अपडेट 55
विद्या- अले मेला बाबू गुस्सा हो गया
अच्छा सुनना हम तुझसे मज़ाक भी नही कर सकते
दिलीप- आप ने मज़ाक नही किया
आप ने कहा कि कोई मुझसे बात नही करेगा
अरुणा- दीदी इसका मतलब हमे दिलीप को गिफ्ट देना चाहिए
[सब बहने खुसुर फुसुर करने लगी
मुझे कुछ ठीक नही लगा
मैं जैसे ही उठने वाला था कि अवन्तिका दी और अरुणा दी ने मेरे दोनो हाथ पकड़ लिए
दिलीप- दी छोड़िए मुझे
[तभी सुनतदि और अरुणा दी ने मेरा पैर पकड़ लिया]
विद्या दी मेरे पास आई और मुझे गुदगुदी करने लगी]
विद्या- हम से कभी नाराज़ होगा
दिलीप- नही कभी नही
अरुणा- हमारी हर बात मानेगा
दिलीप- हाँ
अब और नही पेट दर्द कर रहा है
[सब बहनो ने मुझे छोड़ दिया]
[मैं ज़ोर से हाँफने लगा]
[आज एक बड़ी सीख मिली कभी बड़ी बहनों से नाराज़ नही होना चाहिए]
दिलीप- चलिए बगीचे में चलते हैं
विद्या- पहले पापा से पूछ ले
दिलीप- मैं बड़ी नानी से पूछ लेता हूँ
[मैं किचन में बड़ी नानी के पास गया]
बड़ी नानी हम बगीचे में जा रहे हैं
आप मामा जी से बात कर लेना
बड़ी नानी- ठीक है दोपहर के खाने से पहले आ जाना
दिलीप- मेरी प्यारी बड़ी नानी
[मैं फिर हॉल में गया]
आप सब चलिए मैं आता हूँ
विद्या- ठीक है
[मैं अपने रूम में आया बाथरूम गया]
मैं बाथरूम से निकला तो देखा अवन्तिका दी बेड पे बैठी थी]
क्या हुआ दी
अवन्तिका- कुछ नही
इधर बैठ तुझसे बात करनी है
[मैं बैठ गया]
दिलीप- जी कहिए
अवन्तिका- तूने जवाब नही दिया
दिलीप- मुझे कुछ समझ नही आरहा है
अवन्तिका- मुझसे पूछ
शायद मैं तेरी कुछ मदद कर सकूँ
दिलीप- मैं ही क्यूँ
अवन्तिका- क्यूंकी तू मेरा हीरो है
तू मुझे अच्छा लगता है
तू अगर मेरा बॉयफ्रेंड बनेगा तो मुझे कोई डर नही होगा
दिलीप- [मैं कुछ सोच रहा था कि तभी
अवन्तिका दी मुझे किस करने लगी
मुझे तो कुछ समझ ही नही आरहा था
10 मिनिट तक अवन्तिका दी मेरे होंठ चुस्ती रही]
[हम दोनो लंबी-2 साँसे लेने लगे]
अवन्तिका- अब बता तेरी बहेन अगर शादी से पहले ऐसा किसी और के साथ करे तो तुझे अच्छा लगेगा
[मैं अपनी गर्दन ना में हिला दिया]
इसका मतलब तू आज से मेरा बॉयफ्रेंड है
और मैं तेरी गर्लफ्रेंड
दिलीप- हाँ
[यह सुनके अवन्तिका दी खुशी से उछलने कूदने लगी]
दिलीप- चलिए सब इंतज़ार में होंगे
अवन्तिका- 1 मिनिट रुक
[अवन्तिका दी मेरे पास आई और मेरे सर पे हाथ चलाने लगी]
अब ठीक है चल
[फिर हम दोनो बगीचे की तरफ चल दिए
20मिनिट तक चलने के बाद हम बगीचे में पहुँचे
मैं देखा सब बहने आम तोड़ने के लिए पत्थर मार रही हैं
विद्या- कहाँ रह गये थे
इतनी देर कोई लगाता है
दिलीप- आप यह क्या कर रही हैं
अरुणा- आम तोड़ने की कोशिश
दिलीप- यहाँ के नौकर सब कहाँ हैं
विद्या- हमने सबको 3 घंटे की लिए छुट्टी दे दी
वँया- दीदी दिलीप पेड़ पे आसानी से चढ़ जाता है
अरुणा- खड़ा-2 देख क्या रहा है
दिलीप- [मैं पेड़ पे चढ़ गया]
विद्या- मीठे आम ही तोड़ना
दिलीप- मैं आम तोड़के नीचे गिराने लगा
विद्या- बस अब नीचे आजा
[मैं पेड़ से नीचे उतर गया]
दिलीप- मैं चटाई लेके आता हूँ
[मैं जल्दी से गया और चटाई और पानी लेके आया]
मैं चटाई बिच्छा दिया
हम चटाई पे बैठ गये और आम चूसने लगे
दिलीप- आपको पता है आज मैं पहली बार इस बगीचे का आम खा रहा हूँ
अरुणा- हम तो आज 10 साल बाद खा रहे हैं
दिलीप- मेरा ध्यान अवन्तिका दी की तरफ गया
अवन्तिका दी के होंठ पे आम रस लगा हुआ था
[बहुत परेशान किया है आपने]
दीदी वो देखिए
[सब बहने दूसरी तरफ देखने लगी
मैं जल्दी आगे बढ़ा और अवन्तिका दी के होंठ पे अपना होंठ रखके आमरस चुसलिया
अवन्तिका दी- दिलीप
विद्या- क्या हुआ
दिलीप- दी क्या हुआ आपको
अवन्तिका दी- चींटी ने काट लिया
[यह सुनके सब बहने उछलके खड़ी हो गयी]....
Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- mastram
- Expert Member
- Posts: 3664
- Joined: 01 Mar 2016 09:00
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
keep going
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
thanks
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- VKG
- Novice User
- Posts: 245
- Joined: 19 Jun 2017 21:39