वतन तेरे हम लाडले complete

Post Reply
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

वतन तेरे हम लाडले complete

Post by rajsharma »

वतन तेरे हम लाडले

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है शहर आदि के नाम सिर्फ़ कहानी की रोचकता बनाए रखने के लिए दिए गये हैं दोस्तो ये कहानी आम कहानियों से थोड़ा हटकर है या यूँ कह लीजिए कि ये कहानी ना होकर एक ऐसा सेक्सी उपन्यास है जिसमे थ्रिलर,सस्पेंस, सेक्स,देशभक्ति आदि सब कुछ इस उपन्यास मे मिलेगा और इसी उम्मीद के साथ कि आपको ये कहानी ज़रूर पसंद आएगी मैं जल्द ही अपडेट देना शुरू करूँगा





Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

प्रबुद्ध हो, आरूढ़ हो, हौसले मचान हैं
तू वतन का पासवा, तू वतन की शान है
डरा नहीं जो भीत से, डरा नहीं जो शीत से
प्रहरी है हिमालय सा, खड़ा अचल महान है
देश है ये सो रहा, क्योंकि जागता है तू
हमलो के तूफान का, वेग थामता है तू
फर्ज है उपासना, ये ही मानता है तू
वैरियों की गोलियों पे, सीना तानता है तू
जो हमें हैं मारते, तू उन्हे है मारता
वीरता है हमने देखी, देखी है उदारता
जिंदगी ये देश की, होम सी तू वारता
शीश का तू दान दे के, जिंदगी संवारता
प्रहरी तू है देश का, तंगहाली झेलता
मौत की तू गोद में, बिजलियो से खेलता
अपना खून दे के भी, कुछ नहीं है बोलता
संगीनो पे भी जान रख, बैरियों को ठेलता
माँ भारती के बेटे, कैसे धीर वीर हैं
वतन की आबरू बचाते, ऐसे शूरवीर है
जंग हो कि शांति हो, डिगा न उनका धीर है
फौजीयो के दम पे देखो, हिन्द का जमीर है
चैन से हम सो रहे थे , जब अपने बसेरे में
बैरियों ने उनको मारा, घात ला के डेरे में
अपनो खातिर सदा रहते, मौत के वो घेरे में
वो सितारे बन गए, सो हम जिये सवेरे में
वतन के ऐसे हाफिजो का, हाल क्यों बेहाल है
सवाल पे है रोटियां , कि रोटी पे सवाल है
सवाल ऐसे क्यू उठे, हालात पे सवाल है
मैं अफसरों से पूछता, क्यू उठ रहे सवाल है
निष्ठा पे सवाल है ये, नीयत पे सवाल है
क्या फौजी – अफसर खा रहे, दाने पे सवाल है
खाने का सवाल ये, खाने पे सवाल है
सरकार की दलीलों पे, बहाने पे सवाल है
खाना है खराब क्यू, जनता को हिसाब दो
वो पिस रहे गुलाम से, अफसरों जवाब दो
उठ रही जो उंगलियां, जवाब हैं तलाशती
ओ लीडरों जवाब दो, ओ अफसरों जवाब दो
जय हिंद जय भारत, जय जवान जय किसान
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

इस कहानी के कुछ अंश

मेजर राज शर्मा मैरून कलर की शेरवानी में गजब ढा रहा था। आज मेजर राज शर्मा की शादी की पहली रात थी। उसकी पत्नी रश्मि अपने कमरे में मौजूद दुल्हन बनी बैठी अपने दूल्हे का इंतज़ार कर रही थी, जबकि बाहर कमरे के सामने मेजर राज शर्मा की बहनें उसका रास्ता रोककर खड़ी थीं। कल्पना जिसकी उम्र 25 साल थी और पिंकी जो अब 21 साल की थी दोनों ही अपने भाई का रास्ता रोककर खड़ी थीं। साथ में कुछ रिश्तेदारों की लड़कियाँ भी थीं जो दूल्हे को अपनी नई नवेली दुल्हन के पास जाने से रोक रही थी। मेजर राज शर्मा ने जेब से हजार हजार के 10 नोट निकाले और पिंकी की तरफ बढ़ाए वह जानता था कि कल्पना 10 हजार में नहीं मानेगी मगर पिंकी छोटी है शायद वह मान जाएगी। मगर इससे पहले कि पिंकी वे पैसे पकड़ती और राज शर्मा को अंदर जाने का रास्ता देती कल्पना ने राज शर्मा का हाथ झटक दिया और बोली हम तो अपने प्यारे भाई से सोने का सेट लेंगे फिर अंदर जाने की अनुमति मिलेगी। यह सुनकर मेजर राज शर्मा ने अपनी माँ की तरफ देखा मगर वह भी आज अपनी बेटियों का साथ देने का इरादा रखती थीं। उन्होंने यह भी कह दिया कि तुम भाई बहन का आपस का मामला है इस मामले में कुछ नहीं बोल सकती।

मेजर राज शर्मा ने बहुत कहा कि सोने का सेट तुम जय से लेना मेरे पास यही पैसे हैं, लेकिन ना तो कल्पना मानी और न ही पिंकी। और अंत मे मेजर राज शर्मा को हार माननी पड़ी और उसने सोने की चेन जो उसकी पत्नी रश्मि के लिए बनवाई थी थी वह कल्पना को दी और पिंकी से वादा किया कि उसे भी एक अच्छी सोने की चेन दिलवाई जाएगी। इस वादे के बाद दोनों बहनों ने राज शर्मा की जान छोड़ी और जय की तरफ भागी जय मेजर राज शर्मा का छोटा भाई था जिसकी उम्र 27 साल थी और उसकी भी आज ही शादी हुई थी। अब रास्ता रुकने की बारी उसकी थी और दोनों बहनें कल्पना व पिंकी जय का रास्ता रोके खड़ी थीं। जिसका कमरा मेजर राज शर्मा के कमरे के साथ ही था। लेकिन राज शर्मा के पास अब इतना धैर्य नहीं था कि वह देखता जय के साथ बहनों ने क्या किया उसने दरवाजा खोला और अंदर जाकर सुख का सांस लिया।
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

इसी कहानी के कुछ अंश




रश्मि करीब हुई तो राज शर्मा ने अपने होंठों से रश्मि के नरम और नाजुक होठों पर अपने होंठ रख दिए। रश्मि को 440 वोल्ट का झटका लगा। वह नहीं जानती थी कि जब कोई पुरूष स्त्री के होठों को चूमता है तो कैसा लगता है। आज पहली बार उसके होंठों पर राज शर्मा के होंठ लगे तो वह इस भावना से परिचित हुई। रश्मि ने भी जवाब में राज शर्मा के होठों को चूमा और फिर दोनों एक दूसरे के होंठ चूसना शुरू हो गए। रश्मि के होंठ एक गुलाब की पत्ती की तरह नरम और नाजुक और रसीले थे। राज शर्मा यह रस अपने होंठों से लगातार चूस रहा था। इसी दौरान रश्मि ने अपने दुपट्टे में लगी सेफ्टी पिन को खोलना शुरू किया और कुछ ही देर में भारी दुपट्टा उसके सिर से उतर चुका था। दुपट्टा उतरते ही रश्मि को अपना बदन बहुत हल्का महसूस होने लगा और वो और भी अधिक तीव्रता के साथ राज शर्मा की बाहों में उसके होंठों को चूसने लगी। राज शर्मा थोड़ी थोड़ी देर बाद रश्मि के ऊपरी होंठ अपने मुंह में लेता और उसे अच्छी तरह चूसता और फिर नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में लेकर चूसता। रश्मि को यह सब बहुत अच्छा लग रहा था। उसकी जिंदगी में यह सब पहली बार हो रहा था मगर वह पूरी तरह उसकी लज़्जत का आनंद ले रही थी।
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: वतन तेरे हम लाडले

Post by rajsharma »

इसी कहानी के कुछ अंश

अब वह गुस्से में राज शर्मा की ओर देखने लगा तो मेजर राज शर्मा बोला तेरे इन किराए के कुत्तों से मैं तो क्या मेरे देश का बच्चा भी नहीं डरेगा हिम्मत है तो उन्हें कहो मेरे ऊपर गोली चलाने को वास्तव में राज शर्मा जो अपने देश की जासूसी संस्था रॉ का एजेंट था वह अच्छी तरह जानता था कि कोई भी सेना कभी भी दूसरी सेना के कैदी को इतनी आसानी से नहीं मारते। क्योंकि उनका उद्देश्य कैदी से ज़्यादा से ज्यादा जानकारी लेना होता है। इसलिए उन्हे कभी गवारा नहीं होता कि हाथ आए कैदी को कुछ जानकारी लिए बिना मार दिया जाय यही कारण था कि मेजर राज शर्मा बिल्कुल निडर खड़ा था।
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
Post Reply