कहीं वो सब सपना तो नही complete
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
फिर आंटी कपड़े धोने लगी ऑर मैं वहीं खड़ा उनके बूब्स के ज़ी भरके दर्शन करने लगा
उनको भी पता था मैं क्या देख रहा हूँ इसलिए वो मेरी तरफ ज़्यादा ध्यान नही दे रही थी क्यूकी
उनको पता था कि अगर वो मेरी तरफ ध्यान करेंगी तो मैं अपना ध्यान उनके बूब्स से हटा लूँगा ऑर
वो ऐसा नही चाहती थी,,वो तो ज़्यादा से ज़्यादा बूब्स दिखाना चाहती थी मुझे ताकि मैं गर्म होता रहूं
लेकिन उनको क्या पता मेरा जिस्म ज्वालामुखी की तरफ खौलने लगा था,,,,बस चलता तो अपनी उनकी चूत मे
गर्म गर्म लावा भर देता,,,,,
अभी बस थोड़े से कपड़े ही बाकी थे जो आंटी ने 10-15 मिनट मे धो लिए ऑर इतने टाइम मैने ज़ी
भरके उनके बूब्स के दर्शन भी कर लिए,,,ज़ी तो नही भरा था लेकिन इतना टाइम काफ़ी था ,,,फिर मैं आंटी
के साथ मिलकर कपड़े निचोड़ने लगा,,,,एक तरफ से आंटी कपड़ा पकड़ती ऑर एक तरफ से मैं ऑर दोनो अपना
ज़ोर लगा कर कपड़े निचोड़ने लगे,,,,आंटी जब भी ज़ोर लगाती तो हल्का सा नीचे झुक जाती ऑर मेरा ध्यान उनके
बूब्स पर चला जाता तो वो बस शर्माके रह जाती,,,,,,,
अच्छा बेटा अब तू ज़रा ये कपड़े उपर छत पे रखके आजा मैं अभी आई 2 मिनट मे,,,,,
मैने कपड़ों वाली टोकरी उठाई ऑर उपर छत की तरफ जाने लगा,,,,जैसे मैं सीडियों के पास से गुजरने
लगा मेरा ध्यान गया सीडियों के नीचे की जगह पर जहाँ वॉशिंग मशीन पड़ी हुई थी,,मैने हल्के से
कपड़ो वाली टोकरी को नीचे रखा ऑर मशीन का प्लग लगा कर देखा तो मशीन चल रही थी,,,,,मैं समझ
गया कि ये आंटी की चाल थी हाथ से कपड़े धोने की,,,,,
मैं कपड़े लेके उपर छत पे चला गया कुछ देर बाद आंटी भी उपर आ गई,,,सूट अभी तक गीला था
उनका ऑर बूब्स भी पूरे नंगे ही थे लगभग,,,,,,मैं ऑर आंटी मिलकर कपड़े तार पर डालने लगे ऑर
फिर नीचे आ गये,,,,नीचे आते टाइम भी आंटी मेरे आगे चल रही थी ऑर मैं पीछे से उनकी गान्ड को
देखता हुआ उनके पीछे पीछे ऐसे चल रहा था जैसे कुत्ता हड्डी को देख कर चलता है,,,,
बेटा अब मैं नहा लेती हूँ बाद मे तेरे कुछ खाने को बना दूँगी,,,,,अगर अभी भूख लगी है
तो बता दे,,,,
नही आंटी जी मैं ठीक हूँ,आप पहले नहा लो,,,,,,,
आंटी अपने रूम मे चली गई ऑर फिर कुछ कपड़े लेके बाथरूम मे ,,,,मैं पहले तो बाहर खड़ा रहा
फिर कुछ देर बाद मैं आंटी के रूम मे चला गया ऑर बाथरूम से अंदर देखने की कोशिश करने
लगा ,,,लेकिन तभी बाहर बेल बजी ओर मैं बाहर आ गया,,,,,बाहर आके गेट खोला तो सामने एक औरत
खड़ी हुई थी,,,,,,,
जी बोलिए,क्या चाहिए आपको,,,,,,,,,,
आप कॉन हो,,,ऑर अलका मेम्साब कहाँ है,,,,,
मैं मेहमान हूँ ,लेकिन आप कॉन हो ये बताओ,,,,,
जी मैं इस घर मे काम करती हूँ,,,,,,,मैं अपने घर की चाबी यहीं भूल गई,,,
तुम आज काम करने आई थी क्या,,,मैने उस से सवाल किया ,,,,,
हाँ साहब आई थी लेकिन म्मेसाहब ने बोला कि मेहमान आने वाले है घर पे इसलिए आज जल्दी काम करो
ऑर जाओ ,,, मुझे 2-3 दिन काम पर आने को भी मना किया है,,,वो बस हल्का सा झाड़ू पोच्छा करवाया था
कपड़े धोने को बोला तो बोली कि आज कपड़े नही है धोने को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,साहब क्या आप वहीं
मेहमान हो जो आने वाले थे,,,,,,
हाँ मैं वहीं हूँ,,,,,,,अब अपने घर की चाबी लो ऑर जाओ,,,,,,,,,,,,,वो जल्दी से घर के अंदर आई ऑर कुछ
देर मे चाबी लेके वहाँ से चली गई,,,,
अब मैं सब समझ गया,,,,,,आंटी का प्लान क्या था,,,,शायद ये सब भी मेरी माँ ने भी सिखाया होगा
आंटी को,,वर्ना आंटी मे इतनी हिम्मत कहाँ,,,,,
मैं गेट बंद करके अंदर आया ऑर वापिस आंटी एक रूम मे जाके उनको बाथरूम मे नहाते देखने लगा
लेकिन तभी बाहर टेबल पर रखा हुआ मेरा फोन बजने लगा,,,
मैने बाहर जाके फोन उठाया ऑर बात करने लगा,,ये फोन मेरी माँ का था,,,
हेलो माँ,,,,,,,
हेलो सन्नी बेटा,,,क्या हो रहा है,,कपड़े धोते हुए आंटी के बूब्स देख रहा है क्या,,,,इतना बोलकर
माँ हँसने लगी,,,,
माँ आपको तो सब पता ही है फिर क्यू पूछ रही हो,,,,आख़िर सब आपकी कृपा से हो रहा है,,,,सब आपका
प्लान है,,,,,
सही बोला बेटा ,,अब उसको तो प्लान बता दिया अब तेरी बारी है,,ध्यान से मेरी बात सुन,,,जैसा मैं कहती हूँ
वैसा ही करना,,,फिर माँ बोलने लगी ऑर मैं उनकी बात सुनने लगा,,जब तक आंटी नहा कर नही निकली तब
तक मेरी ऑर माँ की बात होती रही,,,,,
कुछ देर बाद आंटी नहा कर निकली ऑर मेरे पास आ गई,,तब तक मैं निक्केर टी-शर्ट मे सोफे पर ही बैठा
हुआ था,,,,,,,,,,,,,,,,
अब भूख लगी है या नही सन्नी बेटा,,,,,आंटी अपने गीले बलों को टवल से सॉफ करती हुई बोली,,उनका
मेरी तरफ देखने का नज़रिया बिल्कुल अलग हो गया था,,,वो नज़रो ही नज़रो मे मुझे खाने की कोशिश कर
रही थी,,,ऑर मैं भी तो ऐसे ही देखता था उनकी तरफ,,,ये बात उनको भी पता थी,,,,
जी आंटी भूख तो लगी है ,,
तो बोलो क्या खाना है अभी बना देती हूँ,,,,,
जो मर्ज़ी बना दीजिए आंटी जी,,,
ठीक है तुम रूको मैं अभी दाल चावल बना देती हूँ ,,,,दाल चावल अच्छे लगते है या कुछ ऑर बना
दूं,,,,,,,
नही आंटी जी मुझे दाल चावल बहुत अच्छे लगते है आप वही बना दीजिए,,,,
फिर आंटी ने दाल चावल तैयार करने चली गई ऑर मैं बाथरूम मे जाके नहा धो कर फ्रेश हो गया
कुछ देर बाद मैने ऑर आंटी ने लंच कर लिया ऑर मैं करण के रूम मे आके लेट गया तभी कुछ देर
बाद माँ का फोन आया ऑर मैं उठकर आंटी के रूम मे चला गया,,,
मैं जब आंटी के रूम मे गया तो आंटी बेड पर लेट कर टीवी देख रही थी,,,,,
आंटी जी क्या मैं अंदर आ सकता हूँ मैने दरवाजे पर नॉक करके पूछा,,,,
हाँ हाँ बेटा आओ अंदर ,,इसमे पूछने की क्या बात है,,,,
आंटी जी आपको मेरे से कोई काम तो नही,,,,
नही बेटा,,,,क्यू ऐसा क्यू पूछा तुमने,,,,,
जी मैं कुछ देर आराम करने लगा था,,बहुत थक गया हूँ आज,,,,सोचा आराम करने से पहले पूछ
लूँ कहीं आपको कुछ चाहिए तो नही,,,या मेरे से कोई काम तो नही,,,,
नही बेटा मुझे कोई काम नही तुम जाके आराम कर सकते हो,,,,
ओके आंटी जी,,,,,लेकिन जब तक मैं खुद ना उठ जाऊ मुझे डिस्टर्ब नही करना प्लज़्ज़्ज़,,,
आंटी ने हंस कर एक नज़र मेरे जिस्म को उपर से नीचे तक देखा ऑर इसी बीच आंटी की नज़रे कुछ पल के
लिए मेरे लंड पर टिक गई,,,,ओके बेटा मैं डिस्टर्ब नही करूँगी तुम जाके जो दिल करे वो करो,,,,
क्या बोला आंटी जी मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,
मेरा मतलब था बेटा तुम जाके आराम करो मैं डिस्टर्ब नही करूँगी,,,,,
मैं वापिस रूम से निकल कर करण के रूम मे आ गया ऑर आके रूम को अंदर से लॉक कर लिया,,फिर लॅपटॉप
निकाल कर बेड पर रखा ऑर पॉर्न मूवी प्ले करदी,,फिर मैं रूम के दरवाजे के पास जाके कीहोल से
बाहर देखा तो आंटी जी हल्के कदमो से इसी तरफ आ रही थी,,,मैने जल्दी से अपनी निक्कर उतार दी ऑर नीचे
का हिस्सा नंगा करके एक चेयर को बेड के पास रखा ऑर लॅपटॉप को अपनी तरफ करके चेयर पर बैठ गया ऑर
पॉर्न मूवी देखता हुआ अपने लंड को सहलाने लगा,,,,मैं चेयर पर इसलिए बैठा था ताकि आंटी को मेरा
मूसल सॉफ नज़र आए ऑर बेड पर पड़ा हुआ लॅपटॉप भी जिसमे पॉर्न मूवी चल रही थी,,,मैने जान भूज
कर मूवीस भी वही प्ले की थी जिसमे एक 20 साल का लड़का एक 40-45 साल की औरत की चुदाई करने लगा
था ऑर मूवी का नाम था (माइ फ्रेंड'स हॉट मोम),,,,,,,ये सब मेरी माँ का प्लान था,,,,माँ ने आंटी को भी
ये बता दिया था कि जब मैं आराम करने के लिए रूम मे जाता हूँ ऑर किसी को डिस्टर्ब नही करके को बोल
जाता हूँ तो मैं आराम से अपने रूम मे बैठ कर मूठ मारता हूँ,,,,इसलिए मेरे करण के रूम मे
आने के कुछ देर बाद ही अलका आंटी रूम के दरवाजे पर आ गई थी,,,,
मैं मूवी देखने लगा ऑर पास मे पड़ी एक आयिल की शीशी से लंड पर आयिल लगा कर हल्की हल्की मालिश करने
लगा,,,,वैसे यही मेरा तरीका भी है मैं भी पॉर्न मूवी देखता हुआ लंड की कम से कम 1 अवर तक
मालिश करता हूँ ऑर मूवी ख़तम होने के बाद ही पानी निकालता हूँ,,,,,,,,,,
मैं अंदर मूठ मारते हुए लंड की मालिश कर रहा था ऑर पक्का था मेरा मूसल देख कर आंटी भी
बाहर खड़ी अपनी चूत मे उंगली कर रही होगी,,,,
वो मूवी करीब 48 मिनट्स की थी ऑर इतनी देर तक मैं अपने लंड की मालिश करता रहा ऑर आंटी बाहर
खड़ी मुझे देखती रही,,मूवी ख़तम होने के बाद जब मेरे हाथ की स्पीड तेज हुई ऑर मेरा पानी
निकलने वाला हो गया तो मैं तेज़ी से अपना हाथ चलता हुआ अलका आंटी का नाम लेने लगा,,,,आहह
आंटीयी ज्जििीइ आहह अल्लका औउन्न्त्तयययययी ,,,आंटी का नाम लेते हुए मेरे लंड ने पानी की
पिचकारी मारना शुरू कर दिया ऑर जब तक लंड से पानी निकलता रहा मैं अलका आंटी का नाम लेता रहा,,,
बाहर खड़ी आंटी पक्का मेरी इस हरकत से हैरान हो गई होगी लेकिन ऐसा करके मैं आंटी के एक कदम
करीब चला गया था,,,,,
जब मेरे लंड से पानी निकल गया तो मैं लॅपटॉप बंद किया ऑर अपने लंड को अच्छी तरफ सॉफ किया फिर ज़मीन
पर गिरा हुआ स्पर्म सॉफ करके बेड पर निढाल होके लेट गया,,,,मेरे लेट जाने के बाद आंटी शायद
वहाँ से चली गई थी इसलिए मैने भी हल्के से अपने रूम का दरवाजा खोला ऑर आंटी के रूम के पास
चला गया ऑर मेरा शक सही निकला आंटी भी अपने बेड पर लेट कर अपनी चूत मे उंगली करने लगी हुई थी
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था आंटी को देख देख कर लेकिन मैं ज़्यादा देर तक नही देख सका क्यूकी
आंटी बहुत जल्दी झड गई थी ,,वैसे भी आंटी ने मेरे रूम के बाहर खड़ी होके चूत मे बहुत उंगली की
थी ऑर बेड पर आके लेटते ही उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था,,,,आंटी के फेस पर राहत नही बल्कि
एक बेचैनी थी ,,जबकि चूत से पानी निकलने के बाद तो उनको राहत महसूस होनी चाहिए थी लेकिन वो
मेरी उस हरकत पर इतना हैरान थी जो मैने करण के रूम मे की थी ,,,लंड से पानी निकलते टाइम उनका नाम
लेके,,,,आंटी शायद बहुत परेशन थी मेरी उस हरकत से,,लेकिन मैं बहुत खुश था अपनी इस हरकत से,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
मैने एक आग लगा दी थी आंटी के दिल मे जो बहुत ज़्यादा भड़कने लगी थी,,,,अब मुझे रात होने का इंतजार
था बस,,देखना था कि अब रात को क्या होता है,,,,
लंच टाइम से लेके डिन्नर टाइम तक मैं सोता रहा,,क्यूकी एक आग लगा दी थी मैने अलका आंटी की चूत मे
मूठ मारते टाइम उनका नाम लेके,,,,उन्होने कभी ऐसा नही सोचा होगा कि मैं उनके नाम की मूठ मार
सकता हूँ,,,वो खुश तो बहुत होंगी लेकिन उस से कहीं ज़्यादा वो बेचैन होंगी,,,,,उनकी खुशी का या
उनकी बेचैनी का रात को ही पता लगना था इसलिए मैं डिन्नर टाइम तक सोता रहा,,,,एक वजह ऑर थी मैं
थोड़ा डर भी गया था आंटी पता नही मेरे बारे मे क्या सोच रही होगी,,मैं उनकी नज़रो का सामना
कर भी पाउन्गा या नही ,,इसी बात से डरते डरते मैं सो गया ऑर रात होने का वेट करने लगा,,वैसे भी पता
नही रात को नींद आनी भी थी या नही,,,,,,इसलिए दिन मे ही नींद पूरी करली थी मैने,,,,मैं आज मूठ मारते
हुए अलका आंटी का नाम नही लेना चाहता था क्यूकी मैं जल्दबाज़ी नही करना चाहता था लेकिन 2-3 दिन मे
बुआ वापिस आ रही थी तो करण का बुटीक पर रहना मुश्किल हो जाता इसलिए टाइम की कमी होने की वजह
से माँ ने भी थोड़ी जल्दी करने को बोल दिया था मुझे,,,लेकिन इतनी जल्दी भी नही ,,वैसे मैं भी इतनी जल्दी
नही करना चाहता था क्यूकी मैं एक कदम रखने के बाद ही दूसरा पैर उठाना चाहता था ,,एक साथ दो
कदम उठाने वाला इंसान अक्सर मूह के बल गिरता है,,,,,
डिन्नर टाइम तक मन उठकर फ्रेश होके रूम से बाहर निकल आया,,,,,ऑर बाहर निकल कर तो मैं दंग ही
रह गया,,,,,आंटी किचन मे नाइटी पहन कर खाना बना रही थी,,,,,मैं उनके पास नही गया ,,दिल तो
कर रहा था जाके उनके बूब्स देखने के लिए लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था,,,,पता नही क्या होगा अब
मैं बाहर सोफे पर बैठ गया ऑर टीवी देखने लगा ,,जैसे ही टीवी ऑन किया तो टीवी की आवाज़ सुनके आंटी किचन से
बाहर आ गई,,,,,
उठा गया सन्नी बेटा,,,,आंटी की आवाज़ सुनके मेरा ध्यान टीवी से हटकर किचन की तरफ गया जहाँ आंटी
किचन के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी,,,मैने आंटी की तरफ देखा तो आज आंटी की आँखों मे कुछ
ज़्यादा ही मस्ती भरी हुई थी,,,,वो बड़ी नज़ाकत से शरमा कर मुझे देख रही थी,,,
जी आंटी जी,,,,बहुत थक गया था इसलिए इतनी देर तक सोता रहा,,,,
थकना तो था ही तूने बेटा,,इतनी मेहनत जो करता है,,,,आंटी एक शरारती अंदाज मे बोली थी,,,,
क्या करूँ आंटी जी उमर ही ऐसी है ,,,इस उमर मे मेहनत नही करूँगा तो कब करूँगा,,,,,
ये भी ठीक है लेकिन बेटा इतनी ज़्यादा मेहनत भी मत किया कर,,,देख ज़रा कितना थक गया था तू ऑर कितनी
देर अक सोता रहा,,,,थोड़ी कम मेहनत किया कर,,,,अभी बहुत उमर बाकी है तेरी,,जितनी मर्ज़ी मेहनत करते
रहना,,,,इतना बोलकर आंटी शरमाने लगी,,,, अच्छा अब टीवी ऑफ कर ऑर आजा डाइनिंग टेबल पर खाना लगा देती हूँ
जी आंटी जी,मैं सोफे से उठा टीवी ऑफ करके डाइनिंग टेबल पर चला गया,,,,कुछ देर बाद आंटी भी खाना
लेके डाइनिंग टेबल पर आ गई ऑर मेरे सामने बैठ कर खाना परोसने लगी,,,,
आज भी आंटी ने मेरी प्लेट मे थोड़ा सा ही खाना परोसा था,,मैं समझ गया कि बार बार मुझे खाना
परोसते टाइम आंटी मुझे अपने बूब्स दिखना चाहती थी,,,,ऑर वही हुआ जब मेरी प्लेट मे डाल ख़तम
हुई तो आंटी ने आगे बढ़ कर टेबल पर झुक कर मेरी प्लेट मे डाल परोसते टाइम मुझे अपने बूब्स के
दर्शन करवाने शुरू कर दिया,,,,,ऑर आज तो मैं सच मे दर्शन करता हुआ दंग रह गया क्यूकी आंटी
ने आज नाइटी बहुत पतले कपड़े की पहनी हुई थी ऑर आज तो आंटी ने ब्रा भी नही पहनी हुई थी,,जिस वजह
से झुकते टाइम उनके पूरे बूब्स नंगे हो रहे थे,,,नाइटी होने के बावजूद आंटी मुझे नंगी लग
रही थी उनका सारा बदन मुझे सॉफ सॉफ नज़र आ रहा था,,,आज आंटी के मुस्कुराने का अंदाज भी
पहले से कहीं ज़्यादा शरारती हो गया था,,,जितना टाइम डिन्नर चलता रहा उतना टाइम शरारती मुस्कान के
साथ आंटी मुझे अपने बूब्स दिखाती रही ओर मैं भी आज बिना किसी डर के आंटी के बूब्स देखता रहा
डिन्नर ख़तम होने के बाद आंटी अपने रूम किचन मे काम करने लगी जबकि मैं करण के रूम
मे जाके लॅपटॉप पर मस्ती करने लगा,,,करीब 30-40 मिनट बाद आंटी मेरे रूम मे आई,,,
क्या बात है बेटा आज सोना नही क्या,,,,,मैं आंटी की तरफ देखा तो आंटी दरवाजे से चलती हुई मेरे
बेड के पास आ गई ऑर आके मेरे पास बैठ गई,,
मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर लॅपटॉप मेरे पेट पर पड़ा हुआ था,,,
जी सोना है आंटी जी लेकिन अभी टाइम कहाँ हुआ सोने का अभी तो बहुत टाइम है,,,,
मैने सोचा तू बहुत थक गया था शायद ऑर नींद आई होगी तुझे,,,,काम जो इतनी मेहनत वाले करने
लगा है तू आजकल,,,,इतना बोलकर आंटी ने मेरे सर पर हाथ रख दिया ऑर प्यार से हाथ को मेरे बालों मे
सहलाने लगी,,,,,
जी आंटी जी थक तो बहुत गया था आज,,,,इतनी मेहनत अक्सर नही करता ना,,आज काफ़ी दिन बाद इतनी मेहनत की
है जो ज़्यादा थक गया,,,,,
चल फिर सो जाते है,,,,मैं भी बहुत थक गई आज,,,तू तो कुछ देर सो गया लेकिन मेरी तो नींद आँखों से
कोसों दूर थी,,,,लेकिन अब लगता है आराम से सो सकूँगी,,,,,चल आजा मुझे नींद बहुत आई है,,,
ठीक है आंटी जी आप चलिए मैं अभी आता हूँ 5 मिनट मे लॅपटॉप बंद करके ,,,,,,,,
जब देखो ये लॅपटॉप से चिपका रहता है,,,क्या है इसमे ,,करण भी सारा दिन इसी मे खोया रहता है
ना खाने का टाइम ऑर ना पीने का होश रहता है,,,,
इसमे बहुत कुछ है आंटी जी,,,,,अभी आपको नही पता,,जिस दिन पता चल गया अपने भी पूरा दिन इसी मे गुम
रहना है,,,,,
अच्छा ऐसा क्या है इसमे,,,मुझे भी तो पता चले,,,,,
बहुत कुछ है आंटी जी,,,,गेम्स है,,मूवीस है,,,,ऑर भी बहुत कुछ है इसमे,,,
मूवीस??? कॉन्सी मूवीस,,,,
सभी तरह की मूवीस है आंटी जी,,,,जैसी भी आप देखना चाहो,,,,,आपको कॉन्सी देखनी है,,,,,
जो तुम देखते हो ,,,,,वहीं मुझे भी दिखा दो,,,,,
मैं समझ गया कि आंटी क्या बोल रही है,,,लेकिन अभी उसके लिए टाइम नही आया है,,,,,
मैं तो ज़्यादा हिन्दी मूवीस देखता हूँ,,,,वो भी आमिर ख़ान की,,,,,आपको देखी है तो बोलो अभी लगा देता
हूँ,,,,,,,
नही बेटा मुझे आजकल की मूवीस अच्छी नही लगती,,,,मुझे तो पुरानी ऑर क्लॅसिक मूवीस अच्छी लगती है,,,
मुझे पता था आंटी जी,,माँ भी अक्सर पुरानी मूवीस ही देखती है,,कभी कभी तो मेरा डमएआग खा
जाती है ,,ये मोविए लगा दे तो कभी वो मोविए लगा दे,,,जो दिल करता है वो मोविए बता देती है ,,,,,,,,
अच्छा इसमे जो मोविए देखनी हो वो लग जाती है क्या,,,,,
जी आंटी जी,,,,,,, जो भी आपको देखनी हो वो सब मूवीस यहाँ आ जाती है,,,,,
तो बेटा देख ज़रा इसमे ------------------ वो वाली मूवी है,,,,,
जी आंटी जी अभी देखता हूँ,,,,,,,,,,,,मैने साइट ओपन की ओर मूवी प्ले करदी,,,,,
अरे वाह बेटा,,इतनी जल्दी लग भी गई,,आंटी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए लॅपटॉप पर मूवी देखने
लगी,,,,,लेकिन जल्दी ही बोली,,,,,,बंद करदो इसको बेटा,,,,मेरे से नही देखी जाती लॅपटॉप पर मूवी
यहाँ नही देखी जाती तो कोई बात नही आंटी जी मैं ये मूवी एलसीडी पर प्ले कर देता हूँ वो भी आपके रूम
मे,,
क्या ये मूवी मेरे रूम के टीवी पर चल जाएगी,,,,,,,,,
जी आंटी जी आज कल कुछ भी हो सकता है,,,आप बस हुकम कीजिए ऑर मैं आपके लिए कुछ भी कर सकता हूँ,
कुछ भी कर सकता है मेरे लिए,,,,,सच मे,,,,,इतना बोलते टाइम आंटी का हाथ हल्की शरारत करने लगा
था मेरे बालों मे,,,,,
जी आंटी जी कुछ भी कर सकता हूँ आप बस हुकम करो,,,,,,
तो जल्दी से चल ये मूवी प्ले कर मेरे रूम के टीवी पर ,पहले मूवी देखते है फिर सो जाएँगे,,,,
ठीक है आंटी जी,,,,,,,,,,,,,,,,
था बस,,देखना था कि अब रात को क्या होता है,,,,
लंच टाइम से लेके डिन्नर टाइम तक मैं सोता रहा,,क्यूकी एक आग लगा दी थी मैने अलका आंटी की चूत मे
मूठ मारते टाइम उनका नाम लेके,,,,उन्होने कभी ऐसा नही सोचा होगा कि मैं उनके नाम की मूठ मार
सकता हूँ,,,वो खुश तो बहुत होंगी लेकिन उस से कहीं ज़्यादा वो बेचैन होंगी,,,,,उनकी खुशी का या
उनकी बेचैनी का रात को ही पता लगना था इसलिए मैं डिन्नर टाइम तक सोता रहा,,,,एक वजह ऑर थी मैं
थोड़ा डर भी गया था आंटी पता नही मेरे बारे मे क्या सोच रही होगी,,मैं उनकी नज़रो का सामना
कर भी पाउन्गा या नही ,,इसी बात से डरते डरते मैं सो गया ऑर रात होने का वेट करने लगा,,वैसे भी पता
नही रात को नींद आनी भी थी या नही,,,,,,इसलिए दिन मे ही नींद पूरी करली थी मैने,,,,मैं आज मूठ मारते
हुए अलका आंटी का नाम नही लेना चाहता था क्यूकी मैं जल्दबाज़ी नही करना चाहता था लेकिन 2-3 दिन मे
बुआ वापिस आ रही थी तो करण का बुटीक पर रहना मुश्किल हो जाता इसलिए टाइम की कमी होने की वजह
से माँ ने भी थोड़ी जल्दी करने को बोल दिया था मुझे,,,लेकिन इतनी जल्दी भी नही ,,वैसे मैं भी इतनी जल्दी
नही करना चाहता था क्यूकी मैं एक कदम रखने के बाद ही दूसरा पैर उठाना चाहता था ,,एक साथ दो
कदम उठाने वाला इंसान अक्सर मूह के बल गिरता है,,,,,
डिन्नर टाइम तक मन उठकर फ्रेश होके रूम से बाहर निकल आया,,,,,ऑर बाहर निकल कर तो मैं दंग ही
रह गया,,,,,आंटी किचन मे नाइटी पहन कर खाना बना रही थी,,,,,मैं उनके पास नही गया ,,दिल तो
कर रहा था जाके उनके बूब्स देखने के लिए लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था,,,,पता नही क्या होगा अब
मैं बाहर सोफे पर बैठ गया ऑर टीवी देखने लगा ,,जैसे ही टीवी ऑन किया तो टीवी की आवाज़ सुनके आंटी किचन से
बाहर आ गई,,,,,
उठा गया सन्नी बेटा,,,,आंटी की आवाज़ सुनके मेरा ध्यान टीवी से हटकर किचन की तरफ गया जहाँ आंटी
किचन के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी,,,मैने आंटी की तरफ देखा तो आज आंटी की आँखों मे कुछ
ज़्यादा ही मस्ती भरी हुई थी,,,,वो बड़ी नज़ाकत से शरमा कर मुझे देख रही थी,,,
जी आंटी जी,,,,बहुत थक गया था इसलिए इतनी देर तक सोता रहा,,,,
थकना तो था ही तूने बेटा,,इतनी मेहनत जो करता है,,,,आंटी एक शरारती अंदाज मे बोली थी,,,,
क्या करूँ आंटी जी उमर ही ऐसी है ,,,इस उमर मे मेहनत नही करूँगा तो कब करूँगा,,,,,
ये भी ठीक है लेकिन बेटा इतनी ज़्यादा मेहनत भी मत किया कर,,,देख ज़रा कितना थक गया था तू ऑर कितनी
देर अक सोता रहा,,,,थोड़ी कम मेहनत किया कर,,,,अभी बहुत उमर बाकी है तेरी,,जितनी मर्ज़ी मेहनत करते
रहना,,,,इतना बोलकर आंटी शरमाने लगी,,,, अच्छा अब टीवी ऑफ कर ऑर आजा डाइनिंग टेबल पर खाना लगा देती हूँ
जी आंटी जी,मैं सोफे से उठा टीवी ऑफ करके डाइनिंग टेबल पर चला गया,,,,कुछ देर बाद आंटी भी खाना
लेके डाइनिंग टेबल पर आ गई ऑर मेरे सामने बैठ कर खाना परोसने लगी,,,,
आज भी आंटी ने मेरी प्लेट मे थोड़ा सा ही खाना परोसा था,,मैं समझ गया कि बार बार मुझे खाना
परोसते टाइम आंटी मुझे अपने बूब्स दिखना चाहती थी,,,,ऑर वही हुआ जब मेरी प्लेट मे डाल ख़तम
हुई तो आंटी ने आगे बढ़ कर टेबल पर झुक कर मेरी प्लेट मे डाल परोसते टाइम मुझे अपने बूब्स के
दर्शन करवाने शुरू कर दिया,,,,,ऑर आज तो मैं सच मे दर्शन करता हुआ दंग रह गया क्यूकी आंटी
ने आज नाइटी बहुत पतले कपड़े की पहनी हुई थी ऑर आज तो आंटी ने ब्रा भी नही पहनी हुई थी,,जिस वजह
से झुकते टाइम उनके पूरे बूब्स नंगे हो रहे थे,,,नाइटी होने के बावजूद आंटी मुझे नंगी लग
रही थी उनका सारा बदन मुझे सॉफ सॉफ नज़र आ रहा था,,,आज आंटी के मुस्कुराने का अंदाज भी
पहले से कहीं ज़्यादा शरारती हो गया था,,,जितना टाइम डिन्नर चलता रहा उतना टाइम शरारती मुस्कान के
साथ आंटी मुझे अपने बूब्स दिखाती रही ओर मैं भी आज बिना किसी डर के आंटी के बूब्स देखता रहा
डिन्नर ख़तम होने के बाद आंटी अपने रूम किचन मे काम करने लगी जबकि मैं करण के रूम
मे जाके लॅपटॉप पर मस्ती करने लगा,,,करीब 30-40 मिनट बाद आंटी मेरे रूम मे आई,,,
क्या बात है बेटा आज सोना नही क्या,,,,,मैं आंटी की तरफ देखा तो आंटी दरवाजे से चलती हुई मेरे
बेड के पास आ गई ऑर आके मेरे पास बैठ गई,,
मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर लॅपटॉप मेरे पेट पर पड़ा हुआ था,,,
जी सोना है आंटी जी लेकिन अभी टाइम कहाँ हुआ सोने का अभी तो बहुत टाइम है,,,,
मैने सोचा तू बहुत थक गया था शायद ऑर नींद आई होगी तुझे,,,,काम जो इतनी मेहनत वाले करने
लगा है तू आजकल,,,,इतना बोलकर आंटी ने मेरे सर पर हाथ रख दिया ऑर प्यार से हाथ को मेरे बालों मे
सहलाने लगी,,,,,
जी आंटी जी थक तो बहुत गया था आज,,,,इतनी मेहनत अक्सर नही करता ना,,आज काफ़ी दिन बाद इतनी मेहनत की
है जो ज़्यादा थक गया,,,,,
चल फिर सो जाते है,,,,मैं भी बहुत थक गई आज,,,तू तो कुछ देर सो गया लेकिन मेरी तो नींद आँखों से
कोसों दूर थी,,,,लेकिन अब लगता है आराम से सो सकूँगी,,,,,चल आजा मुझे नींद बहुत आई है,,,
ठीक है आंटी जी आप चलिए मैं अभी आता हूँ 5 मिनट मे लॅपटॉप बंद करके ,,,,,,,,
जब देखो ये लॅपटॉप से चिपका रहता है,,,क्या है इसमे ,,करण भी सारा दिन इसी मे खोया रहता है
ना खाने का टाइम ऑर ना पीने का होश रहता है,,,,
इसमे बहुत कुछ है आंटी जी,,,,,अभी आपको नही पता,,जिस दिन पता चल गया अपने भी पूरा दिन इसी मे गुम
रहना है,,,,,
अच्छा ऐसा क्या है इसमे,,,मुझे भी तो पता चले,,,,,
बहुत कुछ है आंटी जी,,,,गेम्स है,,मूवीस है,,,,ऑर भी बहुत कुछ है इसमे,,,
मूवीस??? कॉन्सी मूवीस,,,,
सभी तरह की मूवीस है आंटी जी,,,,जैसी भी आप देखना चाहो,,,,,आपको कॉन्सी देखनी है,,,,,
जो तुम देखते हो ,,,,,वहीं मुझे भी दिखा दो,,,,,
मैं समझ गया कि आंटी क्या बोल रही है,,,लेकिन अभी उसके लिए टाइम नही आया है,,,,,
मैं तो ज़्यादा हिन्दी मूवीस देखता हूँ,,,,वो भी आमिर ख़ान की,,,,,आपको देखी है तो बोलो अभी लगा देता
हूँ,,,,,,,
नही बेटा मुझे आजकल की मूवीस अच्छी नही लगती,,,,मुझे तो पुरानी ऑर क्लॅसिक मूवीस अच्छी लगती है,,,
मुझे पता था आंटी जी,,माँ भी अक्सर पुरानी मूवीस ही देखती है,,कभी कभी तो मेरा डमएआग खा
जाती है ,,ये मोविए लगा दे तो कभी वो मोविए लगा दे,,,जो दिल करता है वो मोविए बता देती है ,,,,,,,,
अच्छा इसमे जो मोविए देखनी हो वो लग जाती है क्या,,,,,
जी आंटी जी,,,,,,, जो भी आपको देखनी हो वो सब मूवीस यहाँ आ जाती है,,,,,
तो बेटा देख ज़रा इसमे ------------------ वो वाली मूवी है,,,,,
जी आंटी जी अभी देखता हूँ,,,,,,,,,,,,मैने साइट ओपन की ओर मूवी प्ले करदी,,,,,
अरे वाह बेटा,,इतनी जल्दी लग भी गई,,आंटी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए लॅपटॉप पर मूवी देखने
लगी,,,,,लेकिन जल्दी ही बोली,,,,,,बंद करदो इसको बेटा,,,,मेरे से नही देखी जाती लॅपटॉप पर मूवी
यहाँ नही देखी जाती तो कोई बात नही आंटी जी मैं ये मूवी एलसीडी पर प्ले कर देता हूँ वो भी आपके रूम
मे,,
क्या ये मूवी मेरे रूम के टीवी पर चल जाएगी,,,,,,,,,
जी आंटी जी आज कल कुछ भी हो सकता है,,,आप बस हुकम कीजिए ऑर मैं आपके लिए कुछ भी कर सकता हूँ,
कुछ भी कर सकता है मेरे लिए,,,,,सच मे,,,,,इतना बोलते टाइम आंटी का हाथ हल्की शरारत करने लगा
था मेरे बालों मे,,,,,
जी आंटी जी कुछ भी कर सकता हूँ आप बस हुकम करो,,,,,,
तो जल्दी से चल ये मूवी प्ले कर मेरे रूम के टीवी पर ,पहले मूवी देखते है फिर सो जाएँगे,,,,
ठीक है आंटी जी,,,,,,,,,,,,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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- Rohit Kapoor
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
Very nyc update bro
Read my all stories
(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
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