घर के रसीले आम मेरे नाम complete

Post Reply
s_bajaj4u
Novice User
Posts: 274
Joined: 06 Jul 2016 04:23
Contact:

Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

Post by s_bajaj4u »

Superb story bhai mast ekdum mast ja rahi h story
Sanjay Bajaj
prkin

Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

Post by prkin »

I have a backup of some of the stories. Plugging them in.


राज रश्मि की फूली हुई चूत देख कर पागल हो जाता है और डरते हुए धीरे से रश्मि की गदराई उठी हुई चूत में अपनी हथेली रखता है और वह रश्मि की फूली हुई चूत के गरम और मुलायम अहसास से पागल हो जाता है और धीरे से अपने हाथ के पंजो से अपनी बहन की चूत को दबोचने लगता है और रश्मि की हालत यह हो जाती है कि उसको लगता है कि कहीं उसके मूह से आवाज़ ना निकल जाए वह खूब ज़ोर से सीसीयाना चाहती है पर अपनी साँसे रोके हुई लेटी रहती है, राज अपनी बहन की फूली हुई चूत को बड़े प्यार से सहलाता हुआ उसके चेहरे को देख कर हाए रश्मि तू कितनी खूबसूरत है काश तू मेरी बीबी होती, और राज धीरे से अपने मूह को अपनी बहन की फूली हुई चूत पर लेजा कर उसकी चूत पर अपने होंठ को रख कर उसकी फूली हुई चूत को अपने होंठो से दबाने लगता है और रश्मि एक दम से लरज जाती है और उसका मान होता है कि वह अपनी दोनो मोटी जाँघो को एक दम से फैला दे और अपने भैया के मूह को अपनी चूत में पकड़ कर भर दे, राज धीरे-धीरे रश्मि की चूत को अपने होंठो से चूमते हुए उसकी गदराई मोटी जाँघो को अपने हाथो में भर -भर कर दबाने लगता है,

जब राज उसकी फूली हुई चूत को अपने मूह से कई बार चूम लेता है तब वह रश्मि की मोटी-मोटी जाँघो को धीरे से विपरीत दिशा में फैलाने की कोशिश करता है पर रश्मि अपनी जाँघो को कसे रहती है, राज थोड़ी ताक़त लगाकर रश्मि की जाँघो को थोड़ा फैलता है और उसे अपनी बहन की फूली हुई चूत की फांको के बीच की दरार नज़र आने लगती है और वह अपनी बहन की फटी हुई फांको को देख कर पागल हो जाता है और वह धीरे से रश्मि के एक पैर को अपने हाथों में उठाकर उसके पैर को हल्के से मोड़ने लगता है और रश्मि का दिल बहुत जोरो से धड़कने लगता है, राज रश्मि के एक पैर को फोल्ड करके रख देता है और फिर जैसे ही दूसरे पैर को फोल्ड करता है रश्मि की फूली हुई चूत कुछ फटी हुई नज़र आने लगती है और राज धीरे से अपनी बहन की चूत की फांको को सहलाता है और फिर राज उसकी मोटी मूडी हुई जाँघो को पूरी फैला देता है और अपनी जवान बहन का मस्त फूला हुआ भोसड़ा देखता ही रह जाता है रश्मि की चूत की मोटी-मोटी फांके खुल जाती है और उसकी चूत का रस से भरा हुआ गुलाबी छेद नज़र आने लगता है, राज झुक कर रश्मि की गुदाज चूत को सूँघता है और अपनी बहन की मस्तानी चूत की मादक महक उसे पागल कर देती है,

वह रश्मि की चूत को बिल्कुल करीब से देखता है और उसका दिमाग़ थोड़ा ठनकता है और वह अपने मन में सोचता है कि रश्मि की चूत से तो बहुत पानी आ रहा है, इसका मतलब यह हुआ कि रश्मि जाग रही है, उसके होंठो पर थोड़ी मुस्कुराहट आ जाती है फिर भी वह बिना कन्फर्म किए हुए कोई रिस्क लेना नही चाहता था और वह वापस रश्मि के पास आकर लेट जाता है और रश्मि के रसीले होंठो को चूम कर अपने हाथों से उसकी गदराई चूत को सहलाते हुए अपने मूह को रश्मि के कान के पास लेजा कर धीरे से

राज – रश्मि

राज - रश्मि आइ लव यू

राज - रश्मि, तुम्हारी चूत कितनी प्यारी है और रश्मि की चूत को अपने हाथों में भर कर हल्के-हल्के दबाता हुआ धीरे से उसके कानो में कहता है रश्मि में तुझे चोदना चाहता हूँ, आइ लव यू रश्मि, में तुझे पूरी नंगी करके तेरी इस फूली हुई चूत का सारा रस पीना चाहता हूँ और रश्मि को अपनी बाँहो में भर कर उसके होंठो को चूमने लगता है और रश्मि उसकी बातों को सुन कर पागल हो जाती है और उसकी चूत फड़कते हुए पानी छोड़ने लगती है,

राज - लगभग सारी रात रश्मि कभी चूत कभी उसके मोटे-मोटे दूध कभी उसकी गदराई भारी गान्ड और उसकी गुदा को सहलाते हुए उसके होंठो को चूस्ता रहता है और रश्मि चुपचाप पड़े-पड़े पानी छोड़ती रहती है, आख़िर कार रश्मि की सुबह बड़ी मुस्किल में होती है और जब राज उसके पास से उठ कर बाथरूम में चला जाता है तब रश्मि को ऐसा महसूस होता है जैसे कई सालो की क़ैद के बाद आज़ाद हुई हो और वह खुल कर गहरी सांस लेती है और करवट ले कर सो जाती है और जब जागती है तो सुबह के 10 बज चुके थे, वह एक दम से उठती है और रूम में इधर उधर देखती है लेकिन राज उसे नज़र नही आता है और वह जाकर बाथरूम में घुस जाती है और फिर आधे घंटे बाद नहा कर अपनी जीन्स फसा कर तैयार होकर राज के आने का वेट करने लगती है.

करीब 10 मिनट बाद राज रूम के अंदर आता है और रश्मि को देख कर मुस्कुराता हुआ
राज - क्यो इतनी देर तक सोती हो

रश्मि- भैया आप उठ गये थे तो मुझे क्यो नही जगाया, और अपने मन में भैया आपका तो गजब स्टॅमिना है दो रात से सोए नही और उसके बाद भी हीरो बन कर घूम रहे हो,

राज - मेने सोचा क्यो तेरी नींद खराब करूँ, चल तुझे चाइ पिला कर लाता हूँ आज तूने सुबह की चाइ तक नही पी

रश्मि- मुस्कुराते हुए उसके साथ चल देती है,

राज - उसकी गदराई गान्ड को घूर कर देखते हुए अपने हाथ से उसके चुतड़ों पर मार देता है और रश्मि बड़े आश्चर्य से अपने भैया को आँखे फाड़ कर देखती हुई

रश्मि- क्या हुआ भैया

राज - क्या तेरे पास इस जीन्स के अलावा कोई ड्रेस नही है क्या जब देखो जीन्स पहन लेती है

रश्मि- राज को आँखे फाड़ कर देखती हुई तो और क्या पहनूं यह दूसरी जीन्स है अब वो अलग बात है कि एक दो जीन्स एक जैसे कलर की है,

राज - अरे में यह कहना चाहता हूँ कि जीन्स के अलावा भी तो तू कुछ पहन सकती है

रश्मि- मुस्कुराकर क्यो में आपको जीन्स में अच्छी नही लगती क्या

राज - अरे वो बात नही है, अच्छा यह बता तेरे पास साड़ी है, तूने कभी साड़ी पहनी है

रश्मि- हाँ एक दो बार मम्मी की साड़ी पहनी है, लेकिन अभी मेरे पास यहाँ कोई साड़ी नही है

राज - अच्छा चल मेरे साथ और राज रश्मि का हाथ पकड़ कर कार में बैठा कर उसे मार्केट ले जाता है और वहाँ पर

रश्मि- मुस्कुराते हुए क्या बात है भैया क्या आप मुझे साड़ी दिलाओगे

राज - हाँ, में आज तुझे साड़ी पहने हुए देखना चाहता हूँ

रश्मि- अपने मन में क्यो भैया क्या साड़ी पहना कर अपनी बहन की चूत को फाड़ने का इरादा है, कल रात तो आपने हद ही कर दी मेरी मोटी-मोटी जाँघो को पूरी तरह फैला कर मेरी चूत को कितनी गौर से देख रहे थे और फिर उसे चूम भी लिया हाय भैया काश आप अपना मोटा लंड भी भर देते तो मज़ा आ जाता

राज - रश्मि को कोहनी मारते हुए क्या सोचने लगी खड़ी-खड़ी चल अब अंदर चल

दोनो शॉपिंग माल के अंदर चले जाते है और फिर एक काउंटर पर खड़े होकर राज दुकानदार को साड़ियाँ दिखाने को कहता है और राज उन साडियो को रश्मि के कंधे पर डाल-डाल कर देखने लगता है कि कौन सी उस पर जॅंच रही है, फिर एक खूबसूरत ब्लू कलर की साड़ी को रश्मि पर डालते हुए

राज - देख रश्मि इसमे तू कितनी खूबसूरत लग रही है बोल यह पसंद है तुझे

दुकानदार- सर जी भाभी जी के लिए यह साड़ी एक दम पर्फेक्ट है और देखिए ना इसका कलर भी आपकी वाइफ पर कितना अच्छा लग रहा है

दुकान दार की बात सुन कर रश्मि और राज एक दूसरे को देखने लगते है जहा राज के चेहरे पर हल्की शरारत लग रही थी वही रश्मि राज को देख कर अपनी नज़रे नीचे झुका लेती है

राज - ओके भैया इसे पॅक कर दो, फिर अचानक नही-नही रहने दो पॅक मत करो, और वह साड़ी रश्मि को देखते हुए लो इसे चेंज रूम में जाकर पहन कर आओ

रश्मि- आश्चर्य से भैया अभी

तभी दुकानदार उसके मुँह से भैया सुन कर चौक जाता है और जब रश्मि उसको देखती है तो वह अपनी नज़रे नीचे करता हुआ सॉरी मेडम, और रश्मि उसको घूर कर देखते हुए चेंज रूम की ओर चल देती है और राज उसको देख कर मुस्कुराता हुआ फिर से दुकान दार की ओर मुँह करता है और

दुकानदार- सॉरी सर मुझे पता नही था

राज - अरे नही भाई इसमे सॉरी वाली कोई बात नही है, क्यो कि तुमने ठीक कहा था वह मेरी बीबी ही है

दुकानदार- इस बार ज़्यादा अचंभित होते हुए, क्या बात कर रहे है सर,

राज - अरे हाँ भाई हमारी अभी नई-नई शादी हुई है और हम हनिमून मनाने आए है, तुम्हे क्या लगता है कि में कश्मीर अपनी बहन के साथ आउन्गा, पागल हो क्या तुम

दुकानदार- पर सर उन्होने तो आपको अभी-अभी भैया कहा

राज - तो क्या हुआ, मेरा नाम भैया लाल है तो वह मुझे प्यार से भैया कहती है

दुकानदार- ओह सर जी में तो वाकई में बहुत कन्फ्यूज़ हो गया था मुझे क्या पता आपका नाम ही भैया है

राज - मुस्कुराते हुए अब तो ठीक से समझ गये ना

दुकानदार- बिल्कुल सर

राज - अच्छा तो जब मेरी बीबी साड़ी पहनकर आएगी तो उसको यह ज़रूर कह देना कि आपके हज़्बेंड आपको बहुत चाहते है आपकी बड़ी तारीफ कर रहे थे में वहाँ काउंटर पर पेमेंट कर देता हूँ,

दुकानदार- ओके सर आप बिल्कुल चिंता ना करे में अभी भाभी जी से कह देता हूँ

राज उसके सामने वाले काउंटर पर बिल लेने चला जाता है और वहाँ से खड़ा होकर रश्मि के आने का इंतजार करने लगता है तभी उसके सामने रश्मि आती है और वह अपनी बहन को जब देखता है तो देखता ही रह जाता है, और अपने मन में वाकई इससे खूबसूरत बीबी किसी की नही होगी, रश्मि उस साड़ी में गजब ढा रही थी उसका गोरा बदन उस ब्लू कलर की साड़ी में बहुत ही सेक्सी लग रहा था, रश्मि दुकानदार के पास अपनी जीन्स और शर्ट लेकर जाती है और

रश्मि- लो भैया इसे पॅक कर दो

दुकानदार- मुस्कुराता हुआ, अरे भाभी जी आपके पति तो आप पर जान देते है बहुत तारीफ कर रहे थे आपकी,

रश्मि- क्या बकवास कर रहे हो
prkin

Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

Post by prkin »

I have a backup of some of the stories. Plugging them in.

राज रश्मि की फूली हुई चूत देख कर पागल हो जाता है और डरते हुए धीरे से रश्मि की गदराई उठी हुई चूत में अपनी हथेली रखता है और वह रश्मि की फूली हुई चूत के गरम और मुलायम अहसास से पागल हो जाता है और धीरे से अपने हाथ के पंजो से अपनी बहन की चूत को दबोचने लगता है और रश्मि की हालत यह हो जाती है कि उसको लगता है कि कहीं उसके मूह से आवाज़ ना निकल जाए वह खूब ज़ोर से सीसीयाना चाहती है पर अपनी साँसे रोके हुई लेटी रहती है, राज अपनी बहन की फूली हुई चूत को बड़े प्यार से सहलाता हुआ उसके चेहरे को देख कर हाए रश्मि तू कितनी खूबसूरत है काश तू मेरी बीबी होती, और राज धीरे से अपने मूह को अपनी बहन की फूली हुई चूत पर लेजा कर उसकी चूत पर अपने होंठ को रख कर उसकी फूली हुई चूत को अपने होंठो से दबाने लगता है और रश्मि एक दम से लरज जाती है और उसका मान होता है कि वह अपनी दोनो मोटी जाँघो को एक दम से फैला दे और अपने भैया के मूह को अपनी चूत में पकड़ कर भर दे, राज धीरे-धीरे रश्मि की चूत को अपने होंठो से चूमते हुए उसकी गदराई मोटी जाँघो को अपने हाथो में भर -भर कर दबाने लगता है,

जब राज उसकी फूली हुई चूत को अपने मूह से कई बार चूम लेता है तब वह रश्मि की मोटी-मोटी जाँघो को धीरे से विपरीत दिशा में फैलाने की कोशिश करता है पर रश्मि अपनी जाँघो को कसे रहती है, राज थोड़ी ताक़त लगाकर रश्मि की जाँघो को थोड़ा फैलता है और उसे अपनी बहन की फूली हुई चूत की फांको के बीच की दरार नज़र आने लगती है और वह अपनी बहन की फटी हुई फांको को देख कर पागल हो जाता है और वह धीरे से रश्मि के एक पैर को अपने हाथों में उठाकर उसके पैर को हल्के से मोड़ने लगता है और रश्मि का दिल बहुत जोरो से धड़कने लगता है, राज रश्मि के एक पैर को फोल्ड करके रख देता है और फिर जैसे ही दूसरे पैर को फोल्ड करता है रश्मि की फूली हुई चूत कुछ फटी हुई नज़र आने लगती है और राज धीरे से अपनी बहन की चूत की फांको को सहलाता है और फिर राज उसकी मोटी मूडी हुई जाँघो को पूरी फैला देता है और अपनी जवान बहन का मस्त फूला हुआ भोसड़ा देखता ही रह जाता है रश्मि की चूत की मोटी-मोटी फांके खुल जाती है और उसकी चूत का रस से भरा हुआ गुलाबी छेद नज़र आने लगता है, राज झुक कर रश्मि की गुदाज चूत को सूँघता है और अपनी बहन की मस्तानी चूत की मादक महक उसे पागल कर देती है,

वह रश्मि की चूत को बिल्कुल करीब से देखता है और उसका दिमाग़ थोड़ा ठनकता है और वह अपने मन में सोचता है कि रश्मि की चूत से तो बहुत पानी आ रहा है, इसका मतलब यह हुआ कि रश्मि जाग रही है, उसके होंठो पर थोड़ी मुस्कुराहट आ जाती है फिर भी वह बिना कन्फर्म किए हुए कोई रिस्क लेना नही चाहता था और वह वापस रश्मि के पास आकर लेट जाता है और रश्मि के रसीले होंठो को चूम कर अपने हाथों से उसकी गदराई चूत को सहलाते हुए अपने मूह को रश्मि के कान के पास लेजा कर धीरे से

राज – रश्मि

राज - रश्मि आइ लव यू

राज - रश्मि, तुम्हारी चूत कितनी प्यारी है और रश्मि की चूत को अपने हाथों में भर कर हल्के-हल्के दबाता हुआ धीरे से उसके कानो में कहता है रश्मि में तुझे चोदना चाहता हूँ, आइ लव यू रश्मि, में तुझे पूरी नंगी करके तेरी इस फूली हुई चूत का सारा रस पीना चाहता हूँ और रश्मि को अपनी बाँहो में भर कर उसके होंठो को चूमने लगता है और रश्मि उसकी बातों को सुन कर पागल हो जाती है और उसकी चूत फड़कते हुए पानी छोड़ने लगती है,

राज - लगभग सारी रात रश्मि कभी चूत कभी उसके मोटे-मोटे दूध कभी उसकी गदराई भारी गान्ड और उसकी गुदा को सहलाते हुए उसके होंठो को चूस्ता रहता है और रश्मि चुपचाप पड़े-पड़े पानी छोड़ती रहती है, आख़िर कार रश्मि की सुबह बड़ी मुस्किल में होती है और जब राज उसके पास से उठ कर बाथरूम में चला जाता है तब रश्मि को ऐसा महसूस होता है जैसे कई सालो की क़ैद के बाद आज़ाद हुई हो और वह खुल कर गहरी सांस लेती है और करवट ले कर सो जाती है और जब जागती है तो सुबह के 10 बज चुके थे, वह एक दम से उठती है और रूम में इधर उधर देखती है लेकिन राज उसे नज़र नही आता है और वह जाकर बाथरूम में घुस जाती है और फिर आधे घंटे बाद नहा कर अपनी जीन्स फसा कर तैयार होकर राज के आने का वेट करने लगती है.

करीब 10 मिनट बाद राज रूम के अंदर आता है और रश्मि को देख कर मुस्कुराता हुआ
राज - क्यो इतनी देर तक सोती हो

रश्मि- भैया आप उठ गये थे तो मुझे क्यो नही जगाया, और अपने मन में भैया आपका तो गजब स्टॅमिना है दो रात से सोए नही और उसके बाद भी हीरो बन कर घूम रहे हो,

राज - मेने सोचा क्यो तेरी नींद खराब करूँ, चल तुझे चाइ पिला कर लाता हूँ आज तूने सुबह की चाइ तक नही पी

रश्मि- मुस्कुराते हुए उसके साथ चल देती है,

राज - उसकी गदराई गान्ड को घूर कर देखते हुए अपने हाथ से उसके चुतड़ों पर मार देता है और रश्मि बड़े आश्चर्य से अपने भैया को आँखे फाड़ कर देखती हुई

रश्मि- क्या हुआ भैया

राज - क्या तेरे पास इस जीन्स के अलावा कोई ड्रेस नही है क्या जब देखो जीन्स पहन लेती है

रश्मि- राज को आँखे फाड़ कर देखती हुई तो और क्या पहनूं यह दूसरी जीन्स है अब वो अलग बात है कि एक दो जीन्स एक जैसे कलर की है,

राज - अरे में यह कहना चाहता हूँ कि जीन्स के अलावा भी तो तू कुछ पहन सकती है

रश्मि- मुस्कुराकर क्यो में आपको जीन्स में अच्छी नही लगती क्या

राज - अरे वो बात नही है, अच्छा यह बता तेरे पास साड़ी है, तूने कभी साड़ी पहनी है

रश्मि- हाँ एक दो बार मम्मी की साड़ी पहनी है, लेकिन अभी मेरे पास यहाँ कोई साड़ी नही है

राज - अच्छा चल मेरे साथ और राज रश्मि का हाथ पकड़ कर कार में बैठा कर उसे मार्केट ले जाता है और वहाँ पर

रश्मि- मुस्कुराते हुए क्या बात है भैया क्या आप मुझे साड़ी दिलाओगे

राज - हाँ, में आज तुझे साड़ी पहने हुए देखना चाहता हूँ

रश्मि- अपने मन में क्यो भैया क्या साड़ी पहना कर अपनी बहन की चूत को फाड़ने का इरादा है, कल रात तो आपने हद ही कर दी मेरी मोटी-मोटी जाँघो को पूरी तरह फैला कर मेरी चूत को कितनी गौर से देख रहे थे और फिर उसे चूम भी लिया हाय भैया काश आप अपना मोटा लंड भी भर देते तो मज़ा आ जाता

राज - रश्मि को कोहनी मारते हुए क्या सोचने लगी खड़ी-खड़ी चल अब अंदर चल

दोनो शॉपिंग माल के अंदर चले जाते है और फिर एक काउंटर पर खड़े होकर राज दुकानदार को साड़ियाँ दिखाने को कहता है और राज उन साडियो को रश्मि के कंधे पर डाल-डाल कर देखने लगता है कि कौन सी उस पर जॅंच रही है, फिर एक खूबसूरत ब्लू कलर की साड़ी को रश्मि पर डालते हुए

राज - देख रश्मि इसमे तू कितनी खूबसूरत लग रही है बोल यह पसंद है तुझे

दुकानदार- सर जी भाभी जी के लिए यह साड़ी एक दम पर्फेक्ट है और देखिए ना इसका कलर भी आपकी वाइफ पर कितना अच्छा लग रहा है

दुकान दार की बात सुन कर रश्मि और राज एक दूसरे को देखने लगते है जहा राज के चेहरे पर हल्की शरारत लग रही थी वही रश्मि राज को देख कर अपनी नज़रे नीचे झुका लेती है

राज - ओके भैया इसे पॅक कर दो, फिर अचानक नही-नही रहने दो पॅक मत करो, और वह साड़ी रश्मि को देखते हुए लो इसे चेंज रूम में जाकर पहन कर आओ

रश्मि- आश्चर्य से भैया अभी

तभी दुकानदार उसके मुँह से भैया सुन कर चौक जाता है और जब रश्मि उसको देखती है तो वह अपनी नज़रे नीचे करता हुआ सॉरी मेडम, और रश्मि उसको घूर कर देखते हुए चेंज रूम की ओर चल देती है और राज उसको देख कर मुस्कुराता हुआ फिर से दुकान दार की ओर मुँह करता है और

दुकानदार- सॉरी सर मुझे पता नही था

राज - अरे नही भाई इसमे सॉरी वाली कोई बात नही है, क्यो कि तुमने ठीक कहा था वह मेरी बीबी ही है

दुकानदार- इस बार ज़्यादा अचंभित होते हुए, क्या बात कर रहे है सर,

राज - अरे हाँ भाई हमारी अभी नई-नई शादी हुई है और हम हनिमून मनाने आए है, तुम्हे क्या लगता है कि में कश्मीर अपनी बहन के साथ आउन्गा, पागल हो क्या तुम

दुकानदार- पर सर उन्होने तो आपको अभी-अभी भैया कहा

राज - तो क्या हुआ, मेरा नाम भैया लाल है तो वह मुझे प्यार से भैया कहती है

दुकानदार- ओह सर जी में तो वाकई में बहुत कन्फ्यूज़ हो गया था मुझे क्या पता आपका नाम ही भैया है

राज - मुस्कुराते हुए अब तो ठीक से समझ गये ना

दुकानदार- बिल्कुल सर

राज - अच्छा तो जब मेरी बीबी साड़ी पहनकर आएगी तो उसको यह ज़रूर कह देना कि आपके हज़्बेंड आपको बहुत चाहते है आपकी बड़ी तारीफ कर रहे थे में वहाँ काउंटर पर पेमेंट कर देता हूँ,

दुकानदार- ओके सर आप बिल्कुल चिंता ना करे में अभी भाभी जी से कह देता हूँ

राज उसके सामने वाले काउंटर पर बिल लेने चला जाता है और वहाँ से खड़ा होकर रश्मि के आने का इंतजार करने लगता है तभी उसके सामने रश्मि आती है और वह अपनी बहन को जब देखता है तो देखता ही रह जाता है, और अपने मन में वाकई इससे खूबसूरत बीबी किसी की नही होगी, रश्मि उस साड़ी में गजब ढा रही थी उसका गोरा बदन उस ब्लू कलर की साड़ी में बहुत ही सेक्सी लग रहा था, रश्मि दुकानदार के पास अपनी जीन्स और शर्ट लेकर जाती है और

रश्मि- लो भैया इसे पॅक कर दो

दुकानदार- मुस्कुराता हुआ, अरे भाभी जी आपके पति तो आप पर जान देते है बहुत तारीफ कर रहे थे आपकी,

रश्मि- क्या बकवास कर रहे हो
prkin

Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

Post by prkin »

दुकानदार- अरे भाभी जी में अपने पहले वाले सॉरी के लिए सॉरी बोलता हूँ मुझे क्या पता था जिसे आप भैया कह रही है वह आपके पति देव है और आप तो उन्हे प्यार से भैया ही कहती है

रश्मि- उसको घुरती हुई, उसके हाथ से पॅकेट छुड़ाते हुए, पागल कहीं का, दिमाग़ में भूसा भरा है क्या, अपने भैया को भैया नही कहुगी तो और क्या कहुगी,

दुकानदार- मुस्कुराते हुए, पर भाभी जी कितना गजब का इतफ़ाक़ है कि आपको अपने पति को ही भैया बोलना पड़ता है

रश्मि- उसको खा जाने वाली नज़रो से देखती हुई, तुमसे यह सब किसने कहा कि वह मेरे पति है,

दुकानदार- मुस्कुराते हुए, अरे भाभी जी यह भी कोई बताने वाली बात है क्या में तो आप दोनो को देखते ही पहचान गया था कि आप दोनो पति पत्नी है, आप दोनो की जोड़ी ही ऐसी है कि कोई भी आप दोनो को एक नज़र में ही पहचान जाएगा कि यह दोनो मियाँ बीबी है,

रश्मि- आश्चर्य से उसको देखती हुई राज की ओर देखती है और राज दूर से मुस्कुराता हुआ अपने अंगूठे और उंगली को मिला कर उसकी तारीफ करता है

दुकानदार- देखो भाभी जी आपके पति आपकी दूर से ही तारीफ कर रहे है

रश्मि- उसको घूर कर देखती है और फिर मुस्कुराते हुए गुस्से से उसको देखती हुई, पागल कहीं का और फिर राज की ओर चलने लगती है,

दोनो बाहर आकर एक रेस्टोरेंट में जाकर कॉफी का ऑर्डर करते हुए आमने सामने बैठ जाते है और राज रश्मि को देख कर मुस्कुराते हुए

राज - रश्मि तू तो एक दम अप्सरा लग रही है, मुझे नही पता था तू साड़ी में इतनी खूबसूरत लगती है,

रश्मि- मुस्कुराकर थॅंक्स भैया, फिर एक दम मुँह बनाते हुए, आपने उस दुकानदार को कुछ कहा था क्या

राज - नही तो क्यो कुछ कह रहा था क्या

रश्मि- मुस्कुराकर नही कुछ नही

राज - नही-नही कुछ तो ज़रूर वह तुझसे कह रहा था, बता ना क्या कह रहा था वह, कोई बदतमीज़ी तो नही की उसने तुझसे,

रश्मि- मुस्कुराते हुए नही भैया ऐसी कोई बात नही है

राज - तो फिर तू इतना मुस्कुरा क्यो रही है क्या मेरे बारे में कुछ उल्टा सीधा कह रहा था बोल में अभी साले के पास जाकर उसके बारह बजाता हूँ

रश्मि- नही भैया वह ऐसा कुछ नही कह रहा था जैसा आप सोच रहे हो उसे तो बस थोड़ी ग़लत फ़हमी हो गई थी

राज - कैसी ग़लत फ़हमी

रश्मि- अपनी नज़रे राज से मिला कर फिर नज़रो को झुकाते हुए आक्च्युयली भैया वह मुझे आपकी बीबी समझ रहा था,

राज - मुस्कुराते हुए, पर मुझे तो तू शादी शुदा नज़र नही आती है मुझे तो तू कुवारि ही लगती है

रश्मि- अपनी नज़रे उठा कर राज को देखती है और

राज - उसकी ओर मुस्कुराकर रश्मि एक बात कहूँ

रश्मि- क्या

राज - तू वाकई बहुत खूबसूरत लग रही है अगर मेरी बहन नही होती तो में सचमुच तुझसे शादी कर लेता

रश्मि- उसकी बात सुन कर अपनी नज़रे नीचे कर लेती है और अपने हाथो के नखुनो को आपस में रगड़ने लगती है

कुछ देर तक दोनो के बीच खामोशी छाई रहती है और फिर उनकी कॉफी आ जाती है दोनो अपने-अपने कप उठा कर एक दूसरे को देखते हुए कॉफी पीने लगते है,

राज – रश्मि

रश्मि- अपना मुँह उसकी ओर उचकाती है

राज - तुझे मेरी बात का बुरा तो नही लगा

रश्मि- कौन सी बात

राज - यही कि तू मुझे इतनी अच्छी लगती है कि तू मेरी बहन नही होती तो में तुझे अपनी बीबी बना लेता

रश्मि- मुस्कुराते हुए, अरे भैया मुझे बुरा क्यो लगेगा में जानती हूँ कि आप मज़ाक कर रहे है

राज - नही रश्मि में मज़ाक नही कर रहा हूँ

रश्मि- उसकी ओर देखती है

राज - क्या में तेरा भाई नही होता तो तू मुझसे शादी कर सकती थी

रश्मि- इधर उधर देखते हुए, मुझे नही पता

राज - क्या में तुझे अच्छा नही लगता

रश्मि- उसको देख कर मुस्कुराते हुए, क्या भैया आप भी कौन सी बात लेकर बैठ गये

राज - क्यो तुझे मेरी बाते अच्छी नही लग रही है

रश्मि- नही वो बात नही है पर

राज - पर क्या

रश्मि-मुस्कुराकर कुछ नही भैया

राज - रश्मि- एक बात कहूँ

रश्मि- क्या

राज - तू जानती है में किस लड़की से प्यार करता हूँ

रश्मि- आपका मतलब है आप दो दिन से जिस लड़की के बारे में बोल रहे है वह ना

राज – हाँ

रश्मि- मुझे क्या पता भैया वह कौन है

राज - तू जानना चाहती है

रश्मि- कुछ सोच कर, कौन है

राज - तू जानती है उसे

रश्मि- कुछ सोच कर, में जानती हूँ, पर मेरी जानकारी में तो कोई लड़की ऐसी नही है, कहीं आप मेरी सहेली कोमल की बात तो

राज - अरे नही रे

रश्मि- मुस्कुराकर तो फिर और कौन हो सकती है

राज - में सोचता हूँ आज तुझे बता ही दूं वह लड़की कौन है

रश्मि- तो फिर बताओ ना

राज - कुछ सोच कर, अभी नही बाद में बताउन्गा

रश्मि- बाद में कब

राज - मुस्कुराकर बस एक सही मोके की तलाश है

रश्मि- अब मुझे बताने में कौन सा मोका चाहिए आपको

राज - चल अब रूम पर चलते है, वही बैठ कर बात करेगे

रश्मि राज के साथ चल देती है और अपने मन में ओफ्फ हो भैया ना जाने कब आप अपने दिल की बात मुझसे कहोगे, रोज रात को मेरी चूत गीली कर देते हो अब तो सहा नही जा रहा है अब और कितना समय लगाओगे जल्दी से कह क्यो नही देते कि रश्मि में तेरी फूली छुई चूत को अपने मोटे लंड से फाड़ना चाहता हूँ,

राज अपने मन में सोचता है, रश्मि कल रात को तूने अपनी रसीली चूत मुझे दिखा कर पागल कर दिया है अब में तेरी मस्तानी चूत को फाडे बिना नही रह सकता हूँ, और आज रात को ही में तेरी चूत को फाड़ देना चाहता हूँ मुझसे अब और बर्दास्त नही होता है

दोनो रूम पर पहुच कर
रश्मि- मुस्कुराते हुए क्यो भैया जी अब तो में यह साड़ी उतार दूं

राज - नही पहले इधर आओ

रश्मि- मुस्कुराते हुए क्यो

राज - उसको मुस्कुराकर देखते हुए, क्योकि मुझे तेरे गाल काटना है

रश्मि- मुस्कुराकर, अपनी उंगली दिखाते हुए, देखो भैया ये सब नही चलेगा,

राज - क्यो तुझे अच्छा नही लगता क्या

रश्मि- क्यो आप को मेरे गालो को काटना बहुत अच्छा लगता है क्या

राज - मुस्कुराकर हाँ तू आज बहुत खूबसूरत लग रही है इसलिए मेरा मन तेरे गालो को काटने का कर रहा है

रश्मि- मुस्कुराते हुए प्लीज़ भैया ऐसा मत करो मुझे बहुत दर्द होता है
prkin

Re: घर के रसीले आम मेरे नाम

Post by prkin »

राज - अरे पागल में बड़े प्यार से काटुन्गा तुझे ज़रा भी दर्द नही होगा

रश्मि- नही में नही आउन्गि

राज - रश्मि तू आती है या में तेरे पास आउ

रश्मि- मुस्कुराते हुए उसको उंगली दिखाते हुए देखो भैया ये ग़लत बात है आपकी

राज - तू ऐसे नही मानेगी और फिर वीकसी उसके पास पहुच जाता है और रश्मि दीवार से टिक कर अपने हाथो से अपने दोनो गालो को छुपाते हुए मुस्कुराने लगती है राज उसकी दोनो कलाईयों को पकड़ कर हटा देता है और फिर रश्मि मुस्कुराते हुए उसे देखती है और वह अपने मुँह को रश्मि के गालो की ओर धीरे-धीरे लाने लगता है और रश्मि के बदन की मस्त खुश्बू से उसका लंड कड़क हो जाता है और रश्मि अपने मुँह को दूसरी ओर घुमा लेती है, राज अपने मुँह को उसके गुलाबी गालो पर लगा देता है और रश्मि अपनी आँखे बंद कर लेती है और राज धीरे से रश्मि के गालो को अपने दाँतों के बीच दबा कर धीरे-धीरे अपने दाँतों का ज़ोर उसके गुलाबी गालो पर लगाने लगता है और रश्मि की चूत फूलने लगती है,

रश्मि- आह भैया प्लीज़ अब छोड़ दो

राज - अपने दाँतों का ज़ोर लगाते हुए उसके गालो को पकड़ लेता है और

रश्मि- आह भैया बहुत दर्द हो रहा है

राज - अपने दाँतों का प्रेसर कुछ कम करता हुआ रश्मि के गालो को चूम लेता है और रश्मि के गाल लाल हो जाते है

राज अपनी खूबसूरत बहन के लाजवाब हुस्न को गौर से देखता है और उसका लंड रश्मि की गदराई जवानी को देख कर झटके मारने लगता है, वह रश्मि के पीछे हाथ लेजा कर उसको अपने दोनो हाथो में उठा लेता है,

रश्मि- उसकी इस हरकत से एक दम से, अरे भैया ये क्या कर रहे हो

राज - अपनी खूबसूरत बहन को प्यार करना चाहता हूँ

रश्मि- मुस्कुराती हुई उसको देखती है और राज उसके खूबसूरत चेहरे को देखता हुआ उसे अपनी गोद में उठाए हुए उसके गुलाबी गालो को चूमने लगता है और रश्मि अपने चेहरे को दूसरी ओर मोड़ लेती है और राज उसके गले को अपने होंठो से चूमने लगता है और

रश्मि- भैया ये क्या कर रहे हो प्लीज़ मुझे उतार दो,

वीकसी- क्यो तुझे अच्छा नही लग रहा है, और राज उसके भारी-भारी चुतड़ों को अपने हाथो में कसे हुए उसके पूरे दूध को अपने सीने से सटाता हुआ उसके गले पर अपने होंठ फेरता हुआ उसकी गदराई जवानी का मज़ा लेने लगता है, उसका लंड बिल्कुल खंबे की तरह तना रहता है और रश्मि की रसीली चूत रस छोड़ने लगती है,

रश्मि- भैया अब बस भी करो ना

राज - ओके बाबा, ज़रा सा अपनी बहन को प्यार भी नही कर सकता

रश्मि- मुस्कुराते हुए उसके गाल पर अपना हाथ फेरते हुए, और कितना प्यार करोगे अपनी बहन को

राज - उसके गालो को चूमता हुआ उसे बेड पर लेजा कर लिटा लेता है और उसके साइड में बैठ जाता है, दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है तभी राज का मोबाइल बजता है और उस पर मम्मी लिखा होता है

राज - हाँ मम्मी कैसी हो

रजनी- बस बेटे अच्छी हूँ, तू बता कैसा है और रश्मि कहाँ है

राज - यहीं है मेरे पास लो कर लो बात

रश्मि- हेलो मम्मी

रजनी- क्यो री जब से गई है तुझे अपनी मम्मी की याद एक बार भी नही आई, जब ससुराल चली जाएगी तो लगता है एक बार भी फोन नही करेगी

रश्मि- तुम तो जब देखो मुझे घर से भगाने के ही ख्वाब देखती रहती हो, और राज की ओर मुस्कुरा कर देखती हुई, में कहीं नही जाने वाली अपने भैया को छोड़ कर

रजनी- अरे जब तक राज की बीबी नही है तब तक ही तेरा भैया तेरा ख्याल रखेगा उसकी जहाँ शादी हुई वहाँ वह अपनी बीबी के चक्कर में सब भूल जाएगा और फिर तेरी भाभी आते ही तेरा ससुराल का टिकेट कटवा देगी तब क्या करेगी तू

रश्मि- मुस्कुराते हुए तुम चिंता मत करो मम्मी में अपने लिए भाभी खुद ही ढूँढ कर लाउन्गी फिर वह मुझे अपने से दूर कभी नही करेगी

रजनी- अपने मन में कामिनी का दिमाग़ इन्ही सब चीज़ो में तो चलता है, कहीं अपनी भाभी की सौतन मत बन जाना तेरे लक्षण ठीक नही दिखाई दे रहे है,

रजनी- बड़ी आई भाभी को पटाने वाली चल राज को फोन दे

राज - हाँ मम्मी

रजनी- बेटे मुझे तो तेरी बहुत याद आ रही है, कब तक वापस आएगा और कितना कश्मीर घूमेगे तुम दोनो

राज - ओह मम्मी बस दो-तीन दिन में हम लौट आएगे, आप चिंता मत करो और कोई परेशानी तो नही है

रजनी- अपने मन में बेटे अब में तुझे अपनी परेशानी कैसे बताऊ, मेरी परेशानी को बढ़ने के लिए भी तो तू ही जवाबदार है, जब से तेरा मोटा लंड अपने हाथो से पकड़ा है तब से तेरी मम्मी की फूली हुई चूत चुदने के लिए कुछ ज़्यादा ही तड़पने लगी है, तेरे मोटे लंड के अहसास भर से ही मेरी फूली हुई चूत पानी छोड़ने लगती है, और अपनी साड़ी के अंदर हाथ लेजा कर अपनी फूली हुई चूत की फांको में उंगली डाल कर उसका पानी अपनी उंगली में लगा कर बाहर निकाल कर, देख ले बेटे तुझसे बात भर करने से मेरी चूत से कितना पानी बहने लगा है, अब तो यह हाल है कि तेरी याद आती है तो सबसे पहले तेरा मोटा लंड याद आ जाता है और में अपनी चूत को पानी बहाने से नही रोक पाती हूँ

रजनी- नही बेटे और तो कोई परेशानी नही है, बस तुझे देखने का मन कर रहा है

राज - मम्मी मुझे भी आपकी बहुत याद आ रही है में एक दो दिन में ही वापस आ जाता हूँ

रजनी- मुस्कुराते हुए ठीक है बेटा

राज - अच्छा मम्मी अब फोन रखूं

रजनी- चल ठीक है बेटा

रश्मि- मुस्कुराते हुए, क्या कह रही है मम्मी

राज - कुछ नही कह रही हैं कि उसे मेरी याद बहुत आ रही है वह मुझे देखना चाहती है

रश्मि- मुस्कुरा कर अपने मन में, कहीं मम्मी ने तुम्हारा मोटा लंड तो नही देख लिया है, एक दो दिन तुम उसके साथ भी रात को सोए थे ज़रूर रात को उसने तुम्हारे लंड को पकड़ लिया होगा या फिर सुबह-सुबह तुम्हारा लंड उसकी मोटी गदराई गान्ड में चुभ गया होगा और उसने तुम्हारे मोटे लंड को पकड़ लिया होगा, और फिर मुस्कुराते हुए आज कल की चुतो का कोई भरोसा नही रहता है किसी का भी मोटा लंड अगर देख लेती है तो पानी-पानी होते देर नही लगती है

राज - चुटकी बजाते हुए कहाँ खो गई मेरी गुड़िया रानी

रश्मि- कही नही भैया, में तो यह सोच रही थी कि मम्मी बेचारी अकेली घर में बोर हो रही होगी

राज - हाँ ये बात तो है हम लोग कल और घूमते है और परसो की ट्रेन पकड़ कर घर निकल जाते है क्यो क्या बोलती हो

रश्मि- जैसी आपकी मर्ज़ी

राज - मुस्कुराते हुए उसके गालो पर हाथ फेरता हुआ, क्यो तेरी मर्ज़ी अभी जाने की नही है क्या

रश्मि- नही ऐसी बात नही है, पर यहाँ बड़ा मज़ा आ रहा था घूमने में

राज उसको अपने से चिपकाते हुए अरे पगली तेरा भाई जहाँ रहेगा तुझे वही सब मज़े दे सकता है बस तू एक बार बोल तो सही कि तू क्या चाहती है

रश्मि- मुस्कुराते हुए अपने मन में, भैया अब में आपसे कैसे कहूँ कि मुझे आपका मोटा लंड चाहिए

रश्मि- भैया बहुत जोरो की भूख लगी है

राज - अच्छा तू 10 मिनट वेट कर में अभी खाने का इंतज़ाम करता हूँ और फिर राज रूम के बाहर निकल जाता है करीब 10 मिनट बाद राज खाना लेकर आ जाता है और

रश्मि- जाओ जाकर अपनी साड़ी उतार कर मुँह हाथ धो लो खाना रेडी है

रश्मि उठ कर कुछ सोचते हुए अपनी स्कर्ट और टीशर्ट उठाकर राज को मुस्कुराकर देखती हुई बाथरूम में घुस जाती है और राज उसे देखते हुए खुश हो जाता है, करीब 5 मिनट बाद रश्मि अपनी स्कर्ट और टीशर्ट पहन कर अपने हाथ में साड़ी लेकर बाहर आजाती है,

राज - मुस्कुराकर उसको देखता हुआ, औरतो के भी कितने रूप होते है

रश्मि- क्यो

राज - अभी कुछ देर पहले तू पूरी औरत नज़र आ रही थी और अब जब तूने चेंज कर लिया तो तू लड़की नज़र आने लगी है

रश्मि- मुस्कुराते हुए तो आपको मेरा कौन सा रूप ज़्यादा पसंद आया

राज - यह बताना मेरे लिए बड़ा मुश्किल है क्यो कि तू किसी भी रूप में मेरे सामने आ जाए मुझे हर रूप में तुझे प्यार करने का मन करता है
Post Reply