एक राजा और चार रानियाँ complete

Post Reply
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

नजमा;तुझे कंट्रोल करना पड़ेगा सॅम वरना तू वो यहाँ ऑफीस में सॅम को डाँट भी नही सकती थी बस बेचारी घूर के रह जाती है और पैर पटकते हुए वहाँ से बाहर निकल जाती है

तभी सॅम सोचने लगता है यार ये आइडिया मस्त है
अगर अम्मी के दिल का हाल जानना है तो क्यूँ ना उन्हीं जेल्स फील करवाया जाए अगर वो भी मुझसे मोहब्बत करती है तो वो पॉज़िटिव रिएक्ट करेंगी

ओूऊऊऊव सुपर्ब वो खुद को ही दाद देता हुआ ऑफीस की फाइल्स में खो जाता है

रात 8पी एम;
रात के खाने के बाद महक और नजमा हॉल में बैठी ऑफीस के कुछ काम देख रही थी और ज़ेबा अपने बेटी के रूम में रात की तैयारी कर रही थी

महक;अपने बेड पे लेटी कुछ पढ़ रही थी तभी सॅम धडाम से उसके पास लेट जाता है

सॅम;क्या पढ़ रही है मोटी

महक;है एक लव स्टोरी क्यूँ

सॅम;महक के पेशानी को हाथ लगाते हुए तेरी तबीयत तो खराब नही है ना

महक;बिल्कुल नही क्यूँ मैं ऐसे बुक नही पढ़ सकती क्या

सॅम;हाँ पढ़ सकती है पर ये तेरी पर्सनॅलिटी को सूट नही करती ना तुझे पता है कौन सी बुक सूट करती है
मर्डर मिस्टरी होर्रेर क्राइम ऐसी बुक

महक;को बुरा सा लग जाता है और वो हुन्न्ञणन् कहते हुए दूसरी तरफ मुँह करके बुक पढ़ने लगती है

महक;पेट के बल लेटी हुई थी उसने जीन्स और टॉप पहना हुआ था जीन्स की वजह से उसकी कमर के बीच की दरार सॉफ दिखाई दे रही थी

सॅम;अपना हाथ उसकी उभरी हुई कमर पे रख देता है

महक;ऊऊऊऊऊ बदमाश हाथ हटा क्या हो गया है तुझे
शरम नही आती

सॅम;शरम कैसी मैं तो तुझे बिना कपड़ों के भी देख चुका हूँ

महक;चौंकते हुए कब्ब्ब

सॅम;अम्मी के पेट में क्यूँ तुझे याद नही हम दोनो अम्मी के पेट में छुपान छुपाई खेला करते थे

महक;खिल खिला के हँसने लगती है

तू बिल्कुल उल्ला का पट्ठा है चल जा मेरे कमरे से वरना अम्मी को आवाज़ दूँगी

सॅम;ओके बाबा नो मस्ती अच्छा एक बात बता तू ये जीन्स शर्ट्स क्यूँ पहनती है शलवार कुर्ता क्यूँ नही

महक;सीरीयस हो गयी थी तुझे इससे क्या मेरे मर्ज़ी

सम;बोल ना महक

महक;फिर कभी तू जा अभी मुझे कुछ काम है

सॅम;ओके ऐज युवर विश
वैसे तू शलवार कमीज़ में बहुत खूबसूरत लगे गी गॅरेंटेड

रात 1एएम;
सॅम ;जब शबनम के रूम में पहुँचा तो उसे पहला शौक लगा
दोनो माँ बेटी जाग रही थी और नाइटी में बैठी बातें कर रही थी

जब उनकी नज़र सॅम पे पड़ी तो शबनम के साथ साथ ज़ेबा भी थोड़ा सा शर्मा गयी
शबनम;फ़ौरन उठ के रूम का डोर बंद कर देती है

ज़ेबा;आओ सॅम यहाँ बैठो मेरे पास
पहले सॅम को थोड़ी झिझक सी महसूस हुई फिर उसने खुद को संभाल लिया और ज़ेबा के पास जाके बैठ गया

ज़ेबा;ने हल्की गुलाबी नाइटी पहनी हुए थी और शायद अंदर कुछ नही था
जब शबनम सॅम के पीछे से आके उसके गले में बाहें डालती है तो सॅम समझ जाता है कि आज कुछ स्पेशल होने वाला है

शबनम;क्या हुआ सॅम बड़े चुप चुप से हो

सॅम;शबनम को अपनी गोद में गिराते हुए नही मेरी भाभी जान बस सोच रहा हूँ आज मौसम बड़ा बेईमान है आज मौसम

शबनम;क्या इरादा है देवर जी

सॅम;बड़ा ही नेक इरादा है बस आपकी अम्मी हाँ कर्दे

सॅम ज़ेबा को ही देख के ये सब कह रहा था

ज़ेबा;अचानक अपनी नाइटी गर्दन से निकाल के फेंक देती है
जब मेरे बेटी तुम्हारी हो गयी है बेटा तो माँ क्यूँ नही

शबनम;अपनी अम्मी की इतनी हिम्मत पे दाद दिए बिना ना रहसकी और जवाब में उसने अपनी नाइटी के साथ साथ सॅम की पॅंट की ज़िप भी खोल दे

और धक्का देके दोनो माँ बेटी ने सॅम को बेड पे लेटा दिया

सॅम;मुस्कुराता हुआ लगता है आज तुम दोनो माँ बेटी मिलके मेरा बलात्कार करने वाले हो

ज़ेबा;हाँ रात भर

शबनम';जो सॅम की पॅंट उतार चुकी थी
वो ज़ेबा का हाथ पकड़ के सॅम के अंडरवेर में डाल देती है

ज़ेबा;अहह कितना बड़ा और मोटा है शबनम बेटी इसका
उसे रहा नही जाता और ज़ेबा एक झटके में सॅम की अंडरवेर खींच लेती है
और कोब्रा अपना फॅन फैलाता हुआ दोनो माँ बेटी को डसने को सर उठा लेता है

ज़ेबा;चुदाई में पीएचडी करचुकी थी उसे पता था मर्द को बिना थकाये कैसे रात भर मज़े ले सकते है

शबनम;अपनी ज़ुबान सॅम के लंड पे फेरती है

ज़ेबा;रुक जा बेटा ऐसे करेगी तो पानी छोड़ देगा सॅम और हम प्यासी ही मर जाएँगी

ज़ेबा;एक रब्बर बॅंड उठाके सॅम के टेस्ट्स पे बाँध देती है

सॅम;को थोड़ा दर्द होता है पर वो जोश में सब बर्दास्त का जाता है

ज़ेबा;आजा बेटी दोनो मिलके माल खाते है

शबनम;हाँ अम्मी
और दोनो माँ बेटी सॅम को अपने मुँह में लेके चूसने लगते है गलपप्प्प्प गलपप्प्प्प्प अहह उऊन्ह ऊईई गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प

ज़ेबा;बीच बीच में शबनम की चूत भी मसल्ने लगती है जिससे शबनम उछल जाती थी

शबनम;अहह ऊइईई अम्मी उनह
गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
दोनो माँ बेटी ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे लेज़्बीयन हो और कोई पेशावर कोठी की रांड़ हों
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

असल बात तो ये थी कि कल रात जबसे ज़ेबा ने सॅम से शबनम को चुदते देखी थी उसकी चूत मचलने लगे थी उसने अपनी बेटी को भी राज़ी कर लिया था कि वो भी सॅम से चुदवाना चाहती है अपने अकेले पन का बहाना बनाके वो शबनम को ब्लॅक मेल करने में कामयाब हो गयी थी और उसका नतीजा ये था दोनो सॅम के लंड पे टूट पड़ी थी

सम;अहह आराम से शबनम अहह खाला जान ऊूुुुुुुउउ मेरे लंड में दर्द हो रहा है
और सच में जैसे जैसे सॅम का लंड आकड़ रहा था उसके टेस्ट्स पे भी दबाव बढ़ रहा था उपर से ज़ेबा ने उसपे रब्बर बॅंड बाँध रखी थी जिससे सॅम को दर्द होने लगा था

ज़ेबा;बस कुछ देर बेटा गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प

शबनम;निकल दोना रब्बर सॅम को दर्द हो रहा है ना

ज़ेबा;जैसे ही रब्बर निकलती है सॅम की तेज़ पानी की धार सीधा शबनम के हल्क में जाके गिरने लगती है

सॅम;अहह साली मार देगी क्या हाआआआअ ऊूुुुुुुुउउ

ज़ेबा;शबनम पीजा सारा पानी एक कतरा भी नीचे गिरा ना तो तुझे सॅम से चुदने नही दूँगी आज रात में

शबनम;गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प एक एक कतरा चाटती चली जाती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प

जब शबनम सारा पानी चाट चुकी थी तो ज़ेबा उसे इशारे से सॅम के सर के पास जाने को कहती है और खुद सॅम के लंड को चूसने लगती है

सॅम;के पास जैसे ही शबनम आके बैठी है

ज़ेबा;गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प सॅम बेटा चाट ले अपनी भाभी की चूत गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प

शबनम;अपने दोनो पैर खोलके सॅम के मुँह पे अपनी चिकनी चूत लगा देती है अहह अम्मी गगगगगगग

सॅम;भी यही चाहता था वो शबनम की चूत को बड़े प्यार से चाटने लगता है गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

दिलकश मंज़र था माँ लंड चूसने मे बिज़ी थी और बेटी चूत चूसाने में

तीनो अपनी अपनी दुनिया में गुम थे

ज़ेबा;की जबर्दास्त चुसाइ से सॅम का लंड पल भर में फिर से खड़ा होने लगा था वहीं शबनम की चूत से रिस रिस के पानी सॅम के मुँह में गिरने लगता है

गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आअहह पूरे रूम में बस यही सब गूँज रहा था

सॅम;का लंड खड़ा हो चुका था और बस उसे तलाश थी अपनी पहली चूत की

वो ज़ेबा को खींचता है
खाला जान ज़रा इधर तो आओ जी

ज़ेबा;अहह हाँ मेरे बच्चे

सॅम;ज़ेबा की टाँगें फैला के उसपे चढ़ जाता है और अपने लंड को ज़ेबा की चूत पे घिसने लगता है अहह

ज़ेबा;अहह बेटा डाल दे ना हााअ अंदर उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सॅम;पहले बोल चोद मुझे बेटा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

ज़ेबा;हाँ सॅम चोद ना बेटा मुझे चोद ना अपनी खाला को हााआअ चोद डाल मुझे मेरे बेटी के सामने अहह वो दीवानी होचुकी थी और जल्द से जल्द सॅम के लंड को अपनी चूत की गहराइयो में समाना चाहती थी

सॅम;शबनम को देखता है जो अपनी चूत के दाने को मसल्ते हुए ये सब देख रही थी

सॅम;;भाभी ज़रा अपनी अम्मी के मुँह पे चूत तो लगाओ वरना ये चिल्ला चिल्ला के सब को उठा देगी

शबनम;वैसा ही करते है और अपनी अम्मी के मुँह पे चूत टिका देती है पहले उसे थोड़ी शरम महसूस हुई पर किसी गुमनाम शायर ने खूब कहा है दस्तेर पे और बिस्तर पे कभी शरमाना नही चाहिए.

जैसे ही शबनम की चूत ज़ेबा के होंठो से टकराई सॅम का लंड ज़ेबा की चूत में घुसता चला गया अहह खाला हाआआआआअ

ज़ेबा;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नहियीईईईईईईई स्शस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहह मेरिइइ घून्न्ञनणणन् घगघह उसकी चूत में तेज जलन होने लगती है क्योंकि महीनो से बंद पड़े गोदाम की आज सॉफ सफाई हो रही थी

सॅम;;भाभी ज़रा दबा के अहह साली बहुत चिल्लाती है

ज़ेबा;अहह कमिनाते लोहे का सरिया अंदर डालेगा तो चिल्लाउन्गी नही तो क्या खुशी मनाउन्गी हााआ मेरी चूत का अहह क्या हाल कर रहा है रे ज़ालिमम्म्ममममममममम

पर आज ज़ालिम का राज था और वो अपने ज़ुल्म से माँ बेटी को फ़ना करदेना चाहता था

एक तरफ शबनम अपनी चूत ज़ेबा के मुँह पे घिसते जा रही थी और नीचे सॅम ज़ेबा के दोनो पैरों को फैलाए दना दन अपना लंड अंदर घुसाता चला जा रहा था अहहहहहहः

सॅम;;अहह बहुत नरम है खाला आपकी चूत अहह कसम से बहुत मज़ा आ रहा है हााआआ

ज़ेबा;हाँ बेटा ऐसे ही अहह ओईईए माँ गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प

ज़ेबा;को समझ नही आ रहा था कि बेटी की चूत चूसे या सॅम के धक्कों को बर्दास्त करे पर उसका अंग अंग सिहर उठा था

शबनम;अहह अम्मी और ज़ोर से अहहहहहहहः शबनम चीखते हुए अपना पानी ज़ेबा के मुँह पे छोड़ने लगती है
भला एक बेटी अपनी माँ की चुदाई देख और उसी माँ से चूत के चुसाइ करके कैसे जल्दी नही झडेगि अहह

ज़ेबा;का मुँह शबनम के चिप चिपे पानी से पूरे तरह भीग चुका था पर सॅम उसे नही उठने दे रहा था और ना कुछ बोलने दे रहा था

सॅम;और शबनम दोनो मिलके ज़ेबा के मुँह पे लगा पानी चाटने लग जाते है

ज़ेबा;अहह ओइईई मुस्सल लंड है रीईईई सॅम बेटा हााआअ मेरा ये हाल हो रहा है पता नही मेरी बेटी कैसे लेती होगी अहहहहहहहहः

सम;गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प ज़ेबा के उपर पूरा लेट के गलपप्प्प्प्प्प बस खाला आपकी बेटी भी आपके जैसी है हााआअ सटा सॅट लंड ज़ेबा की चूत में चला जा रहा था और शबनम अपनी अम्मी के मुँह पे गिरा अपनी चूत का पानी चाटते जा रही थी

ये चुदाई अगले 10मिनट और इसी तरह चले और फिर सॅम के साथ साथ ज़ेबा भी झड्ने लगती है हाआआआआअ ऊइईईई

शबनम;अपनी चूत को घिस घिस के थकान महसूस कर रही थी अब उसे कुछ दमदार चाहिए था अपनी अम्मी के सामने जो उसके थकान दूर कर्दे.
शबनम;अपनी चूत को घिस घिस के थकान महसूस कर रही थी
.............

सॅम;जैसे ही उठ के रूम से अटॅच्ड बाथरूम में घुसता है उसके पीछे पीछी शबनम भी चली जाती है

सम;भाभी मुझे पेशाब करने तो दो

शबनम;करोना ना मेने कब रोका है मुझे भी ज़ोर की लगी है सोची साथ में कर्लेती हूँ

सॅम;अपने लंड को हाथ में पकड़ के मूतने की कोशिश करता है पर उसे पेशाब नही होता और उसे ज़ोर से दर्द महसूस होता है अहह वो करहाने लगता है
शायद सीमेन गाढ़ा होने से उसके पेशाब की नली में अटक गया था जिससे पेशाब बाहर नही निकल रहा था और इस वजह से सॅम को जलन और दर्द दोनो हो रहे थे

शबनम;घबरा जाती है क्या हुआ सॅम तुम ठीक तो होना

सॅम;अहह भाभी दर्द हो रहा है और पेशाब भी नही आ रहा

शबनम;नीचे बैठ के उसके लंड को इधर उधर हिलाके देखती है और फिर थोड़ा मसल्ती है पर कोई असर नही होता बल्कि सॅम का दर्द और बढ़ जाता है

सम;अहह प्लीज़ भाभी कुछ करोना मुझ से ये दर्द बर्दास्त नही होता

शबनम;बाहर रूम में बैठी ज़ेबा को आवाज़ देके बुला लेती है और उसे बताती है कि माजरा क्या है

ज़ेबा;जान गयी थी कि सॅम को पेशाब क्यूँ नही हो रहा है

वो नीची बैठ जाती है और मुँह में थोड़ा सा पानी लेके सॅम का लंड अपने मुँह में घुसा लेती है और ज़ोर से फूक मारती है जिससे पानी सॅम की पेशाब की नली में चला जाता है औरवो रुकावट हट जाती है

जैसे ही वो रुकावट हटती है तेज पेशाब की धार सीधा ज़ेबा के मुँह में गिरने लगती है स्शह श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

ज़ेबा;;और मुँह खोल देती है और सॅम का पेशाब पीती चली जाती है
पास में बैठी शबनम ये सब देख रही थी

ज़ेबा;शबनम का सर पकड़ कर सॅम का लंड उसके मुँह में डालने लगती है जैसे ही शबनम हिचकते हुए मुँह खोलती है ज़ेबा शबनम की चूत में दो फिंगर्स घुसा देती है जिससे शबनम अहह की चीख के साथ अपना मुँह खोल देती है और सॅम का मूसल उसके मुँह में भी पेशाब करने लगता है दोनो माँ बेटी सॅम के पेशाब से तर बतर होचुकी थी मुँह से गिरता हुआ वो पानी उनकी ब्रेस्ट के साथ साथ चूत भी भिगा रहा था

सॅम;अहह चैन की सांस लेता है और सामने बैठी दोनो औरतों को देखने लगता है जो किसी रंडी की तरह मुँह खोल के बैठी थीं

सॅम;का लंड उन्दोनो के आँखों के सामने लटक रहा था

शबनम;की चूत वो चाहती थी पर उसके लिए उसे मेहनत करनी थी सॅम के लंड को फिर से टाइट करने की वो जल्दी से अपने मुँह में सॅम का लंड घुसा कर तेज़ी से चाटने लगती है और साथ में सॅम के टेस्ट्स भी मसलती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प उनह

ज़ेबा;खड़ी होके सॅम के मुँह से मुँह चिपका लेती है ज़ेबा के मुँह से आती पेशाब की वो मदहोश करने वाली खुसबू सॅम को और पागल बना रही थी ज़ेबा अपनी ज़ुबान सॅम को चूसा रही थी और सॅम भी बड़े प्यार से ज़ेबा का पूरा मुँह और ज़ुबान चाट रहा था गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

नीचे से बेटी उपर से माँ दोनो चीज़ें सॅम के लंड को फ़ौरन खड़ा कर देती है

सॅम ;शबनम को दीवार से उल्टा करके खड़ा कर देता है और ज़ेबा नीचे बैठ जाती है
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »


शबनम की कमर पीछे की तरफ हो जाती है और सॅम उसे अपने दोनो हाथों में पकड़ कर अपना लंड उसकी चूत की फांको में रगड़ने लगता है

नीची बैठी ज़ेबा कभी शबनम की चूत तो कभी सॅम के लंड को चाट रही थी

सॅम;बिना देर किए अपने लंड का दबाव शबनम की चूत पे बढ़ाता है और फॅक की आवाज़ के साथ सॅम का लंड शबनम की चूत में घुसता चला जाता है हाआआआआअ अहह

शबनम;अपनी कमर पीछे की तरफ करने लगती है और सॅम अपना लंड उसकी चूत के अंदर तक गगूस ता चला जाता है अहह उःन्ह्ंहंहंहंहंह्न

ज़ेबा;नीचे से सॅम की गान्ड का सुराख चाटने लगती है जिससे सॅम और जोश में आके सटा सॅट शबनम को चोदने लगता है अहह अहह भाभी आपकी अम्मी अहह कमाल की है अहह

शबनम;ऊऊऊऊऊओ उहह उनह हाँ अहह ऐसे ही चुद चुद के पैदा किए होगा अम्मी ने मुझे अहह चोदो ना सॅम अहह बड़ा अच्छा लग रहा है अहह मेरे तुम्हारे भाई को भूल जाना चाहती हूँ आज से अहह बस तुम मुझे याद आओ दिन रात अहह मेरी चूत पे सिर्फ़ तुम्हारा हक़ हो अहह चोदो मेरे चोदु बलम अहह

सॅम;हाँ भाभी अहह मेरी चिकनी चूत वाली भाभी अहह तुम्हारी चूत बहुत चिकनी है अहह बिल्कुल फ़िरोज़ा खाला की तरह अहह

ये अल्फ़ाज़ शबनम के साथ साथ ज़ेबा को भी चौंका देते है

ज़ेबा;बेटा सॅम क्या तूने फीरोजा को भी

सॅम;हाँ खाला अहहहहहहहहः वो भी तुम्हारे तारह गरम माल है अहहहहहहहहः पूरी गान्ड फाड़ देती है मेरी चोद्ते वक़्त अहह

बस एक बार अम्मी को चोद दूं अहह

शबनम;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम क्या अहह तुम अपनी आमियीईईईईई ऊइईईईई माआआआआ को भी आराम से अहह चोदना चाहते हो अहहहहहहहः

सॅम;हाँ भाभी पर अगर ये बात अहह किसी को पता नहियीईईईईई चलनी चाहिए सिर्फ़ हम तीनो के बीच अहह

वो चुदाई के नशे मे सब कुछ बोलता चला गया

शबनम;एक नज़र नीचे बैठी ज़ेबा पे डालती है और दोनो माँ बेटी के चेहरे पे एक अजीब से मुस्कान आजाती है

सॅम;की रफ़्तार बढ़ने लगती है

शबनम;जान चुकी थी कि सॅम बस अब झड़ने ही वाला है क्योंकि शबनम की चूत में सॅम का लंड मोटा और मोटा होता जा रहा था

फिर कुछ ज़बर्दास्त झटकों के बाद सॅम अपना पानी शबनम की चूत में उंड़ेल ने लगता है अहह अहह

साथ में शबनम भी झड़ती चली जाती है ऊइईईईई अम्मी गगगगगगगगग्गगुनह

दोनो का मीठा मीठा पानी जो चूत से होता हुआ नीची जाँघ पे बह रहा था उसे ज़ेबा बड़े चाव से चाट रही थी गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

सॅम;बुरी तरह थक चुका था रात के 2 बज रहे थे वो तीनो फ्रेश होके बाहर निकलते है और सॅम जब कपड़े पहन के शबनम को गुड नाइट किस करने के बाद दरवाज़ा खोलता है तो उसके साथ साथ शबनम की भी गान्ड फटी की फटी रह जाती है

शबनम;एक टवल अपने जिस्म पे लपेटे हुए सॅम की बाहों में चिपकी हुई थी और सामने महक आँखे फाडे खड़ी थी

सॅम;का बुरा हाल था महक की आँखों से सॉफ लग रहा था कि वो काफ़ी वक़्त से वहाँ खड़ी थी लाल आग उगलते हुए वो आँखे सॅम और शबनम के दिल में ख़ौफ़ पैदा करने के लिए काफ़ी थी

महक;;कुछ नही कहती बस उन्दोनो को घूरते हुए अपने रूम में चली जाती है

शबनम;उसके जाने के बाद सॅम को देखते हुए
अब क्या होगा सॅम कहीं महक अम्मी को तो बता नही देगी

सॅम;भी यही सोच रहा था वो शबनम को दिलासा देता हुआ महक के रूम की तरफ बढ़ जाता है

महक;अपने रूम में बेड पे बैठी हुई थी जैसे ही वो सॅम को अपने रूम में घुसता देखती है वो खड़ी हो जाती है और चीखते हुए उसे अपने रूम से बाहर धकेलने लगती है

निकल जा ज़लील इंसान तू मेरा भाई नही होसकता तू अपनी भाभी और खाला के साथ कितनी ज़लील हरकत कर रहा था और ना जाने किन किन के साथ ये गंदा काम करचूका है

में तेरी शकल भी नही देखना चाहती तू निकल जा मेरे रूम से वरना में अम्मी को बुलाउन्गी

सॅम;ओके महक बस एक मिनट मेरे बात सुन ले फिर में चला जाउन्गा

महक'';मुझे तेरी कोई बात नही सुन्नी तुझ से तो कल अम्मी ही बात करेंगी निकल अभी के अभी

सॅम;अम्मी का नाम सुनके घबरा जाता है

और वो महक का दरवाज़ा बंद करके महक को बेड पे पटक देता है और उसके उपर चढ़ जाता है

एक हाथ से वो महक को कंट्रोल कर रहा था और दूसरे हाथ से वो महक के मुँह को बंद करने की कोशिश कर रहा था

महक;सॅम के हाथ को ज़ोर से काट लेती है

सॅम;ऊऊचह कमिनाते ज़र सॅम एक मर्दों वाला करारा थप्पड़ महक के गालों पे जड़ देता है जिससे महक को रात में सूरज नज़र आजाता है

अपना मुँह बंद रख समझी ना वरना मुझ से बुरा कोई नही होगा महक;;ये बोलके सॅम वहाँ रुका नही बल्कि सीधा अपने रूम में चला गया.

वो जानता था ये थप्पड़ महक को कुछ दिन तो खामोश रख ही लेगा..

आगे जो होगा वो देखा जाएगा
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »


महक;अपने रूम में रोती तिलमिलाती सॅम को गालियाँ देती पता नही क्या सोचने लगती है.
सुबह 8एएम;पे जब सॅम की आँख खुली तो उसके आस पास कोई नही था रोज़ाना नजमा उसे उठाने आती थी पर आज क्या हुआ कहीं महक ने नही नही वो खुद को समझाता हुआ बेड छोड़ देता है और हॉल में आजाता है
सामने का नज़ारा देख उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है

2बॅग हॉल में रखे हुए थे उसे पता था एक बॅग तो ज़ेबा का है पर ये दूसरा बॅग किसका है

महक;डाइनिंग टेबल पे बैठी सुबह का नाश्ता कर रही थी वो सॅम को एक नज़र देखती है और फिर मुस्कुराते हुए नाश्ता करने लगती है

सॅम;कौन जा रहा है महक

महक;अम्मी से पूछ ना

सॅम;महक के सर पे टप्पू मारता हुआ नजमा के रूम की तरफ बढ़ जाता है

नजमा;रूम में शबनम के साथ बातें कर रही थी

नजमा;;मेरी बात अच्छी तरह याद रखना अगर मुझे ये पता चला कि तूने सॅम को फोन पे कॉंटॅक्ट करने की कोशिश की तो मुझ से बुरा कोई नही होगा.

शबनम;जी अम्मी

तभी सॅम वहाँ दाखिल होता है

सॅम;क्या हुआ भाभी सब ठीक तो है ना सॅम का सवाल शबनम से था पर नज़रें नजमा के चेहरे पे टिकी हुई थी

शबनम से पहले नजमा ही बोलती है

नजमा;शबनम कुछ दिनो के लिए अपनी अम्मी के साथ मायके जा रही है उसके भाई की तबीयत कुछ ठीक नही है..

सॅम;ऊहह अच्छा

शबनम;सॅम को भीगी हुई पलकों के साथ देखती है उन आँखों में ना जाने क्या था जो सॅम को अंदर तक फन्ना कर देता है

शबनम और ज़ेबा सब से रुखसत लेके निकल जाते है

उनके जाने के बाद सॅम अपने रूम में चला जाता है
उसके पीछे पीछे नजमा भी आजाती है और अंदर पहुँच के रूम का दरवाज़ा बंद कर देती है

सम;चौंकते हुए नजमा को देखता है

नजमा;सॅम के करीब आती है और सटा सॅट सटा सॅट थप्पड़ो की बौछार सॅम के चेहरे पे करती चली जाती है

सॅम;को कुछ समझ नही आ रहा था कि नजमा को क्या हो गया है वो नजमा का हाथ पकड़ लेता है

आख़िर बात क्या है

नजमा;मुझ से पूछ रहा है कमिनाते बात क्या है एक तरफ मुझे कहता है अम्मी में आपसे बे पनाह मोहब्बत करता हूँ और दूसरी तरफ अपनी भाभी और उसकी अम्मी के साथ चाइयीयैआइयियीयियी

तू कितना बेशर्म इंसान है सॅम आज मुझे पता चला तू एक दरिन्दा है जिसे औरतों के जिस्म की भूक है अर्रे तूने जो काम किए है ना वो कोई पढ़ा लिखा इंसान कर ही नही सकता तू बहुत गिर चुका है सॅम मेरी नज़रों में आज के बाद में तुझ से बात क्या तेरी शकल भी नही देखना चाहती दूर होज़ा मेरी नज़रों के सामने से

महक ने अपना बड़ा सा मुँह सुबह सुबह ही नजमा के सामने खोल दिया था

शबनम;के भाई की तबीयत का तो सिर्फ़ बहाना था असल में नजमा ने ज़ेबा और शबनम की कुछ दिनो के लिए इस घर से छुट्टी कर दी थी.

नजमा;ये बोलते बोलते बेड पे गिर गयी उसका बीपी हाइ हो गया था उसे ट्रीटमेंट की ज़रूरत थी वो हाँफ रही थी

सॅम;उसे सहारा देता है पर ऐसी हालत में भी नजमा सॅम के छूने से तिलमिला जाती है

नजमा;दूर हट कमिनाते

महक ;जो रूम के बाहर से सब सुन रही थी दरवाज़ा खट खटाने लगती है

सॅम;दरवाज़ा खोल देता है
जैसे ही महक नजमा को बेड पे पड़ा देखती है. और चील की तरह नजमा की तरफ लपकती है

महक;;नजमा की दवाइयो में से बीपी की गोली लाकर नजमा को खिला देती है कुछ देर बाद नजमा का बीपी कंट्रोल होता है और नजमा महक के सहारे से अपने रूम में चली जाती है..

सॅम;परेशान हो चुका था वो कपड़े पहन के घर से बाहर निकल जाता है

सारा दिन पता नही सॅम कहाँ कहाँ घूमता रहा रात 10 बज चुके थे पर सॅम का कोई पता नही था

नजमा;को घबराहट होने लगी थी वो बार बार सॅम का नंबर ट्राइ करती है पर उसका मोबाइल ऑफ आ रहा था

महक;नजमा के पास बैठी उसे दिलासा दे रही थी

अम्मी आ जाएगा सॅम अपने फ्रेंड्स के यहाँ गया होगा

नजमा;तू सब जानती है ना बेटा पता नही मेरा दिल ज़ोरों से घबरा रहा है कहीं कुछ उल्टी सीधी हरकत ना कर्दे ये लड़का

नजमा;की घबराहट लाज़मी थी सॅम था बड़ा ज़िद्दी

कुछ सेकेंड के बाद डोर बेल बजती है और महक दरवाज़ा खोलती है सामने सॅम खड़ा था उसके चेहरे पे गम के बदल छाए हुए थे

महक;कहाँ था तू अम्मी कितनी परेशान हो रही थी बोलके नही जासकता था

सॅम;महक को कुछ जवाब नही देता और सीधा अपने रूम में जाके बंद हो जाता है

नजमा;के लाख दरवाज़ा खट खटाने पे भी वो डोर नही खोलता आख़िर नजमा परेशान हाल अपने रूम में चली जाती है.


Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: एक राजा और चार रानियाँ

Post by jay »

दूसरे दिन जब नजमा;सॅम के रूम के करीब पहुँची तो रूम का दरवाज़ा खुला था पर सॅम बेड पे नही था बाथरूम में से पानी बहने की आवाज़ नजमा को एहसास दिलाती है कि सॅम नहा रहा है..
वो सॅम के लिए नाश्ता बनाने किचिन में चली जाती है

जब सॅम;हॉल में पहुँचा तो बिल्कुल खामोश था उसके चेहरे पे कोई भाव नही थे

नजमा;उसे नाश्ते की प्लेट सर्व करती है
एक पल के लिए दोनो की नज़रें मिलती है

सॅम;अम्मी मुझे आपसे कुछ बात करनी है

नजमा;हाँ बोल

सॅम;अम्मी मुझे माफ़ कर दीजिए मेने जो कुछ किया है शायद उसके सज़ा ये है कि में आपके नज़रों से हमेशा हमेशा के लिए दूर चला जाऊ

इसीलिए में ने ये फ़ैसला किया है कि में यूके जा रहा हूँ और वहीं रहूँगा

नजमा;के तो जैसे हाथ पैर फूल गये थे
तुझे मेरे बात इतनी बुरी लगी कि तूने इतना बड़ा फ़ैसला कर लिया

सॅम;कुछ नही कहता और चुप चाप वहाँ से चला जाता है

नजमा;खुद को कोस्ती है कि आख़िर मेने उसे ऐसा क्यूँ कहा कि दूर होज़ा मेरे नज़रों के सामने से
सारी ग़लती मेरी है मैं सॅम को कहीं जाने नही दूँगी कभी नही वो ठान लेती है

पर सॅम भी जाने की ठान चुका था.

कमाल की बात तो ये थी कि ग़लती सॅम ने किया था पर अफ़सोस नजमा को हो रहा था गुस्सा नजमा को होना चाहिए था पर रिएक्ट सॅम कर रहा था

दिल तो नजमा का टूटा था दिल के जिस कोने में एक धुंधली सी तस्वीर उभर के आई थी नजमा कि वो सॅम ने मिटाने की कोशिश किया था

ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजे एक आग का दरिया है और डूब के जाना है.

आज पहली बार नजमा का दिल सॅम के जाने से हर्ट हुआ था इतना हर्ट कि कोई सोच भी नही सकता जब नजमा ने सॅम को फीरोजा की बाहों में देखी थी तब भी उसे इतना हर्ट नही हुआ था बल्कि सच कहीं तो उस वक़्त नजमा को जलन हुई थी जिसे उसने गुस्से की शकल में एक कड़वा घूट समझ के पी लिया था

पर आज जब सॅम उसे हमेशा हमेशा के लिए दूर जाने की बात कर रहा था तो पता नही दिल के किसी कोने में कोई चीखा ज़रूर था.

नजमा;सॅम के रूम में पहुँच जाती है जहाँ सॅम कपड़ों की पॅकिंग कर रहा था

सॅम;नजमा को देखता है और फिर दुबारा अपने काम में लग जाता है

नजमा;सॅम तू कहीं नही जा रहा है

सॅम;में जा रहा हूँ अम्मी

नजमा;मेने कहा तू कहीं नही जा रहा

सॅम;में जा रहा हूँ मतलब जा रहा हूँ

नजमा;सॅम के पास जाके उसके हाथ से कपड़े छीन लेती है और एक थप्पड़ उसके गाल पे जड़ देती है.

आँसू सॅम की आँखों में आने चाहिए थे पर रो नजमा रही थी..
तू खुद को समझता क्या है मैं तेरी अम्मी हूँ मेने कहीं तू नही जाएँगा और गर तू जाएगा तो अपनी अम्मी को ज़िंदा नही देख पाएगा

वो रुकी नही रोते हुए सॅम के रूम से निकल गयी.

सॅम;;हाथ में कपड़े पकड़े उसे जाता देखता रह गया.

महक;;जब कुछ देर बाद सॅम के रूम में आई तो सॅम बेड पे लेटा हुआ था

क्यूँ जवान मेने सुना कि तू जा रहा है
तुसी ना जाओ ना

महक;के चेहरे पे मुस्कान थी और होंठो पे शरारत.

वो सॅम और नजमा के बीच की सारे बातें सुन चुकी थी

सॅम;ठंडे आहें भरते हुए
तू अगर मुझे रोकते हुए मर भी जाती तो में नही रुकता पर अम्मी की बात में नही टाल सकता

महक;मरे मेरे दुश्मन तेरे जैसे..में क्यूँ तुझे रोकू जा जाना है तो जा

सॅम;बेड से उठ जाता है और महक के करीब आके उसकी आँखों में देखते हुए
सच में तुझे कोई फरक नही पड़ता

महक;नही

सॅम;मेरे आँखों में देख के कह ना फिर

महक;;तू जाना मुझे बहुत काम है.

सॅम;;महक को अपनी बाहों में कस लेता है इधर देख मेरी तरफ

महक;सॅम का चेहरा देखने लगती है.
बोल क्या है

सॅम;;अगर में चला गया तो तुझे कोई फरक नही पड़ेगा

महक;के होंठ लरज के रह जाते है दिल तो उसका भी दुखा था सॅम के जाने का सुनके पर उसके अहम ने उसे मजबूर किया हुआ था.

तुझ जैसे गंदी इंसान को कौन अपने घर में रखना पसंद करेगा महक ने घूरते हुए सॅम को कहा

सॅम;अब जब में गंदा हूँ ही सब की नज़र में तो क्यूँ ना तेरे साथ भी

महक;चुप कर कमिनाते और छोड़ मुझे वरना में अम्मी को आवाज़ दूँगी

सॅम;;सज़ा तो तुझे मिलेगी मुँह खोलने की मोटी

और अचानक महक के कुछ बोलने से पहले सॅम अपने होंठ महक के काँपते होंठों पे रख देता है.
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
Post Reply