हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........complete
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Re: हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........
mubarak ho dost
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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- Smoothdad
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Re: हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........
superb...
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Re: हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........
“आ…ईईईईईईईई……………….आ…आई..ईईईईईए……..” उसके मुख से चीख निकल जाती है | उसे तेज़ दर्द हुआ था | उधर राहुल को नरम मुलायम तंग चूत में अपने लंड की रगड़ से इतना मज़ा आया था कि वो पुरे मुम्मे को मुँह में भरने की कोशिश करता है | सलोनी फिर से उपर उठती है और फिर धम्म से लंड पर बैठ जाती है |
“उउउन्न्नह………….हे भगवान………………..आआआआहह मेरी चूत…………..उउउफफफफफफ्फ़” सलोनी को मोटे लंड की पीड़ा और मज़े का मिला जुला अनोखा आनंद महसूस हो रहा था | वो रुकती नही और लगातार लंड पर उठक बैठक करने लगती है | उसकी चीखो पुकार के साथ साथ उसकी रफ़्तार भी बढ़ती जाती है | जोश में राहुल अपनी माँ के मुम्मो को पुरे ज़ोर से निचोड़ने लगता है | सलोनी अपना मुँह नीचे करके उसके मुँह से अपना मुँह चिपका देती है और चुदाई और मुम्मो के मसलने के साथ साथ दोनो चूमने चाटने भी लगते हैं | सलोनी लगातार बिना रुके बेटे को चोदती जा रही थी |
जब दोनो के होंठ अलग होते हैं तो सलोनी अपनी कमर को जितना ज़ोर से हो सकता था अपने बेटे के लौड़े पर पटकती है | हर धक्के पर लौड़ा उसकी नाज़ुक चूत को रगड़ता, उसे किसी भाले की तरह छेदता हुआ सलोनी की बच्चेरदानी से टकरा रहा था | सलोनी बेटे के हाथ अपने मुम्मो से हटा अपनी कमर पर रख देती है | राहुल इशारा समझ जाता है और अपनी माँ की कमर को उठा उठा अपने लंड पर पटकाने लगता है | सलोनी के लंड पर अपना वजन डाल कर धम्म से बैठने के साथ साथ जब राहुल भी ज़ोर लगाता है तो हर धक्के के साथ धप……धप की उँची आवाज़ आने लगती है | लंड के प्रहार इतने ज़ोरदार थे कि सलोनी होशो हवास खोकर चीखने चिल्लाने लग जाती है |
“आईयईईई……………आाआईईईईईईईई……..उउन्न्ननन्ग्घह……………….बेटा ... आआअ……….उउउफफफफ्फ़….मेरी चूत…………हाए मेरी चूत……………….आ...आईयईईईईए…………..आआआअहह………….हायययययई…………….मेरे लाल…………लगा दे ज़ोर………………. और ज़ोर…….और ज़ोर से मार मेरी……………..हाययययईई…………..मार मार ऐसे ही …………….. आआईयईईईईए …………… हाययइईईईईईईई” एक लंबी सिसकी के साथ सलोनी अपने बेटे के उपर ढह जाती है और झड़ने लगती है | राहुल उसे अपनी बाहों में कस लेता है वरना वो पीछे को गिर जाती | राहुल पूरी ताक़त का इस्तेमाल कर अपनी मम्मी को गोद में थामे उठता है और सलोनी को डाइनिंग टेबल पर लिटा देता है जिसका बदन अभी झटके खा रहा था | राहुल अपनी मम्मी की टाँगे पकड़ उन्हे उसके मुम्मो पर दबाता है और फिर पुरे जोश से उसकी चूत में लंड पेलने लगता है |
“बेटा…….बेटा….बेटा……..ऊऊहह मेरे लालल्ल्ल्ल्ल……..” सलोनी के मुख से लगातार वही शब्द निकल रहे थे | राहुल होंठ भींचे खींच खींच कर अपना लौड़ा अपनी मम्मी की चूत में पेलता है | कुछ ही पलों बाद उसका लौड़ा भी अपनी माँ की चूत को अपने रस से भरने लगता है | राहुल एक लंबी हिचकी लेकर अपनी मम्मी के उपर ढह जाता है | सलोनी अब तक अपने सखलन से उबर चुकी थी | वो प्यार से बेटे की पीठ सहलाती है जब वो एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियाँ मारता उसकी चूत को भर रहा था |
“मुम्ममी……..मम्मय्यययी………..मम्मय्ययमी” अब उस मंतर का जाप राहुल कर रहा था |
“मेरा बच्चा …मेरा लाल………मेरा बेटा…….”सलोनी बेटे को ममता से सहला रही थी | उसके चेहरे को हाथों में थामे चूम रही थी | आख़िरकार राहुल का सखलन भी बंद हो जाता है | सलोनी कुछ पलों तक उसे चूमती रहती है | फिर उसे धीरे से अपने उपर से उठाती है | राहुल सलोनी के उपर से उठकर थोड़ा पीछे खड़ा हो जाता है | उसका लंड अपनी मम्मी की चूत से निकलता है तो पूरा चूत रस से और उसके खुद के वीर्य से भीगा हुआ होता है | सलोनी टेबल से उठती है और फर्श पर खड़ी हो जाती है | उसकी नज़र सामने राहुल के नरम पढ़ते जा रहे लंड पर जाती है तो वो तुरंत अपने घुटने फर्श पर टिका नीचे बैठ जाती है और उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ उसे उपर उठाती है और अगले ही पल उसे अपने मुँह में भर लेती है |
“मम्ममी………..मम्मय्ययी……………” राहुल फिर से सिसक पड़ता है | लंड के थोड़ा सिकुड जाने के कारण सलोनी के लिए उसे मुँह में भरना आसान हो गया था | वो उसे चूस्ते हुए चाटती जा रही थी | उसकी जिव्हा उसकी जड़ से सिरे तक फैले रस को अपने ऊपर समेट सलोनी के गले तक पहुँचा रही थी | लंड को सॉफ करने के पशचात सलोनी राहुल के अंडकोषों को मुँह में भर लेती है और फिर उसकी जाँघो का नंबर आता है | कुछ ही पलों में वो पूरा चूत रस और वीर्य चाट कर साफ कर देती है | एक बार जब लंड पूरा साफ हो जाता है तो सलोनी लंड को घूरती है और फिर दोबारा सुपाड़े को मुँह में भर लेती है | उसकी जिव्हा कभी सुपाड़े के छेद के साथ खेलती है, सुपाड़े को सहलाती है, रगडती है | सलोनी का कमाल था कि कुछ ही पलों में लंड सख्त होने लगता है | सुपाड़ा फूल कर उसका मुँह भरने लगता है | आख़िर जब लंड लगभग चुदाई के लिए तैयार हो चूका होता है तो सलोनी उसे अपने मुँह से निकाल देती है और सीधी खड़ी हो जाती है | राहुल उसके मुम्मो को पकड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ाता है तो वो उसका हाथ झटक देती है |
“बस अब चाय का ग्लास भरो और उपर जाकर अपनी पढ़ाई शुरू करो .... कम से कम पाँच घंटे पढ़ना है तुम्हे” सलोनी फर्श पर पड़ी अपनी नाइटी उठाती है और पहनने लगती है |
“मम्म्ममी” राहुल अपने खड़े लंड की और देखता है |
“मम्मी... मम्मी... कुछ नही.... ऊपर जाओ और पढ़ाई करो” सलोनी राहुल को उसके कपड़े पकडाती बोलती है |
“मम्मी….मम्मी…” राहुल बच्चे के स्वर में मिन्नत के अंदाज़ में बोलता है |
“मैने कहा ना जाकर पढ़ाई करो…..कम से कम पुरे पाँच घंटे……..जितना तुम माँग सकते थे उससे कहीं अधिक मिला है तुम्हे... इसलिए अब नखरे छोड़ो और ऊपर जाकर पढ़ाई करो…..और हाँ कल की तरह इंटरनेट पर सेक्स का ज्ञान ना हासिल करने लग जाना .... मैं बीच बीच में देखने आती रहूंगी... तुम क्या पढ़ रहे हो………..तुम्हे कहा था ना अगर मेरा कहना मानोगे तो सब कुछ मिलेगा………….आगे से भी दूँगी………और पीछे से भी दूँगी………….लेकिन अगर कहना मानोगे तो……………” सलोनी बेटे को चाय का कप भरकर देते बोलती है | राहुल के पास अब कोई चारा नही था अगर उसे अपनी माँ चोदनी थी तो उसका हुक्म मानना ही था | वो आगे होकर चाय का कप पकड़ लेता है और दूसरे हाथ में अपने कपड़े थामे रसोई के दरवाजे की और कदम बढ़ाता है |
“हाए कितनी सुंदर गांड है…… सेक्सी…….सेक्सी…………..” सलोनी राहुल के पीछे सीटी मारकर बोलती है | राहुल तेज़ कदमो से बाहर निकल जाता है | सलोनी की हँसी छूट जाती है |
“उउउन्न्नह………….हे भगवान………………..आआआआहह मेरी चूत…………..उउउफफफफफफ्फ़” सलोनी को मोटे लंड की पीड़ा और मज़े का मिला जुला अनोखा आनंद महसूस हो रहा था | वो रुकती नही और लगातार लंड पर उठक बैठक करने लगती है | उसकी चीखो पुकार के साथ साथ उसकी रफ़्तार भी बढ़ती जाती है | जोश में राहुल अपनी माँ के मुम्मो को पुरे ज़ोर से निचोड़ने लगता है | सलोनी अपना मुँह नीचे करके उसके मुँह से अपना मुँह चिपका देती है और चुदाई और मुम्मो के मसलने के साथ साथ दोनो चूमने चाटने भी लगते हैं | सलोनी लगातार बिना रुके बेटे को चोदती जा रही थी |
जब दोनो के होंठ अलग होते हैं तो सलोनी अपनी कमर को जितना ज़ोर से हो सकता था अपने बेटे के लौड़े पर पटकती है | हर धक्के पर लौड़ा उसकी नाज़ुक चूत को रगड़ता, उसे किसी भाले की तरह छेदता हुआ सलोनी की बच्चेरदानी से टकरा रहा था | सलोनी बेटे के हाथ अपने मुम्मो से हटा अपनी कमर पर रख देती है | राहुल इशारा समझ जाता है और अपनी माँ की कमर को उठा उठा अपने लंड पर पटकाने लगता है | सलोनी के लंड पर अपना वजन डाल कर धम्म से बैठने के साथ साथ जब राहुल भी ज़ोर लगाता है तो हर धक्के के साथ धप……धप की उँची आवाज़ आने लगती है | लंड के प्रहार इतने ज़ोरदार थे कि सलोनी होशो हवास खोकर चीखने चिल्लाने लग जाती है |
“आईयईईई……………आाआईईईईईईईई……..उउन्न्ननन्ग्घह……………….बेटा ... आआअ……….उउउफफफफ्फ़….मेरी चूत…………हाए मेरी चूत……………….आ...आईयईईईईए…………..आआआअहह………….हायययययई…………….मेरे लाल…………लगा दे ज़ोर………………. और ज़ोर…….और ज़ोर से मार मेरी……………..हाययययईई…………..मार मार ऐसे ही …………….. आआईयईईईईए …………… हाययइईईईईईईई” एक लंबी सिसकी के साथ सलोनी अपने बेटे के उपर ढह जाती है और झड़ने लगती है | राहुल उसे अपनी बाहों में कस लेता है वरना वो पीछे को गिर जाती | राहुल पूरी ताक़त का इस्तेमाल कर अपनी मम्मी को गोद में थामे उठता है और सलोनी को डाइनिंग टेबल पर लिटा देता है जिसका बदन अभी झटके खा रहा था | राहुल अपनी मम्मी की टाँगे पकड़ उन्हे उसके मुम्मो पर दबाता है और फिर पुरे जोश से उसकी चूत में लंड पेलने लगता है |
“बेटा…….बेटा….बेटा……..ऊऊहह मेरे लालल्ल्ल्ल्ल……..” सलोनी के मुख से लगातार वही शब्द निकल रहे थे | राहुल होंठ भींचे खींच खींच कर अपना लौड़ा अपनी मम्मी की चूत में पेलता है | कुछ ही पलों बाद उसका लौड़ा भी अपनी माँ की चूत को अपने रस से भरने लगता है | राहुल एक लंबी हिचकी लेकर अपनी मम्मी के उपर ढह जाता है | सलोनी अब तक अपने सखलन से उबर चुकी थी | वो प्यार से बेटे की पीठ सहलाती है जब वो एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियाँ मारता उसकी चूत को भर रहा था |
“मुम्ममी……..मम्मय्यययी………..मम्मय्ययमी” अब उस मंतर का जाप राहुल कर रहा था |
“मेरा बच्चा …मेरा लाल………मेरा बेटा…….”सलोनी बेटे को ममता से सहला रही थी | उसके चेहरे को हाथों में थामे चूम रही थी | आख़िरकार राहुल का सखलन भी बंद हो जाता है | सलोनी कुछ पलों तक उसे चूमती रहती है | फिर उसे धीरे से अपने उपर से उठाती है | राहुल सलोनी के उपर से उठकर थोड़ा पीछे खड़ा हो जाता है | उसका लंड अपनी मम्मी की चूत से निकलता है तो पूरा चूत रस से और उसके खुद के वीर्य से भीगा हुआ होता है | सलोनी टेबल से उठती है और फर्श पर खड़ी हो जाती है | उसकी नज़र सामने राहुल के नरम पढ़ते जा रहे लंड पर जाती है तो वो तुरंत अपने घुटने फर्श पर टिका नीचे बैठ जाती है और उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ उसे उपर उठाती है और अगले ही पल उसे अपने मुँह में भर लेती है |
“मम्ममी………..मम्मय्ययी……………” राहुल फिर से सिसक पड़ता है | लंड के थोड़ा सिकुड जाने के कारण सलोनी के लिए उसे मुँह में भरना आसान हो गया था | वो उसे चूस्ते हुए चाटती जा रही थी | उसकी जिव्हा उसकी जड़ से सिरे तक फैले रस को अपने ऊपर समेट सलोनी के गले तक पहुँचा रही थी | लंड को सॉफ करने के पशचात सलोनी राहुल के अंडकोषों को मुँह में भर लेती है और फिर उसकी जाँघो का नंबर आता है | कुछ ही पलों में वो पूरा चूत रस और वीर्य चाट कर साफ कर देती है | एक बार जब लंड पूरा साफ हो जाता है तो सलोनी लंड को घूरती है और फिर दोबारा सुपाड़े को मुँह में भर लेती है | उसकी जिव्हा कभी सुपाड़े के छेद के साथ खेलती है, सुपाड़े को सहलाती है, रगडती है | सलोनी का कमाल था कि कुछ ही पलों में लंड सख्त होने लगता है | सुपाड़ा फूल कर उसका मुँह भरने लगता है | आख़िर जब लंड लगभग चुदाई के लिए तैयार हो चूका होता है तो सलोनी उसे अपने मुँह से निकाल देती है और सीधी खड़ी हो जाती है | राहुल उसके मुम्मो को पकड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ाता है तो वो उसका हाथ झटक देती है |
“बस अब चाय का ग्लास भरो और उपर जाकर अपनी पढ़ाई शुरू करो .... कम से कम पाँच घंटे पढ़ना है तुम्हे” सलोनी फर्श पर पड़ी अपनी नाइटी उठाती है और पहनने लगती है |
“मम्म्ममी” राहुल अपने खड़े लंड की और देखता है |
“मम्मी... मम्मी... कुछ नही.... ऊपर जाओ और पढ़ाई करो” सलोनी राहुल को उसके कपड़े पकडाती बोलती है |
“मम्मी….मम्मी…” राहुल बच्चे के स्वर में मिन्नत के अंदाज़ में बोलता है |
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- jay
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- Kamini
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Re: हाए मम्मी मेरी लुल्ली..........
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