कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

चाचा जी रुकने को तो रुक जाते हम लोग लेकिन रात को मेरी फ्रेंड कविता का फोन आया था कि कॉलेज से ऑर ज़्यादा
छुट्टियाँ नही मिल रही है इसलिए आज ही वापिस जाना होगा वर्ना मुश्किल हो जाएगी,,,,सोनिया ने मेरी तरफ गुस्से मे
देखते हुए चाचा जी की बात का जवाब दिया,,मैने झट से अपना चेहरा चाचा जी की तरफ कर लिया,,,,,

चाचा--ठीक है बेटा आज नही रोकता तुम लोगो को क्यूकी तुम लोगो की स्टडी ऑर कॉलेज का सवाल है अगर कोई ऑर बहाना करती तुम तो नही जाने देता मैं तुम लोगो को,,,तुम लोगो के आने की वजह से तो दिल बहला है मेरा एक नई उम्मीद जागी है दिल मे जीने की वर्ना मैं बूढ़ा बंदा जी के क्या करता,,,,अब तो चले जाओ लेकिन जल्दी ही तुम लोगो को फिर से वापिस आना होगा,,,,,,

सन्नी--फिर से क्यू चाचा जी,कोई ख़ास बात है क्या,,,,,,,,,,

हाँ बेटा कोई खास बात है लेकिन अगर खास बात नही होती फिर भी तुम लोगो को आना ही पड़ेगा अपने बूढ़े
चाचा से मिलने के लिए,,,,,चाचा ने हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,

मैं तो जब आप बोलो तब आने को तैयार हूँ चाचा जी बस आप हुकम किया करो,,,,,,,,,,,,वैसे वो ख़ास बात क्या
है जिसकी वजह से हमे फिर से आना होगा चाचा जी,,,मैने चाचा जी से पूछा,,,,,,,,

चाचा--वो तो मैं तभी बताउन्गा जब तुम लोग आओगे,,,,,,,,

इतने मे माँ नाश्ता लेके आ गई ऑर मैं वहीं बैठ कर नाश्ता करने लगा ऑर साथ साथ हम लोग बातें करने
लगे,,,,,,,,हमारे जाने की वजह से चाचा जी बहुत उदास थे ऑर चाचा जी की हालत देख कर चाची भी बहुत
उदास थी,,,,,,,,,लेकिन अब मैं रुक भी नही सकता था क्यूकी सोनिया ने पहले से सबको बोल दिया था कि मैं भी
उसके साथ जाने वाला हूँ ऑर वैसे भी कार तो मुझे ही चलानी थी उसको घर से लेके भी तो मैं ही आया था,,,,

हम लोगो को तो आज ही जाना था लेकिन माँ ऑर मामा जी अभी ऑर 2-4 दिन यहीं रुकने वाले थे,,,,,,,,,,,

नाश्ता करके सब लोगो से मिलकर मैने कार को घर से बाहर निकाला तब तक सोनिया अपना ऑर मेरा बॅग पहले से ही
कार मे रख चुकी थी,,,,मैं सबसे मिला ऑर कार की ड्राइविंग सीट पर आके बैठ गया ऑर सोनिया सबसे मिलने के बाद
मेरी साथ वाली सीट पर बैठ गई ,,मैने कार स्टार्ट की ऑर हम लोग वहाँ से चल पड़े ना तो मैं सोनिया की तरफ
देख रहा था क्यूकी डर लगता था मुझे ऑर ना ही सोनिया मेरी तरफ देख रही थी उसका ध्यान तो खिड़की से बाहर
की तरफ़ था तभी हम लोग घर से करीब 2 किलोमेटेर आगे ही आए थे कि उसने मुझे कार रोकोने को बोला ,,,

मैने कार रोक दी ओर वो कार से उतर कर पीछे वाली सीट पर जाके बैठ गई,,,,मैं समझ गया कि वो मेरे से
गुस्सा है ओर मेरे साथ नही बैठना चाहती ,,घर वालो के सामने वो मेरे साथ बैठ गई थी ताकि कोई उस से कोई
सवाल ना करे लेकिन घर से थोड़ी दूर आते ही वो पीछे जाके बैठ गई,,,मुझे इस बात से कोई हैरत नही हुई
मुझे तो लगा था कि वो मेरे साथ नही जाएगी घर वापिस ऑर बस मे अकेली जाएगी लेकिन उसने ऐसा नही किया ऑर
मेरे साथ ही वापिस घर आने को तैयार थी लेकिन पीछे वाली सीट पर बैठ कर,,,,,,खैर मुझे क्या मैं तो पहले
से उदास था अब सोनिया की इस हरकत से थोड़ा ऑर उदास हो गया,,,,पहली वजह तो थी रेखा ,मैं उसकी मस्त गान्ड
का दीवाना हो गया था ऑर जी भरके उसकी गान्ड मारना चाहता था लेकिन इस सोनिया की वजह से मुझे उस मस्त ऑर
रसीली गान्ड से दूर जाना पड़ रहा था ऑर उपर से ये कामिनी खुद जाके पीछे वाली सीट पर बैठ गई ऑर मुझे
अपना ड्राइवर बना लिया मेरा मूड थोड़ा खराब हो गया इसीलिए मैने दिल बहलाने के लिए कुछ सॉंग प्ले
कर लिए ऑर अपनी ही मस्ती मे सॉंग सुनता हुआ ड्राइव करने लगा ड्राइव करते हुए मेरा ध्यान उपर वाले मिरूर पर
गया जिस से हम लोग पीछे से आने वाले ट्रेफ्फिक पर नज़र रखते है उस मिरूर पर नज़र पड़ते ही होश खो गये
मेरे एक ही पल मे मस्ती भरने लगी मेरे दिल मे एक तो कार मे रोमॅंटिक सॉंग प्ले था ऑर उपर से पीछे वाली
सीट पर बैठ कर सोनिया ने अपने बालों को खोल दिया था ऑर खिड़की से बाहर देख कर उस सॉंग के वर्ड्स मे
खो गई थी उसकी खुली जुल्फे हवा मे इधर उधर उड़ने लगी थी जिसको वो बार बार अपने माथे से हटा कर
कान की एक साइड पर अटका लेती थी लेकिन लेकिन वो बालों की एक लट उसको बार बार तंग कर रही थी विंडो का शीशा ओपन था ऑर वो गाओं की ठंडी हवा का लुफ्त उठा रही थी लेकिन वही ठंडी हवा उसको तंग कर रही थी उसकी
ज़ुल्फो की एक लट जो बार बार उसके कान की साइड से फिसल कर निकल जाती ऑर उसके माथे पर लहराने लगती जिसको वो बड़े प्यार से फिर से कान की साइड पर अटका लेती लेकिन वो लट भी उसकी तरह ज़िद्दी थी जो उसका कहना नही मान रही थी ऑर बार बार उसको तंग कर रही थी सोनिया भी तंग तो हो रही थी लेकिन रोमेंटिक सॉंग ऑर गाओं की ठंडी हवा ने उसके गुस्से को कंट्रोल मे किया हुआ था,,,लेकिन मुझे ये सब देख कर बहुत मज़ा आ रहा था मैं बार बार
मिरूर मे नज़रे बचा बचा कर उसे देख रहा था जब भी वो मेरी तरफ देखती तो मैं अपना ध्यान ड्राइविंग की
तरफ कर लेता जब वो फिर से बाहर गाओं की हवा का लुफ्त उठाने लगती तो मैं भी उसको देख देख कर उसकी
मासूमियत से भरे चहरे का दीदार करके लुफ्त उठाने लग जाता था,,,,उसकी भोली भाली शकल देख कर कोई
सोच नही सकता कि इस लड़की का गुस्सा हिट्लर से भी कहीं ज़्यादा हो सकता है लेकिन ये सच था उसके गुस्से से मैं
क्या मेरी पूरी फॅमिली डरती थी,,,,ऐसे ही उसका दीदाए करते करते हम लोग घर पहुँच गये हम लोग रास्ते मे
एक बार रुके थे कोल्ड्रींक्स लेने क लिए लेकिन तब भी सोनिया कार से नही उतरी थी मैं ही उतर कर कोल्ड्ड्रिंक्स लेने
गया था वो तो गुस्से से मुँह फूला कर आराम से पिछली सीट पर बैठी रही थी,,,,,,,,

घर पहुँचे तो 7 बज चुके थे ,,घर के गेट के पास मैने कार रोकी तो सोनिया ने उतर कर गेट खोला फिर मैं
डोर की बेल बजाने लगी तब तक मैं कार को घर के अंदर ले आया,,,शोबा दीदी ने दरवाजा खोला ऑर सोनिया जल्दी से
अंदर चली गई ऑर मैं अपना ऑर सोनिया का बॅग लेके घर के अंदर आ गया मेरे अंदर आते ही शोबा दीदी मुझे
गले लग्के मिली फिर चाचा जी का हाल चाल पूछते हुए मेरे से एक बॅग पकड़ लिया ऑर हम लोग बातें करते हुए
उपर वाले फ्लोर पर चले गये ,,,,,,,,उपर भुआ किचन मे काम कर रही थी जबकि डॅड सोफे पर बैठ कर टीवी देख
रहे थे ,,,,,,,,मैं ऑर दीदी मे रूम मे चले गये तब सोनिया वॉशरूम मे जा चुकी थी मैने ऑर दीदी ने बॅग को
रूम मे रखा ओर फिर मैं फ्रेश होने के लिए शोबा दीदी के रूम मे आ गया ऑर शोबा दीदी भी मेरे साथ वहाँ
आ गई,,,,,,मैं मुँह हाथ धोकर बाहर निकला तो देखा कि शोबा दीदी रूम का दरवाजा बंद कर चुकी थी मैं
समझ गया कि ये क्या चाहती है लेकिन मैं अभी मूड मे नही था क्यूकी काफ़ी लंबी ड्राइव करके मैं थक गया
था शोदा दीदी ने भी मेरे चहरे पर थकान के असर को देख लिया,,,,,

मैं जानती हूँ तू थक गया है लेकिन क्या करू मेरी चूत तेरे बिना बहुत तड़प रही है दीदी ने अपने पयज़ामे
को मेरे सामने ही नीचे किया ऑर नंगी चूत मेरे सामने करदी उन्होने पयज़ामे के नीचे पेंटी नही पहनी
हुई थी दीदी की चिकनी शेव की हुई चूत देख कर मैं मस्त होने लगा लगता था दीदी ने अभी अभी शेव किया
था चूत पर,,,,मुझे मस्ती तो चढ़ने लगी थी लेकिन मेरी थकान मेरी मस्ती पर भारी पड़ी ओर मैने दीदी
को साइड किया ऑर दरवाजा खोल कर रूम से बाहर चला गया,,,,,

मैं सीधा जाके सोफे पर डॅड के साथ टीवी देखने लगा,,,,,ये सोफा सेट ऑर टीवी नया लग रहा था मेरे को,,,,,,,,,क्यूकी
पहले यहाँ की सारी जगह खाली थी,,,बस किचन के बाहर डाइनिंग टेबल पड़ा हुआ था,,,,सोफे ऑर टीवी नही था ,,,ये सोफा
भुआ के ड्रॉयिंग रूम वाला सोफा भी नही था,,,,

सन्नी--अरे डॅड ये सोफा ऑर टीवी न्यू है क्या,,,,,,,,,,,,

तभी डॅड के बोलने से पहले भुआ बोल पड़ी,,,,,,,,,,हाँ सन्नी बेटा ये टीवी ऑर सोफा सेट बिल्कुल न्यू है ,कल ही लेके आए है हम लोग,,वो क्या है ना एक टीवी तो ड्रॉयिंग रूम मे पड़ा है लेकिन ये जगह खाली खाली थी तो सोचा क्यू ना यहाँ भी सोफा ऑर टीवी रख लिया जाए ,इतना बोलकर भुआ वापिस किचन मे चली गई ऑर खाना लगाने के लिए शोबा को भी आवाज़ लगा दी तभी शोबा अपने रूम से निकली ऑर मेरी तरफ थोड़ा गुस्से से देखती हुई किचन मे भुआ के पास चली गई,,,,,,,,

भुआ ऑर शोबा ने खाना लगा दिया ऑर इतने मे सोनिया भी नहा धो कर बाहर आ गई ,,,हम लोग बैठ कर खाना
खाने लगे ,,,,,,,,,,आज भुआ ने खाना कुछ जल्दी ही बना लिया था शायद खाना ख़ाके इन लोगो का मस्ती करने का
प्रोग्राम था इसलिए ,,,,,,,,

भुआ ने भी खाना खाते हुए चाचा जी के बारे मे पूछा लेकिन डॅड ने एक बार भी उनका जिकर नही किया ,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

खाना खाने के बाद शोबा दीदी बोली,,,,,,,,डॅड अब मैं जाउ क्या अब तो सन्नी भी आ गया है,,,,,,,,

डॅड--हाँ बेटी अब तुम जाओ अब मुझे कोई टेन्षन नही है सन्नी जो तेरे साथ होगा,,,,,,,,

मैं कुछ समझ नही रहा था लेकिन शोबा बहुत खुश थी,,,,,,पता नही क्यूँ,,,,,,

कहाँ जाना है दीदी,मैने शोबा दीदी से पूछ ही लिया,,,,,,,,,लेकिन जवाब मिला मुझे डॅड से,,,,,

डॅड--अरे बेटा इसको अपनी शेली के बर्थडे पर जाना है मेरे से ज़िद्द कर रही थी साथ जाने को लेकिन मैं नही जा सकता
अब तुम आ गये हो तो तुम ही ले जाओ इसको बर्तडे पार्टी मे ,,,,,,,,,,

सन्नी--लेकिन डॅड मैं तो बहुत थक गया हूँ ड्राइव करके,,,,,,,,,,

शोभा--मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे को साथ लेके जाने का वो तो डॅड ने बोला इसलिए,,,,,,,,

सन्नी--हाँ हाँ मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे साथ तेरी किसी स्टुपिड शेली के घर जाने का,,,,,,अकेली चली जा तू,,,,

तभी डॅड,,,,तुम दोनो बच्चों की तरह लड़ना बंद करो ..........

इधर डॅड ने मुझे हल्का गुस्से से देखा ऑर उधर सोनिया उठकर अपने रूम मे चली गई तभी मैने शोबा की
तरफ देखा तो वो मेरे को आँख मार रही थी मैं कुछ समझा तो नही लेकिन इतना ज़रूर पता लग गया कि दाल मे
कुछ तो काला है,,,,,,,,,,

सन्नी--ठीक है डॅड मैं चला जाता हूँ दीदी के साथ,,,,,

तभी दीदी अपने रूम मे गई ऑर एक छोटा सा पालस्टिक का बॅग लेके आ गई,,,,,,,,,,,चलो सन्नी चलते है,,,,

अरे बेटी तू ऐसे ही टी-शर्ट ऑर पयज़ामे मे जाएगी क्या,,,,,,,,,डॅड ने दीदी के कपड़ो की तरफ इशारा करते हुए बोला,,

शोभा--हाँ डॅड यहाँ से ऐसे ही जाउन्गी ऑर पार्टी उसके घर पर नही है उन लोगो ने कोई रिज़ॉर्ट बुक किया है पार्टी वहीं
है ,,,,मेरी बाकी सहेलियाँ भी वहीं होंगी उन्ही के साथ मिलके तैयार हो जाउन्गी उसी के घर मे,,,,,इस से पहले डॅड
या कोई ऑर कुछ बोलता दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे मेरे रूम मे जाके कोई अच्छे कपड़े लेके आने को बोला ऑर
मैं भी बिना कुछ बोले अपने रूम मे चला ,,,,,,रूम मे सोनिया फोन पर किसी से बात कर रही थी बातों से
लग रहा था कि वो कविता से बात कर रही है,,,,,,,,मैने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर कपड़े लेके बाथरूम
मे गया ऑर चेंज करके बाहर शोभा के पास चला गया,,,,,,,,

अरे इतना टाइम क्यू लगा दिया ,,,,,ऑर कपड़े चेंज करने को किसने बोला था उन्ही कपड़ो मे चलता मेरे साथ ऑर
वहीं जाके चेंज कर लेता,,,,,दीदी हल्के गुस्से मे बोली,,,,,,,,,,,

डॅड--तो ठीक है ना इसने यहीं चेंज कर लिया ये बेचारा तेरी शेली के घर कैसे चेंज करता,,,,तुम तो अपनी दोस्तो के
साथ मिलकर चेंज कर लेती पर ये बेचारा,,,,,,,,,,

शोभा--ठीक है डॅड ,,अछा किया जो इसने चेंज कर लिए,,,,,,,,अब ज़्यादा टाइम नही है वर्ना देर हो जाएगी,क्या हम लोग
चले सन्नी,,,,,,,,इतना बोलते ही वो नीचे जाने लगी तभी सोनिया अपने रूम से निकल कर बाहर आ गई,,,,,,,,

रूको दीदी,,,,,,सोनिया की आवाज़ सुनकर मैं ओर शोभा रुक गये,,,,,,,,,,

आप लोग कहाँ जा रहे हो दीदी,,,,,,,सोनिया ने शोबा से पूछा,,,,,,,,

शोभा--मेरी एक फ्रेंड का बर्थ डे है वहीं जा रहे है,,,,,,,,

दीदी मुझे भी साथ ले चलो ,सोनिया ने दीदी को बोला,,,,,

सोनिया की बात सुनके दीदी थोड़ा गुम सूम हो गई,,,,,,,,,,अरे तू भी मेरे साथ जाना चाहती है क्या,,,,तो चल मेरी
फ्रेंड्स तुझे मिलकर खुश होंगी,,,,,,,,शोभा सोनिया को लेके जाने को तैयार नही थी बस सबके सामने उसको लेके जाने
का बहाना कर रही थी,,,,,,,,,वो उसके चहरे से सॉफ पता चल रहा था,,,,,,,,,,

सोनिया-नही दीदी मुझे आपके साथ नही जाना मुझे तो कविता के घर जाना है आप लोग मुझे वहाँ ड्रॉप कर देना,,,,

इतना सुनते ही शोबा ने चेहरे पर चैन की खुशी झलकने लगी,,,,,हाँ हाँ क्यूँ नही हम तुझे ड्रॉप कर देंगे
इतना बोलते शोबा जल्दी से नीचे की तरफ आ गई ऑर उसके पीछे मैं मेरे पीछे सोनिया थी,,,,,,,

मैने कार स्टार्ट की शोबा मेरे साथ बैठ गई और सोनिया पीछे वाली सीट पर,,,,,,,,,हम घर से चल पड़े ऑर भुआ ने
दरवाजा ऑर गेट लॉक कर लिया,,,,,,,,,,मैने सोचा कि आज तो डॅड ऑर भुआ अकेले है घर पे आज तो फुल नाइट मस्ती
होगी ,,लेकिन थोड़ी टेन्षन भी थी कि ये शोबा मुझे कहाँ लेके जा रही थी,,,उसने मुझे आँख मार कर किसी बात
का इशारा तो किया था लेकिन ये नही बताया था कि बात क्या है,,,,,

तू आज कविता के घर जा रही है कुछ गड़बड़ है क्या,शोबा ने सोनिया को पूछा,,,,

सोनिया--हाँ दीदी वहीं गड़बड़ है जो हमेशा होती है ,,उसका फोन आया था आज तो बात कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है,,
कविता रो रही थी फोन पर,,,,,,,,,,

आज क्या बात हुई वही पहले वाला पंगा हुआ क्या,,,,,,शोबा ने पूछा,,,

सोनिया ने कोई जवाब नही दिया ऑर शोबा को मेरी तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को बोला,,,फिर किसी ने कोई
बात नही की ऑर हम लोग कविता के घर पहुँच गये,,,,,,सोनिया उतरी ऑर कविता के घर चली गई ऑर शोबा ने मुझे
वहाँ से कार वापिस घर की तरफ मोड़ने को बोला ऑर मैने कार वापिस मोड़ ली,,,,लेकिन दीदी ने तो अपनी शेली के घर
जाना था तो वापिस घर की तरफ जाने को क्यूँ बोला,,,,,खैर मैं वापिस घर की तरफ चलने लगा,,,,,

दीदी कविता के घर मे क्या पंगा चल रहा है,,,,,,,मैने दीदी से पूछा,,,,,,,,

शोभा--कुछ नही सन्नी उनकी फॅमिली मे थोड़ी प्राब्लम चल रही है बस ऑर ज़्यादा कुछ नही,,,,

सन्नी--कैसी प्राब्लम दीदी,,,,,,,मैने अक्सर देखा है कविता रोती रहती है,,,कोई सीरीयस प्राब्लम है क्या,,,,,,

तुझे बड़ी पड़ी है कविता के घर की ,,आख़िर बात क्या है,,,,दीदी ने हँसते हुए मस्ती मे पूछा ऑर मेरी टाँग पर
हाथ रख दिया,,,,,

सन्नी--अच्छा दीदी आपने कार घर की तरफ क्यू मोडने को बोला,,,,,,,,क्या बर्थडे पार्टी मे नही जाना,,,,

दीदी हँसने लगी,,,,,अरे बुद्धू पार्टी मे ही तो जा रहे है,,,,मेरी फ्रेंड का घर अपने घर से दूसरी तरफ है इसलिए
घर की तरफ जाने को बोला घर जाने को नही बोला,,,,,,,इतना बोलते ही दीदी ने अपने हाथ को टाँग से उठा कर मेरी
पैंट की ज़िप पर लंड के उपर रख दिया,,,,,दीदी का हाथ लगते ही लंड उछलने लगा एक दम से,,,,,

अभी घर मे तो बोल रहा था बहुत थक गया हूँ ऑर अभी मेरा हाथ लगते ही लंड को उछलने लगा है,,,दीदी ने
हँसते हुए लंड को हाथ मे लेके पॅंट के उपर से दबा दिया,,,,

सन्नी--क्या करूँ दीदी आप के हाथ लगते ही इसको मस्ती चढ़ने लगती है ऑर ये कितना भी थका हुआ क्यूँ ना ही आपकी सेवा करने क लिए हाजिर हो जाता है,,,,मैने भी हल्की मुस्कान के साथ दीदी की बात का जवाब दिया,,,, लेकिन दीदी आपने मेरा काम नही किया अभी तक,,,,

शोभा--कॉनसा काम सन्नी,,,,,,,,,,

सन्नी--वही दीदी,,,,,,,कि मैने आपके लिए एक मूसल लंड की तलाश करूँगा ऑर आप मेरे लिए किसी नई चूत की तलाश
करोगी,,,,,,,,,मैने तो करण का लंड तैयार किया है आपके लिए आप भी माँ की चूत को तैयार करो ना मेरे लिए,,,

शोभा--मैने भी तो तेरे लिए चूत की तलाश की है सन्नी,,,,,,,,,,हाँ ये फ़र्क ऑर है कि वो चूत माँ की नही किसी ऑर की थी,,

सन्नी--किसकी बात कर रही हो आप दीदी,,,,,,,,,,,,

दीदी--वही चूत की जिसकी तू गाओं मे अच्छी तरह से चुदाई करके आया है,,,,,,रेखा की चूत,,,,,,

सन्नी--मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,,क्या दीदी रेखा की चूत आपने तैयार की मेरे लिए,,,,,

शोभा-ऑर नही तो क्या,,,,,जब मेरी बात हुई थी उसके साथ कि तुम गाओं आ रहे हो सोनिया को लेके तो उसने मुझे बोला
कि सोनिया को मत भेजो ऑर तुम खुद वहाँ आ जाओ ,,,,वो मेरी चिकनी चूत को चाटना चाहती थी लेकिन मैने
उसको बोला कि मेरा अभी आना मुश्किल है ऑर वैसे भी मैं एक शर्त पर आउन्गी गाओं उसको अपनी चूत चटवाने
अगर वो तेरे मूसल का अच्छी तरह से ख्याल रखेगी,,,,,ऑर वो मान गई,लेकिन उसने तेरा क्या ख्याल रखा मैने
सुना है तूने उसकी चूत का बहुत अच्छे से ख्याल रखा ,,,,,,,,,,,ऑर दीदी हँसने लगी,,,,,,


सन्नी--सच मे दीदी वो सब आपकी प्लानिंग थी ,,,,,,,,,

शोभा--हाँ सन्नी वो मेरी प्लानिंग थी,,,,,,

सन्नी--तो क्या वो सब बातें भी आपने बोला था उसको मुझे बातें को,,,,

दीदी थोड़ा हैरान होके,,,,,,,,,,,,कॉन्सी बातें सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--वहीं बातें दीदी जो वो जानती है,,,और शायद आप भी जानती हो,,,,,,

शोभा--मुझे कुछ समझ नही आ रहा सन्नी तू क्या बोल रहा है,,,,,शोबा सच मे ऐसे बोल रही थी जैसे कुछ जानती
ही नही ,,,,,,,,,,

सन्नी--दीदी मैं बच्चा नही हूँ सब जानता हूँ,,,,,,,,,,,उसने मुझे बहुत कुछ बताया है,,,,,,

दीदी चुप हो गई,,,,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा उसने क्या बताया है तुझे,,,,,दीदी ने अपना फेस दूसरी तरफ़
टर्न कर लिया ऑर हाथ भी मेरे लंड से हटा लिया,,,,,,

मैने दीदी के फेस को अपने हाथ से पकड़ा ऑर अपनी तरफ़ टर्न कर दिया,,,दीदी उसने मुझे बताया कि वो भी भुआ के
साथ वो सब करती है जो भुआ आपके साथ करती है,,,,मैने बात को घुमा दिया क्यूकी मैं दीदी के मुँह से सब
सुनना चाहता था,,,,,,लेकिन उसने इतना भी बताया कि आप वहाँ कभी नही गई हो उसके साथ चुदाई करने,,लेकिन
भुआ तो काफ़ी आती जाती रहती है उसके पास,,,,,,,,

हाँ सन्नी मुझे टाइम नही मिलता इसलिए नही जाती मैं,,,,,ऑर क्या बताया उसने ,,,,,,दीदी थोड़ी घबराई हुई थी,,

सन्नी--ऑर तो कुछ नही बताया उसने दीदी,,,,,,,,मैने बात को टाल दिया,,,

शोभा--शूकर है ,,भुआ कहती है कि उस औरत की ज़ुबान बहुत चलती है कुछ भी बकती रहती है वो,,,,अच्छा हुआ तेरे
सामने कुछ ज़्यादा नही बोली वो,,,,वर्ना ,,,,,,,,,दीदी फिर से चुप हो गई,,,,

सन्नी--वर्ना क्या दीदी,ऐसी क्या बात है जो आप जानते हो ऑर मैं नही जानता,,,,,,,,,

शोभा--बहुत बातें है सन्नी लेकिन अभी नही एक सही टाइम आने पर तुझे भी पता लग जाएगी,,,,,अभी तू बस कार ड्राइव
कर ,,,,,,,,,

फिर दीदी चुप हो गई ऑर मैं भी चुप हो गया,,,लेकिन इतना तो पता चल गया कि दीदी भी शायद काफ़ी कुछ जानती है
जैसे विशाल भाई जानता है,,,,,,,,,विशाल को माँ ऑर मामा ने बताया होगा जबकि दीदी को भुआ ऑर डॅड ने ,,,लेकिन एक
मैं ही था जिसको कुछ नही पता था,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑर हाँ एक थी सोनिया जो इन सब से अंजान थी अभी तक,,,,,,,,,दीदी
रास्ता बताने लगी ऑर मैं कार ड्राइव करता रहा,,,,,,लेकिन ये रास्ता तो जाना पहचाना लग रहा था,,,,,,,ऑर जब मंज़िल
पर पहुँचे तो मंज़िल भी जानी पहचानी थी लेकिन मंज़िल पर जो खड़ा हमारा सावगत कर रहा था वो बहुत
ही ज़्यादा जाना पहचाना लगा ऑर बहुत ज़्यादा हसीन भी था,,,,,,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by rajaarkey »

Happy New Year Dosto


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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by prkin »

From my backup.

हम लोग करण के घर पहुँच गये थे ऑर गाते पर शिखा दीदी नाइटी पहने हमारा इंतेज़ार कर रही थी,,मैं
समझ गया कि दीदी ने डॅड के सामने मुझे आँख क्यू मारी थी,,,उनकी किसी फ्रेंड का बर्थडे नही था वो तो मुझे
करण के घर लेके आना चाहती थी,,,गेट पर कार रुकते ही दीदी कार से निकली ऑर शिखा के गले लग गई ऑर दोनो ने
मिलकर गेट खोला ऑर मैं कार को घर एक अंदर ले गया ऑर शिखा दीदी गेट बंद करने लगी लेकिन तब तक शोबा
दीदी ड्रॉयिंग रूम का दरवाजा खोल कर घर एक अंदर चली गई थी ,,,

मैने भी कार को पार्क किया ऑर कार से बाहर निकल आया मेरे बाहर आते ही शिखा दीदी ने मुझे गले लगा लिया ऑर एकही पल मे मेरे लिप्स को किस करना शुरू कर दिया,,,,मैं तो पहले से ही शोबा दीदी की वजह से मस्ती मे आ चुका
था क्यूकी कार मे उन्होने मेरे लंड को बड़े प्यार से दबाया था ऑर तभी से मेरा लंड उछलने लगा था ऑर मुझे
मस्ती चढ़ने लगी थी ऑर यहाँ शिखा दीदी ने लिप्स मेरे लिप्स से टच करते ही मस्ती पागलपन मे बदल गई ऑर
हम लोग ऐसे ही किस करते हुए घर के अंदर आ गये,,,,मैं दरवाजे से थोड़ा आगे आ गया था जबकि शिखा दीदी
दरवाजा बंद करने लगी थी ,,मैने अंदर आके देखा कि सोफे पर करण नंगा लेटा हुआ था ऑर शोबा दीदी भी
तब तक नगी हो चुकी थी ऑर करण के टाँगों के बीच सोफे पर बैठकर करण के लंड को चूसने लगी थी


कारण का लंड पहले से हार्ड था शायद शिखा ऑर कारण पहले से मस्ती कर रहे थे ,,,,मैने शोबा ऑर करण से
नज़रे हटा कर पीछे शिखा की तरफ देखा तो उसने भी अपनी नाइटी को उतार दिया था ऑर अब हाथ पीछे करके
अपनी ब्रा के हुक खोल रही थी ,,,,ब्रा के हुक खुलते उसके ब्रा को ज़मीन पर फेंका ऑर नंगी होके मेरी तरफ आ
गई ,,उसने पेंटी नही पहनी हुई थी ऑर चूत के बाल भी शेव किए थे जैसे आज शोबा ने भी अपनी चूत को
शेव किया था,,,,,,,,,,,लगता है दोनो का पहले से प्रोग्राम था चुदाई का तभी तो झूठ बोलकर दीदी मुझे
यहाँ लेके आई थी,,,,,

मेरे करीब आके शिखा ने बड़े प्यार से अपनी दोनो बाहों को मेरे गले मे डाला ऑर अपने हाथों
को मेरे सर पर रखके उंगलियों को खोल कर मेरे बालों मे हाथ घुमाते हुए मेरे सर को
नीचे झुका कर अपने चेहरे के करीब कर लिया एक ही पल मे उसने अपने लिप्स को मेरे लिप्स से जकड
लिया ऑर हम दोनो मे एक प्यार ऑर मस्ती भरी किस शुरू हो गई तब तक मेरे हाथ भी शिखा की
पीठ तक पहुँच चुके थे,,,मैने अपने हाथों से शिखा की नंगी पीठ को उपर से नीचे
तक सहलाना शुरू कर दिया था,,,आज शिखा कुछ ज़्यादा ही मूड मे थी क्यूकी उसका किस करने का
अंदाज़ पहले से कहीं बेहतर था वो कुछ ज़्यादा ही प्यासी लग रही थी कुछ ज़्यादा ही खुजली हो रही
थी शायद उसकी चूत मे इसलिए उसका एक हाथ जल्दी से मेरे लंड पर पहुँच गया ऑर पॅंट के उपर
से मेरे लंड को मुट्ठी मे भरके मसल्ने लगी लंड महाराज तो एक ही पल मे ओकात मे आ जाता
है ऑर जब सामने ऐसी खूबसूरत नंगी बाला खड़ी हो तो क्या कहने,,,,,शिखा ने मेरे लंड को
हाथ से मसला ऑर फिर दूसरे हाथ को भी मेरे सर से हटा कर मेरी पॅंट पर ले आई ऑर मेरी पॅंट के
बटन को खोलने लगी वो चाहती तो मेरी ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लेती लेकिन नही वो तो
मुझे नंगा करना चाहती थी ऑर मैं भी नंगा होना चाहता था जल्दी से इसलिए मैने उसके हाथ
अपनी पॅंट तक पहुँचते ही अपने हाथों से अपनी शर्ट को खोलना शुरू कर दिया जब तक शिखा
ने मेरी पॅंट को उतारा तब तक मैं भी तेज़ी से अपनी शर्ट को निकाल चुका था पैंट के नीचे कुछ
नही पहना हुआ था इसलिए पॅंट उतरते ही नंगा लंड शिखा के हाथ मे था ऑर उसने जल्दी से मेरे
लंड को मुट्ठी मे लेके सहलाना ऑर मूठ मारना शुरू कर दिया इस बीच हम दोनो के लिप्स एक दूसरे
से लिप्स से अलग नही हुए थे ऑर हम दोनो की किस वैसे ही मस्ती मे चल रही थी लेकिन मस्ती अब
कुछ हद तक पागलपन मे बदल चुकी थी ऑर पागलपन के कुछ ज़्यादा असर होते ही शिखा ने
मेरे लिप्स को अपने लिप्स से अलग किया ऑर जल्दी से ज़मीन पर बैठ कर मेरे लंड की टोपी पर अपने लिप्स
रख दिए ऑर लंड की टोपी को हल्के हल्के किस करने लगी इतनी देर मे मैने भी अपनी बनियान को
गले से निकाल कर साइड मे फेंक दिया,,,,शिखा ने लंड की टोपी की किस करते हुए एक हाथ से मेरे
लंड को मसलना शुरू कर दिया ऑर एक हाथ से मेरे जूते उतारने लगी मैने भी उसका साथ देते
हुए अपने जूते अपने पैरो से निकालने शुरू कर दिए जूते निकलते ही उसने मेरी टाँग को उपर उठया
ऑर मेरी पॅंट को मेरे पैरो से निकालने लगी कुछ ही देर मे मैं सिर्फ़ सॉक्स मे था ऑर वो बिल्कील नंगी
मेरी टाँगों के पास ज़मीन पर बैठ कर मेरे लंड की टोपी को हल्की हल्की किस करने लगी थी,,,


कुछ देर ऐसे ही लंड पर किस करने के बाद उसने ज़ुबान से मेरे लंड को आगे से पीछे तक चाटना
शुरू कर दिया ऑर मेरे लंड को अपने थूक से भिगोने लगी वो पूरे लंड को टोपी से लेके मेरी बॉल्स
तक अपनी ज़ुबान घुमा रही थी ओर अच्छी तरह से चाट रही थी साथ ही एक हाथ से लंड को सहला
रही थी एक हाथ से बॉल्स को ,,फिर उसने अपने मुँह को पूरा खोला ऑर मेरी तरफ देखते हुए अपनी
ज़ुबान को मुँह से बाहर निकाला ऑर मेरे लंड के लिए मुँह मे जगह बनाते हुए एक ही बार मे पूरे
लंड को मुँह मे भर लिया देखते ही देखते मेरा लंड पूरा का पूरा उसके मुँह मे घुस गया ऑर
मेरी बॉल्स उसके लिप्स को टच करने लगी मेरा लंड उसके गले से काफ़ी नीचे तक जा चुका था ऑर
उसने ऐसे ही लंड को मुँह मे लेके मेरी कमर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपने सर को
आगे पीछे करना शुरू कर दिया वो मेरे लंड को मुँह से ज़्यादा बाहर नही निकाल रही थी ऑर ऐसे
ही आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके चुस्ती हुई अपने मुँह को चुदवा रही थी मैं भी अब
काफ़ी मस्ती मेआ चुका था ऑर ऐसे ही खड़े हुए अपने हाथों से उसके सर को पकड़ा ऑर अपनी कमर
को आगे पीछे हिलाते हुए अपने लंड को उसके मुँह मे पेलने लगा मैने अपनी स्पीड कुछ तेज करदी
थी लेकिन इस बात से शिखा को कोई परेशानी नही थी अब वो काफ़ी हद तक माहिर हो चुकी थी इस
खेल मे ,,,,

उधर सोफे पर करण नंगा होके लेटा हुआ था ऑर शोबा नंगी होके उसकी टाँगों एक बीच मे
बैठ कर उसके लंड को पूरा मुँह मे लेके चूस रही थी करण भी अपने हाथों से शोबा के सर
को अपने लंड पर उपर नीचे करने मे लगा हुआ था ,,,शोबा के मुँह मे करण का पूरा लंड
घुसा हुआ था ऑर वो बस लास्ट वाले 2-3 इंच को ही अपने मुँह मे अंदर बाहर कर रही थी उसके खुले
बाल बार बार उसके चेहरे पर गिरने लग जाते जिसको करण अपने हाथों से पकड़ कर उपर उठा
देता ऑर शोबा को उसका लंड चूस्ता देख मस्ती मे ऑर ज़ोर से अपने हाथों से शोबा के सर को अपने
लंड पर दबा देता,,,,,,,,,,,करीब 10-15 मिनट से शोबा करण के लंड को ऑर शिखा मेरे लंड
को चूस रही थी ऑर हम दोनो भी मस्ती मे अपने लंड चुस्वा रहे थे,,,,इन दोनो का इरादा
हमारे लंड का पानी पीने का था जो पूरा भी हो गया ,,करण ने तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए शोबा के
मुँह को अपने पानी से भर दिया जिसको शोबा सारा का सारा निगल गई ऑर इधर मैने भी अपने लंड
से 8-10 पिचकारियाँ मारी ऑर शिखा के मुँह मुँह पूरा भर दिया अपने स्पर्म से जिसने एक भी बूँद
जाया नही जाने दी शिखा ने ऑर सारा का सारा अपने गले से नीचे गटक गई,,,,फिर शोबा ने करण के
लंड को ऑर शिखा ने मेरे लंड को अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया ,,,,उधर करण तेज़ी से
हाँफ रहा था ऑर इधर मेरा यही हाल था तभी शिखा ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर सोफे पर करण ऑर
शोबा के करीब ले गई इतने मे करण उठके बैठ गया ऑर शोबा ने भी थोड़ा पीछे हटके हम लोगो
के बैठने को जगह बना ली इसके लिए करण ने शोबा की टाँगे खोल कर उसको अपने उपर बिठा लिया
ऑर मेरे सोफे पर बैठते ही शिखा भी अपनी टाँगें खोल कर मेरी टाँगों पर बैठ गई ऑर ऐसे ही
हम लोग फिर से किस करने लगे उधर करण ऑर शोबा की भी किस शुरू हो गई तभी शोबा
करण के उपर से उठी ऑर दूसरे सोफे पर पड़े अपने बॅग को उठा लिया जिसमे वो अपने कपड़े लेके आई थी
लेकिन उसमे कपड़े नही थे ऑर कुछ ऐसा था जिसको देख कर करण ऑर शिखा दोनो हैरान हो गये
लेकिन जल्दी ही दोनो के चेहरे पर खुशी की झलक भी नज़र आने लगी,,,,शोबा दीदी ने बॅग से वही
पेंटी निकाली जिसके आगे प्लास्टिक का लंड लगा होता है{{स्ट्रॅप-ऑन}} ,,,,,,,,,

ये देखो शिखा आज मैं तुम्हारे लिए क्या लेके आई हूँ,,,,शोबा ने स्टरापों को शिखा की तरफ
करते हुए बोला,,,,,इस से आज तुमको इतना मज़ा दूँगी जो तुमने पहले कभी नही लिया होगा,,,

इतना बोलते ही शोबा ने स्टरापों को पहनने लगी ,,,मुझे तो सब पता था लेकिन शायद करण ऑर
शिखा के लिए ये नई चीज़ थी इसलिए ऑर खुशी ऑर हैरानी के मिले जुले भाव से शोबा की तरफ देख
रहे थे,,,,कुछ देर मे ही शोबा ने स्टरापों पहन लिया ऑर जल्दी से शिखा को मेरे उपर से उतरा
ऑर उसको ज़मीन पर बिठा दिया ऑर देखते ही देखते प्लास्टिक वाले लंड को शिखा के मुँह मे घुसा
दिया ,,शिखा ने भी एक ही पल मे उस लंड को ऐसे चूसना शुरू किया जैसे कुछ पल पहले वो मेरे
लंड को चूस रही थी,,,शिखा इस लंड को भी पूरा मुँह मे लेके चूसने लगी थी लेकिन ये लंड सिर्फ़
6 इंच का था जो आराम से पूरा का पूरा शिखा एक मुँह मे उतर रहा था,,शोबा भी अपनी कमर को
हल्के से आगे पीछे करने लगी थी ,,,उन दोनो को देख कर मुझे ऑर करण को फिर से मस्ती चोदने
लगी ऑर हम दोनो ने अपने लंड को हाथ मे लेके सहलाना शुरू कर दिया जो करीब 2 मिनट मे
अपनी ओकात मे आ गये थे हम दोनो के लंड को खड़ा हुआ देखा कर शोबा ने मुझे ऑर करण
को रूम मे चलने का इशारा किया ऑर खुद भी शिखा को सर से पकड़ कर खड़ा कर दिया ,,मैं ऑर
करण अपने लंड को हाथ मे लेके मसल्ते हुए शिखा एक रूम मे चले गये ऑर हमारे पीछे -2
शोबा ऑर शिखा भी वहाँ आ गई ,,,हम दोनो तो बेड से नीचे खड़े होके लंड को मसल रहे
थे लेकिन शोबा ऑर शिखा आते ही बेड पर चढ़ गई फिर शोबा ने मुझे ऑर करण को भी इशारा
किया बेड पर आने के लिए इतनी देर मे शोबा बेड पर पीठ के बल लेट गई ऑर शिखा ने कुतिया बनके
सर झुका कर शोबा के नकली लंड को मुँह मे भर लिया उधर करण ने अपने लंड पर थूक लगा
लिया ऑर शिखा के पीछे जाके अपने लंड को शिखा की चूत मे घुसा दिया इधर मैं अपने लंड
को हाथ मे लेके बेड पर चढ़ गया ऑर फिर घुटनो के बल बेड पर शोबा के सर के करीब बैठ
गया मेरे बैठते ही शोबा ने अपने सर को हल्का सा उपर उठा कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया
ऑर बड़े प्यार से चूसने लगी उधर शिखा शोबा के नकली लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी जबकि
पीछे से करण अपने लंड को शिखा की चूत मे घुसा कर तेज़ी से चुदाई करना शुरू कर चुका
था शिखा मस्ती मे सिसकियाँ लेने लगी थी लेकिन मुँह मे लंड होने की वजह से उसकी सिसकियाँ ज़्यादा
तेज़ी से नही निकल रही थी लेकिन उसकी दबी दबी सिसकियों ने रूम मे मस्ती भरा महॉल बना दिया
जिस से करण की स्पीड ऑर तेज हो गई साथ मे शिखा ने भी अपने सर को नकली लंड पर तेज़ी से उपर
नीचे करना शुरू कर दिया साथ ही शोबा ने मेरे लंड पर अपने मुँह को तेज़ी से चलना शुरू कर
दिया,,,,करीब 5 मिनट ऐसे ही मस्ती करने के बाद शोबा ने मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर जल्दी
से शिखा के मुँह से अपना नकली लंड निकाल लिया ऑर मेरे को बेड पर लेटा कर शिखा को मेरे उपर
आने को बोला शिखा ने भी जल्दी से आगे होके खुद को मेरे उपर कर दिया जिस से उसकी चूत से करण
का लंड निकल गया लेकिन जल्दी ही करण भी आगे हो गया था ,,शिखा ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा
ऑर अपनी चूत पर रखा ऑर नीचे से मैने धक्का देके लंड को शिखा की चूत मे घुसा दिया ,,,

जबकि पीछे से करण ने अपने लंड को शिखा की गान्ड पर रखा लेकिन तभी शोबा ने करण के
लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर अपने मुँह मे लेके चूसने लगी ऑर खुद देर मे अपने थूक से करने
के लंड को पूरी तरह गीला करने के बाद अपने हाथ से करण के लंड को शिखा की गान्ड पर रख
दिया कारण ने भी शोबा के थूक से चिकने हुए लंड को एक ही बार मे पूरा घुसा दिया शिखा
की गान्ड मे जिस से शिखा थोड़ा उपर उछल गई लेकिन वक़्त रहते मैने उसको सर से ऑर करण ने
उसको कमर से पकड़ लिया ,,,,करण पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने
लगा जबकि मैने उसके सर को अपने हाथों से पकड़ कर नीचे झुका लिया ऑर उसके लिप्स को किस करते
हुए नीचे से अपनी कमर को उछाल उछाल कर उसकी चूत को चोदने लगा लेकिन मैं ज़्यादा देर
तक शिखा एक लिप्स को किस नही कर सका क्यूकी शोबा ने जल्दी से उसके सर को पकड़ा ऑर मेरे लिप्स से
दूर कर दिया फिर अपने नकली लंड को उसके मुँह मे घुसा दिया शिखा ने भी मस्ती मे उस नकली
लंड को चूसना शुरू कर दिया,,आज शिखा एक साथ 3 लंड का मज़ा ले रही थी चाहे एक लंड नकली
था लेकिन मज़ा तो 3 लंड का ही था एक गंद मे एक चूत मे ऑर एक मुँह मे,,,,

शोबा ने अपने नकली लंड को शिखा के मुँह के अंदर तक पेलना शुरू कर दिया ऑर नीचे से मैने
अपनी कमर को उछाल उछाल कर शिखा की चूत को तेज़ी से चोदते हुए उसके बूब्स को मसलना
शुरू कर दिए करण भी शिखा की कमर को कस्के अपने हाथों से पकड़ कर अपनी बेहन की गान्ड
मारने मे लगा हुआ था,,शिखा अब तक पूरी तरह पागल हो हयी थी वो अपने सर को बड़ी तेज़ी से
नकली लंड पर आगे पीछे कर रही थी ऑर कुछ देर बाद लंड को मुँह से निकाल कर सिसकियाँ लेने लग
जाती,,,,,,

क्यू शिखा मज़ा आ रहा है ना ,,,,शोबा ने हँसते हुए शिखा से पूछा,,,,,,,,,

शिखा ने लड को मुँह से निकाला ऑर बोला,,,,,,,,,,,,,हहाआंणन्न् श्ह्हूओब्ब्बा बभहुत्त् म्मांज़्जा
एयेए र्रहहा हहाइी इट्त्न्ना म्मांज़्जा ऊत्त प्पहल्ली ककब्भिईिइ न्नाहहिि आययययया ईककक
सात्ततह 3-3 ल्लुउन्न्ड्ड़ ससी चहुद्दाइ क्का म्मांज़्जा आ र्राहहा हहाइईइ आहह
हहयययययईई ीसस्स्सीए हहिईिइ कच्छूड्डूऊ आप्प्पनन्ी ब्बीहानं क्क्कीिई कच्छूत्त ऊओरर
ग्गगाणन्ंदड़ कककूऊ म्मीररी द्दूननू बभ्ायईूऊ आईसीई हहिईिइ त्टीज्जजिि सस्स्सीईई
कचहूवततत म्माम्र्रूऊ म्मीररीि ससुउन्नयययययी आहह ततुउउउम्म्म्म बहिईीईईईई
ऊओरर त्टीज्जजििीइ सस्सीए गगाणन्दड़ म्माम्र्रूऊ मीरीईइ क्काररांन्न प्पुउउर्रा ल्ल्लूउउउउन्न्द्दद्ड
गगगगगघहुउऊउउस्स्स्साअ द्डूऊ म्मीरीईइ गगाणन्ंदड़ म्मईए आअहह शिखा ने अपने
एक हाथ को मेरे हाथ पे रखा जो उसके बूब्स पर था ऑर मेरे हाथों से अपने बूब्स को ज़ोर से
मसल्ते हुए सर को एक बार नीचे करके मुझे लिप्स पे एक जबरदस्त किस करदी ,,,आहह
ज्ज्ज्ूओर्रर ससीए म्मामास्सल्ल्लूऊओ म्मीररी ब्ब्ब्ब्बूवबबसस कककूऊ ऊरर ज्जूओर्र ससी ससुउन्नययी
आहह उउउहह हहयइईए क्कीिट्त्न्ना म्मामज़्जजाअ एयेए र्रहहा
हहाइईईई म्‍म्मांरर ज्जाोउउन्नगगीइ इट्त्न्नी म्मांजजई म्मी आजज्ज ततूऊऊ ,,,,,,,,,,,

तभी कुछ देर बाद शोबा ने करण को अपने लंड शोबा की चूत से निकालने को बोला ऑर खुद
की जगह बैठ कर अपने नकली लंड को शिखा की गान्ड मे घुसा दिया ऑर करण को अपनी जगह पर
बिठा दिया शिखा ने भी जल्दी से करण के लंड को मुँह मे भर लिया ओर तेज़ी से चूसने लगी ,,,मैं
नीचे से तेज़ी से शिखा की चूत मारते हुए ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को मसल रहा था शिखा करण
के लंड को बड़ी तेज़ी से चूस रही थी ऑर बीच बीच मे लंड को मुँह से निकाल कर सिसकियाँ लेने
लग जाती करण भी शिखा के सर को पकड़ कर तेज़ी से उसके मुँह को चोद रहा था करण की सिसकियाँ
भी बहुत तेज थी शायद वो झड़ने वाला था ऑर तभी करण के लंड ने पानी छोड़ दिया जिसको शिखा
ने सारा का सारा पी लिया ऑर करण के लंड को चाट कर साफ भी कर दिया करण बेड पर लेट गया ऑर
शिखा की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज हो गई क्यूकी अब उसका मुँह फ्री था उसमे कोई लंड नही था,,,
आअहह ऊऊररर त्टीज्जज छ्छूड़दूव म्मूुझहही प्फ़ादद्ड़ द्डू म्मीरीइ गगाणन्दड़
ऊरर छ्छूत्त कककूऊ आहह ऊओरर म्मांज़्जाअ द्डूऊ म्मूउज़्झहही आहह हईए
उउउहह हमम्म्ममममममममम ऊओरर त्तीज्ज्ज क्कारूव ससुउन्नययी य्यी
ऊओररर त्तीज्ज्ज्ज ,,,,,,,,,,,,,त्तीज्जी ससीए गगाणन्दड़ म्माम्ररूव म्मीरीईइ श्हूब्बाअ आहह

तभी मेरा दिल किया शिखा की गान्ड मारने को ऑर मैने उसको अपने उपर से उतार दिया ऑर शोबा भी
थोड़ा पीछे हट गई फिर मैं शोबा को लेटा दिया ऑर शिखा जल्दी से शोबा के उपर चढ़के शोबा
के नकली लंड को चूत मे लेके उपर नीचे उछलने लगी इतनी देर मे मैने अपने लंड पर थूक
लगा कर शिखा के पीछे जाके लंड को उसकी गान्ड पर रखा ऑर धक्का दे दिया तभी शिखा की
हल्की से चीख निकल गई लेकिन तभी शोबा ने उसके सर को नीचे करके अपने उसके लिप्स को अपने
लिप्स मे जकड कर उसका मुँह बंद कर दिया ऑर दोनो मे एक मस्ती भरी क़िस्सी शुरू हो गई ऑर दोनो के
हाथ भी एक दूसरे के बूब्स पर पहुँच गये ,,दोनो एक दूसरे के बूब्स को मसल्ते हुए मस्ती मे
किस करने लगी जबकि मैं पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,,शिखा
का जिस्म कुछ ज़्यादा ही हिलने डुलने लगा या तो वो झड़ने वाली थी या मेरे लंड से उसकी गान्ड मे
दर्द हो रहा था लेकिन वो मुझे लंड बाहर निकालने को या रुकने को नही बोल रही थी वो तो बस
इधर उधर हिलती हुई शोबा को किस कर रही थी मैने उसकी कमर को कस्के पकड़ा ऑर तेज़ी से लंड
को गान्ड मे लास्ट तक घुसा कर उसकी गान्ड मारने लगा,,,मेरा लंड करण के लंड से मोटा था
शायद इसी लिए शिखा को दर्द हो रहा था लेकिन उसको मज़ा भी बहुत आ रहा था इसलिए तो पागलो
की तरफ टूट पड़ी थी शोबा को किस करने के लिए,,,,लेकिन उसका पागलपन ज़्यादा देर तक बरकरार नही
रह सका ऑर उसको चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन मेरा अभी तक नही हुआ था ऑर मैं ऐसे ही उसकी
गान्ड मारता रहा उसने शोबा के लिप्स से अपने लिप्स अलग कर लिए ओर मुझे रुकने को बोलने लगी लेकिन
मैं नही रुका इस बात का शोबा को पता था उसने नीचे लेटे हुए अपना स्टरापों निकाल दिया ऑर एक
ही झटके मे शिखा को साइड कर दिया,,शिखा ने साइड होके चैन की साँस ली ऑर शोबा उसकी जगह
झुक कर कुतिया बन गई ऑर मैने कोई देर किए बिना अपने लंड को शोबा की गान्ड मे घुसा
दिया ऑर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा इतने मे करण भी अपने लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगा
ऑर कुछ ही पल मे उसका लंड फिर से खड़ा हो गया ऑर उसने उठकर अपने लंड को शोबा के मुँह मे
घुसा दिया शोबा ने भी उसके लंड को प्यार से चूसना शुरू कर दिया कुछ ही देर मे जब उसका
लंड थूक से अच्छी तरह गीला हो गया तो वो बेड पर लेटने लगा तो शोबा ने अपनी टाँगो को थोड़ा
ज़्यादा खोल दिया जिस से करण को आसानी हो गई शोबा के नीचे लेटने मे मैने भी अपनी टाँगो को
थोड़ा अड्जस्ट किया ताकि करण को लेटने मे हेल्प मिल सके ,,,करण ने नीचे लेट कर अपने लंड को
शोबा की चूत मे घुसा दिया ऑर अब शोबा की सिसकियाँ भी ठीक वैसे शुरू हुई जैसे कुछ देर
पहले शिखा की सिसकियाँ गूँज रही थी रूम मे लेकिन शोबा की आवाज़ शिखा से ज़्यादा तेज थी ऑर
शोबा ज़्यादा ही मस्ती मे उँची आवाज़ मे चिल्ला रही थी,,लेकिन उसकी आवाज़ बंद करने का तरीका
शिखा के पास था उसने बेड पर पड़े हुए स्टरापों को उठाया ऑर पहन लिया फिर जल्दी से शोबा के
सर के करीब आ गई शोबा ने भी कोई देर किए बिना नकली लंड को मुँह मे भर लिया,,,,,

उस रात हम मे से कोई नही सोया ऑर ऐसे ही बारी बारी से करण ऑर मैं शोबा ऑर शिखा की चुदाई
करते रहे,,,,उस स्टरापों की हेल्प से शोबा ऑर शिखा को 3 लंड से एक साथ चुदाई का मज़ा भी आया ,,

सुबह मैं ओर करण मेरे पापा की कार मे ही कॉलेज जाने लगे तो शिखा ने बोला कि उसको भी हमारे
साथ कॉलेज जाना है उसके कुछ सर्टेफिकेट है कॉलेज मे उसको वो लेने जाना है,,हमने शिखा दीदी को
साथ लिए ऑर शोबा दीदी को घर के करीब छोड़ कर वहाँ से कॉलेज की तरफ चले गये,,
prkin

Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by prkin »

कॉलेज पहुँच कर मैं ऑर करण क्लास मे चले गये जबकि शिखा दीदी प्रिन्सिपल के ऑफीस मे चली गई,,
मेरा दिल तो नही था क्लास मे जाने को लेकिन गाओं जाने की वजह से काफ़ी छुट्टियाँ हो गई थी इसलिए कुछ दिन
स्टडी करना ज़रूरी था,,,खैर सारा दिन मैं बोर होता रहा,,जबसे चुदाई का खेल खेलना शुरू किया है
तबसे किसी ऑर काम मे तो दिल ही नही लगता मेरा,,

कॉलेज से फ्री होके मैं ऑर करण घर की तरफ जा रहे थे तभी करण बोला,,,,,,

यार सन्नी कुछ कर ना यार ,,,,,,,,,,,करण बड़ा मायूस होके बोल रहा था,,,,

क्या हुआ साले ऐसा क्यूँ बोल रहा है ऑर क्या करूँ ये बता,,,,,

यार कोई नई चूत का बंदोबस्त कर मेरे भाई,,,,,,,

क्यू साले शिखा ऑर शोबा से इतनी जल्दी दिल भर गया क्या तेरा,,,,,

नही यार लेकिन किसी नही चूत को चखने को बड़ा दिल कर रहा है ,,,,पहले तूने पूजा की चूत के टेस्ट
करवाया मुझे फिर शिखा दीदी ऑर शोबा की चूत का ,,हर चूत मे एक नया स्वाद था ,,ऑर वैसे भी शिखा
की चूत तो मैं रोज मारता हूँ जब भी माँ घर से बाहर कहीं जाती है सब्जी लेने या किसी ऑर काम से तो
तो मैं ऑर दीदी अपना खेल शुरू कर देते है ऑर रात को माँ के सोने के बाद दीदी मेरे रूम मे आ जाती है
या मैं दीदी के रूम मे चला जाता हूँ ,,,,,अभी जब से तू गाओं गया हुआ था तब शोबा दीदी भी रोज आती
थी ऑर हम लोग टाइम मिलने पर फुल मस्ती करते थे,,,,लेकिन अब किसी नई चूत मे लंड घुसने को दिल
करता है,,,,

मैने कहा बात तो ये ठीक बोल रहा है कि हर नई चूत का अपना ही अलग स्वाद ऑर अलग मज़ा होता है,,लेकिन
अब इसको किसकी चूत दिलवा सकता हूँ मैं,,तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,,,

अच्छा ये बता करण की तुझे कैसी चूत चाहिए,,,,,,

कैसी मतलब,,,,चूत जैसी चूत चाहिए मेरे भाई ऑर क्या,,,,,,

अबे साले मेरा मतलब है कि तुझे कैसी चूत अच्छी लगती है उसी तरह की चूत का बंदोबस्त करूँगा
तेरे लिए,,,,

मैं कुछ समझा नही सन्नी भाई,,,,,

अबे मेरा मतलब है कि तुझे कुवारि चूत अच्छी लगती है --या -- साल की छोटी लड़की की,,,,या फिर शोबा ऑर तेरी
शिखा दीदी की तरह 20-20साल की भरे बदन की लड़की की,,,या 25-28 साल की किसी शादीशुदा औरत की जिसकी
शादी को 5-6 हो चुके होते है,,,,या फिर 40-45 साल की बड़ी ऑर मोटी मस्त गान्ड वाली आंटी की,,,,,जिस तरह
की चूत चाहिए हो बता दे मैं बंदोबस्त कर दूँगा,,,,

इसमे क्या फ़र्क होता है सन्नी भाई,,,,,चूत तो चूत है फिर वो --या -- साल की लड़की की हो या 40-45 साल
की मेच्यूर औरत की,,,,,

तू बुद्धू का बुद्धू ही रहना साले अब तक 3 लड़कियों की चूत मांर चुका है फिर भी बचा का बचा
है तू,,,,अबे ---या ---- साल की लड़की के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती पहले तो बड़ी मुश्किल से मानती है फिर
100 तरह की टेन्षन होती है ,,कहीं किसी को कुछ बता ना दे कहीं कोई लफडा नही हो जाए,,,,20 -22 साल की
लड़की के साथ भी टेन्षन होती है पहले माल मे लेके जाओ फिर शॉपिंग कर्वाओ कभी मूवी के लिए लेके
जाओ फिर कहीं जाके चूत नसीब होती है,,,,,,,,

अच्छा भाई ऑर ये शादी शुदा लॅडीस जो 25-28 की होती है उनमे क्या फ़र्क होता है,,,,

उनमे किसी तरह की कोई टेन्षन आयी होती ना तो वो माल मे जाने को कहती है ऑर ना मूवी के लिए उनको तो
बस लंड का चस्का होता है ओर ऐसी लॅडीस ज़्यादातर वही होती है जिनके हज़्बेंड आउट ऑर कंट्री या फिर आउट
ऑफ टाउन मे जॉब करते है ऑर काम के चक्कर मे अपनी पत्नी को पूरा शारीरिक सुख नही दे पाते ऑर ऐसी
अनसेटईस्फीड लॅडीस खुद को सेटईस्फीड करने के लिए किसी ना किसी मर्द की तलास मे रहती है ऑर इनके साथ कोई
टेन्षन नही होती क्यूकी इनको अपनी इज़्ज़त की बहुत टेन्षन रहती है इसलिए जब पूरी तरह से सेव महसूस करती
है तभी मोका देती है ये तुमको अपने घर आने के या फिर तुम्हारे घर जाने का,,,

अच्छा भाई ऑर ये 40-45 साल की आंटी का क्या लफडा होता है,,,,,,

ये अपने पति के लंड से उब चुकी होती है ऑर नये जवान लंड की तलाश मे रहती है ,,,ऐसी ज़्यादातर
आंटी किसी रंडी से कम नही होती ,,,,,किसी किसी को तो एक टाइम मे 2 या 3 लंड एक साथ लेके ही मज़ा आता है ऑर
ज़्यादातर ऐसी आंटीस हम जैसे जवान लड़को की तलाश मे रहती है जो अपनी जवानी एक जोश मे उनकी मेच्यूर
चूत ऑर मस्त मोटी गान्ड की जबरदस्त चुदाई करते है,,,,इन औरतों को भी कोई टेन्षन नही होती ये अक्सर
अपने पति ऑर दुनिया की नज़रो मे शॉपिंग करने या किटी पार्टी के बहाने से घर से बाहर जाती है ऑर अपने
प्रेमी के संग खूब मस्ती करती है,,,,,

अच्छा सन्नी भाई ,,,आप बोलो कि आपको कैसी चूत अच्छी लगती है ऑर अब तक आपने कितनी चूत का स्वाद चखा
है,,,,,,

देख भाई मुझे तो हर चूत अच्छी लगती है वो चाहे --- साल की कुवारि लड़की हो या 45 साल की मेच्यूर आंटी
,,मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता ऑर वैसे ज़्यादातर मुझे बड़ी उमर की मेच्यूर आंटीस ही अच्छी लगती है बड़ी
ऑर मोटी मस्त गान्ड वाली उनकी गान्ड मारने मे जो मज़ा आता है वो किसी कुवारि लड़की की सील खोलने मे भी
नही आता,,,,,,

सच मे सन्नी भाई ,,तूने कभी ऐसी आंटी की गान्ड मारी है क्या,,,,

हां मारी है बहुत बार मारी है,,,,,,,मैने करण की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए बोला,,,

सच मे सन्नी भाई,,,,प्लीज़ मुझे भी गान्ड मारनी है ऐसी आंटी की आप कुछ करो ना,,,,

वो बच्चे की तरह ज़िद्द करते हुए बोल रहा था,,,,

ठीक है तू थोड़ा टाइम दे मुझे मैं कुछ करता हूँ,,लेकिन बदले मे तुझे भी मेरे लिए कुछ करना
होगा,,,,,

क्या करना होगा सन्नी भाई,,,,,आप मुझे एक बार ऐसी मस्त आंटी की गान्ड मारने के मोका दो बदले मे
मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ,,,,,,

चल ठीक है देखता हूँ मैं क्या कर सकता हूँ तेरे लिए,,,,

बातें करते हुए हम करण के घर पहुँच गये ,,मैने करण को ड्रॉप किया ऑर अपने घर चला गया,,

घर पहुँचा तो बेल बजाने के बाद भी दरवाजा नही खुला मुझे लगा कि डॅड ऑर बुआ अंदर मस्ती
कर रहे होंगे लेकिन भुआ की कार नज़र नही आ रही थी ऑर ना ही शोबा दीदी की अक्तिवा थी वहाँ पर,,,,आज तो
मेरे पास दूसरी चाबी भी नही थी जो खुद दरवाजा खोलके अंदर चला जाता तभी एक बार ऑर बेल बजाई
तो सोनिया ने आके दरवाजा खोला ऑर जल्दी से वापिस मूड के उपर अपने रूम की तरफ चली गई,,,,,उसके जाने के
बाद मैं अंदर आया ऑर किचन मे जाके पानी पिया क्यूकी जब सोनिया दरवाजा खोलके मेरी तरफ गुस्से से
देख रही थी मेरा तो गला ही सूख गया था डर के मारे ,,,साली ऐसी गुस्से मे देखती थी जैसे कि मैने कोई
चोरी की है,,,,,पानी पीने के बाद मैं नीचे के रूम मे देखने लगा तो वहाँ कोई नही था फिर मैं
उपर आने रूम मे चला गया जहाँ सोनिया बेड पर लेटी हुई थी मेरे अंदर आते ही उसने मुझे देखा ऑर
मैने जल्दी से अपने बेग से लॅपटॉप निकाला ऑर बॅग को रूम मे रखके वहाँ से बाहर निकल गया ऑर सीधा
उपर वाले ड्रॉयिंग रूम मे आके ज़मीन पर लगे मट्रीस पर लेट गया ऑर गेम खेलने लगा,,,,लेकिन गेम
खेलते हुए मेरे दिमाग़ मे एक ऑर गेम चल रही थी कि करण को अब किसी 45 साल की आंटी की गान्ड मारने
का वादे तो कर दिए लेकिन अब आगे क्या करूँ,,,,,तभी एक सॉलिड प्लान आया दिमाग़ मे ऑर मैं दिल ही दिल मे
खुश होने लगा उसके बारे मे सोच कर,,,,,,

उस दिन ज़्यादा कुछ नही हुआ सोनिया अपने रूम मे लेटी रही ऑर मैं ड्रॉयिंग रूम मे,, रात को खाना खाने
के बाद मैं अपने रूम मे नही सोना चाहता था क्यूकी मुझे सोनिया से डर लगता था इसलिए मैं अपनी
चद्दर ऑर पिल्लो लेके ड्रॉयिंग रूम मे जाने लगा लेकिन तभी भुआ ने मुझे मना कर दिया,,,,मुझे
लगा कि शायद डॅड ऑर भुआ को रात को ड्रॉयिंग रूम मे मस्ती करनी होगी तभी मुझे वहाँ जाने से रोक
रहे है लेकिन उपर तो सोनिया होगी ऑर ये लोग इतने पागल नही कि सोनिया के होते हुए यहाँ ऐसी वैसी हरकत
करते फिरे वैसे भी नीचे माँ नही है ऑर मामा भी नही भुआ ऑर डॅड मोम-डॅड के रूम मे भी मस्ती
कर सकते है,,,,खैर मैं वहाँ से नीचे चलने लगा तभी भुआ किचन मे चली गई ऑर मुझे अंदर से
डॅड की आवाज़ आने लगी,,,,,डॅड ऑर भुआ किचन मे बातें कर रहे थे,,,,,

सन्नी को नीचे क्यूँ भेज दिया गीता उसको यहीं उपर सोने देती तुम हम लोग नीचे मस्ती कर लेते,,,,,डॅड ने
भुआ से बोला,,,,,,,

नही अशोक मेरा दिल नही करता सरिता के रूम मे तेरे साथ चुदाई करने को ऑर वैसे भी वो बेड हम तीनो
के लिए छोटा लगता है मुझे यहाँ ड्रॉयिंग रूम मे ज़्यादा जगह है ऑर तुम मैं ऑर शोबा आराम से
मस्ती कर सकते है,,,,

नही मुझे यहाँ उपर कोई मस्ती नही करनी उपर सोनिया होती है ,,,डॅड की आवाज़ मे थोड़ा डर था,,,,,हम लोग
नीचे ही चलते है ,,,,,

लेकिन नीचे भी तो सन्नी होगा ,,,सोनिया से डर लगता है सन्नी से डर नही लगता क्या,,,,,

नही सन्नी से डर नही लगता वो देख लेगा तो उसको भी शामिल कर लेंगे अपने खेल मे ऑर मुझे लगता है
कि वो भी खुशी खुशी आ जाएगा हमारे साथ मस्ती करने,,,,


ये क्या बोल रहे हो अशोक,,,वो सन्नी है तुम्हारा बेटा,,,,

अरे तो फिर क्या हुआ तुमने भी तो मेरे लिए शोबा की चूत को तैयार किया है अब मेरा भी तो फर्ज़ बनता है
कि मैं तेरे लिए एक लंड का बंदोबस्त करू ओर सन्नी से अच्छा ऑर जवान लंड किसका होगा,,,,वैसे तो मैं तेरे
लिए विशाल को तैयार करने वाला था लेकिन ,,,,तभी डॅड चुप हो गये,,,

ठीक है अशोक जैसा तुम कहो,,,,वैसे मेरा भी बहुत दिल करता है कोई जवान लंड लेने को,,,,
ऐसा करो तुम नीचे चलो मैं थोड़ी देर मे आती हूँ,,,,

ठीक है गीता मैं तेरे लिए सन्नी को तैयार करता हूँ,,,,,डॅड ने पूरे यकीन से बोला

तुम सच मे मेरे लिए सन्नी को तैयार कर सकते हो अशोक,,,,भुआ ने हैरान होके डॅड से पूछा,,,,,

साली पता नही कितनी बार मेरा मूसल ले चुकी है अपनी चूत ऑर गान्ड मे ,,अब कितनी भोली बनके ड्रामा
कर रही है मेरे बाप के सामने,,,,,

हाँ गीता मैं सन्नी को तैयार कर सकता हूँ,,,,मुझे पता है उसको कैसे तैयार करना है तुम बस बोलो
कि तुमको सन्नी का लंड चाहिए या नही,,,,,

हाँ भाई मेरा तो बहुत दिल कर रहा है देखो ना अभी चूत मे पानी आने लगा सन्नी का नाम सुनते
ही,,,,

ठीक है मैं कोशिश करूँगा तेरे लिए सन्नी को तैयार करने की,,,,,

अच्छा अब मैं चला तुम जल्दी आना नीचे,,,,ओर अकेली मत आना शोबा को साथ लेके आना,,,,,डॅड ने भुआ से बोला,,,,,

नही आज वो नही आएगी बोल रही थी तबीयत ठीक नही है,,आज सिर्फ़ हम दोनो मस्ती करेंगे,,,,

ठीक है मैं चलता हूँ तुम नीचे आ जाओ ऑर ज़रा ध्यान से आना सोनिया से बचके,,,,

ठीक है तुम जाओ मैं आती हूँ,,,,

इस से पहले डॅड बाहर आते मैं भाग कर नीचे चला गया ऑर आज रात के लिए अपना बंदोबस्त कर लिया
ऑर जल्दी से मोम-डॅड के रूम मे जाके सो गया,,,,

मैं जाके मोम-डॅड के रूम मे लेट गया ऑर सोने के नाटक करने लगा तभी दरवाजा खुला ऑर डॅड अंदर
आ गये,,,,,,

अरे सन्नी तुम यहाँ क्या कर रहे हो,,,,डॅड ने मेरे से पूछा,,,,

डॅड वो मामा के रूम मे एसी ठीक से काम नही करता इसलिए मैं यहाँ इस रूम मे आ गया भुआ ने मुझे
ड्रॉयिंग रूम मे सोने को मना कर दिया था वर्ना मैं उपर वहीं सो जाता ,,,,,,

लगता है तेरा सोनिया से झगड़ा चल रहा है तभी तू अपने रूम मे नही सो रहा,,,,,,,

इस से पहले डॅड कुछ ओर बोलते ये पूछते मैने सर दूसरी तरफ घुमा लिए ऑर पिल्लो को सर के उपर रख लिया,,

ठीक है बेटा तुम यहीं सो जाओ मैं सुरिंदर के रूम मे जाके सो जाता हूँ,,,,,,,,डॅड वहाँ से जाने लगे,,

डॅड आप भी यहीं सो जाओ उस रूम मे एसी ठीक से नही चलता है,,,,,

कोई बात नही बेटा मैं फॅन चला कर सो जाउन्गा मुझे कोई प्राब्लम नही एसी कि ना चलने से,,,,,,,
मैं सुरिंदर के रूम मे सो जाता हूँ बेटा तुम आराम से सो जाओ यहाँ इतने बोलके डॅड वहाँ से चले गये,,

मैने मन मे सोचा कि एसी चला कर भी अपने भुआ की चुदाई करके गर्म हो होना है फिर एसी चले या ना
चले क्या फ़र्क पड़ता है,,,,

वही हुआ जिसका मुझे पहले से शक था,,,,,,,,ऑर मैं भी ऐसा ही चाहता था कि डॅड मामा के रूम मे जाके
सो जाए,,,ताकि मैं अपने प्लान को आगे बड़ा सकूँ,,,,

करीब 30-40 मिनट बाद मैं माँ के रूम से निकला ऑर मामा के रूम मे पास चला गया ऑर अंदर से बहुत
हल्की आवाज़ आ रही थी जो भुआ की थी भुआ ऑर डॅड का खेल शुरू था अंदर ऑर भुआ की सिसकियाँ सुनाई दे रही
थी मुझे लेकिन भुआ ज़्यादा ज़ोर से आवाज़ नही कर रही थी मैने दरवाजे पर कान लगा कर खड़ा हुआ था तभी मुझे हल्की
आवाज़ सुनाई दे रही थी ,,,

मैं वहाँ से उपर चला शोबा के रूम मे चला गया,,,,,शोबा रूम मे लेटी हुई थी लेकिन अभी तक सोई नही
थी,,,,,

तुम यहाँ क्या कर रहे हो सन्नी ऑर कहाँ थे तुम मैने तुमको तुम्हारे रूम मे भी देखा था ,,तुमने तो
बोला था कि तुम ड्रॉयिंग रूम मे सोने वाले हो लेकिन तुम तो वहाँ भी नही थे,,,,,

मैं नीचे के रूम मे सो रहा था क्यूकी भुआ ने मुझे ड्रॉयिंग रूम मे सोने से मना किया था,,,इतना बोलते
हुए मैं शोबा के बेड पर बैठ गया ऑर शोबा भी उठकर बैठ गई तभी मैने शोबा के बूब्स पर हाथ रख
दिया ऑर ज़ोर से दबा दिया,,,,,शोबा की हल्की आहह निकल गई,,,,,,,,,,आराम से दीदी साथ वाले रूम मे सोनिया है,,,,

तुम भी आराम से करो सन्नी दर्द होता है,,,ऐसे ज़ोर से मस्लोगे तो दर्द होगा ओर मैं चिल्लाउन्गी ना,,,,

ठीक है अब आराम से करूँगा तुम आराम से लेट जाओ दीदी,,,,,

ना बाबा ना यहाँ नही यहाँ डर लगता है मुझे,,,हम नीचे चलते है,,,,

दीदी ने नीचे जाने की बात इसलिए कही थी क्यूकी मैने दीदी को बोला था कि भुआ ने मुझे ड्रॉयिंग रूम मेर सोने को
मना किया है तो दीदी को लगा होगा कि भुआ ऑर दाद आज ड्रॉयिंग रूम मे होंगे,,,

यहीं तो मैं चाहता था,,,,,,,ठीक है दीदी चलो नीचे चलते है ,,,मैने दीदी का हाथ पकड़ा ऑर हम दोनो
हल्के कदमो से नीचे जाने लगे लेकिन मैने दीदी को सीडियों मे ही रोक लिया ऑर जल्दी से दीदी को बाहों मे भर
लिया ऑर पूरे ज़ोर से दीदी को बाहों मे जाकड़ कर दीदी के लिप्स को किस करने लगा,,,,दीदी भी मेरे इस हमले से एक
दम सुन्न्ं हो गई ओर मैं पागलो की तरह दीदी को किस करता रहा,,,,तभी दीदी को होश आया ,,,,,अरे यहाँ क्यू
शुरू हो गया तू लगता है आज कुछ ज़्यादा ही मूड मे है तू,,,चल रूम मे चलते है ,,,लेकिन मैने दीदी के
बोलते बोलते ही दीदी के नाइटी को शोल्डर से खिसकाना शुरू कर दिया ऑर नाइटी खिसक कर दीदी के बूब्स के पास
आ गई,,,,,,,,
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