नए पड़ोसी complete
- Rohit Kapoor
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Re: नए पड़ोसी
Nice UPDATE
Read my all stories
(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
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Re: नए पड़ोसी
वैसे तो ये नजारा बहुत बेहतरीन था पर इस वक़्त मेरा मूड बहुत ख़राब था. मेरा मन कर रहा था की कोई डंडा मिल जाये तो ओम और मयंक का सर फोड़ दूं. पर तब तक मेरे पीछे पीछे रुची भी वहां आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने कमरे में ले गयी और धीरे से बोली "देखो यार मनीष, अब तुम ड्रामा मत करो. रश्मि कोई कुवारीं बच्ची तो है नहीं. कई बार मयंक से चुदवा चुकी है. अब उसका जिसके साथ मन वो सेक्स करे क्यों भड़कते हो."
मैंने कहा "देखो मयंक की बात और थी और मैं तुम्हारे और मयंक की तरह नहीं सोच सकता. मुझे तुम लोगो पर बहुत गुस्सा आ रहा है."
"मयंक की बात इसलिए अलग थी की बदले में वो तुम्हे अपनी बहन की चूत भी दिलवा रहा था. है न? तो सुनो ओम भी तुमको कई चूतें और दिलवा देगा बल्कि वो कह भी रहा था की अगर तुम चाहो तो नीलम आंटी को तो तुमसे एक दो दिन के अन्दर ही चुदवा देगा." रुची ने कहा.
मैं समझ गया की मयंक और रुची ने पूरा प्लान बना कर दीदी की चुदाई ओम से करवाई है. इन लोगो ने पहले ही सोच लिया था की अगर मैं नहीं माना तो ये मुझे कैसे मनायेगे. नीलम अरोरा जैसे मस्त माल को चोदने का मन तो मेरा भी बहुत था पर वो तो ओम ने मुझे पहले ही कहा था की वो उनको मुझसे चुदवा देगा तो ये मुझे कुछ नया तो नहीं दे रहे.
मुझे सोच में पड़ा देख कर रुची फिर से बोली "देखो, वैसे भी ओम ने रश्मि को चोद ही लिया है तो अब तुम्हारे हल्ला करने से कुछ होने वाला तो है नहीं और आखिर चूत रश्मि की है वो जिससे चाहे चुदवाये. अगर तुम नाराज होगे तो वो तुमसे छिप कर ये काम करेगी और तुम कुछ नहीं कर पाओगे तो मेरी मानो ओम से मिल कर रहो. तुम्हारा बहुत फायदा होगा."
मुझे पता था की अब मैं कुछ नहीं कर सकता. रुची की बात सही भी थी की दीदी का जिससे मन होगा वो चुद्वायेगी. मुझे लगा फिलहाल ओम से सुलह करने में ही फायदा है और रही बात रश्मि दीदी की को तो अब मैं उनको किसी भी कीमत पर चोद कर ही रहूँगा चाहे मुझे जो भी करना पड़े. रुची फिर से बोली "अभी तुम चुपचाप अपने घर जाओ और जब रश्मि घर पर वापस आ जाये तो तुम यहाँ आ जाना. मैं ओम से तुम्हारी सारी बात करवा दूँगी."
मैं चुपचाप कमरे से बाहर आया. मयंक के कमरे से दीदी की आवाजे आभी भी आ रही थी. रुची और मैं धीरे से छत पर आ गए. मैंने रुची से पुछा "एक बात सच सच बताना. क्या तुम भी ओम से चुद्वाती हो."
रुची ने वापस पुछा "ऐसा क्यों पूँछ रहे हो?".
"तुम ओम की इतनी तरफदारी जो कर रही हो इसलिए. बताओ न" मैंने जवाब दिया.
"क्या फरक पड़ता है. तुमको तो बस अपना फायदा देखना चाहिए और देखना ओम तुम्हारा कितना फायदा करवाता है." रुची ने मुस्कुरा कर जवाब दिया और वापस नीचे चली गई. मैं भी घर आ गया. करीब 2 घंटे बाद रश्मि दीदी वापस आ गयी. उनके चेहरे को देख कर कोई नहीं कह सकता था की वो सुबह से ताबड़तोड़ चुदाई करवा रही थी.
"बड़ी देर कर दी" मैंने पुछा.
"हाँ लौटते हुए रिक्शा नहीं मिल रहा था." दीदी ने सफ़ेद झूठ बोल दिया.
"मुझे कुछ काम से जाना है. तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था. दरवाजा बंद कर लो." ये कहते हुए मैं बाहर निकल गया.
"कितनी देर में आयेगा. बाहर बहुत गर्मी थी तो मुझे नहाना भी है." दीदी ने मुझसे पुछा.
"हां जाओ. मुझे एक घंटा लग जायेगा." मैं बोला और मयंक के घर चल दिया. दरवाजा खुला ही हुआ था. मैं सीधा अन्दर पहुच कर मयंक के कमरे में चला गया. ओम ने कपडे पहन लिए थे पर मयंक अभी भी केवल अंडरवियर पहने बेड पर लेटा था. रुची दोनों से कुछ कह रही थी और दोनों ध्यान से सुन रहे थे. मेरे पहुचते ही रुची खामोश हो गयी और ओम बोला "आओ आओ मनीष भाई आओ.'
मैंने कहा "देखो मयंक की बात और थी और मैं तुम्हारे और मयंक की तरह नहीं सोच सकता. मुझे तुम लोगो पर बहुत गुस्सा आ रहा है."
"मयंक की बात इसलिए अलग थी की बदले में वो तुम्हे अपनी बहन की चूत भी दिलवा रहा था. है न? तो सुनो ओम भी तुमको कई चूतें और दिलवा देगा बल्कि वो कह भी रहा था की अगर तुम चाहो तो नीलम आंटी को तो तुमसे एक दो दिन के अन्दर ही चुदवा देगा." रुची ने कहा.
मैं समझ गया की मयंक और रुची ने पूरा प्लान बना कर दीदी की चुदाई ओम से करवाई है. इन लोगो ने पहले ही सोच लिया था की अगर मैं नहीं माना तो ये मुझे कैसे मनायेगे. नीलम अरोरा जैसे मस्त माल को चोदने का मन तो मेरा भी बहुत था पर वो तो ओम ने मुझे पहले ही कहा था की वो उनको मुझसे चुदवा देगा तो ये मुझे कुछ नया तो नहीं दे रहे.
मुझे सोच में पड़ा देख कर रुची फिर से बोली "देखो, वैसे भी ओम ने रश्मि को चोद ही लिया है तो अब तुम्हारे हल्ला करने से कुछ होने वाला तो है नहीं और आखिर चूत रश्मि की है वो जिससे चाहे चुदवाये. अगर तुम नाराज होगे तो वो तुमसे छिप कर ये काम करेगी और तुम कुछ नहीं कर पाओगे तो मेरी मानो ओम से मिल कर रहो. तुम्हारा बहुत फायदा होगा."
मुझे पता था की अब मैं कुछ नहीं कर सकता. रुची की बात सही भी थी की दीदी का जिससे मन होगा वो चुद्वायेगी. मुझे लगा फिलहाल ओम से सुलह करने में ही फायदा है और रही बात रश्मि दीदी की को तो अब मैं उनको किसी भी कीमत पर चोद कर ही रहूँगा चाहे मुझे जो भी करना पड़े. रुची फिर से बोली "अभी तुम चुपचाप अपने घर जाओ और जब रश्मि घर पर वापस आ जाये तो तुम यहाँ आ जाना. मैं ओम से तुम्हारी सारी बात करवा दूँगी."
मैं चुपचाप कमरे से बाहर आया. मयंक के कमरे से दीदी की आवाजे आभी भी आ रही थी. रुची और मैं धीरे से छत पर आ गए. मैंने रुची से पुछा "एक बात सच सच बताना. क्या तुम भी ओम से चुद्वाती हो."
रुची ने वापस पुछा "ऐसा क्यों पूँछ रहे हो?".
"तुम ओम की इतनी तरफदारी जो कर रही हो इसलिए. बताओ न" मैंने जवाब दिया.
"क्या फरक पड़ता है. तुमको तो बस अपना फायदा देखना चाहिए और देखना ओम तुम्हारा कितना फायदा करवाता है." रुची ने मुस्कुरा कर जवाब दिया और वापस नीचे चली गई. मैं भी घर आ गया. करीब 2 घंटे बाद रश्मि दीदी वापस आ गयी. उनके चेहरे को देख कर कोई नहीं कह सकता था की वो सुबह से ताबड़तोड़ चुदाई करवा रही थी.
"बड़ी देर कर दी" मैंने पुछा.
"हाँ लौटते हुए रिक्शा नहीं मिल रहा था." दीदी ने सफ़ेद झूठ बोल दिया.
"मुझे कुछ काम से जाना है. तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था. दरवाजा बंद कर लो." ये कहते हुए मैं बाहर निकल गया.
"कितनी देर में आयेगा. बाहर बहुत गर्मी थी तो मुझे नहाना भी है." दीदी ने मुझसे पुछा.
"हां जाओ. मुझे एक घंटा लग जायेगा." मैं बोला और मयंक के घर चल दिया. दरवाजा खुला ही हुआ था. मैं सीधा अन्दर पहुच कर मयंक के कमरे में चला गया. ओम ने कपडे पहन लिए थे पर मयंक अभी भी केवल अंडरवियर पहने बेड पर लेटा था. रुची दोनों से कुछ कह रही थी और दोनों ध्यान से सुन रहे थे. मेरे पहुचते ही रुची खामोश हो गयी और ओम बोला "आओ आओ मनीष भाई आओ.'
- Dolly sharma
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- Joined: 03 Apr 2016 16:34
Re: नए पड़ोसी
superb update Rishu
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete