Incest मैं अपने परिवार का दीवाना

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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 18
दिलीप- मैं धीमे कदमो से अंदर गया अंदर का नज़ारा देख के मैं दंग रह गया
मामा जी और बड़ी नानी बाते कर रहे थे
मामी जी अपने रूम में होंगी वँया पढ़ रही थी
[मैं समझ गया यह ज़रूर वँया की बच्ची ने किया है]
मैं दबे पावं अपने कमरे में जा रहा था कि वँया ने मुझे आवाज़ दी
ब मामा मेरी तरफ देखने लगे
[वँया की बच्ची तुझ से तो चुन चुन के बदले लूँगा]
ब मामा- दिलीप इधर आइए
दिलीप- जी मामा जी
ब मामा- कहाँ थे आप 6 घंटो से
दिलीप- अपने दोस्त के यहाँ गया था
ब मामा- कल आप शहेर जाएँगे [जतिन छोटे चाचा] के घर
और विद्या को अपने साथ लेके आएँगे
दिलीप- छोटे मामा का घर कहाँ है यह तो मुझे मालूम ही नही है
ब मामा-पहले पूरी बात सुनिए वँया भी आपके साथ जाएगी
दिलीप- जी मामा जी
[अब वँया मुझे घूर्ने लगी]
यह कहके मैं अपने रूम में गया डोर लॉक किया
मैं अपनी शर्ट पैंट उतार दिया
मैं देखा कि जला हुआ निशान छिल गया है
मैं अपना अंडरवेर भी उतार दिया
मेरा लंड आधा खड़ा था
मैं सोचा गरम पानी से नहाता हूँ आराम मिलेगा
मैं बाथरूम का डोर खोलने ही वाला था की बाथरूम का डोर खुला
मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी
सामने बड़ी मामी कमर से उपर पूरी नंगी खड़ी थी
[मैं तो समझ ही नही पाया कि यह क्या है
बड़ी मामी मेरे रूम के बाथरूम में क्या कर रही है]
बड़ी मामी भी मुझे नही मेरे लंड को देख रही थी
बड़ी मामी से जब मैं नज़रे मिलाई
ब मामी मुझे घूर्ने लगी
मेरी हालत खराब हो गयी
अब क्या होगा कहीं बड़ी मामी ने हिट्लर को बता दिया तो
मैं रोना चाहता था मगर मेरा रोना भी नही निकल रहा था
ब मामी ने मुझे थप्पड़ मार दिया
ब मामी प्लीज़ मुझसे ग़लती हो गयी मुझे नही पता था कि आप यहाँ हैं
बड़ी मामी मुझे माफ़ कर दीजिए
बड़ी मामी मुझे साइड हटके आगे बढ़ गयी
बड़ी मामी अलमारी से अपने कपड़े निकाल के पहनने लगी
[अब मेरे रूम में बड़ी मामी के कपड़े कहाँ से आए
जब मैने अलमारी चेक किया था तब तो अलमारी में मेरे कपड़े थे]
तभी मेरे दिमाग़ की घंटी बजी
अगर बड़ी मामी सच में गुस्सा होती
तो अभी तक वो ममाजी को बता चुकी होती
कहीं मामी मुझे सिड्यूस तो नही करना चाहती
पर ऐसा कैसे हो सकता है
मैं जल्दी से बाथरूम गया
डोर खुला ही रहने दिया
और अपने लंड को उपर नीचे करने लगा
अगर मामी मुझसे चुदवाना चाहती हैं
तो वो मुझे मूठ मारते हुए ज़रूर देखेंगी
मैं अपनी आधी आँखें बंद करके मूठ मारने लगा
मेरी नज़र डोर पे ही थी
अब मैं अपनी आवाज़ तेज कर दिया
ऐसा नही था कि मैं झड़ने वाला था
मैं धीरे धीरे गेट की तरफ बढ़ने लगा
गेट के बाहर झाँका तो मामी दीवार से सट के अपनी आँखें बंद करके अपनी चूत सहला रही थी
मैं मुस्कुरा दिया
मैं मामी के होन्ट पे अपने होन्ट रखके किस करने लगा
मामी होश में आई और मुझे धक्का देने लगी
मैने मामी को गले लगा लिया ज़ोर से किस करने लगा
मामी अभी भी अपने हाथ पैर मार रही थी
मैं मामी के होन्ट से अपने होन्ट अलग किया
ब मामी- दिलीप यह तुम क्या कर रहे छोड़ो मुझे
मैं तुम्हारी मामी हूँ
मेरी मामी होने से पहले आप एक औरत हैं
मामी की आँखों में मुझे नशा दिख रहा था
मैं फिर से मामी के होन्ट चूसने लगा
मामी भी मेरे होन्ट चूसने लगी
मैं मामी की ज़ुबान को मुँह में लेके चूसने लगा
अब मामी मेरी ज़ुबान को मुँह में लेके चूसने लगी
मैं मामी की पीठ सहलाते हुए किस कर रहा था
मेरा लंड मामी के पेट पे रगड़ खा रहा था
मामी मदहोश होने लगी
मैं मामी को अपनी गोद में उठाया और बेड पे ले जाके लिटा दिया
मैं मामी की गर्दन पे होन्ट रखके चूसने लगा
मामी मेरे सर पे उंगलिया फिराने लगी
अब मैं मामी के ब्रा की हुक खोल दिया
और मामी के दोनो दूध को आहिस्ता दबाने लगा
अब मैं मामी के दूध को ज़ोर से दबाने लगा
मामी आहें भरने लगी
मैं मामी के निपल को चूसने लगा और दूसरे निपल को उंगली से मरोड़ने लगा
एक एक करके मैं मामी के दोनो दूध को मुँह में भर के चूसने लगा
मैं मामी के दूध से नीचे आया
और मामी की नाभि पे किस करने लगा
ब मामी- दिलीप और ज़ोर से करो
दिलीप- मैं मामी की नाभि में और ज़ोर से ज़ुबान चलाने लगा
मामी का बदन अकड़ने लगा
मैं मामी की नाभि से मुँह हटा लिया
ब मामी- दिलीप
मामी ज़ोर से चिल्लाई
मैं मामी की नाभि से नीचे गया और मामी की पैंटी निकाल के फेंक दिया
मामी की चूत फूली हुई और एक दम गुलाबी थी
मामी की चूत देख के मेरे मुँह में पानी आ गया
मैं मामी की चूत पे अपना मुँह रख दिया
और चूसने लगा
मामी बोली दिलीप यह क्या कर रहे हो और ज़ोर से करो
मैं मामी की चूत चूस्ते हुए मामी की चूत में अपनी 2 उंगली डालके अंदर बाहर करने लगा
मामी से बर्दाश्त नही हो रहा था
मामी मेरा नाम लेके झड़ने लगी
मामी आँखें बंद करके अपनी साँसे काबू कर रही थी
मैं मामी का हाथ उठाके अपने लंड पे रख दिया
मामी ने अपनी आँख खोल के मुझे देखा
मामी मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी
मैं अपनी आँखें बंद करली
मामी मेरे लंड को अपने मुँह में लेके चूसने लगी
मैने सोचा नही था मामी मेरे लंड को चूसेंगी....

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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 19
दिलीप- मामी को मेरा लंड चूस्ते हुए 10 मिनिट हो गये थे
मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ
मैं मामी के मुँह से अपना लंड निकाल लिया
मामी मुझे घूर्ने लगी
मैने मामी को बेड पे लिटाया
और मामी की चूत पे अपना लंड सेट किया
मैं धक्का लगाने ही वाला था कि
कोई गेट नॉक करने लगा
मेरे और मामी के पैरो तले ज़मीन खिसक गयी
गेट और ज़ोर से नॉक होने लगा
मैं और मामी उसी पोज़िशन में बुत बने हुए थे
तभी किसीने गेट तोड़ दिया
मामी उसको देखते ही बेहोश हो गयी
उसकी आँखों में शोले दहक रहे थे
उसके दोनो हाथ में
बड़ी वाली बंदूक थी
वो मेरी तरफ बढ़ने लगा
मैं पीछे हटने लगा
पीछे हट ते हुए मैं दीवार से सट गया
तभी बड़े मामा ने बड़ी मामी पे दोनो बंदूक से गोली चला दी
मेरी चीख निकल गयी
और मैं होश में आया
मैं होश में आते ही
माआ माआ माआ करके आवाज़ देने लगा
1 घंटे तक मैं माआ को आवाज़ देता रहा
लेकिन माआ नही आई
और मैं बेहोश हो गया
जब मैं अपनी आँखें खोली तो देखा मैं बाथरूम के गेट पे ही सोया हूँ
तब मुझे याद आया कि मुझे अटॅक आया था
और मैं सपने में
मामी के साथ छी मैं इतना कैसे गिर गया
ब मामी अगर इस दुनिया की आखरी औरत भी हुई
तो भी मैं बड़ी मामी के साथ चुदाई नही करूँगा
[मैं सोचा कि पहले तो महीने में 1 बार अटॅक आता था
अभी तो हफ़्ता ही हुआ है
यह एक नयी मुसीबत
बचपन से ही मुझे ऐसा अटॅक आता है
जिसमे मैं खड़े खड़े खुली आँखों से सपने देखने लगता हूँ
और बड़े मामा मेरे सपने में आके किसी मार देते हैं
जब तक बड़े मामा मेरे सपने में किसिको नही मारते
तबतक मैं खुली आँखों से सपने देखता रहता हूँ
इसीलिए बड़ी नानी ने मेरा रूम ऐसा बनवाया है
कि मैं अपने रूम कितना भी चिल्लाऊं
आवाज़ मेरे रूम से बाहर नही जाती और मुझे अटॅक तब आता है
जब मैं अकेला होता हूँ
इसी लिए मैं बड़े मामा से इतना डरता हूँ
मैं बड़ी नानी से कई बार पूछा कि मेरे हर सपने में बड़े मामा
किसी को क्यूँ मार देते हैं और यह सपने मुझे क्यूँ आते हैं
बड़ी नानी यही कहती हैं कि वो सिर्फ़ एक सपना है
मैं उठा बाथरूम जाके नाहया अब थोड़ा सुकून मिला
मैं अलमारी खोलके अपने कपड़े निकाला
अलमारी में दराज भी थे
मैं एक दराज खोलके देखा तो उसमें बहुत सारी रिस्ट . थी
मैने एक अपने हाथ में पहेन ली
मैं दूसरा दराज खोला तो उसमें 2 बटन वाला 2 टच वाला मोबाइल था
मैं दोनो एक एक उठाके साइड में रखा
तभी किसीने गेट नॉक किया
दिलीप- आरहा हूँ
मैने जल्दी से पैंट शर्ट पहना
अभी भी गेट नॉक हो रहा था अरे आरहा हूँ
मैने गेट खोला वँया मुँह बनाए खड़े थी
वँया- इतनी देर से नॉक कर रही हूँ गेट क्यूँ नही खोल रहे हो
दिलीप- बोला तो था कि आरहा हूँ
वँया- कितना झूठ बोलते हो कब बोला था
दिलीप- अच्छा छोड़ो यह बताओ क्या काम है
वँया- नही पहले तुम बोलो कि तुमने झूठ बोला था
दिलीप- मैने झूठ नही बोला है
हर वक़्त मुझ से झगड़ने का बहाना ढूंडती रहती हो
वँया- मैं नही तुम हर वक़्त झगड़ा करते हो झगड़ालू बैल कही का
दिलीप- मुझे झगड़ालू बैल बोलती है तू खुद चीखी चुहिया हर वक़्त चीखती रहती है
वँया- मैं चुहिया नही हूँ
दिलीप- सही कहा तू चुहिया नही चीखी चुहिया है
ब नानी- क्यूँ झगड़ रहे हो अब तुम दोनो बच्चे नही रहे
दिलीप- आपको कैसे पता चला
ब नानी- मेरा बेटा कितना भोला है
तू इतना धीरे बोल रहा था कि पूरे घर में तेरी आवाज़ सुनाई दे रही थी
वँया- यह झगड़ालू बैल है धीरे नही गला फाड़ के बात करता है
दिलीप- और तू चीखी चुहिया है हमेशा चीखती रहती है
ब नानी- अब बंद भी करो लड़ना कि बुलाऊं धर्मेश को
दिलीप- बड़ी नानी मामा जी की बुलाने की ज़रूरत क्या है
हम दोनो तो मज़ाक कर रहे हैं क्यूँ वँया
वँया- हां बड़ी दादी
ब नानी- पर तुम दोनो लड़ क्यूँ रहे थे
वँया- देखिए ना बड़ी दादी मैं इसे खाने के लिए बुलाने आई थी और यह है कि मुझे झुटि बोल रहा है
ब नानी- क्यू रे तू इसे झुटि क्यूँ बोल रहा है
दिलीप- ब नानी जब यह गेट नॉक कर रही थी तब मैं बोला की आ रहा हूँ
फिर भी ये गेट पीट रही थी उपर से मुझे ही झूठा बोल रही है
वँया- हां तो जब मैने सुना ही नही है तो तुम झुटे ही हुए ना
ब नानी- तुम दोनो में से कोई झूठा नही है
दिलीप के रूम से आवाज़ ना बाहर जाती और ना ही अंदर आती है
दिलीप- मैं बड़ी नानी को देखने लगा

यह कह के बड़ी नानी चली गयी
वँया- चलो खाना खाने
दिलीप- नही खाना है
वँया- क्यूँ नही खाना है तुम्हे खाना पड़ेगा
दिलीप- कोई ज़बरदस्ती है क्या मेरी मर्ज़ी मैं खाना खाउ या ना खाउ
वँया- तो ठीक है मैं भी खाना नही खाउन्गी
दिलीप- वँया की इस बात ने मेरी बोलती बंद करदी अच्छा ठीक चलो
वँया- मुझे नही खाना
दिलीप- अब क्या हुआ देखो वँया मेरी तबीयत ठीक नही है मुझे और परेशान मत करो
वँया मेरा हाथ पकड़ के मुझे लेजाने लगी
जब हम बाहर पहुँचे तो वँया ने मेरा हाथ छोड़ दिया शायद मामा जी को देखके
मैं मामा जी को नमस्ते किया और बैठ गया
मामी और वँया ने सबको खाना परोसा
मैं पहला नीवाला बड़ी नानी को खिलाया
बड़ी नानी ने भी मुझे पहला नीवाला खिलाया
मैं दूसरा नीवाला अपने मुँह में डालने ही वाला था कि
ब मामा ने एक ऐसा सवाल पूछा जो मेरे लिए किसी बॉम्ब से कम नही था........
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 20
ब मामा- तुम्हें कोई लड़की पसंद है जिससे तुम शादी करना चाहते हो
दिलीप- नही मामा जी
ब मामा- ठीक है खाना खाओ
दिलीप- [क्या खाना खाओ सारा मूड कराब कर दिया]
मैं खाना खा रहा था
वँया मुझे घूर रही थी
ममाजी और मामा जी खाना ख़ाके अपने रूम में चले गये
बड़ी नानी मैं सुबह शहेर बाइक पे जाऊँगा
मैं बड़ी नानी से पूछा
वँया- मैं नही हम जाएँगे
दिलीप- हाँ पता है
ब नानी- नही बेटा तू कार लेके जाएगा
दिलीप- मुझे कहाँ कार चलानी आती है
ब नानी- ड्राइवर भी तो होगा
दिलीप- सुबह कितने बजे जाना है यहाँ से
ब नानी- 11 बजे
दिलीप- अच्छा ठीक है मैं सोने जा रहा हूँ मैं अपने रूम में आके लेट गया
अभी 9 बजे थे 1 घंटे बाद मैने अपना दोनो मोबाइल जेब में रखा
और वँया के रूम की तरफ जाने लगा
मैं गेट नॉक किया
वँया ने गेट खोला
वँया- क्या है
दिलीप- कुछ नही तुमसे बात करनी थी
वँया- बोलो
दिलीप- गेट पे ही
वँया साइड हो गयी मैं अंदर गया और वँया का रूम देखने लगा
वँया- मेरा रूम देखने आए हो
दिलीप- मैने अपना टच वाला मोबाइल निकाला तुम्हे यह चलना आता है
वँया- क्यूँ तुम्हें नही आता
दिलीप- आता तो तुम्हे क्यूँ बोलता
वँया मेरे हाथ से मोबाइल लेके चलाने लगी मैं ध्यान से देख रहा था
वँया- यह लो वँया ने मोबाइल देते हुए मुझे कहा
दिलीप- बस इतना ही
वँया- 1 घंटे से बता रही हूँ
दिलीप- लेकिन तुमने मोबाइल चलाना कहाँ से सीखा तुम्हारे पास तो मोबाइल भी नही है
वँया- प्रिया दी ने ही मुझे सिखाया
दिलीप- तुमसे एक सवाल पुछु बुरा तो नही मनोगी
वँया- क्या
दिलीप- मेरे हवेली आने से पहले तुम मुझसे ठीक तरह से बात नही करती थी ऐसा क्यूँ
वँया- तुम मेरे एक सवाल का जवाब दो तुम बड़ी दादी से कितना प्यार करते हो
दिलीप- मैं इस दुनिया में सबसे ज़्यादा अपनी बड़ी नानी से प्यार करता हूँ
वँया- बड़ी दादी किसी से बात ना करती हो और ना ही उसे पसंद करती हो तो
दिलीप- तो मैं भी उससे बात नही करूँगा और उससे दूर रहूँगा
[अब मेरी समझ में आ गया कि वँया क्या कहना चाहती है
बड़े मामा हर वक़्त मुझे डाँटते थे मुझे पसंद नही करते थे
इसी लिए वँया भी मुझसे दूर रहती थी]
मैं अपनी सोच में डूबा हुआ था
वँया ने मुझे हिलाया
वँया- कहाँ खो गये
दिलीप- कहीं नही वँया मुझे माफ़ करदो मैने तुम्हे ग़लत समझा
वँया- कोई बात नही
दिलीप- लेकिन आज तुमने मेरे साथ मज़ाक क्यूँ किया
वँया- उसमें भी तुम्हारी ग़लती है आज तुम घर पे आए मुझसे बात भी नही की और बाहर चले गये
दिलीप- अच्छा ठीक है तुम सो जाओ मैं जाता हूँ
वँया- एक मिनिट वँया मेरे हाथ से मोबाइल लेके हम दोनो का एक साथ फोटो खींच लिया
दिलीप- अब जाउ नही तो ममाजी को पता चल जाएगा
वँया- तुम पिताजी से इतना डरते क्यूँ हो
दिलीप- क्यूँ तुम नही डरती हो
वँया- डरती हूँ पर उतना नही नही जितना तुम डरते हो
दिलीप- एक बार मेरे जैसा सपना देख लो मैं बड़बड़ाया
वँया- कुछ कहा तुमने
दिलीप- नही तो यह कहके मैं भागा वहाँ से अपने रूम में आके कपड़े चेंज किया
मोबाइल में सुबह 8बजे का अलार्म लगाया बेड पे लेट ते ही नींद आ गयी
सुबह अलार्म के बजने से मेरी नींद खुली मैं उठा नाहया धोया कपड़े पहना
अपने रूम से बाहर निकला तो हिट्लर पेपर पढ़ रहे थे
ममाजी ने मुझे देखा और फिर पेपर पढ़ने लगे
मैं बड़ी नानी को ढूँडने लगा
बड़ी नानी मामी जी के साथ किचन में थी मैं बड़ी नानी के पास गया
और पीछे से उनकी आँखों पे अपना हाथ रख दिया
ब नानी- मेरा प्यारा बेटा
दिलीप- आप हमेशा मुझे पहचान लेती हैं
ब नानी- क्यूँ तुझे अच्छा नही लगता
दिलीप- बहुत अच्छा लगता है
मैं विनय से मिलके आउ
ब नानी- अभी तो तुझे शहेर जाना है
दिलीप- 1 घंटे में आ जाउन्गा
ब नानी- अच्छा ठीक है पहले नाश्ता करले
दिलीप- विनय के यहाँ करलूंगा
मैं बाहर जाने ही वाला था कि हिट्लर ने मुझे आवाज़ दी
ब नानी- धर्मेश
ब मामा- जी बड़ी माँ
मैं मौका देख के अपनी बाइक से निकल गया
सबसे पहले मोबाइल साइलेंट पे लगाके मोबाइल में 45 मिनिट बाद का अलार्म लगाया
मैं विनय के घर पहुँचा विनय के घर पे ताला लगा था
विनय और माँ शायद खेत गये होंगे
विनय के पड़ोस में बिम्ला रहती थी वो विधवा थी उसकी एक बेटी मेरी ही उमर की थी
और मेरे साथ ही पढ़ती थी
बात यह थी कि विमला के घर से कुछ आवाज़ आ रही थी
और मुझे पक्का यकीन था कि यह चुदाई की आवाज़ है
पहले तो सोचा की रहने दूं फिर सोचा कि बिम्ला तो विधवा है फिर ये चुदवा किससे रही है
मेन गेट बंद था मुझे याद आया कि घर की दूसरी तरफ खिड़की है
मैं उस तरफ गया तो मेरा दिमाग़ घूम गया
बिम्ला की बेटी खिड़की के पास खड़ी थी इसे तो स्कूल में होना चाहिए था
मैं चुपके से खिड़की के पास गया अंदर का नज़ारा देख के मैं दंग रह गया
बिम्ला घोड़ी बनी हुवी थी और गाओं का सरपंच बिम्ला की गंद में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था
पहली बार मैं किसी औरत को गांद मराते हुए देख रहा था
उपर से बिम्ला की बेटी अपनी चूत सहला रही थी मेरा लंड तो खड़ा होगया
मैने अपना मोबाइल निकाला और लगा रेकॉर्डिंग करने जब सरपंच झड गया
तो बिम्ला की बेटी पीछे मूडी मुझे देख के उसकी चीख निकलने वाली थी
कि मैं उसके मुँह पे अपना हाथ रख दिया और कहा
चिल्लाओ मत वरना तुम्हारी माँ की ही बदनामी होगी मैने अपना हाथ हटा लिया
और रेकॉर्डिंग बंद करदी मैं वहाँ से निकलना ही ठीक समझा
1 घंटा होने में 15 मिनिट ही बचा था......
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अपडेट 21
दिलीप- तुम आज स्कूल नही गयी क्या
मैने [बिम्ला की बेटी] से पूछा
वो कुछ बोल ही नही रही थी शायद शरम के कारणया डर गयी थी स्कूल जाओ
मैं दाँत पीस के कहा वो भागी स्कूल की तरफ
मैं ज़मीन से एक पत्थर उठाया
सरपंच की गान्ड पे निशाना लगाके मार दिया
सरपंच को पत्थर लगते ही सरपंच की चीख निकल गयी
मैं बाइक पे बैठा और फुल स्पीड में बाइक चलाने लगा
शूकर है 5मिनिट पहले पहुँच गया हवेली मैं अंदर गया तो देखा
ब मामा की नज़र गेट पे ही थी मैं धीमे कदमो से अंदर गया
ब मामा कुछ बोल पाते उससे पहले ही बड़ी नानी मुझे अपने साथ मेरे रूम में लेगयि

ब नानी- नाश्ता किया

दिलीप- हाँ कर लिया
बड़ी नानी ने मेरे सिर पे एक चपत लगा दी

ब नानी- क्यूँ झूठ बोल रहा है तुझे अच्छे से जानती हूँ

दिलीप- विनय के घर ताला लगा है शायद खेत गया होगा

ब नानी- अच्छा सुन तू अपने छोटे मामा के यहाँ जा तो रहा है कोई कुछ बोले तो चुप चाप सुन लेना

दिलीप- ठीक बड़ी नानी और वैसे एक ही दिन की तो बात हैआज जाउन्गा रात को रुकुंगा
कल सुबह विद्या को लेके आ जाउन्गा और छोटे मामा मुझसे अच्छी तरह बात भी करते हैं

ब नानी- तू विद्या को दीदी क्यूँ नही कहता

दिलीप- विद्या ने मुझसे आज तक बात ही नही की तो मैं उसे दीदी क्यूँ कहूँ

ब नानी- बाते बनाना तो कोई तुझ से सीखे अच्छा जा तेरे बड़े मामा को तुझसे कुछ बात करनी है

मैं बड़ी नानी को देखने लगा

ब नानी- पहले कुछ खा ले

बड़ी नानी मुझे अपने हाथ से खाना खिलाने लगी मैं खाना खाया और चल दिया हिट्लर मामा के पास

दिलीप- मामा जी

ब मामा- बैठो
[मैं बैठ गया]
आज मंडे है तुम्हे विद्या को सनडे तक लेके आना है

दिलीप-[यह क्या नयी मुसीबत है] 6 दिन तक मैं वहाँ क्या करूँगा

ब मामा- यह भी हम बताएँ घूमना फिरना जो चीज़ पसंद आए वो खरीदना

दिलीप- [पैसे कॉन देगा आज तक मैं बड़ी नानी से कुछ नही माँगा तो आपसे माँगने का तो सवाल ही नही है]

ब मामा- यह लो और ज़रूरत पड़े तो जतिन से ले लेना

ब मामा ने नोटो की दो गॅडी जो करीब 1 लाख होगी मेरे हाथ में रखते हुए कहा

दिलीप- [अब हिट्लर के सामने सोचना भी बंद] मैने वो पैसे अपने कोर्ट के जेब में रख लिए

मैं बड़ी नानी के पास उनके रूम में गया

बड़ी नानी यह लीजिए मैने वो पैसे बड़ी नानी को देते हुए कहा

ब नानी- यह मुझे क्यूँ दे रहा है यह तो तुझे धर्मेश ने दिया है

दिलीप- आप तो अंतर्यामी हो गयी

ब नानी- बात मत बदल

दिलीप- आप को पता है मैं यह पैसे नही लूँगा

बड़ी नानी ने वो पैसे मेरे हाथ से लेके अलमारी में रख दिए
और अलमारी से नोटो की 4 गॅडी निकाल के मेरे कॉट की जेब में रखते हुए कहा

ब नानी- अब ठीक है

मैं बड़ी नानी से कुछ कह भी नही पाया बड़ी नानी अगर मुझे विष भी देंगी पीने को तो मैं वो भी पी लूँगा
मैं देखा बड़ी नानी रो रही है

बड़ी नानी क्या हुवा आप रो क्यूँ रही हैं

ब नानी- तू पहली बार मुझसे दूर जा रहा है तेरे बिना मैं कैसे रहूंगी

दिलीप- मैं भी आप से दूर नही जाना चाहता यह तो ममाजी की वजह से
तभी वँया आ गयी

वँया- चलना नही है क्या

ब नानी- अपना और वँया का ख्याल रखना

दिलीप- आप भी अपना ख्याल रखिएगा

मैने और वँया ने बड़ी नानी के पैर छुए
हम बाहर आए तो मामा जी और मामी जी मेन गेट पे खड़े थे
मैने और वँया ने दोनो के पैर छुए

ब मामा- ड्राइवर सारा समान रख दिया गाड़ी में

ड्राइवर- जी मालिक रख दिया है

ब मामा- अपना और वँया का ख्याल रखिएगा मामा जी ने मुझसे कहा
दिलीप- जी मामा जी

मैं और वँया कार में बैठे ड्राइवर गाड़ी चलाने लगा

दिलीप- वँया हमे पहुँचने में कितना टाइम लगेगा

वँया- 4 घंटे लगेंगे

दिलीप- बस मुझे लगा कि 6 घंटे तो लगेंगे ही

वँया- तुम क्या चाहते हो मैं पूरा दिन गाड़ी में बैठी रहूं

दिलीप- भड़क क्यूँ रही हो मैं तो सिर्फ़ पूछ रहा था और मैं अपना मुँह घुमा लिया
1 घंटे तक जब मैं कुछ नही बोला तो

वँया- दिलीप

मैं जवाब नही दिया

वँया- दिलीप सुनो ना मेरा सर दर्द कर रहा है

मैं वँया का सर अपने कंधे पे रखके दबाने लगा थोड़ी देर बाद वँया सो गयी
काका आगे किसी ढाबे पे रोकिएगा मैं ड्राइवर से कहा

ड्राइवर काका- जी छोटे मालिक

थोड़ी देर बाद मुझे भी नींद आने लगी लेकिन मैं सोया नही वँया के लिए....
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 22
दिलीप- काका आगे कोई ढाबा दिख रहा है
ड्राइवर काका- जी छोटे मालिक
मैं वँया को जगाने लगा
वँया- क्या है सोने भी नही देते
दिलीप- उठो तो
काका आप जाइए कुछ खाना है तो खा लीजिए
काका गाड़ी से बाहर चले गये
वँया- अब बोलो क्या है
दिलीप- चाइ पीयोगी
वँया- नही पीनी
दिलीप- सर दर्द कम हो जाएगा
वँया- नही
दिलीप- मान जाओ नही तो उठा के ले जाऊँगा
वँया- तुम और उठाके ले जाओगे पिताजी को अगर पता चला तो
दिलीप- शायद तुम भूल गयी मामा जी ने ही कहा था कि अपना और वँया का ख्याल रखना
वँया- चलो
हम एक टेबल पे बैठ गये
दिलीप- भैया दो चाइ देनामैने ढाबा वाले से कहा
वँया- तुमको याद है विद्या दीदी कैसी दिखती है
दिलीप- मुझे कैसे याद होगा विद्या को देखे हुवे 6 साल हो गये
वँया- तुम उन्हे दीदी क्यूँ नही कहते वो तुमसे 3 साल बड़ी है
दिलीप- तुम भी तो मुझसे 1 साल बड़ी हो तो क्या तुम्हे भी दीदी कहूँ
वँया- कह के तो दिखाओ दाँत तोड़ दूँगी
दिलीप- लो चाइ भी आ गई
हम दोनो ने चाइ पी और गाड़ी में बैठ गये
मैं अपने मोबाइल में सॉंग चालू करके सुनने लगा
मैं काका से पूछा और कितना टाइम लगेगा
ड्राइवर काका- 1 घंटा लगेगा छोटे मालिक
दिलीप- हम शहेर में दाखिल हो गये [बड़ी नानी मुझे हर साल दूसरे शहेर घूमने ले जाती थी
आज 1 साल बाद मैं छोटे मामा से मिलूँगा छोटे मामा 8साल पहले शहेर चले गये थे
लेकिन वो हर साल मुझसे और बड़ी नानी से मिलने आते हैं]
दिलीप- वँया तुम्हे पता है छोटे मामा शहेर क्यूँ चले गये
वँया- मुझे ठीक से याद नही है बाद में बताउन्गी
दिलीप- क्या हुआ काका गाड़ी क्यूँ रोक दी
ड्राइवर काका- बेटा आगे भीड़ लगी हुई है
दिलीप- हाँ तो देखिए ना किस बात की भीड़ है
ड्राइवर काका- अभी देखता हूँ [काका बाहर चले गये]
वँया- यह तो आम बात है जब भी मैं पिताजी के साथ आती हूँ शहेर यहाँ हमेशा कम से कम 1घंटा जाम ही लगा रहता है
ड्रायवर काका- छोटे मालिक कोई लड़की है जो बीच रास्ते पे पड़ी है
दिलीप- चलिए जाके देखते हैं
ड्राइवर काका- छोड़िए ना छोटे मालिक हमे क्या ज़रूरत है
दिलीप- [काका की बात सुनके गुस्सा बहुत आया] चलिए
[मैने काका को घूरते हुए कहा]
हम दोनो भीड़ में घुसते हुए आगे बढ़े
दिलीप- मैं काका को बोला क्या जमाना आ गया है
यहाँ पे कम से कम 500 लोग होंगे फिर भी इनमे से एक भी इस लड़की की मदद नही कर रहा है
लोग यह भूल जाते हैं कल कोई उनका अपना भी ऐसी हालत में हो सकता है काका ने अपनी गर्दन झुका ली
मैं उस लड़की के पास गया
तो देखा कि वो लड़की मेरे ही उमर की है चोट के निशान बहुत थे उसके जिस्म पर
उसके चेहरे पे लाल रंग लगा था इसी वजह से उसका चेहरा सॉफ नही दिख रहा था
मैने उसे अपनी गोद में उठा लिया और जाने लगा
तभी किसी की आवाज़ आई
अरे कहीं लड़की को किडनॅप ना करले पोलीस को फोन करो
दिलीप- कौन बोला कौन बोला
एक आदमी भीड़ से निकल के बिल्कुल मेरे सामने खड़ा हो गया
आदमी- मैं बोला
दिलीप- मैं अपनी लात पूरी ताक़त से उसके मैं पार्ट पे मार दी
वो वहीं पे गिर के दर्द से चिल्लाने लगा
तभी भीड़ के लोग मेरी तरफ बढ़ने लगे
दिलीप- रूको रूको वही पे भीड़ रुक गयी
जब यह लड़की यहाँ पे इतनी देर से पड़ी हुई थी
तो यह मादरचोद देखने नही आया कि यह लड़की जिंदा है कि मर गयी
जब मैं इसको अपने साथ ले जा रहा हूँ तो यह बोलता है कि पोलीस को फोन करो
मेरे आने से पहले इसने पोलीस को फोन क्यूँ नही किया मैं बताता हूँ
क्यूंकी यह अपनी माँ चोद रहा था
मैने एक और लात उसके पेट पे मारा
और वहाँ से आगे बढ़ गया
काका ने गाड़ी का गेट खोला
मैं उसे अपनी गोद में ही रखके बैठ गया
काका जल्दी चाचा जी के घर चलो
काका गाड़ी चलाने लगे
अब तुम्हे क्या हुवा
[मैं वँया से पूछा]
वँया- कुछ नही
दिलीप- 30 मिनिट बाद हम चाचा के घर पहुँचे
काका ने गेट खोला मैं बाहर उतरा और अंदर जाता उससे पहले ही सेक्यूरिटी ने मुझे रोक लिया
दिलीप- सामने से हटो
सेक्यूरिटी- पहले अपनी पहचान बताओ
दिलीप- वँया
वँया को देखते ही सेक्यूरिटी वाला साइड हो गया मैं जल्दी से अंदर गया
छोटी मामी और उनकी बेटियाँ सोफे पे बैठी बातें कर रही थी
सी मामी- कौन हो तुम और अंदर कैसे आए
दिलीप- मैने उस लड़की को ले जाके सोफे पे लिटा दिया
सी मामी- सेक्यूरिटी
[इसके आगे छोटी मामी कुछ बोल ही नही पाई]
वँया तुम यह तुम्हारे साथ है
वँया- चाची जी यह दिलीप है
[छोटी मामी मुझे घूर्ने लगी]
सी मामी- लेकिन यह लड़की कौन है
वँया- यह तो ड्राइवर काका को पता होगा
सी मामी- ड्राइवर कौन है यह लड़की
[फिर ड्राइवर काका ने सारी बात छोटी मामी को बताई गाली छोड़ के]
सी मामी- ठीक है तुम जाओ
[ड्राइवर से]
यह तुम्हारे बाप का घर नही है जो यहाँ किसी को भी उठा लाओ
अरुणा1- मम्मा आप किस भिकारी को समझा रही हैं
जिसे इतनी भी समझ नही है किसकी मदद करनी चाहिए और किसकी नही
अवन्तिका2- इसके लिए बड़ी दादी ने हम से रिश्ता नही रखा
दिलीप- आप सबको जितनी गाली देनी है बाद में दे देना पहले डॉक्टर को बुला दीजिए
[तभी छोटे मामा मैं गेट से अंदर आए
छोटे मामा- दिलीप तुम कब आए और यह लड़की कौन है
दिलीप- मैने छोटे मामा को सारी बात बताई
सी मामा- सविता जल्दी से डॉक्टर बुलाओ
दिलीप- [छोटी मामी ने इतनी जल्दी फोन लगाया कि मुझे हँसी आ गयी
मैं अपना रुमाल निकाला उसे मग में भिगोया और उस लड़की का चेहरा सॉफ किया
उस लड़की का चेहरा देखके सब की चीख निकल गयी
सब के मुँह से सिर्फ़ इतना ही निकला मेघा
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