते हुए मिली

नजमा;किस से बातें कर रहे थे

सॅम;क्यूँ कुछ नही वो फ्रेंड था मेरा आप इस वक़्त मेरे कॅबिन में कुछ काम था

नजमा;काम वाम होते रहेंगे पहले तुम मुझे अपना सेल फोन दिखाओ मैं भी तो देखूं कौनसा फ्रेंड है

सॅम;उफफफफफफफ्फ़ हो अम्मी आप भी ना कभी कभी बिल्कुल बीवी जैसा रिएक्ट करती है
ये कहते हुए सॅम के चेहरे पे मुस्कान आ गई थी

सॅम;एक दम सीरीयस हो जाता है और नजमा का चेहरा अपने दोनो हाथों में थाम लेता है
आपको मेरी मोहब्बत पे शक होगा पर में जानता हूँ मेरी मोहब्बत आसमान से भी ज़्यादा बुलंद है

नजमा;मुझ जैसी बूढ़ी औरत में तुझे क्या दिखता है ऐसा

सॅम;;तुझे देख के जोश ए जवानी भी रख्स करती है
तू डाले पाँव पानी में तो पानी भी रख्स करता है
तुझे छूने की खावहिश में हवा रुक रुक के चलती है
और जो छूळे तुझे तो खूब जलती है

और आप खुद को बूढ़ी कहती हो

नजमा;का ये सुनके बुरा हाल हो चुका था शायद दिल के किसी कोने में एक सॉफ्ट कॉर्नर बन गया था सॅम के लिए

नजमा;ये तूने खुद लिखा है मेरे लिए

सॅम;नही अम्मी ये शेर तो एक गुमनाम शायर शम्स ख़ान की है पर जज़्बात मेरे अपने हैं.

नजमा;अपने लखते जिगर को अपने सीने से लगा देती है.

सॅम;के हाथ भी नजमा को कस लेते है और दोनो माँ बेटे एक दूसरे की बाहों में सिमट जाते है ये पहली दफ़ा नही था जब सॅम और नजमा इस हालत में थे पर कितने दिनो से सॅम की हरकतों की वजह से नजमा सॅम से दूरियाँ बनाए हुई थी

सॅम;अपने एक हाथ को नजमा की ब्रेस्ट पे रख के हल्के से दबाता है

नजमा;ऊऊचह क्या कर रहा है छोड़ तुझे मना किया था ना मैने
सॅम;अम्मी कुछ भी तो नही कर रहा हूँ और वो फिर से नजमा की ब्रेस्ट मसल देता है

नजमा;सॅम को पीछे करते हुए देख सॅम कितने मर्तबा मैं तुझे बता चुकी हूँ जो तू फीरोजा के साथ करचूका है वो में अपने साथ कभी नही होने दूँगी चल हट मुझे ऑफीस जाना है

सॅम;नजमा के चेहरे को दोनो हाथों में थामते हुए अम्मी प्लेआसेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ देखो में आपको बताना चाहता हूँ कि में आपसे कितना प्यार करता हूँ

नजमा;अच्छा वो कैसे

सॅम;आपको फीरोजा खाला की तरह प्यार करके

नजमा;फीरोजा का नाम सुनके बिदक जाती है उसे वो सब याद आजाता है जो सॅम ने उसके सामने फीरोजा के साथ किया था
अचानक उसका मोहब्बत वाला लहज़ा खराब सा हो गया था

सॅम ने फीरोजा का नाम लेके अपने पैरों पे कुल्हाड़ी मार दिया था वरना आज नजमा शायद उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

सॅम;कुछ बोलने वाला था कि नजमा उठ के जाने लगती है
तभी सॅम उसका हाथ पकड़ लेता है
अम्मी सुनो ना

नजमा;दरवाज़ा बंद कर देती है और सॅम के सामने खड़ी हो जाती है
अब बोल क्या करना चाहता है तू मेरे साथ

सॅम;को लगा लाइन क्लियर है वो नजमा के पास आके खड़ा हो जाता है और उसकी आँखों में देखते हुए बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ में कहता है
अपनी अम्मी को बीवी की तरह से
इससे पहले वो आगे कुछ और बोल पाता

नजमा;अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा देती है और अपने हाथ पीछे लेजाके ब्लाउस के बाद ब्रा भी खोल देती है
ले सॅम नोच ले मुझे यही चाहता है ना तू अपनी अम्मी को बिस्तर पे लेजाके करले जो करना चाहता है मैं उफफफफ्फ़ तक नही करूँगी पर याद रख इस सब में मेरी मर्ज़ी शामिल नही है मिटा ले अपनी हवस

नजमा;को लगा जैसे उस की इस बात से सॅम शर्म महसूस करके वहाँ से चला जाएगा और फिर आइन्दा कभी ऐसी हरकत नही करेगा आख़िर वो भी सॅम को थप्पड़ मार मार के परेशान हो चुकी थी..

सॅम;की आँखे फटी की फटी रह गई थी उसकी उम्मीद के खिलाफ अमल हुआ था
वो ललचाई हुई नज़रों से नजमा के ब्रेस्ट को देखने लगता है

38डी के सुडोल ब्रेस्ट एकदम सफेद मखमल से एहसास वाले ये मखमले एहसास सॅम को कार में हो चुका था जब वो सब फीरोजा के यहाँ जा रही थी

वो नजमा के पास आता है और उसके बिल्कुल सामने खड़ा हो जाता है

नजमा;अभी भी सॅम को ही देख रही थी

सॅम;सॅम के हाथ कांप रहे थे पर दिल में जोश उफ्फान पे था
वो धड़कते दिल के साथ अपना एक हाथ नजमा के राइट ब्रेस्ट पे रख के हल्के से उसका निपल मसलता है
और फिर नीचे झुक के उसे अपने मुँह में लेलेता है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प स्शह उसने बड़े ज़ोर से काटा था

नजमा;अहह कम्बख़त दूर हट
नजमा जो सोच भी नही सकती थी सॅम ने वो हरकत की थी

सॅम;अम्मी आपको क्या लगा आपके इस तरह मुझे खुला चॅलेंज देने से में शर्मिंदा हो जाउन्गा
अहहहहहह आप ये कैसे भूल गयी कि बेशरम को शरम नही आती
और एक बात मैं ना डास्टर पे शरम करता हूँ और ना बिस्तर पे

अभी आप कपड़े पहन लो क्योंकि मैं आपको पाना चाहता हूँ पर आपकी मर्ज़ी से और आपकी खुशी से उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े पर मेरी मोहब्बत आपके लिए कभी कम नही होने वाली.

सॅम;ये बोलके रुका नही और बाहर की तरफ निकल गया

नजमा;जाने कितनी देर उसी तरह टॉपलेस खड़े खड़े उसकी बातें और उसके अंदाज को निहारती रही

सॅम;ऑफीस के लिए निकल चुका था आज शबनम ने ऑफीस से छुट्टी लेली थी उसे अपनी अम्मी के साथ वक़्त गुज़ारना था

ऑफीस में नजमा का रवैया सॅम के साथ एकदम नॉर्मल था जैसे सुबह कुछ हुआ ही नही

जब सॅम अपनी ऑफीस में बैठा कुछ फाइल्स चेक कर रहा था जब उसके सेल पे शिबा का कॉल आता है

सॅम;हेल्लो जी कैसी हो जानेमन

शिबा;तुम्हारे बिना जल बिन मछली हूँ सॅम आजाओना घर पे

सॅम;हाहः आज नही शिबा ऑफीस में बहुत काम है

शिबा;फिर कब देखो ना मेरी वो रो रो के तुम्हे कितना बुला रही है

सॅम;ह्म्म्म्म म ऐसा करता हूँ में तुम्हे फोन करूँगा ओके
शिबा'ओके मैं इंतजार करूँगी बयययययी

सॅम;जैसे ही बात ख़तम करके घुमा उसे सामने नजमा घूरते हुए मिली

नजमा;किस से बातें कर रहे थे

सॅम;क्यूँ कुछ नही वो फ्रेंड था मेरा आप इस वक़्त मेरे कॅबिन में कुछ काम था

नजमा;काम वाम होते रहेंगे पहले तुम मुझे अपना सेल फोन दिखाओ मैं भी तो देखूं कौनसा फ्रेंड है

सॅम;उफफफफफफफ्फ़ हो अम्मी आप भी ना कभी कभी बिल्कुल बीवी जैसा रिएक्ट करती है
ये कहते हुए सॅम के चेहरे पे मुस्कान आ गई थी

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