चूतो का समुंदर
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
क्या सीन था...आंटी आधा लंड मुँह मे भर कर चूस रही थी और गुल बॉल्स को....
आंटी- सस्स्रररूउउग़गग...सस्स्ररूउउगग....सस्स्ररूउउग़गग...
गुल- उउंम..सस्र्र्ररुउप्प्प...उउउंम..उउंम्म....
मैं- आअहह...मज़ा आ गया...चूस्ति रहो....
थोड़ी देर तक आंटी और गुल पूरी शिद्दत से अपना काम करती रही...और साथ मे दोनो एक-दूसरे की हरकतों को भी देखती रही...
मैं- ओह्ह...अब दूसरे को भी मौका दो...हाँ...
मेरी बात का मतलब समझते ही आंटी ने लंड को मुँह से निकाल दिया और गुल ने चुप चाप लंड को मुँह मे भर लिया....और आंटी ने भी बॉल्स पर कब्जा जमा लिया...
मैं- वाउ...समझदार हो...कम ऑन...सक इट बेबीस....फास्टर..फास्टर....
थोड़ी देर और चुसाइ करवाने के बाद मैं पूरी तरह से रेडी हो गया था...पर मैं तो दोनो को मज़े ले कर मज़ा करना चाहता था...
मैने दोनो को रोका और गुल को पूरा नंगा कर के लिटा दिया...
गुल को लिटा कर मैं उसके पैरों के बीच आया और उसकी चूत पर मुँह लगा लिया...
गुल- आअहह...उउउंम्म...
मैं- सस्स्ररुउउप्प्प....सस्रररिपप...आअहह..आंटी..इसे अपनी चूत का मज़ा दे दो...हाँ..कम ऑन आंटी...
मेरी बात सुन कर आंटी कुछ नही बोली...बस गुल के मुँह पर चूत खोल कर बैठ गई...
एर गुल ने भी चुप चाप आंटी की चूत को अपने मुँह मे दबाना शुरू कर दिया...
मैं- सस्स्रररुउउप्प्प....सस्स्र्र्ररुउउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प....
गुल- उउउंम्म...सस्स्रररुउउप्प्प...उउउंम्म....उूउउम्म्म्म....
आंटी- आओउंम...उउउंम्म..आअहह...उउउंम...
गुल की सिसकिया तो आंटी की चूत मे दबा रही थी पर आंटी अपनी सिसकियाँ छिपाने की कोसिस कर रही थी...
मैं समझ गया की अभी भी आंटी शरमा रही है...पर चूत की गर्मी भी बहुत है...
थोड़ी देर की चूत चुसाइ के बाद आंटी और गुल झड़ने लगी....
गुल- उउंम्म..उउउंम...आअहह...उउउंम..उउउंम...आअहह...
आंटी- आअहह...आओउंम..आअहह...आआहह....ऊओह....
दोनो झड़ने के साथ ही ढीली पड़ गई और आंटी, गुल के मुँह से हट कर साइड मे लेट गई...और गुल तेज साँसे लेने लगी...
मैने गुल के चूत रस को चखा और उसे खीच कर उसकी चूत पर लंड फिराने लगा....
गुल ने मेरा इशारा समझा और पैर को हवा मे उठा कर लंड को अंदर जाने की दावत दे दी...
मैने 2 धक्को मे ही लंड को चूत मे डाल दिया...और धीरे-धीरे चुदाई शुरू कर दी...
गुल- आआहह....आआहह...उउउंम्म...
गुल की सिसकी सुनकर आंटी गुल के साइड खिसक आई...
मैं- अरे ...आंटी की चूत खाली...गुल...कुछ करो यार...
आंटी के आते ही गुल ने हाथ बढ़ा कर आंटी की चूत को सहलाना चालू कर दिया...
गुल का हाथ चूत पर लगते ही आंटी भी खुल गई और अपने हाथ से गुल की चूत के दाने को रगड़ने लगी...
मैं धीरे-धीरे गुल की चुदाई करता रहा और गुल और आंटी एक दूसरे की चूत के दाने को प्यार से रगड़ती रही...
अभी भी दोनो एक-दूसरे को देखतो हुई सिसक रही थी...
गुल- आअहह...आअहह...उउउंम्म..आअहह...
आंटी- एसस्स...उउंम्म...फास्ट...आअहह...
मैं- यीहह....क्या बात है...एस्स...एस्स...हाव फन लॅडीस...ह्म..यह..यीह...
थोड़ी देर तक चुदाई करने के बाद मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी...और वजा आंटी और गुल ने आपस मे किस करना शुरू कर दिया....
अब गुल मेरे धक्के खा रही थी और आंटी के होंठो को चूस रही थी...आंटी भी गुल के नाज़ुक होंठों को चूस्ते हुए अपनी चूत को खुद ही रगडे जा रही थी....
आंटी- उउंम्म..उउंम..आअहह..उउउंम...उउंम..
गुल- सस्स्रररुउप्प्प...उउंम..आअहह..आहह..उउउंम्म...
मैं- कम ऑन...एस्स..एस्स..एस्स..एस्स...यीहह...कम ऑन बेबी....
रूम मे बस सिसकियों की आवाज़ें आ रही थी...और साथ मे थप-थप करती गुल की गान्ड की भी...
कुछ देर की चुदाई और रगड़ाई के बाद फिर से आंटी और गुल साथ-साथ झड़ने लगी...
आंटी- आअहह..उउंम..एस्स...येस्स...कँम्मिंग...उउउंम्म..उउंम्म...
मैं- कम ऑन आंटी...एस्स...एस्स...
गुल- उउम्मह...आअहह...आअहह....एस्स...एस्स...ऊओ...ईसस्सस्स......
दोनो के झड़ने के बाद मैने अपना लंड चूत से निकाल दिया....और आंटी की तरफ आ गया....
मैं- मज़ा आया आंटी...
आंटी कुछ नही बोली बस शरमा गई...
- shubhs
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Re: चूतो का समुंदर
अब आगे
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
मैं- और गुल...तुम्हे मज़ा आया...
गुल भी शरमा कर रह गई...
मैं- अब छोड़ो भी शरमाना...कम ऑन...आओ आंटी...
और मैने आंटी को उठा कर किस करना शुरू कर दिया...तभी गुल ने मेरे लंड को हाथ से सहलाना चालू रखा...
मैने आंटी को अपनी गोद मे बैठा कर एक स्ट्रॉंग धक्के के साथ उनकी चूत मे लंड उतार दिया...
आंटी- बबबीएतटाआ....
मैं- मज़ा आया आंटी...
और मैं लेट कर आंटी को अपने लंड पर उछालने लगा...
आंटी भी गुल को देखते हुए अपनी गान्ड को लंड पर उछलवाने लगी और मुस्कुराने लगी...
मैने गुल को अपने मुँह पर आने का इशारा किया और उसकी चूत की फांके खोल कर चूत मे जीभ घुसा कर चोदने लगा...
मैने एक उंगली गुल की गान्ड मे फसा कर उसकी चूत चुसाइ शुरू कर दी....
जिससे गुल आगे झुक गई और उसके सामने आंटी के बड़े-बड़े बूब्स आ गये....
जिसे देख कर गुल रुक नही पाई और आंटी के बूब्स चाटने लगी...
आंटी भी दुगनी मस्ती मे अपनी गान्ड उछाल कर लंड को अंदर-बाहर करने लगी....
गुल- सस्स्ररुउउप्प्प...उउउंम्म..आआहह...उउंम..सस्रररुउपप.. सस्ररुउपप...
आंटी- ओह्ह...कम ऑन बेटा...चूस लो....कम ऑन...
मैं- सस्स्ररुउउप्प्प..उउंम..उउंम..उउंम..उउंम..
गुल- यस आंटी...यू आर सो हॉट...उउंम.उउंम्म..
आंटी- सक इट बेबी....उउउंम्म...एस्स..एस्स..एस्स...
आख़िरकार आंटी और गुल के मुँह से कुछ शब्द सुन कर मैं खुश था और मैने अपना काम जारी रखा...
थोड़ी देर के बाद आंटी और गुल पूरे जोश मे आ गई ...और एक दूसरे को बाहों मे कस कर चूमने लगी...
आंटी- यस बेबी...उउंम...उउंम...यू आर टू सेक्सी...उउउंम...
गुल- आंटी...यू 2....सूपर हॉट...उउंम...
और दोनो पूरे जोश मे अपनी चूत के आग को चूत रस के साथ बाहर निकालने लगी...
आंटी- उंम..ऊहह...मैं गई बेटा...आष्ह..आहह...आहह...
आंटी झड गई और गुल के बूब्स दबाए हुए उसे किस करती रही...
थोड़ी देर बाद गुल भी झड़ने लगी...
गुल- उउंम...आंटी...मैं भी आऐईइ...ओह्ह..एससस्स..एस्स...उउउंम्म..
दोनो के झाड़ते ही उनका जोश ख़त्म हो गया और दोनो एक-दूसरे से चिपक कर साँसे भरने लगी...
मैने दोनो को साइड किया और उन्हे लिटा कर उनके सामने खड़ा हो कर लंड हिलाने लगा...
मैं भी अब झड़ने के करीब था...और वो दोनो मेरा लंड रस निकलने के इंतज़ार मे मुँह खोल कर लेटी हुई थी...
थोड़ी देर बाद मैं लंड रस की पिचकारियाँ मारने लगा और दोनो के मुँह पर लंड रस फैला दिया..
दोनो ने पूरा लंड रस चखा और एक दूसरे को किस करके मुझे देखते हुए मुस्कुराने लगी....
मैं भी समझ गया कि अब दोनो की शर्म गई...
थोड़ी देर बाद हम फ्रेश हो कर लेट गये...
तब हमे सही बात याद आई...
असल मे गुल को सिर दर्द था..उसलिए वो शादी मे गई ही नही थी...और ये बात मुझे और आंटी को बिल्कुल याद नही रही..और हम पकड़े गये...
पर जो भी हुआ...अच्छा हुआ और मज़ा भी बहुत आया...
फिर हम सब सो गये और जब मेरी आँख खुली तो वहाँ गुल नही थी...वो जा चुकी थी...
और आंटी का नंगा बदन सुबह की रोशनी मे कयामत ढा रहा था...
तभी आंटी भी जाग गई और मुझे देख कर मेरे गले लग गई...
और फिर हम ने बाथरूम मे एक बार फिर से दमदार चुदाई की...आंटी की गान्ड भी मारी और फिर मैं अपने रूम मे जाने लगा..
आंटी- बेटा...ये लास्ट टाइम था...
मैं- मुझे खुशी होगी...मैं भी चाहता हूँ कि आप भटके ना...
आंटी- ह्म्म ...मैं पूरी कोसिस मे हूँ...पर कभी भटक गई तो...
मैं(मुस्कुरा कर)- मैं हूँ ना...डोंट वरी...अब रेडी हो जाओ...सब आते होंगे...
और मैं अपने रूम मे निकल आया...
रूम मे आते ही मैने अपने मोबाइल पर आए मसेज चेक किए ...
जिसे पढ़कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई...
मैने तुरंत कॉल लगाया ....
( कॉल पर )
मैं- हेलो...
स- हेलो...मसेज मिला...रिप्लाइ तो दे दिया कर...
मैं- सॉरी...बिज़ी था...वेल ..ऑल सेट...
स- ऑल सेट...तुम कब आ रहे हो...
मैं- कल आउगा...पर काम आज करना होगा...
स- मतलब...
मैं- मैने अभी मेसेज किया...देख लो...
स- क्या...तुम ये क्यो...
मैं- सब बताउन्गा...अभी बस कर दो...और याद से....जान नही जानी चाहिए....ओके..
स- ह्म्म..अब तूने कहा है तो करना ही होना...
मैं- अभी जाओ...और याद रखना...
स- मैने सब पढ़ लिया....और हाँ...जान नही जायगी...चल बाइ...मुझे अभी निकलना होगा...
मैं- बाइ...
कॉल कट होने के बाद...मैने मोबाइल मे एक पिक को देख कर बोला...
मैं- ह्म्म...अब तेरी बारी...गेट रेडी...यू आर फिनिश्ड.......
थोड़ी देर बाद ही सब लोग शादी से वापिस आ गये थे....
गुल भी शरमा कर रह गई...
मैं- अब छोड़ो भी शरमाना...कम ऑन...आओ आंटी...
और मैने आंटी को उठा कर किस करना शुरू कर दिया...तभी गुल ने मेरे लंड को हाथ से सहलाना चालू रखा...
मैने आंटी को अपनी गोद मे बैठा कर एक स्ट्रॉंग धक्के के साथ उनकी चूत मे लंड उतार दिया...
आंटी- बबबीएतटाआ....
मैं- मज़ा आया आंटी...
और मैं लेट कर आंटी को अपने लंड पर उछालने लगा...
आंटी भी गुल को देखते हुए अपनी गान्ड को लंड पर उछलवाने लगी और मुस्कुराने लगी...
मैने गुल को अपने मुँह पर आने का इशारा किया और उसकी चूत की फांके खोल कर चूत मे जीभ घुसा कर चोदने लगा...
मैने एक उंगली गुल की गान्ड मे फसा कर उसकी चूत चुसाइ शुरू कर दी....
जिससे गुल आगे झुक गई और उसके सामने आंटी के बड़े-बड़े बूब्स आ गये....
जिसे देख कर गुल रुक नही पाई और आंटी के बूब्स चाटने लगी...
आंटी भी दुगनी मस्ती मे अपनी गान्ड उछाल कर लंड को अंदर-बाहर करने लगी....
गुल- सस्स्ररुउउप्प्प...उउउंम्म..आआहह...उउंम..सस्रररुउपप.. सस्ररुउपप...
आंटी- ओह्ह...कम ऑन बेटा...चूस लो....कम ऑन...
मैं- सस्स्ररुउउप्प्प..उउंम..उउंम..उउंम..उउंम..
गुल- यस आंटी...यू आर सो हॉट...उउंम.उउंम्म..
आंटी- सक इट बेबी....उउउंम्म...एस्स..एस्स..एस्स...
आख़िरकार आंटी और गुल के मुँह से कुछ शब्द सुन कर मैं खुश था और मैने अपना काम जारी रखा...
थोड़ी देर के बाद आंटी और गुल पूरे जोश मे आ गई ...और एक दूसरे को बाहों मे कस कर चूमने लगी...
आंटी- यस बेबी...उउंम...उउंम...यू आर टू सेक्सी...उउउंम...
गुल- आंटी...यू 2....सूपर हॉट...उउंम...
और दोनो पूरे जोश मे अपनी चूत के आग को चूत रस के साथ बाहर निकालने लगी...
आंटी- उंम..ऊहह...मैं गई बेटा...आष्ह..आहह...आहह...
आंटी झड गई और गुल के बूब्स दबाए हुए उसे किस करती रही...
थोड़ी देर बाद गुल भी झड़ने लगी...
गुल- उउंम...आंटी...मैं भी आऐईइ...ओह्ह..एससस्स..एस्स...उउउंम्म..
दोनो के झाड़ते ही उनका जोश ख़त्म हो गया और दोनो एक-दूसरे से चिपक कर साँसे भरने लगी...
मैने दोनो को साइड किया और उन्हे लिटा कर उनके सामने खड़ा हो कर लंड हिलाने लगा...
मैं भी अब झड़ने के करीब था...और वो दोनो मेरा लंड रस निकलने के इंतज़ार मे मुँह खोल कर लेटी हुई थी...
थोड़ी देर बाद मैं लंड रस की पिचकारियाँ मारने लगा और दोनो के मुँह पर लंड रस फैला दिया..
दोनो ने पूरा लंड रस चखा और एक दूसरे को किस करके मुझे देखते हुए मुस्कुराने लगी....
मैं भी समझ गया कि अब दोनो की शर्म गई...
थोड़ी देर बाद हम फ्रेश हो कर लेट गये...
तब हमे सही बात याद आई...
असल मे गुल को सिर दर्द था..उसलिए वो शादी मे गई ही नही थी...और ये बात मुझे और आंटी को बिल्कुल याद नही रही..और हम पकड़े गये...
पर जो भी हुआ...अच्छा हुआ और मज़ा भी बहुत आया...
फिर हम सब सो गये और जब मेरी आँख खुली तो वहाँ गुल नही थी...वो जा चुकी थी...
और आंटी का नंगा बदन सुबह की रोशनी मे कयामत ढा रहा था...
तभी आंटी भी जाग गई और मुझे देख कर मेरे गले लग गई...
और फिर हम ने बाथरूम मे एक बार फिर से दमदार चुदाई की...आंटी की गान्ड भी मारी और फिर मैं अपने रूम मे जाने लगा..
आंटी- बेटा...ये लास्ट टाइम था...
मैं- मुझे खुशी होगी...मैं भी चाहता हूँ कि आप भटके ना...
आंटी- ह्म्म ...मैं पूरी कोसिस मे हूँ...पर कभी भटक गई तो...
मैं(मुस्कुरा कर)- मैं हूँ ना...डोंट वरी...अब रेडी हो जाओ...सब आते होंगे...
और मैं अपने रूम मे निकल आया...
रूम मे आते ही मैने अपने मोबाइल पर आए मसेज चेक किए ...
जिसे पढ़कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई...
मैने तुरंत कॉल लगाया ....
( कॉल पर )
मैं- हेलो...
स- हेलो...मसेज मिला...रिप्लाइ तो दे दिया कर...
मैं- सॉरी...बिज़ी था...वेल ..ऑल सेट...
स- ऑल सेट...तुम कब आ रहे हो...
मैं- कल आउगा...पर काम आज करना होगा...
स- मतलब...
मैं- मैने अभी मेसेज किया...देख लो...
स- क्या...तुम ये क्यो...
मैं- सब बताउन्गा...अभी बस कर दो...और याद से....जान नही जानी चाहिए....ओके..
स- ह्म्म..अब तूने कहा है तो करना ही होना...
मैं- अभी जाओ...और याद रखना...
स- मैने सब पढ़ लिया....और हाँ...जान नही जायगी...चल बाइ...मुझे अभी निकलना होगा...
मैं- बाइ...
कॉल कट होने के बाद...मैने मोबाइल मे एक पिक को देख कर बोला...
मैं- ह्म्म...अब तेरी बारी...गेट रेडी...यू आर फिनिश्ड.......
थोड़ी देर बाद ही सब लोग शादी से वापिस आ गये थे....
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
मैं जब फ्रेश हो कर नीचे आया तो सब नाश्ते की टेबल पर थे....
नाश्ता करते हुए सबने डिसाइड किया कि आज दोपहर बाद...मतलब 12 के बाद निकलना है....
नाश्ते के बाद सब लोग रेस्ट करने चले गये...पूरी रात जो जागे थे....
मैं भी अपने रूम मे आ गया...और जाने की तैयारी करने लगा...
मैने तय कर लिया था कि मैं रेकॉर्डिंग वाला लॅपटॉप अपने साथ ले जाउन्गा....शायद इसमे कुछ काम की रेकॉर्डिंग मिले...
पर इसके लिए मुझे चंदा से बात करनी होगी....यही सोच कर मैं चंदा को कॉल करने ही वाला था कि चंदा खुद मेरे रूम मे आ गई...
मैं- ओह...चंदा तुम..मैं तुम्हे ही बुलाने वाला था...
चंदा- अच्छा...सच मे...थॅंक यू...
मैं- थॅंक्स किस लिए...
चंदा- अरे आपने मेरे मन की बात जो कह दी...मैं तो यही सोच रही थी कि जाने के पहले एक बार आप...
मैं- ओह..वो भी करेंगे...पर एक काम और था...
चंदा- हाँ बोलिए ना..
मैं- मुझे ये लॅपटॉप चाहिए...और ये बात किसी को...
चंदा(बीच मे)- बस...ये आपका हुआ...मैं देख लुगी...अब खुश..
मैं(मुस्कुरा कर)- ह्म्म...
चंदा- तो अब मुझे भी....
मैं- ह्म्म..गेट लॉक करो....तुम्हे भी खुश करता हूँ....
यहाँ सहर मे......आज सुबह....
एक घर मे रिचा बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और एक मर्द उसकी गान्ड मे तेज़ी से लंड पेल रहा था....
रिचा- ओह हरामी....अब आअहह...रुक भी जा....आअहह...साले....
मर्द- चुप कर रंडी.....और मज़े ले ....यीहह...
वो मर्द और तेज़ी से रिचा की गान्ड मारने लगा और साथ एक हाथ से गान्ड पर थप्पड़ भी मारने लगा...
पूरे रूम मे बस रिचा की चीखे...थप्पड़ो की आवाज़....और चुदाई की सिसकियाँ ही गूज़ रही थी...
रिचा- आअहह...मर गई...रुक जा साले ...पूरी रात मे मन नही भरा.....आआहह....
मर्द- क्या करूँ....तेरी जैसी रंडी जो मिली है...मन ही नही भरता....यीहह...यीहह...
रिचा- ओह माँ...मैं फिर से...आअहह...गाऐयइ....
मर्द- साली फिर झड गई...मज़े ले रही है और नखरे करती है....ये ले...
और मर्द तेज़ी से थप्पड़ मारते हुए रिचा की गान्ड का भुर्ता बनाता रहा...
थोड़ी देर बाद वो मर्द भी झाड़ गया और चुदाई का महॉल शांत पद गया...
मर्द- अब बोल...कुछ बोल रही थी...हाँ..
रिचा- साले भडवे....सुबह से गान्ड मार दी...पूरी रात मे मेरी जान निकाल दी...आअहह...
मर्द- तो अब आराम करना...
रिचा- ह्म्म..पर तू रेडी हो जा...काम याद है ना....
मर्द- हाँ मेरी रंडी...याद है....पर पहले एक बार तेरी लूँगा फिर जाउन्गा....
रिचा- न्नहिी...मुझे फ्रेश होना है...दम नही है मुझ मे...
मर्द- तेरी माँ की...मैं पूछ नही रहा...बता रहा हूँ...चल...
और फिर उस मर्द ने रिचा की चूत और गान्ड को एक बार और ठोका और फिर दोनो रेडी हो गये....
रिचा- अब मैं जाती हूँ....काम हो जाना चाहिए....
मर्द- हो गया समझो....साम तक गुड न्यूज़ देता हूँ...फिर तेरी लूँगा...हाहाहा....
रिचा- कमीने....
और रिचा मुस्कुरा कर अपने घर निकल गई...
रिचा के जाते ही उस मर्द ने कॉल कर के अपने आदमियो को आने को कहा...
और फिर दूसरा कॉल किया...
( कॉल पर)
मर्द- हेलो सोनी...
सोनी- कौन...
मर्द- कौन छोड़...ये बता कि रेडी है तू...
सोनी- रेडी....ओह्ह...तो आप है जो आकाश का ऑफीस...
मर्द(बीच मे)- हाँ...सुन...तू घर पर रहना....जब काम हो जायगा तब कॉल कर दूँगा...बस लॉकर की कीस मेरे आदमी को दे देना...वो आता ही होगा...
सोनी- ह्म्म..आया था...मैने कीस दे दी.....पर प्ल्ज़...मेरा नाम ना आने पाए...प्ल्ज़्ज़...
मर्द- घबरा मत...तुझे पैसे मिल गये ना...तो कुछ दिन घूम कर आ...ऐश कर....
सोनी आगे कुछ बोल पाता उसके पहले ही कॉल कट हो गई....
थोड़ी देर बाद उस मर्द के चम्चे भी आ गये...
चमचा- बॉस...ये रही लॉकर की कीस...और हाँ...ये रही आकाश की डीटेल...
ये कहते हुए उस आदमी ने कीस और एक फाइल उस मर्द को थमा दी...
कीस को रख कर उसने फाइल को देखना चालू किया...
पहले पेज पर आकाश की पिक और डीटेल लिखी हुई थी ....
दूसरा पेज पलट ते ही उस मर्द की आँखे बड़ी हो गई...
उस पेज पर अंकित की पिक्स और डीटेल थी...
मर्द(अपने आप से) - ओह...तो ये आकाश का लौंडा है....ह्म्म..अब आयगा मज़ा...बहुत स्मार्ट बनता है ना...अब निकालता हूँ सारी स्मार्टनेस....साला...
और फिर वो मर्द अपने आदमियों को आगे का प्लान समझने लगा.....
सहर मे ही...सोनी के घर....
जैसे ही कॉल कट हुई तो सोनी पीछे मुड़ा और सामने चेयर पर बैठे आदमी से बोला...
सोनी- देखो...मैने वही किया जो तुमने कहा था....मैने कीस भी नकली दी....अब हमे कुछ मत करना प्लज़्ज़्ज़...
आदमी- ह्म्म...रिलॅक्स...तुम्हे कुछ नही होगा...
सोनी- और मेरी बीवी...प्लीज़ उसे छोड़ दो...
आदमी- उसे भी कुछ नही होगा....वो बस बेहोश है...उसे तो पता ही नही कि क्या हुआ...
सोनी- थॅंक यू...थॅंक यू...हमारी जान बक्शने के लिए...थॅंक यू...
आदमी- ह्म्म...क्या करे...मुझे ऑर्डर मिला था कि जान नही जानी चाहिए...नही तो...खैर...अब आराम करो...और मुँह बंद रखना...
सोनी- जी...बिल्कुल...बिल्कुल चुप...
आदमी- वैसे उस लॉकर मे क्या है...
सोनी- उसमे कंपनी के इम्पोर्टेंट पेपर्स है...वो मिस हो गये तो काफ़ी गड़बड़ हो सकती है...
आदमी- ह्म्म..चलो ..चलता हूँ...फिर मिलेगे...
सोनी- सर...अगर उनको पता चला कि वो कीस नकली है तो...वो मुझे मार डालेगे...वो बहुत ख़तरनाक...
आदमी- डोंट वरी...उन्हे कुछ पता नही चलेगा....रेस्ट करो...और हाँ..वो मसेज सबको फॉर्वर्ड....
सोनी(बीच मे)- कर दिया...सबको कर दिया...
आदमी- गुड...
और फिर वो आदमी सोनी के घर से निकल गया.......
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
सहर मे ही....दोपहर के वक़्त....
सहर के बीचो-बीच...एक भीड़ वाले इलाक़े मे....4-5 लोग एक कार से निकले...
सभी ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था....और सभी की पीठ पर 1-1 बॅग लटका हुआ था....
वो आदमी उस इलाक़े मे बनी एक बिल्डिंग के सामने खड़े थे जो 2 फ्लॉर की थी...
उन आदमियों के आते ही बिल्डिंग का गौर्ड़ उनके पास आया...
पर उन लोगो के कुछ बोलने के बाद वो गौर्ड़ वहाँ से निकल गया....
गौर्ड़ के जाते ही उन आदमियों ने बिल्डिंग मे एंट्री मारी और कुछ खोजने लगे...
काफ़ी देर बाद उनको अपने काम की जगह मिल गई...
उन्होने अपना काम पूरा किया....और कुछ सामान अपने बॅग्स मे भर लिया....
आदमी 1- अब चलो....और हाँ...बॉस ने कहा था कि कुछ भी सही-सलामत ना रहे...
आदमी 2- ओके ..सब फैल जाओ...और जल्दी करो...
थोड़ी देर बाद....
आदमी 1(फ़ोन पर)- सर...हो गया...अब...
सामने- गुड...काम पूरा करो और निकलो...बट याद रहे...जान नही जानी चाहिए....
फिर वो आदमी काम पूरा कर के वहाँ से निकल गये......
सहर मे ही ...रिचा के घर....
रिचा रात भर की ठुकाई से थकि हुई आराम फर्मा रही थी...
आज पूरा दिन उसने अपने बेड पर ही लेटे हुए निकाला था....
रिचा को बस उस मर्द के कॉल का इंतज़ार था....वही गुड न्यूज़ देगा तो रिचा की गान्ड को शांति मिलेगी.....
आख़िर कार वो वक़्त आ ही गया. ..रिचा को उस मर्द का कॉल आ गया....जिसे देख कर रिचा की आँखो मे खुशी तैर गई....
( कॉल पर )
रिचा(खुश हो कर)- बोल मेरे भडवे ...काम हो गया ना...
मर्द- ह्म्म..वो...हुआ ये..कि...
रिचा- चुप क्यो हो गया..बोल ना...
मर्द- काम नही हुआ...
रिचा(गुस्से मे)- क्या...नही हुआ...क्या बक रहा है तू...
मर्द- काम नही हुआ....हम से पहले ही कोई काम तमाम कर गया...
रिचा- क्या मतलब...???
मर्द- मतलब ये कि जब मेरे आदमी वहाँ पहुचे तो आकाश के ऑफीस मे आग जल रही थी...
रिचा(चौंक कर)- आग...पर कैसे...??
मर्द- नही पता...बस ये जानता हूँ कि सबकुछ जल चुका था...
रिचा(माथे पर हाथ रख कर)- माइ गॉड...मतलब कुछ नही मिला...वो पेपर्स...
मर्द(बीच मे)- सब जल गया...कुछ नही बचा....
रिचा को अब गुस्सा आ गया था...एक तो उसने रात भर अपनी ठुकवाई और अब काम भी नही हुआ....
रिचा- साले भडवे....एक काम नही हुआ तुझसे...आ गया गान्ड मरवा कर...
मर्द- ओये...तमीज़ से बात कर...
रिचा- तमीज़ गई माँ चुदाने...साला रात भर मेरी गान्ड पेलता रहा और अब कहता है कि कुछ नही मिला...
मर्द(गुस्से मे)- नही हुआ तो नही हुआ...क्या करूँ...
रिचा- ओये...आवाज़ नही...नही हुआ ना...अब देख..तेरा क्या होता है...
मर्द- क्या...मेरा क्या कर लेगी...
रिचा- हहा...मैं नही...जिसने तुझे काम दिया था ना...वो करेगा...
मर्द- क्या कर लेगा मेरा...
रिचा- क्या कर लेगा...हाँ...जैसे तूने मेरी गान्ड मारी ना...अब वैसे ही तेरी मरेगी...इंतज़ार कर भडवे...
मर्द- ओये रंडी...मेरा नाम रफ़्तार साइ है...मेरा कोई घंटा नही उखाड़ सकता...
रिचा- अच्छा...रुक...बस 2 मिनट...और खुद देख लेना....
रफ़्तार सिंग कुछ और बोलता...उससे पहले रिचा ने कॉल कट कर दी...और अपने बॉस को कॉल लगाई...और सब बता दिया...
बॉस- कोई नही...मैं देखता हूँ...और हाँ...अब कॉल मत करना...मैं कल वही मिलूँगा...
कॉल कट होने के बाद बॉस रफ़्तार सिंग को कॉल करने लगा...
और रिचा अपनी गान्ड को सहलाते हुए रफ़्तार सिंग को मन मे गालियाँ बकती रही......
सहर के बीचो-बीच...एक भीड़ वाले इलाक़े मे....4-5 लोग एक कार से निकले...
सभी ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था....और सभी की पीठ पर 1-1 बॅग लटका हुआ था....
वो आदमी उस इलाक़े मे बनी एक बिल्डिंग के सामने खड़े थे जो 2 फ्लॉर की थी...
उन आदमियों के आते ही बिल्डिंग का गौर्ड़ उनके पास आया...
पर उन लोगो के कुछ बोलने के बाद वो गौर्ड़ वहाँ से निकल गया....
गौर्ड़ के जाते ही उन आदमियों ने बिल्डिंग मे एंट्री मारी और कुछ खोजने लगे...
काफ़ी देर बाद उनको अपने काम की जगह मिल गई...
उन्होने अपना काम पूरा किया....और कुछ सामान अपने बॅग्स मे भर लिया....
आदमी 1- अब चलो....और हाँ...बॉस ने कहा था कि कुछ भी सही-सलामत ना रहे...
आदमी 2- ओके ..सब फैल जाओ...और जल्दी करो...
थोड़ी देर बाद....
आदमी 1(फ़ोन पर)- सर...हो गया...अब...
सामने- गुड...काम पूरा करो और निकलो...बट याद रहे...जान नही जानी चाहिए....
फिर वो आदमी काम पूरा कर के वहाँ से निकल गये......
सहर मे ही ...रिचा के घर....
रिचा रात भर की ठुकाई से थकि हुई आराम फर्मा रही थी...
आज पूरा दिन उसने अपने बेड पर ही लेटे हुए निकाला था....
रिचा को बस उस मर्द के कॉल का इंतज़ार था....वही गुड न्यूज़ देगा तो रिचा की गान्ड को शांति मिलेगी.....
आख़िर कार वो वक़्त आ ही गया. ..रिचा को उस मर्द का कॉल आ गया....जिसे देख कर रिचा की आँखो मे खुशी तैर गई....
( कॉल पर )
रिचा(खुश हो कर)- बोल मेरे भडवे ...काम हो गया ना...
मर्द- ह्म्म..वो...हुआ ये..कि...
रिचा- चुप क्यो हो गया..बोल ना...
मर्द- काम नही हुआ...
रिचा(गुस्से मे)- क्या...नही हुआ...क्या बक रहा है तू...
मर्द- काम नही हुआ....हम से पहले ही कोई काम तमाम कर गया...
रिचा- क्या मतलब...???
मर्द- मतलब ये कि जब मेरे आदमी वहाँ पहुचे तो आकाश के ऑफीस मे आग जल रही थी...
रिचा(चौंक कर)- आग...पर कैसे...??
मर्द- नही पता...बस ये जानता हूँ कि सबकुछ जल चुका था...
रिचा(माथे पर हाथ रख कर)- माइ गॉड...मतलब कुछ नही मिला...वो पेपर्स...
मर्द(बीच मे)- सब जल गया...कुछ नही बचा....
रिचा को अब गुस्सा आ गया था...एक तो उसने रात भर अपनी ठुकवाई और अब काम भी नही हुआ....
रिचा- साले भडवे....एक काम नही हुआ तुझसे...आ गया गान्ड मरवा कर...
मर्द- ओये...तमीज़ से बात कर...
रिचा- तमीज़ गई माँ चुदाने...साला रात भर मेरी गान्ड पेलता रहा और अब कहता है कि कुछ नही मिला...
मर्द(गुस्से मे)- नही हुआ तो नही हुआ...क्या करूँ...
रिचा- ओये...आवाज़ नही...नही हुआ ना...अब देख..तेरा क्या होता है...
मर्द- क्या...मेरा क्या कर लेगी...
रिचा- हहा...मैं नही...जिसने तुझे काम दिया था ना...वो करेगा...
मर्द- क्या कर लेगा मेरा...
रिचा- क्या कर लेगा...हाँ...जैसे तूने मेरी गान्ड मारी ना...अब वैसे ही तेरी मरेगी...इंतज़ार कर भडवे...
मर्द- ओये रंडी...मेरा नाम रफ़्तार साइ है...मेरा कोई घंटा नही उखाड़ सकता...
रिचा- अच्छा...रुक...बस 2 मिनट...और खुद देख लेना....
रफ़्तार सिंग कुछ और बोलता...उससे पहले रिचा ने कॉल कट कर दी...और अपने बॉस को कॉल लगाई...और सब बता दिया...
बॉस- कोई नही...मैं देखता हूँ...और हाँ...अब कॉल मत करना...मैं कल वही मिलूँगा...
कॉल कट होने के बाद बॉस रफ़्तार सिंग को कॉल करने लगा...
और रिचा अपनी गान्ड को सहलाते हुए रफ़्तार सिंग को मन मे गालियाँ बकती रही......