कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

जब मैं ऐसा
कर रहा था तो माँ ने मेरी तरफ मूड कर देखा ऑर नज़रो ही नज़रो मे पूछने लगी कि तुम ये क्या कर रहे हो ,,मैने
माँ की बात का कोई जवाब नही दिया ऑर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की पीठ के साथ सट गया ऑर लंड को माँ की
गान्ड के होल पर रख दिया फिर तेज़ी से झटका मार कर अपने लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया ,,मेरा लंड भी
ऑर माँ की चूत भी एक दम खुश्क थी जिस वजह से लंड को अंदर जाने मे मुश्किल हो रही थी लेकिन मैने अपने एक
हाथ से माँ की गान्ड को थोड़ा खोला ऑर फिर से लंड को तेज़ी से झटका लगा कर अंदर घुसा दिया इस बार मेरा लंड
माँ की गान्ड की दीवार से रगड़ ख़ाता हुआ पूरा अंदर चला गया ऑर माँ के मुँह से एक तेज चीख निकल गई माँ
ने मेरी तरफ मूड कर देखा ,,



माँ की आँखों मे हल्के आँसू थे शायद माँ को दर्द हुआ था मैने माँ की तरफ हँसके देखे ऑर नज़रो ही नज़रो
मे बोला कि माँ तुमने ही बोला था कि तुमको दर्द चाहिए बिना दर्द के तुमको मज़ा नही आता इसलिए मैं तुमको दर्द
दे रहा हूँ ताकि तुम मज़ा कर सको ,,माँ ने हल्की मस्ती के साथ साथ गुस्से से मुझे देखा लेकिन मैं नही रुका ऑर
लंड को अंदर घुसा कर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा ,,,खुश्क लंड जब भी माँ की गान्ड की दीवारों से
रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता तो माँ के मुँह से एक दर्द भरी चीख निकल जाती ,,इस चीख से मुझे माँ पर तरस
नही आता बल्कि मुझे ज़्यादा मस्ती चोदने लगती ऑर मैं तेज़ी से जोरदार धक्का लगाने लगता ,,,मैं काफ़ी देर तक माँ की
गान्ड मे तेज धक्के लगाता रहा ऑर माँ चिल्लाती रही कभी कभी मेरी तरफ पीछे मूड कर देखती ऑर आँखों मे पानी
ऑर फेस पर गुस्सा लिए मुझे घूर्ने लग जाती लेकिन मैं हँसके माँ की तरफ देखता ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने
लग जाता ,,,मैने अपने हाथ को आगे करके माँ के बूब को पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दिया ,,,,,,,,,,,,ध्हीर्र्री कार्ररर
कमिन्नईए ददार्रद्द हहू राहहा हाइी माँिन्न तीरीइ माँ हहूओन्न क्कूिइ र्रन्न्दडी न्नाहहिि आर्रामम्म्ममम
ससी न्नाहहीी छ्छूड्द स्सककत्ता कय्याअ हहययईईए मार्र द्दाल्ला ररीए क्कममिन्नी सुउन्नयी टुउन्नी
म्मूउुज्झीए आअज्जजज्ज्ज्ज्ज ठूड्दा अर्रामम ससीए म्मांस्साल्ल्ल ली मेरररी ब्बूबबसस क्कू आब्ब क्क्य्य्ाआअ
क्काहहत्तिईइ ससीए उउक्खाडदननी क्का ईर्राद्ड़ा हहाइईईईई आहह म्मार्र गगययईीीईईई हहयइईईईई


तभी मैने माँ की पीठ के उपर से करण की तरफ देखा जो माँ की चूत मारते हुए माँ के एक बूब को मुँह मे
भरके चूस रहा था ,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने भी मेरी तरफ़ देखा मैने उसको माँ के लिप्स पर किस करने
को इशारा किया ऑर उसने भी ऐसा ही किया उसने माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया ओर माँ की आवाज़ को बंद कर दिया ,,

मैने मोका देख कर जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाला ऑर बेड शीट से सॉफ कर दिया क्यूकी माँ की गान्ड ने मस्ती
मे पानी भरना शुरू कर दिया था ऑर लंड फिर से चिकना होने लगा था ,,,मैने लंड को फिर से खुश्क किया ऑर माँ
की गान्ड पर लगे पानी को भी बेड शीट से सॉफ कर दिया ऑर अपने लंड को वापिस अपने हाथ मे लेके माँ की गान्ड पर
रख दिया ,,माँ को फिर से दर्द होना था खुश्क लंड गान्ड मे लेके इसलिए माँ ने मुझे रोकने की कोशिश की तो मैने
माँ के हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर जल्दी से लंड को गान्ड मे घुसा दिया ,,माँ ने चिल्लाने की कोशिश की लेकिन
करण ने माँ के लिप्स को इतना कस्के अपने मुँह मे भर लिया कि माँ चाह कर भी चिल्ला नही सकी ,,मैने लंड अंदर
घुसते ही तेज़ी से माँ की गान्ड मारनी शुरू करदी ऑर हाथ को वापिस माँ के बूब्स पर ले गया ऑर ज़ोर से दबाने लगा ,,माँ
ने अपने हाथ को मेरे हाथ पर रखा ऑर अपने बूब से दूर करने लगी तभी मैने करण के हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर उसको माँ का हाथ पकड़ कर साइड करने का इशारा किया उसने भी ऐसा ही किया ऑर माँ का हाथ पकड़ कर साइड
कर दिया ,,मैं फिर अपने हाथ को माँ के बूब पर रखा ऑर ज़ोर से मसल्ते हुए तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा,,

माँ के मुँह से हल्की हल्की दबी हुई दर्द भरी सिसकियाँ निकालने लगी थी,,इधर मैं तेज़ी से माँ की गान्ड मारते हुए
माँ के बूब्स को कस कस के हाथ मे लेके मसल रहा था ऑर उधर करण माँ की टाँग को अपनी टाँगों पर रखके माँ
की चूत मारते हुए माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड कर चूस रहा था,,,तभी उसने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे
पीछे हटने को बोला,,मैने माँ की गान्ड से लंड निकाल लिया ऑर उठ गया तभी जल्दी से करण ने माँ को खुद से पीछे
ऑर माँ को पलट कर उल्टी कर दिया जिस से माँ का पेट बेड से लग गया ऑर गान्ड उठकर उपर आ गई ,,करण ने बेडशीट
की तरफ देखा जहाँ मैने अपने लंड की चिकनाई सॉफ की थी करण ने भी जल्दी से अपने लंड की वहीं सॉफ किया ऑर माँ
की गान्ड को भी जल्दी से सॉफ कर दिया ,,,माँ ने करण को ऐसे करते देख लिया था वो समझ गई थी कि अब करण भी
अपने लंड को खुश्क करके उसकी गान्ड मे डालने वाला है तो माँ ने जल्दी उठने की कोशिश की लेकिन तभी करण ने
माँ के राइट वाले हाथ को पकड़ कर माँ की पीठ पर रख दिया ओर मैने लेफ्ट वाले हाथ को अपने हाथ मे पकड़
कर फिर एक हाथ से माँ के सर को अपनी तरफ मोड़ कर बेड से लाग दिया ऑर माँ के गाल पर हल्का सा दबाव डाला तो माँ
का मुँह खुल गया ऑर जैसे ही मैने माँ के मुँह मे लंड डालने की कोशिश की माँ ने जल्दी से मुँह को बंद कर लिया,,



कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

तभी कारण ने माँ की गान्ड पर अपना लंड रखा ऑर एक हाथ से माँ की गान्ड को खोल कर अपने खुश्क लंड को माँ
की गान्ड मे घुसा दिया ,,,करण का लंड मेरे लंड से काफ़ी पतला था जो बड़े आराम से एक ही बार मे पूरा अंदर चला
गया लेकिन खुश्क होने की वजह से माँ को फिर दर्द हुआ तो माँ ने चिल्लाने के लिए अपना मुँह खोला ऑर जैसे ही माँ का
मुँह खुला मैने अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसा दिया माँ की चीख दब कर रह गई ,,मैने माँ के एक हाथ
को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर एक हाथ से माँ के सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसाने लगा ऑर
पीछे से करण ने माँ के हाथ को पकड़ कर उनकी पीठ पर रखा हुआ था ऑर एक हाथ से बेड का सहारा लेके माँ की
गान्ड पर झुक कर तेज़ी से खुश्क लंड से माँ की गान्ड मारने लगा था ,,माँ को दर्द हो रहा था लेकिन वो चिल्ला नही
सकती थी क्यूकी मेरे लंड ने माँ के मुँह को पूरी तरह से बंद किया हुआ था ,,,लेकिन फिर भी माँ अपने दर्द को ब्यान
करने के लिए थोड़ा सा झटपटा रही थी जिसका मेरे ऑर करण पर कोई खास फ़र्क नही पड़ रहा था ,,,

कुछ देर बाद माँ ने झटपटाना बंद कर दिया ऑर मेरे लंड पर अपने मुँह को हलके से आगे पीछे करने लगी मैं
समझ गया कि माँ को मज़ा आने लगा है ऑर दर्द कम हो गया होगा क्यूकी काफ़ी टाइम से करण माँ की गान्ड मार रहा था

उसने खुश्क लंड डाला था माँ की गान्ड मे लेकिन अब तक मस्ती मे माँ की गान्ड ने काफ़ी पानी बहा दिया होगा जिस से
लंड चिकना हो गया होगा ऑर इसलिए माँ को मज़ा आना शुरू हो गया होगा ,,अब चिकने लंड की वजह से करण की स्पीड
भी काफ़ी तेज हो गई थी ऑर वो माँ के हाथ को अपने हाथ से छोड़ कर माँ के उपर ही लेट गया था ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड
मारते हुए चिल्लाने लगा था मैं समझ गया कि ये बंदा तो अब झड़ने वाला हो गया है ऑर तभी करण ने ज़ोर से
आअहह की ऑर माँ की गान्ड मे झड गया ओर कुछ देर माँ की पीठ पर चढ़ कर ऐसे ही लेटा रहा ,,,,फिर उतर कर साइड
हो गया तभी माँ ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया मैं समझ गया माँ मुझे हटने को बोलेगी लेकिन जो मैं सोच
रहा था उस से उल्टा ही हुआ माँ उठी ऑर बेड शीट को अपने हाथ मे लेके अपनी गान्ड सॉफ करने लगी ऑर करण के लंड
पर झुक कर करण के लंड पर लगे स्पर्म को चाटने लगी फिर करण के लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी जब तक
माँ ने बेडशीट से अपनी गान्ड को सॉफ किया उतनी देर मे माँ ने करण के लंड को भी चूस कर सॉफ कर दिया ऑर
वापिस बेड पर पीठ के बल लेट गई ऑर मुझे इशारा किया अपनी पीठ पर चोदने के लिए मैं भी माँ की पीठ पर
चढ़ गया ऑर आगे झुक कर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की चूत पर रखा क्यूकी मैं माँ को ऑर दर्द नही देना
चाहता था इसलिए लंड को माँ की गान्ड मे नही चूत मे पेलना चाहता था लेकिन जैसे ही मैने अपने लंड की माँ की
चूत के होल पर रखा माँ ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया ऑर फिर पीछे मूड कर मेरी
तरफ देखा ऑर हँसने लगी,,मैं तो साला हैरान ही रह गया कि अभी कुछ देर पहले मैने ऑर करण ने इसकी सुखी गान्ड
मारी थी ऑर इसको इतना दर्द भी हुआ था ,,इतना दर्द कि इसका पूरा जिस्म झटके खाने लगा था ऑर आँखों मे भी आँसू आ
गये थे लेकिन ये औरत तो फिर से लंड को गान्ड मे लेने को तैयार थी ,,,मैने अपने लंड को माँ के हाथ से पकड़ा ऑर
चूत पर रखा लेकिन माँ ने मेरी तरफ देख कर अपने हाथ से लंड को पकड़ कर वापिस गान्ड पर रख दिया ,,,,मैने
फिर कोई देर नही की अगर ये खुद गान्ड फाडवाना चाहती है तो ठीक है यह सोच कर मैने अपने लंड को माँ की गान्ड
मे पेल दिया ,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

मेरे लंड पर तो माँ का थूक लगा था क्यूकी अभी कुछ देर पहले मेरा लंड माँ के मुँह मे था लेकिन माँ की गान्ड
उपर से काफ़ी सुखी ऑर खुश्क थी लंड को थोड़ी दिक्कत हो रही थी अंदर जाने मे लेकिन एक बार जब अंदर घुस गया तो
फिसल कर गान्ड की जड़ तक समा गया ऑर माँ की हल्की आहह निकल गई जिसमे मज़ा ज़्यादा था और दर्द कम था,,


मैने हलके से झटके मारने शुरू किया तो माँ ने मुझे पीछे मूड कर देखा ऑर तेज़ी से चोदने को बोला,,,,आब्ब्ब्बब
कय्या हहूउआ क्कामिन्नी ज़्जब्ब ददार्रद्द ससीए त्टाद्दप्प र्राहहिि टहिईिइ ज्जू जजूर्र जजूर्र ससी छूओद्द्द द्द्दद्ड
र्राहहा त्तहा ऊररर आब्ब्ब्ब ज़्जबब्ब्ब म्मांज़्जा आन्नी ल्लागगगा हहाईईइ तटूऊ स्स्पपीएद्ड क्क्ययउउू स्ल्लूओवव्वव
क्कार्र र्राहहा हहाईईइ व्वाईससीए हहिि टीज्जिई र बीररीहममी ससीए छ्छूड्द ज्जाससी प्पीहील्ल्लीए छ्छूड्द
र्र्र्ररराहहा त्तहााअ इतना बोलकर माँ हँसने लगी ऑर मैने भी माँ की हसी देख कर खुद को माँ की पीठ पर
लेटा लिया ओर हाथों को माँ के शोल्डर पर रख कर अच्छी तरह से पकड़ बना ली ऑर तेज़ी से जोरदार धक्के मारते हुए
माँ की गान्ड मे लंड पेलने लगा ऑर हल्के हल्के से अपने दाँतों से माँ की पीठ को काटने लगा ,,,आहह
आहंंननननणणन् हहानं मेरेरी ब्बीत्टी आईसीए हहिईिइ ऊरर त्तीज्ज ऊरर त्तीज्ज छ्छूओद्द अपपननीी माँ कीईईईईईईई
माँसतटत्त ब्बाहहर्रिई भार्रककामम गाअंन्दड़ ककूऊ क्कूिइ त्तार्रास्स्स मांत्त क्काररन्ना आज्ज्जज हययइईईई
चछूड्द म्मेरेरे ब्बीत्टी ऊरर त्टीजज चछूड्द मैने देखा की सिसकियाँ लेते हुए माँ अपने एक हाथ को अपने
जिस्म के नीचे ले गई शायद अपनी चूत पर लेके गई होगी क्यूकी माँ का हाथ जब उसके जिस्म के नीचे गया था तभी से
माँ का हिलना जुलना कुछ ज़्यादा हो गया था ,,,,,,माँ खुद अपनी चूत मे उंगली करती हुई तेज़ी से चिल्ला रही थी ऑर मुझे
ज़ोर ज़ोर से झटका मारने को बोल रही थी मैं भी तेज़ी से जोरदार धक्का लगा कर माँ की ख्वाहिश पूरी कर रहा था ,,


तभी माँ की सिकियाँ तेज होने लगी मैं समझ गया कि माँ झड़ने वाली है क्यूकी माँ ने पीछे मूड कर मेरी तरफ
देखा था ऑर बता दिया था कि वो अब झड़ने वाली है तो मैने जल्दी से माँ के हाथ को पकड़ा जो उनकी चूत पर था ऑर
खींच कर उसको माँ की चूत से दूर कर दिया क्यूकी कुछ देर मे मैं भी झड़ने ही वाला था मैं नही चाहता
था कि माँ मेरे से पहले झड जाए लेकिन माँ के हाथ उनकी चूत से पीछे करके मैने माँ का मज़ा कम कर दिया
था इसलिए मैं अपने हाथ को माँ की कमर की साइड से बेड ऑर माँ के जिस्म के बीच मे से माँ की चूत पर ले गया ऑर
हल्के हल्के चूत को सहलाने लगा ,,,


माँ फिर से दुगनी मस्ती मे आ गई ऑर सिसकियाँ लेने लगी ,,,करण साइड पर लेटा हुआ था ऑर हम लोगो की तरफ देख रहा था तभी माँ ने करण को अपने पास आने का इशारा किया ऑर करण भी माँ के पास आ गया माँ ने उसको अपना लंड माँ के करीब करने को बोला लेकिन करण ने मना कर दिया ऑर माँ को वॉल क्लॉक की तरफ इशारा करने लगा वो माँ
को ये बताने की कोशिश कर रहा था कि टाइम बहुत हो गया है ऑर उसकी माँ कभी भी आ सकती है क्यूकी उन लोगो को मस्ती
करते हुए 2 घंटे हो गये थे ,,लेकिन मेरी माँ नही मानी ओर करण के लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी तो करण
जल्दी से पीछे हट गया क्यूकी उसको डर था कि अगर उसका लंड खड़ा हो गया ऑर बीच मे ही उसकी माँ आ गई तो काम खराब हो जाना है इसलिए उसने जल्दी से पीछे हटके अपने लंड को माँ के हाथ से दूर कर दिया ऑर बेड पर माँ के
साथ लेट कर माँ के लिप्स पर किस करने लगा माँ ने फिर अपने हाथ से करण के लंड को पकड़ने की कोशिश की लेकिन
करण ने माँ के हाथ को पकड़ लिया ऑर माँ को किस करने लगा उधर मैं पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मारने मे लगा
हुआ था करीब 5-7 मिनट बाद मुझे लगा कि अब मेरा होने वाला है तो मैने माँ की चूत मे तेज़ी से उंगली करना
शुरू कर दिया जिस वजह से माँ भी झड़ने के करीब आ गई ऑर मस्ती मे कारण एक लिप्स को खा जाने वाले अंदाज़ से
चूसने लगी ,,तभी मैं तेज़ी से अह्ह्ह्ह भरते हुए माँ की गान्ड मे झड गया मेरे लंड ने एक के बाद एक 8-10
पिचकारी मारी माँ की गान्ड मे ऑर मेरा सारा पानी माँ की गान्ड मे समा गया ऑर जब सारा पानी निकल गया तो माँ ने भी तेज़ी से आहे भरना शुरू करदी अभी भी मेरा लंड माँ की गान्ड मे ही था लेकिन सारा पानी निकल चुका था ऑर मैं
माँ की चूत मे उंगली कर रहा था ऑर तभी माँ की चूत ने भी पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर जब मेरे हाथ पर कुछ
ज़्यादा ही गीला गीला एहसास हुआ तो मैने माँ की चूत पर अपने हाथ की स्पीड को स्लो कर दिया ऑर कुछ देर बाद अपने
हाथ को रोक कर माँ की चूत से हटा लिया ओर माँ के जिस्म ऑर बेड के बीच से खींच लिया ऑर खुद भी माँ के जिस्म
से नीचे उतर कर साइड मे लेट गया ,,इतने मे माँ भी जल्दी से उठी ऑर मेरे हाथ को चाटने लगी जिस पर उसी की चूत का
पानी लगा हुआ था जब हाथ को अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया तो माँ मेरे लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी
ऑर लंड को अची तरह साफ करके मुँह से बाहर निकाल दिया,,,फिर माँ भी बेड पर निढाल होके गिर गई,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


जब साँसे कुछ ठीक हुई तो माँ उठी ऑर बाथरूम मे चली गई इतनी देर मे मैं ऑर कारण भी उठे ऑर बाहर आ गये
जहाँ सोफे के पास मेरे ऑर कारण के कपड़े पड़े हुए थे ,,मैने ऑर करण ने कपड़े पहन लिए ऑर इतनी देर मे माँ
भी करण के रूम से बाहर आ गई,,,माँ की चाल कुछ ठीक नही थी क्यूकी अभी कुछ देर पहले मैने ऑर करण ने माँ
की सुखी गान्ड मारी थी वो भी खुश्क लंड से ,,,उनको शायद दर्द हो रहा था जो उनकी चाल से सॉफ ज़ाहिर हो रहा था,,,

मैने ऑर करण ने माँ की तरफ हँसके देखा तो माँ ने भी हम लोगो की तरफ हँसके देखा ,,ऑर करीब आके अपने
कपड़े उठा कर पहनने लगी,,,,

क्या हुआ माँ ऐसे क्यू चल रही थी ,,,मैने मज़ाक मे पूछा,,,,,

कमिने अभी इतनी जबरदस्त गान्ड मारी है मेरी वो भी बिना आयिल के अब पूछता है क्या हुआ,,,,माँ थोड़े गुस्से मे
बोली,,

माँ तूने ही तो बोला था कि औरत को जब चुदाई करते टाइम दर्द होता है तभी उसको ज़्यादा मज़ा आता है,,,,मैने तो
तेरी ही बात पूरी की है,,,,

अच्छा मेरी बात पूरी की है ,,मैने हल्के दर्द की बात की थी गान्ड फाड़ने वाले दर्द की नही,,,,तूने तो इतनी बुरी तरह
से चोदा है कि अभी तक रह रह कर दर्द की लहर उठ रही है पूरे जिस्म मे,,,

मैने तो ज़्यादा दर्द नही दिया ना आंटी जी,,करण बीच मे बोल पड़ा,,,,,

कोशिश तो तूने भी की थी करण बेटा लेकिन तेरा मूसल लंबा तो है लेकिन सन्नी के मूसल जितना मोटा नही है ,,अगर
होता तो तू भी दर्द देने मे पीछे नही रहता ,,,,

ग़लती हो गई माँ अब दोबारा ऐसे नही करूँगा,,,,माफ़ कर्दे,,,

अरे नही पागल ऐसा मत बोल,,,ऐसा बोल कि माँ हर बार ऐसा ही करूँगा और ऐसे ही जबरदस्त तरीके से गान्ड मारूँगा
लेकिन खुश्क लंड से नही हल्का आयिल लगा कर,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी ओर कपड़े पहन कर सोफे पर बैठ गई ऑर
अपने पर्स से कुछ मेक-अप का समान निकाल कर अपना हुलिया ठीक करने लगी क्यूकी अलका आंटी कभी भी आ सकती थी
ऑर ऐसा ही हुआ अभी हम लोग कपड़े पहन कर ठीक तरह से बैठे ही थे कि डोर बेल बजी ,,,

मैं ऑर माँ ठीक तरह से बैठ गये ऑर करण ने जल्दी से अपने बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया क्यूकी उसके रूम
मे बेडशीट गंदी हो गई थी ऑर बेड का हाल भी बुरा था,,,वो जल्दी से अपने रूम को बंद करके बाहर गेट खोलने
चला गया,,,,

कुछ देर बाद अलका आंटी अंदर आ गई,,,,जैसे आज माँ को देख कर मेरा बुरा हाल हो गया था जब उन्होने टाइट
फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था उसी तरह अलका आंटी को देख कर भी मेरा बुरा हाल हो गया,,,

अलका आंटी ने भी हल्के पिंक कलर का एक दम टाइट सूट पहना हुआ था,,,मेरी माँ की तरह उनके बूब्स भी बहुत
बड़े बड़े थे जो आधे से ज्याद सूट से बाहर निकले हुए थे ,,सूट इतना टाइट था कि उनकी बॉडी का एक एक पार्ट खुल
कर नज़र आ रहा था ,,

तभी वो अंदर आते ही अपने हाथ मे पकड़ा हुआ कुछ समान ऑर एक बास्केट ज़मीन पर रख कर माँ की तरफ बढ़ी,,
माँ भी आंटी को अपने करीब आता देख सोफे से उठकर खड़ी हो गई,,,,,

नमस्ते दीदी,,इतना बोलकर आंटी माँ के गले लग गई ऑर माँ ने भी उसकी बात का जवाब देके उनको अपनी बाहों मे
भर लिया ,,,वो दोनो एक दूसरे को हग करके खड़ी हुई थी ,,मैं ऑर कारण दोनो को ऐसी हालत मे देख कर मस्त हो गये
थे ,,क्यूकी दोनो क्या लग रही थी ,,,ये बताना मुश्किल था कि कॉन ज़्यादा सेक्सी लग रही है ,,करण की माँ या मेरी माँ

दोनो के भरे हुए जिस्म ,,बड़े बड़े बूब्स ,,मस्त मोटी गान्ड ऑर उपर से टाइट फिटिंग वाला सूट,,,जान निकाल कर रख
दी थी दोनो ने,,,,अभी दिल कर रहा था कि दोनो को नंगी करके जल्दी से बेड पर ले जाउ ऑर लंड पेल दूं दोनो की गान्ड
मे,,,,,अभी कुछ देर पहले मैं माँ की गान्ड मार कर आया था ऑर अब अलका आंटी को इमॅजिन कर रहा था वो भी बेड
पर पूरी तरह नंगी कुतिया बनी हुई ऑर मैं पीछे खड़ा उनकी गान्ड मे लंड पेल रहा था,,,

तभी आंटी ने मुझे आवाज़ दी,,,,हेलो सन्नी,,,,,मैं एक दम से नींद से जाग गया,,,हील्लूओ हेलो आंटी

अरे क्या हुआ इतना डरा हुआ क्यू है,,,,मैं कितना हसीन सपना देख रहा था आंटी की आवाज़ से मैं थोड़ा घबरा
गया ऑर सपने से निकल कर हक़ीक़त की दुनिया मे आ गया ,,,,

मेरी इस तरह बोखलाने से माँ ऑर करण मेरी तरफ़ देख कर हँसने लगे,,,,

कुछ नही आंटी जी बस मैं वो,,,,,

तभी माँ बीच मे बोल पड़ी,,,,,,,

बड़ा टाइम लगा दिया तूने अलका ,,,,थोड़ा ऑर लेट होती तो मैं बस जा ही रही थी,,,,

सॉरी दीदी घर से काफ़ी दूर थी तो वापिस आने मे टाइम लग गया,,,वो तो आपके आने का पता चला वर्ना मैने तो ऑर
भी ज़्यादा लेट आना था,,,,,

अच्छा छोड़ो इन बातों को ,,ऑर सुना क्या हाल है तेरा,,,

ठीक हूँ दीदी,,,,आप बैठो ना खड़ी क्यू हो,,,,,

माँ सोफे पर बैठ जाती है ओर मैं एक तरफ सिंगल सोफे पर बैठ गया करण भी दूसरी तरफ जाके बैठ गया,,,

कितने टाइम से तेरा वेट कर रही हूँ मैं अलका ,,,,

सॉरी बोला ना दीदी ,,बस ज़रा शॉपिंग मे बिज़ी हो गई थी,,,,अच्छा ये बातो ये करण ने आपको चाइ कोफ़ी दी या नही,,

हाँ हाँ चाइ भी दी ऑर कॉफी भी ,,,बहुत दिल लगा कर सेवा की इसने आज मेरी,,,

माँ की बात सुनके मैं ऑर करण हँसने लगे,,,,

सच मे दीदी,,,कॉफी बना के दी इसने आपको,,,,मुझे तो आज तक कभी पानी का ग्लास भी नही लाके दिया किचन से,,,

तेरे को सेवा करवानी ही नही आती अलका ,,पर अब तू टेन्षन मत ले मैं आ गई हूँ तो तुझे सिखा दूँगी कि बच्चों से
काम कैसे लेते है ऑर अपनी सेवा कैसे करवाते है,,,,

सच मे दीदी,,,,आप ही मेरी कुछ हेल्प करो ,,ये करण तो मेरी एक भी बात नही सुनता,,,जबसे इसके डॅड आउट ऑफ कंट्री
गये है तबसे मेरा कोई कहना ही नही मानता,,,,,आप ही कुछ बोलो इसको,,,

अच्छा तो ये कहना नही मानता तेरा,,,लेकिन मेरा तो बहुत कहना मानता है,,,,नही यकीन तो ये देख ज़रा,,,,

करण बेटा जल्दी किचन मे जाओ ऑर कॉफी बना कर लेके आओ,,,

जी आंटी जी अभी लेके आया ,,,,,

अरे वाह दीदी,,,आपकी बात कितनी जल्दी मान गया,,मुझे तो सॉफ सॉफ मना कर देता है,,,,,,,दीदी आप 2 मिनट रूको मैं
ज़रा फ्रेश होके आती हूँ फिर बात करते है,,,,,

ठीक है तो चल मैं भी तेरे साथ चलती हूँ तेरे रूम मे वहीं बैठ कर बात करते है,,,,

माँ आंटी के साथ जाने लगी ,,,माँ की चाल ठीक नही थी तो आंटी ने भी माँ से पूछ लिया,,,,,

ऐसे क्यू चल रही हो दीदी,,,चोट लगी है क्या टाँग मे

माँ कुछ नही बोली ओर गुस्से से मूड कर मुझे देखने लगी,,,मैं जल्दी से उठा ऑर किचन मे करण के पास चला गया
ऑर वो लोग रूम मे जाने लगी,,,,

हां अलका हल्की चोट लगी है,,,,रूम मे चल दिखाती हूँ तुझे,,,,इतना बोलकर वो रूम की तरफ चली गई,,,,,

रूम मे जाके सरिता बेड पर बैठ गई ऑर अलका बाथरूम मे फ्रेश होने चली गई,,,

कुछ देर बाद अलका फ्रेश होके बाथरूम से निकली ऑर बेड पर आके सरिता के पास बैठ गई,,,

इस से पहले वो कोई बात शुरू करते सन्नी ऑर करण भी कॉफी लेके आ गये,,,,

अरे वाह दीदी ,इतनी जल्दी कॉफी लेके आ गया करण ,,,मुझे तो पानी का ग्लास देने मे 1 घंटा लगा देता है ऑर कभी
कभी तो सुनता ही नही,,,,सॉफ मना ही कर देता है,,,,

क्यू माँ हर वक़्त ताने मारती रहती हो इतना तो कहा मानता हूँ तुम्हारा,,,,करण हल्का चिढ़ते हुए बोला,,

देखा दीदी अभी भी कैसे गुस्सा कर रहा है,,,जब देखो चिढ़ता रहता है,,,ऑर जब कोई काम बोलो तो ,,,

अलका तेरे को इसको क़ाबू मे करना नही आता ,,लेकिन अब तू डर मत मैं आ गई हूँ तो तेरे को सब कुछ सीखा दूँगी
कि जवान बेटे को क़ाबू मे कैसे करते है,,

तुम दोनो अपनी कॉफी लेके करण के रूम मे जाओ ऑर दोनो भाई वहीं बैठ कर बातें करो,,,,मैं आज अपनी बेहन के
साथ इतने टाइम बाद बैठी हूँ बहुत सारी बातें है करने के लिए,,,,,चलो जाओ यहाँ से ,,,,,

मैने ऑर करण ने अपनी कॉफी ली ओर रूम से बाहर आ गये,,,,,

अरे दीदी उनको क्यू भेज दिया ,,यही रहने देती ना उनको भी,,,

अरे पगली उनको यहाँ रहने देती तो तुझे अपनी चोट के बारे मे क्या बताती ऑर तुझे कैसे दिखाती कि जखम कितना
गहरा है,,,,,,

ओह्ह सॉरी दीदी मैं तो भूल ही गई थी कि आपको चोट लगी है,,,,,कहाँ लगी है चोट दिखाओ तो ज़रा ऑर कैसे लगी,,,

रुक रुक मेरी माँ ज़रा साँस तो ले ,,,सब कुछ बता दूँगी ,,लेकिन तू पहले या बता कि आज कल टाइम कैसे पास करती है,,

क्या करना दीदी ,,सारा दिन घर के काम मे लगी रहती हूँ ,,,करण कॉलेज चला जाता है तो शिखा के साथ घर का
काम करती रहती हूँ,,,,

अच्छा शिखा के बारे मे कुछ सोचा कि नही,,,,

क्या सोचना था दीदी शिखा के बारे मे,,,,,,

मेरा मतलब है उसकी दूसरी शादी के बारे मे कुछ सोचा या नही,,,,,

नही दीदी अभी कुछ नही सोचा ,,अगर सोचो भी तो वो मना कर देती थी,,पहले तो बोलती थी थोड़ा टाइम चाहिए सोचने
के लिए लेकिन अब तो कुछ दिनो से शादी के नाम पर भी गुस्सा करती है,,,,बोलती है कि अब शादी ही नही करनी,,,,बहुत ज़ोर
डाला लेकिन अब नही मानती शादी के लिए,,,,ऑर वैसे भी इतनी बड़ी जवान बेटी पर ज़्यादा ज़ोर भी तो नही डाला जा सकता ,,ये
तो अब अच्छा हुआ कि शोभा के साथ उसके बुटीक जाने लगी है काम मे लगी रहेगी तो दिल बहल जाया करेगा घर पर
तो सारा दिन बोर ही होती रहती है ,,,,

हाँ बात तो ठीक है लेकिन अब शादी तो करनी ही होगी उसकी,,,लेकिन इस बार लड़का देख परख कर शादी करना कहीं
पहले जैसा निखट्टू ना हो ,,जिस से कुछ होता ही ना हो,,,,

हाँ दीदी सही बोला आपने ,,अब तो लड़के के बारे मे सब कुछ जान परख कर ही बात आगे पक्की करूँगी,,,,वर्ना फिर से मेरी
बेटी की ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी ओर मैं ऐसा नही चाहती,,,,

शिखा को कोई लड़का पस्संद है क्या,,उससे किसी से प्यार तो नही जो शादी के लिए मना कर रही है,,,तूने कभी पूछा
क्या उस से,,,,अगर उसको कोई लड़का पस्संद है तो उसको अपनी मर्ज़ी से शादी कर लेने दो,,,,

मुझे कोई एतराज़ नही दीदी वो चाहे तो अपनी मर्ज़ी से शादी करे ,,मुझे तो इसी बात की खुशी होगी कि मेरी बेटी का घर
बस गया है,,,,,लेकिन उसको कोई लड़का पसंद नही,,,कुछ महीने पहले एक लड़का अच्छा लगता था उसको उसने मुझसे बात
भी की थी लेकिन बाद मे पता नही क्या हुआ ,,दोबारा कभी बात भी नही की उसके बारे मे ,,,मैने पूछा तो बोलने
लगी कि माँ अब उसका नाम भी मत लेना,,,,,शायद झगड़ा हो गया होगा या ऑर किसी ऑर लड़की के चक्कर मे होगा ,,शायद
धोखा दे रहा होगा मेरी बेटी को,,,,

हाँ हो सकता है अलका,,,लड़की कभी धोखा बर्दाश्त नही करती ऑर ना ही कभी नपुंसक पति को बर्दाश्त करती है,,,

सही बोला दीदी तभी तो पहले पति से तलाक़ हुआ है मेरी बेटी का,,,,

मैं जानती हूँ अलका ,,,वो कमीना अगर कुछ करता होता तो हमारी बेटी आज तलाक़ करके हमारे पास नही रहती ,,लड़की
घर मे 4 की जगह 2 रोटी खा सकती है लेकिन अपने पति के प्यार के लिए भूखी नही रह सकती,,,,

बिल्कुल सही कहा दीदी अपने,,,मेरी बेटी को अगर पूरा सुख मिलता उस घर मे तो ये बेचारी तलाक़ क्यू करती,,,उस कमिने
ने तो 6 महीने मे बस कुछ बार ही मेरी बेटी को सुख दिया ,,कितना तरस आया था मुझे मेरी बेटी पर,,,,ऑर उस कमिने
पर गुस्सा ,,,अगर कुछ कर नही सकता था तो शादी करके मेरी बेटी की ज़िंदगी क्यू बर्बाद की,,,

ठीक बोला तूने अलका ,,लेकिन अब ये बता कि तुझे अब कैसे सुख मिलता है जीजा जी तो काफ़ी महीने से बाहर गये हुए है,,,

तभी अलका शर्मा जाती है,,,,क्या बोल रही हो दीदी ,,,,

शर्मा क्यू रही है ,,,मैने सब देख लिया है,,,,,

क्या देख लिया दीदी अपने,,,,अलका थोड़ा शरमाते हुए अपने कपड़े ठीक करने लगी,,,,,

वही तेरे हाथ मे पकड़ी हुई बास्केट जिसमे सब्जिया थी ऑर बीच ही पड़ा था सब्जियों का राजा ,,,बैंगन,,,वो भी इतना
लंबा लंबा,,,,,,

अलका कुछ ज़्यादा ही शरमाते हुए,,,,अरे नही दीदी वो तो मुझे बैंगन खाना बहुत अच्छा लगता है,,,,,इसलिए लेके आई हूँ
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

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(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
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