वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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jay wrote: 26 Oct 2017 12:37 superb story Raj bhai
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

“हां ज़ाहिद अब अपनी रज़िया के असली शोहर तो तुम ही हो, जिस का बच्चा मेरे पेट में है, मेरी चूत के असली मालिक, भर दो मेरी कोख को अपने बीज से, हाईईईईईई अगर हमारा होने वाला बच्चा, बेटा हुआ तो वो तुम्हारा भाई भी होगा और बेटा भी, और अगर बेटी हुई तो वो तुम्हारी बेटी भी होगी और बहन भी”ज्यों ही ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को चोदते हुए अपने झटको की रफ़्तार तेज की. तो रज़िया के मुँह से सिसकियाँ फूट पड़ी .

ज़ाहिद के धक्कों की स्पीड इतनी तेज थी. कि बिस्तर पर कमर के बल लेटी रज़िया बीबी के भारी मम्मे रज़िया बीबी की छाती पर उछल उछल कर उथल फटल होने लगे थे.

कुछ देर अपनी अम्मी की गरम फुद्दि का मज़ा लेने के बाद ज़ाहिद ने एक बार फिर अपने लंड का लैस दार वीर्य अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि में उडेल दिया.

ज्यों ही ज़ाहिद का गरम,लैस दार पानी रज़िया बीबी की फुद्दि के अंदर आया. तो अपने बेटे के थिक जूस को अपनी चूत में स्वागत करते हुए रज़िया बीबी ने अपनी बच्चे दानी का मुँह खोल दिया.

जिस वजह से ज़ाहिद के लंड का पानी, लंड से निकल निकल कर रज़िया बीबी की फुद्दि में तेज़ी से जज़ब होने लगा.

दोनो माँ बेटे को सफ़र की थकावट तो पहले ही थी. उपर से गरम और तेज चुदाई ने रही सही कसर निकाल दी थी.

इसीलिए ज्यों ही ज़ाहिद अपने लंड का पानी अपनी अम्मी की फुद्दि में छोड़ कर बिस्तर पर ढेर हुआ.तो दोनो माँ बेटा एक दूसरे के होंठो को चूमते चूमते थोड़ी देर बाद ही नीद में चले गये.

दूसरे दिन जब रज़िया बीबी की आँख खुली. तो रात भर की खुशी भरी चुदाई की वजह से रज़िया बीबी अपने भारी वजूद को अब बहुत हल्का फूलका महसूस कर रही थी.

कल शाम से “दुबारा” माँ बनने की खबर सुन कर रज़िया बीबी के अंग अंग में एक अजीब सी मस्ती छाई हुई थी. जिस का खुमार उस के सारे वजूद पर अभी तक बाकी था.

रज़िया बीबी ने पास सोए अपने होने वाले नये बच्चे के बाप ज़ाहिद की तरफ देखा.

तो उस की नज़र अपने जवान बेटे के उस मोटे लंड पर पड़ी. जिस लंड के पानी से बनने वाला बच्चा अब रज़िया बीबी की बच्चे दानी में पलने लगा था.

“हाईईईईईईईईईई ज़ाहिद तो ज़ाहिद, लगता है ज़ाहिद का लंड भी अपने बाप बनने की खुशी में मुस्करा रहा है” अपने साथ सोए हुए ज़ाहिद के चेहरे पर फेली मुस्कुराहट को देखते हुए ज्यों ही रज़िया बीबी की नज़र अपने बेटे मोटे लंड पर पड़ी. तो अपने शोहर बेटे के लंड का जायज़ा लेते हुए रज़िया बीबी के जेहन में ये ख्याल दौड़ गया.

रज़िया बीबी अपनी इस सोच पर खुद भी मुस्कुराने लगी. और फिर नहाने के इरादे से बिस्तर पर से उठ कर नंगी हालत में ही होटेल के बाथ रूम में चली गई.

बाथरूम में जाते साथ ही ज्यों ही रज़िया बीबी ने शवर खोला. तो पानी के शोर से ज़ाहिद की आँख भी खुल गई.

ज़ाहिद ने अपनी घड़ी पर टाइम देखा तो सुबह के 8 बजने वाले थे.

“लगता है अम्मी ने नहाना शुरू कर दिया है,चलो में भी उन के साथ ही शोवर ले लेता हूँ” बाथरूम से आती पानी की आवाज़ को सुन कर ज़ाहिद ने सोचा. और वो अपने ढीले लंड को हाथ से मसलता बाथरूम की तरफ चल पड़ा.

“तुम ने बचपन में मुझे बहुत दफ़ा नहलाया है, आज एक बार जवानी में भी नहला दो मुझे , मेरी जान” बाथरूम में जाते ही ज़ाहिद भी शवर के नीचे खड़ा हुआ. और अपनी अम्मी के भीगे मम्मो को अपने हाथ में ले कर मसलते हुए बोला.

“हाईईईईईई बचपन में तो मेने तुम्हें एक माँ की हैसियत से नहलाया था,आज में तुम्हें तुम्हारी बीवी की हैसियत से शवर दूँगी मेरे सरताज” रज़िया बीबी बिल्कुल नंगी हालत में ज़ाहिद की बाहों में मचलते हुए बोली.

दोनो माँ बेटा ने शवर के बरसते पानी के नीचे खड़े हो कर एक दूसरे के नंगे जिस्मो को साबुन लगाना शुरू कर दिया था.

साबुन लगाने के दोरान ज़ाहिद के हाथ कभी रज़िया बीबी भारी गान्ड पर और कभी अपनी अम्मी के मोटे मम्मो को मसल रहे थे.

जब कि दूसरी तरफ रज़िया बीबी के हाथ भी कभी ज़ाहिद की गान्ड की दीवारों, कभी उस के आंडो और कभी ज़ाहिद के मोटे लंड को साबुन लगाने में मसगूल थे.

बाथरूम के शावर तले एक दूसरे के पानी से भीगे बदन से खेलने के दोरान प्रेमियों का ये जोड़ा एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले एक दूसरे के भीगे होंठो को चूस भी रहा था.

शावर से निकल कर ज़ाहिद और रज़िया बीबी कमरे में वापिस आई.और दोनो ने बारी बारी एक दूसरे के गीले जिस्म को तोलिये से अच्छी तरह सॉफ किया.

ज्यों ही रज़िया बीबी का टवल वाला हाथ ज़ाहिद के मोटे खड़े लंड पर आया. तो ज़ाहिद ने मचलते हुए कहा. “ओह रज़ियाअ, थोड़ी देर मेरा लंड चूसो उस के बाद में तुम्हारी फुद्दि मारूँगा मेरी जान,हाईईईईईईईईईई में अब तुम्हारी चूत को चोदे बिना नहीं रह सकता”

“ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड बेटा, में तुम्हारी हर बात मानूगी, लेकिन अब कुछ महीने मुझे मज़ीद चोदने की ज़िद ना करो, क्यों कि अगर हमारे बच्चे को कुछ हो गया तो में ज़िंदा नही रह सकूँ गी मेरे राजा” रज़िया बीबी अपने नंगे हमला पेट पर हाथ फेरते हुए ज़ाहिद के सामने घुटनों के बल फर्श पर बैठी. और ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने गरम मुँह में भरते हुए उस ने अपने शोहर से इलतजा की.
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की बात मान ली और रज़िया बीबी के मुँह में अपना लंबा लंड डाल कर उसे ऐसे चोदने लगा . जैसे वो रज़िया बीबी का मुँह नही बल्कि उस की तंग मोटी फुद्दि हो.

कुछ देर अपनी अम्मी से सुबह सुबह अपने लंड की चुसाइ लगवाने के बाद ज़ाहिद और रज़िया बीबी ने कमरे में ही एक साथ नाश्ता किया. और फिर अपनी इतफ़किया हनीमून मना कर निया शादी शुदा जोड़ा वापिस पिंडी चला आया.

रावलपिंडी पहुँच कर जैसे ही रज़िया बीबी अपने घर में दाखिल हुई. तो उस के दिल की धड़कन एक दम तेज हो गई.

रज़िया बीबी के दिल की ये हालत इसीलिए हुई थी. कि कल जब वो अपनी बेटी से मिल कर मुर्री के लिए रुखसत हुई थी.

तो उस वक्त तक रज़िया बीबी को इस बात की कतई कोई खबर नही थी. कि वो अपने ही सगे बेटे ज़ाहिद के नुतफे ( स्प्रेम ) को अपनी कोख में लिए फिर रही है.

मगर कल लेडी डॉक्टर से ये बात कॉनफर्म होने के बाद अब रज़िया बीबी ना सिर्फ़ ज़ाहिद की दूसरी बीवी की हैसियत में वापिस अपने घर में दाखिल हो रही थी.

बल्कि साथ ही साथ अपनी सोतन बेटी शाज़िया की तरह रज़िया बीबी भी अब ज़ाहिद के होने वाले बच्चे की माँ की हैसियत में आज अपने घर में वापिस आ रही थी.

इस उमर में अपने ही सगे बेटे के बच्चे की माँ बनने के अहसास ने रज़िया बीबी की तबीयत में खुशी की वो लहर दौड़ा दी थी.

जिस का इज़हार रज़िया बीबी की चल ढाल और उस के चेहरे पर पहली खुशी से बहुत वाइज़ा हो रहा था.

इसीलिए जैसे ही ज़ाहिद और रज़िया बीबी अपनी कार से उतर कर घर में दाखिल हुए.



तो रज़िया बीबी के चेहरे से छलकती हुई ये खुशी टीवी लाउन्ज के सोफे पर बैठी शाज़िया की आँखों से ओझल ना रह सकी.

“आज मेरी सोतन को बड़ी खुशियाँ चढ़ि हुई हैं,सब ख़ैरियत तो है ना छोटी बेगम” शाज़िया ने ने अपनी सोतन अम्मी और शोहर भाई का बहुत खुश दिली से इस्तिक्बाल करते हुए पूछा.

“हाईईईईईईईईईईई तुम्हारी तरह में भी ज़ाहिद के साथ अपना हनीमून मुर्री में मना कर आ रही हूँ,तो खुशी तो हो गी ना,बड़ी बेगम साहिबा” रज़िया बीबी ने शाज़िया की गरम जोशी का उसी अंदाज़ में जवाब देते हुए कहा. और इस के साथ ही ज़ाहिद और रज़िया बीबी शाज़िया के सामने वाले सोफे पर बैठ गये.

“उफफफफफफफ्फ़ हम दोनो माँ बेटी की केसी किस्मत है अम्मी,कि ना सिर्फ़ हमें अपने ही घर में अपना सुहाग मिला है, बल्कि हम दोनो माँ बेटी ने अपना हनीमून भी एक ही सिटी में मनाया हाईईईईईईईईईईई,मगर आप के चेहरे और चाल को देख कर मुझे लगता है कि कुछ और बात भी है, जिस की आप को बे इंतिहा खुशी है” शाज़िया ने अपनी अम्मी की बात का अज़वाब देते हुए अपनी अम्मी से सवाल किया.

“हां हनीमून के अलावा भी एक और बात ऐसी है ,कि जिस को सुन कर मेरा अंग अंग कल से झूम रहा है,और जब तुम सुनोगी तो तुम्हारी हालत भी शायद मेरे जेसी ही हो जाए शाज़िया”


शाज़िया के सवाल पर सोफे पर बैठी रज़िया बीबी ने अपनी टाँग पे टाँग रखी. और महनी खेज मुस्कुराहट को अपने होंठो पर सजाते हुए कहा.

“तो फिर पहेलियाँ बुझवाने की बजाय,जल्दी से बता दो ,मुझ से अब सबर नही हो रहा अम्मी जान” अपनी अम्मी के मुँह से ये बात सुन कर शाज़िया ने जल्दी से सोफे पर पहलू बदलते हुए कहा. और अपनी अम्मी के दुबारा बोलने का बेसबरी से इंतिज़ार करने लगी.

“हां तुम सही कहती हो,कि हम दोनो वाकई ही बहुत खुस किस्मत हैं, जिन्हे अपने ही घर के मर्द ने ना सिर्फ़ चोद कर अपनी बीवियाँ बना लिया है, बल्कि हमारे अपने सगे खून ने हम दोनो की बच्चे दानियों में अपने लंड का पानी छोड़ कर अपनी ही बहन और फिर अम्मी को भी गर्भवती कर दिया है” खुशी की ये खबर अपनी बेटी ,बहू और सोतन शाज़िया को सुनाते हुए रज़िया बीबी की चूत गरम होने लगी.

फिर रज़िया बीबी ने मुर्री में लेडी डॉक्टर से अपने चेक अप की सारी तफ़सील मसाला लगा कर अपनी बेटी शाज़िया के गोशे गुज़र कर दी.

शाज़िया को ये सारी बात बताने के दोरान खुद भी गरम हो जाने की वजह से रज़िया बीबी को अपनी फुद्दि में से पानी बैठा हुआ महसूस होने लगा.



इसीलिए रज़िया बीबी ने अपनी गुफ्तगू के दोरान ही अपने पैर फर्श से उठा कर सोफे पर रख लिए.

और ईलमा इक़बाल जैसा पोज़ बना कर मुस्कुराते हुए अपने समाने बैठी शाज़िया के रिक्षन का इंतिज़ार करने लगी.

रज़िया बीबी ने जेसे ही अपनी बात मुकम्मल की. तो अपनी अम्मी के मुँह से उन की प्रेगेरेंसी की सारी तफ़सील सुनते ही शाज़िया का एक हाथ खुद ब खुद उस के अपने हमला फुद्दे पर गया.


और अपनी चूत में लगी आग की गर्मी की बदोलत शाज़िया सोफे से तकरीबन एक फुट उछलते हुए चिल्ला पड़ी. “क्य्ाआआआआआआआआ मेरी तरह आप भी ज़ाहिद भाईईईईईईईईईई के बच्चे की माआआआआआअ बनने वाली हैं अम्म्म्मममममममिईीईईईईईईईईईई”.
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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अपनी अम्मी के मुँह से इस गरम खबर को सुनते ही शाज़िया के जिस्म-ओ-जान की भी वो ही हालत हो गई. जैसे ये खबर शाज़िया को सुनाते वक्त रज़िया बीबी की अपनी हुई थी.

“हां बेटी तुम्हारे भाई के लंड के जवान गाढ़े वीर्य ने मेरी बूढ़ी चूत में भी अपना चमत कार दिखा दिया है,और अब तुम्हारे साथ साथ में भी ज़ाहिद के बच्चे की माँ बनने वाली हूँ,बड़ी बेगम” रज़िया बीबी ने सोफे पर बैठे बैठे अपनी गरम फुद्दि को अपने हाथ से मसला. और अपने दोनो बच्चो ज़ाहिद और शाज़िया की तरफ प्यासी निगाहों से देखते हुए बोली.

“हाईईईईईईईईईईईई इतनी बड़ी खबर आप मुझे यूँ सूखे मुँह ही सुना रही हैं अम्मी जान” ये कहते हुए शाज़िया सोफे से उठी. और दूसरे ही लम्हे अपने कपड़े उतार कर ज़ाहिद और रज़िया बीबी के सामने नंगी हो गई.

“तुम बताओ किस चीज़ से अपना मुँह मीठा करना चाहती हो बेटी” रज़िया बीबी ने जब यूँ अपनी नज़रों के सामने अपनी सग़ी बेटी को बे लिबास होते देखा. तो रज़िया बीबी भी बे शर्मी से अपनी शलवार के उपर से अपनी गरम चूत को रगड़ते हुए बोली.

“अभी बताती हूँ, पहले आप जल्दी से अपने कपड़े उतार दो अम्मी” रज़िया बीबी की बात सुन कर शाज़िया ने कहा.

“क्यों,ख़ैरियत है ना मेरी बच्ची” रज़िया बीबी ने पूछा.

रज़िया बीबी अपनी बेटी की बात सुन कर समझ तो गई कि शाज़िया के इरादे क्या हैं. मगर वो जान बूझ कर शाज़िया को छेड़ने के मूड में थी.

लेकिन अपनी बेटी को छेड़ने के बावजूद साथ ही साथ रज़िया बीबी किसी कठ पुतली की तरह शाज़िया के इशारों पर नाचते हुए अपने कपड़े भी उतारने लगी थी.

“खुशी के इस मोके पर में अपनी सोतन के उस फुद्दे को चूस कर अपने मुँह मीठा करना चाहती हूँ, जहाँ मेरे जानू शोहर का वो बच्चा जनम ले रहा है, जो अब मेरा भाई भी हो गा, और मेरा भांजा भी, और में उस की बहन भी हूँ गी, और फूफी के साथ साथ उस की दूसरी अम्मी भी” ये कहते हुए शाज़िया नंगी हालत में चलती हुई रज़िया बीबी के नज़दीक आई.



और टीवी लाउन्ज के बिछे सोफे पर बिल्कुल नंगी हालत में नीम दराज़ स्टाइल में लेटी अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि में अपना मुँह डाल कर अपनी सोतन वाल्दा का मोटा चुदा हुआ फुद्दा खाने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईईई खााआआअ जऊऊऊ अपने ख़सम के लौडे से चुदे हुए मेरे फुद्दे को छोटी बेगम” ज्यों ही शाज़िया की गरम ज़ुबान रज़िया बीबी की मोटी फुददी के दाने से छुई. तो रज़िया बीबी ने अपने हाथों के ज़ोर से शाज़िया के सर को अपनी चूत पर दबाते हुए कहा.

अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे को अपने गरम मुँह में भरते ही शाज़िया अब बड़े शौक और जोश से अपनी अम्मी की रस से भरी हुई चूत को चाटने लगी.

और अपनी अम्मी की फुद्दि में अपनी नोकेलि ज़ुबान को गुमाने के साथ ही साथ शाज़िया ने अपनी एक उंगली से रज़िया बीबी की चौड़ी गान्ड के छेद को भी कुरेदना शुरू कर दिया था.

अपनी अम्मी की भारी गान्ड में अपनी उंगली से छेड़ छाड़ करते करते शाज़िया आहिस्ता आहिस्ता अपना मुँह भी रज़िया बीबी की गान्ड के सुराख के नज़दीक ले आई. और फिर झुक कर अपनी अम्मी की गान्ड के छेद को अपनी ज़ुबान की नौक से चाटने लगी.

“आआआआआआआहह म्म्म्म मममममममम” ज्यों ही शाज़िया की लंबी ज़ुबान रज़िया बीबी की गान्ड के सुराख को अपनी नौक से खोलते हुए रज़िया बीबी की गान्ड के अंदर गुसी. तो मज़े से सिसकते हुए रज़िया बीबी चीखी.

शाज़िया की गरम ज़ुबान के हाथों मजबूर हो कर रज़िया बीबी के मुँह से फूटने वाली सिसकियाँ अब टीवी लाउन्ज के माहौल को रगीन बनाने लगीं थी.

इधर शाज़िया ने अपनी अम्मी की चूत और गान्ड के सुराख में अपनी गरम ज़ुबान से आग लगाना शुरू की.

तो दूसरी तरफ सोफे पर एक बुत्त (स्टॅच्यू) की मनिद बैठा ज़ाहिद अपनी अम्मी और बहन की इस गरम कारस्तानी को देखते देखते अपने होश-ओ-हवास खोने लगा था.

ज्यूँ ज्यूँ रज़िया बीबी की गरम सिसकियाँ ज़ाहिद के कनों में पड़ती गईं. त्यु त्यु ज़ाहिद का लंड उस की शलवार में उठ उठ कर बाहर जाने की ज़िद करने लगा.

जब ज़ाहिद के सबर का पैमाना लबरेज हुआ. तो अपनी बहन और अम्मी की तरह वो भी सोफे से उठ कर बे लिबास हो गया.

“क्या अम्मी का सारा जूस अकेली ही पी जाओ गी, या मुझे भी इस नमकीन पानी को चखने का मोका दो गी मेरी जान” ज़ाहिद ने अपने कपड़े फर्श पर फैंके.

और जल्दी से चलता हुआ दूसरे सोफे पर मस्ती में मसरूफ़ अपनी अम्मी और बहन शाज़िया के पहलू में आ गया.
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